samacharsecretary.com

युवाओं के परिश्रम और पुरुषार्थ से भारत पुनः विश्वमंच पर सिरमौर बनेगा : उच्च शिक्षा मंत्री परमार

मंत्री श्री परमार एलएनसीटी विश्वविद्यालय में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम “प्रेम-पाखी” में सम्मिलित हुए भोपाल उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने कहा है कि विश्व भर में भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहां हम राष्ट्र को "मां" की संज्ञा से संबोधित करते हैं। हमारे पूर्वजों ने समाज में सांस्कृतिक मूल्यों की अवधारणा स्थापित की है। प्रकृति, जल एवं सूर्य सहित समस्त ऊर्जा स्रोतों के संरक्षण के लिए उनके प्रति कृतज्ञता भाव के साथ, परंपरा स्थापित की है। कृतज्ञता का भाव, भारत की सभ्यता एवं विरासत है। श्री परमार ने कहा कि स्वंतत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 के विकसित भारत की संकल्पना में हम सभी की सहभागिता आवश्यक है। युवाओं के परिश्रम और पुरुषार्थ से भारत पुनः विश्वगुरु बनेगा और विश्वमंच पर हर क्षेत्र में सिरमौर होगा। उच्च शिक्षा मंत्री श्री परमार ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत ऊर्जा एवं खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी होगा और अन्य देशों की पूर्ति करने में सामर्थ्यवान भी होगा। श्री परमार ने कहा कि अपनी चिकित्सा पद्धति के माध्यम से हम स्वस्थ भारत की संकल्पना सिद्धि की ओर आगे बढ़ रहे हैं। मंत्री श्री परमार गुरुवार को भोपाल स्थित एलएनसीटी विश्वविद्यालय के सभागृह में, कोशिश वेलफेयर सोसाइटी एवं एलएनसीटी समूह के संयुक्त तत्वावधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम “प्रेम-पाखी” में सम्मिलित हुए। श्री परमार ने युवाओं के लिए प्रासंगिक कार्यक्रम के लिए आयोजकों को बधाई एवं शुभकामनाएं भी दीं। कार्यक्रम में गोरखपुर से पधारी श्रृंगार रस की युवा कवियित्री सुश्री श्वेता सिंह एवं वीर रस के ओजस्वी युवा कवि श्री सूर्यकांत चतुर्वेदी द्वारा ऊर्जामयी काव्य पाठ किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य, युवाओं में तनाव मुक्ति, सकारात्मक सोच एवं सांस्कृतिक मूल्यों का प्रसार करना था।  

