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पीएम जनमन योजना के प्रभावी क्रियान्वयन, ज़मीनी चुनौतियों और आगामी रणनीति पर हुई विस्तारपूर्वक चर्चा

सहभागिता और संवेदनशीलता के साथ विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए करें कार्य: मंत्री रामविचार नेताम जनजातियों के संस्कृति, परंपरा और परिवेश के अनुरूप ग्रामीण शैली में हो पीएम आवास का निर्माण लक्ष्यों को पूर्ण करने प्राथमिकता के साथ योजना के क्रियान्वयन करने के दिए निर्देश  पीएम जनमन योजना के प्रभावी क्रियान्वयन, ज़मीनी चुनौतियों और आगामी रणनीति पर हुई विस्तारपूर्वक चर्चा रायपुर आदिम जाति और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री रामविचार नेताम की अध्यक्षता में आज छत्तीसगढ़ विधानसभा स्थित मुख्य समिति कक्ष में प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जनजातीय समुदायों तक योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन, ज़मीनी चुनौतियों और आगामी रणनीति पर विस्तार पूर्वक चर्चा हुई। आदिम जाति मंत्री नेताम ने बैठक में कहा कि सबकी सहभागिता और संवेदनशीलता के साथ विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए कार्य किया जाना सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनजातियों के हित में अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। यह केन्द्र और राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में से एक है। हमें पीएम जनमन योजना के लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए प्राथमिकता के साथ योजनाओं के क्रियान्वयन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जनजातीय उस घर में रचता-बसता है, इसलिए इस योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए बनने वाले पीएम आवास को उनकी संस्कृति, परंपरा और परिवेश के अनुरूप तैयार किया जाए। मंत्री नेताम ने कहा कि हमारी सरकार सभी वर्गों के हित में संवर्धन के लिए सुशासन की दिशा में कार्य कर रही है। सुशासन का उद्देश्य है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और बुनियादी सुविधाओं जैसी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे। पीएम जनमन अभियान के माध्यम से दूरस्थ और वंचित क्षेत्रों में परिवर्तन की नई लहर लाई जा रही है। ’सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ और सबका प्रयास की भावना के साथ हम जनजातीय अंचल को न्याय और विकास से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मंत्री नेताम ने कहा कि पीएम जनमन योजना के केवल सड़क, पुल, पुलिया मात्र बनाने का नहीं बल्कि यह एक मिशन है। उन वर्गों के साथ समन्वय और समर्पित होकर कार्य करने से ही शत प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है।  बैठक में अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में अबुझमाड़िया, बैगा, बिरहोर, कमार और पहाड़ी कोरवा इन पांच जनजाति समूहों को विशेष पिछड़ी जनजाति की श्रेणी के अंतर्गत रखा गया है। पीएम जनमन योजना के तहत इन विशेष पिछड़ी जनजातियों के प्रत्येक व्यक्ति और गांवों को सम्पूर्ण रूप से संतृप्त करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इस योजना के लिए प्रदेश के 18 जिलों के 53 विकासखंड के 1541 ग्राम पंचायत चिन्हाकिंत है। इनमें विशेष पिछड़ी जनजातियों के 56 हजार 569 परिवारों में 2 लाख 12 हजार 688 की संख्या शामिल हैं। इनकी कुल बसाहटें 2 हजार 365 हैं। अधिकारियों  ने बताया कि योजना के तहत पिछड़ी जनजातियों के परिवारों के लिए 33 हजार 132 आवासों की स्वीकृति दी गई है। इनमें से 9 हजार 901 आवास पूर्ण कर लिए गए हैं। वहीं 14 हजार से अधिक आवास निर्माण के लिए तीसरी किस्त भी जारी की जा चुकी है, जल्द ही इन आवासों का निर्माण भी पूर्ण कर लिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2023-24 में इन वर्गों के बसाहटों में पक्की एवं संपर्क सड़कें निर्माण के लिए 333 कार्य की स्वीकृति प्रदान की गई है। इनकी कुल लंबाई 1170 किलोमीटर है। इनमें 475 किलोमीटर लंबाई की सड़कें पूर्ण करा ली गई है। वही फेस-टू अंतर्गत 299 कार्य की स्वीकृति की दी गई है। इनकी लंबाई 856 किलोमीटर है। बैठक में बताया गया कि योजना के तहत 191 आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति प्रदान कर संचालित की जा रही है। इसी प्रकार इन वर्गों की स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा हैं। योजना के तहत 1442 बसाहटों में से 989 ग्राम स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा संतृप्त है। वहीं 317 ग्राम मोबाईल मेडिकल यूनिट संतृप्त है तथा 57 और मोबाईल मेडिकल यूनिट की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस प्रकार 1416  ग्राम भौतिक रूप संतृप्त है। शेष 26 पहुंच विहीन ग्रामों में बाइक मेडिकल यूनिट के लिए तैयारी की जा रही है। बैठक में मंत्री नेताम ने पिछड़ी जनजातियुक्त बसाहटों में विद्युत व्यवस्था, आश्रम-छात्रावासों के निर्माण, मोबाईल टॉवर की स्थापना, बहुउद्देशीय केन्द्रों का निर्माण, वन धन विकास केन्द्रों की स्थापना तथा व्यावसायिक एवं कौशल शिक्षा की प्रगति की भी समीक्षा की। बैठक में आदिम जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी, आदिम जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग विकास विभाग के आयुक्त डॉ सारांश मित्तर, आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के संचालक जगदीश सोनकर, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संचालक तारन प्रकाश सिन्हा सहित सभी संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 

