samacharsecretary.com

खूंटी में मासूम के साथ हैवानियत, 15 वर्षीय किशोर पर कार्रवाई की मांग

खूंटी झारखंड के खूंटी जिले में पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म किए जाने के आरोप में एक किशोर को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मिली जानकारी के अनुसार, जरियागढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव में सोमवार को 15 वर्षीय लड़के ने बच्ची को मिठाई देने के बहाने फुसलाया, उसे सुनसान जगह पर ले गया और उसके साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया। जरियागढ़ थाने के प्रभारी अधिकारी बीरेंद्र कुमार ने बताया कि उन्होंने किशोर को पकड़ लिया, जिसने शराब पीने के बाद अपराध किया। किशोर ने स्कूली शिक्षा भी छोड़ दी है।

ड्यूटी के दौरान गिरी जान : छपरा स्टेशन पर इंस्पेक्टर राकेश कुमार का निधन

पटना बिहार में सारण जिले के पूर्वोत्तर रेलवे छपरा स्टेशन पर ड्यूटी पर तैनात इंस्पेक्टर ऑफ़ वर्क्स (आईओडब्लू) राकेश कुमार की मौत मंगलवार को निरीक्षण के दौरान प्लेटफार्म पर अचानक गिरने से हो गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गोरखपुर से आए प्रिंसिपल चीफ इंजीनियर नीलमणि तथा सीनियर डीआई-2 अधिकारी छपरा जंक्शन का निरीक्षण कर रहे थे उसी दौरान राकेश कुमार भी निरीक्षण टीम के साथ मौजूद थे। परिजनों ने बताया कि कुमार पहले से हृदय रोग से पीड़ित थे। स्टेशन पर अधिकारियों के साथ तेज़ी से दौड़ने के क्रम में अचानक उन्हें सीने में तेज दर्द हुआ और वह गिर पड़े। शीघ्रता से रेलकर्मियों ने उन्हें रेलवे अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सक ने प्राथमिक चिकित्सा के बाद बेहतर इलाज के उन्हें सदर अस्पताल भेज दिया। इस बीच सदर अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। मचा हड़कंप इधर, घटना की सूचना मिलने पर रेलवे कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। सदर अस्पताल पहुंचने पर कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच कई बार तीखी झड़पें भी हुईं। कर्मचारियों ने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आए दिन छपरा जंक्शन पर उच्च अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के नाम पर कर्मचारियों को अनावश्यक दबाव और तनाव में रखा जाता है। शाखा मंत्री संजय तिवारी ने बताया कि अधिकारियों की तानाशाही और लापरवाही के कारण ही यह दर्दनाक हादसा हुआ है।  