UP Trade Show 2025: स्टार्टअप और तकनीकी कौशल विकास पर होगा विशेष फोकस

लखनऊ यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 में इस बार निवेश पर ही नहीं सरकार की तरफ से संचालित योजनाओं पर फोकस करने के साथ ही फ्यूचर डेवलपमेंट पर भी फोकस होगा। इसके लिए सरकार की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए स्टाटर्अप, आईटी, इंश्योरेंस, फाइनेंस मैनेजमेंट, मेडिकल हेल्थ, ई-कॉमर्स और स्किल डेवलपमेंट जैसे अहम विषयों पर विशेषज्ञ अपने अनुभव साझा करेंगे। यूपीआईटीएस 2025 के शेड्यूल के अनुसार 25 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रात: ट्रेड शो का शुभारंभ करेंगे। उसी दिन शाम 3 बजे से रात 8 बजे तक बी2सी विजिटर्स के लिए शो ओपन रहेगा। जबकि 26 से 29 सितंबर तक प्रतिदिन दोपहर 11 बजे से 3 बजे तक बी2बी मीटिंग्स और शाम 3 से 8 बजे तक बी2सी विजिटर्स के लिए आयोजन होगा। इस दौरान एक्सपटर् की तरफ से नॉलेज सेशन की शुरुआत 26 सितंबर से होगी जो 28 तक जारी रहेगी। 26 सितंबर को सुबह 11.30 से 12.30 बजे तक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी का सत्र होगा। जिसका विषय वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी में स्टाटर्अप इकोसिस्टम का योगदान रखा गया है। दोपहर 1 बजे से 2 बजे तक आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, यूपी-यूपीएलसी का सत्र होगा, जो प्रदेश में आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री की ग्रोथ और डेवलपमेंट पर केंद्रित रहेगा। 26 सितंबर को ही 3 बजे से 4 बजे तक मेडिकल हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर विभाग वायरल हेपेटाइटिस और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना पर वकर्शॉप करेगा। शाम 4.30 से 5 बजे तक आईआरडीएआई और एक्सिस मैक्स लाइफ इंश्योरेंस नॉन-लाइफ एवं हेल्थ इंश्योरेंस पर अवेयरनेस सेशन आयोजित करेंगे। 5 बजे से 6 बजे तक वित्त विभाग का सत्र होगा, जिसमें प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना शामिल भी होंगे। जबकि 6 से 6.30 बजे तक लाइफ इंश्योरेंस पर अवेयरनेस सेशन होगा वहीं 27 सितंबर को 11.30 से 12.30 बजे तक अर्बन डेवलपमेंट का सत्र होगा। इसमें नगर विकास मंत्री एके शर्मा शामिल होंगे। दोपहर 1 से 2 बजे तक मेडिकल हेल्थ पर दोबारा वकर्शॉप होगी। शाम 4 से 6 बजे तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना सीएम युवा के तहत यूनिवर्सिटीज के साथ एमओयू एक्सचेंज प्रोग्राम होगा। इसके अतिरिक्त, शाम 6 बजे से खादी पर फैशन शो आयोजित किया जाएगा। वही 28 सितंबर को 11.30 से 12.30 बजे तक जीबीयू (गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय) इंडस्ट्री-एकेडमिया टाईअप फॉर स्किल डेवलपमेंट विषय पर सत्र आयोजित करेगा। 29 सितंबर को वैलेडिक्ट्री और अवार्ड्स से शो का समापन होगा।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव 12 सितम्बर को गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट का करेंगे शुभारंभ

लक्ज़री कैंपिंग से हवाई एडवेंचर का मिलेगा रोमांचक अनुभव भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शुक्रवार 12 सितम्बर को मंदसौर में गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट के चौथे संस्करण का शुभारंभ करेंगे। यह रिट्रीट लल्लूजी एंड संस द्वारा मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड के सहयोग से विकसित किया गया है, जो लक्ज़री कैंपिंग, एडवेंचर टूरिज्म और सांस्कृतिक गतिविधियों का अनूठा संगम है। गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट के दौरान पर्यटक टेंट सिटी में हॉट-एयर बलूनिंग, पैरामोटरिंग, जेट स्कीइंग, कायाकिंग और मोटर बोटिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों का आनंद ले सकेंगे। हिंगलाजगढ़ किले की हेरिटेज ट्रेल, गांधीसागर अभयारण्य में वन्यजीव सफारी और ग्रामीण जीवन के अनुभव भी पर्यटकों के आकर्षण का हिस्सा रहेंगे। इस रिट्रीट में पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता पर विशेष ध्यान दिया गया है। लगभग 2,500 वर्ग मीटर क्षेत्र में विकसित बटरफ्लाई गार्डन में 4,000 से अधिक पोषक एवं पराग प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं। यहां पहले से ही 40 से अधिक तितली प्रजातियां दर्ज की जा चुकी हैं। यह केंद्र शिक्षा एवं इंटरप्रिटेशन स्थल के रूप में पर्यटकों को तितलियों के जीवन चक्र की जानकारी प्रदान करेगा। इसके अलावा इस सीज़न में रॉक आर्ट इंटरप्रिटेशन ज़ोन, जो चतुर्भुज नाला की प्राचीन शैलचित्र कला से प्रेरित है, तथा बायोडायवर्सिटी वॉक जैसी गतिविधियां भी शामिल की गई हैं। पर्यटक इस रिट्रीट में गाइडेड बटरफ्लाई गार्डन टूर, नेचर वॉक, बर्ड वॉचिंग, वाटर स्पोर्ट्स (स्पीड बोट, बनाना राइड, जेट स्की, कयाकिंग) और हवाई एडवेंचर (हॉट एयर बैलूनिंग व पैरामोटरिंग) जैसी शानदार गतिविधियों का अनुभव लेकर प्रकृति के और करीब आ सकेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शहीद हुए वन कर्मचारियों को दी श्रद्धांजलि

