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गायों संग गोवर्धन पूजा: सीएम योगी ने गोशाला में की सेवा, कराया विशेष पूजन

गोरखपुर  सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर की गोशाला में गोवर्धन पूजा की। उन्होंने गायों की सेवा की और उन्हें गुड़-रोटी खिलाई। गोवर्धन पूजा के मौके पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है। यह पूजा हमारी सांस्कृतिक परंपरा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और गौसंवर्धन की भावना का प्रतीक है। बुधवार की सुबह गोरखनाथ मंदिर स्थित गोशाला में पहुंचे सीएम योगी ने गायों की विधिवत पूजा-अर्चना की। उन्होंने कहा कि भारत की समृद्धि का आधार सदैव भारतीय गोवंश रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से गोवर्धन योजना के तहत गाय के गोबर से बायो-कम्पोस्ट, कंप्रेस्ड बायोगैस और एथेनॉल उत्पादन के अभिनव कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। यह न केवल गौसंवर्धन का माध्यम हैं बल्कि ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में भी नई दिशा दे रहे हैं। सीएम योगी ने बताया कि प्रदेश में लगभग 16 लाख गोवंश को संरक्षण प्रदान किया जा रहा है। इसके लिए सरकार तीन स्तरों पर योजनाएं संचालित कर रही है निराश्रित गोस्थल योजना, सहभागिता योजना और कुपोषित परिवार सहायता योजना। निराश्रित गोस्थल योजना के अंतर्गत प्रति गाय 1500 रु प्रतिमाह की सहायता दी जाती है। वहीं, सहभागिता योजना में ऐसे किसानों को चार गायें उपलब्ध कराई जाती हैं जो गौसंवर्धन से जुड़ना चाहते हैं, उन्हें सरकार 6000 रुपए की सहायता राशि भी प्रदान करती है। इसके अलावा कुपोषित माताओं और बच्चों को भी गाय उपलब्ध कराई जाती है, साथ ही 1500 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है ताकि वे गाय के दूध से पोषण प्राप्त कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं से न केवल गोवंश संरक्षण को बढ़ावा मिला है, बल्कि कुपोषण से सुपोषण की दिशा में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। सीएम योगी ने कहा कि गोवर्धन योजना के तहत बायो गैस और एथेनॉल उत्पादन से गोबर का भी मूल्य किसानों को मिल रहा है। इससे प्रदेश को नेट जीरो कार्बन एमिशन के लक्ष्य की ओर बढ़ाने और पेट्रोल-डीजल पर खर्च होने वाले धन की बचत में मदद मिल रही है।  

बाल-बाल बचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, केरल में लैंड करते ही धंस गया हेलीपैड

केरल केरल के पथानामथिट्टा जिले में राजीव गांधी स्टेडियम स्थित नव-निर्मित हेलीपैड का एक हिस्सा उस समय धंस गया जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हेलिकॉप्टर के पहिए उसमें फंस गए। यह हादसा उस वक्त हुआ जब राष्ट्रपति सबरीमला दर्शन के बाद यहां उतरीं। अधिकारियों के अनुसार, हेलिकॉप्टर के जमीन पर छूते ही हेलीपैड की सतह का हिस्सा अचानक धंस गया। घटना के बाद हेलिकॉप्टर एक ओर झुक गया, जिसके बाद मौके पर मौजूद पुलिस और अग्निशमन दल के कर्मियों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया। संयुक्त प्रयासों से हेलिकॉप्टर को सुरक्षित बाहर निकाला गया। अधिकारियों ने बताया कि यह हेलीपैड अंतिम समय में तैयार किया गया था। खराब मौसम के कारण राष्ट्रपति के हेलिकॉप्टर की लैंडिंग स्थल निलक्कल से बदलकर प्रमादम (राजीव गांधी स्टेडियम) कर दिया गया था। इसलिए मंगलवार देर रात तक कंक्रीट डालकर नया हेलिपैड बनाया गया। लेकिन चूंकि कंक्रीट पूरी तरह सूख नहीं पाया था, इसलिए वह हेलिकॉप्टर के वजन को सहन नहीं कर सका और धंस गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि स्टेडियम को लैंडिंग स्थल के रूप में आखिरी पल में चुना गया और इसी वजह से निर्माण अधूरा रह गया था। आपको बता दें कि राष्ट्रपति मुर्मू मंगलवार शाम को अपनी चार दिवसीय केरल यात्रा पर तिरुवनंतपुरम पहुंची थीं। बुधवार को वे सबरीमला मंदिर में दर्शन और आरती करने पहुंचीं। इस दौरान पथानामथिट्टा जिले के प्रमादम में उनके हेलिकॉप्टर की लैंडिंग हुई, जहां यह हादसा हुआ। घटना में किसी को चोट नहीं आई और राष्ट्रपति पूरी तरह सुरक्षित हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए एक्स (X) पर लिखा, “केरल आगमन पर भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का हार्दिक स्वागत। उनका यहां होना हमारे राज्य और जनता के लिए गर्व की बात है।”

