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पराली रोकने हरियाणा सरकार का एक्शन प्लान तैयार, 19 बिंदुओं में रणनीति; हर 50 किसानों पर तैनात होंगे अधिकारी

चंडीगढ़  हरियाणा में धान की कटाई के बाद पराली न जले, इसको लेकर सरकार एक मेगा प्लान तैयार कर रही है। दरअसल, हाल ही में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने पराली जलाने पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए थे। इसके तहत 19 सूत्री प्लान लिस्टेड किया गया है।  प्लान में साथ ही छोटे व सीमांत किसानों के लिए CRM मशीनों को किराया मुक्त किया जाएगा।सीएक्यूएम की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि पराली जलाने की घटनाओं पर बारीकी से निगरानी, ​​निरीक्षण और सुरक्षा के लिए पुलिस, कृषि और नगर निगम के अधिकारियों से मिलकर एक पराली सुरक्षा बल गठित करने को कहा गया है। 90% पराली नहीं जली हरियाणा पिछले नौ वर्षों में पंजाब को पीछे छोड़ते हुए पराली जलाने की 90 प्रतिशत घटनाओं को समाप्त करने का गौरव प्राप्त कर चुका है। राज्य ने पिछले वर्ष आक्रामक कार्यक्रम शुरू किए और 2023 की तुलना में 2024 में पराली जलाने की घटनाओं में 39 प्रतिशत की कमी लाने में सफलता प्राप्त की।हरियाणा के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि आज किसान पराली जलाने से होने वाली समस्याओं के प्रति जागरूक है। पराली पर बोले कृषि मंत्री हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि लगभग 10 साल पहले हमने किसानों को समझाने और समझाने की कोशिश शुरू की थी और आज किसान हमारे पास समाधान की तलाश में आ रहे हैं। मानसिकता में बदलाव से काफी बदलाव आया है और हरियाणा जल्द ही पराली जलाने से मुक्त राज्य बन जाएगा। 2030 तक पराली जलाने से मुक्त होगा प्रदेश हाल ही में राज्य की नवीनतम पर्यावरण योजना का अनावरण करते हुए, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पराली जलाने को वायु गुणवत्ता में गिरावट के प्रमुख कारणों में से एक बताया और 2030 तक इसे समाप्त करने का वादा किया। सैनी ने कहा कि एनसीआर में वायु संकट के लिए अक्सर पराली जलाने को ज़िम्मेदार ठहराया जाता है।पराली जलाना सबसे बड़े पर्यावरणीय संकटों में से एक है और हरियाणा इस तथ्य से अच्छी तरह वाकिफ है। एक दशक से भी ज़्यादा समय से हम इस समस्या के समाधान के लिए लगातार काम कर रहे हैं। राज्य सरकार ने 2025 के लिए एक कार्य योजना तैयार की है, जिसमें फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों की खरीद के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये की सब्सिडी का प्रावधान भी शामिल है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि हरियाणा 2030 तक पराली जलाने से मुक्त हो जाएगा।” सैनी ने कहा। हरियाणा पिछले नौ वर्षों में पंजाब को पीछे छोड़कर 90 प्रतिशत पराली जलाने की समस्या से मुक्त होने का दावा करता है। राज्य ने पिछले साल आक्रामक कार्यक्रम शुरू किए और 2023 की तुलना में 2024 में पराली जलाने की घटनाओं में 39 प्रतिशत की कमी हासिल की। कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा, "हरियाणा के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि आज किसान पराली जलाने से होने वाली समस्याओं से अवगत है। लगभग 10 साल पहले हमने समझाने और समझाने की कोशिश शुरू की थी और आज किसान हमारे पास समाधान की तलाश में आ रहे हैं। मानसिकता में बदलाव से काफी बदलाव आया है और हरियाणा जल्द ही पराली जलाने वाले राज्य से मुक्त हो जाएगा।" इस साल मई में, दिल्ली स्थित वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने पड़ोसी राज्यों को पराली जलाने पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए थे। इसमें 19 सूत्री कदम सूचीबद्ध किए गए थे जो पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को इस साल पराली जलाने को पूरी तरह से खत्म करने के लिए उठाने चाहिए। तीनों राज्यों को दिए गए अपने आदेशों में CAQM ने निर्देश दिया कि ये राज्य हर गाँव के खेत का नक्शा बनाएँ, 50 से ज़्यादा किसानों के साथ एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें, पुरानी फसल अवशेष प्रबंधन (CRM) मशीनों को बेकार कर दें और छोटे व सीमांत किसानों के लिए CRM मशीनों को किराया-मुक्त बनाएँ। इन राज्यों को पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ी निगरानी, ​​देखरेख और सुरक्षा के लिए पुलिस, कृषि और नागरिक अधिकारियों से मिलकर पराली सुरक्षा बल गठित करने को कहा गया है। सीएम नायब सैनी कह चुके हैं कि पराली जलाना सबसे बड़े पर्यावरणीय संकटों में से एक है और हरियाणा इस तथ्य से भली-भांति परिचित है। पिछले एक दशक से हम इस समस्या के समाधान के लिए लगातार काम कर रहे हैं। राज्य सरकार ने 2025 के लिए एक कार्य योजना तैयार की है, जिसमें फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों की खरीद के लिए लगभग 200 करोड़ रुपए की सब्सिडी का प्रावधान भी शामिल है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि 2030 तक हरियाणा पराली जलाने से मुक्त हो जाएगा।

