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युक्तियुक्तकरण के तहत अब पाकरगांव प्राथमिक शाला को दो शिक्षक उपलब्ध कराए गए

: युक्तियुक्तकरण से लौटी स्कूलों की रौनक, स्कूलों में फिर सुनाई दे रहे हिंदी अंग्रेजी के पाठ और गणित के सवालों की गूंज चार साल तक एकल, फिर शिक्षकविहीन रहा स्कूल अब बन गया शिक्षा का केंद्र युक्तियुक्तकरण के तहत अब पाकरगांव प्राथमिक शाला को दो शिक्षक उपलब्ध कराए गए  रायपुर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में शुरू की गई युक्तियुक्तकरण नीति अब राज्य के दूरस्थ अंचलों के गांवों के विद्यालयों में नए उत्साह का संचार कर रही है। रायगढ़ जिले के लैलूंगा विकासखंड के पाकरगांव स्थित प्राथमिक शाला इसका जीवंत उदाहरण बन चुकी है। लंबे समय तक शिक्षकविहीन रह चुकी यह शाला अब शिक्षा की आवाज़ से गूंज रही है। पाकरगांव का यह स्कूल पहले चार वर्षों तक एकल शिक्षक के भरोसे संचालित होता रहा। बाद में शिक्षक के अन्यत्र तबादले के कारण स्कूल पूरी तरह शिक्षकविहीन हो गया। परिणामस्वरूप बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई और पालकों में भी अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ने लगी थी। कई बच्चों ने स्कूल आना तक बंद कर दिया था। सरकार द्वारा लागू युक्तियुक्तकरण के तहत अब पाकरगांव प्राथमिक शाला को दो शिक्षक उपलब्ध कराए गए हैं। इनकी नियमित उपस्थिति से विद्यालय की गतिविधियाँ फिर से सुचारू रूप से शुरू हो गई हैं। बच्चों को अब न केवल अक्षरज्ञान मिल रहा है, बल्कि हिंदी, अंग्रेजी और गणित जैसे विषयों की व्यवस्थित शिक्षा भी मिल रही है। अंग्रेजी शब्दों का उच्चारण, हिंदी के पाठ, पहाड़े और गणित के सवालों के साथ कक्षा में फिर से रौनक लौट आई है। बच्चों के साथ-साथ पालकों और ग्रामवासियों में भी खासा उत्साह देखा जा रहा है। विद्यालय में नियमित कक्षाएं लगने से अब पालक अपने बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए उत्साहित हैं। ग्रामवासी इस बदलाव को एक नई शुरुआत के रूप में देख रहे हैं। पाकरगांव प्राथमिक शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष त्रिनाथ सतपथी ने इस पहल को सराहते हुए कहा कि युक्तियुक्तकरण के चलते हमारे गांव के बच्चों को अब फिर से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा दो शिक्षकों की पदस्थापना से शाला में शिक्षा का माहौल सशक्त हुआ है और यह विद्यालय अब वास्तव में ज्ञान का केंद्र बन चुका है। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और शासन प्रशासन के प्रति गांववासियों की ओर से आभार व्यक्त किया। युक्तियुक्तकरण के माध्यम से न केवल शिक्षकविहीन स्कूलों को संबल मिला है, बल्कि यह नीति ग्रामीण अंचलों में शिक्षा की पहुँच और गुणवत्ता को भी नई ऊंचाई दे रही है।

MP के 1766 पुलों को सुधारा जाएगा, 4572 करोड़ रुपए खर्च होंगे, सभी पुलों का 5 साल में होगा निर्माण

