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छत्तीसगढ़ में अपराध की नई पटकथा लिख रही कांग्रेस ? NSUI शहर अध्यक्ष समेत 5 गिरफ्तार, उपमुख्यमंत्री ने उठाया सवाल

जांजगीर-चांपा छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में पुलिस ने 5 लोगों को डकैती के प्रयास मामले में गिरफ्तार किया. आरोपियों में एनएसयूआई का शहर अध्यक्ष जितेंद्र दिनकर भी शामिल है. इनके पास से एक पिस्टल और पांच कारतूस बरामद किया गया है. इस मामले पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि जांजगीर ही नहीं, जहां भी अपराध हुए हैं, कांग्रेस की संलिप्तता मिली है. उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि एक विधायक का रेत माफिया से वसूली का ऑडियो वायरल हुआ. एक विधायक बलौदाबाजार आगजनी कांड में सहभागी रहे. एक विधायक शराब घोटाला मामले में जेल में बंद हैं. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अपराध की पटकथा लिख रही है. क्या है पूरा मामला ? दरअसल, घटना 5 अक्टूबर की रात करीब 2 बजे की है. पेंड्री रोड के श्याम सुपर मार्किट निवासी राहुल अग्रवाल ने रविवार रात दूकान का शटर तोड़ने की आवाज सुनी. वह अपने पिता के साथ बाहर आने पर देखा की तीन नकाबपोश युवक शटर तोड़ने की कोशिश कर रहे थे. शोर मचाने पर वह तीनों भागने की कोशिश करने लगे. इसकी सूचना पुलिस को दी गई. सूचना मिलने पर पुलिस पेट्रोलिंग पार्टी गश्त पर निकली. कुछ दूर पर ही पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपियों को दबोच लिया. तलाशी लेने पर उनके पास से पिस्टल और पांच जिन्दा कारतूस, दो लोहे के सब्बल और बाइक बरामद किया गया. जांजगीर नगर पुलिस अक्षीक्षक योगिता खापर्डे ने बताया कि पुलिस ने मनीष कुमार बनवा, चैतन्य दिनकर, हितेश दिनकर, जितेंद्र दिनकर और तरुण सूर्यबंशी को गिरफ्तार किया है. पुलिस के हत्थे चढ़े जितेंद्र दिनकर जांजगीर एनएसयूआई नगर अध्यक्ष है. पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि जितेंद्र दिनकर से पिस्टल की खरीदी की है और कारतूस भी उपलब्ध कराया है. इस मामले मे धारा 331(4), 305(a), 310(4), 3(5), 312, 296, 351 BNS आर्म्स एक्ट 25 के तहत कार्रवाई की है और न्यायिक हिरासत मे भेज दिया है.