6 लाख से ज्यादा बाढ़ प्रभावितों को राहत, डायरेक्ट अकाउंट ट्रांसफर से मिली मदद

पटना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' से वर्ष 2025 में बाढ़ से प्रभावित परिवारों को डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाता में 7000 रुपये प्रति परिवार की दर से आनुग्रहिक राहत (Gratuitous Relief GR) की राशि के भुगतान का माउस क्लिक कर शुभारम्भ किया। आज 12 जिलों के 6 लाख 51 हजार 602 प्रभावित परिवारों को 7000 रुपये प्रति परिवार की दर से 456 करोड़ 12 लाख रुपये का भुगतान किया गया। शिविरों में मानव एवं पशु चिकित्सा के लिए भी सभी इंतजाम किए गए कार्यक्रम के दौरान विकास आयुक्त सह आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि अगस्त माह में गंगा नदी के जलस्तर में अत्यधिक वृद्धि के कारण गंगा के किनारे स्थित 11 जिलों यथा भोजपुर, पटना, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर एवं कटिहार में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। इससे पहले पड़ोसी राज्य में भारी वर्षा के कारण नालंदा जिला के 4 प्रखंडों के 8 पंचायतों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी। इस प्रकार कुल 12 जिलों के 66 प्रखंडों में लगभग 38 लाख आबादी बाढ़ प्रभावित हुई है। बाढ़ के दौरान अब तक 2.19 लाख पॉलीथीन शीट्स तथा 57 हजार 639 ड्राई राशन पैकेट वितरित की गई। 14 बाढ़ राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जिसमें लगभग 15 हजार लोग रह रहे हैं। सामुदायिक रसोई केंद्र में अब तक लगभग 85 लाख लोग भोजन कर चुके हैं। शिविरों में मानव एवं पशु चिकित्सा के लिए भी सभी इंतजाम किए गए हैं।  6 लाख से ज्यादा लोगों के अकाउंट में भेजे 456 करोड़ कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने 13 अगस्त को बाढ़ प्रभावित जिलों के साथ समीक्षा बैठक की थी और 14 अगस्त को पटना, वैशाली, बेगूसराय एवं मुंगेर जिलों के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति को देखा था। हमने अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाने का निर्देश दिया था। साथ ही 20 अगस्त 2025 तक बाढ़ प्रभावित परिवारों को आनुग्रहिक राहत (Gratuitous Relief- GR) की राशि का भुगतान शुरू करने का भी निर्देश दिया था। मुझे खुशी है कि आज 12 जिलों के 6 लाख 51 हजार 602 प्रभावित परिवारों को 7000 रुपये प्रति परिवार की दर से 456 करोड़ 12 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि आप सभी लोगों ने बाढ़ से निपटने में बहुत अच्छा काम किया है लेकिन हम आप सभी से कहना चाहेंगे कि बाढ़ का समय अभी समाप्त नहीं हुआ है। सितम्बर महीने में भी भारी वर्षा और नदियों के जलस्तर में वृद्धि होती है। कभी-कभी बाढ़ भी आ जाती है इसलिए आप लोग पूरे तौर पर सतर्क रहिये और स्थिति पर नज़र रखिये। बाढ़ जैसी स्थिति आने पर पीड़ित लोगों की पूरी संवेदनशीता के साथ मदद कीजिये। मेरा शुरू से मानना रहा है कि राज्य के खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला अधिकार है। कार्यक्रम में आपदा प्रबंधन मंत्री विजय कुमार मंडल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, विकास आयुक्त सह आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल, कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ. चंद्रशेखर सिंह सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित जिलों के जिलाधिकारी जुड़े हुए थे।

JOB ALART :12,543 पद पर जल्‍द आने है बहाली! बिहार एसएससी की परीक्षाओं से सरकारी नौकरी का मौका

