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मध्य प्रदेश को बड़ा तोहफा: खजुराहो में बनेगा भारत का सबसे बड़ा एयरबेस

खजुराहो  मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल खजुराहो को जल्द ही देश के सबसे बड़े एयरबेस की सौगात मिलने वाली है. यह एयरबेस भारतीय वायु सेना (IAF) के फाइटर जेट और सैन्य विमानों के लिए अहम भूमिका निभाएगा. रक्षा मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए जरूरी प्रक्रिया शुरू कर दी है. एयरबेस के लिए खजुराहो एयरपोर्ट के पास करीब 1000 एकड़ जमीन चुनी गई है. सहमति बनी तो अगले साल से जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू हो सकती है. यह एयरबेस न केवल फाइटर जेट के लिए बल्कि सैन्य विमानों के लिए भी एक रणनीतिक केंद्र के रूप में कार्य करेगा. सांसद वीडी शर्मा ने दी जानकारी इस मुद्दे पर मध्य प्रदेश बीजेपी के पूर्व  अध्यक्ष और खजुराहो लोकसभा क्षेत्र के सांसद विष्णु दत्त शर्मा (वी डी शर्मा) का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि खजुराहो एयरपोर्ट के बेहतर उपयोग के लिए उन्होंने लगातार रक्षा मंत्री से मुलाकात की थी. उनकी कोशिशों के चलते हाल ही में देश में चार एयरपोर्ट (प्रयागराज, झांसी और ग्वालियर) का सर्वे किया गया था, जिसमें खजुराहो एयरपोर्ट को सबसे सुरक्षित और सुविधाजनक एयरबेस बनाने के लिए सबसे उपयुक्त पाया गया है. सांसद वीडी शर्मा का कहना है कि एयरबेस बनाने के लिए प्रारंभिक तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. यह परियोजना न केवल खजुराहो बल्कि पूरे मध्य प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी. खजुराहो में एयरबेस बनने से क्षेत्र की रणनीतिक और आर्थिक दोनों तरह की महत्ता में ज़बरदस्त इजाफा होने की उम्मीद है. 

यात्रा सुविधा बढ़ाने के लिए रानी कमलापति स्टेशन से सात विशेष ट्रेन सेवा शुरू

भोपाल दीपावली के पावन त्योहार के बाद घर लौटने वाले यात्रियों और छठ पूजा के अवसर पर यात्रा करने वाले लोगों की बढ़ती संख्या रेलवे के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। इस स्थिति से निपटने के लिए रेलवे ने सात जोड़ी विशेष ट्रेनों का संचालन करने का निर्णय लिया है। डीआरएम पंकज त्यागी और सीनियर डीसीएम सौरभ कटारिया ने यात्रियों से व्यवस्थाओं पर चर्चा की। यात्री सुविधाओं में सुधार हेतु कर्मचारियों को विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं। डीआरएम ने बताया कि भोपाल और आरकेएमपी स्टेशन पर क्राउड मैनेजमेंट प्लान लागू किया गया है। पिछले वर्षों की तुलना में इस बार अधिक भीड़ देखी जा रही है, लेकिन अब तक किसी भी अव्यवस्था की घटना नहीं हुई है। इस प्रकार होगा ट्रेनों का संचालन     गाड़ी संख्या 01667 रानी कमलापति-दानापुर स्पेशल प्रत्येक शनिवार और मंगलवार दिनांक 27.09.2025 से 01.11.2025 तक (छठ महापर्व स्पेशल) चलेगी।     गाड़ी संख्या 01665 रानी कमलापति-अगरतला स्पेशल प्रत्येक गुरुवार को संचालित होगी।     गाड़ी संख्या 01661 रानी कमलापति हजरत निजामुद्दीन स्पेशल 17.10.2025 और 18.10.2025 को (दीपवाली स्पेशल) चलेगी।     गाड़ी संख्या 01289 रानी कमलापति रीवा एक्सप्रेस 17.10.2025 को संचालित होगी।     गाड़ी संख्या 02191 रानी कमलापति-रीवा एक्सप्रेस 27.09.2025 से 18.10.2025 तक चलेगी।     गाड़ी संख्या 22187 रानी कमलापति-जबलपुर एक्सप्रेस और 12061 रानी कमलापति-जबलपुर एक्सप्रेस भी उपलब्ध रहेंगी। क्राउड मैनेजमेंट योजना के तहत     रस्सियों और बैरिकेड्स का उपयोग करके यात्रियों के लिए लाइन का प्रबंधन किया जाएगा।     होल्डिंग और सर्कुलेटिंग क्षेत्रों में लाउड स्पीकर के माध्यम से नियमित घोषणाएं की जाएंगी, जिसमें आने वाली ट्रेनों की जानकारी दी जाएगी।     यात्रियों को प्लेटफार्म की क्षमता के अनुसार व्यवस्थित किया जाएगा।     आरक्षित और अनारक्षित यात्रियों के लिए अलग-अलग प्रवेश की व्यवस्था की जाएगी।     24 घंटे निगरानी के लिए कंट्रोल रूम में एक वार रूम स्थापित किया गया है।     सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से स्टेशनों की लाइव निगरानी की जा रही है। अतिरिक्त कर्मचारियों को तैनात किया गया है।     मंडल पर बुकिंग काउंटर के अतिरिक्त 16 स्टेशनों पर 38 एटीवीएम (ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन) की सुविधा है, जिससे अनारक्षित टिकटों का वितरण किया जा रहा है।  

