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GST सुधारों के असर: सरकार ने बताई इस वर्ष खपत में तेज वृद्धि की उम्मीद

नई दिल्ली केंद्र ने शनिवार को कहा कि 22 सितंबर से लागू जीएसटी दरों में हालिया कटौती का लाभ त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं को भी मिला है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और रेलवे, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि हालिया जीएसटी सुधारों से उपभोग को लेकर सकारात्मक रुझान देखा गया है। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, "करों में कटौती केवल त्योहारी सीजन के लिए ही नहीं की गई है। इन कटौतियों का मतलब है अधिक संग्रह, इसलिए कुछ वापस देने के लिए बेहतर राजकोषीय गुंजाइश। त्योहारी सीजन के बाद भी मांग बनी रहेगी।" उन्होंने कहा कि जीएसटी विवाद समाधान तंत्र ने बहुत अच्छी तरह से काम किया है। जीएसटी सुधारों के लागू होने के बाद से राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर 2 अक्टूबर तक जीएसटी से जुड़े मामलों को लेकर 3,981 कॉल दर्ज की गईं। इनमें से 31 प्रतिशत प्रश्न थे और 69 प्रतिशत औपचारिक शिकायतें थीं, जिनका आगे की कार्रवाई के लिए निपटारा किया गया। कुल शिकायतों में से 1,992 शिकायतों को आगे की कार्रवाई के लिए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) को भेज दिया गया है, जबकि 761 शिकायतों को सीधे समाधान के लिए संबंधित कन्वर्जेंस पार्टनर कंपनियों को तत्काल भेजा गया है। वित्त मंत्री सीतारमण के अनुसार, "अधिकतर शिकायतें जीएसटी कटौती की समझ और वास्तव में लागू की गई योजनाओं के बीच के अंतर से संबंधित हैं।" जीएसटी कटौती और उनके लाभों पर वित्त मंत्री ने कहा कि दवाओं और संबंधित उपकरणों की निगरानी की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जीएसटी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे। ऑटोमोबाइल क्षेत्र जीएसटी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाए जाने को लेकर उत्साहित है, जिससे उनकी बिक्री में वृद्धि हुई है। केंद्रीय मंत्री गोयल ने बताया कि लगभग सभी ई-कॉमर्स कंपनियों ने जीएसटी कटौती का लाभ दिया है। उन्होंने कहा, "हमारी निगरानी के अनुसार, उन्होंने नवरात्रि पर अधिक से अधिक ऑफर दिए हैं"। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री ने कहा, "अप्रत्यक्ष कर 140 करोड़ भारतीयों को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं और अब जीएसटी में कटौती के जरिए 2.5 लाख करोड़ रुपए का लाभ दिया गया है। कर कटौती के कारण हुए गुणक प्रभाव ने अर्थव्यवस्था को पहले ही बढ़ावा दिया है।" केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि जीएसटी सुधारों के दौरान, देश में खपत और मांग में वृद्धि को लेकर कई अनुमान लगाए गए थे। उन्होंने आगे कहा, "जीएसटी सुधारों के कारण, इस वर्ष खपत में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने की उम्मीद है, जिसका अर्थ है कि लगभग 20 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त खपत होने की संभावना है।"

मध्य प्रदेश की राजस्व वृद्धि पर GST का असर, वसूली में कमी से बजट अनुमान पर उठे सवाल

 भोपाल  प्रदेश को वर्ष 2025-26 में 2,90,879 करोड़ रुपये सभी माध्यमों से मिलने की उम्मीद थी लेकिन जीएसटी की दरों में किए गए सुधार से अनुमान गड़बड़ा सकता है। दरअसल, केंद्रीय करों में प्रदेश का हिस्सा 1,11,662 करोड़ रुपये का है लेकिन जीएसटी की नई दरों के कारण इसमें कमी संभावित है। जीएसटी में अभी प्रदेश को 17 हजार करोड़ रुपये मिले हैं। जबकि, राज्य के करों से 1.31 लाख करोड़ रुपये राजस्व मिलने के अनुमान के विरुद्ध अभी तक 54 हजार करोड़ रुपये ही खजाने में आए हैं। जल जीवन मिशन में भी भारत सरकार से राशि नहीं मिल रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को मंत्रालय में राजस्व से जुड़े विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की और अधिकारियों को लक्ष्य पूर्ति के लिए प्रयास करने के निर्देश दिए। प्रदेश सरकार ने 2025-26 के बजट में केंद्रीय करों में 17 और राज्य के करों में 11 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है। जीएसटी से 32,705 करोड़ और राज्य के जीएसटी से 42,140 करोड़ रुपये मिलना अनुमानित है लेकिन अब यह आंकड़ा गड़बड़ा सकता है। सूत्रों का कहना है कि जीएसटी की नई दरों से प्रदेश को लगभग साढ़े आठ हजार करोड़ रुपये के राजस्व का घाटा हो सकता है। बैठक में प्रदेश को विभिन्न करों के माध्यम से प्राप्त हुए राजस्व, वित्तीय वर्ष की शेष अवधि की संभावना और लक्ष्य को लेकर चर्चा की गई। इस दौरान बताया गया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत एकल नल जल योजना की लागत में हुई वृद्धि भारत सरकार ने देने से इन्कार कर दिया है। चूंकि, कार्य प्रारंभ हो चुका है इसलिए राज्य के बजट से लगभग तीन हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त दिए गए हैं। अभी भी भारत सरकार से राशि नहीं मिल रही है, जिसके कारण वित्तीय प्रबंधन गड़बड़ा रहा है। अधिकारियों से कहा गया कि वे राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य पर काम करें। साथ ही यह भी देखें कि कहां से अतिरिक्त राशि प्राप्त हो सकती है। भारत सरकार के स्तर पर जो मामले लंबित हैं, उन पर ध्यान दें।