मुख्यमंत्री साय छत्तीसगढ़ माइनिंग कॉन्क्लेव 2025 में हुए शामिल

आईएसएम धनबाद और छत्तीसगढ़ भौमिकी एवं खनन संचालनालय के मध्य क्रिटिकल मिनरल के अन्वेषण हेतु हुआ एमओयू कोल इंडिया और छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के मध्य महत्वपूर्ण समझौता 5 माइनिंग ब्लॉकों की एनआईटी जारी और 9 खदानों को दिए गए प्रिफर्ड बिडर आदेश पर्यावरण प्रबंधन और सुरक्षा मानकों के साथ बेहतर कार्य करने वाले 43 खदानों को मिले स्टार अवॉर्ड रायपुर छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध राज्य है। यहां लौह अयस्क, कोयला, बॉक्साइट, सोना, हीरा और कॉपर जैसे बहुमूल्य खनिज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। हाल की खोजों से राज्य क्रिटिकल और दुर्लभ खनिजों के क्षेत्र में और सशक्त हुआ है। मुख्यमंत्री  साय ने आज नवा रायपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ माइनिंग कॉन्क्लेव 2025 को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस दौरान मुख्यमंत्री की उपस्थिति में आईएसएम धनबाद और छत्तीसगढ़ भौमिकी एवं खनन संचालनालय, तथा कोल इंडिया और छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के मध्य महत्वपूर्ण एमओयू हस्ताक्षरित हुए। साथ ही 5 माइनिंग ब्लॉकों की एनआईटी जारी की गई और 9 खदानों को प्रिफर्ड बिडर आदेश प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री  साय ने खनिज ऑनलाइन 2.0, डीएमएफ पोर्टल तथा रेत खदानों की ऑनलाइन नीलामी के लिए रिवर्स ऑक्शन पोर्टल का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि खनिजों का विवेकपूर्ण उपयोग और उद्योगों का संतुलित विकास देश की प्रगति के लिए आवश्यक है। छत्तीसगढ़ में खनन और नए उद्योगों की अपार संभावनाओं को देखते हुए पारदर्शी खनन नीति, ई-नीलामी और डिजिटल निगरानी की व्यवस्था ने इस क्षेत्र को नई दिशा दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष डीएमएफ से 1,673 करोड़ रुपये का अंशदान प्राप्त हुआ, जिससे 9,362 विकास कार्य स्वीकृत किए गए। वर्ष 2024-25 में राज्य को 14,195 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड राजस्व प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जिसने लिथियम ब्लॉक की नीलामी की है। अब तक 60 खनिज ब्लॉकों की नीलामी पूरी हो चुकी है और पाँच नए ब्लॉकों की निविदा आज जारी की गई है। यह पारदर्शी प्रक्रिया राज्य के आर्थिक विकास में मील का पत्थर सिद्ध होगी। मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के तहत जिला खनिज न्यास नियम-2025 लागू किए गए हैं। डीएमएफ पोर्टल 2.0 से निगरानी और प्रबंधन की प्रक्रिया को सशक्त किया गया है, जिसके लिए भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ को सम्मानित भी किया है। उन्होंने कहा कि नई रेत नीति-2025 से पारदर्शिता बढ़ी है और जल्द ही 200 से अधिक रेत खदानों की ई-नीलामी की जाएगी। सतत खनन के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज क्रिटिकल मिनरल्स के लिए माइनिंग कॉर्पोरेशन और कोल इंडिया लिमिटेड के मध्य एमओयू हुआ है। वहीं क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने हेतु आईआईटी रुड़की और आईएसएम धनबाद के साथ भी एमओयू साइन किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक और सतत खनन के माध्यम से छत्तीसगढ़ विकास और पारदर्शिता की नई कहानी लिख रहा है। छत्तीसगढ़ निश्चित ही प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा। छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष  सौरभ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री  साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार माइनिंग क्षेत्र में उल्लेखनीय और नवाचारी कार्य कर रही है। खनन से राजस्व और रोजगार दोनों बढ़े हैं तथा सरकार युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देकर कुशल मानव संसाधन तैयार कर रही है। राज्य में अब टिन से निकलने वाले स्लज से दो नए तत्वों का उत्पादन शुरू हुआ है। साथ ही क्रिटिकल ओअर रिसाइक्लिंग और ई-वेस्ट मैनेजमेंट पर भी कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 28 प्रकार के खनिजों का खनन होता है, जिनमें टिन, बॉक्साइट, कोयला, लाइमस्टोन और आयरन ओर प्रमुख हैं।  मुख्य सचिव  विकासशील ने कहा कि नौ वर्ष बाद माइनिंग कॉन्क्लेव का पुनः आयोजन सराहनीय है। उन्होंने कहा कि स्टेकहोल्डर्स के सुझावों को नीति निर्माण में शामिल करना और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को सशक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता है। खनिज क्षेत्र प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत 2047 और मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय के विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को साकार करने में अहम भूमिका निभाएगा। मुख्य सचिव ने पारदर्शिता, तकनीकी उपयोग, जल संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा, सौर ऊर्जा और ई-वेस्ट रिसाइक्लिंग को भविष्य की आवश्यकता बताया। उन्होंने राज्य की नई उद्योग नीति की सराहना करते हुए कहा कि इससे बड़ी संख्या में रोजगार सृजित होंगे। खनिज विभाग के सचिव  पी. दयानंद ने छत्तीसगढ़ माइनिंग कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए प्रदेश में खनिज उपलब्धता, नीलामी की पारदर्शी व्यवस्था, उत्खनन में नवीन तकनीकों के उपयोग, विभाग की उपलब्धियों और गतिविधियों पर विस्तार से जानकारी दी। संचालक भौमिकी एवं खनिज साधन  रजत बंसल ने भी अपने विचार साझा किए। प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना की गाइडलाइन और डीएमएफ पोर्टल 2.0 का विमोचन छत्तीसगढ़ माइनिंग कॉन्क्लेव 2025 में मुख्यमंत्री  साय ने खनिज न्यास निधि का प्रभावित क्षेत्रों में उपयोग, कुशल प्रबंधन, पारदर्शिता, सुशासन, प्रभावी संचालन एवं निगरानी को और सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से डीएमएफ पोर्टल 2.0 का विमोचन किया। इस पोर्टल में प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY) की गाइडलाइनों के अनुरूप और छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम, 2015 (संशोधित 2025) में किए गए संशोधनों को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने खनिज ऑनलाइन पोर्टल 2.0 का किया शुभारंभ खनिज विभाग ने खनिज ऑनलाइन पोर्टल 1.0 का उन्नयन कर 2.0 संस्करण तैयार किया, जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री  साय ने किया। यह पोर्टल खनन प्रबंधन यात्रा में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध होगा। यह केवल तकनीकी उन्नयन नहीं, बल्कि राज्य की पारदर्शिता, जिम्मेदारी और विकास के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है। खनिज ऑनलाइन 2.0 छत्तीसगढ़ के खनन प्रबंधन को देश भर में एक मॉडल सिस्टम के रूप में स्थापित करेगा और आने वाले वर्षों में राज्य की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री ने एमएसटीसी द्वारा निर्मित रेत खदानों के रिवर्स ऑक्शन पोर्टल का किया शुभारंभ राज्य सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की अवधारणा को साकार करते हुए रेत खदानों की पारदर्शी और निष्पक्ष नीलामी के लिए भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रम एमएसटीसी के साथ एमओयू किया है। मुख्यमंत्री  साय ने आज एमएसटीसी द्वारा निर्मित रिवर्स ऑक्शन पोर्टल का शुभारंभ किया। इस पहल से रेत खदानों का आबंटन तेज … Read more

