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दशहरे पर बारिश का अलर्ट: MP में अगले 4 दिन हल्की बरसात और तेज हवा का अनुमान

भोपाल  विदाई के बीच इस सप्ताह मध्यप्रदेश में मानसूनी बारिश की एक और झड़ी लगेगी। मौसम विभाग के अनुसार, 1 अक्टूबर से नया सिस्टम एक्टिव हो रहा है। इससे दशहरे के दिन भी कई जिलों में बारिश हो सकती है। दक्षिणी हिस्से में ज्यादा असर रहेगा। फिलहाल हल्की बारिश का अलर्ट।  मध्यप्रदेश में इस बार बारिश के बीच रावण दहन होगा। नए सिस्टम की वजह से मौसम विभाग ने बारिश का अलर्ट जारी किया है। इस वजह से वाटरप्रूफ पुतलों की डिमांड बढ़ गई है। भोपाल में सजे रावण के पुतलों की मंडी यानी, बाजार में वाटरप्रूफ पुतले की मांग की जा रही है। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया, अगले 4 दिन तक प्रदेश में हल्की बारिश होने का अनुमान है। गरज-चमक और तेज हवा की स्थिति भी बनी रही। पांचवें दिन से तेज बारिश का दौर फिर से शुरू हो सकता है। इससे पहले सोमवार को भी बारिश का दौर जारी रहा। ग्वालियर से मानसून लौट गया है, लेकिन सोमवार को यहां 9 घंटे में सवा इंच पानी बरस गया। भोपाल, दतिया, खरगोन, बड़वानी, नर्मदापुरम, मंडला, सागर में भी हल्की बारिश दर्ज की गई। साल 2022 में भी यही स्थिति बनी थी। भोपाल में पेट्रोल छिड़ककर पुतले जलाने पड़े थे। हालांकि, ग्वालियर-उज्जैन समेत प्रदेश के 12 जिलों से मानसून पूरी तरह से लौट चुका है, लेकिन 1 अक्टूबर से एक्टिव हो रहे नए सिस्टम का असर इन जिलों में भी देखने को मिल सकता है। पिछले 3 दिन से यहां हल्की बारिश हो रही है। इधर, लिंक रोड नंबर-2 पर ही वन विभाग का मुख्यालय भी है। इसके ठीक सामने रावण के पुतलों का बाजार सजा है। ऐसे में सोमवार दोपहर में बाजार हटाने को लेकर विवाद की स्थिति बन गई। कई कारीगर ऑफिस के बाहर पहुंचे और दुकान हटाने का विरोध करने लगे। पुलिस भी मौके पर पहुंची। हालांकि, बाद में मामला शांत हो गया। बड़वानी जिला मुख्यालय से 11 किलोमीटर दूर तलवाड़ा बुजुर्ग गांव के खेतों में बारिश का पानी घुस गया। स्थानीय किसान राकेश मुकाती ने कहा- तीन हेक्टेयर खेत में लगी भिंडी और मक्के की फसल खराब हो गई है। करीब 80 हजार रुपए का नुकसान हुआ। वहीं, खरगोन में नमी की वजह से कपास की गुणवत्ता प्रभावित हुई है। मंडी में नीलामी एक सप्ताह के लिए रोक दी गई है। किसान अपने घरों में तो जिनिंग संचालक फैक्ट्री परिसर में कपास सुखा रहे हैं। केके फायबर्स के संचालक प्रितेश अग्रवाल ने कहा- जिनिंग फैक्ट्री में सूखने के लिए रखा 700 क्विंटल कपास गीला होकर बह गया। बारिश के कारण किसान खेतों से कपास की चुनाई नहीं करा पा रहे हैं। गीला कपास पौधों से टूटकर गिर रहा है।  भोपाल में 40 फीट तक ऊंचे पुतले भोपाल के बांसखेड़ी, तुलसी नगर, ईंटखेड़ी समेत कई स्थानों पर करीब 300 कारीगर पुतले तैयार कर रहे हैं। बाजार में 5 फीट से लेकर 40 फीट तक ऊंचे पुतले हैं। जिनकी कीमत 50 हजार रुपए तक है। शहर में छोटे-बड़े करीब 7 हजार पुतलों का दहन होगा। कारीगर वैदिक कुमार वंशकार ने बताया, बारिश की वजह से मार्केट धीमा है। अभी 10 से 12 ऑर्डर ही आए हैं। पिछले साल ज्यादा आए थे। वॉटरप्रूफ पुतले की डिमांड तो है, लेकिन उसकी लागत अधिक आती है। पुतलों पर प्लास्टिक पेंट भी कर रहे हैं। कारीगर प्रेम बंसल ने बताया, बारिश की वजह से पुतलों को सहेजना मुश्किल हो रहा है, क्योंकि अब तक लोग पुतले लेकर नहीं गए हैं। दशहरे को सिर्फ 3 दिन बचे हैं। यदि बारिश होती है तो ज्यादा दिक्कतें होंगी। इस बार महंगे हैं पुतले कारीगर प्रेम ने बताया कि इस बार पुतले की लागत बढ़ी है। बांस, कपड़ा, धागा समेत अन्य सामग्री के रेट बढ़ गए हैं। जो पुतले हम ग्राहक को देते हैं, वे बिना पटाखों के होते हैं। यदि कोई पुतलों में पटाखे रखवाना चाहेंगे तो उसकी कीमत बढ़ जाएगी। दो साल से दशहरे पर बारिश का दौर बता दें कि 2022 में 5 अक्टूबर को दशहरा था। इस समय प्रदेश से मानसून की वापस हो रही थी। इस वजह से कई जिलों में तेज बारिश हुई थी। इससे मध्यप्रदेश में दशहरे पर रावण के पुतले को श्रीराम के बाण से पहले ही इंद्र के बाणों का सामना करना पड़ा था। बारिश की वजह से राजधानी में भी रावण के पुतले भीग गए थे। बांसखेड़ी इलाके में कारीगरों को पुतले बस स्टॉप में रखना पड़े थे। इससे उन्हें खासा नुकसान हुआ था। एक सप्ताह बाद से विदाई शुरू होगी नया सिस्टम बनने की वजह से प्रदेश में मानसून की विदाई फिलहाल नहीं होगी। एक सप्ताह के बाद मानसून लौटने लगेगा। बता दें कि अब तक प्रदेश के 12 जिलों से मानसून विदा हो चुका है। इनमें ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम भी शामिल हैं। राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्से से मानसून विदा हुआ है। मौसम विभाग की माने तो मानसून की वापसी के लिए अभी परिस्थिति अनुकूल नहीं है। बता दें कि इस साल मानसून ने मध्यप्रदेश में 16 जून को दस्तक दी थी। समय से एक दिन बाद मानसून प्रदेश में एंटर हुआ था। मौसम विभाग के अनुसार, 6 अक्टूबर तक प्रदेश के सभी जिलों से मानसून विदा हो जाता है, लेकिन नया सिस्टम बनने से विदाई की तारीख आगे भी बढ़ सकती है। अब तक 122 प्रतिशत बारिश बता दें, प्रदेश में 16 जून को मानसून ने आमद दी थी। तब से अब तक औसत 45.1 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 37.3 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 7.8 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37.2 इंच है। यह कोटा पिछले सप्ताह ही पूरा हो गया है। अब तक 122 प्रतिशत बारिश हो चुकी है।

