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समस्तीपुर से उठेगा चुनावी जादू, पीएम मोदी ने रैली की तारीख की घोषणा की

पटना 6 नवंबर से शुरू हो रहे बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों का शेड्यूल तय हो गया है। पीएम मोदी 24 अक्टूबर से बिहार में अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करेंगे। इस दौरान वह प्रदेश के कई जिलों में जनसभाएं करेंगे और जनता से सीधा संवाद करेंगे। चुनावी अभियान की शुरुआत समस्तीपुर से होगी, जहां प्रधानमंत्री मोदी कर्पूरी ग्राम जाकर समाजवादी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के घर पहुंचेंगे। वहां वह कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि देंगे। इसी कार्यक्रम से प्रधानमंत्री अपने बिहार दौरे और चुनावी रैलियों की औपचारिक शुरुआत करेंगे। प्रधानमंत्री के दौरे का यह आगाज बेहद प्रतीकात्मक माना जा रहा है, क्योंकि कर्पूरी ठाकुर को बिहार की राजनीति का बड़ा चेहरा और सामाजिक न्याय का प्रतीक माना जाता है। कर्पूरी ग्राम से शुरुआत करके पीएम मोदी एक बार फिर 'सबका साथ, सबका विकास' के संदेश के साथ बिहार में एनडीए की ताकत को और मजबूत करने की कोशिश करेंगे। जानकारी के मुताबिक, 24 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समस्तीपुर और बेगूसराय में दो बड़ी चुनावी सभाएं करेंगे। इसके बाद उनका अगला चरण 30 अक्टूबर को तय है, जब वह मुजफ्फरपुर और छपरा में रैलियां संबोधित करेंगे। सूत्रों के अनुसार, 2 नवंबर, 3 नवंबर, 6 नवंबर और 7 नवंबर को भी प्रधानमंत्री बिहार के अलग-अलग जिलों में जनसभाएं करेंगे। इन रैलियों के कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि पीएम मोदी की रैलियों से बिहार में एनडीए के चुनावी अभियान को नई ऊर्जा मिलेगी। वहीं राजनीतिक जानकारों का मानना है कि समस्तीपुर से शुरुआत करना एक रणनीतिक कदम है, क्योंकि यह क्षेत्र न सिर्फ समाजवादी राजनीति की धरती रहा है, बल्कि उत्तर बिहार की राजनीति में इसका विशेष प्रभाव है। बिहार में पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को होनी है और दूसरे चरण के लिए 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी और इसके साथ ही चुनाव के नतीजे सामने आ जाएंगे।

