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कारखानों और वाणिज्यिक संस्थानों में श्रमिकों के लिए बोनस भुगतान अनिवार्य किया गया

भोपाल         श्रम विभाग द्वारा राज्य में संचालित समस्त कारखानों और वाणिज्यिक संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों के लिए बोनस भुगतान अधिनियम 1965 के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे संस्थान जहां बीस या इससे अधिक श्रमिक कार्यरत हैं और जिनका मासिक वेतन 21 हजार रूपये से कम है, उन्हें बोनस भुगतान किया जाना जरूरी है। अधिनियम के अनुसार हर लेखा वर्ष में किए गए कार्य के बोनस का भुगतान आगामी लेखा वर्ष में 30 नवंबर तक किया जाना चाहिए।  बोनस की राशि 7000 रूपये अथवा 8.33% जो भी अधिक हो वह देय होगी। उप श्रम आयुक्त श्री आशीष पालीवाल ने बताया है कि उक्त बोनस का भुगतान न होने की स्थिति में अपनी शिकायत संबंधित जिला श्रम कार्यालय में, एल.सी.एम. एस.पोर्टल पर, शासन द्वारा संचालित cmhelpline पोर्टल 181 पर अथवा श्रम विभागीय टोल फ्री नंबर 18002338888 पर दर्ज करवा सकते हैं।  

मध्य प्रदेश में श्रमिकों की आयु गणना के लिए जारी किए नए निर्देश

भोपाल मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना अंतर्गत श्रमिक की आयु गणना के लिये श्रम विभाग द्वारा नवीन निर्देश जारी किये गये हैं। अब आयु गणना के लिये "आधार कार्ड के आधारपर" शब्द विलोपित किया गया है। आयु के प्रमाण के लिये परीक्षा लेने वाले बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान किया गया प्रमाण पत्र या अंकसूची या उस अंतिम विद्यालय द्वारा, जिसमें उसने अध्ययन किया, जारी किया गया विद्यालय छोड़ने का प्रमाण पत्र मान्य होगा। इसी तरह जन्म तथा मृत्यु के रजिस्ट्रार से प्रमाण पत्र एवं ग्राम पंचायत या मुख्य नगर पालिका अधिकारी से प्रमाण पत्र मान्य होगा। श्रम विभाग के अतिरिक्त सचिव श्री बसंत कुर्रे ने बताया है कि उपरोक्त प्रमाण-पत्रों के न होने पर उस चिकित्‌सा अधिकारी का प्रमाण पत्र, जो शासकीय सेवा में सहायक शल्य चिकित्सक की पदश्रेणी से निम्न पद श्रेणी का न हो का प्रमाण पत्र मान्य होगा। उक्त चारों दस्‌तावेजों अथवा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध अन्य आयु संबंधी दस्तावेजों के परीक्षण उपरांत गुण-दोष के आधार पर आयु संबंधी निर्णय लिया जायेगा।  

शहर की सड़कों पर डिजिटल बदलाव: उज्जैन में दौड़ेगी पाड टैक्सी, ट्रैफिक व्यवस्था होगी स्मार्ट

