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सेल का iPhone असली या नकली? इन 3 तरीकों से करें पहचानें

नई दिल्ली फेस्टिवल सीजन की शुरुआत हो चुकी है। फ्लिपकार्ट की बिग बिलियन डे सेल और अमेजन की ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल से लोग खरीदारी कर रहे हैं। इन सेल्स में आप में से कई लोग iPhone पहले ही ऑर्डर कर चुके होंगे। जिन्होंने नहीं किया है, वे आईफोन ऑर्डर करने की सोच रहे होंगे। लेकिन जब बात ज्यादा कीमत वाले फोन की होती है तो हर किसी के मन में डर रहता है कि उन्हें कोई चूना न लगा दें। ऑनलाइन ऑर्डर करने में थोड़ा संकोच होना स्वाभाविक है। अच्छी बात ये है कि ओपन-बॉक्स डिलीवरी में डिलीवरी पर्सन यह सुनिश्चित करता है कि फोन सही हालत में हो, तभी आप OTP देते हैं। फिर भी,कुछ आसान तरीके हैं, जिनसे आप यह पक्का कर सकते हैं कि आपको असली और नया iPhone मिला है। सीरियल नंबर की जांच करें जब आपका iPhone ओपन-बॉक्स डिलीवरी में आए, तो सबसे पहले फोन के बॉक्स पर लिखा सीरियल नंबर चेक करें। डिलीवरी पर्सन आपको फोन चेक करने के लिए कहेगा। वह न कहे तो भी आपको इसकी जांच तो करनी है कि। इसके लिए आप इस सीरियल नंबर को ऐपल की ऑफिसियल वेबसाइट पर डालें। वहां आपको पता चलेगा कि फोन पहले से एक्टिवेट किया गया है या नहीं। अगर सेलर ने आपको पहले से एक्टिवेट किया हुआ फोन दिया है, तो आप डिलीवरी स्वीकार करने से ही बना कर दें। यदि यह लिखा आता है कि 'डिवाइस नॉट एक्टिवेटेड', इसका मतलब फोन बिल्कुल नया है। मॉडल नंबर की जांच करें मॉडल नंबर को चेक करना भी जरूरी है। मॉडल नंबर से भी आपको पता लग सकता है कि आपके पास जो डिवाइस आया है, वह फ्रेश है या नहीं। अगर मॉडल नंबर M से शुरू होता है, तो यह ज्यादातर नया फोन होता है। अगर यह F से शुरू होता है, तो फोन रीफर्बिश्ड है। N का मतलब है कि यह रिप्लेसमेंट डिवाइस है। P का मतलब है कि यह पर्सनलाइज्ड डिवाइस है। साथ ही, मॉडल नंबर के अंत में H/NA होना चाहिए, जो यह दिखाता ह कि फोन भारत में बिक्री के लिए बनाया गया है, न कि कोई डेमो मॉडल है। IMEI नंबर का मिलान करें आप अपने फोन के IMEI नंबर की जांच कर भी फोन की Authenticity पता कर सकते हैं। इसके लिए फोन के बॉक्स पर लिखे सीरियल नंबर और IMEI नंबर को फोन के साथ मिलान करके देखें। फोन को जल्दी से एक्टिवेट करें, साइन इन करें और फिर सेटिंग्स में जाकर चेक करें कि फोन का IMEI नंबर और सीरियल नंबर बॉक्स पर लिखे नंबरों से मेल खाते हैं या नहीं। अगर ये नंबर मेल खाते हैं, तो आप निश्चिंत हो सकते हैं कि आपको वही फोन मिला है जो बॉक्स में होना चाहिए।

ED की बड़ी कार्रवाई: यूनिवर्सल बिल्डवेल प्रमोटरों की 153 करोड़ की संपत्ति हुई जब्त

