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WWE :बैटल रॉयल में स्टेफनी वैकर ने जीत हासिल कर अपने करियर को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया

नई दिल्ली  WWE इवोल्यूशन में हुए रोमांचक बैटल रॉयल में स्टेफनी वैकर ने जीत हासिल कर अपने करियर को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया। इस जीत के साथ, वैकर को आगामी WWE क्लैश इन पेरिस में वर्ल्ड टाइटल के लिए मुकाबला करने का सुनहरा अवसर मिलेगा। यह उनकी क्षमता और दृढ़ संकल्प का प्रमाण है कि वे किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। बैटल रॉयल में सुपरस्टार्स का जमावड़ा बैटल रॉयल की शुरुआत धमाकेदार अंदाज में हुई, जिसमें कई महिला सुपरस्टार्स ने रिंग में प्रवेश किया। सबसे पहले निक्की बेला आईं, उनके बाद चेल्सी ग्रीन और सीक्रेट सर्विस ने एंट्री की। मैच में शामिल होने वाली अन्य प्रमुख पहलवानों में पाइ पर निवेन, एल्बा फायर, नटाल्या, मैक्सिन डुप्री, जैदा पार्कर, लैश लीजेंड, लोला वाइस, जेलिना वेगा, केलानी जॉर्डन, टैटम पैक्सली, इज्जी डेम, बी-फैब, मिचिन, आइवी नाइल, कैंडिस लेरे, निया जैक्स, और विमेंस यूएस चैंपियन गिउलिया का नाम शामिल था। रोमांचक एलिमिनेशन और यादगार पल घंटी बजते ही मैच में तुरंत एक्शन शुरू हो गया। निया जैक्स ने अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए टैटम पैक्सली और इज्जी डेम को बाहर कर दिया। केलानी जॉर्डन भी एलिमिनेट हो गईं, लेकिन उन्होंने कोफी किंग्स्टन स्टाइल में अपने हाथों पर चलकर और अनाउंस डेस्क पर पहुंचकर रिंग में शानदार वापसी की, जिससे दर्शकों को खूब मनोरंजन मिला। एक के बाद एक एलिमिनेशन होते रहे     गिउलिया ने आइवी नाइल को बाहर किया।     जैदा पार्कर ने नटाल्या को रिंग से बाहर कर दिया।     इसके बाद कैंडिस लेरे और फिर जैदा पार्कर भी एलिमिनेट हो गईं।     जेलिना वेगा ने गिउलिया को बाहर किया।     बी-फैब और मिचिन भी एलिमिनेट हो गईं।     अंतिम चरणों में, जेलिना वेगा, एल्बा फायर, लोला वाइस, पाइपर निवेन और चेल्सी ग्रीन भी बाहर हो गईं। आखिरी चार और स्टेफनी वैकर की जीत मैच के अंतिम चार में निया जैक्स, निक्की बेला, लैश लीजेंड, और स्टेफनी वैकर बची थीं। एक चौंकाने वाले पल में, लैश लीजेंड ने गलती से निक्की बेला को बाहर कर दिया। इसके बाद लैश लीजेंड ने निया जैक्स का सामना किया, जिससे उनकी ताकत का प्रदर्शन हुआ। हालांकि, लीजेंड और वैकर ने मिलकर निया जैक्स को रिंग से बाहर करने में सफलता पाई। अंत में, स्टेफनी वैकर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए लैश लीजेंड को रस्सी के ऊपर से बाहर करके जीत हासिल की। उन्होंने एप्रन पर एक डेविल्स किस देकर लैश को फर्श पर गिरा दिया और इस प्रतिष्ठित बैटल रॉयल को अपने नाम किया। यह टायटल जीतना कोई आम बात नहीं है। उन्होंने इस जीतने के लिए 19 रेसलर्स का सामना किया और उन्हें हराया।  

पहले सावन सोमवार को महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़, उमड़ा जनसैलाब

