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उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने दैनिक समय के संपादक के निधन पर व्यक्त किया शोक

भोपाल उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने दैनिक समय, शहडोल के संपादक श्री चन्द्रशेखर त्रिपाठी शास्त्री के निधन पर गहन शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि स्व. त्रिपाठी शास्त्री का निधन पत्रकारिता जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। समाज और क्षेत्र के विकास में उनके योगदान को सदैव स्मरण किया जाएगा। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने एवं शोकाकुल परिवार को यह अपार दुःख सहन करने की शक्ति देने की ईश्वर से प्रार्थना की है। 

डॉक्टर भ्रष्टाचारी, मैं बेचता हूं नकली दवाएं: रीवा का वायरल वीडियो जगाए सवाल

रीवा रीवा में एक मेडिकल स्टोर संचालक के वायरल हुए वीडियो ने शासन और प्रशासन में गुरुवार को हड़कंप मचा कर रख दिया है। वायरल हुए वीडियो में ना सिर्फ मेडिकल स्टोर के संचालक ने मेडिकल दवाओं पर डॉक्टर्स द्वारा खेले जाने वाले कमीशन बाजी के खेल का भंडाफोड़ किया, बल्कि उसने खुद सस्ती दवाओं को महंगे दर पर बेचने सहित नकली दवा रखने की बात स्वीकार की थी। फिलहाल इस वीडियो के वायरल होते ही ना सिर्फ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया बल्कि प्रशासनिक महकमा भी सकते में आ गया। ड्रग विभाग की जांच शुरू फिलहाल वीडियो वायरल होने के चंद घंटे बाद ही ड्रग विभाग सहित स्वास्थ्य और प्रशासनिक अमला मेडिकल स्टोर जा पहुंचा और वायरल वीडियो में मेडिकल स्टोर द्वारा कही गई बातों की सच्चाई का पता लगाने जांच शुरू कर दी। फिलहाल जांच जारी होने तक के लिए मेडिकल स्टोर को सील कर दिया गया है। दरअसल मामला रीवा शहर के प्रतिष्ठित अन्नपूर्णा मेडिकल स्टोर का है। बता दे कि यह वही मेडिकल स्टोर है जहां से लोकल स्तर पर मेडिकल कॉलेज में दवाइयां सप्लाई की जाती हैं।   प्रशासन ने सील किया मेडिकल स्टोर फिलहाल मेडिकल स्टोर संचालक का वीडियो वायरल होते ही प्रशासन ने उसे सील कर दिया है और जांच कर कार्यवाही करने की बात कर रहा है। मौके पर पहुंचे जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि अन्नपूर्णा मेडिकल स्टोर संचालक के वायरल वीडियो मामले को कलेक्टर ने स्वतः संज्ञान में लेते हुए टीम का गठन कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बताया गया की टीम में तीन ड्रग इंस्पेक्टर सहित कई प्रशासनिक अधिकारी व खुद जिला स्वास्थ्य अधिकारी शामिल है। शुरुआती जांच में जांच टीम ने मेडिकल स्टोर पहुंचकर खरीदी बिक्री के दस्तावेज जब्त किए हैं, साथ ही आगे की कार्रवाई के लिए दुकान को कार्यवाही तक के लिए सील कर दिया गया है। सीएमएचओ ने कहा है कि वीडियो में उल्लेख की गई सभी बातों की सच्चाई का पता लगाने का प्रयास किया जाएगा, फिलहाल मामले को जांच में लिया गया है जो फिलहाल अभी जारी है।रीवा में मेडिकल दवाओं पर कमीशनबाजी और सस्ती दवाओं को महंगे दर पर बेचने सहित नकली दवा के रखने का आरोप लगा है।

भाईदूज हमारी संस्कृति की आत्मा, भाई-बहन के स्नेह और अपनत्व का है प्रतीक: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