रायपुर से ‘श्री रामलला दर्शन योजना’ की विशेष ट्रेन रवाना, रजत जयंती वर्ष में सांस्कृतिक चेतना को नई उड़ान

रायपुर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेशवासियों की आस्था और श्रद्धा को मूर्त रूप देने हेतु प्रारंभ की गई ‘श्री रामलला दर्शन योजना’ के अंतर्गत आज रायपुर रेलवे स्टेशन से रायपुर संभाग के 850 श्रद्धालु विशेष ट्रेन से अयोध्या धाम के दर्शन के लिए रवाना हुए। इस पवित्र यात्रा के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने श्रद्धालुओं को हार्दिक शुभकामनाएं दीं और उनकी यात्रा के मंगलमयी होने की कामना की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्रद्धालुओं को हमारे 'भांचा राम' — श्रीरामलला के निःशुल्क दर्शन कराने की यह पुण्य यात्रा अनवरत जारी है। यह यात्रा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की उस गारंटी को साकार कर रही है, जिसमें उन्होंने देश के प्रत्येक नागरिक को प्रभु श्रीराम के दर्शन का अवसर उपलब्ध कराने का संकल्प लिया था। उन्होंने कहा कि “श्री रामलला दर्शन योजना” के अंतर्गत सरकार ने मार्च 2024 तक 20,000 श्रद्धालुओं को अयोध्या धाम भेजने का लक्ष्य निर्धारित किया था, किंतु प्रदेशवासियों की अद्वितीय आस्था, उत्साह, और सरकार की प्रतिबद्धता के चलते यह संख्या 22,000 से अधिक हो चुकी है। इस यात्रा में श्रद्धालुओं को काशी विश्वनाथ धाम के दर्शन का सौभाग्य भी प्राप्त हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस योजना के लिए ₹36 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है। अब तक बीते डेढ़ वर्षों में 27 विशेष ट्रेनें छत्तीसगढ़ के विभिन्न संभागों से श्रद्धालुओं को लेकर अयोध्या धाम के लिए रवाना हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री रामलला तीर्थ दर्शन योजना केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक चेतना को सशक्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश का हर नागरिक, विशेषकर बुज़ुर्ग एवं वंचित वर्ग, अपने जीवन में एक बार प्रभु श्रीराम के जन्मस्थान के दर्शन कर सके। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर प्रारंभ की गई ‘श्री रामलला दर्शन योजना’ आज प्रदेशवासियों के जनजीवन से गहराई से जुड़ चुकी है। इसी कड़ी में वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली विशेष ट्रेन आज रायपुर रेलवे स्टेशन से अयोध्या धाम के लिए रवाना हुई। इस अवसर पर राजस्व, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने दोपहर 1:00 बजे हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना किया। ट्रेन के प्रस्थान के दौरान रायपुर रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म नंबर 7 जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा। तीर्थयात्रियों और उनके परिजनों में विशेष उत्साह और श्रद्धा का माहौल देखने को मिला। यात्रियों का पारंपरिक छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य एवं लोकवाद्य से स्वागत किया गया, वहीं IRCTC के प्रतिनिधियों द्वारा तिलक लगाकर अभिवादन किया गया। इस अवसर पर विधायकगण श्री पुरंदर मिश्रा, श्री मोतीलाल साहू, गुरु खुशवंत साहिब, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री नीलू शर्मा, नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव, राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज, सचिव संस्कृति एवं पर्यटन डॉ. रोहित यादव, पर्यटन बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री विवेक आचार्य, कलेक्टर रायपुर डॉ. गौरव सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी एवं रेलवे व IRCTC के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि इस योजना की परिकल्पना मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा प्रदेशवासियों को जीवन में एक बार अयोध्या धाम के दर्शन का सौभाग्य प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। इसके लिए 23 फरवरी 2024 को छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल और IRCTC के मध्य एमओयू संपादित किया गया था। योजना की औपचारिक शुरुआत 5 मार्च 2024 को रायपुर से हुई थी, जब मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वयं पहली ट्रेन को रवाना किया था। इसके पश्चात बिलासपुर, सरगुजा और दुर्ग-बस्तर (संयुक्त) संभागों से भी विशेष ट्रेनों का संचालन हुआ। विगत वर्ष इस योजना के माध्यम से लगभग 22,100 श्रद्धालुओं ने अयोध्या धाम के दर्शन किए। योजना के अंतर्गत प्रत्येक संभाग से साप्ताहिक विशेष ट्रेनों का संचालन जारी रहेगा।

रायपुर: शिक्षा में सुधार की नई पहल, सीएम विष्णु देव साय की पहल पर ‘पालक-शिक्षक संवाद अभियान’ शुरू