उज्जैन सावन मास की शुरुआत होते ही देशभर के शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। सावन माह के पहले सोमवार को मध्यप्रदेश के उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी), मुंबई, मेरठ और देहरादून सहित कई शहरों में श्रद्धालुओं की लंबी लाइनें लगी रहीं। भक्त भोलेनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए सुबह से ही कतार में लग गए थे। वहीं पुसिल-प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा बनाए रखने के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था कर रही है। जगह-जगह पुलिस बल तैनात किया गया है और सीसीटीवी कैमरों से बराबार निगरानी भी की जा रही है। दरअसल, श्रावण मास के पहले सोमवार पर उज्जैन में रात 2:30 बजे महाकालेश्वर मंदिर के कपाट खोले गए।  इसके बाद सभा मंडप में वीरभद्र जी के कान में स्वस्ति वाचन किया गया। फिर भगवान से आज्ञा लेकर चांदी का पट खोला गया। जल से भगवान महाकाल का अभिषेक करने के पश्चात दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया गया। भगवान महाकाल का रजत चंद्र, त्रिशूल, मुकुट और आभूषण के साथ भांग, चंदन और ड्रायफ्रूट से श्रृंगार किया गया। इसके बाद भस्म चढ़ाई गई। महाकाल ने शेषनाग का मुकुट, रजत मुंडमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ-साथ सुगंधित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण की। इसके बाद फल और मिष्ठान का भोग लगाया। ओंकारेश्वर में मंगला आरती खंडवा के ओंकारेश्वर में सुबह 5 बजे मंगला आरती हुई। ओंकार महाराज का फूलों से विशेष श्रृंगार किया गया। नैवेद्य में 56 भोग अर्पित किए गए। वहीं ग्वालियर में अचलेश्वर महादेव मंदिर को फूलों से सजाया गया है। सुबह 4 बजे से ही भक्त यहां भोले को अभिषेक करने पहुंच गए। छतरपुर के जटाशंकर धाम को फूलों से सजाया गया है। यहां आसपास से आए श्रद्धालुओं की भीड़ कुंड में स्नान के बाद भोलेनाथ के दर्शन के लिए पहुंच गई। शिवलिंग का किया जलाभिषेक राजस्थान के जयपुर में झारखंड महादेव मंदिर बहुत प्रशिद्ध है। यहां पवित्र श्रावण मास के पहले सोमवार को भक्तों की भीड़ उम पड़ी। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त शिवलिंग का जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक करते नजर आए। वहीं दिल्ली के छतरपुर मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालु पहुंचे। यहां सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। काशी में श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सावन माह के पहले सोमवार को नागेश्वर नाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। वहीं काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए कतार में खड़े श्रद्धालुओं पर जिला प्रशासन ने पुष्प वर्षा की। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल, जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार, मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा, विशेष कार्यपालक अधिकारी पवन प्रकाश पाठक, नायब तहसीलदार मिनी एल शेखर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने पुष्प वर्षा कर श्रद्धालुओं की सेवा की। हरिद्वार में उमड़ी भारी भीड़ उत्तराखंड के हरिद्वार में सावन माह के पहले सोमवार को दक्षेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। भक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक कर प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त कर किए। इस दौरान पूर अंचल भगवान शिव के जयकारों से गूंज उठा।

मानसून सत्र में बड़ा कदम: छत्तीसगढ़ लाएगा पांच विधेयक, देश का पहला ‘पेंशन फंड व ग्रोथ-स्टेबिलिटी एक्ट’ वाला राज्य बनेगा

  रायपुर छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में वित्त विभाग नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रहा है. इस दौरान विभाग रिकार्ड पांच विधेयक पेश करेगी, जिनमें पेंशन फंड और ग्रोथ एण्ड स्टेबिलिटी फंड भी शामिल है. इस तरह का एक्ट लाने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य होगा. मानसून सत्र से पहले मीडिया से चर्चा में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि विधानसभा सत्र के दौरान रिकार्ड 5 विधेयक ला रहे हैं. एससीआर (स्टेट कैपिटल रीजन) के लिए एक्ट के साथ पेंशन फंड और प्रदेश के ग्रोथ एण्ड स्टेबिलिटी के लिए एक्ट लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस तरह का एक्ट बनाने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य बनने जा रहा है. वित्त मंत्री ने बताया कि इसी तरह से जीएसटी में विभिन्न टैक्सों में 25 हजार के पेनाल्टी वाले 10 साल से पुराने पेंडिंग केस हैं, जिनको समाप्त करने का निर्णय लिया है. इससे 40 हजार से अधिक व्यापारियों को 65 हजार से अधिक प्रकरण में लाभ मिलेगा. उनको अब अलग-अलग जगहों पर चक्कर लगाने से मुक्ति मिलगी.

