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केन्द्र सरकार की अतिरिक्त सचिव पहुंची कांकेर, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों और मूक बधिर बच्चों से की बातचीत

रायपुर, भारत सरकार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव सुश्री कैरेलिन खोंगवार देशमुख आज आकांक्षी जिला कांकेर पहुंची। उन्होंने यहां शुरू किए गए मावा मोदोल कोचिंग संस्थान और सेंट्रल लाइब्रेरी का अवलोकन किया। तदुपरांत वे ग्राम कोदाभाट स्थित शासकीय श्रवण बाधितार्थ विशेष विद्यालय पहुंची जहां उन्होंने निःशक्त, मुक-बधिर बच्चों से बातचीत की। भारत सरकार की अतिरिक्त सचिव सुश्री देशमुख ने कांकेर की सेंट्रल लाइब्रेरी का अवलोकन किया और वहां आने वाले विद्यार्थियों से बातचीत की। कांकेर में स्थानीय युवाओं को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अनुकूल वातावरण एवं स्टडी मटेरियल उपलब्ध कराने के उद्देश्य को लेकर यह सेंट्रल लाइब्रेरी बनाई गई है। इस लाइब्रेरी में प्रतिदिन महाविद्यालयीन छात्र-छात्राएं विभिन्न विषयों पर आधारित पुस्तकों का अध्ययन करते हैं। अतिरिक्त सचिव ने राज्य सरकार की इस पहल की सराहना की। उन्होंने लाइब्रेरी के विजिटर्स रजिस्टर में अपने हस्ताक्षर भी किए। अतिरिक्त सचिव सुश्री देशमुख मावा मोदोल कोचिंग संस्थान भी गई। यहां उन्होंने  अध्ययन कक्ष में जाकर विद्यार्थियों से चर्चा की। सुदूर आदिवासी अंचल के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की बेहतर ढंग से तैयारी करने व कैरियर गाइडेंस देने के लिए इस कोचिंग संस्थान को शुरू किया गया है। कोचिंग संस्थान में कांकेर जिले के प्रतिभाशाली युवाओं को सीजी पीएससी, एसएससी, व्यापम सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जा रही है। अतिरिक्त सचिव सुश्री देशमुख ने इसकी भी सराहना की। उन्होंने कहा कि यूपीएससी, राज्य पीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए पढ़ने की सुविधा देना जिले की प्रतिभाओं को गढ़ने का अच्छा प्रयास है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कांकेर के विद्यार्थियों का न सिर्फ प्रदेश की लोक सेवाओं में चयन हो, बल्कि वे अपनी मेहनत और संस्थान के मार्गदर्शन में देश और विदेशों में भी सेवाओं के जरिए अपनी पहचान स्थापित करें। सुश्री देशमुख ने विभिन्न कक्षाओं में जाकर विद्यार्थियों से उनकी पढ़ाई एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से उनके भविष्य की रणनीति के बारे में जानकारी लेते हुए उन्हें अपनी शुभकामनाएं दीं।   अतिरिक्त सचिव ने मूक-बधिर विद्यार्थियों के बीच गुजारा समय कांकेर प्रवास के दौरान भारत सरकार की अतिरिक्त सचिव सुश्री देशमुख ग्राम कोदाभाट स्थित शासकीय श्रवण एवं दृष्टि बाधितार्थ विशेष विद्यालय भी पहुंचीं। यहां विशेष आवश्यकता वाले दिव्यांग विद्यार्थियों ने साइन लैंग्वेज से उनका स्वागत किया। इस दौरान दिव्यांग बच्चों ने स्वागत गीत गाया तथा खुद के द्वारा तैयार की गई पेंटिंग्स उन्हें भेंट की। यह विशेष विद्यालय 50 सीटर है। विद्यालय में बारहवीं तक की कक्षाएं संचालित हैं तथा कुल 45 छात्र अध्ययनरत हैं, जिनमें 33 श्रवण बाधित और 12 दृष्टिबाधित बच्चे सम्मिलित हैं। विशेष विद्यालय परिसर में सभी छात्रों के लिए निःशुल्क आवासीय एवं भोजन सुविधा उपलब्ध है। इस विद्यालय में निकट भविष्य में स्मार्ट क्लासेस शुरू करने की भी योजना है। अतिरिक्त सचिव सुश्री देशमुख ने यहां उपलब्ध साधनों एवं संसाधनों की सराहना करते हुए शिक्षा के साथ-साथ बच्चों की रूचि के अनुरूप विभिन्न विधाओं का प्रशिक्षण देने की बात भी कही, ताकि निः शक्त और दृष्टि तथा श्रवण बाधित बच्चे बड़े होकर आत्मनिर्भर बन सकें।