भोपाल  मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज 1 जुलाई मंगलवार को सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में अहम कैबिनेट बैठक हुई है, जिसमें कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा के बाद मुहर लगाई गई ।इसके अलावा छात्रों और किसानों के लिए भी अहम फैसले लिए गए। मध्यप्रदेश में 4 जुलाई को मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरण करने का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। कैबिनेट बैठक के बाद निवेश संवर्धन को लेकर गठित मंत्रिमंडल समिति की बैठक भी होगी, जिसमें विभिन्न उद्योगों को प्रोत्साहन नीति के अंतर्गत लाभ देने संबंधी फैसले लिए जाएंगे। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत प्रदेश में बनाए गए पुल और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जिससे आवागमन में दिक्कत हो रही है। इसलिए सरकार ने मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के माध्यम से इन सड़कों और पुलों को सुधारने का निर्णय लिया है। 1766 पुलों के निर्माण के लिए 4572 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय खुलेगा भोपाल में डिप्टी सीएम शुक्ल ने बताया कि राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय गांधीनगर का कैम्पस भोपाल के लिए स्वीकृत हुआ है। इसके लिए 10 एकड़ जमीन आरजीपीवी कैम्पस में दी जाएगी। जब तक RRU का अपना भवन नहीं बनेगा, तब तक आरजीपीवी के भवन से संचालित किया जाएगा। जब रक्षा विश्वविद्यालय अपना कैम्पस तैयार कर लेगा, तो वहां शिफ्ट हो जाएगा। इस संस्थान के आने से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए रोजगार और कौशल के लिए एमपी के बच्चों को मौका मिलेगा। राज्य और राष्ट्र स्तर के मामले में मजबूती मिलेगी। हायर एजुकेशन के क्षेत्र में भी इससे प्रगति होगी। एक बगिया मां के नाम योजना शुरू होगी कैबिनेट बैठक के दौरान मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि राज्य सरकार 'एक बगिया मां के नाम' से नई योजना प्रारंभ करने जा रही है, जिसमें स्व-सहायता समूह की 30 हजार महिलाएं आजीविका संवर्धन के लिए 30 हजार एकड़ भूमि पर 30 लाख उद्यानिकी पौधों का रोपण करेंगी। इस पर करीब 900 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस भूमि पर फल उद्यान का विकास किया जाएगा। डॉ. यादव ने बताया कि इस योजना में हितग्राहियों को पौधे, खाद, गड्ढे खोदने के साथ ही पौधों की सुरक्षा के लिए तारफेंसिंग और सिंचाई के लिए जल कुंड बनाने के लिए भी राशि दी जाएगी। उद्यान विकास के लिए महिला हितग्राहियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। "एक पेड़ मां के नाम" अभियान 1 जुलाई से 15 सितंबर तक चलाया जाएगा। इसमें पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय विकास, वन, उद्यानिकी सहित सभी विभाग सहभागिता करेंगे । मोहन कैबिनेट बैठक में इन प्रस्तावों को मंजूरी     मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना को मंजूरी। इस योजना में हर विधानसभा से एक गांव का चयन किया जाएगा। 2 हजार आबादी वाले के गांव का चयन होगा। इसके लिए हितग्राही के पास कम से कम 500 गौवंश होने चाहिए।आदर्श ग्राम की परिकल्पना को इस योजना के तहत साकार किया जाएगा। ये गांव आदर्श गांव के रूप में विकसित होंगे। इन गांवों में आजीविका संबंधी गतिविधियां भी होंगी। पूरे गांव का हर स्तर पर विकास किया जाएगा जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए फैसले लिए जाएंगे।     मध्यप्रदेश के 1766 पुलों को सुधारा जाएगा। इस कार्य में 4572 करोड़ रुपए हो खर्च होंगे। प्रदेश के सभी पुलों का 5 साल में होगा निर्माण। इस कार्य के लिए राज्य सरकार के बजट से खर्च होगी राशि।     मऊगंज, मैहर और पांढुर्ना में अनुसूचित जाति-जनजाति कार्यालय खोले जाएंगे। इसके लिए 3 करोड़ 81 लाख रुपए का फंड मंजूर किया गया है।     नए कानून (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) इसके प्रभारी क्रियान्वन के लिए 7 साल या उससे अधिक सजा वाले अपराधों में फोरेंसिक एक्सपर्ट के अनिवार्य तथा आवश्यक भ्रमण हेतु कुल 1266 नए पदों के सृजन किए गए हैं।     उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश को एक बड़ी उपलब्धि मिली है। भोपाल में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय गांधीनगर का कैंपस आरंभ करने की स्वीकृति मिल गई है। जब तक इसका भवन तैयार नहीं हो जाता है, तब तक इसका संचालन राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय परिसर में किया जाएगा। कैबिनेट बैठक में लिए गए ये भी फैसले     मध्यप्रदेश में 4 जुलाई को मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरण करने का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।     न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग और उड़द के उपार्जन के लिए किसानों का पंजीयन 6 जुलाई तक जारी है तथा उपार्जन 7 जुलाई से किया जाएगा।     रतलाम में 27 जून को ‘ RISE Conclave 2025 ‘ का सफल आयोजन हुआ है। इसमें ₹30402 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, इसके माध्यम से 35 हजार से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे। नदियों के उद्गम स्थल पर रोपेंगे पौधे मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की लगभग 100 नदियों के उद्गम स्थलों पर दस-दस एकड़ भूमि पर 42 करोड़ रुपए की लागत से पौधों का रोपण किया जाएगा। जिला विकास सलाहकार समिति का गठन मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी जिलों में जिला विकास सलाहकार समिति का गठन किया जाना है। समिति में सांसद, विधायक, पंचायत तथा नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों के साथ ही चिकित्सा, विधि, इंजीनियरिंग, समाज सेवा, कृषि, उद्यानिकी, डेयरी आदि क्षेत्रों के विशेषज्ञ और प्रख्यातजन शामिल होंगे। 3.51 लाख मैट्रिक टन मूंग, 1.23 लाख मैट्रिक टन उड़द उपार्जन लक्ष्य मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि भारत सरकार ने एमएसपी पर मूंग उपार्जन के लिए 3.51 लाख मैट्रिक टन और उड़द उपार्जन के लिए 1.23 लाख मैट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया है। मूंग के लिए 30 जून तक 2 लाख 94 हजार किसानों और उड़द के लिए 11 हजार 495 किसानों का पंजीयन किया जा चुका है। पंजीयन के लिए 6 जुलाई तक तिथि निर्धारित है। मूंग और उड़द का उपार्जन 7 जुलाई से 6 अगस्त तक किया जाएगा। 85 हजार खेत तालाबों का निर्माण हुआ बैठक शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान के सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत खेत का पानी खेत में संचित करने के उद्देश्य से प्रदेश में 85 हजार से अधिक खेत तालाबों का निर्माण … Read more

