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छात्रा की सुरक्षा पर सवाल: हरियाणा की यूनिवर्सिटी में हुई डरावनी वारदात

सोनीपत  सोनीपत के मुरथल में स्थित दीनबंधु छोटू राम यूनिवर्सिटी से सामने आया हैरान करने वाला मामला सामने आया हैं। यूनिवर्सिटी में तैनात एक चपरासी ने छात्रा के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया है। पुलिस ने पीड़ित छात्रा की शिकायत पर मामला दर्ज करना जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार सोनीपत के मुरथल में स्थित दीनबंधु छोटू राम यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली एक छात्रा ने पुलिस को शिकायत में बताया कि युनिवर्सिटी में तैनात एक चपरासी ने बाथरूम में जबरदस्ती गुस्सा और हाथ पकड़ लिए और मुंह दबा लिया। इसके बाद प्राइवेट पार्ट को छूने का प्रयास करने लगा और दुष्कर्म का प्रयास किया, लेकिन छात्रा ने किसी तरह अपने आप को बचाया और बाहर निकल गई। इसके बाद छात्रा ने पूरा मामला पुलिस को बताया। पुलिस ने छात्रा की शिकायत के बाद मुरथल थाना पुलिस ने चपरासी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गहनता से जांच शुरू कर दी है। मामले में जानकारी देते हुए एसीपी निधि नैन ने बताया कि मुरथल में स्थित दीनबंधु छोटू राम यूनिवर्सिटी में एक छात्रा ने चपरासी पर आरोपी लगाया है कि उसके साथ रेप का प्रयास किया गया है। शिकायत के बाद पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 

CM हेल्पलाइन का दुरुपयोग पड़ा महंगा, फर्जी शिकायतकर्ताओं पर अब होगा तगड़ा एक्शन

ग्वालियर  सीएम हेल्पलाइन में बार-बार और झूठी शिकायत दर्ज कराने वाले शिकायतकर्ताओं को ग्वालियर में भी चिह्नित किया जा रहा है। ऐसे कुछ आदतन शिकायत करने वालों के कुछ नाम मिल भी गए हैं जो जन सुनवाई से लेकर सीएम हेल्पलाइन में लगातार अलग-अलग शिकायतों से लेकर एक ही शिकायत बार-बार कर रहे हैं। सीएम हेल्पलाइन के लेवल वन स्तर पर आने वाली शिकायतों को डील करने वाले अधिकारियों से जानकारी मांगी गई है, शासन ने सभी जिलों से ऐसे लोगों के नाम व पूरी जानकारी कलेक्टरों से मांगी है। इसी क्रम में ग्वालियर के अधिकारी भी जानकारी तैयार कर रहे हैं। प्रदेश के सभी कलेक्टरों को भेजा पत्र बता दें कि शासन की ओर से कुछ दिनों पहले ही प्रदेश के सभी कलेक्टरों को पत्र भेजा गया है। इसमें लिखा गया कि सीएम हेल्पलाइन पोर्टल के तहत झूठी व आदतन शिकायतकर्ता के संबंध में जानकारी प्रदान करने व उक्त शिकायतकर्ताओं पर कार्रवाई किए जाने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके अतिरिक्त जन प्रतिनिधियों एवं विभागों द्वारा भी समय-समय पर इस संबंध में कार्रवाई का आग्रह किया गया है। सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर ऐसे शिकायतकर्ताओं के बारे में जानकारी व टीप दर्ज करने की सुविधा अधिकारियों की लाग इन आईडी में उपलब्ध है। ऐसे शिकायतकर्ताओं की पूरी जानकारी के साथ अधिकारियों से रिमार्क भी मांगा गया है। ब्लैकमेलिंग का जरिया बन रही सीएम हेल्पलाइन हकीकत में सीएम हेल्पलाइन का प्रभाव वर्तमान में कम हो गया है, हजारों शिकायतें हर माह आती हैं जिनमें बड़ी संख्या में ऐसी शिकायतें मिलती हैं जो बार-बार या ब्लैकमेल करने की नीयत से लगाई गई है। वहीं यह भी सच ही है कि अधिकारी अब सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को लेकर उतने संवेदनशील नहीं है जितने पहले थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 13 जिलों के किसानों को 653.34 करोड़ रुपये की राहत राशि सिंगल क्लिक से खातों में की अंतरित