बहनों की मुस्कान ही सरकार की पूंजी है : मुख्यमंत्री डॉ. यादव भाईदूज हमारी संस्कृति की आत्मा, भाई-बहन के स्नेह और अपनत्व का है प्रतीक सरकार बहनों के सम्मान, सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए निरंतर कर रही है काम बहनें लक्ष्मी, सरस्वती और पार्वती का हैं समग्र रूप लाड़ली बहना योजना है बहनों की समृद्धि का सीधा मार्ग अब तक 29 किश्तों में सरकार ने बहनों को दिए हैं करीब 45 हजार करोड़ रूपए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुख्यमंत्री निवास पर बहनों के साथ मनाया भाईदूज पर्व भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भाईदूज हमारी भारतीय संस्कृति की आत्मा है। यह पर्व भाई और बहन के सहोदर स्नेह, परस्पर अपनत्व का प्रतीक है। भाईदूज भाई-बहन के पवित्र बंधन के नैसर्गिक संरक्षण और पारिवारिक जीवन मूल्यों को मजबूत बनाता है। यह पर्व भारतीय समाज की उस देशज परम्परा का निर्वहन है, जहां बहन के स्नेह में भाई का नैतिक दायित्व और जीवन पर्यन्त रक्षा का संकल्प निहित होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाईदूज का यह पर्व न केवल भाई-बहन के स्नेह का उत्सव है, बल्कि सामाजिक एकता, नारी सम्मान के साथ हमारे पारिवारिक जीवन मूल्यों के संरक्षण का प्रतीक भी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास परिसर में आयोजित (भातृ द्वितीया/यम द्वितीया) भाईदूज के विशेष कार्यक्रम में बहनों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बहनों के साथ आत्मीय संवाद कर सभी को भाईदूज की शुभकामनाएं दीं। प्रदेश की बहनों के साथ संवाद के दौरान उनसे राज्य सरकार की योजनाओं, उपलब्धियों और भावी प्राथमिकताओं की जानकारी भी साझा की। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे लाड़ली बहनों के रूप में 1 करोड़ 26 लाख से अधिक बहनें मिली हैं। हम बहनों के जीवन में नई रोशनी, नई खुशी जोड़ रहे हैं। प्रदेश की सभी लाडली बहनों को अब हर माह 1500 रुपए मिलेंगे। बहनों के लिए सरकार के खजाने में कोई कमी नहीं है। बहनों के शब्द और उद्गार सुनकर अभिभूत हूं। हमारी बहनें लक्ष्मी, सरस्वती और पार्वती का समग्र रूप हैं। मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा प्रदेश है, जहां लाड़ली बहना योजना से हमारी बहनें हर महीने राखी और भाईदूज मनाती हैं। उन्होंने कहा कि लाड़ली बहना योजना प्रदेश की बहनों की समृद्धि का सीधा मार्ग है। किसी भी जरूरत के वक्त लाड़ली बहनों को इस योजना से बड़ा संबल और सहयोग मिला है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की लाड़ली बहनों को हमारी सरकार अब तक 29 किश्तों में करीब 45 हजार करोड़ रुपए की सहायता राशि दे चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बहनों की मुस्कान ही मध्यप्रदेश की और हमारी सरकार की जमा पूंजी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भाईदूज के पावन पर्व पर सभी लाड़ली बहनों पर पुष्पवर्षा कर भाईदूज की बधाई देकर मुख्यमंत्री निवास में आत्मीय स्वागत किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित बहनों ने मुख्यमंत्री को तिलक लगाया, साफा पहनाया, नारियल भेंट कर अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बहनों को उपहार भेंट दी और मिठाई खिलाकर आभार जताया। कार्यक्रम में मौजूद लाड़ली बहनों ने भाई-बहन के प्रेम और स्नेह पर केन्द्रित निमाड़ी लोकगीत गाये, नृत्य किया और परम्परागत स्वर लहरियों की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम स्थल को अपनत्व से भाव-विभोर कर दिया। लाड़ली बहनों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का तिलक कर उनकी दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य एवं प्रदेश की खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बहनों का आशीर्वाद सदैव सरकार के साथ है। इसी कारण हम निर्भय होकर काम कर पाते हैं। आज बड़े सौभाग्य का दिन है। प्रदेश का मुख्यमंत्री निवास बहनों का घर बना है। बहनों के माध्यम से दो परिवार एक साथ जुड़ते हैं। बहनों का हृदय विशाल है। वे शादी के बाद नए घर में जाकर नए माता-पिता के साथ रहती हैं। सनातन संस्कृति में उन्हें जगदंबा और लक्ष्मी का रूप कहा जाता है। वे परेशानी के समय परिवार के साथ सदैव चट्टान की तरह खड़ी रहती है। प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी बहनों की ताकत 2029 में और बढ़ेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर वीरांगनाओं को भी याद करते हुए कहा कि रानी दुर्गावती ने अपने शौर्य के बल पर मुगलों के साथ 52 युद्ध लड़े। रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों से लोहा लिया और रानी अवंति बाई लोधी जैसी अनेक देवियों ने देश और प्रदेश का मान बढ़ाया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भाई दूज का पर्व भगवान श्रीकृष्ण और उनकी प्यारी बहन सुभद्रा के परस्पर स्नेह सहित यमराज और उनकी बहन से जुड़ी एक कहानी से प्रारंभ होता है। जो रक्षाबंधन का महत्व है, वही भाईदूज का भी महत्व है। राज्य सरकार ने रोजगारपरक नीति तैयार कर बहनों को उद्योग में काम करने पर 5 हजार रुपए की राशि अतिरिक्त सहायता के रूप में देने का निर्णय लिया है। अगर बहनें अपना उद्योग स्थापित करें, तो उन्हें 2 प्रतिशत की छूट अलग से दी जा रही है। बहनों के नाम पर मकान, दुकान और जमीन की रजिस्ट्री कराने पर अलग से छूट दिये जाने का प्रावधान है। बहनें अपना उद्योग स्थापित करें और समृद्ध बने। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रदेश की लाड़ली बहनों को नि:शुल्क आवास प्रदान किए। उनका खुद का घर नहीं है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में देशभर में बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री निवास बहनों के लिए सदैव खुला है। मुख्यमंत्री निवास बहनों का अपना मायका है। सैकड़ों बहनों ने अपनी चरण रज से आज फिर मेरे आंगन को धन्य कर दिया है। ईश्वर हमारी सभी बहनों का घर खुशियों से भर दे। आप हमारी लाड़ली और हम आपके लाड़ले बने रहें। यह ऐतिहासिक भाईदूज मध्यप्रदेश की लाड़ली बहनों को समर्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा, शिक्षा और स्वावलंबन को अपनी नीति के केंद्र में रखा है। लाड़ली लक्ष्मी योजना, लाड़ली बहना योजना, महिला स्व-सहायता समूहों के सशक्तिकरण, मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना जैसी योजनाओं से महिलाओं के जीवन स्तर में व्यापक सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि प्रदेश की हर बहन आत्मनिर्भर … Read more