राष्ट्रपति ने किया आयुष विश्वविद्यालय का शुभारंभ, योगी बोले– नई पीढ़ी को देगा दिशा

गोरखपुर राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया जिसे 268 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पिपरी भटहट में बने इस विश्वविद्यालय का लोकार्पण उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की उपस्थिति में किया। मुख्‍यमंत्री ने इस समारोह में हिस्सा लेने और इसका वीडियो साझा करते हुए ‘एक्‍स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘चिकित्‍सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के नवयुग का शुभारंभ।’’  पैदल चल बच्चों से मिली राष्ट्रपति  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पैडलेगंज चौराहे के पास रुकीं और वहां से 50 मीटर तक पैदल चलीं। उनके साथ योगी आदित्यनाथ भी थे। उन्होंने बच्चों से पूछा, "आप कैसे हैं?" और उनके नाम पूछकर उन्हें चॉकलेट दी। बच्चों ने तिरंगा लहराकर राष्ट्रपति का स्वागत किया। स्कूल की शिक्षिकाएं भी बच्चों के साथ मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि यह अनुभव उनके लिए अविश्वसनीय था। राष्ट्रपति स्वयं गाड़ी से उतरकर बच्चों से मिलीं और उन्हें चॉकलेट दी। यह पल बहुत भावुक करने वाला था। महामहिम मुर्मू के स्वागत के लिए पंडाल और मंच को भव्य रूप से सजाया गया है, जो तिरंगे के रंगों से सुशोभित है और समारोह में दिव्य आभा बिखेर रहा है। राष्ट्रपति सड़क मार्ग से सर्किट हाउस से विभिन्न रास्तों से होते हुए आयुष विश्वविद्यालय पहुंची। रास्ते में जगह-जगह स्कूली बच्चे और लोग कड़ी धूप में भी उनके स्वागत के लिए उत्साहित हैं। इसके पहले योगी ने सुबह अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘गोरखपुर में स्वास्थ्य-संस्कृति के नवयुग का शुभारंभ हो रहा है। शिवावतारी महायोगी गुरु श्री गोरखनाथ जी की तपोभूमि में आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी की गरिमामयी उपस्थिति में उत्तर प्रदेश के प्रथम आयुष विश्वविद्यालय महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण से स्वास्थ्य सेवाओं के नए युग का सूत्रपात होगा।’’  मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे पूर्ण विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में यह विश्वविद्यालय चिकित्सा-शिक्षा के केंद्र के साथ ही भारतीय ज्ञान परंपरा, योग, आयुर्वेद और समग्र स्वास्थ्य-दर्शन का प्रकाश-स्तंभ बनेगा।’’   

