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AI से शिक्षा में क्रांति! कोटा में तैयार हो रहे हाई-टेक टीचर, छात्रों की सोच को भी करेंगे ट्रैक

कोटा  भारत की कोचिंग सिटी कही जाने वाली कोटा अब शिक्षा की दुनिया में नई क्रांति की ओर बढ़ रही है. यहां स्थापित की गई एआई लैब (सीपीएस मशीन) और आरएंडडी सेंटर में ऐसे हाई-फाई 'एडवांस टीचर' तैयार हो रहे हैं, जो केवल पढ़ाने तक सीमित नहीं रहेंगे बल्कि छात्रों के दिमाग को भी पढ़ सकेंगे. इस इनोवेटिव प्रोजेक्ट पर 1000 करोड़ से अधिक का निवेश किया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों पर पढ़ाई का दबाव कम करना और उन्हें ज्यादा स्मार्ट, आत्मविश्वासी और परफॉर्मेंस-ओरिएंटेड बनाना है. अब किताबें ही नहीं, दिमाग भी पढ़ेंगे टीचर कोटा की लैब में विकसित किए जा रहे यह फ्यूचर टीचर छात्रों की ताकत और कमजोरी को तुरंत पहचानने की क्षमता रखते हैं. ये पर्सनलाइज्ड और कस्टमाइज्ड स्टडी प्लान देंगे. हर विद्यार्थी के लिए अलग-अलग स्टडी रिपोर्ट तैयार करेंगे. परफॉर्मेंस-एफर्ट मैट्रिक्स जैसे आधुनिक टूल्स का इस्तेमाल करके यह पता करेंगे कि बच्चा किस चैप्टर में मजबूत है और कहां पीछे रह गया. सिर्फ इतना ही नहीं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की मदद से यह शिक्षक छात्रों की सोचने-समझने की क्षमता को विकसित करेंगे और उन्हें एक्स्ट्राऑर्डिनरी इंटेलिजेंट बनाने में मदद करेंगे. कैसे बदल रही है पढ़ाई की दुनिया कोटा में टीचर्स अब पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़कर एआई टूल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. प्रैक्टिस टेस्ट जनरेटर और पर्सनलाइज्ड डैशबोर्ड से छात्र की पढ़ाई का पूरा डेटा सामने आता है. वीआर/एआर सिमुलेशन के जरिए कठिन टॉपिक्स को 3D और विजुअलाइजेशन के साथ आसानी से समझाया जा रहा है. क्लास के तुरंत बाद पता चल जाता है कि बच्चे ने कितनी चीजें समझीं और किस हिस्से पर दोबारा मेहनत करनी है. छात्रों के लिए बड़ी सुविधा 1. स्मार्ट असाइनमेंट और माइक्रो टेस्ट – छात्र जैसे ही गलती करता है, तुरंत फीडबैक मिल जाता है. इससे बच्चा उसी समय अपनी कमी सुधार लेता है. 2. सीपीएस मशीन – हर स्टूडेंट की व्यक्तिगत क्षमता के आधार पर अलग-अलग प्रैक्टिस शीट और स्टडी प्लान तैयार करती है. 3. रीयल टाइम एनालिसिस – एक घंटे की क्लास खत्म होते ही शिक्षक को यह जानकारी मिल जाती है कि कितने बच्चों ने विषय को समझा और कितनों को अभी और गाइडेंस चाहिए. कभी भी डाउट क्लियर, दिन हो या रात एआई टीचर का सबसे बड़ा फायदा है कि स्टूडेंट किसी भी समय अपनी समस्या का समाधान पा सकता है. रात 2 बजे भी छात्र अपने फेवरेट टीचर के एआई अवतार से सवाल पूछ सकता है. डेढ़ घंटे की क्लास को 15 मिनट की शॉर्ट क्लिप में बदलकर आसानी से रिवीजन किया जा सकता है. लगातार ट्रैकिंग से यह देखा जा सकता है कि बच्चा कितने मिनट में एक सवाल हल करता है और कहां अटक जाता है. संस्थान की ओर से दावा मोशन कोचिंग संस्थान के कंटेंट हेड जयंत चित्तौड़ा का कहना है- "अब बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ उनकी सोच और समझ को पढ़ने का भी काम एआई टीचर कर रहे हैं. ये बच्चों की कमजोरियों को तुरंत डिटेक्ट कर उन्हें बार-बार ट्रेंड करते हैं, जब तक कि वे कमजोरी पूरी तरह खत्म न हो जाए. इससे छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ रहा है और उनकी परफॉर्मेंस लगातार सुधार रही है." आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने पढ़ाई को और ज्यादा प्रभावी, सटीक और व्यक्तिगत बना दिया है और यही वजह हे कि इससे स्टूडेंट का सिलेक्शन रेशों बढ़ा हे स्टूडेंट की रैंक इंप्रूवमेंट हुई हे आने वाले समय में जो ओर बदलाव होंगे तो ओर बेहतरी की उम्मीद लगाई जा सकती हे . परिणाम और भविष्य कोटा की इस पहल ने छात्रों के सिलेक्शन रेशो को बढ़ाया है और उनकी ऑल इंडिया रैंक में भी सुधार लाया है. विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में शिक्षा जगत में और भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने पढ़ाई को अधिक सटीक, व्यक्तिगत और प्रभावी बना दिया है. यह सिर्फ भविष्य की कहानी नहीं है, बल्कि कोटा में यह हकीकत बन चुकी है. आने वाले सालों में यह मॉडल न सिर्फ राजस्थान बल्कि पूरे भारत में शिक्षा की दिशा बदल सकता है.    

