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राम मंदिर से लेकर दिवाली तक नफरत — सीएम योगी ने अखिलेश पर बोला जोरदार हमला

लखनऊ  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी समारोह के तहत गोरखपुर के बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में मंगलवार को आयोजित कुटुम्ब स्नेह मिलन और दीपोत्सव के राष्ट्रोत्सव कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस व सपा पर जमकर हमला किया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के अयोध्या में दीवाली को लेकर दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए योगी ने कहा कि अखिलेश यादव के बयान से साफ हो गया है कि उनको अयोध्या में प्रभु राम के भव्य मंदिर और देवी-देवताओं से ही नहीं, दिवाली से भी नफरत है। मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि गद्दी विरासत में मिल सकती है पर बुद्धि नहीं। बिना विवेक वाले लोग ही दीवाली का विरोध कर सकते हैं। बबुआ ने प्रजापति समाज के लोगों का अपमान किया है। उन्हें नहीं मालूम है कि दो करोड़ लोग मिट्टी के दीयों से लेकर बर्तन के कारोबार से जुड़े हुए हैं। मिट्टी के उत्पाद आर्थिक निर्भरता व स्वावलंबन का प्रतीक हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा के लोग अयोध्या में प्रभु राम के मंदिर का विरोध करते हैं। ये लोग कंस और दुर्योधन की प्रतिमा लगाने चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल 6 करोड़ लोगों ने अयोध्या में प्रभु राम का दर्शन किया। प्रयागराज में महाकुंभ के 66 करोड़ से अधिक लोग साझी बने। लेकिन सपा और कांग्रेस के लोग इसमें शुरुआत से ही खोट निकाल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने कोर्ट में कहा था कि भगवान राम और कृष्ण मिथक हैं। सपा ने निर्ममता के साथ राम भक्तों पर गोलियां चलाई थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में मंदिर को लेकर कांग्रेस और सपा के लोग सवाल करते थे तो संघ का स्वयंसेवक कहता था कि राम लला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे। संघ और रामभक्तों का संकल्प ही है कि अयोध्या में प्रभु राम का भव्य मंदिर दिव्य और भव्य रूप में दिख रहा है। उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवक ने सरकार की प्रताड़ना से उफ तक नहीं किया। वह विचलित नहीं हुए। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर एक संदेश है कि प्रयास जारी रखिए सफलता जरूर मिलेगी। हलाल उत्पाद खरीदने से बचें मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने ब्रिटिश और फ्रांस के उपनिवेश के खिलाफ ही लड़ाई नहीं लड़ी, राजनीतिक इस्लाम को लेकर भी मोर्चा लिया था। अब भी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के रूप में राजनीतिक इस्लाम को बढ़ाने का काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि हलाल उत्पाद पर प्रदेश में रोक लगाई गई है। हलाल उत्पाद खरीद से मिलने वाले रुपये से ही धर्मांतरण, लव जिहाद और आतंकवाद को बढ़ावा मिला है। मुख्यमंत्री ने लोगों से स्वदेशी उत्पाद खरीदने पर जोर दिया। इसके पूर्व प्रांत प्रचारक रमेश ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि सनातन, भारत और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में कोई फर्क नहीं है। तीनों एक ही हैं। यह दुनिया का पहला संगठन है जो स्वावलंबी है। इस दौरान गोरक्षप्रांत के संघ प्रमुख डॉ. महेंद्र अग्रवाल ने भी लोगों को संबोधित किया। जीवन के विभिन्न अंग में काम कर रहा संघ मुख्यमंत्री ने कहा कि संघ ने जीवन के विभिन्न अंग में काम किया। जहां सरकार नहीं पहुंच सकी वहां संघ ने काम किया। पूर्वोत्तर राज्यों में संघ को अपने स्वयंसेवकों को खोना पड़ा। लेकिन वह अपने मिशन पर लगे रहे। अस्सी के दशक में गोरखपुर वनवासी आश्रम की स्थापना की। पूर्वोत्तर के राज्यों से आने वाले बच्चे पढ़कर निकले को मुख्यधारा से जुड़े। उन्होंने कहा कि संघ की यात्रा दूरदर्शी है। इसका दूरगामी परिणाम मिला है। नक्सलवाद को लेकर संघ का काम अच्छा है। शिक्षा के क्षेत्र में संघ ने सनातन के साथ पीढ़ी को आगे बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि राजनीति के क्षेत्र में संघ के स्वयंसेवक को देश का नेतृत्व मिला तो दुनिया उसके पराक्रम और दूरदर्शी सोच को देख रही है।  