प्राण न्यौछावर करने वाले तीन वनकर्मियों के परिवारों को मिलेगी एक एक लाख रुपए की अतिरिक्त सहायता वन एवं वन्यप्राणियों की सुरक्षा के लिए कर्मचारियों के त्याग और समर्पण पर सभी को गर्व भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वन एवं वन्यप्राणियों की सुरक्षा करते हुए प्राण न्यौछावर करने वाले शहीद वन कर्मचारियों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्ष 2025 में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के सुरक्षा श्रमिक स्व. नागेंद्र सिंह एवं वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व, सागर के वनपाल स्व. फूलसिंह रजक और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के स्थायी कर्मचारी स्व. हरिराम धुर्वे कर्त्तव्य का निर्वहन करते हुए शहीद हुए। इन वनकर्मियों का त्याग और समर्पण सदैव प्रेरक रहेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य शासन द्वारा शहीद वनकर्मियों के परिवारों को सहायता राशि के अतिरिक्त टाइगर फाउंडेशन सोसाइटी द्वारा  1-1 लाख रुपए की  अतिरिक्त आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार शहीद वनकर्मियों के परिजन के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

फ्लू से बचाव के लिए पंजाब में नई पाबंदियां, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया अलर्ट

अमृतसर  बाढ़ के बाद प्रभावित इलाकों में अलग-अलग प्रकार की बीमारियां फैलने का भय चेताया जा रहा था, जो सच होना शुरू हो गया है। बाढ़ प्रभावित गांव धारीवाल कलेर में ‘अफरीकी स्वाइन फ्लू’ बीमारी फैल गई है। इस गांव को बीमारी का केन्द्र घोषित कर दिया गया है। गांव के एक किलोमीटर के आस-पास संक्रमित जोन व एक से दस किलोमीटर के इलाके को निगरानी जोन घोषित कर दिया गया है। इस इलाके में जीवित या मुर्दा सूअर, सूअर का मास, सूअर के मास से तैयार की गई वस्तुएं लाने व ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सूअर के मास व मास से बनी वस्तुओं के आवागमन से अन्य इलाकों में भी बीमारी फैलने का डर है। ए.डी.सी. रोहित गुप्ता ने आदेश जारी करते हुए पशुपालन विभाग के डायरैक्टर को सरकारी आदेश लागू करवाने के लिए निर्देश दिए हैं। 8 नहीं 20 से ज्यादा स्थानों से टूटा था धुस्सी बांध जैसे-जैसे रमदास व अजनाला के इलाकों में पानी निकलता जा रहा है, वैसे-वैसे कई हैरानीजनक खुलासे होने शुरू हो गए हैं। प्रशासन मान रहा था कि घोनेवाला, कोट रजादा व माछीवाल के तीन बड़े पाड़ (फाड़) से धुस्सी बांध टूटा था और पांच अन्य स्थान भी थे जहां बांध टूटा था, लेकिन अब पता चला है कि धुस्सी बांध आठ स्थानों से नहीं, बल्कि 20 से ज्यादा स्थानों से टूटा था, जिसमें से रावी दरिया का पानी 200 से ज्यादा गांवों में फैल गया और हजारों हैक्टेयर फसल को बर्बाद कर दिया। जानकारी के अनुसार डी.सी. साक्षी साहनी की तरफ से ए.डी.सी. रोहित गुप्ता व अन्य अधिकारियों के साथ उन स्थानों का दौरा किया गया, जहां बांध को जोड़ने का काम चल रहा था। माछीवाला का धुस्सी बांध संत बाबा सुक्खा सिंह सरहाली कलां वाले, संत बाबा जगतार सिंह तरनतारन वाले, कार सेवा गुरु का बाग, सेना और समाजसेवी संस्थाओं की मदद से जोड़ दिया गया है। दूसरे स्थानों पर जहां बांध टूटा था, वहां काम जारी है और उनको जोड़ने में समय लग सकता है। डी.सी. ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बांध जोड़ने में जिस प्रकार की भी मदद चाहिए उसको प्रशासन देने के लिए तैयार है।

