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हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, दोबारा नीट यूजी परीक्षा पर रोक, काउंसलिंग पर भी लगाई रोक

इंदौर   हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने सोमवार को एनईईटी-यूजी के छात्रों की दोबारा परीक्षा कराने के आदेश जारी किए थे। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने इसके खिलाफ युगलपीठ में अपील की। मंगलवार को जस्टिस विवेक रुसिया और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर रोक लगा दी। 4 मई को आयोजित की गई थी परीक्षा डिप्टी एडवोकेट जनरल रोमेश दवे ने बताया कि, 4 मई को एनटीए ने पूरे देश में परीक्षा आयोजित की थी। इंदौर में उस दिन आंधी-तूफान व बारिश हुई थी। इंदौर के कुछ सेंटर्स की बिजली गुल हो गई थी। इसको लेकर कुछ छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। दोबारा परीक्षा लेने की मांग की थी। एमपी हाई कोर्ट युगलपीठ में एकलपीठ के फैसले पर लगाई रोक मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट की युगलपीठ में सुनवाई हुई। एनटीए की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पक्ष रखा। उन्होंने एकलपीठ के फैसले पर स्टे दिए जाने की मांग रखते हुए कहा कि इस फैसले को लागू करना गलत होगा। परीक्षा में 22 लाख छात्रों ने भाग लिया था। इन 75 छात्रों के लिए अलग से पेपर सेट करना होगा, उसमें ये बात भी सामने आ सकती है कि 22 लाख छात्र ये आरोप लगाएं कि उनका पेपर टफ था, जबकि इनका सरल। ऐसे में नई कंट्रोवर्सी खड़ी हो जाएगी। छात्रों के वकील ने किया विरोध कोर्ट में याचिका दायर करने वाले छात्रों के वकील ने विरोध करते हुए कहा कि काउंसलिंग शुरू हुई तो उस स्थिति में उनका भविष्य उलझ जाएगा। सेशन शुरू होने पर उनका नुकसान होगा। कोर्ट ने सोमवार को जारी आदेश पर फिलहाल रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए। साथ ही छात्रों को नोटिस जारी करते हुए जवाब पेश करने के लिए कहा है। अब 10 जुलाई को सुनवाई हो सकती है।

सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी आदेश में चार वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के तबादले किए गए

भोपाल  सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से जारी आदेश में चार वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। 1996 बैंच के आईएएस संजीव कुमार झा वर्तमान में राजस्व मंडल ग्वालियर में सदस्य के रूप में पदस्थ है, उनको मध्य प्रदेश का नया मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही वे विधि एवं विधायी कार्य विभाग के पदेन प्रमुख सचिव (केवल निर्वाचन कार्य के लिए) होंगे। वहीं, 1997 बैंच के आईएएस अधिकारी और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुखबीर सिंह को लोक निर्माण विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया है। ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई को लोक निर्माण विभाग (PWD) के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। इसके अलावा 2004 बैंच के आईएएस रघुराज एम आर को तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग से हटाकर अब सचिव, श्रम विभाग नियुक्त किया गया है।  खनिज साधन एवं पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव श्रम विभाग के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। 2006 बैंच के आईएएस अनिल सुचारी को सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग को स्थानांतरित कर अब आयुक्त, सागर संभाग बनाया गया है। वहीं, मुकेश चंद्र गुप्ता  वर्तमान में सचिव, मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के सचिव मुकेश चंद्र गुप्ता को सदस्य, राजस्व मंडल, ग्वालियर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव तथा राहत एवं पुनर्वास आयुक्त विवेक कुमार पोरवाल को प्रमुख सचिव, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है। 

