samacharsecretary.com

तालिबान को आसिम मुनीर की नई चेतावनी: दो ऑप्शन और गंभीर संदेश

इस्लामाबाद  पाकिस्तानी आर्मी चीफ फील्ड मार्शल सैयद आसिम मुनीर ने शनिवार को अफगानिस्तान को दो ऑप्शन देते हुए शांति या अराजकता में किसी एक को चुनने के लिए कहा। उन्होंने काबुल से कहा कि वह अफगान जमीन का इस्तेमाल करके पाकिस्तान के अंदर हमले करने वाले आतंकवादियों के खिलाफ सख्त और तुरंत कार्रवाई करे। मुनीर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान ने शुक्रवार देर रात अफगानिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर नए एयर स्ट्राइक किए हैं। इससे कुछ घंटे पहले इस्लामाबाद और काबुल ने अपने दो दिन के सीजफायर को बढ़ाया था, जिससे दोनों पक्षों के बीच दुश्मनी कुछ समय के लिए रुक गई थी। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के एबटाबाद में पाकिस्तान मिलिट्री एकेडमी (PMA) काकुल में आर्मी कैडेट्स के पासिंग आउट होने के समारोह में अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए कहा, ''शांति और अराजकता में से किसी एक को चुनें।'' उन्होंने कहा कि तालिबान शासन को पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों के लिए अपनी जमीन से काम करने वाले आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। मुनीर ने चेतावनी दी कि अफगान जमीन का इस्तेमाल करने वाले सभी प्रॉक्सी को धूल में मिलाने जैसा जवाब दिया जाएगा। पाकिस्तान की तरफ से शुक्रवार को किए गए हमले, नॉर्थ वज़ीरिस्तान में एक मिलिट्री ठिकाने पर आतंकवादियों के बंदूक और बम हमले के बाद हुए, जिसकी जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के हाफिज गुल बहादुर ग्रुप ने ली थी। ये नए हमले ऐसे समय में हुए हैं जब दोनों देशों के प्रतिनिधियों की दोहा में मीटिंग होने की उम्मीद है, जहां कतर सरकार बीच-बचाव की कोशिश करने वाली है। इस्लामाबाद ने लगातार तालिबान सरकार से आतंकवादी ग्रुपों को बॉर्डर पार हमलों के लिए अफगान इलाके का इस्तेमाल करने से रोकने की अपील की है। हालांकि, काबुल इन आरोपों से इनकार करता रहा है, और जोर देता है कि अफगान जमीन का इस्तेमाल किसी भी पड़ोसी देश के खिलाफ नहीं किया जा रहा है। बैन किए गए तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के बार-बार आतंकवादी हमलों के बाद दोनों पड़ोसियों के बीच हालात बिगड़ गए। हाल ही में अशांत खैबर पख्तूनख्वा के ओरकजई जिले में एक हमला हुआ, जिसमें एक लेफ्टिनेंट कर्नल और एक मेजर समेत 11 मिलिट्री के लोगों की जान चली गई।

महागठबंधन की सीटों का खेल: मुकेश सहनी और माले के रहस्य को दीपांकर भट्टाचार्य ने उजागर किया