रायपुर : प्रदेश में अब तक 1140.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

रायपुर छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 1140.1 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1562.9 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 527.5 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है।   रायपुर संभाग में रायपुर जिले में 1030.6 मि.मी., बलौदाबाजार में 920.5 मि.मी., गरियाबंद में 1096.9 मि.मी., महासमुंद में 958.8 मि.मी. और धमतरी में 1057.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बिलासपुर संभाग में बिलासपुर जिले में 1132.4 मि.मी., मुंगेली में 1113.3 मि.मी., रायगढ़ में 1334.9 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 1074.5़ मि.मी., जांजगीर-चांपा में 1351.2 मि.मी., सक्ती में 1241.9 मि.मी., कोरबा में 1117.0 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 1038.8 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। दुर्ग संभाग में दुर्ग जिले में 884.8 मि.मी., कबीरधाम में 808.0 मि.मी., राजनांदगांव में 974.5 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 1415.5 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 874.1 मि.मी. और बालोद में 1251.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। सरगुजा संभाग में सरगुजा जिले में 760.2 मि.मी., सूरजपुर में 1142.5 मि.मी., बलरामपुर में 1520.0 मि.मी., जशपुर में 1056.5 मि.मी., कोरिया में 1195.1 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 1075.5 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बस्तर संभाग में बस्तर जिले में 1531.1 कोंडागांव जिले में 1100.3 मि.मी., कांकेर में 1321.9 मि.मी., नारायणपुर में 1397.1 मि.मी., दंतेवाड़ा में 1552.8 मि.मी., और सुकमा जिले में 1205.1 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।

