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सरकार ने पेश की हाईकोर्ट में रिपोर्ट, 850 मीट्रिक टन राख का क्या होगा?

जबलपुर  यूनियन कार्बाइड के 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे का विनष्टीकरण सफलतापूर्वक पीथमपुर स्थित सुविधा केंद्र में कर दिया गया है। इस संबंध में जबलपुर हाईकोर्ट में सरकार ने एक रिपोर्ट पेश की है।  केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPPCB) के विशेषज्ञों ने इस काम की निगरानी की। कचरे को जलाने के बाद 850 मीट्रिक टन राख और अवशेष जमा हुए हैं। MPPCB से अनुमति मिलने के बाद इसे एक अलग जगह पर नष्ट किया जाएगा। जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस दिनेश कुमार पालीवाल की बेंच ने सरकार को यह रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी। आलोक प्रभाव सिंह ने 2004 में दायर की थी याचिका  बता दें कि भोपाल निवासी आलोक प्रभाव सिंह ने 2004 में एक याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि भोपाल गैस त्रासदी में 4 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। इस त्रासदी के बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में लगभग 350 मीट्रिक टन जहरीला कचरा पड़ा हुआ है। याचिका में इस कचरे को नष्ट करने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता की मृत्यु हो जाने के बाद हाईकोर्ट अब इस मामले की सुनवाई खुद ही कर रहा है। ट्रायल के बाद जलाया कचरा सरकार ने कोर्ट को बताया कि 27 फरवरी से 12 मार्च तक कचरे को जलाने का ट्रायल किया गया था। इस दौरान 30 मीट्रिक टन कचरा जलाया गया। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, जहरीले कचरे को 270 किलो प्रति घंटे की दर से जलाकर नष्ट किया गया। 30 जून की रात 1 बजकर 2 मिनट तक यूसीआईएल (UCIL) के 337 मीट्रिक टन कचरे को नष्ट कर दिया गया था। यूसीआईएल से 19.157 मीट्रिक टन अतिरिक्त जहरीला कचरा मिला है। इसे 3 जुलाई 2025 तक नष्ट कर दिया जाएगा। सरकार ने हाईकोर्ट में सौंपी रिपोर्ट “हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए, संयंत्र स्थल से जहरीले कचरे को हटाने और संयंत्र से विषाक्त अपशिष्ट के निपटान के लिए राज्य सरकार ने पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ काम किया है।” कचरे को नष्ट करने के लिए कुछ खास इंतजाम किए गए थे।

उज्जैन में बदली छुट्टी ! रविवार को खुलेंगे स्कूल, सोमवार को छुट्टी, क्यों लिया गया ये फैसला?