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर राज्य के सभी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र के दौरान वर्ष में तीन बार पालक-शिक्षक बैठकों का आयोजन किया जाएगा। पहली बैठक अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में आयोजित की जाएगी, जबकि द्वितीय एवं तृतीय बैठकें तिमाही और अर्धवार्षिक परीक्षाओं के 10 दिवस के भीतर संपन्न होंगी। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने सभी कलेक्टरों एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से निर्देशित किया है कि प्रत्येक जिले में इन बैठकों के आयोजन हेतु कार्ययोजना तैयार की जाए और सुनिश्चित किया जाए कि सभी विद्यालयों में यह प्रक्रिया प्रभावी रूप से लागू हो। पालक-शिक्षक बैठकें न केवल शैक्षणिक संवाद का मंच होंगी, बल्कि वे बच्चों की संपूर्ण प्रगति पर सामूहिक दृष्टिकोण विकसित करने का अवसर भी देंगी। इन बैठकों के माध्यम से पालकों को यह समझाने का प्रयास किया जाएगा कि घर में बच्चों की पढ़ाई के लिए कैसा वातावरण होना चाहिए, उनकी दिनचर्या कैसी हो, परीक्षा के तनाव से कैसे निपटना है, और संवाद की आदत कैसे विकसित करनी है। साथ ही, ‘बस्ता रहित शनिवार’ जैसी पहल पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा जिससे बच्चे मानसिक रूप से हल्का महसूस करें और रचनात्मक गतिविधियों में भाग लें। बैठकों के दौरान पालकों को बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाने के उपायों पर भी जानकारी दी जाएगी। विशेष रूप से उन्हें यह समझाया जाएगा कि बच्चों को खुलकर बोलने के लिए अवसर प्रदान करना, नियमित स्वास्थ्य परीक्षण में भागीदारी सुनिश्चित करना, और जाति, आय एवं निवास प्रमाण पत्र बनवाने हेतु आयोजित शिविरों में बच्चों को शामिल करना कितनी महत्वपूर्ण पहल है। इसके अतिरिक्त ‘न्योता भोजन’ जैसी सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए भी पालकों को प्रेरित किया जाएगा। इस पहल में डिजिटल शिक्षा को भी विशेष स्थान दिया गया है। बैठक के दौरान पालकों को दीक्षा ऐप, ई-जादुई पिटारा, डिजिटल लाइब्रेरी जैसे संसाधनों के बारे में बताया जाएगा, ताकि वे घर पर भी अपने बच्चों को तकनीक आधारित शिक्षण सामग्री से जोड़ सकें। इससे न केवल बच्चों की पढ़ाई में रोचकता बढ़ेगी, बल्कि पालक स्वयं भी शिक्षा के सक्रिय सहभागी बन सकेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि अगस्त के प्रथम सप्ताह में आयोजित होने वाली पहली पालक-शिक्षक बैठक को प्रत्येक स्कूल में भव्य, सुव्यवस्थित और संवाद-प्रधान रूप से संपन्न किया जाएगा। तदनुसार, तिमाही एवं अर्धवार्षिक परीक्षाओं के बाद होने वाली द्वितीय और तृतीय बैठकें भी सुनियोजित ढंग से कराई जाएंगी। इन बैठकों में बच्चों की अकादमिक प्रगति, पाठ्येतर गतिविधियों, स्वास्थ्य, और सामाजिक व्यवहार के संबंध में पालकों को अवगत कराते हुए, उनके व्यक्तित्व विकास पर चर्चा की जाएगी—ताकि स्कूल और परिवार मिलकर बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में कार्य कर सकें।

सीएम साय से मिले राजनांदगांव के नागरिक प्रतिनिधि, कहा- विकास कार्यों से बदली तस्वीर

रायपुर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से  छत्तीसगढ़ विधानसभा के समिति कक्ष में राजनांदगांव जिले के नागरिकों के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ निरंतर जनहित में कार्य कर रही है।  प्रशासनिक कार्यप्रणाली में नवाचार को प्रोत्साहित करते हुए सभी प्रक्रियाओं को चरणबद्ध रूप से ऑनलाइन किया जा रहा है, जिससे नागरिकों को सुगम, सरल और सुलभ सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 24 अप्रैल को ‘राष्ट्रीय पंचायत दिवस’ के अवसर पर प्रदेश की चयनित ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्रों की शुरुआत की गई है। इन केंद्रों के माध्यम से अब ग्राम पंचायत स्तर पर ही बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। यह पहल ग्रामीणों को डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले समय में प्रदेश की अन्य पंचायतों को भी इस सुविधा से जोड़ा जाएगा। राजनांदगांव से आए नागरिक प्रतिनिधिमंडल ने जिले में प्रयास विद्यालय, नालंदा परिसर, एवं अन्य महत्वपूर्ण विकास कार्यों के लिए मुख्यमंत्री श्री साय के प्रति धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राजनांदगांव जिले में बीते डेढ़ वर्षों के भीतर पेयजल विस्तार, सड़क निर्माण, और अन्य अधोसंरचनात्मक कार्यों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। 600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के विभिन्न निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए हैं, जिनका प्रत्यक्ष लाभ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को मिल रहा है। यह जनकल्याण और विकास की दिशा में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।  मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार संतुलित, समावेशी और सतत विकास के सिद्धांतों पर कार्य करते हुए छत्तीसगढ़ को सतत विकास की  ओर अग्रसर करने के लिए कटिबद्ध है। इस अवसर पर पूर्व सांसद श्री प्रदीप गांधी, श्री कोमल राजपूत, त्रिस्तरीय पंचायत पदाधिकारीगण और राजनांदगांव जिले के गणमान्य नागरिकगण उपस्थित थे।

शिक्षा और पोषण के क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल, अब सुदूर क्षेत्रों के बच्चे भी होंगे लाभांवित