लखनऊ में आयोजित दीपावली कार्यकर्ता परिवार मिलन समारोह को सीएम योगी किया संबोधित

अयोध्या दीपोत्सव से साकार हुआ राम मंदिर का संकल्प- योगी आदित्यनाथ  लखनऊ में आयोजित दीपावली कार्यकर्ता परिवार मिलन समारोह को सीएम योगी किया संबोधित कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी रहे मौजूद हमारे पर्व और त्योहार विशिष्ट युगांतरकारी घटनाओं से जुड़े हैं- मुख्यमंत्री  2014 से पहले देश में और 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में सिर्फ ईद मिलन जैसे आयोजन ही होते थे- सीएम योगी आज राम मंदिर पूरी दुनिया में सनातनियों के गौरव का प्रतीक बन गया है- सीएम योगी सीएम योगी ने लोगों से स्वदेशी सामान खरीदने का किया आह्वान – कहा- प्रधानमंत्री मोदी का शताब्दी संकल्प हमें सुरक्षा, समृद्धि और आत्मनिर्भरता की दिशा में ले जा रहा है लखनऊ  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या का दीपोत्सव कार्यक्रम से राम मंदिर निर्माण का संकल्प साकार हुआ है। लाखों दीपों के साथ अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का संकल्प लिया गया और आज भव्य राम मंदिर पूरी दुनिया में सनातनियों के गौरव का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने कहा कि संतों का आशीर्वाद और जनता का संघर्ष मंदिर निर्माण में फलित हुआ, जिसे 25 नवंबर के बाद और भव्य रूप में देखा जा सकेगा। लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में आयोजित दीपावली कार्यकर्ता परिवार मिलन समारोह को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि दीपावली कार्यकर्ता परिवार मिलन का यह आयोजन सनातन धर्म की हजारों वर्ष पुरानी परंपराओं का प्रतीक है। हमारे पर्व और त्योहार विशिष्ट युगांतरकारी घटनाओं से जुड़े हैं, जो समाज को नई दिशा देते रहे हैं। लेकिन पहले यह सामूहिकता सीमित थी। 2014 से पहले देश में और 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में सिर्फ ईद मिलन जैसे आयोजन ही होते थे और सनातन धर्म के पर्वों पर ऐसे समारोह दुर्लभ थे। अब होली और दीपावली मिलन समारोह सामाजिक एकता का आधार बन रहे हैं। राम मंदिर पूरी दुनिया में सनातनियों के गौरव का प्रतीक बन गया है- सीएम योगी सीएम ने अयोध्या दीपोत्सव की शुरुआत का जिक्र करते हुए कहा कि 2017 में जब मैंने दीपोत्सव की रूपरेखा तैयार की तो लोग पूछते थे कि दीप जलाने से क्या होगा? मैंने कहा कि दीप सनातन धर्म का संकल्प है। लाखों दीपों के साथ अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का संकल्प लिया गया और आज भव्य राम मंदिर पूरी दुनिया में सनातनियों के गौरव का प्रतीक बन गया है। सीएम योगी ने कहा कि हमने गुलामी का प्रतीक फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या किया। यह संकल्प की ताकत थी। उन्होंने बताया कि संतों का आशीर्वाद और जनता का संघर्ष मंदिर निर्माण में फलित हुआ, जिसे 25 नवंबर के बाद और भव्य रूप में देखा जा सकेगा। सीएम योगी ने लोगों से स्वदेशी सामान खरीदने का किया आह्वान सीएम योगी ने कहा कि 'विकसित भारत' के लिए सामाजिक एकता को बनाए रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का शताब्दी संकल्प हमें सुरक्षा, समृद्धि और आत्मनिर्भरता की दिशा में ले जा रहा है। दीपावली मिलन जैसे आयोजन इस एकता को मजबूत करते हैं। उन्होंने उन्होंने सामूहिक आयोजनों की आदत डालने और स्वदेशी अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि धनतेरस पर स्वदेशी बर्तन, सोना-चांदी खरीदें। रक्षा मंत्री सेना को स्वदेशी हथियार दे रहे हैं, तो हम भी भारत निर्मित सामान अपनाएं। उन्होंने दीपावली पर प्रत्येक व्यक्ति से कम से कम एक गरीब के घर में मिठाई और गोबर से बने दीये व लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति पहुंचाने की अपील की, ताकि गरीब परिवार भी उत्सव मना सकें।

योगी सरकार का बड़ा कदम: 297 करोड़ की छात्रवृत्ति जारी, सीएम बोले- पहले होती थी अनदेखी

 लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा आयोजित छात्रवृत्ति वितरण समारोह में डीबीटी से करीब पांच लाख युवाओं के खातों में छात्रवृत्ति ट्रांसफर की। सरकार ने पहली बार वित्तीय वर्ष 2025-26 से सितंबर में ही छात्रवृत्ति वितरण की शुरुआत की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में सभी छात्र-छात्राओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पहले छात्रवृत्ति के लिए छात्रों के चयन की प्रक्रिया में भेदभाव होता था। वर्ष 2016-17 में तो अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों की छात्रवृत्ति ही हड़प ली गई थी पर अब ऐसा नहीं होता है। अब प्रदेश के 62 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति मिल रही है। जब हम सत्ता में आए तो तय किया कि छात्रों को वर्ष के अंत में नहीं बल्कि दो बार में छात्रवृत्ति दी जाए। जो कि अब संभव हो रहा है। यह बदली हुई व्यवस्था का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि अब डीबीटी के माध्यम से विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जा रही है जिससे कि छात्र-छात्राओें को कहीं भी भटकना न पड़े। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अनुसूचित जाति और जनजाति के विद्यार्थियों से स्कूल जाने की अपील की और कहा कि पढ़ाई जरूर करें। इससे पूरा समाज बदलेगा। पहले चरण में लगभग 62.13 करोड़ रुपये कक्षा 9 से 12 तक के 2.5 लाख ओबीसी छात्रों को दिए जा चुके हैं। दूसरे चरण में शुक्रवार को 126.68 करोड़ रुपये 4.83 लाख से अधिक छात्रों को दिए गए। ई से ईजी गवर्नेंस की तरफ बढ़ रही सरकार इस मौके पर यूपी सरकार के मंत्री असीम अरुण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार यूपी सरकार अब ई गवर्नेंस से ईजी गवर्नेंस की तरफ बढ़ रही है।

