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नवरात्रि पर मांस बेचने व काटने-पकाने पर रोक लगे, दिल्ली BJP विधायक ने उठाई मांग

नई दिल्ली  देशभर में त्योहारों की शुरुआत हो चुकी है। नवरात्रि भी जल्द ही शुरू होने वाले हैं। ऐसे में एक बार फिर खुले में मांस की बिक्री पर रोक लगने की मांग उठाई जा रही है। दिल्ली में ये मांग बीजेपी विधायक अजय महावर ने की है। उनका कहना है कि नवरात्रि के दौरान 9 दिनों का समय सनातन धर्म बहुत पवित्र समय होता है। ऐसे में खुले में मीट की बिक्री पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि इसके लिए सोमवार को एक पत्र भी लिखेंगे। उन्होंने आगे कहा, किसी को अपना रेस्टोरेंट चलाना होतो वह शीशे के अंदर पका सकता है, हमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन खुले में मांस काटने-पकाने और बेचने पर पाबंदी होनी चाहिए। इससे पहले सावन मास में कांवड़ यात्रा के दौरान भी इस तरह की मांग करते हुए पत्र लिखा गया था। इससे पहले दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने दिवाली के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर संतुलित रुख अपनाने का आह्वान कियाथा । सिरसा ने कहा था कि लोगों को पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना त्योहार मनाने की अनुमति दी जानी चाहिए। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि दिवाली न केवल एक धार्मिक त्योहार है, बल्कि लाखों लोगों के लिए एक भावनात्मक अवसर भी है, जो अपनी परंपराओं और संस्कृति से गहराई से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि दिवाली का त्योहार उत्सव और खुशी का समय है, जो लोगों की भावनाओं और सांस्कृतिक पहचान से गहराई से जुड़ा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ने कहा कि जब पूरा देश पटाखे फोड़कर इस अवसर का जश्न मनाता है, तो अकेले राष्ट्रीय राजधानी में पूर्ण प्रतिबंध का सामना करना कोई मायने नहीं रखता।

गरबा में गैर-हिंदू युवाओं की एंट्री पर सख्त रामेश्वर शर्मा, कहा – अगर आना है तो माता-पिता को भी लाएं साथ