उज्जैन  उज्जैन में सावन,भादो माह में निकलने वाली बाबा महाकाल की सवारी के चलते जिला प्रशासन ने सोमवार को कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक के शासकीय ओर प्राइवेट स्कूलों में छुट्टी रखने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार सोमवार को स्कूल की छुट्टी रहेगी और बच्चों को पढ़ाई का नुकसान ना हो, इसके लिए रविवार को स्कूल खोले जाएंगे। बता दें कि 11 जुलाई से सावन की शुरुआत हो रही है और इस बार बाबा महाकाल की कुल छह सवारियां महाकाल मंदिर से निकलेंगी। उज्जैन कलेक्टर रौशन सिंह ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश जारी करने को कहा है। उज्जैन में स्थित विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर से सावन ओर भादो माह में श्री बाबा महाकाल की सावरी निकली जाती है। श्रावण महीने में भगवान महाकाल की निकलने वाली सवारी में भीड़ को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। सवारी निकलने के दौरान सवारी मार्ग को बंद किया जाता है,जिस वजह से सड़कों पर जाम भी लग जाता है। भगवान महाकालेश्वर की सवारी महाकालेश्वर मंदिर के सभा मण्डप में सोमवार शाम 4 बजे पूजन-अर्चन के बाद निकाली जाती है। मंदिर के द्वार पर गॉड ऑफ ऑनर दिया जाता है। उसके बाद शहर के गुदरी चौराहा,बक्षी बाजार,कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पर पहुंचती है। यहां भगवान महाकाल का जलाभिषेक होने के बाद पूजन-अर्चन किया जाता है,उसके बाद सवारी रामानुजकोट,मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक,खाती समाज मंदिर,सत्यनारायण मंदिर,ढाबा रोड,टंकी चौराहा,छत्री चौक,गोपाल मंदिर,पटनी बाजार,गुदरी बाजार होती हुई महाकालेश्वर मन्दिर में वापस आती है। इस दौरान श्रद्धालुओं की भारी संख्या रहती है। उज्जैन कलेक्टर रौशन सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष की तरह हम इस बार भी व्यवस्था करेंगे। इसमें भक्तों और स्कूल के बच्चों को कोई परेशानी नहीं होगी। इसको लेकर जल्द ही शिक्षा विभाग अलग से ऑर्डर जारी करेगा। जिसमें उज्जैन नगर निगम क्षेत्र के सभी निजी और सरकारी स्कूलों पर निर्णय लागू होगा। महाकाल की पहली सवारी 14 जुलाई,द्वितीय सवारी 21 जुलाई,तृतीय सवारी 28 जुलाई, चतुर्थ सवारी 4 अगस्त को श्रावण मास में निकाली जाएगी। इसी तरह भादौ मास में पंचम सवारी 11 अगस्त को रहेगी ओर महाकाल की राजसी सवारी सोमवार 18 अगस्त को निकलेगी इस दिन स्थानीय अवकाश रहेगा। इसलिए रविवार को स्कूल नहीं लगाने पड़ेंगे। उज्जैन कलेक्टर रौशन सिंह के अनुसार हर साल बाबा महाकाल की सवारी वाले दिन बड़ी संख्या में भक्त उज्जैन पहुंचते हैं। ऐसे में स्कूलों की बस भीड़ में फंस जाती है और बच्चे और श्रद्धालु परेशान होते हैं। इसको लेकर जिला प्रशासन ने फैसला किया है कि मंदिर से निकलने वाली 5 सवारी के दिन स्कूलों का अवकाश रहेगा। इसकी जगह एक दिन पहले रविवार को स्कूल लगेंगे। इस बार 11 जुलाई से श्रावण का महीना शुरू हो रहा है। पहली सवारी 14 जुलाई को रहेगी।

Indore Airport को बम से उड़ाने की मिली धमकी, एयरपोर्ट और एयरलाइंस को किया अलर्ट

इंदौर  मध्य प्रदेश के आर्थिक शहर इंदौर के देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डे को एक बार फिर बम से उड़ाने की धमकी मिली है। धमकी देने वाले अज्ञात आरोपी ने एयरपोर्ट डायरेक्टर को किए मेल में कहा गया कि, एयरपोर्ट के बैकयार्ड में बारूद रखा है। धमकी भरा मेल मिलने के बाद एयरपोर्ट प्रबंधन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में एयरपोर्ट पर सर्चिंग ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन अबतक एयरपोर्ट पर कहीं भी कोई संदिग्ध वस्तु मिलने की पुष्टि नहीं हुई है। फिलहाल, पुलिस ने धमकी देने वाले अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।  एयरपोर्ट डायरेक्टर के आधिकारिक मेल आईडी पर आए धमकी भरे मेल में लिखा था- ‘बैकयार्ड में बारूद है।’ इसके बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हुई और बीडीएस की टीम और एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ ने जांच पड़ताल शुरू की, लेकिन छानबीन में कुछ नहीं मिला। जो मेल आया उसमें ‘किल यू कील’ से संबंधित मेल आईडी बताया जा रहा है। फिलहाल, एरोड्रम पुलिस ने धमकी देने वाले अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर साइबर टीम की मदद से आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। 6 महीने में तीसरी धमकी एडिशनल डीसीपी आलोक शर्मा के अनुसार, एयरपोर्ट डायरेक्टर की मेल आईडी पर अज्ञात व्यक्ति ने धमकी भरा मेल मिला है। जिसमें एयरपोर्ट के अंदर पॉवरफुल एक्सपोजर डिवाइस रखने की बात कही गई थी। इसे गंभीरता से लेते हुए पुलिस टीम सक्रिय कर दी गई है। बीडीएस टीम को बुलाकर चेकिंग की गई। सर्चिंग के बाद कुछ नहीं मिला। फिलहाल, एरोड्रम थाने में मामला दर्ज कर जांच में लिया गया है। वहीं उन्होंने बताया कि इस साल ये तीसरी बार धमकी मिली है। पुलिस इस संबंध में संवेदनशील है।  