अब बजट में कार लेना हुआ आसान: जीएसटी कम होने के बाद ₹5 लाख से कम की ये पांच गाड़ियां

नई दिल्ली सरकार के हाल ही में लागू किए गए जीएसटी 2.0 रिफॉर्म ने छोटे और आम लोगों के लिए बनी कारों को काफी सस्ता कर दिया है। पहले इन कारों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता था, जिसे घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। इसका फायदा तुरंत ग्राहकों तक पहुंचाया गया है। अब कई लोकप्रिय हैचबैक और एंट्री-लेवल कारें 5 लाख रुपये से कम कीमत में मिल रही हैं। यह सेगमेंट खासकर पहली बार कार खरीदने वालों, छात्रों और उन परिवारों के लिए फायदेमंद है जो दूसरी गाड़ी लेना चाहते हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं, जीएसटी कटौती के बाद कौन-सी 5 कारें 5 लाख रुपये से कम में मिल रही हैं। मारुति सुजुकी ऑल्टो K10 हमेशा से लोगों की पसंद रही Maruti Suzuki Alto K10 (मारुति सुजुकी ऑल्टो K10) अब और भी किफायती हो गई है। जीएसटी कटौती से पहले इसकी शुरुआती कीमत करीब 3.70 लाख रुपये थी, जो अब और कम हो गई है। यह कॉम्पैक्ट, माइलेज देने वाली और कम मेंटेनेंस वाली कार है, जो पहली बार कार खरीदने वालों और शहर में चलाने के लिए परफेक्ट है। इसमें सिर्फ पेट्रोल और सीएनजी ऑप्शन मिलते हैं। मारुति सुजुकी एस-प्रेसो मिनी एसयूवी के नाम से प्रचारित Maruti Suzuki S-Presso (मारुति सुजुकी एस-प्रेसो) अपनी बोल्ड डिजाइन और ऊंचे स्टांस की वजह से जानी जाती है। जीएसटी की नई दरों के बाद इसकी शुरुआती कीमत करीब 3.50 लाख रुपये रह गई है। अब यह और भी किफायती हो गई है और भारत की सबसे सस्ती नई कारों में शामिल हो गई है। इसकी ऊंची सीटिंग पोजिशन ड्राइवर को आगे का अच्छा व्यू देती है। इसमें पेट्रोल और सीएनजी दोनों ऑप्शन मौजूद हैं। मारुति सुजुकी वैगनआर फैमिली कारों में भरोसेमंद नाम Maruti Suzuki Wagon R (मारुति सुजुकी वैगनआर) अब सिर्फ 5 लाख रुपये एक्स-शोरूम कीमत से शुरू हो रही है। इसका टॉल-बॉय डिजाइन, ज्यादा स्पेस वाला केबिन और मारुति का सर्विस नेटवर्क इसे फैमिली खरीदारों के लिए बेस्ट डील बनाते हैं। इसमें सीएनजी और ऑटोमैटिक गियरबॉक्स समेत कई ऑप्शन मिलते हैं। टाटा टियागो Tata Tiago (टाटा टियागो) अपनी मजबूत बिल्ड क्वालिटी, सेफ्टी फीचर्स और मॉडर्न डिजाइन के लिए हमेशा तारीफ पाती रही है। अब इसकी शुरुआती कीमत 4.57 लाख रुपये से शुरू होती है। जो लोग बजट में रहते हुए भी स्टाइल और सुरक्षा चाहते हैं, उनके लिए टियागो एक बेहतरीन विकल्प है। इसमें कई पावरट्रेन और गियरबॉक्स मिलते हैं। खास बात यह है कि यह सीएनजी के साथ ऑटोमैटिक गियरबॉक्स वाला देश का पहला मॉडल है। रेनो क्विड एसयूवी जैसा लुक और बजट-फ्रेंडली कीमत वाली Renault Kwid (रेनो क्विड) अब करीब 4.30 लाख रुपये से शुरू हो रही है। इसके एसयूवी-प्रेरित डिजाइन, टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट और आसान ड्राइविंग फीचर्स ने इसे शहरी ग्राहकों की पसंद बना दिया है। इसमें 1.0-लीटर पेट्रोल इंजन के साथ 5-स्पीड मैनुअल और AMT दोनों ऑप्शन मिलते हैं। 