अलीराजपुर जिले का नाम अब हुआ ‘आलीराजपुर’

भोपाल राज्य शासन ने जिला अलीराजपुर का नाम परिवर्तित कर आलीराजपुर करने की अधिसूचना जारी की है। राजस्व विभाग द्वारा जारी नई अधिसूचना के अनुसार जिला अलीराजपुर का नाम अब "आलीराजपुर" होगा। यह निर्णय भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा 21 अगस्त 2025 को जारी अनापत्ति पत्र के आधार पर लिया गया है। यह अधिसूचना तत्काल प्रभाव से लागू होगी।  

‘राइज एंड फॉल’ बना दर्शकों की पहली पसंद, ‘बिग बॉस’ की TRP को कैसे दी मात?

मुंबई  इंडियन टीवी पर 'रियलिटी शोज का बाप' बस बिग बॉस को ही कहा गया है. लेकिन जबसे सलमान खान के शो ने हर सीजन बोरियत फैलाना शुरू किया है.लोग अब बिग बॉस को रियलिटी शो का किंग नहीं मानते. मार्केट में आए दिन कई नए और बेहतरीन शो आकर बिग बॉस को टीआरपी में पछाड़ रहे हैं. अब 1 हफ्ते पहले शुरू हुए अशनीर ग्रोवर के शो राइज एंड फॉल ने बिग बॉस को बुरी तरह पछाड़ा है. ओटीटी पर स्ट्रीम हो रहा ये शो ऑनलाइन शोज की टीआरपी में सब पर भारी पड़ा है. बिग बॉस को जहां बार्क रेटिंग में टॉप 10 शोज की लिस्ट में जगह नहीं मिल रही है. वहीं राइज एंड फॉल टीआरपी में नंबर 1 शो बना है. ये गुडन्यूज शो के होस्ट अशनीर ग्रोवर ने सुनाई है. अशनीर ने वीकेंड का पावर प्ले में कंटेस्टेंट्स को गुडन्यूज देते हुए कहा था- हमारे स्पॉनसर्स बढ़ रहे हैं. इसका मतलब ये है कि पैसे ज्यादा आ रहे हैं. पैसे ज्यादा कब आते हैं, जब शो चल रहा होता है. हम पिछले हफ्ते नंबर 1 शो बने. अशनीर ने पवन सिंह को हाई टीआरपी का भी क्रेडिट दिया. राइज एंड फॉल जबसे शुरू हुआ है इसकी बिग बॉस से तुलना हो रही है. इस रिपोर्ट में उन वजहों को जानते हैं जिसकी वजह से ये सलमान के शो को पछाड़ने में कामयाब हुआ है… पावरफुल कंटेस्टेंट्स किसी भी रियलिटी शो का फॉर्मेट, होस्ट और थीम कितने भी अच्छे क्यों ना हो जाए, जब तक कंटेस्टेंट्स स्ट्रॉन्ग नहीं होंगे, शो धमाल नहीं मचा सकता. बिग बॉस 19 के खिलाड़ी फुस्स पड़े हैं. वहीं राइज एंड फॉल की टीम ने तगड़े कंटेस्टेंट्स को शो में चुना है. धनश्री, अर्जुन बिजलानी, अरबाज पटेल के अलावा पावर स्टार पवन सिंह का दमखम शो में दिख रहा है. पवन सिंह भोजपुरी सिनेमा के वो स्टार हैं जिनके लोग दीवाने हैं. इंटरनेट पर जितने धड़ल्ले से उनकी क्लिप वायरल हो रही है, बिग बॉस के खिलाड़ी ट्रेंडिंग में उसका हाफ लेवल भी नहीं पहुंचे हैं.  यूनीक कॉन्सेप्ट बिग बॉस जहां रिश्तों, टास्क, राजनीति का खेल है. वहीं राइज एंड फॉल का कॉन्सेप्ट बिल्कुल अलग है. ये ज्यादा पैसे कमाने और सर्वाइवल का शो है. यहां बिग बॉस की तरह हाईवोल्टेज ड्रामा, फेक एंगल क्रिएट नहीं होते. ना ही किचन और राशन को लेकर झगड़े होते हैं. बिग बॉस के जबरन के झगड़ों और फेकनेस से ऑडियंस तंग आ गई है. अशनीर की एग्रेसिव होस्टिंग अशनीर ग्रोवर का अपना फैंडम है. शार्क टैंक इंडिया में भी वो अपने तीखे तेवरों की वजह से फेमस हुए थे. अब राइज एंड फॉल में उनके सटायर लोगों को भा रहा है. वीकेंड का पावर प्ले में अशनीर ने अपने तेवर दिखाते हुए अरबाज पटेल को निशाने पर लिया. उन्हें सबके सामने फटकार लगाई. अशनीर की बेधड़क होस्टिंग बज क्रिएट कर रही है. वहीं सलमान खान का होस्टिंग स्टाइल अब नरम पड़ चुका है.  इमोशनल एंगल बिग बॉस में जहां स्ट्रगलिंग एक्टर, यूट्यूबर्स और इंफ्लुएंसर्स को ज्यादा तवज्जो दिया गया है. उनके स्ट्रगल, इमोशनंस की कहानी में लोगों को ज्यादा इंटरेस्ट नहीं रहता.वहीं राइज एंड फॉल में बड़े सेलेब्स की कास्टिंग की गई है. धनश्री, अनाया बांगड़, पवन सिंह इनकी पर्सनल लाइफ की स्टोरीज में इंटरनेट पर गर्दा उड़ा रही है. पावर स्टार अपनी फैमिली, अफेयर पर जो भी कहते हैं वो वायरल हो जाता है. उनके बारे में जानने की लोगों में रुचि है. वहीं बिग बॉस में नेहल का फेक नरेशन, तान्या का फैंटेसी वर्ल्ड में जीना और कुनिका का बॉसी अंदाज लोगों के लिए ज्यादा अपीलिंग नहीं है.

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस: 1 अक्टूबर को होंगे सम्मान और जागरूकता से जुड़े विविध कार्यक्र