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 75 छात्रोंको मिलेगा री-एग्जाम का मौका, एग्जाम सेंटरों पर बिजली गुल हुई थी

इंदौर  नीट यूजी की परीक्षा को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. NEET-UG परीक्षा में बिजली गुल होने के कारण 75 छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित की जाएगी. इसके लिए इंदौर हाईकोर्ट ने एनटीए को आदेश दिए हैं. बता दें कि 4 मई 2025 को हुई NEET-UG परीक्षा में बिजली कटौती की समस्या थी. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) को दोबारा परीक्षा कराने और जल्द रिजल्ट जारी करने के लिए हाइकोर्ट के आदेश दिए हैं. इसके तहत, केवल 3 जून 2025 से पहले याचिका दायर करने वाले 75 छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा होगी. ऐसे तय होगी रैंक बिजली कटौती के कारण परीक्षा में आई परेशानी के लिए जिन याचिकाकर्ताओं ने याचिका लगाई थी, उनकी परीक्षा दोबारा से आयोजित की जाएगी. इनकी रैंक केवल दोबारा होने वाली परीक्षा के अंकों पर आधारित होगी. कोर्ट के आदेश के अनुसार, केवल 3 जून 2025 से पहले याचिका दायर करने वाले 75 छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा होगी. जज ने कोर्ट की लाइट बंद करवाई जज ने मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में बिजली बंद करवाकर छात्रों की असुविधा का अनुभव किया. बिजली कटौती के कारण छात्रों को असुविधा हुई, जबकि उनकी कोई गलती नहीं थी. मामला 9 जून 2025 का है. इसमें NTA ने पावर बैकअप का दावा किया. छात्रों के वकील ने बताया कि कई केंद्रों पर जनरेटर और पर्याप्त रोशनी नहीं थी.

भारी बारिश और रेलवे ट्रैक के नान-इंटरलाकिंग व मेंटेनेंस कार्यों के चलते ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक लगाया

 भोपाल   देशभर में हो रही भारी बारिश और रेलवे ट्रैक के नान-इंटरलाकिंग व मेंटेनेंस कार्यों के चलते ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है। इसका सीधा असर राजधानी भोपाल पहुंचने वाली ट्रेनों पर पड़ा है। सोमवार को विभिन्न रूटों से भोपाल आने वाली कई ट्रेनें अपने निर्धारित समय से घंटों की देरी से पहुंचीं। इस देरी ने यात्रियों को काफी परेशान किया। भोपाल स्टेशन पर सबसे ज्यादा देरी से पहुंचने वाली ट्रेन 01704 रीवा-चर्लापल्ली एक्सप्रेस रही, जो 14 घंटे लेट आई। इस ट्रेन के बी-2 कोच में पानी खत्म हो जाने के कारण यात्रियों को दोगुनी परेशानी झेलनी पड़ी। यात्रियों ने ट्रेन के स्टाप्स पर रेल कर्मचारियों से शिकायत की, लेकिन समय पर समाधान नहीं मिल सका। बाद में यात्रियों ने रेलवे हेल्पलाइन और इंटरनेट मीडिया के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज कराई। रेलवे सूत्रों के अनुसार इन दिनों विभिन्न रेल मंडलों में नान इंटरलाकिंग कार्य और बारिश के कारण ट्रैक मरम्मत चल रहा है। इसके चलते भोपाल की ओर आने वाली ट्रेनें समय पर नहीं पहुंच रही हैं, विशेष रूप से पंजाब, दिल्ली और मुंबई रूट से आने वाली ट्रेनें सबसे अधिक प्रभावित रहीं। 25 फीसद वेटिंग टिकट के नियम से ट्रेनों में बनी नो-रूम की स्थिति इस बीच, ग्वालियर से खबर है कि रेल यात्रियों के लिए वेटिंग टिकट की नई व्यवस्था लागू होने से यहां से गुजरने वाली अधिकतर ट्रेनों में नो-रूम की स्थिति बन गई है। रेलवे के नए नियम के अनुसार अब ट्रेनों में सिर्फ 100 सीटों के बदले 25 वेटिंग टिकट जारी किए जाएंगे। ऐसे में अब 25 फीसद के ऊपर नो-रूम यानी वेटिंग टिकट भी लोगों को नहीं मिल रहे हैं। इसके चलते मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, जम्मू जैसे दूरदराज के शहरों को जाने वाली ट्रेनों में सफर करने के प्रयास करने वाले यात्रियों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि वे वेटिंग के टिकट ही नहीं ले पा रहे हैं। ग्वालियर से गुजरने वाली मंगला एक्सप्रेस, केरला एक्सप्रेस, भोपाल एक्सप्रेस, पातालकोट एक्सप्रेस, कर्नाटक एक्सप्रेस सहित एक दर्जन से अधिक ट्रेनों में अगले कई दिनों तक नो-रूम की स्थिति बनी हुई है। इसके चलते यात्री सिर्फ तत्काल टिकट के भरोसे हैं। यदि किसी व्यक्ति को आपात स्थिति में यात्रा करनी है, तो उसके पास सिर्फ जनरल श्रेणी में सफर करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। नई व्यवस्था से बुजुर्गों और महिलाओं को भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। उत्तर मध्य रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक आरक्षित कोचों में 25 प्रतिशत वेटिंग टिकट ही जारी किए जा रहे हैं ताकि आरक्षित श्रेणी में लोग आराम से यात्रा कर सकें। असुविधा से बचने के लिए यात्री वैकल्पिक ट्रेन या अनारक्षित श्रेणी में यात्रा कर सकते हैं।