सुपरमार्केट्स को मिली GST छूट, छोटे दुकानदारों को छोड़ दिया बाहर

 ग्वालियर  जीएसटी कम होने के बाद मंगलवार को कांच मिल क्षेत्र के निवासी बीपी श्रीवास्तव ने दुकान से घी का पैकेट खरीदा। घी का पैकेट 595 रुपए में दुकानदार ने दिया। पहले भी उन्हें घी का पैकेट इतनी ही कीमत में मिलता था। जब उन्होंने दुकानदार से जीएसटी कम करके घी देने के लिए कहा तो उसने कहा कि अभी तो पुरानी रेट में ही मिलेगा। जब हमें कम कीमत पर मिलेगा तब हम भी आपको कम कीमत पर देंगे। ऐसा केवल एक व्यक्ति के साथ नहीं हो रहा है, बल्कि शहर में बड़े सुपर मार्केट या डिपार्टमेंटल स्टोर को छोड़ दें, गली मोहल्लों सहित अन्य जगहों की दुकानों पर जीएसटी कम होने के बाद भी सामान पुरानी कीमत या एमआरपी पर ही मिल रहा है। बिस्किट हो, चिप्स का पैकेट हो या अन्य ऐसी ही कोई पैक्ड सामग्री हो, उपभोक्ताओं को जीएसटी की छूट लागू होने के दो दिन बाद भी एमपीआरपी पर ही मिल रहे है। ऐसे में अभी लोगों को जीएसटी कम होने से कम ही राहत मिल पा रही है। सुपर मार्केट या डिपार्टमेंटल स्टोर पर क्यों मिल रही है छूट     सुपर मार्केट या डिपार्टमेंटल स्टोर न केवल जीएसटी में रजिस्टर्ड हैं, बल्कि वे बिलिंग भी सॉफ्टवेयर से करते हैं। ऐसे में उनके साफ्टवेयर में जीएसटी कम कर दिया गया है। इसलिए इन स्टोर पर लोगों को कम कीमत में सामान मिल रहा है। जबकि छोटी व गली मोहल्लों की दुकानों में से अधिकतर जीएसटी में रजिस्टर्ड ही नहीं है, साथ ही इन दुकानों पर बिलिंग के लिए किसी तरह का साफ्टवेयर भी उपयोग नहीं करते। ऐसे में ये दुकानदार अभी भी जीटएसटी कम होने के बाद भी पुरानी एमआरपी पर ही चीजें बेच रहे हैं। शहर में अधिकतर दुकानदारों को सामान डिस्ट्रीब्यूटर या उनके एजेंट ही सप्लाई करते हैं। ये लोग सीधे सीधे कच्चे बिल पर ही माल सप्लाई करते हैं। ऐसे में दुकानदारों का कहना है कि एजेंट या डिस्ट्रीब्यूटर को तो हम माल के पैसे दे चुके हैं, अब वो वापस नहीं करेगा। इसलिए जब तक पुराना माल है तब तक पुरानी ही कीमत में बेचेंगे। जिन मेडिकल स्टोरों पर कंप्यूटर से बिलिंग हो रही है वहां पर लोगों को दवाओं पर जीएसटी से राहत मिल रही है। हालांकि मेडिकल स्टोर वाले अब पहले जो 10 से 15 प्रतिशत डिस्काउंट दवा पर देते थे, वह नहीं दे रहे हैंं। ऑनलाइन ग्रोसरी का सामान बेचने वाली कंपनियों ने भी कीमत घटाई ऑनलाइन ग्रोसरी सहित अन्य आयटम बेचने वाली कंपनियों ने अपने यहां सभी सामग्रियों की कीमतों को जीएसटी कटौती के मुताबिक घटा दिया है। आर्डर मिलने के बाद वे तुरंत डिलेवरी भी दे रही हैं। ऐसे में लोग अब दुकानों से पुरानी दरों की जगह ऑनलाइन चीजें मंगा रहे हैं। दुकानदारों की यह भी समस्या गोले का मंदिर चौराहे पर एक दुकानदार से जब 5 रुपए का बिस्किट पैकेट और एक 10 रुपये का चिप्स का पैकेट लिया गया और उससे जीएसटी कम करने की बात की तो उसने कहा कि माल नहीं बेच पाएंगे, क्योंकि आप तो 5 और 10 का सिक्का या नोट दोगे। बिस्किट पर 20 पैसे कम होंगे और चिप्स पर 40 पैसे। ऐसे में अब 60 पैसे मैं कहां से लाउंगा। ये सिक्के तो अब चलन में भी नहीं है। इस वजह से 5 से लेकर 50 रुपये की चीजें पुरानी कीमतों पर ही बिक रही हैं। क्या कहते हैं दुकानदार     पांच से दस रुपये या सौ रुपये तक के पैकेट पर जीएसटी कम करके बेचें भी, लेकिन छोटे सिक्के चलन में नहीं है। ऐसे में इन चीजों को एमआरपी पर ही बेचना पड़ रहा है। जिन चीजों पर 20 से 30 या अधिक राशि छूट की होती है उसमें जरूर कम करते हैं। – प्रमोद जैन, किराना दुकानदार जब नया स्टॉक आएगा तभी कम करेंगे     अभी तक घर के उपयोग की जो भी चीजें खरीदी हैं, उन वे सभी एमपीआरपी या पुरानी दर पर मिल रही थी, उसी पर मिल रही हैं। दुकानदार कह देते हैं, जब नया स्टॉक आएगा तभी ही कम पर मिलेंगी। – सुधीर झा, निवासी मुरार क्या कहते हैं व्यापारी संघ के पदाधिकारी     जब भी नई व्यवस्था होती है तो उसमें स्थिरता आने में समय लगता है। वर्तमान में जीएसटी का फायदा 5 हजार रुपये से अधिक की खरीदारी पर ही दिखेगा। दुकानदारों के पास 10 से 15 दिन या एक महीने का ही स्टाक होगा। तब तक छोटे आयटमों पर ही जीएसटी का फायदा आम आदमी को नहीं मिलेगा। लेकिन एक महीने में यह व्यवस्था पूरी तरह से सेटल हो जाएगी। इसके बाद सभी को राहत मिलेगी और बचत होगी। – प्रवीण अग्रवाल, अध्यक्ष चैंबर ऑफ कॉमर्स  