1 अक्टूबर को मनाया जाएगा अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस, बुजुर्गों के लिए आयोजित होंगे विविध आयोजन भोपाल  अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस एक अक्टूबर को मध्यप्रदेश में विशेष रूप से मनाया जाएगा। इस अवसर पर राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। दिवस का प्रमुख उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों की समाज में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना और उन्हें समावेशी भविष्य के निर्माण में सशक्त पहचान दिलाना है। कार्यक्रम की थीम “समावेशी भविष्य के लिए वृद्धजन की पहचान को सशक्त बनाना” निर्धारित की गई है। जिला स्तर पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम, संवाद सत्र एवं जनजागरूकता गतिविधियां आयोजित होंगी। इन आयोजनों का मुख्य फोकस यह रहेगा कि वृद्धजन केवल परिवार और समाज के अनुभव का आधार ही नहीं, बल्कि सक्रिय भागीदारी के माध्यम से समाज के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। विशेष आकर्षण के रूप में प्रत्येक जिले में ‘शतायु सम्मान’ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 100 वर्ष या उससे अधिक आयु पूर्ण कर चुके वृद्धजनों को सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जाएगा। इस पहल से राज्य सरकार का उद्देश्य बुजुर्गों के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता का संदेश देना है। सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती सोनाली वायंगणकर ने सभी जिला कलेक्टर और विभाग के जिला अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि कार्यक्रमों का स्वरूप स्थानीय परिस्थितियों और संसाधनों के अनुरूप तैयार किया जाए तथा प्रत्येक जिले में अधिक से अधिक वरिष्ठ नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए। अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के आयोजन से प्रदेश में न केवल वरिष्ठ नागरिकों के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता की भावना को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि समाज में उनके अनुभव और मार्गदर्शन की उपयोगिता को भी पुनः रेखांकित किया जाएगा। यह आयोजन प्रदेश की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसमें बुजुर्गों को समाज की धरोहर मानते हुए उन्हें सम्मान और सहयोग प्रदान करना सर्वोच्च प्राथमिकता है।  

राज्य सरकार का अहम फैसला, आउटसोर्स कर्मचारियों को समय पर वेतन भुगतान के निर्देश जारी

भोपाल  मध्य प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। राज्य शासन ने आउटसोर्स कर्मचारियों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।श्रम विभाग ने आउटसोर्स कर्मियों के वेतन की तिथि निर्धारित कर दी है। इसके तहत हर महीने की 7 से 10 तारीख के बीच सभी कर्मियों के वेतन का भुगतान करना होगा यह आदेश सभी शासकीय कार्यालयों, निगमों, मंडलों और प्राधिकरणों पर लागू होगा। हर माह की 7 से 10 तारीख के बीच वेतन भुगतान अनिवार्य श्रम विभाग के अपर सचिव बसंत कुर्रे ने बताया है कि शासकीय कार्यालयों, निगमों मंडलों और प्राधिकरणों में अगर 1000 से कम आउटसोर्स कर्मचारी कार्यरत हैं तो उन्हें भुगतान 7 तारीख तक किया जाना अनिवार्य है। इसी तरह 1000 से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी होने पर उन्हें माह की 10 तारीख तक वेतन का भुगतान किया जाना अनिवार्य है। इसके लिये विभाग ने एक व्हाट्सअप नंबर भी जारी किया है, ताकी कोई भी परेशानी आने पर कर्मचारी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं और फिर विभाग उसका समाधान करेगा।     7 तारीख तक वेतन: 1000 से कम आउटसोर्स कर्मचारी कार्यरत हैं तो उन्हें भुगतान 7 तारीख तक किया जाना अनिवार्य है।     10 तारीख तक वेतन: 1000 से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी होने पर उन्हें माह की 10 तारीख तक वेतन का भुगतान किया जाना अनिवार्य है। व्हाट्सअप नंबर जारी, कर सकते है शिकायत यदि किसी आउटसोर्स कर्मचारी को निर्धारित समय सीमा के भीतर वेतन प्राप्त नहीं होता है, तो उसके पास सीधे शिकायत दर्ज कराने का विकल्प उपलब्ध होगा।आउटसोर्स कर्मचारी शासन द्वारा संचालित WHATSAPP नंबर 07552555582 पर कर्मचारी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।विभाग उनकी शिकायत का संज्ञान लेकर आवश्यक कार्रवाई करेगा।