कक्षा से खेत तक: प्रोफेसर बनीं ‘मशरूम क्वीन’, जानिए सफलता का मंत्र

सोनीपत हमारे समाज में यह माना जाता रहा है कि खेतीबाड़ी तो सिर्फ पुरुष ही संभाल सकते हैं, मगर सोनीपत की प्रोफेसर सोनिया दहिया ने अपनी मजबूत इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत के बूते इस मिथक को तोड़ दिया। सोनिया दहिया एक असिस्टेंट प्रोफेसर हैं जो हरियाणा के सोनीपत जिले से हैं। उन्होंने अपने पति विजय दहिया के साथ मिलकर मशरूम की खेती में जबरदस्त सफलता हासिल की है। सोनिया दहिया को 'हरियाणा की मशरूम लेडी' के नाम से भी जाना जाता है। बायोटेक्नाेलॉजी में पीएचडी सोनिया दहिया मुरथल स्थित दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर कार्यरत हैं। उनके पति विजय दहिया दिल्ली स्थित महाराजा सूरजमल संस्थान में गणित के एसोसिएट प्रोफेसर हैं। कोरोना काल में जब सभी संस्थान बंद थे, तब खाली समय में कुछ नया करने के विचार से सोनिया दहिया ने सोनीपत से सटे अपने गांव बड़वासनी में खाली पड़ी अपनी एक एकड़ जमीन पर मशरूम की खेती करने का आइडिया दिया।  मशरूम फार्म की विशेषताएं सोनिया दहिया के फार्म में हाई-टेक और कंट्रोल्ड एनवायरमेंट में बटन मशरूम उगाए जाते हैं। उनके फार्म में करीब 20 ग्रामीण महिलाएं काम करती हैं जिन्हें स्थायी रोजगार मिला हुआ है। सोनिया दहिया महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का समर्थन करती हैं और उन्हें रोजगार प्रदान करने के लिए प्रयासरत हैं ।   सफलता के मंत्र सोनिया दहिया का मानना है कि व्यवसाय शुरू करने के लिए किसी सही समय का इंतजार नहीं करना चाहिए, बल्कि शुरुआत करना ही सबसे बड़ा कदम होता है।उन्होंने अपने अनुभव से सीखा है कि मशरूम की खेती करना मुश्किल काम नहीं है और इसकी खेती उन लोगों के लिए अच्छा ऑप्शन है जो पारंपरिक नौकरी को छोड़कर खुद का काम शुरू करना चाहते हैं ⁴।  

चौंकाने वाली घटना: हरियाणा कैबिनेट मंत्री के बंगले में कांस्टेबल ने लिया खुदकुशी का निर्णय

गुरुग्राम हरियाणा के गुरुग्राम से सनसनीखेज वारदात सामने आई है. यहां कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह के सरकारी बंगले में एक पुलिस कांस्टेबल ने सुसाइड कर लिया. वो यहां गार्ड रूम में तैनात था. घटना का खुलासा तब हुआ, जब उसके एक साथी ने उसे कमरे के अंदर बेहोशी की हालत में पाया. तुरंत मंत्री और पुलिस को जानकारी दी गई. आनन-फानन में कांस्टेबल को अस्पताल पहुंचाया गया. मगर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मृतक की पहचान 49 वर्षीय कांस्टेबल जगबीर सिंह के रूप में हुई है. वो झज्जर जिले के सुखपुरा गांव का रहने वाला था. पुलिस के मुताबिक, 49 साल के कॉन्स्टेबल जगबीर सिंह राव नरबीर सिंह के बंगले के प्रवेश द्वार पर सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात था. शुरुआती जांच में इसे आत्महत्या माना जा रहा है. हालांकि, मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. पुलिस इस केस की जांच में जुटी हुई है. घटना सिविल लाइंस इलाके की है. यहां हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह के सरकारी बंगले पर सुरक्षा में तैनात एक सिपाही मृत पाया गया. पुलिस के मुताबिक, यह घटना रात ढाई बजे के वक्त हुई है. क्या बोले मामले में SHO? SHO कृष्ण कुमार ने कहा- हमें शक है कि सिपाही ने कोई जहरीला पदार्थ खाया हो सकता है, जिससे उसकी मौत हुई. हालांकि, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही सच्चाई सामने आएगी.’ पुलिस का कहना है कि अभी तक मृतक के परिवार वालों ने कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं की है और न ही कोई बयान दिया है. परिवार के बयान के बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी. कौन था मृतक सिपाही? जानकारी के मुताबिक, मृतक सिपाही एक पूर्व सैनिक था, जिसने 2014 में हरियाणा पुलिस में अपनी सेवाएं शुरू की थीं. जब राव नरबीर सिंह मंत्री बने, तब उनकी सुरक्षा के लिए इस सिपाही को बंगले पर तैनात किया गया था. उसके साथ कई अन्य पुलिसकर्मी भी सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा थे.  