जनता को मिल सकती है और राहत, PM मोदी ने दिए GST में और कटौती के संकेत

 नोएडा नवरात्रि के पहले दिन (22 सितंबर) गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) में भारी कटौती का तोहफा देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक और खुशखबरी दी है। पीएम मोदी ने भविष्य में टैक्स में और ज्यादा कमी का संकेत दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि अर्थव्यवस्था की मजबूती के साथ टैक्स कम होता जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि 2014 में एक लाख की खरीदारी पर करीब 25 हजार का टैक्स लगता था, जो अब घटकर 5-6 हजार रह गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी इंटरनेशल ट्रेड शो का आगाज करते हुए गुरुवार को जीएसटी में हुई कटौती और इससे हो रही बचत का विस्तार से जिक्र किया। उन्होंने भविष्य में भी इसमें कमी का संकेत देते हुए कहा, 'आज देश जीएसटी बचत उत्सव मना रहा है। मैं आपको बताना चाहता हूं हम यहीं नहीं रुकने वाले। 2017 में हम जीएसटी लाए, आर्थिक मजबूती का काम किया। 2025 में फिर से लाए, फिर आर्थिक मजबूती करेंगे और जैसे-जैसे आर्थिक मजबूती होगी टैक्स का बोझ कम होता जाएगा। देशवासियों के आशीर्वाद से जीएसटी रिफॉर्म का सिलसिला निरंतर चलता रहेगा।' पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से पहले इतने सारे टैक्स थे। एक प्रकार से टैक्स का जंजाल था। उसके कारण बिजनेस की कॉस्ट और परिवार का बजट दोनों ही कभी भी संतुलित नहीं हो पाते थे। एक हजार रुपये की शर्ट पर 117 रुपये टैक्स लगता था। 2017 में जब हम जीएसटी लाए तो पहले जीएसटी में 170 रुपये से कम होकर 50 हो गया और अब 22 सितंबर के बाद उसी शर्ट पर सिर्फ 35 रुपये देने होंगे। 2014 में टूथपेस्ट, तेल शैंपू आदि पर कोई 100 रुपये खर्च करता था तो 31 रुपये टैक्स लगता था। 2017 में टैक्स 18 रुपये रह गया। अब यही सामान 105 रुपये में मिलेगा। 131 रुपये का सामान एक 105 पर आ गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर कोई परिवार 2014 से पहले साल में एक लाख रुपये का सामान खरीदता था तो उसे उस समय में करीब 25 हजार रुपये टैक्स देना पड़ता था। लेकिन अब नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी के बाद करीब 5-6 हजार रुपये टैक्स ही देना पड़ेगा। क्योंकि जरूरत के ज्यादातर सामान पर अब सिर्फ पांच फीसदी जीएसटी हो गया है। ट्रैक्टर से स्कूटर तक सस्ता पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से पहले एक ट्रैक्टर खरीदने पर 70 हजार रुपये से अधिक टैक्स देना पड़ता था। अब उसी ट्रैक्टर पर सिर्फ 30 हजार का टैक्स देना पड़ता है। किसान को एक ट्रैक्टर पर 40 हजार की बचत हो रही है। थ्री व्हीलर पर तब 55 हजार का टैक्स लगता था, अब उसी पर जीएसटी करीब 35 हजार रह गया है। सीधे 20 हजार की बचत। जीएसटी कम होने की वजह से स्कूटर 2014 की तुलना में 8 हजार और मोटरसाइकिल 9 हजार सस्ती हो गई है। गरीब और मिडिल क्लास सबकी बचत हुई है। कांग्रेस पर जोरदार हमला पीएम मोदी ने टैक्स छूट का विस्तार से जिक्र करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'कुछ राजनीतिक दल देश के लोगों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। 2014 से पहले जो सरकार चला रहे थे उसकी नाकामियां छिपाने के लिए कांग्रेस और उसके साथी दल जनता से झूठ बोल रहे हैं। सच यह है कि कांग्रेस सरकार में टैक्स की लूट थी और लूटे धन में से भी लूट होती थी। आम नागरिक को टैक्स की मार से निचोड़ा जा रहा था। हमारी सरकार ने टैक्स और महंगाई को कम किया है। देश के लोगों की आमदनी और बचत बढ़ाई है। कांग्रेस सरकार में 2 लाख रुपये की आमदनी तक इनकम टैक्स माफ था, आज 12 लाख रुपये की आमदनी टैक्स फ्री है। इनकम टैक्स और जीएसटी में छूट से लोगों को ढाई लाख करोड़ की बचत हुई है।'

जीएसटी सुधारों से बढ़ेगा निवेशकों का विश्वास: रायपुर में बोले वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी

जीएसटी पर कटौती का लाभ आम जनता तक पहुँचाने हेतु राज्य जीएसटी का विशेष अभियान रायपुर छत्तीसगढ़ में जीएसटी दरों में कटौती का लाभ सीधे जनता तक पहुँचे, इसके लिए राज्य सरकार ने विशेष अभियान शुरू किया है। वित्त मंत्री  ओ. पी. चौधरी ने आज राजधानी के विभिन्न बाजारों का दौरा कर दुकानदारों और उपभोक्ताओं से संवाद किया तथा सुधारों का असर ज़मीनी स्तर पर सुनिश्चित करने की बात कही। इस अवसर पर विधायक अनुज शर्मा भी उपस्थित थे। वित्त मंत्री  चौधरी ने कहा कि जीएसटी सुधारों का असर सीधे जनता तक पहुँचना ही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि राज्य जीएसटी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिये गये हैं कि वे प्रत्येक बाजार का नियमित भ्रमण करें और यह सुनिश्चित करें कि कटौती का लाभ केवल कागज़ों तक सीमित न रहे, बल्कि उपभोक्ताओं की जेब तक पहुँचे। उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ शासन का दृढ़ संकल्प है कि जीएसटी दरों के सरलीकरण और कटौती से आम जनता को सीधा लाभ मिले। सरकार की प्रतिबद्धता है कि लोगों को आवश्यक वस्तुएँ और भी किफायती दामों पर उपलब्ध हों तथा सुधारों का असर हर घर-परिवार में स्पष्ट रूप से महसूस किया जा सके। वित्त मंत्री ने कहा कि 22 सितंबर 2025 से नवरात्रि के पावन अवसर पर ‘जीएसटी बचत उत्सव’ की शुरुआत की गई है। इस उत्सव के अंतर्गत आमजन के उपयोग की वस्तुओं पर उल्लेखनीय कमी की गई है। इसमें हेयर ऑयल, साबुन, शैम्पू, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक सामान, साइकिल, छोटी कारें, एयर कंडीशनर, टीवी, ट्रैक्टर जैसी कई घरेलू वस्तुएँ शामिल हैं। इन सभी पर आम जनता को सीधी राहत दी जा रही है। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि वे बाजारों में भ्रमण के दौरान व्यापारी बंधुओं को दरों में कमी की पूरी जानकारी दें और उपभोक्ताओं से सीधा संवाद स्थापित करें। उन्हें यह समझाना आवश्यक है कि जीएसटी दरों में कटौती से वस्तुओं के दाम घटे हैं और यह राहत उपभोक्ताओं तक पहुँचना ही इस सुधार का उद्देश्य है। वित्त मंत्री  चौधरी ने कहा कि “जीएसटी बचत उत्सव केवल एक औपचारिक पहल नहीं है, बल्कि यह जनसामान्य के जीवन स्तर को सुधारने का एक ठोस प्रयास है। यह पहल राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देगी, उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ाएगी और व्यापार को भी प्रोत्साहित करेगी।” उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए जीएसटी दरों में कटौती और सरलीकरण की घोषणा की थी। इसके पश्चात् जीएसटी कौंसिल की 56वीं बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार 22 सितंबर 2025 से ये प्रावधान पूरे देश में लागू हो चुके हैं।

