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बिजली सबकी जरूरत है, सबको जरूरत के अनुसार बिजली उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

स्मार्ट मीटर लगवाएं और 20 प्रतिशत सस्ती बिजली पाएं : मुख्यमंत्री डॉ. यादव बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए साल भर चलाएं मेंटीनेंस गतिविधियां मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने की ऊर्जा विभाग की समीक्षा भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि बिजली सबकी जरूरत है। सबको जरूरत के अनुसार बिजली उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। बिजली सस्ती दरों पर मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर मॉडल सबसे अच्छा है, इसलिए विद्युत उपभोक्ताओं के हित में सबके घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएं। इससे उपभोक्ताओं को 20 प्रतिशत सस्ती दर पर बिजली मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बुधवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में ऊर्जा विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने स्मार्ट मीटर लगाने से उपभोक्ताओं को मिलने वाले लाभों का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें उपभोक्ता को खुद की खपत का आंकलन कर ऊर्जा का अपनी सुविधानुसार उपयोग कर अपने बिजली बिल की राशि को कम से कम करने की सुविधा भी मिलती है। उन्होंने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को स्मार्ट मीटर लगाने की गति को और तेज करने के निर्देश दिये। बताया गया कि प्रदेश में 1.34 करोड़ घरेलू स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 21 लाख से भी अधिक घरेलू स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मई-जून में विभिन्न स्थानों पर हुए विद्युत अवरोधों पर चर्चा करते हुए कहा कि विद्युत उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए साल भर मेंटीनेंस गतिविधियां चलाई जाएं, ताकि आंधी, पानी या अन्य किसी घटना के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित न हो। उन्होंने कहा कि मेंटीनेंस गतिविधियों में नई एप्रोच के साथ नए उपाय किए जाएं। नये उपकरण क्रय किये जाएं। जहां घने पेड़ हैं, उनके नीचे से गुजरने वाले बिजली के तारों में कोटिंग कराएं। पॉवर/लाईन लॉसेस कम से कम करें और ऊर्जा की बचत के सभी तरीकों पर गंभीरता से अमल करें। विद्युत उपभोक्ताओं को सोलर ऊर्जा के उपयोग के लिए प्रेरित करें मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि घरेलू हो या औद्योगिक सभी जगह विद्युत का उपयोग बढ़ रहा है। इसलिए घरेलू और औद्योगिक संस्थानों को सोलर पॉवर के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इससे उपभोक्ता अपनी बिजली स्वयं पैदा कर अतिरिक्त बिजली बेच भी सकेगा। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में विद्युत उपयोग को भी सोलर पॉवर से चलित पम्पों पर शिफ्ट किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी जरूरत वाले जिलों में ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग यूनिट की स्थापना के लिए विभागीय नीति तैयार कर लें। उन्होंने कहा कि विद्युत उपभोक्ताओं को सर्वाधिक लाभ उपलब्ध कराने के लिए ऊर्जा और नवकरणीय ऊर्जा विभाग मिलकर प्रयास करें। बिजली कंपनियों को दो वर्ष में लाएं लाभ की स्थिति में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अगले दो साल में तीनों विद्युत वितरण कंपनियां लाभ की ‍स्थिति में आ जाएं इसके लिए विद्युत कंपनियां अपनी आय के साधन बढ़ाने के