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पुलिस विभाग में मची हलचल: केशव कुमार के आदेश पर 314 पुलिसकर्मी हुए स्थानांतरित

कुशीनगर पुलिस अधीक्षक केशव कुमार ने पुलिस महकमे में बड़ा प्रशासनिक कदम उठाते हुए बड़े पैमाने पर तबादलों को शुरू किया है। इस कार्रवाई के तहत पिछले तीन साल से एक ही थाने में तैनात 314 पुलिसकर्मियों को अन्य थानों में स्थानांतरित किया गया है। इस फैसले से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है और कर्मियों के बीच चर्चा जोरों पर है। जानकारी के अनुसार, स्थानांतरण की सूची में हेड कांस्टेबल और आरक्षी शामिल हैं, जो लंबे समय से एक ही जगह पर पदस्थ थे। पुलिस अधीक्षक का यह कदम कार्यक्षमता बढ़ाने और भ्रष्टाचार या रिश्वतखोरी जैसे मुद्दों को रोकने के लिए उठाया गया है। अधिकारियों का मानना है कि लंबे समय तक एक ही स्थान पर रहने से कुछ कर्मी प्रभावशाली लोगों के संपर्क में आकर अनुचित गतिविधियों में लिप्त हो सकते हैं, जिसे रोकने के लिए यह कार्रवाई जरूरी थी। स्थानांतरण की सूची जारी होने के बाद कई पुलिसकर्मियों ने नई तैनाती को लेकर अपनी सहमति जताई, जबकि कुछ ने असंतोष भी व्यक्त किया। हालांकि, पुलिस अधीक्षक केशव कुमार ने साफ किया कि यह फैसला विभाग की बेहतरी और जनता की सेवा को ध्यान में रखकर लिया गया है। उन्होंने कहा कि नियमित स्थानांतरण से पुलिसकर्मियों को नए अनुभव मिलेंगे और उनकी कार्यक्षमता में सुधार होगा। पुलिस महकमे के सूत्रों के मुताबिक, इस कार्रवाई से जूनियर और सीनियर दोनों स्तर के कर्मियों में हलचल है। कुछ थानों में स्टाफ की कमी की शिकायतें भी सामने आई हैं, लेकिन प्रशासन ने आश्वासन दिया कि जल्द ही इन खामियों को दूर कर लिया जाएगा। स्थानांतरण की प्रक्रिया सुचारू रूप से चलाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं ताकि कोई असुविधा न हो। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यह कदम पुलिस विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार होगा और अपराध नियंत्रण में मदद मिलेगी।  

योगी सरकार के आईजीआरएस पोर्टल से जन शिकायतों के निस्तारण में आई तेजी, पीड़ितों को मिल रहा त्वरित न्याय