राजनीतिक दंगल अलौली में: चिराग पासवान vs पशुपति पारस के सिपाही

पटना  अलौली विधानसभा सीट खगड़िया लोकसभा के तहत आता है…अलौली सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है। 1962 और 1967 में अलौली सीट पर हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी कैंडिडेट मिश्री सदा ने जीत हासिल किया था। 1969 में अलौली सीट से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के कैंडिडेट रामविलास पासवान ने जीत हासिल कर लिया था। वहीं 1972 में अलौली विधानसभा सीट पर कांग्रेसी कैंडिडेट मिश्री सदा ने जनता का भरोसा हासिल किया था। 1977 में अलौली सीट से जनता पार्टी के कैंडिडेट पशुपति कुमार पारस ने जीत का परचम लहरा दिया था। 1980 में कांग्रेसी कैंडिडेट मिश्री सदा ने एक बार फिर खगड़िया में विरोधियों को मात दे दिया था। 1985 में यहां से लोक क्रांति दल के टिकट पर पशुपति कुमार पारस ने जीत हासिल किया था। इसके बाद अलौली सीट पर पशुपति कुमार पारस ने अपना वर्चस्व बना लिया था। 1990 और 1995 में हुए विधानसभा चुनाव में अलौली सीट पर जनता दल के टिकट पर पशुपति कुमार पारस ने जीत हासिल किया था। वहीं 2000 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू के टिकट पर पशुपति कुमार पारस ने जीत का सिलसिला कायम रखा था। 2005 में अलौली सीट से लोजपा कैंडिडेट पशुपति कुमार पारस ने फिर से जीत हासिल कर लिया था। 2010 में जेडीयू के कैंडिडेट राम चंद्र सदा ने अलौली में विरोधियों को मात दे दिया था। वहीं 2015 में आरजेडी कैंडिडेट चंदन कुमार ने अलौली सीट पर जीत हासिल कर लिया था। 2020 में अलौली में आरजेडी कैंडिडेट रामवृक्ष सदा ने विरोधियों को मात दे दिया था। वहीं, 2020 के चुनाव में अलौली सीट पर आरजेडी कैंडिडेट रामवृक्ष सदा ने जीत हासिल किया था। रामवृक्ष सदा को 47 हजार एक सौ 83 वोट मिला था तो जेडीयू कैंडिडेट साधना देवी 44 हजार चार सौ 10 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहीं थीं। इस तरह से रामवृक्ष सदा ने साधना देवी को दो हजार सात सौ 73 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं एलजेपी कैंडिडेट रामचंद्र सदा 26 हजार तीन सौ 86 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे। वहीं, 2015 के विधानसभा चुनाव में अलौली सीट से आरजेडी कैडिडेट चंदन कुमार ने जीत हासिल किया था। चंदन कुमार को 70 हजार पांच सौ 19 वोट मिला  था तो एलजेपी कैंडिडेट पशुपति कुमार पारस को 46 हजार 49 वोट ही मिल पाया था।इस तरह से चंदन कुमार ने पशुपति कुमार पारस को 24 हजार चार सौ 70 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था। वहीं सीपीआई के कैंडिडेट मनोज सदा, 7 हजार 87 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। वहीं 2010 के विधानसभा चुनाव में अलौली सीट पर जेडीयू कैंडिडेट रामचंद्र सदा ने जीत हासिल किया था। रामचंद्र सदा को 53 हजार सात सौ 75 वोट मिला था तो एलजेपी कैंडिडेट पशुपति कुमार पारस ने 36 हजार दो सौ 52 वोट हासिल किया था। इस तरह से रामचंद्र सदा ने पशुपति कुमार पारस को 17 हजार पांच सौ 23 वोट से हरा दिया था। वहीं एसएचएस के कैंडिडेट हंस कुमार, 4 हजार 17 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। वहीं 2005 के विधानसभा चुनाव में अलौली सीट से एलजेपी कैंडिडेट पशुपति कुमार पारस ने जीत हासिल किया था।  पशुपति कुमार पारस को 40 हजार आठ सौ 70 वोट मिला था तो आरजेडी कैंडिडेट रामवृक्ष सदा को 32 हजार दो सौ 93 वोट मिला था। इस तरह से पशुपति कुमार पारस ने रामवृक्ष सदा को 8 हजार पांच सौ 77 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं जेडीयू कैंडिडेट राज कुमारी,  14 हजार दो सौ 60 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहीं थीं। अलौली सीट पर इस बार पासवान परिवार के दो युवा नेता चुनाव लड़ सकते हैं। चर्चा है कि चिराग पासवान अपने भांजे को यहां से चुनाव लड़ा सकते हैं। वहीं पशुपति पारस अपने बेटे को यहां से चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहे हैं। एक ही परिवार के दो दिग्गज युवा चेहरे में जनता किसे अपना समर्थन देगी ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा- पीएम मित्रा पार्क से क्षेत्र का होगा समग्र विकास