प्रयास करें। नई तकनीक इस्तेमाल करें, नवाचार करें, ताकि कंपनी के साथ-साथ उपभोक्ताओं को फायदा मिले। रबी सीजन में पर्याप्त विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रबी 2025-26 के लिये पर्याप्त बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करें। इसके लिये अभी से तैयारियां शुरू करें। बैठक में बताया गया कि रबी सीजन में लगभग 20200 मेगावॉट विद्युत मांग संभावित है। गत वर्ष यह मांग 18 हजार 913 मेगावॉट थी। वन टाइम सेटलमेंट स्कीम ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि बिजली बिल की बकाया राशि के समाधान के लिए विभाग द्वारा वन टाइम सेटलमेंट स्कीम प्रारंभ की जा रही है। घरेलू, औद्योगिक एवं वाणिज्यिक सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को उनकी मूल बिजली बिल राशि में अधिभार की छूट देकर बकाया राशि जमा करने की सुविधा दी गई है। यह स्कीम छह माह की अवधि के लिए लागू की जाएगी। इस अवधि के बाद भी बिजली बिल भुगतान नहीं करने वाले उपभोक्तओं का विद्युत कनेक्शन विच्छेदित कर दिया जाएगा। उन्होंने विद्युत वितरण कम्पनियों के नये सेटअप के संबंध में भी चर्चा की। तोमर ने मुख्यमंत्री द्वारा ऊर्जा विभाग के विभिन्न प्रस्तावों की स्वीकृति पर उनका आभार व्यक्त किया। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा मंडलोई ने बताया कि दूसरे राज्यों की तुलना में ऊर्जा के प्रमुख सूचकांकों में (संग्रहण दक्षता में) मध्यप्रदेश देश में पहले नम्बर पर है। प्रदेश में 97.92 प्रतिशत संग्रहण क्षमता हासिल की गई है। उन्होंने बताया कि विभाग ने वर्तमान वित्त वर्ष के साथ-साथ अगले तीन वर्षों के लिए अपने लक्ष्य तय कर लिए हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2026-27 तक ऊर्जा विभाग बिजली दर टैरिफ में कमी लाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि इसी दौरान विभाग बिल दक्षता 90 प्रतिशत, संग्रहण दक्षता 99 प्रतिशत और एटी एण्ड सी हानि को 14 प्रतिशत तक कम कर लेने के लक्ष्य के लिए प्रयासरत है। पीएम जन-मन में शत प्रतिशत परिवारों को विद्युतिकृत करने का लक्ष्य बैठक में अपर मुख्य सचिव ऊर्जा ने बताया कि विभाग द्वारा प्रधानमंत्री जनजाति न्याय महाअभियान (पीएम जन-मन) में विशेष पिछड़े जनजातीय समूह (पीवीटीजी) के 29 हजार 290 परिवारों के घरों को शत प्रतिशत विद्युतीकरण कर देने का लक्ष्य लिया गया है। वर्तमान वित्त वर्ष में अब तक 21 हजार से अधिक पीवीटीजी परिवारों के घरों को विद्युतीकृत कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान में प्रदेश के अनुसूचित जनजाति वर्ग के 55 हजार 795 परिवारों के घरों को भी शतप्रतिशत विद्युतिकृत करने की विभाग की योजना है। यह लक्ष्य इसी वित्त वर्ष में प्राप्त लिया जाएगा। प्रदेश के छह महानगरों में खोले जाएंगे एक-एक विद्युत पुलिस थाने अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में ऊर्जा पुलिस संरचना स्थापित की जाएगी। पहले चरण में प्रदेश के छह महानगरों में एक-एक (कुल छह) विशेष विद्युत पुलिस थाने स्थापित किए जाएंगे। आगामी वर्षों में सभी जिला मुख्यालयों में यह पुलिस थाने स्थापित किए जाएंगे। ये पुलिस थाने चेकिंग अभियान के दौरान चेकिंग दस्तों को सुरक्षा उपलब्ध कराएंगे। औचक निरीक्षण करेंगे और केस डायरी भी तैयार करेंगे। विद्युत अधिनियम के तहत आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेंगे और अदालती कार्यवाही का अवलोकन भी करेंगे ताकि डिस्कॉम की सम्पत्ति की सुरक्षा और बकाया राशि की वसूली के लिए बकाया वसूली अधिनियम के तहत कार्यवाही करेंगे। … Read more

