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राजनीति और विचारों पर हुई चर्चा, वसुंधरा राजे ने मोहन भागवत से की बैठक

जोधपुर  पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने जोधपुर में RSS सरसंघचालक मोहन भागवत से मुलाकात की है. जोधपुर में दोनों के बीच यह मुलाकात करीब 25 मिनट तक चली. हालांकि दोनों के बीच की बातचीत का ब्यौरा अभी तक बाहर नहीं आ पाया है लेकिन इस मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. बीजेपी सूत्रों की मानें तो सूबे में फिलहाल भाजपा संगठन में बदलाव को लेकर चर्चा चल रही है. माना जा रहा है कि दोनों के बीच इस पर चर्चा हुई है. राजे और भागवत की इस मुलाकात के राजनीति के जानकार कई मायने निकाल रहे हैं. जोधपुर फिलहाल आरएसएस के चिंतन का प्रमुख केंद्र बना हुआ है. भागवत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक में शामिल होने के लिए जोधपुर आए हैं. यह बैठक 5 से 7 सितंबर तक आयोजित होगी. बैठक की तैयारियों को लेकर बड़े स्तर पर स्वयंसेवक जुटे हुए हैं. भागवत का यहां 10 सितंबर तक रहने का कार्यक्रम बताया जा रहा है. भागवत दो दिन पहले सोमवार को जोधपुर आए थे. संघ के बड़े पदाधिकारियों का जोधपुर में लगा है जमावड़ा सोमवार को सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के जोधपुर आने के बाद मंगलवार को संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले, सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, सी. आर. मुकुंदा, अरुण कुमार, रामदत्त चक्रधर, आलोक कुमार, अतुल लिमये और कार्यकारिणी सदस्य डॉ. मनमोहन वैध सहित अन्य अखिल भारतीय अधिकारी जोधपुर बैठक स्थल पर पहुंचे. वनवास आता है तो जाता भी है राजे ने बीते दिनों अपने दिल्ली दौरे के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी. राजे हाल ही में धौलपुर भी गईं थी. वहां उन्होंने एक धार्मिक कार्यक्रम में कहा था कि वनवास सभी के जीवन में कभी न कभी आता है. लेकिन यह भी सच है कि वनवास आता है तो जाता भी है. राजे इससे पहले भी कई कार्यक्रमों में इस तरह के बयान दे चुकी हैं जो राजनीतिक गलियारों में खासा चर्चा में रहे हैं. अब राजे की संघ प्रमुख से मुलाकात ने कई राजनीतिक चर्चाओं को जन्म दे दिया है.

विधानसभा में हंगामा: स्मार्ट मीटर विरोध में कांग्रेस का वॉकआउट, लगे ‘मोदी मीटर वापस लो’ के नारे

जयपुर राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में बुधवार को स्मार्ट मीटर योजना को लेकर जबरदस्त हंगामा हो गया। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायकों ने “मोदी मीटर वापस लो” के नारे लगाते हुए वेल में पहुंचकर प्रदर्शन किया और बाद में सदन से वॉकआउट भी कर दिया। मामला प्रश्नकाल में शुरू हुआ जब लक्ष्मणगढ विधायक और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की तरफ से कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा ने सरकार से स्मार्ट मीटर योजना को लेकर सवाल पूछा। रोहित बोहरा ने पूछा कि क्या राज्य सरकार ने आगामी नगर निगम और पंचायत चुनावों को देखते हुए स्मार्ट मीटर योजना पर रोक लगाई है? जवाब देने खड़े हुए ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने पहले मूल प्रश्न में दिए जवाब को पढ़ना शुरू कर दिया। इस पर कांग्रेस विधायकों ने विरोध करते हुए स्पीकर से पूरक प्रश्न का जवाब दिलवाने की मांग की। ऊर्जा मंत्री बोले कांग्रेस राज में आई यह योजना नागर ने कहा  केंद्र सरकार की RDSS (Revamped Distribution Sector Scheme) के तहत है और यह राज्यों पर निर्भर करता है कि वह इस योजना को लागू करना चाहते हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि कई कांग्रेस सरकारों ने इस योजना को लागू नहीं किया लेकिन राजस्थान में पिछली सरकार की कैबिनेट बैठक में ही इस योजना को स्वीकार किया गया था। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार का कैबिनेट मीमो भी उनके पास है। अभी कमी, बाद में फिर से लगाएंगे नागर  ने यह भी बताया कि फिलहाल स्मार्ट मीटरों की कमी के चलते अस्थाई रूप से सामान्य मीटर लगाए जा रहे हैं, और जैसे ही स्मार्ट मीटर पर्याप्त संख्या में उपलब्ध होंगे, इन्हें बदला जाएगा। इस पर कांग्रेस विधायकों ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर आम जनता पर बोझ हैं और इन्हें चुनावी लाभ के लिए रोका गया है। इसके बाद कांग्रेस विधायक नारे लगाते हुए वेल में पहुंच गए और “मोदी मीटर वापस लो” के जोरदार नारेबाज़ी करने लगे। करीब 15 मिनट के हंगामे के बाद कांग्रेस विधायक सदन से वॉकआउट कर गए।  