JOB ALART : बिहार एसएससी से बड़ी खुशखबरी! इस साल 12,543 पदों पर होगी बहाली, युवाओं को मिलेगा रोजगार  JOB ALART :12,543 पद पर जल्‍द आने है बहाली! बिहार एसएससी की परीक्षाओं से सरकारी नौकरी का मौका  JOB Vacancy :1 करोड़ रोजगार के मिशन की ओर सरकार ने बढ़ाया कदम, एसएससी से इस साल होगी 12,543 पदों पर बहाली  JOB Vacancy : अब इंतजार खत्म! बिहार एसएससी की तेज रफ्तार भर्ती प्रक्रिया, 12,543 पदों पर बहाली शुरू पटना  बिहार सरकार बहाली का जल्‍द मौका आने वाला है। युवाओं के लिए अब सरकारी नौकरी का दरवाज़ा पहले से कहीं ज्यादा तेज़ी से खुल रहा है। राज्य सरकार ने 50 लाख युवाओं को रोजगार और नौकरी देने का लक्ष्य पूरा करने के बाद अब 1 करोड़ का नया लक्ष्य तय किया है। इस अभियान में सबसे अहम भूमिका निभा रहा है बिहार कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी)। इस साल आयोग की ओर से 12,543 पदों पर बहाली की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। अगस्त में क्षेत्र सहायक के 201 पदों के लिए लिखित परीक्षा हो चुकी है। इसके साथ ही द्वितीय इंटर स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के तहत 12,199 पदों पर और प्रयोगशाला सहायक के 143 पदों पर नियुक्ति की तैयारी है। कई जिलों का रिजल्ट जारी, बाकी जल्द कार्यालय परिचारी (विशिष्ट) पदों के लिए गया और सीवान को छोड़कर 25 जिलों का रिजल्ट प्रकाशित कर दिया गया है। इन दोनों जिलों का परिणाम भी जल्द आने वाला है। वहीं, कार्यालय परिचारी के 238 पदों के लिए इस साल 11 मई को और कल्याण व्यवस्थापक या निम्नवर्गीय लिपिक के 56 पदों के लिए 29 जून को परीक्षा आयोजित की गई थी। आने वाले महीनों में बड़ी भर्ती इसके अलावा चतुर्थ स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा की 1481 पदों की बहाली जल्‍द आने वाली है। कार्यालय परिचारी या परिचारी (विशिष्ट) संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर 3727 पदों के लिए भी बहाली प्रक्रिया शुरू होने वाली है। इन परीक्षाओं की तैयारी आयोग की ओर से लगभग पूरी कर ली गई है। पहले की तुलना में बड़ा बदलाव कुछ साल पहले तक एसएससी सिर्फ 1-2 परीक्षाएं ही आयोजित करता था। उनका भी रिजल्ट आने में महीनों और कभी कभी तो सालों लग जाते थे। लेकिन अब बिहार में बहाली के हालात बदल चुके हैं। एसएससी हर साल 3 से 5 प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित कर रहा है और तय समय पर रिजल्ट भी दे रहा है। बहाली का इंतजार करने वालों का इंतजार खत्‍म ऐसे में राज्‍य सरकार में बहाली का इंतजार करने वालों का सपना जल्‍द साकार होने वाला है। राज्य एसएससी के अध्यक्ष आलोक राज का कहना है कि अब निर्धारित समय में परीक्षाएं आयोजित हो रही हैं और रिजल्ट भी समय पर घोषित किए जा रहे हैं। इससे विभागों में खाली पड़े पदों को जल्दी भरा जा रहा है। सरकार के 1 करोड़ युवाओं को रोजगार देने के संकल्प को पूरा करने में आयोग अहम भूमिका निभा रहा है।

टमाटर 80, शिमला मिर्च 120 रुपए किलो: बरसात में सब्जियों की कीमतें हो गईं महंगी

रांची  बरसात के मौसम में सब्जियों की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है. सब्जियां महंगी होने से रसोई के बजट और खाने के स्वाद पर भी असर पड़ा है. झारखंड की राजधानी रांची की सब्जी मंडी में टमाटर 80 रुपए तो फूलगोभी और बींस 100 रुपए प्रति किलो के भाव पर है. भिंडी से लेकर तमाम दूसरी सब्जियां भी महंगी हैं और हरी सब्जी बमुश्किल ही 80 या 70 रुपये किलो से कम के भाव पर मिल पाए. गाजर भी आम लोगों के पहुंच से बाहर है. वहीं, शिमला मिर्च तो आंसू निकाल रही है, उसके भाव 120 रुपए किलो हैं. दुकानदारों का कहना है कि सुबह से वो दुकान सजाकर बैठे हैं लेकिन ग्राहक नदारद हैं. सब्जी बेशक महंगी है लेकिन दुकानदारों का कहना है कि इसमें उनका कोई कुसूर नहीं, उन्हें भी सब्जी महंगे दाम पर मिल रही है. दुकानदारों का कहना है कि उन्हें पता चला कि किसानों को लगातार बीते 3 महीनों से हो रहे बारिश के कारण नुकसान हुआ है. लिहाजा सामान कम है और डिमांड ज्यादा. जिसकी पूर्ति वो नहीं कर पा रहे हैं.सब्जियां खेतो में ही खराब हो गई हैं, जिसकी वजह से दाम आसमान छू रहे हैं. इधर ग्राहकों की कमी की ये भी वजह मानी जा रही है कि हरी सब्जियों की खरीदारी वो जरूरत के मुताबिक करते हैं और सप्लीमेंट्री सब्जी यानी चना, सोयाबीन वगैरह पर निर्भरता बढ़ रही है. वहीं, दुकानदारों को अगले 2 महीनों तक राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है.