जनशिकायतों के निस्तारण में देवीपाटन मंडल अव्वल, मीरजापुर मंडल ने हासिल किया दूसरा स्थान    योगी सरकार के आईजीआरएस पोर्टल से जन शिकायतों के निस्तारण में आई तेजी, पीड़ितों को मिल रहा त्वरित न्याय  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मॉनीटरिंग से शिकायतों का समयबद्ध हो रहा निस्तारण  आईजीआरएस की सितंबर माह की रिपोर्ट में जनमानस की शिकायतों के निस्तारण में देवीपाटन मंडल ने प्राप्त किया पहला स्थान  – रिपोर्ट में मीरजापुर दूसरे तो बस्ती मंडल है तीसरे स्थान पर, शिकायतों के निस्तारण के बाद मंडलायुक्त ले रहे फीडबैक  – मंडलायुक्तों की मॉनीटरिंग, विभागीय आख्या की जांच और शिकायकर्ता के फीडबैक से समस्या के समाधान में आ रही तेजी लखनऊ  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी से जन शिकायतों के निस्तारण की प्रक्रिया में अभूतपूर्व तेजी आई है। योगी सरकार के आईजीआरएस पोर्टल से शिकायतों के समाधान में न केवल पारदर्शिता आई है, बल्कि पीड़ितों को त्वरित न्याय भी मिल रहा है। योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में प्रशासनिक सुधारों और तकनीकी उपायों को अपनाकर शिकायतों के निस्तारण को सुनिश्चित किया है। वहीं, आईजीआरएस की सितंबर माह की रिपोर्ट में देवीपाटन मंडल ने जन शिकायतों के निस्तारण में बाजी मारी है और प्रदेश में एक बार फिर पहला स्थान प्राप्त किया है। इसी तरह प्रदेशभर में मीरजापुर मंडल ने दूसरा और बस्ती मंडल ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। बता दें कि अगस्त माह की आईजीआरएस रिपोर्ट में भी देवीपाटन जनशिकायतों के निस्तारण में पहले स्थान पर था। हर माह रेंडम पांच शिकायतकर्ता से दवीपाटन मंडलायुक्त खुद लेते हैं निस्तारण का फीडबैक देवीपाटन मंडलायुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप जनशिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण किया जा रहा है। इसके लिए देवीपाटन मंडल के जिलों क्रमश: श्रावस्ती, बहराइच, गोंडा और बलरामपुर में जनशिकायतों के पारदर्शी और त्वरित समाधान के लिए कई बिंदुओं पर लगातार काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिलों में जनशिकायतों की निस्तारण की रिपोर्ट की लगातार मॉनीटरिंग की जाती है। मंडलायुक्त ने बताया कि वह खुद मंडल के सभी जिलों के जनशिकायतों के निस्तारण के पहलुओं की मॉनीटरिंग करते हैं। इसके साथ ही रेंडम पांच शिकायतकर्ता से मंडलायुक्त कार्यालय से फीडबैक लिया जाता है ताकि यह पता चल सके कि पीड़ित की शिकायत पर वास्तविकता में एक्शन लिया गया है या फिर रिपोर्ट ही लगायी गयी है। इसके साथ ही हर माह जनशिकायतों के मामलों की विभागीय आख्या की जांच की जाती है। यही वजह है कि देवीपाटन मंडल ने जन शिकायतों के निस्तारण में प्रदेश भर में एक बार फिर पहला स्थान प्राप्त किया है। मंडलायुक्त ने बताया कि सितंबर माह की आईजीआरएस रिपोर्ट में दवीपाटन मंडल को पूर्णांक 120 में से 104 अंक प्राप्त हुए हैं और सफलता दर 86.67 प्रतिशत है।    मीरजापुर मंडल ने दूसरा तो बस्ती मंडल ने तीसरा स्थान प्राप्त किया योगी सरकार द्वारा लांच आईजीआरएस (एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली) पोर्टल नागरिकों की शिकायतों के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कई सुधारों के बाद यह अत्यधिक प्रभावी साबित हुआ है। आईजीआरएस की सितंबर की रिपोर्ट के अनुसार मीरजापुर मंडल ने जन शिकायतों के निस्तारण में प्रदेशभर में दूसरा प्राप्त किया है। मीरजापुर मंडलायुक्त ने बताया कि सितंबर माह की आईजीआरएस रिपोर्ट में मीरजापुर मंडल को पूर्णांक 120 में से 98 अंक प्राप्त हुए हैं और सफलता दर 81.67 प्रतिशत है। पिछले माह भी आईजीआरएस की अगस्त माह की रिपोर्ट में मीरजापुर मंडल दूसरे स्थान पर था। इसी तरह बस्ती मंडल ने जनशिकायतों के निस्तारण में पूरे प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। बस्ती मंडलायुक्त ने बताया कि सितंबर माह की आईजीआरएस रिपोर्ट में बस्ती मंडल को पूर्णांक 120 में से 97 अंक प्राप्त हुए हैं और सफलता दर 80.83 प्रतिशत है। इसके साथ ही टॉप फाइव मंडल में अलीगढ़ मंडल ने चौथा और वाराणसी मंडल ने पांचवां स्थान प्राप्त किया है। इन मंडलों ने शिकायतों के निस्तारण में समय की बचत और पीड़ितों से फीडबैक लेकर सुधार की प्रक्रिया को तेज किया है। इससे यह सुनिश्चित हुआ कि कोई भी शिकायत अनसुलझी न रहे और समाधान की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और समयबद्ध हो। साथ ही अधिकारियों के फील्ड विज़िट्स ने इस प्रक्रिया को और भी प्रभावी बना दिया है।