उज्जैन मुख्यमंत्री मोहन यादव के गृहनगर उज्जैन को आधुनिक और स्मार्ट सिटी के रूप में स्थापित करने की दिशा में सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग ने शहर में पाड टैक्सी चलाने को 1900 करोड़ रुपये की हाईटेक योजना तैयार कर राज्य सरकार को भेजी है। यह परियोजना उज्जैन को देश के चुनिंदा आधुनिक परिवहन वाले शहरों में शामिल करेगी। योजना के तहत 25.46 किलोमीटर लंबे दो रूट पर कुल 13 स्टेशन प्रस्तावित किए गए हैं। पाड टैक्सी को सिंहस्थ कार्यों से जुड़ी संभाग स्तरीय समिति की अनुशंसा के बाद अब राज्य स्तरीय पर्यवेक्षण समिति की बैठक में स्वीकृति के लिए रखा जाएगा। यह प्रोजेक्ट स्वीकृत होने पर उज्जैन देश का ऐसा पहला धार्मिक और तीर्थ नगर होगा जहां मेट्रो जैसी सुविधा पाड टैक्सी के रूप में उपलब्ध होगी।   बताया कि पाड टैक्सी एक स्वचालित, चालक-रहित और इलेक्ट्रिक वाहन प्रणाली है जो ऊंचे स्टील ट्रैक पर चलती है। इसमें ड्राइवर नहीं होता, बल्कि कंप्यूटर और सेंसर के ज़रिए इसका संचालन होता है। कॉम्पैक्ट कार जैसी दिखने वाली यह टैक्सी एक बार में 4 से 6 यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचा सकती है। ट्रैफिक जाम से मुक्त और पर्यावरण के अनुकूल यह व्यवस्था शहरी परिवहन को आधुनिक और व्यवस्थित बनाने में मददगार साबित होगी। उज्जैन में इसे लागू करने से पर्यटन, धार्मिक आवागमन और शहरी गतिशीलता में बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा। परियोजना को सिंहस्थ 2028 की तैयारियों के साथ जोड़कर देखा जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि पाड टैक्सी न केवल शहर की छवि को आधुनिक बनाएगी, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सुविधाजनक यात्रा अनुभव भी प्रदान करेगी। इससे उज्जैन में ट्रैफिक का दबाव कम होगा और पर्यटन को नई रफ्तार मिलेगी। ये फायदे ट्रैफिक से मुक्ति: ऊंचे ट्रैक पर चलने के कारण सामान्य सड़क यातायात में कोई बाधा नहीं। तेज़ और कुशल: बिना रुके सीधे गंतव्य स्टेशन तक पहुंचाने की सुविधा। कनेक्टिविटी: अंतिम मील तक पहुंचने में मदद और अन्य सार्वजनिक परिवहन से बेहतर लिंक। पर्यावरण संरक्षण: बिजली से चलने के कारण कार्बन उत्सर्जन में कमी। दो रूट प्रस्तावित पहला रूट : देवासगेट बस स्टैंड से रेलवे स्टेशन से टावर चौक, तीन बत्ती चौराहा, शास्त्री नगर, संत नगर, मलखंभ स्टैच्यू, ऋषि नगर, विश्वविद्यालय, इस्कान मंदिर, नानाखेड़ा बस स्टैंड, महामृत्युंजय द्वार। दूसरा रूट : महाकाल महालोक से जंतर-मंतर, जीवनखेड़ी, त्रिवेणी हिल्स, तपोभूमि।

घाटों पर भीड़ से बचने के लिए छठ पूजा की प्री-बुकिंग, शहर के प्रमुख 50 घाटों पर होगा आयोजन

भोपाल  दिवाली के बाद चार दिनों तक शहर में छठ की छटा बिखरेगी। शहर में इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। छठ पूजा महोत्सव 25 से 28 तक होगा। शहर में तकरीबन 50 घाटों पर छठ पूजा के सामूहिक आयोजन होंगे। शहर के घाटों पर साफ-सफाई सहित अन्य सुविधाएं जुटाई जा रही हैं। घाटों पर भीड़ न लगे इसके लिए शहर के कुछ घाटों पर पूजा के लिए प्री-बुकिंग भी की जा रही है। शहर में समाज की आबादी 3 लाख से अधिक है। राजधानी में निवासरत भोजपुरी समाज के लोग छठ पूजा महोत्सव धूमधाम से मनाएंगे। चार दिवसीय छठ पूजा महोत्सव की शुरुआत 25 अक्टूबर को नहाए खाए के साथ होगी और समापन 28 अक्टूबर को होगा। वेदियों का निर्माण, प्री-पंजीयन भी दिवाली के साथ ही घाटों पर पूजा के लिए वेदियां बनाने का काम भी शुरू हो गया है। सरस्वती घाट बरखेड़ा में तकरीबन 2 हजार वेदियां तैयार की जाएगी। आयोजन समिति के सत्येंद्र कुमार ने बताया कि वेदी निर्माण शुरू हो गया है। अब तक 500 से अधिक वेदियां बनकर तैयार कर ली है, यहां तकरीबन 2 हजार वेदियां बनाई जाएगी।  पूजा के दौरान अव्यवस्था न हो, इसके लिए पहले से पंजीयन किए जा रहे हैं। अब तक 600 से अधिक लोगों ने प्री-बुकिंग कराई है। नौका विहार, दीपदान और आतिशबाजी भोजपुरी एकता मंच समिति की ओर से शीतलदास की बगिया गंगा छठ घाट में मुख्य आयोजन किया जाएगा। मंच के अध्यक्ष कुंवर प्रसाद ने बताया कि 27 अक्टूबर शाम को यहां डूबते हुए सूर्य की आराधना की जाएगी और आतिशबाजी के साथ ही विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। छठ पूजा में कब क्या -25 अक्टूबर नहाए खाए। -26 अक्टूबर खरना। -27 अक्टूबर अर्घ्य, डाला छठ। -28 अक्टूबर सुबह अर्घ्य और पारायण।

