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विदेश मंत्री जयशंकर ने बीजिंग में चीनी उपराष्ट्रपति से की मुलाकात, एससीओ की अध्यक्षता के लिए समर्थन व्यक्त किया

 बीजिंग  विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने सोमवार को बीजिंग में चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की। विदेश मंत्री जयशंकर ने 'एक्स' पर ट्वीट किया, 'चीन की शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अध्यक्षता के लिए भारत का समर्थन व्यक्त किया। हमारे द्विपक्षीय संबंधों में सुधार पर फोकस किया और विश्वास व्यक्त किया कि मेरी यात्रा के दौरान हुई चर्चाएं सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेंगी।' दोनों देशों के संबंधों में सुधार उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कजान में हुई बैठक के बाद से दोनों देशों के संबंधों में सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा, 'भारत शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में चीन की सफल अध्यक्षता का समर्थन करता है। पिछले अक्तूबर में कजान में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच हुई बैठक के बाद से हमारे द्विपक्षीय संबंधों में लगातार सुधार हो रहा है। मुझे विश्वास है कि इस यात्रा में मेरी चर्चाएं इसी सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेंगी।' पांच वर्षों में चीन की पहली यात्रा  जयशंकर सिंगापुर की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद चीन पहुंचे हैं। यह पांच वर्षों में उनकी चीन की पहली यात्रा है। सोमवार को उनके अपने चीनी समकक्ष वांग यी से द्विपक्षीय बैठक करने की उम्मीद है। जयशंकर और वांग यी की पिछली मुलाकात फरवरी में जोहान्सबर्ग में जी-20 बैठक के दौरान हुई थी, जहां दोनों पक्षों ने आपसी विश्वास और समर्थन का आह्वान किया था। एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक जयशंकर आज तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी भाग लेंगे। विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि विदेश मंत्री तियानजिन में आयोजित एससीओ विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक (सीएफएम) में भाग लेने के लिए पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का दौरा करेंगे। विदेश मंत्री सीएफएम के दौरान द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। गलवां के बाद पहली यात्रा 2020 में गलवां में हुई घातक सैन्य झड़प को लेकर संबंधों में आई खटास के बाद विदेश मंत्री की यह पहली चीन यात्रा है। जयशंकर की यह यात्रा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की यात्राओं के बाद हो रही है, जिन्होंने जून में एससीओ बैठकों के लिए चीन की यात्रा की थी।    