राहुल गांधी के आने से दिलचस्प हुआ चुनावी मुकाबला, भाजपा के मजबूत किले पर कांग्रेस ने की दस्तक

गयाजी आरोप-प्रत्यारोप के बीच 'वोटर अधिकार यात्रा' के दूसरे दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने महागठबंधन के सहयोगियों के साथ भारतीय जनता पार्टी के सबसे मजबूत दरवाजे (गयाजी) पर दस्तक दे दी। कई जगह छोटी-छोटी जनसभा के बीच उन्होंने भाजपा के शीर्ष नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सीधे निशाना बनाया और चुनाव आयोग को भी आड़े हाथ लिया, लेकिन राहुल के इन भाषणों का गयाजी की जनता पर उतना प्रभाव देखने को नहीं मिला, जितना यह देखा जा रहा था कि यात्रा की भीड़ में टिकटार्थी और समर्थक के लोग कितने हौसले बुलंद कर जयकारा लगा रहे थे। कांग्रेस-राजद के झंडे और बैनर से पूरा यात्रा मार्ग पटा हुआ था। एक से एक होर्डिंग चुनावी दुदुंभी बजा रहे थे, जबकि महागठबंधन के सभी नेता इस बात से वाकिफ थे कि गयाजी भारतीय जनता पार्टी का मजबूत गढ़ है। गया का सियासी समीकरण 1985 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के जय कुमार पालित विधायक बने। उसके बाद से कांग्रेस ने फिर कभी गया शहरी सीट पर अपना वर्चस्व नहीं कायम किया। जबकि 1985 में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी पूर्णानंद तरवे 9,213 वोट लाकर तीसरे नंबर पर रहे थे। कांग्रेस के पालित को 34,450 वोट और कम्युनिष्ट पार्टी के शकील अहमद खां को 26,180 मत मिले थे। तीसरे नंबर पर रहने वाली भाजपा ने 1990 के चुनाव में छलांग लगाई और 27,186 वोट लाकर डा. प्रेम कुमार ने विजय पताका फहराया। तब से अब तक भाजपा का विधानसभा में चुनावी रथ लगातार भाग रहा है। कुछ चुनाव में वोटों के प्रतिशत में उतार-चढ़ाव देखा गया है, लेकिन जीत जारी है। वैसे क्षेत्र में महागठबंधन के कांग्रेस-राजद के बड़े नेता का दस्तक देना एक बड़ी बात है। इस लहजे से कि डबल इंजन की सरकार की कमियों को मतदाताओं के बीच लाकर उनके लाभ की बात करना है। वैसे में महागठबंधन कितना सफल होगा, यह तो वक्त ही बताएगा। फिलहाल, महागठबंधन का एक बड़ा चुनावी प्रचार गयाजी की धरती से विदा हो गया। तो गयाजी वासी अब 22 अगस्त को भाजपा के शीर्ष नेता व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन की प्रतीक्षा में हैं।