राजा हत्याकांड: सभी आरोपियों से हो चुकी है कई राउंड की पूछताछ, अब तक साफ नहीं हुआ राजा की हत्या का मकसद

इंदौर  पूरे देश में चर्चा का विषय बने इंदौर के राजा रघुवंशी हत्याकांड में पुलिस जांच जारी है। इस बीच, राजा रघुवंशी के परिवार ने मांग की है कि हत्या का कारण अब तक स्पष्ट नहीं हुआ है, इसलिए सोनम रघुवंशी का नार्को टेस्ट हो चाहिए। राजा रघुवंशी का भाई विपिन ने मीडिया से चर्चा में कहा कि हमने पुलिस से कई बार नार्को टेस्ट की मांग की है, लेकिन यदि ऐसा नहीं हुआ तो हम हाई कोर्ट का रुख करेंगे। दुल्हन को चढ़ाये थे 17 लाख के आभूषण इस बीच, सोमवार को पुनः राजा रघुवंशी का भाई विपिन क्राइम ब्रांच पहुंचा। एसआइटी ने उनसे सोनम के लिए बनवाए आभूषण की लिस्ट मांगी। विपिन ने कहा कि हमने दुल्हन को करीब 17 लाख के आभूषण चढ़ाये थे। उसके फोटो भी पुलिस को दिए हैं। विपिन ने पुनः नार्को टेस्ट की मांग की। मेघालय आने वाले पर्यटकों को अब गाइड रखना अनिवार्य शिलांग से खबर है कि पर्यटकों की सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से मेघालय में अधिकारियों ने पूर्व खासी हिल्स जिले में आगंतुकों के लिए गाइड रखना अनिवार्य कर दिया है। यह आदेश इंदौर के व्यापारी राजा रघुवंशी की हत्या के एक महीने बाद आया है, जिसकी योजना उनकी पत्नी ने राज्य के सोहरा क्षेत्र में अपने हनीमून के दौरान बनाई थी। पूर्वी खासी पवर्तीय जिले की उपायुक्त रोसेटा एम कुरबाह ने एक आदेश में कहा कि सुरक्षा कारणों को देखते हुए, अब सभी पर्यटकों के लिए क्षेत्र में पर्वतारोहण के दौरान पंजीकृत गाइड की सेवाएं लेना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि अनिवार्य गाइड सेवाएं न केवल आगंतुकों के लिए बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी, बल्कि इससे अलग-थलग क्षेत्रों में खो जाने, चोट लगने या आपराधिक गतिविधियों का शिकार होने जैसी घटनाओं को रोकने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने राजा रघुवंशी हत्याकांड के बाद सुरक्षा संबंधी चिंताओं का हवाला दिया है। पर्यटन अधिकारियों ने कहा कि आदेश का सख्ती से पालन किया जाएगा तथा उल्लंघन करने वालों को जुर्माना भरना पड़ सकता है या उन्हें विभिन्न मार्गों पर जाने से रोका जा सकता है। प्रशासन ने निर्देश को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए अधिक प्रशिक्षित गाइड तैनात करने तथा स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर काम करने की भी योजना बनाई है।