ऑटो बन रहे लुटेरों का नया ठिकाना, पुलिस भी हैरान

लुधियाना महानगर में ऑटो गैंग एक बार फिर बेखौफ होकर सक्रिय हो गया है। घंटाघर चौक से सवारी बनकर बैठे 2 लुटेरों ने एक व्यक्ति का मोबाइल और पर्स चुराने की कोशिश की लेकिन इस बार किस्मत ने साथ नहीं दिया। सवारी ने बहादुरी दिखाते हुए लोगों की मदद से पीछा कर दोनों को पकड़ लिया। जानकारी के अनुसार, गुरनाम सिंह नामक व्यक्ति घंटाघर चौक से प्रताप चौक जाने के लिए ऑटो में सवार हुआ। ऑटो में पहले से ही एक युवक बैठा हुआ था। ड्राइवर ने रास्ता बदलते हुए ऑटो को प्रताप चौक की बजाय दंडी स्वामी चौक की ओर मोड़ दिया। तभी पीछे बैठे युवक ने मौका पाकर गुरनाम सिंह की जेब से पर्स निकाल लिया। गुरनाम सिंह को जब चोरी का अहसास हुआ तो उन्होंने तुरंत शोर मचाया और युवक को पकड़ लिया। तभी ड्राइवर ने ऑटो तेज रफ्तार से भगाना शुरू कर दिया। झड़प के दौरान आरोपियों ने गुरनाम सिंह को धक्का देकर सड़क पर गिरा दिया और ऑटो लेकर फरार हो गए लेकिन गुरनाम सिंह ने हिम्मत नहीं हारी, एक राहगीर की बाइक पर सवार होकर आरोपियों का पीछा शुरू कर दिया। करीब 3 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद भारत नगर चौक के पास दोनों बदमाशों को काबू कर लिया गया। मौके पर जुटे लोगों ने दोनों की जमकर धुनाई की और बाद में पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि यह गिरोह हाल ही में हुई कई वारदातों से जुड़ा हो सकता है। गुरनाम सिंह ने बताया कि उन्होंने पहले भी ऐसे गिरोहों की खबरें सुनी थीं, लेकिन खुद पर वारदात होते देख हैरान रह गए। उन्होंने कहा अगर मैं हिम्मत न करता तो शायद यह गैंग किसी और को निशाना बना लेता। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अनजान ऑटो में सवार न हों और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना पुलिस को दें।

अहमदाबाद डिफेंडर्स ने पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए कालीकट हीरोज को हराया

हैदराबाद आरआर केबल प्राइम वॉलीबॉल लीग पावर्ड बाय स्कैपिया मुकाबले में अहमदाबाद डिफेंडर्स ने गत चैंपियन कालीकट हीरोज को 12-15, 15-12, 15-12, 16-14 से हरा दिया। बत्तूर बत्सुरी को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। आज यहां गाचीबोवली इंडोर स्टेडियम में खेले गए मैच में अशोक बिश्नोई और शमीमुद्दीन ने शुरुआत में ही अंगमुथु के आक्रमण का मुकाबला करने के लिए टू-मैन ब्लॉक लाइन बनाई। डिफेंडर्स की बैक लाइन ने कालीकट के अटैक्स से निपटने के लिए अपने पास शानदार ढंग से वितरित किए। शॉन टी जॉन की अनुपस्थिति में, बत्सुरी ने अहमदाबाद के लिए प्रमुख आक्रामक भूमिका निभाई और अपनी टीम को एक शानदार प्रदर्शन करने में मदद की। अब्दुल रहीम ने कालीकट के लिए कोर्ट पर सभी विभागों में प्रभाव डालना शुरू कर दिया। संतोष ने गत चैंपियन अहमदाबाद के आक्रमण को और मज़बूत किया और उस पर दबाव बनाया। मोहन उक्करापांडियन ने अपनी पासिंग से शानदार प्रदर्शन किया और कप्तान की भूमिका निभाते हुए कालीकट को बढ़त दिलाई। नंदागोपाल ने क्रॉस-बॉडी स्पाइक्स और एक शक्तिशाली सुपर सर्व के साथ अहमदाबाद के लिए वापसी के रास्ते खोल दिए। जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, अहमदाबाद का आत्मविश्वास बढ़ता गया, लेकिन कालीकट ने मैच बराबरी पर बनाए रखने के लिए रहीम पर भरोसा जताया। इस बीच, कप्तान मुथुसामी अप्पावु ने एक अहम मोड़ पर अपनी टीम को एकजुट किया और कोर्ट पर अहम अंतर पैदा किया। बत्सुरी ने अंगामुथु के साथ मिलकर विपक्षी टीम के कोर्ट पर लगातार आक्रमण किया और अहमदाबाद को नियंत्रण में रखने का लक्ष्य रखा। दोनों टीमों ने ज़बरदस्त डिफेंसिव स्किल दिखाया, जिससे विपक्षी टीम के लिए अंक लेना आसान नहीं रहा। आख़िरकार अखिन ने ज़बरदस्त स्पाइक लगाकर अहमदाबाद के लिए विजयी अंक हासिल किया।  

पहाड़ों में बर्फबारी से ठंड बढ़ी, मानसून अभी तक नहीं लौटा; मध्य प्रदेश में पारा लुढ़का