बिहार में विपक्षी एकता पर सवाल: RJD-कांग्रेस के बीच हर मोर्चे पर मतभेद

पटना  बिहार के महागठबंधन में आपसी तकरार के बाद अब साझा चुनाव प्रचार अभियान पर संकट छा गया है. कई सीटों पर 'फ्रेंडली फाइट' होने के बाद आरजेडी और कांग्रेस के बीच दूरी बढ़ती नजर आ रही है. इसके चलते साझा घोषणा पत्र पर भी बातचीत आगे नहीं बढ़ पा रही है.  महागठबंधन की मेनिफेस्टो ड्राफ्ट कमेटी अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. आरजेडी और कांग्रेस दोनों के अपने-अपने चुनावी वादे हैं.सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी के साथ गतिरोध खत्म करने के लिए कांग्रेस के बड़े नेताओं को लगाया जा सकता है. इसी क्रम में अशोक गहलोत का आज पटना दौरा होगा और तेजस्वी यादव से उनकी मुलाकात मुमकिन है. आरजेडी से रिश्ते में खटास आने के बाद बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्ण अल्लावारु को कांग्रेस ने पीछे हटाया है. क्या है आरजेडी कांग्रेस की उम्मीद? जानकारी के मुताबिक गुरुवार को नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि है और गठबंधन के नेताओं को उम्मीद है कि वे कई सीटों पर फ्रेंडली फाइट से बचने के लिए उम्मीदवारों को नामांकन वापस लेने के लिए राजी कर लेंगे। मंगलवार तक महागठबंधन 12 सीटों पर ‘दोस्ताना मुकाबला’ की ओर बढ़ रहा है। इनमें से तीन सीटें बछवाड़ा, राजापाकर और बिहार शरीफ हैं। यहां 6 नवंबर को पहले चरण में मतदान होगा, वहां नामांकन वापसी की तारीख भी निकल चुकी है। दोनों के बीच रिश्ते पटरी पर लौटने के मिल रहे संकेत सूत्रों ने बताया कि बची हुई सीटों में से वैशाली जिले के लालगंज से कांग्रेस ने पहले ही अपना उम्मीदवार वापस ले लिया है, जबकि उसके और राजद के बीच यह सहमति बन गई है कि प्राणपुर (कटिहार) और एक अन्य सीट से केवल एक ही उम्मीदवार मैदान में रहेगा। राजद ने सोमवार को 143 उम्मीदवारों की अपनी आधिकारिक सूची जारी की, जबकि कांग्रेस ने 61 उम्मीदवारों की घोषणा की है। बिहार में कुल 243 सीटें हैं। महागठबंधन के अन्य सहयोगियों में विकासशील इंसान पार्टी, वामपंथी दल और भारतीय समावेशी पार्टी शामिल हैं। एक महीने पहले महागठबंधन आगे बढ़ता हुआ दिख रहा था, जब राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने संयुक्त मतदाता अधिकार रैली निकाली थी, और ऐसा प्रतीत हुआ था कि उन्होंने चुनाव आयोग के विवादास्पद विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम में एक विश्वसनीय मुद्दे पर ध्यान केंद्रित कर लिया है। हालांकि, उसके बाद से लगाता तनाव बढ़ता जा रहा है। तेजस्वी यादव की सीएम उम्मीदवारी पर संशय राजद ने स्पष्ट कर दिया है कि वह तेजस्वी को महागठबंधन का आधिकारिक मुख्यमंत्री चेहरा बनाकर चुनाव लड़ना चाहती है। तेजस्वी ने मतदाता अधिकार रैली के दौरान भी इस बारे में खुलकर बात की थी लेकिन यह बात हैरान करने वाली थी कि राहुल गांधी ने इसका पूरी तरह समर्थन नहीं किया। बिहार में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का तर्क है कि पार्टी इस पर प्रतिबद्ध नहीं होना चाहती थी क्योंकि इससे बिहार में गैर-यादव वोटों का एकीकरण हो सकता था। हालाँकि, नेताओं के एक वर्ग ने इस रुख को अतार्किक बताया। बिहार के एक वरिष्ठ कांग्रेस सांसद ने कहा कि महागठबंधन में सबसे ज़्यादा सीटों पर कौन चुनाव लड़ रहा है? राजद। अगर