परिवार पहचान पत्र से होगा बड़ा बदलाव, हरियाणा में एआई क्रांति फैलाएगी हर रिकॉर्ड में पारदर्शिता

चंडीगढ़  हरियाणा सरकार अब परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) को सिर्फ पहचान या आधार लिंकिंग तक सीमित नहीं रखना चाहती। दूसरी पारी में इस योजना का चेहरा बदलने वाला है। सरकार कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस) के सहारे पीपीपी को भूमि स्वामित्व रिकॉर्ड, आयकर रिटर्न (आईटीआर), बैंक अकाउंट और टीडीएस डेटा से जोड़ने की तैयारी कर रही है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हीं तक पहुंचे जिन्हें वास्तव में इसकी ज़रूरत है। अभी तक पीपीपी केवल आधार और लाभार्थी परिवार के एक बैंक अकाउंट से जुड़ा हुआ है। लेकिन अब इसका दायरा काफी व्यापक होने जा रहा है। राज्य सरकार ने भूमि अभिलेखों को लिंक करने का काम पहले ही शुरू कर दिया है। अगले चरण में इसे केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के डाटा से भी जोड़ दिया जाएगा। यानी किसी भी परिवार की आय, बैंकिंग ट्रांजेक्शन और टैक्स रिटर्न एक क्लिक में ट्रैक हो सकेंगे। हरियाणा सरकार का यह कदम कल्याणकारी योजनाओं की डिलीवरी को स्मार्ट और पारदर्शी बनाने की दिशा में क्रांतिकारी साबित हो सकता है। अब यह केवल पहचान का दस्तावेज नहीं रहेगा, बल्कि आर्थिक और सामाजिक स्थिति का पूरा डिजिटल खाका होगा। सरकार की उम्मीद है कि पीपीपी और एआई का यह मेल हरियाणा की ‘लाभार्थी राजनीति’ को नई दिशा देगा और असली हकदारों तक योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित करेगा। एआई बदलेगा सरकारी योजनाओं की तस्वीर पीपीपी कार्यक्रम के स्टेट कोऑर्डिनेटर सतीश खोला का कहना है कि भूमि अभिलेखों और सीबीडीटी डेटा को पीपीपी से जोड़ना कल्याणकारी योजनाओं की पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। एआई से डेटा का विश्लेषण होगा, जिससे पात्रता का अधिक सटीक आकलन किया जा सकेगा। खोला के मुताबिक, योजना की उच्चस्तरीय समीक्षा हो चुकी है और जल्द ही इसे लागू किया जाएगा। 76 लाख परिवार जुड़े, 40 लाख बीपीएल हरियाणा में अब तक 76 लाख से ज्यादा परिवार पहचान पत्र बनाए जा चुके हैं। इनमें से 40 लाख से अधिक परिवार बीपीएल श्रेणी में दर्ज हैं। यही वजह है कि सरकार अब इस डाटा को और अधिक पारदर्शी बनाना चाहती है, ताकि वास्तविक गरीब परिवारों को ही लाभ मिल सके। हालांकि बीपीएल परिवारों की संख्या बढ़ने और फिर कटने को लेकर विपक्ष सरकार को घेरता भी रहा है। विधानसभा के हालिया मानसून सत्र में भी यह मुद्दा उठ चुका है। आय प्रमाण पत्र की जगह डिजिटल ट्रैकिंग अभी तक किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए आय प्रमाण पत्र, आधार और कुछ सहायक दस्तावेज़ देना अनिवार्य था। लेकिन अब तस्वीर बदल जाएगी। एआई संचालित सिस्टम सीधे यह बता सकेगा कि किस परिवार की वास्तविक आय कितनी है, उनके पास कितनी जमीन है और वे किस टैक्स स्लैब में आते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि डिजिटल रिकॉर्ड पहले से सरकारी विभागों में मौजूद हैं। एआई इन्हें जोड़कर पात्रता का असली नक्शा खींच देगा। योजनाओं में होगी पारदर्शिता सरकार का तर्क है कि जब लाभार्थियों का पूरा वित्तीय व भूमि डाटा एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा, तो फर्जीवाड़े की संभावना बेहद कम हो जाएगी। किसी भी परिवार के कई बैंक खातों की जानकारी भी सामने आ जाएगी। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि योजना का लाभ डुप्लीकेट अकाउंट या गलत दस्तावेज़ के आधार पर न लिया जाए। सरकार का कहना है कि यह कदम केवल प्रशासनिक सुधार नहीं है, बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में भी एक बड़ा प्रयोग है। भविष्य की लम्बी प्लानिंग पीपीपी का यह नया स्वरूप हरियाणा को उन चुनिंदा राज्यों की कतार में खड़ा कर देगा, जो डेटा-ड्रिवन गवर्नेंस की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। पहले चरण में आधार और बैंक अकाउंट लिंक किए जाएंगे। इसके बाद दूसरे चरण में भूमि रिकॉर्ड और टैक्स डाटा इंटीग्रेशन पर काम होगा। तीसरे चरण में एआई आधारित डेटा विश्लेषण और पात्रता निर्धारण पर काम होगा।