जीएसटी दरों के कम होने से वस्तुएं सस्ती होंगी, आम उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति बढ़ेगी

 सुरेश कुमार खन्ना ने प्रदेश में जीएसटी की दरों में कमी का लाभ सीधे उपभोक्ताओं को मिले, यह जानने मार्केट पहुंचकर दुकानदारों एवं व्यापारियों से मुलाकात की जीएसटी दरों के कम होने से वस्तुएं सस्ती होंगी, आम उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति बढ़ेगी वित्त मंत्री ने आम उपभोक्ताओं को घटायी गयी जी0एस0टी0 दरों का लाभ देने के लिए कारोबारी व व्यापारियों से अपील की  लखनऊ उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री  सुरेश कुमार खन्ना ने प्रदेश में जीएसटी की दरों में कमी का लाभ 22 सितम्बर से सीधे आम जनता को मिले, यह जानने के लिए उन्होंने सोमवार को लखनऊ के अमीनाबाद मार्केट पहुंचकर वहां के दुकानदारों एवं व्यापारियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कारोबारियों और ग्राहकों से संवाद कर जी0एस0टी0 की नई दरों पर उनकी प्रतिक्रिया जानी। व्यापारियों एवं ग्राहकों में जीएसटी की नई दरों में कमी को लेकर काफी उत्साह है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी को अपनाये, स्वदेशी में संतुष्टि ज्यादा है। सभी व्यापारी स्वदेशी वस्तुओं को बेचने और उपभोग पर अधिक जोर दें। वित्त मंत्री ने कहा कि शारदीय नवरात्रि के पहले दिन प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में जी0एस0टी0 की कम दरों को पूरे देश में लागू कर दी गई हैं। जी0एस0टी0 में यह अब तक का सबसे बड़ा रिफॉर्म है। कई वस्तुओं और सेवाओं में कर की दरों को पांच प्रतिशत या शून्य कर दिया गया है। उन्होंने अपील की कि इसका लाभ आम उपभोक्ताओं को मिले, इसके लिए कारोबारी व व्यापारी डबल इंजन सरकार द्वारा घटायी गयी जी0एस0टी0 दरों का लाभ ग्राहकों को उपलब्ध कराएं। कीमतों में कमी आने से वस्तुओं की बिक्री में वृद्धि होगी, जिसके परिणामस्वरूप कारोबार और बाजार में मजबूती आयेगी। इण्डस्ट्री का पहिया तेजी से घूमेगा और रोजगार बढ़ेगे। इस प्रकार देश एवं प्रदेश की आर्थिक स्थिति में मजबूती आयेगी। वित्त मंत्री  सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि जी0एस0टी0 सुधार प्रधानमंत्री जी की ओर से देशवासियों को दीपावली का उपहार है। जी0एस0टी0 की घटी दरें रोजगार बढ़ाने में सहायक सिद्ध होंगी। इन दरों के कम होने से वस्तुएं सस्ती होंगी, इससे आम उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति बढ़ेगी। क्रय शक्ति बढ़ने से मांग बढ़ेगी। मांग बढ़ने से खपत में वृद्धि होगी, जिसके परिणामस्वरूप उत्पादन बढ़ेगा और उत्पादन बढ़ने से नए रोजगार सृजित होंगे।  

