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राज्य स्तर के बाद हर जिले में होगा पुलिस शिकायत प्राधिकरण का गठन, हरियाणा सरकार का ऐलान

चंडीगढ़ हरियाणा सरकार पुलिस विभाग में सुधार को लेकर लगातार प्रयासरत है। हरियाणा में राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण गठित किए जाने के बाद अब सरकार ने सभी जिलों में पुलिस शिकायत प्राधिकरण का गठन करने का फैसला किया है। जिला स्तर पर गठित प्राधिकरण के समक्ष इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी की शिकायत की जा सकेंगी। वहीं सरकार की ओर से गठित राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण में महिला सदस्यों की नियुक्ति भी जल्द ही की जाएगी। गौरतलब है कि 1989 बैच के सेवानिवृत्त आइपीएस अधिकारी डॉ. आरसी मिश्रा को हाल ही में राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण का चेयरपर्सन और 2014 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ललित सिवाच को सदस्य बनाया गया है।   अब करीब 11 वर्षों के बाद जिला पुलिस शिकायत प्राधिकरण के गठन पर काम शुरू हो गया है। इससे आमजन इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत कर सकेंगे। जिला स्तरीय पुलिस कंप्लेंट अथारिटी का चेयरमैन सेवानिवृत्त जिला जज हो सकता है। सदस्यों के तौर पर सेवानिवृत्त आइएएस और आइपीएस अधिकारी नियुक्त किए जा सकते हैं।   राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण के पास 500 से अधिक शिकायतें लंबित हैं, जिन पर सुनवाई होनी है। इसके अलावा प्राधिकरण ने 70 मामलों में इंस्पेक्टर और उससे नीचे रैंक के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सुनवाई के बाद गृह विभाग को कार्रवाई के लिए लिख दिया है।

माइक्रो फाइनेंस बैंक पर डकैतों का धावा, 12 किलो सोना और ₹5 लाख कैश गायब

 जबलपुर जबलपुर जिले के सिहोरा के खितौला में सोमवार की सुबह पांच बदमाशों ने कट्टे की नोक पर स्माल फायनेंस बैंक (इसाफ बैंक) को लूट लिया। बदमाशों ने बैंक के स्ट्रांग रूम को खुलवाया और उसमें रखा 12 किलो सोना और नकदी लूट कर ले गए। प्रारंभिक जानकारी है कि चार बदमाश बैंक के अंदर गए और उनका एक साथी बैंक के बाहर पहरेदारी कर रहा था। पूरी प्लानिंग से घटना को अंजाम दिया गया। आरोपियों को पकड़ने के लिए आस-पास के सभी थानों को सूचना भेज दी है। जगह-जगह नाकेबंदी की गई है। सिहोरा के खितौला स्थित इसाफ बैंक सुबह 9.30 बजे खुल गया था। कामकाज शुरू हुआ था, उसी समय दो बाइक पर पांच बदमाश पहुंचे। बैंक के भीतर प्रवेश करने के साथ ही चारों बदमाशों ने कट्टा निकाल लिया था। बैंक कर्मचारियों और उपभोक्ताओं को धमकाते हुए बैंक में एक कमरे में बंद कर दिया। बैंक के मैनेजर की कनपटी पर कट्टा रख दिया था और जान से मार देने की धमकी देते हुए स्ट्रांग रूम खोलने का दबाव बनाया था। स्ट्रांग रूम खुलवाकर उसमें रखा करीब 12 किलो ग्राम सोना आरोपी ने अपने थैले में भर लिया, सोने के साथ लगभग पांच लाख से अधिक के नोट भी थैले में रख लिए। इसके बाद आरोपी कट्टा लहराते हुए भाग गए। कैसे हुई वारदात? जबलपुर जिले के खितौला (सिहोरा) में यह घटना सुबह करीब 9:30 बजे हुई है। पुलिस के मुताबिक, बदमाश दो बाइकों पर सवार होकर बैंक पहुंचे थे। चार लोग बैंक में घुसे और एक बाहर पहरेदारी करता रहा। बदमाशों ने बैंक में मौजूद कर्मचारियों और ग्राहकों को डरा धमकाकर कमरे में बंद कर दिया और मैनेजर की कनपटी पर कट्टा रखकर स्ट्रांग रूम खोलने को कहा। वहां से 12 किलो सोना और ₹5 लाख नकदी थैलों में भरकर फरार हो गए। पुलिस की कार्रवाई घटना के बाद पुलिस ने बदमाशों की पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए हैं। आसपास के थानों को अलर्ट कर जगह-जगह नाकेबंदी शुरू कर दी है। लुटेरों के भागने के रूट पर चेकिंग की जा रही है। आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। प्रारंभिक जांच में खुलासे पुलिस का मानना है कि वारदात पूरी तरह से प्री-प्लान्ड थी। बदमाशों को बैंक के खुलने का समय और स्ट्रांग रूम का लोकेशन पहले से पता था। उनके पास बैंक की रूटीन गतिविधियों की भी पूरी जानकारी थी। यही कारण है कि इतनी आसानी से वह वारदात कर निकल गए। स्थानीय लोगों में दहशत दिनदहाड़े हुई इस डकैती से इलाके में दहशत और आक्रोश है। बैंक के ग्राहकों ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए हैं और पुलिस से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। शुरुआत में जावकारी सामने आई थी कि, अज्ञात डकैतों ने बैंक से करीब 12 किलो सोना और 5 लाख 70 हजार नकद की लूट की है। लेकिन अब मामले में पुलिस ने पुष्टि करते हुए बताया है कि, 12 नहीं 14 किलो 800 गराम सोना और कुल पांच लाख की लूट हुई है। इस प्रकार बैंक से लूटे गए सोने की अनुमानित कीमत करोड़ों में बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि, सभी आरोपी अलग-अलग बइकों पर सवार होकर बैंक परिसर तक आए थे। सभी ने हेलमेट लगा रखा था। साथ ही, चेहरे को भी मास्क लगे थे, साथ ही उनके हाथ तक कवर थे। फिलहाल, पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है। पुलिस कार्यप्रणाली पर उठे सवाल वारदात की जानकारी लगते ही मौके पर खितौला और सिहोरा पुलिस की टीमें पहुंची और छानबीन शुरू कर दी है। वहीं बैंक में लगे सभी सीसीटीवी कैमरे और आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। खास बात ये है कि, किसी को ये नहीं पता कि, वारदात को अंजाम देकर पांचों बदमाश किस तरफ भागे हैं। लूट की इस सॉनसनीखेज वारदात ने एक बार फिर शहर की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। क्योंकि, जिले के खितौला या सिहोरा में लगभग हर महीने चोरी की एक न एक वारदात होती रहती है। हाल ही में सिहोरा के बड़े धार्मिक के रूप में पहचान रखने वाले ज्वालामुखी मंदिर में दो दिन पहले ही चोरी की वारदात हुई है, जिसकी जांच अभी चल रही है।  

