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सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत FIR को, नेहा सिंह राठौर की मुश्किलें बढ़ीं

नई दिल्ली लोक गायिका नेहा सिंह राठौर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद उनके एक एक्स पोस्ट को लेकर दर्ज एफआईआर के मामले में शीर्ष अदालत ने हस्तक्षेप करने से साफ मना कर दिया। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की बेंच ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे इस मामले में दखल नहीं देना चाहते। बेंच ने नेहा की याचिका को खारिज करते हुए जांच जारी रखने का निर्देश दिया है। पूरा मामला क्या है? दरअसल, पूरा मामला पहलगाम आतंकी हमले से जुड़े एक सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़ा है। नेहा पर आरोप लगाया गया है कि उनके पोस्ट में उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के विरुद्ध आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया। नेहा ने एफआईआर को रद्द करने की गुहार लगाई थी, लेकिन अदालत ने इसे अस्वीकार कर दिया। बता दें कि लखनऊ के गुडंबा के रहने वाले कवि अभय प्रताप सिंह ने नेहा के खिलाफ यह एफआईआर दर्ज कराई है। नेहा के वकील की दलीलें और कोर्ट का फैसला अदालत ने कहा कि यह केवल एफआईआर रद्द करने से इनकार है, अब नेहा को मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि आरोपों में कोई सच्चाई न हो, तो निचली अदालत में अपनी सफाई पेश कर सकती हैं। नेहा के वकील कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि वे ट्रायल का सामना करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन पर विद्रोह जैसी गंभीर धाराएं नहीं लगाई जा सकतीं। सुप्रीम कोर्ट ने इसका जवाब देते हुए कहा कि ये दलीलें ट्रायल या आरोप तय करने के दौरान दी जा सकती हैं। गौरतलब है कि इससे पहले नेहा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एफआईआर रद्द करने और निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने की अपील की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। नेहा पर लगाए गए आरोप उत्तर प्रदेश पुलिस ने नेहा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 196 (देश के विरुद्ध षड्यंत्र), 197 (राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ना), 152 (राज्य के विरुद्ध युद्ध की तैयारी), 353 (सार्वजनिक शांति भंग करने का उद्देश्य) और आईटी एक्ट की धारा 69ए (राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सूचना अवरोध) के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया। बाद में इसमें देशद्रोह से जुड़ी धाराएं भी शामिल कर ली गईं।  

ब्रह्मपुत्र पर शक्ति का खेल: भारत का विशाल हाइड्रो प्रोजेक्ट चीन के लिए बड़ा संदेश

नई दिल्ली  भारत की बिजली योजना बनाने वाली संस्था, सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (CEA) ने सोमवार को बताया कि ब्रह्मपुत्र बेसिन से 2047 तक 76 गीगावॉट से अधिक बिजली ट्रांसमिट करने के लिए एक योजना बनाई गई है. इस हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की कीमत 6.4 लाख करोड़ रुपये (77 अरब डॉलर) है. इसके जरिए देश में बढ़ती बिजली की मांगें पूरी की जाएंगी. इस योजना में पूर्वोत्तर के 12 छोटे-छोटे इलाकों में 208 बड़े जल विद्युत प्रोजेक्ट्स शामिल हैं. इन प्रोजेक्ट्स की कुल क्षमता 64.9 गीगावॉट है. साथ ही 11.1 गीगावॉट की पंप्ड-स्टोरेज बिजली बनाने वाली प्लांट्स भी इस योजना में हैं, जो जरूरत के समय बिजली स्टोर कर सकती हैं. ये प्रोजेक्ट भारत के लिए अहम क्यों है? ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत (चीन) से निकलती है और भारत-बांग्लादेश से होकर गुजरती है. इस नदी से भारत में खासकर अरुणाचल प्रदेश में बहुत ज्यादा बिजली पैदा की जा सकती है. यह इलाका चीन की सीमा के पास है. इसलिए इस क्षेत्र की जल और बिजली योजनाएं सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं. दरअसल, चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा बांध बना रहा है. इस प्रोजेक्ट की कीमत लगभग 167 अरब डॉलर (लगभग 1.44 लाख करोड़ रुपये) है. डैम साल भर में 300 अरब यूनिट बिजली बनाएगा. भारत को डर है कि चीन के यारलुंग ज़ांग्बो नदी पर बने बांध से शुष्क मौसम में भारत में पानी की आपूर्ति 85% तक कम हो सकती है. ब्रह्मपुत्र बेसिन में अरुणाचल प्रदेश, असम, सिक्किम, मिजोरम, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड और पश्चिम बंगाल के हिस्से आते हैं. भारत के कुल जल विद्युत संसाधन का 80% से ज्यादा इसी क्षेत्र में है. इसमें अरुणाचल प्रदेश अकेला 52.2 गीगावॉट क्षमता रखता है. पहला फेज 2035 तक पूरा होगा इस योजना की पहली चरण 2035 तक पूरी होगी, जिसकी लागत लगभग 1.91 लाख करोड़ रुपये है. दूसरे चरण पर 4.52 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे. योजना में NHPC, NEEPCO और SJVN जैसी केंद्रीय कंपनियां भी शामिल हैं. भारत ने 2030 तक 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म ऊर्जा उत्पादन और 2070 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है. यह योजना देश को स्वच्छ और सुरक्षित ऊर्जा देगी.  