2 किलो सोने का नया मुकुट पहनेंगे इंदौर खजराना गणेश, पुराने मुकुट में क्रैक के बाद लिया निर्णय

इंदौर  इंदौर के प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर में विराजित भगवान गणेश को अब नए स्वर्ण आभूषणों से श्रृंगारित किया जाएगा। इसको लेकर वर्तमान लगभग 7 किलो के सोने के आभूषणों को गलाकर नई डिजाइन में आभूषणों को तैयार किया जाएगा। जिनसे गणेश चतुर्थी पर खजराना गणेश का श्रृंगार किया जाएगा। इसके चलते जिला प्रशासन द्वारा गठित एक विशेष समिति ने बुधवार को जिला कोषालय में रखे गए पुराने स्वर्ण आभूषणों का निरीक्षण कर नए मुकुट और आभूषणों की रूपरेखा तय की। दो चरणों में तैयार होंगे नए आभूषण मंदिर के प्रमुख पुजारी पं. अशोक भट्ट ने बताया कि खजराना गणेश के पुराने आभूषणों को गलाकर ही नए स्वर्ण आभूषण तैयार किए जाएंगे। निर्माण कार्य को दो चरणों में किया जाएगा। पहले चांदी से मॉडल तैयार किया जाएगा, जिसमें सभी डिजाइन और माप की पुष्टि की जाएगी, फिर उसी आधार पर स्वर्ण आभूषण बनाए जाएंगे। चांदी के मॉडल बनाने में लगभग एक महीने का समय लगेगा। भगवान के पुराने सोने के एक मुकुट में क्रैक आ गया था, जिसके चलते नया सोने का मुकुट बनाने का निर्णय कुछ समय पहले लिया गया। इसके लिए एक समिति का भी गठन किया है। भगवान गणेश के साथ ही रिद्धि-सिद्धि और शुभ-लाभ के भी नए मुकुट तैयार किए जाएंगे। करीब 6-7 किलो सोने का भगवान गणेश का मुकुट तैयार किया जाएगा। बता दें, इंदौर का खजराना गणेश मंदिर लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है। रोजाना हजारों भक्त यहां भगवान के दर्शन को आते हैं। त्योहार पर ये संख्या काफी बढ़ जाती है। गणेश चतुर्थी, तिल चतुर्थी पर बड़ी संख्या में भक्त यहां भगवान के दर्शन करने आते हैं। इसके अलावा नए साल पर भी काफी संख्या में यहां भक्त आते हैं। वहीं, बुधवार और रविवार को भी यहां भक्तों की संख्या बाकी दिनों से ज्यादा रहती है। करीब 7 किलो है मौजूदा स्वर्ण आभूषणों का कुल वज़न पंडित भट्ट के अनुसार, भगवान गणेश सहित रिद्धि-सिद्धि और शुभ-लाभ की मूर्तियों के लिए कुल मिलाकर लगभग 7 किलो स्वर्ण आभूषण मौजूद हैं। इनमें शामिल हैं— भगवान गणेश के दो स्वर्ण मुकुट रिद्धि-सिद्धि के दो मुकुट और एक चंद्रिका शुभ-लाभ के दो मुकुट और स्वर्ण सिक्के इन सभी पुराने गहनों को गलाकर नए और भव्य स्वरूप में ढाला जाएगा। सबसे पहले भगवान गणेश का नया स्वर्ण मुकुट और चंद्रिका तैयार की जाएगी। गणेश चतुर्थी और तिल चतुर्थी पर होते हैं अलंकृत      हर साल गणेश चतुर्थी और तिल चतुर्थी के पावन अवसर पर भगवान को स्वर्ण आभूषण पहनाए जाते हैं। इसलिए समिति का प्रयास रहेगा कि नए मुकुट और आभूषण गणेश चतुर्थी तक तैयार हो जाएं ताकि इस वर्ष भगवान गणेश को नए स्वरूप में सजाया जा सके। इंदौर के ज्वेलर को सौंपी गई जिम्मेदारी पं. भट्ट ने बताया कि नए आभूषणों को इंदौर के ही एक प्रतिष्ठित ज्वेलर द्वारा तैयार किया जाएगा। सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए इस प्रक्रिया की निगरानी समिति के सदस्य और मंदिर ट्रस्ट के प्रतिनिधि करेंगे।  समिति ने निरीक्षण कर तैयार की कार्ययोजना  बुधवार को समिति के सदस्य कलेक्टर ऑफिस स्थित कोषालय पहुंचे और मौजूद सभी स्वर्ण आभूषणों का निरीक्षण कर नए आभूषण निर्माण की कार्ययोजना तैयार की। इस दौरान मंदिर के पुजारी, ट्रस्ट के सदस्य और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।