जनसेवा और श्रद्धा का संगम: कुमारी सैलजा के जन्मदिन पर होगा हवन व रक्तदान शिविर

सिरसा  अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, सिरसा के संयुक्त तत्वावधान में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री व सिरसा लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा का जन्म दिन 24 सितंबर को स्थानीय कांग्रेस भवन में धूमधाम से मनाया जाएगा।  पीसीसी डेलीगेट्स राजेश चाडीवाल ने बताया कि बुधवार को सुबह 9 बजे कांग्रेस भवन में हवन यज्ञ किया जाएगा, जिसमें पार्टी के सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ता, कानूनी प्रकोष्ठ, महिला कांग्रेस, जिला यूथ कांग्रेस, एनएसयूआई मिलकर आहूति डालकर सांसद के लंबे व स्वस्थ जीवन की कामना करेंगे।  इसके बाद कांग्रेस भवन में ही रक्तदान शिविर लगाया जाएगा। उन्होंने सभी पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे तय समय पर कार्यक्रम में पहुंचें।

भाजपा की डबल स्ट्रेटजी: दीनदयाल लाडो लक्ष्मी योजना से राज्यों में संदेश की लहर

चंडीगढ़  हरियाणा सरकार की महत्वाकांक्षी ‘दीनदयाल लाडो लक्ष्मी’ योजना अब महज एक वेलफेयर स्कीम भर नहीं रह गई है, बल्कि भाजपा की चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा बन चुकी है। मुख्यमंत्री नायब सैनी जल्द दिल्ली जाएंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर इस योजना की पहली किस्त उनके हाथों से दिलाने का अनुरोध करेंगे। भाजपा की मंशा साफ है- इस योजना को हरियाणा तक सीमित न रखकर बिहार और पंजाब जैसे चुनावी राज्यों में भी संदेश पहुंचाना। 25 सितंबर को पंचकूला में राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री सैनी लाडो लक्ष्मी योजना का रजिस्ट्रेशन ऐप लॉन्च करेंगे। इस दिन सभी जिलों में मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के जरिए भी यही ऐप लॉन्च कराया जाएगा, ताकि इसे एक बड़े सामूहिक कार्यक्रम का रूप दिया जा सके। सरकार ने इस लॉन्च को लेकर इतनी गंभीरता दिखाई है कि 22 और 23 सितंबर की सार्वजनिक छुट्टियों के बावजूद समाज कल्याण, स्वास्थ्य और नागरिक संसाधन सूचना विभाग के अफसरों की ड्यूटी लगी रही। पोर्टल का काम पूरा हो चुका है और लॉन्चिंग से पहले हर स्तर पर इसकी टेस्टिंग करवाई जा रही है। मुख्यमंत्री नायब सैनी के लिए यह योजना उनकी राजनीतिक साख से भी जुड़ी हुई है। भाजपा नेतृत्व उन्हें एक जनहितकारी और ठोस फैसले लेने वाले मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करना चाहता है। यही वजह है कि सैनी खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं कर रहे। जानकारों का मानना है कि अगर यह योजना बिना अड़चनों के लागू हो जाती है तो सैनी न सिर्फ राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करेंगे, बल्कि राष्ट्रीय नेतृत्व की नजरों में भी भरोसेमंद चेहरे के रूप में उभरेंगे। 2024 विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने महिलाओं को 2100 रुपए प्रति माह देने का वादा किया था। बजट में इस मद के लिए 5000 करोड़ रुपए का प्रावधान भी कर दिया गया था। अब सरकार पहले ही साल योजना की शुरुआत कर जनता के बीच यह संदेश देना चाहती है कि भाजपा अपने वादों को निभाती है। माना जा रहा है कि यह कदम विपक्ष की उस आलोचना को कमजोर कर देगा जिसमें सरकार पर चुनावी घोषणाएं भूल जाने का आरोप लगाया जाता रहा है। हरियाणा की योजना, राष्ट्रीय रणनीति इस योजना के जरिए भाजपा एक डबल स्ट्रेटजी पर काम कर रही है। पहला, हरियाणा में महिला मतदाताओं को साधना। दूसरा, बिहार और पंजाब में चुनावी माहौल के बीच इसे मॉडल स्कीम की तरह प्रचारित करना। बिहार में चुनाव की घोषणा अक्तूबर में होने वाली है और भाजपा को उम्मीद है कि हरियाणा का उदाहरण वहां महिलाओं के बीच असर दिखाएगा। वहीं पंजाब में 2027 में चुनाव होने हैं, लेकिन भाजपा ने पहले से ही वहां प्रचार में इस योजना का हवाला देना शुरू कर दिया है। 21 लाख महिलाओं तक पहुंचेगा लाभ योजना के पहले फेज में राज्य की करीब 21 लाख महिलाओं को शामिल किया गया है। इनमें उन परिवारों की महिलाएं हैं जिनकी सालाना आय एक लाख रुपए से कम है। 23 से 45 साल की 2 लाख 82 हजार 635 अविवाहित महिलाएं हैं, जो इसमें कवर होंगी। इसी तरह 18 लाख 16 हजार 621 विवाहित लाभार्थी महिलाएं हैं, जिनकी उम्र 23 से 60 साल है। 60 वर्ष की उम्र पूरी होने के बाद वृद्धावस्था पेंशन का लाभ आटोमेटिक तरीके से मिलना शुरू हो जाएगा। सरकार का मानना है कि इस वर्ग को लाभ पहुंचाकर भाजपा सीधे महिला मतदाताओं की भावनाओं से जुड़ सकेगी। यही वजह है कि पहली किस्त पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह से दिलवाने की तैयारी की जा रही है, ताकि इसका राजनीतिक असर और गहरा हो।