आदिवासियों के झोपड़े ढहे, बाबाओं के महल सुरक्षित: MP में न्याय पर उठे सवाल

सतना वन परिक्षेत्र सिंहपुर में वन विभाग ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए 25 हेक्टेयर वनभूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया, लेकिन इस कार्रवाई ने सिस्टम की दोहरी नीति पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। एक ओर जहां गरीब और आदिवासी वर्ग के आशियाने जेसीबी से मिटा दिए गए, वहीं दूसरी ओर इन्हीं जंगलों की सैकड़ों एकड़ भूमि तथाकथित बाबाओं और धार्मिक संस्थाओं को सामुदायिक पट्टों के नाम पर दी जा रही है। वन विभाग की कार्रवाई भले ही वन भूमि की सुरक्षा के नाम पर की गई हो, लेकिन इसने प्रशासन की प्राथमिकताओं और न्याय की समानता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वन विभाग की टीम में परिक्षेत्र सहायक अंजनी कुमार पटेल, मोतीलाल पटेल, बीट प्रभारी ब्रजेश बागरी, पुष्पेंद्र सिंह, स्थायी कर्मी ब्रदी प्रसाद कुशवाहा, राजू सिंह गोंड समेत सुरक्षा श्रमिक दल शामिल रहा। विभाग ने बताया कि कार्रवाई के बाद भूमि की गहरी खुदाई कर उसे पुनः सुरक्षित किया गया, ताकि भविष्य में दोबारा कब्जा न हो सके।   आदिवासियों की बेघर कहानी कार्रवाई के दौरान जिन परिवारों के आशियाने उजड़े, वे अधिकतर आदिवासी और मजदूर वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। कई परिवार वर्षों से इसी भूमि पर खेती या झोपड़ी बनाकर जीवन-यापन कर रहे थे। कार्रवाई के बाद अब वे बेघर और बेसहारा हो गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि “गरीबों पर बुलडोज़र चलता है, लेकिन बाबाओं और प्रभावशाली लोगों के कब्जे पर विभाग चुप रहता है।” बाबा और पट्टा संस्कृति पर सवाल सूत्र बताते हैं कि इसी परिक्षेत्र में कुछ धार्मिक संस्थाओं और आश्रमों को सामुदायिक उपयोग के नाम पर 100 से अधिक एकड़ वनभूमि दी गई है। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं का आरोप है कि “वन संरक्षण के नाम पर सरकार दोहरा रवैया अपनाती है एक तरफ आदिवासी परिवारों को हटाया जा रहा है, दूसरी तरफ बाबाओं को वनभूमि पर ‘कानूनी कब्जा’ दिया जा रहा है।” कार्रवाई का ब्योरा वन परिक्षेत्राधिकारी नितेश कुमार गंगेले के नेतृत्व में हुई कार्रवाई में बीट शिवराजपुर और मोरा के अतिक्रमण को हटाया गया। शिवराजपुर बीट (कक्ष क्र. पी-265) में कुल 8.00 हेक्टेयर भूमि पर से कब्जा हटाया गया। अतिक्रमणकारियों में रामभगत यादव (4.00 हे.), कामता उर्फ नत्थू यादव (2.00 हे.), अन्नू यादव (1.00 हे.), अशोक यादव (0.50 हे.) और संदीप यादव (0.50 हे.) शामिल रहे। वहीं मोरा बीट (कक्ष क्र. पी-253) में 17.00 हेक्टेयर भूमि से कब्जा हटाया गया। इसमें जगलाल गोंड (4.00 हे.), रामू गोंड (4.00 हे.), चिंतामणि पाल (3.00 हे.), बबलू पाल (3.00 हे.) और सोनेलाल पाल (3.00 हे.) के नाम सामने आए।

तीन दिन से लापता युवक डेम के पास मृत पाया गया, पुलिस जांच में जुटी

रायगढ़ किरोड़ीमल नगर क्षेत्र स्थित उच्चभिट्ठी डेम के पास एक लापता युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में लाश मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई. मृतक जिंदल प्लांट में मजदूरी का काम करता था. मौके पर पहुंची पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और आगे की कार्रवाई में जुट गई है. जानकारी के मुताबिक, युवक पिछले तीन दिनों से लापता था और परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट कोतरा रोड थाने में दर्ज कराई थी. रविवार को डेम के पास शव मिलने की सूचना पर कोतरा रोड पुलिस मौके पर पहुंची. साथ ही फॉरेंसिक टीम को भी जांच के लिए बुलाया गया है. परिजनों ने युवक की हत्या की आशंका जताई है. फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है. प्रारंभिक जांच में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है.