विधानसभा में पास होगा कोचिंग रेगुलेशन बिल , कांग्रेस ने शिक्षा व्यवस्था पर उठाए सवाल

जयपुर राजस्थान विधानसभा का बुधवार का सत्र हंगामेदार रहा। झालावाड़ स्कूल हादसे और प्रदेश में जर्जर स्कूल भवनों की स्थिति को लेकर कांग्रेस विधायकों ने जोरदार प्रदर्शन किया। विपक्षी विधायक विधानसभा गेट की सीढ़ियों पर नारेबाजी करते हुए शिक्षा मंत्री से इस्तीफे की मांग करने लगे। सदन के भीतर भी कांग्रेस विधायक काली पट्टी बांधकर पहुंचे और सरकार पर संवेदनहीन होने का आरोप लगाया। कांग्रेस का कहना है कि झालावाड़ हादसे में बच्चों की मौत के बाद भी सदन में उन्हें श्रद्धांजलि तक नहीं दी गई। इस कारण विपक्ष ने विधानसभा परिसर में मृतक बच्चों को श्रद्धांजलि अर्पित की। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, सचिन पायलट और हरीश चौधरी सहित कई वरिष्ठ नेता प्रदर्शन में शामिल हुए। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मत करने की बजाय लापरवाही बरत रही है, जिससे हादसों का खतरा बढ़ रहा है। वहीं सदन में राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट कंट्रोल्ड एंड रेगुलेशन बिल-2025 पर बहस हुई। इस बिल में जुर्माने की राशि घटाई गई है। पहले उल्लंघन पर 2 लाख और दूसरी बार पर 5 लाख रुपये का जुर्माना तय था, लेकिन अब इसे घटाकर पहली बार पर 50 हजार और दूसरी बार 2 लाख किया गया है। इसके अलावा पहले 50 से अधिक छात्रों वाले कोचिंग संस्थानों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य था, अब यह सीमा 100 कर दी गई है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस बदलाव से छोटे स्तर पर चल रही कोचिंग संस्थाओं को राहत मिलेगी और बड़े संस्थानों पर नियंत्रण बढ़ेगा। हालांकि विपक्ष का आरोप है कि जुर्माना घटाकर सरकार बड़े कोचिंग संस्थानों को फायदा पहुंचा रही है।