भोपाल  मध्य प्रदेश के 35 से अधिक जिलों में मानसून विदाई की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. अब अधिकांश शहरों में मौसम शुष्क और साफ नजर आ रहा है. मौसम विभाग के अनुसार, अगले 36 घंटों में प्रदेश से मानसून पूरी तरह विदा हो जाएगा. कुछ जगहों पर केवल हल्की बूंदाबांदी देखने को मिल सकती है. वहीं, जोरदार बारिश के बाद अब दिन में चटक धूप खिल रही है और शाम होते ही गुलाबी ठंडक का अहसास होने लगा है. इस बार ठंड की शुरुआत सामान्य से कुछ जल्दी हो गई है और संभावना है कि दीपावली तक लोग गर्म कपड़ों का सहारा ले लें. 17 साल में अक्टूबर में तेज ठंड राजधानी भोपाल में पारा अक्टूबर में 18 डिग्री तक गिर गया है, जो पिछले 17 वर्षों में पहली बार हुआ है. पचमढ़ी के मुकाबले राजगढ़ और इंदौर शहरों में तापमान अधिक ठंडा महसूस हो रहा है. मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को पचमढ़ी का न्यूनतम तापमान 18.6 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि राजगढ़ में 14.5 डिग्री, इंदौर में 15.5 डिग्री और खंडवा में 17 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. भोपाल में भी न्यूनतम पारा 18 डिग्री तक गिरा है. गुना में हुई सबसे ज्यादा बारिश मानसून सीजन के दौरान इस साल गुना जिले में सबसे ज्यादा 65.6 इंच बारिश दर्ज की गई. मंडला और रायसेन में 62 इंच से अधिक, जबकि श्योपुर और अशोकनगर में 56 इंच से अधिक बारिश हुई. इसके विपरीत, सबसे कम बारिश वाले जिलों में शाजापुर (28.9 इंच), खरगोन (29.6 इंच), खंडवा (32 इंच), बड़वानी (33.5 इंच) और धार (33.6 इंच) शामिल हैं. पहाड़ों की बर्फबारी से बदली हवा का रुख जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार हो रही बर्फबारी के चलते हवा का रुख उत्तरी दिशा की ओर से ठंडा हो गया है। इसी वजह से मध्यप्रदेश में तापमान में गिरावट देखने को मिल रही है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में सुबह-शाम की ठंडक और बढ़ सकती है। 40 से ज्यादा जिलों से लौट चुका है मानसून राज्य में मानसून की वापसी का सिलसिला शुरू हो गया है। शुक्रवार तक भोपाल, इंदौर, धार, बुरहानपुर, खंडवा, सीहोर, सागर, रायसेन, हरदा, विदिशा, नर्मदापुरम और बैतूल समेत 40 से अधिक जिलों से मानसून विदा हो चुका है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सिंगरौली, सीधी, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट और छिंदवाड़ा जिलों से भी अगले 2 दिन में मानसून की पूरी तरह से विदाई हो जाएगी। पूर्वी जिलों में अभी बनी रहेगी बारिश की संभावना मौसम विभाग ने बताया कि पूर्वी मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में अभी हल्की बूंदाबांदी की संभावना बनी हुई है। आने वाले तीन दिनों तक बालाघाट, मंडला, सिवनी और उमरिया जिलों में बादल छाए रहेंगे। शेष जिलों में मौसम साफ रहेगा। इस सीजन में गुना रहा सबसे ज्यादा बारिश वाला जिला मानसूनी सीजन के दौरान इस साल गुना जिले में सबसे ज्यादा 65.6 इंच बारिश दर्ज की गई। वहीं, मंडला और रायसेन में 62 इंच से अधिक और श्योपुर-अशोकनगर में 56 इंच से अधिक बारिश हुई। सबसे कम बारिश वाले जिलों में शाजापुर (28.9 इंच), खरगोन (29.6 इंच), खंडवा (32 इंच), बड़वानी (33.5 इंच) और धार (33.6 इंच) शामिल हैं। इंदौर संभाग की स्थिति में हुआ सुधार मानसून की शुरुआत में इंदौर और उज्जैन संभाग में बारिश की स्थिति कमजोर थी, लेकिन सितंबर में तेज बारिश ने संतुलन बना दिया। इंदौर में अब सामान्य बारिश का कोटा पूरा हो गया है, हालांकि उज्जैन में अभी भी औसत से कम वर्षा हुई है। ग्वालियर-चंबल में जमकर बरसा मानसून ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग में इस बार मानसून सक्रिय रहा। यहां के सभी जिलों में औसत से अधिक बारिश दर्ज की गई। कई जगह बाढ़ जैसी स्थिति भी बनी, खासकर छतरपुर, मंडला और उमरिया जिलों में। अक्टूबर में मौसम का पुराना रिकॉर्ड     भोपाल में अक्टूबर का औसत अधिकतम तापमान 32.7°C और न्यूनतम 19.1°C रहता है। वर्ष 2012 में तापमान रिकॉर्ड 38°C तक पहुंच गया था।     इंदौर में 22 अक्टूबर 1999 को रात का तापमान 6.2°C दर्ज हुआ था, जो अब तक का सबसे ठंडा रिकॉर्ड है।     ग्वालियर में 27 अक्टूबर 1994 को 40.1°C तक तापमान पहुंचा था।     जबलपुर में 30 अक्टूबर 1952 को न्यूनतम तापमान 10.5°C रहा था।     उज्जैन में 29 अक्टूबर 1983 को न्यूनतम 8.1°C और 2002 में दिन का तापमान 39°C दर्ज हुआ था। अब गुलाबी ठंड का इंतजार मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, आने वाले सप्ताह में मध्यप्रदेश में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आएगी। उत्तर भारत से आने वाली ठंडी हवाएं लगातार सक्रिय हैं। इससे सुबह और देर शाम सर्दी का अहसास और बढ़ जाएगा। तीन दिन तक पूर्वी हिस्से में बूंदाबांदी का अनुमान मौसम विभाग ने अगले 3 दिन तक पूर्वी हिस्से के जिलों में बूंदाबांदी होने का अनुमान जताया है। बाकी जिलों में मौसम साफ रहेगा। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि 14 अक्टूबर को कहीं-कहीं बारिश होने के आसार है। शुक्रवार को पूर्वी हिस्से के तीन जिलों में बूंदाबांदी हो सकती है। इंदौर संभाग की तस्वीर भी सुधरी इस मानसूनी सीजन में शुरुआत से ही इंदौर और उज्जैन संभाग की स्थिति ठीक नहीं रही। एक समय तो इंदौर में प्रदेश की सबसे कम बारिश हुई थी। ऐसे में अटकलें थीं कि क्या इस बार इंदौर में सामान्य बारिश भी होगी? लेकिन सितंबर महीने में तेज बारिश की वजह से इंदौर में सामान्य बारिश का कोटा पूरा हो गया। संभाग के सभी जिलों में भी बारिश की बेहतर तस्वीर हो गई। दूसरी ओर, उज्जैन जिले में अब भी कोटा पूरा नहीं हुआ। सबसे कम बारिश वाले जिलों में शाजापुर पहले नंबर पर है। ग्वालियर, चंबल-सागर सबसे बेहतर एमपी में जब से मानसून एंटर हुआ, तब से पूर्वी हिस्से यानी, जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हुई है। यहां बारिश के स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव रहे। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़, उमरिया समेत कई जिलों में बाढ़ आ गई। ग्वालियर-चंबल में भी मानसून जमकर बरसा है। यहां के सभी 8 जिलों में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। इनमें ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर शामिल हैं।