मप्र गृह विभाग ने किया बड़ा तबादला, 7 सीनियर IPS अधिकारियों को नई पोस्टिंग

भोपाल  मध्य प्रदेश में अधिकारियों के तबादलों का सिलसिला जारी है. राज्य सरकार ने बुधवार देर रात भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं. राज्य सरकार ने 3 एडीजी और 4 आईजी को नई पदस्थापना दी है. आईपीएस इरशाद वली को विशेष सशस्त्र बल भोपाल रेंज की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं, एडीजी प्रशिक्षण पीएचक्यू राजा बाबू सिंह से शिकायत और मानव अधिकारी प्रकोष्ठ का अतिरिक्त प्रभार वापस ले लिया गया है. अब वे सिर्फ प्रशिक्षण का काम देखेंगे. इन अधिकारियों के हुए तबादले – अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण राजा बाबू सिंह से एडीजी शिकायत और मानव अधिकार पुलिस मुख्यालय भोपाल का अतिरिक्त प्रभार वापस लिया गया. – एडीजी देव प्रकाश को, को-ऑपरेटिव फ्रॉड, लोक सेवा गारंटी को एडीजी, शिकायत एवं मानव अधिकार पुलिस मुख्यालय की जिम्मेदारी सौंपी गई. इसके अलावा सामुदायिक पुलिसिंग, को-ऑपरेटिव फ्रॉड, लोक सेवा गारंटी, आरटीआई, रिसर्च एंड डेवलपमेंट और पुलिस सुधार की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई. – एडीजी नारकोटिक्स के.पी. व्यंकटेश्वर को एडीजी तकनीकी सेवाएं बनाया गया. इसके अलावा एडीजी नारकोटिक्स की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई. – आईजी विशेष सषस्त्र बल भोपाल इरशाद वली को विशेष सशस्त्र बल भोपाल रेंज का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया. – आईजी सुशांत सक्सेना को इंवेस्टिगेशन, पुलिस मुख्यालय भोपाल की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई. – आईजी शिकायत एवं मानव अधिकार चैत्रा एन. को आईजी एससीआरबी की जिम्मेदारी सौंपी गई है. – आईजी अजाक कुमार सौरभ को आईजी एसआईएसएफ बनाया गया. आईजी अजाक की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई. पुलिस-प्रशासनिक विभागों में लगातार हो रहे तबादले राज्य सरकार द्वारा लगातार पुलिस-प्रशासनिक विभागों में तबादले किए जा रहे हैं. पिछले दिनों आधा दर्जन जिलों के एसपी के पदों में बदलाव किया था. अब पुलिस मुख्यालय में लंबे समय से एक ही पद पर काम कर रहे अफसरों को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसमें कई अधिकारियों को अत्यधिक प्रभार भी सौंपे गए हैं. माना जा रहा है कि आने वाले समय में कुछ और फील्ड स्टाफ के तबादले भी किए जा सकते हैं. पुलिस विभाग के अलावा जल्द ही पीएचई सहित कई और विभागों में भी तबादले हो सकते हैं.