पटना  बिहार चुनाव को लेकर महागठबंधन में सीट बंटवारे में देरी और VIP चीफ मुकेश सहनी की नाराजगी की खबरें सामने आईं। सहनी को मनाने में अहम भूमिका किसकी रही इसका खुलासा सीपीआई-माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने किया। पटना में हिन्दुस्तान बिहार समागम के कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होने बताया कि आपको याद होगा जब साल 2020 में महागठबंधन के सीट बंटवारे के ऐलान के वक्त सहनी प्रेस कॉन्फ्रेंस से उठकर चले गए थे। फिर एनडीए के साथ हो गए थे। उस समय उनके चार विधायक थे, वो खुद मत्री बने। लेकिन फिर कुछ समय बाद सहनी के चारों विधायकों को बीजेपी ने हड़प लिया। उस समय इन लोगों ने तय किया, जल शपथ ली थी, कि कुछ भी हो जाए हम लोग भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। मैंने उनसे (मुकेश सहनी) इतना ही कहा कि आपकी सामाजिक पहचान पहले से है, राजनीतिक पहचान भी बनने लगी है। लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए आप लड़ रहे हैं। वोटर अधिकार यात्रा में आप साथ थे। लोकसभा चुनाव में साथ थे। ऐसे में आपके साथ जो हुआ उसे भूलना नहीं चाहिए। 2-4 सीटों की जो बात है, उसे मिलकर हम लोग देखेंगे। माले महासचिव ने बताया कि मुझे अच्छा लगा कि मुकेश सहनी ने एक चिट्ठी तुरंत राहुल गांधी को भेज दी। जिसके बाद उनका फोन आया, और फिर वो 15 सीटों पर मान गए। दरअसल इस बार हम लोगों का बड़ा गठबंधन है। सीट बंटवारे में देरी का एक ये भी कारण है। 2020 में पांच दलों का महागठबंधन था। आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट के तीन दल थे। लेकिन इस ज्यादा पार्टी हैं। मुकेश सहनी की वीआईपी, आईपी गुप्ता की पार्टी भी शामिल है। ऐसे में थोड़ी बहुत देरी होती है। लेकिन देर आए, दुरुस्त आए। दीपांकर भट्टाचार्य ने ये भी बताया कि माले कितनी सीटों पर लड़ रही है। उन्होने कहा कि हम लोगों ने तय किया है कि इस बार महागठबंधन में ज्यादा दल है। पिछली बार 19 सीटों पर लड़े थे। इस बार 20 सीटों पर लड़े रहे हैं। उम्मीद है कि बाकी सहयोगी दल भी ऐसा ही करेंगे। वहीं 8 सीटों पर महागठबंधन में फ्रेंडली फाइट के सवाल पर माले महासचिव ने कहा कि नामांकन वापसी तक सब कुछ शॉर्ट लिस्ट हो जाएगा। वहीं बीजेपी पर हमला बोलते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि देश के सामने बड़ी चुनौती है। संविधान और लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। बीजेपी ने तो कह दिया है कि देश में बाकी छोटे दलों, क्षेत्रीय दलों का समय समाप्त है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तो कहा कि देश में एक ही पार्टी राज करेगीउसका नाम बीजेपी है। शाह भी कह चुके हैं हम लोग 5 साल नहीं 50 साल के लिए आए हैं।  

NDA की मुश्किलें बढ़ीं! LJP उम्मीदवार सीमा सिंह का नामांकन रद्द, चिराग पासवान नाराज़

पटना  बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही एनडीए गठबंधन को बड़ा झटका लगा है. कारण, छपरा जिले की मढ़ौरा विधानसभा सीट से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की प्रत्याशी सीमा सिंह का नामांकन रद्द कर दिया गया है. सीमा सिंह भोजपुरी फिल्म जगत की जानी-मानी अभिनेत्री हैं और हाल ही में चिराग पासवान की पार्टी से जुड़कर राजनीति में कदम रखा था. सूत्रों के मुताबिक, सीमा सिंह के नामांकन पत्र की जांच के दौरान कुछ तकनीकी खामियां पाई गईं, जिसके चलते निर्वाचन अधिकारी ने उनका नामांकन अमान्य घोषित कर दिया. सीमा सिंह का नामांकन रद्द होने के बाद मढ़ौरा सीट पर एनडीए की स्थिति कमजोर मानी जा रही है. यह सीट पहले चरण में मतदान के लिए निर्धारित है, जिसके लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है.   बता दें कि मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र में एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना थी, लेकिन अब इस सीट पर सीमा सिंह का पर्चा खारिज होने के चलते एनडीए को झटका लगा है. यहां अब सीधा मुकाबला आरजेडी और जनसुराज पार्टी के बीच देखने को मिलेगा. मढ़ौरा के आरजेडी प्रत्याशी जितेंद्र कुमार राय हैं, जो निवर्तमान विधायक हैं और बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके है. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की प्रत्याशी और प्रसिद्ध भोजपुरी फिल्म अभिनेत्री सीमा सिंह राजनीति में अपनी किस्मत आजमाने के लिए चुनावी मैदान में उतरी थीं. चिराग पासवान ने उन्हें टिकट देकर इस सीट पर मुकाबला रोचक बना दिया था लेकिन अब वह चुनाव की रेस से ही बाहर हो गई हैं. नामांकन के दौरान सीमा सिंह ने अपने शैक्षणिक योग्यता और संपत्ति का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया था, जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. चुनावी शपथपत्र के मुताबिक, सीमा सिंह नौवीं कक्षा पास हैं. उन्होंने वर्ष 1999 में ठाणे (महाराष्ट्र) स्थित द रेम हेगर हिंडे हाई स्कूल, डोंबिवली (पूर्व) से 9वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी. 6 नवंबर को होना है पहले चरण का मतदान गौरतलब है कि बिहार में 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी. एनडीए गठबंधन ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. जेडीयू और बीजेपी ने 101-101 सीटों पर, एलजेपी (रामविलास) ने 29, जीतनराम मांझी की हम पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलकेजे ने 6-6 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं.

