samacharsecretary.com

TATA गाड़ियों की कीमतों में बड़ी कटौती, GST छूट के बाद 1.55 लाख तक सस्ता हुआ कार

मुंबई  गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST Reforms) स्लैब में बड़े बदलाव के बाद देश की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स ने आज आधिकारिक तौर पर अपनी कारों की कीमत में कटौती का ऐलान कर दिया है. टाटा मोटर्स ने अपनी सबसे सस्ती कार टाटा टिएगो से लेकर मशहूर एसयूवी टाटा सफारी तक, सभी वाहनों की कीमत में बदलाव किया है. कारों की कीमत में की गई ये कटौती आगामी 22 सितंबर 2025 से देश भर के डीलरशिप पर पर लागू होगी.  टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने अपने बयान में कहा है कि, "22 सितम्बर 2025 से लागू होने वाली पैसेंजर व्हीकल्स पर GST में कटौती एक प्रगतिशील और समयानुकूल फैसला है. जिससे देश भर में लाखों लोगों के लिए व्यक्तिगत मोबिलिटी और सुलभ हो जाएगी." उन्होंने कहा कि "कंपनी के कस्टमर फर्स्ट सिद्धांत के अनुरूप टाटा मोटर्स इस जीएसटी रिफॉर्म की पूरी भावना और उद्देश्य का सम्मान करती है. कंपनी अपने ग्राहकों को जीएसटी कटौती का पूरा लाभ देगी." शैलेश चंद्रा ने आगे कहा कि "इससे टाटा मोटर्स की लोकप्रिय कारों और एसयूवी रेंज और अधिक किफायती होगी, जिससे पहली बार वाहन खरीदने वाले ग्राहकों को प्रोत्साहन मिलेगा और देशभर में नई पीढ़ी की मोबिलिटी की ओर बदलाव और तेज होगा." किन कारों की कीमत में कितनी हुई कटौती? टाटा के मॉडल कीमतों में कटौती (रुपयों में) टिएगो  75,000 टिगोर 80,000 अल्ट्रोज  1,10,000 पंच 85,000 नेक्सन 1,55,000 कर्व   65,000 हैरियर   1,40,000 सफारी   1,45,000 नोट: कारों की एक्चुअल प्राइसिंग के लिए अपने नजदीकी डीलरशिप से संपर्क करें. फेस्टीव सीजन में मिलेगा लाभ टाटा मोटर्स का यह ऐलान भारत के त्योहारों के सीजन से ठीक पहले आया है. जो परंपरागत रूप से वाहनों की बिक्री का पीक पीरियड माना जाता है. कंपनी ने ग्राहकों को यह सलाह भी दी है कि संभावित बढ़ी हुई मांग को देखते हुए वे समय से पहले ही बुकिंग कर लें. जीएसटी कटौती टाटा मोटर्स की पूरी पैसेंजर व्हीकल रेंज पर लागू होगी. इसमें एंट्री-लेवल हैचबैक Tiago पर ग्राहकों को अधिकतम 75,000 रुपये तक की बचत होगी. इसी तरह Tigor पर अधिकतम 80,000 रुपये और लोकप्रिय कॉम्पैक्ट एसयूवी Punch पर 85,000 रुपये तक की राहत मिलेगी. वहीं सबसे बड़ी कटौती Nexon में देखने को मिली है, जिसके दाम 1.55 लाख रुपये तक घट गए हैं. बता दें कि, हाल ही में हुए जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में यह फैसला लिया गया था कि, छोटी कारें, जिनमें 1200 सीसी तक के पेट्रोल इंजन, 1500 सीसी तक के डीजल इंजन और 4 मीटर से कम लंबाई वाली कारें शामिल हैं, उन पर अब केवल 18% जीएसटी लगेगा, जो पहले 28% था. इससे इस कैटेगरी में आने वाली कारों की कीमत में भारी कटौती हुई है.

महंगाई पर राहत की उम्मीद! SBI रिपोर्ट से सामने आया सबूत

नई दिल्ली  जीएसटी दरों में बड़ा बदलाव होने वाला है, जिससे आम घरेलू सामान और सेवाओं पर टैक्स कम होगा. इससे अगले वित्त वर्ष (2025-26) में रिटेल इंफ्लेशन 0.65 से 0.75 प्रतिशत तक घट सकता है. एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नए जीएसटी नियम लागू होने के बाद देश में महंगाई कम होगी जीएसटी काउंसिल की 56वीं मीटिंग में पुरानी चार स्तरीय टैक्स स्ट्रक्चर (5%, 12%, 18%, 28%) को हटाकर दो स्तरीय टैक्स स्ट्रक्चर (5% और 18%) को मंजूरी दी गई. साथ ही, कुछ लग्जरी सामान और सेवाओं के लिए 40% की स्पेशल टैक्स दर तय की गई है, जिसके तहत रोजमर्जा की काफी चीजें सस्ती हो गई हैं और कुछ तो टैक्स फ्री ही हो गई हैं. नई दरें कब से लागू होंगी? तंबाकू और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स को छोड़कर नई टैक्स दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी. रिपोर्ट कहती है कि 453 सामानों की जीएसटी दर में बदलाव हुआ है. इनमें से 413 सामानों पर टैक्स कम हुआ है, जबकि सिर्फ 40 सामानों पर टैक्स बढ़ा है. करीब 295 जरूरी सामानों पर जीएसटी 12% से घटकर 5% या 0% हो गई है. इससे खासकर खाने-पीने की चीजों पर 60% फायदा ग्राहकों को मिलेगा, जिससे कंज्यूमर वैल्यू इंडेक्स आधारित इंफ्लेशन 0.25 से 0.30% तक कम हो सकती है. रिटेल इंफ्लेशन पर क्या असर होगा? एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया कि इसके अलावा, सेवाओं पर जीएसटी दरों को रेशनाइलज बनाने से अन्य वस्तुओं और सेवाओं पर खुदरा मुद्रास्फीति में 0.40 से 0.45 प्रतिशत की और कमी आएगी. इसमें ग्राहकों को लाभ 50 प्रतिशत मिलने का अनुमान लगाया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 2026-27 के दौरान रिटेल इंफ्लेशन में 0.65 से 0.75 प्रतिशत तक कमी आ सकती है. जीएसटी की औसत दर कितनी हुई? जीएसटी काउंसिल के रेट रेशनलाइजेशन से सितंबर 2019 में औसत जीएसटी दर 14.4% से घटकर 11.6% हो गई थी. अब नए बदलावों के बाद ये और कम होकर 9.5% हो सकती है. नए जीएसटी नियमों से जरूरी सामान और सेवाएं सस्ती होंगी, जिससे महंगाई कम होगी और आम लोगों को फायदा होगा.  

अब सिगरेट, तंबाकू और कोल्ड ड्रिंक पर सिर्फ GST नहीं, अतिरिक्त टैक्स भी लागू होगा!