बुंदेलखंड की परंपरा में रंगे अरविंद पटेरिया, दिवारी नृत्य में मौनिया के संग लगाए ठुमके

छतरपुर   बुंदेलखंड का छतरपुर लोकनृत्य और लोक संगीत कलाओं को संजोए हुए है. इन्हीं में से एक बुंदेली मौनिया नृत्य है, जो दीपावली के बाद आयोजित होता है. यह नृत्य बुंदेलखंड के ग्रामीण इलाकों में दीपावली के दूसरे दिन मौन परमा को पुरुषों द्वारा किया जाता है. इसे मौनी परमा भी कहा जाता है. ये बुंदेलखंड की सबसे प्राचीन नृत्य शैली है. इसे सेहरा और दिवारी नृत्य भी कहते हैं. इसमें किशोरों व युवकों द्वारा घेरा बनाकर मोर के पंखों को लेकर मनमोहक अंदाज में नृत्य किया जाता है. दिवारी नृत्य में लाठीबाजी के करतब दिवारी नृत्य लाठियां लड़ाकर भी किया जाता है. छतरपुर जिले के ग्रामीण अंचलों के लोगों की प्राचीन परंपरा आज भी जीवित है. छतरपुर जिले के खजुराहो स्थित आदिवर्त संग्रहालय में पारंपरिक उल्लास के साथ मौनिया उत्सव का आयोजन किया गया. यह आयोजन संग्रहालय के सामने पार्किंग स्थल पर हुआ. उत्सव में पारंपरिक संगीत, ढोलक और नगाड़ों की गूंज के बीच विभिन्न क्षेत्रों से आए मौनिया दलों ने दीवारी नृत्य की अद्भुत प्रस्तुतियां दी. तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजा खजुराहो दिवारी नृत्य में रंग-बिरंगे परिधानों में सजे कलाकारों ने लोक संस्कृति के अनोखे रंगों से सराबोर कर दिया. खजुराहो, छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, दमोह तथा आसपास के ग्रामीण अंचलों से आए मोनिया दलों ने जब मंच पर पारंपरिक दीवारी नृत्य प्रस्तुत किया तो लोग देखते रह गए. कलाकारों ने अपने तेज़ लयबद्ध कदमों, चटख रंगों के परिधानों और उत्साहपूर्ण दृश्य प्रस्तुत किया कि पूरा परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. दीवारी या मोनिया नृत्य बुंदेलखंड की कृषक, चरवाहा संस्कृति का प्रतीक लोकनृत्य है, जो दीपावली से लेकर पूर्णिमा तक निरंतर किया जाता है. इस नृत्य में युवा कलाकार बुंदेली दिवारी लोकगीतों की ताल पर समूह में नाचते हैं. सामाजिक एकता का प्रतीक भी है मौनिया गीतों में श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा, धर्म, नीति, परिश्रम और जीवन के उल्लास का वर्णन होता है. यह नृत्य अहीर समाज की प्राचीन परंपरा को आज भी जीवंत बनाए हुए है. बुंदेलखंड में बरेदी नृत्य के रूप में प्रसिद्ध यह कला दीपावली के 15 दिन तक गांवों में गूंजती रहती है. इसमें नर्तक अत्यंत तीव्र गति से गोल घेरा बनाकर नृत्य करते हैं, जबकि एक कलाकार गीत की शुरुआत करता है और बाकी दल सामूहिक स्वर में उसे आगे बढ़ाते हैं. यह केवल मनोरंजन नहीं बल्कि सामाजिक एकता, कृतज्ञता और धार्मिक आस्था का लोक उत्सव भी है, जिसे लोग आज भी जीवित रखे हुए हैं. मौनिया नृत्य कैसे शुरू हुआ खजुराहो में आयोजित हुए मोनिया नृत्य के दौरान राजनगर विधायक अरविंद पटेरिया भी मौनिया को देखकर अपने आपको नृत्य करने से नहीं रोक पाए. पहले विधायक ने नगड़िया बजाई, फिर बुंदेली परंपरा के अनुसार मौनिया कलाकरों के साथ नृत्य किया. इस परंपरा के बारे में छतरपुर के पंडित अनंत शास्त्री महाराज बताते हैं "मोनिया नृत्य में बुंदेली लोक संस्कृति की झलक मिलती है. ऐसी मान्यता है जब भगवान श्री कृष्ण की सारी गायें कहीं चली गई तो भगवान श्रीकृष्ण दु:खी होकर मौन हो गए तो उनके दोस्तों ग्वालों ने उनकी गायें खोजी ओर गायें लेकर आये तब भगवान ने मौन तोड़ा." मौनिया उत्सव लोक संस्कृति की आत्मा मौनिया को लेकर दूसरी मान्यता यह भी है कि इंद्र के प्रकोप से गोकुलवासियों को बचाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत अपनी उंगली पर उठा लिया. तब गोकुलवासी खुशी के मारे झूम उठे, तभी से यहां आयोजन मनाया जाता है. इस मौके पर विधायक अरविंद पटेरिया ने कहा "मौनिया उत्सव हमारी लोक संस्कृति की आत्मा है. इस आयोजन के माध्यम से न केवल परंपराएं संरक्षित होती हैं बल्कि नई पीढ़ी को अपने सांस्कृतिक मूल्यों से परिचय भी मिलता है." 