नया आधार बनवाने व संशोधन में अब नहीं समय लगेगा का समय, UIDAI खोलेगा नया सेंटर

ग्वालियर ग्वालियर शहर में भोपाल-इंदौर की तर्ज पर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) का आधार सेंटर खुलने जा रहा है। इसके खुलने से लोगों को दिल्ली के भरोसे नहीं रहना होगा। न आधार में छोटी-छोटी कमियां निकालकर निरस्त किया जा सकेगा। वर्तमान में सेंटर पर जो भीड़ हो रही है और नया आधार बनवाने व संशोधन में जो समय लग रहा है, उसमें राहत मिलेगी। वर्तमान में जो आधार बन रहे हैं, उसमें 35 से 40 फीसदी आधार निरस्त हो जाते हैं। इस कारण भीड़ कम नहीं हो रही।  वहीं तीन से अधिक अपडेट में दिल्ली के चक्कर काटने पड़ते हैं। जिला प्रशासन के अफसरों ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जल्द ही जगह भी तय होगी। दरअसल स्कूल में प्रवेश, सरकारी राशन व अन्य सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए आधार जरूरी है। एक सेंटर पर दिनभर में औसतन 25 से 30 आधार बन रहे हैं। पोस्ट ऑफिस के बाहर ज्यादा भीड़ हो रही है। दिल्ली करना पड़ रहा संपर्क आधार की जानकारी अपलोड होने के बाद व्यक्ति नंबर जनरेट होने का इंतजार करता है। न होने की स्थिति में कलेक्ट्रेट पहुंचता है और किस वजह से आधार निरस्त हुआ है, उसकी जानकारी लेने के लिए दिल्ली में संपर्क करना पड़ता है। इसके लिए मेल भेजना पड़ता है। सेंटर में यूआईडीएआई का कर्मचारी बैठता है। इसका सीधा संपर्क दिल्ली में रहता है। यदि कोई कमी है तो वह स्थानीय स्तर पर सुधार देता है। ग्वालियर में स्थानीय स्तर पर कमी सुधारने की व्यवस्था नहीं है। बैंक में नहीं जा रहे लोग शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में 56 आधार केंद्र हैं। पोस्ट ऑफिस व कलेक्ट्रेट के सेंटर पर सबसे ज्यादा भीड़ रहती है, बैंक में लोग आधार बनवाने नहीं जा रहे। यदि बैंक में लोग जाना शुरू हो गए तो पोस्ट ऑफिस का लोड कम हो जाएगा। एक केंद्र पर दिन में औसतन 25 से 30 आधार बनते हैं। इन कारणों से हो रहे हैं निरस्त -कागजों की स्कैनिंग ठीक से नहीं हुई। -नाम में अंतर होने पर। जन्म तिथि के दस्तावेज नहीं होने पर भी निरस्त हो रहे हैं। -व्यक्ति के पते में अंतर होने पर। -सबसे ज्यादा दिक्कत उन बच्चों को आ रही है, जिनके आधार जन्म के तुरंत बाद बन गए हैं। उस वक्त आधार में नाम नहीं लिखा गया है। रुचिका चौहान, कलेक्टर का कहना है कि आधार निरस्त होने की संख्या अधिक है, इसलिए इंदौर भोपाल के आधार सेंटर का फीडबैक लिया था। नया सेंटर बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके शुरू होने पर आधार निरस्त कम होंगे, आसानी से भी बन सकेंगे।

राजा रघुवंशी हत्याकांड में नया मोड़, पुलिस अब जल्द पेश करेगी चार्जशीट

इंदौर  इंदौर से शिलांग ले जाकर अपने पति राजा रघुवंशी की हत्या करने वाली सोनम और उसके प्रेमी सहित पांचों आरोपियों के खिलाफ पुलिस चार्जशीट कोर्ट में पेश करने में ज्यादा देर नहीं लगाएगी। वैसे तीन माह के भीतर चार्जशीट पेश करना होती है, लेकिन पुलिस ने पर्याप्त सबूत जुटा लिए है। इंदौर से बाद में प्राॅपर्टी ब्रोकर और गार्ड की पुलिस ने हिरासत में लिया है। उनकी गवाही भी इस हत्याकांड में अहम होगी, क्योकि उन्होंने सोनम व राज के कहने पर सबूत मिटाए थे। पुलिस ने राजा के शव के पास से जो टी शर्ट और हथियार जब्त किए है। वे आरोपियों के खिलाफ अहम सबूत साबित होंगे। पुलिस ने उसकी फोरेंसिक जांच भी कराई है। उसकी रिपोर्ट भी पुलिस को मिल चुकी है। सोनम और तीनों आयोपियों ने जो दोपहिया वाहन किराए पर लिए थे। उनकी जीपीएस लोकेशन भी पुलिस के लिए एक अहम सबूत है,क्योकि हत्या के समय दोनो वाहनों की लोकेशन एक ही थी। अब तक यह सबूत जुटाए शिलांग पुलिस ने अब तक राजा हत्याकांड को लेकर रिवाल्वर, गहरे, जलाए गए बैग के अवशेष, हत्या में प्रयुक्त हथियार, आरोपियों के कपड़े सहित अन्य सबूत जुटाए है। आरोपी विशाल ने हत्या के समय जो शर्ट पहनी थी। उसे भी पुलिस ने उसके घर से जब्त किया है। विशाल ने ही राजा के सिर पर पहला वार किया था। आपको बता दें कि 23 मई को राजा रघुवंशी की सोनम सहित चार आरोपियों ने हत्या कर दी थी। शव को खाई में फेंक कर सोनम इंदौर आ गई थी। राज ने ही हत्या की साजिश रची थी, लेकिन वह शिलांग नहीं गया था।  