सरकार का फैसला: कृषकों के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसल ऋण योजना रहेगी जारी

शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषकों को फसल ऋण दिये जाने की योजना को निरंतर रखे जाने का निर्णय सतत् विकास लक्ष्य एसडीजी मूल्यांकन योजना का अनुमोदन 5 जिला चिकित्सालय में बिस्तरों की संख्या में उन्नयन एवं 810 नए पद सृजित करने की स्वीकृति निवर्तन के लिए भूखण्ड का आरक्षित मूल्य कलेक्टर गाइडलाइन के 100 प्रतिशत क्षेत्रफल पर तय किये जाने का निर्णय मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक गुरूवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए सहकारी बैंकों के माध्यम से शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषकों को अल्पावधि फसल ऋण दिये जाने की योजना को निरंतर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी। खरीफ 2025 सीजन की ड्यू डेट 28 मार्च, 2026 और रबी 2025-26 सीजन की ड्यू डेट 15 जून 2026 नियत की गयी है। योजनान्तर्गत खरीफ एवं रबी सीजन की निर्धारित तिथि (ड्यू डेट) तक ऋण की अदायगी करने वाले किसानों से प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) द्वारा 3 लाख रूपये तक के दिये गये अल्पावधि फसल ऋण पर कोई ब्याज नहीं लिया जायेगा। राज्य शासन द्वारा सभी किसानों के लिए 1.5 प्रतिशत सामान्य ब्याज अनुदान और निर्धारित ड्यू डेट तक ऋण की अदायगी करने वाले किसानों को 4 प्रतिशत प्रोत्साहन स्वरूप अतिरिक्त ब्याज अनुदान दिया जायेगा। वर्तमान वर्ष में 23 हजार करोड़ रूपये वितरण का लक्ष्य रखा गया हैं। एसडीजी मूल्यांकन योजना का अनुमोदन मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में सतत् विकास लक्ष्यों के क्रियान्वयन के लिए "एसडीजी (सतत् विकास लक्ष्य) मूल्यांकन योजना" को आगामी 5 वर्षों (वर्ष 2025-30 तक) के लिए स्वीकृत किये जाने का निर्णय लिया गया है। योजना अंतर्गत सतत् विकास के लक्ष्यों का राज्य, जिला एवं विकासखंड स्तर पर स्थानीयकरण, क्रियान्वयन, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन सुनिश्चित किया जाएगा। प्रदेश के सभी जिलों के सतत् विकास लक्ष्यों और उनके संकेतक के आधार पर डैशबोर्ड के माध्यम से रैंकिंग तय की जायेगी। डैशबोर्ड आधारित रैंकिंग अनुसार दो शीर्ष प्रदर्शन किये जाने वाले जिलों को पुरस्कार राशि का वितरण किया जाएगा। प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले जिले को 1 करोड़ रुपए और द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले जिले को 75 लाख रुपए की वित्तीय सहायता का वार्षिक प्रावधान किया जाएगा। चयनित जिला अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 17 सतत् विकास लक्ष्यों में से किसी भी लक्ष्य में सुधार के लिए पुरस्कार राशि का उपयोग कर सकता है। प्रदेश के ऐसे जिले जिनका रैंकिंग में प्रदर्शन कमजोर स्तर का होगा, उन्हें प्रदेश में चल रही