घर में लगी आग, उद्योगपति की दम घुटने से मौत; पत्नी और बच्चे अस्पताल में भर्ती

इंदौर  इंदौर के देवास नाका क्षेत्र में आज तड़के सुबह चार बजे एक पेंट हाउस में आग लगने से इंदौर के उद्योगपति प्रवेश अग्रवाल की दम घुटने से मौत हो गई। आग के समय वे अपने परिवार के साथ कमरे में सो रहे थे। कमरे में धुआँ भर जाने के कारण वे बाहर नहीं निकल पाए। पत्नी और दो बेटियां भी प्रभावित फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने प्रवेश को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी। प्रवेश अग्रवाल ऑटोमोबाइल शोरूम के मालिक थे और जिले में उनके तीन से अधिक शोरूम हैं। पेंट हाउस महिंद्रा शोरूम के ऊपर स्थित था। इस हादसे में प्रवेश की पत्नी और बेटियां सौम्या व मायरा भी प्रभावित हुईं। तीनों को सांस लेने में परेशानी के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ताजा अपडेट के मुताबिक, पत्नी श्वेता की हालत गंभीर है। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। प्रवेश अग्रवाल ग्वालियर के रहने वाले थे और उनके भाई मुकेश अग्रवाल सहित परिवार के कई सदस्य वहीं रहते हैं। वे महाराष्ट्र और गुजरात में भी कई ऑटोमोबाइल एजेंसी चलाते थे। इसके साथ ही देवास क्षेत्र में भी वे राजनीतिक रूप से सक्रिय थे। कमल नाथ ने जताया शोक पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता कमल नाथ ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा, इंदौर में आग लगने की दुर्घटना में कांग्रेस नेता प्रवेश अग्रवाल के निधन और उनकी पत्नी के गंभीर रूप से अस्वस्थ होने का समाचार सुनकर अत्यंत पीड़ा हुई। अग्रवाल कांग्रेस के सच्चे सिपाही थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। परिवार के अन्य सदस्यों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना है। ओम शांति। प्रवेश ने देवास से महापौर पद के लिए दावेदारी की थी प्रवेश अग्रवाल ने देवास से 2022 में महापौर चुनाव में दावेदारी की थी। पत्नी श्वेता का नाम दौड़ में था। इसके बाद 2023 में विधानसभा चुनाव में दावेदारी की थी। नर्मदे युवा सेना के बैनर तले बड़ा कार्यक्रम किया था। 2027-28 में सम्भावित चुनावों को देखते हुए फिर से सक्रिय हुए थे। वे देवास में ऑफिस संचालित कर राजनीति करते थे। उनकी स्थानीय युवाओं की टीम थी। शुरुआत में उनके कमल नाथ समर्थक सज्जन वर्मा, मनोज राजानी से मतभेद हुए, बाद में साथ आ गए। 1 सितंबर को जन्मदिन मनाया था। तलवार से केक काटने के मामले में पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की थी। बेटी को बचाने गए थे आग लगने के बाद कमरे से इंटर करके उन्होंने पत्नी और एक बेटी को बाहर निकाल दिया था। गार्ड उन्हें ले गए। फिर वे अपनी दूसरी बेटी को बचाने के लिए फिर कमरे में गए। इस दौरान बेटी को तो कमरे से बाहर निकाल दिया, लेकिन तब तक काफी धुआं प्रवेश की सांसों में भर चुका था। प्रवेश अग्रवाल राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में भी सक्रिय थे शोरूम में तैनात गार्ड ने बताया कि आग सबसे पहले किचन वाले हिस्से में लगी थी। आग शार्ट सर्किट या पटाखों की वजह से लगी, इसकी जांच की जा रही है। प्रवेश अग्रवाल राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में भी सक्रिय थे। उन्होंने नर्मदा सेना की स्थापना की थी। उनके निधन से शहर में शोक की लहर फैल गई है। देवास विधानसभा सीट से कर चुके थे दावेदारी प्रवेश कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के करीबी माने जाते थे। उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में देवास लोकसभा क्षेत्र से टिकट मांगा था। इसके अलावा प्रवेश अपनी पत्नी के लिए नगर निगम चुनाव में मेयर का टिकट मांग चुके थे। उनके निधन पर कांग्रेस ने शोक जताया है।  

MP के ग्वालियर-जबलपुर समेत कई जिलों में बारिश जारी, अरब सागर के लो प्रेशर ने बढ़ाई ठंडक