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का 17 सितंबर को धार जिले के ग्राम भैंसोला में प्रस्तावित आगमन अत्यंत गौरवपूर्ण क्षण है। उन्होंने कहा कि पीएम मित्रा पार्क के ज़रिए नया दौर आने वाला है, जिससे क्षेत्र के विकास में सकारात्मक बदलाव आएगा। यह अवसर प्रदेश के किसानों, महिलाओं और आम नागरिकों के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा। प्रधानमंत्री का दौरा पीएम मित्रा पार्क का भूमिपूजन के अलावा स्वस्थ नारी-सशक्त परिवार अभियान की शुरुआत भी करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 17 सितंबर को प्रस्तावित प्रधानमंत्री श्री मोदी के दौरे को लेकर धार जिले के ग्राम भैंसोला में गुरूवार को कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों को सभी व्यवस्थाएं सुव्यवस्थित और समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम राज्य के समग्र विकास में मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पीएम मित्रा पार्क का निर्माण प्रधानमंत्री जन-कल्याण के उद्देश्य को साकार करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि देशभर में सात पीएम मित्रा पार्क बनेंगे, जिनमें से सबसे पहले मध्यप्रदेश पार्क का भूमि-पूजन प्रधानमंत्री श्री मोदी करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह क्षेत्र कपास की खेती के लिए प्रसिद्ध है और अब कृषि आधारित उद्योगों के विस्तार से किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे। पार्क के प्रारंभ हो जाने पर इससे लगभग 6 लाख किसानों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा और एक लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार भी प्रदान किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यक्रम स्थल की सजावट, मंच व्यवस्था, बैठने की व्यवस्था, ध्वनि और प्रकाश व्यवस्था सहित सभी व्यवस्थाओं का व्यक्तिगत रूप से अवलोकन करें। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने को कहा। पुलिस विभाग, सुरक्षाबल एवं अन्य संबंधित एजेंसियों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि प्रधानमंत्री के आगमन से पहले हर प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कार्यक्रम स्थल, प्रधानमंत्री के आवागमन मार्ग और आसपास के क्षेत्रों में विशेष निगरानी व्यवस्था लागू की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आम जनता को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को यातायात प्रबंधन का प्रभावी ढंग से संचालन करने के निर्देश दिए जिससे जनता को सुचारू आवागमन की सुविधा मिल सके। उन्होंने नागरिकों से भी सहयोग की अपील की, जिससे आयोजन सुरक्षित, भव्य और सफलतापूर्वक संपन्न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के दौरे से प्रदेश में किसान आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि पीएम मित्रा पार्क की सौगात से भैंसोला क्षेत्र में सामाजिक, आर्थिक और कृषि क्षेत्र में समग्र विकास की नई दिशा मिलेगी। प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन श्री राघवेन्द्र सिंह और धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने कार्यक्रम की तैयारियों और व्यवस्थाओं की जानकारी दी। सोयाबीन फसल के नुकसान सर्वे के निर्देश मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि जिन जिलों में सोयाबीन की फसल में मोजेक बीमारी के कारण नुकसान हुआ है। वहां तत्काल सर्वेक्षण प्रारंभ किया जाए। उन्होंने कलेक्टरों से मुआवजे की प्रक्रिया को प्रभावी रूप से पूरा करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, श्री चेतन्य कुमार काश्यप, सुश्री निर्मला भूरिया, केंद्रीय राज्यमंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर, श्री हेमंत खंडेलवाल, सांसद श्री सुधीर गुप्ता, विधायक सर्वश्री हितानंद शर्मा, राजेन्द्र गुप्ता, मथुरालाल डामोर, जितेन्द्र पंडया, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सरदार सिंह मेढ़ा, धार विधायक श्रीमती नीना वर्मा, श्री नीलश भारती, श्री राजवर्धन दत्तीगांव समेत जनप्रतिनिधिगण, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।  

ब्रिटेन पीएम की कार्रवाई: एपस्टीन कनेक्शन के कारण अमेरिका में राजदूत मैंडेलसन हटाए गए