हम जीतते हैं, तो राजद के विधायक ही तय करेंगे कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा। फिर समस्या कहाँ है? सांसद ने कहा कि यह तर्क कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित न करना कांग्रेस का सिद्धांत है। कांग्रेस नेता ने कहा कि क्या पार्टी उत्तर प्रदेश में भी ऐसा ही करेगी? नहीं, ऐसा नहीं होगा। क्योंकि अखिलेश यादव ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे। उन्होंने आगे कहा कि यह राजद के साथ तनाव का एक कारण था जिसे आसानी से टाला जा सकता था। बिहार में जतीय सर्वे पर सवाल आरजेडी नेता तेजस्वी यादव अक्सर 2022 में बिहार में शुरू हुए जातिगत सर्वेक्षण का ज़िक्र करते हैं, उस वक्त आरजेडी, जेडीयू के नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार का हिस्सा थी और वह उप-मुख्यमंत्री थे। विपक्ष द्वारा जातिगत जनगणना की मांग के बीच, बिहार ऐसी गणना करने वाले पहले राज्यों में से एक था। दूसरी ओर राहुल गांधी समेत कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इस सर्वेक्षण को स्वीकार करने को लेकर उत्साहित नहीं है। जाति जनगणना को बीजेपी के खिलाफ अपने अभियान का आधार बनाकर राहुल गांधी अक्सर कहते रहे हैं कि महागठबंधन सरकार ऐसी जनगणना कराएगी और यह बिहार के जातीय सर्वेक्षण जैसा नहीं होगा, जो लोगों को बेवकूफ बनाने का एक तरीका था। दोनों दलों में अहंकार का टकराव सीट बंटवारे की बातचीत में शामिल नेताओं ने भी संबंधित पार्टी नेतृत्व के अहंकार को ज़िम्मेदार ठहराया। एक नेता ने बछवाड़ा सीट को इसका एक प्रमुख उदाहरण बताया। कांग्रेस बछवाड़ा सीट इसलिए चाहती थी क्योंकि 2020 में युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और छह बार के विधायक रामदेव राय के बेटे शिव प्रकाश गरीब दास ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 39,878 वोटों से जीत हासिल की थी। सहयोगी दल सीपीआई ने अपने उम्मीदवार अवधेश कुमार राय के लिए सीट मांगी, जो 2020 में सिर्फ 484 वोटों से हार गए थे। बिहार चुनाव के लिए कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी का हिस्सा रहे एक नेता ने कहा कि कांग्रेस ने इसे अपने अहंकार का मामला बना लिया। इसलिए अब बछवाड़ा, जहां पहले चरण में मतदान होना है, वहां सीपीआई और कांग्रेस दोनों के उम्मीदवार होंगे, जिससे एनडीए को बढ़त मिलेगी। अन्य सूत्रों ने बताया कि अहंकार के कारण छोटी-मोटी घटनाएं भी हुईं। एक बार तो अल्लावरु ने तेजस्वी को एक घंटे से ज़्यादा इंतज़ार करवाया। बदले में तेजस्वी ने अल्लावरु को मुलाक़ात के लिए दो घंटे से ज़्यादा इंतज़ार करवाया। बिहार के एक नेता ने कहा कि यह इतनी छोटी-मोटी बात हो गई। साझा घोषणा पत्र पर सहमति अटकी आरजेडी और कांग्रेस के चुनावी वादे और घोषणाएं कई मायनों में एक जैसी हैं, लेकिन उनके साझा प्रारूप पर सहमति बननी बाकी है. महागठबंधन की मेनिफेस्टो ड्राफ्ट कमेटी इस पर कोई ठोस नतीजा नहीं निकाल पाई है. इसी आंतरिक संघर्ष के कारण साझा चुनाव प्रचार शुरू होने पर सवाल खड़ा हो गया है. सम्राट चौधरी ने कसा तंज… बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस संकट पर तंज कसते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव ही एकमात्र नेता हैं और अन्य पार्टियां महत्वहीन हैं. उन्होंने कहा, "कोई SIR के दौरान … Read more