हाईकोर्ट सख्त: अपीलीय प्राधिकरण पर जुर्माना, दोषियों से वसूली का आदेश

जबलपुर  अपीलीय प्राधिकरण द्वारा निर्धारित अवधि में दायर अपील को समय अवधि के आधार पर खारिज कर दिया गया था। जबलपुर हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस ए. के. सिंह की युगलपीठ ने अपीलीय प्राधिकारी की गलती को स्वीकार करते हुए 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगाई है। युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि कॉस्ट की राशि सरकारी खजाने से नहीं वसूली जाए। सरकार कॉस्ट की राशि दोषियों से वसूल कर सकती है। लक्ष्मी मोटर्स सतना की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि अपीलीय प्राधिकारी और संयुक्त आयुक्त स्टेट टैक्स सतना के समक्ष उनकी तरफ से 26 नवंबर को खारिज कर दिया गया था। अपील 26 जुलाई 2024 को पारित आदेश को चुनौती देते हुए दायर की गई थी। अपीलीय प्राधिकरण ने अपने आदेश में कहा था कि अपील निर्धारित समय अवधि गुजरने के बाद दायर की गई है। एक महीने की अतिरिक्त छूट अवधि दी गई याचिकाकर्ता ने कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय का स्पष्ट आदेश है कि सामान्य धारणा अधिनियम 1897 की धारा 9 में निहित प्रावधानों के अनुसार आदेश पारित करने की तिथि को छोड़कर सीमा अवधि की गणना की जाए। केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 2017 में तीन महीनों की सीमा अवधि का प्रावधान है। धारा 107 की उपधारा (4) के अंतर्गत, अपीलीय प्राधिकारी को अपील पर विचार करने के लिए एक महीने की अतिरिक्त छूट अवधि दी गई है। आदेश जारी किए युगलपीठ ने माना कि अपील दायर करने की अवधि 27 जुलाई से प्रारंभ होकर 26 नवंबर 2024 को समाप्त हो रही थी। अपीलीय प्राधिकरण 25 नवंबर 2024 को दायर अपील को समय सीमा द्वारा वर्जित नहीं कर सकते थे। युगलपीठ ने कॉस्ट लगाते हुए उक्त आदेश जारी किए।