रायपुर : प्रदेश में अब तक 1138.9 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

रायपुर छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 1138.9 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1562.9 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 527.2 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है। रायपुर संभाग में रायपुर जिले में 1028.9 मि.मी., बलौदाबाजार में 919.4 मि.मी., गरियाबंद में 1096.7 मि.मी., महासमुंद में 952.0 मि.मी. और धमतरी में 1056.7 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बिलासपुर संभाग में बिलासपुर जिले में 1131.0 मि.मी., मुंगेली में 1110.9 मि.मी., रायगढ़ में 1334.9 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 1074.0़ मि.मी., जांजगीर-चांपा में 1350.9 मि.मी., सक्ती में 1240.8 मि.मी., कोरबा में 1117.0 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 1038.8 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। दुर्ग संभाग में दुर्ग जिले में 884.8 मि.मी., कबीरधाम में 805.4 मि.मी., राजनांदगांव में 974.5 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 1415.5 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 874.1 मि.मी. और बालोद में 1251.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। सरगुजा संभाग में सरगुजा जिले में 760.2 मि.मी., सूरजपुर में 1142.1 मि.मी., बलरामपुर में 1519.3 मि.मी., जशपुर में 1056.5 मि.मी., कोरिया में 1195.1 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 1075.5 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बस्तर संभाग में बस्तर जिले में 1524.7 कोंडागांव जिले में 1097.5 मि.मी., कांकेर में 1318.9 मि.मी., नारायणपुर में 1391.6 मि.मी., दंतेवाड़ा में 1552.3 मि.मी., और सुकमा जिले में 1203.9 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।

रायपुर : प्रदेश में अब तक 1126.4 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

रायपुर छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 1126.4 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1549.5 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 519.0 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है। रायपुर संभाग में रायपुर जिले में 1021.8 मि.मी., बलौदाबाजार में 906.1 मि.मी., गरियाबंद में 1084.8 मि.मी., महासमुंद में 931.5 मि.मी. और धमतरी में 1050.5 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बिलासपुर संभाग में बिलासपुर जिले में 1129.0 मि.मी., मुंगेली में 1097.3 मि.मी., रायगढ़ में 1331.9 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 1065.9 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 1347.1 मि.मी., सक्ती में 1234.6 मि.मी., कोरबा में 1116.3 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 1030.9 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। दुर्ग संभाग में दुर्ग जिले में 877.0 मि.मी., कबीरधाम में 786.3 मि.मी., राजनांदगांव में 951.3 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 1400.4 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 836.0 मि.मी. और बालोद में 1176.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। सरगुजा संभाग में सरगुजा जिले में 756.1 मि.मी., सूरजपुर में 1138.0 मि.मी., बलरामपुर में 1512.0 मि.मी., जशपुर में 1049.5 मि.मी., कोरिया में 1189.3 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 1072.9 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बस्तर संभाग में बस्तर जिले में 1516.8 मि.मी., कोंडागांव जिले में 1084.7 मि.मी., कांकेर में 1305.7 मि.मी., नारायणपुर में 1375.8 मि.मी., दंतेवाड़ा में 1529.8 मि.मी. और सुकमा में 1198.1 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।