राजधानी में फर्जी पुलिस भर्ती का खुलासा, सस्ते में मिल रही नकली वर्दी

 नई दिल्ली दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस से महज आधा किलोमीटर दूर, जीटीबी नगर के पास न्यू किशोर मार्केट की गलियों में एक अलग ही दुनिया बसती है। यहां की सादगी भरी दुकानें कमला नगर मार्केट की चमक-दमक से कोसों दूर हैं, लेकिन इनका धंधा कुछ खास है। यहां दिल्ली पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र बलों के लिए खाकी वर्दियां सिलती हैं। हैरानी की बात यह है कि कोई भी आकर इन्हें बनवा सकता है। बिना किसी जांच और सवाल-जवाब के। बस पैसे दो और पुलिस वाले बन जाओ। इस साल दिल्ली में कम से कम छह मामले सामने आए, जिनमें 17 लोग नकली पुलिसवाले बनकर अपराध करते पकड़े गए। अपहरण, उगाही, हनी-ट्रैपिंग से लेकर महिलाओं का पीछा करने तक ये नकली खाकीधारी हर तरह की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। आसानी से मिल जाती है वर्दी एक टीम ने न्यू किशोर मार्केट का दौरा किया और सच का पर्दाफाश किया। दो बार, अलग-अलग बहाने बनाकर, उन्होंने पुलिस की वर्दियां सिलवाईं। एक बार नाटक के लिए, तो दूसरी बार सब-इंस्पेक्टर बनकर। हैरानी की बात यह है कि दोनों बार वर्दी आसानी से मिल गई। दुकान नंबर 1: सवाल तो बनता है, पर… किंग्सवे कैंप मेट्रो स्टेशन के पास एक छोटी-सी दुकान। तीन दर्जी खाकी कपड़ों के बीच फर्श पर बैठे, सिलाई मशीनों की खटपट के बीच काम में डूबे हुए। दुकानदार काले खान ने बताया, “हां, हम दिल्ली पुलिस की वर्दियां सिलते हैं।” जब हेड कांस्टेबल की वर्दी मांगी गई, तो उन्होंने आईडी कार्ड मांगा। नाटक का बहाना सुनकर बोले, 'थाने से लिखित पत्र लाओ।' सख्ती दिखी, लेकिन अगली दुकान ने सारी उम्मीदें तोड़ दीं। दुकान नंबर 2: पैसा बोलता है सड़क के उस पार एक और दुकान। यहां जवान दर्जी ने 'नाटक के लिए' कांस्टेबल की वर्दी मांगने पर पलक भी नहीं झपकी। उसका सहायक बोला, 'पुलिस से पत्र मांगना चाहिए,' लेकिन मालिक ने उसे चुप करा दिया। नाप लिया गया, 2,800 रुपये का बिल थमा दिया गया और डिलीवरी की तारीख दे दी गई। दुकान नंबर 3: सब-इंस्पेक्टर का रौब तीसरी दुकान में तो कमाल ही हो गया। एक पत्रकार ने सब-इंस्पेक्टर बनकर दस्तक दी। दुकानदार ने झट से कपड़े के सैंपल पेश किए। बोला- 2,000 रुपये में पूरी वर्दी मिल जाएगी अगर प्रीमियम कपड़ा चाहिए तो 3,500 रुपये लगेंगे। जब नाप लिया जा रहा था, तब दर्जी ने PSI नंबर पूछा। पत्रकार ने अनजान बनते हुए पूछा, 'PSI नंबर क्या होता है?' दर्जी को शक हुआ, लेकिन पत्रकार ने रौब झाड़ते हुए कहा, 'अब आईडी भी चाहिए तुमको?' इतना कहते ही बात बन गई। दुकानदार बोला, 'नहीं साहब, जरूरत नहीं।' इंडिया गेट का प्रतीक या कोई और डिजाइन का बैज चुनने को कहा गया। इसके बाद एक हफ्ते में वर्दी