महिला वकीलों की आवाज़ बुलंद: कोर्ट में चेंबर और बैठने की जगह की मांग पर दिया ज्ञापन

नई दिल्ली 15 से 25 साल हो गए और देख‍ि‍ए, इसके बाद भी देश भर के न्यायालयों-बार काउंस‍िल्स में मह‍िला वकीलों के लिए आज बैठने तक के लिए जगह नहीं है. बरसों से हम हर तरह से सह रहे हैं. 90 के दशक तक तो कभी ये हालात थे कि ज्यूड‍िशरी में मह‍िलाओं का आना ही बहुत अच्छा नहीं माना जाता था. आज जब मह‍िलाओं की संख्या यहां बढ़ी है तो उन्हें सुव‍िधाएं नहीं मिल रहीं. कई पीपल के पेड़ के नीचे बैठ रही हैं तो कई बस एक सही जगह के इंतजार में रहती हैं…सुप्रीम कोर्ट महिला अधिवक्ता एसोसिएशन की जनरल सेक्रेटरी एडवोकेट प्रेरणा सिंह कहती हैं कि अब हम सुप्रीम कोर्ट से अपने लिए बराबरी से ज्यादा व्यवहार‍िक जरूरत पूरी करने की मांग कर रहे हैं.  मह‍िला अध‍िवक्ताओं की याच‍िका में क्या है?  गौरतलब है कि देश की वरिष्ठ महिला अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. याच‍िकाकर्ताओं में 15 से 25 साल अनुभव वाली इन वकीलों ने अदालत से देश भर की अदालतों और बार एसोसिएशनों में महिला वकीलों को प्रोफेशनल चैंबर या केबिन देने के लिए एक समान और लैंगिक रूप से संवेदनशील नीति बनाने की मांग की है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर नोटिस जारी कर प्रतिवादियों से जवाब मांगा है.  याचिका में महिला अधिवक्ताओं ने कहा है कि बरसों से सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की चैम्बर वेटिंग लिस्ट में होने के बावजूद उन्हें प्रोफेशनल कामों के लिए उचित जगह नहीं मिली. याचिका में ये भी कहा गया है कि भविष्य में होने वाले चैंबर या केबिन आवंटन में महिला वकीलों को प्राथमिकता दी जाए या उनके लिए सीटें आरक्षित हों.  इसके अलावा याचिका में उन महिला वकीलों के लिए भी चैंबर बनाने और प्राथमिकता देने की बात की गई है जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में 25 साल से ज्यादा प्रैक्टिस की है और जो अभी सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की प्रतीक्षा सूची में हैं पेड़ के नीचे बैठकर प्रैक्ट‍िस… एडवोकेट प्रेरणा महिला वकीलों की प्रैक्ट‍िकल समस्या का जिक्र करती हैं. वो कहती हैं कि इतने सालों की प्रैक्टिस होने के बाद भी हमें बैठने के लिए कोई जगह नहीं मिलती. कंसल्टेशन रूम हमेशा बुक रहता है. लोग दिन भर वहीं बैठे रहते हैं. तमाम अदालतों में महिला वकीलों को अक्सर पेड़ के नीचे बैठकर क्लाइंट से मिलने या काम करने के लिए मजबूर होना पड़ता है. कल्पना कीजिए आप पेड़ के नीचे बैठकर काम कर रही हैं, चाय वाला आता है और कहता है ‘चाय ले लो मैडम’. आप जवाब देती हैं, ‘नहीं, आगे जाएं’. चायवाला आगे कहेगा कि कोई नहीं क्लाइंट को पिला दो. बताओ आपकी उस समय क्या इज्जत रह जाती है.  कहने का अर्थ ये है कि ऐसी बहुत सारे हालात हम लोगों ने देखा और महसूस किया है. तभी हमें लगा कि ये जरूरी है कि हमें एक सम्मानजनक स्थान दिया जाए. हमारी मांग रिजर्वेशन के लिए नहीं बल्कि हमें बेसिक सुविधाएं चाहिए. हमारा मकसद केवल ये है कि महिलाओं को काम करने के लिए सुविधाजनक चेम्बर मिले. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आज नोटिस जारी किया और उन्होंने सकारात्मक संकेत दिया कि महिलाओं, दिव्यांगों और अन्य जरूरतमंदों को कार्य और सुविधा के लिए जगह दी जानी चाहिए. हमें उम्मीद है कि जल्द ही कुछ सकारात्मक आदेश और निर्देश मिलेंगे. कार्यक्षमता पर पड़ रहा असर  याच‍िकाकर्ता और सुप्रीम कोर्ट महिला वकील संघ की उपाध्यक्ष एडवोकेट भक्ति पासरिजा का कहना है कि महिला वकीलों को चेंबर की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है. महिला वकील लंबे समय से चेंबर के लिए आवेदन कर रही हैं, लेकिन उन्हें कोई पॉजिट‍ि रेस्पांस नहीं मिल रहा है. वो कहती हैं कि हम कभी भी रिजर्वेशन की बात नहीं करते. यहां मुद्दा समान अवसर और कार्यक्षमता का है. हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सकारात्मक कदम उठाएगा. मेरा मानना है कि महिला वकीलों के लिए कार्यस्थल होंगे तो पेशेवर संरचना में सुधार होगा.  मांगें पूरी हुई तो क्या बदलेगा  सुप्रीम कोर्ट की सीन‍ियर एडवोकेट सोन‍िया माथुर कहती हैं कि आज लड़क‍ियां ज्यूड‍िशरी में करियर बनाने का सपना देखने लगी हैं. कोर्ट पर‍िसरों में मह‍िला अध‍िवक्ताओं की संख्या बढ़ी है. ऐसे में न्यायालय पर‍िसर भी जेंडर सेंसेट‍िव होने चाहिए. मह‍िलाएं न्याय के क्षेत्र में आती हैं तो उन्हें यहां का माहौल भी उनके अनुरूप मिलना चाहिए. ठीक यही बात दिव्यांगों के लिए भी लागू होती है. उन्हें भी अदालतों में चेंबर के अलावा हर सहूल‍ियत मिलनी चाहिए. न्यायालय में समय समय पर महिलाओं के लिए आवाज उठाई जाती है. देश भर के न्यायालयों में न स‍िर्फ चेंबर बल्क‍ि महिलाओं के ल‍िए क्रेच की सुव‍िधा, साफ टॉयलेट और भेदभाव रहित माहौल मिलना चाहिए. इससे उनकी प्रोफेशनल कार्यक्षमता बढ़ेगी. साथ ही ज्यूड‍िशरी में मह‍िलाओं की संख्या और ज्यादा बढ़ेगी. 