जीएसटी कटौती का मिडिल क्लास पर असर: जानें महीने के बचत के आंकड़े

नई दिल्‍ली  22 सितंबर यानी आज से जीएसटी का नया रेट लागू हो गया है. जीएसटी परिषद ने 3 सितंबर को हुई बैठक में कार से लेकर किचन तक की चीजों पर जीएसटी की दरें घटा दी हैं. ज्‍यादातर चीजों पर जीएसटी दरें घटने से कीमतों में भी कटौती हो गई है. इसका सबसे ज्‍यादा लाभ मिडिल क्‍लास को बताया जा रहा है. नई दरें लागू होने के साथ ही यह सवाल भी लोगों के मन में घूम रहा है कि कीमतों में कटौती होने के बाद मिडिल क्‍लास का हर महीने आखिर कितना पैसा बचेगा. सबसे पहले बात करते हैं वाहन की. त्‍योहारी सीजन शुरू हो गया है और मिडिल क्‍लास इसी समय बाइक और कार की खरीदारी करता है. कार, दोपहिया और थ्री-व्‍हीलर्स पर जीएसटी की दरें 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दी गई हैं, जबक‍ि साइकिल पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 1 लाख रुपये की बाइक पर सीधे 10 हजार रुपये की बचत होगी. 6 से 8 लाख रुपये की कार खरीदने पर भी 60 से 80 हजार रुपये की सीधी बचत हो जाएगी. अगर कोई ऑटो रिक्‍शा खरीदता है तो 3 लाख रुपये के वाहन पर सीधे 30 हजार रुपये की बचत हो जाएगी. वाहनों के कलपुर्जों पर भी जीएसटी की दर 28 से घटकर 18 फीसदी हो गई है, तो इनके मेंटेनेंस पर भी बचत होती रहेगी. रोजमर्रा के सामान पर कितना पैसा बचेगा रोजमर्रा की जरूरी चीजों में शामिल साबुन, टूथपेस्‍ट, शैम्‍पू, हेयर ऑयल, टूथ पाउडर आदि पर जीएसटी की दर घटकर 5 फीसदी हो गई है. इसके अलावा डायपर, बेबी बॉटल, किचन के बर्तन, सिलाई मशीन, माचिस और मोमबत्‍ती भी सस्‍ती हो गई है. अगर एक मिडिल क्‍लास परिवार इन चीजों पर महीने में 5 हजार रुपये खर्च करता था, तो अब उसे सीधे 500 रुपये की बचत होगी. खाने-पीने के सामान पर कितनी बचत दूध, पनीर, मक्‍खन, घी, चॉकलेट, बिस्‍कुट, नमकीन, पास्‍ता, नूडल्‍स और जूस आदि पर भी जीएसटी घटकर 5 फीसदी हो गया है. इसका मतलब है कि अगर कोई मिडिल क्‍लास पारिवार इन चीजों पर 8 से 10 हजार रुपये हर महीने खर्च करता है तो उसे निश्चित रूप से 800 से 1,000 रुपये की बचत होगी. बिस्‍कुट चॉकलेट 15 फीसदी सस्‍ता हो गया है, जबकि नारियल पानी 5 से 6 रुपये प्रति लीटर सस्‍ता हुआ है. पढ़ाई-लिखाई और इलाज पर कितनी बचत स्‍टेशनरी के सामान जैसे नोटबुक, मैप, पेंसिल, क्रेयॉन्‍स और कटर आदि को भी 12 फीसदी से घटाकर शून्‍य या 5 फीसदी कर दिया गया है. इस लिहाज से देखा जाए तो जो स्‍कूल किट पहले 1,000 रुपये की आती थी, अब 850 रुपये में मिल जाएगी. इसका फायदा सिर्फ यूपी के ही 4.3 करोड़ स्‍कूली बच्‍चों को होगा. जीएसटी परिषद ने जरूरी दवाओं को भी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी में कर दिया है. रेयर डिजीज और कैंसर जैसी दवाओं पर जीएसटी को पूरी तरह खत्‍म कर दिया गया है. जांच किट और मेडिकल सप्‍लाइज को भी 5 फीसदी स्‍लैब में डाल दिया गया है. चश्‍मे को भी 18 से घटाकर 5 फीसदी में डाल दिया गया है. इसका मतलब है कि अब 1,000 रुपये की दवाओं पर 70 से 100 रुपये कम हो जाएंगे. मकान बनवाने पर कितना पैसा बचेगा सीमेंट पर जीएसटी 28 से घटाकर 18 फीसदी कर दिया गया है, जिसका फायदा गांव और शहर दोनों जगहों पर मकान बनवाने वालों को होगा. पहले जिस मकान को बनाने में 50 हजार की सीमेंट लगती थी, अब उस पर 5 हजार की सीधी बचत होगी. मार्बल, ग्रेनाइट, बांस और अन्‍य लकड़ी के सामान पर भी जीएसटी रेट कम हो गया है और ये सामान सस्‍ते हो जाएंगे. सीधे तौर पर देखा जाए तो 50 लाख रुपये के मकान पर 3 से 4 लाख रुपये की बचत होगी. इलेक्‍ट्रॉनिक सामान और घरेलू उपकरण 32 इंच के टीवी, एसी, डिशवॉशर और मॉनिटर पर जीएसटी 28 से घटकर 18 फीसदी हो गया है. इसका मतलब है कि 40 हजार का टीवी अब 4 हजार रुपये सस्‍ता मिलेगा. इसी तरह, 35 हजार के एसी पर 3,500 रुपये की बचत होगी. 60 हजार रुपये सोलर वॉटर हीटर पर जीएसटी 5 फीसदी होने से अब 7 हजार की सीधी बचत हो जाएगी. इससे दिवाली में इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स सामानों की खरीदारी सस्‍ती पड़ेगी.