वोट चोरी के विरोध में बिहार में जनता ने दिखाई एकजुटता, कन्हैया कुमार का बयान

नवादा  कांग्रेस के नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि 'वोट चोरी' के खिलाफ निकाली गई 'वोटर अधिकार यात्रा' को बिहार में जबरदस्त जनसमर्थन मिल रहा है। यह जनसमर्थन मिलने की वजह यह है कि यहां के मतदाता सजग हैं और यहां के लोगों के दिल में लोकतंत्र बसता है। राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' में शामिल कन्हैया कुमार ने कहा कि बिहार के लोग जानते हैं कि पहले देश में विधायकों को रिसॉर्ट में पहुंचाकर 'सरकार चोरी' की जाती थी और अब ये मताधिकार की चोरी कर संविधान और लोकतंत्र की चोरी करना चाहते हैं। इस चोरी के खिलाफ जबरदस्त जनसमर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग समझते हैं कि चोरी की हुई सरकार जनता के लिए ईमानदारी से काम नहीं करेगी। जो सरकार चोरी से बनी है, उससे ईमानदारी की उम्मीद नहीं की जा सकती है। बिहार के लोग समझते हैं कि जब हम वोटर ही नहीं रहेंगे तो हमारे पास कोई अधिकार नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि वोट का राज मतलब गरीबों का राज। आम लोगों के राज को बचाने के लिए बिहार के आम लोग सड़कों पर हैं। भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि इस यात्रा में साफ दिख रहा है कि बिहार के लोगों ने सरकार बदलने और जदयू-भाजपा की सरकार को हटाकर इंडिया गठबंधन को सत्ता में लाने की तैयारी कर ली है। बिहार की जनता वोट चोरों को कड़ा सबक सिखाएगी। उन्होंने कहा कि जदयू-भाजपा सरकार के खिलाफ जो जनाक्रोश उमड़ रहा है, वह चुनाव आयोग के जरिए एसआईआर की साजिश को नाकाम कर देगा। वोट चोरों को गद्दी से जाना होगा। बिहार बदलेगा और आगे चलकर देश भी बदलेगा। राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' 17 अगस्त को बिहार के सासाराम से शुरू हुई है। इस यात्रा में इंडिया गठबंधन में शामिल राजद के नेता तेजस्वी यादव सहित घटक दलों के सभी नेता शामिल हैं। 16 दिन की यह यात्रा लगभग 20 जिलों से होकर गुजरेगी और 1,300 किलोमीटर का सफर तय करेगी। 1 सितंबर को पटना में बड़ी रैली के साथ यात्रा का समापन होगा।

बिहार वोटर अधिकार यात्रा में तेजस्वी यादव ने कहा, राहुल गांधी को बनाएंगे पीएम

नवादा  राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने महागठबंधन की बिहार में चल रही वोटर अधिकार यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर अहम घोषणा की। उन्होंने कहा कि अगली बार जब भी लोकसभा चुनाव होगा, हम राहुल गांधी को देश का प्रधानमंत्री बनाएंगे। वोटर अधिकार यात्रा मंगलवार को तीसरे दिन नवादा पहुंची। यहां राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने सभा को संबोधित किया। इस दौरान दोनों नेताओं ने वोटर लिस्ट रिवीजन (एसआईआर) के मुद्दे पर चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी को जमकर कोसा। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा के लोग चुनाव आयोग के साथ मिलकर गरीबों के वोट का अधिकार छीन रहे हैं। एसआईआर ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में कई लोगों को नाम काट दिया गया है। जो जीवित हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनाव में वोट दिया था, उन्हें अभी मृत घोषित कर दिया गया है। उन्होंने कहा, "ये चुनाव आयोग और भाजपा के लोग समझते हैं कि बिहार के लोगों को चूना लगा देंगे, लेकिन हम बिहारी हैं। एक बिहारी सब पर भारी। इस बार जनता पाई-पाई का हिसाब लेगी।" तेजस्वी ने अपने भाषण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि सीएम से अब बिहार नहीं सभल रहा है। 20 साल से चल रही सरकार को उखाड़कर फेंकना है। नीतीश सरकार हमारी योजनाओं को चुराने का काम कर रही है। पूर्व डिप्टी सीएम ने दावा किया कि चाहे कोई धर्म का हो, तेजस्वी सबको साथ लेकर चलेगा। अब बिहार को तेज रफ्तार के साथ तेजी के साथ आगे बढ़ाना है। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहारियों के साथ खिलवाड़ किया है। राहुल गांधी बोले- भाजपा और चुनाव आयोग की पार्टनरशिप नवादा में सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा और चुनाव आयोग ने साझेदारी कर ली है। उन्होंने दावा किया कि बिहार में नए तरीके से वोटों की चोरी हो रही है, लेकिन वह इसे रोक कर रहेंगे।