प्रयागराज में बड़ा बवाल: भीम आर्मी के नेताओं पर केस, अब तक 75 गिरफ्तारी

प्रयागराज यूपी के प्रयागराज में करछना क्षेत्र के भड़ेवरा बाजार में रविवार को किए गए बवाल, तोड़फोड़ और आगजनी मामले में पुलिस ने भीम आर्मी के तहसील अध्यक्ष व उपाध्यक्ष समेत 54 नामजद और 550 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। वहीं, 75 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें आठ नाबालिग भी शामिल हैं। पुलिस, एसओजी व सर्विलांस टीम अन्य आरोपियों की पहचान कर लगातार दबिश दे रही है। पुलिस के अनुसार, आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व भीम आर्मी के सह संस्थापक नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद को रविवार को कौशाम्बी और करछना के इसौटा में जाने से रोका गया था। इस पर भीम आर्मी के करछना तहसील अध्यक्ष अभय सिंह उर्फ सोनू और उपाध्यक्ष प्रतीक देव वर्मन ने लगभग छह सौ लोगों के साथ भड़ेवरा बाजार में जमकर उत्पात मचाया था। पथराव व आगजनी में एसीपी करछना अरुण कुमार त्रिपाठी, भुंडा चौकी प्रभारी कैलाश और हेड कांस्टेबल जयशंकर पांडेय गंभीर रूप से घायल हो गए थे। वहीं कई राहगीर, महिलाएं व बच्चे उपद्रव के दौरान घायल हुए। उपद्रवियों ने लाठी डंडे, ईंट-पत्थर के अलावा पेट्रोल बोतल का भी इस्तेमाल कर अराजकता फैलाने का काम किया। पुलिस के चार वाहन समेत दर्जनों चारपहिया व दोपहिया गाड़ियों को क्षतिग्रस्त व आग के हवाले कर दिया गया। करछना थाना प्रभारी अनूप सरोज की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने अब तक 75 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें 48 आरोपियों को सोमवार को जेल भेज गया था, जबकि आठ नाबालिग आरोपियों को पुलिस अभिरक्षा में रखा गया है। उपद्रवियों के तीन दर्जन दोपहिया वाहन जब्त भड़ेवरा बाजार में पुलिस बल के मोर्चा संभालने के बाद कई उपद्रवी भागते समय अपनी गाड़ियां छोड़ गए थे। पुलिस ने उपद्रवियों के तीन दर्जन से अधिक दोपहिया वाहन जब्त किए हैं। इन वाहनों के नंबरों के आधार पर भी पहचान की जा रही है। पुलिस ने सभी वाहनों को ट्रैक्टर पर लदवाकर करछना और आसपास की पुलिस चौकियों में रखवाया है। पुलिस क्षेत्र के ककरम, तेली का पूरा, इसौटा, भुंडा, मछहर का पूरा, घोरघट, अरई, भीरपुर, करछना, करबालपुर, बरसवल, लखरावा, लहबरा, अकोढ़ा, कौंधियारा, भमोखर सहित दर्जनों गांव में आरोपितों की तलाश में दबिश दी। बाजार में खुली दुकानें, पुलिस रही तैनात भड़ेवरा बाजार में सोमवार को दूसरे दिन स्थिति पूरी तरह सामान्य दिखी। पटरी पर जनजीवन लौटने से बाजार की अधिकांश दुकानें खुलीं। वहीं बैंक व अन्य संस्थानों में स्थिति पूरी तरह सामान्य रही। हालांकि बाजार व आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा व शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पुलिस बल की तैनाती रही। डीसीपी यमुनानगर विवेकचंद्र यादव ने स्वयं पुलिस बल के साथ पैदल भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने लाउड हेडर से लोगों से शांति कायम रखने और उपद्रवियों को किसी तरह का साथ नहीं देने की अपील की। डीसीपी यमुनानगर विवेकचंद्र यादव ने बताया कि अब तक 75 उपद्रवियों को चिह्नित कर गिरफ्तार किया जा चुका है। वीडियो फुटेज व पूछताछ के आधार पर अन्य आरोपियों की भी तलाश जारी है। आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर व रासुका समेत अन्य धाराओं में कार्रवाई की जा रही है। आरोपितों से सरकारी संपत्ति के नुकसान की भी वसूली की जाएगी।  

भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में होगा लैपटॉप वितरण कार्यक्रम

मुख्यमंत्री डॉ. यादव 4 जुलाई को प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को वितरित करेंगे लैपटॉप CM यादव 4 जुलाई को भोपाल में प्रतिभाशाली विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना में लैपटॉप वितरित करेंगे भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में होगा  लैपटॉप वितरण कार्यक्रम भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शुक्रवार 4 जुलाई को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में प्रतिभाशाली विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना में लैपटॉप वितरित करेंगे। कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह भी मौजूद रहेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग की प्रतिभाशाली विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना में मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मण्डल की 12वीं बोर्ड परीक्षा में 75 प्रतिशत अथवा उससे अधिक अंक अर्जित करने वाले प्रति विद्यार्थी को 25 हजार रुपये की राशि लैपटॉप क्रय करने के लिये उनके बैंक खाते में अंतरित करेंगे। इस वर्ष 94 हजार 234 विद्यार्थियों को लैपटॉप के लिये 235 करोड़ 58 लाख 50 हजार रूपये की राशि दी जा रही है। कार्यक्रम में प्रदेश के 500 से अधिक विद्यार्थी और शिक्षक सहभागिता करेंगे। प्रदेश में पिछले वर्ष 2023-24 में 89 हजार 710 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के बैंक खातों में 224 करोड़ 27 लाख 50 हजार रुपये की राशि अंतरित की गयी थी। प्रदेश में यह योजना वर्ष 2009-10 से संचालित हो रही है। पिछले 15 वर्षों में इस योजना में 4 लाख 32 हजार 16 विद्यार्थियों के बैंक खातों में एक हजार 80 करोड़ 4 लाख रुपये की राशि प्रोत्साहन स्वरूप लैपटॉप के लिये अंतरित की जा चुकी है।  