किसानों के चेहरों की मुस्कान ही हमारी असली दीवाली : मुख्यमंत्री डॉ. यादव 13 जिलों के किसानों को 653.34 करोड़ रुपये की राहत राशि सिंगल क्लिक से खातों में की अंतरित किसानों को पहली बार मिला सोयाबीन में पीला मोजेक से हुए नुकसान का मुआवजा मुख्यमंत्री को किसानों ने दिया धन्यवाद और किया अभिनंदन मुख्यमंत्री से किसानों ने कहा – आपने दीपावली से पहले ही हमारी दीपावली मनवा दी बाढ़ प्रभावित 3.90 लाख किसानों को मिली 371 करोड़ की राहत राशि पीला मोजैक से प्रभावित सोयाबीन फसल के मुआवजे के रूप में किसानों को मिली 282 करोड़ रूपए से अधिक की मदद मुआवजा राशि मिलने से किसानों का खाद-बीज खरीदना हुआ आसान मुख्यमंत्री डॉ. यादव 6 अक्टूबर को बड़वानी में नशामुक्ति सम्मेलन में होंगे शामिल मुख्यमंत्री 10 अक्टूबर को रतलाम में भावांतर योजना रैली में करेंगे सहभागिता भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि किसानों की सेवा ही भगवान की सेवा है। बाढ़ हो, आपदा हो, ओलावृष्टि हो या कीट प्रकोप हो, किसान भाई हर विपदा से लड़ते और जूझते हैं। किसान पर कोई भी विपदा या आपदा आए सरकार संकट की हर घड़ी में साथी बनकर किसानों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किसानों से कहा कि आप अकेले नहीं हैं, पूरा परिवार बनकर हम आपके साथ हैं। आपकी खुशी में ही प्रदेश की खुशी है। उन्होंने कहा कि हर प्रकार की आपदा और कीट प्रकोप से फसलों को हुई क्षति की राहत राशि किसानों को दी जाएगी। ये राहत राशि किसानों को बड़ा संबल देगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जब तक आखिरी पीड़ित किसान को सहायता राशि नहीं मिल जाती, हमारी सरकार चैन से नहीं बैठेगी। उन्होंने कहा कि किसानों के चेहरों की मुस्कान ही हमारी असली दीपावली जैसी है। किसानों की मेहनत और जज्‍बा फिर से उनके खेतों को जीवन और समृद्धि से भर देगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में किसानों को प्राकृतिक आपदा और कीट प्रकोप से हुई फसल क्षति की राहत राशि वितरण कार्यक्रम को वर्चुअल संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने राज्य के विभिन्न जिलों में बीते माहों में हुई अतिवृष्टि-बाढ़ और सोयाबीन में पीला मोजेक रोग से हुए फसल नुकसान के लिए 13 प्रभावित जिलों के 8 लाख 84 हजार 772 किसानों को 653.34 करोड़ की राहत राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में अंतरित की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि इसमें अतिवृष्टि/बाढ़ से हुई फसल क्षति से प्रभावित 3 लाख 90 हजार 167 किसानों को 331.34 करोड़ रूपये एवं पीला मोजेक/कीट व्याधि से हुई फसल क्षति से प्रभावित 4 लाख 94 हजार 605 किसानों को 322 करोड़ रुपये की राहत राशि शामिल है। खोई मुस्कान लौटाना हमारी पहली प्राथमिकता मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी पीड़ित किसान भाईयों को राहत राशि देने और फसल सर्वे के कार्य में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है। किसानों के चेहरे की खोई मुस्कान लौटाना हमारी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 4 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से 6 लाख 69 हजार से अधिक धान उत्पादक किसानों के खाते में 337 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का अंतरण किया है। सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए भी भावान्तर योजना शुरू की गई है। फसल के विक्रय मूल्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के अन्तर की राशि सरकार सीधे किसानों को देगी। हम किसानों का कोई नुकसान नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों भाईयों के दुख-दर्द में हम आपके सेवक बनकर खड़े हैं। किसानों के माथे का पसीना बेकार नहीं जाएगा, आपकी मेहनत फिर से हरियाली का रूप लेकर प्रदेश को समृद्ध करेगी, हम सदैव आपके साथ हैं। राज्य सरकार हर कदम पर किसानों के साथ खड़ी है और उनके सुख-दु:ख में सहभागी है। हम प्रदेश के किसी भी किसान को आपदा में अकेला नहीं छोड़ेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि वर्ष 2025-26 में अब तक विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों को विभिन्न मदों में कुल 229 करोड़ 45 लाख रुपये की सहायता राशि दी जा चुकी है। गत माह 6 सितंबर को ही फसल क्षति के लिए 11 जिलों के 17 हजार से अधिक किसानों को 20 करोड़ से अधिक की राहत राशि दी थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार राज्य सरकार द्वारा सोयाबीन में पीले मोजेक रोग से फसल प्रभावित किसानों को राहत राशि दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने किया किसानों से संवाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राहत राशि वितरण के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीड़ित किसानों से आत्मीय संवाद भी किया। संवाद के दौरान किसानों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने दशहरा एवं भव्य शस्त्र पूजन के आयोजनों एवं सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए भावांतर योजना लागू करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार व्यक्त करते हुए अभिनंदन किया। किसानों ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने दीपावली से पहले ही हमारी दीपावली मनवा दी। हमें यह महसूस हो रहा है कि सरकार हमारे साथ है। पीला मोजेक की राहत राशि हमें पहली बार मिली। यह सच्चे अर्थों में किसान हितैषी सरकार है। उत्साहित किसानों ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से राहत राशि मिलने से दशहरे पर ही किसानों की दीपावली हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बुरहानपुर जिले के किसानों से चर्चा करते हुए कहा कि केला आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राहत राशि मिलने पर सभी किसानों को बधाई देते हुए कहा कि आज से ही सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए भावांतर योजना के तहत पंजीयन प्रारंभ हो गया है। अब किसानों को अपनी फसल बेचने में किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। सोयाबीन मंडी में बेचें, यदि एमएसपी से कम राशि में फसल बिकती है, तो बेची गई फसल की कीमत और एमएसपी के अंतर की राशि यानि भावांतर की राशि अगले 15 दिनों में सीधे किसानों के बैंक खाते में भेज दी जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए किसानों को इस साल सोयाबीन का अत्यधिक भाव मिलेगा। इस बार सोयाबीन की एमएसपी 500 रुपए से अधिक बढ़कर 5328 रुपए हो गई है। … Read more