तैयार हो गई। अपराध की खाकी कहानियां नकली वर्दी का यह खेल कोई मजाक नहीं। इस महीने की शुरुआत में, दो लोग दिल्ली पुलिस और ईडी के अधिकारी बनकर सम्राट होटल के बेंटले शोरूम के मैनेजर से 30 लाख रुपये लूट ले गए। जून में, लक्ष्मी नगर में आठ नकली पुलिसवालों ने एक इंश्योरेंस ऑफिस पर रेड मारी और कीमती सामान लूट लिया। जुलाई में, IGI हवाई अड्डे पर एक 23 साल का लड़का नकली नियुक्ति पत्र और जाली आईडी के साथ सब-इंस्पेक्टर बनकर पकड़ा गया। उसने किंग्सवे कैंप से वर्दी खरीदी थी। मई में, भजनपुरा में एक नकली ट्रैफिक पुलिसवाला उगाही करते पकड़ा गया। फरवरी में, रोहिणी में हनीट्रैप रैकेट ने पुलिस वर्दी का इस्तेमाल कर लोगों को डराया और ब्लैकमेल किया। उसी महीने, तीन कॉलेज छात्र नकली पुलिसवाले बनकर एक सिक्योरिटी गार्ड को लूटते पकड़े गए। जून में, मुनीरका में पांच लोगों ने पुलिसवाले बनकर बंदूक की नोक पर एक व्यक्ति को किडनैप कर लिया। पुलिस की मुश्किल, दर्जी का पेंच एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने माना, 'यह एक बड़ी समस्या है। हम इसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अमल में दिक्कत है।' पुलिस ने दर्जियों को मौखिक रूप से आईडी, बेल्ट नंबर, या थाने से संपर्क करने की हिदायत दी है, लेकिन लिखित नियमों के अभाव में यह सख्ती ढीली पड़ जाती है। दर्जी भी अपनी मजबूरी बताते हैं। 18 साल से दुकान चलाने वाले काले खान कहते हैं, “मैं हमेशा आईडी मांगता हूं। बड़े अधिकारियों से सीधे बात करता हूं। लेकिन कोई झूठ बोले तो हम क्या करें? कोई रूलबुक तो है नहीं।' 30 साल से पुलिसवालों की वर्दी सिलने वाले 59 साल के राजिंदर कुमार कहते हैं, 'मैं बातचीत से समझ जाता हूं कि सामने वाला असली है या नकली। नाटक के लिए वर्दी सिलने से पहले लिखित अनुमति जरूरी है।' असली-नकली का फर्क पुलिस के मुताबिक, असली और नकली वर्दियों में फर्क दिखता है, लेकिन सिर्फ वही समझ सकता है जो जानता हो। कांस्टेबल की वर्दी में सिर्फ बाएं कंधे पर निशान होता है। हेड कांस्टेबल की वर्दी में लाल-नीली तीर की पट्टी भी होती है। असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) के दोनों कंधों पर एक-एक तारा, नीचे नीली-लाल पट्टी और 'DP' लिखा होता है। सब-इंस्पेक्टर के दो तारे, इंस्पेक्टर के तीन, लेकिन लाल-नीली पट्टी नहीं। नेमप्लेट, बैज की जगह, और कंधों की पाइपिंग में भी अंतर होता है। IPS अधिकारियों की वर्दी में राज्य का बैज नहीं होता, बल्कि अशोक प्रतीक, तलवार और तारे होते हैं। लेकिन आम जनता को ये बारीकियां कहां पता? नकली पुलिसवाले इन्हीं कमियों का फायदा उठाते हैं। कोई कांस्टेबल की कमीज पहनकर ASI बन जाता है, तो कोई रैंक मार्किंग्स ही भूल जाता है। एक चुराया हुआ बेल्ट, बैज, या टोपी भी रौब को पूरा कर देता है।