छात्रवृत्ति योजना की समझ बढ़ाने 3 जुलाई को एक दिवसीय कार्यशाला, फोकस रहेगा NMMSS पर

भोपाल  प्रदेश में राष्ट्रीय मींस कम मेरिट छात्रवृत्ति योजना के सफल क्रियान्वयन के लिये एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा गुरुवार 3 जुलाई को राजधानी भोपाल के होटल अशोका लेक व्यू में किया जा रहा है। इस कार्यशाला में केन्द्र सरकार के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग नई दिल्ली के वरिष्ठ सलाहकार श्री राघवेन्द्र खरे प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करेंगे। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय मींस कम मेरिट छात्रवृत्ति योजना (एनएमएमएसएस) के तहत शासकीय, अनुदान प्राप्त या नगरीय निकाय के विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा 8वीं में अध्ययनरत आर्थिक रूप से कमजोर प्रतिभाशाली पात्र विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष रुपये 12 हजार रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। विद्यार्थी को छात्रवृत्ति के लिये आयोजित होने वाली चयन परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है। उक्त छात्रवृत्ति के तहत चयनित विद्यार्थियों को कक्षा 9वीं से 12वीं तक प्रतिवर्ष छात्रवृति की राशि प्राप्त होती है। इसके लिए नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (एनएसपी) पर पंजीयन किया जाता है। पंजीयन में उत्पन्न होने वाली समस्याओं के चलते विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित नहीं रह जाए इसी उद्देश्य के दृष्टिगत और योजना के सफल क्रियान्वयन के लिये यह कार्यशाला आयोजित की जा रही है। कार्यशाला में राज्य शिक्षा केन्द्र के अधिकारी, कर्मचारी तथा समस्त जिले से एनएमएमएसएस के नोडल अधिकारी तथा उनके सहायक सहभागिता करेंगे।  

मंत्री सिंह ने कहा- मुख्यमंत्री डॉ. यादव की घोषणा के अनुरूप जबलपुर बनेगा अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन का नया रूप

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की घोषणा के अनुरूप वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर मध्यप्रदेश का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक शहर जबलपुर अब पर्यटन के क्षेत्र में भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान की ओर अग्रसर है। पर्यटन को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने के उद्देश्य से मदन महल की पहाड़ियों पर स्थित ठाकुरताल क्षेत्र को एक एमिनेंट पर्यटन हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी योजना में ‘फॉरेस्ट सफारी – ज़ू कम रेस्क्यू सेंटर’ और संग्राम-सागर तालाब के समग्र विकास को भी सम्मिलित किया गया है। इस परियोजना को मूर्त रूप देने के लिए लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने वन मंडल अधिकारी श्री ऋषि मिश्रा एवं कंसलटेंट श्री दुबे के साथ विस्तृत चर्चा कर योजना की रूपरेखा तैयार की । लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने बताया परियोजना को और अधिक गरिमा प्रदान करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे वीरांगना रानी दुर्गावती जी के नाम पर विकसित करने की घोषणा की है। यह निर्णय जबलपुर के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक जुड़ाव को और भी सशक्त करेगा। लोक निर्माण मंत्री श्री सिंह ने इस उपलब्धि के लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार भी व्यक्त किया है। मंत्री श्री सिंह ने बताया यह पर्यटन परियोजना लगभग 85 से 100 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित की जाएगी जिसमें पर्यटकों को प्राकृतिक वन्य जीवन और आधुनिक तकनीकों का समन्वित अनुभव मिलेगा। इस केंद्र में रोबोटिक इंटरप्रिटेशन सेंटर, बटरफ्लाई पार्क, तथा लॉन्ग कार्निवल जैसी आधुनिक सुविधाएँ शामिल होंगी, जिसमें येलो टाइगर, व्हाइट टाइगर, पैंथर, लायन और भालू जैसे आकर्षक वन्य-जीव रहेंगे। इसके अतिरिक्त रेप्टाइल हाउस में मगरमच्छ और सांप और एग्जॉटिक और नेटिव बर्ड्स के लिए विशेष क्षेत्र बनाए जाएंगे। ज़ेब्रा और जिराफ के लिए एक अलग एग्जॉटिक पार्क, वाटर इंटरप्रिटेशन सेंटर, और स्पीशीज वाइज इंटरप्रिटेशन सेंटर जैसे अनेक नवाचार इस परियोजना की विशेषता होगी। मंत्री श्री सिंह ने बताया कि पर्यटकों को रोमांच का अनुभव देने के लिए इस पूरे क्षेत्र को संग्राम-सागर तालाब से ठाकुरताल तक ट्रैकिंग, ज़िपलाइन और बोटिंग के माध्यम से जोड़ा जाएगा, जिससे यह एक सम्पूर्ण एडवेंचर और ईको-टूरिज्म डेस्टिनेशन बन सके। ठाकुरताल क्षेत्र में फॉरेस्ट बाथिंग और व्यू प्वाइंट्स जैसे प्राकृतिक आनंद देने वाले स्थल भी विकसित किए जाएंगे। मंत्री श्री सिंह ने कहा इस परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) अगले तीन माह में तैयार कर ली जाएगी, जिसके बाद विकास कार्यों की शुरुआत की जाएगी। यह परियोजना न केवल जबलपुर को पर्यटन के क्षेत्र में वैश्विक पहचान दिलाएगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर, पर्यावरण संरक्षण, और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगी।  

रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से पंथी नृत्य दल ने की सौजन्य मुलाकात

रायपुर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से  उनके निवास कार्यालय में पंथी नृत्य दल ने सौजन्य मुलाकात की। पंथी नृत्य दल के सदस्यों ने बताया कि वे 13 से 24 फरवरी 2025 तक मिस्र (इजिप्ट) में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके है। मुख्यमंत्री श्री साय ने पंथी नृत्य दल के सभी कलाकारों को अपने कला-प्रदर्शन के माध्यम से विदेश की धरती पर छत्तीसगढ़ की माटी की सुगंध बिखेरने के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर विधायक श्री खुशवंत सिंह साहेब उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव से श्री खंडेलवाल की भेंट

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से बुधवार की शाम मुख्यमंत्री निवास समत्व भवन में मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री हेमंत खंडेलवाल ने सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्री खंडेलवाल को नए दायित्व की बधाई देते     

SMILE उपयोजना के तहत भोपाल जिला को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के उद्देश्य से चयनित किया गया

भोपाल  भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की SMILE उपयोजना के तहत भोपाल जिला को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के उद्देश्य से चयनित किया गया है। उल्लेखनीय है कि भिक्षावृत्ति में संलग्न व्यक्तियों के पुनर्वास हेतु विशेष रूप से आश्रय स्थल/भिक्षुक गृह की स्थापना की गई है। इस आश्रय स्थल के संचालन के लिए अनुभवी और सक्षम स्वैच्छिक संस्थाओं/संगठनों से 15 जुलाई 2025 शाम 5 बजे तक प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं। कलेक्टर भोपाल द्वारा 3 फरवरी 2025 को भिक्षावृत्ति करने व भिक्षा देने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया गया है। संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय ने बताया कि जो संस्थायें निम्न शर्तें पूर्ण करती है वह आवेदन कर सकती है इसके लिये:-              संस्था सोसायटी रजिस्ट्रेशन/फर्म/लोक न्यास अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत हो।              वर्तमान वैध कार्यकारिणी हो।              कार्यकारिणी द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया हो।              संस्था किसी विभाग द्वारा ब्लैकलिस्टेड न हो।              विगत 5 वर्षों से पुनर्वास संबंधित कार्य का अनुभव हो।              वित्तीय स्थिति सुदृढ़ हो (पिछले 3 वर्षों की ऑडिट रिपोर्ट आवश्यक)।             संस्था के उपविधियों में भिक्षावृत्ति पुनर्वास संबंधी उद्देश्य शामिल होना आवश्यक है। इच्छुक संस्थाएँ अपना प्रस्ताव संयुक्त संचालक, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण, शेड नं. 01, कमिश्नर कार्यालय के पीछे, पुराना सचिवालय, भोपाल में डाक, स्वयं उपस्थित होकर, या ईमेल (pswbho@mp.nic.in) के माध्यम से भेज सकती है।  