सर्दियों की जल्दी दस्तक: दिल्ली के मौसम में इस बदलाव ने सभी को चौंकाया

नई दिल्ली  दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से मौसम ठंडा हो गया है। पिछले दिनों में हुई बारिश के बाद तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। ऐसे में इस साल दिल्ली समेत पूरे देश में ठंड समय से पहले दस्तक दे सकती है। पिछले हफ्ते श्रीनगर में समय से पहले बर्फबारी हुई और जम्मू-कश्मीर के मैदानी इलाकों में भी मध्यम से बारिश हुई जिससे हवा में ठंडक बढ़ गई। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में भी पूरे हफ्ते बर्फबारी जारी रही और राज्य के निचले इलाकों में भी बारिश हुई। इसका सीधा असर हिमाचल और पंजाब के तापमान में दिखाई दिया। इस बीच मौसम एक्सपर्ट्स का मानना है कि समय में पहले ठंड की दस्तक की वजह मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह के तापमान में गिरावट के कारण विकसित हो रही ला नीना स्थितियां हैं । भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के विशेषज्ञों के अनुसार, ला नीना के कारण भारत के कई हिस्सों, खासकर उत्तरी भारत में, कड़ाके की ठंड पड़ सकती है। इसका मतलब है कि पहाड़ी इलाकों में शीतलहर और बर्फबारी भी बढ़ सकती हैं। IMD ने अक्टूबर में देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान लगाया है, और इस महीने औसत 75.4 मिमी वर्षा का लगभग 115 प्रतिशत बारिश होने की उम्मीद है। क्या है ला नीना ला नीना मौसम को प्रभावित करने वाली एक बड़ी घटना है, जिसका संबंध प्रशांत महासागर से है। यह एल नीनो दक्षिणी दोलन (ENSO) नाम के पूरे चक्र का एक हिस्सा है। ENSO के तीन चरण होते हैं – गर्म (अल नीनो), ठंडा (ला नीना), और न्यूट्रल जो दो से सात वर्षों के चक्रों में होते हैं। ला नीना चरण के दौरान हवाएं सामान्य से अधिक तेज हो जाती हैं और पश्चिमी प्रशांत महासागर की ओर ज्यादा मात्रा में पानी धकेलती हैं, जिससे यह गर्म हो जाता है। इसके चलते दुनिया के पूर्वी भाग में स्थित भारत ठंडा हो जाता है। इससे बारिश में वृद्धि हो जाती है और तापमान में कमी आती है।  