कोर्ट का बड़ा फैसला: आयुर्वेदिक दवा बनाने वालों को नहीं मिली राहत, जानें वजह

ग्वालियर बिना लाइसेंस के नकली आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने और बेचने वाले आरोपितों को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ से राहत नहीं मिली है। एकलपीठ ने एफआईआर रद्द करने की मांग को अस्वीकार करते हुए कहा कि पुलिस द्वारा दर्ज अपराध प्रथम दृष्टया संज्ञेय हैं और जांच पूरी तरह वैध है। नकली आयुर्वेदिक दवाइयां बनाए जाने की शिकायतें मिली दरअसल, थाना जनकगंज पुलिस को लंबे समय से अपने क्षेत्र में बिना औषधि लाइसेंस के नकली आयुर्वेदिक दवाइयां बनाए जाने की शिकायतें मिल रही थीं। शिकायतों की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने गहन जांच के बाद विशेष टीम गठित कर छापामार कार्रवाई की। कार्रवाई में भारत सिंह कुशवाह, संतोष कुशवाह एवं विशाल सांखला द्वारा संचालित शिवम् फार्मेसी (नेहरू पेट्रोल पंप के पास, लक्ष्मीगंज, जनकगंज) के परिसर से बड़ी मात्रा में नकली आयुर्वेदिक औषधियां बरामद की गईं।   जान को खतरे में डालने का गंभीर अपराध इनमें “एडवांस ग्रोथ पाउडर”, “हाजमा चूर्ण हेल्थ बूटी” और “एक्टिव बॉडी ग्रोथ प्रोटीन पाउडर” जैसी दवाइयां शामिल थीं। जांच में पाया गया कि ये दवाइयां बिना किसी वैध लाइसेंस, फर्म का नाम, पता या बैच नंबर अंकित किए तैयार की जा रही थीं, जिससे मरीजों की जान को खतरे में डालने का गंभीर अपराध किया जा रहा था। पुलिस द्वारा बार-बार पूछे जाने पर भी आरोपी ड्रग कंट्रोलर, भोपाल से जारी वैध औषधि निर्माण लाइसेंस प्रस्तुत नहीं कर सके।   मौके पर बुलाए गए आयुष अधिकारी मंगल सिंह यादव की उपस्थिति में दवाइयों के नमूने एकत्र किए गए और शेष माल जब्त कर एफआईआर दर्ज की गई। यह अपराध औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम तथा कापीराइट एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत किया गया। जांच के दौरान आरोपी विशाल सांखला ने बयान में स्वीकार किया कि वह भारत सिंह कुशवाह एवं संतोष कुशवाह द्वारा निर्मित नकली दवाइयों को शहर के विभिन्न मेडिकल स्टोर्स पर सप्लाई करता था।

देश के सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा का दबदबा, दिवाली से पहले जानिए हवा कितनी जहरीली

चंडीगढ़  दिवाली से पहले ही प्रदूषण स्तर बढ़ने लगा है। देश के 18 सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के चार शहर शामिल हैं। 258 वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के साथ राज्य में सबसे ज्यादा प्रदूषित गुरुग्राम रहा। बहादुरगगढ़ का एक्यूआई 224, नारनौल का 218 और फतेहाबाद का 216 रिकॉर्ड किया गया। इस श्रेणी में एक्यूआई को खराच माना जाता है। हरियाणा सरकार ने वायु प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए गैर-एनसीआर जिलों में एक साल तक ग्रीन पटाखों को छोड़कर सभी तरह के पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। दिवाली बप गुरुपर्व पर रात 8 से 10 बजे तक व क्रिसमस और न्यू ईयर पर रात 11:55 से 12:30 बजे तक ही पटाखे फोड़े जा सकेंगे। देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद है। यहां का एक्यूआई 324 रहा, जोकि बेहद खराबश्रेणी में माना जाता है। खराब श्रेणी में देशभर में सबसे ज्यादा मुंबई के बेलापुरा का एक्यूआई 300 रहा। 13 अक्तूबर को 226 एक्यूसई के साथ फतेहाबाद देश का दूसरा सबसे प्रदूषित रहा था। बल्लभगढ़, चरखौदादरी, हिसार, कैबल, रोहतक, पानीपत और सोनीपत के एक्यूआई स्तर की रिपोर्ट नहीं आ रही है। इस कारण फिलहाल प्रदूषित शहरों में हरियाणा के शहरों की गिनती कम है।   

चुनावी रणभूमि की पहली लड़ाई: कौन कितनी सीटों पर दावेदार, लालू-नीतीश की ताकत का हाल