जेल विभाग में छत्तीसगढ़ स्थापना रजत महोत्सव का शुभारंभ

रक्तदान शिविर का हुआ आयोजन डीजी जेल हिमांशु गुप्ता ने स्वयं किया रक्तदान रायपुर, राज्य शासन के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ स्थापना की रजत जयंती के उपलक्ष्य में जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं विभाग द्वारा 3 अक्टूबर से 10 अक्टूबर 2025 तक रजत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस महोत्सव का शुभारंभ आज केन्द्रीय जेल रायपुर में रक्तदान शिविर के साथ हुआ। शिविर का शुभारंभ करते हुए डीजी जेल श्री हिमांशु गुप्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की प्रगति में जेल विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि रक्तदान महादान है और प्रत्येक स्वस्थ्य व्यक्ति को वर्ष में कम से कम एक बार स्वेच्छा से रक्तदान करना चाहिए। इस अवसर पर जेल विभाग के महानिदेशक श्री गुप्ता, केंद्रीय जेल रायपुर के जेल अधीक्षक श्री योगेश सिंह क्षत्री सहित कुल 28 व्यक्तियों ने रक्तदान किया। इनमें 22 जेलकर्मी तथा 4 छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के जवान शामिल रहे। रजत महोत्सव के अंतर्गत राज्य की सभी पाँच केंद्रीय जेलों—रायपुर, दुर्ग, जगदलपुर, बिलासपुर और अंबिकापुर में जेल में बंदियों द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। यहाँ आम नागरिक किफायती दरों पर उत्पाद खरीद सकेंगे। इसके अतिरिक्त रजत महोत्सव सप्ताह के दौरान प्रदेश की सभी 33 जेलों में रक्तदान शिविरों के साथ-साथ बंदियों के लिए विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

