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उफनती नदियों ने मचाया हाहाकार, पंजाब के 1300 गांव डूबे

पठानकोट पंजाब पिछले एक महीने से भीषण बाढ़ संकट से जूझ रहा है. 1 अगस्त से अब तक बाढ़ के कारण राज्य में 30 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 2.56 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. राज्य सरकार ने इसे दशकों की सबसे गंभीर प्राकृतिक आपदा करार दिया है. सूबे में सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के उफान के साथ मौसमी नालों में बढ़े जलस्तर से कई जिलों में भारी तबाही मची है. बाढ़ से सबसे ज्यादा असर अमृतसर में देखा गया है, जहां 35,000 लोग प्रभावित हुए हैं. इसके बाद फिरोजपुर में 24,015, फाजिल्का में 21,562, पठानकोट में 15,053, गुरदासपुर में 14,500, होशियारपुर में 1,152, एसएएस नगर में 7,000, कपूरथला में 5,650, मोगा में 800, जालंधर में 653, मानसा में 163 और बरनाला में 59 लोग प्रभावित हुए हैं. राज्य सरकार के बुलेटिन के मुताबिक, सबसे ज्यादा 6 मौतें पठानकोट में दर्ज की गई हैं. अमृतसर, बरनाला, होशियारपुर, लुधियाना, मानसा और रूपनगर में 3-3 लोगों की मौत हुई. बठिंडा, गुरदासपुर, पटियाला, मोहाली और संगरूर में 1-1 मौत दर्ज की गई. पठानकोट में तीन लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं. अब तक 15,688 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. सबसे ज्यादा 5,549 लोगों को गुरदासपुर में बचाया गया, जबकि फिरोजपुर में 3,321, फाजिल्का में 2,049, अमृतसर में 1,700 और पठानकोट में 1,139 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाला गया है. हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद उफनती सतलुज, ब्यास और रावी नदियों तथा मौसमी नालों के कारण पंजाब के बड़े हिस्से में बाढ़ आई है. 1300 से ज्यादा गांवों में ढाई लाख से ज्यादा लोग प्रभावित पंजाब में बाढ़ की चपेट में अब तक कमोबेश गांव प्रभावित हुए हैं, जिनमें गुरदासपुर में 321, अमृतसर में 88, बरनाला में 24, फाजिल्का में 72, फिरोजपुर में 76, होशियारपुर में 94, जालंधर 55, कपूरथला में 115, मानसा में 77, मोगा में 39 और पठानकोट में 82 गांव शामिल हैं. मसलन, 12 जिलों के कमोबेश 1300 गांवों में कुल 2,56,107 लोग बाढ़ की चपेट में हैं. स्वास्थ्य सेवाएं और मेडिकल कैंप फिरोजपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 400 मेडिकल कैंप लगाए गए, जिनमें अब तक 8,700 मरीजों का इलाज किया गया. मोबाइल मेडिकल टीमें गांव-गांव जाकर लोगों को दवाइयां और ORS मुहैया करा रही हैं. गर्भवती महिलाओं और बच्चों की विशेष देखभाल पर जोर दिया जा रहा है. चंडीगढ़ और पंजाब में स्कूल-कॉलेज बंद चंडीगढ़ में भारी बारिश के चलते मंगलवार को सभी स्कूल बंद करने का ऐलान किया गया है. प्रशासन ने पाटियाला की राव नदी पर भी नजर रखने और निचले इलाकों में समय रहते अलर्ट जारी करने के निर्देश दिए हैं. इसी तरह पंजाब सरकार ने राज्यभर में कॉलेज, यूनिवर्सिटी और पॉलीटेक्निक इंस्टिट्यूट्स को 3 सितंबर तक बंद करने का आदेश दिया है.  