मुख्यमंत्री साय बोले – छत्तीसगढ़ की धरती सदा से रही है साहित्य और संस्कृति की धरा

प्रभु श्रीराम के ननिहाल और माता शबरी की पावन भूमि पर हुआ राज्य स्तरीय युवा कवि सम्मेलन का आयोजन रायपुर छत्तीसगढ़ की साहित्यिक, सांस्कृतिक और कलात्मक परंपराओं को नई ऊर्जा देने के उद्देश्य से विगत रात्रि आयोजित राज्य स्तरीय युवा कवि सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रभु श्रीराम के ननिहाल और माता शबरी की पावन भूमि को नमन करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती सदा से साहित्य और संस्कृति की धरा रही है। मुख्यमंत्री साय ने अपने उद्बोधन में कहा कि महाकवि कालिदास ने इसी धरती पर मेघदूत जैसे अमर काव्य की रचना की, वहीं गजानन माधव मुक्तिबोध और पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जैसे यशस्वी साहित्यकारों ने इसी मिट्टी से अपनी पहचान बनाई। उन्होंने अपने पूर्व संसदीय क्षेत्र रायगढ़ के सुप्रसिद्ध संगीत सम्राट राजा चक्रधर सिंह को भी श्रद्धापूर्वक स्मरण किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग तथा खेल एवं युवा कल्याण विभाग का यह अभिनव प्रयास प्रदेश की कला, साहित्य और रचनात्मक प्रतिभाओं को मंच प्रदान कर उन्हें प्रोत्साहन देने का उत्कृष्ट माध्यम है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार युवा साहित्यकारों, रचनाकारों और कलाकारों को निरंतर आगे बढ़ने के अवसर प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री साय ने संभाग स्तरीय प्रतियोगिताओं से चयनित तीनों विजेताओं को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि इस मंच के माध्यम से युवा कवियों को देश के ख्यातिलब्ध कवियों से मार्गदर्शन प्राप्त होगा, जिससे उनके रचनात्मक विकास को नई दिशा मिलेगी। छत्तीसगढ़ की संस्कृति गीत, नृत्य और भावनाओं का जीवंत संगम है : उपमुख्यमंत्री अरुण साव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री एवं खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि यह सम्मेलन केवल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि युवा कवियों के लिए सीखने और सृजन की प्रेरणा का अवसर है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति आरंभ से ही समृद्ध रही है — यहाँ मनुष्य के जीवन से लेकर मृत्यु तक हर अवसर पर गीत गाए जाते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब खेतों में बुआई का समय आता है, तो पूरे वातावरण में ददरिया की मधुर ध्वनि गूंजती है। यहाँ विविध वाद्य, गीत, नृत्य और लोककलाओं की अनूठी परंपरा रही है। श्री साव ने कहा कि यह प्रदेश संतों, महात्माओं और कवियों की कर्मभूमि रहा है, जहाँ से समाज को सदैव नई दिशा मिली है। उन्होंने प्रदेशभर से आए युवा कवियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का आह्वान किया। प्रख्यात कवियों का मनमोहक काव्यपाठ सम्मेलन में देश के प्रतिष्ठित कवि शशिकांत यादव, दिनेश बावरा, नीलोत्पल मृणाल, कविता तिवारी और मनु वैशाली ने अपनी ओजपूर्ण एवं भावनात्मक कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। प्रदेश की प्रतिभाओं को मिला सम्मान राज्य स्तरीय युवा कवि प्रतियोगिता में बिलासपुर जिले की निधि तिवारी ने प्रथम स्थान, मीरा मृदु ने द्वितीय स्थान तथा कोरिया जिले की अलीशा शेख ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। मुख्यमंत्री साय ने सभी विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री टंक राम वर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, कौशल विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री राजेश अग्रवाल, विधायक मोतीलाल साहू, छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष विश्व विजय सिंह तोमर सहित विभिन्न आयोग एवं मण्डल के अध्यक्ष, जनप्रतिनिधि, साहित्यकार, कवि एवं बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित थे।

मौसम अलर्ट: छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में बिजली गिरने की संभावना, बारिश में होगी कमी