बीजामंडल में रोजाना पूजा की अनुमति को लेकर हाईकोर्ट में होगी सुनवाई

 विदिशा  विदिशा शहर के किलेअंदर स्थित बीजामंडल (विजय मंदिर) को लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। कोर्ट ने विदिशा निवासी शुभम वर्मा सहित पांच याचिकाकर्ताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया है। साथ ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से इस संबंध में जवाब मांगा है। याचिकाकर्ताओं में शामिल विदिशा निवासी शुभम वर्मा ने रविवार को यह जानकारी दी है। बीजामंडल को लेकर की जा रही मांगों के संबंध में शुभम ने बताया कि बीजामंडल के आगे मंदिर लिखे जाने और पूजा-अर्चना के लिए हर रोज गेट खोले जाने की मांग की जा रही है।  20 अगस्त को याचिका की थी दायर, कोर्ट ने किया मंजूर इसको लेकर 20 अगस्त को हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। पैरवी कर रहे अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के अनुसार कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है। आठ सितंबर को याचिका स्वीकृत किए जाने संबंधित पत्र भी प्राप्त हुआ है। शुभम के अनुसार इस मामले में प्रथम याचिकाकर्ता हरिशंकर जैन है। जबकि स्वयं शुभम द्वितीय याचिकाकर्ता हैं। इसके अलावा राकेश, मनी व राहुल का नाम भी संयुक्त रूप से दायर की गई याचिका में शामिल है। हरिशंकर जैन अधिवक्ता है और अयोध्या राममंदिर के पक्ष में याचिकाकर्ता भी रहे है। काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर दायर की गई याचिका में भी उनका नाम याचिकाकर्ताओं में शामिल है। पिछले कई वर्षों से गेट खोलने की मांग शुभम ने बताया कि बीजामंडल को लेकर उनके द्वारा कई बार कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है। हर रोज पूजा के लिए गेट खोलने की मांग की गई है, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इसलिए उन्होंने न्यायालय की शरण ली। उन्होंने बताया कि पिछले एक वर्ष से वह बीजामंडल को लेकर अध्ययन करते हुए कई साक्ष्य जुटाए हैं। साक्ष्यों के साथ ही न्यायालय में 118 पेज की याचिका लगाई गई है। दावा है कि 1962 में बीजामंडल मंदिर को तोड़ दिया गया। कई वर्षों तक मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्तियां थी, जिसे संग्रहालय में रखवा दिया गया है। बीजामंडल मंदिर के रूप में प्रतिष्ठित हो, इसके लिए न्यायालय की शरण ली गई है।

23 सितंबर से कोडरमा में सांसद खेल महोत्सव, विविध खेल प्रतियोगिताओं का भी आयोजन

कोडरमा झारखंड के कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में 23 सितंबर से सांसद खेल महोत्सव की भव्य शुरुआत होगी, जो 25 दिसंबर तक चलेगा। सांसद खेल महोत्सव के तहत आठ प्रकार के विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्थानीय और ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा। आज इस महोत्सव का पोस्टर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री तथा कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी ने विभिन्न खेल संघों के पदाधिकारियों के साथ मिलकर जारी किया। सांसद खेल महोत्सव के दौरान कई खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। 23 सितंबर से 25 अक्टूबर तक फुटबॉल टूर्नामेंट संपन्न होगा। इसके बाद 6 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक खो-खो, लगोरी और कबड्डी प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। इसी के साथ 1 से 4 नवंबर तक बैडमिंटन की प्रतियोगिताएं, 6 से 10 नवंबर वॉलीबॉल, 9 नवंबर को टेबल टेनिस, तथा 10 से 15 नवंबर तक शतरंज और एथलेटिक्स में प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की जाएंगी। यह आयोजन स्थानीय खेल प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान करेगा और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का अवसर देगा। केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सांसद खेल महोत्सव की शुरुआत 2014 में हुई थी। इसका उद्देश्य खेलो इंडिया और फिट इंडिया मूवमेंट के अंतर्गत स्थानीय खेलों और खिलाड़यिों को मजबूत बनाना है। इस महोत्सव के माध्यम से ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की खेल प्रतिभाओं को खोजकर उन्हें आगे बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है। हर साल सभी संसदीय क्षेत्रों में इसी तरह के आयोजन बड़े पैमाने पर होते हैं।

SC के फैसले पर BJP की प्रतिक्रिया: मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, वक्फ संपत्तियों से हटेगा अवैध कब्जा