ग्वालियर में पर्यटन को नया आयाम, नैरोगेज संग्रहालय बनेगा हेरिटेज हब

ग्वालियर  केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के निर्देशों के बाद अब ग्वालियर में ऐतिहासिक बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। सिंधिया के विजन के तहत ग्वालियर का नैरोगेज संग्रहालय (Narrow Gauge Museum) अब एक भव्य “हेरिटेज हब” के रूप में विकसित किया जाएगा। रेलवे बोर्ड की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर (हेरिटेज) आशिमा मेहरोत्रा और डिप्टी डायरेक्टर (हेरिटेज) राजेश कुमार ने गुरुवार को पुराने एरिया मैनेजर कार्यालय स्थित नैरोगेज संग्रहालय और लोको शेड का गहन निरीक्षण किया।  ग्वालियर का नैरोगेज म्यूजियम बनेगा शानदार हेरिटेज हब निरीक्षण के दौरान रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह संग्रहालय एक अमूल्य ऐतिहासिक धरोहर है, जिसे संवारकर पर्यटन का केंद्र बनाया जाएगा। इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए एडीईएन, एडीईई और एसीएम कार्यालयों को शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी ताकि पूरा परिसर एक समर्पित नैरोगेज म्यूजियम के रूप में विकसित हो सके।  सिंधिया के निर्देशों का असर – तेजी से आगे बढ़ा प्रोजेक्ट केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अफसरों को हाल ही में ग्वालियर म्यूजियम को नागपुर नैरोगेज म्यूजियम की तर्ज पर विकसित करने के निर्देश दिए थे। इसी के तहत अफसरों ने अब प्रोजेक्ट को गति दी है।   सिंधिया के निर्देशों के बाद तय हुई बड़ी योजनाएं  संग्रहालय का विस्तार: पुराने और जर्जर क्वार्टर हटाकर म्यूजियम का विस्तार किया जाएगा।  आधुनिक सुविधाएं: बच्चों के लिए टॉय ट्रेन, डिजिटल स्क्रीन, फोटो गैलरी, कैफेटेरिया और ऑडियो-विजुअल डिस्प्ले जैसी सुविधाएं जोड़ी जाएंगी।  नई ट्रेनें और स्टॉपेज: ग्वालियर से भोपाल इंटरसिटी ट्रेन शुरू करने के साथ, संपर्क क्रांति जैसी प्रमुख ट्रेनों का ग्वालियर में स्टॉपेज बढ़ाने की योजना है।  नया रूट: ग्वालियर-इटावा रेल रूट पर भी नई ट्रेन प्रारंभ करने की तैयारी।  निरीक्षण में शामिल अधिकारी इस मौके पर प्रयागराज से आए मुख्य चल शक्ति अभियंता आर.डी. मौर्य, एडीआरएम नंदीश शुक्ला, सीडब्लूएम शिवाजी कदम, सीनियर डीएमई गौरव यादव, एडीईएन अजीत मिश्रा और स्टेशन डायरेक्टर वी.के. भारद्वाज सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।  ग्वालियर की पहचान को मिलेगा नया रूप! इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद ग्वालियर न केवल अपनी ऐतिहासिक धरोहर के लिए जाना जाएगा बल्कि यह हेरिटेज टूरिज्म का नया केंद्र बनेगा। सिंधिया के विजन से शहर को नई पहचान मिलने की उम्मीद है — ग्वालियर अब इतिहास और आधुनिकता का संगम बनेगा!