OBC के 5 लाख विद्यार्थियों को राहत, योगी सरकार देने जा रही है खास तोहफा

लखनऊ  यूपी के लाखों ओबीसी (पिछड़ा वर्ग) के छात्रों के लिए शुक्रवार का दिन बेहद खास होने जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ के लोक भवन स्थित ऑडिटोरियम में एक भव्य कार्यक्रम के दौरान छात्रवृत्ति वितरण समारोह में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों के खातों में छात्रवृत्ति की धनराशि सीधे भेजेंगे.  मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर पहली बार प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 से सितंबर माह में ही छात्रवृत्ति वितरण की शुरुआत कर दी है. पहले जहां यह प्रक्रिया दिसंबर-जनवरी तक खिंच जाया करती थी, वहीं अब इसे पहले ही चरण में पूरा कर युवाओं तक राहत पहुंचाई जा रही है. पहले चरण में सरकार ने ₹62.13 करोड़ की धनराशि खर्च कर कक्षा 9 से 12 तक के 2.5 लाख से अधिक OBC छात्रों के खातों में छात्रवृत्ति भेजी थी. अब दूसरे चरण में शुक्रवार को ₹126.68 करोड़ की राशि से 4.83 लाख से अधिक छात्रों को लाभान्वित किया जाएगा. इस प्रकार कुल मिलाकर अब तक प्रदेश के करीब 7.33 लाख छात्र इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं.  पारदर्शी और डिजिटल प्रणाली की मिसाल कार्यक्रम से जुड़ी जानकारी देते हुए प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि जब प्रदेश का युवा शिक्षित और सशक्त होगा, तभी विकसित भारत – विकसित उत्तर प्रदेश के शताब्दी संकल्प-2047 को साकार किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि सरकार की मंशा स्पष्ट है कि कोई भी प्रतिभाशाली छात्र आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा से वंचित न रहे. मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया को पूरी तरह तेज, पारदर्शी और डिजिटल बनाया है. अब किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार या देरी की गुंजाइश नहीं रह गई है. पहले जहां छात्रवृत्ति फाइलों में महीनों उलझी रहती थी, वहीं अब आधार-संलग्न खातों में डीबीटी के जरिए धनराशि सीधे भेजी जा रही है. इससे न केवल छात्रों को समय पर सहायता मिल रही है, बल्कि योजना की विश्वसनीयता और प्रभाव भी बढ़ा है.  बजट में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, दिखी सरकार की प्राथमिकता राज्य मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने बताया कि पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का बजट वर्ष दर वर्ष लगातार बढ़ाया गया है. वर्ष 2016-17 में जहां यह 1295 करोड़ रुपये था, वहीं अब वित्तीय वर्ष 2025-26 में बढ़कर 3124.45 करोड़ रुपये हो गया है. यानी, यह ढाई गुना से भी अधिक वृद्धि है. उन्होंने कहा कि इससे यह साफ झलकता है कि मुख्यमंत्री योगी की सरकार शिक्षा और सामाजिक न्याय को कितनी प्राथमिकता दे रही है. उन्होंने बताया कि छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजनाओं के लिए भी बजट में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है. वर्ष 2016-17 में ₹1092.36 करोड़ की राशि इस मद में आवंटित थी, जो अब 2825 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है. इससे लाखों छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में नई दिशा और ऊर्जा मिली है. शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भरता का संकल्प उन्होंने बताया कि सरकार का उद्देश्य केवल छात्रवृत्ति देना नहीं, बल्कि युवाओं को शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि गरीबी या पिछड़ापन अब किसी के भविष्य की रुकावट नहीं बनेगा. इस दिशा में डिजिटल और पारदर्शी छात्रवृत्ति व्यवस्था एक बड़ा कदम है. प्रदेश सरकार चाहती है कि प्रत्येक छात्र, चाहे वह किसी भी सामाजिक या आर्थिक वर्ग से हो, अपनी प्रतिभा के दम पर आगे बढ़ सके. इसी सोच के तहत OBC छात्रों के लिए यह विशेष व्यवस्था लागू की गई है, ताकि वे शिक्षा प्राप्त कर समाज और राष्ट्र के विकास में सक्रिय भागीदार बन सकें.  डिजिटल ट्रांसफर से घटा भ्रष्टाचार, बढ़ा विश्वास डीबीटी के माध्यम से सीधा ट्रांसफर होने से व्यवस्था में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है. अब किसी बिचौलिए या अधिकारी की मनमानी की गुंजाइश नहीं बची. छात्रों के खातों में सीधे धनराशि पहुंच रही है, जिससे प्रणाली में पारदर्शिता आई है. यही नहीं, विभाग की मॉनिटरिंग प्रणाली को भी डिजिटल किया गया है, जिससे प्रत्येक ट्रांजैक्शन की जानकारी रियल टाइम में उपलब्ध रहती है. राज्य मंत्री ने बताया कि जल्द ही छात्रवृत्ति प्रक्रिया में AI आधारित सत्यापन प्रणाली लागू की जाएगी, ताकि फर्जीवाड़े या डुप्लीकेट आवेदन को पूरी तरह समाप्त किया जा सके. इस पहल के साथ ही प्रदेश में शिक्षा का नया अध्याय शुरू हुआ है. सरकार का लक्ष्य है कि अगले तीन वर्षों में छात्रवृत्ति वितरण का दायरा दोगुना किया जाए और हर पात्र छात्र को समय पर आर्थिक सहयोग मिले. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस कार्यक्रम की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. उनका कहना है कि युवाओं में निवेश ही भविष्य में सबसे बड़ा लाभ देगा. योगी सरकार की इस पहल से न केवल OBC समाज के छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ा है, बल्कि ग्रामीण इलाकों के स्कूलों और कॉलेजों में नामांकन भी बढ़ा है.