गुरुग्राम   प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हरियाणा के गुरुग्राम में यूनिवर्सल बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व प्रमोटरों की 153.16 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क कर बड़ी कार्रवाई की है। गुरुग्राम स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय ने कंपनी और उसकी समूह संस्थाओं के पूर्व प्रमोटरों एवं उनके सहयोगियों की कुल 153.16 करोड़ रुपए की अचल और चल संपत्तियां अस्थायी रूप से कुर्क कर ली हैं। ईडी के अनुसार, कुर्क की गई संपत्तियों में राजस्थान के कोटपुतली-बहरोड़ इलाके की 29.45 एकड़ जमीन, गुरुग्राम सेक्टर-49 स्थित यूनिवर्सल ट्रेड टॉवर की कई इकाइयां तथा 3.16 करोड़ रुपए की सावधि जमा (एफडी) शामिल हैं। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत 17 सितंबर 2025 को जारी अंतरिम कुर्की आदेश के आधार पर की गई है। इसके साथ ही, ईडी ने 19 सितंबर 2025 को गुरुग्राम की विशेष पीएमएलए अदालत में पूर्व प्रमोटरों और उनके सहयोगियों को आरोपी बनाते हुए अभियोजन शिकायत भी दर्ज की है। यह जांच दिल्ली-एनसीआर में यूनिवर्सल बिल्डवेल और उसके प्रमोटरों रमन पुरी, विक्रम पुरी और वरुण पुरी के खिलाफ दर्ज 30 से अधिक आपराधिक एफआईआर के आधार पर की जा रही है। आरोप है कि कंपनी ने रियल एस्टेट परियोजनाओं को समय पर पूरा नहीं किया और घर खरीदारों एवं निवेशकों को धोखा देकर करोड़ों रुपए का वित्तीय नुकसान पहुंचाया। ईडी ने 22 जुलाई 2025 को तीनों प्रमोटरों और पूर्व निदेशकों को पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया था, जो वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। कंपनी को बाद में कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) में ले जाया गया, जिसमें राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने घर खरीदारों और वित्तीय लेनदारों के हित में एक समाधान योजना को मंजूरी दी। इसके बावजूद, घर खरीदारों को अपनी संपत्ति हासिल करने के लिए अतिरिक्त धनराशि देना पड़ रही है।   समाधान पेशेवरों के आंकड़ों के अनुसार, कंपनी और उसके प्रमोटरों ने गुरुग्राम और फरीदाबाद की आठ परियोजनाओं में पिछले 12 वर्षों में 1000 करोड़ रुपए से अधिक घर खरीदारों से जुटाए, लेकिन इसका केवल आंशिक हिस्सा ही निर्माण में खर्च किया गया। बाकी राशि का गबन कर आरोपी प्रमोटरों ने निजी लाभ के लिए जमीन और अन्य संपत्तियां हासिल कीं। उन पर धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक गबन के गंभीर आरोप हैं।  

MP में कांग्रेस की नई रणनीति, कार्यकारिणी में फेरबदल की तैयारी, होगी पदाधिकारियों की छंटनी