मध्यप्रदेश में मौसम मेहरबान: अगले 2 दिन हल्की बारिश, अब तक 44.1 इंच बरसात

भोपाल  मध्य प्रदेश मानूसन विदाई ले रहा है साथ ही बारिश भी हो रही है। मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए कई जिलों में हल्की बारिश, गरज-चमक होने के आसार जताए हैं। जबकि 28 और 29 सितंबर को इंदौर, नर्मदापुरम, जबलपुर और उज्जैन संभाग में तेज बारिश होने का अलर्ट जारी किया है। गुरुवार को मंडला-रीवा में पौने 2 इंच पानी गिरा। वहीं, उज्जैन, जबलपुर, सतना, सिवनी, सीधी, उमरिया और बालाघाट में हल्की बारिश दर्ज की गई। भोपाल में तेज धूप खिली। इससे गर्मी और उमस का असर रहा। इंदौर, ग्वालियर में भी मौसम साफ रहा। मध्यप्रदेश से विदाई ले रहा मानसून जाते-जाते भी जमकर बरसेगा। मौसम विभाग ने 28 और 29 सितंबर को इंदौर, नर्मदापुरम, जबलपुर और उज्जैन संभाग में तेज बारिश होने का अलर्ट जारी किया है। हालांकि, इससे पहले कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। लो प्रेशर एरिया की वजह से बारिश के आसार मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के चार जिले- नीमच, श्योपुर, भिंड और मुरैना से मानसून लौट चुका है। अगले एक-दो दिन में ग्वालियर, दतिया और मंदसौर से भी मानसून के लौटने की संभावना है। मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए इन जिलों में बारिश की चेतावनी जारी नहीं की। बाकी सभी जिलों में हल्की बारिश, गरज-चमक होने के आसार जताए हैं। अगले 2 दिन तक कुछ जिलों में हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन 28 और 29 सितंबर को तेज बारिश का अलर्ट है। इंदौर, देवास, खरगोन, हरदा, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, उज्जैन, शाजापुर, सीहोर, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा में बारिश हो सकती है। ग्वालियर, दतिया और मंदसौर से लौटेगा मानसून मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के चार जिले- नीमच, श्योपुर, भिंड और मुरैना से मानसून लौट चुका है। अगले एक-दो दिन में ग्वालियर, दतिया और मंदसौर से भी मानसून के लौटने की संभावना है। अगले 2 दिन तक कुछ जिलों में हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन 28 और 29 सितंबर को तेज बारिश का अलर्ट है। इंदौर, देवास, खरगोन, हरदा, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, उज्जैन, शाजापुर, सीहोर, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा में बारिश हो सकती है। अब तक औसत 44.1 इंच बारिश दर्ज  प्रदेश में अब तक औसत 44.1 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 36.9 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 7.2 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। यह कोटा पिछले सप्ताह ही पूरा हो गया है। अब तक 118 प्रतिशत बारिश हो चुकी है। प्रदेश से भी मानसून की विदाई शुरू हो गई है। 4 जिले- नीमच, भिंड, मुरैना और श्योपुर से सबसे पहले मानसून विदा हुआ है। यहां 35 से 115 प्रतिशत तक बारिश ज्यादा हुई है। चंबल संभाग के श्योपुर में सामान्य 26.2 इंच के मुकाबले 56.6 इंच पानी गिर गया, जो 115 प्रतिशत अधिक है। भिंड में 32.4 इंच, मुरैना में 37 इंच और नीमच में 42.9 इंच बारिश हो चुकी है, जो सामान्य बारिश से ज्यादा है। 