दफ्तरों में टिके पुलिसकर्मियों की होगी छंटनी, थानों में भेजने के आदेश जारी

भोपाल  पुलिस मुख्यालय द्वारा व्यवस्था के बदलाव की दिशा में लगातार बड़े फैसले लिए जा रहे है। अब अधिकारियों के कार्यलयों में बरसों से अटैच पुलिसकर्मियों को मूल पदस्थापना में भेजने के डीजीपी कैलाश मकवाना द्वारा निर्देश दिए गए हैं। डीजीपी ने कहा है कि अतिरिक्त या अटैच स्टाफ को वापस थानों में भेजा जाए। इसी के साथ अधिकारियों को अपने अधीनस्थ स्टाफ की समीक्षा यानी कार्यों का मूल्यांकन कर सूची तैयार करने के लिए भी कहा गया है। कर्मचारियों का होगा रोटेशन बता दें, कुछ दिन पूर्व पीएचक्यू में ऐसे भी पुलिसकर्मी अटैच रहे, जोकि कई महीनों से दफ्तर ही नहीं आते थे। विदिशा और फिर सीहोर जिले में ऐसे दो पुलिसकर्मियों को जांच के दौरान लापता पाया गया। इस बात को लेकर भी पुलिस विभाग का मजाक बना था। डीजीपी मकवाना ने नियम के अनुसार मुयालय में अटैच और पदस्थ कर्मचारियों का रोटेशन करने को कहा है। ऐसे अधिकारी जो लंबे समय से दफ्तर में मौज काट रहे हैं अब उन्हें थानों में वापस लौटाया जाएगा। अफसरों के चालकों का होगा रोटेशन पुलिस मुख्यालय की कई शाखाओं में जरूरत से ज्यादा लोग हैं। लिहाजा दफ्तर का प्रबंधन बेहतर करने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके अलावा कर्मचारियों के नियमानुसार रोटेशन करने के लिए निर्देशित किया गया है। खासतौर पर उन वाहन चालकों का रोटेशन किया जाए, जो लंबे समय से एक ही अधिकारी के साथ या थानों पर कार्यरत हैं।