बेसिक शिक्षा बैठक में सीएम योगी सख्त, बोले- हर बच्चे तक पहुंचे शिक्षा, अधिकारियों को दिया सख्त निर्देश

लखनऊ  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बेसिक शिक्षा विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान उन्होंने राज्य में प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने, बच्चों की शत-प्रतिशत विद्यालयी उपस्थिति सुनिश्चित करने, संसाधनों के कुशल उपयोग तथा अधोसंरचना सुदृढ़ीकरण के संबंध में कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि 06 से 14 वर्ष की आयु का एक भी बच्चा विद्यालय से वंचित नहीं रहना चाहिए, विद्यालय प्रबन्ध समिति (प्रधानाध्यापक व ग्राम प्रधान) इसे सुनिश्चित कराए। इस दिशा में “स्कूल चलो अभियान” को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए ताकि कोई भी बच्चा स्कूल जाने से न छूटे। परिषदीय छात्रों के लिए ₹1200 की डीबीटी सहायता शीघ्र अभिभावकों के खातों में जाए मुख्यमंत्री ने परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत प्रत्येक छात्र के अभिभावक के बैंक खाते में यूनिफॉर्म, जूता-मोजा, स्टेशनरी एवं पाठ्य सामग्री हेतु ₹1200 की सहायता राशि को डीबीटी के माध्यम से शीघ्रता से अंतरित किए जाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यह कार्य पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ किया जाए ताकि लाभार्थियों को समय पर मदद मिल सके और विद्यालयीन सामग्री की व्यवस्था बाधित न हो। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि जिन विद्यालयों में आधारभूत संरचना की कमी है, वहां अविलंब संसाधनों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए ताकि बच्चों को सुरक्षित, स्वच्छ और सुविधाजनक वातावरण में अध्ययन का अवसर प्राप्त हो। 50 से अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालय स्वतंत्र रूप से संचालित हों मुख्यमंत्री ने विद्यालयों की पेयरिंग व्यवस्था को दूरगामी और व्यापक दृष्टिकोण से लागू किए जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों तीनों के हित में है। इससे न केवल संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार सुनिश्चित किया जा सकेगा। जिन विद्यालयों में 50 से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं, उन्हें स्वतंत्र विद्यालय के रूप में संचालित करने का निर्देश दिया गया, जिससे प्रशासनिक सुविधा, जवाबदेही और शैक्षणिक निगरानी और अधिक प्रभावी ढंग से की जा सके। पेयरिंग व्यवस्था के कारण खाली हुए विद्यालय भवनों को लेकर मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि वहां बाल वाटिकाएं/प्री-प्राइमरी स्कूल संचालित की जाएं। साथ ही, इन भवनों में आंगनबाड़ी केंद्रों को स्थानांतरित किया जाए ताकि शिशु शिक्षा का आधार सुदृढ़ हो और विद्यालय परिसरों का उपयोग बहुपर्यायी रूप से हो सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया तय समय-सीमा के भीतर पूरी की जाए और इस कार्य में किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए। रिक्त पदों पर अधियाचन भेज कर शीघ्र की जाए नियुक्ति बैठक में शिक्षकों के रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा  कि सभी विद्यालयों में शिक्षक-छात्र अनुपात आदर्श स्थिति में होना चाहिये। उन्होंने निर्देश दिये कि रिक्तियों के सापेक्ष अधियाचन तत्काल भेजा जाए और नियुक्ति प्रक्रिया समयबद्ध ढंग से पूरी की जाए।