भोपाल  भारत की सर्वोच्च अदालत ने यानि सुप्रीम कोर्ट ने आज वक्फ़ बोर्फ संशोधन अधिनियम 2025 पर अपना निर्णय सुना दिया, कोर्ट ने वक्फ़ कानून से जुडी कुछ धाराओं पर रोक लगा दी है लेकिन पूरे कानून पर रोक नहीं लगाई, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भाजपा ने स्वागत किया है, मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा अब वक्फ संपत्तियों पर हुए कब्जे हटेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने ये कहा फैसले में  CJI बीआर गवई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि वक्फ संपत्तियों को लेकर कलेक्टर के अधिकारों पर सुप्रीम  कलेक्टर का फैसला अंतिम फैसला नहीं होगा, इसके साथ ही सर्वोच्च अदालत ने वक्फ़ संशोधन अधिनियम 2025 की उस प्रावधान पर रोक लगा दी है, जिसमें वक्फ़ बनाने के लिए किसी व्यक्ति का 5 वर्षों तक इस्लाम का अनुयायी होना आवश्यक बताया गया था। अदालत ने कहा कि यह रोक तब तक लागू रहेगी जब तक राज्य सरकारें यह निर्धारित करने के लिए नियम नहीं बना लेतीं कि कोई व्यक्ति इस्लाम का अनुयायी है या नहीं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला सकारात्मक परिणाम देगा  सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि ये फैसला निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम देगा,  उन्होंने कहा वक्फ संपत्तियों पर चंद लोगों ने बेजा कब्जा कर रखा था l वक्फ संपत्ति का उपयोग उन लोगों के लिए होना चाहिए जिन्हें इन संपत्तियों के माध्यम से सहायता की जरूरत है। कुछ मुस्लिम नेताओं ने मारा गरीबों का हक़  उन्होंने कहा गरीब लावारिस बच्चों को पनाह देना, शिक्षा देना इसके लिएय वक्फ़ संपत्तियों का इस्तेमाल होना चाहिए लेकिन चंद मुस्लिम नेताओं ने अपने बच्चों के ऐशो आराम के लिए इन संपत्तियों का इस्तेमाल किया था, अब जब कानून वक्फ कानून तो उनके पेट में दर्द हुआ था। वक्फ़ संपत्तियों से हटेगा बेजा कब्ज़ा  आज सुप्रीम कोर्ट ने गलत मंतव्य से लगाई गई याचिकाओं को आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है उसने कहा जो कानून बना है उस पर रोक नहीं  सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद वक्फ संपत्तियों पर लोगों ने अपने वुँक्तिगत हित साधने के लिए बेजा कब्ज़ा किया था अब वो हटेगा।  

तेजस्वी ने क्यों चुनी राहुल से अलग राह? कांग्रेस बहिष्कार के बाद महागठबंधन पर मंडराया संकट