बारिश से तबाही, राजस्थान में बाढ़ और हादसे, 13 जिलों में सतर्कता

जयपुर राजस्थान में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। बंगाल की खाड़ी में लो-प्रेशर सिस्टम बनने के बाद प्रदेश में लगातार बरसात का दौर जारी है। मौसम विभाग ने अगले चार दिन तक बारिश के आसार जताए हैं। 3 सितंबर को झालावाड़, प्रतापगढ़ और बांसवाड़ा में भारी बरसात का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि चित्तौड़गढ़, बूंदी, कोटा, बारां, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा और अलवर में यलो अलर्ट रहेगा। लगातार हो रही बरसात से प्रदेश के कई जिलों में हादसे सामने आए हैं। जालोर, सिरोही, दौसा, जोधपुर और प्रतापगढ़ सहित कई जगहों पर हालात बिगड़े। दौसा जिले के लालसोट क्षेत्र में नालावास डैम टूटने से जयपुर के कई गांव डूब गए। कोटखावदा और चाकसू तहसील के पांच से ज्यादा गांव पानी से प्रभावित हुए। सैकड़ों लोग बांध के पानी में फंस गए। प्रतापगढ़ में भीषण बरसात के बीच एक शिक्षक पुलिया से माही नदी में गिर गया। वहीं, सवाई माधोपुर में बांध पर स्टंट कर रहा युवक बह गया। जोधपुर के तिंवरी इलाके में मंगलवार सुबह एक मकान अचानक ढह गया। पाली जिले के सोजत-बिलाड़ा स्टेट हाईवे पर मंडला गांव के पास नदी का पानी सड़क पर चढ़ गया और एक ट्रक फंस गया। उधर, जालोर के आहोर क्षेत्र में सोमवार शाम तीन बाइक सवार एक बरसाती नाले में बह गए। इनमें से दो लोगों को बचा लिया गया, जबकि एक युवक की तलाश जारी है। लालसोट के नालावास डैम के टूटने के बाद हालात सबसे ज्यादा गंभीर बने। बांध का पानी तेजी से गांवों में घुस गया, जिससे खेत-खलिहान जलमग्न हो गए। कई घरों में पानी भर गया और लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रशासन ने रेस्क्यू शुरू किया। प्रभावित गांवों में हालात बिगड़ते देख पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। पिछले 24 घंटे में कई जगहों पर भारी बरसात दर्ज की गई। दौसा जिले के नांगल राजावतान में 53 मिमी, रामगढ़ पचवारा में 50, राहुवास में 31 और लवाण में 30 मिमी बारिश हुई। भरतपुर के सीकरी और नदबई में 29-29 मिमी, नागौर के नावां में 35, जयपुर के तूंगा में 34, करौली के सपोटरा में 30, अलवर के तिजारा में 25, गोविंदगढ़ में 32 और बहरोड़ में 29 मिमी बरसात दर्ज की गई। बारां जिले के शाहबाद में 33, सवाई माधोपुर के गंगापुर सिटी में 34 और तलवाड़ा में 30 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। इन आंकड़ों से साफ है कि प्रदेश के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में सबसे ज्यादा बरसात हुई है। मौसम केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि मानसून ट्रफ वर्तमान में बीकानेर, जयपुर, दतिया, सीधी और पुरी होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। इसके अलावा एक अन्य ट्रफ पंजाब, हरियाणा और नॉर्थ-ईस्ट राजस्थान से गुजर रही है। इसी कारण प्रदेश में बरसात का दौर तेज हुआ है। उन्होंने बताया कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर लो-प्रेशर सिस्टम बना है, जिसके चलते राजस्थान में सात सितंबर तक लगातार बारिश का सिलसिला बना रहेगा। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इस दौरान नदियों-नालों और बांधों के उफान पर आने की संभावना है, जिससे कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। भारी बारिश और हादसों के मद्देनजर प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। नदियों और बांधों के पास जाने से मना किया गया है। कई जिलों में स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है और राहत-बचाव दल अलर्ट पर हैं। ग्रामीण इलाकों में पानी भरने से बिजली व्यवस्था और यातायात भी प्रभावित हुआ है। बारिश से एक ओर जहां किसानों को राहत मिली है, वहीं दूसरी तरफ लगातार हो रही बरसात अब लोगों के लिए आफत बन गई है। आने वाले दिनों में मौसम का यही मिजाज बना रहा तो हालात और बिगड़ सकते हैं।

सीएम भजनलाल शर्मा का ऐलान: 18 सितंबर से गांव चलो अभियान, राजस्व प्रकरण होंगे निस्तारित