यूरोपीय स्पेस एजेंसी के Copernicus Sentinel-1 के डेटा का इस्तेमाल करके 25 से 31 अगस्त तक बाढ़ग्रस्त इलाकों का विश्लेषण किया. इसमें पता चला कि रावी नदी अपनी सामान्य चौड़ाई से 10 गुना तक फैल गई और हजारों घर, गांव और खेत जलमग्न हो गए. राज्यपाल करेंगे बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा, सीएम की केंद्र से ये अपील पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया 2 से 4 सितंबर तक राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा करेंगे. इस संबंध में सोमवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति जारी की गई. सोमवार को राज्यपाल सड़क मार्ग से सीमावर्ती जिला फिरोज़पुर के लिए रवाना हुए. प्रेस रिलीज के मुताबिक राज्यपाल 2 सितंबर को फिरोज़पुर और तरनतारन, 3 सितंबर को अमृतसर, गुरदासपुर और पठानकोट तथा 4 सितंबर को होशियारपुर और श्री आनंदपुर साहिब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे. राज्य के कई हिस्से भीषण बाढ़ की चपेट में हैं. ऐसे हालात में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को कहा कि इस संकट की घड़ी में लोगों को राहत देने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा. उन्होंने इसे "हाल के इतिहास की सबसे भीषण बाढ़" करार दिया. सीएम मान ने यह भी बताया कि वह पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख चुके हैं और सरकार के पास फंसे राज्य के 60,000 करोड़ रुपये जारी करने की मांग की है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह खुद भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे. लगातार हो रही भारी बारिश के चलते होशियारपुर जिले में हालात और बिगड़ रहे हैं. गढ़शंकर और होशियारपुर सब-डिवीजन सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. हकूमतपुर, अलीवालपुर, भाना, ठक्करवाल और खानपुर गांवों में पानी घरों तक घुस गया. अधिकारियों के अनुसार, पंजाब में अगस्त महीने में 253.7 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 74 प्रतिशत ज्यादा है और पिछले 25 वर्षों में सबसे अधिक दर्ज की गई है. गढ़शंकर SDM संजीव कुमार ने बताया कि प्रभावित परिवारों को गुरुद्वारों की मदद से पका हुआ खाना मुहैया कराया जा रहा है. वहीं, होशियारपुर SDM ने बताया कि कुकरां बंध टूटने से कई गांवों में पानी भर गया. जिले में अब तक 100 गांवों को बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है और 5,971 हेक्टेयर खेत डूब चुके हैं. यहां 10 राहत कैंप चल रहे हैं, जिनमें 1,041 लोग रह रहे हैं. खेतीबाड़ी और बुनियादी ढांचे का नुकसान पंजाब में 96,061 हेक्टेयर खेतीबाड़ी की जमीन बाढ़ की चपेट में आई हैं. पशुधन का भी बड़ा नुकसान हुआ है, लेकिन सही आंकड़े पानी उतरने के बाद ही सामने आएंगे. बुनियादी ढांचे की क्षति का भी आकलन जलस्तर घटने के बाद किया जाएगा. पूरे राज्य में NDRF, SDRF, आर्मी और पंजाब पुलिस राहत कार्यों में जुटी हैं. NDRF की 20 टीमें पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, फिरोजपुर, फाजिल्का और बठिंडा में तैनात की गई हैं. अब तक 14,936 लोगों को सेना, BSF और प्रशासन ने मिलकर सुरक्षित निकाला है. मसलन, पंजाब में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. राहत-बचाव कार्य लगातार जारी हैं, लेकिन अभी भी लाखों लोग प्रभावित हैं. प्रशासन ने साफ कहा है कि पानी उतरने के बाद ही वास्तविक नुकसान का पूरा आकलन किया जा सकेगा.