भोपाल  मध्य प्रदेश में नवरात्रों से पहले अब गरबा की 'सनातनी क्रांति' शुरू हो गई है. गरबा उत्सव कार्यक्रमों में गैर हिंदुओं के प्रवेश को बेन करने को लेकर हिंदू संगठन से लेकर विधायक तक सामने आ गए है. हिंदू संगठनों ने गरबा संचालकों से कहा है गरबा पंडाल के बाहर वराह अवतार की फोटो लगाकर उसकी पूजन कर ही लोगों को प्रवेश दें जिससे गैर हिंदू प्रवेश न कर सके. दरअसल, प्रदेश में 'लव जिहाद', 'लैंड जिहाद', 'धर्म जिहाद' की खबरों के बीच अब हिंदू संगठन और भाजपा के विधायक 'गरबा जिहाद' रोकने की बात कर रहे हैं. नवरात्रि के पहले ही गरबा पंडालों में गैर हिंदुओं के प्रवेश को लेकर एमपी में अब जमकर राजनीति शुरू हो गई है. हिंदू संगठन सख्त विरोध कर रहे हैं किसी भी कीमत पर गैर हिंदुओं को पंडालों में प्रवेश न दिया जाए नवरात्रि और गरबा में दूसरे धर्मों के लोगों की एंट्री को लेकर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा, ''गरबे में गैर हिंदुओं का प्रवेश नहीं होना चाहिए, अगर आना है तो अपनी मां को अपनी अम्मी, बहन, मौसी, अब्बा और चच्चा को लेकर आओ. देवी का प्रसाद खाओ. आशीर्वाद लो और हिंदू धर्म स्वीकार करो.'' नवरात्रि का पर्व आने वाला है. 22 सितंबर से यह पर्व शुरू होगा. हिंदू मां दुर्गा के 9 रूपों की उपासना करते हैं. नवरात्रि पर गरबे का बड़ा महत्व होता है. जगह-जगह गरबा कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है लेकिन राजधानी भोपाल में इसपर एक अलग ही तरह का विवाद छिड़ा हुआ है. गरबे में भाईजान की एंट्री को लेकर एक तरफ हिंदू संगठन चेतावनी दे रहे हैं कि कोई भी गैर-हिंदू गरबे में दिखाई दिया, तो उसे बजरंग दल की शैली में जवाब दिया जाएगा. वहीं भाजपा नेता भी अलग-अलग बयान दे रहे हैं. भाजपा विधायक ऊषा ठाकुर ने कहा कि यह सनातन का पर्व है. मां शक्ति की उपासना की जाती है. इस्लाम को मानने वाले मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं रखते हैं. वे लोग हमारे त्योहारों में आते ही क्यों हैं और अगर आना हैं, तो सनातन अपना लो, जनेऊ धारण करो. इतना ही नहीं, भाजपा विधायक ने आगे कहा कि चार-पांच पीढ़ी ऊपर देखेंगे, तो इनके पूर्वज भी सनातनी ही निकलेंगे. 'मुसलमान गरबे में जाता ही क्यों है?' वहीं, 'भाईजान' की एंट्री पर पाबंदी लगाने के बयानों के बाद कांग्रेस के मुस्लिम विधायक भी सामने आए. भोपाल मध्य सीट से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा, ''मुसलमान गरबे में जाता ही क्यों है? उसे नहीं जाना चाहिए. बाकी बीजेपी को हर त्योहार से पहले विवाद खड़ा करने की आदत है.  नवरात्रि से पहले मध्य प्रदेश की सियासत में गरबा पर सियासी संग्राम छिड़ गया है. बीजेपी नेताओं ने गरबा पंडालों में दूसरे धर्म के लोगों पर बैन लगाने की मांग की है. भोपाल से बीजेपी सांसद आलोक शर्मा ने पंडालों में भाईजान की एंट्री पर बैन लगाने की बात कही, तो इंदौर से बीजेपी विधायक गोलू शुक्ला ने कहा कि आयोजक गरबा पंडालों में एंट्री से पहले आईडी चेक करें. विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि नवरात्रि पर घर वापसी अभियान चला रहे हैं. हम तो अब सनातन का प्रचार-प्रसार तेजी से बढ़ा रहे हैं. गरबे में कोई भी आए, आपत्ति नहीं है. जो लोग ईसाई, मुसलमान बन गए हैं, अगर वे सनातन धर्म में वापसी करते हैं, तो कोई दिक्कत नहीं है. अकेले लड़के क्यों आ रहे हैं, अपनी बहन, अब्बा-अम्मी को भी लेकर आएं. वे आएं, उन्हें गंगाजल पिलवाएंगे. जय श्रीराम, जय गुरुनानक के नारे लगवाएंगे. दुर्गा जी की आरती करवाएंगे. तिलक लगाएंगे. कब तक दूर-दूर रहेंगे, आ जाएं सभी लोग, सनातन में उनका स्वागत है. वहीं गरबा को लेकर भाजपा नेताओं के बयानों पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि बीजेपी नेता त्योहारों से पहले जान-बूझकर इस तरह की बयानबाजी करते हैं. भाजपा के लोग माहौल खराब करने के लिए बयानबाजी करते हैं. जब मुस्लिम गरबे में जाता ही नहीं है, उसका गरबे से कोई लेना-देना ही नहीं है, नवरात्रि मनाता ही नहीं है, तो फिर क्यों हम धर्म परिवर्तन कर लें. बीजेपी अभियान चलाए, परिचय पत्र चेक करें, आधार चेक करें. सरकार आपकी है, कानून आपका है, अगर कोई जान-बूझकर ऐसा करता है और गरबा कार्यक्रम में घुसता है, तो उसपर कार्रवाई कीजिए. माहौल बनाने के लिए इस तरह की बयानबाजी की जाती है. हमारा गरबे से कोई लेना-देना नहीं है. मुस्लिम समाज को कोई समिति आमंत्रण नहीं भेजती है. मुस्लिमों को भी गरबे में नहीं जाना चाहिए. जबा मना है, तो नहीं जाना चाहिए. बताते चलें कि खंडवा में इस बार नवरात्रि पर गरबा कार्यक्रमों में न फिल्मी गाने बजेंगे और न ही महिलाएं बैकलेस ड्रेस पहन सकती हैं. गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर भी बैन लगाया गया है. आयोजक खुद सुरक्षा इंतजाम करेंगे. संस्कृति, देशभक्ति और नारी शक्ति पर फोकस रहेगा. हिंदू संगठनों ने कहा कि अगर सनातन धर्म के त्योहारों का मजाक बना, तो जिसकी करनी होगी, वही भुगतेगा.  