नेशनल हेराल्ड मामला: ED की चार्जशीट पर फैसला सुरक्षित, 29 जुलाई को आएगा आदेश

नई दिल्ली  नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े एक मामले में जल्द ही कोर्ट का फैसला आ सकता है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ दाखिल ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान को लेकर बहस सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। अब कोर्ट 29 जुलाई को इस मुद्दे पर आदेश सुनाएगा। राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने कहा कि आदेश 29 जुलाई को सुनाया जाएगा। गांधी परिवार के अलावा, ईडी ने सुमन दुबे, सैम पित्रोदा, यंग इंडियन, डॉटेक्स मर्चेंडाइज और सुनील भंडारी को भी आरोपी बनाया है। मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल किए गए पैसे! ईडी ने आरोप लगाया है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) – नेशनल हेराल्ड के पब्लिशर्स, जिसकी कीमत ₹2,000 करोड़ से अधिक है। इसकी संपत्तियों को कथित धोखाधड़ी से अधिग्रहित किया गया है। इससे मिले पैसे यंग इंडियन नामक कंपनी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल किए गए। दावे के मुताबिक गांधी परिवार इस कंपनी में बहुसंख्यक शेयरधारक है। साजिश के तहत ट्रांसफर किए गए शेयर ईडी का कहना है कि एजेएल की संपत्ति अवैध रूप से हासिल करने के लिए एक आपराधिक साजिश के तहत एजेएल के शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर किए गए। ईडी के मामले में शेयरों की कीमत, एजेएल की अचल संपत्तियां और उनसे मिला किराया, कथित तौर पर अपराध की इनकम है। संपत्ति हड़पने के लिए कर्ज का इस्तेमाल सुनवाई के दौरान, कांग्रेस नेता ने ईडी के उन आरोपों का खंडन किया कि यंग इंडियन का इस्तेमाल ऋण के बदले एजेएल की संपत्ति हड़पने के लिए किया गया था। उन्होंने तर्क दिया कि यह ऋण एजेएल को ऋण मुक्त करने के लिए दिया गया था।

राजनीतिक चंदे में बड़ा अंतर: वेदांता ने बीजेपी को जमकर दिया, कांग्रेस को न के बराबर

नई दिल्ली  अरबपति उद्योगपति अनिल अग्रवाल की खनन कंपनी वेदांता लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2024-25 में केंद्र और कई राज्यों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 97 करोड़ रुपये का चंदा दिया। यह रकम फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के मुकाबले चार गुना ज्यादा है। कंपनी की ताजा वार्षिक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। कंपनी ने वित्त वर्ष (2024-25) में कुल 157 करोड़ रुपये का राजनीतिक चंदा दिया जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 97 करोड़ रुपये था। रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी को दिया गया चंदा चार गुना हो गया लेकिन मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को चंदा घटकर सिर्फ 10 करोड़ रुपये रह गया। कंपनी की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक वेदांता ने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में बीजेपी को 26 करोड़ रुपये का चंदा दिया था। बीते वित्त वर्ष में कंपनी ने बीजू जनता दल को 25 करोड़ रुपये (इससे पिछले वित्त वर्ष में 15 करोड़ रुपये), झारखंड मुक्ति मोर्चा को 20 करोड़ रुपये (इससे पिछले वित्त वर्ष में पांच करोड़ रुपये) और कांग्रेस को 10 करोड़ रुपये (पिछले वित्त वर्ष में भी 49 करोड़ रुपये) का चंदा दिया। वेदांता राजनीतिक दलों को चंदा देने के मामले में सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। 457 करोड़ का चंदा वित्त वर्ष 2022-23 में इसने राजनीतिक दलों को कुल 155 करोड़ रुपये और 2021-22 में 123 करोड़ रुपये का चंदा दिया था। हालांकि, इन वित्त वर्षों के लिए चंदा पाने वाले राजनीतिक दलों का ब्योरा नहीं दिया गया है। कंपनी ने चुनावी बॉन्ड (अब रद्द हो चुके) के माध्यम से 2017 से राजनीतिक दलों को 457 करोड़ रुपये का चंदा दिया है। चुनावी बॉन्ड कंपनियों और व्यक्तियों को राजनीतिक दलों को अपनी पहचान बताए बिना चंदा देने की अनुमति देते थे। उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक बताते हुए इनपर प्रतिबंध लगाया दिया था। वेदांता का जनहित इलेक्टोरल ट्रस्ट, राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए कंपनियों द्वारा स्थापित एक दर्जन से अधिक चुनावी न्यास में से एक है। इसी तरह के न्यास टाटा का प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट भी है। अलग-अलग कंपनियों के ट्रस्ट कंपनियों द्वारा स्थापित इसी तरह के अन्य न्यास में रिलायंस का पीपल्स इलेक्टोरल ट्रस्ट, भारती समूह का सत्या इलेक्टोरल ट्रस्ट, एमपी बिड़ला समूह का परिवर्तन इलेक्टोरल ट्रस्ट और के के बिड़ला समूह का समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट एसोसिएशन शामिल हैं। बजाज और महिंद्रा के भी इसी तरह के इलेक्टोरल ट्रस्ट हैं।