जबलपुर  मध्यप्रदेश में कांग्रेस अब संगठन को नई मजबूती देने की तैयारी में जुट गई है। पार्टी जबलपुर से अपने कलेवर को बदलने जा रही है। सबसे बड़ा बदलाव कार्यकारिणी को लेकर होगा। माना जा रहा है कि नए चेहरे लाकर पार्टी कार्यकर्ताओं को ऊर्जा देने की रणनीति पर काम कर रही है। कांग्रेस में बड़े फेरबदल की आहट सुनाई देने लगी है। सूत्रों के मुताबिक जिला कार्यकारिणी में व्यापक बदलाव की तैयारी चल रही है। पार्टी का मानना है कि नई टीम के जरिए संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत किया जा सकेगा। प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी लगातार जिलों का दौरा कर रहे हैं और कार्यकर्ताओं से फीडबैक ले रहे हैं। इसी आधार पर जल्द ही कार्यकारिणी में बदलाव की घोषणा हो सकती है। माना जा रहा है कि युवा और जमीनी कार्यकर्ताओं को अधिक मौका मिलेगा। वहीं लंबे समय से निष्क्रिय नेताओं की छुट्टी भी हो सकती है। अभी तक जिला कार्यकारिणी ‘जम्बो’ आकार की होती थी। इसमें 300 से ज्यादा पदाधिकारी और सदस्य होते थे लेकिन अब इसमें संख्या को कम करके  अधिकतम 75 तक रखने की कवायद है । पहले 100 उपाध्यक्ष तो 100 मंत्री और सचिव होते थे लेकिन  अब 10 उपाध्यक्ष, 15 महामंत्री, 20 सचिव तक संख्या को समटेने की तैयारी है । ब्लॉक अध्यक्षों को लेकर रायशुमारी शुरू हो चुकी है। कुछ ब्लॉक ऐसे हैं, जहां नए नाम जुडे़ंगे लेकिन कुछ में पूर्व अध्यक्ष ही संगठन चलाएंगे वैसे दिवाली तक अध्यक्षों के नामों का ऐलान हो सकता है कांग्रेस ने संगठन सृजन अभियान के अंतर्गत जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की थी। अब वे ही स्थानीय पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं से चर्चा करके रिपोर्ट जिला अध्यक्ष को देंगे। कहा जा सकता है कि कांग्रेस संगठन में बदलाव लाकर प्रभावी बनाने की कोशिश में जुट गया है। 

त्योहारों पर खुशखबरी: पंजाब सरकार ने दिया दिवाली का खास तोहफ़ा

लुधियाना  मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब मंत्रिमंडल ने राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देने और व्यापारिक माहौल को प्रोत्साहित करने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। इसे दिवाली से पहले व्यापारिक वर्ग के लिए बड़ा तोहफा माना जा रहा है। इस संबंध में जानकारी व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव साहिल अग्रवाल ने स्थानीय सर्किट हाऊस दी। व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव धर्मेंद्र सिंह रूपराय ने बताया कि बकाया मामलों के निपटारे और उद्योगों को राहत देने के लिए वन टाइम सैटलमैंट स्कीम (ओ.टी.एस.) को मंजूरी दी गई है। यह योजना 1 अक्तूबर से 31 दिसम्बर तक लागू रहेगी।  योजना के तहत 1 करोड़ रुपये तक के मामलों में कर राशि पर 50 प्रतिशत छूट और ब्याज व जुर्माने पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। 25 करोड़ रुपए तक के बकाया पर अलग-अलग श्रेणियों के अनुसार राहत दी जाएगी, जबकि 25 करोड़ से अधिक मामलों में कर राशि पर 10 प्रतिशत छूट और ब्याज व जुर्माने पर 100 प्रतिशत छूट लागू होगी। व्यापार विंग के ग्रामीण अध्यक्ष परमपाल सिंह बावा ने बताया कि चावल मिल मालिकों के लिए भी ओ.टी.एस .योजना मंजूर की गई है जिससे ‘बीमार’ मिलों को फिर से सक्रिय कर रोजगार के अवसर बढ़ाए जा सकेंगे और किसानों को खरीफ सीजन के दौरान समय पर लाभ मिलेगा।   शहर व्यापार विंग के अध्यक्ष रोहित वर्मा ने कहा कि पंजाब मंत्रिमंडल ने जीएसटी संशोधन विधेयक को भी मंजूरी दे दी है ताकि करदाताओं को सुविधा मिल सके और अनुपालन आसान हो। इस मौके पर आप लुधियाना शहरी जिला अध्यक्ष व योजना बोर्ड चेयरमैन जतिंदर खंगूडा, जिला मीडिया इंचार्ज पुनीत साहनी, सचिव शेखर ग्रोवर, चिराग थापर, राज कुमार अग्रवाल, वरुण शर्मा, तजिंदर सिंह, गुरपाल सिंह, अमन थापर, गोल्डी सिंह, कमलप्रीत सिंह, इंद्रप्रीत सिंह, मोहित मित्तल, अनुज चौधरी, रोशन लाल, फतेह चंद खोसला, हरमीत सिंह भाटिया, जतिंदर सिंह हुड्डा सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।