हरमीत सिंह की गिरफ्तारी, AAP विधायक ने सरकार पर लगाते रहे आरोप

पटियाला पंजाब के आम आदमी पार्टी (AAP) हरमीत पठानमाजरा को मंगलवार को हरियाणा की पटियाला पुलिस ने बलात्कार के एक पुराने मामले में गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के कुछ ही समय में वह पुलिस के गिरफ्त से फरार हो गए. आरोप है कि पुलिस पर फायरिंग करने के बाद वह फरार हुए. उनके हमले में एक पुलिसकर्मी के घायल होने की भी खबर है. पुलिस के हवाले से खबर आ रही है कि पटियाला पुलिस उन्हें एक बलात्कार और वीडियो लीक मामले में स्थानीय थाने ले जा रही थी, तभी हरमीत और उनके साथियों ने पुलिस पर फायरिंग की. इसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया. आरोप है कि भागने के दौरान हरमीत ने पुलिसकर्मी पर स्कॉर्पियो गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की.  वे एक स्कॉर्पियो और फॉर्च्यूनर कार में सवार होकर फरार हो गए. पुलिस ने फॉर्च्यूनर कार को पकड़ लिया है, लेकिन, हरमीत स्कॉर्पियो में फरार हैं. पंजाब और हरियाणा पुलिस मिलकर पीछा कर रही है. दरअसल, हरमीत के खिलाफ एक महिला ने आरोप लगाया कि 25 अगस्त को हरमीत पठानमाजरा ने प्राइवेट विडियो लीक करने और जान से मारने की धमकी दी. महिला के स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद पंजाब पुलिस हरकत में आई. लेकिन, पुलिस की भनक लगते ही हरमीत पंजाब से फरार होकर हरियाणा में जा छिपा. इस मामले में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता और इनफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी एक्ट (I&T ACT) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. समर्थकों से किया अपील पठान माजरा ने गिरफ्तारी से पहले बताया कि उनके खिलाफ धारा 376 (बलात्कार) के तहत मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा कि जो भी पंजाब की बात करता है, उसके खिलाफ मामले दर्ज कर दिए जाते हैं. उन्होंने अपील की कि ज़्यादा से ज़्यादा लोग पटियाला एसएसपी और डीसी ऑफिस पहुंचकर उनका समर्थन करें. आप विधायक (AAP MLA) ने आरोप लगाया कि ‘जब भी वह पंजाब के पक्ष में आवाज उठाते हैं, उन्हें दबाने की कोशिश की जाती है.’ उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश बताया है. उनका कहना है कहा कि ‘दिल्ली AAP टीम’ पंजाब में उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने समर्थकों से पटियाला के SSP और DC ऑफिस पहुंचकर समर्थन देने की अपील की. इसी दौरान उनके समर्थकों ने पुलिस पर हमला बोल दिया. पूरा आरोप तो जान लीजिए- एक महिला ने 25 अगस्त 2025 को पठानमाजरा के खिलाफ स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराई. उसने आरोप लगाया कि हरमीत ने उसका निजी वीडियो लीक किया और जान से मारने की धमकी दी. इसके बाद, 26 अगस्त को महिला ने एक और शिकायत दर्ज की, जिसमें दावा किया कि हरमीत ने शादी का झांसा देकर उसका यौन शोषण किया. शिकायत के आधार पर, पटियाला पुलिस ने हरमीत के खिलाफ IPC की धारा 376 और IT एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया. पुलिस की कार्रवाई की भनक लगते ही हरमीत पंजाब से फरार होकर हरियाणा में छिप गया, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उसे करनाल से गिरफ्तार कर लिया. हरमीत का बयान जब तक पुलिस उनको गिरफ्तार करती हरमीत को खबर लग चुकी थी. उन्होंने एक फेसबुक लाइव वीडियो में दावा किया कि उनके खिलाफ पुरानी शिकायत, जो उनकी पूर्व पत्नी से संबंधित है. उसी के आधार पर मामला दर्ज किया गया. उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश करार देते हुए कहा कि ‘दिल्ली AAP टीम’ पंजाब में उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने समर्थकों से पटियाला के SSP और DC ऑफिस पहुंचकर समर्थन देने की अपील की.  

बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत, सीएम मान ने घोषित की लाखों की आर्थिक सहायता

होशियारपुर  पिछले कुछ दिनों से होशियारपुर में हो रही भारी बारिश के कारण हजारों लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और 7 लोगों की जान चली गई है। छत गिरने से 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 3 अन्य लोग लगातार बारिश के कारण आए बाढ़ के पानी में डूब गए। इस त्रासदी पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने प्रभावित परिवारों को 4-4 लाख रुपए की तत्काल आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। 7 शोक संतप्त परिवारों में कुल 28 लाख वितरित किए जाएंगे। होशियारपुर के सांसद डा. राज कुमार चब्बेवाल ने नौगराईं गांव के मृतक सुरमू मोहम्मद के परिवार को व्यक्तिगत रूप से 4 लाख का मुआवजा चैक सौंपा। वह बाढ़ के पानी में बह गए थे और उनकी मृत्यु हो गई। इस अवसर पर डा. राज कुमार ने गहरी संवेदना व्यक्त की और संकट की घड़ी में लोगों के साथ खड़े रहने की पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति पर सक्रिय रूप से नजर रख रही है और बारिश व बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए शीघ्र सहायता और पुनर्वास सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा, "प्रशासन को हाई अलर्ट पर रहने और पीड़ितों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। डा. राज ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को यह भी आश्वासन दिया कि वह 24×7 फ़ोन पर उपलब्ध हैं और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का व्यक्तिगत रूप से दौरा करके स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। उन्होंने ख़तरनाक और बाढ़ संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से प्रशासन के निर्देशों का पालन करने और जरूरत पड़ने पर उनके लिए बनाए गए सुरक्षित आश्रय गृहों में जाने का आग्रह किया और लोगों को सलाह दी कि वे बाढ़ग्रस्त चो या पुलों का उपयोग करके अपनी जान जोखिम में न डालें। हाल ही में हुई बारिश ने पंजाब के विभिन्न हिस्सों में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है और प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्य जारी हैं। 

घग्गर नदी उफान पर, पंजाब में बाढ़ से हालात बिगड़े; शाह ने लिया अपडेट

पंजाब  पंजाब में बाढ़ से हालत चिंताजनक बने हुए हैं। राज्य में सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री भगवंत मान से बात की तथा राज्य में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। वहीं, पंजाब में भंखरपुर इलाके के पास घग्गर नदी का जलस्तर सोमवार को बढ़ गया, जिसके मद्देनज़र ज़िला प्रशासन ने कई गांवों के लिए चेतावनी जारी की है। अधिकारियों ने बताया कि राजपुरा उप-मंडल की घनौर और सनौर विधानसभा क्षेत्रों में नदी के किनारे बसे गांवों के निवासियों को सतर्क रहने और नदी के पास न जाने की सलाह दी गई है। राजपुरा के उप-मंडल मजिस्ट्रेट अविकेश गुप्ता ने ऊंटसर, नन्हेड़ी, संजारपुर, लछरु, कमलपुर, रामपुर, सौंता, मारू और चमरू गांवों के लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। इसी तरह, भस्मरा, जलालखेड़ी, राजूखेड़ी, हडाना, पूर, धरमेरी, उल्टपुर और सिरकपरा गांवों के निवासियों को भी सतर्क रहने को कहा गया है। लगातार बारिश को देखते हुए पटियाला की उपायुक्त डॉ. प्रीति यादव ने कहा कि स्थानीय नाले, तालाब, घग्गर, गंगरी, मार्कंडा तथा अन्य नदियां उफान पर हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अस्थायी सड़कों, विशेषकर जल स्रोतों के पास स्थित रास्तों का उपयोग न करें और अनावश्यक यात्रा से बचें। उन्होंने आम जनता से यह भी अनुरोध किया कि लोग पुलों या उफनती जलधाराओं के पास तस्वीरें लेने या घूमने के लिए एकत्र न हों और पशुओं को भी नदी किनारे न ले जाएं। यादव ने बताया कि आगामी तीन दिन के लिए अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान ज़िला प्रशासन स्थिति पर लगातार नज़र रखे हुए है और समय-समय पर चेतावनियां जारी की जा रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी टीमें ज़िले भर में नदी तटों और संवेदनशील गांवों में तैनात हैं। घबराने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सतर्कता बरतना आवश्यक है।'' अमित शाह ने पंजाब के राज्यपाल, मुख्यमंत्री से की बात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री भगवंत मान से बात की तथा राज्य में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। टेलीफोन पर बातचीत के दौरान राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को मौजूदा स्थिति तथा प्रभावित लोगों के बचाव एवं राहत के लिए प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि शाह ने बाढ़ से निपटने के लिए दोनों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। लगातार बारिश के कारण पंजाब के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं। राज्य सरकार ने रविवार को स्कूलों को बंद रखने की अवधि तीन सितंबर तक बढ़ा दी।   अधिकारियों के अनुसार, पंजाब में अगस्त में 253.7 मिलीमीटर बारिश हुई, जो सामान्य से 74 प्रतिशत अधिक है और राज्य में 25 वर्षों में सबसे अधिक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र में मान ने कहा कि पंजाब इस समय दशकों में आई सबसे भीषण बाढ़ आपदा से जूझ रहा है, जिससे लगभग 1,000 गांव और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं।