नई दिल्ली  GST रिफॉर्म के तहत तंबाकू, सिगरेट और कोल्‍ड ड्रिंक्‍स जैसे सिन प्रोडक्‍ट्स पर 40 फीसदी जीएसटी लगाया गया है. लेकिन अब इन उत्‍पादों पर और भी ज्‍यादा टैक्‍स लग सकता है. बिजनेस टुडे की रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है कि सरकार इन चीजों पर टैक्‍स को और भी अधिक बढ़ा सकती है.  सरकार तंबाकू और सिगरेट जैसे हानिकारक वस्‍तुओं पर टैक्‍स के इम्‍पैक्‍ट को वर्तमान स्‍तर पर बनाए रखने के लिए 40% GST के अलावा, सेस भी लगा सकती है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के अध्यक्ष संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि GST के तहत, 40% अधिकतम टैक्‍स लगाया जा सकता है. बाकी टैक्‍स को वर्तमान स्तर पर बनाए रखने के लिए कोई व्यवस्था करेंगे. हालांकि उन्‍होंने उस व्‍यवस्‍था के बारे में विस्‍तार से जानकारी नहीं दी है. उन्होंने बिजनेस टुडे को दिए एक इंटरव्‍यू में आगे कहा कि अगर विधायी संशोधन या विधेयक की आवश्यकता होगी तो उस पर ध्यान दिया जाएगा. लग्‍जरी कार-बाइक पर एक्‍स्‍ट्रा टैक्‍स नहीं उन्‍होंने यह भी स्‍पष्‍ट किया कि लग्‍जरी कारों, लग्‍जरी बाइक और सुपर लग्‍जरी अन्‍य वस्‍तुओं जैसी वस्‍तुओं एक्‍स्ट्रा टैक्‍स नहीं लगाया जाएगा. उनपर 40 फीसदी का ही टैक्‍स लगेगा.  नए जीएसटी रिफॉर्म के तहत हानिकारक वस्‍तुओं और सुपर लग्‍जरी आइटम्स पर मौजूदा 28% के बजाय 40% टैक्‍स लगेगा. अग्रवाल ने आगे बताया कि हानिकार सबटैक्‍स 28 फीसदी दिसंबर 2025 तक जारी रहने की संभावना है, जबकि पहले यह उम्मीद थी कि यह इस साल 31 अक्टूबर तक यह समाप्त हो जाएगा. 22 सितंबर से लागू करने पर चल रहा काम उन्‍होंने कहा कि CBIC जीएसटी की नई दरों को लागू करने के लिए भी काम कर रहा है, जो 22 सितंबर से लागू होंगी. अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान में दो प्रॉसेस चल रही हैं. पहला- हमें आवश्यक नोटिफिकेशन जारी करनी होंगी, और केंद्र के साथ-साथ राज्यों द्वारा भी नोटिफाई किए जाएंगे. हम जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी कर लेंगे. दूसरा- दरों में बदलाव, नया आसान रजिस्‍ट्रेशन प्रॉसेस और रिफंड प्रॉसेस को ध्यान में रखते हुए, हमारी आईटी सिस्‍टम में आवश्यक बदलाव किए जा रहे हैं.  उन्होंने आगे कहा कि उद्योग को भी 22 सितंबर से अपने ERP को नई दरों के साथ अपडेट करना होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इनवॉयसिंग सही ढंग से की जा रही है. 

मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक: नवरात्रि में GST रिलीफ, दिवाली से पहले मिला फायदा

नई दिल्ली केंद्र सरकार ने 22 सितंबर से लागू होने वाले GST दरों में बड़े कटौती के फैसले को अर्थशास्त्री और राजनीतिक पर्यवेक्षक दोनों ही अहम मान रहे हैं. इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की एक ऐसी पहल बताया जा रहा है जो न सिर्फ उपभोग और सार्वजनिक खर्च को बढ़ावा देगी, बल्कि आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले आम आदमी के लिए बड़ा तोहफा भी साबित होगी. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, इस बार त्योहारों के मौसम में उपभोक्ता खर्च रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है. जीएसटी कटौती नवरात्रि के पहले दिन यानी 22 सितंबर से लागू होगी, जो दिवाली (20 अक्टूबर) से लगभग एक महीने पहले है. इससे उपभोक्ता खरीदारी को टालने की बजाय बढ़ाएंगे. बजट में नए टैक्स सिस्टम के तहत दी गई इनकम टैक्स राहत के बाद यह सरकार की तरफ से आम जनता के लिए इस साल का दूसरा बड़ा तोहफा है. चार राज्‍यों में विधानसभा चुनाव बीजेपी आगामी बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, केरल और तमिलनाडु चुनावों में इस कदम को अपने प्रचार अभियान का अहम हिस्सा बनाने जा रही है. पार्टी इस बात पर जोर देगी कि मोदी सरकार ने आम जनता की जेब में ज्यादा पैसा छोड़ा है और उनकी क्रय शक्ति को बढ़ाया है. सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में जीएसटी दरों के सरलीकरण को दिवाली गिफ्ट बताया था, लेकिन सरकार जानती थी कि अगर ये कटौती दिवाली के ठीक पहले की जाती तो उपभोक्ता खरीदारी को टाल सकते थे. इसलिए इसे समय से पहले लागू करने का फैसला किया गया. आमलोगों को सीधा राहत नई दरों के तहत रोजमर्रा की जरूरत की ज्यादातर वस्तुओं पर जीएसटी को घटाकर या तो 5% कर दिया गया है या शून्य. मेडिकल और जीवन बीमा पॉलिसी पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा. साथ ही जीवन रक्षक दवाओं और अधिकांश दवाओं पर कर दरें कम कर दी गई हैं. इससे आम आदमी को सीधी राहत मिलेगी. UPA पर हमला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपीए सरकार जीएसटी लागू नहीं कर पाई थी क्योंकि राज्यों को केंद्र पर भरोसा नहीं था. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस को तय करना होगा कि उसे इस कटौती का समर्थन करना है या विरोध. अगर वे विरोध करते हैं, तो जनता के सामने उनकी असलियत सामने आ जाएगी.’ बीजेपी को उम्मीद है कि कांग्रेस की आलोचना उसे जनता की नजर में ‘एंटी-पब्लिक’ साबित करेगी, जबकि मोदी सरकार का यह कदम चुनावी मैदान में पार्टी के लिए सकारात्मक माहौल बनाएगा.

GST से सरकार की बढ़ी तिजोरी, क्या सुधारों से और होगा फायदा या घटेगा कलेक्शन?

