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कलेक्टर ने आमजनों की सुनी समस्याएं, गंभीरतापूर्वक निराकरण के दिए निर्देश

एमसीबी कलेक्टर डी. राहुल वेंकट ने आज कलेक्ट्रेट कार्यालय में जनदर्शन के माध्यम से आम नागरिकों की समस्याओं को सुना। जिले के ग्रामीण जन और नागरिकों ने जनदर्शन में अपनी छोटी-बड़ी समस्याओं को सीधे कलेक्टर के समक्ष रखा। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को प्राप्त सभी आवेदनों को प्राथमिकता के साथ शीघ्रता से समय-सीमा में निराकरण करने के निर्देश दिए हैं। जनदर्शन में कुल 29 आवेदन प्राप्त हुए। आवेदक सरिता निवासी मंगोरा आंगनबाड़ी सहायिका में नियमों के विपरित नियुक्ति करने के संबंध में, देवकली निवासी नागपुर स्वत्व भुगतान के संबंध में, मुख्तार निवासी डोमनापारा भूमि के संबंध में, कमलेश्वर सारथी निवासी चिरमिरी आत्मादाह के लिए बाध्य होने के संबंध में, विजेन्द्र सिंह, मुन्नी बाई, केवल सिंह निवासी बाही सचिव को अविलम्ब हटाये जाने के संबंध में, रघुनाथ निवासी बोरीडांड भूमि के संबंध में, धरम दास निवासी पोड़ी आगे की शिक्षा प्राप्त करने हेतु अनुमति के संबंध में, राहुल गायकवाड़ निवासी कमलडांड शासकीय आवागमन रास्ते को क्षतिग्रस्त करने के संबंध में, हिरदन सिंह निवासी धवलपुर पट्टा निरस्त करने के संबंध में, रामनरेश तिवारी वेतन वृद्धि स्वीकृत करने के संबंध में, तारामणी निवासी उजियारपुर पीएम आवास का अंतिम किस्त प्रदान करने के संबंध में, रामबाई निवासी जामपारा पीएम आवास की राशि में गड़बड़ी करने के संबंध में, अर्चना निवासी साल्ही नामांतरण के संबंध में, सीताशरण निवासी उजियारपुर आवारा पशुओं को सुरक्षित करने के संबंध में, उदय सिंह निवासी महाई भूमि के संबंध में, यशोदा निवासी फुनगा भूमि के संबंध में, अदिति यादव निवासी मनेन्द्रगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियुक्ति के देरी के संबंध में, अंजु उर्मलिया निवासी खोंगापानी स्वच्छता व्यव्स्था की घोर उपेक्षा के संबंध में, गौरी निवासी चनवारीडांड भूमि के संबंध में, अजीजा खातून निवासी मनेन्द्रगढ़ भूमि के संबंध में, बुद्धिराम नाहक, भगवान निवासी चिरमिरी राशन दुकानों में हो रही अनिमिततों के संबंध में, पवन निवासी मनेन्द्रगढ़ नौकरी वापस दिलाने के संबंध में, सुखराम निवासी भुकभुकी भूमि के संबंध में, शुभम फ्लाई एस आबंटित प्लाट में अतिक्रमण कर्ता के विरूद्ध कार्यवाही न करते हुए अभिन्यास पुनरीक्षण के संबंध में, दिप्ति अग्रवाल निवासी मनेन्द्रगढ़ शिकायत दर्ज कर उचित कार्यवाही किये जाने के संबंध में, अनुपा राय निवासी पेन्ड्री भूमि के संबंध में, द्वारिका सिंह निवासी धवलपुर भूमि के संबंध में, समस्त वार्ड पंच निवासी साल्ही सचिव को अविलम्ब हटाये जाने के संबंध में, दूजेराम कुर्रे निवासी मनवारी राशन वितरण में गड़बड़ी करने के संबध में अपना शिकायत लेकर आये थे। कलेक्टर ने प्राप्त सभी आवेदनों को पूरी गंभीरता से सुनते हुए संबंधित विभागों को उचित कार्यवाही करते हुए त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए।

केंद्रीय मंत्री अठावले ने कहा- कक्षा पहली से छठवीं तक क्षेत्रीय भाषा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए

रायपुर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने मंगलवार सुबह छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे। केंद्रीय मंत्री अठावले ने रायपुर के माना में स्थित स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत की। इस दौरान महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद को लेकर पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री अठावले ने कहा कि महाराष्ट्र में थ्री-लैंग्वेज पॉलिसी फॉर्मूले को लेकर विवाद था। हिंदी हमेशा से हमारी राष्ट्रीय भाषा रही है और हम इसका सम्मान करते हैं, लेकिन कुछ लोगों ने तर्क दिया कि मराठी स्कूलों में किसी अन्य भाषा को पढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं है। मराठी लोगों ने इसका विरोध किया। हालांकि, देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने किसी भी आंदोलन से पहले ही हिंदी भाषा के अनिवार्य उपयोग के फैसले को रद्द कर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि स्कूलों में हिंदी को लागू करना चाहिए, लेकिन कक्षा पहली से छठवीं तक क्षेत्रीय भाषा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भी प्रतिक्रिया दी और कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का काम है तंज कसना, उनका मन सही नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ऐतिहासिक निर्णय जातिगत जनगणना को लेकर लिया गया है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि लंबे समय से इसकी मांग उठ रही थी, लेकिन जब उनकी सरकार थी, तब उन्होंने इस पर कोई निर्णय क्यों नहीं लिया? धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर मंत्री आठवले ने कहा कि प्रलोभन देकर और दबाव में धर्मांतरण सही नहीं है। अगर कोई अपनी स्वेच्छा से करना चाहे तो उन्हें अधिकार है लेकिन अगर दबाव में हो रहा है तो इस पर रोक लगनी चाहिए और इसकी पूरी जांच होनी चाहिए। पश्चिम बंगाल में भाजपा की फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी के दौरे के संदर्भ में आठवले ने कहा कि वहां अत्याचार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि आगामी चुनाव में बंगाल में ममता बनर्जी की छुट्टी हो जाएगी और भाजपा की सरकार बनेगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के 7 जुलाई को प्रस्तावित छत्तीसगढ़ दौरे पर आठवले ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि लोकतंत्र में सभी को सभा करने का अधिकार है। खड़गे हमारे समाज से हैं और उनका स्वागत है।  

1 अगस्त से छत्तीसगढ़ में 30 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं जमीनों के भाव

रायपुर प्रदेश में अचल संपत्ति और जमीन की सरकारी कीमतों यानी कलेक्टर गाइडलाइन दरों में एक अगस्त से बढ़ोतरी तय मानी जा रही है। राज्य सरकार बाजार मूल्य और गाइडलाइन दरों में मौजूद अंतर को न्यूनतम करने की दिशा में सक्रिय हो गई है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि गाइडलाइन दर 30 फीसदी तक बढ़ सकती है। इसके लिए 30 जून से सात जुलाई तक प्रदेशभर में प्रचलित बाजार दरों का भौतिक सर्वेक्षण किया जा रहा है। सर्वे पूरा होने के बाद एक अगस्त से नई दरें लागू की जा सकती हैं। बनाई गई है विशेष टीम साल 2025-26 के लिए अचल संपत्ति की गाइडलाइन दरों के पुनरीक्षण की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। इसके तहत पांचों संभागों (रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, बस्तर और सरगुजा) के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं। इन टीमों में उप महानिरीक्षक पंजीयन मदन कोर्पे, उषा साहू तथा संबंधित जिला पंजीयक और वरिष्ठ उप पंजीयक शामिल हैं। जमीनी हकीकत को परखेंगी टीमें राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि गाइडलाइन दरों को यथासंभव बाजार मूल्य के निकट लाने के लिए आंकड़ों का विश्लेषण दस्तावेजों और क्षेत्रीय निरीक्षण के आधार पर किया जाएगा। पटवारियों और तहसीलदारों के माध्यम से हर इलाके की रिहायशी कॉलोनियों, व्यावसायिक परिसरों और अन्य अचल संपत्तियों की जानकारी जुटाई गई है। नए मापदंड से तय होंगी दरें प्रस्तावित गाइडलाइन दरों के निर्धारण में स्पष्ट मापदंड अपनाए जा रहे हैं। रोड से लगी हुई संपत्तियों की दरें केवल रोड के आधार पर निर्धारित होंगी, रोड से अंदर की दरें तय नहीं की जाएंगी ताकि भ्रम की स्थिति न बने। वहीं 40 फीट से अधिक चौड़ाई वाली सड़कें 'मुख्य मार्ग' मानी जाएंगी। कम चौड़ाई की सड़कें, यदि वे दो इलाकों को जोड़ती हैं, तो उन्हें भी मुख्य मार्ग की श्रेणी में रखा जाएगा। सात साल बाद बदलाव की तैयारी गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में साल 2017 के बाद से गाइडलाइन दरों में कोई संशोधन नहीं हुआ है, जबकि नियमानुसार यह प्रक्रिया हर साल की जानी चाहिए। इस बार राज्य सरकार ने गाइडलाइन पुनरीक्षण के लिए सभी जिलों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। बाजार मूल्य की वास्तविकता को पकड़ने के लिए बैंकिंग संस्थाओं से भी संबंधित क्षेत्रों की संपत्ति दरों की जानकारी ली जा रही है।    