प्रदेश प्रभारी और संगठन महामंत्री को बिहार के 12 जिलों में 58 विधानसभा क्षेत्रों की देखरेख

भोपाल  बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने कमर कस ली है। ⁠मध्य प्रदेश बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा को बिहार चुनाव में बड़ी ज़िम्मेदारी मिली है। वीडी शर्मा पटना जोन की 8 लोकसभा और 42 विधानसभा सीट का कमान संभालेंगे। पटना में वीडी शर्मा को मिली बड़ी जिम्मेदारी दरअसल, बीजेपी ने एमपी की तर्ज पर बिहार में बूथ मैनेजमेंट का प्लान बनाया है। जिसमें वीडी शर्मा की भूमिका अहम है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद वीडी शर्मा ने पटना में मोर्चा संभाल लिया है। उनका बूथ मैनेजमेंट और शक्ति केंद्रों पर फोकस रहेगा। बेगूसराय सीट पर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक ⁠विष्णुदत्त शर्मा ने जिम्मेदारी मिलते ही बिहार की मुंगेर और बेगूसराय लोकसभा सीट के प्रमुख कार्यकर्ताओं की बैठक ली। जिसमें विधानसभा का हाल जाना। वहीं वीडी शर्मा ने ⁠बेगूसराय से सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से भी बिहार चुनाव पर चर्चा की। वीडी शर्मा ने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरने के लिये प्रोत्साहित किया। बैठक में महिला कार्यकर्ता भी मौजूद रहीं। देवरिया के विधायक साथ में मौजूद कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के दौरान विष्णुदत्त शर्मा के साथ केंद्रीय राज्यमंत्री हर्ष मल्होत्रा, हरियाणा के पूर्व मंत्री हसीन जी यूपी से देवरिया के विधायक शलभ मणि त्रिपाठी भी मौजूद रहे। बता दें कि वीडी शर्मा के नेतृत्व में बीजेपी ने एमपी विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल की थी। वहीं लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने 29 सीटों पर बाजी मार ली। अब वे सिर्फ सांसद हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मप्र के दिग्गज नेताओं की बीजेपी ने तैनाती की है। मप्र भाजपा के प्रभारी डॉ महेन्द्र सिंह को बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी मिली है। बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए बिहार को 5 जोन में बांटा है। महेन्द्र और हितानंद 12 जिलों की 58 सीटें कवर करेंगे एमपी बीजेपी के प्रदेश प्रभारी डॉ महेन्द्र सिंह और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा मिथिला और तिरहुत जोन में करीब 12 जिलों की 58 विधानसभा सीटें और 10 लोकसभाएं शामिल हैं। इन इलाकों में यूपी के दिग्गज नेताओं को एक-एक लोकसभा में तैनात किया गया है। जामवाल की सारण और चंपारण में ड्यूटी बीजेपी के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल को सारण और चंपारण क्षेत्र की करीब 45 विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी दी गई है। एमपी के 6 दिग्गजों की इन क्षेत्रों में तैनाती बीजेपी ने मप्र के 6 बडे़ नेताओं को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अलग-अलग इलाकों में तैनाती की है। इनमें बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो सांसद वीडी शर्मा को पटना और बेगूसराय क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है। खेल मंत्री विश्वास सारंग को सिवान, पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया को गोपालगंज, उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया को गया, खरगोन सांसद गजेन्द्र पटेल को खगड़िया, पूर्व सांसद डॉ केपी यादव को समस्तीपुर में भेजा गया है।