स्कूल में शराब पीने वाला शिक्षक निलंबित, सोशल मीडिया पर वीडियो हुआ था वायरल

टीकमगढ़  शराब पीकर स्कूल आना और शराबखोरी करने जैसे मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला टीकमगढ़ जिले से भी सामने आया है। खास बात यह है कि यहां शिक्षक ने शिक्षक ने स्वयं ही शराब पीना स्वीकार कर लिया और वह भी लिखित में जांच टीम को दिया है। आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए शराबखोरी करने वाले प्राथमिक शिक्षक को कलेक्टर ने निलंबित कर दिया है। कलेक्टर विवेक श्रोतिय ने प्राथमिक शिक्षक सुम्मनलाल वंशकार को निलंबित करते हुए विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उनका मुख्यालय नियत कर दिया। उन्हें अब जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। दरअसल, यह पूरा मामला मोहनगढ़ संकुल केंद्र के पड़वार गांव की हरिजन बस्ती में स्थित प्राथमिक शाला से जुड़ा है। इस विद्यालय में प्राथमिक शिक्षक सुम्मनलाल वंशकार पदस्थ थे। जो स्कूल में शराब पीकर जाते थे। यहां तक कि क्लासरूम में बैठकर भी शराब पीते थे। स्कूल परिसर में शराब की खाली बोतलें भी मिलीं थी। शिक्षक ने लिखित में स्वीकारा इसी बीच बीते दिनों स्कूल की कुर्सी पर शराब पीकर सोते हुए शिक्षक का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। जिसमें ग्रामीण बोलते हुए दिखे कि शिक्षक शराब पीकर सो रहे हैं। कलेक्टर विवेक श्रोतिय ने मामले में जांच टीम गठित की और मोहनगढ़ औ वर्माडांग के प्राचार्य ने जांच की जांच में स्कूल के शिक्षक सुम्मनलाल ने शराब पीकर स्कूल आने की बात लिखित में स्वीकार की। जांच प्रतिवेदन जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचने के बाद कलेक्टर विवेक श्रोतिय ने प्राथमिक शिक्षक को निलंबित कर दिया। अब इस मामले से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। हालांकि यह प्रदेश में पहला मामला नहीं है। एक महिला शिक्षक का वीडियो वायरल गौरतलब है कि ऐसा ही एक वीडियो कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के धार जिले से भी सामने आया था। जहां एक महिला टीचर स्कूल में शराब के नशे में झूमती नजर आ रही थी। साथ ही वीडियो में वह वीडियो बनाने वाले को धमकाते भी दिख रही थी, कि यह मेरा स्कूल है-कुछ बोला तो 12 बजा दूंगी। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वारयल हुआ था, जिसके आधार पर महिला शिक्षक पर कार्रवाई की गई है।

पीथमपुर में जलाया गया था यूका का 337 टन कचरा, लैंडफिल में दिसंबर तक राख का निपटान होगा