नई दिल्ली जीएसटी काउंसिल की बैठक में अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों को लेकर कई बड़े फैसले किए गए. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनके बारे में बताते हुए साफ किया कि अब सिर्फ दो जीएसटी स्लैब 5% और 18% के रहेंगे, जबकि हानिकारक और सुपर लग्जरी आइटम्स के लिए एक स्पेशल 40% का स्लैब होगा. देश में तमाम टैक्सों को खत्म करते हुए 2017 में GST लागू किया गया था और जीएसटी कलेक्शन के जरिए सरकार की कमाई में साल-दर-साल तगड़ा इजाफा देखने को मिला है. बीते 8 साल में कमाई का आंकड़ा तीन गुना हो गया है. हालांकि, अब GST 2.0 के तहत इसमें किए बदलाव से कलेक्शन पर भी असर देखने को मिल सकता है.    2017 में शुरुआत, अब बड़ा बदलाव देश की आजादी के बाद सबसे बड़े टैक्स सुधार के रूप में 1 जुलाई 2017 को जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) को लागू किया गया था. सरकार पुरानी अप्रत्‍यक्ष कर व्‍यवस्‍था की जगह वस्‍तु एवं सेवा कर को लेकर आई और इसके बाद पहले लगने वाले अलग-अलग तरह के तमाम टैक्स खत्म कर दिए गए. इसे संचालित करने के लिए जीएसटी परिषद का गठन किया गया, जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री, राज्‍य मंत्री (रेवेन्‍यू) और राज्‍यों के वित्त मंत्रियों को जगह दी गई. शुरुआत से ही जीएसटी को चार भागों में डिवाइड किया गया.       पहला: सीजीएसटी (केंद्रीय माल और सेवा कर)     दूसरा: एसजीएसटी (राज्य माल और सेवा कर)     तीसरा: आईजीएसटी (एकीकृत माल और सेवा कर)     चौथा: यूटीजीएसटी (केंद्र शासित प्रदेश माल और सेवा कर) जीएसटी को अलग-अलग कैटेगरी के सामानों के हिसाब से चार स्लैब में भी बांटा गया, जो 5%, 12%, 18% और 28% तय किए गए थे. अब जीएसटी आठवें साल में पहुंच गया है और इसके साथ ही इसमें नए सुधार करते हुए सरकार ने इसे सिर्फ दो टैक्स स्लैब तक सीमित कर दिया है, जो 5% और 18% के होंगे.   हर साल बढ़ती गई सरकार की कमाई जीएसटी से सरकार की कमाई के बारे में बात करें, तो 1 जुलाई 2017 को लागू होने के बाद से हर साल इसमें जोरदार इजाफा हुआ है. इस साल 2025 में तो जीएसटी कलेक्शन ने सारे रिकॉर्ड तोड़े. शुरुआती साल में इसके जरिए सरकारी खजाने में 7.41 लाख करोड़ रुपये (जुलाई से मार्च तक) आए थे. तो वहीं अगले साल 2018–19 में जीएसटी से कमाई का आंकड़ा 11.77 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया. वहीं इसकी शुरुआत से अब तक कलेक्शन में तीन गुना से ज्यादा का इजाफा दर्ज किया गया है और 2021-22 से लेकर 2024-25 तक सिर्फ पांच साल में ही जीएसटी से सरकार की कमाई दोगुनी हो चुकी है और ये 11.37 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 22.08 लाख करोड़ रुपये हो गई है.  2025 में बनाया सबसे बड़ा रिकॉर्ड इस साल 2025 में जीएसटी कलेक्शन ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़े और सरकार को ताबड़तोड़ कमाई कराई. अप्रैल महीने में अब तक सबसे बड़ा मासिक जीएसटी कलेक्शन हुआ, जो 2.37 लाख करोड़ रुपये रहा.  महीना जीएसटी कलेक्शन जनवरी 2025 1.96 लाख करोड़ रुपये फरवरी 2025 1.84 लाख करोड़ रुपये   मार्च 2025 1.96 लाख करोड़ रुपये   अप्रैल 2025 2.37 लाख करोड़ रुपये मई 2025 2.01 लाख करोड़ रुपये जून 2025 1.85 लाख करोड़ रुपये जुलाई 2025 1.96 लाख करोड़ रुपये अगस्त 2025  1.86 लाख करोड़ रुपये रेवेन्यू में नुकसान की भरपाई की उठी थी मांग जीएसटी रिफॉर्म के चलते सरकार ने करीब 40,000 करोड़ रुपये के सालाना रेवेन्यू नुकसान की आशंका जाहिर की है. मतलब सरकार की कमाई पर इन सुधारों का असर पड़ने वाला है, लेकिन दूसरी ओर देश की आम जनता से लेकर छोटे कारोबारियों और किसानों तक के लिए ये सरकार की ओर से दिवाली से पहले दिया गया बड़ा गिफ्ट है. जीएसटी रिफॉर्म के रेवेन्यू पर पड़ने वाले असर को लेकर बैठक के दौरान विपक्षी राज्यों की ओर से नुकसान की भरपाई के लिए योजना बनाने की मांग उठाई गई थी. हालांकि, बैठक के रिजल्ट आने के बाद पंजाब के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बात करते हुए कहा कि हमने कहा था कि क्षतिपूर्ति उपकर बढ़ाया जाना चाहिए, लेकिन केंद्र सहमत नहीं हुआ.  रोजमर्रा के सामानों से कार-बाइक तक होंगी सस्ती  बुधवार 3 सितंबर को नई दिल्ली में हुई जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में नए सुधारों का ऐलान करते हुए सरकार ने रोजमर्रा के सामानों साबुन, तेल, घी, फूड प्रोडक्‍ट्स, डेयरी प्रोडक्ट्स (मक्खन, घी, पनीर, गाढ़ा/पनीर), चॉकलेट और कोको पाउडर, सिलाई मशीन, पास्ता, कॉर्न फ्लेक्स, नूडल्स, बिस्कुट, माल्ट एक्सट्रेक्ट (गैर-कोको) के साथ ही जैम, जेली, मुरब्बा, मेवे/फलों का पेस्ट, सूखे मेवे, मेवे समेत पहले से पैक पिज्जा ब्रेड, खाखरा, चपाती, रोटी को 5%  स्लैब में डाला गया है.  छोटी कारों, 350 सीसी तक की बाइक्स से लेकर ट्रैक्टर तक पर जीएसटी घटाकर 28 से 18 फीसदी किया गया है और इसका मतलब है कि इनके दाम घटने वाले हैं. इसके अलावा एयर कंडीशनर, डिशवाशर मशीनें, टीवी (एलईडी, एलसीडी), मॉनिटर, प्रोजेक्टर पर लागू 28% जीएसटी को कम करते हुए 18% कर दिया गया है. इंश्योरेंस प्रीमियम और 33 जरूरी दवाओं के साथ ही शिक्षा से संबंधित सामानों को जीएसटी फ्री यानी जीरो जीएसटी में शामिल किया गया है. जीएसटी बदलाव के तहत करीब 90% हाउसहोल्ड आइटम्स के दाम घटेंगे और नवरात्रि के पहले दिन यानी 22 सितंबर 2025 से ये लाभ जनता को मिलने लगेंगे. हालांकि, तंबाकू प्रोडक्ट्स, कॉर्बोनेटेड-कैपिनेटेड ड्रिंक्स, फास्ट फूड और सुपर लग्जरी आइटम्स जैसे प्राइवेट जेट को 40% स्लैब में रखा गया है.