CM मोहन यादव आज आएंगे इंदौर, हातोद के रेशम केंद्र गोशाला में मनाएंगे गोवर्धन पूजा

इंदौर  मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) आज (22 अक्टूबर) इंदौर और विदिशा जिलों का दौरा करेंगे। इस दौरान वे इन जिलों में आयोजित गोवर्धन पूजा कार्यक्रम में शामिल होंगे। आइए जानते हैं मुख्यमंत्री के दौरे का पूरा शेड्यूल और उनके जरिए किए जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में… सीएम मोहन यादव का आज का कार्यक्रम भोपाल से इंदौर रवाना होंगे सुबह 11:35 बजे मुख्यमंत्री सुबह 11:35 बजे भोपाल से इंदौर के लिए रवाना होंगे। तय कार्यक्रम के अनुसार वे दोपहर 12:20 बजे इंदौर के हातोद क्षेत्र में स्थित रेशम केंद्र गौशाला, खजूरिया जाएंगे। यहां सीएम गोवर्धन पूजा कार्यक्रम में शामिल होंगे। इंदौर कार्यक्रम के बाद दोपहर 2:00 बजे सीएम इंदौर एयरपोर्ट से भोपाल के लिए रवाना होंगे। नगर निगम की हातोद स्थित रेशम केंद्र गोशाला में गोवर्धन पूजा का आयोजन बुधवार को किया गया है। इस आयोजन में शामिल होने के लिए सीएम डॉ.मोहन यादव आ रहे है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि सीएम डॉ. मोहन यादव इस अवसर पर गोवर्धन पूजा संपन्न करेंगे और गो सेवा से जुड़े कामों का अवलोकन करेंगे। आयोजन की शुरुआत दोपहर 12 बजे से होगी। प्रोग्राम में नगर निगम के जनप्रतिनिधि, नगर निगम के अधिकारी और स्थानीय लोग बड़ी संख्या में शामिल होंगे। बता दे कि गोशाला में आयोजन को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। भोपाल से विदिशा जाएंगे सीएम सीएम मोहन यादव दोपहर 2:30 बजे भोपाल से विदिशा जिले के ग्राम पथरिया पहुंचेंगे। यहां वे स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद दोपहर 2:50 बजे ग्राम पथरिया से विदिशा के ग्राम बल्ला खड़ी जाएंगे। यहां भी वे स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होंगे। भोपाल वापसी इसके बाद मुख्यमंत्री दिन के कार्यक्रम का समापन कर शाम 4:00 बजे भोपाल वापस लौटेंगे।

डॉ. यादव ने जताया संकल्प: बहनों, युवाओं और किसानों के हित में सरकार निरंतर सक्रिय, लाड़ली बहनों के वादे होंगे पूरे

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में बहनों, युवाओं, किसानों और गरीबों के कल्याण के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बहनों को भाईदूज के अवसर पर लाड़ली बहना योजना में 250 रुपए की राशि देने का वादा पूरा किया जा रहा है। अब बहनों के योजना के अंतर्गत 1500 रुपए प्राप्त होंगे। भगवान श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा की तरह लाड़ली बहनों को यह राशि योजना के अंतर्गत प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी लाड़ली बहनों को भाईदूज की बधाई भी दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाईदूज के त्यौहार सौगात देने का अवसर बने हैं। इस क्रम में किसानों को प्राकृतिक आपदा से प्रभावित फसलों के लिए 1800 करोड़ की राहत राशिजिलों में दी गई। प्रत्येक क्षेत्र में अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, पीला मोजेक जैसी समस्याओं का सर्वे करवाकर किसानों को मदद पहुंचाई गई। इसके लिए जिलों में आवश्यक प्रबंधन किया गया। सरकार अन्नदाता के जीवन में आए कष्ट में उसके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को ईदगाह हिल्स में निर्धन बेटियों के साथ दीपावली मनाने के बाद टीवी चैनल प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे।  