अटल आवासीय विद्यालय समिति की बैठक में लिया गया निर्णय, मिलेगा सम्मानजनक नया दर्जा

प्रत्येक विद्यालय में स्थापित होगी इनोवेशन लैब, विद्यार्थियों में बढ़ेगा वैज्ञानिक दृष्टिकोण सभी छात्रों को मिलेगा स्वास्थ्य बीमा का लाभ, मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल बनेगा अटल विद्यालय लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर संवेदनशील निर्णय लेते हुए समाज के वंचित वर्गों के बच्चों को सम्मानजनक पहचान देने का कार्य किया है। लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (बीओसीडब्ल्यू) कार्यालय में आयोजित अटल आवासीय विद्यालय समिति की बैठक में यह ऐतिहासिक निर्णय लिया गया कि अब तक "निराश्रित/अनाथ" कहे जाने वाले विद्यार्थी भविष्य में "राज्याश्रित" कहलाएंगे। बैठक की अध्यक्षता प्रमुख सचिव, श्रम एवं सेवायोजन विभाग डॉ. एम. के. शन्मुगा सुन्दरम्, द्वारा की गई। बैठक में श्रमायुक्त मार्कण्डेय शाही,  महानिदेशक, अटल आवासीय विद्यालय पूजा यादव, नवोदय विद्यालय समिति के बी.के. सिन्हा सहित वित्त, कार्मिक एवं शिक्षा विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं शिक्षाविद् उपस्थित रहे। "राज्याश्रित" शब्द का होगा उपयोग बैठक में लिए गए सबसे महत्वपूर्ण निर्णय के तहत अब अटल आवासीय विद्यालयों में अध्ययनरत कोविड-19 काल में निराश्रित हुए अथवा मुख्यमंत्री बाल सेवायोजना (सामान्य) के अंतर्गत आने वाले विद्यार्थियों को “राज्याश्रित” कहा जाएगा। यह निर्णय विद्यार्थियों को आत्मगौरव और सम्मानजनक सामाजिक पहचान दिलाने की दिशा में बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप यह कदम उन बच्चों को सम्मान, सुरक्षा और आत्मविश्वास से भरने की दिशा में एक नई शुरुआत है, जो अब "निराश्रित" नहीं बल्कि "राज्याश्रित" कहलाएंगे। CBSE के माध्यम से केंद्रीकृत प्रवेश परीक्षा एक अन्य निर्णय में अगले शैक्षणिक सत्र 2026-27 से प्रवेश परीक्षा सेंट्रलाइज एंट्रेंस टेस्ट (सीबीएसई) के माध्यम से आयोजित की जाएगी, ताकि सभी विद्यालयों में चयन प्रक्रिया में एकरूपता बनी रहे। इनोवेशन लैब की होगी स्थापना इसके साथ ही, प्रत्येक विद्यालय में इनोवेशन लैब भी बनाई जाएगी जिससे विद्यार्थियों में नवाचार, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तकनीकी दक्षता का विकास हो। इस निर्णय से विद्यार्थियों का सर्वागीण विकास सुनिश्चित हो सकेगा।  सभी छात्रों को स्वास्थ्य बीमा की सुविधा इसके अलावा एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए समिति ने सभी छात्र-छात्राओं को हेल्थ इंशयोरेंस के दायरे में लाने का निर्णय लिया है, ताकि हर विद्यार्थी को स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। सर्वांगीण विकास पर जोर बैठक में छात्रों के सर्वागीण विकास पर जोर दिया गया। हॉस्टल व्यवस्था, पोषण, खेलकूद और सह-पाठयक्रम गतिविधियों से संबंधित सुधारों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। बैठक के अंत में प्रमुख सचिव डॉ. शन्मुगा सुन्दरम् ने निर्देश दिए कि सभी विभाग मिलकर अटल आवासीय विद्यालयों को देश के मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल के रूप में विकसित करें।

मुख्यमंत्री ने शिव शांति आश्रम पहुंचकर किया नमन, अनुयायियों के प्रति जताई संवेदना