बैडमिंटन जोड़ी का अंत: साइना-कश्यप ने अलग होने की खबर की पुष्टि की

मुंबई  भारत की मशहूर बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने घोषणा की है कि वह अपने पति और बैडमिंटन खिलाड़ी परुपल्ली कश्यप से अलग हो गई हैं. साइना और कश्यप की शादी साल 2018 में हुई थी और सात साल बाद अब उनका रिश्ता समाप्त हो गया है. 7 साल बाद दोनों ने अपने रिश्ते को विराम दिया है. साइना और कश्यप की मुलाकात हैदराबाद स्थित पुलेला गोपीचंद की ट्रेनिंग अकादमी में हुई थी, जहां दोनों ने एक साथ ट्रेनिंग ली थी.  साइना नेहवाल ने 2012 में लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता और 2015 में वर्ल्ड बैड​मिंटन रैंकिंग में पहले पायदान पर पहुंचकर इतिहास रच दिया. वह विश्व की नंबर वन शटलर बनने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी थीं. स्पोर्ट्स में साइना भारत के लिए वर्ल्ड आइकन रहीं. वहीं पारुपल्ली कश्यप ने 2014 में ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीता और वर्ल्ड रैंकिंग में छठे पायदान तक पहुंचे. उन्होंने इंटरनेशनल लेवल पर लगातार अच्छे प्रदर्शन के साथ अपनी अलग पहचान बनाई. साइना नेहवाल भारतीय महिला बैडमिंटन की पहली सुपरस्टार मानी जाती हैं. उन्होंने 2012 के लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक (ब्रॉन्ज) जीता था. वहीं, पारुपल्ली कश्यप ने 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था. रविवार को इंस्टाग्राम पर साइना ने एक निजी अपडेट साझा किया जिसने खेल जगत को हैरान कर दिया है. राष्ट्रमंडल खेलों में दो बार की चैंपियन साइना ने लिखा, ‘‘जिंदगी हमें कभी-कभी अलग दिशाओं में ले जाती है. बहुत सोच-विचार के बाद कश्यप पारुपल्ली और मैंने अलग होने का फैसला किया है. हम अपने और एक-दूसरे के लिए शांति, विकास और उपचार का विकल्प चुन रहे हैं. मैं इन यादों के लिए आभारी हूं और भविष्य के लिए शुभकामनाएं देती हूं. कृपया इस समय हमारी निजता का सम्मान करें. धन्यवाद.” साइना नेहवाल ने  रात अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में एक चौंकाने वाला बयान जारी किया. उन्होंने लिखा, 'जिंदगी कभी-कभी हमें अलग-अलग दिशाओं में ले जाती है. बहुत सोच-विचार के बाद, कश्यप पारुपल्ली और मैंने अलग होने का फैसला किया है. हम अपने और एक-दूसरे के लिए शांति, तरक्की और राहत चुन रहे हैं. मैं उन यादों के लिए आभारी हूं और आगे बढ़ने के साथ सिर्फ अच्छे की कामना करती हूं. इस दौरान हमारी निजता को समझने और उसका सम्मान करने के लिए धन्यवाद.' कश्यप ने अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है. साइना ने भारत में बैडमिंटन को फिर से जिंदा किया प्रकाश पादुकोण और पुलेला गोपीचंद के बाद भारत का कोई खिलाफ बैडमिंटन के खेल में वैश्चिक स्तर पर अपनी पहचान नहीं बना सका. वह साइना नेहवाल ही थीं, जिन्होंने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में विमेन सिंगल्स के क्वार्टर फाइनल में पहुंचकर भारत में इस खेल को नया जीवन दिया. चार साल बाद 2012 के लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर वह ओलंपिक पोडियम पर पहुंचने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं. इसके बाद भारत में बैडमिंटन खिलाड़ियों की नई पौध आनी शुरू हुई, जो इस खेल में विश्व स्तर पर देश का नाम रोशन कर रहे हैं. कश्यप ने भारतीय बैडमिंटन की खोई पहचान दिलाई पारुपल्ली कश्यप ने 2010 में दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीतकर सुर्खियों में आए. वह 2012 के लंदन ओलंपिक में नीलुका करुणारत्ने को हराकर क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे और ऐसा करने वाले भारत के पहले पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी बने. उन्होंने 2014 के ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया. वह 32 वर्षों में ऐसा करने वाले पहले पुरुष भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी थे. साइना और पारुपल्ली की मुलाकात 1997 में एक कैम्प के दौरान हुई थी.  हैदराबाद की एकेडमी में दोनों के बीच बढ़ीं नजदीकियां  साल 2004 में जब गोपीचंद ने हैदराबाद में अपनी बैडमिंटन एकेडमी स्थापित की, तो दोनों उनके अंडर ट्रेनिंग लेने लगे और यहीं से उनके बीच नजदीकियां बढ़ीं. हालांकि, 2018 में शादी उनकी शादी होने तक दोनों के रिलेशनशिप के बारे में दुनिया को भनक नहीं लगी थी. पारुपल्ली कश्यप ने ईएसपीएन को दिए एक इंटरव्यू में साइना के साथ अपने रिलेशनशिप को लेकर कहा था, 'यह स्कूल वाला रोमांस था, मासूम और अपने साथियों को यह बताने के बारे में कि आपकी एक प्रेमिका है.'