खाई में वाहन गिरा, महाराष्ट्र में 8 श्रद्धालुओं की मौत, परिवार में मातम

मुंबई  महाराष्ट्र में भीषण हादसा हुआ है, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई है। यह हादसा नंदुरबार जिले में हुआ है, जब एक वाहन चंदशाली घाट पर एक खाई में गिर गया। महाराष्ट्र पुलिस ने शनिवार को घटना की जानकारी दी। घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया। यह घटना शहादा पुलिस थानाक्षेत्र में हुई। जानकारी के मुताबिक अस्तंबा देवी के मंदिर में दर्शन करके लौट रहे थे। चढ़ाई के दौरान वाहन ने खोया नियंत्रण मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। वाहन में सवार सभी लोग अस्तंबा देवी के दर्शन के लिए गए थे। वापसी के दौरान यह हादसा हुआ। वाहन चालक ने चढ़ाई के दौरान अपना नियंत्रण खो दिया और वाहन खाई में गिर गया। पुलिस के मुताबिक यह खाई काफी गहरी थी। हादसा इतना भीषण था कि वाहन में सवार लोग उसमें से निकल-निकलकर बाहर गिर पड़े। वहीं, वाहन भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। इस भीषण हादसे की खबर मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने घायलों को तलोदा उप-जिला अस्पताल में भर्ती कराया। वहीं, गंभीर रूप से घायल लोगों को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। कौन हैं अस्तंबा देवी अस्तंबा देवी की यात्रा का महत्व आदिवासी समुदाय में काफी ज्यादा है। गुजरात और महाराष्ट्र से यहां पर बड़ी संख्या में लोग जाते हैं। वहीं, जिस चांदशैली घाट पर यह हादसा हुआ है, वह भी बेहद खतरनाक है। यहां पर चढ़ाई बहुत रिस्की है और कई जगहों पर खड़ी चढ़ाई है। इसलिए हादसे का डर बना रहता है।  

झारखंड पुलिस की बड़ी जीत: TSPC संगठन के दो एरिया कमांडर ने किया आत्मसमर्पण

रांची  झारखंड में चतरा और पलामू जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय खतरनाक टीएसपीसी नक्सली संगठन के दो बड़े एरिया कमांडर कुलदीप गंझू उफर् पत्थर (कुणाल) और रोहनी गंझू उफर् रोहनी पाहन ने शुक्रवार को चतरा में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। दोनों नक्सलियों पर 1-1 लाख रुपये का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पण समारोह चतरा समाहरणालय के सभाकक्ष में बोकारो प्रक्षेत्र के आईजी सुनील भास्कर और चतरा एसपी सुमित कुमार अग्रवाल की मौजूदगी में संपन्न हुआ। कुलदीप गंझू के खिलाफ चतरा जिले के कुंदा, सदर, मनातु, छतरपुर, प्रतापपुर और गिद्धौर थाना क्षेत्रों में कुल 16 गंभीर मामले दर्ज हैं। वहीं, रोहनी गंझू पर कुंदा और मनातु थाना क्षेत्रों में 10 आपराधिक मामले हैं। नक्सलियों ने पुलिस को हथियार भी सौंपे। रोहनी गंझू ने एसएलआर राइफल समेत 82 जिंदा राउंड और कुलदीप ने सेमी ऑटोमैटिक राइफल के साथ 103 राउंड जिंदा गोला-बारूद सौंपा। ये दोनों नक्सली क्षेत्र में कई कुख्यात वारदातों में शामिल रहे हैं, जिनमें 25 मई 2024 को पंकज बिरहोर और उनके पिता बिफा बिरहोर की निर्मम हत्या और 7 फरवरी 2024 को अफीम विनष्टिकरण से लौट रहे पुलिस जवानों पर हमले की घटना प्रमुख हैं। उस हमले में दो पुलिसकर्मी शहीद हुए थे। चतरा एसपी सुमित कुमार अग्रवाल ने बताया कि यह सफलता लगातार चलाए जा रहे पुलिस अभियान और झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति‘नई दिशा'के व्यापक प्रचार-प्रसार का नतीजा है। पुलिस ने नक्सली परिवारों को इस नीति के बारे में गांव-गांव जाकर जानकारी दी और मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया। टीएसपीसी संगठन के अंदर भी उत्पन्न तनाव और पुलिस की प्रभावी दबिश के कारण ये नक्सलियों ने आत्मसमर्पण का कदम उठाया।