‘कोई खान मुंबई का मेयर न बने…’ BMC चुनाव से पहले अमित साटम का विवादित बयान

मुंबई  मुंबई में निकाय चुनाव नजदीक आते-आते सियासी सरगर्मी काफी बढ़ गई है. बीजेपी के नवनियुक्त मुंबई अध्यक्ष अमित साटम ने इस बीच एक विवादित बयान दिया है, जो काफी सुर्खियों में है. एक कार्यक्रम के दौरान मुस्लिम समुदाय का हवाला देते हुए अमित साटम ने कहा कि आगामी नगर निकाय चुनाव शहर की सुरक्षा को लेकर हैं और कोई 'खान' मुंबई का मेयर नहीं बनना चाहिए. मुंबई बीजेपी अध्यक्ष साटम का यह बयान विजय संकल्प रैली के दौरान आया, जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी हिस्सा लिया. बीएमसी चुनावों से पहले बयान पिछले महीने मुंबई अध्यक्ष नियुक्त किए गए अमित साटम ने कहा, 'लड़ाई मुंबई को सुरक्षित रखने की है. अंतरराष्ट्रीय देशों में घुसपैठ हो रही है और उनके रंग बदल रहे हैं. कुछ शहरों के मेयरों के सरनेम देखिए. क्या हम मुंबई में भी यही पैटर्न चाहते हैं?' अमित साटम के इस बयान को लंदन और अन्य पश्चिमी देशों में चल रहे एंटी इमिग्रेशन प्रोटेस्ट से जोड़कर देखा जा रहा है. साटम का 'सरनेम' वाला बयान संभवतः लंदन के मेयर सादिक खान की ओर इशारा करता है, जिनकी जड़ें पाकिस्तान में हैं. अपनी तीखी टिप्पणी जारी रखते हुए साटम ने आगे कहा, 'वर्सोवा-मालवणी स्टाइल हर जगह फैल सकती है. मुंबईकरों के दरवाजे पर एक बांग्लादेशी होगा. कल हर वार्ड में एक हारून खान चुना जा सकता है और कोई खान मुंबई का मेयर बन सकता है. ऐसा मत होने दीजिए.' मुंबई के वर्सोवा और मालवणी में मुस्लिम आबादी अच्छी-खासी है. यह टिप्पणी अवैध बांग्लादेशियों पर राज्यव्यापी कार्रवाई के बीच आई है, जो बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन के लिए एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनकर उभरा है. साटम ने ज़ोर देकर कहा कि बीजेपी की लड़ाई सिर्फ़ राजनीतिक नहीं, बल्कि विकास और सुरक्षा की है. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से हर घर तक पहुंचने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि महायुति का कोई महापौर बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) का कार्यभार संभाले. एशिया की सबसे अमीर निगम कही जाने वाली बीएमसी 2022 से चुनावों का इंतजार कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र में लंबे समय से लंबित स्थानीय निकाय चुनाव कराने की अंतिम समय सीमा 31 जनवरी, 2026 तय की है. फडणवीस ने ठाकरे पर हमला बोला अपने संबोधन में मुख्यमंत्री फडणवीस ने याद दिलाया कि कैसे 2017 के नगर निकाय चुनावों के बाद मुंबई में अपना मेयर बनाने के लिए पर्याप्त संख्या होने के बावजूद बीजेपी ने शिवसेना को मेयर का पद दे दिया था. फडणवीस ने कहा, 'हमारी जीत को रोका नहीं जा सकता. पिछली बार बीएमसी में हम सिर्फ़ दो सीटें पीछे रह गए थे. तब एकनाथ शिंदे और मिलिंद नार्वेकर ने मुझे बताया था कि उद्धव ठाकरे नाराज़ हैं. हमने महापौर का पद शिवसेना को दिया, बड़ा दिल रखा.' मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, '2019 में उद्धव ठाकरे ने हमें धोखा दिया. 2022 में हमें अपनी सरकार वापस मिल गई और 2024 में हमें पूर्ण बहुमत मिला. इस बार मुंबई को महायुति का मेयर मिलेगा.' कौन हैं अमित साटम पिछली महीने अगस्त में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आशीष शेलार की जगह अमित साटम को मुंबई बीजेपी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया था. वह अंधेरी वेस्ट से विधायक हैं और बीएमसी पार्षद भी रह चुके हैं. अमित साटम अपनी साफगोई और आक्रामक कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा में कई बार विपक्ष पर तीखे हमले किए हैं. मुंबई के स्थानीय मुद्दों पर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है. इससे पहले उन्होंने संगठन में भी अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं.  अमित साटम की नियुक्ति से बीजेपी को निकाय चुनाव में जीत की उम्मीद है. उनकी नियुक्ति का ऐलान करते वक्त सीएम फडणवीस ने भरोसा जताया कि साटम की अगुवाई में बीजेपी और महायुति को बड़ी सफलता मिलेगी. उन्होंने कहा कि साटम न सिर्फ संगठन में काम करने का अनुभव रखते हैं, बल्कि मुंबई की समस्याओं और उनके समाधान की दिशा में भी एक्टिव रोल निभाते आए हैं. 

