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6 फीट 6 इंच के ऑलराउंडर की गैरमौजूदगी से कमजोर पड़ा ऑस्ट्रेलिया, भारत के खिलाफ नहीं खेलेंगे

पर्थ  भारत के खिलाफ 19 अक्टूबर से शुरू होने जा रही वनडे सीरीज से पहले ऑस्ट्रेलिया को एक और बड़ा झटका लगा है. टीम के स्टार ऑलराउंडर कैमरून ग्रीन हल्की चोट के कारण पूरी सीरीज से बाहर हो गए हैं. इस चोट का आगामी एशेज पर गहरा असर पड़ सकता है. 26 साल के ग्रीन की जगह मार्नस लाबुशेन को टीम में शामिल किया गया है. लाबुशेन शनिवार रात शेफील्ड शील्ड मैच खत्म होने के बाद एडिलेड से उड़ान भरेंगे और रविवार को होने वाले पहले वनडे से पहले पर्थ में ऑस्ट्रेलियाई टीम से जुड़ेंगे. ग्रीन न्यूजीलैंड के टी-20 अंतरराष्ट्रीय दौरे से चूकने के बाद हाल ही में प्रतिस्पर्धी गेंदबाजी में लौटे थे और पिछले हफ्ते पर्थ में न्यू साउथ वेल्स के खिलाफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के लिए शुरुआती शील्ड राउंड में खेले थे. उन्हें मैच में आठ ओवर फेंकने थे, लेकिन उन्होंने केवल चार ओवर फेंके और एक विकेट लिया. भारत के खिलाफ पहले दो वनडे मैच में उनके गेंदबाजी करने की संभावना कम ही थी, लेकिन 28 अक्टूबर से शुरू होने वाले शील्ड के तीसरे दौर में ज्यादा ओवर गेंदबाजी करने के लिए वह अपनी क्षमता बढ़ा रहे थे. उन्हें सिडनी में होने वाले तीसरे और अंतिम वनडे से आराम दिया जा रहा था और एशेज की तैयारी के लिए शील्ड के तीसरे और चौथे दौर में खेलने के लिए वह इसके बाद होने वाली टी-20 सीरीज से भी चूकने वाले थे. खबर है कि कैमरन ग्रीन थोड़े समय के लिए पुनर्वास अवधि से गुजरेंगे और उम्मीद की जा रही है कि वह 11 दिन में WACA में दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के तीसरे शील्ड मैच में खेल और गेंदबाजी कर सकेंगे. भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे की शुरुआत 19 अक्टूबर को पर्थ वनडे से होगी. इसके बाद 23 तारीख को एडिलेड में दूसरा मैच तो सिडनी में 25 अक्टूबर को तीसरा और आखिरी वनडे इंटरनेशनल खेला जाएगा, इसके बाद 29 अक्टूबर से पांच मैच की टी-20 सीरीज खेली जाएगी.  

CM फेस पर जारी सस्पेंस के बीच अमित शाह-नीतीश मुलाकात, सीट बंटवारे की गुत्थी सुलझी?

पटना  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन दिवसीय बिहार दौरे पर हैं. शुक्रवार को उन्होंने पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की. इसके बाद वह पटना में प्रबुद्ध सम्मेलन को भी संबोधित करेंगे. यह मुलाकात तब हो रही है जब एनडीए में सीटों का बंटवारा पहले ही हो चुका है. बीजेपी और जेडीयू 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. NDA के सीएम फेस पर क्या बोले अमित शाह? एक दिन पहले 'पंचायत आजतक' के मंच पर अमित शाह से पूछा गया कि अगर एनडीए सत्ता में आता है तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा. जवाब में उन्होंने कहा, 'एनडीए कई पार्टियों का गठबंधन है. सभी दल चुनाव के बाद बैठेंगे, विधायक दल बैठेगा और अपना नेता चुन लेगा. फिलहाल हम नीतीश कुमार के ही नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं.' उनसे पूछा गया कि अगर बीजेपी के विधायक ज्यादा हुए तो भी क्या नीतीश कुमार ही सीएम रहेंगे. इस पर गृह मंत्री ने जवाब दिया, 'अभी भी हमारे ही विधायक ज्यादा हैं, फिर भी सीएम नीतीश कुमार ही हैं.' इस दौरान उन्होंने नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर उठ रहे सवालों का भी जवाब दिया. सेहत को लेकर उठ रहे सवालों का दिया जवाब विपक्ष लगातार नीतीश कुमार की सेहत को लेकर सवाल उठा रहा है. गृह मंत्री ने इस पर कहा, 'मुझे लगता है कि इस विषय पर निर्णय उनकी पार्टी को ही लेना चाहिए. मैंने कई बार उनसे लंबी-लंबी चर्चा की है. मुझे कोई आपत्ति नहीं दिखी. अगर आयु के चलते कुछ चीजें होंगी भी तो सरकार सिर्फ सीएम नहीं बल्कि पूरी टीम चलाती है.'