नवंबर में नगर निगम उपचुनाव: जानें कौन बदल सकता है दिल्ली का सियासी समीकरण

नई दिल्ली आठ माह से रिक्त पड़ी निगम की सीटों पर जल्द ही उप चुनाव की घोषणा होगी। राज्य चुनाव आयोग की तैयारियां अंतिम दौर में है। सबकुछ ठीक रहा तो अगले माह के तीसरे या चौथे सप्ताह में चुनावों को संपन्न करा लिया जाएगा। इसी बीच चुनाव आयोग ने तय किया है कि 12 निगम की सीटों पर उप चुनाव में नामांकन की तारीख तक मतदाता सूची को ही मान्य माना जाएगा। त्योहारों, परीक्षाओं और कानून व्यवस्था की गहन समीक्षा के बाद तारीखों की घोषणा की जाएगी। चूंकि दीपावली और भैया दूज और छठ पर्व इसी माह संपन्न हो जाएंगे और अगले माह बिहार विधानसभा चुनाव भी है। इसलिए पूरी संभावना है कि निगम के उप चुनाव की तारीख नंवबर के आखिरी सप्ताह में हों। दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार उप चुनावों की तैयारी के लिए जिला-निर्वाचन अधिकारी, चुनाव पर्यवेक्षक, निर्वाचन अधिकारी, सहायक निर्वाचन अधिकारी के रूप में दिल्ली सरकार और नगर निगम के अधिकारियों को नियुक्त किया जा चुका है। साथ ही, जल्द ही व्यय पर्यवेक्षकों को भी नियुक्त करेगा। आईटी के कर्मचारियों का भी प्रशिक्षण भी जारी है। आयोग ने कहा कि नागरिकों की सुविधा के लिए निगम चुनाव दिल्ली एप के माध्यम से दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों व्हीलचेयर के लिए ऑनलाइन अनुरोध, मतदान केंद्र तक पिकअप व ड्राॅप जैसी सुविधाएं प्रदान करेगा।   चुनाव से संबंधित मंजूरी के लिए सिंगल विंडो सिस्टम भी शुरू किया जाएगा। आयोग ने बताया कि उप चुनावों के लिए विभिन्न विभागों के साथ बैठकें की जा रही है। शनिवार को पुलिस आयुक्त के साथ भी इसको लेकर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बैठक हुई। अब जल्द ही मुख्य सचिव के साथ बैठक होगी ताकि जल्द से जल्द उप चुनाव हो सके। भाजपा और आप के लिए परीक्षा, कांग्रेस के लिए वापसी का मौका दिल्ली नगर निगम की 250 कुल सीटों में से 11 सीटें विधानसभा चुनाव में पार्षदों के विधायक बनने से रिक्त हुई थी जबकि एक सीट पार्षद के सांसद बनने से वर्ष 2024 से रिक्त हैं। ऐसे में कुल 12 सीटों में भाजपा के पास 9 जबकि आप के पास तीन सीटें थी। इसलिए इस चुनाव में भाजपा और आप की अग्निपरीक्षा होगी। जबकि कांग्रेस के पास अपनी वापसी का मौका है। इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी भी अगर चुनाव में जाती है तो उसका का भी यह लिटमस टेस्ट होगा। जिन 12 सीटों पर चुनाव होना हैं उसमें शालीमार बाग बी सीट सीएम रेखा गुप्ता की सीट भी है। वह विधायक बनने से पूर्व इसी सीट से पार्षद थीं।   किन सीटों पर मजूबूत है भाजपा मुंडका, शालीमार बाग, द्वारका बी, ग्रेटर कैलाश, नारायणा, ढिचाऊं कलां किन सीटों पर 'आप' है मजबूत चांदनी महल, चांदनी चौक, दक्षिणपुरी किन सीटों पर हो सकता है कड़ा मुकाबला विनोद नगर, संगम विहार, अशोक विहार भाजपा को और मजबूत स्थिति बनाने का है मौका दिल्ली नगर निगम की सत्ता पर फिलहाल भाजपा काबिज है लेकिन 12 सीटों पर उप चुनाव से उसकी स्थित और मजबूत हो सकती है। क्योंकि नौ सीटें तो पहले ही भाजपा जीती थी ऐसे में नौ सीटों पर फिर से चुनाव जीतती है तो उसकी स्थिति निगम में और मजबूत हो जाएगी। इसका फायदा उससे अगले वर्ष स्थायी समिति सदस्य के लिए रिक्त होने वाले पदों के चुनाव में भी हो सकता है। क्योंकि 18 में नौ सदस्य अगले वर्ष सेवानिवृत्त ड्रा के माध्यम से हो जाएंगे। पुनः चुनाव होने पर जोन और सदन में उसे लाभ होगा। 238 में से 99 सीटें आप के पास हैं जबकि 115 भाजपा की है और कांग्रेस के पास आठ सीटें हैं। इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी के पास 16 सीटें हैं।  