खादी सिर्फ कपड़ा नहीं, आत्मनिर्भरता और सतत जीवनशैली का प्रतीक बनकर उभरा

यूपीआईटीएस 2025 में दिखी खादी की दमक फैशन शो में खादी की बुनावट और आधुनिक डिज़ाइन का शानदार मेल देखने को मिला खादी सिर्फ कपड़ा नहीं, आत्मनिर्भरता और सतत जीवनशैली का प्रतीक बनकर उभरा ODOP और विश्वकर्मा श्रम सम्मान जैसी योजनाओं ने कारीगरों व बुनकरों को दिया बड़ा संबल सस्टेनेबल फैशन के प्रति जागरूकता से खादी ‘फैब्रिक ऑफ फ्यूचर’ बनकर उभरी यूपीआईटीएस 2025 ने दिखाया उत्तर प्रदेश खादी को ग्लोबल ब्रांड बनाने की राह पर अग्रसर योगी सरकार ने बढ़ाया आत्मनिर्भरता और वैश्विक पहचान का सफर ग्रेटर नोएडा  उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 में खादी का जादू छाया रहा। खादी न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनकर सामने आई, बल्कि फैशन की दुनिया में अपनी आधुनिक पहचान भी दर्ज कराई। शानदार फैशन शो में मॉडल्स ने खादी के परिधानों की ऐसी श्रृंखला प्रस्तुत की, जिसमें परंपरागत शिल्प कौशल और आधुनिक डिज़ाइन का अनोखा संगम देखने को मिला। इसने यह संदेश दिया कि खादी ‘ट्रेडिशन टू ट्रेंड’ की यात्रा तय कर चुकी है और अब वैश्विक फैशन का हिस्सा बन रही है। योगी सरकार का विशेष फोकस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार लोगों से स्वदेशी अपनाने की अपील कर रहे हैं। खादी भी स्वदेशी परिधानों का महत्वपूर्ण अंग है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को आत्मसात करते हुए उत्तर प्रदेश ने खादी और हैंडलूम को नई पहचान दी है। योगी सरकार खादी को सिर्फ परिधान तक सीमित नहीं मानती, बल्कि इसे आत्मनिर्भर भारत और पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली का मजबूत आधार मानती है। योगी सरकार की वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना और विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना ने हजारों बुनकरों और कारीगरों को सीधा लाभ पहुंचाया है। सरकार का लक्ष्य है कि खादी को स्थानीय से वैश्विक स्तर तक ब्रांड बनाकर उत्तर प्रदेश को ‘हैंडलूम हब’ के रूप में स्थापित किया जाए। उत्तर प्रदेश में खादी का बढ़ता चलन राज्य में खादी उत्पादों की खपत लगातार बढ़ रही है। युवाओं में टिकाऊ फैशन को लेकर बढ़ती जागरूकता ने खादी को आधुनिक जीवनशैली का हिस्सा बना दिया है। यही वजह है कि आज खादी को ‘फैब्रिक ऑफ फ्यूचर’ कहा जाने लगा है। वैश्विक मंच पर खादी की गूंज यूपीआईटीएस 2025 में खादी की प्रस्तुति ने यह स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश न केवल परंपरा को संजो रहा है, बल्कि भविष्य की जरूरतों के अनुरूप उसे वैश्विक मंच पर भी स्थापित कर रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि सरकार का प्रयास है कि खादी को सिर्फ एक कपड़े के रूप में नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, कारीगरी और सतत विकास के प्रतीक के रूप में दुनिया के सामने प्रस्तुत किया जाए। सरकार का प्रयास इसी दिशा में है। उत्तर प्रदेश ने खादी को वैश्विक फैशन जगत में उतारकर दुनिया को यह दिखाया है कि स्थानीय शिल्प और आत्मनिर्भरता से भी अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई जा सकती है।