बर्नस्टीन रिपोर्ट: जीएसटी बदलाव से जीडीपी पर असर बहुत कम, सिर्फ 0.05%

नई दिल्ली ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म बर्नस्टीन की गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार द्वारा घोषित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में व्यापक बदलावों का सार्वजनिक वित्त पर मामूली प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि केंद्र पर केवल 18,000 करोड़ रुपए का राजकोषीय बोझ पड़ने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वित्त वर्ष 26 के लिए भारत के अनुमानित जीडीपी का केवल 0.05 प्रतिशत है। 3 सितंबर को, सरकार ने प्रमुख जीएसटी सुधारों की घोषणा की, जिसमें कर स्लैब की संख्या कम की गई और कई वस्तुओं पर दरें कम की गईं। दैनिक उपयोग की एफएमसीजी वस्तुओं से लेकर कारों, घरेलू वस्तुओं और बीमा तक, अधिकांश उत्पाद 22 सितंबर से सस्ते होने वाले हैं। विश्लेषकों का मानना ​​है कि इन उपायों से मांग बढ़ेगी, कर अनुपालन में सुधार होगा और उपभोग-आधारित विकास को मजबूती मिलेगी। बर्नस्टीन के लेटेस्ट इंडिया स्ट्रेटजी नोट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि इन सुधारों से राजस्व में अल्पकालिक कमी आएगी, लेकिन अर्थव्यवस्था पर समग्र प्रभाव सीमित रहेगा। ब्रोकरेज का अनुमान है कि 12 प्रतिशत स्लैब को 5 प्रतिशत तक तर्कसंगत बनाने से 79,600 करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान होगा और 28 प्रतिशत स्लैब को समाप्त करने से 1.12 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त नुकसान होगा। 12 से 18 प्रतिशत स्लैब में बदलाव से 700 करोड़ रुपए और कुछ वस्तुओं को 28 से 40 प्रतिशत तक स्थानांतरित करने से 15,000 करोड़ रुपए के लाभ से इन नुकसानों की आंशिक भरपाई हो पाएगी। इन बदलावों को ध्यान में रखते हुए, केंद्र और राज्यों को संयुक्त रूप से लगभग 1.57 लाख करोड़ रुपए का राजस्व घाटा होने का अनुमान है। केंद्र का हिस्सा लगभग 74,000 करोड़ रुपए है। बर्नस्टीन ने राजस्व की कमी को संतुलित करने के लिए पूंजीगत व्यय में 5 प्रतिशत की कटौती का भी अनुमान लगाया है, जो 56,000 करोड़ रुपए है। परिणामस्वरूप, केंद्र पर वास्तविक राजकोषीय बोझ घटकर 18,000 करोड़ रुपए रह गया है। इस बीच, एचएसबीसी ने एक दूसरी रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 24 के उपभोग आधार के आधार पर कर कटौती से सकल राजस्व हानि लगभग 10.8 अरब डॉलर हो सकती है। क्षतिपूर्ति उपकर से नए 40 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में पुनर्निर्देशित राजस्व इस हानि के लगभग 5.2 अरब डॉलर की भरपाई कर सकता है, जिससे 5.6 अरब डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का 0.16 प्रतिशत की शुद्ध कमी रह जाएगी। वित्त वर्ष 26 के आधार पर इसे जोड़ते हुए, एचएसबीसी का अनुमान है कि राजस्व हानि 570 अरब रुपए होगी, जो एक वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद के केवल 0.16 प्रतिशत के बराबर होगी। यह देखते हुए कि वित्त वर्ष का केवल आधा समय बचा है, वित्त वर्ष 26 के लिए राजकोषीय प्रभाव सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 0.1 प्रतिशत होगा। दोनों रिपोर्टों से पता चलता है कि जीएसटी सुधारों से सरकार को कुछ राजस्व हानि होगी, लेकिन उच्च उपभोग और मजबूत अनुपालन के दीर्घकालिक लाभ अल्पकालिक राजकोषीय नुकसान से अधिक होंगे।

अब जेब पर पड़ेगा डबल बोझ: पान मसाला-सिगरेट पर 40% स्पेशल टैक्स, जानें किन चीजों पर असर