गृह मंत्री अमित शाह को जन्मदिन पर मिला नेताओँ का प्यार, MP के नेताओं ने दी शुभकामनाएं

भोपाल  केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह का आज जन्मदिन है। 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई में जन्में अमित शाह आज 61 वर्ष के हो गए हैं। उनके जन्मदिन पर जहां देश-विदेश से बधाईयां दी जी रही हैं तो वहीं, मध्य प्रदेश के भाजपा नेता भी उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं। इनमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल समेत पार्ट के कई दिग्गज नेताओं द्वारा उन्हें बधाई दी गई है। सीएम मोहन ने दी शुभकामनाएं सबसे पहले बात करें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की तो उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए शाह को बधाई देते हुए लिखा- 'राष्ट्र की सुरक्षा, सुशासन और लोककल्याण के प्रति आपका अटूट समर्पण प्रेरणादायक है। उन्होंने उनके उज्जवल भविष्य और स्वस्थ जीवन की कामना की है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने दी बधाई बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने भी गृह मंत्री अमित शाह को बधाई देते हुए एक्स पर पोस्ट किया कि, 'कुशल संगठक, श्रेष्ठ रणनीतिकार, भारत के यशस्वी गृह व सहकारिता मंत्री आदरणीय श्री अमित शाह जी, आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं। बाबा महाकाल से आपके आरोग्यपूर्ण, सुयशपूर्ण एवं सुदीर्घ जीवन की कामना करता हूं।' ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दी बधाई केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जन्मदिन पर बधाई दी है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा- 'कर्मठ, निर्णायक और दूरदर्शी नेतृत्व के धनी, देश के माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।' उन्होंने आगे लिखा- 'राष्ट्रनिर्माण, सुरक्षा और सुशासन के प्रति आपका समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। भगवान स्वामीनारायण से आपके उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु और सुदीर्घ सार्वजनिक सेवा जीवन की कामना करता हूं।' शिवराज सिंह ने दी शुभकामनाएं केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहन ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल पर अमित शाह को शुभकामनाएं देते हुए लिखा- 'जनप्रिय राजनेता, कुशल संगठक, श्रेष्ठ रणनीतिकार, केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह जी को जन्मदिन की आत्मीय बधाई! ईश्वर से आपके उत्तम स्वास्थ्य, सुदीर्घ और यशस्वी जीवन के लिए प्रार्थना करता हूं, बहुत-बहुत शुभकामनाएं!'