 इंदौर/ भोपाल   पीथमपुर के भस्मक संयंत्र में भोपाल गैस त्रासदी का 337 टन कचरा जलकर राख बन चुका है। अब पीथमपुर में ही ट्रीटमेंट, स्टोरेज, डिस्पोज फेसिलिटी (टीएसडीएफ) परिसर के लैंडफिल में दिसंबर तक इस राख का निपटान (डिस्पोज) किया जाएगा। यह प्रक्रिया कोर्ट द्वारा निर्धारित एक्सपर्ट कमेटी के मार्गदर्शन में होगी। उक्त कमेटी में मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (नीरी) के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यूनियन कार्बाइड के कचरे को पीथमपुर में भस्मक संयंत्र में नष्ट करने के दौरान उसके चिमनी से निकलने वाले धुएं में हानिकारक तत्वों की जांच की गई। इसमें मर्करी, सल्फर डाइ आक्साइड, कार्बन मोनो आक्साइड जैसी जहरीली गैसों के अलावा डायक्सीन फ्यूरान गैस की भी जांच की गई। डायक्सीन फ्यूरान गैस की निर्धारित से अधिक मात्रा मनुष्य के लिए नुकसानदायक होती है। बायो मेडिकल वेस्ट प्लांट, भस्मक संयंत्रों में वर्ष में एक बार अपने प्लांट की चिमनी से निकलने वाली गैसों में डायक्सीन फ्यूरान की जांच की जाती है। पीथमपुर के भस्मक संयंत्र का संचालन करने वाली एनर्जी एन्वायरो कंपनी ने यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने के दौरान 55 दिन में 14 बार (प्रत्येक सप्ताह में दो बार) डायक्सीन फ्यूरान गैस का सैंपल किया और इसे जांच के लिए गुरुग्राम की फेयर लैब में अलग-अलग समय के अंतराल पर भेजा गया। वहीं मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा भी डायक्सीन फ्यूरान की अलग से जांच की गई और 55 दिन में चार बार सैंपल कोलकाता की इफरैक लैब में जांच के लिए भेजे गए। गौरतलब है कि भस्मक संयंत्र की चिमनी से स्टैक मानीटरिंग किट के माध्यम से इस गैस के लिए सैंपल लेने की प्रक्रिया में आठ घंटे का समय लगता है। विज्ञानी व विशेषज्ञ खास हेलमेट व दस्ताने पहनकर किट के माध्यम से बोतलों में इसके सैंपल एकत्र करते हैं। देश में दो प्रमुख लैब में ही इसकी जांच की सुविधा है।

जल जीवन मिशन के 30,000 करोड़ रुपये में से 1,000 करोड़ रुपये के कमीशन की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय तक