सीएम योगी ने किए संत शिरोमणि साईं चांडूराम जी के अंतिम दर्शन, अर्पित की श्रद्धांजलि मुख्यमंत्री ने शिव शांति आश्रम पहुंचकर किया नमन, अनुयायियों के प्रति जताई संवेदना सीएम योगी बोले— सिंधी समाज के प्रमुख धर्मगुरु का निधन आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति लखनऊ  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को लखनऊ स्थित शिव शांति आश्रम पहुंचे और आश्रम के पीठाधीश्वर संत शिरोमणि साईं चांडूराम जी के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने संत शिरोमणि के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की और उपस्थित शोकाकुल श्रद्धालुओं के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। मुख्यमंत्री योगी ने इस अवसर पर संत शिरोमणि साईं चांडूराम जी के पार्थिव शरीर पर केसरिया अंग वस्त्र ओढ़ाया और उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। गौरतलब है कि संत शिरोमणि साईं चांडूराम जी बुधवार को ब्रह्मलीन हो गए थे।  मुख्यमंत्री योगी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए बुधवार को ही अपने सोशल मीडिया संदेश में लिखा था,“सिंधी समाज के प्रमुख धर्मगुरु, पूज्य श्री शांति आश्रम के पीठाधीश्वर, संत शिरोमणि श्री सांईं चांडूराम साहिब जी का निधन अत्यंत दु:खद और आध्यात्मिक समाज की अपूरणीय क्षति है। मेरी संवेदनाएं उनके शोक संतप्त अनुयायियों के साथ हैं। भगवान झूलेलाल से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान और अनुयायियों को यह दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति!” मुख्यमंत्री के आगमन के दौरान आश्रम परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। सभी ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए संत शिरोमणि साईं चांडूराम जी के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। श्रद्धालुजन और अनुयायी संत शिरोमणि के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हुए उनके आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने की बात करते दिखे।

यूपी सीएम योगी का कड़ा संदेश: बेटी को छेड़ने से पहले सोचें यमराज का सामना

लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लोकभवन सभागार में उज्जवला योजना के तहत पात्र महिलाओं को मुफ्त सिलिंडर रिफिल का उपहार दिया। इस मौके पर उन्होंने रिफिल की धनराशि महिलाओं के खाते में भेजी। सीएम ने 10 महिलाओं को प्रतीकात्मक रूप से रिफिल की धनराशि मंच पर प्रदान की। इसके अलावा, मुख्यमंत्री योगी ने उज्ज्वला योजना की लाभार्थी एक करोड़ 86 लाख महिलाओं के खाते में 1500 करोड़ रुपये की सब्सिडी भेजी। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2014 से पहले गरीब महिलाओं को लकड़ी और कोयले में खाना पकाना पड़ता था जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता था। उन्हें जिंदगी भर इलाज करवाना पड़ता था। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद गरीबों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गये जिससे महिलाओं का जीवन आसान हुआ। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2017 के पहले यूपी में सैफई परिवार ही सबकुछ था। हमारे लिए पूरा प्रदेश परिवार है। सपा सरकार दंगाइयों के सामने नाक रगड़ती थी और अपराधियों के साथ खड़ी होती थी पर हमने तय किया कि अब अगर किसी बेटी के साथ छेड़छाड़ की तो अगले चौराहे पर यमराज के दर्शन हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर यमराज से टिकट करवाना हो तो किसी बेटी से छेड़छाड़ कर दे। अगले चौराहे पर यमराज मिल जाएंगे। हमने कहा है कि हर बेटी को सुरक्षा देंगे। हर व्यापारी को सुरक्षा देंगे। हर गरीब के साथ सरकार खड़ी होगी। हर दलित के साथ सरकार खड़ी होगी। उत्साह और उमंग में किसी ने व्यवधान डालने का काम किया तो उसे जेल में ठूंसने में देर नहीं करेंगे। इसलिए आज हर त्योहार खुशी के साथ मनाया जा रहा है। सीएम योगी की अपील दिवाली पर स्वदेशी अपनाएं सीएम योगी ने कहा कि दिवाली आ रही है। ऐसे में ध्यान रखें और स्वदेशी अपनाएं। दिया जलाएं तो अपने ही कुम्हार से बनाया हुआ हो। मूर्ति वहीं प्रयोग करें जो स्वदेशी मूर्तिकार की बनी हुई हो। दिवाली के मौके पर किसी गरीब की मदद जरूर करें। बता दें कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत मई, 2016 में हुई थी। इस योजना से खासकर ग्रामीण भारत की रसोई को धुएं से मुक्त करने में सफलता मिली। साथ ही, महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव भी कम करने की दिशा में प्रभावी साबित हुई। प्रदेश में अब तक 1.86 करोड़ परिवारों को उज्ज्वला कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं। राज्य सरकार ने उज्ज्वला लाभार्थियों को प्रति वर्ष दो मुफ्त एलपीजी रिफिल देने का निर्णय लिया है। यह वितरण वित्तीय वर्ष 2025-26 में दो चरणों में किया जाएगा। पहला चरण अक्तूबर 2025 से दिसंबर 2025 तक और दूसरा चरण जनवरी 2026 से मार्च 2026 तक होगा। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश सरकार ने 1500 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया है। पहले चरण में आधार प्रमाणित लाभार्थियों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। इस मौके पर यूपी सरकार के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब से केंद्र की सत्ता में आए हैं वो आम लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए काम कर रहे हैं। इसी तरह मुख्यमंत्री योगी भी लगातार काम कर रहे हैं। प्रदेश में कन्या सुमंगला योजना से 26 लाख 24 हजार लोगों को लाभ मिला है। इसी तरह सामूहिक विवाह योजना से गरीब कन्याओं का विवाह करवाया गया है। वित्तमंत्री ने प्रदेश सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के लिए चल रही अन्य योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश की महिलाओं की सबसे ज्यादा चिंता की है। उन्होंने कहा कि मुद्दई हरगिज न कर पाएगा बांका बाल तक, मोदी योगी गूंजेगा भारत में सौ साल तक।  