नीतीश कैबिनेट ने दी 900 करोड़ की दो सड़क परियोजना को मंजूरी, इन क्षेत्रों का होगा विकास

राजगीर के खेल और पर्यटन को बूस्‍टर डोज, 900 करोड़ के दो प्रोजेक्‍ट पास  4-लेन की दो नई सड़कों के लिए नीतीश कैबिनेट ने किया 900 करोड़ पास!   राजगीर क्रिकेट स्टेडियम तक 4 लेन की सीधी सड़क, सरकार ने दी 364 करोड़ की मंजूरी नीतीश कैबिनेट ने दी 900 करोड़ की दो सड़क परियोजना को मंजूरी, इन क्षेत्रों का होगा विकास पटना बिहार सरकार का पूरा फोकस राज्य में सड़क और यातायात को बेहतर बनाने का है। जगह- जगह पुल और हाईवे बनाए जा रहे हैं। ताकि सड़कों पर बिहार के आर्थिक विकास का पहिया तेज रफ्तार से दौड़ सके। इस कड़ी में पथ निर्माण विभाग के दो बड़े प्रोजेक्‍ट को  मंजूरी दे दी गई है। मंगलवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक में सालेपुर-नरसंडा-तेलमर-करौटा 4-लेन सड़क और राजगीर खेल परिसर से NH-120 तक 4-लेन की सड़क को मंजूरी मिल गई है। इन योजनाओं पर करीब 900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी। सालेपुर-नरसंडा-तेलमर-करौटा 4-लेन सड़क राज्‍य सरकार की ओर से सालेपुर-नरसंडा से तेलमर-करौटा जाने वाली 4-लेन की इस सड़क लंबाई 19.43 किलोमीटर होगी। जिस पर कुल 539.19 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस बीस किलोमीटर की चार लेन वाली सड़क पर 2 फ्लाईओवर, 2 बड़े पुल, 13 छोटे पुल, 19 आरसीसी बॉक्स कल्वर्ट और 34 पाइप कल्वर्ट बनाए जाएंगे। जिसका आम लोगों को बहुत फायदा मिलने वाला है। इस रूट से गुजरने वालों को न तो जाम का समाना करना होगा और न ही अवागमन में दिक्‍कत होगी। लोग फर्राटा भरते हुए 20 किलोमीटर की यह दूरी तय कर पाएंगे। NH-120 से सीधे कने‍क्‍ट होगा राजगीर खेल परिसर वहीं, दूसरी परियोजना राजगीर खेल परिसर से NH-120 तक की चार लेन सड़क बनाने की है। इस चार लेन वाली सड़क की कुल लंबाई 7.40 किलोमीटर होगी। जिसकी लागत 363.99 करोड़ रुपये होगी। चार लेन का यह मार्ग राजगीर खेल परिसर से होते हुए कुबरी, जैतीपुर, फतेहपुर और इंडो हुके होटल से NH-120 विरायतन तक जाएगा। इस कनेटिंग रोड़ पर रेल ओवर ब्रिज भी तैयार किया जाएगा। इस परियोजना का सीधा फायदा राजगीर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम आने-जाने में खिलाड़ियों और दर्शकों को होगा। साथ ही आस-पास के गांवों का विकास भी तेज होगा। लोगों को होगा सीधा फायदा बताते चलें कि बिहार सरकार और मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के फोकस में अब खेल भी शामिल हो गया है। ऐसे में इन दोनों परियोजनाओं की वजह से जहां स्थानीय लोगों और यात्रियों को फायदा होगा वहीं, राजगीर में होने वाले इंटरनेशनल क्रिकेट को ध्‍यान में भी रखा गया है। 7 किलोमीटर की इस 4 लेन की सड़क सीधे NH 120 से सीधे राजगीर खेल परिसर के क्रिकेट ग्राउंड तक जाती है। इस सड़क के पूरा होने से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि खेलों को भी बूस्टर डोज मिलेगा।