सीढ़ियों के नीचे रखने योग्य और न रखने योग्य चीजें: जानिए वास्तु टिप्स

हर घर में जगह का पूरा इस्तेमाल करने के लिए लोग अक्सर सीढ़ियों के नीचे की खाली जगह का इस्तेमाल करना चाहते हैं। खाली जगह है, तो जरूर उसका उपयोग होना चाहिए। मगर, साथ ही आपको यह भी पता होना चाहिए कि वास्तु के अनुसार, सीढ़ियों के नीचे की एनर्जी कुंठित होती है। दरअसल, सीढ़ियों को घुमावदार बनाया जाता है। इससे सीढ़ियों के नीचे की एनर्जी अस्त-व्यस्त और निगेटिविटी से भर जाती है। लिहाजा, कुछ चीजों को सीढ़ियों के नीचे नहीं रखना चाहिए। आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि आपको किन चीजों को वहां रखने से परहेज करना चाहिए और किन चीजों को रख सकते हैं वहां। पेट्स के बैठने की जगह सीढ़ियों के नीचे की जगह का इस्तेमाल पेट्स को रखने के लिए नहीं करना चाहिए। वहां की अस्त-व्यस्त एनर्जी की वजह से पेट का संतुलन बिगड़ सकता है। वह मानसिक तौर पर परेशान हो सकता है। उसका व्यवहार आक्रामक हो सकता है। या वह बीमार हो सकता है। लिहाजा, ऐसा नहीं करें। पढ़ने की जगह न बनाएं सीढ़ियों के नीचे स्टडी टेबल लगाकर उसे पढ़ने की जगह के रूप में इस्तेमाल नहीं करें। यदि आप ऐसा करते हैं, तो आप पाएंगे कि बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लगेगा। साथ ही वह अपनी स्टडीज पर फोकस भी नहीं कर पाएगा। भगवान का मंदिर नहीं बनाएं सीढ़ियों पर पैर रखकर आप चलते हैं। उसके नीचे मंदिर होने का मतलब है कि आप भगवान के ऊपर पैर रखकर निकल रहे हैं। इसका निगेटिव असर आपके घर में होने लगता है और कई तरह की परेशानियां सामने आ सकती हैं। साथ ही वहां ऐसी कोई अलमारी न रखें, जिसमें आप पैसे रखते हैं। दरअसल, रुपए-पैसे मां लक्ष्मी और कुबेर से संबंधित हैं। सीढ़ियों के नीचे उन्हें रखने से आपको आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। घर में घन की बचत कम हो सकती है। क्या रखें सीढ़ियों के नीचे सीढ़ियों के नीचे की जगह को खाली छोड़ देना बेहतर होगा। हालांकि, यदि आप उस जगह का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो उसे स्टोर रूम की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा उस जगह का इस्तेमाल आप जूते रखने का रैक के रूप में भी कर सकते हैं। इसके अलावा आप कभी-कभार उपयोग होने वाले बर्तन आदि रखने के लिए भी इस जगह का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस जगह पर आप गमले में लगाकर छोटे पौधे रख सकते हैं, जो आपके घर के इंटीरियर को चार चांद लगा सकता है।  

सर्दियों की चेतावनी: हरियाणा के 5 शहरों में 18 डिग्री से नीचे पारा, मौसम विभाग की भविष्यवाणी