डोमिसाइल प्रक्रिया तेज करने हरियाणा के दो विभाग अलर्ट, छुट्टियां कैंसिल, 25 को लाडो लक्ष्मी ऐप लॉन्च

चंडीगढ़  हरियाणा सरकार की लाडो लक्ष्मी योजना को लेकर बड़े स्तर पर तैयारी चल रही है। सरकार ने योजना की शुरुआत सफल तरीके से हो, इसे लेकर दो विभागों की छुट्टियां तक कैंसिल कर दी गई हैं। आगामी 25 सितंबर को हरियाणा सरकार की ओर से दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना हरियाणा राज्य में महिलाओं के लिए शुरू की जा रही है। इस दिन मुख्यमंत्री योजना के पात्र महिलाओं से आवेदन करवाने के लिए एक एप लॉन्च करेंगे। उन्होंने एक लाख से कम आय वाले परिवार की महिलाओं को योजना के लिए जरूरी कागजात को पूरे करने की अपील की। उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य वित्तीय स्वतंत्रता को मजबूत करके और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करके महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देना है जिससे उनकी समग्र भलाई और सामाजिक भागीदारी को बढ़ावा मिले और महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें। दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना के अंतर्गत प्रत्येक पात्र महिला को 2100 प्रति माह लाभ दिया जाएगा। यह लाभ बैंकों के माध्यम से डीबीटी के तहत वितरित किया जाएगा। सरकार की ओर से ऑर्डर से दिया गया है कि 25 सितंबर को 'दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना' के शुभारंभ की तैयारियों के तहत नागरिक संसाधन सूचना विभाग (CRID), समाज कल्याण और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी 22 और 23 सितंबर को पब्लिक हॉलिडे पर भी काम करेंगे। इसके अलावा रेवेन्यू डिपार्टमेंट के अधिकारियों को भी अलग से निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही हिदायत दी गई है कि योजना को लेकर किसी भी प्रकार की ढिलाई अधिकारी न बरतें। बता दें कि लाडो लक्ष्मी योजना का ट्रायल पूरा हो गया है। यह ट्रायल पूरे प्रदेश में सफल रहा और कहीं से कोई शिकायत नहीं आई। इसके बाद अब 25 सितंबर को पंचकूला में राज्यस्तरीय कार्यक्रम होगा, जिसमें मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इस योजना का ऐप लॉन्च करेंगे। उन्होंने बताया कि इस योजना के परियोजन के लिए प्रत्येक पात्र लाभार्थी के नाम पर एक चालू बैंक खाता होना चाहिए। इस योजना के तहत पात्र व्यक्ति महिला होगी और जिसकी आयु 23 वर्ष से 60 वर्ष के मध्य होनी चाहिए व ऐसे परिवार से संबंधित हो जिसकी सत्यापित वार्षिक आय एक लाख रुपये से अधिक न हो, जो महिला किसी अन्य राज्य से हरियाणा में विवाहित है जिसका पति हरियाणा का निवासी है और आवेदन के समय पिछले 15 वर्षों या उससे अधिक समय से हरियाणा राज्य में रह रहा है यह महिला इस योजना की पात्र है। उन्होंने कहा कि यदि कोई महिला सामाजिक न्याय अधिकारिता एवं अनुसूचित जातियां, पिछड़ा वर्ग कल्याण और अंत्योदय सेवा विभाग से किसी अन्य प्रकार की सहायता प्राप्त कर रही है जैसा कि वृद्धावस्था सम्मान भत्ता, विधवा और निराश्रित महिला को वित्तीय सहायता दिव्यांग वित्तीय सहायता, लाडली सामाजिक सुरक्षा, कश्मीरी प्रवासी परिवारों को वित्तीय सहायता, हरियाणा बौना भत्ता, एसिड अटैक वित्तीय सहायता, अविवाहित वित्तीय सहायता का लाभ प्राप्त करने के बाद दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना का लाभ प्राप्त नहीं कर सकती।  यहां जानिए सरकार क्या-क्या कदम उठा रही…. जिस दिन अप्लाई हो उसी दिन बने निवास प्रमाण पत्र हरियाणा सरकार की ओर से दो विभागों की छुट्टियां कैंसिल करने के साथ ही रेवेन्यू विभाग की ओर से अलग से निर्देश जारी किए गए हैं। विभागीय अधिकारियों को कहा गया है कि सभी ऑनलाइन निवास प्रमाण पत्र आवेदनों का उसी दिन निपटारा किया जाए, जिस दिन वे प्राप्त हों। यह कार्य 24 सितंबर तक, छुट्टियों के दिनों सहित, निर्बाध रूप से जारी रहेगा। सरकार 25 सितंबर को एक राज्यव्यापी कार्यक्रम के माध्यम से दीनदयाल लाडो लक्ष्मी योजना का शुभारंभ करने जा रही है। इन अधिकारियों की लगी ड्यूटी सरकार की ओर से योजना की सफल तरीके से लॉन्चिंग के लिए सीनियर अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। ये अधिकारी लगातार जिला स्तर पर अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर रहे हैं। तैयारियों के संबंध में, अतिरिक्त मुख्य सचिव (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता) जी अनुपमा और अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) सुधीर राजपाल जिला अधिकारियों (DC) के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से योजना की तैयारियों की समीक्षा की और कुछ आवश्यक निर्देश जारी कर रहे हैं। DBT के जरिए बैंक खातों में ट्रांसफर होंगे 2100 रुपए इस योजना के तहत पात्र महिला लाभार्थियों को 2,100 रुपए प्रति माह की आर्थिक सहायता मिलेगी। यह राशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) सिस्टम के जरिए से सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी। परीक्षण के तौर पर, समाज कल्याण विभाग के सभी कर्मचारी वर्तमान में इस योजना के तहत लाभार्थियों का पंजीकरण करने के लिए मैदान में उतर रहे हैं। फ्री में होगा रजिस्ट्रेशन इस योजना की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी तरह निःशुल्क है। पात्र महिलाओं को इसके रजिस्ट्रेशन के लिए एक भी पैसा किसी को नहीं देना है। यदि कोई पैसा लेता है तो उसके खिलाफ संबंधित थाने में महिला शिकायत दर्ज करा सकती है। पात्र होने के लिए, महिला की आयु कम से कम 23 वर्ष होनी चाहिए और उसकी सत्यापित पारिवारिक आय एक लाख रुपए वार्षिक से अधिक नहीं होनी चाहिए। वह या उसका पति (यदि हरियाणा में विवाहित है) पिछले 15 वर्षों से राज्य का निवासी होना चाहिए।