उतार-चढ़ाव भरे भारत-US संबंधों के बीच जयशंकर से मिले अमेरिकी राजदूत, बढ़ेगी साझेदारी?

नई दिल्ली  भारत-अमेरिका में उतार-चढ़ाव वाले चल रहे संबंधों के बीच अमेरिका के मनोनीत राजदूत सर्जियो गोर ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से शनिवार को नई दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय में मुलाकात की। इस दौरान, दोनों ने भारत-अमेरिका संबंधों और इसके बढ़ते वैश्विक महत्व पर बातचीत की। 'एक्स' पर एक पोस्ट में, जयशंकर ने कहा, "आज नई दिल्ली में अमेरिका के मनोनीत राजदूत सर्जियो गोर से मिलकर प्रसन्नता हुई। भारत-अमेरिका संबंधों और इसके वैश्विक महत्व पर चर्चा हुई। उन्हें उनकी नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं।" विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी आज सुबह भारत में अमेरिका के मनोनीत राजदूत सर्जियो गोर से मुलाकात की। एक्स पर एक पोस्ट में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने आज सुबह भारत में अमेरिका के मनोनीत राजदूत सर्जियो गोर से मुलाकात की। उनके बीच भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी और इसकी साझा प्राथमिकताओं पर उपयोगी चर्चा हुई। विदेश सचिव ने मनोनीत राजदूत गोर को उनके कार्यभार के लिए शुभकामनाएं।'' इससे पहले, जयशंकर ने 24 सितंबर को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) सत्र के साइडलाइन में गोर से मुलाकात की थी, जहां दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने पर चर्चा की थी। मुलाकात के बाद, अमेरिकी विदेश विभाग ने एक्स पर साझा किया, "दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिका के विशेष दूत और भारत में राजदूत नामित सर्जियो गोर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान भारत के विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात की। वे अमेरिका-भारत संबंधों की सफलता को और बढ़ावा देने के लिए तत्पर हैं।" इससे पहले, सीनेट में अपनी पुष्टिकरण सुनवाई के दौरान, गोर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच गहरी दोस्ती पर प्रकाश डाला और इसे द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने में एक अनूठी ताकत बताया था। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के दौरान भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में थोड़ी गिरावट आई है। ट्रंप ने भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लगाया हुआ है, जिसकी वजह से व्यापार पर असर पड़ा है। ट्रंप भारत द्वारा रूस से तेल आयात करने की वजह से खफा हैं, जबकि भारत ने साफ कर दिया है कि वह ऐसे कदम उठाता रहेगा, जोकि राष्ट्र हित में होंगे।  

कोल्डरिफ कफ सिरप दिल्ली में भी प्रतिबंधित, औषधि विभाग ने बताया ‘मानक गुणवत्ता से कम’