लाल किला बना सुरक्षा अलर्ट का केंद्र, चूक पर 7 पुलिसकर्मी नपे

नई दिल्ली स्वतंत्रता दिवस की सुरक्षा से जुड़ी दिल्ली से बड़ी खबर आई है। दिल्ली के लाल किले की सुरक्षा में तैनात एक हेड कांस्टेबल समेत 7 पुलिसकर्मियों को लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि लाल किले में स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित होने वाला कार्यक्रम को लेकर हर रोज पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां मॉक ड्रिल करती है। शनिवार को भी एक ड्रिल की गई। इसमें दिल्ली पुलिस स्पेशल स्टाफ की एक टीम सिविल ड्रेस में डमी बम के साथ लाल किला परिसर में दाखिल हुई। लेकिन लाल किले की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी बम का पता नहीं लगा सके जिसके बाद सुरक्षा में तैनात सभी 7 पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया। तत्काल प्रभाव से पुलिसकर्मी सस्पेंड स्पेशल सेल की एक टीम शनिवार को सादे कपड़ों में डमी बम के साथ लाल किले परिसर में दाखिल हुई। उस समय, सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी बम का पता नहीं लगा सके। इसलिए उन पर एक्शन हुआ है। लाल किले की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक का मामला होने से सात पुलिसकर्मी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। साथ ही बाकी जवानों को डीसीपी राजा बांठिया ने सख्त हिदायत दी।  तत्काल प्रभाव से संबंधित सभी पुलिसकर्मी लाइन हाजिर इस चूक के बाद तत्काल प्रभाव से संबंधित सभी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है. डीसीपी का कहना है कि ये सुरक्षा में नहीं है, इस तरह हम अपनी तैयारी को और पुख्ता कर रहे हैं. वहीं, सोमवार को लाल किले में घुसपैठ कर रहे पांच बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया, जिनको बांग्लादेशी दूतावास को सौंपकर डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. पूछताछ में फिलहाल कोई संदिग्ध गतिविधि सामने नहीं आई है. सभी सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं. 15 अगस्त को लेकर लाल किले की सुरक्षा अभूतपूर्व -डीसीपी राजा बांठिया डीसीपी राजा बांठिया का कहना है कि 15 अगस्त को लेकर लाल किले की सुरक्षा अभूतपूर्व स्तर पर पहुंचा दी गई है. रात-दिन पुलिस व अर्धसैनिक बलों के जवान तैनात हैं. किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति की आवाजाही सख्ती से प्रतिबंधित है. खासकर आईआईटी गेट, नेटा गेट, लोहे वाले गेट समेत सभी प्रमुख एंट्री पॉइंट्स पर ट्रिपल लेयर सुरक्षा व्यवस्था की गई है. उन्होंने यह भी बताया कि सुरक्षा घेरा और सतर्कता आने वाले दिनों में और बढ़ाई जाएगी. उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति की जानकारी तुरंत पुलिस को दें, जिससे त्योहार शांतिपूर्ण व सुरक्षित तरीके से मनाया जा सके. लाल किला में जबरन घुसने की कोशिश कर रहे थे 6 बांग्लादेशी वहीं लाल किले की सुरक्षा से जुड़ी एक और खबर सामने आई है। दिल्ली पुलिस ने लाल किला परिसर में जबरन घुसने के आरोप में 6 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। इनकी उम्र करीब 20-25 साल बताई जा रही है। ये सभी अवैध बांग्लादेशी हैं जो दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में मजदूरी करते हैं। आरोपियों के पास से बांग्लादेशी दस्तावेज मिले  पुलिस को इनके पास से बांग्लादेशी दस्तावेज मिले हैं। फिलहाल पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है। पुलिस ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर इनका लाल किले में घुसने का मकसद क्या था।

‘साड़ी गुरु’ बनी यूपी पुलिसवाली, विदेशी महिलाओं को सिखाई भारतीय परंपरा

आगरा  ताजमहल का पश्चिमी गेट. पर्यटकों की भीड़, संगमरमर की चमक, और उसके बीच नीली-गुलाबी साड़ी में इटली से आईं दो महिलाएं एलिसिया और ब्रूना. हवा तेज़ थी, साड़ी उड़ रही थी. पल्लू बार-बार नीचे गिर रहा था. उन्होंने कई बार कोशिश की, प्लेट्स बनाईं, लेकिन साड़ी सही नहीं हो रही थी. आसपास मौजूद लोग वीडियो बनाने , लोग लेकिन किसी ने पास आकर मदद नहीं की. तभी सामने आई यूपी पुलिस की महिला सिपाही लक्ष्मी देवी. लक्ष्मी न तो घबराईं, न झिझक दिखी. एक प्यारी-सी मुस्कान के साथ उन्होंने कहा May I help you? इसके बाद शुरू हुआ वो लम्हा, जो उन दोनों विदेशी मेहमानों की पूरी इंडिया ट्रिप का सबसे यादगार हिस्सा बन गया. लक्ष्मी देवी ने बड़े ही आत्मीय ढंग से दोनों की साड़ी संभाली. प्लेट्स बनाईं, पल्लू को सलीके से कंधे पर टिकाया और उन्हें सिखाया कि चलना कैसे है, बैठना कैसे है ताकि साड़ी पैर में न आए, और पूरे वक्त आरामदायक भी रहे. दोनों ने खूब सवाल भी किए  एलिसिया ने पूछा, आप रोज साड़ी पहनती हैं इस पर लक्ष्मी मुस्कराईं और कहा कि त्योहारों पर, घर में, और कभी-कभी ड्यूटी पर भी. हमारी वर्दी में भी साड़ी होती है. लक्ष्मी ने जब बताया कि पल्लू का मतलब गरिमा से है, और प्लेट्स अनुशासन की तरह होती हैं तो एलिसिया और ब्रूना की आंखों में जिज्ञासा और सम्मान साथ दिखा. ब्रूना ने कहा कि अब समझ में आया, भारतीय महिलाएं साड़ी में इतनी सहज और सुंदर कैसे लगती हैं. यह कपड़ा नहीं, एक संस्कृति है. लोग देखते रहे, पर लक्ष्मी ने जो किया, वो दिल छू गया इस पूरी प्रक्रिया को कोई रिकॉर्ड कर रहा हो या नहीं, फर्क नहीं पड़ता. जो दृश्य था, वो सीधे विदेशी मेहमानों के दिल में दर्ज हो चुका था. ताजमहल की छाया में, दो विदेशी सैलानी और एक भारतीय महिला पुलिसकर्मी तीनों के बीच भाषा अलग थी, लेकिन भाव और सम्मान एकदम एक से. सिर्फ स्मारक नहीं, अनुभव था ये एलिसिया और ब्रूना भारत भ्रमण पर थीं. दिल्ली देख चुकी थीं, अब आगरा आईं और आगे उनका रुख जयपुर की ओर था. लेकिन उनके मुताबिक, “ताजमहल सुंदर है, लेकिन हमें जो सबसे प्यारा अनुभव मिला, वो लक्ष्मी के साथ था. लक्ष्मी देवी ने इस पूरी घटना पर कहा, मैंने वही किया जो मेरी मां करतीं, मेरी बहन करतीं, या कोई भारतीय महिला करती. साड़ी भारतीय संस्कृति का हिस्सा है और वो हमारी मेहमान हैं. आखिर में एलिसिया ने कहा Thank you, Lakshmi.