कल्याणकारी योजनाओं की सहायता से विकास की मुख्य धारा में सम्मिलित किया जायेगा, जो प्रदेश के समग्र विकास में सहायक होगा। योजना पर 19 करोड़ 10 लाख रूपये (3 करोड़ 82 लाख प्रतिवर्ष) का अनुमानित व्यय होगा। उल्लेखनीय है कि योजना अंतर्गत सतत् विकास लक्ष्य, जिन्हें वैश्विक लक्ष्य भी कहा जाता है, वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2030 तक के 17 अंतर्राष्ट्रीय लक्ष्यों को तय किया गया है। सतत् विकास लक्ष्यों का उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय संतुलन स्थापित करना है। इसी तारतम्य में मध्यप्रदेश शासन द्वारा तैयार किया गया "विकसित मध्यप्रदेश@ 2047 दृष्टिपत्र" राज्य के दीर्घकालिक विकास की ठोस रूपरेखा प्रस्तुत करता है। "एसडीजी (सतत् विकास लक्ष्य) मूल्यांकन योजना विकसित मध्यप्रदेश और विकसित भारत के निर्माण के आधार में सहायक होगी। चिकित्सालयों में बिस्तरों की संख्या का उन्नयन और नए पद सृजन की मंजूरी मंत्रि-परिषद द्वारा जिला चिकित्सालय टीकमगढ़, नीमच, सिंगरौली, श्योपुर एवं डिण्डौरी में 800 बिस्तरों का उन्नयन और चिकित्सालयों के संचालन के लिए 810 नए पद की स्वीकृति प्रदान की गई। इसमें 543 नियमित, 04 संविदा एवं आउटसोर्सिंग एजेन्सी के माध्यम से 263 पदों की स्वीकृति दी गयी हैं। पदों के सृजन पर वार्षिक व्यय 39 करोड़ 50 लाख रूपये की भी स्वीकृति दी गयी। स्वीकृति अनुसार जिला चिकित्सालय टीकमगढ़ में बिस्तर की संख्या 300 से बढ़ाकर 500, नीमच में 200 से बढ़ाकर 400, सिंगरौली में 200 से बढ़ाकर 400, श्योपुर में 200 से बढ़ाकर 300 और जिला चिकित्सालय डिंडौरी में बिस्तरों की संख्या 100 से बढ़ाकर 200 की गयी है। मालथौन कनिष्ठ खण्ड न्यायालय की स्थापना और नवीन पद की स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा रजिस्ट्रार उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश जबलपुर के न्यायिक जिला सागर की तहसील मालथौन में व्यवहार न्यायाधीश, कनिष्ठ खण्ड स्तर के एक नवीन पद और उनके अमले अंतर्गत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के 6 पद इस प्रकार कुल 7 नवीन पदों का सृजन किये जाने का निर्णय लिया गया हैं। निवर्तन के लिए भूखण्ड का आरक्षित मूल्य कलेक्टर गाइडलाइन के 100 प्रतिशत क्षेत्रफल पर तय किये जाने का निर्णय मंत्रि-परिषद द्वारा निवर्तन के लिए भूखण्ड का आरक्षित मूल्य कलेक्टर गाईडलाईन अनुसार शत-प्रतिशत क्षेत्रफल पर तय किये जाने का निर्णय लिया गया है। इससे राज्य शासन को अधिक राजस्व प्राप्त होगा। निर्णय अनुसार पुनर्घनत्वीकरण नीति 2022 की कंडिका 10.11 में संशोधन कर ऑफसेट मूल्य के निर्धारण में बदलाव की स्वीकृति दी गई। पहले 60% क्षेत्रफल और 100% कलेक्टर गाइडलाइन रेट पर ऑफसेट मूल्य का निर्धारण होता था, अब 100% क्षेत्रफल और 100% कलेक्टर गाइडलाइन रेट पर ऑफसेट मूल्य का निर्धारण होगा। इससे विकास कार्यों के लिये अधिक राशि उपलब्ध होगी।  