सोने से ज्यादा सस्ती चांदी! इस धनतेरस क्या खरीदना होगा समझदारी भरा फैसला?

नई दिल्ली भारत में दिवाली और धनतेरस पर सोना और चांदी खरीदने का रिवाज रहा है. कुछ लोग ज्‍वेलरी की शॉपिंग करते हैं तो कुछ लोग गोल्‍ड-सिल्‍वर के बर्तन या सिक्‍के की खरीदारी करते हैं, लेकिन ज्‍यादातर लोग सोना-चांदी की ज्‍वेलरी खरीदने पर भी फोकस रखते हैं. हालांकि अभी Gold-Silver की कीमतों रिकॉर्ड बढ़ोतरी के कारण ज्‍वेलरी खरीदना आम बात नहीं रह गई है.  सिल्‍वर का प्राइस रिटेल मार्केट में 2 लाख रुपये प्रति किलो पहुंच चुका है, जबकि सोने की कीमत 1.30 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गई है. दिवाली और धनतेरस वाले दिन इन धातुओं की डिमांड की वजह से कीमतों में और भी ज्‍यादा उछाल आने की उम्‍मीद है, जिस कारण ज्‍वेलरी खरीदना और भी महंगा पड़ सकता है. लेकिन अगर आप इन धातुओं के बर्तन या सिक्‍के खरीदते हैं तो आपको डबल फायदा हो सकता है.  क्‍यों ज्‍वेलरी की जगह चांदी के बर्तन खरीदना सही फैसला?  ज्‍वेलरी की तुलना में चांदी के सिक्‍के और बर्तन पर कम जीएसटी दर लगती है. इसके अलावा, मेकिंग चार्ज का भी लाभ मिलता है, जिस कारण सोने-चांदी की ज्‍वेलरी की तुलना में बर्तन और सिक्‍के खरीदना एक सही फैसला हो सकता है और यह डबल फायदा दे सकता है.  पहला फायदा- चांदी के बर्तनों और सिक्‍के पर 3% जीएसटी लगता है, जो सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं पर लागू होता है. लेकिन अगर बर्तनों के निर्माण में मेकिंग चार्ज जुड़ा है तो यह चार्ज 5% लागू होगा.  दूसरा फायदा- दूसरा सबसे बड़ा फायदा मेकिंग चार्ज को लेकर है. ज्‍वेलरी में नाजुक डिजाइन, कारीगरी और मेहनत ज्‍यादा लगती है. इस कारण अक्सर 20% या उससे भी ज्‍यादा तक मेकिंग चार्ज जुड़ जाता है. इसके अलावा, ब्रांड नेम की वजह से भी ज्‍वेलरी खरीदारी महंगी हो सकती है. वहीं बर्तन में डिजाइन साधारण होता है. कुछ में तो डिजाइन होता भी नहीं है, जिस कारण इसपर मेकिंग चार्ज 5 फीसदी या उससे थोड़ा ज्‍यादा होता है.  डिजाइन और फैशन वैल्‍यू  ज्‍वेलरी डिजाइन और फैशन की वजह से भी ज्‍यादा मंहगे दामों पर बिक सकती हैं, लेनिक बर्तन या सिक्‍के में ऐसा नहीं होता है. यह सिर्फ यूटिलिटी यूज या निवेश के लिहाज से खरीदे जाते हैं, जिस कारण यह ज्‍वेलरी की तुलना में सस्‍ता होगा.  कौन ज्‍यादा होता है शुद्ध?  बर्तन अक्सर 80%-90% शुद्धता में बनते हैं, जबकि ज्वेलरी आमतौर पर 92.5% शुद्ध होती है. इसका मतलब है कि बर्तनों में थोड़ा और धातु मिलाकर बनाई जाती है. ऐसे में देखा जाए तो चांदी की ज्‍वेलरी बर्तन की तुलना में ज्‍यादा शुद्ध होती है. 