रायपुर छत्तीसगढ़ में आने वाले दिनों में बारिश में कमी आने की संभावना जताई गई है। रायपुर और आसपास के क्षेत्रों में आंशिक रूप से हल्की से मध्यम बारिश के साथ गरज-चमक की संभावना है। इस दौरान अधिकतम तापमान लगभग 32° और न्यूनतम 24° डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। पिछले 24 घंटों में प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई, जबकि कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई। हालांकि अब पश्चिमी झारखंड व दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश में सक्रिय कम दबाव क्षेत्र धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र ने चेताया है कि वर्षा के दौरान बिजली गिरने और जल जमाव की संभावना बनी हुई है। नागरिकों और प्रशासनिक अधिकारियों को सतर्क रहने की अपील की गई है। रायपुर में पांच अक्टूबर को मौसम सामान्यतः मेघमय रहेगा। हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक की संभावना है। हालांकि पिछले दिनों की अपेक्षा तापमान में सामान्य से हल्का अंतर देखा गया। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार बारिश की कमी और दबाव क्षेत्र की स्थिति के कारण अगले दिन हल्की बारिश की संभावना है। शहरवासियों को बिजली गिरने और जल जमाव से सतर्क रहने की जरूरत है। छत्तीसगढ़ के अन्य जिलो में तापमान बिलासपुर में अधिकतम तापमान 30.6° और न्यूनतम 24.8°, अंबिकापुर में 28° और 22.5°, जगदलपुर में 30.2° और 22.5° डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। पेंड्रारोड और दुर्ग में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है। चेतावनी और सावधानियां मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि बारिश के दौरान बिजली गिरने और स्थानीय जल जमाव की संभावना बनी हुई है। प्रशासन और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। कम दबाव क्षेत्र की स्थिति के कारण आंशिक बारिश और गरज-चमक का दौर जारी रहेगा। आगामी दिनों में मौसम में स्थिरता आएगी और बारिश की तीव्रता धीरे-धीरे कम होगी। फिर भी कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। नागरिकों से सड़क, नाले और जल जमाव वाले क्षेत्रों में सावधानी बरतने की अपील की गई है।

75 दिनों तक चलने वाला बस्तर दशहरा मेला में शामिल हुए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह

मोदी जी की ओर से यह भरोसा दिलाना चाहता हूँ कि 31 मार्च 2026 के बाद नक्सलवादी बस्तर के विकास और यहाँ के लोगों के अधिकार को नहीं रोक पाएँगे केन्द्र और छत्तीसगढ़ सरकार बस्तर और समस्त नक्सल क्षेत्र के विकास के लिए समर्पित हैं बस्तर का दशहरा, बस्तर ओलंपिक, यहाँ का खानपान, वेशभूषा, कला और वाद्य यंत्र न केवल बस्तर बल्कि पूरी दुनिया में आकर्षण का केन्द्र बने हैं बस्तर दशहरा और मुरिया दरबार आदिवासियों को जोड़ने का कार्य करते हैं और पूरे बस्तर को एक सूत्र में पिरोते हैं 14वीं शताब्दी से शुरू हुई माँ दंतेश्वरी की रथ यात्रा ने पूरे बस्तर क्षेत्र में सांस्कृतिक जागृति की शुरुआत की अगर 140 करोड़ लोग स्वदेशी के संकल्प को आत्मसात करें तो हमारे भारत को दुनिया की सर्वोच्च आर्थिक व्यवस्था बनने से कोई नहीं रोक सकता रायपुर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री  अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में आयोजित बस्तर दशहरा महोत्सव को संबोधित किया। इससे पहले  अमित शाह ने प्रसिद्ध दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन और पूजन किया। बस्तर दशहरा महोत्सवअवसर में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री डॉ. विजय शर्मा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री  अमित शाह ने कहा कि 75 दिनों तक चलने वाला विश्व का सबसे बड़ा और अनूठा बस्तर दशहरा मेला न केवल आदिवासी समाज, बस्तर, छत्तीसगढ़ या भारत बल्कि पूरे विश्व में सबसे बाद सांस्कृतिक महोत्सव है।  शाह ने कहा कि आज माँ दंतेश्वरी के दर्शन-पूजन के दौरान उन्होंने प्रार्थना की कि वे हमारे सुरक्षा बलों को शक्ति दें ताकि वे 31 मार्च 2026 तक बस्तर क्षेत्र को लाल आतंक से मुक्त कर सकें।  शाह ने कहा कि दिल्ली में कुछ लोग वर्षों तक यह भ्रांति फैलाते रहे कि नक्सलवाद का जन्म विकास की लड़ाई है, जबकि सच यह है कि बस्तर के विकास से वंचित रहने का मूल कारण नक्सलवाद ही है। उन्होंने कहा कि आज देश के हर गाँव में बिजली, पेयजल, सड़क, हर घर में शौचालय, पाँच लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा और पाँच किलो मुफ्त अनाज के साथ-साथ चावल को 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदने की व्यवस्था पहुँच चुकी है, लेकिन बस्तर प्रगति की इस दौड़ में पीछे रह गया है। गृह मंत्री ने कहा कि वे प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी की ओर से यह आश्वासन देना चाहते हैं कि 31 मार्च, 2026 के बाद नक्सलवादी न तो बस्तर के विकास और न ही बस्तर के लोगों के अधिकारों को रोक पाएंगे।  शाह ने कहा कि बस्तर क्षेत्र के जो बच्चे भटक कर नक्सलवाद से जुड़ गए हैं, वे स्थानीय गांवों के ही हैं।  शाह ने बस्तर के लोगों से अपील की कि वे भटके हुए इन बच्चों को हथियार छोड़ कर मुख्यधारा में शामिल होने की बात समझाएं, ताकि वे बस्तर के विकास में सहभागी बनें। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन ने देश की सबसे बेहतर सरेंडर नीति बनाई है। पिछले एक महीने में ही 500 से अधिक लोग सरेंडर कर चुके हैं। उन्होंने नक्सलियों से अपील की कि वे सरेंडर कर दें।  शाह ने कहा कि जिस गाँव में नक्सलवाद पूरी तरह खत्म हो जाएगा, वहाँ छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गाँव के विकास के लिए 1 करोड़ रुपए दिए जाएँगे।  शाह ने कहा कि नक्सलवाद से किसी का भला नहीं हुआ है और यह समस्या अब काफी हद तक कम हो चुकी है।  अमित शाह ने कहा कि कि केन्द्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार बस्तर सहित सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए पूर्णतः समर्पित हैं और इसके लिए आकर्षक नीतियाँ बनाई गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी ने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए पिछले 10 वर्षों में लगभग 4 लाख 40 हजार करोड़ रुपए की धनराशि प्रदान की है। छत्तीसगढ़ का विकास दिन-दूनी,रात-चौगुनी गति से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योग स्थापित हो रहे हैं, शिक्षा के संस्थान बन रहे हैं, और स्वास्थ्य संस्थानों का विकास हो रहा है। साथ ही हमारे लघु उद्योगों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमने बहुत मोहक आत्मसमर्पण नीति बनाई है। उन्होंने नक्सलियों से अपील की कि वे हथियार डाल दें।  शाह ने साथ ही  चेताया भी कि यदि हथियारों के जरिए बस्तर की शांति को भंग करने का प्रयास किया गया, तो हमारे सशस्त्र बल, सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस मिलकर इसका करारा जवाब देंगी। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2026 की तिथि तय है, जब नक्सलवाद को इस देश से पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा।  अमित शाह ने कहा कि इस बार बस्तर ओलंपिक में देशभर के आदिवासी भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि बस्तर का पंडुम उत्सव, खान-पान, वेश-भूषा, कला, और वाद्य यंत्र न केवल बस्तर में, बल्कि पूरे विश्व में आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी का यही संकल्प है कि हमारी संस्कृति, भाषा, खान-पान, वेश-भूषा और वाद्य यंत्र सदियों तक न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के लिए संरक्षित रहें। इस संकल्प को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार और भारत सरकार कटिबद्ध हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बस्तर में 1874 से आज तक मुरिया दरबार में सक्रिय भागीदारी, न्यायिक व्यवस्था, आदिवासी संस्कृति को संरक्षित करने का चिंतन और जनसंवाद की ऐतिहासिक परंपरा किसी वैश्विक धरोहर से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि मुरिया दरबार पूरे देश के लिए प्रेरणा और जानकारी का विषय है।  अमित शाह ने स्वदेशी जागरण मंच द्वारा आयोजित स्वदेशी मेला का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी ने लंबे समय से स्वदेशी पर जोर दिया है। स्वदेशी जागरण मंच कई वर्षों से स्वदेशी को जन-आंदोलन के रूप मेंचला रहा है। अब मोदी जी ने सभी से आह्वान किया है कि प्रत्येक घर को यह संकल्प लेना है कि हम केवल अपने देश में बनी वस्तुओं का उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यापारी को यह संकल्प लेना है कि उनकी दुकान या शॉपिंग मॉल में विदेशी वस्तुएँ उपलब्ध नहीं होंगी।  शाह ने कहा कि यदि 140 करोड़ की आबादी स्वदेशी के इस संकल्प को आत्मसात कर ले, तो भारत को विश्व की सर्वोच्च आर्थिक शक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा … Read more

छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा हुई सुलभ, छात्रों के सपनों को मिली उड़ान