डिवीजनल कमिश्नर को योजना की नियमित मॉनीटरिंग करने के निर्देश

सड़क दुर्घटना पीड़ितों की नगदी रहित उपचार स्कीम  सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिये नगदी रहित उपचार योजना के क्रियान्वयन के लिये कलेक्टर्स को निर्देश भी जारी किये डिवीजनल कमिश्नर को योजना की नियमित मॉनीटरिंग करने के निर्देश भोपाल देश में सड़क सुरक्षा एवं दुर्घटनाओं को रोकने के लिये सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर निर्देश जारी किए जाते रहे हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी सम्पूर्ण देश में नियमित मॉनीटरिंग कर रही है। समय-समय पर यह कमेटी विभिन्न राज्यों से रिपोर्ट प्राप्त कर सड़क सुरक्षा संबंधी विभिन्न योजनाओं एवं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से जारी गाइड-लाइन्स की समीक्षा कर सर्वोच्च न्यायालय में प्रतिवेदन प्रस्तुत करती है। परिवहन सचिव मनीष सिंह ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिये नगदी रहित उपचार योजना के क्रियान्वयन के लिये कलेक्टर्स को निर्देश भी जारी किये हैं। निर्देशों में बताया गया है कि यह स्कीम और गाइड-लाइन्स मई-2025 और जून-2025 में जारी हुई हैं। इसी के साथ मंत्रालय द्वारा 21 मई, 2025 को यूजर मैनेजमेंट पोर्टल भी जारी किया गया है। निर्देशों में बताया गया है कि सड़क दुर्घटना प्रकरणों में जहाँ दोषी मोटरयान के पास वैध तृतीय पक्ष बीमा कव्हरेज था, उसका भुगतान केन्द्र सरकार द्वारा साधारण बीमा कम्पनियों के सहयोग से बनाये गये फण्ड से स्टेट हेल्थ एजेंसी (एसएचए) द्वारा अस्पताल के दावे को मंजूरी दिये जाने के 10 दिनों की समयावधि में जिला कलेक्टर्स के अनुमोदन से जिला स्तर पर ही केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित फण्ड से किया जायेगा। योजना में अस्पताल से दुर्घटना तारीख से अधिकतम 7 दिनों की अवधि में प्रति व्यक्ति के लिये एक लाख 50 हजार रूपये तक के उपचार की व्यवस्था है। दुर्घटना में पीड़ित व्यक्ति या उसका परिवार दुर्घटना का विवरण हेल्पलाइन नम्बर 112 में खबर दे सकता है। नियमित समीक्षा परिवहन सचिव द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि योजना के क्रियान्वयन के लिये किसी अधीनस्थ अधिकारी को जिम्मेदारी देते हुए इसकी नियमित मॉनीटरिंग जिला स्तर पर की जाये। समस्त संभागायुक्तों को भी निर्देश दिये गये हैं कि महत्वपूर्ण योजना की आवश्यक गतिविधियों की नियमित मॉनीटरिंग की जाये। जिला कलेक्टर्स को योजना से संबंधित विस्तृत दिशा-निर्देश भी परिवहन विभाग द्वारा भेजे गये हैं।  

सतना जिले में स्थित 132 के.व्ही. सब स्टेशन नागौद को अब डबल एक्स्ट्रा हाईटेंशन सप्लाई से जोड़ा गया