बारिश ने रोकी रफ्तार: हावड़ा स्टेशन पानी में डूबा, मेट्रो पर भी असर

कोलकाता पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मंगलवार को पूरी रात हुई मूसलाधार बारिश ने सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त हो गया है. बारिश के बाद कई इलाकों में पानी भर गया है, जिसमें करंट भी उतरने की बात सामने आई है. बिजली का करंट लगने की वजह से अब तक कुल 5 लोगों की मौत हुई है. पिछले 6 घंटों में शहर में 250 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई, जिससे शहर के कई हिस्सों में घुटनों तक पानी भर गया है. इलाकों से पंप के जरिए निकाला जा रहा पानी रात भर हुई भारी बारिश के कारण, महानायक उत्तम कुमार और रवींद्र सरोबर स्टेशनों के बीच जलभराव हो गया है. यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, शहीद खुदीराम से मैदान स्टेशन के बीच मेट्रो सेवाएं रोक दी गई हैं. दक्षिणेश्वर और मैदान स्टेशनों के बीच मेट्रो सेवाएं कम संख्या में चलाई जा रही हैं. पानी को पंप से बाहर निकाला जा रहा है. मेट्रो रेलवे के अधिकारी और कर्मचारी जल्द से जल्द समस्या का समाधान करने के लिए मौके पर पहुंच गए हैं. अचानक मौसम में बदलाव की वजह से ट्रैफिक पर बुरा असर पड़ा है और कई जगहों पर वाहनों की आवाजाही थम गई है. मेट्रो और रेल सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं. मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण यह बारिश हुई है. रात भर हुई बारिश की वजह से शहर की कई सड़कों में पानी भर गया. कई घरों और आवासीय परिसरों में भी पानी घुस गया है.  कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के मुताबिक, गरिया कामदाहरी में 332 मिमी, जोधपुर पार्क में 285 मिमी, कालीघाट में 280 मिमी, टॉप्शिया में 275 मिमी, और बालीगंज में 264 मिमी बारिश दर्ज की गई. कोलकाता में पांच घंटे के अंदर रिकॉर्ड बारिश     कामदहारी-332 मिमी     जोधपुर पार्क- 285 मिमी     कालीघाट- 280.2 मिमी     टैप्सिया- 275 मिमी     बालीगंज- 264 मिमी     चेतला- 262 मिमी     मोमिनपुर- 234 मिमी     चिंगरीहाटा- 237 मिमी     पामर बाज़ार- 217 मिमी     धापा- 212 मिमी     सीपीटी नहर- 209.4 मिमी     उल्टाडांगा- 207 मिमी     कुदघाट- 203.4 मिमी     पागलडांगा (टंगरा)- 201 मिमी     कुलिया (टंगरा)-  196 मिमी     थन्थानिया- 195 मिमी हावड़ा और सियालदह यार्ड और कार-शेड में जलभराव  रात में हुई मूसलाधार बारिश के बाद, हावड़ा स्टेशन यार्ड, सियालदह दक्षिण स्टेशन यार्ड, चितपुर उत्तर केबिन, विभिन्न कार-शेड और सियालदह यार्ड के विभिन्न स्थानों पर जलभराव देखा गया. हावड़ा और सियालदह मंडलों की रेलवे लाइनों पर पानी भर गया है. जमा हुए पानी को निकालने के लिए कई जगहों पर पानी के पंप लगाए गए हैं, लेकिन आस-पास के सिविल क्षेत्र से भी पानी भर जाने के कारण, पानी वापस रेलवे यार्ड में बह रहा है, जिससे और भी मुश्किलें पैदा हो रही हैं. आज यानी मंगलवार सुबह कुछ उपनगरीय ट्रेनों को बीच में ही रोक दिया गया और बीच में ही शुरू कर दिया गया.  रेलवे सेवाएं प्रभावित…     सियालदह उत्तर और मुख्य: उपनगरीय खंड में प्लेटफार्म नंबर-7 से आंशिक सेवाएं शुरू हुईं.     13113 यूपी हज़ारद्वारी एक्सप्रेस को कोलकाता से रद्द कर दिया गया है.     13177 सियालदह जंगीपुर एक्सप्रेस को सियालदह से रद्द कर दिया गया है.     सियालदह दक्षिण खंड में जलभराव के कारण ट्रेनों का परिचालन स्थगित कर दिया गया है.     ट्रैक और चितपुर यार्ड में जलभराव के कारण सर्कुलर रेलवे लाइन पर ट्रेनों का ऑपरेशन स्थगित कर दिया गया है. मौसम विभाग की चेतावनी… भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बना है, जिसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है. इससे दक्षिण बंगाल के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. बुधवार तक पूर्ब मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना, झाड़ग्राम और बांकुरा जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है. मौसम विभाग ने यह भी बताया कि 25 सितंबर के आसपास पूर्व-मध्य और उत्तर बंगाल की खाड़ी के आस-पास एक और नया कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है, जिससे आने वाले दिनों में और बारिश हो सकती है.