रायपुर छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जहाँ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार में शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन और विकास का सबसे बड़ा माध्यम माना जाने लगा है। शिक्षा ही वह शक्ति है जो किसी भी व्यक्ति, समाज और राज्य को नई दिशा देती है। लेकिन उच्च शिक्षा तक पहुँचना हमेशा से गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए एक चुनौती रहा है। आर्थिक तंगी के कारण कई मेधावी छात्र अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इस समस्या को गहराई से समझा और समाधान के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया — मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना। इस योजना ने हजारों छात्रों के लिए उच्च शिक्षा की राह को आसान बना दिया है। अब छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के लिए लिए गए शिक्षा ऋण पर ब्याज की चिंता नहीं करनी पड़ती, क्योंकि सरकार वह बोझ अपने ऊपर ले रही है। मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना की पृष्ठभूमि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद प्रभावित और पिछड़े क्षेत्रों के छात्र अक्सर आर्थिक कठिनाइयों के कारण तकनीकी व व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते थे। उच्च शिक्षा तक पहुँचने में सबसे बड़ी रुकावट महँगी फीस और शिक्षा ऋण का बोझ था। इसी समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने यह योजना शुरू की।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का मानना है कि “शिक्षा में निवेश ही सबसे बड़ा निवेश है, क्योंकि शिक्षित युवा ही राज्य और राष्ट्र का भविष्य गढ़ते हैं।” इसी सोच के तहत यह योजना लागू की गई। इस योजना के अंतर्गत अधिकतम 4 लाख रुपए तक का शिक्षा ऋण ब्याज मुक्त उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना का लाभ लेने के लिए छात्र के परिवार की वार्षिक आय 2 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, जशपुर आदि नक्सल प्रभावित जिलों के छात्रों को पूर्णत: ब्याज मुक्त ऋण मिलता है।अन्य जिलों के छात्रों को केवल 1% ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। शेष ब्याज सरकार वहन करती है।बैंक द्वारा लगाए जाने वाले ब्याज की पूरी या आंशिक राशि सरकार देती है।इससे छात्रों पर सिर्फ मूलधन  चुकाने की ही बाध्यता रहती है। इस योजना में 35 तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रम शामिल हैं। इनमें डिप्लोमा, स्नातक (ग्रेजुएशन), स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएशन) और पेशेवर कोर्स सम्मिलित हैं।योजना के लिए पात्र छात्रों का छत्तीसगढ़ का निवासी होना आवश्यक है। उसकी वार्षिक पारिवारिक आय 2 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। छात्र को किसी मान्यता प्राप्त संस्थान में प्रवेश लेना अनिवार्य है। इस योजना के लिए राज्य के किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक / सहकारी बैंक में शिक्षा ऋण के लिए आवेदन किया जा सकता है। आवेदन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज़ (निवासी प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, प्रवेश पत्र, अंकसूची, आधार कार्ड आदि) जमा करना होता है। बैंक से ऋण स्वीकृत होने के बाद छात्र को योजना का लाभ पाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग या जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आवेदन करना होता है। योजना के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का योगदान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस योजना को बहुत ही कुशलता से धरातल पर उताराने का काम किया है। उनके नेतृत्व में इस योजना का विस्तार इस तरह से किया गया, जिससे नक्सल प्रभावित जिलों के छात्रों को विशेष लाभ मिला।इस योजना में ऑनलाइन प्रक्रिया को सरल बनाया गया ताकि छात्रों को बार-बार कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें।बजट में बढ़ोतरी करते हुए उच्च शिक्षा विभाग के बजट में इस योजना के लिए पर्याप्त प्रावधान किया गया। इस योजना के लिए एक निगरानी तंत्र बनाया गया है जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि बैंक समय पर छात्रों को ऋण दें और ब्याज अनुदान में देरी न हो। योजना के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव छत्तीसगढ़ के मुखिया के नेतृत्व में मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना से गरीब और पिछड़े वर्ग के छात्र उच्च शिक्षा तक पहुँच पा रहे हैं।नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी इस योजना के पहुँचने से काफ़ी उम्मीद बढ़ी है इससे शिक्षा से जुड़ने वाले युवाओं की संख्या बढ़ी है, जिससे नक्सलवाद से लड़ाई को नई ताक़त मिल रही है। तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा लेकर युवा नौकरी और स्वरोज़गार में आगे बढ़ रहे हैं और परिवारों पर ब्याज का बोझ घटने से वे बच्चों की शिक्षा के लिए और अधिक उत्साहित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की भावी योजनाएँ छत्तीसगढ़ सरकार इस योजना को और व्यापक बनाने की तैयारी में है। इस योजना में मिलने वाले ऋण सीमा को 4 लाख रुपए से बढ़ाकर 7 लाख रुपए तक करने पर विचार किया जा रहा है। इस योजना में नॉन-प्रोफेशनल कोर्स (जैसे BA, B.Sc, B.Com) को भी शामिल करने की योजना बनाई जा रही है। डिजिटल पोर्टल पर पूरी तरह से ऑनलाइन आवेदन और स्वीकृति की सुविधा बनाई जा रही है। छात्रवृत्ति और ऋण अनुदान को जोड़कर “डबल बेनिफिट स्कीम” बनाने पर विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना छत्तीसगढ़ के युवाओं के सपनों को पंख देने वाली योजना है। यह न केवल छात्रों की आर्थिक समस्याएँ हल कर रही है बल्कि राज्य को ज्ञान और कौशल की शक्ति से सशक्त भी बना रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का यह कदम शिक्षा को लोकतांत्रिक और सुलभ बनाने की दिशा में ऐतिहासिक है। आज जब कोई भी छात्र यह महसूस करता है कि उसकी पढ़ाई सिर्फ पैसे की वजह से अधूरी नहीं रहेगी, तो यह योजना अपने उद्देश्य में सफल मानी जाती है।