ट्रंप के सपनों को झटका! चीन ने उतारा हाई-टेक ‘गोल्डन डोम’ डिफेंस सिस्टम

चीन अमेरिका महज सपने बुन रहा था, लेकिन चीन ने उसे हकीकत का जामा पहना दिया। यूं कहें तो पूरी दुनिया ने एक ऐसी अभूतपूर्व शक्ति परिवर्तन का साक्ष्य देखा, जिसकी कोई कल्पना भी न कर सकता। दशकों से अमेरिका यह सोच रहा था कि वह पृथ्वी को मिसाइल रक्षा के एक नए युग में ले जाएगा। मानवता को तबाही से बचाने वाला एक अंतरिक्ष-आधारित किलेबंदी तैयार करेगा। लेकिन वाशिंगटन अभी-अभी योजनाएं गढ़ ही रहा था कि बीजिंग ने इसे साकार कर दिखाया। और दुनिया को स्पष्ट संदेश दे दिया कि तय कर लो, सुपरपावर कौन है? दरअसल चीन ने 'बिग डेटा प्लेटफॉर्म' नामक एक वास्तविक, कार्यशील वैश्विक मिसाइल रक्षा नेटवर्क का प्रोटोटाइप विकसित कर लिया है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने किसी अनुमति या पूर्णता के इंतजार के बिना इसे सीधे तैनात कर दिया। अब इस प्रोटोटाइप के सक्रिय होते ही एक चमत्कारिक परिवर्तन हो चुका है। जहां अमेरिका के पास केवल एक अवधारणा है, वहीं चीन के पास ठोस हकीकत। अमेरिका ने अपने इस दृष्टिकोण को 'गोल्डन डोम' नाम दिया था। एक ग्रहीय सुरक्षा कवच, जो अंतरिक्ष-आधारित और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से संचालित हो, तथा पृथ्वी के किसी भी कोने से प्रक्षेपित किसी भी मिसाइल का पता लगाकर उसे नष्ट करने में सक्षम हो। 2025 में डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित यह प्रणाली वैश्विक सुरक्षा में क्रांतिकारी बदलाव का वादा कर रही थी। लेकिन जब पेंटागन बजट और डेटा प्रवाह पर बहसों में उलझा था, चीन के इंजीनियर मैदान में कूद पड़े थे। चीन के प्रमुख रक्षा अनुसंधान संस्थान, नानजिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी में ली जुदोंग की टीम के अनुसार, यह सफलता महज मिसाइलों या उपग्रहों में नहीं, बल्कि डेटा प्रसंस्करण की क्रांति में छिपी है। उनका सिस्टम पृथ्वी के किसी भी भाग से एक साथ चीन पर दागी गईं 1000 मिसाइलों को ट्रैक कर सकता है। अंतरिक्ष, समुद्र, वायु और भूमि पर फैले सेंसरों के विशाल जाल के सहारे, यह वास्तविक समय में खतरों को संग्रहित, विश्लेषित और प्राथमिकता निर्धारित करता है। हर प्रक्षेप पथ, हर वारहेड, हर छलावे की पहचान होती है, उसे सूचीबद्ध किया जाता है और प्रभाव से पहले ही केंद्रीय कमांड को सूचना भेजी जाती है। पीएलए की यह प्रणाली केवल रडार या उपग्रहों पर निर्भर नहीं है; यह विभिन्न आपूर्तिकर्ताओं से, अलग-अलग समयों में और विविध सैन्य मंचों से प्राप्त डेटा को एकीकृत करती है। उधर, प्रशांत महासागर के उस पार अमेरिकी गोल्डन डोम अभी भी एक सपना मात्र है, जो आंतरिक विवादों में फंसा पड़ा है। इसकी अनुमानित लागत 140 अरब पाउंड से लेकर खरबों पाउंड तक बताई जा रही है। जुलाई में अमेरिकी स्पेस फोर्स के जनरल माइकल गुएटलिन ने कबूल किया था कि किसी को, यहां तक कि उन्हें भी 'गोल्डन डोम' के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है।

मतदान करने वाले हर बिहारवासी के लिए खुशखबरी! चुनाव आयोग ने घोषित किया छुट्टी का नियम