नई दिल्ली कई बच्चों की जान लेने वाली कफ सिरप Coldrif के खिलाफ लगातार एक्शन लिया जा रहा है. दवा की बिक्री पर रोक लगाने वाले राज्यों या केंद्र शासित प्रदेश में दिल्ली का नाम भी शामिल हो गया है. दिल्ली सरकार ने अपने आदेश के जरिए Colddrif सिरप की बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन पर रोक लगा दी. इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने खुदरा और थोक दवा विक्रेताओं को तत्काल प्रभाव से Colddrif कफ सिरप की बिक्री और खरीद रोक लगा दिया. वहीं मणिपुर ने ‘अत्यधिक विषाक्त’ रसायन वाले दो कफ सिरप ब्रांड पर अपने यहां रोक लगा दी. दिल्ली सरकार के औषधि नियंत्रण विभाग ने अपने सार्वजनिक नोटिस में कोल्डरिफ कफ सिरप (Coldrif Syrup) को “मानक गुणवत्ता से कम” (Not of Standard Quality) घोषित किया है. यह सिरप स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पाया गया है क्योंकि इसमें डाइथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol) 46.28% पाया गया है, जो शरीर के लिए बहुत ही विषैला होता है. सिरप का इस्तेमाल नहीं करने की अपील जिस दवा Coldrif Syrup (Paracetamol, Phenylephrine Hydrochloride, Chlorpheniramine Maleate Syrup) की बिक्री पर रोक लगाई गई है, वो मई 2025 में मैन्यूफैक्चर हुआ था और उसकी एक्सपायरी डेट अप्रैल 2027 थी. इस दवा की निर्माता कंपनी तमिलनाडु की कांचीपुरम जिले की कंपनी श्रीसेन फार्मा कंपनी (Sresan Pharmaceutical Manufacturer) है. आदेश के अनुसार, सभी दवा विक्रेताओं, वितरकों और थोक व्यापारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वे इस कफ सिरप की खरीद, बिक्री और ड्रिस्ट्रीब्यूशन तुरंत रोक दें. आम लोगों से भी अपील की गई है कि वे इस सिरप का इस्तेमाल न करें. कंपनी का मालिक 10 दिन की रिमांड पर इस बीच मध्य प्रदेश में 20 से ज्यादा बच्चों की मौत की जिम्मेदार कोल्ड्रिफ बनाने वाली श्रीसेन फार्मा कंपनी के मालिक रंगनाथन गोविंदन को कल शुक्रवार को छिंदवाड़ा की एक कोर्ट ने 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख जितेंद्र जाट ने बताया कि रंगनाथन को 2 दिन पहले गुरुवार को तमिलनाडु से हिरासत में लिया गया था. फिर उन्हें चेन्नई की एक कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड पर लिए जाने के बाद परासिया शहर में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गौतम गुर्जर के समक्ष पेश किया गया. कोर्ट ने रंगनाथन को 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया. वहीं छिंदवाड़ा के अतिरिक्त जिलाधिकारी धीरेंद्र सिंह नेत्री का कहना है कि अब तक दूषित कोल्ड्रिफ सिरप की वजह से 22 बच्चों की मौत हो चुकी है. अधिकारियों के अनुसार, छिंदवाड़ा और कई अन्य जिलों के बच्चों की मौत संदिग्ध रूप से किडनी खराब होने की वजह से हुई है, जिसका संबंध खराब कोल्ड्रिफ कफ सिरप लेने से है. राज्य के कुछ बच्चों का नागपुर में इलाज चल रहा है. उनका कहना है कि जिस फैक्टरी में कफ सिरप बनाया जा रहा था, उसे सील कर दिया गया है. बंगाल ने भी लगाई अपने यहां रोक दूसरी ओर, मणिपुर सरकार ने कल शुक्रवार को कफ सिरप के 2 ब्रांड पर रोक लगा दिया, जिनमें ‘अत्यधिक विषाक्त रसायन’ मिले हैं. राज्य के औषधि नियंत्रण विभाग ने मणिपुर में इन दोनों उत्पादों की बिक्री और सेवन पर रोक लगा दिया है तथा सभी खुदरा विक्रेताओं, वितरकों और दुकानदारों से कहा गया है कि वे प्रभावित बैचों को तुरंत दुकानों से हटा लें और इस संबंध में अनुपालन रिपोर्ट भी दें. मणिपुर की तरह बंगाल केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन (बीसीडीए) ने भी अपने यहां सभी खुदरा और थोक दवा विक्रेताओं को तत्काल प्रभाव से कफ सिरप की बिक्री और खरीद रोकने का निर्देश दिया है. साथ ही इस इस सिरप का स्टॉक नहीं करने की चेतावनी भी दी. इससे पहले भी कई राज्य इस पर रोक लगा चुके हैं.  

प्रॉपर्टी घोटालों पर लगाम: YEIDA को मिली 441 हेक्टेयर जमीन, 18 गांव होंगे नियंत्रण में