‘कोई विकल्प नहीं’ — ट्रंप के हमास पर तेज रुख के बाद क्या बढ़ेगी आर्मी एक्शन की संभावना?

वाशिंगटन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को चेतावनी दी है क‍ि अगर गाजा में लोगों की हत्या करना जारी रखा तो हमारे पास कोई चॉइस नहीं बचेगा. अमेरिका के पास विकल्प कम रह जाएंगे और हमें अंदर जाकर उन्हें मारना होगा. ट्रंप के इस मैसेज ने मिड‍िल ईस्‍ट में एक बार फ‍िर आग भड़का दी है. ऐसी संभावनाएं जताई जाने लगी हैं क‍ि अमेर‍िकी सेना कहीं हमास पर अटैक न कर दे. उधर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्‍याहू ने चेतावनी दी क‍ि मारे गए बंधकों के शव नहीं मिले तो हम तबाही मचा देंगे. इजरायल पूरी ताकत के साथ हमास से बात करेगा. पिछले कुछ दिनों में हमास ने कुछ बंधकों के शव वापस किए हैं, जिनमें से दो की पुष्टि इनबार हैइमैन और सार्जेंट मेजर मुहम्मद अल-अतारश के तौर पर हुई. इन हालिया सौंपियों के बाद सोमवार से अब तक मृत बंधकों की वापसी की संख्या नौ बताई गई है, जबकि अभी भी कई शव गाजा में बने हुए हैं. इस बीच वह 20 जीवित बंधक जिन्हें सोमवार को रिहा किया गया था, उनके बदले इजराइल ने 250 फिलिस्तीनी कैदियों और 1,718 गाजा कैदियों को रिहा कर दिया था. हमास ने क्‍या कहा हमास की सैन्य शाखा ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि शेष शवों की तलाश जारी है और इसके लिए बड़े प्रयास और विशेष तकनीकी उपकरणों की आवश्यकता होगी. वहीं इस देरी के चलते इजरायली जनता में हमास के प्रति गुस्सा तेज हुआ है और कुछ आवाजें यह कह रही हैं कि हमास ने पिछले सप्ताह के सीजफायर समझौते के तहत अपनी ज़िम्मेदारियों का पालन नहीं किया. हालांकि संयुक्त राज्य की प्रशासनिक वक़्तियों ने इस बात को बहुत अधिक तौर पर “समझौते का उल्लंघन” बताने से हतोत्साहित किया है. मिड‍िल ईस्‍ट में जंग को नया मोड़ ट्रंप के ट्वीट ने मिड‍िल ईस्‍ट में जंग को नया मोड़ दे द‍िया है. कूटनीत‍िक मामलों के जानकारों का मानना है क‍ि ट्रंप का यह मैसेज सिर्फ हमास के ल‍िए नहीं है बल्कि रूस, ईरान और अन्य क्षेत्रीय खिलाड़ियों के ल‍िए भी है. दूसरी ओर, नेतन्याहू का पूरी ताकत वाला संदेश इजरायल की सैन्य नीति और आक्रामकता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दोहराता है. हालांकि, लोगों का अभी भी मानना है क‍ि अमेर‍िका आर्मी ऑपरेशन को आख‍िरी विकल्‍प मानेगा. उससे पहले मुद्दों को सुलझाने की कोश‍िश करेगा.  