भोपाल  जल जीवन मिशन के तहत हजार करोड़ रुपये के कथित घोटाले ने सियासी हलचल मचा दी है। इसे लेकर कांग्रेस लगातार सवाल कर रही है। अब प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा ने प्रदेश सरकार को घेरते हुए पीएम मोदी से सवाल किया है कि ‘न खाऊंगा न खाने दूंगा’ की नीति का क्या हुआ। ये मामला तब सामने आया जब पूर्व विधायक किशोर समरीते ने प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत पत्र भेजकर आरोप लगाया कि जल जीवन मिशन के 30,000 करोड़ के बजट में से लगभग 1,000 करोड़ रुपए कमीशन के रूप में वसूले गए। इसमें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके, विभाग के इंजीनियर इन चीफ बीके सोनगरिया और उनके अकाउंटेंट महेंद्र खरे के नाम शामिल थे। कांग्रेस ने किए सवाल कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा ने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के “ना खाऊँगा, ना खाने दूँगा” के नारे पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि “मोदी जी ने भ्रष्टाचार मुक्त भारत का वादा किया था, लेकिन उनकी ही पार्टी की सरकार में इतना बड़ा घोटाला सामने आया है। क्या यह ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा सिर्फ दिखावा है? देश जानना चाहता है कि इस घोटाले पर उनकी चुप्पी क्यों है”। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया  X पर एक पोस्ट लिखकर प्रदेश की भाजपा सरकार को एक बार फिर घोटाले की सरकार कहकर निशाना साधा है, उन्होंने लिखा- जनता को न नल मिला, न जल, मिला तो सिर्फ घोटालों का दल। जल जीवन मिशन के 30,000 करोड़ रुपये में से 1,000 करोड़ रुपये के कमीशन की शिकायत अप्रैल में सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय तक गई, जिसमें मंत्री संपतिया उइके और अफसरों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए। उमंग सिंघार ने सरकार से किये सवाल  उमंग सिंघार ने लिखा-  मामले को दो महीने तक दबाए रखने के बाद पीएचई विभाग ने जून के अंत में जांच के आदेश दिए और खानापूर्ति करते हुए विभाग ने मंत्री जी को क्लीनचिट भी दे डाली। इसलिए यहाँ सवाल उठते हैं कि PMO में शिकायत के फौरन बाद जांच शुरू क्यों नहीं की गई और इसे दो महीने तक क्यों लटकाया गया? जांच का जिम्मा किसी स्वतंत्र एजेंसी के बजाय विभाग से जुड़े अधिकारियों को क्यों सौंपा गया? कैसे आदेश जारी होने के मात्र एक सप्ताह में ही जांच पूरी भी कर ली गई और मामले में क्लीनचिट दे दी? मामले की स्वतंत्र एजेंसी से पुनः जाँच की मांग  उमंग सिंघार ने लिखा-  मैंने जल जीवन मिशन में पूरे प्रदेश में बड़े स्तर पर हो रही गड़बड़ियों के मुद्दे को कई बार विधानसभा में उठाया है लेकिन सरकार हर बार इस पर जवाब देने से बचती रही। मेरी मांग है कि इस मामले की जांच पुनः किसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा हो ताकि सच्चाई प्रदेश की जनता के सामने आ सके। हाथ में नल लेकर किया पुराना प्रदर्शन भी टैग किया   उल्लेखनीय है कि उमंग सिंघार ने अपनी इस पोस्ट के साथ 19 दिसंबर 2024 को उनके द्वारा हाथ में नल को टोंटी लेकर  किये गए प्रदर्शन के वीडियो भी टैग किये हैं जिसमें उन्होंने लिखा था- भाजपा के जल जीवन मिशन के नल से सिर्फ हवा आ रही है, पानी तो भाजपा के भ्रष्टाचार की भेट चढ़ चुका है। आज भी प्रदेश की महिलाएं पीने के पानी के लिए संघर्ष कर रही हैं, लेकिन भाजपा सरकार को सिर्फ कमीशन से मतलब है। यह है भाजपा की असलियत। मंत्री को क्लीन चिट देने के बाद ईएनसी ने दी ये सफाई  आदेश वायरल होने के बाद ईएनसी ने सफाई दी और कहा कि जाँच में शिकायत तथ्यहीन निकली है कोई दस्तावेज नहीं मिले हैं सिर्फ आरटीआई में मिली विभागीय चिट्ठियों को आधार बनाकर शिकायत की गई थी। उन्होंने कहा कि योजनाओं का क्रियान्वयन और भुगतान स्थानीय स्तर पर होता है इसलिए ईएनसी और मंत्री पर सीधे तौर पर कोई जवाबदारी नहीं बनती है। क्या है मामला जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य देश के हर ग्रामीण घर में नल से स्वच्छ पेयजल पहुंचाना है। मध्यप्रदेश को इस योजना के तहत केंद्र सरकार से तीस हज़ार करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। पूर्व विधायक किशोर समरीते ने पीएमओ को एक शिकायती पत्र भेजकर आरोप लगाया कि इस राशि में से 1000 करोड़ रुपये की कमीशनखोरी की गई, जिसमें मंत्री संपतिया उइके के साथ-साथ तत्कालीन प्रमुख अभियंता बीके सोनगरिया और उनके अकाउंटेंट महेंद्र खरे भी शामिल हैं। इन आरोपों के जवाब में मंत्री संपतिया उइके ने ख़ुद को निर्दोष बताया और कहा कि वो हर तरह की जांच के लिए तैयार हैं।दरअसल पूर्व विधायक किशोर समरीते ने 12 अप्रैल को प्रधानमंत्री कार्यालय को एक शिकायती पत्र भेजा था जिसमें प्रदेश की पीएचई मंत्री संपतिया उइके पर जल जीवन मिशन में 1000 करोड़ रुपए की घूस लेने के आरोप लगाये, पीएमओ ने 24 अप्रैल को इस शिकायत को राज्य सरकार के पास भेज दिया, ये शिकायत 21 जून को पीएचई के ईएनसी संजय अंधवान के पास पहुंची और उन्होंने इसकी जाँच के आदेश दे दिए, आदेश सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

मुरैना में भाजपा नेता के घर बेखौफ डकैतों ने एक करोड़ से ज्यादा कीमत के सोने-चांदी के जेवर,कैश और 12 बोर की बंदूक ले गए

मुरैना  मुरैना में भाजपा नेता के घर मंगलवार रात डकैती हो गई। बेखौफ डकैतों ने एक करोड़ से ज्यादा कीमत के सोने-चांदी के जेवर,कैश और 12 बोर की बंदूक ले गए। इस दौरान भाजपा नेता राजकुमार यादव के साथ उनकी सरपंच पत्नी मंजू यादव और दो बच्चे मौजूद थे। मामला जौरा के आलापुर गांव का है। भाजपा नेता राजकुमार यादव ने बताया कि मंगलवार रात करीब 1:30 बजे बदमाशों ने पहले रैकी की। फिर लोहे की सीढ़ी लगाकर घर की छत पर चढ़े।चार लोग हथियार लेकर घर में घुसे और कुछ बाहर खड़े थे। पुलिस को कॉल करने की कोशिश की तो कट्टा तान दिया। हाथ-पैर बांधकर तिजोरी की चाबी ले ली और सामान लूटकर फरार हो गए। जमीन की रजिस्ट्री के लिए घर में 50 लाख रुपए रखे हुए थे। सरपंच के घर डकैती की सूचना मिलते ही मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। लोगों ने घटना को लेकर आक्रोश जताया।स्थानीय लोगों ने बताया कि जौरा में पुलिस ढंग से गश्त नहीं करती है,इसी कारण इतनी बड़ी डकैती हो गई। एसपी समीर सौरभ ने कहा कि डॉग स्क्वायड और फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट ने विजिट किया है। साइबर सेल भी इसमें लगी है। घटना बड़ी है,बहुत जल्द इस केस का खुलासा करेंगे।

श्रावण मास में भगवान महाकाल के भांग शृंगार की बुकिंग फुल हो गई, भांग व सूखे मेवे से दिव्य रूप में शृंगार किया जाता है

 उज्जैन  ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 11 जुलाई से 9 अगस्त तक श्रावण का उल्लास छाएगा। इस बार श्रावण मास में भगवान महाकाल के भांग शृंगार की बुकिंग फुल हो गई है। इस पुण्य पवित्र मास में ज्योतिर्लिंग के शिखर पर ध्वज चढ़वाने की इच्छा रखने वाले भक्तों को भी इंतजार करना पड़ेगा। देशभर के श्रद्धालुओं ने शिखर पर ध्वज चढ़वाने के लिए भी अग्रिम बुकिंग करा ली है। महाकाल मंदिर की पूजन परंपरा में शाम 7 बजे संध्या आरती में भगवान महाकाल का भांग व सूखे मेवे से दिव्य रूप में शृंगार किया जाता है। पुजारी भक्तों के सहयोग से भगवान का भांग शृंगार करते हैं। देशभर के हजारों भक्त अपने जन्मदिन, विवाह की वर्षगांठ अथवा अन्य किसी विशेष अवसर पर भगवान का भांग शृंगार करवाते हैं। मंदिर समिति ने व्यवस्था की दृष्टि से भगवान के भांग शृंगार के लिए अग्रिम बुकिंग का विकल्प रखा है। कोई भी भक्त मंदिर कार्यालय में 1100 रुपये की शासकीय रसीद कटवाकर अग्रिम बुकिंग करवा सकते हैं। जिस दिन भक्त की ओर से भगवान का शृंगार कराया जाता है, उस दिन श्रद्धालु व अनके परिवार के सदस्य को आरती दर्शन की विशेष अनुमति दी जाती है। भगवान महाकाल के भांग शृंगार में अधिकतम साढ़े तीन किलो भांग का उपयोग होता है। इसके अलावा सूखे मेवे, भगवान के लिए वस्त्र, पूजन सामग्री, हार-फूल, मिष्ठान आदि सामग्री लगती है। इसमें करीब 8 से 10 हजार रुपये खर्च आता है। भक्तों को यह राशि पुजारी को देना होती है, वे ही शृंगार के लिए शुद्ध भांग व पूजा की हर्बल सामग्री का इंतजाम करते हैं। अलग-अलग रूप में शृंगार भगवान महाकाल का पर्व त्यौहार व वार के अनुसार अलग-अलग रूप में भगवान का शृंगार किया जाता है। जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण, प्रत्येक बुधवार को गणेश, नागपंचमी पर शेषनाग रूप में दर्शन देते हैं। ध्वज चढ़ाने के लिए 3200 रुपये का खर्च महाकाल मंदिर के शिखर पर ध्वज चढ़ाने के लिए भक्त को 3200 रुपये का खर्च आता है। इसमें 1100 रुपये की शासकीय रसीद कटवाना होती है। ध्वज, पूजन सामग्री आदि का खर्च 2100 रुपये है। बता दें महानिर्वाणी अखाड़े के महंत द्वारा पूजा अर्चना के बाद कुशल कर्मचारी मंदिर के शिखर पर चढ़कर ध्वज आरोहण करते हैं। भांग शृंगार और शिखर ध्वज की बुकिंग फुल     श्रावण मास में भगवान महाकाल के भांग शृंगार व शिखर पर ध्वज आरोहण की बुकिंग फुल हो गई है। दर्शनार्थी अब अगले महिनों के लिए बुकिंग करा सकते हैं। – मूलचंद जूनवाल, सहायक प्रशासक महाकाल मंदिर  