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने दिए निर्देश: रीवा एयरपोर्ट के विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लिए शीघ्र तैयार हो प्रस्ताव

रीवा एयरपोर्ट के विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लिए शीघ्र बनायें प्रस्ताव : उप मुख्यमंत्री  शुक्ल विंध्य क्षेत्र के औद्योगिक विकास का महत्वपूर्ण केंद्र रीवा भोपाल उप मुख्यमंत्री  राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि विंध्य क्षेत्र में विकास की गति तेज़ हुई है और औद्योगिक विस्तार निरंतर गति पकड़ रहा है। रीवा एयरपोर्ट का विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण समय की आवश्यकता है। उप मुख्यमंत्री  शुक्ल ने मंत्रालय में विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि रीवा एयरपोर्ट के रनवे को बड़ा करने और आवश्यक अधोसंरचना विकास के लिए विस्तृत प्रस्ताव शीघ्र तैयार किया जाये। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के साथ नियमित सामंजस्य बनाकर कार्यवाही को गति दी जाये। उप मुख्यमंत्री  शुक्ल ने बताया कि रीवा एयरपोर्ट वर्तमान में एटीआर-72 विमान के संचालन के लिए लाइसेंस प्राप्त है और नाइट लैंडिंग की सुविधा से युक्त है। उन्होंने कहा कि हवाई सेवाओं की बढ़ती मांग को देखते हुए एयरपोर्ट के रनवे विस्तार और सुविधाओं के उन्नयन की दिशा में त्वरित कदम उठाए जाना आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि नई एविशन नीति के अंतर्गत रीवा एयरपोर्ट के लिए दो एयरलाइन मार्गों के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं जिन्हें शीघ्र अंतिम रूप दिए जाने की आवश्यकता है। इस संबंध में उन्होंने तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए ताकि रीवा की हवाई सेवाओं के विस्तार में विलंब न हो। उप मुख्यमंत्री  शुक्ल ने कहा कि रीवा एयरपोर्ट के सुदृढ़ीकरण से विंध्य क्षेत्र में औद्योगिक निवेश, पर्यटन और व्यापारिक गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा। इससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी सशक्त होगी और स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। बैठक में अपर मुख्य सचिव (एविएशन)  संजय कुमार शुक्ला, आयुक्त (एविएशन)  चंद्रमौली शुक्ला, उप सचिव (एविएशन)  कैलाश बुंदेला और निदेशक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया भोपाल  रामजी अवस्थी उपस्थित थे।  

मैहर में हेल्पलाइन ग्रेडिंग बढ़ाने के लिए फर्जी शिकायतें, SP ने दो पुलिसकर्मियों को किया निलंबित