पंजाब में लागू हुई कड़ी पाबंदियां, मुश्किल हालात में नागरिकों के लिए आदेश जारी

फाजिल्का जिला मैजिस्ट्रेट अमरप्रीत कौर संधू ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (पुरानी सीआरपीसी 1973 की धारा 144) के तहत मिले अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए जिले में अलग-अलग पाबंदियों के आदेश जारी किए हैं। ये पाबंदियां 31 अक्तूबर 2025 तक लागू रहेंगी और उल्लंघन करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पाबंदियों के अनुसार जिले फाजिल्का में शाम को सूरज डूबने के बाद और सुबह सूरज चढ़ने से पहले गौवंश की ढुलाई पर पूरी तरह रोक रहेगी। आदेश में कहा गया कि जिन लोगों के पास गौवंश है, उन्हें पशुपालन विभाग में रजिस्टर्ड कराना अनिवार्य होगा। ज़िला मैजिस्ट्रेट के आदेशों के अनुसार किसी भी रेस्टोरेंट या हुक्का बार में ग्राहकों को हुक्का नहीं पिलाया जा सकेगा। जिले के सभी गांवों और नगर कौंसलों की सीमा में यह आदेश लागू रहेंगे। उल्लंघन करने वालों पर भारतीय दंड विधान की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी। ज़िला मैजिस्ट्रेट ने अंतरराष्ट्रीय सीमा और सीमा सुरक्षा तार के बीच तथा तार से भारत की ओर 70 से 100 मीटर क्षेत्र में ऊँची फसलें जैसे बीटी नरमा, मक्का, ग्वारा, ज्वार, गन्ना, सरसों, तोरिया, सूरजमुखी और ऐसी ही 4.5 फुट से ऊँची फसलों की बुवाई पर रोक लगा दी है। बीएसएफ अधिकारियों द्वारा ध्यान में लाया गया कि कुछ किसान इन फसलों की बुवाई कर रहे हैं, जिससे सुरक्षा कारणों से यह पाबंदी लगाई गई है। एक अन्य आदेश के तहत फाजिल्का जिले में पतंगबाजी के लिए चीनी डोर बेचने, स्टोर करने और इस्तेमाल करने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है। यह डोर सूती की जगह सिंथेटिक/प्लास्टिक की होती है, जो बेहद मजबूत और न गलने वाली होती है। इसके इस्तेमाल से हाथ-उंगलियां कटने, साइकिल चालकों का गला या कान कटने और पक्षियों के पंख फँसकर मरने जैसी घटनाएं होती हैं। यह डोर इंसानों और पक्षियों दोनों के लिए घातक मानी गई है। आदेश में फाजिल्का जिले के मैरिज पैलेसों में हथियार लाने और हवाई फायरिंग पर भी पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है। इसके अलावा जिले के अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र से लगे 4 किलोमीटर क्षेत्र में पाकिस्तानी सिम कार्ड रखने और इस्तेमाल करने पर भी रोक लगाई गई है। इसी तरह इस क्षेत्र में क्वाडकॉप्टर/ड्रोन कैमरे उड़ाने पर भी पाबंदी लगाई गई है। आदेश के तहत जिले की सभी सरकारी इमारतों और पानी की टंकियों पर आम जनता, व्यक्तियों और प्रदर्शनकारियों को चढ़ने से सख्त मनाही कर दी गई है। संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे 24 घंटे के लिए चौकीदार/कर्मचारी की ड्यूटी लगाएं, ताकि किसी भी जथेबंदी द्वारा विरोध प्रदर्शन को रोका जा सके। आदेशों के अनुसार फाजिल्का जिले के बॉर्डर नज़दीकी गांवों में शाम 5 बजे के बाद डीजे (म्यूजिक सिस्टम), पटाखे चलाने और लेज़र लाइटों का इस्तेमाल करने पर रोक रहेगी। उल्लेखनीय है कि बॉर्डर पार से रात को ड्रोन के जरिए घुसपैठ की कोशिश होती है और डीजे की ऊँची आवाज़ में सीमा पर ड्यूटी कर रहे जवानों को ड्रोन की गूंज सुनाई नहीं देती, जिससे उसकी गतिविधियों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।