बगावत खत्म! गुरुग्राम के 7 पार्षद BJP में शामिल, जिलाध्यक्ष को किया दरकिनार

गुरुग्राम  गुरुग्राम में पूर्व डिप्टी मेयर परमिंद्र कटारिया समेत सात पार्षदों को BJP जॉइन करा राव इंद्रजीत ने विरोधियों को पटकनी दी है। गुरुग्राम में नगर निगम चुनाव में भाजपा से बागी होकर जीतने वाले 7 पार्षदों ने फिर से बीजेपी का दामन थाम लिया है। इनमें से पांच पार्षद केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के कट्‌टर समर्थक माने जाते हैं। चंडीगढ़ में कबीर कुटीर में आयोजित एक कार्यक्रम में हुई वापसी।  इस घटना ने गुरुग्राम नगर निगम की सियासत में नए समीकरण बनाए हैं और राव इंद्रजीत की स्थिति को और मजबूत किया है। वापसी करने वाले पार्षदों में वार्ड 35 से परमिंद्र कटारिया, प्रदीप परम, वार्ड 10 से महावीर यादव, दिनेश दहिया, अवनीश राघव, पार्षद प्रतिनिधि प्रशांत भारद्वाज और गगनदीप किरोड़ के नाम शामिल हैं। इनमें से भाजपा ने परमिंद्र कटारिया, महावीर यादव, दिनेश दहिया, अवनीश राघव और गगनदीप किरोड़ को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते छह साल के लिए निष्कासित कर रखा था। निष्कासन को दरकिनार कर अब इन्हें वापस पार्टी में शामिल कर लिया गया है। जिलाध्यक्ष को खबर नहीं चौंकाने वाली बात ये है कि जिला अध्यक्ष सर्वप्रिय त्यागी को कानोंकान खबर नहीं चली और रविवार शाम को चंडीगढ़ में ज्वाइन करने के बाद सोमवार सुबह उन्हें इस बारे में पता चला। उन्होंने स्वीकार किया कि मुझे नहीं पता कि कब पार्टी ज्वाइन करने चंडीगढ़ पहुंचे। इस बारे में उनसे कोई चर्चा भी नहीं हुई। यह जिलाध्यक्ष के लिए भी एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित थे परमिंद्र कटारिया पहले डिप्टी मेयर रह चुके हैं, उनकी ज्वाइनिंग को लेकर चर्चा ज्यादा हैं। कटारिया को राव इंद्रजीत भाजपा से टिकट नहीं दिला पाए थे, जिसके चलते उन्होंने बागी होकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। निगम चुनाव के वक्त कटारिया को पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित भी कर दिया था। अब राव इंद्रजीत की बढ़ती राजनीतिक ताकत को देखते हुए इन पार्षदों को गुपचुप तरीके से फिर भाजपा की सदस्यता ग्रहण करवाई गई है। सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद पर कब्जे की रणनीति भाजपा के राजनीतिक सूत्रों के अनुसार यह वापसी गुरुग्राम नगर निगम में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पदों पर कब्जा करने की रणनीति का हिस्सा है। इन पदों के लिए लॉबिंग जोरों पर है, और राव इंद्रजीत के खेमे की यह रणनीति उनके प्रभाव को और बढ़ाने की कोशिश के रूप में देखी जा रही है। अब राव नरबीर खेमा सक्रिय हुआ वहीं सात पार्षदों की भाजपा में ज्वाइनिंग के बाद कैबिनेट मंत्री राव नरबीर खेमा भी सक्रिय हो गया है। इस बीच राव इंद्रजीत की बढ़ती ताकत को देखकर राव नरबीर सिंह का खेमा भी सक्रिय हो गया है। आज एक गुप्त बैठक