‘शिव वर्मा’ के नाम पर छल: असल में निकला कासिम पठान, लव जिहाद का चौंकाने वाला मामला

शाहजहांपुर  उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में एक मुस्लिम युवक पर गंभीर आरोप लगे हैं. उसके खिलाफ हिंदू युवती ने धर्मांतरण के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया है. आरोपी ने हिंदू युवक के नाम से सोशल मीडिया पर आईडी बनाई थी. इस आईडी के जरिए उसने पीड़िता से नजदीकी बढ़ाई. फिर शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया और काफी टाइम तक ब्लैकमेल करता रहा. जब धर्म परिवर्तन का दबाव बढ़ने लगा तो युवती ने पुलिस से शिकायत की.   पीड़िता की शिकायत पर शाहजहांपुर कोतवाली पुलिस हरकत में आई. वहीं, हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने भी कोतवाली का घेराव किया. जिसके बाद पुलिस ने पीड़िता की तहरीर पर आरोपी युवक समेत 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. मुख्य आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया गया है. साथ ही पीड़िता को मेडिकल के लिए भेजा गया है.  दरअसल, बीते दिन कोतवाली क्षेत्र कि रहने वाली एक हिंदू युवती ने आरोप लगाया कि नावेद उर्फ कासिम पठान ने शिव वर्मा नाम से फेसबुक और इंस्टाग्राम पर आईडी बनाकर उसको मैसेज किए. बात बढ़ी तो माथे पर टीका और हाथ में कलावा बांधकर उससे मिलने आया. इसके बाद उसने युवती को एक किराए के कमरे पर बुलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया. यहां तक कि उसने हिडेन कैमरे से उसका वीडियो भी बना लिया.काफी टाइम तक वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उसका यौन शोषण करता रहा. साथ ही धर्म परिवर्तन का दबाव भी बनाता था.   कोतवाली के बाहर प्रोटेस्ट करते हिंदूवादी संगठन के लोग पीड़ित युवती का आरोप है कि एक दिन जब उसने नावेद उर्फ कासिम पठान का मोबाइल देखा तो दंग रह गई. मोबाइल में कई और लड़कियों के वीडियोज थे. उसे पता चला कि यह लोग एक संगठित गिरोह चलाते हैं, जिनका मकसद ही दूसरे धर्म की लड़कियों को फंसाना होता है. इस काम में नावेद का भाई कैफ और दोस्त अकील भी शामिल है.  फिलहाल, घटना से हिंदूवादी संगठनों में भारी आक्रोश है. उन्होंने कोतवाली में धरना दिया और आरोपियों पर सख्त एक्शन की मांग की. पुलिस ने तहरीर मिलने पर नावेद उर्फ कासिम पठान, भाई कैफ, पिता असलम खां, मां उजमा और दोस्त अकील के खिलाफ गैंग रेप और धर्म परिवर्तन सहित गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है. साथ ही मुख्य आरोपी नावेद को गिरफ्तार कर लिया है.  मामले में हिंदू युवा वाहिनी के नेता अभिषेक तिवारी ने कहा कि शाहजहांपुर में लव जिहाद का मामला सामने आया है. युवक कासिम पठान माथे पर तिलक और हाथ पर कलावा धारण करता था. इसने शिव वर्मा नाम से फेसबुक आईडी बनाकर हिंदू युवती के साथ गलत काम किया. जब युवती ने शादी के लिए कहा तो उसने नमाज पढ़कर धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया. इसके मोबाइल से और भी हिंदू लड़कियों के अश्लील फोटो/वीडियो मिले हैं. पुलिस इसपर कड़ी कार्रवाई करे.

सतना में दर्दनाक बोरवेल हादसा: दो सहेलियों की मौत, 6 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन

सतना   सतना जिले के नागौद थाना क्षेत्र अंतर्गत रेरुआ कला गांव में रविवार दोपहर एक दर्दनाक हादसा हो गया। खेत में बने एक पुराने और खुले बोरवेल के गड्ढे में डूबकर दो मासूम सहेलियों की मौत हो गई। मृतकों में 16 वर्षीय सोमवती और 12 वर्षीय दुर्गा शामिल हैं। दोनों बच्चियां खेलते-खेलते खेत की ओर चली गई थीं, जहां यह हादसा हुआ। जानकारी के अनुसार, यह घटना रविवार दोपहर करीब 3 बजे की है। खेत में बना पुराना बोरवेल बारिश के कारण खुल गया था और उसमें पानी भर गया था। इसी में दोनों सहेलियां डूब गईं। ग्रामीणों ने तुरंत रेस्क्यू शुरू किया, और पुलिस को सूचित किया गया। पहले सोमवती का शव मिला, दुर्गा का शव 20 फीट गहराई में फंसा था एसडीएम जितेंद्र वर्मा ने बताया कि मौके पर पहुंचते ही रेस्क्यू टीम ने सबसे पहले जेसीबी की मदद से मेड़ को खुदवाकर पानी निकालना शुरू किया। करीब पांच घंटे की मशक्कत के बाद शाम 5 बजे सोमवती का शव बाहर निकाल लिया गया। लेकिन दुर्गा का शव बोरवेल के गड्ढे में करीब 20 फीट अंदर फंसा हुआ था। इसके लिए देर रात एसडीईआरएफ की टीम को बुलाया गया। गड्ढे में उतरकर टीम ने रात 12:45 बजे दुर्गा का शव बरामद किया। खेत में रोपा लगा रहे थे माता-पिता सोमवती के पिता चक्कू अहिरवार ने बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ खेत में रोपा (धान की रोपाई) लगाने गए थे। उनकी बेटी सोमवती और उसकी सहेली दुर्गा भी साथ थीं, लेकिन वे दोनों खेलते-खेलते पास के रमेश मिश्रा के खेत तक पहुंच गईं। वहां पानी से भरे गड्ढे में दोनों डूब गईं। ग्रामीणों का कहना है कि पहले एक बच्ची का पैर फिसला और वह डूबने लगी। दूसरी ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन वह भी गड्ढे की गहराई और पानी के दबाव के कारण बाहर नहीं निकल सकी। बारिश से बंद बोरवेल खुल गया था ग्रामीणों ने बताया कि खेत में एक पुराना बोरवेल मौजूद था, जो काफी समय से बंद था। लेकिन लगातार हुई बारिश के कारण उसकी मिट्टी धंस गई और गड्ढा खुल गया। यह गड्ढा लगभग बोरवेल जैसा ही था, जिसमें पानी जमा हो गया था। एसडीएम जितेंद्र वर्मा ने कहा कि सोमवार को जांच की जाएगी कि यह सामान्य गड्ढा था या फिर बोरवेल। यदि यह बोरवेल पाया गया तो संबंधित किसान पर कार्रवाई की जा सकती है। रेस्क्यू में आई कई बाधाएं, कीचड़ और अंधेरे ने बढ़ाई मुश्किलें घटनास्थल तक पहुंचना प्रशासनिक अधिकारियों और एसडीईआरएफ की टीम के लिए आसान नहीं था। हिलौंधा गांव से घटनास्थल तक करीब 3.5 किलोमीटर का कच्चा रास्ता था, जो बारिश और कीचड़ के कारण बेहद खराब हालत में था। रात के अंधेरे में ग्रामीणों और रेस्क्यू टीम ने ट्रैक्टर की मदद से घटनास्थल तक पहुंचकर राहत कार्य किया। कीचड़ भरे रास्ते पर पैदल चलना तक मुश्किल था। भारी बारिश से बंद बोरवेल भी खुल गया ग्रामीणों के अनुसार, खेत में एक बोरवेल था। इसके धंसने से गहरा गड्ढा बन गया था। इसमें पानी भरा था।। भारी बारिश के कारण बंद किया गया बोरवेल भी खुल गया था। बताया जा रहा है कि एक बच्ची का पैर फिसला तो वह डूबने लगी। यह देखकर दूसरी बच्ची उसे बचाने पहुंची थी। केसिंग निकालकर बोर खुला छोड़ा था नागौद एसडीएम जितेंद्र वर्मा ने बताया कि विफल होने पर केसिंग निकालकर बोर यूं ही छोड़ दिया गया था। घटना की सूचना पर पूर्व विधायक कल्पना वर्मा, जनपद सीईओ अशोक मिश्रा और टीआई अशोक पांडेय पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे। रात करीब एक बजे दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए नागौद अस्पताल ले जाया गया। साढ़े 3 किलोमीटर रास्ते पर पैदल चलना मुश्किल घटनास्थल तक पहुंचने में प्रशासनिक अधिकारियों और एसडीईआरएफ की टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी। हिलौंदा गांव से लगभग साढ़े 3 किलोमीटर का रास्ता ऐसा था, जिस पर पैदल तक नहीं चला जा रहा था। खेतों के बीच से होकर गुजरने वाले कच्चे रास्ते पर मिट्टी और कीचड़ था।

सावन के पहले सोमवारी पर काशी में उमड़ा आस्था का सैलाब, श्रद्धालुओं पर हुई पुष्पों की बारिश

वाराणसी सावन के पहले सोमवार पर काशी नगरी में श्रद्धा का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु वाराणसी पहुंचे। रविवार रात से ही मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं। सुबह जैसे ही मंदिर के कपाट खुले, पूरा परिसर ‘हर हर महादेव’ के जयकारों से गूंज उठा।  काशी विश्वनाथ मंदिर में सुबह कपाट खुलने से पहले बाबा का भव्य मंगला आरती और विशेष श्रृंगार किया गया काशी विश्वनाथ मंदिर में सुबह कपाट खुलने से पहले बाबा का भव्य मंगला आरती और विशेष श्रृंगार किया गया। पहले सोमवार को मंदिर परिसर को फूल-मालाओं से सजाया गया था। कपाट खुलते ही श्रद्धालु ‘हर हर महादेव’ की गूंज के साथ दर्शन के लिए उमड़ पड़े। काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन को आए श्रद्धालुओं पर पुलिस कमिश्नर, जिलाधिकारी और मंदिर के सीईओ ने भक्तों पर पुष्प वर्षा की काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन को आए श्रद्धालुओं पर पुलिस कमिश्नर, जिलाधिकारी और मंदिर के सीईओ ने भक्तों पर पुष्प वर्षा की। श्रद्धालुओं ने इस पहल की सराहना की। लंबे इंतजार के बाद दर्शन पाने वाले श्रद्धालु प्रशासन और पुलिस व्यवस्था से बेहद संतुष्ट नजर आए। बाबा काशी विश्वनाथ का दर्शन कर भावुक हुए श्रद्धालु  मंदिर में दर्शन करने आईं प्रीति मिश्रा ने बातचीत में बताया कि , “मंदिर परिसर के अंदर बहुत अच्छी व्यवस्था है। महादेव की कृपा से अच्छे से दर्शन हुए हैं।” इसी तरह कोलकाता से आए एक श्रद्धालु ने कहा, “हम 6-7 घंटे से लाइन में लगे हैं। बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन किए बिना नहीं जाएंगे।” मंदिर के पुजारी ने कहा कि बाबा विश्वनाथ से देश और समाज के कल्याण के लिए कामना की गई मंदिर के पुजारी ने कहा कि बाबा विश्वनाथ का अद्भुत स्वरूप में श्रृंगार और मंगला आरती हुई है। देश और समाज के कल्याण के लिए कामना की गई। मंदिर परिसर में तैनात पुलिस अधिकारी के मुताबिक, श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए वाराणसी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। ड्रोन कैमरों से गोदौलिया चौराहा, गंगा घाट और विश्वनाथ मंदिर परिसर की सतत निगरानी की जा रही है ड्रोन कैमरों से गोदौलिया चौराहा, गंगा घाट और विश्वनाथ मंदिर परिसर की निगरानी की जा रही है। क्यूआरटी (क्विक रिस्पॉन्स टीम), एटीएस कमांडो, घुड़सवार पुलिस और पर्यटक पुलिस भी प्रमुख स्थानों पर तैनात है। वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने कहा कि तैयारियां पूरी हैं। लगभग सभी अधिकारी मौके पर हैं। लाखों की संख्या में श्रद्धालु लाइनों में लगे हैं। अनुशासित तरीके से सभी श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं।(

क्या आपको चाहिए नागरिकता का प्रमाण? जानिए प्रक्रिया और आवश्यकता

नई दिल्ली बिहार में विधानसभा चुनावों से पहले वोटर लिस्ट के बाद नागरिकता का मामला गर्मा गया है। इस पर अब दुविधा की स्थिति देखने को मिल रही है कि कौन-कौन से डॉक्यूमेंट नागरिकता के प्रमाण हैं और कौन से नहीं। इस बीच सर्टिफिकेट ऑफ इंडियन सिटिजनशिप को लेकर भी लोग परेशान हैं कि क्या यह सभी भारतीयों के लिए जरूरी है और इसे बनवाया कैसे जाता है। चलिए इन तमाम दुविधाओं को एक साथ साफ करते हैं और जानते हैं कि सर्टिफिकेट ऑफ इंडियन सिटिजनशिप होता क्या है और जिस किसी को भी इसकी जरूरत हो वह इसे ऑनलाइन कैसे बनवा सकता है। सर्टिफिकेट ऑफ इंडियन सिटिजनशिप है नागरिकता की पहचान सर्टिफिकेट ऑफ इंडियन सिटिजनशिप भारतीय नागरिकता को प्रमाणित करने वाला एक सरकारी दस्तावेज है। इस डॉक्यूमेंट से साबित होता है कि कोई भारतीय नागरिक है या नहीं। हाल ही में बिहार विधानसभा चुनावों से पहले वोटर लिस्ट और नागरिकता की बहस छिड़ने के बाद इस डॉक्यूमेंट को लेकर लोग बहुत बात करने लगे हैं। इस मामले के उठने के बाद यह साफ हुआ है कि आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे डॉक्यूमेंट नागरिकता की पहचान नहीं करते। नागरिकता की पहचान के लिए पासपोर्ट, सर्टिफिकेट ऑफ इंडियन सिटिजनशिप, बर्थ सर्टिफिकेट आदि को सही डॉक्यूमेंट माना गया है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि क्या भारत के हर नागरिक के पास यह सर्टिफिकेट ऑफ इंडियन सिटिजनशिप होना चाहिए? क्या सबके लिए है जरूरी? गौरतलब है कि सर्टिफिकेट ऑफ इंडियन सिटिजनशिप उन लोगों को दिया जाता है जो जन्म से भारतीय नहीं हैं, लेकिन बाद में भारतीय नागरिक बने हैं। इसमें विदेशी नागरिक आते हैं जिन्होंने भारत की नागरिकता ली है। आमतौर पर भारतीय नागरिकों को इसकी जरूरत नहीं होती। पासपोर्ट, बर्थ सर्टिफिकेट जैसे डॉक्यूमेंट भारतीयों के लिए अपनी नागरिकता साबित करने को काफी होते हैं। हालांकि उन लोगों के लिए जिन्हें इसकी जरूरत है यह जान लेना जरूरी हो जाता है कि आखिर इसके लिए किस तरह से अप्लाई किया जाता है। सर्टिफिकेट ऑफ इंडियन सिटिजनशिप ऐसे करें अप्लाई? सबसे पहले आपको भारत सरकार की सिटिजनशिप पोर्टल “https://indiancitizenshiponline.nic.in” पर जाना होगा।     इसके बाद आपको वो फॉर्म चुनना होगा जो आपके लिए सही है। जैसे कि Form 1: अगर आप भारत में जन्मे हैं और आवेदन कर रहे हैं। Form 2 से 8: नैचुरलाइजेशन, रजिस्ट्रेशन, शादी के आधार पर नागरिकता, आदि के लिए अलग-अलग फॉर्म।     इसके बाद वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करें। अपना ईमेल और मोबाइल नंबर दर्ज करें। OTP वेरीफाई करें। लॉगिन आईडी और पासवर्ड बनाएं।     अब आपको अपना फॉर्म ध्यान से भरना होगा। जरूरी डॉक्यूमेंट स्कैन करके अपलोड करें (PDF/ JPEG फॉर्मेट में)।     इसके बाद आपको ऑनलाइन अपनी फीस भरनी होगी।     इसके बाद फॉर्म सबमिट करके एक्नॉलेजमेंट स्लिप डाउनलोड कर लें।     फॉर्म सबमिट होने के बाद स्थानीय कलेक्टर या जिला अधिकारी आपके डॉक्यूमेंट्स की जांच करेगा। आपको इंटरव्यू या सत्यापन के लिए बुलाया जा सकता है।     फॉर्म भरते हुए ध्यान रखें कि आवेदन अंग्रेजी में ही करें। गलत जानकारी देने पर आवेदन रिजेक्ट हो सकता है     इस तरह से वह शख्स जिसे सर्टिफिकेट ऑफ इंडियन सिटिजनशिप की जरूरत हो के लिए आवेदन कर सकता है।