जयपुर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार गुड गवर्नेन्स के मानकों पर खरा उतरते हुए आमजन के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बजट घोषणाओं को धरातल पर उतारने के लिए अधिकारी उनकी नियमित मॉनिटरिंग करें। साथ ही, संबंधित विभागों से समन्वय कर भूमि आवंटन, डीपीआर, टेंडर प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए, जिससे विकास कार्यों का लाभ लोगों को समय पर मिल सके। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री कार्यालय में राजस्व एवं उपनिवेशन विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग, तकनीक एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से काश्तकारों को सुविधाएं उपलब्ध कराने में नवाचार कर रहा है। इसी क्रम में किसानों को स्वयं फसल गिरदावरी की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए एग्रीस्टेक मोबाईल ऐप विकसित किया गया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने के लिए इस ऐप का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। गांव चलो अभियान से ग्रामीणों तक सुलभ होंगी सरकारी सेवाएं शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 18 सितम्बर से प्रदेशभर में सप्ताह में तीन दिन ‘गांव चलो अभियान’ संचालित किया जाएगा, जिसमें ग्रामीणों तक सरकारी सेवाओं की सुलभ पहुंच सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस अभियान के तहत ग्रामीणों के सीमाज्ञान, सहमति विभाजन, नामांतरण आदि लंबित प्रकरणों को निस्तारित किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी व्यक्ति अभियान के लाभों से वंचित ना रहे। पुराने भवनों की मरम्मत करें, गुणवत्ता का रखें ध्यान मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी गत दो वर्ष के बजट में घोषित भवन निर्माण के कार्यों को प्राथमिकता देते हुए तय समय में पूरा करें। साथ ही नियमित निगरानी कर इनकी गुणवत्ता पर भी ध्यान रखा जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पुराने भवनों का भी आवश्यकतानुसार पुनर्निर्माण एवं मरम्मत की जाए, ताकि सरकारी संसाधनों का अधिकतम उपयोग हो सके। शर्मा ने कहा कि जैसलमेर जिले के सामान्य आवंटन के लंबित आवेदनपत्रों के निस्तारण के लिए योजना बनाई जाए, साथ ही 15 दिन का अभियान चलाकर लंबित प्रकरणों को निस्तारित किया जाए। उन्होंने विभाग की कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए वर्तमान नियमों में यथासंभव संशोधन कर नियमों के सरलीकरण के निर्देश भी दिए। बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि फार्मर रजिस्ट्री योजना के माध्यम से किसानों के आधार नम्बर को राजस्व रिकॉर्ड के साथ मेपिंग का कार्य समस्त जिलों में प्रारम्भ कर दिया गया है। अब तक 87 प्रतिशत किसानों की फार्मर आईडी जनरेट की जा चुकी है। अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में राज्य के 48 हजार 463 गांवों की जिओ रेफरेंस शीट फाइल भू-नक्शा पोर्टल पर अपलोड कर 4.49 करोड़ यूनिक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन नम्बर (ULPIN) जारी किए जा चुके हैं। बैठक में राजस्व न्यायालयों के लिए रेवेन्यू कोर्ट मॉर्डनाइजेशन सिस्टम, राजस्व इकाइयों का पुर्नगठन, पूर्णकालिक सरकारी अधिवक्ताओं को रिटेनर शुल्क, उपनिवेशन क्षेत्र में भूमि आवंटन की दर में परिवर्तन, ग्राम दान एवं भूदान अधिनियम सहित विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में राजस्व मंत्री हेमन्त मीणा एवं मुख्य सचिव सुधांश पंत सहित संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

‘शहर चलो अभियान’ की तैयारी पूरी, 4 से 13 सितम्बर तक लगेंगे प्री-कैम्प

जयपुर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार का प्रमुख ध्येय अंत्योदय की संकल्पना को सिद्धि की ओर ले जाते हुए अंतिम छोर के व्यक्ति को अधिक से अधिक राहत पहुंचाना है। 15 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक संचालित होने वाला शहर चलो अभियान इस उद्देश्य की प्राप्ति में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने अधिकारियों को अभियान के सफल संचालन के लिए प्रभावी कार्ययोजना के अंतर्गत कार्य करने के लिए निर्देशित किया, ताकि शहरी निकायों में बुनियादी नागरिक सुविधाएं सुदृढ़ हों और सेवाओं को नई गति मिले। शर्मा मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अभियान से पूर्व 4 से 13 सितम्बर तक प्री-कैम्प आयोजित किए जाएं। इस दौरान अधिकारी शहरी निकायों के वार्डों में पहुंचें और पार्षदों से चर्चा कर समस्याओं का चिन्हीकरण करें। इससे आमजन को मुख्य कैम्प के दौरान सुगम और त्वरित राहत मिल सकेगी। जन उपयोगी कार्यों के त्वरित निस्तारण से आमजन को मिलेगी राहत मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी निकायों में सफाई व्यवस्था सुधार, नई स्ट्रीट लाइट्स लगाने, आवारा पशुओं को पकड़ने, जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, सार्वजनिक स्थानों का रखरखाव और सौंदर्यकरण, सड़क मरम्मत जैसे जनोपयोगी कार्य इस अभियान में किए जाएंगे। उन्होंने पीएम स्वनिधि ऋण वितरण, पीएम सूर्यघर 150 यूनिट निःषुल्क बिजली योजना के आवेदन प्राप्त करने के साथ ही सामुदायिक भवन, आंगनवाड़ी एवं विद्यालय आदि के मरम्मत के कार्य विशेष रूप से संपादित करने के लिए भी निर्देशित किया। ग्रामीण क्षेत्रों के सुनियोजित विकास के लिए करें विशेष कार्य शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सुनियोजित विकास को गति देने के लिए निरंतर कार्य कर रही है, जिससे प्रदेश के सुदृढ़ बुनियादी ढांचे को गति मिल सके। उन्होंने भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप ग्रामीण क्षेत्रों के सुनियोजित विकास पर विशेष जोर देते हुए स्वच्छता, पेयजल, सड़क, सीवरेज जैसी आधारभूत सुविधाओं पर विशेष रूप से कार्य करने के लिए निर्देशित किया। बैठक में नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) झाबर सिंह खर्रा एवं नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