रायपुर : कोरबा जिले में डीएमएफ से 52 करोड़ से अधिक की लागत से 481 आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण को मंजूरी बाल शिक्षा और पोषण के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम, सुदूर क्षेत्रों में मिलेगा नया आयाम शिक्षा और पोषण के क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल, अब सुदूर क्षेत्रों के बच्चे भी होंगे लाभांवित रायपुर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार बाल शिक्षा, पोषण और मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में कोरबा जिला प्रशासन ने जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) के प्रभावी उपयोग के तहत एक ऐतिहासिक पहल की है। कोरबा जिले में पहली बार 52 करोड़ 68 लाख 65 हजार रुपये की लागत से 481 नए आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई है। यह कदम जिले के सुदूर और दुर्गम क्षेत्रों में शिशु शिक्षा और पोषण सेवाओं को नई दिशा देगा। इस स्वीकृति के तहत कोरबा जिले के सभी विकासखंडों में आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण होगा। कोरबा विकासखंड में 56 भवनों के लिए 6 करोड़ 39 लाख 88 हजार, करतला में 78 भवनों के लिए 8 करोड़ 63 लाख 85 हजार, कटघोरा में 65 भवनों के लिए 7 करोड़ 56 लाख 16 हजार, पाली में 93 भवनों के लिए 10 करोड़ 17 लाख 6 हजार और पोड़ी उपरोड़ा में 189 भवनों के लिए 19 करोड़ 91 लाख 70 हजार रुपये की स्वीकृति दी गई है। इन भवनों में बच्चों के लिए प्रारंभिक शिक्षा, पोषण आहार और स्वास्थ्य सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी, जिससे ग्रामीण और आदिवासी समुदायों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त, जिला प्रशासन ने पूर्व में भी डीएमएफ निधि से नगरीय क्षेत्रों में 96 आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण के लिए 12 करोड़ 40 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की थी, जिसमें कोरबा नगर पालिका निगम के 88 और बांकीमोंगरा नगर पालिका परिषद के 8 भवनों का निर्माण शामिल है। इन भवनों में बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा, पोषण आहार और स्वास्थ्य सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे न केवल बालकों के समग्र विकास को बल मिलेगा, बल्कि ग्रामीण और आदिवासी समुदायों को भी दीर्घकालिक लाभ प्राप्त होगा। कोरबा जिले में प्रारंभिक बाल विकास के क्षेत्र में यह अब तक की सबसे बड़ी निवेश योजना मानी जा रही है। इससे न केवल शिक्षा और पोषण सेवाएं सुदृढ़ होंगी, बल्कि माताओं और बच्चों के लिए सुरक्षित, सुसज्जित और समर्पित केंद्रों का सृजन होगा।

एनीमिक व्यक्तियों की करें चिन्हांकन, खान पान के प्रति करें जागरूक-कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति

मोहला : सुरक्षित प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं की बनाए सूची, सुविधाए करें सुनिश्चित-कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति – धरती आबा के तहत जनजाति क्षेत्रों के पात्र हितग्राहियों को विभागीय योजनाओं से करें लाभान्वित – एनीमिक व्यक्तियों की करें चिन्हांकन, खान पान के प्रति करें जागरूक – 102 एवं 108 वाहने अपनी सेवाओ में करें सुधार, अन्यथा होगी कार्रवाई – कलेक्टर ने जनसामान्य को पानी उबाल कर पीने की अपील – कलेक्टर श्रीमती प्रजापति ने ली स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की बैठक   मोहला  कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति की अध्यक्षता में आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। जिसमें कलेक्टर श्रीमती प्रजापति ने जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं की विभिन्न बिंदुओं पर समीक्षा की।          कलेक्टर श्रीमती प्रजापति ने विकास खंडवार स्वास्थ्य केंद्रों की ओपीडी, आईपीडी की समीक्षा की। उन्होंने ओपीडी, आईपीडी बढ़ाने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने गर्भवती महिलाओं के पंजीयन को बढ़ाने के लिए कार्ययोजना बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की समीक्षा करते हुए बीएमओ को निर्देशित किया कि जिले के सुदूर क्षेत्र के पहुंच विहीन गांवों का चिन्हांकन कर गर्भवती महिलाओं की सूची बनाए, इसके साथ ही स्थानीय सुविधाओं के अलावा ट्रांसपोर्ट व्यवस्था करें, ताकि सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित हो सकें। इसके साथ ही उन्होंने संस्थागत प्रसव को बढ़ाने के निर्देश देते हुए सीएमएचओ को इसकी नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश दिए। सुरक्षित मातृत्व आश्वासन के तहत प्रसव सुविधा वाले स्वास्थ्य केंद्र में बोर्ड लगवाने की निर्देश दिए।        कलेक्टर श्रीमती प्रजापति ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा धरती आबा अभियान अंतर्गत आयुष्मान एवं वय वंदना कार्ड से लाभान्वितो की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी रिपोर्ट को ऑनलाइन दर्ज करना सुनिश्चित किया करें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग जनजाति क्षेत्रों के पात्र हितग्राहियों को विभागीय योजनाओं से लाभान्वित करें। एनीमिया मुक्त भारत अभियान की समीक्षा करते हुए कलेक्टर श्रीमती प्रजापति ने एनीमिक व्यक्तियों की चिन्हांकन पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि लोगों को खान-पान के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं विशेष स्वास्थ्य योजना की भी समीक्षा की। उन्होंने परिवार नियोजन की समीक्षा करते हुए कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा अंतर्गत लोगों को जागरूक करें, साथ ही परिवार नियोजन के तहत प्रदत नि:शुल्क सामग्रियों को मितानिनों के पास उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें।        कलेक्टर श्रीमती प्रजापति ने सिकल सेल स्क्रीनिंग की समीक्षा करते हुए कहा कि सिकल सेल मरीजों का रिपोर्ट कार्ड बनाने के साथ ही प्रमाण पत्र प्रदान  करना सुनिश्चित करे। उन्होंने वेलनेस गतिविधियों की जानकारी लेते हुए सीएमएचओ को निर्देशित किया कि स्वास्थ्य विभाग ग्रामवार स्वच्छता पर आधारित कैंप लगाए एवं सरपंच, सचिवों को अनिवार्य रूप से कार्यक्रम में शामिल करें। इस दौरान उन्होंने जिले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर में प्रदान की जाने वाली सुविधाओं की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय अंधत्व निवारण, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक, जन औषधि एवं निर्माणाधीन भवनों की समीक्षा करते हुए विशेष दिशा निर्देश दिए। उन्होंने जिले में संचालित 102 एवं 108 वाहनों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिले में एम्बुलेंस सेवाओं की शिकायते आ रहीं है, इसे तत्काल सुधारे। उन्होंने 24 घंटे वाहनों की सुविधा प्रदान नहीं की जाने पर कार्यवाही की बात कही। इस अवसर पर सीएमएचओ डॉ. विजय खोब्रागढ़े, डीपीएम राकेश वर्मा, समस्त बीएमओ सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहें। – बेहतर स्वास्थ्य के लिए पिए उबालकर पानी कलेक्टर श्रीमती प्रजापति ने बारिश के मद्देनजर जिले वासियों से आग्रह करते हुए अपील की है कि जन सामान्य पानी पीने से पहले अवश्य उबाले। उन्होंने कहा कि बारिश के दौरान विभिन्न प्रकार के जल जनित बीमारियों की आशंका बनी रही रहती हैं। उन्होंने जल स्रोतों के आस-पास स्वच्छता बनाए रखने को कहा ताकि गंदे पानी जल स्त्रोत में ना मिले और जल स्त्रोत दूषित न हो। – सुपोषण के लिए करें जागरूक कलेक्टर श्रीमती प्रजापति ने जिले के एनआरसी में सीटों की उपलब्धता एवं लाभान्वित बच्चों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सुदूर क्षेत्रों के मितानिनों के माध्यम से कुपोषित बच्चों चिन्हांकन कर एनआरसी से लाभान्वित करना सुनिश्चित करें। उन्होंने सुपोषण हेतु लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने शिशु मृत्यु दर एवं बाल टीकाकरण की भी समीक्षा की। उन्होंने बाल टीकाकरण पर पालकों को जागरुक कर टीकाकरण में प्रगति लाने के निर्देश दिए। – टीबी मुक्त ग्राम पंचायत बनाने सरपंचों को करें प्रेरित, बढ़ाएं निश्चय मित्र कलेक्टर श्रीमती प्रजापति ने राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण अभियान की समीक्षा की। उन्होंने टीबी मुक्त ग्राम पंचायत बनाने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर सरपंचों को प्रेरित करने को कहा ताकि जनभागीदारी के साथ बेहतर परिणाम प्राप्त हो सकें। उन्होंने सैंपल जांच बढ़ाने के निर्देश दिए, ताकि उनका ईलाज हो सकें। उन्होंने निश्चय मित्र बनाने हेतु प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के तहत ब्लाकवार प्रकरण की समीक्षा की, उन्होंने कहा कि जितने भी केस आ रहे है उनका त्वरित जांच एवं उपचार सुनिश्चित करें। – कलेक्टर ने ऑक्सीजन तकनीकी समिति को दिए सुरक्षात्मक निर्देश कलेक्टर श्रीमती प्रजापति ने डिस्ट्रिक्ट ऑक्सीजन तकनीकी समिति की मीटिंग ली। उन्होंने कहा कि सभी जिले के सभी शासकीय जिला अस्पताल, सीएससी एवं पीएचसी में स्टोर प्रभारी द्वारा सिलेंडर लॉग बुक बनाकर प्रतिदिन अपडेट करना है। इसके अलावा प्रति 3 माह में जिला स्तरीय ऑक्सीजन तकनीकी समिति की बैठक की आयोजित करके, चर्चा संबंधी जानकारी, राज्य एवं संभागीय कार्यालय में भेजना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने सुविधाजनक बनाने हेतु स्टोर प्रभारी खाली एवं भरे हुए सिलेंडर को अलग-अलग कोडिंग कर व्यवस्थित रखने के निर्देश दिए। इसी प्रकार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की साफ सफाई, संस्थानों द्वारा अग्नि सुरक्षा उपकरण और बाकी दिशा निर्देश को फाइल में संधारण करने के भी निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने अन्य सुरक्षात्मक निर्देश दिए।

स्कूटी दीदी एनु बनीं आत्मनिर्भर भारत की मिसाल, CM साय बोले- यही है असली सशक्तिकरण!