नईदिल्ली   जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में बड़ा टैक्स सुधार किया गया है। अब GST स्लैब को सिर्फ दो हिस्सों में बांट दिया गया है – 5% और 18%, यानी पहले के 12% और 28% स्लैब को हटा दिया गया है और उनमें शामिल वस्तुओं को इन दो नए स्लैब्स में समायोजित किया गया है। लेकिन इस बीच कुछ खास और हानिकारक वस्तुओं पर अब सीधा 40% स्पेशल जीएसटी लगाया जाएगा।  किस चीज पर लगेगा 40% 'Special GST'? जीएसटी काउंसिल ने तय किया है कि कुछ हाई रिस्क या हाई लग्जरी कैटेगरी की वस्तुओं पर अब अलग से कोई सेस या उपकर नहीं लगेगा, बल्कि सीधे 40% जीएसटी ही लिया जाएगा। ये एक तरह से "सिन टैक्स" की श्रेणी में आएगा — यानी ऐसी चीजें जो सेहत या समाज के लिए हानिकारक मानी जाती हैं। 40% टैक्स वाली चीजों की पूरी लिस्ट:     पान मसाला          सिगरेट     गुटखा     चबाने वाला तंबाकू (खैनी, ज़र्दा आदि)     तंबाकू उत्पादों की री-प्रोसेसिंग यूनिट्स में बनने वाले उत्पाद     ऐडेड शुगर वाले और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स (Soft Drinks, Energy Drinks आदि)     फास्ट फूड चेन के कुछ हाई-प्रोसेस्ड आइटम्स (बर्गर, नूडल्स, आदि)     सुपर लग्जरी आइटम्स     पर्सनल यूज़ वाले एयरक्राफ्ट (Private Jets, Helicopters)     हाई-एंड लग्जरी कारें (जैसे – स्पोर्ट्स कार, प्रीमियम SUVs) 22 सितंबर से होंगे लागू मोदी सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए अब सिर्फ दो मुख्य टैक्स स्लैब रखने का फैसला किया है। जीएसटी परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि अब सिर्फ 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के दो ही स्लैब लागू होंगे। ये सभी घोषणाएं 22 सितंबर से पूरे देश में लागू हो जाएगी। 12% और 28% वाले स्लैब खत्म इस फैसले के बाद, पहले से चले आ रहे 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत वाले स्लैब को खत्म कर दिया गया है। इससे कई वस्तुओं की कीमतों पर सीधा असर पड़ेगा। माना जा रहा है कि इस बदलाव से जीएसटी प्रणाली और भी सरल हो जाएगी और आम जनता को इसका लाभ मिलेगा। लग्जरी और तंबाकू उत्पादों पर 40% GST हालांकि, लग्जरी सामान और तंबाकू उत्पादों पर लगने वाली जीएसटी दर में बढ़ोतरी की गई है। इन उत्पादों पर अब 40 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा। सरकार का यह कदम लग्जरी और हानिकारक वस्तुओं की खपत को कम करने की दिशा में देखा जा रहा है।  22 सितंबर से क्या-क्या होगा सस्ता? (GST दरें घटाई गईं) वस्तु/सेवा     नई GST दर दूध, रोटी, पनीर, घी     5% बिस्किट, सॉस, पास्ता     5% सूखे मेवे, पिज़्जा ब्रेड     5% ऑक्सीजन, ग्लूकोमीटर, मेडिकल टेस्ट किट     0% (टैक्स फ्री) जीवनरक्षक दवाएं, पट्टियां     5% साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट     5% मोमबत्ती, खिलौने, फर्नीचर     5% सोलर और विंड एनर्जी डिवाइसेस     5% बायोगैस उपकरण     5% टेक्सटाइल्स, टीवी, सीमेंट     5% या 18% (आइटम के अनुसार) छोटी कारें, बाइक्स (कम्यूटर व्हीकल)     18% तंबाकू और सिगरेट जैसी कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40 प्रतिशत के विशेष स्लैब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिन भर चली जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, ‘‘सभी फैसले सर्वसम्मति से किए गए और किसी भी राज्य से कोई असहमति नहीं थी।'' परिषद ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को मौजूदा चार स्लैब… पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत से दो दरों… पांच और 18 प्रतिशत करने को मंजूरी दे दी। महंगी कार, तंबाकू और सिगरेट जैसी कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40 प्रतिशत के विशेष स्लैब का प्रस्ताव किया गया है।  वस्तु नई टैक्स दर पान मसाला, सिगरेट, गुटखा, तंबाकू 40% एडेड शुगर वाले कोल्ड ड्रिंक्स, एनर्जी ड्रिंक्स 40% फास्ट फूड चेन के कुछ प्रोसेस्ड आइटम्स 40% प्राइवेट जेट्स, हेलिकॉप्टर (पर्सनल यूज) 40% लग्जरी कारें, बड़ी SUV कारें 40% मक्खन और घी से लेकर सूखे मेवे तक ये वस्तुएं होंगी सस्ती दैनिक उपयोग की खाद्य वस्तुओं पर कर की दर शून्य होगी, जबकि मक्खन और घी से लेकर सूखे मेवे, कंडेंस्ड दूध, सॉसेज और मांस, चीनी से बनी कन्फेक्शनरी, जैम और फलों की जेली, नारियल पानी, नमकीन, 20 लीटर की बोतल में पैक पेयजल, फलों का गूदा या रस, दूध युक्त पेय पदार्थ, आइसक्रीम, पेस्ट्री और बिस्कुट, कॉर्नफ्लेक्स और अनाज तथ चीनी से बनी मिठाइयों पर कर की दर को मौजूदा के 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया जाएगा। सभी प्रकार की चपाती और पराठे पर कर की दर शून्य होगी। इस पर फिलहाल पांच प्रतिशत जीएसटी लगता है। ‘टूथ पाउडर', दूध की बोतलें, रसोई के बर्तन, छाते, बर्तन, साइकिल, बांस के फर्नीचर और कंघी जैसी उपभोक्ता वस्तुओं पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत होगी। शैम्पू, टैल्कम पाउडर, टूथपेस्ट, टूथब्रश, फेस पाउडर, साबुन और हेयर ऑयल पर कर की दरें 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई हैं।  इन वाहनों पर लगेगा 40 प्रतिशत की दर से टैक्स सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद ने व्यक्तिगत जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के प्रीमियम भुगतान पर जीएसटी को हटाने का फैसला किया है। इससे लोगों के लिए बीमा पॉलिसी लेना सस्ता हो पाएगा। जीएसटी परिषद ने सीमेंट पर कर की दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया है। इसके अलावा 1,200 सीसी तक के पेट्रोल वाहनों और 1,500 सीसी तक के डीजल वाहनों (4,000 मिलीमीटर तक लंबाई) पर भी जीएसटी दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। हालांकि 1,200 सीसी से अधिक क्षमता वाले पेट्रोल वाहनों और 1,500 सीसी से बड़े डीजल वाहनों पर अब 40 प्रतिशत की दर से कर लगेगा।  कंडीशनर, डिशवॉशर और टीवी समेत इन इलेक्ट्रॉनिक चीजें भी होंगी सस्ती  सीतारमण ने कहा कि 350 सीसी तक की मोटरसाइकिलें और एयर कंडीशनर, डिशवॉशर एवं टीवी जैसे उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर भी कर घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। हालांकि, 350 सीसी से अधिक क्षमता वाली मोटरसाइकिल, याट, निजी उपयोग वाले विमान और रेसिंग कारों पर 40 प्रतिशत की विशेष दर से जीएसटी लगेगा। वहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी दर पहले की तरह पांच प्रतिशत ही बनी रहेगी।  राजस्व सचिव अरविंद श्रीवास्तव ने … Read more