बिना चीरा, बिना दर्द : एसएमएस मेडिकल कॉलेज में होगा अत्याधुनिक रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट

जयपुर राजधानी जयपुर स्थित सवाई मानसिंह (एसएमएस) मेडिकल कॉलेज का यूरोलॉजी विभाग एक और ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहा है। यहां जल्द ही रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू होने जा रही है।जिसके बाद sms देश के उन चुनिंदा मेडिकल इंस्टीट्यूट में शामिल हो जाएगा जहाँ रोबोट द्वारा किडनी ट्रांसप्लांट किया जा रहा है, SMS मेडिकल कॉलेज के यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ शिवम प्रियदर्शी का कहना है की हमारे यहाँ रीनल यानि किडनी  ट्रांसप्लांट हालात पिछले 20-25 वर्षों से लगातार किया जा रहा है और वर्ष 2015 से कैडेवर ट्रांसप्लांट भी हो रहे हैं, इसी बीच अगले कुछ दिनों बाद में पहला रोबॉटिक किडनी ट्रांसप्लांट करने की भी तैयारी चल रही है, डॉक्टर शिवम का कहना है कि रोबोटिक सर्जरी तकनीक से मरीजों को और अधिक सुरक्षित, सटीक और कम तकलीफ़देह उपचार मिलेगा। बिना चीरा लगाए किडनी ट्रांसप्लांट डॉ. शिवम के अनुसार, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के यूरोलॉजी विभाग में रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट शुरू करना राजस्थान की स्वास्थ्य सेवाओं में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी। उन्होंने बताया कि पहले किडनी ट्रांसप्लांट के दौरान पेट में बड़ा चीरा लगाया जाता था, लेकिन इस नई तकनीक में बिना बड़े चीरे के किडनी ट्रांसप्लांट किया जाएगा, जिससे मरीज को कम दर्द होगा। इस प्रक्रिया में डॉक्टर सीधे ऑपरेशन नहीं करते, बल्कि रोबोटिक आर्म्स की मदद से 3-डी विजन और हाई-डेफिनिशन कैमरे द्वारा सर्जरी की जाती है। पारंपरिक तरीकों की तुलना में इसमें केवल छोटे-छोटे चीरे लगते हैं, जिससे रक्तस्राव, दर्द और संक्रमण का खतरा कम होता है और मरीज जल्दी स्वस्थ हो जाता है। मरीजों के लिए लाभ:     ऑपरेशन के 24 घंटे के भीतर मरीज चल-फिर सकता है।     अस्पताल में भर्ती रहने की अवधि कम हो जाती है।     बड़ी सर्जरी के निशान नहीं रहते, जिससे दिखने में भी सुधार होता है।     मरीज जल्द सामान्य जीवन में लौट पाता है।     सटीकता में वृद्धि     डॉ. शिवम के अनुसार, रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट जटिल सर्जरी को भी सुरक्षित और कुशल तरीके से करने में मदद करता है। पारंपरिक ट्रांसप्लांट में नसों और रक्त वाहिकाओं को जोड़ने में अधिक समय और जोखिम रहता है, लेकिन रोबोटिक तकनीक से यह प्रक्रिया अधिक सटीक और सरल हो जाती है। वर्तमान में यह सुविधा देश के कुछ चुनिंदा बड़े निजी अस्पतालों में ही उपलब्ध है। ऐसे में सरकारी स्तर पर इस तकनीक का आरंभ होना मरीजों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा।