RERA :बीते 7 वर्षों में 136 प्रकरणों पर स्वतः संज्ञान लेकर की गई कार्यवाही

रायपुर, छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण ने राज्य में रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक कड़ा कदम उठाया है। प्राधिकरण ने ऐसे 106 प्रोजेक्ट्स की पहचान की है जो टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग से स्वीकृत होने के बावजूद अब तक रेरा अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं हुए हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इन प्रोजेक्ट्स का निर्माण अथवा विक्रय कार्य बिना वैधानिक रेरा पंजीकरण के किया जा रहा था, जो कि न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि उपभोक्ताओं के हितों के लिए भी अत्यंत नुकसानदेह है। प्राधिकरण ने इन सभी प्रोजेक्ट्स के प्रमोटरों को नोटिस जारी करते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही यह स्पष्ट किया गया है कि रेरा अधिनियम, 2016 का पालन सुनिश्चित करना प्रत्येक प्रमोटर की जिम्मेदारी है। प्राधिकरण ने जानकारी दी है कि पिछले सात वर्षों में 136 प्रोजेक्ट्स के विरुद्ध स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्यवाही की गई है, जिनमें प्रमोटरों द्वारा बिना पंजीकरण कार्य संचालित किया गया था। रेरा अधिनियम के अनुसार, बिना पंजीकरण प्रोजेक्ट संचालित करने पर पंजीकरण शुल्क का 400 प्रतिशत तक अतिरिक्त शुल्क और परियोजना लागत का 10 प्रतिशत तक जुर्माना लगाया जा सकता है। रेरा अधिनियम की यही विशेषता है कि वह न केवल उपभोक्ताओं को सुरक्षित निवेश का वातावरण देता है, बल्कि रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और समयबद्धता भी सुनिश्चित करता है। सीजी रेरा ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की संपत्ति जैसे फ्लैट, प्लॉट, विला या व्यावसायिक इकाई खरीदने से पहले यह अवश्य जांच लें कि संबंधित परियोजना रेरा में पंजीकृत है या नहीं। इसके लिए  https://rera.cgstate.gov.in/ पोर्टल पर जाकर परियोजना की पंजीकरण स्थिति की जांच की जा सकती है। वहीं, प्रमोटरों को भी सलाह दी गई है कि वे अपनी परियोजनाओं को विधिवत रजिस्ट्रेशन कराएं ताकि किसी प्रकार की शास्ति या कानूनी कार्यवाही से बचा जा सके। प्राधिकरण का उद्देश्य स्पष्ट है कि वह उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना चाहता है और अनियमित एवं अराजक प्रोजेक्ट्स पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करना चाहता है। घर खरीदने से पहले रेरा पंजीयन की पुष्टि अवश्य करें, इसी संदेश के साथ सीजी रेरा ने जिम्मेदार नागरिकों और ईमानदार डेवलपर्स से सहयोग की अपील की है।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर राज्य के सभी चिकित्सकों को अपनी शुभकामनाएं दी