आधी रात इंदौर में फायरिंग: अर्जुन जोशी घायल, प्रेमिका के घर के बाहर चली गोली

 इंदौर मध्य प्रदेश के इंदौर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक महिला नेता के बेटे को संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने का मामला सामने आया है। 31 वर्षीय घायल युवक अर्जुन जोशी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अर्जुन की मां ममता नारायण जोशी पार्षद का चुनाव लड़ चुकी हैं। पुलिस के अनुसार, अर्जुन जोशी शुक्रवार रात खजराना थाना क्षेत्र में अपनी प्रेमिका से मिलने गया था, जहां किसी बात को लेकर प्रेमिका के पिता और उसके बीच कहासुनी के बाद गोली चल गई। घायल अर्जुन ने आरोप लगाया है कि उसकी प्रेमिका के पिता ने ही उस पर हमला कर गोली चलाई है। हालांकि, पुलिस को शुरुआती जांच में यह मामला संदिग्ध लग रहा है। पुलिस की जांच में पता चला है कि प्रेम प्रसंग के चलते दोनों पक्षों में झगड़ा हुआ था। वहीं अर्जुन जोशी ने भी प्रेमिका के घर में घुसकर तोड़फोड़ करते हुए प्रेमिका और उसके पिता से मारपीट की है। इसको लेकर दूसरा पक्ष भी शिकायत लेकर थाने पहुंचा था। अर्जुन पर प्रेमिका के घर जाकर तोड़फोड़ और मारपीट करने का आरोप खजराना पुलिस के अनुसार, अर्जुन जोशी शुक्रवार आधी रात को अपनी प्रेमिका के घर मिलने पहुंचा था। यहां उसने पहले झगड़ा किया और प्रेमिका को धमकाया, फिर लड़की के पिता पर भी हमला करने की कोशिश की। इतना ही नहीं, घर में जमकर तोड़फोड़ और मारपीट भी की गई। इसी बीच, हंगामा इतना बढ़ गया कि अचानक गोली चल गई और अर्जुन जख्मी हो गया। अर्जुन ने अपनी प्रेमिका के पिता पर उसे गोली मारने का आरोप लगाया है। हालांकि, गोली कैसे लगी इसकी अभी जांच जारी है। अब तक जांच में सामने आया है कि अर्जुन की प्रेमिका के पिता की पिस्टल से गोली चली है। पुलिस इसकी जांच कर रहे है पिस्टल लाइसेंसी है या अवैध। फिलहाल अर्जुन जोशी का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। उधर दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। टीआई मनोज सेंधव ने बताया कि मामला संदिग्ध है। दोनों पक्षों के बयान लेने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इधर, अर्जुन ने भी प्रेमिका के घर तोड़फोड़ और मारपीट की घटना को अंजाम दिया है। जांच के बाद ही तय होगा कि गोली किसने चलाई। असफल मॉडलिंग करियर और बिगड़ैल रवैया अर्जुन जोशी के बारे में जानकारी मिली है कि कुछ साल पहले वह मॉडलिंग का सपना लेकर मुंबई गया था, लेकिन वहां से उसे निराशा हाथ लगी। नाकाम होने पर वह इंदौर वापस लौट आया और यहां आकर दबंगई करने में लग गया। उसका नाम पहले भी कई विवादों में आ चुका है। उसके परिवार में कई लोगों के पास भी लाइसेंसी हथियार हैं। लूट का आरोपी रहा है छोटा भाई घायल अर्जुन जोशी का भाई कान्हा जोशी लूट का आरोपी रहा है। इस मामले में उसे जेल की हवा भी खाना पड़ी थी। इसके अलावा कान्हा जोशी कांग्रेस के पूर्व कद्दावर मंत्री के पोते से भी झगड़ा कर चुका है। पलासिया क्षेत्र के आनंद बाजार में दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई थी। हालांकि, बाद में इस मामले में राजीनामा हो गया था।

विधायक से लाडली बहनों की गुहार: नीमत-हर्ज़ीपुरा में नए केंद्र और स्कूल की दरकार

विधायक की जनसुनवाई में ग्राम पंचायत गोविंदपुरा की लाडली बहनाओ ने पहुच कर की मांग,नीमत-हर्ज़ीपुरा में खुलवाये आंगनबाड़ी केन्द्र,प्रा शाला भवन नया बनवाने की रखी मांग,आई लाडली बहनाओ का विधायक ने किया स्वागत, आज जनसुनवाई में आये नागरिको की विधायक ने सुनी समस्याएं  आष्टा मध्य प्रदेश के आष्टा जिला में आज जनसुनवाई में ग्राम पंचायत गोविंदपुरा के ग्राम निमत-हर्ज़ीपुरा की बड़ी संख्या में लाडली बहनाए विधायक कार्यालय पहुची । विधायक गोपालसिंह इंजीनियर ने अपने कार्यालय में पहली बार आई सभी लाडली बहनाओ को सासम्मान बैठाया उनको जल पान कराया और स्वयं उनके बीच मे पहुच कर उनकी समस्याओं को सुना उनकी मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया । आई लाडली बहनाओ ने विधायक से मांग की की उनके ग्राम की प्राथमिक शाला का भवन जर्जर हो गया है,उसे नया बनवाया जाये, ग्राम में आंगनबाड़ी नही है उसे खुलवाया जाये, ग्राम में पेयजल की समस्या है एक बोर खनन कराया जाये, सड़क निर्माण कराये,बिजली पोल लगवाये, तथा ग्राम में चबूतरे का निर्माण कराया जाये । विधायक ने आई सभी लाडली बहनाओ को भरोसा दिया कि आप सब मेरी लाडली बहना है आपने जो भी समस्या बताई,मांग रखी वे सब मे पूरी करूंगा । विधायक ने सभी से पूछा की आपको हर माह लाडली बहना की राशि मिलती है,सभी ने बताया हा खाते में आती है । विधायक ने बहनाओ को बताया की अब जल्दी ही आपके खाते में लाडली बहना योजना की राशि 1250/- के स्थान पर 1500/- रुपये आयेगी । आज जनसुनवाई में कई ग्रामो से ग्रामीण विधायक कार्यालय में आयोजित होने वाली जनसुनवाई में  पहुचे थे । स्मरण रहे प्रत्येक बुधवार को आष्टा विधायक अपने कार्यालय में सुबाह 10 बजे से जनता की समस्याओं को सुनने,उनेह हल करवाने के लिये जनसुनवाई करते है । आज बुधवार को प्रातः 10 बजे से कार्यालय में उपस्तिथ रह कर विधायक गोपालसिंह इंजीनियर ने जनता की समस्याओं को सुना एवं उनकी समस्याओं को हल करने के सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिये । आष्टा विधायक गोपालसिंह इंजीनियर जो की हर बुधवार को अपने कार्यालय में जन सुनवाई कार्यक्रम के तहत उपस्तिथ रहते है । आज भी बड़ी संख्या में क्षेत्र से नागरिक जनसुनवाई में पहुचे एवं अपनी अपनी पीड़ा से विधायक को अवगत कराया एवं आवेदन दिये। जनता से प्राप्त आवेदनों पर विधायक ने कहा की आपका जन सेवक होने के नाते आपकी समस्याओं को सुनना, हल करना मेरा धर्म है। आज आये आवेदनों को तत्काल सम्बंधित विभागों के अधिकारियों से चर्चा कर ग्रामीणों की समस्याओं का समय सीमा में तत्काल निराकरण करने के निर्देश दिये ।  विधायक गोपालसिंह इंजीनियर ने कार्यालय आये सभी नागरिको को भरोसा दिया कि आपकी समस्याओं का जल्द निराकरण होगा,जो मांग शासन स्तर की है उनेह वे शासन तक पहुचायेंगे।विधायक कार्यालय से जानकारी देते हुए बताया की आज जनसुनवाई में आये ग्रामीणों ने विद्युत विभाग द्वारा जारी चालानी कार्यवाही निरस्त कराने,पुलिस द्वारा कार्यवाही कराने, उच्च शिक्षा निःशुल्क प्रदाय कराने,ग्राम नीमत हर्जीपुरा में नवीन शाला भवन,पेयजल व्यवस्था,सी.सी. रोड़ निर्माण कराने,वृद्धा पेंशन प्रदाय कराने,वृद्धा पेंशन की राशि 600 की जगह 1000 रूपये करने,कबीर आश्रम निर्माण हेतु सहायता राशि प्रदाय कराने,स्वैच्छिक स्थानान्तरण चाही गई स्थान पर नहीं होने से किया गया स्थानान्तरण निरस्त कराने,सहाकरी दुकान से प्रदाय किये जाने वाले चावल के स्थान पर गेहूँ प्रदाय कराने,आर्थिक सहायता राशि प्रदाय कराने,ट्रांसफार्मर स्थापित कराने, वृद्धा पेंशन राशि हेतु पंजीयन कराने, पिछले चार पांच माह से बंद खाद्वान्न प्रदाय कराने,दिव्यांग हेतु स्कूटी पेट्रोल वाली प्रदाय कराने सहित अन्य आवेदन प्राप्त हुए। सभी आई शिकायतों एवं आवेदनों को सम्बंधित विभागों को निराकरण हेतु निर्देश दिये है । विभागों की आई समस्याओं को लेकर मौके से ही सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को आई समस्याओं के निराकरण करने के निर्देश दिये,कुछ आवेदन निराकरण हेतु सम्बंधित विभागों को भेजे गये ।

ग्रामीण लौटे भाजपा में, प्रदेशाध्यक्ष ने किया स्वागत और समर्थन

हरियाणा  हरियाणा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने देर शाम भाजपा मुख्यालय पंचकमल में पंचकूला ग्रामीण क्षेत्र बरवाला के ऐसे दर्जनों वरिष्ठ एवं पुराने कार्यकर्ता, जिन्होंने किन्हीं कारणों से संगठन से दूरी बना ली थी, उन्हें भाजपा का पटका पहना कर पार्टी में स्वागत किया। इस मौके पर जिला अध्यक्ष अजय मित्तल, जिला उपाध्यक्ष तेजिंदर गुप्ता टोनी, जिला कोषाध्यक्ष सुशील सिंगला, मंडल महामंत्री देवेंद्र शर्मा, वरिष्ठ कार्यकर्ता बलबीर शर्मा, बृज भूषण तनेजा व अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। भाजपा में वापसी करने वालों में जगदीश कश्यप (पूर्व प्रदेश सचिव एससी मोर्चा), बल सिंह राणा (पूर्व चेयरमैन मार्किट कमेटी एवं जिला परिषद सदस्य), अनिल राणा (पूर्व मंडल पदाधिकारी), रामपाल राणा (पूर्व बीडीसी सदस्य), राम सिंह (पूर्व सरपंच एवं किसान मोर्चा प्रधान), डॉ. जगदीश रत्तेवाली (पूर्व मंडल पदाधिकारी एससी मोर्चा), माम चंद सैनी भगवानपुर, राजाराम रत्तेवाली, शमशेर सिंह नयागांव, जसपाल कश्यप बतौड़, यशपाल कश्यप बरवाला, मोहित राणा एडवोकेट बरवाला, ठाकुर कश्यप बरवाला, मनीष कश्यप बरवाला, कुलवीर बतौड़, हुक्म चंद बिल्ला, अमित कुमार बिल्ला, चंदर मोहन सैनी भगवानपुर, कुलबीर सिंह, हरिंदर, करण सिंह नयागांव, कंवरपाल प्रमुख रहे। जिला अध्यक्ष अजय मित्तल ने बरवाला से आये सभी कार्यकर्ताओं के पार्टी से दोबारा जुड़ने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में पंचकूला जिले के किसी भी नए या पुराने कार्यकर्ता की अनदेखी नहीं होगी। जो भी पुराने कार्यकर्ता किन्हीं वजहों से घर बैठ गए थे या पार्टी के कार्यों में सक्रिय नहीं थे, उन्हें हम संगठन की मुख्यधारा से जोडेंगे। अजय मित्तल ने कहा कि प्रदेश नेतृत्व के मार्गदर्शन में पंचकूला जिला संगठन कार्यकर्ताओ के मान सम्मान का ध्यान रखते हुए सबको साथ लेकर आगे बढ़ रही है।

राजनीति के खेल में दिग्गज नेता पीछे, निगम-मंडलों की नियुक्तियों से BJP के नेता कर रहे वापसी

भोपाल  मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई दिग्गज नेता, जो कभी प्रदेश की राजनीति में अपनी मजबूत पकड़ के लिए जाने जाते थे, आज हाशिए पर हैं. इन नेताओं को अब निगम-मंडलों और अन्य नियुक्तियों के जरिए फिर से राजनीति की मुख्य धारा में लौटने की उम्मीद है. पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया, उमा शंकर गुप्ता, कमल पटेल, गौरी शंकर विशेन, जयभान सिंह पवैया सहित कई अन्य नेता इस कतार में शामिल हैं. ये नेता पार्टी में अपनी पुरानी प्रतिष्ठा को पुनर्जनन देने की कोशिश में हैं. कांग्रेस प्रवक्ता ने इस स्थिति पर तंज कसते हुए कहा है कि भाजपा ने अन्य दलों से इतने नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल किया है कि अब पार्टी “ओवरलोडेड” हो गई है. इसके चलते भाजपा के कई पुराने और प्रमुख नेता हाशिए पर चले गए हैं. उन्होंने दावा किया कि यह भाजपा में कोई नया चलन नहीं है. पहले भी कई दिग्गज नेताओं को पार्टी ने साइडलाइन किया है. कांग्रेस का कहना है कि भाजपा की यह रणनीति उसके अपने नेताओं के लिए ही चुनौती बन रही है. वहीं, भाजपा प्रवक्ता ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पार्टी में हर कार्यकर्ता के लिए उचित दायित्व होता है. कुछ जिम्मेदारियां ऐसी होती हैं, जो सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आतीं, लेकिन नेता पार्टी के लिए लगातार काम करते रहते हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा में किसी को हाशिए पर रखने की बात नहीं होती. समय, परिस्थिति और योग्यता के आधार पर नेताओं को जिम्मेदारियां सौंपी जाती हैं. प्रवक्ता का कहना है कि पार्टी अपने सभी नेताओं का सम्मान करती है और उनकी सेवाओं का उपयोग उचित समय पर किया जाता है. भाजपा के इन दिग्गज नेताओं की नजर अब निगम-मंडलों और अन्य महत्वपूर्ण नियुक्तियों पर है. ये नियुक्तियां न केवल उनकी राजनीतिक सक्रियता को पुनर्जनन दे सकती हैं, बल्कि उन्हें फिर से सुर्खियों में ला सकती हैं. पार्टी संगठन जल्द ही इन नियुक्तियों पर फैसला ले सकता है, जिससे इन नेताओं की राजनीतिक वापसी की राह आसान हो सकती है.

भाजपा उज्जैन: नगर और ग्रामीण स्तर के नए जिला पदाधिकारी घोषित, देर रात हुई सूची जारी

उज्जैन  राजनीतिक गलियारों में लगातार चर्चा के बीच भाजपा की नगर व ग्रामीण स्तर पर नवनियुक्त जिला पदाधिकारियों(MP BJP District Executive) की सूची मंगलवार देररात 12.30 बजे जारी की। इसमें नगर में 5 उपाध्याक्ष, 3 महामंत्री, 8 मंत्री, एक कोषाध्यक्ष और एक जिला कार्यालय मंत्री के रूप में 18 पदाधिकारी के नामों की घोषणा की गई। इसी तरह ग्रामीण में 7 उपाध्यक्ष, 2 महामंत्री, 6 मंत्री, एक कोषाध्यक्ष और एक कार्यालय मंत्री के रूप में 17 पदाधिकारी घोषित किए। नगर कार्यकारिणी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल जी की सहमति से भाजपा ग्रामीण जिलाध्यक्ष राजेश धाकड़ ने उज्जैन ग्रामीण के नवनियुक्त पदाधिकारियों(MP BJP District Executive) की घोषणा की, वहीं भाजपा नगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने भी नगर स्तर के नए पदाधिकारियों के नामों की घोषणा की। शहर कार्यकारिणी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से जुड़े नामों की प्रमुखता है। नगर पदाधिकारियों में उमेश सिंह सेंगर, कल्याण शिवहरे, सोनल जोशी, अशोक कैथवास और शैलेंद्र शर्मा को उपाध्यक्ष बनाया। आनंद सिंह खिंची, जगदीश पांचाल और कमल बैरवा को महामंत्री, सुभाष डोडिया, विजय चौधरी, जितेंद्र कृपलानी, प्रेमलता बैंडवाल, कांता विश्वकर्मा, वर्षा कछवाय, विजय दीक्षित और पवन विश्वकर्मा को मंत्री बनाया है। कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी प्रकाश यादव और कार्यालय मंत्री अनिल शिंदे को सौंपी है। उज्जैन ग्रामीण उज्जैन ग्रामीण में पदम सिंह पटेल, राजेंद्र अवाना, संदीप व्यास, पंकज यादव, महिपाल सिंह उमठ, अनिल यादव, अश्विन दिंडोरकर को जिला उपाध्यक्ष, राकेश यादव, श्याम शर्मा जिला महामंत्री, विजय चौधरी, रितु पाटीदार, कृष्णा सूर्यवंशी (अजा), वर्षा पाटोदी, अजीता परमार (अजा), निरंजन मेहता को जिला मंत्री बनाया गया। कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी ज्योति पलोड़ को दी गई है। सुमेर सिंह कालूहेड़ा को जिला कार्यालय मंत्री बनाए गए हैं। सूची जारी होते ही शहर में उत्साह की लहर दौड़ पड़ी। वायरल सूची को नकारते रहे एक सूची सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी, जिसमें उपाध्यक्ष, महामंत्री, मंत्री, कोषाध्यक्ष, कार्यालय मंत्री सहित अन्य पदों के नाम सामने आए थे। विशेष बात यह रही कि वायरल सूची से राजनीतिक हलचल तेज हो गई। उत्सव की तैयारी जैसे ढोल-बाजे व आतिशबाजी तक की खबरें सामने आईं, लेकिन भाजपा नगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल और प्रचार प्रमुख दिनेश जाटवा ने इसे आधिकारिक नहीं बताया। प्रचार प्रमुख ने स्पष्ट किया था कि सूची अभी प्रदेश स्तर पर होल्ड पर है और जल्द जारी की जाएगी। फिर देर रात 12:30 बजे दोनों नगर व ग्रामीण पदाधिकारी सूची आधिकारिक रूप से जारी की गई।

महमंत्री पद की होड़: भाजपा नगर कार्यकारिणी में 15 दिग्गजों की चुनौती, किसका होगा दबदबा?

भोपाल   भाजपा की नगर कार्यकारिणी के महत्वपूर्ण पदों पर प्रदेश संगठन ही फैसला करेगा। महामंत्री के 3 पदों के लिए करीब 15 नेता कतार में हैं, समर्थकों के लिए बड़े नेता जोर आजमाइश कर रहे हैं। पदों पर नियुक्ति इस सप्ताह संभव है। अंतिम दौर की जोर आजमाइश चल रही है। पदों के लिए बड़े नेताओं से समर्थकों के नाम बंद लिफाफे में लिए गए थे। पिछले महीने अध्यक्ष को भोपालबुलाकर लिफाफे खोले गए। शहर अध्यक्ष सुमित मिश्रा को कार्यकारिणी को अंतिम रूप देकर लिस्ट भेजने के लिए कहा था। सबका जोर महामंत्री पद को लेकर नगर कार्यकारिणी में सबका जोर महामंत्री पद को लेकर है। 3 महामंत्री बनाए जाना हैं, जो अलग-अलग वर्ग के होंगे। सुमित मिश्रा भी रजामंदी से नियुक्ति के प्रयास में हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई है। विधायक महेंद्र हार्डिया समर्थक को यह पद जा सकता है। विधानसभा 2 से सुधीर कोल्हे का नाम है। चार नंबर से विधायक मालिनी गौड़ ने वीरेंद्र शेंडगे का नाम दिया है। महापौर ने भरत पारिख का नाम बढ़ाया तो सांसद ने विशाल का। राऊ से निलेश चौधरी का नाम भी है। अन्य नामों में हरप्रीत बख्शी, देवेश जाजोरिया, भूपेंद्र केसरी, माधुरी जायसवाल हैं। 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा मनाने की तैयारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस से लेकर गांधी जयंती तक प्रदेशभाजपा ‘सेवा पखवाड़ा’ मनाएगी। भाजपा कार्यालय पर आयोजनों को लेकर बैठक की गई। इसमें संभाग सहप्रभारी तेजबहादुर सिंह, नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, प्रताप करोसिया, सुदर्शन गुप्ता, प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे, प्रदेश मीडिया सहप्रभारी दीपक जैन आदि शामिल हुए। अध्यक्ष सुमित मिश्रा ने कहा, सेवा पखवाड़े के अंतर्गत पीएम मोदी के कार्यों को सेवा के माध्यम से जनता तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा।