IMD का अलर्ट: 25 सितंबर से MP में आएगा नया मौसम सिस्टम, भारी बारिश के आसार

भोपाल  मध्य प्रदेश में अगले तीन दिन बादल छाने के साथ हल्की बारिश और बूंदाबांदी का दौर जारी रहेगा, लेकिन कहीं भी भारी बारिश की संभावना नहीं है। हालांकि 25 सितंबर को एक नया वेदर सिस्टम एक्टिव होने जा रहा है, जिससे फिर तेज बारिश होने का अनुमान है।इसके बाद सितंबर अंत से मानसून की विदाई शुरू होगी।बता दे कि रविवार को भोपाल ,नर्मदापुरम, उज्जैन, मंडला, नरसिंहपुर समेत 15 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। 25 सितंबर को सक्रिय होगा नया वेदर सिस्टम     दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी रेखा , भटिंडा, फतेहाबाद, पिलानी, अजमेर, दीसा, भुज और से होकर गुजर रही है। अगले 24 घंटों के दौरान गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के कुछ और हिस्सों; एचपी और जेके के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हैं। उत्तरी अंडमान सागर और उससे सटे म्यांमार तट पर ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण अब म्यांमार-दक्षिण बांग्लादेश तटों से सटे उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी पर बना हुआ है और औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक विस्तृत है। इसके प्रभाव में अगले 24 घंटों के दौरान उत्तरी बंगाल की खाड़ी पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है।     25 सितंबर के आसपास पूर्व-मध्य और उससे सटे उत्तरी बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक और नया निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ते हुए, इसके 26 सितंबर के आसपास दक्षिण ओडिशा-उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों के पास उत्तर-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक अवदाब क्षेत्र बनने की प्रबल संभावना है। इसके 27 सितंबर के आसपास दक्षिण ओडिशा-उत्तरी एपी के तटों को पार करने की प्रबल संभावना है। उत्तर-पूर्वी बिहार और उससे सटे सिक्किम के ऊपर औसत समुद्र तल से 3.1 किमी ऊपर ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। 1 जून से 21 सितंबर तक कहां कितनी हुई वर्षा सोना खरीदने की प्लानिंग है क्या ? ये है आज 22 सितंबर का 10 ग्राम का ताजा भाव, जानें अपने शहरों का सोमवार का 22-24 कैरेट का लेटेस्ट रेट     मध्य प्रदेश में दीर्घावधि औसत से 21% अधिक वर्षा हुई है। पूर्वी मध्य प्रदेश में औसत से 16% और पश्चिमी मध्य प्रदेश 24% अधिक वर्षा हुई है। एमपी में अब तक 43 .8 इंच बारिश हो चुकी है, जो सीजन की 118 प्रतिशत है। अब तक 36.3 इंच बारिश होनी थी। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। पिछले मानसूनी सीजन में औसत 44 इंच बारिश हुई थी।     सबसे कम बारिश वाले जिलों में बुरहानपुर, बड़वानी, खंडवा खरगोन और शाजापुर शामिल हैं। ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है।भोपाल, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, अलीराजपुर, बड़वानी, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, सतना और उमरिया में बारिश का कोटा फुल हो चुका है।

रायपुर : प्रदेश में अब तक 1044.9 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

रायपुर छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 1044.9 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक बलरामपुर जिले में सर्वाधिक 1472.8 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 498.0 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है।  रायपुर संभाग में रायपुर जिले में 910.5 मि.मी., बलौदाबाजार में 766.3 मि.मी., गरियाबंद में 921.9 मि.मी., महासमुंद में 749.0 मि.मी. और धमतरी में 943.4 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बिलासपुर संभाग में बिलासपुर जिले में 1092.9 मि.मी., मुंगेली में 1057.2 मि.मी., रायगढ़ में 1272.6 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 917.9 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 1245.7 मि.मी., सक्ती में 1147.5 मि.मी., कोरबा में 1055.1 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 1011.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। दुर्ग संभाग में दुर्ग जिले में 799..0 मि.मी., कबीरधाम में 766.9 मि.मी., राजनांदगांव में 885.4 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 1250.8 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 792.0 मि.मी. और बालोद में 1090.9 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। सरगुजा संभाग में सरगुजा जिले में 735.6 मि.मी., सूरजपुर में 1102.1 मि.मी जशपुर में 1026.3 मि.मी., कोरिया में 1169.7 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 1054.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बस्तर संभाग में बस्तर जिले में 1425.2 कोंडागांव जिले में 970.4 मि.मी., कांकेर में 1167.4 मि.मी., नारायणपुर में 1259.4 मि.मी., दंतेवाड़ा में 1401.5 मि.मी., सुकमा में 1099.5 मि.मी. और बीजापुर में 1423.9 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। 

रायपुर : प्रदेश में अब तक 1033.0 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