पाकिस्तान को जनरल द्विवेदी की चेतावनी: तय कर ले, भूगोल में रहना है या नहीं

अनूपगढ़ भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान को सीधी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि इस बार ऑपरेशन सिंदूर 1.0 जैसा संयम नहीं बरता जाएगा. पाकिस्तान को सोचना होगा कि वह भूगोल में रहना चाहता है या नहीं. जनरल द्विवेदी ने साफ कहा कि अगर पाकिस्तान को अपना अस्तित्व बनाए रखना है तो उसे राज्य प्रायोजित आतंकवाद बंद करना होगा. शुक्रवार को ही वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से पूरी दुनिया को सबक लेना चाहिए. वायुसेना दिवस से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर चीफ ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर तीनों सेनाओं के बेहतरीन तालमेल का उदाहरण है. पाकिस्तान को इस दौरान बड़ा नुकसान हुआ. उनके रडार, कंट्रोल सेंटर, रनवे और हैंगर तबाह हुए. एयरबोर्न वार्निंग सिस्टम (अवाक्स) और कई फाइटर जेट्स भी नुकसान की चपेट में आए. एयर चीफ ने बताया कि अब तीनों सेनाएं स्वदेशी हवाई रक्षा प्रणाली ‘सुदर्शन चक्र’ पर काम कर रही हैं. पीएम मोदी पहले ही इसकी घोषणा कर चुके हैं. एयर चीफ ने कहा कि एस-400 मिसाइल सिस्टम कारगर साबित हुआ है, लेकिन भविष्य में क्या खरीदा जाएगा यह रणनीति का हिस्सा है. राजनाथ ने भी दी धमकी- ‘इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे’ एक दिन पहले ही, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी थी. अगर उसने सर क्रीक इलाके में कोई हिमाकत की तो उसे ऐसा जवाब मिलेगा कि इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे. विजयदशमी पर भुज एयरबेस पर जवानों के बीच शस्त्र पूजा के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान की पोल खोल दी है. भारत ने संयम दिखाया क्योंकि हमारी कार्रवाई सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ थी, मगर जरूरत पड़ी तो जवाब और कड़ा होगा. उन्होंने याद दिलाया कि 1965 की जंग में भारतीय सेना लाहौर तक पहुंची थी और आज कराची तक पहुंचने का रास्ता भी सर क्रीक से होकर जाता है. राजनाथ ने कहा कि पाक फौज सर क्रीक में मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाकर अपनी नीयत साफ कर चुकी है. उन्होंने साफ कहा कि भारतीय सेना और बीएसएफ मुस्तैदी से सीमा की रक्षा कर रहे हैं और किसी भी हिमाकत पर पाकिस्तान को करारा सबक सिखाया जाएगा. ‘अब भारत का जवाब ही नया नॉर्मल’ इससे पहले, 26 जुलाई को विजय दिवस के मौके पर जनरल द्विवेदी ने कहा था कि अब किसी भी ताकत को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को चुनौती दी जा सकती है. भारत की नीति साफ है, जो भी दुश्मन नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा, उसे करारा जवाब दिया जाएगा. आर्मी चीफ ने बताया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना ने पाकिस्तान में 9 हाई-वैल्यू टेरर टारगेट्स को खत्म किया और यह सब बिना किसी कोलैटरल डैमेज के हुआ. उन्होंने इसे भारत की निर्णायक जीत बताया था. उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान की ओर से 8 और 9 मई को किए गए कायराना कदमों का भारत ने प्रभावी जवाब दिया. भारतीय एयर डिफेंस एक अभेद्य दीवार की तरह खड़ी रही, जिसे कोई मिसाइल या ड्रोन भेद नहीं पाया.

नोबेल शांति पुरस्कार की दौड़ में डोनाल्ड ट्रंप: क्या मिलेगा उन्हें सम्मान?