पटना  क्या बिहार महागठबंधन में सब कुछ ठीक है? यह सवाल तब से खड़ा होना शुरू हुआ है जब से तेजस्वी यादव ने अपनी अलग ‘बिहार अधिकार यात्रा’ निकालने की घोषणा की है. अब तक महागठबंधन के प्रमुख दल राजद और कांग्रेस के बीच की खटपट साफ तौर पर सियासी सतह पर दिखाई देने लगी है. हाल में ही इसकी एक बानगी बिहार के औरंगाबाद में तब दिखी जब कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम के आमंत्रण के बावजूद राजद का कोई भी नेता वहां नहीं पहुंचा. जानकारी के अनुसार, औरंगाबाद के कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र में बीते 13 दिसंबर को एक सम्मेलन बुलाया गया था. कांग्रेस अध्यक्ष के बुलाए गए इस सम्मेलन में राजद नेताओं के नहीं आने से कांग्रेस के अंदर इसको लेकर भारी नाराजगी देखी जा रही है. खास बात यह है कि अब इसी विवाह भवन में आरजेडी सम्मेलन अपना सम्मेलन कर रहा है. सवाल यह है कि क्या कांग्रेस और राजद के भीतर तल्खी इतनी बढ़ गई हैं कि दोनों दलों के बीच की दरारें साफ-साफ नजर आने लगी हैं! कांग्रेस का आमंत्रण और राजद का बहिष्कार दरअसल, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम के आयोजित सम्मेलन में राजद के नेताओं के नहीं पहुंचने की खबर ने गठबंधन के उठापटक को और हवा दी है. बता दें कि राजद के नेता तेजस्वी यादव 16 सितंबर से अपनी अलग राजनीतिक यात्रा निकाल रहे हैं. बताया जा रहा है कि यह स्थिति कांग्रेस के तेवरों को भांपते हुए गठबंधन में राजद के अलगाव की स्थिति की ओर इशारा कर रही है. तेजस्वी यादव के अलग कार्यक्रम और इससे पहले औरंगाबाद में कांग्रेस के कार्यक्रम का राजद नेताओं के बायकाट के साथ ही राजद की ‘एकला चलो’ वाली सक्रियता यह संकेत दे रही है कि महागठबंधन में कुछ तो गड़बड़ है. बताया जा रहा है कि तेजस्वी यादव को महागठबंधन का सीएम फेस घोषित नहीं किये जाने से आरजेडी असंतुष्ट है. जानकारों की नजर में कांग्रेस-आरजेडी की इस तल्खी से महागठबंधन में समन्वय बिगड़ रहा है और सहयोगी दलों के बीच दूरियां बढ़ रही हैं. तेजस्वी की बिहार यात्रा का रोडमैप तेजस्वी यादव की मंगलवार से शुरू हो रही 'बिहार अधिकार यात्रा' का आगाज़ जहानाबाद से होगा. इसके बाद तेजस्वी नालंदा, पटना, बेगूसराय, खगड़िया, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, समस्तीपुर के रास्ते वैशाली तक का सफर तय करेंगे. इस तरह तेजस्वी यादव अपनी यात्रा के दौरान नीतीश कुमार के गढ़ नालंदा जिले से होकर गुजरेंगे तो गिरिराज सिंह के गढ़ बेगूसराय और पप्पू यादव के मधेपुरा और सुपौल की यात्रा भी करेंगे. बिहार के जिन जिलों से होकर तेजस्वी यादव गुजरेंगे, वो इलाका बीजेपी और जेडीयू का मजबूत गढ़ माना जाता है. इस तरह से एक बात साफ है कि तेजस्वी 'बिहार अधिकार यात्रा' के जरिए अपने कमज़ोर माने जाने वाले गढ़ में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर आरजेडी के पक्ष में सियासी माहौल बनाने की कवायद करेंगे. तेजस्वी को क्यों निकालनी पड़ रही यात्रा? राहुल गांधी की यात्रा समाप्त हुए अभी 15 दिन ही गुज़रे हैं कि तेजस्वी यादव अकेले बिहार यात्रा पर निकलने जा रहे हैं. राहुल गांधी के साथ तेजस्वी ने वोटर अधिकार यात्रा के जरिए 1300 किलोमीटर का सफर तय किया है और अब तेजस्वी अकेले दस जिलों