स्कूटी दीदी बनीं आत्मनिर्भर भारत की प्रतीक – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सराहा एनु का जज़्बा छत्तीसगढ़ की बेटियाँ अब केवल लाभार्थी नहीं, बन रहीं सामाजिक परिवर्तन की भी वाहक- मुख्यमंत्री स्कूटी दीदी एनु बनीं आत्मनिर्भर भारत की मिसाल, CM साय बोले- यही है असली सशक्तिकरण! भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने की सराहना रायपुर  छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के एक छोटे से गांव उमरदा की निवासी एनु आज पूरे देश में “स्कूटी दीदी” के नाम से जानी जाती हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने एनु की जीवटता, आत्मनिर्भरता और ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में उनके योगदान की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए कहा कि एनु जैसी बेटियाँ ही आत्मनिर्भर भारत की असली पहचान हैं। उनके साहस, समर्पण और संकल्प से छत्तीसगढ़ के गांवों की तस्वीर बदल रही है। एनु की प्रेरक यात्रा इस बात का प्रमाण है कि यदि मन में कुछ कर गुजरने का जज़्बा हो, तो संसाधनों की कमी, सामाजिक दबाव और परंपरागत सोच भी राह नहीं रोक सकती। एक साधारण ग्रामीण परिवार में जन्मीं एनु ने कठिन परिस्थितियों में भी अपनी पढ़ाई जारी रखी और अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन 'बिहान' से जुड़कर सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण लिया, एक लाख रुपये का ऋण प्राप्त किया, और समय पर ऋण को चुका कर आर्थिक अनुशासन की मिसाल पेश की। एनु को समझ थी कि ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए गतिशीलता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने 'प्रथम संस्था' से स्कूटी चलाना सीखा और शुरुआत में समाज के तानों और व्यंग्य के बावजूद अपना  आत्मविश्वास बनाए रखा और हार नहीं मानी। जब वे गांव-गांव स्कूटी से महिलाओं से जुड़ने लगीं, तभी उन्हें “स्कूटी दीदी” के नाम से पहचाना जाने लगा। वर्ष 2023 में एनु ने "महिला दोपहिया प्रशिक्षण केंद्र" की स्थापना की। शुरुआत में केवल 2-3 महिलाओं ने प्रशिक्षण लिया, लेकिन धीरे-धीरे यह पहल ग्रामीण समाज में एक क्रांति बन गई। अब तक वे 30 से अधिक महिलाओं को स्कूटी चलाना सिखा चुकी हैं, जो अब स्वयं आंगनबाड़ी, स्कूल, बैंक और स्वास्थ्य केंद्र जैसे स्थानों तक स्वतंत्र रूप से पहुँचना शुरू कर चुकी हैं। एनु की इस पहल से न केवल महिलाओं की दैनिक गतिशीलता आसान हुई है, बल्कि पूरे सामाजिक दृष्टिकोण में भी परिवर्तन आया है। अब गांवों में माता-पिता स्वयं अपनी बेटियों और बहुओं को एनु के पास प्रशिक्षण हेतु भेज रहे हैं। उनका सपना है कि वे 1000 महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएं और शीघ्र ही चारपहिया वाहन प्रशिक्षण केंद्र शुरू करें। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि एनु जैसे लोग छत्तीसगढ़ की नई पहचान हैं। राज्य सरकार ‘बिहान’ जैसी योजनाओं के माध्यम से ऐसे नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो जमीनी स्तर पर परिवर्तन ला रहे हैं। एनु का योगदान केवल ड्राइविंग प्रशिक्षण तक सीमित नहीं है। उन्होंने सिलाई-कढ़ाई, एलईडी असेंबली, मनरेगा कार्यों, और घरेलू प्रबंधन में भी महिलाओं को दक्ष बनाया है। उनके प्रयासों को देखते हुए भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती स्वाति शर्मा और धमतरी के कलेक्टर श्री अविनाश मिश्रा ने स्वयं उमरदा गांव जाकर एनु से मुलाकात की और उनके कार्यों की सराहना की। ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने भी एनु की कहानी को फेसबुक पोस्ट के माध्यम से साझा करते हुए कहा कि जीवन में संसाधनों की कमी थी, लेकिन एनु के हौसले को कोई डिगा नहीं सका।उन्होंने एम.ए. की पढ़ाई पूरी कर 'बिहान' और 'प्रथम संस्था' से प्रशिक्षण प्राप्त कर न केवल आत्मनिर्भरता पाई, बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा बनीं।  मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ की बेटियाँ केवल लाभार्थी नहीं, बल्कि परिवर्तन की वाहक बन रही हैं। राज्य सरकार हर ऐसी पहल का स्वागत करेगी जो महिला सशक्तिकरण को गति देगी।

धमतरी में वनांचल क्षेत्र के युवाओं को मिली नई दिशा, पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर सफलतापूर्वक सम्पन्न