ओस्लो  दुनिया के सबसे प्रतिष्ठा प्राप्त सम्मानों में से एक नोबेल पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा अगले सप्ताह की जाएगी। इसके तहत चिकित्सा, भौतिकी, रसायन विज्ञान, साहित्य, अर्थशास्त्र और शांति के क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए सम्मान दिए जाते हैं। लोगों की दिलचस्पी यह जानने में है कि आखिर नोबेल शांति पुरस्कार के लिए डोनाल्ड ट्रंप को सम्मान दिया जाता है या नहीं। नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 2018 से अमेरिका के लोगों के साथ-साथ विदेशों में नेताओं द्वारा कई बार नामित किया गया है। उन्होंने अपने नए कार्यकाल के तहत इसी साल 19 जनवरी को कमान संभाली थी। उसके बाद से वह 7 युद्धों को रुकवाने का दावा कर चुके हैं। वहीं नोबेल समिति के एक सदस्य ने पिछले दिनों कहा था कि इस बार डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर विचार होना मुश्किल है। ऐसा इसलिए क्योंकि जिन उपलब्धियों के नाम पर उनके लिए दावा किया जा रहा है, वे नोबेल नॉमिनेशन की आखिरी तारीख के बाद की हैं। दिसंबर में एक रिपब्लिकन सांसद ने अब्राहम समझौते की मध्यस्थता के लिए भी ट्रंप के नाम का प्रस्ताव दिया था। इस समझौते ने इजराइल और कुछ अरब देशों के बीच संबंधों को सामान्य बना दिया था। अब देखना होगा कि दिसंबर की उस उपलब्धि के नाम पर डोनाल्ड ट्रंप को सम्मान मिलता है या नहीं। नोबेल पुरस्कारों का ऐलान 10 अक्तूबर तक होना है। इसके अलावा ओस्लो से कुछ सूत्रों ने कहा कि जिस तरह डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका फर्स्ट की नीति पर काम कर रहे हैं और बाहरी लोगों के लिए वैमनस्यता का भाव दिखा रहे हैं, उसके चलते भी उन्हें पुरस्कार मिलना मुश्किल है। नोबेल पुरस्कारों का क्या है इतिहास नोबेल पुरस्कारों की शुरुआत 19वीं सदी के स्वीडन के व्यवसायी और वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल ने की थी। उनके पास 300 से ज़्यादा पेटेंट थे, लेकिन पुरस्कारों से पहले उनकी प्रसिद्धि का कारण नाइट्रोग्लिसरीन को एक ऐसे यौगिक के साथ मिलाकर डायनामाइट का आविष्कार करना था। इसके चलते बड़े-बड़े धमाके करना आसान हो गया। डायनामाइट निर्माण, खनन और हथियार उद्योग में बेहद लोकप्रिय हो गया और इसने नोबेल को बहुत अमीर बना दिया। अपने जीवन के अंतिम वर्षों में उन्होंने अपनी विशाल संपत्ति का इस्तेमाल वार्षिक पुरस्कारों के लिए धन जुटाने में करने का निर्णय लिया। चिकित्सा, भौतिकी, रसायन विज्ञान, साहित्य और शांति के क्षेत्र में पहला नोबेल पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल के निधन के पांच साल बाद 1901 में प्रदान किया गया था। वर्ष 1968 में स्वीडन के केंद्रीय बैंक ने अर्थशास्त्र के लिए छठा पुरस्कार शुरू किया। हालांकि नोबेल पुरस्कार के शुद्धतावादी इस बात पर ज़ोर देते हैं कि अर्थशास्त्र का पुरस्कार तकनीकी रूप से नोबेल नहीं है। फिर भी इसे हमेशा अन्य पुरस्कारों के साथ ही प्रदान किया जाता है। नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकन प्रक्रिया पुरस्कारों की संबंधित समितियों द्वारा किसी भी नामांकन की घोषणा नहीं की जाती है।