ब्रिटेन  ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने गुरुवार को जेफरी एपस्टीन से संबंधों के कारण अमेरिका में ब्रिटिश राजदूत पीटर मैंडेलसन को पद से हटा दिया। 'हाउस ऑफ कॉमन्स' में विदेश कार्यालय मंत्री स्टीफन डौटी ने एक बयान में कहा कि यह निर्णय मैंडेलसन द्वारा एपस्टीन को भेजे गए ईमेल के सामने आने के बाद लिया गया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि मैंडेलसन द्वारा लिखे गए ईमेल में नई जानकारी के आधार पर, प्रधानमंत्री ने विदेश सचिव से उन्हें राजदूत पद से हटाने का अनुरोध किया। बयान में कहा गया कि ईमेल से पता चलता है कि मैंडेलसन और एपस्टीन के बीच संबंध उनकी नियुक्ति के समय ज्ञात जानकारी से कहीं अधिक गहरे थे। मैंडेलसन और एपस्टीन के गहरे संबंध गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर की सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लेबर नेता मैंडेलसन को एपस्टीन के साथ अपने संबंधों को लेकर सवालों का सामना करना पड़ा था। एक जन्मदिन पर लिखी गई पुस्तक के विमोचन के दौरान उनका एक पत्र सामने आया, जिसमें उन्होंने एपस्टीन को 'मेरा सबसे अच्छा दोस्त' कहा था। ब्रिटिश विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को घोषणा की कि नए ईमेल, जो मैंडेलसन और एपस्टीन के गहरे संबंधों को दर्शाते हैं, के आधार पर प्रधानमंत्री स्टार्मर ने विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली को उन्हें पद से हटाने का निर्देश दिया। 'द सन' का चौंकाने वाला खुलासा मंत्रालय ने कहा कि ये ईमेल मैंडेलसन के राजदूत नियुक्ति के समय ज्ञात संबंधों से कहीं अधिक घनिष्ठता दर्शाते हैं। सबसे चौंकाने वाला खुलासा 'द सन' अखबार की रिपोर्ट से आया, जिसमें प्रकाशित ईमेल में दिखाया गया कि मैंडेलसन एपस्टीन को 'शीघ्र रिहाई के लिए लड़ने' के लिए प्रोत्साहित कर रहे थे। एक ईमेल में मैंडेलसन ने एपस्टीन से कहा था कि मैं तुम्हारे बारे में बहुत सोचता हूं। एपस्टीन मामला क्या है? जेफरी एपस्टीन एक करोड़पति फाइनेंसर था। उस पर किशोरियों के यौन शोषण और तस्करी के आरोप थे। 2019 में उसे गिरफ्तार किया गया, लेकिन मैनहटन जेल में मुकदमे से पहले उसने आत्महत्या कर ली। इससे पहले 2008 में उसे एक नाबालिग से वेश्यावृत्ति कराने के लिए 18 महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी। उस पर नाबालिग लड़कियों को मसाज के बहाने पैसे देकर यौन शोषण करने का आरोप था।