यामाहि ने मध्यप्रदेश को निवेश के लिये हर संभव सहयोग देने का भरोसा दिलाया

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मोहम्मद यामाहि को दिया मध्यप्रदेश आने का न्यौता मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अरब संसद के अध्यक्ष मोहम्मद अल यामाहि से मुलाकात यामाहि ने मध्यप्रदेश को निवेश के लिये हर संभव सहयोग देने का भरोसा दिलाया द्विपक्षीय साझेदारियों में मध्यप्रदेश के महत्वपूर्ण भागीदार बनने की जताई आशा मध्‍यप्रदेश में औद्योगिक पार्क-फार्मास्यूटिकल्स-पर्यटन में निवेश के उत्कृष्ट अवसर भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को दुबई में अरब संसद के अध्यक्ष मोहम्मद अल यामाहि से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश की उद्योग हितैषी, सरल एवं सुगम नीतियों और निवेश को प्रोत्साहन देने वाली सुविधाओं की जानकारी साझा की। उन्होंने अल यामाहि को प्रदेश में आयोजित होने वाली एनर्जी समिट में शामिल होने के लिए आमंत्रण भी दिया। संयुक्त अरब अमीरात के साथ बढ़ते रणनीतिक संबंधों के संदर्भ में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश की सक्रिय और रचनात्मक भूमिका का उल्लेख करते हुए ऊर्जा, खनिज, लॉजिस्टिक्स, खाद्य प्रसंस्करण और हरित निवेश के क्षेत्र में सहयोग की मंशा दोहराई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों की सराहना करते हुए आशा जताई कि प्रदेश इन द्विपक्षीय साझेदारियों में सक्रिय और महत्वपूर्ण भागीदार बनेगा। मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव ने अरब संसद के अध्यक्ष मोहम्मद अल यामाहि का अभिनंदन किया और हाल ही में अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि अरब के 22 खाड़ी देशों की लोकतांत्रिक संस्था का नेतृत्व करना बड़ी उपलब्धि है और नए अध्यक्ष के नेतृत्व में यह संस्था निश्चित रूप से नई ऊंचाइयों को छुएगी। अरब संसद के अध्यक्ष मोहम्मद अल यामाहि और मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मुलाकात मैत्रीपूर्ण रही। उन्होंने भारत, विशेष रूप से मध्यप्रदेश के साथ दीर्घकालिक संबंधों को लेकर अपनी गहरी रुचि और प्रतिबद्धता व्यक्त की। यामाहि ने कहा कि वे मध्यप्रदेश को निवेश के लिए हर संभव सहयोग प्रदान करेंगे एवं अरब के 22 देशों में मध्यप्रदेश की मदद करेंगे। उन्होंने राज्य के साथ व्यापार एवं उद्योग के क्षेत्र में सहयोग को सुदृढ़ करने की इच्छा भी जताई। यामाहि ने मुख्यमंत्री को “उम्म-ए-अली” दिया आत्मीय संबोधन यामाहि ने यूएई में बसे प्रवासी भारतीयों द्वारा देश के निर्माण में सहयोग के बारे में चर्चा की और उनके योगदान को सम्मानपूर्वक रेखांकित किया। इस विशेष मुलाकात के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को आत्मीयता से “उम्म-ए-अली” कहकर संबोधित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आत्मीय संबोधन से अभिभूत हुए। उन्होंने डॉ. यादव और उनके परिवार को व्यक्तिगत रूप से अपने घर आमंत्रित भी किया। उन्होंने दोनों देशों के लोगों और उत्पादों के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए सहमति दी, जिससे मध्यप्रदेश और यूएई के बीच द्विपक्षीय सहयोग को नई दिशा मिलेगी। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मोहम्मद अल यामाहि को बताया कि मध्यप्रदेश भारत का हृदय है, इसकी जनसंख्या 8 करोड़ से अधिक है। मध्यप्रदेश अपने समृद्ध वन क्षेत्र के लिए जाना जाता है। यह वन क्षेत्र वन्यजीवों का आदर्श घर भी है। हमें गर्व है कि मध्यप्रदेश "विश्व की टाइगर राजधानी" है और राज्य बाघों के संरक्षण में लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। हमने टाइगर रिजर्व की संख्या में वृ‌द्धि भी की है। मध्यप्रदेश भारत और एशिया का एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां अब चीता पाए जाते हैं। विभिन्न देशों से लाए गए चीतों का राष्ट्रीय उ‌द्यान में सफल पुनर्वास किया गया है। हर संभव सहयोग के लिए तैयार : मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश को 'मोस्ट वेलकमिंग स्टेट' के रूप में जाना जाता है, जो हमारे आतिथ्य सत्कार को दर्शाता है। हमारे राज्य में खजुराहो, सांची और भीमबेठका जैसे तीन यूनेस्को विश्व विरासत स्थल हैं। ये हमारी समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं। भौगोलिक रूप से "भारत का हृदय" होने से यह निवेश-व्यापार के लिए एक रणनीतिक केंद्र है। साथ ही, यह कृषि समृद्धि में भी अग्रणी है, विशेषकर दालों, सोयाबीन और गेहूं के उत्पादन में कई कीर्तिमान स्थापित किए है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों की हृदय से सराहना करते हैं। हमारी यह आकांक्षा है कि मध्यप्रदेश इन द्विपक्षीय साझेदारियों में एक सक्रिय और महत्वपूर्ण भागीदार बने। हम हर संभव सहयोग के लिए तत्पर हैं। खनिज संसाधनों की खान है मध्यप्रदेश मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विज्ञान, प्रौ‌द्योगिकी और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में संयुक्त अरब अमीरात ने अभूतपूर्व प्रगति की है। हम आपके अनुभवों से सीखने और इन क्षेत्रों में संयुक्त पायलट प्रोजेक्ट्स में सहयोग करने के लिए उत्सुक हैं। मध्यप्रदेश में सौर, पवन और जल ऊर्जा जैसे नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में बड़ी क्षमता है। प्रदेश को भारत का अन्न भंडार भी कहा जाता है। हम सोयाबीन, गेहूं और बाजरा सहित कई फसलों के सबसे बड़े उत्पादक हैं। यहां खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में विशाल अवसर मौजूद हैं। हमारे पास प्रचुर मात्रा में खनिज संसाधन उपलब्ध हैं, जो विभिन्न उद्योगों के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करते हैं। मध्यप्रदेश में कई क्षेत्रों में निवेश के बेहतर अवसर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में सौर, पवन और जल ऊर्जा जैसे नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में बड़े निवेश और सहयोग के लिए तत्पर हैं। हमारे पास गहरे कोयला भंडार हैं और हम कोल बेस्ड मीथेन के निष्कर्षण में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं, जो ऊर्जा क्षेत्र में नए आयाम खोलता है। मध्यप्रदेश की हस्तशिल्प, कला और कारीगर परंपरा हमारी सबसे बड़ी ताकतों में से एक है। हम इन कुशल कारीगरों को वैश्विक मंच प्रदान करना चाहते हैं और उनके शिल्प को दुनिया भर में पहुंचाना चाहते हैं। मध्यप्रदेश में औ‌द्योगिक पार्क, फार्मास्यूटिकल्स, लॉजिस्टिक्स और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में भी निवेश के उत्कृष्ट अवसर हैं।  