मनरेगा से 30 हजार से अधिक महिलाओं की निजी भूमि पर लगेंगे 30 लाख फलदार पौधे, 1000 करोड़ रुपए की राशि की जाएगी खर्च

एक बगिया माँ के नाम परियोजना 15 अगस्त से होगी शुरू : मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रधानमंत्री  मोदी के एक पेड़ मां के नाम अभियान से मिली प्रेरणा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव मनरेगा से 30 हजार से अधिक महिलाओं की निजी भूमि पर लगेंगे 30 लाख फलदार पौधे, 1000 करोड़ रुपए की राशि की जाएगी खर्च महिलाओं और स्व-सहायता समूहों की तरक्की का आधार बनेगी परियोजना भोपाल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वसहायता समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए पूरे देश में ज्ञान अभियान चलाया जा रहा है। पीएम श्री मोदी के एक पेड़ मां के नाम अभियान से प्रेरित होकर प्रदेश में भी नई परियोजना शुरू की जाएगी। राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और कई महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन अवसर पर स्वसहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए बड़ी घोषणा की है। प्रदेश में मनरेगा के माध्यम से “एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना चलाई जाएगी। परियोजना के अंतर्गत मनरेगा के माध्यम से प्रदेश की 30 हजार से अधिक स्व सहायता समूह की पात्र महिलाओं की निजी भूमि पर 30 लाख से अधिक फलदार पौधे लगाएं जाएंगे जो महिलाओं की आर्थिक तरक्‍की का आधार बनेंगे। 30 हजार एकड़ निजी भूमि पर किया जाएगा पौधारोपण प्रदेश की स्‍व-सहायता समूह की 30 हजार से अधिक महिलाओं की 30 हजार एकड़ निजी भूमि पर ‘’एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना के अंतर्गत पौधरोपण किया जाएगा। लगभग 1000 करोड़ रुपए की लागत से आजीविका संर्वद्धन के लिए 30 लाख उद्यानिकी पौधों का रोपण कर फलोद्यान का विकास किया जाएगा।परियोजना के तहत हितग्राहियों को पौधे, खाद, गड्‌ढे खोदने के साथ ही पौधों की सुरक्षा के लिए कटीले तार की फेंसिंग और सिंचाई के लिए 50 हजार लीटर का जल कुंड बनाने के लिए राशि प्रदान की जाएगी। साथ ही उद्यान के विकास के लिए महिला हितग्राहियों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा।  15 अगस्त से शुरू होगा अभियान “एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना अंतर्गत फलदार पौधारोपण का कार्य प्रदेश में 15 अगस्त से अभियान के रूप में शुरू होगा जो 15 सितंबर तक चलेगा। फलदार पौधरोपण की इच्छुक महिलाओं का होगा चयन “एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना के अंतर्गत आजीविका मिशन के स्‍व-सहायता समूह की ऐसी महिला सदस्‍य, जो फलदार पौधारोपण करने हेतु इच्‍छुक हों, का चयन किया जाएगा। चयनित महिला हितग्राही के नाम पर भूमि नहीं होने की दशा में उस महिला के पति-पिता-ससुर-पुत्र की भूमि पर उनकी सहमति के आधार पर पौधरोपण किया जाएगा। अत्याधुनिक तकनीक से किया जाएगा स्थल चयन “एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना अंतर्गत पौधरोपण के लिए स्थल का चयन अत्याधुनिक तकनीक (सिपरी सॉफ्टवेयर) के माध्यम से किया जाएगा। स्थल चयन के लिए सिपरी सॉफ्टवेयर के माध्यम से चयनित हितग्राही की भूमि का परीक्षण किया जाएगा। साथ ही तकनीक के माध्यम से जलवायु, कौन सा फलदार पौधा जमीन के लिए उपयुक्त है, पौधा किस समय और कब लगाया जाएगा इसका भी सिपरी सॉफ्टवेयर के माध्यम से पता लगाया जाएगा। उपयोगी जमीन नहीं पाए जाने पर पौधरोपण का कार्य नहीं होगा।  

मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा कि जिस तरह झाबुआ जिले में ‘मोटी आई’ के कन्सेप्ट से कुपोषण में कमी हुई है

एक दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न भोपाल  महिला बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने कहा कि प्रदेश में पोषण ट्रेकर एप के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पंजीकृत बच्चों के शारीरिक माप (ऊंचाई, वजन एवं आयु के अनुपात में पोषण स्थिति) से संबंधित आंकड़ों का सतत विश्लेषण किया जा रहा है। इन आकड़ों के आधार पर राज्य में पोषण स्तर में सुधार के लिए त्वरित एवं क्षेत्र विशेष की आवश्यकता अनुसार कार्ययोजना बनाई जा रही है। मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा कि पोषण ट्रेकर ऐप न केवल बच्चों के शारीरिक माप बल्कि बच्चों के कुपोषण की स्थिति में बोनापन, कम वजन की पहचान में भी सहायक है। इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि निचले स्तर के अमले इस ऐप का उपयोग सही तरीके से कर रहे है अथवा नहीं। इसके लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, सुपरवाइजर सभी को तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय करनी होगी। उन्होंने कहा कि निरंतर मॉनिटरिंग करने से त्रुटि को पकड़ा जा सकेगा। मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा कि जिस तरह झाबुआ जिले में 'मोटी आई' के कन्सेप्ट से कुपोषण में कमी हुई है। इसी तरह अधिकारियों को नवाचार करना चाहिए। हर बच्चे का रिकार्ड रखें, उनकी निगरानी करें और अधिक कमजोर बच्चों को चिकित्सीय सहयोग उपलब्ध कराएं। अपर मुख्य सचिव महिला बाल विकास श्रीमती रश्मि अरूण शमी ने कहा कि पोषण ट्रेकर ऐप के आँकड़े और वास्तविक आँकड़ों मे फर्क इसलिए दिखता है क्योंकि हम सही मॉनिटरिंग नहीं कर रहे है। हर स्तर पर डेटा की मॉनिटरिंग होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पहला राज्य है जहॉ बालिकाओं के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना शुरू कि गई, महिलाओं को हर महीने लाड़ली बहना के तहत निश्चित राशि अंतरित की जा रही है, पर इस बात की मॉनिटरिंग भी होनी चाहिए कि महिलाएं इस राशि का उपयोग कर अपने बच्चों के पोषण पर ध्यान रख रही है अथवा नहीं। अपर मुख्य सचिव श्रीमती शमी ने कहा कि यह कार्यशाला डिजिटल इंडिया मिशन के अनुरूप एक डेटा-ड्रिवन अप्रोच के द्वारा प्रदेश के बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने और उन्हें सुपोषण की ओर ले जाने मे महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। आयुक्त महिला बाल विकास श्रीमती सूफिया फारूकी वली ने कहा कि कुपोषण एक बड़ी समस्या है जिसके अनेक कारण है। जिस क्षेत्र मे कुपोषण के आँकडे बड़े हुए है, वहां पर संबंधित अधिकारी को हर स्तर पर इसकी जाँच करना होगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी को एनआरसी की पूरी जानकारी होना चाहिए कि उसमें कितने बेड खाली है, डॉक्टर्स से निरंतर बात कर SAM, MAM बच्चों की जानकारी लें। कुपोषण को दूर करने लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय अत्यन्त महत्वपूर्ण है। आयुक्त श्रीमती वली ने कहा कि पोषण ट्रेकर ऐप में सही उपयोग से कुपोषण की पहचान करना, समय पर हस्तक्षेप करना और कुपोषण को कम करना संभव है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों जैसे स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के बीच कनर्वेजेन्स सुनिश्चित करके अधिक प्रभावी ढंग से काम किया जा सकता है। इस अवसर पर संयुक्त संचालक श्रीमती स्वर्णिमा शुक्ला ने पीपीटी के माध्यम से पोषण ट्रेकर ऐप तथा कुपोषण की जिले वार स्थिति की जानकारी दी। कार्यशाला में विभागीय अधिकारियों को भारत सरकार के पोषण ट्रेकर ऐप एवं राज्य स्तर से क्रियान्वित संपर्क ऐप के बारे में तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया गया।  