जनता दर्शन में 100 लोगों की समस्याएं सुनीं मुख्यमंत्री ने, निस्तारण के लिए अफसरों को दिए निर्देश

गोरखपुर कोतवाली क्षेत्र के पुरदिलपुर की रहने वाली कक्षा सात की छात्रा पंखुड़ी त्रिपाठी के लिए नए शैक्षिक सत्र का पहला दिन (एक जुलाई) आजीवन यादगार बन गया। फीस न दे पाने की स्थिति में इस बिटिया की पढ़ाई छूटने की नौबत आ गई थी लेकिन मंगलवार को जनता दर्शन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात होते ही पढ़ाई में आड़े आ रही आर्थिक बाधा दूर हो गई। मुख्यमंत्री ने पंखुड़ी को भरोसा दिया कि उसकी पढ़ाई नहीं रुकेगी। वह या तो फीस माफ करवाएंगे या फिर फीस की खुद व्यवस्था कराएंगे। यही नहीं, सीएम योगी ने साथ फोटो खिंचाने की उसकी इच्छा भी पूरी की। मुख्यमंत्री की सहृदयता से भावविभोर पंखुड़ी ने कहा-महाराज जी जैसा कोई नहीं है।  गोरखपुर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार सुबह गोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के सभागार में लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुन रहे थे। समस्याओं के निस्तारण के लिए अफसरों को निर्देशित कर रहे थे। मुलाकात करने वाले लोगों की कतार में कक्षा सात में पढ़ने वाली कोतवाली इलाके के पुरदिलपुर की रहने वाली बच्ची पंखुड़ी त्रिपाठी भी बैठी थी। मुख्यमंत्री जब पंखुड़ी के पास पहुंचे तो उन्हें प्रार्थना पत्र देते हुए पंखुड़ी बोल पड़ी। महाराज जी, मैं पढ़ना चाहती हूं, फीस माफ करवा दीजिए या फीस का इतंजाम करा दीजिए। मुख्यमंत्री रुक गए और आत्मीयता से संवाद कर पंखुड़ी की सारी परेशानी जानी। पंखुड़ी ने बताया कि वह एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ती है। पिता राजीव त्रिपाठी के दिव्यांग हो जाने से परिवार आर्थिक रूप से काफी कमजोर हो गया है। मां मीनाक्षी एक शॉप पर नौकरी कर रही हैं। उसके अलावा कक्षा 12 में पढ़ने वाला भाई भी है। पंखुड़ी ने बताया कि फीस न जमा कर पाने के कारण आज वह स्कूल जाने की बजाय मुख्यमंत्री के पास मदद की गुहार लेकर आई है। मुख्यमंत्री ने पंखुड़ी की बातों को सुनने के बाद कहा, बिलकुल परेशान मत हो। पढ़ाई बाधित नहीं होने देंगे। फीस माफ कराने के लिए बात कराएंगे। और, माफ न होने की दशा में फीस का इंतजाम खुद करा देंगे। इसे लेकर उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देशित किया कि फीस के अभाव में पंखुड़ी की पढ़ाई रुकनी नहीं चाहिए। मुख्यमंत्री से भरोसा मिलते ही प्रफुल्लित पंखुड़ी ने उनके साथ फोटो खिंचाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने उसकी इस ख्वाहिश को भी पूरा कर दिया।  जनता दर्शन में 100 लोगों की समस्याएं सुनीं मुख्यमंत्री ने, निस्तारण के लिए अफसरों को दिए निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन दौरान करीब 100 लोगों की समस्याएं सुनीं और कहा कि चिंता न कीजिए, सबकी समस्याओं का समाधान होगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को संबंधित मामलों के निस्तारण के निर्देश देते हुए कहा कि जनता की हर पीड़ा का निवारण सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है। जनसमस्याओं का समाधान शीघ्रता से किया जाए। इसमें किसी भी तरह की शिथिलता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने जरूरतमंदों को आवास एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने तथा इलाज में आर्थिक मदद के लिए अस्पताल से इस्टीमेट मंगाकर शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।  

30 पूर्व नक्सलियों को नया जीवन शुरू शुरू करने राजमिस्त्री का प्रशिक्षण देकर स्वालंबी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया

  सुकमा  नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में जिला प्रशासन की ओर से आत्म समर्पण कर मुख्यधारा में लौटे 30 पूर्व नक्सलियों को नया जीवन शुरू करने का अवसर प्रदान किया गया है। प्रशासन द्वारा इन युवाओं काो राजमिस्त्री का व्यवसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें आर्थिक रूप से स्वालंबी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल पुनर्वास नीति के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए सुनहरे भविष्य की राह तैयार की की जा रही है। जिला कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव के निर्देशन और एसपी किरण चव्हाण के मार्गदर्शन में इस पहल की शुरूआत की गई है। सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद सभी लाभार्थियों को एसपी किरण चव्हाण ने कार्यालय में प्रमाण पत्र प्रदान किया। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए पुनर्वास केंद्र में रखकर उनके कौशल विकास और रोजगार के अवसर सुनिश्चित कराए जा रहे हैं। इस योजना से नक्सली गतिविधियों से दूरी बनाने वालों को न केवल सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिलेगा, बल्कि उनके परिवारों को राज्य सरकार द्वारा आत्म समर्पित नक्सलियों के लिए आजीविका के साधन भी उपलब्ध होंगे। शांति और विकास की राह में सम्मानजनक पहल की जा रही है। लाइवलीहूड कालेज के तत्वाधान में आरसेटी के तहत चलने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम में आत्मसमर्पित नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की दिशा में यह एक अहम प्रयास माना जा रहा है। प्रशासन का मानना है कि इस तरह की योजनाएं बाकी सक्रिय नक्सलियों को भी हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित करेगी। प्रशिक्षण हासिल करने वाले सभी आत्मसमर्पितों को एसपी के द्वारा प्रमाण पत्र का वितरण किया गया। प्रमाण पत्र पाकर प्रशिक्षित युवाओं में आत्मविश्वास साफ नजर आया। प्रशासन ने भरोसा जताया कि इस पहल से न सिर्फ उनका भविष्य सवंरेगा बल्कि सुकमा में स्थायी शांति और स्वरोजगार स्थापित करने में मदद मिलेगी। 

राज्य के सिर्फ 1 मेंटल अस्पताल की बदहाली पर हाईकोर्ट सख्त, स्वास्थ्य सचिव से मांगा जवाब

बिलासपुर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में बना एकमात्र मेंटल हॉस्पिटल फिलहाल खुद अच्छी हालत में नहीं है, क्योंकि यहां न तो मरीजों को टोकन मिल रहे हैं और न ही समय से डॉक्टर पहुंच रहे हैं, जबकि अस्पताल परिसर में साफ-सफाई की भी पर्याप्त व्यववस्था नहीं है. इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई करने के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य के हेल्थ सेक्रेटरी से जवाब मांगा है. बताया जा रहा है कि अस्पताल के ओपीडी में हर दिन करीब 150 मरीज आते हैं, लेकिन टोकन सिस्टम नहीं होने की वजह से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.  छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में लगी थी याचिका  दरअसल, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बिलासपुर में बने मेंटल हॉस्पिटल को लेकर एक जनहित याचिका लगाई गई थी, जो अस्पताल की अव्यवस्था पर थी, जिसकी सुनवाई हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच हो रही है. बताया जा रहा है कि इस मामले में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की थी, जिसमें एडवोकेट ऋषि राहुल सोनी को कोर्ट की तरफ से कमिश्नर नियुक्त कर अस्पताल की पूरी निरीक्षण रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था, इसके बाद उन्होंने बिलासपुर के मेंटल हॉस्पिटल का निरीक्षण किया था, जिसके बाद उन्होंने अपनी रिपोर्ट कोर्ट कमिश्नर को पेश कर दी थी, बताया जा रहा है कि अब जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट अपना शपथ पत्र देने को कहा है, मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई को होनी है.  मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम के तहत निर्धारित प्रावधानों और सुविधाओं का अभाव होने पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट लीगल सर्विस कमेटी और एक अन्य ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसपर सुनवाई लगातार चल रही है. पिछली सुनवाई में मुख्य सचिव ने व्यक्तिगत शपथ पत्र में यह बात लिखी थी कि उनके निर्देश पर आयुक्त सह निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं, छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य नोडल अधिकारी (एनएमएचपी) के साथ 01/04/2025 को मानसिक अस्पताल सेंदरी का दौरा कर निरीक्षण किया और रिपोर्ट पेश किया. इसके अलावा सचिव स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, छत्तीसगढ़ शासन ने खुद 08 अप्रैल 2025 को मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय सेंदरी का भ्रमण कर निरीक्षण किया और कमियों को दूर करने और सुधारात्मक उपाय करने के निर्देश दिए गए. राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंदरी के अधीक्षक ने 17/04/2025 को प्रकाशित समाचार पत्र के संदर्भ में बिन्दुवार जवाब पत्र जारी किया था. जिसमें कहा गया "समाचार निराधार है. अस्पताल में उपलब्ध स्टाफ ड्यूटी रोस्टर और निर्धारित ड्यूटी के अनुसार काम कर रहा है. मरीजों को सुरक्षा स्टाफ पर्याप्त सुरक्षा प्रदान कर रहा है. अस्पताल में फार्मासिस्ट की कोई कमी नहीं है." लेकिन सोमवार को हुई इस जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर ऋषि राहुल सोनी ने बताया "उन्होंने कोर्ट के निर्देश पर 4 जून से लेकर 6 जून तक अस्पताल का निरीक्षण किया. स्टाफ से लेकर सभी व्यवस्थाओं पर गंभीरता से जांच की. अस्पताल की स्थिति ठीक नहीं है. अस्पताल में फिलहाल डॉक्टर उपलब्ध कराए गए हैं. हालांकि वह शासकीय सेटअप के हिसाब से कम हैं." महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सेंदरी अस्पताल को लेकर शासन गंभीर है और नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किए गए हैं. कोर्ट कमिश्नर ने सुनाई के दौरान बताया कि डॉक्टर और स्टाफ एक से डेढ़ घंटे अस्पताल में रहते हैं, जबकि उन्हें सुबह 8:00 से 2:00 बजे तक रहना चाहिए. इस बात की तस्दीक रजिस्टर और CCTV फुटेज से होती है. उन्होंने बताया कि वाटर कूलर सही नहीं है, साथ ही हाइजिन का भी ध्यान नहीं रखा जाता है. जिस पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है. वहीं अगली सुनवाई 16 जुलाई 2025 को तय करते हुए सचिव स्वास्थ्य से जवाब मांगा है.  