इंदौर की यातायात पुलिस ट्रैफिक ही नहीं संभालती, लोगों की जान भी बचाती है…

इंदौर इंदौर में बेतरतीब यातायात और जवानों द्वारा चालानी कार्रवाई और अवैध वसूली की खबरें तो आए दिन सामने आती ही हैं, लेकिन कुछ यातायात जवान ऐसे भी हैं जो अपना मूल कर्त्तव्य तो निभाते ही हैं, साथ ही समय-समय पर मानवीयता का परिचय देने से भी नहीं चूकते… ऐसा ही एक मामला नवलखा चौराहे का सामने आया, जब यातायात आरक्षक 1622 सुरेन्द्रसिंह गुर्जर बीच सड़क पर खड़ी एक लोडिंग रिक्शा को हटवाने के लिए चालक के पास पहुंचे… जब उसे वाहन रास्ते में से हटाने को कहा तो विजय नगर चालक ने गुर्जर से कहा – ''सर मुझे बचा लीजिए, मैंने जहर खा लिया है…'' इस पर आरक्षक ने तुरंत सब इंस्पेक्टर संत बहादुर सहित महिला आरक्षक ज्योति, भूली रडार, आरक्षक शैलेन्द्र त्यागी को ना सिर्फ इसकी जानकारी दी, बल्कि एक वैन को रूकवाते हुए उसे तुरंत एमवायएच तक भी ले गए और उसका तुरंत इलाज शुरू करवाया… बताया जाता है कि लोडिंग चालक का उसकी पत्नी से विवाद चल रहा है, जिस वजह से उसने यह कदम उठाया… लेकिन यातायात आरक्षक सुरेन्द्रसिंह गुर्जर और उनकी टीम की तत्परता से ऑटो चालक बच गया और उसका इलाज एमवाय अस्पताल में जारी है तथा उसका मोबाइल संयोगितागंज थाने में जमा है और पुलिस मामले की जांच में भी जुटी है..!

दिल्ली पुलिस ने चैतन्यानंद केस में उठाए अहम कदम, टॉर्चर रूम और सीसीटीवी की जांच

नई दिल्ली यौन शोषण के गंभीर मामले में आरोपी चैतन्यानंद पर दिल्ली पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। रविवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने बाबा को 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था। इसके बाद, सोमवार तड़के दिल्ली पुलिस की टीम बाबा को उस इंस्टिट्यूट लेकर पहुंची, जहां कथित तौर पर छात्राओं का शोषण किया जाता था। दिल्ली पुलिस सोमवार तड़के चैतन्यानंद को इंस्टिट्यूट लेकर पहुंची। इस दौरान चैतन्यानंद को ग्राउंड फ्लोर पर बने टॉर्चर रूम में ले जाया गया, जहां वह छात्राओं को निजी तौर पर मिलने के लिए बुलाता था। पुलिस ने इंस्टिट्यूट में लगे सीसीटीवी कैमरों की लोकेशन खंगाली और यह देखा कि किन कैमरों की एक्सेस बाबा के पास थी। साथ ही, इस बात की भी जांच हुई कि वह किस प्रकार छात्राओं की गतिविधियों पर नजर रखता था। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर में धारा 351(3) जोड़ी है, जो गैर-जमानती अपराध है और हत्या की धमकी जैसे गंभीर अपराधों के लिए लगाई जाती है। इससे पहले इस मामले में धारा 351(2) लागू की गई थी, जो अपेक्षाकृत कम गंभीर मानी जाती है। पुलिस का दावा है कि बाबा ने अब तक 16 लड़कियों के साथ यौन शोषण किया है और इसके पुख्ता डिजिटल सबूत भी मौजूद हैं। पुलिस ने कोर्ट से बाबा और पीड़िताओं का आमना-सामना कराने तथा छिपाए गए डिजिटल सबूतों को इकट्ठा करने के लिए हिरासत की मांग की थी। दूसरी तरफ, बाबा के वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा कि पुलिस उनके साथ ठीक व्यवहार नहीं कर रही है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि बाबा वरिष्ठ नागरिक और साधु हैं, जिनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है और पुलिस पहले ही उनका सारा सामान जब्त कर चुकी है। पुलिस की जांच में यह सामने आया कि बाबा ने बाथरूम तक में कैमरे लगाए थे, जिससे छात्राओं की निजता का गंभीर उल्लंघन होता था। पुलिस का कहना है कि पीड़ित लड़कियों को अल्मोड़ा, गुड़गांव और फरीदाबाद तक ले जाया जाता था। फिलहाल 16 लड़कियों ने इस मामले में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। डिजिटल सबूतों को मजबूत बनाने के लिए पुलिस आईपी एड्रेस की भी जांच कर रही है। जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।  