नगर निगम द्वारा सार्वजनिक सड़क पर खड़ी निजी बसों को हटाने का चला अभियान

नगर निगम द्वारा सार्वजनिक सड़क पर खड़ी निजी बसों को हटाने का चला अभियान   शासकीय भूमि  पर निजी बसों की अवैध पार्किंग हटेगी : ननि आयुक्त  सिंगरौली   नगर निगम  आयुक्त  की उपस्थिति में नवजीवन विहार जोन अंतर्गत खड़ी सूत्र सेवा की बसों को हटाया गया।  साथ ही अन्य खराब वाहन  जो दुकानदारों के द्वारा कई दिनों से मेंन् रोड पर खड़े किये थे उन्हें भी हटाया गया  एवं भविष्य में इस प्रकार से खराब वाहनों को मेंन रोड पर खड़ा करने पर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए | ज्ञात हो कि कई दिनों से मुख्य मार्ग पर शासकीय भूमि पर निजी बस ऑपरेटर द्वारा बसों को खड़ा किया जा रहा था जिससे सार्वजनिक आवागम में बाधा पहुंच रही थी। आमजन के हित में की गई कार्यवाही से सड़क यातायात को फायदा पहुंचेगा एवं दुर्घटना की संभावना भी कम रहेगी। ननि आयुक्त द्वारा यह बताया गया कि खराब वाहनों को हटाने की कार्यवाही लगातार बैढ़न एवं ग्रामीण जोन से भी की जावेगी ताकि रोड पर ट्रैफिक बहाल हो सके।  कार्यवाही के दौरान नगर निगम के आयुक्त डीके शर्मा ,उपायुक्त आरपी बेस , अतिक्रमण अधिकारी डीके सिंह ,सहायक यंत्री प्रवीण गोस्वामी ,उप यंत्री विशाल खत्री, स्वच्छता निरीक्षक पवन बरोदे,  स्वच्छता पर्यवेक्षक राजू गोरेलाल, असिस्टेंट मैनेजर रोहित चौरसिया,  अनिल सिंह एवं  पूरे नगर निगम अमले के साथ  यातायात थाना प्रभारी दीपेंद्र सिंह एवं उनकी पूरी टीम  मौके पर उपस्थित।

एसडीईआरएफ तथा होमगार्ड की टीम ने सोन नदी में फसे गोवंश को सुरक्षित नदी पार कराया

सीधी   एसडीईआरएफ और होमगार्ड सीधी के द्वारा कड़ी मेहनत और सूझबूझ के साथ सोन नदी के जोगदहा घाट में लगभग 25 की संख्या में फसे समस्त गौवंशों को नदी पार करवा दिया गया। गौवंशों को पार करवाने के पश्चात पूरी टीम को रोप लेडर के माध्यम से दोबारा पुल के ऊपर खींचने के बाद ,सोन घड़ियाल अभ्यारण्य से होकर पुल तक पूरा एरिया सर्च किया गया। इस दौरान कुछ गौवंश नदी किनारे पर चरते पाए गए, कुछ ऊपर पहाड़ में चढ़ कर अन्य कही चले गए। इस दौरान एक बछड़ा नदी में फंसा मिला जिसे उचित तरीके से रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया।    सोन नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए उन्हें और अधिक समय तक रोके जाने पर उनकी जान को खतरा हो सकता था, इसलिए थोड़ा जोखिम लेते हुए उन्हें नदी पार करवाना ही एकमात्र विकल्प था। नदी में काफी नुकीली चट्टानें हैं जहां बोट चलाने में मुश्किल होती है बाढ़ के दौरान साथ ही पूरा इलाका मगरमच्छों एवं घड़ियालों के लिए संरक्षित होने एवं उनकी मौजूदगी के कारण वहां जवानों की जान का जोखिम सदैव ही बना रहता है। बावजूद इसके दूसरे किनारे पर सर्च करने पर उस पूरे क्षेत्र में में किसी गौवंश की हताहत होने की खबर नहीं मिली और न ही प्रत्यक्ष तौर पर हताहत गौवंश देखे गए।    इस दौरान राजस्व एवं पुलिस विभाग की टीम द्वारा उपस्थित रहकर आवश्यक मदद की गई।