भोपाल  दक्षिण-पूर्वी अरब सागर में बना निम्न दबाव क्षेत्र अब सक्रिय हो गया है, जिसका असर मध्यप्रदेश के दक्षिणी इलाकों तक पहुंच गया है। बीते 24 घंटों में ग्वालियर, जबलपुर सहित करीब दर्जन भर जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक देखने को मिली। मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक इसी तरह के मौसम बने रहने की संभावना जताई है। पिछले 24 घंटों में ग्वालियर, सागर, छतरपुर, नर्मदापुरम, हरदा, बुरहानपुर, रायसेन, बैतूल, जबलपुर, सिवनी, रीवा और छिंदवाड़ा में हल्की वर्षा दर्ज की गई। जबलपुर में तो दिवाली की रात करीब तीन-चौथाई इंच बारिश हुई। इधर, मैहर जिले के अरगट गांव में बुधवार शाम आकाशीय बिजली की चपेट में आने से एक महिला और एक किसान की मौत हो गई। वहीं, अन्य दो किसान घायल हो गए। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया, यह सिस्टम आगे बढ़ रहा है। इस वजह से प्रदेश में भी असर देखने को मिल सकता है। इसकी वजह से प्रदेश में मौसम बदला हुआ है। वहीं, उत्तरी हिस्से में दो साइक्लोनिक सकुर्लेशन (चक्रवात) और वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) भी सक्रिय है। अगले चार दिन किन जिलों में दिखेगा असर मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार से रविवार तक दक्षिणी जिलों में बारिश और गरज-चमक की संभावना है। गुरुवार को बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, पांढुर्णा और बालाघाट में बूंदाबांदी व आंधी की संभावना है। जबकि 24 से 26 अक्टूबर तक इंदौर, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग में प्रभाव दिखेगा। सिस्टम धीरे-धीरे उत्तर दिशा की ओर बढ़ रहा मौसम विज्ञान केंद्र की सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि यह सिस्टम धीरे-धीरे उत्तर दिशा की ओर बढ़ रहा है। इसके प्रभाव से प्रदेश के कई हिस्सों में बादल छाए रहेंगे और कहीं-कहीं हल्की बारिश व आंधी की स्थिति बन सकती है। साथ ही, उत्तरी भागों में दो चक्रवाती परिसंचरण और पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय हैं, जिससे मौसम में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। अक्टूबर में रहेगा यही ट्रेंड हल्की बारिश और बादलों के बीच प्रदेश में दिन का तापमान बढ़ा है, जबकि रात का पारा गिरा है। भोपाल में 18.2°, इंदौर में 20.8°, उज्जैन में 21.5°, ग्वालियर में 22.2° और जबलपुर में 22.1° रिकॉर्ड किया गया। नरसिंहपुर, नौगांव, टीकमगढ़, धार, खंडवा, पचमढ़ी और राजगढ़ सहित कई शहरों में तापमान 20° से नीचे रहा। वहीं बुधवार को दतिया, गुना, खंडवा, जबलपुर, सागर, सतना और उमरिया में अधिकतम तापमान 32° से ऊपर दर्ज हुआ।मौसम विभाग का कहना है कि अक्टूबर में यही मिश्रित मौसम रहेगा, जबकि नवंबर के दूसरे सप्ताह से ठंड तेजी से बढ़ने लगेगी। चार दिन इन जिलों में दिखेगा असर मौसम विभाग के अनुसार, अगले 4 दिन तक सिस्टम का दक्षिणी जिलों में असर देखने को मिल सकता है। गुरुवार को बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, पांढुर्णा और बालाघाट में बूंदाबांदी, आंधी और गरज-चमक वाला मौसम रह सकता है। 24, 25 और 26 अक्टूबर को इंदौर, नर्मदापुरम, जबलपुर संभाग में असर दिखाई देगा। इससे पहले 24 घंटे के दौरान ग्वालियर, सागर, छतरपुर, नर्मदापुरम, हरदा, बुरहानपुर, रायसेन, बैतूल, जबलपुर, सिवनी, रीवा और छिंदवाड़ा में हल्की बारिश हुई। जबलपुर में दिवाली की रात भी पौन इंच पानी गिर गया था। दिन का तापमान बढ़ा, रात का घटा हल्की बारिश, गरज-चमक और आंधी के बीच प्रदेश में रातें ठंडी भी हो गई है, लेकिन दिन गर्म है। मौसम विभाग के अनुसार, अक्टूबर में ऐसा ही मौसम रहेगा। नवंबर के दूसरे सप्ताह से तेज ठंड का दौर शुरू हो जाएगा। इससे पहले बुधवार को कई शहरों में दिन का तापमान बढ़ गया, जबकि रात के पारे में गिरावट हुई। मंगलवार-बुधवार की रात भोपाल में 18.2 डिग्री, इंदौर में 20.8 डिग्री, उज्जैन में 21.5 डिग्री, ग्वालियर में 22.2 डिग्री और जबलपुर में 22.1 डिग्री रहा। नरसिंहपुर, नौगांव, टीकमगढ़, मलाजखंड, धार, खंडवा, खरगोन, पचमढ़ी, राजगढ़, शिवपुरी में पारा 20 डिग्री से नीचे रहा। वहीं, बुधवार को दिन में दतिया, गुना, ग्वालियर, नर्मदापुरम, खंडवा, खरगोन, रतलाम, श्योपुर, उज्जैन, दमोह, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, सागर, सतना, उमरिया में पारा 32 डिग्री के पार रहा। नवंबर-जनवरी में पड़ेगी कड़ाके की सर्दी मौसम विभाग के अनुसार, नवंबर से कड़ाके की ठंड का दौर शुरू हो जाता है, जो जनवरी तक रहता है। इस बार फरवरी तक ठंड का असर रहने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि आने वाले सर्दियों के मौसम में 2010 के बाद सबसे भीषण ठंड का अहसास हो सकता है। सर्दियों के दौरान इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश देखने को मिल सकती है, उत्तर-पश्चिम भारत के इलाकों में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ अधिक संख्या में प्रभावित करेंगे। आईएमडी ने भी जल्द ही ला-नीना परिस्थितियां विकसित होने की पुष्टि की है। पूरे एमपी से विदा हो चुका है मानसून मौसम विभाग के अनुसार, पूरे प्रदेश से मानसून विदा हो गया है। इस साल मानसून 3 महीने 28 दिन एक्टिव रहा। 16 जून को प्रदेश में मानसून की एंट्री हुई थी और 13 अक्टूबर को वापसी की। बावजूद बारिश का दौर बना रहेगा। इस बार प्रदेश में मानसून की 'हैप्पी एंडिंग' रही। भोपाल, ग्वालियर समेत 30 जिले ऐसे रहे, जहां 'बहुत ज्यादा' बारिश दर्ज की गई। ओवरऑल सबसे ज्यादा बारिश वाला जिला गुना है। जहां पूरे सीजन 65.7 इंच पानी गिर गया, जबकि श्योपुर में 216.3% बारिश हुई। एक्सपर्ट की माने तो अच्छी बारिश होने से न सिर्फ पेयजल बल्कि सिंचाई के लिए भी भरपूर पानी है। भू-जल स्तर भी बढ़ा रहेगा। हालांकि, शाजापुर ऐसा जिला है, जहां सबसे कम 28.9 इंच (81.1%) ही बारिश हुई है। मानसूनी सीजन में मौसम विभाग ने प्रदेश में 106 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान जताया था, लेकिन 15 प्रतिशत पानी ज्यादा गिर गया। ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में दोगुनी बारिश हो गई। इंदौर, ग्वालियर, चंबल, जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर संभाग के 50 जिलों में कोटा फुल रहा। वहीं, भोपाल, उज्जैन और नर्मदापुरम संभाग के 4 जिले- उज्जैन, शाजापुर, बैतूल और सीहोर में 81.1 से 98.6 प्रतिशत बारिश हुई। इन जिलों में कोटा पूरा नहीं हो पाया। हालांकि, इनमें से तीन जिले- उज्जैन, सीहोर और बैतूल में आंकड़ा 94% से ज्यादा ही है। इस वजह से ये सामान्य बारिश के आसपास ही है, लेकिन शाजापुर 'बारिश की भारी कमी' की कैटेगरी में है। यहां कोटे का 81 प्रतिशत पानी ही गिरा। इस बार फरवरी तक … Read more