की यात्रा पर निकल रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो राहुल गांधी ने अपनी वोटर अधिकार यात्रा से बिहार कांग्रेस में एक नई जान फूँक दी है. राहुल गांधी के साथ यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव को भी प्रमुखता मिली, लेकिन कांग्रेस के बड़े नेताओं ने भी जनता का ध्यान अपनी तरफ खींचा. राहुल की यात्रा का सियासी लाभ आरजेडी को कम, कांग्रेस को ज़्यादा मिला है. यात्रा से कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं और सीट शेयरिंग से लेकर मुख्यमंत्री चेहरे के सवाल पर अपनी मर्ज़ी की बात रख रही है. कांग्रेस यह बताने में जुट गई है कि वो आरजेडी के बैसाखी के सहारे नहीं, बल्कि उसका अपना जनाधार और राजनीतिक कद है. राहुल गांधी ने अपने भाषणों से जनता को यह संदेश दिया कि कांग्रेस बिहार के मुद्दों को लेकर गंभीर है. तेजस्वी यादव अकेले यात्रा निकालकर आरजेडी नेताओं और कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने की रणनीति अपनाए हैं. यही वजह है कि आरजेडी की तरफ से तेजस्वी के यात्रा का संदेश सिर्फ पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को भेजा गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि तेजस्वी यादव अपनी खुद की यात्रा से यह साबित करना चाहते हैं कि वह महागठबंधन के निर्विवाद नेता हैं और मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में जनता की पहली पसंद हैं. तेजस्वी जनता से सीधे जुड़ने का प्लान तेजस्वी यादव अपनी यात्रा के जरिए एक तरफ जहां अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ-साथ जनता से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं. आरजेडी नेता संजय यादव कहते हैं कि राहुल गांधी के साथ जो यात्रा थी, वो एसआईआर के मुद्दे पर रही है. वह वोटर अधिकार यात्रा थी और अब तेजस्वी बिहार के अधिकार के लिए यात्रा पर निकल रहे हैं. संजय कहते हैं कि तेजस्वी यादव अपनी यात्रा के दौरान किसान, नौजवान, महिलाएं, बुजुर्ग और रोज़गार के मुद्दे को उठाएंगे और लोगों के साथ संवाद करेंगे. चुनाव के दौरान हर पार्टी अपने लिहाज़ से रणनीति बनाती है, उसी तरह आरजेडी ने अपनी रणनीति बनाई है. तेजस्वी की लोकप्रियता बिहार में सबसे ज़्यादा है और वे प्रदेश के सभी क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं, जनता से सीधे संवाद कर रहे हैं. वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेजस्वी का यह कदम सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है. तेजस्वी अपने पिता आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की तरह जनता से सीधे तौर पर संवाद और उनसे जुड़ना चाहते हैं. लालू यादव भी हमेशा यात्राओं और रैलियों के जरिए लोगों से सीधे संवाद करते थे. तेजस्वी की यह यात्रा लालू की उस विरासत को आगे बढ़ाने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है. आरजेडी ने तेजस्वी की यात्रा को लेकर पूरी ताकत झोंक दी है. पार्टी ने सभी जिलाध्यक्षों और विधायकों को साफ निर्देश दिया है कि वे तैयारी में कोई कसर न छोड़ें. यात्रा जिन-जिन विधानसभा क्षेत्रों से गुज़रेगी, वहाँ पर भीड़ जुटाएँ ताकि तेजस्वी यादव जनता से सीधे संवाद कर सकें. खास बात यह होगी कि … Read more