क्रिकेटरों की मौत के बाद तनाव बढ़ा: अफगानिस्तान बदला लेने की तैयारी में, पाकिस्तान ने कतर में बात की

दोहा पाकिस्तान और अफगान तालिबान शासन के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव में एक नया मोड़ आ गया है। पाकिस्तानी वायुसेना द्वारा अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में की गई हवाई कार्रवाई में कम से कम 10 नागरिक मारे गए, जिसके बाद दोनों पक्षों ने कतर की राजधानी दोहा में आपातकालीन शांति वार्ता बुलाने का फैसला किया है। इन हमलों में अफगानिस्तान के तीन क्रिकेटर भी मारे गए हैं। अब तालिबान के साथ बातचीत के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और खुफिया प्रमुख जनरल आसिम मलिक के नेतृत्व में उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल दोहा भेजा है। वहीं अफगान पक्ष के रक्षा मंत्री मौलवी मोहम्मद याकूब मुजाहिद के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल शनिवार को पहुंचने वाला है। यह घटना उस 48 घंटे के अस्थायी युद्धविराम के ठीक बाद हुई है, जो बुधवार शाम को प्रभावी हुआ था और हाल ही में दोहा वार्ता के समापन तक बढ़ा दिया गया था। तालिबान अधिकारियों ने हमलों को "युद्धविराम का उल्लंघन" करार देते हुए प्रतिशोध की चेतावनी दी है, जबकि पाकिस्तान का दावा है कि ये सटीक हवाई हमले अफगानिस्तान से संचालित होने वाले आतंकी समूहों, खासकर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ठिकानों पर किए गए थे। कैसे भड़का विवाद? पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर संघर्ष की जड़ें गहरी हैं, लेकिन हालिया दौर 11 अक्टूबर को शुरू हुआ जब अफगान बलों ने कुर्रम जिले में पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर गोलीबारी की। पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में अफगानिस्तान के कंधार और हेलमंद प्रांतों में ड्रोन हमले किए, जिसमें 19 तालिबान लड़ाकों की मौत का दावा किया गया। तालिबान ने इसे "सीमा उल्लंघन" बताते हुए पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर हमला किया, जिसमें उन्होंने 58 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत का दावा किया। पाकिस्तानी सेना के अनुसार, संघर्ष में उसके 23 सैनिक शहीद हुए। संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक, अब तक के संघर्ष में कम से कम 18 लोग मारे गए और 360 घायल हुए हैं। कंधार के स्पिन बोल्दाक जिले में पाकिस्तानी हवाई हमले से 15 नागरिक मारे गए, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल थे। स्थानीय अस्पतालों में 80 से अधिक घायलों का इलाज चल रहा है। 17 अक्टूबर को युद्धविराम बढ़ाने के कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान ने पक्तिका प्रांत के अर्गुन और बरमल जिलों में हमले किए। तालिबान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एएफपी को बताया, "पाकिस्तान ने युद्धविराम तोड़ा और पक्तिका में तीन स्थानों पर बमबारी की। अफगानिस्तान जवाब देगा।" प्रांतीय अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, हमलों में 10 नागरिक मारे गए, जिनमें दो बच्चे शामिल हैं, और 12 अन्य घायल हुए। इनमें 3 स्थानीय क्रिकेटर भी मारे गए, जो उर्गुन जिले लौट रहे थे। अफगान क्रिकेट बोर्ड के प्रवक्ता सैयद नसीम सादात ने इसकी पुष्टि की है। दोहा वार्ता: शांति की उम्मीद या नया संकट? दोहा में वार्ता कतर की मध्यस्थता में हो रही है, जो दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रहा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को कहा, "हम काबुल के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं, बशर्ते वे हमारी सुरक्षा चिंताओं को गंभीरता से लें। इन आतंकियों ने हमारे नागरिकों, सेना और पुलिस को निशाना बनाया है। हमारी धैर्य की सीमा पार हो चुकी है।" उन्होंने अफगानिस्तान को टीटीपी जैसे समूहों को शरण देने का आरोप लगाया। तालिबान सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया है और पाकिस्तान पर "गलत सूचना फैलाने" का इल्जाम लगाया है। अफगान गृह मंत्री खलीफा सिराजुद्दीन हक्कानी ने ईरानी अधिकारियों से मुलाकात में कहा कि अफगानिस्तान पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहता है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और कूटनीतिक समाधान खोजने की अपील की है। सीमा पर स्थिति: तनाव बरकरार सीमा पर हालात नाजुक बने हुए हैं। चमन जिले के निवासी नजीबुल्लाह खान ने बताया, "लोगों की जान पर बनी है। गोलियां घरों में गिर रही हैं।" स्पिन बोल्दाक में तालिबान लड़ाके टैंकों पर सवार होकर गश्त कर रहे हैं, जबकि पाकिस्तानी सेना ने डुरंड लाइन पर सतर्कता बढ़ा दी है। युद्धविराम के बावजूद, दोनों पक्षों के बीच अविश्वास गहरा है।