मोहन यादव बोले—गाय का दूध बीमारियों से सुरक्षा कवच, फिर खुद को अंडे खाने पर क्यों मजबूर करते हो?

इंदौर  मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अंडों को पौष्टिक आहार के रूप में प्रचारित किए जाने पर तीखा सवाल उठाया और जनता को गाय का दूध पीने की सलाह दी. इस बयान से राज्य में स्कूली बच्चों के भोजन में अंडों को शामिल करने के पुराने राजनीतिक विवाद ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है.  CM यादव इंदौर शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर हातोद स्थित गौशाला में 'गोवर्धन पूजा' कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य और पौष्टिकता को लेकर गाय के महत्व पर जोर दिया. मुख्यमंत्री ने कहा, "जिसके घर में गाय होती है, उसके बच्चों समेत परिवार के सभी सदस्य स्वस्थ रहते हैं. यह ईश्वर की लीला है."  इसके बाद मुख्यमंत्री ने देश में अंडों की खपत को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल होने वाले प्रसिद्ध विज्ञापन जिंगल "संडे हो या मंडे, रोज खाओ अंडे" पर सीधे निशाना साधा. CM यादव ने कहा, "क्यों संडे हो या मंडे… ये बेकार की बातें हैं. खुद को अंडे खाने के लिए क्यों मजबूर करते हो? जो अंडे-डंडे खाना चाहते हैं, उन्हें अंडे खिलाते रहो." उन्होंने दृढ़ता से कहा, "गाय का दूध पियो और खुश रहो."  मुख्यमंत्री ने आगे स्पष्ट किया कि  गाय का दूध अमृत है. उसमें सबसे अधिक पोषक तत्व होते हैं. गाय के दूध के सेवन से बीमारियां दूर होती हैं और व्यक्ति स्वयं को स्वस्थ और आनंदित पाता है. गौ-माता दोहरा पोषण करती है. वह अपने बछड़े के पालन के साथ-साथ मानव जाति का भी पोषण करती हैं हर युग में हर आश्रम में गौ-माता पाली जाती थी और जगह-जगह गौ-पालन होता था. परम्परागत रूप से घरों में पहली रोटी गाय के लिये बनाई जाती है. स्कूली बच्चों के लिए पौष्टिक आहार के रूप में अंडों को बढ़ावा देना मध्य प्रदेश में लंबे समय से विवाद का विषय रहा है. साल 2019 में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने कुपोषण से निपटने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को अंडे परोसने के प्रस्ताव पर विचार किया था.  BJP के नेताओं ने उस समय इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया था और सरकार पर लोगों की धार्मिक मान्यताओं की अवहेलना करने का आरोप लगाया था.   मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस दौरान गौ-संरक्षण के लिए राज्य सरकार की योजनाओं पर भी बात की. उन्होंने कहा कि बीमार और लावारिस गायों की सुरक्षा के लिए मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों में 10 हजार से ज्यादा पशुओं को रखने की क्षमता वाली गौशालाएं बनाई जा रही हैं.