जेल विभाग में छत्तीसगढ़ स्थापना रजत महोत्सव का शुभारंभ

रक्तदान शिविर का हुआ आयोजन डीजी जेल हिमांशु गुप्ता ने स्वयं किया रक्तदान रायपुर, राज्य शासन के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ स्थापना की रजत जयंती के उपलक्ष्य में जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं विभाग द्वारा 3 अक्टूबर से 10 अक्टूबर 2025 तक रजत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस महोत्सव का शुभारंभ आज केन्द्रीय जेल रायपुर में रक्तदान शिविर के साथ हुआ। शिविर का शुभारंभ करते हुए डीजी जेल श्री हिमांशु गुप्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की प्रगति में जेल विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि रक्तदान महादान है और प्रत्येक स्वस्थ्य व्यक्ति को वर्ष में कम से कम एक बार स्वेच्छा से रक्तदान करना चाहिए। इस अवसर पर जेल विभाग के महानिदेशक श्री गुप्ता, केंद्रीय जेल रायपुर के जेल अधीक्षक श्री योगेश सिंह क्षत्री सहित कुल 28 व्यक्तियों ने रक्तदान किया। इनमें 22 जेलकर्मी तथा 4 छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के जवान शामिल रहे। रजत महोत्सव के अंतर्गत राज्य की सभी पाँच केंद्रीय जेलों—रायपुर, दुर्ग, जगदलपुर, बिलासपुर और अंबिकापुर में जेल में बंदियों द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। यहाँ आम नागरिक किफायती दरों पर उत्पाद खरीद सकेंगे। इसके अतिरिक्त रजत महोत्सव सप्ताह के दौरान प्रदेश की सभी 33 जेलों में रक्तदान शिविरों के साथ-साथ बंदियों के लिए विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

देवभोग के 36 गांव बारिश की मार से अलग-थलग, बाढ़ और फसल संकट से तनाव बढ़ा

रायपुर छत्तीसगढ़ के अधिकतर हिस्सों में झमाझम बारिश का सिलसिला जारी है. मौसम विभाग ने अगले दो दिन तक ऐसा ही मौसम रहने की संभावना जताई है. बीते कुछ दिनों से हो रही बारिश से कई इलाकों में नदी-नाले फिर से उफान पर आ गए हैं. कहीं 36 गांवों का ब्लॉक मुख्यालय से संपर्क टूट गया है, तो कहीं बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. इधर फसलों को लेकर किसानों की भी टेंशन बढ़ गई है. 36 गांव का टूटा ब्लॉक मुख्यालय से संपर्क, बाढ़ जैसे हालत गरियाबंद जिले में मानसूनी गतिविधि का असर देखने को मिला है. लगातार हो रही बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं. बेलाट नाले का जल स्तर बढ़ गया है. इसके कारण देवभोग के झाखरपारा क्षेत्र के 36 गांव का सम्पर्क ब्लॉक मुख्यालय से टूट गया है. इसके अलावा तहसील मुख्यालय अमलीपदर का सुख तेल नदी में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. वहीं देर रात बिजली के पोल टूटने से 100 गांव में ब्लेक आउट की स्थिति निर्मित हो गई. तहसीलदार देवभोग अजय चंद्रवंशी ने बताया कि जिले में गुरुवार को 7 तहसीलों में 471 मिमी बारिश हो गई. आज दूसरे दिन भी बारिश जारी है. सबसे ज्यादा अमलीपदर तहसील में 101 मिमी बारिश दर्ज हुई है. बारिश के बार नदी नाला में निर्मित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रशासन एलर्ट मोड पर है. देवभोग के बेलाट नाला पर तहसीलदार अमले के साथ पहुंच रस्सी से बेरिकेटिंग कर दिया है, ताकि कोई आवाजाही न कर सके. बलरामपुर और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में भी हो रही बारिश प्रदेश के बलरामपुर और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में भी तेज बारिश हो रही है. अगले दो दिन बारिश होने की संभावना जताई गई है. ऐसे में किसान की अपनी फसलों को लेकर चिंता बढ़ गई है.