युवक का जेंडर चेंज कराकर बनाया लड़की, फिर शादी इंकार

भोपाल राजधानी भोपाल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां प्रेम-प्रसंग और शादी के नाम पर ट्रांसवुमेन से धोखा हुआ. इस मामले की शिकायत पीड़िता ने थाने में दर्ज कराई है, जिसमें कहा गया है कि एक युवक ने अपने प्रेमी के कहने पर जेंडर चेंज करवाया और खुद को लड़की में तब्दील कर लिया, लेकिन जब उसने शादी की बात की तो पार्टनर मुकर गया और उसे ब्लैकमेल करने लगा. जानकारी के अनुसार, यह मामला भोपाल के गांधी नगर थाना इलाके का है. यहां एक ट्रांसवुमेन ने अपने पार्टनर पर रेप और ब्लैकमेलिंग का मामला दर्ज कराया है. गांधीनगर पुलिस ने बताया कि भोपाल के रहने वाले समलैंगिक युवक (पीड़ित) की बहन की ससुराल नर्मदापुरम में है, जहां वो अक्सर जाता रहता था. इसी दौरान उसकी पहचान बहन की ससुराल के पड़ोस में रहने वाले एक युवक से हो गई. दोनों युवकों में पहले दोस्ती हुई और फिर बाद में अफेयर हो गया और दोनों युवक रिलेशनशिप में आ गए. इस दौरान नर्मदापुरम में रहने वाले युवक ने पीड़ित युवक को शादी का वादा भी किया. दोनों में तय हुआ कि भोपाल में रहने वाला युवक जेंडर चेंज करवाकर लड़की बनेगा, जिसके बाद दोनों शादी कर लेंगे. इसके बाद ट्रीटमेंट के तहत पीड़ित ने हार्मोनल चेंज के लिए पहले दवाई लेना शुरू की. फिर इंदौर के एक अस्पताल में जेंडर चेंज करवाकर लड़की बन गया. जब जेंडर चेंज हो गया तो भी दोनों रिलेशन में रहे. आरोप है कि नर्मदापुरम में रहने वाला पार्टनर अब शादी से मुकर गया है. पीड़ित ने जब दबाव बनाया तो उसके पार्टनर ने धमकी दी कि वो उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल कर देगा. पीड़ित ने इसकी शिकायत गांधीनगर थाने में की है, जिसके बाद पुलिस ने जीरो पर एफआईआर दर्ज करते हुए केस नर्मदापुरम ट्रांसफर कर दिया है. पुलिस इस पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुटी है.