जैस्मिन सैंडलस का नया गाना ‘पोल्स’ रिलीज़

मुंबई,  पार्श्वगायिका जैस्मिन सैंडलस का नया गाना 'पोल्स' रिलीज़ हो गया है। जैस्मिन सैंडलस, 'यार ना मिले' (किक) और 'तरस नई आया' (मुँज्या) जैसे चार्टबस्टर गानों की पॉवरहाउस आवाज़ हैं। उन्होंने अपना लेटेस्ट इंडिपेंडेंट सिंगल 'पोल्स' रिलीज़ कर दिया है। जैस्मिन ने कहा, "पोल्स मेरे लिए एक बिल्कुल नई शुरुआत है, जैसे एक कलाकार के रूप में मेरा पुनर्जन्म हुआ हो। इसमें एक डेब्यू सॉन्ग जैसी ऊर्जा और ताजगी है, भले ही मैंने 2008 में अपना पहला ट्रैक 'मुस्कान' रिलीज़ किया था। वे बीते साल मेरे लिए प्रैक्टिस का समय थे, और 'पोल्स' के साथ अब असली खेल शुरू हुआ है। यह गाना रचनात्मक उत्साह और खोज से भरी एक नई यात्रा की शुरुआत है।" जैस्मिन ने कहा, "पोल्स का डांस स्टाइल हिप हॉप है और मैंने हुक स्टेप सेट पर ही सीखा, यह बहुत ऑर्गेनिक और मज़ेदार प्रोसेस थी। गाने के बोल श्लोक लाल, मैंडी गिल और हरजोत कौर ने खूबसूरती से लिखे हैं। म्यूजिक वीडियो का कॉन्सेप्ट डायरेक्टर प्रीत सिंह का शानदार विचार था: इसे जेल के अंदर सेट करना और मेरा एक विद्रोही, बेफिक्र अपराधी का किरदार निभाना, जो सुरंग से भागती है, लेकिन आखिरकार पकड़ी जाती है। इस कहानी ने प्रोजेक्ट में बहुत गहराई और चंचलता जोड़ दी।"उन्होंने कहा, "वीडियो की शूटिंग सिर्फ एक दिन में पूरी हुई और मैंने सेट पर हर डिटेल को समझा। प्रीत सिंह एक जीनियस डायरेक्टर हैं, जिन्होंने पूरे प्रोजेक्ट का नेतृत्व अद्भुत विज़न और सटीकता के साथ किया। ईमानदारी से कहूँ, तो मुझे अपने वीडियो में और डांस करना चाहिए 'पोल्स' का हुक स्टेप इतना कैची और मज़ेदार है।" जैस्मिन ने कहा, "गाने का जॉनर 'बैले फंक' है, जिसने बीट सुनते ही मेरा दिल जीत लिया। यह इस जॉनर में मेरा पहला पंजाबी गाना है। इस कोलेबरेशन के लिए, हमने नेपाल के सबसे बड़े प्रोड्यूसर, फोजल को खास तौर पर बुलाया था। सॉन्ग राइटिंग टीम अविश्वसनीय थी और उनका सपोर्ट अनमोल था।"उन्होंने कहा, "फाइनल मिक्स और मास्टरिंग अभिषेक खंडेलवाल, जो वाईआरएफ में म्यूजिक हेड हैं, उन्होंने संभाला, जिससे साउंड क्वालिटी बेहतरीन रही। 'पोल्स' मेरे लिए महज़ एक गाना नहीं है, बल्कि यह मेरी कलात्मक यात्रा का एक जीवंत नया अध्याय है।" वीडियो के अनोखे कॉन्सेप्ट पर, जैस्मिन ने कहा, "यह डायरेक्टर का विज़न था कि एक जेल का सेटअप बनाया जाए, जहाँ मैं एक विद्रोही, बेफिक्र अपराधी का रोल निभाती हूँ, जो सुरंग से भागती है, लेकिन अंततः पकड़ी जाती है। शूटिंग में बहुत मज़ा आया, मैं सेट पर एक अच्छी स्टूडेंट थी और कहानी से जुड़ी हर छोटी डिटेल को फॉलो किया।"  

कार्तिकेयसिंह चौहान का विधायक कार्यालय पर विधायक गोपालसिंह इंजीनियर के नेतृत्व में किया भव्य स्वागत और सम्मान

भगवान श्री राम की प्रतिमा स्मृति चिन्ह के रूप में की भेंट आष्टा विजयदशमी (दशहरा) उत्सव में मुख्यातिथि के रूप में शामिल होने आष्टा पधारे मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराजसिंह चौहान के बड़े सुपुत्र कार्तिकेयसिंह चौहान दशहरा उत्सव में भाग लेने आष्टा पहुंचे । कार्तिकेयसिंह चौहान के आष्टा पहुचने पर विधायक गोपालसिंह इंजीनियर के नेतृत्व में आष्टा नगर की सीमा किलेरामा पर श्री कार्तिकेयसिंह चौहान की भव्य अगवानी की गई । विधायक के नेतृत्व में वाहनों के काफिले के साथ कार्तिकेयसिंह चौहान को विधायक कार्यालय लाया गया । विधायक कार्यालय आगमन पर विधायक गोपालसिंह इंजीनियर के नेतृत्व में कार्तिकेयसिंह चौहान का भव्य स्वागत और सम्मान किया गया । विधायक कार्यालय पर उपस्तिथ भाजपा के समस्त पदाधिकारियों,जनप्रतिनिधियों,कार्यकर्ताओ ने कार्तिकेयसिंह जी का स्वागत किया । अपने कार्यालय पर प्रथम आगमन पर कार्तिकेयसिंह चौहान का विधायक गोपाल सिंह इंजीनियर ने राजस्थानी साफा बंधवा कर रामनामी दुपट्टा डाल कर गुलदस्ता भेंट किया एवं आष्टा विधानसभा क्षेत्र की ओर से विधायक गोपालसिंह इंजीनियर ने कार्तिकेयसिंह चौहान को जन जन की आस्था के केंद्र भगवान श्रीराम जी की प्रतिमा स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट की । इस अवसर पर सीहोर जिला भारतीय जनता पार्टी के  अध्यक्ष नरेश मेवाडा का भी स्वागत सम्मान किया गया । स्वागत सम्मान कार्यक्रम में रायसिंह मेवाडा,सोनू गुणवान,महेन्द्र इंजीनियर, सुशील संचेती,अतुल शर्मा, हरेन्द्र ठाकुर,योगेंद्रसिंह ठाकुर,राकेश प्रजापति,ऋतु आनन्द जैन,अंजली विशाल चौरसिया,गिरजा माखन कुशवाह,तारा कटारिया,संध्या  देवांग,मानकुंवर मेवाडा,कृष्णा गोपालसिंह इंजीनियर,नीलिमा मनोहर बैरागी, ऋषि विश्वकर्मा,उत्थान धारवा,मोहित सोनी,सौरभ शीतल,सुरेश परमार,मनोहर भोजवानी,अनिल श्रीवास्तव, राकेश कुशवाह, यशवंत ठाकुर, कल्लु मुकाती,राजेश घेंघट,अनन्त साहू,भूपेंद्र राणा,नीलेश शर्मा,राजेश पचलासिया,भगवत मेवाडा,आकाश सुरणा,राजेन्द्रसिंह ठाकुर,संयम जैन,सुनील केलिया,महेन्द्र ठाकुर सहित बड़ी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता उपस्तिथ थे ।