सागर में एक ही परिवार की आत्महत्या के पीछे गहरी पारिवारिक कलह, जांच में खुली परतें

 सागर  खुरई के ग्राम टीहर में पति, सास और दोनों बच्चों द्वारा जहर खाकर की गई सामूहिक आत्महत्या के मामले में पुलिस ने आरोपित मां व उसके प्रेमी पर आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का मामला कायम कर लिया है। दरअसल घटना के एक माह पहले महिला की जवान बेटी ने मां को पड़ोसी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था, जिसके बाद महिला ने घर में क्लेश मचाया और पूरे परिवार को झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी, जिसके बाद पति, सास व बेटा व बेटी ने एक साथ जहर खाकर खुदकशी कर ली थी। पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। खुरई थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह दांगी ने बताया कि 25 जुलाई की रात करीब पौने बाहर बजे टीहर गांव में मनोहर उसकी 70 वर्षीय मां फूलरानी, 18 वर्षीय बेटी शिवानी और 16 वर्षीय बेटा अनिकेत ने एक साथ जहरीला पदार्थ खाकर खुदकशी कर ली थी। घटना के समय मनोहर की पत्नी 41 वर्षीय पत्नी द्रौपदी घर पर नहीं थी। पत्नी को मायके भेज दिया मनोहर ने उसे मायके भेज दिया था। घटना स्थल से पुलिस को एक सुसाइट नोट भी मिला था, जिसमें उनकी मृत्यु बाद संपत्ति के बंटवारे का जिक्र किया गया था, साथ ही उस संपत्ति में मां को कोई हिस्सा न देने की बात का भी उल्लेख किया गया। इसके बाद से ही पुलिस को पत्नी पर संदेह हुआ। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की। पुलिस ने घर वालों के साथ ही पत्नी के बयान भी लिए। जिसमें यह बात सामने आई कि घटना के एक माह पहले बेटी शिवानी ने अपनी मां को घर में भैंस बांधने वाले स्थान पर गांव के ही 39 वर्षीय सुरेंद्र पिता घनश्याम लोधी के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया था, लेकिन बेटी ने कुछ नहीं कहा। इसके 15 दिन बाद बेटी ने जब फिर दोनों को संबंध बनाते देखा तो उसने अपनी मां को समझाया, लेकिन वह नहीं मानी, जिसके बाद बेटी ने यह बात अपने पिता को बताई। पति और सास ने समझाया था, पर नहीं मानी पति और सास ने द्रौपदी को बैठाकर समझाया, लेकिन वह नहीं मानी, उल्टे पति व सास को झूठे मामले में फंसाने की धमकी देने लगी। इसके बाद पति ने आरोपित घनश्याम लोधी को भी समझाया, लेकिन उसने मनोहर की समाज में बदनामी करने की धमकी दी। इसके बाद पति, सास और दोनों बच्चों ने सामूहिक आत्महत्या करने का निर्णय लिया। पुलिस ने खुरई शहर थाना में मर्ग जांच के बाद 107, 108, 3, 5, बीएनएस के तहत अपराध पंजीबद्ध किया। शनिवार को महिला और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर खुरई न्यायालय में पेश किया, जहां से घनश्याम को खुरई और महिला को सागर केंद्रीय जेल में भेज दिया है।