MP में भारी बारिश की संभावना, 13 जिलों में जारी किया अलर्ट

भोपाल   मध्य प्रदेश में लो प्रेशर एरिया की एक्टिविटी की वजह से बारिश का दौर चल रहा है। सोमवार को इंदौर, धार, बड़वानी, खरगोन, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा और सिवनी में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। ग्वालियर-चंबल संभाग में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है।अगले 2 दिन भी तेज बारिश हो सकती है। भोपाल में हुई घंटा तेज बारिश  रविवार को दोपहर में भोपाल में करीब एक घंटा तेज बारिश हुई। जबलपुर, बैतूल, पचमढ़ी, राजगढ़ में भी बारिश का दौर चला। नर्मदापुरम के इटारसी में भी तेज पानी गिरा।खरगोन, खंडवा, डिंडौरी, मंडला, शहडोल, अनूपपुर, नर्मदापुरम, सागर, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, रीवा, सतना, मैहर, पन्ना, बुरहानपुर, बालाघाट, सिवनी, पांढुर्णा, जबलपुर, कटनी, दमोह समेत कई जिलों में हल्की बारिश हुई। प्रदेश में अब तक औसतन 42 इंच बारिश दर्ज मध्यप्रदेश में अब तक औसत 42 इंच बारिश हो चुकी है। जबकि अब तक 34.9 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 7.1 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। यह कोटा पिछले सप्ताह ही पूरा हो गया है। इस सीजन में इंदौर और उज्जैन संभाग की स्थिति ठीक नहीं है। यहां सबसे कम पानी गिरा है। सबसे कम बारिश वाले टॉप-5 जिलों में बुरहानपुर, बड़वानी, खंडवा खरगोन और शाजापुर शामिल हैं। जबकि जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हुई है। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़, उमरिया समेत कई जिलों में बाढ़ आ गई।ग्वालियर-चंबल में भी मानसून जमकर बरसा है। यहां के सभी 8 जिलों में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। इनमें ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर शामिल हैं।