हरियाणा सरकार की पहल: जेलों में बंद कैदी अब होंगे कुशल और आत्मनिर्भर

हरियाणा  हरियाणा की जेलें वर्तमान में अपनी निर्धारित क्षमता से कहीं अधिक कैदियों को संभाल रही हैं। राज्य की 20 जेलों की कुल क्षमता 22,837 कैदियों की है, जबकि 1 जुलाई 2025 तक इनमें 27,230 कैदी बंद थे। यानी जेलों में 4,393 कैदियों की अधिक भीड़ है। यह स्थिति जेल प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करती है, हालांकि डीजी जेल का कार्यभार संभाल रहे आईपीएस अधिकारी आलोक राय का कहना है कि इस बढ़ी हुई संख्या के बावजूद कैदियों के लिए पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध है। कैदियों के पुनर्वास की दिशा में कौशल विकास पर जोर सरकार जेलों में बंद कैदियों के पुनर्वास के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों को प्राथमिकता दे रही है। करेक्शनल कंपाउंड्स के पहले चरण को शुरू करने की मंजूरी मिल चुकी है और इसका निर्माण कार्य प्रगति पर है। इन पहलों के तहत: 686 कैदियों को कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग की मदद से विभिन्न कोर्स कराए जा रहे हैं। अंबाला, पानीपत, करनाल, फरीदाबाद और गुरुग्राम की जेलों में भी जल्द ही यह प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। पॉलिटेक्निक के माध्यम से दीर्घकालिक डिप्लोमा और कोर्स शुरू करने का भी प्रस्ताव भेजा गया है।  इन पहलों का उद्देश्य कैदियों को जेल से रिहा होने के बाद बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करना है, ताकि वे समाज की मुख्यधारा से फिर जुड़ सकें। जेलों में पेट्रोल पंप और उद्योग कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने और जेलों की आय बढ़ाने के लिए कई अनूठी पहलें की गई हैं।  इनमें प्रमुख हैं:-     कुरुक्षेत्र की जिला जेल में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के सहयोग से पेट्रोल पंप और सीएनजी स्टेशन की स्थापना। इसकी पिछले वर्ष की बिक्री 54 करोड़ रुपये रही।     इस मॉडल को अंबाला, हिसार-2, यमुनानगर, करनाल और सोनीपत में भी दोहराया जा रहा है।     जेलों में रेडियो स्टेशन, सरसों का तेल निकालने के कोल्हू, आटा चक्की, और अन्य लघु उद्योग भी लगाए गए हैं।     इन उद्योगशालाओं में कैदी घरेलू उपयोग की वस्तुएं तैयार कर रहे हैं, जिससे उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद मिल रही है। जेलों की सुरक्षा में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल जेल प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था को आधुनिक बनाने की दिशा में भी तेजी से कदम बढ़ा रहा है:-     जेल परिसरों में बैगेज स्कैनर, डोर फ्रेम और हैंडहेल्ड मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं।     अंबाला जेल में हारमोनियस कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम स्थापित किया जा रहा है और गुरुग्राम जेल में इसकी स्थापना प्रक्रिया जारी है।     1,350 सीसीटीवी कैमरे और नियंत्रण कक्ष (कंट्रोल रूम) सुरक्षा की निगरानी के लिए लगाए गए हैं।     436 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम के ज़रिए अब करीब 84% कैदियों की कोर्ट में पेशी वर्चुअल तरीके से हो रही है, जिससे सुरक्षा जोखिम और सरकारी खर्च दोनों में कमी आई है। स्वास्थ्य सुविधाएं और चिकित्सा सेवाएं कैदियों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए जेल अस्पतालों को नवीनतम चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित किया गया है। इससे कैदियों को जेल परिसर में ही बेहतर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं। सुधार और पुनर्वास की दिशा में बड़ा कदम यह स्पष्ट है कि हरियाणा सरकार केवल जेलों की संख्या बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि कैदियों के समग्र सुधार, पुनर्वास, रोजगार सृजन और सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीकों का समुचित उपयोग कर रही है। यह एक दूरदर्शी कदम है, जो अपराधियों को एक नया जीवन शुरू करने का अवसर देकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक सिद्ध होगा।  