गुरदास मान ने बाढ़ प्रभावितों के लिए किया बड़ा दान, लाखों रुपए मदद में

पंजाब  पंजाब में लगातार हो रही बारिश के कारण कई गांव बाढ़ की मार झेल रहे हैं, जिसे देखते हुए कई समाजसेवी संस्थाओं के साथ-साथ पंजाब के कलाकार भी बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद कर रहे हैं। इसी कड़ी में पंजाबी गायक गुरदास मान भी बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष में 25 लाख रुपये दान करने की घोषणा की है। बता दें कि इससे पहले बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा और पंजाबी गायक रंजीत बावा, बब्बू मान और सतिंदर सरताज ने भी पंजाब के बाढ़ पीड़ितों की मदद करने की घोषणा की थी। 

बाढ़ से तबाही जारी: पंजाब में लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन, जानें हालात

जालंधर/चंडीगढ़  पंजाब के राजस्व, पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से अब तक कुल 14936 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की पूरी मशीनरी, एन.डी.आर.एफ, एस.डी.आर.एफ, सेना और पंजाब पुलिस के जवान बाढ़ में लोगों की जान-माल की सुरक्षा के लिए दिन-रात डटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि जिला अमृतसर से 1700, बरनाला से 25, फाजिल्का से 1599, फिरोजपुर से 3265, गुरदासपुर से 5456, होशियारपुर से 1052, कपूरथला से 362, मानसा से 163, मोगा से 115, पठानकोट से 1139 और जिला तरन तारन से अब तक 60 व्यक्तियों को बाढ़ के पानी से सुरक्षित निकाला गया है। मुंडियां ने कहा कि जैसे-जैसे निकाले गए लोगों की संख्या बढ़ रही है, उसी अनुसार राहत शिविरों की संख्या भी बढ़ाई गई है। इस समय राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में 122 राहत शिविर चल रहे हैं, जिनमें 6582 व्यक्तियों को ठहराया गया है। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि अमृतसर में 16, बरनाला में 1, फाजिल्का में 7, फिरोजपुर में 8, गुरदासपुर में 25, होशियारपुर में 20, कपूरथला में 4, मानसा में 1, मोगा में 5, पठानकोट में 14, संगरूर में 1 और पटियाला में 20 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिए गए हैं कि इन शिविरों में आवश्यक सुविधाओं की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने बताया कि अमृतसर के शिविरों में 170, बरनाला में 25, फाजिल्का में 652, फिरोज़पुर में 3987, गुरदासपुर में 411, होशियारपुर में 478, कपूरथला में 110, मानसा में 163, मोगा में 115, पठानकोट में 411 और जिला संगरूर के राहत शिविरों में 60 व्यक्ति ठहरे हुए हैं।   हरदीप सिंह मुंडियां ने बाढ़ में जान माल की रक्षा के लिए दिन रात डटे एन.डी.आर.एफ, एस.डी.आर.एफ, सेना, पंजाब पुलिस और समाजसेवी संस्थाओं का इस कठिन समय में सहयोग देने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि इस समय गुरदासपुर में एन.डी.आर.एफ की 6 टीमें और फाजिल्का, फिरोजपुर, पठानकोट तथा अमृतसर में 1-1 टीम तैनात है। इसी तरह कपूरथला में एस.डी.आर.