अब कम दाम में AC और TV! GST कटौती से जानें कितने हजार रुपये होंगे बचत

नई दिल्ली दीवाली, नवरात्र या कहें कि फेस्टिव सीजन से पहले केंद्र सरकार की तरफ से एक बड़ा तोहफा दिया जा रहा है. आने वाले दिनों में अगर आप कंज्यूमर इलेक्ट्रोनिक्स से जुड़ा कोई सामान खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो आपको बड़ी सेविंग होगी. ये सेविंग न्यू GST रेट्स के लागू होने के बाद होगी.  बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित GST Council की 56वीं बैठक हुई. इस मीटिंग के दौरान बड़े फैसले लिए और GST Tax Slab में बदलाव किए गए. इसके बाद स्मार्ट टीवी, एयर कंडीशनर (AC), इलेक्ट्रोनिक डिशवॉशर पर लगने वाले GST Tax Slab में बदलाव कर दिया है, जो 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे. अभी तक इन पर 28% टैक्स लगता था अब 18% का टैक्स लगेगा.   Air Conditioners और TV आने वाले दिनो में सस्ते होंगे नए बदलाव के तहत Air Conditioners पर अब 18 परसेंट का GST लगेगा, जो अब तक 28 परसेंट था. टेलीविजन को अब 18% GST Tax में कर दिया है, ये अभी तक 28 परसेंट के स्लैब में थीं.  TV पर होगी इतने हजार रुपये की सेविंग  मान लीजिए TV का बेस प्राइस = 10,000 रुपये पुरानी कीमत (28% GST) = 10,000 × 1.28 = 12,800 रुपये नई कीमत (18% GST) = 10,000 × 1.18 = 11,800 रुपये  इतने रुपये की होगी बचत  = 1,000 रुपये   32 इंच से बड़े एलईडी और एलसीडी टीवी पर अब जीएसटी 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दिया गया है. जीएसटी की दरों में 10 फीसदी की कटौती से 35000 रुपये में अभी 35900 रुपये में आना वाला टीवी करीब तीन हजार रुपये सस्‍ता हो जाएगा. जीएसटी के नए रेट 22 सितंबर से लागू होंगे. यानी इस बार की त्‍योहारी शॉपिंग आपकी सस्‍ती होने वाली है. टीवी कैसे सस्‍ता होगा, आइये जानते हैं. अभी फ्लिपकार्ट पर एक 40 इंच का स्‍मार्ट एंड्रॉयड टीवी 35990 रुपये में मिल रहा है. अभी क्‍योंकि 32 इंच से बड़े टीवी पर जीएसटी 28 फीसदी है, तो यह रेट इतना है. टीवी का बेस प्राइस जीएसटी हटाने के बाद ₹28,117.19 होता है. इस बेस प्राइस पर 28 फीसदी जीएसटी ₹7,872.81 रुपये बनती है और इस तरह टीवी का रेट 35990 रुपये हो जाता है. अब जीएसटी दर 18 फीसदी होने से टीवी के बेस प्राइस ₹28,117.19 पर जीएसटी के रूप में आपको 5,061.06 रुपये कर के रूप में देने होंगे और टीवी की कुल कीमत 33,178 रुपये हो जाएगी. इस तरह आपको सीधे-सीधे 2812 रुपये की बचत होगी. 41,990 वाले एसी पर बचेंगे 3,281 रुपये अमेजन पर फिलहाल वोल्‍टास 1.5 टन 5 स्‍टार, इनवर्टर स्प्लिट एसी 41990 रुपये में मिल रहा है. क्‍योंकि अभी इस पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है तो इसका बेस प्राइस ₹32,805 रुपये है. 28 फीसदी के हिसाब से 9,185 रुपये जीएसटी के रूप में लगते हैं. इसी बेस प्राइस पर 18 फीसदी जीएसटी लगने से इस एसी कीमत घटकर 38,709 रुपये हो जाएगी. यानी यही एसी आपको 3,281 रुपये की बचत हो जाएगी. टीवी भी हो जाएगा सस्‍ता अभी फ्लिपकार्ट पर एक 40 इंच का स्‍मार्ट एंड्रॉयड टीवी 35990 रुपये में मिल रहा है. अभी क्‍योंकि 32 इंच से बड़े टीवी पर जीएसटी 28 फीसदी है, तो यह रेट इतना है. टीवी का बेस प्राइस जीएसटी हटाने के बाद ₹28,117.19 होता है. इस बेस प्राइस पर 28 फीसदी जीएसटी ₹7,872.81 रुपये बनती है और इस तरह टीवी का रेट 35990 रुपये हो जाता है. अब जीएसटी दर 18 फीसदी होने से टीवी के बेस प्राइस ₹28,117.19 पर जीएसटी के रूप में आपको 5,061.06 रुपये कर के रूप में देने होंगे और टीवी की कुल कीमत 33,178 रुपये हो जाएगी. इस तरह आपको सीधे-सीधे 2812 रुपये की बचत होगी. कितने सस्ते होंगे स्मार्ट टीवी? फिलहाल 43 इंच से बड़े स्मार्ट टीवी पर अभी 28% टैक्स देना पड़ता है लेकिन अगर यह दर भी 18% हो गई तो इनके दामों में भी एसी की तरह ही गिरावट देखने को मिल सकती है। ऐसा भी अनुमान लगाया जा रहा है कि इससे टीवी का प्राइस लगभग 2,000 से लेकर 3,000 रुपये तक कम हो सकता है। हालांकि, कीमत में असली कटौती हर प्रोडक्ट के बेस प्राइस पर डिपेंड करेगी। कितने सस्ते होंगे फ्रिज और वॉशिंग मशीन? वहीं, इस वक्त रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन 18% जीएसटी स्लैब के दायरे में आते हैं। यानी अगर इन्हें भी 5% स्लैब में शामिल कर दिया जाता है तो ग्राहकों को इनकी कीमतों में भी अच्छी-खासी गिरावट देखने को मिल सकती है। हालांकि इन प्रोडक्ट्स की कीमत तभी कम होगी जब टैक्स रेट घटाया जाएगा। हेयर ऑयल, साबुन, साइकिल भी हुई सस्‍ती हेयर ऑयल, टॉयलेट सोप, साबुन की टिकिया, शैंपू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, साइकिल, टेबलवेयर, किचनवेयर और अन्य घरेलू सामान पर भी जीएसटी घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है. दूध, ब्रेड, छेना और पनीर पर जीएसटी 5 फीसदी से घटाकर 0 कर दिया गया है. सभी भारतीय रोटियों पर जीएसटी 0 होगा यानी रोटी हो या पराठा या जो भी हो, उन सभी पर जीएसटी 0 होगा. खाद्य पदार्थ नमकीन, बुज्जिया, सॉस, पास्ता, इंस्टेंट नूडल्स, चॉकलेट, कॉफी, संरक्षित मांस, कॉर्नफ्लेक्स, मक्खन, घी, ये सभी 5 चीजें जीएसटी के दायरे में हैं. 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी जीएसटी में एयर कंडीशनिंग मशीनें, डिशवॉशिंग मशीनें, छोटी कारें, मोटरसाइकिलें शामिल हैं.   नए GST Tax के बाद AC पर कितनी होगी बचत?  Air Conditioners पर लगने वाले GST टैक्स की कीमतों की बात करें तो 28 परसेंट की जगह पर 18 परसेंट होने के बाद कई हजार रुपये की सेविंग होगी. इसको हमने नीचे उदाहरण से समझाया है.   मान लीजिए AC की बेस प्राइस = 30,000 रुपये पुरानी कीमत (28% GST) = 30,000 × 1.28 = 38,400 रुपये नई कीमत (18% GST) = 30,000 × 1.18 = 35,400 रुपये  इतने रुपये की होगी बचत  = 3,000 रुपये  1 Ton से 2 Ton AC तक इतने हजार की होगी बचत (अनुमानित कीमत) AC कैटेगरी     अनुमानित बेस प्राइस (Rs) पुराना GST (28%)  न्यू GST Tax (18%) कस्टमर की बचत (Rs) 1 Ton AC 30,000 38,400 35,400 3,000 1.5 Ton AC 40,000 51,200 47,200 4,000 2 Ton AC 50,000 64,000 59,000 5,000 डिशवॉशिंग मशीन भी होंगी सस्ती  डिशवॉशिंग मशीन का इस्तेमाल गंदे बर्तन … Read more