बुलाई गई है, जिसमें नरबीर खेमा भी अपनी रणनीति तैयार करेगा। ताकि नगर निगम में अपनी स्थिति को मजबूत किया जा सके। यह राजनीतिक उलटफेर गुरुग्राम की सियासत में दोनों खेमों के बीच एक नया टकराव पैदा कर सकता है। कभी पार्टी से दूर नहीं गए: कटारिया इस बारे में जब पूर्व डिप्टी मेयर और निर्दलीय पार्षद परमिंदर कटारिया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे 32 साल से भाजपा से जुड़े हैं और 80 फीसदी कार्यकर्ताओं में सबसे ज्यादा एक्सपीरियंस हैं। मैंने कभी पार्टी के खिलाफ कुछ नहीं किया। जब मैंने अपने वार्ड के लोगों की भावनाओं का सम्मान किया तो उन्होंने मुझे पूरे हरियाणा में सबसे ज्यादा वोटों से जिताया। उन्होंने कहा कि वे पहले भी पार्टी के साथ थे और आज भी पूरे दिल से पार्टी से जुड़े हुए हैं। वे भाजपा से दूर नहीं गए। यहां से वे 4464 वोटों से जीते हैं, जो कि पूरे प्रदेश में पार्षदों में सबसे ज्यादा अंतर है। जिले में 58 कार्यकर्ता हुए थे निष्कासित नगर निगम गुरुग्राम-वार्ड एक से साहब राम (लीलू सरपंच), इंद्रजीत यादव, वार्ड-2 से रिम्पल यादव, पूर्व मेयर विमल यादव, वार्ड-3 से राकेश यादव, राहुल यादव, वार्ड-7 से संदीप मेहलावत, नवीन दहिया व दिनेश दहिया हैं। वार्ड-8 से दीपक कटारिया, पूर्व पार्षद लखपत कटारिया व पूर्व पार्षद संजय प्रधान, वार्ड-9 से अवनीश राघव खांडसा जिला सचिव, वार्ड-10 से महावीर यादव, वार्ड-11 से अजय नंबरदार, वार्ड-12 से गगनदीप किल्होड़ व रूचि किल्होड़ है। वार्ड-13 से श्रेयस जैन व अश्विनी शर्मा, वार्ड-14 से प्रमोद यादव व सचिन तंवर, वार्ड-15 राकेश यादव फाजिलपुर, प्रवीण लता व नीरज यादव (मंडल उपाध्यक्ष) शामिल हैं। जबकि, वार्ड-17 से प्रेम गैराठी, वार्ड-19 बीनू चाहर महिला मोर्चा, वार्ड-20 से मंगल सिंह ग्वाल पहाड़ी, वार्ड-21 से पूर्व मंडल महामंत्री अशोक डबास, अशोक पहलवान, मीनाक्षी व रिंकू हैं। वार्ड-23 से पूर्व पार्षद रमा रानी राठी, कुनाल यादव, दीपक यादव व पंकज यादव। वार्ड-24 से सज्जन यादव, बरखा शर्मा व दीपक शर्मा। वार्ड-28 से महेश कुमार, वार्ड-32 से पूर्व मंडल अध्यक्ष धर्मेन्द्र बजाज व ज्योत्स्ना बजाज, वार्ड-34 से पूर्व पार्षद योगेन्द्र सारवान, वार्ड-35 से पूर्व डिप्टी मेयर परमिन्द्र कटारिया और वार्ड-36 से भगत कटारिया का नाम शामिल है। मानेसर नगर निगम- वार्ड एक से राघव सैनी, वार्ड-दो से स्नेहलता व नरेन्द्र चौहान, वार्ड-6 से अजित यादव मंडल सचिव व जयपाल यादव जिला कार्यकारिणी, वार्ड-7 से अजित प्रजापति, विक्रम प्रजापति व जसबीर धनकड़, वार्ड-12 से प्रवीण यादव मानेसर आपदा प्रबंधक प्रदेश कार्यकारिणी, वार्ड-15 से हरी सिंह नखडोला एससी मोर्चा पूर्व अध्यक्ष व पिंकी नखडोला, वार्ड-16 प्रवीण नौरंगपुर उपाध्यक्ष मानेसर मंडल और वार्ड-17 दयाराम चेयरमैन एसी मोर्चा जिला उपाध्यक्ष है। पटौदी- जिला कार्यकारिणी सदस्य सुनील दोचानिया का नाम भी निष्कासित कार्यकर्ताओं की सूची में शामिल था।