सीएम निवास में भाई दूज के अवसर पर 250 रुपए का शगुन, सीएम ने श्रीकृष्ण-सुभद्रा के स्नेह को याद किया

भोपाल  मध्य प्रदेश की 1.26 करोड़ महिलाओं के खाते में भाई दूज के शगुन का पैसा आएगा? मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना की 29वीं किस्त के तौर पर महिलाओं के खाते में 1250-1250 रुपये तो आ चुके हैं, लेकिन उन्हें रक्षाबंधन और भाई दूज के मौके पर मिलने वाले 250 रुपये के शगुन का इंतजार है। आज गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास में भाई दूज का कार्यक्रम है, जिसमें लाडली बहनें शामिल होंगी। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने लाडली बहनों को दिए संदेश में कहा कि भगवान श्रीकृष्ण और सुभद्रा का रिश्ता भाई-बहन के प्रेम और संरक्षण की सबसे सुंदर मिसाल है , जिस प्रकार श्रीकृष्ण ने हर परिस्थिति में बहन सुभद्रा की सुरक्षा और सम्मान का ध्यान रखा, उसी भावना से हमारी सरकार भी प्रदेश की हर लाड़ली बहन के सुख, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की साथी है। श्रीकृष्ण और सुभद्रा का संबंध इस बात की याद दिलाता है कि भाई का स्नेह केवल वचन निभाना ही नहीं, कर्म से निभाई जाने वाली जिम्मेदारी भी है। हमारी सरकार इसी दृष्टि से सांस्कृतिक परंपरा को निभाते हुए आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारे लिये बहनों की खुशी, उनकी सुरक्षा और आत्मविश्वास सर्वोपरि है। यह राशि ट्रांसफर करने के पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भगवान श्रीकृष्ण और सुभद्रा का रिश्ता भाई-बहन के प्रेम और संरक्षण की सबसे सुंदर मिसाल है, जिस प्रकार श्रीकृष्ण ने हर परिस्थिति में बहन सुभद्रा की सुरक्षा और सम्मान का ध्यान रखा, उसी भावना से हमारी सरकार भी प्रदेश की हर लाड़ली बहन के सुख, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की साथी है। श्रीकृष्ण और सुभद्रा का संबंध इस बात की याद दिलाता है कि भाई का स्नेह केवल वचन निभाना ही नहीं, कर्म से निभाई जाने वाली जिम्मेदारी भी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरुवार को भाईदूज के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में आयोजित होने वाले भाईदूज कार्यक्रम में सम्मलित होने वाली लाड़ली बहनों को यह संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाईदूज का पर्व भारतीय संस्कृति में प्रेम, स्नेह और जिम्मेदारी का प्रतीक है। यह केवल एक त्यौहार नहीं बल्कि उस रिश्ते का उत्सव है, जिसमें भाई अपनी बहन के सुख-दुख, सुरक्षा और सम्मान का वचन निभाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बहनों की मुस्कान ही समाज की समृद्धि का आधार है। लाड़ली बहनों के खाते में जमा हुए 44917.92 करोड़ मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की लाड़ली बहनें केवल योजनाओं की लाभार्थी नहीं, बल्कि परिवार और समाज की आत्मा हैं। अब तक इस योजना के अंतर्गत 44,917.92 करोड़ रुपए सीधे बहनों के खातों में भेजे जा चुके हैं। मुख्यमंत्री निवास पर आने वाली लाड़ली बहनों का मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा पुष्पवर्षा कर स्वागत किया जाएगा। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर और प्रदेश अध्यक्ष बीजेपी हेमंत खण्डेलवाल भी उपस्थित रहेंगे।