स्वदेशी तकनीक ने दिखाई ताकत: ऑपरेशन सिंदूर में ‘संभव’ फोन से आतंकवादियों को मात

नई दिल्ली  भारतीय सेना ने हाल ही में एक खुफिया और सफल मिशन 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम दिया है, जिसने भारत की सुरक्षा क्षमताओं में एक नया मील का पत्थर जोड़ा है। इस ऑपरेशन में, जवानों ने विदेशी ऐप्स जैसे व्हाट्सएप (WhatsApp) की जगह स्वदेशी और पूरी तरह से सुरक्षित 'संभव' फोन का इस्तेमाल किया। यह कदम भारत की सुरक्षा के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा बदलाव है। 'ऑपरेशन सिंदूर' क्या था? मई 2025 में हुए इस ऑपरेशन का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेना था। इस हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और गुलाम कश्मीर में घुसकर 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इस ऑपरेशन को 'ग्रे जोन' ऑपरेशन बताया, जिसमें थल सेना, वायु सेना और नौसेना ने मिलकर काम किया। 'संभव' फोन क्यों बना हीरो? किसी भी खुफिया ऑपरेशन में सबसे बड़ी चुनौती होती है, संचार को सुरक्षित रखना। पहले भारतीय सेना के अधिकारी बातचीत के लिए व्हाट्सएप जैसे विदेशी ऐप्स का इस्तेमाल करते थे, जिससे जासूसी और डेटा लीक होने का खतरा बना रहता था। 'संभव' (Secure Army Mobile Bharat Version) फोन ने इस खतरे को खत्म कर दिया। यह फोन पूरी तरह से भारत में बनाया गया है और इसकी सुरक्षा इतनी मजबूत है कि इसे हैक करना लगभग नामुमकिन है। 'एम-सिग्मा' (M-Sigma) ऐप: इस फोन में एक खास ऐप है, जो बिल्कुल व्हाट्सएप की तरह काम करता है, लेकिन यह पूरी तरह से सुरक्षित है। जवान इसके जरिए बिना किसी डर के मैसेज, फोटो और वीडियो भेज सकते हैं। अटूट कनेक्शन: यह 5G टेक्नोलॉजी पर काम करता है और किसी भी नेटवर्क पर बिना रुकावट के चलता है। मल्टी-लेयर एन्क्रिप्शन: इसमें कई स्तरों की सुरक्षा कोडिंग है, जो बातचीत को पूरी तरह से गोपनीय रखती है। सेना प्रमुख ने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान कमांडरों से लेकर जवानों तक, सभी ने बातचीत और खुफिया जानकारी साझा करने के लिए केवल 'संभव' फोन का ही इस्तेमाल किया, जिससे ऑपरेशन को गुप्त रखने और तेजी से काम करने में मदद मिली।  

विदेश में सीक्रेट मीटिंग का आरोप, CRPF लेटर पर राहुल गांधी पर बीजेपी का निशाना

नई दिल्ली  सीआरपीएफ ने पत्र लिखकर दावा किया है कि राहुल गांधी ने अपनी आवाजाही के दौरान कथित तौर पर सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है। इस पर बीजेपी ने राहुल गांधी पर हमला बोला है और सवाल उठाया है कि आखिर विदेश यात्रा के दौरान ऐसा क्या होता है जिसके चलते राहुल को अपनी ही सुरक्षा पर भरोसा नहीं है। वे वहां कौन सी सीक्रेट मीटिंग करने जाते हैं और वहां से ऐसी कौन सी सामग्री आती है? सीआरपीएफ की वीआईपी सुरक्षा शाखा, लोकसभा में विपक्ष के नेता 55 वर्षीय राहुल गांधी को ‘जेड प्लस (एएसएल)’ सशस्त्र सुरक्षा प्रदान करती है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, "अगर राहुल गांधी विदेश यात्राओं के दौरान बार-बार सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हैं, तो कुछ सवाल उठते हैं। विदेशी यात्राओं के दौरान ऐसा क्या होता है कि उन्हें अपनी ही सुरक्षा पर भरोसा नहीं होता और वे प्रोटोकॉल तोड़ते हैं? क्या वहां से कोई मटेरियल, कंटेट आ रहा है? ऐसी बातें या मुलाकातें हो रही हैं, जिनका इस्तेमाल भारत में किया जा रहा है और यह किसी को पता न चले इसीलिए सिक्योरिटी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है?'' उन्होंने आगे पूछा, ''इससे पहले भी जब उनके पास एसपीजी सुरक्षा थी, तब इस तरह की चिंताएं उठाई गई थीं। वह विदेशी देशों में अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं… अगर कल को कुछ हुआ, तो क्या सुरक्षा एजेंसियों को दोषी ठहराया जाएगा? कांग्रेस को उनसे पूछना चाहिए कि वह विदेशी यात्राओं पर कौन सी गुप्त बैठकें करते हैं जिससे सुरक्षा का उल्लंघन होता है?" अर्धसैनिक बल की वीआईपी सुरक्षा शाखा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को एक पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि गांधी ने अपने घरेलू दौरे के दौरान और विदेश जाने से पहले, ‘‘बिना किसी सूचना के कुछ अनिर्धारित गतिविधियां कीं।’’ सूत्रों ने कहा कि नियमित रूप से इस तरह का संचार किया जाता है और सीआरपीएफ सुरक्षा शाखा द्वारा पहले भी राहुल गांधी की सुरक्षा के संदर्भ में ऐसा संचार किया गया था। बल ने रेखांकित किया है कि इस तरह की अघोषित गतिविधियां उच्च जोखिम वाले वीआईपी की सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा करती हैं। उसने कहा कि सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति और उसके कर्मचारियों द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन किया जाना चाहिए।