रायपुर : स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर दी शुभकामनाएं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डॉक्टर्स की मेहनत के कारण छत्तीसगढ़ का नाम आज चिकित्सा क्षेत्र के लिए एक जाना पहचाना नाम  स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर राज्य के सभी चिकित्सकों को अपनी शुभकामनाएं दी रायपुर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर राज्य के सभी चिकित्सकों को  अपनी शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि देश के प्रसिद्ध चिकित्सक और राजनेता डॉ विधान चंद्र रॉय के नाम पर हम राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाते हैं। छत्तीसगढ़ के चिकित्सक सुदूर इलाकों में, जंगलों में, नक्सली क्षेत्रों में बहुत ही मुश्किल रास्तों को पार करके, कठिन परिस्थिति में कड़ी मेहनत करके लोगों की सेवा कर रहे हैं। कोरोना महामारी के समय चिकित्सकों ने जो काम किया उसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।  मै उनके जज्बे, हौसले को सलाम करता हूं। साथ ही ये उम्मीद करता हूं कि वो ऐसे हे जनता की सेवा करते रहेंगे।  स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डॉक्टर्स की मेहनत के कारण छत्तीसगढ़ का नाम आज चिकित्सा क्षेत्र के लिए एक जाना पहचाना नाम है। उनके इस योगदान के लिए पूरा राज्य उनका आभारी है। मै सभी चिकित्सकों को , सपोर्टिंग स्टाफ को डॉक्टर्स डे की बधाई देता हूं।

विस अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के प्रयासों से 242.80 करोड़ की लमती फीडर डैम परियोजना को मिली स्वीकृति, 41 गांवों की खेती को मिलेगा नया जीवन

राजनांदगांव  राजनांदगांव जिले के किसानों के लिए आज का दिन अत्यंत गर्व और उम्मीद से भरा है। छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष एवं राजनांदगांव विधायक डॉ. रमन सिंह के सतत प्रयासों और पहल से 242.80 करोड़ रुपए की लागत से लमती फीडर डैम के माध्यम से कुल 41 गांवों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे हजारों किसान परिवारों की वर्षों पुरानी मांग पूरी होने जा रही है। इस महत्वाकांक्षी योजना से खैरागढ़, छुईखदान और गंडई क्षेत्र के 2 गांवों के साथ-साथ राजनांदगांव जिले के 39 गांवों को सीधे लाभ मिलेगा। इन 39 गांवों में से 10 गांव अत्यंत सूखाग्रस्त घोषित हैं, जहां किसानों को लंबे समय से जल संकट का सामना करना पड़ रहा था। इन सूखाग्रस्त गांवों में बम्हनी, धनगांव, सुकुलदैहान, गातापार, बागतराई, डिलापहरी, धर्मापुर, ढाबा, बरगाही और लिटिया शामिल हैं। डॉ. रमन सिंह जी ने इस योजना के स्वीकृति को राजनांदगांव जिले सहित समूचे अंचल के किसानों के लिए महत्वपूर्ण फैसला बताया और कहा कि "यह सिर्फ सिंचाई योजना नहीं, बल्कि किसानों के भविष्य को सुरक्षित करने की एक ठोस पहल है। मेरा सदैव प्रयास रहा है कि प्रत्येक गांव, प्रत्येक खेत तक पानी पहुंचे और हर किसान के चेहरे पर संतोष की मुस्कान लौटे। इस डैम के निर्माण से 1840 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी। इससे जहां धान, गेहूं, दलहन और सब्जियों की खेती को बढ़ावा मिलेगा, वहीं कृषि आधारित आजीविका पर आश्रित परिवारों को आर्थिक मजबूती भी मिलेगी। यह परियोजना न केवल जल संसाधन प्रबंधन में एक बड़ा कदम है, बल्कि “समृद्ध गांव – सशक्त किसान” के संकल्प की दिशा में एक मजबूत आधारशिला है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह जी ने इस स्वीकृति के लिए राज्य एवं केंद्र सरकार के प्रति आभार प्रकट किया है और विश्वास जताया है कि जल्द ही इस पर निर्माण कार्य प्रारंभ होगा। इस परियोजना के संबंध में जल संसाधन विभाग द्वारा विस्तृत प्रस्तुतीकरण परियोजना समिति के समक्ष किया गया। विभाग द्वारा समिति को यह अवगत कराया गया कि यह डैम परियोजना खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के खैरागढ़ तहसील एवं विकासखण्ड के ग्राम लछनाटोला के समीप, आमनेर नदी पर प्रस्तावित है।