नागौद सब-स्टेशन में अब डबल एक्स्ट्रा हाईटेंशन सप्लाई की सुविधा सतना और देवेंद्रनगर दोनों से रहेगी विद्युत आपूर्ति सतना जिले में स्थित 132 के.व्ही. सब स्टेशन नागौद को अब डबल एक्स्ट्रा हाईटेंशन सप्लाई से जोड़ा गया भोपाल ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि विंध्य क्षेत्र में विद्युत पारेषण व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण और विश्वसनीयता के लिए सतना जिले में स्थित 132 के.व्ही. सब स्टेशन नागौद को अब डबल एक्स्ट्रा हाईटेंशन सप्लाई से जोड़ा गया है। यह सब-स्टेशन अब वैकल्पिक व्यवस्था के साथ दोहरी आपूर्ति प्रणाली पर कार्य करेगा। तोमर ने बताया कि पूर्व में यह सबस्टेशन एक रेडियल सब-स्टेशन के रूप में क्रियाशील था, जहां से 132 के.व्ही. की विद्युत आपूर्ति केवल 220 के.व्ही. सिल्परा (सतना) सब-स्टेशन से प्राप्त होती थी। 441 लाख रुपए से हुआ विस्तार क्षेत्र में अधिक विश्वसनीय, गुणवत्तापूर्ण एवं सतत विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एम.पी. ट्रांसको) द्वारा 441 लाख रुपये की अनुमानित लागत से देवेन्द्र नगर से एक्स्ट्रा हाईटेंशन लाइन अब नागौद तक विस्तारित की गई है। परिणामस्वरूप अब किसी एक सर्किट में शटडाउन या ब्रेकडाउन की स्थिति में भी उपभोक्ताओं को विद्युत बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। इन क्षेत्रों को मिलेगा लाभ एम.पी. ट्रांसको के मुख्य अभियंता राजेश द्विवेदी के अनुसार यह व्यवस्था, 132 के.व्ही. नागौद–देवेंद्रनगर (पन्ना) 27.6 किलो मीटर और 132 के व्ही नागौद -सतना 18.9 किलोमीटर लाइन के सर्किट को 'लाइन इन–लाइन आउट' (लिलो) कर नागौद से जोड़े जाने से संभव हो सकी है। इस नई व्यवस्था से देवेंद्रनगर, वसुधा, रहिकवाड़ा, नागौद, सिंहपुर, जसो, कटन और सलेहा क्षेत्र के 42,000 से अधिक विद्युत उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।  

western ring road:26 गांवों की 600 हेक्टेयर जमीन पर मिलेगा मुआवजा, किसानों के खाते में आएंगे 750 करोड़

इंदौर  इंदौर के पश्चिमी आउटर रिंग रोड (western ring road) का रास्ता साफ होता जा रहा है। प्रभावितों को 750 करोड़ रुपए मुआवजा (farmers compensation) दिया जाना है। यह राशि एनएचएआइ ने भू अर्जन अधिकारियों के काला (सीएएलए) खाते में जमा कर दी है। अब सभी किसानों के खातों की जानकारी जुटाई जा रही है। एक क्लिक में सभी के खातों में एक साथ पैसा जमा हो जाएगा। 26 गांवों की 600 हेक्टेयर जमीन पर मिलेगा मुआवजा एनएचएआइ (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) पश्चिमी आउटर रिंग रोड का काम जल्द शुरू करना चाहता है। इसके लिए ठेकेदार कंपनी को प्रस्तावित सड़क की प्रभावित जमीन का कब्जा दिया जाना है। देपालपुर, हातोद और सांवेर के 26 गांवों की 600 हेक्टेयर जमीन आ रही है, जिसके प्रभावित किसानों की सूची तैयार कर अवॉर्ड घोषित कर दिया गया है। 50 प्रतिशत का काम पूरा अब भू अर्जन अधिकारियों ने भी काम तेज कर दिया है। गांव वार प्रभावित किसानों के खाता नंबर जुटाए जा रहे हैं। 50 फीसदी काम हो चुका है। किसानों को मुआवजा राशि देने के लिए एनएचएआइ की शर्त है कि 30 फीसदी किसानों का खाता नंबर होना जरूरी है। इससे कम पर पैसा जमा नहीं कर सकते हैं। इसलिए देपालपुर, हातोद व सांवेर में प्रशासन की टीम सक्रिय है ताकि जुलाई के पहले सप्ताह में काम हो जाए। ऐसा है पश्चिमी आउटर रिंग रोड इंदौर में 64 किमी लंबा और 30 मीटर चौड़ा पश्चिमी रिंग रोड बनेगा। यह एनएच-52 में नेट्रेक्स के पास से शुरू होकर शिप्रा नदी के नजदीक खत्म होगा। इसमें इंदौर जिले की देपालपुर तहसील के 5, हालोद के 12 और सांवेर के ० गांव की जमीन अधिग्रहित होगी। सर्वे के बाद गाइड लाइन व संपत्ति को जोड़कर तीनों तहसीलों के एसडीओ ने 750 करोड़ का अवॉर्ड पारित कर दिया है। इंदौर के लिए अहम इंदौर के विकास में आउटर रिंग रोड महत्वपूर्ण है। जिस प्रकार राऊ-देवास बायपास बनने के बाद नया इंदौर बसा था, भविष्य के लिए ठीक वैसी ही कल्पना पूर्वी व पश्चिमी आउटर रिंग रोड को लेकर की जा रही है। नई गाइड लाइन से मुआवजा पहली बार सरकार ने उन लोकेशनों की भी गाइड लाइन बढ़ाई है, जिनमें सरकार की योजना लागू है। इसमें पश्चिमी आउटर रिंग रोड भी शामिल है। यहां 100 से 200 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। इससे जमीनों की कीमत बढ़ गई है।