रायपुर : रितु नाग ने बढ़ाया सुकमा का मान, राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में जीता स्वर्ण पदक

रायपुर सुकमा जिले की धरती एक बार फिर खेल के क्षेत्र में चमक उठी है। यहां की होनहार छात्रा रितु नाग ने अपने शानदार प्रदर्शन से जिले का नाम पूरे प्रदेश में रोशन किया है। रितु की इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि सुकमा की  बेटियां मेहनत और लगन से हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं। जिले के प्रभारी मंत्री श्री केदार कश्यप ने रितु की उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं देते उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। कोरबा जिले में 12 से 15 अक्टूबर 2025 तक आयोजित 25वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में रितु नाग ने बस्तर संभाग की हॉकी टीम में शामिल होकर बेहतरीन खेल दिखाया। उनकी टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया और स्वर्ण पदक (गोल्ड मेडल) अपने नाम किया। इस सफलता से सुकमा ही नहीं, पूरे बस्तर संभाग का गौरव बढ़ गया है। रितु नाग वर्तमान में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय, छिंदगढ़ में कक्षा 9वीं की छात्रा हैं और प्री-मैट्रिक कन्या छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, जिला खेल अधिकारी श्री विरूपाक्ष पौराणिक, सहायक खेल अधिकारी श्री कमल कोसरिया और पीटीआई शिक्षिका श्रीमती योगिता नायक को दिया है।

अल-गमारी की मौत पर इजराइल का कड़ा संदेश; हूती नेतृत्व पर बड़ा थप्पड़

सना/तेल अवीव  यमन के ईरान समर्थित हूती संगठन को बड़ा झटका लगा है. उसके चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद अब्दुल करीम अल-गमारी की मौत हो गई है. हूती संगठन ने  बयान जारी कर कहा कि अल-गमारी ‘अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए शहीद हुए’. हालांकि हूतियों ने सीधे तौर पर इजरायल को जिम्मेदार नहीं ठहराया, लेकिन बयान में कहा गया कि ‘इजरायल को उसके अपराधों की सजा जरूर मिलेगी’. इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने पहले भी यमन में हूती ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी. अब माना जा रहा है कि अगस्त के अंत में सना में हुए एक हमले में अल-गमारी गंभीर रूप से घायल हुए थे और अब उनकी मौत हो गई है. इस हमले में हूती सरकार के प्रधानमंत्री और कई मंत्री भी मारे गए थे. इजरायल ने कहा, ‘जो हमें निशाना बनाते हैं, हम उन्हें ढूंढ कर खत्म करते हैं.’ अल-गमारी कौन था? हूती ताकत का एक बड़ा चेहरा     मोहम्मद अल-गमारी हूती संगठन के सबसे सीनियर मिलिट्री कमांडर्स में से एक था. 2016 में उसे चीफ ऑफ स्टाफ बनाया गया और 2021 में उसने अब्दुल खालिक अल-हूती की जगह कमांडर-इन-चीफ का पद संभाला.     संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अल-गमारी को यमन की शांति और स्थिरता के लिए खतरा बताकर प्रतिबंधित किया था. अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने भी उसके खिलाफ ‘एक्जीक्यूटिव ऑर्डर 13611’ के तहत सैंक्शन लगाए थे.     अमेरिकी बयान में कहा गया था, ‘अल-गमारी ने ऐसे कदम उठाए जो यमन की सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण और राजनीतिक प्रक्रिया में बाधा डालते हैं.’     वो ईरान समर्थित धड़े का सबसे भरोसेमंद चेहरा माना जाता था और हूती मिलिट्री ऑपरेशंस की रणनीति उसी के हाथों में थी. इजरायल का दावा, ‘आतंक की चेन को खत्म कर रहे हैं’ इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अल-गमारी की मौत पर कहा, ‘एक और आतंकी चीफ ऑफ स्टाफ मारा गया जो हमें नुकसान पहुंचाना चाहता था. हम सबको खत्म करेंगे.’ इजरायली डिफेंस मिनिस्टर इस्राएल काट्ज ने भी X (पहले ट्विटर) पर लिखा – ‘गमारी अब अपने साथियों के साथ नरक में है. हमने उसके आतंक नेटवर्क को तहस-नहस कर दिया.’ उन्होंने बताया कि हाल में इंटेलिजेंस डायरेक्टरेट ने ‘हूती वॉर रूम’ पर टारगेटेड स्ट्राइक की थी, जिसमें हूती नेतृत्व का बड़ा हिस्सा खत्म हो गया. काट्ज ने कहा – ‘हमने हूतियों की खतरनाक क्षमताओं को मिटाने का काम शुरू किया है और ये आगे भी जारी रहेगा.’ हूतियों की धमकी- ‘जंग खत्म नहीं हुई, बदला लेंगे’ हूती संगठन ने बयान में कहा कि अल-गमारी और उसका 13 वर्षीय बेटा ‘इस्राइली दुश्मन के खिलाफ लड़ाई में शहीद हुए’. उन्होंने कहा कि यह मौत ‘गौरव की निशानी’ है और वे ‘इसका बदला जरूर लेंगे’. बयान में लिखा गया, ‘संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है. जियोनिस्ट दुश्मन को उसके अपराधों की सजा मिलेगी.’ हूतियों ने इजरायल की ओर कई बार मिसाइलें दागीं, जिन्हें ज्यादातर इंटरसेप्ट कर लिया गया. जवाब में इजरायल ने यमन के हूती कंट्रोल वाले इलाकों पर एयरस्ट्राइक की.  