मुख्यमंत्री ने किया राष्ट्रीय युवा उत्सव-2025 में विजेता प्रतिभागियों को सम्मान

लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश न केवल जनसंख्या के लिहाज से सबसे बड़ा राज्य है, बल्कि प्रतिभाशाली युवाओं से भरा प्रदेश भी है, जो खेल, संस्कृति और नवाचार के क्षेत्र में ‘विकसित भारत’ के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के निर्माण का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है और इस दिशा में ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ अभियान को अपार जनसमर्थन प्राप्त हो रहा है। मुख्यमंत्री सोमवार को लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय युवा उत्सव-2025 और यूथ पार्लियामेंट-2025 के विजेता प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र और टैबलेट प्रदान कर सम्मानित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने विधायक व सांसद खेलकूद प्रतियोगिताओं का शुभारंभ किया साथ ही युवा संवर्धन केंद्रों की शुरुआत की और 16,000 युवक मंगल दल और महिला मंगल दलों को खेल सामग्री (स्पोर्ट्स किट) प्रदान की। मुख्यमंत्री ने सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारियों को भी सम्मानित किया। युवाओं के लिए दीपावली से पहले मिला खेलों का उपहार- सीएम योगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दीपावली से पहले खेल सामग्री का वितरण युवाओं के लिए सरकार का एक विशेष उपहार है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 1.05 लाख से अधिक युवक और महिला मंगल दल सक्रिय रूप से कार्यरत हैं और अब तक 80 हजार से अधिक मंगल दलों को खेल किट उपलब्ध कराई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि गांव-गांव में खेलकूद की प्रतियोगिताएं शुरू होंगी, ग्राम स्तर से लेकर न्याय पंचायत, ब्लॉक, विधानसभा और संसदीय क्षेत्र स्तर तक यही प्रतियोगिताएँ आगे चलकर विधायक और सांसद खेलकूद प्रतियोगिता का रूप लेंगी। उन्होंने कहा कि खेल व्यक्ति को स्वस्थ रखने का माध्यम है। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा ही विकास की प्रेरणा है। लोक संस्कृति और खेल दोनों बनेगा प्रदेश के विकास का आधार- मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ने युवाओं से आह्वान किया कि वे केवल खेलकूद तक सीमित न रहें, बल्कि गांवों में लोक गायन, लोक कथा, नाटक मंचन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी प्रोत्साहित करें। उन्होंने सोनभद्र का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां बुजुर्गों के बीच रस्साकशी प्रतियोगिता कराकर समाज में उत्साह का वातावरण बना दिया गया। सीएम योगी गांवों में आयोजित होने वाले रामलीला के मंचन का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां गांव के लोग खुद चंदा इकट्ठा कर रामलीला का आयोजन करते हैं और खुद अलग-अलग किरदार अदा कर मंचन भी करते हैं। हमारे युवाओं को इसमें भी आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोक गायन और लोक कथाएँ हमारे इतिहास और पूर्वजों की गाथाएं हैं। इन्हें जीवित रखना हमारी जिम्मेदारी है। मिशन शक्ति कार्यक्रम से जुड़े महिला मंगल दल- सीएम सीएम योगी ने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार का महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को लेकर ‘मिशन शक्ति’ का पंचम चरण चल रहा है। इस पंचम चरण के पीछे का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा के प्रति जागरूकता और महिलाओं के कल्याण के लिए केंद्र और राज्य सरकार के स्तर पर क्या-क्या कार्यक्रम हुए हैं, इन कार्यक्रमों के बारे में महिलाओं को जागरूक करना और उनको बताना है। महिला मंगल दल का दायित्व बनता है कि अपने-अपने ग्राम पंचायत के साथ उन कार्यक्रमों से जुड़ें और उसे सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाएं। ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ बना जनांदोलन- मुख्यमंत्री सीएम योगी ने कहा कि ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ अभियान को लेकर प्रदेश में 28 घंटे की विधानसभा चर्चा के बाद व्यापक जनसंवाद चलाया गया। इसमें 300 से अधिक बुद्धिजीवियों को 1,000 अकादमिक संस्थानों में भेजा गया और 57,600 ग्राम पंचायतों, नगर निकायों, जिला पंचायतों और ब्लॉक समितियों से सुझाव प्राप्त किए गए। उन्होंने कहा कि समर्थ पोर्टल के माध्यम से प्रदेश के अलग- अलग तबकों से अबतक 40 लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतें आत्मनिर्भर होंगी तो क्षेत्र पंचायतें और जनपद भी विकसित होंगे। जनपद विकसित होंगे तो प्रदेश आत्मनिर्भर बनेगा और यही विकसित भारत के ‘विजन 2047’ की आधारशिला है। उन्होंने कहा कि गाँव से विकास की शुरुआत होगी तो देश को आत्मनिर्भर बनने से कोई नहीं रोक सकता। खेल अब केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि जीवन की आवश्यकता बन चुका है- सीएम मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल अब केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि जीवन की आवश्यकता बन चुका है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में 500 से अधिक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी गई है। इनमें डिप्टी एसपी, नायब तहसीलदार और खेल अधिकारियों के पद शामिल हैं। सीएम योगी ने कहा कि नेशनल और इंटरनेशनल पुलिस गेम्स में उत्तर प्रदेश पुलिस ने सर्वाधिक मेडल जीते हैं, जो इस नीति की सफलता का प्रमाण है। हर गाँव में खेल मैदान और ओपन जिम का हो रहा निर्माण- मुख्यमंत्री सीएम योगी ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि हर ग्राम पंचायत में एक खेल मैदान हो, ताकि बच्चे और युवा अपनी प्रतिभा को निखार सकें और सरकार इस पर काम कर रही है। उन्होंने बताया कि हर ब्लॉक स्तर पर मिनी स्टेडियम और जनपद स्तर पर मुख्य स्टेडियम का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ओपन जिम और खेल प्रशिक्षण केंद्रों को भी तेजी से विकसित किया जा रहा है। 50 विकासखंडों में युवा केंद्रों की स्थापना शुरू की गई है- सीएम योगी मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में ‘युवा साथी पोर्टल’ नामक एआई-इनेबल्ड इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म पर अब तक 12.64 लाख युवाओं ने पंजीकरण कराया है। इसके माध्यम से युवाओं को विभिन्न योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही, 50 विकासखंडों में 2 करोड़ रुपये की लागत से युवा केंद्रों की स्थापना शुरू की गई है।   ‘विकसित भारत’ के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाएगा उत्तर प्रदेश- सीएम योगी सीएम योगी ने बताया कि सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर 1.5 लाख युवाओं ने रील प्रतियोगिता, यूनिटी मार्च और पॉडकास्ट जैसे आयोजनों में भाग लिया है। उन्होंने कहा कि यह एकता और राष्ट्र निर्माण की भावना को सशक्त करने का अद्भुत उदाहरण है। सीएम योगी ने कहा कि युवा ही 2047 के विकसित भारत के निर्माता हैं। 2047 में जब भारत आजादी के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब उसकी आधारशिला आज के युवा रखेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के युवक मंगल दल और महिला मंगल दल इस परिवर्तन के अग्रदूत बनें। उत्तर प्रदेश न केवल जनसंख्या के लिहाज से सबसे बड़ा … Read more