रेल नेटवर्क का विस्तार: केंद्र ने ₹24,634 करोड़ के प्रोजेक्ट्स को दी मंजूरी, 18 जिलों को मिलेगा फायदा

नई दिल्ली केंद्र सरकार ने भारतीय रेल के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुपरफास्ट ट्रैक पर लाने के लिए बड़ा कदम उठा लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) की बैठक में आज रेलवे मंत्रालय के चार बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है. इनकी कुल लागत 24,634 करोड़ रुपये है. महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ के 18 जिलों में 894 किलोमीटर नई रेल लाइनें बिछाई जाएंगी. इससे माल ढुलाई से लेकर पैसेंजर ट्रैफिक तक सब कुछ तेज़ और आसान होगा. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘आज रेलवे के चार अहम प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है. इनसे ना सिर्फ नई गाड़ियां चलेंगी बल्कि हर साल करोड़ों लीटर डीजल की बचत होगी.’ चार बड़े रेल प्रोजेक्ट जिन्हें मिली मंजूरी 1. वर्धा-भुसावल (तीसरी और चौथी लाइन) कुल लंबाई 314 किमी, लागत 9,197 करोड़ रुपये. इससे महाराष्ट्र के औद्योगिक इलाकों को तेज रेल कनेक्टिविटी मिलेगी और सालाना करीब 9 करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी. 2. गोंदिया-डोंगरगढ़ (चौथी लाइन) 84 किमी लंबा प्रोजेक्ट, लागत 4,600 करोड़ रुपये. यह लाइन महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के टूरिस्ट सर्किट से होकर गुजरेगी. साथ ही 4.6 करोड़ लीटर डीजल की सालाना बचत होगी. 3. वडोदरा-रतलाम (तीसरी और चौथी लाइन) 259 किमी लंबा प्रोजेक्ट, गुजरात और एमपी के बीच. लागत करीब 7,600 करोड़ रुपये और अनुमानित 7.6 करोड़ लीटर डीजल की बचत. 4. इटारसी-भोपाल-बिना (चौथी लाइन) 237 किमी की लाइन, लागत 3,237 करोड़ रुपये. हर साल 6.4 करोड़ लीटर डीजल की बचत और माल ढुलाई में तेजी. PM Gati Shakti योजना के तहत ‘रेलवे की नई रफ्तार’     ये सभी प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत लागू किए जा रहे हैं, जो मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस करती है. इससे देश की लॉजिस्टिक लागत घटेगी, तेल आयात में कमी आएगी और पर्यावरण पर बोझ भी घटेगा.     सरकार का दावा है कि इन प्रोजेक्ट्स से 28 करोड़ लीटर तेल की बचत और 139 करोड़ किलो CO₂ उत्सर्जन में कमी होगी – जो 6 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है.     इन चार प्रोजेक्ट्स से 3,600 से ज्यादा गांवों और करीब 85 लाख लोगों को डायरेक्ट रेल कनेक्टिविटी मिलेगी. विदिशा और राजनांदगांव जैसे आकांक्षी जिलों में विकास की रफ्तार बढ़ेगी.     रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, ‘नई लाइनें खुलने से रोजगार और स्वरोजगार के हज़ारों मौके बनेंगे. कोयला, सीमेंट, स्टील, अनाज जैसी वस्तुओं की ढुलाई आसान होगी. रेलवे का माल परिवहन सालाना 78 मिलियन टन बढ़ेगा.’ रेलवे में अब तक 1.5 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट मंजूर पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में सिर्फ रेलवे सेक्टर में अब तक डेढ़ लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी जा चुकी है. वहीं कुल मिलाकर देशभर में 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी मिल चुकी है. रेल मंत्री ने बताया कि इस साल दीपावली और छठ पर्व पर 12 हजार ट्रेनें चलाई जाएंगी, ताकि ट्रैफिक लोड संभाला जा सके. उन्होंने कहा, ‘ये सिर्फ इसलिए मुमकिन हुआ क्योंकि पिछले कुछ सालों में रेलवे की कैपेसिटी बिल्डिंग पर बड़े पैमाने पर काम हुआ है.’  

यात्रा होगी और सुगम: डोंगरगढ़-गोंदिया चौथी रेल मार्ग परियोजना को मिली स्वीकृति

रायपुर केंद्र सरकार की कैबिनेट ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के बीच डोंगरगढ़-गोंदिया रेलवे लाइन के चौथे ट्रैक के निर्माण को हरी झंडी दे दी है. रेलवे के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक 84 किलोमीटर लंबा नया रेल मार्ग 5 साल में पूरा किए जाने का टारगेट रखा गया है. इसके अलावा अन्य तीन रेल लाईन कुल 2,223 करोड़ के प्रोजक्ट की स्वीकृति मीली है. जिसमें भुसावल-वर्धा 314 किलोमीटर में 3rd और 4th लाईन, वडोदरा-रतलाम 259km में 3rd और 4th लाईन, इटारसी-बीना 4th लाईन 237km शामिल है. यह परियोजना पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान का हिस्सा है, जो पूर्वी, मध्य और पश्चिमी भारत के बीच यात्री तथा माल ढुलाई को मजबूत बनाएगी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यह प्रोजेक्ट न केवल ट्रैफिक जाम कम करेगा, बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा.

सड़क सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट सख्त : पैदल यात्रियों के लिए नया नियम? अब दायीं ओर चलना होगा ज़रूरी!

भोपाल सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) से पूछा है कि क्या भारत में भी विदेशों की तरह पैदल यात्रियों को सड़क की दायीं ओर चलने का नियम बनाया जा सकता है। अदालत ने दोनों पक्षों को 10 नवंबर तक सभी तथ्यों और आंकड़ों के साथ विस्तृत जवाब देने के निर्देश दिए हैं। यह मामला जबलपुर निवासी ज्ञान प्रकाश की याचिका पर उठाया गया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि भारत में पैदल यात्रियों को बायीं ओर चलने की सलाह दी जाती है, जिससे उनकी जान को खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि साल 2022 में हुए 50 हजार सड़क हादसों में से 18 हजार मौतें पैदल चलने वालों की थीं, यानी कुल मौतों का करीब 36 प्रतिशत हिस्सा। क्यों दायीं ओर चलना हो सकता है सुरक्षित… ज्ञान प्रकाश ने दलील दी कि अगर पैदल यात्री सड़क की दायीं ओर चलेंगे तो उन्हें सामने से आने वाले वाहन दिखेंगे, जिससे समय रहते वे खुद को बचा सकेंगे। उन्होंने कहा कि भारत में पैदल यात्रियों के लिए नियम ब्रिटिशकालीन परंपराओं और 1958 के विएना कन्वेंशन से प्रेरित हैं, जो अब मौजूदा ट्रैफिक परिस्थितियों के अनुकूल नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने यह भी याद दिलाया कि उसने 21 मई 2025 को ट्रैफिक नियंत्रण और सड़क अतिक्रमण हटाने के लिए निर्देश दिए थे, लेकिन उनका क्रियान्वयन अब तक नहीं हुआ है। अदालत ने केंद्र और NHAI से पूछा कि क्या भारत जैसे घनी आबादी वाले देश में “राइट वॉकिंग सिस्टम” लागू किया जा सकता है। विदेशों में क्या होता है? अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, रूस, चीन में लोग सड़क की दायीं ओर पैदल चलते हैं। जबकि ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया में पैदल यात्री बायीं ओर चलते हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि भारत में वाहनों के बायीं ओर चलने का नियम पैदल यात्रियों पर लागू करना गलत है। सड़क सुरक्षा पर बड़ा सवाल सड़क परिवहन मंत्रालय के 2023 के आंकड़ों के मुताबिक, टू-व्हीलर के बाद सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें पैदल यात्रियों की होती हैं। ऐसे में कोर्ट का यह सवाल सड़क सुरक्षा नीति में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। यदि केंद्र सरकार और NHAI की रिपोर्ट में यह व्यवस्था व्यावहारिक मानी जाती है, तो जल्द ही भारत में पैदल यात्रियों के चलने के नियम में 70 साल पुराना बदलाव देखने को मिल सकता है।

शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी राहत: बिहार को मिले 19 नए केंद्रीय विद्यालय

पटना बिहार में केंद्र सरकार ने 19 नए केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना को मंजूरी दे दी है जिससे राज्य के सभी 38 जिलों में केंद्रीय विद्यालय खुल जाएंगे। शिक्षा विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नए विद्यालयों की स्थापना के लिए स्थायी भवन के वास्ते भूमि उपलब्ध कराने के साथ-साथ निर्माण मद एवं फर्नीचर मद में आवश्यक धनराशि भी उपलब्ध कराई जाएगी।  इसके मुताबिक, शुरुआती संचालन के लिए अस्थायी भवन एवं स्थायी भवन के वास्ते भूमि चिह्नित कर ली गई है, जिससे इन विद्यालयों का संचालन सुगमता से हो सकेगा। अब तक मधुबनी, शेखपुरा, कैमूर, पूर्वी चंपारण और अरवल जिलों में केंद्रीय विद्यालय स्वीकृत नहीं थे। नए अनुमोदनों के बाद इन जिलों में भी केंद्रीय विद्यालय खुल जाएंगे। इसी के साथ प्रदेश के सभी 38 जिलों में केंद्रीय विद्यालय हो जाएंगे। बयान के अनुसार, राज्य में केंद्रीय विद्यालयों की कुल संख्या बढ़कर 72 हो जाएगी। अबतक 33 जिलों में कुल 53 केंद्रीय विद्यालय स्वीकृत थे। राज्य सरकार का मानना है कि इन विद्यालयों के खुलने से राज्य में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।