रायपुर छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 1033.0 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक बलरामपुर जिले में सर्वाधिक 1469.5 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 494.6 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है। रायपुर संभाग में रायपुर जिले में 900.0 मि.मी., बलौदाबाजार में 752.5 मि.मी., गरियाबंद में 904.6 मि.मी., महासमुंद में 733.3 मि.मी. और धमतरी में 933.0 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बिलासपुर संभाग में बिलासपुर जिले में 1083.9 मि.मी., मुंगेली में 1047.9 मि.मी., रायगढ़ में 1257.4 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 901.8 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 1234.0 मि.मी., सक्ती में 1125.7 मि.मी., कोरबा में 1053.5 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 1004.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। दुर्ग संभाग में दुर्ग जिले में 796.1 मि.मी., कबीरधाम में 751.5 मि.मी., राजनांदगांव में 870.7 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 1242.8 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 753.6 मि.मी. और बालोद में 1080.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। सरगुजा संभाग में सरगुजा जिले में 733.8 मि.मी., सूरजपुर में 1099.0 मि.मी जशपुर में 1011.1 मि.मी., कोरिया में 1168.2 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 1052.2 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बस्तर संभाग में बस्तर जिले में 1406.6 कोंडागांव जिले में 954.7 मि.मी., कांकेर में 1149.3 मि.मी., नारायणपुर में 1239.6 मि.मी., दंतेवाड़ा में 1379.3 मि.मी., सुकमा में 1088.9 मि.मी. और बीजापुर में 1415.7 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।

राजौरी में भूस्खलन से सड़क ध्वस्त, मंडी (HP) में मूसलधार बारिश से जनजीवन प्रभावित

राजौरी/शिमला   राजौरी जिले में हाल ही में निर्मित 32 किलोमीटर लंबी कोटरंका-खवास सड़क पिछले दो हफ्तों से लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन के कारण बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई. 2023-24 की अवधि में पूरी होने वाली यह सड़क कोटरंका उप-मंडल और खवास तहसील के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग का काम करती थी. हालांकि, पिछले 15 दिनों से यह मार्ग पूरी तरह से कटा हुआ है. इससे स्थानीय निवासियों में भारी परेशानी है. इस व्यवधान ने दैनिक जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. स्थानीय लोगों के अनुसार छात्र स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. बीमार लोगों को चिकित्सा केंद्रों तक पहुंचाना बेहद मुश्किल हो गया है. कई ग्रामीणों को आवश्यक सेवाओं तक पहुंचने के लिए 15 से 20 किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर होना पड़ रहा है. जमीन धंसने के कारण सड़क पुनर्निर्माण के काम बाधिक है. ये एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. राजौरी जिले के बधाल गांव में रहने वाले जतिंदर शर्मा ने मंगलवार को एएनआई को बताया, 'पिछले 15 दिनों से यहां सड़क बंद है. बाढ़ के कारण सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है. इस सड़क से और भी कई रास्ते जुड़े हैं. इस वजह से बुजुर्गों और स्कूली बच्चों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. प्रशासन की तरफ से कोई भी सड़क की मरम्मत के लिए नहीं आया है. हम अनुरोध करते हैं कि सड़क को बहाल किया जाए.' कुछ हिस्सों में जमीन धंसने से संकट और बढ़ गया है. इससे बड़े इलाके खतरे में पड़ गए हैं. कम से कम सात घर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. इनमें से एक दो मंजिला घर अपनी मूल जगह से लगभग 50 मीटर नीचे खिसक गया है. हालांकि ये अभी भी सीधा खड़ा है. ऐसी घटनाओं से निवासियों में व्यापक दहशत फैल गई है. कोटरंका के अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) दिलमीर चौधरी के अनुसार सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. स्थानीय प्रशासन भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए पूर्ण सहयोग प्रदान कर रहा है. राहत और मुआवजा देने के प्रयास सक्रिय रूप से जारी हैं. अधिकारी के अनुसार प्रभावित परिवारों के लिए मुआवजे की फाइलें तैयार की जा रही हैं और जल्द ही उन्हें अंतिम रूप दे दिया जाएगा. किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए पूरे क्षेत्र पर लगातार नजर रखी जा रही है. इस बीच पुंछ में मेंढर उप-मंडल के कलाबन गांव के लगभग 400 निवासियों को लगातार बारिश के कारण जमीन धंसने से कई घरों में दरारें आने के बाद अस्थायी आश्रयों में स्थानांतरित कर दिया गया है. अधिकारी, एक स्थानीय गैर-सरकारी संगठन के सहयोग से विस्थापित परिवारों को राहत सामग्री और आवश्यक वस्तुएं प्रदान कर रहे हैं. प्रशासन ने कलाबन को असुरक्षित घोषित कर दिया है और निवासियों को अगली सूचना तक वहाँ से निकलने का निर्देश दिया है.