विंध्य-बुंदेलखंड में 15 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा तक हर घर नल से जल का संकल्प: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने तय की फेजवार कार्यों की डेडलाइन, तय समयसीमा तक लगाना होगा नल कनेक्शन और कराना होगा थर्ड पार्टी ऑडिट फील्ड में कार्य कर रही एजेंसियों से मुख्यमंत्री ने किया सीधा संवाद, समस्याएं-अपेक्षाएं सुनीं और कहा समयसीमा और गुणवत्ता का रखें पूरा ध्यान फेज-2 की 90% पूर्ण परियोजनाओं को फेज-1 के अनुरूप दिसंबर तक पूरा करने के निर्देश 75% पूर्ण कार्य का समापन मार्च 2026 तक कराने का लक्ष्य; समयसीमा और गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं राज्य में 90,223 करोड़ रुपये लागत की 611 सतही और भूजल स्रोत आधारित योजनाएँ चल रही हैं 85,364 गांवों के 1.98 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को मिला नल कनेक्शन केंद्र सरकार के नोडल अधिकारियों ने 74 जनपदों में 147 योजनाओं का निरीक्षण किया शिकायत निवारण: Jalsamadhan पोर्टल और टोल फ्री नंबर से 62,688 शिकायतें, 46,354 का निस्तारण; मुख्यमंत्री ने संतुष्टिपरक निस्तारण के निर्देश दिए लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र के हर घर में नल से शुद्ध जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 15 दिसंबर 2025 तक की समय सीमा तय की है। उन्होंने कहा है कि इस अवधि तक न केवल नल कनेक्शन लगाया जाना है, बल्कि थर्ड पार्टी ऑडिट भी करा लिया जाए। इसी तरह, फेज-2 व 3 की जो परियोजनाएं वर्तमान में 90% तक पूर्ण हो चुकी हैं, उन्हें भी फेज-1 के अनुरूप 15 दिसंबर तक पूरा करा लिया जाए। जबकि वर्तमान में 75% तक पूर्ण हो चुके कार्य का समापन मार्च 2026 तक कराने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह योजना केवल पेयजल आपूर्ति का कार्यक्रम नहीं, बल्कि जन-स्वास्थ्य, महिलाओं की गरिमा और ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता से सीधा जुड़ा मिशन है। योजनाओं की समयसीमा और गुणवत्ता, दोनों पर किसी भी स्तर पर समझौता स्वीकार नहीं होगा। कहीं भी किसी भी स्तर पर धनराशि की कमी नहीं होने दी जाएगी। मुख्यमंत्री रविवार को ‘जल जीवन मिशन-हर घर नल योजना’ की अद्यतन स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में नमामि गंगे, ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, जल निगम और विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने विस्तृत प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। बैठक में जल जीवन मिशन का कार्य कर रहीं विभिन्न एजेंसियों के प्रतिनिधियों की विशेष उपस्थिति रही। मुख्यमंत्री ने एनसीसी लिमिटेड, लार्सन एंड टुब्रो, मेघा इंजीनियरिंग, पीएनसी इन्फ्राटेक, आईसी इंफ्रा, पॉवर मैक, कल्पतरु प्रोजेक्ट्स सहित अनेक एजेंसियों के प्रतिनिधियों से फील्ड में काम करने के दौरान आ रही चुनौतियों के बारे में जानकारी ली। कार्य की गुणवत्ता, फेजवार अवशेष कार्य, बकाया और भुगतान सहित एजेंसियों से हर आवश्यक विषय पर चर्चा की और गुणवत्ता व समयसीमा का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि राज्य में कुल 90,223 करोड़ रुपये लागत की योजनाएँ क्रियान्वित की जा रही हैं, जिनमें 63 सतही स्रोत आधारित और 548 भूजल स्रोत आधारित योजनाएँ शामिल हैं। बैठक में यह भी बताया गया कि अब तक 85,364 गांवों के 1.98 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं। वर्तमान में 34,274 गांवों में नियमित जलापूर्ति की जा रही है। मुख्यमंत्री को बताया गया कि केंद्र सरकार द्वारा जल जीवन मिशन की अवधि दिसंबर 2028 तक बढ़ाने और परियोजना लागत में वृद्धि करने का प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से कार्यों को निरंतर जारी रखेगी ताकि जनता को योजनाओं का लाभ समय से मिल सके।  बैठक में बताया गया कि केंद्र सरकार के नामित नोडल अधिकारियों ने देश के 74 जनपदों में 147 योजनाओं का निरीक्षण किया, जिनमें से 132 योजनाएं संतोषजनक पाई गईं। शिकायत निवारण प्रणाली के तहत राज्य द्वारा विकसित पोर्टल https://jalsamadhan.in को 13.5 करोड़ से अधिक बार देखा जा चुका है। पोर्टल पर 62,688 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 46,354 का निस्तारण हो चुका है। साथ ही टोल फ्री नंबर 1800-121-2164 के माध्यम से भी शिकायतें दर्ज की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने शिकायतकर्ताओं के समस्याओं का संतुष्टिपरक निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