पशुपति पारस ने किया ऐलान—महागठबंधन से नहीं गठजोड़, अब तक 33 सीटों पर उम्मीदवार

पटना राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने कहा कि हमने महागठबंधन के साथ गठबंधन करने की काफी कोशिश की, लेकिन गठबंधन साकार नहीं हो सका। इसीलिए हमने तय किया है कि हम चुनाव अकेले लड़ेंगे। हमलोगों ने पहले चरण की 33 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। मुझे उम्मीद है कि चुनाव के पहले चरण में हम अच्छी संख्या में सीटें जीतेंगे। पशुपति पारस ने कहा कि 2005 में हमारी पार्टी ने अकेले ही बिहार विधानसभा चुनाव लड़ा था। 29 सीटों पर हमलोग जीते थे। इस बार भी हम लोगों ने महागठबंधन के साथ गठबंधन करने का प्रयास किया। लेकिन, कुछ कारण वश ऐसा नहीं हुआ। हमारा संगठन पूरे बिहार में है। हमारा दलित सेना पूरे बिहार में है। इस बार हमारी पार्टी ने फैसला किया कि हम लोग अकेले चुनाव लड़ेंगे। पहले चरण में हम लोगों ने 33 अपने कार्यकर्ताओं को प्रत्याशी बनाया। इसमें छह महिलाओं को टिकट दिया है। हम लोगों ने बिहार के जातीय समीकरण का पूरा ख्याल रखना है। मुझे उम्मीद है की प्रथम चरण के चुनाव परिणाम में हमारी संख्या काफी अच्छी रहेगी। महागठबंधन में सीट बंटवारे के सवाल पर उन्होंने कहा कि आज तक सीट बंटवारा फाइनल नहीं हुआ तो अब क्या होगा? मुकेश सहनी के साथ पिछले बार भी गलत हुआ और इस बार भी हो रहा है। हम लोगों के साथ भी ऐसा ही किया गया इसलिए हमलोग अलग हो गए। पारस ने कहा कि यह बिहार के लिए दुर्भाग्य की बात है जो सामाजिक न्याय की सरकार बननी थी, उसमें अवरोध पैदा हो गया है। यह चीज गठबंधन के लिए अच्छी बात नहीं है कुछ सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवार आमने-सामने हो गए हैं, इस सवाल पर पशुपति पारस ने कहा कि इसका मतलब स्पष्ट है कि उम्मीदवारों का चयन गलत किया गया है। एक तरफ आप गठबंधन की बात करते हो और दूसरी तरफ दोस्ताना संघर्ष की बात करते हो। लालगंज, वैशाली समेत कई जगहों पर दोस्ताना संघर्ष हो रहा है। यह गठबंधन के लिए अच्छी बात नहीं है। पशुपति पारस ने स्पष्ट कहा की कि हम लोगों को सभी जाति धर्म के लोग वोट करेंगे और हमारी जीत होगी।  