मैहर प्रदेशभर में जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए शुरू की गई सीएम हेल्पलाइन 181 अब कुछ जिम्मेदार पुलिसकर्मियों की ही फर्जीवाड़े का शिकार हो गई है. मामला मैहर जिले के अमरपाटन थाना क्षेत्र का है, जहां पदस्थ प्रधान आरक्षक रवि सिंह और आरक्षक संतोष राय पर हेल्पलाइन में झूठी शिकायत दर्ज करवाने का गंभीर आरोप लगा है. बताया जा रहा है कि दोनों पुलिसकर्मियों ने थाना ग्रेडिंग में नम्बर एक पर आने की लालसा में यह पूरा फर्जीवाड़ा किया. ये है मामला  जानकारी के अनुसार दीपावली के दौरान अमरपाटन के लंका मैदान में पटाखा दुकानों की जांच के दौरान दोनों आरक्षक वहां पहुंचे और दुकानदारों से मोबाइल लेकर खुद ही सीएम हेल्पलाइन 181 पर कॉल कर दी. कॉल सेंटर पर उन्होंने खुद को दुकानदार बताकर पुलिस पर ही गाली-गलौज और मारपीट की झूठी शिकायत दर्ज करवा दी. इतना ही नहीं शिकायत बंद करवाने के लिए इन पुलिसकर्मियों ने अपने दूसरे मोबाइल नंबर को संपर्क नंबर के रूप में दर्ज करवा दिया ताकि ओटीपी प्राप्त कर शिकायत निपटान दिखाकर ग्रेडिंग बढ़ाई जा सके. यह फर्जी खेल करीब पांच दुकानदारों अहमद रजा, मोहम्मद फिरोज, इरफान, मोहम्मद वसीम अकरम और अब्दुल मजीद के मोबाइल से किया गया. दुकानदारों ने दिया ये बयान  दुकानदारों ने बताया कि उनके द्वारा कोई शिकायत नहीं की गई थी, बल्कि पुलिसकर्मियों ने मोबाइल लेकर खुद ही कॉल कर दी. अब इस पूरे मामले का एक ऑडियो भी सामने आया है, जिससे दोनों आरक्षकों की करतूत उजागर हो गई है. मामले को संज्ञान में लेते हुए मैहर एसपी अवधेश प्रताप सिंह ने दोनों आरक्षक रवि सिंह और संतोष राय को लाइन हाजिर किया है. बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पहले ही निर्देश दे चुके हैं कि सीएम हेल्पलाइन में फर्जी शिकायत करने वालों पर एफआईआर दर्ज की जाए. अब देखना यह होगा कि क्या अमरपाटन थाने में पदस्थ इन पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई होती है या मामला दबा दिया जाता है. ग्रेडिंग में फर्स्ट आने की झूठी शिकायत आरोप है कि अमरपाटन थाने में पदस्थ इन दोनों पुलिसकर्मियों ने सीएम हेल्पलाइन की ग्रेडिंग में नंबर एक पर आने के लिए 181 सीएम हेल्पलाइन पर झूठी शिकायतें दर्ज करई थीं। उन्होंने पटाखा दुकानदारों के मोबाइल फोन लेकर स्वयं को फर्जी कॉलर बताते हुए गाली-गलौज और मारपीट की शिकायतें दर्ज कराईं। यहां तक कि कॉल सेंटर पर मौजूद एग्जीक्यूटिव से यह भी कहा कि पुलिस उनकी शिकायत दर्ज नहीं कर रही है। पटाखा दुकानदारों के मोबाइल से की शिकायत इन पुलिसकर्मियों ने लगभग पांच पटाखा दुकानदारों के मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर ऐसी शिकायतें दर्ज कराई थीं। साथ ही, प्रधान आरक्षक रवि सिंह और आरक्षक संतोष राय ने इन सभी सीएम हेल्पलाइन शिकायतों पर अपना दूसरा संपर्क नंबर भी दर्ज कराया, ताकि वे शिकायतें बंद कराने के लिए ओटीपी प्राप्त कर सकें और अमरपाटन थाना मैहर जिले में सीएम हेल्पलाइन बंद कराने की ग्रेडिंग में शीर्ष पर आ सके। ऑडियो भी आया सामने इस मामले में फर्जी शिकायत करने वाले आरक्षक का एक ऑडियो भी सामने आया है। इसके अलावा, शिकायत नंबर भी सार्वजनिक हुए हैं और दुकानदारों ने स्पष्ट रूप से बताया है कि उन्होंने कोई सीएम हेल्पलाइन शिकायत दर्ज नहीं की थी, बल्कि दो पुलिसकर्मी आए और मोबाइल मांगकर शिकायत दर्ज कर दी।

कारखानों और वाणिज्यिक संस्थानों में श्रमिकों के लिए बोनस भुगतान अनिवार्य किया गया