छत्तीसगढ़ नंबर-1 ऑनलाइन सट्टे में, सियासी आरोप-प्रत्यारोप तेज

रायपुर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) ने रिपोर्ट-2023 पेश किया है, जिसमें खुलासा हुआ है कि छत्तीसगढ़ ऑनलाइन जुआ-सट्टा मामले में देश में पहले स्थान पर है. प्रदेश में कुल 52 मामले में एफआईआर दर्ज की गई है. आंकड़े सामने आने के बाद सियासत शुरू हो गई है. भाजपा नेता केदार गुप्ता ने इसका ठीकरा पिछली सरकार पर फोड़ा. वहीं इस बयान पर कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने भी पलटवार किया है. भूपेश सरकार में जमी ऑनलाइन सट्टा की जड़ें : भाजपा नेता केदार गुप्ता भाजपा नेता और प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने एनसीआरबी की रिपोर्ट में ऑनलाइन सट्टेबाजी में छत्तीसगढ़ देश में पहले नंबर आने पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कांग्रेस पर हमलावर होते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार के समय में ऑनलाइन जुआं-सट्टा की जड़े जमीं हुई थी. लेकिन जब से भाजपा सरकार बनी है, उसकी जड़ें उखाड़ रही है. यह भी बोले कि ये ग्राफ जल्द नीचे जाएगा. केंद्र सरकर इसे बंद करें : कांग्रेस नेता विनोद तिवारी इधर, भाजपा नेता केदार गुप्ता के बयान का कांग्रेस नेता और प्रदेश प्रवक्ता विनोद तिवारी ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि जो ऑनलाइन सट्टा एप चल रहा है, वो सेंट्रल गवर्मेंट की अधीन है. केंद्र सरकार को इसे बंद कर देना चाहिए. भूपेश सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ में 6 से 7 सौ लोगों पर कार्रवाई भी हुई. साथ ही उन्होंने ऑनलाइन सट्टा को बंद करने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था. उसके बाद भी ये कारोबार खुलेआम चल रहा है. इसको केंद्र सरकार को बंद ही कर देना चाहिए. उससे कमाई ही क्यों कर रहे हैं.

बरसात की चेतावनी: छत्तीसगढ़ के जिलों में बढ़ सकता है नदियों का जलस्तर, नागरिक रहें सतर्क

रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र ने आगामी 24 घंटे के लिए प्रदेश में कई जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। चेतावनी के अनुसार गरियाबंद और धमतरी जिलों में एक-दो स्थानों पर बहुत भारी से सीमांत भारी वर्षा होने की संभावना है। इसके अलावा कोंडागांव, कांकेर, बस्तर, महासमुंद, बालोद और नारायणपुर जिलों में भी एक-दो स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा की आशंका जताई गई है। रायपुर, बलौदा बाजार, रायगढ़, सारंगढ़-बिलाईगढ़, जांजगीर-चांपा, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर और मोहला-मानपुर-अंबागढ़-चौकी जिलों में एक-दो स्थानों पर मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है। वहीं, सरगुजा, जशपुर, सूरजपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, बेमेतरा, कबीरधाम और खैरागढ़-छुईखदान-गंडाई जिलों में भी मध्यम से भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। बंगाल की खाड़ी के मध्य भाग में बना निम्न दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी के मध्य भाग में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने के कारण आने वाले 2-3 दिनों तक दक्षिण और मध्य छत्तीसगढ़ में मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है। आज गुरुवार को 4 जिलों के लिए ऑरेंज और 19 जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। रायपुर में आकाश सामान्यतः मेघमय रहने के साथ गरज-चमक के साथ वर्षा होने की संभावना है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 28 डिग्री सेल्सियस और 24 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। मौसम विभाग ने बताया कि इस बार बारिश का दौर 20 अक्टूबर तक जारी रहेगा। नदियों में जलस्तर में वृद्धि की चेतावनी मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इस दौरान नदियों में जलस्तर में वृद्धि होगी और नालों का ओवरफ्लो होने की संभावना है। खनन क्षेत्रों में सड़कें फिसलन भरी होंगी, और नम मिट्टी के कारण भूस्खलन व पेड़ों के गिरने की घटनाएं भी सामने आ सकती हैं। शहरों में सड़कों पर जलभराव से यातायात प्रभावित हो सकता है। रेल और सड़क मार्गों में बाधा आने, कृषि क्षेत्रों में फसलें गिरने और निचले इलाकों में कीचड़ भरी सड़कें और जलभराव होने की संभावना है। भारी वर्षा के कारण दृश्यता में कमी आएगी और निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा भी बढ़ सकता है। मौसम विभाग ने जनता से अपील की है कि बहते पानी में कभी भी न जाएँ और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में वाहन चलाने से बचें। निचले पुलों को पार करते समय सावधानी बरतें और जलस्तर की जांच अवश्य करें। कृषि क्षेत्रों में अतिरिक्त पानी की निकासी सुनिश्चित करें। वन क्षेत्रों में पेड़ों की कटाई और खनन क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें।