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सोशल मीडिया साज़िश के खिलाफ भाजयुमो आक्रामक, मनेंद्रगढ़ कोतवाली में दी बड़ी चुनौती

मनेंद्रगढ़/एमसीबी भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने प्रदेश अध्यक्ष राहुल योगराज टिकरिहा के खिलाफ सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही झूठी, भ्रामक और सुनियोजित अफवाहों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भाजयुमो पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने सिटी कोतवाली मनेंद्रगढ़ में पहुंचकर थाना प्रभारी सुनील तिवारी को एफआईआर हेतु आवेदन सौंपते हुए अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। भाजयुमो का कहना है कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाकर प्रदेश अध्यक्ष की छवि धूमिल करने की साज़िश किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि दोषियों पर सख्त कदम नहीं उठाए गए तो युवा मोर्चा उग्र आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगा। इस दौरान प्रदेश पदाधिकारी कोमल पटेल, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अंकित शर्मा, जिला महामंत्री हिमांशू श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष जलील शाह, मंडल अध्यक्ष आदित्य अग्रवाल, महेश चक्रधारी, रोहित यादव, अजय पटेल, दिनेश सिंह, शिवेंद्र केवट सहित बड़ी संख्या में भाजयुमो कार्यकर्ता मौजूद रहे।

कैब सेवाओं को मिलेगी नई दिशा: सरकार लाएगी मोटर व्हीकल एग्रीगेटर पॉलिसी

जयपुर राजस्थान में जल्द ही मोटर व्हीकल एग्रीगेटर पॉलिसी लागू की जाएगी। उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने विधानसभा में यह जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को इस संबंध में गाइडलाइन भेजी है, जिसका अध्ययन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पॉलिसी का मसौदा तैयार करने के लिए संबंधित विभागों से चर्चा की जा रही है और राज्य की आवश्यकता अनुसार इसमें संशोधन किया जाएगा। उप मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की मंशा न केवल ऐप आधारित कैब सेवाओं को रेगुलेट करने की है, बल्कि उपभोक्ताओं को पारदर्शी और सुरक्षित सेवा भी प्रदान करनी है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में ओला, उबर जैसी एग्रीगेटर कंपनियों की सेवाओं को लेकर कई बार किराया निर्धारण, लाइसेंसिंग और सुरक्षा से जुड़ी शिकायतें सामने आई हैं, जिसे नियंत्रित करने की आवश्यकता है। क्या है मोटर व्हीकल एग्रीगेटर पॉलिसी? केंद्र सरकार की इस नीति का उद्देश्य ऐप आधारित टैक्सी सेवाओं के संचालन को एक ढांचे में लाना है। इसमें एग्रीगेटर कंपनियों को लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा, कैब चालकों का पंजीकरण, किराए की अधिकतम सीमा और ग्राहक की सुरक्षा जैसे प्रावधान शामिल होंगे। इसके तहत राज्य सरकारों को यह अधिकार दिया गया है कि वे अपनी जरूरतों के अनुसार नियमों में संशोधन कर सकती हैं। कब तक लागू होगी नीति? डॉ. बैरवा ने बताया कि पॉलिसी के ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने के बाद कैबिनेट में पेश किया जाएगा और अनुमोदन के बाद इसे राज्य में लागू किया जाएगा। फिलहाल अधिकारियों की एक टीम इसे अन्य राज्यों की नीतियों से भी तुलना कर रही है ताकि राजस्थान के लिए एक व्यवहारिक और प्रभावी नीति तैयार की जा सके। क्या होगा बदलाव? नई नीति लागू होने के बाद यात्रियों को तयशुदा किराया, पारदर्शी बिलिंग सिस्टम, चालक की पृष्ठभूमि की जांच, रियल टाइम ट्रैकिंग और इमरजेंसी रिस्पॉन्स जैसी सुविधाएं मिल सकेंगी। वहीं, एग्रीगेटर कंपनियों पर भी जवाबदेही तय होगी और अनियमितताओं की स्थिति में लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान होगा।

अब जेब पर पड़ेगा डबल बोझ: पान मसाला-सिगरेट पर 40% स्पेशल टैक्स, जानें किन चीजों पर असर

नईदिल्ली   जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में बड़ा टैक्स सुधार किया गया है। अब GST स्लैब को सिर्फ दो हिस्सों में बांट दिया गया है – 5% और 18%, यानी पहले के 12% और 28% स्लैब को हटा दिया गया है और उनमें शामिल वस्तुओं को इन दो नए स्लैब्स में समायोजित किया गया है। लेकिन इस बीच कुछ खास और हानिकारक वस्तुओं पर अब सीधा 40% स्पेशल जीएसटी लगाया जाएगा।  किस चीज पर लगेगा 40% 'Special GST'? जीएसटी काउंसिल ने तय किया है कि कुछ हाई रिस्क या हाई लग्जरी कैटेगरी की वस्तुओं पर अब अलग से कोई सेस या उपकर नहीं लगेगा, बल्कि सीधे 40% जीएसटी ही लिया जाएगा। ये एक तरह से "सिन टैक्स" की श्रेणी में आएगा — यानी ऐसी चीजें जो सेहत या समाज के लिए हानिकारक मानी जाती हैं। 40% टैक्स वाली चीजों की पूरी लिस्ट:     पान मसाला          सिगरेट     गुटखा     चबाने वाला तंबाकू (खैनी, ज़र्दा आदि)     तंबाकू उत्पादों की री-प्रोसेसिंग यूनिट्स में बनने वाले उत्पाद     ऐडेड शुगर वाले और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स (Soft Drinks, Energy Drinks आदि)     फास्ट फूड चेन के कुछ हाई-प्रोसेस्ड आइटम्स (बर्गर, नूडल्स, आदि)     सुपर लग्जरी आइटम्स     पर्सनल यूज़ वाले एयरक्राफ्ट (Private Jets, Helicopters)     हाई-एंड लग्जरी कारें (जैसे – स्पोर्ट्स कार, प्रीमियम SUVs) 22 सितंबर से होंगे लागू मोदी सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए अब सिर्फ दो मुख्य टैक्स स्लैब रखने का फैसला किया है। जीएसटी परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि अब सिर्फ 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के दो ही स्लैब लागू होंगे। ये सभी घोषणाएं 22 सितंबर से पूरे देश में लागू हो जाएगी। 12% और 28% वाले स्लैब खत्म इस फैसले के बाद, पहले से चले आ रहे 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत वाले स्लैब को खत्म कर दिया गया है। इससे कई वस्तुओं की कीमतों पर सीधा असर पड़ेगा। माना जा रहा है कि इस बदलाव से जीएसटी प्रणाली और भी सरल हो जाएगी और आम जनता को इसका लाभ मिलेगा। लग्जरी और तंबाकू उत्पादों पर 40% GST हालांकि, लग्जरी सामान और तंबाकू उत्पादों पर लगने वाली जीएसटी दर में बढ़ोतरी की गई है। इन उत्पादों पर अब 40 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा। सरकार का यह कदम लग्जरी और हानिकारक वस्तुओं की खपत को कम करने की दिशा में देखा जा रहा है।  22 सितंबर से क्या-क्या होगा सस्ता? (GST दरें घटाई गईं) वस्तु/सेवा     नई GST दर दूध, रोटी, पनीर, घी     5% बिस्किट, सॉस, पास्ता     5% सूखे मेवे, पिज़्जा ब्रेड     5% ऑक्सीजन, ग्लूकोमीटर, मेडिकल टेस्ट किट     0% (टैक्स फ्री) जीवनरक्षक दवाएं, पट्टियां     5% साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट     5% मोमबत्ती, खिलौने, फर्नीचर     5% सोलर और विंड एनर्जी डिवाइसेस     5% बायोगैस उपकरण     5% टेक्सटाइल्स, टीवी, सीमेंट     5% या 18% (आइटम के अनुसार) छोटी कारें, बाइक्स (कम्यूटर व्हीकल)     18% तंबाकू और सिगरेट जैसी कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40 प्रतिशत के विशेष स्लैब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिन भर चली जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, ‘‘सभी फैसले सर्वसम्मति से किए गए और किसी भी राज्य से कोई असहमति नहीं थी।'' परिषद ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को मौजूदा चार स्लैब… पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत से दो दरों… पांच और 18 प्रतिशत करने को मंजूरी दे दी। महंगी कार, तंबाकू और सिगरेट जैसी कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40 प्रतिशत के विशेष स्लैब का प्रस्ताव किया गया है।  वस्तु नई टैक्स दर पान मसाला, सिगरेट, गुटखा, तंबाकू 40% एडेड शुगर वाले कोल्ड ड्रिंक्स, एनर्जी ड्रिंक्स 40% फास्ट फूड चेन के कुछ प्रोसेस्ड आइटम्स 40% प्राइवेट जेट्स, हेलिकॉप्टर (पर्सनल यूज) 40% लग्जरी कारें, बड़ी SUV कारें 40% मक्खन और घी से लेकर सूखे मेवे तक ये वस्तुएं होंगी सस्ती दैनिक उपयोग की खाद्य वस्तुओं पर कर की दर शून्य होगी, जबकि मक्खन और घी से लेकर सूखे मेवे, कंडेंस्ड दूध, सॉसेज और मांस, चीनी से बनी कन्फेक्शनरी, जैम और फलों की जेली, नारियल पानी, नमकीन, 20 लीटर की बोतल में पैक पेयजल, फलों का गूदा या रस, दूध युक्त पेय पदार्थ, आइसक्रीम, पेस्ट्री और बिस्कुट, कॉर्नफ्लेक्स और अनाज तथ चीनी से बनी मिठाइयों पर कर की दर को मौजूदा के 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया जाएगा। सभी प्रकार की चपाती और पराठे पर कर की दर शून्य होगी। इस पर फिलहाल पांच प्रतिशत जीएसटी लगता है। ‘टूथ पाउडर', दूध की बोतलें, रसोई के बर्तन, छाते, बर्तन, साइकिल, बांस के फर्नीचर और कंघी जैसी उपभोक्ता वस्तुओं पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत होगी। शैम्पू, टैल्कम पाउडर, टूथपेस्ट, टूथब्रश, फेस पाउडर, साबुन और हेयर ऑयल पर कर की दरें 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई हैं।  इन वाहनों पर लगेगा 40 प्रतिशत की दर से टैक्स सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद ने व्यक्तिगत जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के प्रीमियम भुगतान पर जीएसटी को हटाने का फैसला किया है। इससे लोगों के लिए बीमा पॉलिसी लेना सस्ता हो पाएगा। जीएसटी परिषद ने सीमेंट पर कर की दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया है। इसके अलावा 1,200 सीसी तक के पेट्रोल वाहनों और 1,500 सीसी तक के डीजल वाहनों (4,000 मिलीमीटर तक लंबाई) पर भी जीएसटी दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। हालांकि 1,200 सीसी से अधिक क्षमता वाले पेट्रोल वाहनों और 1,500 सीसी से बड़े डीजल वाहनों पर अब 40 प्रतिशत की दर से कर लगेगा।  कंडीशनर, डिशवॉशर और टीवी समेत इन इलेक्ट्रॉनिक चीजें भी होंगी सस्ती  सीतारमण ने कहा कि 350 सीसी तक की मोटरसाइकिलें और एयर कंडीशनर, डिशवॉशर एवं टीवी जैसे उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर भी कर घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। हालांकि, 350 सीसी से अधिक क्षमता वाली मोटरसाइकिल, याट, निजी उपयोग वाले विमान और रेसिंग कारों पर 40 प्रतिशत की विशेष दर से जीएसटी लगेगा। वहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी दर पहले की तरह पांच प्रतिशत ही बनी रहेगी।  राजस्व सचिव अरविंद श्रीवास्तव ने … Read more

उमंग सिंघार का विवादित बयान, बोले – गर्व से कहता हूं आदिवासी हूं, हिंदू नहीं

भोपाल  मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार ने छिंदवाड़ा में बड़ा बयान दिया। जिला कांग्रेस कार्यालय में आयोजित मध्य प्रदेश आदिवासी विकास परिषद की बैठक और सम्मान समारोह में सिंघार ने कहा- 'मैं गर्व से कहता हूं कि हम आदिवासी हैं, हिंदू नहीं। यह बात मैं कई साल से कहता आ रहा हूं'। कांग्रेस नेता सिंघार ने आदिवासी समाज की पहचान पर जोर देते हुए पौराणिक कथा का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा कि जिन शबरी ने भगवान राम को जूठे बेर खिलाए थे, वह भी आदिवासी थीं। जो आदिकाल से इस धरती पर वास कर रहे हैं, वही आदिवासी है। आदिवासी समाज को अपनी अलग पहचान स्थापित करने की आवश्यकता है, किसी भी सरकार को उनके मान-सम्मान की रक्षा करनी चाहिए। सिंघार के इस बयान का वीडियो भी सामने आया है, जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। कुछ लोग इसे आदिवासी अस्मिता को मजबूती देने वाला बयान बता रहे हैं तो वहीं कुछ इसे राजनीतिक स्टंट बता रहे हैं।नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के बयान पर कांग्रेस के आदिवासी कार्यकर्ता रामू टेकाम ने कहा कि उमंगजी ने हमारी भावनाओं को आवाज दी है। हमें अपनी सांस्कृतिक पहचान पर गर्व है। हालांकि, कुछ लोगों ने कहा कि इस तरह के बयान समाज में विभाजन पैदा कर सकते हैं।  पौराणिक कथा का हवाला दिया सिंघार ने आदिवासी समाज की पहचान को रेखांकित करते हुए पौराणिक कथा का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि शबरी, जिन्होंने भगवान राम को जूठा बेर खिलाया था, वह भी आदिवासी थीं। जो आदिकाल से इस धरती पर वास कर रहे हैं, वही आदिवासी हैं। उन्होंने आगे जोड़ा कि आदिवासी समाज को अपनी पहचान स्थापित करने की जरूरत है और किसी भी सरकार को उनके मान-सम्मान की रक्षा करनी होगी। सियासी गलियारों में हलचल इस बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। आदिवासी पहचान और हिंदू धर्म के बीच अंतर को उजागर करने वाले इस बयान से मध्य प्रदेश की राजनीति में नया मोड़ आ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान आदिवासी वोट बैंक को एकजुट करने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है, खासकर आगामी चुनावों के मद्देनजर।हालांकि, इस बयान पर विपक्षी दलों की ओर से अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि यह मुद्दा प्रदेश की राजनीति में बहस का केंद्र बन सकता है। स्थानीय आदिवासी नेताओं ने सिंघार के बयान का स्वागत किया है, जबकि कुछ लोग इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़कर देख रहे हैं। क्या कहते हैं स्थानीय लोग? छिंदवाड़ा के एक आदिवासी कार्यकर्ता ने कहा कि उमंग जी ने हमारी भावनाओं को आवाज दी है। हमें अपनी सांस्कृतिक पहचान पर गर्व है। वहीं, कुछ अन्य लोगों का कहना है कि इस तरह के बयान समाज में विभाजन पैदा कर सकते हैं। यह बयान सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है। कुछ लोग इसे आदिवासी अस्मिता की मजबूती के रूप में देख रहे हैं, तो कुछ इसे राजनीतिक स्टंट बता रहे हैं। आगे क्या? राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उमंग सिंघार का यह बयान मध्य प्रदेश में आदिवासी बहुल क्षेत्रों में कांग्रेस की स्थिति को मजबूत करने की कोशिश हो सकती है। छिंदवाड़ा, जो कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का गढ़ रहा है, में इस बयान के दीर्घकालिक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।   शुरू हो सकता है सियासी घमासान उमंग सिंघार के इस बयान पर सियासी घमासन शुरू होने के आसार है। प्रदेश की सत्ता में बैठी भाजपा आदिवासियों के हिंदू होने की बात कहती है। कुछ आदिवासी भी खुद को हिंदू मानते हैं। ऐसे में सिंघार के इस बयान का विरोध भी देखने को मिल सकता है। हालांकि, राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह बयान आदिवासी वोट बैंक को कांग्रेस के पाले में लाने की एक कोशिश का हिस्सा भी हो सकता हैं।  भाजपा हो सकती है हमलावर  हालांकि, सिंघार के बयान पर अब तक भाजपा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन, माना जा रहा है कि जल्द ही भाजपा इस बयान पर कांग्रेस का घेराव कर सकती है।  

एकलव्य वन से प्रारंभ हुई थी विशिष्ट वन की श्रृंखला, ‘एक पेड़ गुरु के नाम’ पर होगा विशेष कार्यक्रम

पौधरोपण महाभियान-2025: शिक्षकों के सम्मान में सभी वन प्रभाग लगाएंगे 'एक पेड़ गुरु के नाम' एकलव्य वन से प्रारंभ हुई थी विशिष्ट वन की श्रृंखला, 'एक पेड़ गुरु के नाम' पर होगा विशेष कार्यक्रम शिक्षक दिवस (5 सितंबर) पर गुरु के सम्मान में रोपे जाएंगे पौधे लखनऊ के कुकरैल, वाराणसी के आईआईटी (बीएचयू) में लगाए जाएंगे पौधे  योगी सरकार के प्रयास से निरंतर बढ़ रहा यूपी का फॉरेस्ट कवर लखनऊ  योगी सरकार ने एक तरफ पौधरोपण महाभियान-2025 के अंतर्गत एक दिन में 36.21 करोड़ से अधिक पौध रोप कर नया रिकॉर्ड बनाया तो दूसरी तरफ इस वर्ष भी विशिष्ट वनों की स्थापना की गई। विशिष्ट वनों का आगाज एकलव्य वन के साथ प्रारंभ हुआ तो 'एक पेड़ गुरु के नाम' के तहत विशिष्ट आयोजन भी होगा। गुरु के सम्मान में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर सभी वन प्रभागों में यह आयोजन किया जाएगा। राजधानी लखनऊ में कुकरैल में वन विभाग के सेवानिवृत्त व वर्तमान अधिकारी पौधरोपण करेंगे।  योगी सरकार ने रचा इतिहास, 2025 में बनाया सर्वाधिक पौधरोपण का कीर्तिमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने नया इतिहास रच दिया। 'एक पेड़ मां के नाम 2.0' थीम के अंतर्गत पौधरोपण महाभियान-2025 में पूरे प्रदेश में एक दिन (9 जुलाई, बुधवार) में 37,21,40,925 पौधरोपण हुए। यह सरकार द्वारा तय किए गए लक्ष्य 37 करोड़ से 21,40,925 अधिक रहा। सीएम योगी ने अयोध्या से अभियान का आगाज किया था। उन्होंने 9 जुलाई को ही आजमगढ़ और गोरखपुर में भी पौधरोपण किया था।  लखनऊ में कुकरैल, वाराणसी में बीएचयू में लगेगा 'एक पेड़ गुरु के नाम'  लखनऊ के प्रभागीय वनाधिकारी सितांशु पांडेय ने बताया कि विशिष्ट वनों की श्रृंखला में शिक्षक दिवस पर लखनऊ के कुकरैल में पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा। यहां स्मृति वाटिका में भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त व वर्तमान अधिकारी पौधरोपण करेंगे। यहां अधिकारियों को स्मृति चिह्न के रूप में पौधे भी भेंट किए जाएंगे। वहीं वाराणसी की प्रभागीय वनाधिकारी स्वाति श्रीवास्तव ने बताया कि आईआईटी (बीएचयू) में 'एक पेड़ गुरु के नाम' के तहत पौधरोपण होगा।  पौधरोपण महाभियान-2025 में लगाए गए विशिष्ट वन  पौधरोपण महाभियान-2025 के मिशन निदेशक दीपक कुमार ने बताया कि गुरु के सम्मान में 5 सितंबर को प्रदेश के सभी वन प्रभागों में 'एक पेड़ गुरु के नाम' लगाया जाएगा। इसे लेकर सभी वन प्रभागों में तैयारी पूरी हो गई है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी अनेक विशिष्ट वन स्थापित किए गए।  2025 में स्थापित किए गए विशिष्ट वन व अन्य कार्यक्रम 👉 एकलव्य वन                 👉 ऑक्सी वन                  👉 शक्ति वन                   👉 त्रिवेणी वन                   👉 अटल  वन                   👉 सहजन भंडारा              👉 गोपाल वन                 👉 एकता  वन                 👉 पवित्र धारा पौधरोपण      👉 औद्योगिक इकाइयों द्वारा पौधरोपण  (संकल्प गोष्ठी व पौधरोपण)   👉 भाई-बहन पौधरोपण       (रक्षाबंधन वाटिका) 👉 शौर्य/सिंदूर वन            👉 एक पेड़ गुरु के नाम       

बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर: जमुई विधानसभा में BJP को मिली थी ऐतिहासिक जीत

जमुई  बिहार की जमुई विधानसभा जिले की हॉट सीट के रूप में जानी जाती है। समाजवादियों और कांग्रेसियों का गढ़ कहे जाने वाले क्षेत्र में 2020, यानी भाजपा के गठन के 40 साल के बाद पहली बार कमल खिलने में कामयाब हुआ। अब बात इस क्षेत्र के पिछले चुनावी इतिहास की करें तो 1995 में पहली बार इस सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में वीरेंद्र सिंह ने चुनाव लड़ा और उन्हें महज पांच हजार वोट से ही संतोष करना पड़ा। इसके बाद गठबंधन का दौर शुरू होने पर यह सीट जदयू के खाते में चली गई। फिर यहां से नरेंद्र सिंह ने जदयू प्रत्याशी के तौर पर 6379 वोट से जीत दर्ज की। काफी मशक्कत के बाद 2015 में यह सीट भाजपा के खाते में आई और पार्टी ने निवर्तमान विधायक अजय प्रताप पर भरोसा जताया, लेकिन पार्टी द्वारा दूसरी बार किया गया यह प्रयोग असफल हुआ और अजय प्रताप को हार का सामना करना पड़ा। 2020 के चुनाव में बाजी आखिर भाजपा के हाथ आ ही गई और पहली बार इस विधानसभा क्षेत्र से श्रेयसी सिंह ने भाजपा विधायक के तौर पर जीत हासिल की। अब देखने वाली बात यह होगी कि इतने लंबे अरसे और इतने कठिन प्रयास के बाद खिला कमल यहां खिलकर बड़ा होता है या इसकी चमक कम होती चली जाती है, यह तो इस चुनाव में ही पता चल पाएगा। 1952 में दुर्गा मंडल बने प्रथम विधायक 1952 से ही इस विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने जाते रहे हैं। त्रिपुरारी सिंह और सुशील कुमार सिंह को छोड़कर हर बार के चुनाव में यहां सत्ता की धुरी अलग-अलग नेताओं के साथ घूमती रही है। दुर्गा मंडल इस विधानसभा क्षेत्र से 1952 में हुए प्रथम चुनाव में कांग्रेस पार्टी से विधायक के रूप में निर्वाचित हुए। इसके बाद हरी प्रसाद शर्मा और गुरु रामदास भी कांग्रेस पार्टी से विधायक बने। त्रिपुरारी प्रसाद सिंह ने चार बार इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद नरदेव प्रसाद भगत ने विधायक के रूप में जीत दर्ज की। सुशील कुमार सिंह उर्फ हीरा जी ने भी विधायक के तौर पर तीन बार प्रतिनिधित्व किया। इसी विधानसभा क्षेत्र से अर्जुन मंडल, नरेंद्र सिंह, उनके मंझले पुत्र अभय सिंह, बड़े पुत्र अजय प्रताप और विजय प्रकाश ने भी जीत हासिल की। त्रिपुरारी सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष पद को किया सुशोभित इस विधानसभा क्षेत्र से त्रिपुरारी सिंह 1967 से लेकर 1977 तक चार बार प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से विधायक के रूप में निर्वाचित हुए। उन्होंने अलग-अलग विभागों के मंत्री के अलावा विधानसभा अध्यक्ष के पद को सुशोभित करते करने का काम किया। नरदेव प्रसाद भगत ने 1980 में इस विधानसभा क्षेत्र से पहले निर्दलीय विधायक के तौर पर जीत हासिल की। सुशील कुमार सिंह उर्फ हीरा जी ने पहली बार 1985 में कांग्रेस की टिकट से विधायक के तौर पर जीत दर्ज की। 1990 में जनता दल की लहर में भी सुशील कुमार सिंह कांग्रेस के टिकट से दोबारा विधायक बनने में कामयाब हुए। 1995 में अर्जुन मंडल ने जनता दल की टिकट से जीत दर्ज कर बिहार सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री के पद को सुशोभित किया। वर्ष 2000 में नरेंद्र सिंह, 2000 के मई में हुए उप चुनाव में सुशील कुमार सिंह, 2005 में अभय सिंह, 2010 में अजय प्रताप और 2015 में विजय प्रकाश ने विधायक के तौर पर यहां से जीत दर्ज की। 2020 में इस सीट से पूर्व रेल राज्य मंत्री स्व. दिग्विजय सिंह की छोटी पुत्री श्रेयसी सिंह ने भाजपा की टिकट से 41,000 से अधिक मतों से जीत हासिल कर फिलहाल प्रतिनिधित्व कर रही हैं। वर्ष 1952 से लेकर 2020 तक के बीच निर्वाचित प्रत्याशी और दल वर्ष निर्वाचित प्रत्याशी दल 1952 दुर्गा मंडल कांग्रेस 1957 हरिप्रसाद शर्मा कांग्रेस 1962 गुरु रामदास कांग्रेस 1967 त्रिपुरारी सिंह प्रजा सोशलिस्ट पार्टी 1969 त्रिपुरारी सिंह प्रजा सोशलिस्ट पार्टी 1972 त्रिपुरारी सिंह प्रजा सोशलिस्ट पार्टी 1977 त्रिपुरारी सिंह प्रजा सोशलिस्ट पार्टी 1980 नरदेव प्रसाद भगत निर्दलीय 1985 सुशील कुमार सिंह कांग्रेस 1990 सुशील कुमार सिंह कांग्रेस 1995 अर्जुन मंडल जनता दल 2000 नरेंद्र सिंह जदयू 2000 (उपचुनाव) सुशील कुमार सिंह जदयू 2005 (फरवरी) विजय प्रकाश राजद 2005 (नवंबर) अभय सिंह जेडीयू 2010 अजय प्रताप जेडीयू 2015 विजय प्रकाश राजद 2020 श्रेयसी सिंह भाजपा  

कटिहार जंक्शन पर सफर होगा आसान, 118 करोड़ की लागत से रोड ओवर ब्रिज का होगा निर्माण

कटिहार कटिहार जंक्शन पर यातायात जाम को कम करने की दिशा में रेल मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय ने मुकुरिया इंड पर 118.61 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 2 लेन रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) के निर्माण को मंजूरी दे दी है। यह आरओबी मौजूदा लेवल क्रॉसिंग गेट KM-2 और KK-1 की जगह लेगा, जो कटिहार-दंडखोरा और कटिहार-मियाना सेक्शन के बीच पड़ते हैं। ये लेवल क्रॉसिंग राज्य राजमार्ग 98 को राष्ट्रीय राजमार्ग 31 से जोड़ने वाली व्यस्त सड़क पर स्थित हैं। यहां ट्रेन परिचालन के दौरान गेट बंद होने से लंबे समय तक जाम लगता था। ट्रैफिक सेंसस 2024 के अनुसार, इन क्रॉसिंग्स पर टीवीयू क्रमशः 1,11,420 और 2,91,024 दर्ज किए गए, जो पिछले वर्षों में रेल और सड़क परिवहन दोनों में तेज़ वृद्धि को दर्शाता है। इसी वजह से आरओबी निर्माण की जरूरत महसूस की गई। निर्माणाधीन आरओबी में 30 स्पैन का पीएससी गर्डर वायडक्ट और 2 स्पैन का स्टील गर्डर वायडक्ट शामिल होगा। फिलहाल इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है। रेल मंत्रालय का मानना है कि इस आरओबी के बन जाने से न केवल कटिहार क्षेत्र में रेल परिचालन की सुरक्षा और दक्षता बढ़ेगी, बल्कि सड़क उपयोगकर्ताओं और पैदल यात्रियों को भी जाम से निजात और सुरक्षित आवाजाही मिल सकेगी।

मॉनसून का कहर जारी! MP में कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

भोपाल  मध्यप्रदेश में मॉनसून ने एक बार फिर अपनी पूरी ताकत दिखा दी है। बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र और साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से प्रदेश में जमकर बारिश हो रही है। मौसम विभाग (IMD) ने आज, 4 सितंबर 2025 को प्रदेश के लगभग आधे हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। जानिए आज कहां कैसा मौसम रहेगा। इन जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट मौसम विभाग ने नौ जिलों में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसमें सीहोर, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ और देवास शामिल हैं। इन इलाकों में तेज हवाएं (40-50 किमी/घंटा) और वज्रपात की भी आशंका है। यहां भारी बारिश का येलो अलर्ट इसके अलावा प्रदेश के 17 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इन इलाकों में गरज-चमक के साथ मूसलाधार बारिश हो सकती है। इसमें भोपाल, रायसेन, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, आगर, गुना, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट और पांढुर्णा शामिल हैं। उज्जैन में क्षिप्रा का जलस्तर बढ़ने से घाट किनारे के मंदिर डूब गए हैं। उनके गुंबद तक पानी आ गया है। प्रशासन ने लोगों को घाटों से दूर रहने की चेतावनी दी है। रतलाम और आसपास के इलाकों में गुरुवार सुबह तेज बारिश हुई। इससे जनता कॉलोनी, पीएंडटी कॉलोनी, जवाहर नगर समेत कई रिहायशी इलाकों में पानी भर गया। कई मकानों में गृहस्थी का सामान डूब गया। नर्मदापुरम जिले के इटारसी में तवा डैम के तीन गेट 5-5 फीट की ऊंचाई तक खुले हैं। इनसे करीब 25000 क्यूसेक पानी नर्मदा नदी में छोड़ा जा रहा है। डैम के गेट पिछले 15 दिन से खुले हैं। भोपाल में गुरुवार सुबह कहीं धीमी, कहीं तेज बारिश हुई। 26 जिलों में अति भारी या भारी बारिश का अलर्ट मौसम विभाग ने गुरुवार को 26 जिलों में अति भारी या भारी बारिश की चेतावनी दी है। अगले 24 घंटे के दौरान झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, देवास और सीहोर में अति भारी बारिश होने का अलर्ट है। यहां अगले 24 घंटे में साढ़े 8 इंच तक पानी गिर सकता है। बाकी मध्यप्रदेश का हाल प्रदेश के अन्य हिस्सों, जैसे ग्वालियर, जबलपुर, सागर, रीवा, सतना और शहडोल में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कहीं-कहीं गरज-चमक और वज्रपात की संभावना है। तापमान की बात करें तो भोपाल में 30.0 डिग्री, इंदौर में 29.3 डिग्री, ग्वालियर में 31.4 डिग्री, और जबलपुर में 30.3 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। पचमढ़ी जैसे पहाड़ी इलाकों में तापमान 25.0 डिग्री तक नीचे जा सकता है। अगले चार दिन जारी रहेगा बारिश का दौर मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, 4 से 7 सितंबर तक मध्यप्रदेश में बारिश का दौर जारी रहेगा। खासकर मालवा-निमाड़, विंध्य और पूर्वी मध्यप्रदेश में मॉनसून की सक्रियता चरम पर होगी। 5 सितंबर को ग्वालियर-चंबल संभाग में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इसके बाद बारिश की तीव्रता में धीरे-धीरे कमी आ सकती है, लेकिन उमस और गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद कम है। औसत से 21 फीसदी ज्यादा बरसा मॉनसून मौसम विभाग के अनुसार, मध्यप्रदेश में इस साल मॉनसून ने औसत से 21% अधिक बारिश दी है और यह सिलसिला अभी थमने का नाम नहीं ले रहा। बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी और सक्रिय मॉनसून ट्रफ के कारण प्रदेश में 6-7 सितंबर तक झमाझम बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है। पूर्वी मध्यप्रदेश में 21% और पश्चिमी मध्यप्रदेश में 22% अतिरिक्त बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य औसत 37 इंच के मुकाबले अब तक 38.2 इंच तक पहुंच चुकी है। मालवा-निमाड़ और विंध्य क्षेत्रों में बारिश का जोर सबसे ज्यादा रहेगा।

नीरज कुमार सिंह का विपक्ष पर हमला, कहा- झूठे आरोप लगाने वालों का इतिहास रहा बूथ कैप्चरिंग से भरा

सुपौल सुपौल जिले के छातापुर में बुधवार को एनडीए के विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बिहार सरकार के पीएचईडी मंत्री एवं छातापुर विधायक नीरज कुमार सिंह बबलू ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। छातापुर विधायक ने कहा कि जिनके शासनकाल में बूथ लूट और मतपेटी हेराफेरी की घटनाएं आम थीं, वही आज चुनाव आयोग पर झूठे आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2005 के पहले का “गुंडागर्दी का दौर” वापस लाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अब बिहार की जनता इनके झांसे में नहीं आएगी। उन्होंने अपने 20 वर्षों के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि बिना किसी भेदभाव के क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और पेयजल जैसी योजनाओं पर काम हुआ है। अगर विपक्ष को विकास नहीं दिखता, तो उन्हें “आंख का इलाज करवाना चाहिए।” मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि वीरपुर से जल्द हवाई सेवा शुरू होगी। साथ ही महिला आरक्षण, स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता और पेंशन बढ़ोतरी की उपलब्धियां भी गिनाईं। सम्मेलन में मंत्री हरि सहनी ने विधायक नीरज बबलू को “शेर जैसा नेता” बताते हुए जनता से अपार समर्थन देने की अपील की। उन्होंने कहा कि 2005 से पहले सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा की स्थिति बदहाल थी, लेकिन नीतीश कुमार और एनडीए सरकार ने बिहार को विकास की राह पर खड़ा किया। मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता ने सम्मेलन में उमड़ी भीड़ को एनडीए के पक्ष में मजबूत जनसमर्थन का संकेत बताया। वहीं, पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा ने विपक्ष को “बहुरूपिया” बताते हुए जनता को सावधान रहने की नसीहत दी। कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष नरेंद्र ऋषिदेव की अध्यक्षता रही और कई नेताओं ने पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार की विकासपरक नीतियों का उल्लेख किया। वक्ताओं ने विपक्ष पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि दरभंगा में पीएम की मां को गाली देने जैसी घटनाओं ने जनता को आक्रोशित किया है और इसका जवाब विधानसभा चुनाव में मिलेगा। मौके पर कई स्थानीय जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।

मासूम का सपना हुआ पूरा: 8 साल की बच्ची को मिली पुलिस की नौकरी, जानें कितना मिलेगा वेतन

उज्जैन क्या चौथी कक्षा में पढ़ने वाली आठ साल की बच्ची पुलिस विभाग में भर्ती हो सकती है, तो इसके जवाब में हर कोई कहेगा कि नहीं ऐसा बिल्कुल भी संभव नहीं है। लेकिन मध्य प्रदेश के उज्जैन में ऐसा हो चुका है। यहां पर पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने हाल ही में इस 8 साल की बच्ची को पुलिस में बाल आरक्षक पद पर नियुक्ति का पत्र सौंपा है। नियुक्ति पत्र के साथ बालिका की सैलरी ओर कार्य का दायित्व भी सौंपा गया। हालांकि वर्दी पहनने के लिए उसे 10 साल ओर इंतजार करना पड़ेगा। यह मामला सोमवार को उस वक्त सामने आया, जब बच्ची अपनी मां के साथ हाथों में कॉपी-पेंसिल की जगह अनुकम्पा नियुक्ति के लिए नौकरी का आवेदन लेकर उज्जैन शहर के पुलिस कंट्रोल रूम स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची। इस बच्ची का नाम इच्छा रघुवंशी है, जो कि अपने पिता की जगह अनुकम्पा नियुक्ति पाने के लिए आवेदन लेकर पहुंची थी। दरअसल उसके पिता देवेंद्र सिंह रघुवंशी महाकाल थाने में प्रधान आरक्षक थे, और इस साल 17 मई को ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक आने से उनकी मौत हो गई थी। पति के अचानक जाने से मां-बेटी पर टूटा दुखों का पहाड़ तीन सदस्यों के परिवार में इच्छा के पिता कमाने वाले अकेले सदस्य थे। ऐसे में उनके यूं अचानक गुजर जाने से मां-बेटी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया और उनका पालन-पोषण करने वाला कोई नहीं बचा। ऐसे में देवेंद्र सिंह के गुजरने के तीन महीने बाद 2 सितंबर को मृतक प्रधान आरक्षक की पत्नी अपनी 8 वर्षीय बेटी इच्छा के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची और यहां आरक्षक पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। आवेदन देने के 25 मिनिट के अंदर मिला नियुक्ति पत्र शासकीय कार्य कैसे होते हैं यह तो हम भलीभांति जानते हैं। ऐसे मामलों में आमतौर पर फाइलें इधर से उधर घूमती रहती हैं, साइन और आदेश के बीच समय निकलता जाता है, पर इस मामले ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ। मां-बेटी जब अनुकम्पा नियुक्ति से जुड़ा आवेदन पत्र लेकर पहुंचीं तो उज्जैन के पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने अति संवेदनशीलता का परिचय देते हुए आवेदन प्राप्त होते ही तत्काल इस बारे में आदेश जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी और मात्र 25 मिनट के भीतर ही उन्होंने बच्ची को बाल आरक्षक पद पर नियुक्ति का आदेश जारी कर नियुक्ति पत्र परिजन को सौंप दिया। नौकरी में बच्ची को करना पड़ेगा यह काम, मिलेगा इतना वेतन इच्छा अभी 8 साल की है और चौथी कक्षा में पढ़ती है, हालांकि इसके बावजूद उसका नाम पुलिस कर्मचारी की लिस्ट में दर्ज हो चुका है। पुलिस नियमों के अनुसार जब वो 10वीं कक्षा पास कर लेगी तो स्थायी आरक्षक बन सकेगी। इच्छा को मिलने वाले वेतन की जानकारी देते हुए अधिकारी ने बताया कि बाल आरक्षक को नव आरक्षक से आधा वेतन मिलता है। इसी नियम के तहत इच्छा को हर महीने 15 हजार 113 रुपए वेतन मिलेगा। साथ ही उसे महीने में एक बार थाने आकर साइन करना होगा और इस दौरान उसकी पढ़ाई-लिखाई से जुड़ी जानकारी भी ली जाएगी। 10 साल बाद जब इच्छा 18 साल की उम्र पूरी कर लेगी और 10वीं की परीक्षा पास कर लेगी, तो उसके बाद वह स्थायी आरक्षक बन पाएगी। इस दौरान पिता की पेंशन उनकी मां को मिलती रहेगी।