नई दिल्ली  भारत निर्वाचन आयोग बिहार विधानसभा चुनाव और 8 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनावों की तारीखों की घोषणा कर चुका है। मतदान के दिन सभी कर्मचारियों को सवेतन अवकाश देने का आदेश जारी किया गया है। आयोग ने कहा कि यह कदम मतदाताओं को अपने वोट का इस्तेमाल करने में आसानी प्रदान करने के लिए उठाया गया है। बिहार में पहला चरण का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को होगी। इसके अलावा सभी 8 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव भी 11 नवंबर को ही होंगे। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 135बी के तहत हर कर्मचारी, चाहे वह किसी व्यवसाय, उद्योग या अन्य प्रतिष्ठान में काम करता हो, मतदान के दिन सवेतन अवकाश पाने का हकदार है। इस दौरान उनकी तनख्वाह में कोई कटौती नहीं होगी। अगर कोई नियोक्ता इस नियम का उल्लंघन करता है तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है। दैनिक वेतनभोगी और आकस्मिक कर्मचारी भी इस सुविधा के हकदार हैं। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि जो लोग अपने मतदान क्षेत्र से बाहर अन्य जगहों पर नौकरी करते हैं, लेकिन अपने मूल मतदान क्षेत्र में वोटर हैं, उन्हें भी मतदान के दिन सवेतन अवकाश मिलेगा। इससे वे अपने वोट डालने के लिए समय निकाल सकेंगे। यह नियम सुनिश्चित करता है कि हर मतदाता को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का पूरा मौका मिले। निर्वाचन आयोग ने सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को निर्देश दिया है कि वे इस नियम का सख्ती से पालन कराएं। इसके लिए सभी नियोक्ताओं और संबंधित विभागों को जरूरी हिदायतें जारी की जाएं। आयोग का मकसद है कि मतदान प्रक्रिया निष्पक्ष और सुगम हो, ताकि हर नागरिक बिना किसी परेशानी के वोट डाल सके। बिहार में इस घोषणा से कर्मचारियों और दैनिक मजदूरों में खुशी की लहर है। आयोग ने नियोक्ताओं से अपील की है कि वे इस अवकाश का लाभ देने में सहयोग करें ताकि लोकतंत्र मजबूत हो। यह कदम मतदान प्रतिशत बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

पटाखों का धुआं बना जहर: ग्वालियर और जबलपुर में हवा सबसे खराब, भोपाल-इंदौर भी प्रभावित

भोपाल दीपावली पर बारूदी धुएं ने वायु गुणवत्ता का गला घोंट दिया। ग्वालियर व जबलपुर सबसे प्रदूषित शहर रहे। भोपाल व इंदौर की हवा भी जहरीली हो गई। हालात ऐसे बने कि रात नौ बजे से सुबह चार बजे तक इन शहरों में रहने वालों का दम बारूदी धुएं से घुटता रहा। आधी रात के बाद प्रदूषण का स्तर इतना अधिक हो गया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कई स्थानों पर इसे मापना ही बंद कर दिया। सात शहरों की हवा बेहद खराब मिली दीपावली की रात प्रदेश के चार महानगरों समेत सात शहरों की हवा बेहद खराब मिली। ग्वालियर के डीडी नगर में औसत एक्यूआइ 364 दर्ज हुआ। पिछले साल यहां की हवा 408 अंक तक खराब स्थिति में पहुंची थी। जबलपुर के गुप्तेश्वर में भी एक्यूआइ 364 रहा। यहां पिछले साल एक्यूआइ केवल 335 था। इंदौर के छोटी ग्वालटोली केंद्र पर एक्यूआइ 362 दर्ज हुआ। पिछले साल यहीं पर एक्यूआइ 399 दर्ज हुआ था। 832 तक पहुंच गया था सागर का एक्यूआइ इस सूची में सागर की स्थिति चौंकाने वाली है। सामान्य तौर पर कम औद्योगिक दबाव वाले इस शहर में औसत एक्यूआइ 341 दर्ज हुआ है। यहां सोमवार रात 12 बजे एक्यूआइ 832 तक पहुंच गया था। पीथमपुर (330) और सिंगरौली (307) में भी हवा की गुणवत्ता खराब रही। भोपाल में सोमवार शाम चार बजे से मंगलवार शाम चार बजे तक पर्यावरण परिसर स्थित निगरानी केंद्र पर वायु गुणवत्ता सूचकांक का औसत 311 रहा। लेकिन सोमवार की रात आठ बजे से जब पटाखे फूटना शुरू हुए तो यहां की हवा की गुणवत्ता का सूचकांक 355 हो चुका था। पहली बार इतनी जहरीली हवा यह हवा की बेहद खराब श्रेणी है। बात यहीं नहीं रुकी, रात नौ बजे तक एक्यूआइ 426 हो चुका था, वहीं 10.15 बजे तक यह 761 तक जा पहुंचा। यह स्थिति रात एक बजे तक बनी रही। उसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसे मापना ही बंद कर दिया। उसके बाद आंकड़ा सुबह 3.15 बजे आया, जहां एक्यूआइ 680 तक था। सुबह चार बजे तक यही स्थिति रही। भोपाल के ही कलेक्ट्रेट परिसर में एक्यूआइ का औसत 341 मापा गया। यहां एक्यूआइ का सर्वाधिक स्तर 672 रहा, जो रात 10 बजे से 10.45 तक का था। उसके बाद की गणना नहीं हुई। वहीं टीटी नगर में एक्यूआइ का औसत 318 रहा। यहां सर्वाधिक एक्यूआइ 627 रहा, जो रात 11 बजे दर्ज किया गया। बताया जा रहा है कि राजधानी में पहली बार इतनी जहरीली हवा मापी गई है। पिछले वर्ष अधिकतम एक्यूआइ 500 के आसपास ही रहा था। उत्तर पूर्वी हवाओं ने दी थोड़ी राहत विशेषज्ञों का कहना है कि रात में चल रही उत्तर-पूर्वी हवाओं ने इस भारी प्रदूषकों को हटाने में बहुत मदद की। हवा बंद रहती तो स्थिति अधिक गंभीर हो सकती थी। तब बहुत लोग अचानक बीमार पड़ सकते थे। यह बताता है गुणवत्ता सूचकांक 0-50 – हवा साफ है 51 -100 – हवा कम प्रदूषित 101-200 – मध्यम स्तर का प्रदूषण 201-300 – हवा खराब है 301 – 400 – बेहद खराब 401-500 – गंभीर रूप से खराब