लॉर्ड्स में टीम इंडिया को बनाने हैं 135 रन, मुकाबला मांचक मोड़ पर

लंदन   भारत और इंग्लैंड के बीच एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2025 का तीसरा मैच लंदन के लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर खेला जा रहा है. इस मुकाबले में भारत को 5वें दिन जीत के लिए 135 रनों की जरूरत है. इंग्लैंड की दूसरी पारी 192 के स्कोर पर सिमट गई. वाशिंगटन सुंदर को 4 विकेट मिले हैं. जबकि बुमराह और सिराज को दो-दो सफलताएं मिली हैं. भारत की भी शुरूआत खराब रही है और दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने 4 विकेट गंवा दिए थे. भारत का स्कोर अभी 58 रन है. केएल राहुल नाबाद हैं. भारत को जीत के लिए 135 रन बनाने हैं. इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में 387 रन बनाए थे. जवबा में भारतीय टीम की पहली पारी भी 387 रनों पर ही सिमटी. यानी पहली पारी में दोनों टीमों का स्कोर बराबर रहा. दूसरी पारी में इंग्लैंड ने 192 रन बनाए. अब लॉर्ड्स टेस्ट में भारत को जीत के लिए 193 रन बनाने हैं. लॉर्ड्स टेस्ट मैच में आज क्या होगा बताना मुश्किल है. 387 रन बनाने के बाद दूसरी पारी में इंग्लैंड की टीम 192 रन पर सिमट गई. भारत ने पहली पारी में 387 रन ही बनाए थे. दूसरी पारी में ऑलराउंडर वाशिंगटन सुंदर ने 4 विकेट निकालकर मैच का रुख मोड़ दिया. उन्होंने कहा कि लंच के बाद पांचवें दिन भारत जीत हासिल करने का इरादा रखता है. वहीं इंग्लैंड के बैटिंग कोच मार्कस ट्रेस्कोथिक ने कहा उनकी टीम ने कम रन बनाए हैं लेकिन मैच जीतने की स्थिति में है. कौन जीतेगा तीसरा टेस्ट? जीत के लिए 193 रनों का लक्ष्य पीछा करते हुए भारत ने चौथे दिन का खेल 58 रन पर 4 विकेट गंवा दिए थे. स्टंप्स के समय केएल राहुल 33 रन बनाकर नाबाद थे, जबकि बेन स्टोक्स ने दिन की आखिरी गेंद पर नाइट-वॉचमैन आकाश दीप को आउट किया. भारत ने ओपनर यशस्वी जायसवाल (0), करुण नायर (14), और कप्तान शुभमन गिल (6) को सस्ते में खो दिया, और अंतिम दिन में 135 रनों से पीछे है. भारत जीत के करीब नजर आ रहा है लेकिन उसके लिए शुरुआती सेशन में इंग्लैंड के गेंदबाजों से बचना आसान नहीं होगा. सीरीज में जीत हासिल करने का मौका दोनों टीम के पास है. गिल ने द्रविड़-कोहली को छोड़ा पीछे, इंग्लैंड में ऐसा करने वाले पहले भारतीय बने भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही मौजूदा टेस्ट सीरीज में शुभमन गिल ने एक बड़ा कारनामा कर दिखाया है. गिल अब इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज़ बन गए हैं. उन्होंने यह रिकॉर्ड भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ और विराट कोहली जैसे दिग्गजों को पीछे छोड़ते हुए बनाया. 603* रन बनाकर गिल शीर्ष पर 2025 की इस ऐतिहासिक सीरीज में गिल ने अब तक 603 रन (नाबाद) बना लिए हैं, और सीरीज अभी खत्म नहीं हुई है. उन्होंने लगातार शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए कई अहम पारियां खेलीं, जिनमें दो शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं. उनका यह प्रदर्शन बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में आया, जहां गेंदबाज़ों को मदद मिल रही थी और पिचें बल्लेबाज़ों के लिए आसान नहीं थीं. बावजूद इसके, गिल ने धैर्य, तकनीक और आक्रामकता का बेहतरीन मेल दिखाया. इंग्लैंड में एक टेस्ट सीरीज में भारत के लिए सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ 1. शुभमन गिल (2025) – 603* रन 2. राहुल द्रविड़ (2002) – 602 रन 3. विराट कोहली (2018) – 593 रन 4. सुनील गावस्कर (1979) – 542 रन 5. राहुल द्रविड़ (2011) – 461 रन इस सूची में गौर करने वाली बात यह है कि राहुल द्रविड़ दो बार टॉप-5 में शामिल हैं, जो उनके इंग्लैंड में शानदार रिकॉर्ड को दर्शाता है. लेकिन गिल ने अब यह मुकाम हासिल करके खुद को भारतीय टेस्ट इतिहास के शीर्ष बल्लेबाज़ों की कतार में शामिल कर लिया है. गिल तोड़ सकते हैं इन दिग्गजों का रिकॉर्ड एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी डॉन ब्रेडमैन के नाम है. जिन्होंने 1930 में एशेज में इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैच की 7 पारियों में 974 रन बनाए थे. इसमें उन्होंने एक तिहरा शतक भी लगाया था. वहीं, दूसरे नंबर पर इंग्लैंड के हैमांड का नाम आता है जिन्होंने 5 मैच की 9 पारियों में 905 रन बनाए थे. इसके बाद एमए टेलर ने 1989 में एक सीरीज में 839 रन बनाए. वहीं, इस लिस्ट में तीन भारतीय खिलाड़ियों का नाम आता है. पहला नाम सुनील गावस्कर का है, जिन्होंने 1970-71 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 4 मैच की 8 पारियों में 774 रन बनाए थे. 1978-89 में फिर गावस्कर ने एक सीरीज में 732 रन बनाए. वहीं, 2023 में यशस्वी जायसवाल ने 5 मैच की 9 पारियों में 712 रन बनाए. वहीं, 2014-15 में विराट कोहली ने 4 मैच की सीरीज में 692 रन बनाए थे. सुंदर ने दिखाया स्पिन का जलवा, भारत की बल्लेबाजी लड़खड़ाई लॉर्ड्स की पिच पर जहां स्पिनरों को खास मदद नहीं मिल रही थी, वहीं वॉशिंगटन सुंदर ने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए इंग्लैंड की रीढ़ तोड़ी. उन्होंने जो रूट, बेन स्टोक्स और जेमी स्मिथ जैसे अहम बल्लेबाजों को आउट किया और 22 रन देकर 4 विकेट झटके. लेकिन लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की पारी की शुरुआत खराब रही. यशस्वी जायसवाल (0) एक बार फिर जोफ्रा आर्चर के शिकार बने. करुण नायर (14) भी फ्लॉप साबित हुए. कप्तान शुभमन गिल (6) को ब्रायडन कार्स ने चकमा देकर सस्ते में चलता किया. दिन की अंतिम गेंद पर बेन स्टोक्स ने नाइटवॉचमैन आकाश दीप (1) को क्लीन बोल्ड कर भारत को चौथा झटका दे दिया. चौथे दिन का खेल समाप्त होने तक भारत का स्कोर 58/4 था और टीम को जीत के लिए अभी 135 रन और बनाने हैं, जबकि इंग्लैंड को सिर्फ 6 विकेट की जरूरत है. सीरीज में बढ़त के लिए दोनों टीमों के पास अब बराबर का मौका है. भारत को इस मैदान पर जीतने के लिए इतिहास बदलना पड़ेगा. लॉर्ड्स में भारत ने लक्ष्य का पीछा करते हुए 1986 में जीत हासिल की थी, तब चेज करने के लिए स्कोर 136 रन का था. टीम इंडिया के लिए राहत की बात होगी कि उसके इनफॉर्म बल्लेबाज केएल राहुल क्रीज पर … Read more