तीन दिवसीय रतनगढ़ मेला शुरू: भीड़ नियंत्रण को 100 सीसीटीवी और हजारों जवान तैनात

दतिया   प्रसिद्ध रतनगढ़ माता मंदिर पर तीन दिवसीय लक्खी मंगलवार से शुरू हो गया है। तीन दिन में लगभग 25 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। यहां राजस्थान, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र से भी श्रद्धालु आते हैं। बुधवार को सर्पदंश पीडि़तों के बंध काटे जाएंगे। मान्यता है कि माता रतनगढ़ के दरबार में सर्पदंश का जहर उतर जाता है। सुरक्षा  के लिए 100 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। ज्ञात रहे कि 2006 में मड़ीखेड़ा डैम से पानी छोड़े जाने से सिंध नदी में नाव पलट गई थी। इसमें 56 की मौत हुई थी। 2013 में नए पुल पर भगदड़ में 115 की जान गई थी। 8 सेक्टर में बांटा एमपी के इस मंदिर में लगाए गए घंटे का वजन 1935 किलो है। इसे देश का सबसे बड़ा और वजनी घंटा बताया जाता है। 16 अक्टूबर 2015 को तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लोकार्पण किया था। सेंवढ़ा एसडीएम अशोक अवस्थी के अनुसार जिलेभर के अधिकारी और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। आठ सेक्टर में 1800 पुलिस बल व 1500 अधिकारी-कर्मचारी तैनात किए गए हैं। श्रद्धालुओं की आवाजाही सुगम रहे, इसके लिए आने और जाने के अलग-अलग मार्ग तय किए गए हैं। वहीं, 25 पार्किंग स्थल बनाए गए हैं, जिनमें पर्याप्त रोशनी, पीने के पानी के टैंकर और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। कलेक्टर ने बताया कि श्रद्धालुओं का आगमन 21 अक्टूबर से शुरू हो जाएगा। प्रशासन ने सुरक्षा दृष्टि से ट्रैक्टर में डबल ट्रॉली लाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि मोटरसाइकिल पर तीन सवारी न बैठाएं और हेलमेट का अनिवार्य रूप से उपयोग करें। उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे श्रद्धा और सावधानी के साथ माता रतनगढ़ के दर्शन करें और किसी भी अफवाह या भ्रामक जानकारी से बचें। किसी जानकारी की पुष्टि शासकीय अधिकारी या कंट्रोल रूम के माध्यम से ही करें। रतनगढ़ माता मेला दतिया की धार्मिक पहचान है, इसे श्रद्धालुओं के सहयोग से शांतिपूर्ण और सफल बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है।

बाइक पर डरावना स्टंट कर रही युवती का वीडियो वायरल, इंदौर पुलिस ने लिया संज्ञान

इंदौर शहर में इन दिनों एक युवती का स्पोर्ट्स बाइक पर स्टंट करते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में युवती ट्रैफिक नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाती दिखाई दे रही है। पुलिस की सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल ने वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए जांच शुरू कर दी है। एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि वीडियो में युवती बिना हेलमेट के बाइक चलाते हुए हाथ छोड़कर स्टंट कर रही है।  मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक युवती का चलती बाइक पर खतरनाक स्टंट करने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वायरल वीडियो में युवती को बिना हेलमेट पहने, तेज रफ्तार में बाइक चलाते हुए दोनों हाथ छोड़कर हवा में स्टंट करते हुए देखा जा रहा है। अब पुलिस ने इस पर गंभीरता दिखाई है। युवती ने हेलमेट नहीं पहना था वीडियो वायरल होने के बाद इंदौर पुलिस ने इस मामले पर तुरंत संज्ञान लिया है और इसे गंभीर लापरवाही माना है। जानकारी मिलते ही इंदौर पुलिस की साइबर सेल और क्राइम ब्रांच की टीमें एक्टिव हो गई हैं। पुलिस ने पुष्टि की है कि युवती ने हेलमेट नहीं पहना था और वह खतरनाक तरीके से स्टंट कर रही थी। पुलिस के मुताबिक, ये ट्रैफिक नियमों का खुला उल्लंघन है। प्रारंभिक जांच में पुष्टि हुई है कि युवती ने केवल हेलमेट नहीं पहना है, बल्कि खतरनाक तरीके से स्टंट भी किया। साइबर सेल कर रही पड़ताल वर्तमान में साइबर सेल की टीम वीडियो की लोकेशन, समय और इसमें दिख रही युवती की पहचान की जांच कर रही है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, युवती की पहचान होने और उसे पकड़ने के बाद पहले उसे समझाइश दी जाएगी। इसके साथ ही, यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए उसके खिलाफ नियमानुसार चालानी कार्रवाई भी की जाएगी।

किसानों के लिए खुशखबरी: शिवराज का बड़ा ऐलान, दोबारा मिलेगा मुआवजे का मौका

भोपाल  मध्यप्रदेश के किसानों के लिए बड़ी राहत की खबर है। अतिवृष्टि और पीला मोजिक रोग से खराब हुई सोयाबीन फसल पर अब दोबारा सर्वे कराया जाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राहत राशि से कोई भी किसान वंचित न रहे, इसके लिए री-सर्वे के निर्देश जारी किए गए हैं। प्रदेश के 12 जिलों में लाखों किसानों की सोयाबीन फसल बर्बाद हुई थी। राज्य सरकार अब तक करीब 9 लाख किसानों को मुआवजा दे चुकी है, लेकिन कई किसान अब भी राहत राशि से वंचित हैं। मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आश्वासन दिया कि हर पात्र किसान को राहत मिलेगी। इसके साथ ही उन्होंने रबी फसल की तैयारियों को लेकर खाद की उपलब्धता पर भी बैठक की। चौहान ने बताया कि NPK, DAP और यूरिया जैसे खादों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है ताकि किसानों को रबी सीजन में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। 