भोपाल में रेयर अर्थ एलिमेंट व टाइटेनियम थीम पार्क का उद्घाटन जल्द

भोपाल  मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के निकट, आचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र में “रेयर अर्थ और टाइटेनियम थीम पार्क” आकार ले रहा है. अधिकारियों ने बताया कि दुर्लभ खनिजों के खनन और परिशोधन में सशक्त बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन को साकार करते हुए उच्च-स्तरीय दल ने भोपाल के अचारपुरा इंडियन रेयर अर्थ लिमिटेड के रेयर अर्थ एवं टाइटेनियम थीम पार्क का अवलोकन किया. उच्च-स्तरीय दल प्रदेश में रेयर अर्थ खनिजों की संपूर्ण वैल्यू चेन के विकास और सहयोग के अवसर तलाश रहा है. राज्य सरकार की इस टीम ने संयंत्र में स्वदेशी तकनीक से विकसित रेयर अर्थ धातु निष्कर्षण प्रक्रियाओं की जानकारी ली. क्यों खास है ये पार्क? राज्य सरकार की टीम ने अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं का भी अवलोकन किया, जहां उन्नत अनुसंधान, परिशोधन (बेनीफिसिएशन) और प्रसंस्करण तकनीकों के माध्यम से भारत को इस रणनीतिक क्षेत्र में अग्रणी बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं. खनिज विभाग और आईआरईएल के बीच भावी सहयोग पर भी चर्चा हुई, जिसमें नीतिगत सहयोग, तकनीकी विकास और औद्योगिक संपर्क को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया. यह पार्क मध्यप्रदेश को एक महत्वपूर्ण ‘रेयर अर्थ मैटेरियल हब' बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. हाल ही में भी राज्य की उच्चस्तरीय टीम ने इस पार्क का दौरा कर उसकी प्रौद्योगिकियों, अनुसंधान और प्रसंस्करण क्षमताओं का जायज़ा लिया. इससे प्रदेश में रेयर अर्थ खनिजों के अन्वेषण, प्रसंस्करण और संबद्ध उद्योगों का सशक्त पारिस्थितिकी तंत्र (इको सिस्टम) विकसित किया जा सके. खनिज विभाग के उच्च-स्तरीय दल का यह दौरा प्रदेश को महत्वपूर्ण खनिज प्रसंस्करण और संबद्ध विनिर्माण के केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इससे देश को रेयर-अर्थ-मटेरियल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना कर वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सशक्त किये जाने के प्रयासों को सहायता मिलेगी.

2200 km/h स्पीड, 65% स्वदेशी और ब्रह्मोस का जुड़ाव — तेजस MK1A की ताकत क्या है?