105 दिन जनरेटर से चला घर, हाईकोर्ट के आदेश पर बेनीवाल को मिला बिजली कनेक्शन

नागौर राजस्थान उच्च न्यायालय की डबल बेंच के आदेश के बाद सांसद हनुमान बेनीवाल के नागौर स्थित आवास का बिजली कनेक्शन शुक्रवार शाम को बहाल कर दिया गया। डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता (एसई) अशोक चौधरी ने बताया कि हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश में संशोधन करते हुए 4 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा कराने का निर्देश दिया था। यह आदेश 10 अक्टूबर को जारी हुआ था लेकिन इसकी कॉपी डिस्कॉम को शुक्रवार को प्राप्त हुई, जिसके बाद सांसद के भाई प्रेमसुख बेनीवाल के नाम पर दर्ज बिजली कनेक्शन को तुरंत जोड़ दिया गया। एसई चौधरी ने बताया कि प्रेमसुख बेनीवाल ने पहले ही 2 लाख रुपये जमा करवाए थे और अब कोर्ट के आदेशानुसार शेष राशि के लिए बैंक गारंटी जमा करने की प्रक्रिया पूरी की गई। हाईकोर्ट ने इस मामले को सेटलमेंट के लिए भेजते हुए 15 दिनों के भीतर निस्तारण करने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि डिस्कॉम ने सांसद के आवास का बिजली बिल करीब 11 लाख रुपये बकाया बताया था। मार्च 2025 में प्रेमसुख बेनीवाल ने 2 लाख रुपये जमा कर मामले को सेटलमेंट में लेने की अर्जी दी थी। इसके बावजूद लगभग तीन महीने बाद डिस्कॉम ने बिना पूर्व सूचना के सांसद के आवास का बिजली कनेक्शन काट दिया। सांसद हनुमान बेनीवाल ने इसे अनुचित ठहराते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। सिंगल बेंच ने प्रारंभिक सुनवाई में 6 लाख रुपये जमा कराने का आदेश दिया था। इसके विरोध में सांसद ने डबल बेंच में अपील की, जिसने 4 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा कराने का निर्देश दिया। सांसद बेनीवाल ने बताया कि इस गलती के कारण उनके आवास को 105 दिनों तक जनरेटर पर निर्भर रहना पड़ा, जिससे उन्हें काफी असुविधा हुई। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने मामले को सेटलमेंट में भेजते हुए दोनों पक्षों को 15 दिनों के भीतर विवाद का समाधान करने का निर्देश दिया है। सांसद ने कहा कि डिस्कॉम की कार्रवाई अनुचित थी और इस प्रक्रिया में उन्हें कोई गलती नहीं थी, फिर भी उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा। यह मामला प्रशासनिक कार्रवाई और न्यायिक हस्तक्षेप का उदाहरण है और दर्शाता है कि बिजली विभाग की बिना सूचना की गई कार्रवाई आम जनता के लिए कितनी असुविधाजनक साबित हो सकती है। अब नजरें इस बात पर टिक गई हैं कि क्या 15 दिनों के भीतर इस विवाद का स्थायी समाधान हो पाएगा।   राजस्थान उच्च न्यायालय की डबल बेंच के आदेश के बाद सांसद हनुमान बेनीवाल के नागौर स्थित आवास का बिजली कनेक्शन शुक्रवार शाम को बहाल कर दिया गया। डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता (एसई) अशोक चौधरी ने बताया कि हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश में संशोधन करते हुए 4 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा कराने का निर्देश दिया था। यह आदेश 10 अक्टूबर को जारी हुआ था लेकिन इसकी कॉपी डिस्कॉम को शुक्रवार को प्राप्त हुई, जिसके बाद सांसद के भाई प्रेमसुख बेनीवाल के नाम पर दर्ज बिजली कनेक्शन को तुरंत जोड़ दिया गया। एसई चौधरी ने बताया कि प्रेमसुख बेनीवाल ने पहले ही 2 लाख रुपये जमा करवाए थे और अब कोर्ट के आदेशानुसार शेष राशि के लिए बैंक गारंटी जमा करने की प्रक्रिया पूरी की गई। हाईकोर्ट ने इस मामले को सेटलमेंट के लिए भेजते हुए 15 दिनों के भीतर निस्तारण करने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि डिस्कॉम ने सांसद के आवास का बिजली बिल करीब 11 लाख रुपये बकाया बताया था। मार्च 2025 में प्रेमसुख बेनीवाल ने 2 लाख रुपये जमा कर मामले को सेटलमेंट में लेने की अर्जी दी थी। इसके बावजूद लगभग तीन महीने बाद डिस्कॉम ने बिना पूर्व सूचना के सांसद के आवास का बिजली कनेक्शन काट दिया। सांसद हनुमान बेनीवाल ने इसे अनुचित ठहराते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। सिंगल बेंच ने प्रारंभिक सुनवाई में 6 लाख रुपये जमा कराने का आदेश दिया था। इसके विरोध में सांसद ने डबल बेंच में अपील की, जिसने 4 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा कराने का निर्देश दिया। सांसद बेनीवाल ने बताया कि इस गलती के कारण उनके आवास को 105 दिनों तक जनरेटर पर निर्भर रहना पड़ा, जिससे उन्हें काफी असुविधा हुई। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने मामले को सेटलमेंट में भेजते हुए दोनों पक्षों को 15 दिनों के भीतर विवाद का समाधान करने का निर्देश दिया है। सांसद ने कहा कि डिस्कॉम की कार्रवाई अनुचित थी और इस प्रक्रिया में उन्हें कोई गलती नहीं थी, फिर भी उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा। यह मामला प्रशासनिक कार्रवाई और न्यायिक हस्तक्षेप का उदाहरण है और दर्शाता है कि बिजली विभाग की बिना सूचना की गई कार्रवाई आम जनता के लिए कितनी असुविधाजनक साबित हो सकती है। अब नजरें इस बात पर टिक गई हैं कि क्या 15 दिनों के भीतर इस विवाद का स्थायी समाधान हो पाएगा।  