अधिकारियों की नियुक्ति में अड़चन, अगले महीने भी तीन जिलों में फंसा निगम मंडल अध्यक्ष का मामला

भोपाल  भाजपा और कांग्रेस के लिए सितंबर का महीना नियुक्तियां लेकर आया है। दोनों दलों में कई स्तर पर एक के बाद एक नियुक्तियां होनी हैं। कांग्रेस ने जिला कार्यकारिणी से लेकर पंचायत और वार्ड स्तर तक नियुक्तियां करने के लिए 40 से 45 दिन की अवधि तय की है। इस पर काम भी शुरू कर दिया है तो भाजपा ने भोपाल ग्रामीण, बैतूल, सीधी, देवास, मऊगंज, सागर ग्रामीण व हरदा जैसे संगठनात्मक 7 जिलों की जिला कार्यकारिणी घोषित की थी। रविवार को मंडला, बालाघाट की कार्यकारिणी भी घोषित कर दी। अब जिले के अंदर की नियुक्तियां होंगी। अभी तक भाजपा विभिन्न स्तर पर नियुक्तियां करने में आगे है। जिन निगम-मंडलों, प्राधिकरणों में नियुक्तियों का ज्यादा इंतजार है, उनमें सबसे अंत में नियुक्तियां होंगी। यह अगले माह संभव है। कांग्रेस हाल ही में जिला किसान कांग्रेस के अध्यक्ष नियुक्ति कर चुकी है। दोनों ने इन पदों पर की नियुक्तियां भाजपा (MP BJP District President List) ने सबसे पहले जिला अध्यक्षों की नियुक्तियों का काम पूरा किया। लेकिन यह काम अलग-अलग चरणों में किया तो कांग्रेस ने एक साथ सभी जिलों के अध्यक्ष नियुक्त कर दिए। कांग्रेस ने कुछ जिलों में किसान कांग्रेस की जिला इकाइयों को भी मजबूत करना शुरू कर दिया है तो, भाजपा जिलों की कार्यकारिणी गठित करने का श्रीगणेश कर चुकी है। तीन जिलों में फंसा पेंच भाजपा ने जिला कार्यकारिणी की नियुक्तियों का श्रीगणेश तो किया, लेकिन अभी कई जिले बाकी हैं। सूत्रों के मुताबिक इसकी अलग-अलग वजह बताई जा रही है। ग्वालियर, इंदौर व सागर जैसे जिलों में जिला कार्यकारिणी को लेकर कई पेंच बताए जा रहे हैं। यहां पार्टी नेताओं के प्रभाव के चलते देरी होना बताया जा रहा है। कई और जिलों में इस तरह की स्थिति है। जिला कार्यकारिणी के अलावा जिलों के अंदर भी भाजपा में कई स्तर पर नियुक्तियां होनी है, जिसका खाका तैयार किया जा रहा है। उधर, भाजपा में प्रादेशिक स्तर पर की जाने वाली नियुक्तियों को लेकर एक दौर का मंथन पूरा हो चुका है, लेकिन यह अंतिम नहीं है। अभी अलग-अलग नामों पर विभिन्न स्तर पर मंथन होने बाकी हैं। कुछ नामों पर शीर्ष नेतृत्व से भी राय ली जा सकती है। उसके बाद इन नामों को हरी झंडी दी जाएगी। उसके पहले संभागीय स्तर पर नियुक्तियां शुरू होनी है। असंतुष्ट नेताओं को साधने पर फोकस है। कांग्रेस की 45 में से 12 प्रकोष्ठों पर ही नियुक्ति अभी जिला कार्यकारिणी की घोषणा शुरू नहीं हुई। हालांकि कवायद जारी है। इसके बाद ब्लॉक अध्यक्ष, मंडलम, पंचायत कमेटी और वार्ड कमेटियों में भी नियुक्तियां होनी हैं। कांग्रेस ने 45 प्रकोष्ठ में से करीब 12 में ही नियुक्तियां की है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस में बाकी नियुक्तियां काम के आधार पर की जानी है, इसके लिए कई दौर का मंथन होना है, जो अभी शुरू ही नहीं हुआ। यही हाल रहा तो भाजपा की तुलना में कांग्रेस पिछड़ सकती है।