साढ़े सात लाख सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत, MP में मिलेगी केंद्र जैसी छुट्टियां

भोपाल  मध्य प्रदेश के साढ़े सात लाख शासकीय कर्मचारियों को अब केंद्र सरकार के अनुरूप अवकाश दिया जाएगा। इसके लिए मप्र सरकार ने 48 साल पुराने मप्र सिविल सेवा (अवकाश) नियम-1977 में बदलाव किया है। यह निर्णय मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया। कैबिनेट ने वित्त विभाग के मध्य प्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम-2025 के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इससे प्रदेश के करीब साढ़े सात लाख शासकीय अधिकारियों व कर्मचारियों को केंद्र सरकार के अनुरूप अवकाश की सुविधा मिलेगी। इसके तहत चिकित्सकों को पीजी योग्यता प्राप्त करने के लिए 36 माह का अध्ययन अवकाश मिलेगा। इससे सरकार पर कोई वित्तीय भार नहीं आएगा। अधिसूचना जारी होने के दिन से यह नियम लागू होंगे। अब शासकीय सेवक सरोगेट या कमीशनिंग मदर को प्रसूति अवकाश की पात्रता होगी। वहीं एकल (अकेले) पुरुष शासकीय सेवक को भी संतान पालन अवकाश मिलेगा। दत्तक संतान ग्रहण के लिए 15 दिन का पितृत्व अवकाश 15 मिलेगा। निलंबन काल में नहीं होगी अवकाश की पात्रता शासकीय सेवक के दिव्यांग अथवा गंभीर अस्वस्थ्य होने पर उनके परिवार के सदस्य आवेदन दे सकेंगे। निलंबन काल में अवकाश की पात्रता नहीं होगी। अवकाश दिवस पर काम करने वाले शैक्षणिक संवर्ग को एक वर्ष में 10 दिवस के अर्जित अवकाश की पात्रता होगी। सेवा के प्रारंभिक वर्ष में आवश्यकता होने पर अर्द्धवेतन अवकाश की सुविधा होगी। सेवानिवृत्ति के पूर्व अवकाश के प्रविधान और सेवानिवृत्ति की तिथि के बाद अवकाश के प्रविधान को भी विलोपित किया गया।

आयकर विधेयक पर केंद्र सरकार ने किया पलटाव, सुझावों के आधार पर लिया निर्णय

नई दिल्ली  सरकार ने आयकर विधेयक, 2025 को वापस लेने का निर्णय लिया है. बाद में लोकसभा में एक नया विधेयक पेश किया जाएगा जो आयकर अधिनियम, 1961 का स्थान लेगा. सरकार ने 13 फरवरी, 2025 को लोकसभा में आयकर विधेयक, 2025 पेश किया था और उसी दिन इसे जांच के लिए प्रवर समिति के पास भेज दिया गया था. प्रवर समिति ने 21 जुलाई, 2025 को अपनी रिपोर्ट लोकसभा में पेश कर दी है. प्रवर समिति द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार विधेयक में सुधार किया जाएगा. प्रवर समिति की लगभग सभी सिफारिशें सरकार ने स्वीकार कर ली हैं. अन्य स्रोतों से भी सुझाव मिले हुए हैं जिन्हें सही विधायी अर्थ देने के लिए शामिल किया जाना जरूरी है. प्रारूपण, वाक्यांशों के संरेखण, परिणामी परिवर्तनों और परस्पर संदर्भों में कुछ सुधार किए गए हैं. इसलिए, प्रवर समिति द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने आयकर विधेयक, 2025 को वापस लेने का निर्णय लिया है. इसके पहले बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्षी दलों के सदस्यों के शोर-शराबे के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रवर समिति की रिपोर्ट के अनुसार आयकर विधेयक, 2025 को वापस लेने की अनुमति मांगी. सदन की मंजूरी के बाद उन्होंने आयकर विधेयक वापस ले लिया. गौरतलब है कि विपक्षी दलों के सदस्यों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर शुक्रवार को भी लोकसभा में हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर तीन बजकर पांच मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई. दो बार के स्थगन के बाद दोपहर तीन बजे बैठक शुरू हुई तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रवर समिति की रिपोर्ट के अनुसार आयकर विधेयक, 2025 को वापस लेने की अनुमति मांगी और सभा की सहमति से सरकार ने विधेयक को वापस ले लिया.