ग्रेटर नोएडा जेवर क्षेत्र में जमीन फर्जीवाड़े पर लगाम के लिए यीडा ने 3695 दाखिल खारिज यानी किसान से खरीदी गई जमीन को सरकारी दस्तावेजों में अपने नाम पर दर्ज कराया है। 18 गांवों की करीब 441 हेक्टेयर जमीन यीडा के नाम पर दर्ज की गई है। इससे जमीन पर बैंक से ऋण या किसी अन्य को बेचने के मामलों पर रोक लगेगी। यीडा नियोजित विकास के लिए किसानों से सहमति के आधार पर जमीन क्रय करता है या फिर जमीन अधिग्रहण कानून के तहत अधिग्रहण करना है। जमीन क्रय करने के बाद आमतौर पर सरकारी दस्तावेजों में जमीन यीडा के नाम दर्ज करने में लापरवाही बरती जाती है। इससे जमीन के फर्जीवाड़े को अंजाम देना आसान हो जाता है। यीडा के द्वारा खरीदी गई जमीन को दूसरे लोगों को बेच दिया जाता है। सरकारी दस्तावेज में यीडा का नाम दर्ज न होने के कारण क्रेता को जानकारी नहीं हो पाती है कि यह जमीन पहले ही यीडा खरीदकर भूमि स्वामी को मुआवजा दे चुका है। इसी तरह बैंक में जमीन को बंधक बनाकर ऋण लिया जाता है। यीडा जमीन पर भौतिक कब्जा लेकर जब उस पर परियोजना का काम शुरू करता है तब बैंक या क्रेता की और से आपत्ति दर्ज कराने पर फर्जीवाड़ा सामने आता है, लेकिन उस वक्त एफआईआर दर्ज कराने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होता। जमीन को लेकर होने वाले फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने के लिए यीडा ने अधिसूचित 18 गांवों में क्रय की गई करीब 441 हे. जमीन को अपने नाम दर्ज कराया है। यीडा सीईओ राकेश कुमार सिंह का कहना है कि यह जमीन अभी तक 3695 भूमि स्वामियों के नाम पर दर्ज थी, उनके नाम हटाकर अब यीडा का नाम दर्ज हो गया है। इससे सरकारी दस्तावेज दिखाकर फर्जीवाड़ा करना संभव नहीं होगा। क्रय विक्रय में पारदर्शिता रहेगी।  

दिल्ली में त्योहार से पहले बड़ा तोहफा, कारोबारियों को मिले 694 करोड़ रुपये

नई दिल्ली दिल्ली सरकार ने दीपावली से पहले कारोबारियों को बड़ा उपहार दिया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि उनकी सरकार ने व्यापारी व उद्यमी को दी जाने वाली रिफंड प्रक्रिया को और तेज कर दिया है। इस संबंध में सरकार ने अभी तक कारोबारियों की 694 करोड़ रुपए की राशि उन तक पहुंचाई है, जो एक रिकॉर्ड है। मुख्यमंत्री का कहना है कि छोटे-बड़े हर व्यापारी का जीएसटी रिफंड उसे तय समय सीमा में देने के लिए दिल्ली सरकार प्रतिबद्ध है। इस मौके पर उन्होंने जीएसटी टीम की कार्यप्रणाली की प्रशंसा की और कहा कि संबंधित विभाग के अधिकारी जीएसटी रिफंड वापस करने के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग भी कर रहे हैं, जिससे व्यापारियों के बैंक खातों में तेजी से उनकी बकाया राशि पहुंच रही है।  मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, "दिल्ली सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों से प्रेरित होकर व्यापार में सुगमता (इज ऑफ डूइंग बिजनेस) वाली नीति पर गंभीरता से कार्य कर रही है। इसके लिए बड़े बाजारों के पुनर्विकास की योजनाएं तैयार की जा रही है तो कारोबारी वर्ग की समस्याओं को सुलझाने और उनके कारोबार को बाधा-रहित चलाने के लिए दिल्ली व्यापारी कल्याण बोर्ड का भी गठन किया जा चुका है। उनकी सरकार मानती है कि राजधानी के कारोबारियों को व्यापार चलाने में जितनी सरलता मिलेगी, राजधानी को विकसित दिल्ली बनाने का सपना उतनी ही तेजी से पूरा होगा। इसलिए व्यापारी वर्ग का रिफंड वापस करने के लिए तेज प्रयास जारी हैं।" मुख्यमंत्री का कहना है कि दिल्ली की पिछली सरकार ने जीएसटी रिफंड करने को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई, जिससे रिफंड राशि में लगातार बढ़ोतरी होती चली गई, लेकिन हमारी सरकार ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया। सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि रिफंड निपटान प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने के लिए जीएसटी विभाग ने आईआईटी-हैदराबाद के सहयोग से एक उन्नत आईटी मॉड्यूल विकसित किया। यह मॉड्यूल डेटा एनालिटिक्स, डेटा ऑटोमेशन और त्वरित जांच प्रक्रिया पर आधारित है, जिससे रिफंड आवेदन शीघ्रता से निपटाए जा रहे हैं। हमारा प्रयास है कि दीपावली तक व्यापारी वर्ग तक इतना रिफंड पहुंचा दिया जाए कि उसका सरकार पर विश्वास और बढ़े, साथ ही उसकी दीपावली का पर्व भी अधिक खुशियां और आनंद लेकर आए। मुख्यमंत्री ने बताया कि हमारी सरकार ने इस वित्तीय वर्ष से व्यापारी वर्ग का जीएसटी रिफंड वापस करने की प्रक्रिया पर गंभीरता से कार्य करना शुरू कर दिया था। मुख्यमंत्री के अनुसार, व्यापार व कर विभाग ने इस वित्त वर्ष 2025-26 में (अप्रैल से अब तक) कुल 7375 रिफंड आवेदनों का निपटारा कर दिया और कुल 694 करोड़ रुपए की रिकॉर्ड राशि व्यापारियों के खातों में जारी कर दी गई है, जो उनका हक था। इस मौके पर, उन्होंने कहा, "सरकार ने एक रिकॉर्ड और भी बनाया है कि उसने सितंबर माह में 227 करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया, जो दिल्ली के रिफंड इतिहास में पहले कभी नहीं किया गया।" मुख्यमंत्री ने व्यापार और कर विभाग के समन्वित प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि समय पर रिफंड जारी किया जाना व्यावसायिक संस्थाओं में विश्वास पैदा करता है। साथ ही व्यापारियों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को तेजी व सुगमता से कार्य करने की प्रेरणा देता है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का कहना है कि छोटे-बड़े हर वर्ग के कारोबारी को जीएसटी रिफंड देने के लिए उनकी सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि सभी बकाया, निर्विवादित और वास्तविक रिफंड आवेदनों का निपटारा जल्द से जल्द किया जाए। मुख्यमंत्री के अनुसार, दिल्ली सरकार का यह भी मानना है कि प्राथमिकता और समयबद्ध रिफंड से कारोबारियों को पूंजी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होगी, उनमें मुकदमेबाजी से उपजा तनाव कम होगा, जिससे दिल्ली की आर्थिक प्रगति को गति मिलेगी। इसका एक दूरगामी प्रभाव यह भी होगा कि राजधानी को विकसित दिल्ली बनाने का हमारी सरकार का लक्ष्य और तेजी से पूरा होगा। हमारी सरकार का लक्ष्य व्यापारियों के लिए 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को मजबूत बनाना है। इसीलिए हमारी सरकार व्यापारिक नियमों को सरल बनाने और व्यापार में आने वाली बेवजह ही अड़चनों को दूर करने के लिए लगातार प्रभावी प्रयास कर रही है।