मंत्री श्रीमती उइके पर लगाए गए आरोप मनगढ़ंत और तथ्यहीन

प्रमुख अभियंता की तथ्यात्मक रिपोर्ट में शिकायत पाई गई निराधार  जल जीवन मिशन अंतर्गत किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई है मंत्री श्रीमती उइके पर लगाए गए आरोप मनगढ़ंत और तथ्यहीन भोपाल  प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी संजय कुमार अंधवान ने जल जीवन मिशन के संबंध में प्राप्त शिकायत का परीक्षण कर बताया कि शिकायतकर्ता किशोर समरीते द्वारा लगाए गए सभी आरोप तथ्यहीन, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण हैं। शिकायत में कोई भी साक्ष्य संलग्न नहीं किए गए थे, बल्कि सूचना के अधिकार के तहत विभागीय अधिकारी द्वारा पूर्व में भेजे गए पत्र को ही आधार बनाया गया। प्रमुख अभियंता ने स्पष्ट किया कि बालाघाट खंड के कार्यपालन यंत्री द्वारा स्वयं शिकायतकर्ता को यह जानकारी दी गई थी कि जल जीवन मिशन अंतर्गत किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई है। इसके बावजूद उन्हीं जानकारियों को तोड़-मरोड़कर सार्वजनिक शिकायत के रूप में प्रस्तुत किया गया जिसमें कोई नया तथ्य या प्रमाण नहीं है। प्रमुख अभियंता कार्यालय ने स्पष्ट किया कि जल जीवन मिशन की योजनाओं का क्रियान्वयन फील्ड स्तर पर किया जाता है तथा भुगतान भी स्थानीय खंड कार्यालय द्वारा माप पुस्तिका के सत्यापन के उपरांत होता है। ऐसे में प्रमुख अभियंता या उनके कार्यालय के कर्मचारी पर आरोप लगाना निरर्थक है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती संपतिया उइके पर भी जो आरोप लगाए गए हैं वे पूर्णतः असंगत हैं। मुख्य अभियंता (मैकेनिकल संकाय) द्वारा कोई निविदा जारी नहीं की जाती, अतः उन पर लगाए गए किसी भी प्रकार के आरोप तथ्यों से परे हैं। प्रमुख अभियंता ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि जल जीवन मिशन अंतर्गत अब तक मध्यप्रदेश के 70 प्रतिशत से अधिक परिवारों को नल से जल उपलब्ध कराया जा चुका है और शेष कार्य प्रगति पर हैं। योजनाओं की पूर्णता के उपरांत ही भारत सरकार को उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजे जाते हैं, जिसकी प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और नियंत्रित है। सभी तथ्यों के परीक्षण और विभागीय प्रक्रियाओं के अवलोकन के बाद यह स्पष्ट रूप से प्रमाणित हुआ है कि शिकायत मनगढ़ंत, तथ्यहीन और दुर्भावनापूर्ण मंशा से प्रेरित है।