भोपाल         श्रम विभाग द्वारा राज्य में संचालित समस्त कारखानों और वाणिज्यिक संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों के लिए बोनस भुगतान अधिनियम 1965 के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे संस्थान जहां बीस या इससे अधिक श्रमिक कार्यरत हैं और जिनका मासिक वेतन 21 हजार रूपये से कम है, उन्हें बोनस भुगतान किया जाना जरूरी है। अधिनियम के अनुसार हर लेखा वर्ष में किए गए कार्य के बोनस का भुगतान आगामी लेखा वर्ष में 30 नवंबर तक किया जाना चाहिए।  बोनस की राशि 7000 रूपये अथवा 8.33% जो भी अधिक हो वह देय होगी। उप श्रम आयुक्त श्री आशीष पालीवाल ने बताया है कि उक्त बोनस का भुगतान न होने की स्थिति में अपनी शिकायत संबंधित जिला श्रम कार्यालय में, एल.सी.एम. एस.पोर्टल पर, शासन द्वारा संचालित cmhelpline पोर्टल 181 पर अथवा श्रम विभागीय टोल फ्री नंबर 18002338888 पर दर्ज करवा सकते हैं।  

मध्य प्रदेश में श्रमिकों की आयु गणना के लिए जारी किए नए निर्देश

भोपाल मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना अंतर्गत श्रमिक की आयु गणना के लिये श्रम विभाग द्वारा नवीन निर्देश जारी किये गये हैं। अब आयु गणना के लिये "आधार कार्ड के आधारपर" शब्द विलोपित किया गया है। आयु के प्रमाण के लिये परीक्षा लेने वाले बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान किया गया प्रमाण पत्र या अंकसूची या उस अंतिम विद्यालय द्वारा, जिसमें उसने अध्ययन किया, जारी किया गया विद्यालय छोड़ने का प्रमाण पत्र मान्य होगा। इसी तरह जन्म तथा मृत्यु के रजिस्ट्रार से प्रमाण पत्र एवं ग्राम पंचायत या मुख्य नगर पालिका अधिकारी से प्रमाण पत्र मान्य होगा। श्रम विभाग के अतिरिक्त सचिव श्री बसंत कुर्रे ने बताया है कि उपरोक्त प्रमाण-पत्रों के न होने पर उस चिकित्‌सा अधिकारी का प्रमाण पत्र, जो शासकीय सेवा में सहायक शल्य चिकित्सक की पदश्रेणी से निम्न पद श्रेणी का न हो का प्रमाण पत्र मान्य होगा। उक्त चारों दस्‌तावेजों अथवा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध अन्य आयु संबंधी दस्तावेजों के परीक्षण उपरांत गुण-दोष के आधार पर आयु संबंधी निर्णय लिया जायेगा।  

शहर की सड़कों पर डिजिटल बदलाव: उज्जैन में दौड़ेगी पाड टैक्सी, ट्रैफिक व्यवस्था होगी स्मार्ट