वंदे भारत स्लीपर की पहली झलक वायरल: अंदर का लुक देगा एअरलाइन का एहसास!

नई दिल्ली  भारतीय रेलवे यात्रियों को एक और बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है। अब तक दिन की यात्राओं के लिए तेज़ और लग्ज़री विकल्प के तौर पर पहचानी जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस जल्द ही स्लीपर कोच वर्जन के रूप में लॉन्च होने जा रही है। यह वर्जन खासतौर पर लंबी दूरी की रात की यात्राओं को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है – जहां यात्रियों को सिर्फ गंतव्य ही नहीं, बल्कि सफर में भी सुकून मिलेगा। वंदे भारत स्लीपर: नयी यात्रा संस्कृति की शुरुआत साल 2019 में वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत ने भारतीय रेलवे को स्पीड और कंफर्ट के नए स्तर पर पहुंचा दिया था। अब वही अनुभव रात की ट्रेनों में भी मिलने वाला है। स्लीपर वर्जन की पहली झलक हाल ही में IREE 2025 (इंटरनेशनल रेलवे इक्विपमेंट एग्जिबिशन) में देखने को मिली, जहां इसका फर्स्ट एसी कोच का प्रोटोटाइप पहली बार सार्वजनिक किया गया। इस अत्याधुनिक ट्रेन को Kinet Railway Solutions नामक इंडो-रशियन संयुक्त उपक्रम ने डिज़ाइन किया है, जबकि निर्माण का ज़िम्मा BEML (भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड) ने संभाला है।    प्रो-प्रेमियम अनुभव: क्या मिलेगा यात्रियों को? वंदे भारत स्लीपर वर्जन को आधुनिक विमान जैसी आंतरिक बनावट दी गई है। इसमें यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा दोनों का पूरा ध्यान रखा गया है। प्रमुख फीचर्स: प्राइवेट फर्स्ट क्लास केबिन्स सॉफ्ट टच स्लीपर बर्थ रीडिंग लाइट, चार्जिंग पॉइंट, और बॉटल होल्डर स्वचालित स्लाइडिंग दरवाज़े हवाई जहाज जैसे इंटीरियर वाई-फाई और डिजिटल डिस्प्ले सिस्टम फायर-रेसिस्टेंट वॉल्स और एडवांस क्रैश बफर सिस्टम   स्पीड और क्षमता: तेज़ रफ्तार, अधिक सुविधा ऑपरेशनल स्पीड: 160 किमी/घंटा धिकतम स्पीड: 180 किमी/घंटा यात्रियों की क्षमता: लगभग 1,128 कुल कोच: 16 (फर्स्ट एसी, सेकेंड एसी, थर्ड एसी) टेस्टिंग और सुरक्षा: लॉन्च से पहले कठोर जांच कोचों के सार्वजनिक संचालन से पहले RDSO (Research Designs and Standards Organisation) द्वारा ट्रेन का विस्तृत परीक्षण किया जाएगा। सुरक्षा, स्थायित्व और प्रदर्शन जैसे सभी मापदंडों पर ट्रेन को परखा जाएगा। हरी झंडी मिलने के बाद ही यह सेवा में उतरेगी। पहला रूट: दिल्ली से पटना? हालांकि रेलवे की ओर से अभी तक आधिकारिक रूट घोषित नहीं किया गया है, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली–पटना रूट पर इसकी पहली सेवा शुरू होने की संभावना है। अनुमानित टाइमिंग के मुताबिक, ट्रेन पटना से रात 8 बजे चलेगी और सुबह 7:30 बजे दिल्ली पहुंचेगी। इस सफर के दौरान छोटे स्टेशनों पर 2–3 मिनट और बड़े स्टेशनों पर थोड़ी देर अधिक रुकने की योजना है, जैसे दिल्ली कैंट, जयपुर आदि। मेक इन इंडिया: कहां बन रही है ट्रेन? निर्माण स्थल: लातूर, महाराष्ट्र उत्पादन कंपनी: BEML टेक्निकल सपोर्ट: ICF, चेन्नई कुल ऑर्डर: 120 ट्रेनों का कॉन्ट्रैक्ट, लागत लगभग $6.5 बिलियन (₹54,000 करोड़)   किराया कितना होगा? वंदे भारत स्लीपर का किराया राजधानी एक्सप्रेस से 10–15% ज्यादा हो सकता है। किराया क्लास और रूट के अनुसार अलग-अलग तय किया जाएगा। हालांकि, रेलवे इसे प्रीमियम लग्ज़री सेवा बनाना चाहता है—जिसमें आधुनिक सुविधा और कम समय दोनों का फायदा यात्री को मिलेगा। क्या कहता है रेलवे का विज़न? रेलवे के अनुसार, वंदे भारत स्लीपर भारत में रात की ट्रेनों की परिभाषा बदलने वाली है। यह उन यात्रियों के लिए डिजाइन की गई है जो समय, सुविधा और टेक्नोलॉजी—तीनों से समझौता नहीं करना चाहते।