छात्रा को नहीं मिला था तीसरे राउंड में एडमिशन, हाईकोर्ट ने दी NEET UG केस में फौरन राहत

इंदौर  इंदौर हाई कोर्ट से NEET UG छात्रा को मिली राहत मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक NEET UG की छात्रा को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। इंदौर हाई कोर्ट की खंडपीठ ने मंगलवार को छुट्टी के दिन भी सुनवाई करते हुए छात्रा के पक्ष में एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया। इस आदेश […] मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक NEET UG की छात्रा को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। इंदौर हाई कोर्ट की खंडपीठ ने मंगलवार को छुट्टी के दिन भी सुनवाई करते हुए छात्रा के पक्ष में एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया। इस आदेश के तहत छात्रा को तीसरे राउंड की काउंसलिंग में भाग लेने की अनुमति दी गई है, जो उसके भविष्य के लिए एक सकारात्मक कदम है। क्या था मामला? दरअसल, यह छात्रा, जिसका नाम आर्ची अनन्या अग्रवाल है, को NEET की दूसरी काउंसलिंग में सेकंड राउंड में सीट मिल गई थी। लेकिन, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने उसे तीसरे राउंड में भाग लेने से मना कर दिया। इसका तर्क यह था कि जब छात्रा को दूसरी काउंसलिंग में सीट मिल गई है, तो वह तीसरे राउंड में भाग नहीं ले सकती। इंदौर हाई कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए छात्रा के वकील के तर्कों पर गौर किया। वकील ने बताया कि 2024 में इस संबंध में कुछ संशोधन किए गए हैं, जिससे छात्रा को तीसरे राउंड में भाग लेने की अनुमति मिलनी चाहिए। हाई कोर्ट का आदेश इंदौर हाई कोर्ट की डबल बेंच में जस्टिस विजय कुमार शुक्ला और जस्टिस गजेंद्र सिंह ने सुनवाई की। छात्रा के वकील नितिन सिंह भाटी ने अदालत में तर्क दिया कि छात्रा को तीसरे राउंड में भाग लेने के लिए अनुमति दी जानी चाहिए। अंततः, कोर्ट ने आदेश दिया कि जब तक याचिका का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक छात्रा को तीसरे राउंड की काउंसलिंग में भाग लेने की अनुमति दी जाए। आर्ची अनन्या अग्रवाल की तैयारी आर्ची अनन्या अग्रवाल ने 22 सितंबर 2025 को NEET की दूसरी काउंसलिंग में श्री सत्य सांई यूनिवर्सिटी टेक्नोलॉजी एंड मेडिकल साइंस (सीहोर) में सीट प्राप्त की थी। उसने 720 में से **443** अंक प्राप्त किए थे और तीसरे राउंड की काउंसलिंग की फीस भी जमा कर दी थी। अब उसे 22 अक्टूबर 2025 को होने वाली तीसरी काउंसलिंग में भाग लेने की अनुमति प्राप्त हो गई है। क्या कहते हैं नियम? छात्रा को तीसरे राउंड में भाग लेने से रोकने का मुख्य कारण 2018 के नियमों को बताया गया था, जिसमें कहा गया था कि यदि किसी छात्र को दूसरी काउंसलिंग में सीट मिल जाती है, तो वह तीसरे राउंड में भाग नहीं ले सकता। हालांकि, वकील ने 2024 के संशोधन का हवाला देते हुए तर्क किया कि इस मामले में छूट दी जानी चाहिए। हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए। इंदौर निवासी छात्रा का नाम आर्ची अनन्या अग्रवाल है। उसे 22 सितंबर 2025 में NEET की दूसरी काउंसलिंग में श्री सत्य सांई यूनिवर्सिटी टेक्नोलॉजी एंड मेडिकल साइंस (सीहोर) में सीट अलॉट हो गई थी। उसे 720 में से 443 नंबर मिले थे। उसने तीसरे राउंड की भी फीस भरी थी दो 22 अक्टूबर 2025 को होनी है, लेकिन उसे अनुमति नहीं दी गई। अनुमति नहीं देने का कारण 2018 के नियम का हवाला दिया गया कि भले ही फीस भरी हो लेकिन दूसरी काउंसलिंग में सीट मिलने पर तीसरे राउण्ड में पार्टिसिपेट नहीं कर सकती। इस पर छात्रा के एडवोकेट की ओर से 2024 के संशोधन का तर्क दिया गया कि उसे अनुमति दी जा सकती है। इसमें मंगलवार को इंदौर हाई कोर्ट डबल बेंच में जस्टिस विजय कुमार शुक्ला और जस्टिस गजेंद्रसिंह के समक्ष सुनवाई हुई। उसकी ओर से एडवोकेट नितिन सिंह भाटी ने तर्क रखे।इसमें कोर्ट आदेश दिया कि जब तक याचिका तय नहीं होती तब तक छात्रा को अनुमति दें। थर्ड राउंड की काउंसलिंग बुधवार 22 अक्टूबर को है। अब वह इसमें वह शामिल हो सकेगी। भविष्य की उम्मीदें इस निर्णय से आर्ची अनन्या अग्रवाल और उसके परिवार में खुशी का माहौल है। छात्रा अब तीसरे राउंड की काउंसलिंग में भाग लेकर अपने मेडिकल करियर की दिशा में एक और कदम बढ़ा सकती है। यह निर्णय न केवल आर्ची के लिए, बल्कि अन्य छात्रों के लिए भी एक सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करता है, जो अपने हक के लिए लड़ने की प्रेरणा ले सकते हैं। इस तरह के मामलों में न्यायपालिका की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इंदौर हाई कोर्ट ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए छात्रा के भविष्य को संवारने में मदद की है। यह निर्णय निश्चित रूप से उन छात्रों के लिए एक उम्मीद की किरण है जो कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं।     एमपी के 75 छात्रों के लिए दोबारा होगी NEET-UG परीक्षा इस प्रकार, इंदौर हाई कोर्ट ने एक बार फिर साबित किया है कि न्याय की राह में किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है।  