एफ. की 2 टीमें सक्रिय हैं। कपूरथला, गुरदासपुर, फिरोजपुर और पठानकोट में सेना, नौसेना और वायुसेना भी मोर्चा संभाले हुए हैं, जबकि बी.एस.एफ. की 1-1 टीम गुरदासपुर और फिरोजपुर में राहत कार्यों में लगी हुई है। पंजाब पुलिस और फायर ब्रिगेड भी कपूरथला और फिरोजपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन की मदद कर रही है। उन्होंने बताया कि इस समय कपूरथला में 15 नावें, फिरोजपुर में 12 नावें और पठानकोट में 4 नावें लगाई गई हैं, जबकि जहां कहीं भी एयरलिफ्ट की आवश्यकता होती है, वहां तत्काल कार्रवाई की जा रही है। राजस्व मंत्री ने बताया कि बाढ़ के कारण अब तक पंजाब के कुल 1312 गांव प्रभावित हुए हैं। इनमें अमृतसर के 93, बरनाला के 26, बठिंडा के 21, फतेहगढ़ साहिब का 1, फाजिल्का के 92, फिरोजपुर के 107, गुरदासपुर के 324, होशियारपुर के 86, जालंधर के 55, कपूरथला के 123, लुधियाना के 26, मालेरकोटला के 4, मानसा के 77, मोगा के 35, पठानकोट के 81, पटियाला के 14, रूपनगर के 2, संगरूर के 22, एस.ए.एस. नगर का 1, एस.बी.एस. नगर के 3, श्री मुक्तसर साहिब के 74 और तरनतारन के 45 गांव शामिल हैं।

CM ने PM से मांगी 60 हजार करोड़ की सहायता, भेजा आधिकारिक पत्र

पंजाब  पंजाब में हाल ही में आई भीषण बाढ़ ने राज्य को गहरे संकट में डाल दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केंद्र सरकार से तत्काल 60,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता जारी करने की मांग की। मान ने दावा किया कि यह राशि राज्य के कोष से संबंधित है, जो केंद्र सरकार के पास फंसी हुई है। दशकों की सबसे विनाशकारी बाढ़ पंजाब इस समय दशकों में आई सबसे भयावह बाढ़ आपदाओं में से एक का सामना कर रहा है। भारी बारिश और नदियों के उफान ने कई जिलों में भारी तबाही मचाई है। हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई, सैकड़ों गांव प्रभावित हुए और लाखों लोग बेघर हो गए। बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है, जिसमें सड़कें, पुल और बिजली व्यवस्था शामिल हैं।   मुख्यमंत्री का पत्र: केंद्र पर गंभीर आरोप मुख्यमंत्री मान ने अपने पत्र में कहा कि केंद्र सरकार ने पंजाब के हक की राशि को रोक रखा है, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति और कमजोर हुई है। उन्होंने इस राशि को तुरंत जारी करने की मांग की ताकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्य तेज किए जा सकें। मान ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र की उदासीनता के कारण राज्य को इस आपदा से निपटने में अतिरिक्त चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। राहत कार्यों में तेजी की जरूरत पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू किए हैं, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण कार्य धीमा पड़ रहा है। एनडीआरएफ और सेना की टीमें बचाव कार्यों में जुटी हैं, लेकिन प्रभावित लोगों की संख्या इतनी अधिक है कि तत्काल बड़े पैमाने पर सहायता की जरूरत है।