विश्व कप सेमीफाइनल की पहली टिकट ऑस्ट्रेलिया के नाम, बांग्लादेश की उम्मीदें टूटी

नई दिल्ली आईसीसी वुमेंस वनडे वर्ल्ड कप 2025 में गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया और बांग्लादेश के बीच मुकाबला खेला गया. इस मैच में डिफेंडिंग चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया ने बांग्लादेश को 10 विकेट से रौंद दिया. इस जीत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है. ऐसा करने वाली वह पहली टीम है. ऑस्ट्रेलिया अबतक इस टूर्नामेंट में अपराजेय रहा है. 5 मैच में से उसे 4 में जीत मिली है, जबकि एक मैच बारिश के चलते धुल गया था. ऐसा रहा मुकाबले का हाल इस मैच की बात करें तो बांग्लादेश ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 9 विकेट खोकर 198 रन बनाए. रुबिया हैदर और शोभाना ने अच्छी पारी खेली. वहीं, ऑस्ट्रेलिया की ओर से गार्डनर, सदरलैंड, किंग और जार्जिया को 2-2 विकेट मिले हैं. वहीं, दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया ने  इसके जवाब में 10 विकेट से जीत हासिल की. एलिसा हीली ने इस मुकाबले में भी नाबाद 113 रनों की आतिशी पारी खेली. उनके बल्ले से 20 चौके आए. वहीं, लिचफील्ड ने भी नाबाद 84 रन बनाए. उन्होंने 12 चौके और 1 छक्के लगाए.  ऐसा है प्वाइंट्स टेबल का हाल अबतक वर्ल्ड कप में 17 मैच हो चुके हैं. ऑस्ट्रेलिया ने 5 मैच में 4 जीत के साथ ही सेमीफाइनल में जगह पक्की कर ली है. वहीं, दूसरे पायदान पर इंग्लैंड है, जिसने 4 में से 3 जीत हासिल की है. उसके 7 अंक है. वहीं, साउथ अफ्रीका तीसरे पायदान पर है जिसे 4 में 3 जीत मिली है. भारत चौथे पायदान पर है जिसने 4 में से 2 मैच जीता है. न्यूजीलैंड को 4 में एक जीत मिली है और बांग्लादेश को 5 में से एक जीत मिली है. वहीं, श्रीलंका और पाकिस्तान को अबतक जीत नहीं मिली है. पाकिस्तान सबसे आखिरी पायदान पर है. 