ऐसे हटा सकते हैं अपने पीसी से डुप्लीसकेट फाइल्सि

पर्सनल कम्यू नी टर में मौजूद डुप्लींकेट फाइल्सा, न केवल कीमती स्टो रेज स्पे स को गैरजरूरी रूप से उपयोग करती हैं। बल्कि यह यूजर को कन्फ्यूिज भी करती हैं। यानी जब भी आप कम्यूररे टर में सर्च प्रोग्राम चलाएंगे, तो आपको दो रिजल्ट् दिखेंगे। यदि आप डुप्लीजकेट फाइल्सक को मैनुअली हटाएंगे तो इसमें काफी समय लगेगा तथा इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि सारी फाइल्डं आप हटा लेंगे। कैसे एकत्रित होती हैं डुप्लीपकेट फाइल्स:- कई बार यूजर फाइल्सट को डाउनलोड करके भूल जाते हैं। फिर उसी फाइल को दोबारा डाउनलोड कर लेते हैं। इस प्रकार से एक ही फाइल की दो कॉपी बन जाती हैं। इसी तरह डेटा फोल्डनर की कॉपी करने से भी कई बार डुप्लीकेट फाइल्स बन जाती हैं। आइए, जानते हैं कि किस प्रकार से डुप्लीइकेट फाइल्सं से छुटकारा पाया जा सकता है… डुपगुरु: डुपगुरु ऐसा प्रोग्राम है, जो पीसी से डुप्लीकेट फाइल्सह को खोजता है। यह प्रोग्राम विंडोज के साथ ही मैक और लिनक्स् ऑपरेटिंग सिस्ट्म पर भी चलाया जा सकता है। अगर आपके पास डुपगुरु नहीं है तो आप सीक्लिनर को भी उपयोग कर सकते हैं। यह प्रोग्राम भी मशीन से डुप्ली्केट फाइल्से को खोजता है। ऐसे उपयोग करें: डुपगुरु को इंस्टॉइल करने के बाद आपको एक स्क्रीइन दिखाई देगी। यहां आपको डुप्लीतकेट फाइल्सथ को सर्च किए जाने वाले फोल्डीर्स को चुनना होगा। चुनने के बाद आप स्कैनन पर क्लिक करिए और यह प्रोग्राम अपना काम शुरू कर देगा। हो सकता है कि स्कैटनिंग में यह कुछ समय लगाए, लेकिन टास्कप पूरा होन के बाद यह आपको डुप्लीककेट फाइल्सर की लिस्टस दिखाएगा। यहां ओरिजिनल फाइल्सइ नीले रंग की दिखाई देंगी और डुप्लीरकेट फाइल ठीक इसी के नीचे दिखाई देगी। आप यहां सिलेक्टं ऑल करके सारी डुप्लीरकेट फाइल्सय को चुन सकते हैं या फिर मैनुअली एक-एक फाइल भी सिलेक्टय कर सकते हैं। इसके बाद आप चाहें तो इन फाइल्सप को डिलीट कर दें, या फिर किसी अन्यड ड्राइव अथवा फोल्ड्र में रख लें।  