नई दिल्ली  भारत की रक्षा ताकत एक बार फिर दुनिया को चौंकाने वाली है. हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित तेजस Mk1A (Tejas Mk1A) अब पहली उड़ान के लिए तैयार है. शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में महाराष्ट्र के नासिक से यह देश का सबसे आधुनिक स्वदेशी लड़ाकू विमान आसमान में उड़ान भरेगा. यह वही ‘तेजस’ है, जो पूरी तरह भारतीय इंजीनियरिंग, तकनीक और आत्मनिर्भर भारत की मिसाल है. भारतीय वायुसेना इसे अपने बेड़े में शामिल करने जा रही है. और माना जा रहा है कि इसे बीकानेर के नाल एयरबेस पर तैनात किया जाएगा, ताकि पाकिस्तान की सीमा के पास भारत की हवाई शक्ति और भी मजबूत हो सके. भारत का ‘गेमचेंजर’ फाइटर- तेजस MK1A तेजस एमके-1ए पुराने मिग-21 का एडवांस वर्जन है, जिसमें अल्ट्रा-मॉडर्न एवियोनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम और बेहतर रडार लगाए गए हैं. इसकी अधिकतम रफ्तार 2,200 किमी/घंटा है. यानी कुछ ही मिनटों में यह दुश्मन की सीमा तक पहुंच सकता है. इसमें लगी आधुनिक ब्रह्मोस मिसाइल, एयर-टू-एयर और एयर-टू-ग्राउंड स्ट्राइक क्षमता इसे “सुपर-पावर जेट” बनाती है. इसके अलावा यह दुनिया के सबसे हल्के लेकिन घातक फाइटर जेट्स में शामिल है, जो किसी भी मौसम में मिशन पूरा कर सकता है. 65% स्वदेशी तकनीक, भारत की ताकत का नया प्रतीक तेजस एमके-1ए की सबसे बड़ी उपलब्धि इसका 65 प्रतिशत स्वदेशी योगदान है. एचएएल ने बताया कि इसके अधिकांश पार्ट्स भारतीय कंपनियों ने तैयार किए हैं. रडार से लेकर एवियोनिक्स और स्ट्रक्चर तक. यह भारत की तकनीकी ताकत दिखाने वाला कदम है और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की बड़ी उपलब्धि है. मिग-21 की जगह लेगा ‘तेजस’ भारतीय वायुसेना ने हाल ही में अपने पुराने मिग-21 बेड़े को रिटायर किया है. अब उसकी जगह तेजस एमके-1ए लेगा. वायुसेना और एचएएल के बीच 62,370 करोड़ रुपए का अनुबंध हुआ है. इसके तहत 97 स्वदेशी लड़ाकू विमान भारत को मिलेंगे. इनमें 68 सिंगल-सीटर और 29 ट्विन-सीटर ट्रेनर जेट शामिल हैं. इंजन और उत्पादन में मिली रफ्तार अमेरिकी कंपनी GE ने एचएएल को अब तक चार GE-404 जेट इंजन सप्लाई किए हैं. वित्त वर्ष के अंत तक कुल 12 इंजन मिलने की उम्मीद है. इन इंजनों की मदद से तेजस के उत्पादन और वायुसेना को डिलीवरी में तेजी आएगी. आने वाले कुछ सालों में भारतीय वायुसेना के पास दर्जनों तेजस फाइटर जेट्स होंगे. हर एक दुश्मन के लिए डर की वजह. पाकिस्तान की ‘नींद उड़ाने’ को तैयार तेजस एमके-1ए की तैनाती के बाद भारत की सीमाएं पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित होंगी. इसकी रफ्तार, हथियार क्षमता और स्टेल्थ डिजाइन पाकिस्तान की वायुसेना के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन सकती है. रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि तेजस का हर स्क्वॉड्रन “आत्मनिर्भर भारत की उड़ती ढाल” साबित होगा. भारत के आसमान में ‘स्वदेशी शेर’ की दहाड़ तेजस एमके-1ए सिर्फ एक विमान नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी ताकत, वैज्ञानिक क्षमता और सैन्य आत्मनिर्भरता का प्रतीक है. जब यह शुक्रवार को नासिक के आसमान में उड़ान भरेगा, तो यह भारत के एयरोस्पेस इतिहास का एक नया अध्याय लिखेगा.