सीएम योगी के नेतृत्व में प्रदेश भर में बुनियाद सुविधाओं का हो रहा विस्तार, हर वर्ग का हो रहा उत्थान

 सीएम डैशबोर्ड की सितंबर माह की रिपोर्ट में डीएम हमीरपुर ने पहला, औरेया ने दूसरा और श्रावस्ती ने तीसरा स्थान प्राप्त किया लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पिछले साढ़े आठ वर्षों से समग्र विकास की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। इस दौरान प्रदेश में न केवल बुनियादी सुविधाओं का विस्तार हो रहा है, बल्कि समाज के हर वर्ग का उत्थान भी सुनिश्चित किया जा रहा है। सीएम योगी के सपनों काे साकार करने में सीएम डैशबोर्ड अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। सीएम डैशबोर्ड से जनसुनवाई, जन कल्याणकारी योजनाओं और राजस्व कार्यों की लगातार निगरानी की जा रही है, जिससे जिलों को बेहतर प्रशासनिक मानक स्थापित करने में मदद मिल रही है। इसी कड़ी में सीएम डैशबोर्ड की सितंबर माह की रिपोर्ट में प्रदेशभर में हमीरपुर ने बेहरीन प्रदर्शन करते हुए पहला स्थान प्राप्त किया है जबकि औरेया ने दूसरा और श्रावस्ती ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। 49 विभागों के 110 कार्यक्रमों की हर माह सीएम डैशबोर्ड से की जाती है समीक्षा सीएम डैशबोर्ड द्वारा हर माह जिलों के राजस्व कार्यों, विकास कार्यों और कानून-व्यवस्था पर रिपोर्ट जारी की जाती है। डैशबोर्ड द्वारा प्रदेशभर के जिलों में 49 विभागों के 110 कार्यक्रमों की विभिन्न मानकों के आधार पर समीक्षा की जाती है। इसके बाद जिलों की रैंकिंग जारी की जाती है। सीएम डैशबोर्ड की सितंबर माह की रिपोर्ट के अनुसार हमीरपुर ने प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। वहीं औरेया जिले ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है जबकि श्रावस्ती ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। जिलाधिकारी श्रावस्ती अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि सीएम डैशबोर्ड की रिपोर्ट उन जिलों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करती है, जिन्होंने प्रशासनिक दक्षता, विकास कार्यों, और राजस्व प्रबंधन में उल्लेखनीय कार्य किए हैं।   उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप श्रावस्ती में विकास कार्यों को गुणवत्तापूर्ण समयबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है। यही वजह है कि श्रावस्ती पिछले कई माह से मुख्यमंत्री डैशबोर्ड की रिपोर्ट में टॉप फाइव जिलों में अपने जगह बनाए हुए है। श्रावस्ती ने विकास एवं राजस्व कार्यों की संयुक्त रैंकिंग में 10 में से 9.28 अंक प्राप्त किए हैं, जिसका रेश्यो 92.80 प्रतिशत है। वहीं, राजस्व कार्यों की श्रेणी में जनपद ने 9.26 अंक (92.60 प्रतिशत) हासिल किये हैं। डैशबोर्ड के अनुसार श्रावस्ती ने 49 विभागों के अंतर्गत 110 कार्यक्रमों की समीक्षा में 96 कार्यक्रमों में ‘ए’ श्रेणी प्राप्त की है, जबकि 52 कार्यक्रमों में प्रथम स्थान हासिल किया है। इसी तरह मैनपुरी चौथे और हरदोई पांचवे पायदान पर है। वहीं टॉप टेन जिलों में अंबेडकरनगर, कुशीनगर, महराजगंज, कनौज और शाहजहांपुर ने जगह बनायी है।