आज से महंगाई पर ब्रेक! ब्रेड, दूध और पनीर समेत 20 चीजों पर GST छूट

मुंबई  देश में GST 2.0 लागू हो गया है और आज नवरात्रि के पहले दिन 22 सितंबर से ऐसे तमाम सामानों के दाम घट गए हैं, जिन्हें देश का आम आदमी लगभग हर रोज खरीदता है. इनमें दूध, ब्रेड से लेकर मक्खन-पनीर तक शामिल हैं. जीएसटी सुधार लागू होने से पहले रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे बचत उत्सव की शुरुआत करार दिया था और कहा था कि इससे गरीब-मिडिल क्लास सभी के पैसे बचेंगे. त्योहारों से ऐन पहले सरकार का ये तोहफा राहत भरा है, क्योंकि अब डेली इस्‍तेमाल होने वाली चीजें सस्ती हो जाएंगी. आइए ऐसी ही 20 रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीजों की कीमतों में बचत का कैलकुलेशन समझते हैं… देश में हर दिन सुबह से शाम तक लोग दूध, ब्रेड से लेकर आटा-दाल, सब्जियां तक की खरीदारी करते हैं. लेकिन आज से इनकी खरीद पर जेब में काफी पैसे बचेंगे, क्योंकि सरकार ने नए जीएसटी रिफॉर्म लागू कर दिए हैं और करीब 99% रोजमर्रा के सामानों के दाम घट गए हैं.  यूएचटी दूध  दूध, सब्‍जियों पर पहले भी जीएसटी रेट लागू नहीं था और अब भी नहीं लगाया गया है. लेकिन अल्ट्रा हाई टेंप्रेचर दूध यानी UHT Milk को जीरो जीएसटी में शामिल किया गया है, जिसपर अब तक 5% की दर से टैक्स लगता था. इसके बाद अमूल से लेकर मदर डेयरी तक ने इसकी कीमतें कम कर दी हैं, जो 22 सितंबर से लागू हो गई हैं. अब   1 लीटर UHT मिल्क (टोंड-ट्रेटा पैक) 77 रुपये के बजाय 75 रुपये में और 450 एमएल मिल्क पैक 33 रुपये की जगह 32 रुपये का मिलेगा.  पनीर दूध के साथ ही पनीर पर लगने वाला 12 फीसदी का जीएसटी भी अब खत्म हो गया है और ये जीरो जीएसटी स्लैब में शामिल हो गया है. इसपर बचत की बात करें, तो अगर आप 90 रुपये में 200 ग्राम पनीर का पैकेट खरीदते थे, तो अब आपको 10 रुपये कम देने होंगे.  मक्खन  रोजमर्रा में रसोई में इस्तेमाल होने वाले डेयरी प्रोडक्ट्स में मक्खन भी अहम है, जो सोमवार से सस्ता हो गया है. जीएसटी रेट कट लागू होने के बाद पहले जो मक्खन (500 ग्राम) 305 रुपये में मिलता था, वो अब 285 रुपये में मिलेगा और 100 ग्राम की मक्खन की टिकया 62 रुपये की जगह 58 रुपये में मिलेगी. घी घी को लिक्विड गोल्ड कहकर भी पुकारा जाता है और जीएसटी रेट कट का असर इसकी कीमतों पर भी दिखा है, क्योंकि सरकार ने इस पर जीएसटी 12% से कम करते हुए 5% कर दिया है. इसके बाद तमाम कंपनियों के घी के दाम घट गए हैं. अमूल का घी (1 लीटर कार्टन पैक) अब 650 रुपये के बजाय 610 रुपये में मिलेगा, तो मदर डेयरी का घी (1 लीटर कार्टन पैक) 675 रुपये की जगह 645 रुपये का हो गया है. पतंजलि गाय का घी 900 एमएल पैक 780 रुपये से कम होकर अब 731 रुपये का रह गया है.  आइसक्रीम  तमाम सामानों के साथ ही GST Rate Cut का फायदा आइसक्रीम पर भी मिलेगा. नए रेट्स लागू होने से पहले ही तमाम कंपनियों ने अपने आइसक्रीम प्रोडक्ट्स के दाम में कटौती का ऐलान कर दिया था. अमूल की नई रेट लिस्ट देखें, तो 22 सितंबर से 1 लीटर वनीला मैजिक कप 195 रुपये की जगह अब 180 रुपये का मिलेगा, तो वहीं शुगर फ्री शाही अंजीर आइसक्रीम का 125 एमएल कम 50 रुपये की जगह 45 रुपये का मिलेगी. इसके अलावा बटर स्कॉच.(125 एमएल), कुल्फी पंजाबी (60एमएल) में पांच रुपये की कटौती की गई है. मदर डेयरी की आइसक्री के प्राइस पर नजर डालें, तो जीएसटी कट का लाभ देते हुए कंपनी ने आइसकैंडी (45 ग्राम ), 50 एमएल वनीला कप, 30 एमएल चोकोबार की कीमत 10 रुपये से घटकर 9 रुपये रह गई.  ब्रेड ब्रेड का इस्तेमाल भी हर रोज घरों में होता है, फिर बात चाहे चाय के साथ ब्रेड की हो या सैंडविच के लिए, इसपर भी सरकार ने बड़ी राहत दी है. ब्रेड भी 5% जीएसटी स्लैब से सीधे शून्य जीएसटी वाले उत्पादों में शामिल हो गया है. यानी इस पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा. मतलब जो ब्रेड का पैकेट आप 20 रुपये में खरीदते थे, वो 1 रुपये कम यानी 19 रुपये में मिलेगा.  पिज्जा  आपके घर में बच्चे हैं, तो फिर वो पिज्जा खाने की जिद तो करते ही होंगे, रोज नहीं तो एक दो दिन छोड़कर आप दिलाते भी होंगे, तो बता दें सरकार ने इसपर भी टैक्स घटा दिया है. पिज्‍जा, ब्रेड पर जीएसटी को 5% से शून्‍य कैटेगरी में शामिल कर दिया गया है. ठीक ब्रेड की तरह, ऐसे में अगर आप दुकान से 100 रुपये का पिज्जा खरीदते समय 5 रुपये का जीएसटी देते थे, तो अब ये नहीं लगेगा. मतलब ये 95 रुपये का मिलेगा.  पास्ता, कॉर्न फ्लेक्स, नूडल्स बच्चों के लिए सुबह की शुरुआत आज के समय में घरों में पास्ता, कॉर्न फ्लेक्स के साथ होती है और नूडल्स भी खूब बनाए जाते हैं, अब इन फूड प्रोडक्ट्स पर भी राहत मिली है. 22 सितंबर से ये सभी चीजें भी सस्ती हो गई हैं. इन पर लगने वाले 12-18% की स्लैब को कम करते हुए इन्हें 5% में शामिल किया गया है. 100 रुपये के नूडल्स के पैकेट पर अब 18 या 12 रुपये की जगह 5 रुपये का टैक्स ही लगेगा.  बिस्कुट-नमकीन सरकार रोजमर्रा में यूज होने वाले सामानों पर जीएसटी घटाने पर विशेष तौर पर फोकस किया है. इनकी लिस्ट में रोज इस्तेमाल होने वाले नमकीन-बिस्कुट भी शामिल हैं, जिनपर अब तक 12 से 18 फीसदी तक का टैक्स लगता था, लेकिन अब इसे कम करते हुए 5 फीसदी कर दिया गया है. कैलकुलेशन समझें, तो 5 रुपये की नमकीन पर पहले 12% टैक्‍स के हिसाब से 60 पैसे GST लगता था, लेकिन अब सिर्फ 25 पैसे लगेगा. वहीं बिस्‍कुट 18% स्लैब में आता था और 5 रुपये के पैकेट पर 90 पैसे टैक्स लगता था, जो अब महज 25 पैसे लगेगा.  तेल-शैंपू और साबुन रोजमर्रा के सामानों की लिस्ट में तेल, शैंपू और साबुन जैसे सामान भी शामिल हैं. इन पर टैक्‍स को 18 फीसदी से कम करके 5% किया गया है. ऐसे … Read more