IIT इंदौर के विस्तार पर खर्च होंगे 624 करोड़, हाईटेक कैंपस में छात्र पाएंगे ग्लोबल लेवल की सुविधाएं

 इंदौर देश में प्रौद्योगिकी शिक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आईआईटी इंदौर समेत देश के 8 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में विस्तार परियोजनाओं का वर्चुअली शिलान्यास किया है। इस पहल के तहत आईआईटी इंदौर को 624.57 करोड़ रुपये की क्षमता विस्तार एवं आधारभूत संरचना विकास परियोजना की सौगात मिली है। इसका उद्देश्य संस्थान को विश्वस्तरीय बनाना है।  प्रौद्योगिकी शिक्षा में नए युग का सूत्रपात : मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आईआईटी इंदौर को मिली इस बड़ी सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है "केंद्र सरकार का यह कदम अब प्रदेश में प्रौद्योगिकीय शिक्षा में एक नए युग का सूत्रपात करेगा। इससे हमारे युवाओं को अध्ययन, शोध एवं नवाचार करने के लिए व्यापक और बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे।" विश्वस्तरीय बनेंगी सुविधाएं आईआईटी इंदौर में इस विस्तार परियोजना को उच्चतर शिक्षा प्रोत्साहन एवं फंडिंग एजेंसी (HEFA) द्वारा तीसरे चरण के अंतर्गत मंजूरी दी गई है। इस परियोजना के तहत मिलने वाली राशि का उपयोग कई महत्वपूर्ण निर्माण कार्यों में किया जाएगा, जिनमें शामिल हैं: 1. अत्याधुनिक शैक्षणिक भवन: 374.38 करोड़ रुपये 2. आवासीय परिसर एवं अन्य सुविधाएं: 123.15 करोड़ रुपये 3. उन्नत उपकरण: 27.04 करोड़ रुपये इनके अलावा, एक औद्योगिकीय अनुसंधान पार्क, डिजाइन विभाग, विद्यार्थी गतिविधि केंद्र, व्याख्यान कक्ष परिसर और एक आगंतुक छात्रावास का भी निर्माण किया जाएगा। लैब विस्तार के लिए 100 करोड़ अतिरिक्त मुख्य परियोजना के अतिरिक्त, केंद्र सरकार ने आईआईटी इंदौर की लैब को और अधिक बहुआयामी बनाने के लिए 100 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भी मंजूर की है। इस राशि का उपयोग भौतिकी, रसायन विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में जटिल प्रयोगों और डेटा विश्लेषण के लिए उच्च-स्तरीय एवं अत्याधुनिक उपकरण खरीदने में किया जाएगा। आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रोफेसर सुहास जोशी ने कहा, "आधारभूत संरचना में इस विकास से न केवल हमारा शैक्षणिक और अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत होगा, बल्कि छात्रों और शिक्षकों को नवाचार, सहयोग और समग्र विकास के लिए एक विश्वस्तरीय परिवेश भी मिलेगा।"