घर का बिजली बिल 90 प्रतिशत तक हुआ कम, पर्यावरण संरक्षण में निभा रहे भूमिका

प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आमजनों के लिए आर्थिक राहत और पर्यावरण संरक्षण दोनों ही दृष्टियों से वरदान साबित हो रही प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से श्रीनिवास वर्मा को मिली बड़ी राहत घर का बिजली बिल 90 प्रतिशत तक हुआ कम, पर्यावरण संरक्षण में निभा रहे भूमिका रायपुर प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आमजनों के लिए आर्थिक राहत और पर्यावरण संरक्षण दोनों ही दृष्टियों से वरदान साबित हो रही है। जगदलपुर के धरमपुरा क्षेत्र निवासी पुलिस सब इंस्पेक्टर श्री श्रीनिवास वर्मा इस योजना से लाभान्वित होकर न केवल अपने बिजली बिल से राहत पा रहे हैं, बल्कि ग्रीन एनर्जी अपनाकर पर्यावरण की सुरक्षा में भी सहभागी बन रहे हैं। श्री वर्मा ने बताया कि 3 किलोवाट का सोलर पैनल अपने घर की छत पर स्थापित कराया, जिसकी कुल लागत करीब दो लाख रुपये रही। इसमें केंद्र सरकार से 78 हजार रुपये की सब्सिडी भी प्राप्त हुई। उन्होंने बैंक से एक लाख रुपये का ऋण लेकर पैनल स्थापना की प्रक्रिया पूरी की और सब्सिडी मिलने पर ऋण का एक बड़ा हिस्सा चुका भी चुके हैं। उन्होंने बताया कि पहले उनके घर का मासिक बिजली बिल 5 से 7 हजार रुपये तक आता था, खासकर गर्मी के मौसम में खपत बहुत अधिक होती थी। लेकिन अब सोलर पैनल लगवाने के बाद से बिजली बिल में 90 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से बहुत राहत मिली है। श्री वर्मा ने इस योजना को एक बेहतरीन पहल बताते हुए सभी नागरिकों से अपील की कि वे भी ग्रीन ऊर्जा को अपनाएं और बिजली बिल से राहत पाने के लिए इस योजना का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि यह योजना पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने इस दूरदर्शी योजना के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार जताया। योजना का लाभ लेने की प्रक्रिया प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए उपभोक्ता राष्ट्रीय सौर ऊर्जा पोर्टल https://pmsuryaghar.gov.in/  पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए बिजली कनेक्शन नंबर, आधार कार्ड और छत की फोटो जैसी सामान्य जानकारियों को अपलोड करना होता है। इसके अतिरिक्त, इच्छुक उपभोक्ता अपने नजदीकी छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के कार्यालय से संपर्क कर योजना की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। सोलर पैनल स्थापना के लिए बैंक ऋण का प्रावधान भी उपलब्ध है, जो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों या सहकारी बैंकों से प्राप्त किया जा सकता

छत्तीसगढ़ में एक सप्ताह के लिए बढ़ी ‘चावल उत्सव’ की समयसीमा, 51% लोगों को सात दिन में बांटना होगा तीन महीने का चावल