सिनर ने कार्लोस अल्काराज का दिल तोड़ते हुए अपना पहला विंबलडन खिताब जीत लिया

लंदन  यानिक सिनर  विंबलडन टेनिस ग्रैंडस्लैम के पुरुष एकल के फाइनल में कार्लोस अल्काराज को हराकर पहली बार विंबलडन का खिताब अपने नाम किया। सिनर पिछले दो बार के विजेता कार्लोस अल्काराज को 4-6, 6-4, 6-4, 6-4 से हराकर ऑल इंग्लैंड क्लब में पहली बार चैंपियन बने।इस हार के साथ दूसरे वरीय अल्कराज का लगातार 24 मैचों की जीत का सिलसिला खत्म हो गया है। 23 वर्षीय सिनर1968 के बाद से सेंटर कोर्ट पर ट्रॉफी उठाने वाले 23वें खिलाड़ी बन गए हैं। यानिक सिनर विंबलडन एकल खिताब जीतने वाले इटली के पहले खिलाड़ी बन गए हैं। सिनर ने रौलां गैरो में मिली हार के पांच हफ्ते बाद, विंबलडन में शानदार अंदाज में अल्काराज से बदला लिया और अपना चौथा मेजर खिताब जीता। चैंपियनशिप में अपने पहले फाइनल में, दुनिया के नंबर 1 खिलाड़ी ने एक बेहतरीन मुकाबले में स्पेनिश खिलाड़ी को मात दी। अल्काराज ने सिनर के खिलाफ पिछले पांच मुकाबले जीते थे, जिसमें हालिया जीत आठ जून को रोलां गैरां में लगभग साढ़े पांच घंटे तक चली पांच सेटों की भिड़ंत में आई थी। सिनर ने उस मैच में दो सेट की बढ़त बना ली थी लेकिन जीत हासिल नहीं कर सके। इससे अल्काराज का मेजर फाइनल में स्कोर 5-0 हो गया था। सिनर ने ऑल इंग्लैंड क्लब में ऐसे मैच में अपनी छाप छोड़ी, जिसमें दोनों खिलाड़ियों ने शानदार खेल दिखाया। हालांकि बीच-बीच में चूक भी हुई। अल्काराज ने सेंटर कोर्ट में अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ 24 मैच की जीत के साथ उतरे थे। उन्होंने ऑल इंग्लैंड क्लब में लगातार 20 मैच जीते थे जिसमें 2023 और 2024 के फाइनल में नोवाक जोकोविच के खिलाफ जीत भी शामिल है। विंबलडन में पिछली बार अल्काराज को हराने वाले खिलाड़ी सिनर हैं जिन्होंने 2022 में चौथे दौर में उन्हें शिकस्त दी थी। कार्लोस अल्काराज ने विंबलडन के शुक्रवार को खेले गए पहले सेमीफाइनल में टेलर फ्रिट्ज को 6-4, 5-7, 6-3, 7-6 (6) से हराकर लगातार तीसरी विंबलडन चैंपियनशिप में जगह बनाई थी। वहीं सिनर ने नोवाक जोकोविच को 6-3, 6-3, 6-4 से हराकर पहली बार ऑल इंग्लैंड क्लब में फाइनल में प्रवेश किया। अल्काराज 22 साल की उम्र में लगातार तीसरा विम्बलडन खिताब और कुल मिलाकर छठा ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने से चूक गए। इससे पहले फ्रेंच ओपन के फाइनल में अल्काराज ने पांच घंटे 29 मिनट तक चले मुकाबले में सिनर के खिलाफ जीत हासिल की थी। Wimbledon 2025 का खिताब जीतकर Jannik Sinner ने रचा इतिहास दरअसल, सिनर (Jannik Sinner) विंबलडन का खिताब जीतने वाले इटली के पहले खिलाड़ी बने। 148 सालों के विंबलडन इतिहास में किसी भी इतालवी खिलाड़ी को पुरुष सिंग्लस चैंपियन का ताज आजतक नहीं पहनते देखा गया। 1877 में पहली बार आयोजित इस टूर्नामेंट में सिनर चैंपियन बनने वाले पहले इतालवी खिलाड़ी बने। इसके साथ ही सिनर ने पिछले महीने फ्रेंच ओपन के फाइनल में अल्कराज से मिली हार का भी हिसाब चुकता कर लिया। बता दें कि ये सिनर के करियर का चौथा ग्रैंड स्लैम खिताब रहा। उन्होंने अब तक चार ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं, जबकि कार्लोस अलकराज के नाम पांच ग्रैंड स्लैम खिताब हैं। इस जीत के साथ, सिनर अब अलकराज से सिर्फ एक ग्रैंड स्लैम पीछे हैं। 23 साल के सिनर को ये खिताब जीतने के बाद कितनी प्राइज मनी आइए जानते हैं। विंबलडन चैंपियन बनने के बाद सिनर को कितनी प्राइज मनी मिली? विंबलडन 2025 जीतने के बाद जानिक सिनर ने £3,000,000 (तीन मिलियन पाउंड) की राशि जीती। भारतीय रुपये में उन्हें 34 करोड़ रुपये से ज्यादा की इनाम राशि मिली। विंबलडन उपविजेता के रूप में अलकराज ने कितनी कमाई की? विंबलडन 2025 में उपविजेता रहने के बाद कार्लोस अलकराज ने £1,520,000 (एक मिलियन पांच सौ बीस हजार पाउंड) जीते। भारतीय मुद्रा में यह आंकड़ा लगभग ₹17 करोड़ है। सेमीफाइनलिस्ट के रूप में जोकोविच और फ्रिट्ज ने कितनी कमाई की? नोवाक जोकोविच और टेलर फ्रिट्ज ने सेमीफाइनल में पहुंचने पर हर खिलाड़ी को £775,000 (775 हजार पाउंड) मिले, जो करीब ₹9 करोड़ के बराबर है।