तीन दिनों में 23 लाख जमाबंदी पंजी की प्रतियां जनता तक पहुँची, राजस्व महा-अभियान जारी

राजस्व महा–अभियान : तीन दिनों में 23 लाख से अधिक जमाबंदी पंजी की प्रतियों का हुआ वितरण तीन दिनों में 23 लाख जमाबंदी पंजी की प्रतियां जनता तक पहुँची, राजस्व महा-अभियान जारी राजस्व महा-अभियान का बड़ा आंकड़ा: 3 दिन में 23 लाख से अधिक दस्तावेजों का वितरण जमाबंदी पंजी के वितरण में शेखपुरा पहले स्थान पर  दूसरे नंबर पर जहानाबाद, तीसरे नंबर पर कैमूर, चौथे नंबर पर  नवादा एवं पांचवें नंबर पर है पूर्णिया पटना   राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा चलाए जा रहे राजस्व महा–अभियान में महज 16 अगस्त से 18 अगस्त तक तीन दिनों में ही बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। राज्यभर में तीन दिनों में अबतक 23 लाख से अधिक जमाबंदी पंजी की प्रतियां रैयतों के बीच वितरित की जा चुकी हैं। सर्वाधिक जमाबंदी के वितरण में शेखपुरा पहले स्थान पर है। वहां कुल जमाबंदी के 24.02 फीसदी जमाबंदी प्रतियों का वितरण किया गया है। दूसरे नंबर पर जहानाबाद, तीसरे नंबर पर कैमूर, चौथे नंबर पर  नवादा एवं पांचवें नंबर पर पूर्णिया है। जहानाबाद में 14.48 फीसदी, कैमूर में 13.78 फीसदी, नवादा में 13.72 फीसदी एवं पूर्णिया में 11.35 फीसदी जमाबंदी की प्रतियों का वितरण तीन दिनों में कर दिया गया है। छठे स्थान पर अररिया है। यहां 11.16 फीसदी वितरण हुआ है। सातवें स्थान पर खगड़िया है। यहां 11.15 फीसदी वितरण हुआ है। आठवें स्थान पर वैशाली है और यहां 10.41 फीसदी जमाबंदी की प्रति का वितरण हो गया है। नौवें स्थान पर गोपालगंज एवं दसवें स्थान पर किशनगंज है। यहां क्रमशः 10.28 फीसदी एवं 9.29 फीसदी जमाबंदी की प्रतियों का वितरण रैयतों के बीच कर दिया गया है। बताते चलें कि राज्य के सभी 38 जिलों में कुल जमाबंदी की संख्या 3 करोड़, 59 लाख, 88 हजार 935 है। तीन दिन में सभी जिलों में कुल 23 लाख 08 हजार 574 जमाबंदी प्रति का वितरण रैयतों के बीच कर दिया गया है। ये कुल जमाबंदी का 6.41 फीसदी है। इस अभियान के तहत गांव–गांव जाकर राजस्व विभाग की टीमें लोगों को उनकी जमीन से जुड़ी जमाबंदी की प्रति उपलब्ध करा रही है। टीम द्वारा जमाबंदी की प्रति के साथ–साथ आवश्यक आवेदन प्रपत्र भी मौके पर  उपलब्ध कराई जा रही है। इस राजस्व महा–अभियान के दौरान जमीन के अभिलेखों की अशुद्धियों का त्वरित सुधार, बंटवारा नामांतरण, उत्तराधिकार   नामांतरण और छूटी हुई   जमाबंदियों को ऑनलाइन करने का काम हो रहा है। इस महा–अभियान का उद्देश्य ग्रामीणों को अपने कागजात में सुधार के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने से राहत दिलाना है।