अब तक जिले में आयोजित शिविरों के माध्यम से 2340 से अधिक जनजातीय नागरिकों को आधार कार्ड बनाया

 रायपुर मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान जनजातीय समुदाय के जीवन में आशा की नई किरण बनकर उभरी है। इस योजना के अंतर्गत लगाए जा रहे शिविरों के माध्यम से दूरस्थ अंचलों तक आधार से संबंधित सेवाएं पहुँचाई जा रही हैं, जिससे हजारों नागरिकों को घर के पास ही राहत मिल रही है।          अब तक जिले में आयोजित शिविरों के माध्यम से 2340 से अधिक जनजातीय नागरिकों को आधार कार्ड बनाया, अद्यतन एवं समस्याओं का समाधान सफलतापूर्वक किया जा चुका है। इससे यह स्पष्ट होता है कि धरती आबा योजना केवल एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि जनजातीय समाज के लिए एक डिजिटल सशक्तिकरण अभियान बन गई है।          जिले के आधार सेवा संचालक श्री लखन लाल साहू को जिला अंतर्गत राज्य में Best performing Operator in Aadhaar Enrolment &Update services in LWE Districts of Chhattisgarh State यह पुरस्कार  UIDAI REGIONAL OFFICE HYDERABAD द्वारा 20 जून 2025 को रायपुर में आयोजित सम्मान समारोह में प्रदान किया गया।                          धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत नागरिकों को डिजिटल सेवा आधार, आय, जाति, निवास, बिजली की बिल भुगतान, गैस रिफिलिंग, ट्रेन टिकट, बैंकिग, किसानों का फसल बीमा, किसान पंजीयन, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पेन कार्ड, आदि सेवाएं जनजातीय समुदाय के नागरिकों को धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान शिविर में ग्राम स्तर पर ही मुहैया हो रहा है।          धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान आज ग्राम विकास, जन सुविधा और डिजिटल समावेश का प्रतीक बन चुकी है। यह पहल न केवल आधार जैसी महत्वपूर्ण सेवा को सुलभ बना रही है, बल्कि जनजातीय अंचलों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो रही है।

युक्तियुक्तकरण के तहत अब पाकरगांव प्राथमिक शाला को दो शिक्षक उपलब्ध कराए गए

: युक्तियुक्तकरण से लौटी स्कूलों की रौनक, स्कूलों में फिर सुनाई दे रहे हिंदी अंग्रेजी के पाठ और गणित के सवालों की गूंज चार साल तक एकल, फिर शिक्षकविहीन रहा स्कूल अब बन गया शिक्षा का केंद्र युक्तियुक्तकरण के तहत अब पाकरगांव प्राथमिक शाला को दो शिक्षक उपलब्ध कराए गए  रायपुर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में शुरू की गई युक्तियुक्तकरण नीति अब राज्य के दूरस्थ अंचलों के गांवों के विद्यालयों में नए उत्साह का संचार कर रही है। रायगढ़ जिले के लैलूंगा विकासखंड के पाकरगांव स्थित प्राथमिक शाला इसका जीवंत उदाहरण बन चुकी है। लंबे समय तक शिक्षकविहीन रह चुकी यह शाला अब शिक्षा की आवाज़ से गूंज रही है। पाकरगांव का यह स्कूल पहले चार वर्षों तक एकल शिक्षक के भरोसे संचालित होता रहा। बाद में शिक्षक के अन्यत्र तबादले के कारण स्कूल पूरी तरह शिक्षकविहीन हो गया। परिणामस्वरूप बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई और पालकों में भी अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ने लगी थी। कई बच्चों ने स्कूल आना तक बंद कर दिया था। सरकार द्वारा लागू युक्तियुक्तकरण के तहत अब पाकरगांव प्राथमिक शाला को दो शिक्षक उपलब्ध कराए गए हैं। इनकी नियमित उपस्थिति से विद्यालय की गतिविधियाँ फिर से सुचारू रूप से शुरू हो गई हैं। बच्चों को अब न केवल अक्षरज्ञान मिल रहा है, बल्कि हिंदी, अंग्रेजी और गणित जैसे विषयों की व्यवस्थित शिक्षा भी मिल रही है। अंग्रेजी शब्दों का उच्चारण, हिंदी के पाठ, पहाड़े और गणित के सवालों के साथ कक्षा में फिर से रौनक लौट आई है। बच्चों के साथ-साथ पालकों और ग्रामवासियों में भी खासा उत्साह देखा जा रहा है। विद्यालय में नियमित कक्षाएं लगने से अब पालक अपने बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए उत्साहित हैं। ग्रामवासी इस बदलाव को एक नई शुरुआत के रूप में देख रहे हैं। पाकरगांव प्राथमिक शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष त्रिनाथ सतपथी ने इस पहल को सराहते हुए कहा कि युक्तियुक्तकरण के चलते हमारे गांव के बच्चों को अब फिर से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा दो शिक्षकों की पदस्थापना से शाला में शिक्षा का माहौल सशक्त हुआ है और यह विद्यालय अब वास्तव में ज्ञान का केंद्र बन चुका है। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और शासन प्रशासन के प्रति गांववासियों की ओर से आभार व्यक्त किया। युक्तियुक्तकरण के माध्यम से न केवल शिक्षकविहीन स्कूलों को संबल मिला है, बल्कि यह नीति ग्रामीण अंचलों में शिक्षा की पहुँच और गुणवत्ता को भी नई ऊंचाई दे रही है।