दीपावली पर गन्ना किसानों को खुशखबरी, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की पहल लाई राहत

रायपुर : उपमुख्यमंत्री  विजय शर्मा के प्रयासों से गन्ना किसानों को दीपावली पर मिला बड़ा तोहफा भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के गन्ना उत्पादक किसानों को 11.09 करोड़ रुपये का बोनस भुगतान रायपुर उपमुख्यमंत्री  विजय शर्मा के सतत प्रयासों एवं किसान हितैषी दृष्टिकोण के परिणामस्वरूप भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना कवर्धा द्वारा जिले के गन्ना उत्पादक किसानों को दीपावली पर्व के अवसर पर बड़ा आर्थिक लाभ प्रदान किया गया है। कारखाना प्रबंधन द्वारा पिछले पेराई सत्र में गन्ना विक्रय करने वाले किसानों को शासन की ओर से 11.09 करोड़ रुपये का बोनस भुगतान किया गया है। यह बोनस भुगतान उपमुख्यमंत्री  विजय शर्मा के विशेष पहल एवं प्रयासों से संभव हुआ है। उनके नेतृत्व में किसानों के हितों को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए समयबद्ध भुगतान और बोनस वितरण सुनिश्चित किया गया है। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना कवर्धा ने पेराई सत्र 2024-25 के दौरान किसानों से खरीदे गए गन्ने का 115.44 करोड़ रुपये का संपूर्ण भुगतान कर प्रदेश की सभी शुगर मिलों में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि कारखाने की पारदर्शी कार्यप्रणाली, कुशल प्रबंधन एवं सहकारिता की सुदृढ़ भावना का परिचायक है। दीपावली से पूर्व किसानों को बोनस भुगतान प्राप्त होने से पूरे जिले के कृषक समुदाय में हर्ष एवं उत्साह का वातावरण व्याप्त है। बोनस राशि के भुगतान न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाएगी, बल्कि किसानों का विश्वास को और अधिक मजबूत करेगी।