प्रदेश के 23.81 लाख से अधिक किसानों को 1802 करोड़ रुपए की राहत राशि वितरित

किसानों को राहत राशि देने में कोई कमी नहीं करेंगे : मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रदेश के 23.81 लाख से अधिक किसानों को 1802 करोड़ रुपए की राहत राशि वितरित अतिवृष्टि, बाढ़, पीला मोजैक, कीट व्याधि से फसल क्षति और प्राकृतिक आपदा प्रभावित किसानों को दी गई राहत राशि गत वर्ष की तुलना में तीन गुना राहत राशि का हुआ वितरण भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इस साल अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण किसानों की फसल को नुकसान हुआ। पीला मोजैक और कीट प्रकोप ने भी किसानों को परेशानी में डाला। इसी तरह बारिश के कारण जनहानि, पशुहानि और मकान क्षति से भी किसानों को पीड़ा हुई। ऐसे कठिन हालातों में सरकार ने किसानों को संबल देने में कोई कमी नहीं रखी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि अतिवृष्टि, बाढ़, कीट प्रकोप से फसल/ मकान क्षति की परेशानियों से जूझ रहे प्रदेश के 23 लाख 81 हजार से अधिक प्रभावित किसानों को अब तक लगभग 1802 करोड़ रुपए की राहत राशि वितरित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि आरबीसी 6(4) के तहत दी गई इस राहत राशि से किसानों को फिर से खड़ा होने में बेहद मदद मिली है। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह राशि गत वित्त वर्ष 2024-25 में बांटी गई 660.57 करोड़ रुपए राहत राशि से करीब तीन गुना अधिक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अन्नदाता किसानों के लिए सरकार के खजाने में धन की कोई कमी नहीं है। प्रदेश के हर जरूरतमंद किसान को तत्परतापूर्वक सरकार का साथ, सहयोग और संबल दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 में 1590.74 करोड़ रुपए, वित्त वर्ष 2022-23 में 726.15 करोड़ रुपए और वित्त वर्ष 2023-24 में 758.62 करोड़ रुपए राहत राशि सरकार द्वारा वितरित की गई थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि अतिवृष्टि /बाढ़ एवं पीला मोजैक/कीट व्याधि से फसल हानि के लिए 23 लाख 81 हजार 104 प्रभावित किसानों को 1623.51 करोड़ रुपए राहत राशि दी गई है। प्राकृतिक आपदा से हुई विभिन्न प्रकार की क्षतियों की पूर्ति के लिए राहत के रूप में 178.45 करोड़ रुपए वितरित किए गए हैं। इस प्रकार प्रदेश में अतिवृष्टि/बाढ़, पीला मोजैक/ कीट व्याधि से फसल हानि और विभिन्न प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को लगभग 1802 करोड़ रुपए की राहत राशि सरकार द्वारा वितरित की जा चुकी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि अतिवृष्टि हो या बाढ़, कीट व्याधि हो या कोई और प्राकृतिक आपदा, किसान हर मौसम में फसल नुकसानी का जोखिम उठाते हैं। फसल नुकसानी हुई, तो घर की साल भर की अर्थव्यवस्था बिगड़ जाती है। हमारी सरकार किसानों को ऐसे हालात में कभी अकेला नहीं रहने देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की हर कठिनाई में सरकार उनके साथ है। हमारी सरकार किसानों की सरकार है। किसानों का दु:ख पूरे प्रदेश का दु:ख है और किसानों के सुख से ही प्रदेश का सुख है। किसानों को हर जरूरी मदद और राहत राशि देने में हम कभी कोई कमी नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए सभी कदम उठाए हैं। हमारी सरकार ने किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी, बिजली, शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण, फसलों पर समर्थन मूल्य और फसल बीमा की राशि का समय पर अंतरण किया है। इससे प्रदेश के किसान भाइयों के मन में एक नया विश्वास, एक नई उम्मीद जागी है।