घर से दुकान तक असर: नई GST दरों की पूरी लिस्ट, कौन-सा सामान किस स्लैब में

नई दिल्ली सरकार ने देश के आम आदमी को प्री-दिवाली गिफ्ट दे दिया है. बुधवार को नई दिल्ली में हुई जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं. इसके तहत टैक्स स्लैब को कम किया गया, जिससे तमाम सामानों पर लगने वाले टैक्स का रेट कम हो जाएगा. नए रेट 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे. नए जीएसटी सुधार के तहत 100 से ज्‍यादा चीजों के दाम घटने वाले हैं. इसमें जरूरी वस्तुओं, रोजमर्रा की चीजों, एग्रीकल्‍चर प्रोडक्‍ट्स और हेल्थ प्रोडक्‍ट्स पर टैक्‍स रेट में कमी की गई है.   जीएसटी पर देशवासियो को जिसका इंतजार था, सरकार ने वो मुराद पूरी कर दी. दिवाली से पहले सरकार ने आम लोगों को बड़ा तोहफा दिया है. जीएसटी कम हो गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर की दरों में व्यापक कटौती की घोषणा की. जीएसटी में इस बदलाव के तहत अधिकतर वस्तुएं 5% और 18% के स्लैब में आ गई हैं. कई वस्तुओं पर अब 0% या शून्य कर लगेगा और कुछ को 40% ‘सिन टैक्स यानी ‘पाप कर’ स्लैब में जोड़ दिया गया है. जीएसटी का नया स्लैब 22 सितंबर से लागू होगा. कई रोजमर्रा की घरेलू वस्तुओं पर जीएसटी में कटौती से आम आदमी और मध्यम वर्ग के लिए खुश होने की बड़ी वजह है. जीएसटी दरों में कटौती के बाद क्या सस्ता हुआ है? किन वस्तुओं पर अब अधिक टैक्स लगेगा और कौन सी वस्तुएं अब महंगी होंगी? चलिए देखते हैं पूरी लिस्ट. जीएसटी में बदलाव के बाद क्या-क्या सस्ता   सामान पुराना जीएसटी रेट नया जीएसटी रेट दूध, पनीर, छेना 5 फीसदी 0 फीसदी बटर, खोआ, घी, चीज और अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स 12 फीसदी 5 फीसदी 33 जीवन रक्षक दवा- ओनासेमनोजेन अबेपार्वोवेक, एस्किमिनिब, मेपोलिज़ुमाब, पेगीलेटेड लिपोसोमल इरिनोटेकन, डाराटुमुमाब, डाराटुमुमैब उपचर्म, टेक्लिस्टामैब, अमिवंतामब, एलेक्टिनिब, रिस्डिप्लाम, ओबिनुटुज़ुमैब, पोलाटुज़ुमैब वेडोटिन, एंट्रेक्टिनिब, एटेजोलिज़ुमाब, स्पेसोलिमैब, वेलाग्लूसेरेज अल्फा, एगल्सिडेस अल्फा, रुरियोक्टोकॉग अल्फा पेगोल, इडुरसल्फेटेज, एल्ग्लूकोसिडेस अल्फा, लैरोनिडेस, ओलिपुडेस अल्फा, टेपोटिनिब, एवेलुमैब, एमिसिज़ुमाब, बेलुमोसुडिल, मिग्लस्टैट, वेलमनसे अल्फा, एलिरोक्यूमैब, एवोलोकुमाब, सिस्टामाइन बिटार्ट्रेट, सीआई-अवरोधक इंजेक्शन और इंक्लिसिरन 12 फीसदी 0 फीसदी पर्सनल हेल्थ इश्योरेंस और जीवन बीमा (एलआईसी) 12 फीसदी 0 फीसदी खाखरा, चपाती या रोटी, ब्रेड 5 फीसदी 0 फीसदी रबड़, मैप, चार्ट और ग्लोब, पेंसिल, शार्पनर, पेस्टल, एक्सरसाइज बुक और नोटबुक 5 फीसदी 0 फीसदी 15 हॉर्स पावर तक की क्षमता के निश्चित गति वाले डीजल इंजन, हैंड पंप, ड्रिप सिंचाई उपकरण और स्प्रिंकलर के लिए नोजल, मिट्टी तैयार करने के लिए कृषि और बागवानी मशीनरी, कटाई और थ्रेसिंग मशीनरी, कंपोस्टिंग मशीन और ट्रैक्टर (1800 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाले सेमी-ट्रेलर के लिए ट्रैक्टर को छोड़कर). 12 फीसदी 5 फीसदी सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड और अमोनिया सहित प्रमुख उर्वरक कच्चे माल 18 फीसदी 5 फीसदी नीम-आधारित कीटनाशक सहित विभिन्न जैव कीटनाशक 12 फसदी 5 फीसदी ट्रैक्टर के पिछले टायर और ट्यूब, ट्रैक्टरों के लिए 250 सीसी से अधिक सिलेंडर क्षमता वाले कृषि डीजल इंजन, ट्रैक्टर के लिए हाइड्रोलिक पंप और विभिन्न ट्रैक्टर कलपुर्जों 18 फीसदी 5 फीसदी 350 सीसी तक की मोटरसाइकिलें और एयर कंडीशनर, डिशवॉशर और टीवी जैसे उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद 28 फीसदी 18 फीसदी एसी यानी एयर कंडीशनिंग मशीनें, टीवी, डिशवॉशिंग मशीनें, छोटी कारें, मोटरसाइकिल 28 फीसदी 18 फीसदी बीड़ी 28 फीसदी 18 फीसदी             जीएसटी में बदलाव के बाद क्या-क्या महंगा सामान जीएसटी का पुराना रेट जीएसटी का नया रेट कोल्ड ड्रिंक और ऐडेड शुगर आइटम 28 फीसदी 40 फीसदी 1,200 सीसी से अधिक और 4,000 मिमी से अधिक लंबी सभी वाहनों के साथ-साथ 350 सीसी से अधिक की मोटरसाइकिल और रेसिंग कार पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा     नन अल्कोहलिक बेवरेज 28 फीसदी 40 फीसदी महंगी कार, तंबाकू और सिगरेट 28 फीसदी 40 फीसदी कैसीनो, रेस क्लब, या आईपीएल जैसे खेल आयोजनों में एंट्री 18 फीसदी 40 फीसदी किसी रेस क्लब में सट्टेबाजों को लाइसेंस देने के लिए सेवाएं, जुआ, घुड़दौड़, लॉटरी और ऑनलाइन मनी गेमिंग 28 फीसदी 40 फीसदी रिवॉल्वर और पिस्तौल 28 फीसदी 40 फीसदी पान मसाला, सिगरेट, गुटखा, चबाने वाला तंबाकू, जर्दा, एडेड शुगर, कार्बोनेटेड ड्रिग्स, पर्सनल यूज वाले एयरक्राफ्ट, लग्‍जरी कार और फास्‍ट फूड अलग-अलग स्लैब 40 फीसदी       चलिए एक नजर मार लेते हैं कि कौन सा सामान अब किस स्लैब में है? 0 फीसदी स्लैब में आने वाले सामान 33 जीवन रक्षक दवाएं, कैंसर की दवाएं, दुर्लभ बीमारियों की दवाएं, व्यक्तिगत जीवन बीमा, स्वास्थ्य पॉलिसियां मानचित्र, चार्ट, ग्लोब, पेंसिल, शार्पनर, क्रेयॉन, पेस्टल, अभ्यास पुस्तिकाएं, नोटबुक, रबड़ दूध, छेना या पनीर, पहले से पैक और लेबल वाला, पिज्जा ब्रेड, खाखरा, चपाती या रोटी 5 फीसदी स्लैब में आने वाले सामान बालों का तेल, शैम्पू, टूथपेस्ट, टॉयलेट साबुन, टूथब्रश, शेविंग क्रीम मक्खन, घी, पनीर और डेयरी स्प्रेड, नमकीन, बर्तन दूध की बोतलें, शिशुओं के लिए नैपकिन और क्लिनिकल डायपर सिलाई मशीनें और उनके पुर्जे थर्मामीटर, मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, सभी डायग्नोस्टिक किट और अभिकर्मक, ग्लूकोमीटर और टेस्ट = स्ट्रिप चश्मा ट्रैक्टर के टायर, पुर्जे, ट्रैक्टर निर्दिष्ट जैव-कीटनाशक, सूक्ष्म पोषक तत्व टपक सिंचाई प्रणाली और स्प्रिंकलर मिट्टी तैयार करने के लिए कृषि, बागवानी या वानिकी मशीनें 18 फीसदी स्लैब में आने वाले सामान पेट्रोल, एलपीजी, सीएनजी कारें (1200 सीसी और 4000 मिमी से अधिक नहीं) डीजल और डीजल हाइब्रिड कारें (1500 सीसी और 4000 मिमी से अधिक नहीं) तीन पहिया वाहन  मोटरसाइकिल (350 सीसी और उससे कम  माल परिवहन के लिए मोटर वाहन एयर कंडीशनर एलईडी और एलसीडी टीवी सहित टेलीविजन (32 इंच से अधिक) मॉनिटर और प्रोजेक्टर बर्तन धोने की मशीन 1800 से अधिक इंजन क्षमता वाले सड़क ट्रैक्टर सीसी 40 फीसदी स्लैब में आने वाले सामान पान मसाला, सिगरेट, गुटखा, चबाने वाला तंबाकू, बीड़ी अतिरिक्त चीनी या स्वाद वाले वातित पानी, कैफीनयुक्त पेय पदार्थ, गैर-मादक पेय पदार्थ धूम्रपान पाइप 350 सीसी से अधिक क्षमता वाली मोटरसाइकिलें निजी उपयोग के लिए विमान नाव रिवॉल्वर और पिस्तौल सट्टा, कैसीनो, जुआ, घुड़दौड़, लॉटरी और ऑनलाइन मनी गेमिंग