OBC के 5 लाख विद्यार्थियों को राहत, योगी सरकार देने जा रही है खास तोहफा

लखनऊ  यूपी के लाखों ओबीसी (पिछड़ा वर्ग) के छात्रों के लिए शुक्रवार का दिन बेहद खास होने जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ के लोक भवन स्थित ऑडिटोरियम में एक भव्य कार्यक्रम के दौरान छात्रवृत्ति वितरण समारोह में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों के खातों में छात्रवृत्ति की धनराशि सीधे भेजेंगे.  मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर पहली बार प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 से सितंबर माह में ही छात्रवृत्ति वितरण की शुरुआत कर दी है. पहले जहां यह प्रक्रिया दिसंबर-जनवरी तक खिंच जाया करती थी, वहीं अब इसे पहले ही चरण में पूरा कर युवाओं तक राहत पहुंचाई जा रही है. पहले चरण में सरकार ने ₹62.13 करोड़ की धनराशि खर्च कर कक्षा 9 से 12 तक के 2.5 लाख से अधिक OBC छात्रों के खातों में छात्रवृत्ति भेजी थी. अब दूसरे चरण में शुक्रवार को ₹126.68 करोड़ की राशि से 4.83 लाख से अधिक छात्रों को लाभान्वित किया जाएगा. इस प्रकार कुल मिलाकर अब तक प्रदेश के करीब 7.33 लाख छात्र इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं.  पारदर्शी और डिजिटल प्रणाली की मिसाल कार्यक्रम से जुड़ी जानकारी देते हुए प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि जब प्रदेश का युवा शिक्षित और सशक्त होगा, तभी विकसित भारत – विकसित उत्तर प्रदेश के शताब्दी संकल्प-2047 को साकार किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि सरकार की मंशा स्पष्ट है कि कोई भी प्रतिभाशाली छात्र आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा से वंचित न रहे. मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया को पूरी तरह तेज, पारदर्शी और डिजिटल बनाया है. अब किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार या देरी की गुंजाइश नहीं रह गई है. पहले जहां छात्रवृत्ति फाइलों में महीनों उलझी रहती थी, वहीं अब आधार-संलग्न खातों में डीबीटी के जरिए धनराशि सीधे भेजी जा रही है. इससे न केवल छात्रों को समय पर सहायता मिल रही है, बल्कि योजना की विश्वसनीयता और प्रभाव भी बढ़ा है.  बजट में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, दिखी सरकार की प्राथमिकता राज्य मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने बताया कि पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का बजट वर्ष दर वर्ष लगातार बढ़ाया गया है. वर्ष 2016-17 में जहां यह 1295 करोड़ रुपये था, वहीं अब वित्तीय वर्ष 2025-26 में बढ़कर 3124.45 करोड़ रुपये हो गया है. यानी, यह ढाई गुना से भी अधिक वृद्धि है. उन्होंने कहा कि इससे यह साफ झलकता है कि मुख्यमंत्री योगी की सरकार शिक्षा और सामाजिक न्याय को कितनी प्राथमिकता दे रही है. उन्होंने बताया कि छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजनाओं के लिए भी बजट में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है. वर्ष 2016-17 में ₹1092.36 करोड़ की राशि इस मद में आवंटित थी, जो अब 2825 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है. इससे लाखों छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में नई दिशा और ऊर्जा मिली है. शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भरता का संकल्प उन्होंने बताया कि सरकार का उद्देश्य केवल छात्रवृत्ति देना नहीं, बल्कि युवाओं को शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि गरीबी या पिछड़ापन अब किसी के भविष्य की रुकावट नहीं बनेगा. इस दिशा में डिजिटल और पारदर्शी छात्रवृत्ति व्यवस्था एक बड़ा कदम है. प्रदेश सरकार चाहती है कि प्रत्येक छात्र, चाहे वह किसी भी सामाजिक या आर्थिक वर्ग से हो, अपनी प्रतिभा के दम पर आगे बढ़ सके. इसी सोच के तहत OBC छात्रों के लिए यह विशेष व्यवस्था लागू की गई है, ताकि वे शिक्षा प्राप्त कर समाज और राष्ट्र के विकास में सक्रिय भागीदार बन सकें.  डिजिटल ट्रांसफर से घटा भ्रष्टाचार, बढ़ा विश्वास डीबीटी के माध्यम से सीधा ट्रांसफर होने से व्यवस्था में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है. अब किसी बिचौलिए या अधिकारी की मनमानी की गुंजाइश नहीं बची. छात्रों के खातों में सीधे धनराशि पहुंच रही है, जिससे प्रणाली में पारदर्शिता आई है. यही नहीं, विभाग की मॉनिटरिंग प्रणाली को भी डिजिटल किया गया है, जिससे प्रत्येक ट्रांजैक्शन की जानकारी रियल टाइम में उपलब्ध रहती है. राज्य मंत्री ने बताया कि जल्द ही छात्रवृत्ति प्रक्रिया में AI आधारित सत्यापन प्रणाली लागू की जाएगी, ताकि फर्जीवाड़े या डुप्लीकेट आवेदन को पूरी तरह समाप्त किया जा सके. इस पहल के साथ ही प्रदेश में शिक्षा का नया अध्याय शुरू हुआ है. सरकार का लक्ष्य है कि अगले तीन वर्षों में छात्रवृत्ति वितरण का दायरा दोगुना किया जाए और हर पात्र छात्र को समय पर आर्थिक सहयोग मिले. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस कार्यक्रम की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. उनका कहना है कि युवाओं में निवेश ही भविष्य में सबसे बड़ा लाभ देगा. योगी सरकार की इस पहल से न केवल OBC समाज के छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ा है, बल्कि ग्रामीण इलाकों के स्कूलों और कॉलेजों में नामांकन भी बढ़ा है.

रायपुर में धान खरीदी अब बायोमैट्रिक सिस्टम से, समर्थन मूल्य पर होगी पारदर्शी प्रक्रिया