डांट के डर से निकली घर से, गोल्डन टेंपल पहुंची NEET परीक्षार्थी

  जयपुर कई बार हम देखते हैं कि नंबर कम आने पर घरवालों की डाट से बचने के लिए बच्चे घर छोड़कर चले जाते हैं। कुछ ऐसा ही सीकर में रहने वाली 20 साल की लड़की ने किया। यह लड़की सीकर में नीट परीक्षा की तैयारी कर रही थी। नंबर कम आने पर वह घर छोड़कर चली गई। अब एक महीने बाद पुलिस ने उसे अमृतसर के गोल्डन टेंपल से दस्तयाब कर लिया। वहां पर युवती लंगर में सेवा करती और अपना पेट भरती थी। पूरा घटनाक्रम सीकर के उद्योग नगर इलाके का है। सीकर पुलिस के मुताबिक 25 जुलाई की सुबह 6:15 बजे के करीब 20 साल की युवती अपने घरवालों को बिना बताए कहीं पर चली गई। जैसे ही परिजनों ने पुलिस में गुमशुदगी दर्ज करवाई तो पुलिस भी मामले में एक्टिव हुई।  इसके बाद पुलिस ने उसे 29 अगस्त को अमृतसर के गोल्डन टेंपल से दस्तयाब कर लिया। यहां पर युवती ने पुलिस को बताया कि इस बार नीट परीक्षा में उसके नंबर कम आए थे। उसे घरवालों कि डाट का डर था। इसलिए उसने घरवालों को कहा कि उसके नंबर अच्छे आए हैं और कॉलेज भी अच्छी मिलेगी। परीक्षा में कम नंबर आए फिर काउंसिल में पोल खुलने के डर से घर छोड़ा लेकिन जब काउंसलिंग का वक्त आया तो लड़की को लगा कि अब उसके घरवालों को हकीकत पता चल जाएगी। ऐसे में वह अपना घर छोड़ कर चली गई। वह ट्रेन के जरिए रेवाड़ी पहुंची। रेवाड़ी से फिर वह दिल्ली और दिल्ली से हरिद्वार गई। हरिद्वार में उसने लोगों को तिलक लगाने का काम शुरू किया। इससे कुछ पैसे मिले तो अपना पेट भरा और कुछ नए कपड़े खरीद लिए। यहां से लड़की पठानकोट गई। पठानकोट में उसने सुना कि अमृतसर के गोल्डन टेंपल में लंगर में सेव करके फ्री में खाना खा सकते हैं। बस फिर क्या था लड़की सीधे ट्रेन पकड़कर अमृतसर चली गई। यहां पर उसने लंगर में सेवा करना शुरू किया और फिर खाना खाकर वहीं पर रहने लगी। करीब 2 से 3 दिन पहले उसने अपने पिता को कॉल करके कहा कि अब वह घर पर नहीं आना चाहती। जैसे ही पुलिस को उसकी लोकेशन मिली तो पुलिस उसे दस्तयाब करके लेकर आई है। मामले में सीकर एसपी प्रवीण नायक का कहना है कि युवती को सकुशल उसके घरवालों को सुपुर्द कर दिया गया है। सभी लोगों से अपील है कि वह अपने बच्चों पर किसी तरह का दबाव न डालें।

RPSC विवाद और वोटिंग में धोखाधड़ी पर सचिन पायलट ने उठाए सवाल, केंद्र को लिया आड़े हाथों