बस इतना करें और जीतें लाखों! पंजाब सरकार ने शुरू की जबरदस्त इनामी योजना

चंडीगढ़ कर अनुपालन में पारदर्शिता और नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में, पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां राज्य की लोकप्रिय “बिल लाओ इनाम पाओ” योजना में बड़े विस्तार की घोषणा की। उन्होंने बताया कि अब इस योजना में एक तिमाही बंपर ड्रा जोड़ा जाएगा, जिसके माध्यम से जनता को बड़े नकद इनाम दिए जाएंगे ताकि अधिक से अधिक लोग इसमें भाग ले सकें। यह जानकारी सांझा करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि हर तिमाही में योजना में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को 1,00,000 रुपये का पहला इनाम, 50,000 रुपये का दूसरा इनाम और 25,000 रुपये का तीसरा इनाम जीतने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि कर अनुपालन को और सरल बनाने के लिए “मेरा बिल” ऐप में सेवा क्षेत्र जैसे रेस्तरां, सैलून और बुटीक , से संबंधित बिल अपलोड करने और इनाम वितरण की एक समर्पित प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। वित्त मंत्री ने बताया, “इसके अतिरिक्त, उपभोक्ताओं की पूछताछ का तत्काल समाधान देने के लिए एक रीयल-टाइम चैटबॉट भी लॉन्च किया जाएगा, और अब ऐप अंग्रेज़ी के साथ-साथ पंजाबी और हिंदी भाषाओं में भी उपलब्ध होगा, ताकि आम नागरिकों के लिए इसकी पहुंच को व्यापक बनाया जा सके।” “बिल लाओ इनाम पाओ” योजना की सफलता को रेखांकित करते हुए, वित्त मंत्री चीमा ने बताया कि अप्रैल से अगस्त 2025 के बीच कुल 30,769 बिल अपलोड किए गए, जिनमें से 1,263 विजेताओं ने कुल 78,13,715 रुपये की इनामी राशि जीती। उन्होंने कहा कि अपलोड किए गए सभी बिलों की कर विभाग द्वारा सख्ती से जांच की जाती है, और अब तक योजना की शुरुआत से कुल 9.07 करोड़ रुपये के जुर्माने लगाए गए हैं, जिनमें से 7.31 करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा सितंबर 2023 में शुरू की गई “बिल लाओ इनाम पाओ” योजना और इससे संबंधित “मेरा बिल” ऐप का उद्देश्य जिम्मेदार उपभोक्ताओं और कर अनुपालन की संस्कृति को प्रोत्साहित करना है। इस योजना में कच्चा तेल, पेट्रोल, डीज़ल, विमानन ईंधन, प्राकृतिक गैस, शराब, राज्य से बाहर की खरीदारी तथा बिज़नेस-टू-बिज़नेस लेन-देन से जुड़े बिल शामिल नहीं किए जाते। निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए केवल पिछले महीने के दौरान किए गए लेन-देन के बिल ही ड्रा के लिए पात्र होते हैं। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने नवाचार, पारदर्शिता और सहभागितापूर्ण शासन के माध्यम से नागरिकों को सशक्त बनाने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए पंजाबवासियों से इस योजना में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान किया।