रायपुर : समर्थन मूल्य पर धान खरीदी बायोमैट्रिक पद्धति से होगी उपार्जन केन्द्रों में ट्रायल रन 3 से 6 नवंबर तक  किसान कर सकेंगे 9 नवंबर से ऑफलाईन एवं ऑनलाईन टोकन के लिए आवेदन सीमावर्ती जिलों में बनाएं जाएंगे चेक पोस्ट अधिकारियों एवं कर्मचारियों को धान खरीदी,प्रक्रिया का प्रशिक्षण रायपुर   समर्थन मूल्य पर धान खरीदी बायोमैट्रिक पद्धति से की जाएगी। किसानों की सुविधा के लिए धान उपार्जन केन्द्रों में ऑफलाईन के अलावा मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाईन टोकन जारी किए जाएंगे। सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम, प्रबंध संचालक विपणन संघ एवं संचालक खाद्य विभाग के मार्गदर्शन में आज सरगुजा एवं दुर्ग संभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को व्यवस्थित और पारदर्शी ढंग से धान खरीदी सम्पन्न कराने के लिए पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी गई। अलग-अलग संभागों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम 17 अक्टूबर तक चलेगी। धान खरीदी का कार्य 15 नवंबर से प्रारंभ होगा।   प्रशिक्षण में अधिकारियों ने बताया कि विपणन संघ मुख्यालय स्तर पर इन्टीग्रेटेड कन्ट्रोल एंड कमांड सेन्टर की स्थापना की जाएगी एवं मोबाईल एप्प के माध्यम से विभिन्न प्रकार के एलर्ट आदि भेजे जाएंगे। उपार्जन केन्द्रों में धान के उचित रखरखाव, किसानों की सुविधाओं के संबंध में व्यवस्था किये जाने हेतु उपार्जन केन्द्र प्रभारियों और इससे जुड़े अधिकारियों को प्रशिक्षण में जानकारी दी गई। उपार्जन केन्द्रों को गतवर्षों में दर्ज प्रकरणों एवं संभावित अनियमितताओं के आधार पर संवेदनशील तथा सामान्य में वर्गीकृत किया गया है। जिला प्रशासन द्वारा संवेदनशील उपार्जन केन्द्रों में विशेष निगरानी रखी जावेगी। इन केन्द्रों में पृथक से नोडल अधिकारी भी नियुक्त किये जायेगें। जिनके द्वारा समय-समय पर उपार्जन केन्द्रों का निरीक्षण किया जाएगा। इसके अलावा इन्टीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेन्टर से प्राप्त अलर्ट मैसेज के आधार पर उड़नदस्ता द्वारा तत्काल कार्यवाही की जाएगी। प्रदेश के सीमावर्ती उपार्जन केन्द्रों में पर्याप्त चेक पोस्ट की स्थापना की जा रही है, जिससे अवैध धान के आवक को रोका जा सके।  जिलों में धान उपार्जन वर्ष 2025-26 का प्रशिक्षण कार्य 31 अक्टूबर 2025 तक जिला एवं अनुविभाग में पूर्ण करा लिया जावे। गतवर्ष की भाँति इस वर्ष भी बायोमेट्रिक आधारित धान उपार्जन किया जाएगा। वहीं 3 नवंबर से 6 नवंबर के मध्य उपार्जन केन्द्रों में ट्रायल रन का आयोजन होगा एवं 9 नवंबर से टोकन आवेदन किया जा सकेगा। धान खरीदी के लिए सीमांत एवं लघु कृषकों को 02 टोकन एवं दीर्घ कृषकों को अधिकतम 03 टोकन प्रदाय किया जा सकेगा। अतः सभी जिलों को 30 अक्टूबर तक धान उपार्जन से संबंधित सभी तैयारी पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया है।  प्रशिक्षण में अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष समितियों को शार्टेज की मात्रा निरंक करने तथा शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सुचारू रूप से धान उपार्जन पूर्ण करने पर नियमानुसार इन्सेटिव का भी प्रावधान रखा गया है। भारत सरकार द्वारा उपार्जन केन्द्रों के स्वमूल्यांकन हेतु उपलब्ध पोर्टल पीसीएसएपी में उपार्जन केन्द्रों द्वारा धान खरीदी के संबंध मे आवश्यक व्यवस्था पूर्ण कर लेने के उपरांत प्रविष्टि करनी होगी। प्रविष्टि के आधार पर एल-4 ग्रेडिंग पाये जाने पर ही इन्सेटिव की पात्रता उप समिति को होगी। समितियों में डाटा एन्ट्री आपरेटरों का नियोजन 06 माह के लिए समितियों के माध्यम से किये जाने का प्रावधान इस वर्ष की पॉलिसी में किया गया है। ऐसी समितियां जहां अनियमितताएं पाई गई हो, वहां के डाटा एन्ट्री आपरेटरों का नवीन नियोजन किये जाने के निर्देश दिए गये है।