चंडीगढ़ हरियाणा में ठंड ने दस्तक दे दी है। सुबह और शाम के समय ठंड का अहसास ज्यादा होता है। हालांकि दिन में धूप निकलने से तापमान में वृद्धि दर्ज की जा सकती है, लेकिन हवाओं में नमी के चलते गर्मी का अहसास नहीं होता। वहीं पहाड़ों पर हुई बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में भी देखा जा सकता है। अक्टूबर के पहले सप्ताह में आए वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण हवा में मौजूद नमी के कारण सुबह और रात में तापमान गिर रहा है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के आगे जाने से 14 अक्टूबर तक मौसम आमतौर पर खुश्क रहने की संभावना है। इस दौरान मौसम साफ रहने से तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने की संभावना है। इस दौरान हवाओं में फिर से बदलाव उत्तर और उत्तर पश्चिमी होने से रात के तापमान में हल्की गिरावट होने की संभावना है।  8 अक्टूबर से उत्तर-पश्चिमी हवाओं का दौर शुरू हुआ था। इससे रात का तापमान लगातार गिर रहा है। हिसार में 10 सितंबर को न्यूनतम तापमान 16.7 डिग्री दर्ज किया गया है। वहीं 5 शहर हिसार, करनाल, फरीदाबाद, कैथल और महेंद्रगढ़ में तापमान 18 डिग्री से नीचे चल रहा है। वहीं दक्षिण हरियाणा के नारनौल में अधिकतम तापमान लगातार चौथे दिन भी तापमान सामान्य से 7.4 डिग्री कम रहा। इसी तरह रोहतक में तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री कम चल रहा है।  बता दें कि हरियाणा में पश्चिमी विक्षोभ के कारण अक्टूबर के 9 दिनों में करीब 30 एमएम बारिश हो चुकी है। आमतौर पर इस दौरान 4 एमएम बारिश होती है, मगर इस बार 649 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। इससे पहले 2004 में पूरे अक्टूबर में 58.4 एमएम बारिश हुई थी। बारिश के कारण हरियाणा के अधिकांश जिलों में तापमान सामान्य से नीचे चला गया है।

नशे के कारोबार पर करारा प्रहार: करोड़ों की अवैध अफीम डोडा चूरा जब्त

बांसवाड़ा बांसवाड़ा सदर थाना पुलिस ने उदयपुर मार्ग पर डांगपाड़ा गांव के समीप नाकाबंदी के दौरान एक पिकअप से 7 क्विंटल 88 किलो से अधिक ग्राम अवैध अफीम डोडा चूरा पकड़ा। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत एक करोड़ 18 लाख से अधिक बताई जा रही है। पुलिस ने अवैध रूप से डोडा चूरा परिवहन करने पर जोधपुर निवासी चालक को गिरफ्तार किया है। साथ ही डोडाचूरा और पिकअप को जब्त कर लिया है। पुलिस के अनुसार महानिरीक्षक उदयपुर रेंन्ज गौरव श्रीवास्तव एवं जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी के निर्देशन पर सदर थाना अधिकारी बुधाराम विश्नोई के नेतृत्व में की जा रही नाकाबंदी के दौरान यह सफलता मिली। थानाधिकारी विश्नोई के नेतृत्व में थाना सदर की टीम उदयपुर मार्ग पर डांगपाडा में नाकाबंदी कर रही थी। नाकाबंदी के दौरान प्रतापगढ की तरफ से तेज गति से एक पिकअप वाहन आया। पुलिस ने चालक को रूकने का ईशारा किया, लेकिन चालक नाकाबंदी तोड़कर पिकअप सहित भागने लगा। भागने पर पुलिस टीम ने पीछा कर करीब 300-400 मीटर की दूरी पर ओवरटेक कर पिकअप रुकवाई। इस पर चालक भागने की कोशिश करने लगा तो पुलिसकर्मियों ने उसे मौके पर ही पकड़ लिया। पूछने पर उसने अपना नाम फैसल खान पिता अब्दुल गफार निवासी उचियारडा थाना सदर बिलाडा जिला जोधपुर बताया। नाकाबंदी तोड़कर भागने का कारण पूछा तो वह कोई संतोष जनक जबाव नहीं दे पाया। पिकअप में भरे माल के बारे पूछने पर घबरा गया। उसने पिकअप में अफीम का डोडा चूरा भरा होना बताया। पुलिस ने मौके पर ही कार्रवाई कर आरोपी फैसल के कब्जे से 37 कट्टों में भरा 7 क्विटल 88 किलो 556 ग्राम अवैध अफीम डोडाचूरा जब्त किया। इसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 1 करोड़ 18 लाख 35 हजार रुपए बताई गई।    

कोल्डरिफ कफ सिरप दिल्ली में भी प्रतिबंधित, औषधि विभाग ने बताया ‘मानक गुणवत्ता से कम’