शादी का वादा और सहमति से संबंध पर FIR नहीं टिकेगी, हाई कोर्ट ने युवक पर केस किया रद्द

 चडीगढ़  पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अहम आदेश में यह स्पष्ट कर दिया कि दो वयस्कों के बीच सहमति से बने शारीरिक संबंध को केवल इस कारण दुष्कर्म नहीं कहा जा सकता कि अंततः विवाह नहीं हो पाया। अदालत ने हरियाणा के एक युवक के खिलाफ दर्ज दुष्कर्म के मामले में एफआईआर रद्द कर दी। जस्टिस कीर्ति सिंह की एकलपीठ ने स्पष्ट किया कि यदि किसी महिला की सहमति विवाह के झूठे वादे पर ली गई थी यह साबित करना है तो यह दिखाना आवश्यक है कि आरोपी की शुरू से ही शादी करने की कोई मंशा नहीं थी और उसने केवल शारीरिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए झूठा वादा किया। मामले में शिकायतकर्ता महिला और युवक की सगाई हो चुकी थी। दोनों लंबे समय तक रिश्ते में रहे और रोका समारोह भी संपन्न हुआ था। यहां तक कि नवंबर 2024 की शादी की तारीख भी तय कर दी गई थी। लेकिन बाद में दोनों परिवारों में मतभेद उभर आए और विवाह नहीं हो सका। इसके बाद युवती ने युवक पर दुष्कर्म का मामला दर्ज करा दिया।  हाईकोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड से स्पष्ट है कि दोनों ही शिक्षित और परिपक्व वयस्क थे और शुरू से ही संबंध सहमति से बने थे। यह भी सामने आया कि विवाह न होने का कारण केवल दोनों परिवारों के बीच उत्पन्न मतभेद थे। अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए दोहराया कि केवल विवाह का वादा पूरा न होने से दुष्कर्म का मामला नहीं बनता, जब तक यह साबित न हो कि आरोपी की नीयत शुरू से ही धोखाधड़ी करने की थी।  कोर्ट ने टिप्पणी की कि यह मामला इस बात का उदाहरण है जब एक सहमति आधारित संबंध, अपेक्षा अनुसार विवाह में परिणत न होने पर आपसी रंजिश का शिकार बन गया और उसे आपराधिक रंग दे दिया गया। ऐसा दुरुपयोग न्यायालयों द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इस आधार पर अदालत ने आरोपी के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द कर दी। 

हरियाणा मंत्री अनिल विज का बयान – राहुल गांधी को मानसिक उपचार की जरूरत है

अंबाला हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने अंबाला में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर एक बार फिर हमला बोला है। उन्होंने कहा राहुल गांधी नकारात्मकता से ग्रसित हैं उनको किसी मनोवैज्ञानिक से अपना इलाज करवाना चाहिए। आज पूरा विश्व भारत से मिलाना चाहता है हाथ: विज मंत्री अनिल विज ने कहा आज पूरा विश्व भारत से हाथ मिलाना चाहता है। साल 2011 में हमारी अर्थव्यवस्था 11वें स्थान पर थी लेकिन आज हमारी अर्थव्यवस्था तीसरे स्थान पर पहुंच गई है। पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को आत्मविश्वास दिया है। आज भारतीयों की सारे विश्व में कदर होती है।  राहुल गांधी ने मोदी को बताया था कमजोर प्रधानमंत्री  अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के एच-1बी वीजा शुल्क बढ़ाने के फैसले को लेकर राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा था उन्होंने X पर पोस्ट कर लिखा भारत के पास कमजोर प्रधानमंत्री है। राहुल गांधी ने अपना 2017 का पोस्ट भी शेयर किया, उस वक्त भी उन्होंने मोदी पर आरोप लगाया था कि पीएम ने एच-1बी वीजा पर अमेरिका से बात नहीं की थी। इसी को लेकर मंत्री अनिल विज ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है।  एच-1बी वीजा की अमेरिका ने बढ़ाई फीस  बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते शुक्रवार को एच-1बी वीजा को लेकर बड़ा आदेश जारी किया। ट्रंप ने  H1-B वीजा की सालाना फीस को लेकर एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए। इस नए आदेश के मुताबिक, एच-1बी वीजा की फीस को एक लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपये) कर दिया गया है। ट्रंप के इस फैसले को अमेरिका में काम करने वाले भारतीय पेशेवरों पर बड़ा असर पड़ सकता है। बता दें कि एच-1बी वीजा पर बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिका में कार्यरत हैं।