धमतरी  धमतरी जिले के नगरी विकासखंड अंतर्गत डमकाडीह मिनी स्टेडियम में दिनांक 11 जुलाई से 15 जुलाई 2025 तक पाँच दिवसीय फिजिकल एवं मेडिकल प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था। यह शिविर धमतरी कलेक्टर अविनाश मिश्रा के मार्गदर्शन एवं खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सहयोग से आयोजित किया गया। आयोजन का उद्देश्य क्षेत्र के ग्रामीण एवं वनांचल युवाओं को सैन्य, पुलिस, एस एस सी, अर्धसैनिक बलों आदि की भर्ती परीक्षाओं हेतु शारीरिक और चिकित्सकीय रूप से तैयार करना था। शिविर में नगरी, नगरी क्षेत्र के दूरस्थ गांवों वनांचल से बड़ी संख्या में युवक-युवतियों ने भाग लिया। शिविर के आयोजन को लेकर युवाओं में उत्साह का वातावरण रहा और कुल मिलाकर 232 से अधिक प्रतिभागियों ने इस अवसर का लाभ उठाया। प्रशिक्षण की विशेषता यह रही कि शिविर में प्रतिभागियों को भर्ती परीक्षाओं में होने वाले दौड़ (1600 मीटर), ऊँची, लंबी कूद, पुशअप्स, बीम, संतुलन अभ्यास, बॉडी मापदंड, ठडप् टेस्ट आदि विषयों पर विस्तारपूर्वक अभ्यास कराया गया। इसके साथ ही युवाओं को स्वास्थ्य परीक्षण (मेडिकल फिटनेस) की जानकारी भी गई जिसमें कद, वजन, दृष्टि परीक्षण आदि सम्मिलित थे।           शिविर में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हवलदार जीवन निषाद ने अत्यंत अनुशासनपूर्वक एवं व्यावहारिक दृष्टिकोण से प्रशिक्षण प्रदान किया। उनके अनुभव और मार्गदर्शन ने युवाओं को सुरक्षा बलों में भर्ती के लिए तैयार होने हेतु आवश्यक आत्मविश्वास एवं प्रेरणा दी,साथ ही स्थानीय व्यायाम शिक्षक खेमराज साहू, अशोक गजबल्ला, खोमन सिंह सहरे,विकास सिंह ठाकुर, कमलेश साहू, सैमुअल मसीह ने भी पूरे समय उपस्थित रहकर प्रशिक्षण प्रक्रिया में अपना सहयोग प्रदान किया।शिविर में भाग ले रहे युवाओं ने प्रशिक्षण के दौरान अनुशासन, समर्पण एवं आत्मविश्वास का परिचय दिया। विशेष रूप से युवतियों की भागीदारी उल्लेखनीय रही, जो यह दर्शाता है कि अब बेटियाँ भी देश सेवा के लिए सशक्त रूप से तैयार हो रही हैं। धमतरी कलेक्टर अविनाश मिश्रा ने इस अवसर पर युवाओं को संदेश देते हुए कहा, “हमारा उद्देश्य केवल प्रशिक्षण देना नहीं, बल्कि युवाओं में देशसेवा की भावना जागृत करना है। ग्रामीण व वनांचल क्षेत्र के युवाओं में अपार संभावनाएँ हैं, जिन्हें सही दिशा एवं संसाधनों के माध्यम से आगे बढ़ाया जा सकता है। जिला प्रशासन भविष्य में भी इस प्रकार के प्रयास करता रहेगा।“इस प्रकार के प्रशिक्षण शिविरों का मुख्य उद्देश्य युवाओं को शारीरिक रूप से दक्ष बनाना और उन्हें सैन्य, पुलिस तथा अन्य सेवाओं की भर्ती प्रक्रियाओं हेतु तैयार करना है। ग्रामीण और वनांचल क्षेत्र के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, आवश्यकता है उन्हें उचित मार्गदर्शन और अवसर देने की। विभाग भविष्य में भी इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का नियमित आयोजन करता रहेगा ताकि अधिक से अधिक युवा लाभान्वित हो सकें।“             वहीं जिला खेल अधिकारी पीयूष तिवारी ने कहा इस प्रकार के प्रशिक्षण शिविरों का मुख्य उद्देश्य युवाओं को शारीरिक रूप से दक्ष बनाना और उन्हें सैन्य, पुलिस तथा अन्य सेवाओं की भर्ती प्रक्रियाओं हेतु तैयार करना है। ग्रामीण और वनांचल क्षेत्र के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, आवश्यकता है उन्हें उचित मार्गदर्शन और अवसर देने की। विभाग भविष्य में भी इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का नियमित आयोजन करता रहेगा ताकि अधिक से अधिक युवा लाभान्वित हो सकें। सहायक जिला खेल अधिकारी जगतपति देव ने प्रशिक्षक भूतपूर्व सैनिक, व्यायाम शिक्षकों, पत्रकार साथियों एवं प्रशिक्षण में उपस्थित युवाओं का आभार व्यक्त किया की उनके सहयोग से यह शिविर सफल हो पाया। इस तरह के प्रयास ग्रामीण युवाओं के जीवन में सार्थक बदलाव लाते हैं। साथ ही भविष्य में भी इस प्रकार के निःशुल्क प्रशिक्षण शिविरों के आयोजन का आश्वासन दिया गया।