उज्जैन मुख्यमंत्री मोहन यादव के गृहनगर उज्जैन को आधुनिक और स्मार्ट सिटी के रूप में स्थापित करने की दिशा में सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग ने शहर में पाड टैक्सी चलाने को 1900 करोड़ रुपये की हाईटेक योजना तैयार कर राज्य सरकार को भेजी है। यह परियोजना उज्जैन को देश के चुनिंदा आधुनिक परिवहन वाले शहरों में शामिल करेगी। योजना के तहत 25.46 किलोमीटर लंबे दो रूट पर कुल 13 स्टेशन प्रस्तावित किए गए हैं। पाड टैक्सी को सिंहस्थ कार्यों से जुड़ी संभाग स्तरीय समिति की अनुशंसा के बाद अब राज्य स्तरीय पर्यवेक्षण समिति की बैठक में स्वीकृति के लिए रखा जाएगा। यह प्रोजेक्ट स्वीकृत होने पर उज्जैन देश का ऐसा पहला धार्मिक और तीर्थ नगर होगा जहां मेट्रो जैसी सुविधा पाड टैक्सी के रूप में उपलब्ध होगी।   बताया कि पाड टैक्सी एक स्वचालित, चालक-रहित और इलेक्ट्रिक वाहन प्रणाली है जो ऊंचे स्टील ट्रैक पर चलती है। इसमें ड्राइवर नहीं होता, बल्कि कंप्यूटर और सेंसर के ज़रिए इसका संचालन होता है। कॉम्पैक्ट कार जैसी दिखने वाली यह टैक्सी एक बार में 4 से 6 यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचा सकती है। ट्रैफिक जाम से मुक्त और पर्यावरण के अनुकूल यह व्यवस्था शहरी परिवहन को आधुनिक और व्यवस्थित बनाने में मददगार साबित होगी। उज्जैन में इसे लागू करने से पर्यटन, धार्मिक आवागमन और शहरी गतिशीलता में बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा। परियोजना को सिंहस्थ 2028 की तैयारियों के साथ जोड़कर देखा जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि पाड टैक्सी न केवल शहर की छवि को आधुनिक बनाएगी, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सुविधाजनक यात्रा अनुभव भी प्रदान करेगी। इससे उज्जैन में ट्रैफिक का दबाव कम होगा और पर्यटन को नई रफ्तार मिलेगी। ये फायदे ट्रैफिक से मुक्ति: ऊंचे ट्रैक पर चलने के कारण सामान्य सड़क यातायात में कोई बाधा नहीं। तेज़ और कुशल: बिना रुके सीधे गंतव्य स्टेशन तक पहुंचाने की सुविधा। कनेक्टिविटी: अंतिम मील तक पहुंचने में मदद और अन्य सार्वजनिक परिवहन से बेहतर लिंक। पर्यावरण संरक्षण: बिजली से चलने के कारण कार्बन उत्सर्जन में कमी। दो रूट प्रस्तावित पहला रूट : देवासगेट बस स्टैंड से रेलवे स्टेशन से टावर चौक, तीन बत्ती चौराहा, शास्त्री नगर, संत नगर, मलखंभ स्टैच्यू, ऋषि नगर, विश्वविद्यालय, इस्कान मंदिर, नानाखेड़ा बस स्टैंड, महामृत्युंजय द्वार। दूसरा रूट : महाकाल महालोक से जंतर-मंतर, जीवनखेड़ी, त्रिवेणी हिल्स, तपोभूमि।

घाटों पर भीड़ से बचने के लिए छठ पूजा की प्री-बुकिंग, शहर के प्रमुख 50 घाटों पर होगा आयोजन

भोपाल  दिवाली के बाद चार दिनों तक शहर में छठ की छटा बिखरेगी। शहर में इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। छठ पूजा महोत्सव 25 से 28 तक होगा। शहर में तकरीबन 50 घाटों पर छठ पूजा के सामूहिक आयोजन होंगे। शहर के घाटों पर साफ-सफाई सहित अन्य सुविधाएं जुटाई जा रही हैं। घाटों पर भीड़ न लगे इसके लिए शहर के कुछ घाटों पर पूजा के लिए प्री-बुकिंग भी की जा रही है। शहर में समाज की आबादी 3 लाख से अधिक है। राजधानी में निवासरत भोजपुरी समाज के लोग छठ पूजा महोत्सव धूमधाम से मनाएंगे। चार दिवसीय छठ पूजा महोत्सव की शुरुआत 25 अक्टूबर को नहाए खाए के साथ होगी और समापन 28 अक्टूबर को होगा। वेदियों का निर्माण, प्री-पंजीयन भी दिवाली के साथ ही घाटों पर पूजा के लिए वेदियां बनाने का काम भी शुरू हो गया है। सरस्वती घाट बरखेड़ा में तकरीबन 2 हजार वेदियां तैयार की जाएगी। आयोजन समिति के सत्येंद्र कुमार ने बताया कि वेदी निर्माण शुरू हो गया है। अब तक 500 से अधिक वेदियां बनकर तैयार कर ली है, यहां तकरीबन 2 हजार वेदियां बनाई जाएगी।  पूजा के दौरान अव्यवस्था न हो, इसके लिए पहले से पंजीयन किए जा रहे हैं। अब तक 600 से अधिक लोगों ने प्री-बुकिंग कराई है। नौका विहार, दीपदान और आतिशबाजी भोजपुरी एकता मंच समिति की ओर से शीतलदास की बगिया गंगा छठ घाट में मुख्य आयोजन किया जाएगा। मंच के अध्यक्ष कुंवर प्रसाद ने बताया कि 27 अक्टूबर शाम को यहां डूबते हुए सूर्य की आराधना की जाएगी और आतिशबाजी के साथ ही विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। छठ पूजा में कब क्या -25 अक्टूबर नहाए खाए। -26 अक्टूबर खरना। -27 अक्टूबर अर्घ्य, डाला छठ। -28 अक्टूबर सुबह अर्घ्य और पारायण।