सरकारी स्कूलों में गैरहाजिर शिक्षकों पर कैसे लगेगी लगाम, 3.50 लाख शिक्षकों में से मात्र 10 हजार ने ही ऑनलाइन हाजिरी लगाई

भोपाल  प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 1 जुलाई से शुरू की गई ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था पहले ही दिन विफल हो गई। 3.50 लाख शिक्षकों में से केवल 10 हजार ने ही ऑनलाइन हाजिरी लगाई, जो कि कुल संख्या का लगभग तीन प्रतिशत है। शिक्षकों के अनुपस्थित रहने पर लगाम लगाने के उद्देश्य से यह पहल की गई थी, लेकिन पहले दिन ही शिक्षकों ने इसे विफल कर दिया। 'हमारे शिक्षक एप' के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था शुरू की गई थी। टीचर्स की अटेडेंस पर उठते रहे हैं सवाल सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के समय पर स्कूल न पहुंचने और उनके स्थान पर दूसरे लोगों के पढ़ाने जाने की शिकायतों के बाद यह कदम उठाया था। विभाग ने नई तकनीक 'हमारे शिक्षक प्रणाली' तैयार की थी, जिसके माध्यम से शिक्षकों को सेल्फी लेकर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी थी। शिक्षकों को स्कूल पहुंचते ही अपने मोबाइल से इस प्रणाली पर सेल्फी लेकर अपलोड करना था। इस प्रक्रिया का ट्रायल 23 जून से 30 जून तक किया गया था। हालांकि, पहले दिन ही इस व्यवस्था को अपेक्षित सफलता नहीं मिली। आंकड़ों से समझें प्रदेश के 3.50 लाख शिक्षकों में से केवल 88 हजार शिक्षकों ने ही 'हमारे शिक्षक एप' डाउनलोड किया। ऑनलाइन हाजिरी लगाने वालों की संख्या और भी कम रही। सिर्फ 10,461 शिक्षकों ने ऑनलाइन हाजिरी लगाई, जबकि जाने की ऑनलाइन हाजिरी केवल 2,394 शिक्षकों ने ही लगाई। स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से पहले भी ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था शुरू करने के प्रयास किए गए थे। इन सालों में हुई थी कोशिश 2017, 2020 और 2022 में शिक्षा मित्र एप के जरिए ऑनलाइन उपस्थिति शुरू की गई थी, लेकिन शिक्षकों के विरोध के कारण यह सफल नहीं हो पाई। शिक्षकों ने कभी स्मार्ट फोन तो कभी नेटवर्क का बहाना बनाकर ऑनलाइन उपस्थिति की प्रक्रिया को ठीक से लागू नहीं होने दिया। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह भी इस बात को कई बार स्वीकार कर चुके हैं कि प्रदेश में कुछ जिलों में शिक्षक स्कूल नहीं जाते हैं। उनके स्थान पर दूसरे लोग पढ़ाने जाते हैं। वहीं कुछ शिक्षक स्कूलों के निर्धारित समय पर नहीं पहुंचते हैं।