बस एक दिन का इंतजार… GST छूट से TV-AC समेत 175 सामान होंगे सस्ते

नई दिल्ली जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक  शुरू हो चुकी है और कल इस बैठक के तहत लिए गए फैसले का ऐलान होगा, जिसका ब्रेसब्री से इंतजार कंपनियों से लेकर आम आदमी तक को है. क्‍योंकि 15 अगस्‍त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से एक बड़ा ऐलान करते हुए दिवाली पर नए GST रिफॉर्म लाने की बात कही थी. इस ऐलान के बाद जीएसटी परिषद (GST Council) की यह पहली बैठक है.  जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में कई बड़े ऐलान हो सकते हैं. साथ ही दिवाली पर लागू होने वाले नए GST Reform के तहत दो टैक्‍स स्‍लैब और आम आदमी से जुड़ी चीजें सस्‍ती करने पर मुहर लग सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा है कि दो दिन चलने वाले इस बैठक में दरों को युक्तिसंगत बनाने के मुद्दे पर चर्चा होने की उम्‍मीद है, जिसमें डेली यूज के साथ-साथ महंगी वस्‍तुएं भी सस्‍ती होंगी.  2 स्‍लैब करने पर होगी चर्चा  केंद्र के प्रस्ताव के अनुसार, अब सिर्फ दो जीएसटी स्लैब हो सकते हैं. इसमें 28 प्रतिशत वाले स्लैब में आने वाली सभी वस्तुएं, हानिकारक वस्तुओं को छोड़कर, 18 प्रतिशत वाले स्लैब में शामिल हो सकती हैं और 12 प्रतिशत वाले स्लैब की वस्‍तुएं 5 प्रतिशत वाले स्लैब में आ सकती हैं. 40 प्रतिशत का एक और स्लैब होगा, जो 6-7 वस्तुओं पर लगाया जाएगा, जिनमें से ज्‍यादातर हानिकारक और लग्‍जरी वस्‍तुएं होंगी. भारत में टैक्स स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव आने की तैयारी है। बुधवार, 3 सितंबर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में GST काउंसिल की 56वीं बैठक चल रही है। इस बैठक में 175 से ज्यादा सामानों और सेवाओं पर GST दरें घटाने का प्रस्ताव चर्चा में है। सूत्रों के मुताबिक, मौजूदा चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) को घटाकर सिर्फ दो मुख्य स्लैब (5% और 18%) रखने का प्लान है। वहीं, लक्ज़री आइटम्स और ‘सिन गुड्स’ पर 40% का अलग टैक्स स्लैब भी लाने पर विचार हो रहा है। 12-28% स्‍लैब में आने वाली कुछ खास वस्‍तुएं     घी     मक्खन     चीज     पैक्ड फ्रोजन सब्जि‍यां     फ्रूट जूस (अधिकतर, नॉन-एरेटेड)     छाता      सोलर वॉटर हीटर     कृषि उपकरण      एयर कंडीशनर     सीमेंट      कार/एसयूवी हेल्‍थ और इंश्‍योरेंस को जीएसटी से छूट  मंत्रियों के समूहों का प्रस्‍ताव है कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम को जीएसटी दायरे से अलग रखना चाहिए. यानी इसपर टैक्‍स नहीं लगाया जाना चाहिए. हालांकि इससे राजस्‍व में गिरावट आएगी. तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क के अनुसार, व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर पूरी छूट से अनुमानित रूप से सालाना 9,700 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा.  क्या हो सकते हैं बड़े बदलाव?     5% GST स्लैब में आएंगे: टूथपेस्ट, साबुन, शैम्पू, रेडी-टू-ईट फूड्स, बटर, चीज़, स्नैक्स और आम कपड़े-खाद्य उत्पाद।     18% GST स्लैब में: टीवी, AC, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, सीमेंट और ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट (पहले 28% टैक्स लगता था)।     40% टैक्स स्लैब: लक्ज़री कारें, 350cc से ऊपर की बाइकें, तंबाकू और प्रीमियम प्रोडक्ट्स। ऑटो सेक्टर पर बड़ा असर     छोटी कारें और हाइब्रिड गाड़ियां (1200cc तक) पर टैक्स 28% से घटकर 18% हो सकता है।     ₹20-40 लाख तक की महंगी इलेक्ट्रिक कारों पर टैक्स 5% से बढ़कर 18% हो सकता है।     दोपहिया वाहनों पर राहत: इंडस्ट्री की मांग के मुताबिक 28% से घटकर 18% GST की उम्मीद।     350cc से ऊपर की बाइक (जैसे रॉयल एनफील्ड) पर 40% टैक्स का प्रपोजल, कंपनियों को झटका लग सकता है। ️ आम जनता को क्या मिलेगा फायदा?     रोजमर्रा की चीज़ें जैसे साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट और खाने का सामान सस्ता होगा।     टीवी, AC, वॉशिंग मशीन जैसे इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स की कीमत घट सकती है।     टू-व्हीलर्स और कई कारें सस्ती होंगी।     लक्ज़री प्रोडक्ट्स और प्रीमियम इलेक्ट्रिक कारें महंगी हो जाएंगी। क्यों हो रहे हैं GST रिफॉर्म्स? प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को लालकिले से कहा था कि भारत को नए GST ढांचे की जरूरत है। हाल ही में अमेरिका द्वारा भारत पर 50% इंपोर्ट ड्यूटी लगाने के बाद यह कदम उपभोक्ताओं की जेब को राहत और अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए उठाया जा रहा है।     SBI रिसर्च का अनुमान: GST सुधारों से अगले 1 साल में GDP में 0.60% की बढ़त हो सकती है।     खुदरा महंगाई में भी 20-25 बेसिस पॉइंट की गिरावट की उम्मीद। सरकार को कितना होगा नुकसान?     टैक्स कटौती और स्लैब घटाने से सरकार को सालाना ₹60,000 करोड़ से ₹1.7 लाख करोड़ तक का नुकसान हो सकता है।     सरकार इसे GST कम्पनसेशन सेस फंड (₹45,581 करोड़ सरप्लस) और सिन गुड्स पर 40% टैक्स से भरने की योजना बना रही है।     कम टैक्स से खपत बढ़ने की उम्मीद, जिससे लंबी अवधि में राजस्व फिर बढ़ सकता है। ️ राज्यों को भी मिलेगा सुरक्षा कवच राज्यों को GST कटौती से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए नया कंपनसेशन मैकेनिज्म बनाने पर भी चर्चा हो रही है।