30 पूर्व नक्सलियों को नया जीवन शुरू शुरू करने राजमिस्त्री का प्रशिक्षण देकर स्वालंबी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया

  सुकमा  नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में जिला प्रशासन की ओर से आत्म समर्पण कर मुख्यधारा में लौटे 30 पूर्व नक्सलियों को नया जीवन शुरू करने का अवसर प्रदान किया गया है। प्रशासन द्वारा इन युवाओं काो राजमिस्त्री का व्यवसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें आर्थिक रूप से स्वालंबी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल पुनर्वास नीति के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए सुनहरे भविष्य की राह तैयार की की जा रही है। जिला कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव के निर्देशन और एसपी किरण चव्हाण के मार्गदर्शन में इस पहल की शुरूआत की गई है। सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद सभी लाभार्थियों को एसपी किरण चव्हाण ने कार्यालय में प्रमाण पत्र प्रदान किया। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए पुनर्वास केंद्र में रखकर उनके कौशल विकास और रोजगार के अवसर सुनिश्चित कराए जा रहे हैं। इस योजना से नक्सली गतिविधियों से दूरी बनाने वालों को न केवल सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिलेगा, बल्कि उनके परिवारों को राज्य सरकार द्वारा आत्म समर्पित नक्सलियों के लिए आजीविका के साधन भी उपलब्ध होंगे। शांति और विकास की राह में सम्मानजनक पहल की जा रही है। लाइवलीहूड कालेज के तत्वाधान में आरसेटी के तहत चलने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम में आत्मसमर्पित नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की दिशा में यह एक अहम प्रयास माना जा रहा है। प्रशासन का मानना है कि इस तरह की योजनाएं बाकी सक्रिय नक्सलियों को भी हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित करेगी। प्रशिक्षण हासिल करने वाले सभी आत्मसमर्पितों को एसपी के द्वारा प्रमाण पत्र का वितरण किया गया। प्रमाण पत्र पाकर प्रशिक्षित युवाओं में आत्मविश्वास साफ नजर आया। प्रशासन ने भरोसा जताया कि इस पहल से न सिर्फ उनका भविष्य सवंरेगा बल्कि सुकमा में स्थायी शांति और स्वरोजगार स्थापित करने में मदद मिलेगी। 

राज्य के सिर्फ 1 मेंटल अस्पताल की बदहाली पर हाईकोर्ट सख्त, स्वास्थ्य सचिव से मांगा जवाब