सतना में बदमाशों का तांडव! व्यापारी के घर पर गोलियां बरसाईं, परिवार सहमा

सतना  सतना शहर के पॉश इलाकों में शुमार चाणक्यपुरी में रविवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक व्यापारी भागवत गुप्ता के निवास पर रविवार सुबह करीब 9 बजे नकाबपोश बदमाशों ने फायरिंग कर दी। घटना के समय घर में व्यापारी और उसका पूरा परिवार मौजूद था, जो इस हमले से बुरी तरह दहशत में आ गया। सूचना मिलते ही कोलगवा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। सभी हमलावर उत्तर प्रदेश नंबर प्लेट लगी गाड़ियों से आए थे। पुलिस के अनुसार, घटना स्थल पर तीन बुलेट कारतूस मिले हैं। दो अंदर घर में और एक बाहर बरामद किया गया है। दीवार में छेद कर गोली अंदर तक पहुंची गई थी। यह अच्छा रहा कि वह किसी को लगी नहीं। घटनास्थल पर थाना प्रभारी सुदीप सोनी स्वयं पहुंचे और एफएसएल टीम के साथ साक्ष्य जुटाए। पहले भी दी जा चुकी थी पुलिस को सूचना व्यापारी परिवार ने पूर्व में भी संभावित खतरे की आशंका को लेकर थाने में सूचना दी थी। परिजन इस फायरिंग की घटना को पुराने गुप्ता पैलेस जमीनी विवाद से जोड़कर देख रहे हैं। परिवार की ओर से संदेह व्यक्त किया गया है कि उन्हीं लोगों का हाथ इस हमले में हो सकता है, जो पूर्व विवाद में शामिल थे। पुलिस की त्वरित कार्रवाई पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता के निर्देश पर विशेष सोशल टीम का गठन किया गया है। इसके साथ ही साइबर सेल को भी सक्रिय कर संदिग्ध नंबरों की निगरानी शुरू कर दी गई है। सीएसपी देवेंद्र प्रताप सिंह के मार्गदर्शन में टीआई सुदीप सोनी ने मुखबिर तंत्र को एक्टिव किया और क्षेत्र के संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ शुरू कर दी है। फिलहाल पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाले जा रहे हैं। गोलीबारी की पुष्टि की जा चुकी है और जल्द ही हमलावरों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने की कार्रवाई तेज कर दी गई है। पुलिस ने पूरे क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है और परिवार की सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं।

वर्दी पर दाग: स्कॉर्पियो चोरी में कॉन्स्टेबल गिरफ्तार, गैंग के 5 और साथी पकड़े गए