सभी विभाग ई-ऑफिस का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें

महासमुंद  कलेक्टर विनय कुमार ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में समय-सीमा की बैठक लेकर जिले के विभिन्न विभागों की योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा की। बैठक में शासन की प्राथमिकताओं, जन घोषणाओं, योजनाओं और आगामी आयोजनों को लेकर निर्देश दिए गए तथा जन शिकायत, जनदर्शन, लोक सेवा गारंटी अधिनियम, जवाब दावा आदि की विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक में सीईओ जिला पंचायत एस. आलोक, अपर कलेक्टर रवि कुमार साहू एवं रविराज ठाकुर, एसडीएम, डिप्टी कलेक्टर सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे। कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने मुख्यमंत्री के प्रवास के दौरान की गई घोषणाओं पर त्वरित कार्यवाही के निर्देश देते हुए कहा कि घोषणाओं पर अमल करते हुए कार्य प्रारम्भ करें। जनपद सीईओ और निर्माण एजेंसियां इस कार्य को गंभीरता से लें और जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। उन्होंने गढ़फुलझर में पर्यटन के क्षेत्र में की गई घोषणाओं पर त्वरित अमल करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में कलेक्टर ने समग्र शिक्षा अंतर्गत अपूर्ण एवं अप्रारम्भ कार्यों को प्रारम्भ करने के निर्देश दिए। अनुकम्पा के रिक्त पदों की जानकारी सभी प्रभारी अधिकारियों को दिए गए है ताकि त्वरित कार्रवाई की जा सके। कलेक्टर ने शासन की महत्वपूर्ण ई-ऑफिस कार्यक्रम को सभी कार्यालयों में लागू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी फाइलें ई-ऑफिस के माध्यम से ही प्रेषित किए जाए। इस संबंध में बैठक के दौरान अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया गया। कलेक्टर ने खाद वितरण की समीक्षा करते हुए कहा कि किसानों को समय पर खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने कहा कि किसी भी निजी दुकान में खाद का अवैध भंडारण पाए जाने पर तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाए। कृषि उप संचालक ने बताया कि जिले में वर्तमान में 18234 मीट्रिक टन खाद शेष है। उन्होंने बताया कि 469 मीट्रिक टन डीएपी खाद की खेप भी पहुंची है। जिसे जल्द ही समितियों तक पहुंचाया जाएगा। बैठक में किसानों से संबंधित योजनाओं की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने निर्देशित किया कि किसानों का पंजीयन अनिवार्य किया जाए। बिना पंजीयन के कृषक उन्नति योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। इसके लिए राजस्व, कृषि और सहकारी विभाग मिलकर व्यापक प्रचार-प्रसार करें ताकि कोई भी पात्र किसान वंचित न रह जाए। धान संग्रहण एवं उठाव केंद्रों की समीक्षा के दौरान उन्होंने निर्देशित किया कि बारिश को ध्यान में रखते हुए केंद्रों की मरम्मत गिट्टी व मुरम से की जाए ताकि धान को नुकसान न हो।  मोर गांव मोर पानी’ अभियान के तहत अब तक जनभागीदारी से जल संचयन हेतु 144 इंजेक्शन वेल और 4777 सोखता गड्ढों का निर्माण किया जा चुका है। इस कार्य की सराहना करते हुए कलेक्टर ने निर्माण कार्यों की सतत निगरानी के निर्देश दिए। सभी एसडीएम को निर्देशित किया गया जनभागीदारी से बन रहे जल संचयन के कार्यां में शिक्षा विभाग द्वारा 987, महिला बाल विकास द्वारा 531, स्वास्थ्य विभाग द्वारा 29 एवं जिला पंचायत द्वारा 3241 गड्ढों का निर्माण जनभागीदारी से किया गया है। कलेक्टर ने कहा सभी एसडीएम फील्ड में जाकर विकास कार्यों का निरीक्षण करें और गुणवत्ता की निगरानी करें। कलेक्टर ने मौसमी बीमारियों की रोकथाम हेतु नालियों और पानी की टंकियों की सफाई के निर्देश दिए गए। सभी नगरीय निकायों को सघन स्वच्छता अभियान चलाने को कहा गया। कलेक्टर ने राशन वितरण और आयुष्मान कार्ड निर्माण में किसी भी प्रकार की अनियमितता पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, जनहित के कार्यों में पारदर्शिता सर्वोपरि है। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि बैठक में राजस्व प्रकरणों, सुशासन तिहार, पीएम जनमन योजना आदि की भी समीक्षा की गई। पीएमजनमन अंतर्गत सभी विकास के संकेतांकों को 15 अगस्त के पूर्व पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि शहर और गांवों के मुख्य मार्गों से आवारा पशुओं को तत्काल हटाया जाए। इससे यातायात व्यवस्था सुधरेगी और सड़क दुर्घटनाओं की संभावना भी कम होगी। सभी नगरीय निकायों और पंचायतों को संयुक्त कार्यवाही करने को कहा गया। सभी विभागों को अपने कार्यों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने और समय सीमा में कार्य पूर्ण करने को कहा गया। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि लंबित मामलों का शीघ्र और प्रभावी निराकरण सुनिश्चित किया जाए। 

कलेक्टर के मार्गदर्शन में क्रेडाई और प्रथम फाउंडेशन के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर

धमतरी जिले के कौशल प्राप्त युवाओं को बेहतर प्लेसमेंट से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए आज कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा के मार्गदर्शन में द कॉन्फीडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया क्रेडाई और प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन की ओर से राज्य समन्वयक स्किलिंग प्रोग्राम डॉ. विद्यासागर तथा क्रेडाई की ओर से राज्य सचिव श्री अभिषेक ने कलेक्टर श्री मिश्रा की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस एमओयू के माध्यम से जिले के ऐसे युवा, जो इलेक्ट्रिकल, प्लंबिंग, वेल्डिंग, मेसन जैसे ट्रेड्स में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, उन्हें अब क्रेडाई के माध्यम से देश के प्रतिष्ठित निर्माण स्थलों में रोजगार के अवसर मिलेंगे। इससे न केवल उन्हें अच्छी आमदनी मिलेगी, बल्कि उनका भविष्य भी सुरक्षित होगा।          कलेक्टर श्री मिश्रा ने इस अवसर पर कहा कि युवाओं को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ उन्हें रोजगार से जोड़ना ज़रूरी है, और इस एमओयू के माध्यम से जिले में इस दिशा में एक मजबूत कदम उठाया गया है। कार्यक्रम में जिला कौशल विकास प्राधिकरण के सहायक संचालक डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता, प्रथम से श्री दिनेश बोरसे एवं श्री मोतीलाल, क्रेडाई से राज्य चेयरपर्सन श्री मृणाल गोलछा सहित दोनों संस्थाओं के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।