अरविंद केजरीवाल को लेकर अमित शाह ने दिया करारा जवाब, सोशल मीडिया पर वायरल

नई दिल्ली  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक बार फिर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जमकर बरसते नजर आए। गृहमंत्री ने पूर्व सीएम पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने इतने घोटाले किए कि जनता ने उनके चुनाव का 'घोटाला' कर दिया और अब वह घर बैठे हुए हैं। इसी साल फरवरी में हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी की सरकार को हार का सामना करना पड़ा था और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल अपनी सीट तक नहीं बचा पाए थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को यमुना नदी की सफाई के लिए 1,816 करोड़ रुपये के प्रॉजेक्ट्स की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने पूर्व की आप सरकार और इसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर जोरदार निशाना साधा। शाह ने कहा, 'केजरीवाल जी ने 11 साल में मोहल्ला क्लीनिक का घोटाला, सीएनजी का घोटाला, शराब घोटाला, विज्ञापन का घोटाला, दवा का घोटाला, क्लासरूम का घोटाला, दिल्ली जल बोर्ड का घोटाला, शीशमहल का घोटाला, सीसीटीवी लगाने का घोटाला और पैनिक बटन का घोटाला। इतने घोटाले कर दिए कि दिल्लीवालों ने उनके चुनाव का ही घोटाला कर दिया। और अब वह घर पर बैठ हुए हैं।' गृहमंत्री ने इस दौरान कांग्रेस पर भी जोरदार हमला किया और कहा कि देश में उसकी सरकार थी तो 12 लाख करोड़ के घोटाले हुए। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस की सरकार थी देश में तब 12 लाख करोड़ रुपये के घोटाले किए थे। मोदी जी के 11 साल के शासन में एक भी आरोप हमारे प्रधानमंत्री पर नहीं लगे। यही बताता है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारें जनता को समर्पित सरकारें हैं।' केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि भ्रष्टाचार कम करने और विज्ञापनों पर कम पैसा खर्च करने मात्र से ही यमुना का शुद्धिकरण हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली की जनता ने परिवर्तन को चुना तब प्रधानमंत्री ने कहा था कि हमारी सरकार की प्राथमिकता में सर्वोच्च स्थान पर मां यमुना को शुद्ध करना है। मोदी ने वादा किया था कि हम 2029 से पहले यमुना जी को स्वच्छ करने का काम पूरा कर देंगे। उन्होंने कहा है कि भ्रष्टाचार कम करने और विज्ञापनों पर कम पैसा खर्च करने मात्र से ही यमुना जी का शुद्धिकरण हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आज यमुना के शुद्धिकरण और साफ यमुना के स्वप्न को साकार करने का रास्ता प्रशस्त हो चुका है।