बाढ़ से प्रभावित पंजाब, सरकार ने किए महत्वपूर्ण निर्णय

चंडीगढ़  पंजाब और हिमाचल प्रदेश में हो रही बारिश के कारण राज्य के कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं। इन हालातों को देखते हुए पंजाब सरकार ने 'खेडां वतन पंजाब दियां' को स्थगित करने का फैसला किया है। बता दें कि 'खेडां वतन पंजाब दियां' का चौथा सीजन इसी महीने शुरू होना था। इसके तहत 3 सितंबर से ब्लॉक स्तरीय प्रतियोगिताएं शुरू होने वाली थीं। लेकिन बाढ़ से पैदा हुए हालात को देखते हुए पंजाब सरकार ने इन प्रतियोगिताओं को फिलहाल स्थगित करने का फैसला किया है। हालात सुधरने पर इनकी नई तारीखों की घोषणा की जाएगी। 

AAP नेता के घर पर हमले से हड़कंप, सोशल मीडिया पर तेज़ प्रतिक्रिया

फतेहपुर मलोट उपमंडल के गांव फतेहपुर मन्निया में गांव के ही एक युवक ने आम आदमी पार्टी के सरपंच के घर पर पेट्रोल बम से हमला कर दिया। सरपंच उस समय घर पर नहीं था लेकिन हमला करने वाले युवक ने ही पेट्रोल बम का वीडियो अपने इंस्टाग्राम पेज पर पोस्ट कर धमकी दी। इस मामले में पुलिस का कहना है कि वीडियो सोशल मीडिया पर आया है, लेकिन किसी ने इस संबंध में उनके पास लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई है।  गौरतलब है कि गांव फतेहपुर मन्निया के एक युवक ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें बोतलों से पेट्रोल बम फेंके जा रहे हैं। उसका कहना है कि देखो, मैंने अपने गांव के सरपंच कुलविंदर सिंह के घर पर पेट्रोल बम फेंके हैं। मैंने होली फेंकी थी, इसलिए यह ठीक से नहीं चला, लेकिन मैंने अभी डेमो के लिए दिखाया है। अगर मेरे पैसे वापस नहीं किए गए, तो मैं कल उनके घर पर गोली चला दूंगा। इस वीडियो से सोशल मीडिया पर दहशत का माहौल बन गया।  उधर, सरपंच कुलविंदर सिंह ने इस घटना की पुष्टि की है। उनका कहना है कि वह घर पर नहीं थे। उनका यह भी कहना है कि उसका इस लड़के से कोई लेना-देना नहीं है। उसके पिता उनके परिचित हैं। कुलविंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने पुलिस को सूचित कर दिया है। उधर, लंबी के पुलिस प्रमुख गुरविंदर सिंह का कहना है कि उन्होंने भी सोशल मीडिया पर वीडियो देखा है। लेकिन अभी तक उन्हें कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। गौरतलब है कि कैबिनेट मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी के सरपंच के घर पर हमले की इतनी बड़ी घटना के बाद पुलिस शिकायत का इंतजार कर रही है।