टोंक कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और टोंक विधायक सचिन पायलट कल एक दिवसीय दौरे पर टोंक पहुंचे। कांग्रेस कमेटी कार्यालय में जोरदार स्वागत के बाद पायलट ने कार्यकर्ताओं से संवाद किया और राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा को जन-जन तक पहुंचाने की अपील की। उन्होंने कहा कि आने वाले नगर निकाय और पंचायत राज के चुनावों पर भी नजर रखनी होगी। सचिन पायलट ने कहा कि देश में भाजपा ने वोट चोरी की है और राहुल गांधी अब सबूतों के साथ वोट अधिकार यात्रा निकाल रहे हैं। पायलट ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त के चयन में बदलाव और निर्वाचन आयोग के कामकाज पर सवाल उठाए। उन्होंने 45 दिन में सीसीटीवी फुटेज डिलीट करने के नियम पर भी निशाना साधा और पूछा कि लाखों, करोड़ों डेटा स्टोर करने की क्षमता होने के बावजूद पोलिंग बूथ की वीडियो फुटेज क्यों डिलीट की जा रही है। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने छह महीने अध्ययन करके फर्जी वोट और गलत मतदाता नामों का डेटा इकट्ठा किया है। देश में गरीब, दलित और शोषित वर्ग के मतदाता हैं, क्या उनके नाम काट दिए जाएंगे? पायलट ने कहा कि वे निर्वाचन आयोग से सिर्फ जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन बिना जांच के लोगों के नाम हटाए जा रहे हैं। उन्होंने आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि अधिकारी झूठ बोलकर अपनी गड़बड़ियों को छुपा रहे हैं और लोकतंत्र की मूल भावना को कमजोर कर रहे हैं। पायलट ने एसआई भर्ती परीक्षा रद्द होने और आरपीएससी में गड़बड़ी पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उन्होंने इसकी शुरुआत वहीं से की थी और इसका पुनर्गठन होना चाहिए था, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने मंत्री जोगाराम पटेल और अन्य अधिकारियों पर भी निशाना साधा। पायलट ने कहा कि यह सिर्फ एक परीक्षा का मामला नहीं है, पूरी प्रक्रिया पर कार्रवाई होनी चाहिए, वरना भविष्य में फिर दोबारा गड़बड़ी हो सकती है। वोट अधिकार यात्रा को लेकर उन्होंने कहा कि इसे सभी गठबंधन दलों का समर्थन प्राप्त है। टीएमसी और अन्य गठबंधन नेता भी इस यात्रा में शामिल हैं। पायलट ने कहा कि वोट का अधिकार प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक अधिकार है और किसी को इसे छिनने की अनुमति नहीं दी जाएगी। राजस्थान में भी कांग्रेस इसी अभियान को आगे बढ़ाएगी और ग्रामीण, शहरी क्षेत्रों में जनता को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाएगा।

राजस्थान में सियासी पारा चढ़ा: मानसून सत्र से पहले कांग्रेस ने दिए टकराव के संकेत

जयपुर राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। सत्र शुरू होने से पहले ही कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार कर साफ कर दिया है कि सदन का माहौल गरम रहने वाला है। कांग्रेस ने इस सत्र को लेकर अपनी रणनीति तैयार कर ली है। माना जा रहा है कि सदन में सरकार और विपक्ष के बीच तीखा टकराव देखने को मिलेगा। बजट सत्र में भी कांग्रेस ने सरकार पर लगातार हमले किए थे और कई बार कांग्रेस विधायकों और स्पीकर के बीच तनातनी की स्थिति बनी थी। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के तीखे तेवर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष चाहते हैं कि सत्र लंबा चले, लेकिन सरकार जल्दबाजी में इसे कुछ दिनों में समाप्त करना चाहती है। उन्होंने कहा कि विपक्ष सदन में सरकार की जवाबदेही तय करेगा, क्योंकि यह सरकार पौने दो साल में ही असफल और अलोकप्रिय साबित हो चुकी है। जूली ने भाजपा सरकार के "अलोकतांत्रिक रवैये" की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि जिलों में कांग्रेस के निर्वाचित प्रधानों, प्रमुखों और चेयरमैनों को चुन-चुनकर हटाया जा रहा है। यहां तक कि मुख्यमंत्री के गृह जिले में सभी निर्वाचित प्रधानों को हटाकर भाजपा नेताओं को बिठा दिया गया है। यही वजह है कि सरकार पंचायती राज और नगरीय निकाय चुनाव भी नहीं करवा रही है और हाईकोर्ट से स्टे लेकर बच रही है। मुख्यमंत्री सिर्फ भाजपा के नहीं नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री केवल एक पार्टी के नहीं होते। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस सरकार के समय मई 2020 में मुख्यमंत्री ने सभी 200 विधायकों और 25 सांसदों की बैठक बुलाकर उनकी बातें सुनी थीं। जूली के अनुसार मौजूदा सरकार विपक्ष की आवाज को दरकिनार कर केवल भाजपा विधायकों, सांसदों और यहां तक कि हारे हुए प्रत्याशियों से ही बातचीत कर रही है।