वायुसेना चीफ ने बताया- अमेरिका और चीन दोनों के फाइटर जेट ऑपरेशन सिंदूर में गिराए

नई दिल्ली   भारतीय वायुसेना प्रमुख अमर प्रीत सिंह ने शुक्रवार को ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान भारत ने पाकिस्तान के लगभग 12 विमानों को नुकसान पहुंचाया। इसमें अमेरिका और चीन के फाइटर जेट्स भी शामिल हैं। वायुसेना प्रमुख सिंह ने कहा कि भारत ने अमेरिका के एफ-16 और चीन के जेएफ-17 क्लास के पांच फाइटर जेट्स को मार गिराया। मालूम हो कि पाकिस्तान के पास बड़ी संख्या में चीन और अमेरिका के फाइटर जेट्स मौजूद हैं, जिसका उसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया था। अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सात मई को पाकिस्तान और पीओके में ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की थी। पहली रात लश्कर और जैश के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए। इसके बाद पाकिस्तान ने चीन, अमेरिका और तुर्की के हथियारों की मदद से भारत पर हमले की नाकाम कोशिशें कीं। इसके बाद भारत ने पाक के कई एयरबेस को भी तबाह कर दिया। भारतीय वायु सेना के वार्षिक दिवस पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिंह ने संवाददाताओं से कहा, "जहां तक वायु रक्षा का सवाल है, हमारे पास एक लंबी दूरी के हमले के सबूत हैं। साथ ही, पांच फाइटर जेट्स, जो एफ-16 और जेएफ-17 कैटेगरी के बीच के उच्च तकनीक वाले हैं, ऐसा हमारी प्रणाली बताती है।" एफ-16 अमेरिका में निर्मित फाइटर जेट है, जबकि जेएफ-17 चीन में निर्मित है। एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने कहा, "…जहां तक ​​पाकिस्तान के नुकसान का सवाल है…हमने बड़ी संख्या में उनके एयरफील्ड्स पर हमला किया है और हमने बड़ी संख्या में प्रतिष्ठानों पर हमला किया है। इन हमलों के कारण, कम से कम चार स्थानों पर रडार, दो स्थानों पर कमांड और नियंत्रण केंद्र, दो स्थानों पर रनवे क्षतिग्रस्त हो गए, फिर तीन अलग-अलग स्टेशनों में उनके तीन हैंगर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हमारे पास एक सी-130 श्रेणी के विमान के संकेत हैं और कम से कम 4 से 5 फाइटर जेट्स। सबसे अधिक संभावना एफ-16 की हैं, क्योंकि वह स्थान एफ-16 था और उस समय जो कुछ भी रखरखाव में था।" एफ-16 फाइटर जेट्स की क्या हैं खूबियां अमेरिका का एफ-16 फाइटर जेट एक सिंगल इंजन वाला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है, जिसे अब लॉकहीड मार्टिन नामक कंपनी बनाती है। 1976 से अब तक 4600 से ज्यादा लड़ाकू विमानों का निर्माण किया जा चुका है। यह सभी मौसम में काम करता है और दुश्मन देश के ठिकाने पर सटीक हमले करने के लिए जाना जाता है। पाकिस्तान ने अब तक अमेरिका से कुल 85 एफ-16 फाइटर जेट्स खरीदे हैं, जिसमें से 75 काम कर रहे हैं। हवा से सतह पर मार करने की क्षमता के साथ, एफ-16 500 मील (860 किलोमीटर) से अधिक की उड़ान भर सकता है। अपने हथियारों को बेहतर सटीकता के साथ गिरा सकता है और दुश्मन के विमानों से अपनी रक्षा कर सकता है। इसके बाद अपने प्रारंभिक प्वाइंट पर वापस लौट सकता है। चीन से खरीदे गए जेएफ-17 फाइटर जेट्स के फीचर्स चीन द्वारा निर्मित किए गए जेएफ-17 फाइटर जेट्स का इस्तेमाल पाकिस्तान, म्यांमार, अजरबैजान समेत कई अन्य देश करते हैं। इसमें जेएफ का मतलब ज्वाइंट फाइटर है। यह एक चौथी पीढ़ी का हल्का सिंगल इंजन वाला, बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान है, जिसे चीन के चेंगदू एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन (सीएसी) और पाकिस्तान एयरोनॉटिकल कॉम्प्लेक्स (पीएसी) ने संयुक्त रूप से बनाया है। जेएफ-17 का इस्तेमाल कई भूमिकाओं के लिए किया जा सकता है, जिसमें दूसरे फाइटर जेट्स को इंटरसेप्ट करना, जमीनी हमला करना, एंटी शिप और हवाई टोही शामिल है।  

पंजाब में बाढ़ पीड़ितों के लिए बाबा रामदेव का बड़ा दान, बोले- ‘सर्व धर्म सेवा हमारी जिम्मेदारी’

पंजाब  पंजाब में बीते दिनों आए भीषण बाढ़ ने राज्य को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। विभिन्न संगठन, राजनीतिक दल आदि बाढ़ से पीड़ित लोगों की मदद में लगे हुए हैं। इस बीच अब योग गुरु बाबा रामदेव ने भी पंजाब के बाढ़ पीड़ितों के लिए मदद के हाथ आगे बढ़ाए हैं। योग गुरु बाबा रामदेव ने पंजाब में बाढ़ राहत के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति को 1 करोड़ रुपये दान किए हैं। क्या बोले बाबा रामदेव? योग गुरु बाबा रामदेव ने बाढ़ राहत के लिए 1 करोड़ रुपये दान देते हुए कहा- "सरबत दा भला के तहत, मैंने जो 1 करोड़ रुपये दान किए हैं, वो कोई बड़ी बात नहीं है। मैं कहता हूं कि हम सब गुरु के सेवक हैं। सिर्फ़ सिख समुदाय ही नहीं, बल्कि पूरा देश गुरु का कृतज्ञ है। अगर उन्होंने बलिदान न दिया होता, तो हिंदू, हिंदुत्व और सनातन धर्म सुरक्षित नहीं होते। आज मैंने यहाँ प्रार्थना की और गुरु का आशीर्वाद लिया। यहां जो बाढ़ आई, गुरु के अनुयायियों ने हर मुश्किल का सामना किया, लोगों की मदद करना हमारा कर्तव्य है। हम सभी को एकजुट होकर लोगों की मदद करनी चाहिए।" पंजाब में कितना नुकसान हुआ? पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब में बाढ़ राहत को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गृह मंत्री शाह को जानकारी दी है कि पंजाब में आई भीषण बाढ़ ने 2,614 गांवों में 20 लाख से अधिक लोगों को प्रभावित किया है, और 6.87 लाख लोग विस्थापित हुए हैं। 4.8 लाख एकड़ से अधिक फसल नष्ट हो गई है, 17,000 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और 2.5 लाख से अधिक पशुधन प्रभावित हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 4657 किमी ग्रामीण सड़कों, 485 पुलों, 1,417 पुलियों और 190 मंडियों को बड़ा नुकसान हुआ है। नुकसान का प्रारंभिक अनुमान 13,832 करोड़ रुपये है। हम पंजाब के लोगों के साथ- अमित शाह  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि मोदी सरकार पंजाब के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और बाढ़ से प्रभावित लोगों को हर संभव मदद मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। अमित शाह और भगवंत मान की मुलाकात के दौरान ये जानकारी दी गई है कि राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) के तहत पंजाब के पास 12,589.59 करोड़ रुपये का पर्याप्त कोष है। भारत सरकार के नियमों के अनुसार प्रभावित लोगों को राहत और तत्काल बहाली के कामों के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है। बता दें कि केंद्र सरकार ने हाल ही में पंजाब में बाढ़ राहत के लिए 1600 करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया था।