नवजात माताओं के लिए खुशखबरी: रीवा में मेटरनिटी विंग शुरू, उप मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ

उप मुख्यमंत्री ने जिला चिकित्सालय रीवा में नवीन मेटरनिटी विंग कक्ष का किया शुभारंभ भोपाल  उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने जिला चिकित्सालय रीवा के नवीन मेटरनिटीविंग कक्ष का शुभारंभ किया। उन्होंने मेटरनिटी विंग के बन जाने से मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। इस अवसर पर बताया गया कि नवीन मेटरनिटीविंग में प्रसूति एवं स्त्री रोग से संबंधित मरीजों को पृथक से ओपीडी की सुविधा के साथ जांच के लिए सेम्पल प्राप्त करने के लिये व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला चिकित्सालय के 100 बिस्तर के अतिरिक्त भवन के बन जाने से मरीजों को और सुविधा मिलेगी साथ ही इसमें मेटरनिटीविंग के लिए भी स्थान आरक्षित रहेगा। उप मुख्यमंत्री ने जिला चिकित्सालय के विस्तार भवन का अवलोकन किया तथा शेष कार्य को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये। इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजीव शुक्ल सहित चिकित्सक उपस्थित रहे। ग्राम शाहपुर में माँ भगवती हेल्थ केयर सेंटर का किया शुभारंभ उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने ग्राम शाहपुर हिनौता में माँ भगवती हेल्थ केयर सेंटर का उद्घाटन किया। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि हम स्वस्थ्य रहेंगे तभी हर तरह का विकास सार्थक होगा। हेल्थ केयर सेंटर आसपास के पूरे क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य की जांच और उपचार की अच्छी सुविधा देगा। कई बार समय पर जांच होने से रोग का उपचार तत्काल शुरू हो जाता है। समय पर उपचार से कैंसर का रोग भी साध्य हो जाता है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं का तेजी से विस्तार हुआ है। रीवा में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कई गंभीर रोगों का सफलतापूर्वक उपचार किया जा रहा है। टेलीमेडिसीन के माध्यम से उप स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा प्राथमिकत स्वास्थ्य केन्द्र मेडिकल कालेज के विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपचार की सुविधा मिल रही है। इस अवसर पर विधायक सिरमौर श्री दिव्यराज सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती नीता कोल, पूर्व विधायक श्री के.पी. त्रिपाठी तथा अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव पहुंचे BAPS मंदिर, आध्यात्मिक वातावरण में बिताया समय

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को दुबई प्रवास के दौरान बीएपीएस हिन्दू मंदिर में दर्शन किये। इस दौरान मंदिर के प्रमुख महंत पूज्य ब्रहृविहारी स्वामी ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को मंदिर परिसर का भ्रमण कराया और मंदिर की विशेषताओं से अवगत कराया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के अधिकारियों की टीम भी उपस्थित रही। भारत और यूएई के बीच मित्रता का प्रमाण है मंदिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 फरवरी 2024 को बीएपीएस हिन्दू मंदिर का उद्घाटन किया था। बीएपीएस हिंदू मंदिर मिडिल ईस्ट का पहला पारंपरिक हिंदू मंदिर है। यह भारत और यूएई के बीच मित्रता का प्रमाण है, जो सांस्कृतिक समावेशिता, अंतर-धार्मिक सद्भाव और सामुदायिक सहयोग की भावना को दर्शाता है। यह मंदिर अबू मुरेइखा क्षेत्र में 27 एकड़ भूमि पर स्थित है और पारंपरिक भारतीय वास्तुकला के अनुसार बिना लोहे या स्टील के निर्मित किया गया है। इसमें भारत और अन्य देशों से लाए गए पत्थरों और संगमरमर का उपयोग किया गया है। इस भव्य मंदिर की दीवारों पर वैदिक कथाओं, भारतीय देवी-देवताओं और वनस्पति-जीवों की अत्यंत सूक्ष्म और आकर्षक नक्काशी की गई है। जो हिन्दू धर्म के शांति, सहिष्णुता और सह-अस्तित्व जैसे सार्वभौमिक मूल्यों को दर्शाती है।