बिलासपुर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में बना एकमात्र मेंटल हॉस्पिटल फिलहाल खुद अच्छी हालत में नहीं है, क्योंकि यहां न तो मरीजों को टोकन मिल रहे हैं और न ही समय से डॉक्टर पहुंच रहे हैं, जबकि अस्पताल परिसर में साफ-सफाई की भी पर्याप्त व्यववस्था नहीं है. इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई करने के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य के हेल्थ सेक्रेटरी से जवाब मांगा है. बताया जा रहा है कि अस्पताल के ओपीडी में हर दिन करीब 150 मरीज आते हैं, लेकिन टोकन सिस्टम नहीं होने की वजह से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.  छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में लगी थी याचिका  दरअसल, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बिलासपुर में बने मेंटल हॉस्पिटल को लेकर एक जनहित याचिका लगाई गई थी, जो अस्पताल की अव्यवस्था पर थी, जिसकी सुनवाई हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच हो रही है. बताया जा रहा है कि इस मामले में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की थी, जिसमें एडवोकेट ऋषि राहुल सोनी को कोर्ट की तरफ से कमिश्नर नियुक्त कर अस्पताल की पूरी निरीक्षण रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था, इसके बाद उन्होंने बिलासपुर के मेंटल हॉस्पिटल का निरीक्षण किया था, जिसके बाद उन्होंने अपनी रिपोर्ट कोर्ट कमिश्नर को पेश कर दी थी, बताया जा रहा है कि अब जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट अपना शपथ पत्र देने को कहा है, मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई को होनी है.  मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम के तहत निर्धारित प्रावधानों और सुविधाओं का अभाव होने पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट लीगल सर्विस कमेटी और एक अन्य ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसपर सुनवाई लगातार चल रही है. पिछली सुनवाई में मुख्य सचिव ने व्यक्तिगत शपथ पत्र में यह बात लिखी थी कि उनके निर्देश पर आयुक्त सह निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं, छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य नोडल अधिकारी (एनएमएचपी) के साथ 01/04/2025 को मानसिक अस्पताल सेंदरी का दौरा कर निरीक्षण किया और रिपोर्ट पेश किया. इसके अलावा सचिव स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, छत्तीसगढ़ शासन ने खुद 08 अप्रैल 2025 को मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय सेंदरी का भ्रमण कर निरीक्षण किया और कमियों को दूर करने और सुधारात्मक उपाय करने के निर्देश दिए गए. राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंदरी के अधीक्षक ने 17/04/2025 को प्रकाशित समाचार पत्र के संदर्भ में बिन्दुवार जवाब पत्र जारी किया था. जिसमें कहा गया "समाचार निराधार है. अस्पताल में उपलब्ध स्टाफ ड्यूटी रोस्टर और निर्धारित ड्यूटी के अनुसार काम कर रहा है. मरीजों को सुरक्षा स्टाफ पर्याप्त सुरक्षा प्रदान कर रहा है. अस्पताल में फार्मासिस्ट की कोई कमी नहीं है." लेकिन सोमवार को हुई इस जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर ऋषि राहुल सोनी ने बताया "उन्होंने कोर्ट के निर्देश पर 4 जून से लेकर 6 जून तक अस्पताल का निरीक्षण किया. स्टाफ से लेकर सभी व्यवस्थाओं पर गंभीरता से जांच की. अस्पताल की स्थिति ठीक नहीं है. अस्पताल में फिलहाल डॉक्टर उपलब्ध कराए गए हैं. हालांकि वह शासकीय सेटअप के हिसाब से कम हैं." महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सेंदरी अस्पताल को लेकर शासन गंभीर है और नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किए गए हैं. कोर्ट कमिश्नर ने सुनाई के दौरान बताया कि डॉक्टर और स्टाफ एक से डेढ़ घंटे अस्पताल में रहते हैं, जबकि उन्हें सुबह 8:00 से 2:00 बजे तक रहना चाहिए. इस बात की तस्दीक रजिस्टर और CCTV फुटेज से होती है. उन्होंने बताया कि वाटर कूलर सही नहीं है, साथ ही हाइजिन का भी ध्यान नहीं रखा जाता है. जिस पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है. वहीं अगली सुनवाई 16 जुलाई 2025 को तय करते हुए सचिव स्वास्थ्य से जवाब मांगा है.