शेयर बाजार में रौनक लौटाई GST ने, ट्रंप की वीज़ा धमकी बेअसर

मुंबई  शेयर बाजार पर देश में लागू हुए जीएसटी रिफॉर्म्स को जोरदार असर देखने को मिला है और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के H1B वीजा बम पर टैक्स छूट भारी पड़ती नजर आई है. दरअसल, एच1वीजा फीस हाइक के ट्रंप के ऐलान के बाद सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को सेंसेक्स-निफ्टी बड़ी गिरावट लेकर खुले. लेकिन कुछ ही मिनटों के बाद दोनों इंडेक्स जोरदार रिकवरी मोड में आ गए और शुरुआती गिरावट धीमी पड़ गई. जहां आईटी शेयर टूटे दिखाई दिए, तो वहीं अडानी पोर्ट्स-अडानी पावर से लेकर कोचीन शिपयार्ड तक के शेयरों में तेजी दर्ज की गई.  पहले तेज गिरावट, फिर संभले इंडेक्स  शेयर मार्केट में सोमवार को कारोबार की शुरुआत तेज गिरावट के साथ हुई. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स अपने पिछले कारोबारी बंद 82,626.23 की तुलना में बुरी तरह फिसलकर 82,151.07 के लेवल पर ओपन हुआ. इस बीच ट्रंप के H1B वीजा फीस में बढ़ोतरी के ऐलान के चलते खासतौर पर आईटी कंपनियों के शेयर बिखरे हुए नजर आए. लेकिन ये तेज गिरावट कुछ ही मिनटों के कारोबार में धीमी पड़ गई और बीएसई का इंडेक्स तगड़ी रिकवरी के मूड में नजर आया. खबर लिखे जाने तक आधे घंटे के कारोबार में ये मामूली गिरावट के साथ 82,557.88 पर कारोबार कर रहा था.  बात नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी इंडेक्स की करें, तो इसमें भी सेंसेक्स की तरह ही पहले गिरावट और रिकवरी देखने को मिली. अपने पिछले बंद 25,327.05 की तुलना में ये 50 शेयरों वाला इंडेक्स 25,238.10 पर ओपन हुआ और फिर रिकवरी करते हुए 25,331.70 पर ट्रेड करता हुआ नजर आया.  बाजार खुलते ही फिसले थे 2355 स्टॉक बाजार की खराब शुरुआत के दौरान शेयर मार्केट में लिस्टेड करीब 2,355 कंपनियों के शेयरों ने अपने पिछले कारोबारी बंद के मुकाबले तेज या मामूली गिरावट लेकर ओपनिंग की थी, जबकि 948 कंपनियों के शेयर ऐसे थे, जो बढ़त के साथ ग्रीन जोन में ओपन हुए थे. वहीं 155 शेयरों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं दिखा और इनकी फ्लैट ओपनिंग हुई.  निफ्टी पर एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, श्रीराम फाइनेंस, एशियन पेंट्स, अडानी पोर्ट्स जहां सबसे ज्यादा भागते हुए नजर आए, तो वहीं टेक महिंद्रा, टीसीएस, टाटा मोटर्स, अपोलो हॉस्पिटल्स, डॉ रेड्डीज लैब्स जैसे बड़े स्टॉक्स ने गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की.  ट्रंप के ऐलान का IT शेयर पर असर  अब बताते हैं डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H1B Visa Fee Hike से प्रभावित हुए शेयरों के बारे में, तो इसका सबसे ज्यादा असर आईटी शेयरों पर पड़ा. सबसे ज्यादा टूटने वाले शेयरों में लार्जकैप में शामिल टेक महिंद्रा शेयर (3.74%), टीसीएस शेयर (2.20%), इंफोसिस (2.10%), एचसीएल शेयर (1.70%) की गिरावट लेकर ट्रेड कर रहा था, तो वहीं मिडकैप कैटेगरी में शामिल हेक्सवेयर टेक शेयर (5.60%), एम्फेसिस शेयर (4%), टाटा टेक शेयर (2.10%) फिसलकर कारोबार कर रहे थे.  अडानी पावर समेत ये 10 शेयर उछले बात करें, सबसे ज्यादा उछलने वाले शेयरों के बारे में, तो सबसे तूफानी रफ्तार से गौतम अडानी के नेतृत्व वाली अडानी पावर का शेयर भागा और 18 फीसदी से ज्यादा की तेजी लेकर 167.55 रुपये पर पहुंच गया. इसके अलावा अन्य बढ़त वाले स्टॉक्स में स्मॉलकैप कैटेगरी के स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (15%), आईआईएल (9%), बीसीएल इंडिया शेयर (7.56%), एमएमटीसी शेयर (7.50%) और नेट वेब शेयर (6%) की तेजी लेकर ट्रेड कर रहे थे. मिडकैप में पीईएल शेयर (5%), मुथूट फाइनेंस शेयर (3%), कोचीन शिपयार्ड शेयर (2.70%) और यस बैंक शेयर (2.10%) चढ़कर कारोबार कर रहा था.