नई दिल्ली कई बच्चों की जान लेने वाली कफ सिरप Coldrif के खिलाफ लगातार एक्शन लिया जा रहा है. दवा की बिक्री पर रोक लगाने वाले राज्यों या केंद्र शासित प्रदेश में दिल्ली का नाम भी शामिल हो गया है. दिल्ली सरकार ने अपने आदेश के जरिए Colddrif सिरप की बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन पर रोक लगा दी. इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने खुदरा और थोक दवा विक्रेताओं को तत्काल प्रभाव से Colddrif कफ सिरप की बिक्री और खरीद रोक लगा दिया. वहीं मणिपुर ने ‘अत्यधिक विषाक्त’ रसायन वाले दो कफ सिरप ब्रांड पर अपने यहां रोक लगा दी. दिल्ली सरकार के औषधि नियंत्रण विभाग ने अपने सार्वजनिक नोटिस में कोल्डरिफ कफ सिरप (Coldrif Syrup) को “मानक गुणवत्ता से कम” (Not of Standard Quality) घोषित किया है. यह सिरप स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पाया गया है क्योंकि इसमें डाइथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol) 46.28% पाया गया है, जो शरीर के लिए बहुत ही विषैला होता है. सिरप का इस्तेमाल नहीं करने की अपील जिस दवा Coldrif Syrup (Paracetamol, Phenylephrine Hydrochloride, Chlorpheniramine Maleate Syrup) की बिक्री पर रोक लगाई गई है, वो मई 2025 में मैन्यूफैक्चर हुआ था और उसकी एक्सपायरी डेट अप्रैल 2027 थी. इस दवा की निर्माता कंपनी तमिलनाडु की कांचीपुरम जिले की कंपनी श्रीसेन फार्मा कंपनी (Sresan Pharmaceutical Manufacturer) है. आदेश के अनुसार, सभी दवा विक्रेताओं, वितरकों और थोक व्यापारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वे इस कफ सिरप की खरीद, बिक्री और ड्रिस्ट्रीब्यूशन तुरंत रोक दें. आम लोगों से भी अपील की गई है कि वे इस सिरप का इस्तेमाल न करें. कंपनी का मालिक 10 दिन की रिमांड पर इस बीच मध्य प्रदेश में 20 से ज्यादा बच्चों की मौत की जिम्मेदार कोल्ड्रिफ बनाने वाली श्रीसेन फार्मा कंपनी के मालिक रंगनाथन गोविंदन को कल शुक्रवार को छिंदवाड़ा की एक कोर्ट ने 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख जितेंद्र जाट ने बताया कि रंगनाथन को 2 दिन पहले गुरुवार को तमिलनाडु से हिरासत में लिया गया था. फिर उन्हें चेन्नई की एक कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड पर लिए जाने के बाद परासिया शहर में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गौतम गुर्जर के समक्ष पेश किया गया. कोर्ट ने रंगनाथन को 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया. वहीं छिंदवाड़ा के अतिरिक्त जिलाधिकारी धीरेंद्र सिंह नेत्री का कहना है कि अब तक दूषित कोल्ड्रिफ सिरप की वजह से 22 बच्चों की मौत हो चुकी है. अधिकारियों के अनुसार, छिंदवाड़ा और कई अन्य जिलों के बच्चों की मौत संदिग्ध रूप से किडनी खराब होने की वजह से हुई है, जिसका संबंध खराब कोल्ड्रिफ कफ सिरप लेने से है. राज्य के कुछ बच्चों का नागपुर में इलाज चल रहा है. उनका कहना है कि जिस फैक्टरी में कफ सिरप बनाया जा रहा था, उसे सील कर दिया गया है. बंगाल ने भी लगाई अपने यहां रोक दूसरी ओर, मणिपुर सरकार ने कल शुक्रवार को कफ सिरप के 2 ब्रांड पर रोक लगा दिया, जिनमें ‘अत्यधिक विषाक्त रसायन’ मिले हैं. राज्य के औषधि नियंत्रण विभाग ने मणिपुर में इन दोनों उत्पादों की बिक्री और सेवन पर रोक लगा दिया है तथा सभी खुदरा विक्रेताओं, वितरकों और दुकानदारों से कहा गया है कि वे प्रभावित बैचों को तुरंत दुकानों से हटा लें और इस संबंध में अनुपालन रिपोर्ट भी दें. मणिपुर की तरह बंगाल केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन (बीसीडीए) ने भी अपने यहां सभी खुदरा और थोक दवा विक्रेताओं को तत्काल प्रभाव से कफ सिरप की बिक्री और खरीद रोकने का निर्देश दिया है. साथ ही इस इस सिरप का स्टॉक नहीं करने की चेतावनी भी दी. इससे पहले भी कई राज्य इस पर रोक लगा चुके हैं.