 रायपुर प्रदेश में एक साथ तीन माह का चावल वितरण करने की सरकार की योजना आधे रास्ते में अटक गई है। 30 जून वितरण की अंतिम तिथि थी, लेकिन अब तक कुल एपीएल कार्डधारियों में से सिर्फ 49 प्रतिशत लोगों को ही चावल मिल पाया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शासन ने अब वितरण की समयसीमा को सात दिन के लिए और बढ़ा दिया है। खास बात यह है कि एपीएल कार्डधारियों के लिए अधिकांश राशन दुकानों में चावल उपलब्ध ही नहीं कराया गया, जिससे हजारों लोग खाली हाथ लौटते रहे। इसके चलते राशन वितरण में भारी असंतोष फैल गया। आंकड़े कर रहे सच्चाई बयां राज्य में कुल 8,55,626 एपीएल कार्डधारी हैं, जिनमें से सिर्फ 5,23,265 कार्डधारियों को ही अब तक चावल का वितरण किया गया है। रायपुर जिले की बात करें तो 1,25,674 एपीएल कार्डधारियों में से महज 62,066 कार्डधारियों को ही राशन मिला है। यानी शहर में आधे से ज्यादा लोग अब भी चावल के इंतजार में हैं। लापरवाही पर गिरी गाज, जीएम हेलिना तिग्गा हटाई गईं चावल वितरण में लापरवाही को लेकर शासन ने सख्त रुख अपनाते हुए रायपुर नागरिक आपूर्ति निगम की महाप्रबंधक हेलिना तिग्गा को मुख्यालय अटैच कर दिया है। उनकी जगह अब संजय तिवारी को रायपुर का नया महाप्रबंधक बनाया गया है। माना जा रहा है कि यह कार्रवाई वितरण व्यवस्था में बार-बार सामने आ रही गड़बड़ियों को लेकर की गई है। नईदुनिया ने प्रमुखता से उठाया था मुद्दा नईदुनिया ने लगातार अपनी खबर में राशन वितरण की जमीनी हकीकत को उजागर किया था। शहर की अधिकांश राशन दुकानों में एपीएल कार्डधारियों के लिए चावल उपलब्ध न होने, हितग्राहियों को बार-बार चक्कर लगाने और सिस्टम की सुस्ती की खबरें प्रमुखता से प्रकाशित की गई थीं। उसी का असर है कि शासन ने न केवल समय सीमा बढ़ाई, बल्कि जिम्मेदार अफसर पर कार्रवाई भी की। अब सात दिन और मिलेगा समय खाद्य विभाग के नियंत्रक भूपेंद्र मिश्रा के अनुसार, अब तीन माह के चावल वितरण के लिए सात जुलाई तक की समयसीमा निर्धारित की गई है। इस दौरान सभी जिलों के खाद्य अधिकारियों को लक्ष्य पूरा करने के निर्देश जारी किए गए हैं। शासन का दावा है कि इस अवधि में शेष सभी पात्र हितग्राहियों तक चावल पहुंचा दिया जाएगा। राहत की उम्मीद अब देखना होगा कि शासन के इस समयसीमा विस्तार और प्रशासनिक सख्ती के बाद वितरण कार्य कितना गति पकड़ता है। फिलहाल एपीएल कार्डधारियों में असंतोष व्याप्त है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि अगले सप्ताह के भीतर राशन की आपूर्ति सामान्य हो सकेगी। सुबह 10 से रात 10 बजे तक बांटना पड़ रहा है चावल तीन माह का राशन एक साथ बांटने की योजना ग्राम नरदहा में अव्यवस्था का कारण बन गई है। राजधानी से महज दो किलोमीटर दूर इस गांव में 1,773 राशन कार्डधारियों को चावल देना है, लेकिन स्टाफ और संसाधनों की भारी कमी के चलते सुबह 10 से रात 10 बजे तक वितरण चल रहा है। हर कार्डधारी को छह बार अंगूठा लगाना पड़ रहा है, जिससे प्रतिदिन सिर्फ 50-60 लोगों को ही राशन मिल पा रहा है। बाकी सैकड़ों हितग्राही खाली हाथ लौट रहे हैं। मात्र एक कर्मचारी वितरण कार्य संभाल रहा है। दुकान में जगह कम होने से चावल का स्टॉक बाहर रखना पड़ रहा है और उसे रोज लाकर तौलना पड़ता है। मशीन की स्लो स्पीड कर रही काम को बाधित मशीन की धीमी स्पीड और नेटवर्क की समस्या से काम और बाधित हो रहा है। मजदूरों की रोजी पर भी असर पड़ रहा है। काम छोड़कर लाइन में लगने से उनकी आमदनी रुक रही है। ग्राम प्रमुख अनिल टंडन ने कहा, यह संवेदनहीनता का त्योहार बन गया है। उन्होंने समय और स्टाफ बढ़ाने की मांग की है, लेकिन शासन की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं आया है।