ग्वालियर  क्राइम को कंट्रोल करने का काम पुलिस करती है, लेकिन अगर पुलिस ही खुद क्रिमिनल बन जाए तो आप क्या कहेंगे. कुछ ऐसा ही चौंकाने वाला मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर से सामने आया है. यहां चोरी के एक मामले में खुद आरक्षक फंस गया. मामले का खुलासा हुआ तो पुलिस भी हैरान रह गई. आरोपी आरक्षक ने अपने दोस्त के साथ मिलकर गाड़ी चोरी कर ली. फिलहाल पुलिस ने आरोपी आरक्षक को गिरफ्तार कर लिया है. अब पुलिस की टीम चोरी के मामले को लेकर आरोपियों से पूछताछ कर रही है. पुलिस ने चोरी के आरोपियों को किया गिरफ्तार, डबरा शहर के शुगर मिल कैंपस से स्कॉर्पियो चोरी के मामले में बढ़ा खुलसा देखने को मिला है. इस चोरी की घटना में एक पुलिस आरक्षक भी शामिल निकला. आरक्षक 1003 रवि जाटव ग्वालियर का रहने वाला है, जो कि थाना कालीपीथ जिला राजगढ़ में पदस्थ है. बड़ी बात ये रही कि आरक्षक को पकड़ने गाई पुलिस को स्कॉर्पियो चोरी करने वाला एक चोर बॉबी बाथम भी उसी के साथ मिला. पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार दोनों आरोपियों को डबरा सिटी पुलिस गिरफ्तार कर थाने लाई है, जहां उन्हें न्यायालय में पेश किया और 2 दिन का PR लेकर आगे की पूछताछ भी की जा रही है. इस मामले में डबरा सिटी पुलिस ने पहले भी 4 आरोपियों को पकड़ा था. आपको बता दें कि 10 जुलाई की रात डबरा इलाके में रहने वाले अवतार रावत की घर से गई चोरी की स्कॉर्पियो कार और अन्य स्थानों से चोरी गया 6 तोला सोना जब्त किया था. इन आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि वह पुलिस आरक्षक रवि जाटव के साथ मिलकर चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया करते थे. पुलिस की जांच में पता चला कि 10 जुलाई की रात डबरा निवासी अवतार रावत के घर से स्कॉर्पियो कार चोरी की गई थी। इस मामले में पुलिस ने पहले चार अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनसे 6 तोला चोरी का सोना भी बरामद किया गया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये आरोपी पुलिस आरक्षक रवि जाटव के साथ मिलकर चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे। स्कॉर्पियो चोरी के दिन रवि जाटव भी मौके पर मौजूद था और वही गाड़ी को चलाकर ले गया था।  इसी मामले में डबरा सिटी पुलिस ने सराफा बाजार के व्यापारी राजेंद्र सोनी को भी हिरासत में लिया था, जिन्होंने चोरी का सोना खरीदा था। टीआई यशवंत गोयल ने बताया कि राजेंद्र सोनी से चोरी का सोना बरामद कर लिया गया है और उसे नोटिस देकर छोड़ दिया गया है। पुलिस अब इस मामले में गहन जांच कर रही है ताकि चोरी के इस नेटवर्क का और खुलासा हो सके।  एसडीओपी सौरभ कुमार ने कहा कि “हमने स्कॉर्पियो चोरी के मामले में पुलिस आरक्षक रवि जाटव और बॉबी बाथम को गिरफ्तार किया है। जांच में पाया गया कि रवि जाटव चोरी की घटनाओं में शामिल था। अन्य आरोपियों से 6 तोला सोना बरामद किया गया है, और सराफा व्यापारी से भी माल जप्त कर लिया गया है। मामले की जांच जारी है।”   स्कॉर्पियो की चोरी वाले दिन आरक्षक रवि जाटव भी साथ मौजूद था. वहीं स्कॉर्पियो को चलाकर ले गया था. वहीं पुलिस ने चोरी का सोना खरीदने वाले डबरा सराफा बाजार के सराफा व्यापारी राजेंद्र सोनी को भी पकड़ा था, जिसे पुलिस ने पूछताछ कर चोरी का सोना बरामद करने के बाद छोड़ दिया है. टीआई यशवंत गोयल का कहना है कि सोनी से चोरी का माल जब्त कर नोटिस देकर उसे छोड़ा गया है.

10 साल पहले मर चुके, फिर भी नाम FIR में! विदिशा में प्रशासन की बड़ी चूक

विदिशा विदिशा जिले के गंजबासौदा क्षेत्र से पुलिस की कार्यप्रणाली का अजीब मामला सामने आया है. यहां दो ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है, जिनकी मौत 8 से 10 साल पहले हो चुकी है. जब स्थानीय स्तर पर इसकी शिकायत की गई तो कोई सुनवाई नहीं हुई. हारकर फरियादी जिला मुख्यालय पहुंचा और एडिशनल एसपी प्रशांत चौबे से न्याय की गुहार लगाई. गंजबासौदा के बरेठ गांव में प्रजापति समाज और गुर्जर समाज के बीच एक विवाद हुआ था. इसी विवाद में पुलिस ने एक एफआईआर दर्ज की, लेकिन इसमें जिन लोगों के नाम शामिल किए गए उनमें से दो व्यक्ति 8 से 10 साल पहले ही दुनिया से विदा हो चुके हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए फरियादी राजकुमार शर्मा जिला मुख्यालय पहुंचा और एडिशनल एसपी प्रशांत चौबे से पूरे मामले की शिकायत की. शर्मा ने कहा- 'ये दोनों लोग जिन पर FIR की गई है, वो कई साल पहले मर चुके हैं. हमने थाने में भी शिकायत की, लेकिन किसी ने हमारी बात नहीं सुनी, इसलिए जिला मुख्यालय अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रशांत चौबे के यहां आए हैं. हमने जांच कर उचित कार्यवाही की मांग की है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रशांत चौबे ने उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है. एडिशनल एसपी विदिशा प्रशांत चौबे ने कहा- '17 तारीख को बरेठ गांव में विवाद हुआ था, जिसमें कुछ नामों पर आपत्ति आई है. दो मृत व्यक्तियों के नाम FIR में दर्ज होना गंभीर मामला है. संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जांच कर दस्तावेज प्रस्तुत करें. उचित कार्रवाई की जाएगी.'