फसल बचाने की जुगाड़: शाजापुर में हेलीकॉप्टर से हांका देकर हिरणों को किया काबू

शाजापुर   शाजापुर जिले में किसानों की फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए एक ऐतिहासिक अभियान चलाया गया है. दक्षिण अफ्रीका के विशेषज्ञों की मदद से 45 काले हिरणों (कृष्णमृग) को पकड़ा गया और उन्हें गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में छोड़ा गया  यह ऑपरेशन जिले के इमलीखेड़ा गांव में चलाया गया. इस दौरान हेलीकॉप्टर और बोमा तकनीक का उपयोग करते हुए नीलगाय और काले हिरणों को पकड़ा गया.शाजापुर जिला कलेक्टर रिजु बाफना ने बताया, "दक्षिण अफ्रीका की एक टीम और वन विभाग की मदद से इमलीखेड़ा से पकड़े गए काले हिरणों को बिना किसी पशु हानि के गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में छोड़ा गया." उन्होंने पुष्टि की कि 45 काले हिरणों को हेलीकॉप्टर की मदद से पकड़ा गया था. क्या है बोमा तकनीक दक्षिण अफ्रीका की एक लोकप्रिय विधि है, जिसमें जानवरों को हेलीकॉप्टर का उपयोग करके झुंड में एक बाड़े (पेन) में खदेड़कर पकड़ा जाता है.  इस पहल का उद्देश्य जिले में जंगली जानवरों (नीलगाय और कृष्णमृग) द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाने की लंबे समय से चली आ रही समस्या का समाधान करना है. वन विभाग ने एक वीडियो शेयर करते हुए इसे 'वन्यजीवों के संतुलन की दिशा में ऐतिहासिक कार्य' बताया है. सरकार के अधिकारियों के अनुसार, यह पहला मौका है जब मध्य प्रदेश के खेतों से काले हिरणों को दक्षिण अफ्रीकी तकनीक की मदद से पकड़कर जंगलों में छोड़ा गया है. यह अभियान केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अनुमति और राज्य सरकार की सहमति से चलाया जा रहा है.