पटना बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान छह नवंबर को है। पहले चरण में 18 जिले के 121 सीटों पर चुनाव होना है। अब तक 1698 विभिन्न दलों के साथ ही निर्दलीय प्रत्याशियों ने नामांकन किया है। 20 अक्टूबर तक नाम वापसी की अंतिम तिथि है। खास बात यह है कि पहले चरण में राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाईटेड की सबसे अधिक सीटें दांव पर लगी है। इस बार महागठबंधन की ओर से राजद ने 71, कांग्रेस ने 25, भाकपा माले 13, वीआईपी और सीपीआई छह-छह, सीपीएम और आईआईपी ने दो प्रत्याशी उतारे हैं। वहीं एनडीए से जदयू ने 57 उतारे हैं। भाजपा के 48, लोजपा (राम) के 14 और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोमो से दो प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं।   पहले चरण में 36 सीटों पर राजद और जदयू के प्रत्याशी आमने-सामने हैं। वहीं राजद और भाजपा के बीच 23 सीटों पर आमने सामने हैं। कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों के बीच 23 सीटों पर मुकाबला है। वहीं कांग्रेस और जदयू  12 सीटों पर आमने-सामने हैं। वहीं चिराग और तेजस्वी के बीच 10 सीटों पर मुकाबला होना है। पहले यह संख्या 11 थी। लेकिन, मढ़ौरा से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) सीमा सिंह का नामांकन रद्द होने के कारण यह संख्या अब 10 रह गई। महागठबंधन में पिछले कुछ दिनों से सबसे ज्यादा चर्चा में रहे मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी का मुकाबला पहले चरण की छह में से चार सीटों पर भाजपा और दो सीटों पर जदयू से है। इन दिग्गजों की किस्मत पहले चरण में दांव पर पहले चरण में राजद से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव राघोपुर और छपरा से भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह चुनाव लड़ रहे हैं।  भाजपा से उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा लखीसराय, सम्राट चौधरी तारापुर से, मंत्री मंगल पांडेय सीवान से, जिवेश मिश्रा जाले से, संजय सरावगी दरभंगा सदर से, राजू सिंह राजू कुमार सिंह,  नितिन नवीन बांकीपुर और लोकगायिका मैथिली ठाकुर अलीनगर सीट, पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा से चुनावी मैदान में हैं। वहीं जदयू से मंत्री विजय कुमार चौधरी सरायगंज से, महेश्वर हजारी कल्याणपुर से चुनावी मैदान में हैं। 

नई दुकान खोलना हुआ आसान! कर्मचारियों की संख्या 20 से कम हो तो मिलेगी छूट और राहत

हरियाणा  हरियाणा सरकार ने राज्य में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कई नियमों में बदलाव किए हैं। अब नई दुकानों को लाइसेंस एक दिन में मिल जाएगा, और 20 से कम कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को पंजीकरण की जरूरत नहीं होगी। भूमि उपयोग परिवर्तन के नियमों को सरल बनाया गया है, और प्रदूषण नियंत्रण में भी छूट दी गई है। श्रम कानूनों में बदलाव करके महिलाओं के लिए समान अवसर सुनिश्चित किए गए हैं। नियमों का सरलीकरण कर सुधारों की डगर पर चल रहे हरियाणा में नियामक बोझ कम करने और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को प्रोत्साहित करने के लिए हाल ही में कई बड़े कदम उठाए गए हैं। शहरों में भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) के लिए अब केवल तीन दस्तावेज नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग में जमा कराने होंगे। इनमें स्वामित्व प्रमाण, परियोजना रिपोर्ट और क्षतिपूर्ति बांड शामिल हैं। औद्योगिक क्षेत्रों में तत्काल सीएलयू अनुमति मिलगी। भवन निर्माण नियमों को लचीला बनाया गया है। सुरक्षा मानदंड पूरे करने पर पूरे जोन एरिया में ग्राउंड कवरेज की अनुमति दी जाएगी। आक्यूपेशन और कंप्लीशन सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की संख्या घटाकर तीन कर दी गई है। साथ ही स्व-प्रमाणन का दायरा बढ़ाकर उच्च जोखिम वाले भवनों को भी शामिल किया गया है, जिसे 31 अक्टूबर तक पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।  मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने बताया कि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सहमति प्रक्रिया की समय-सीमा 30 कार्यदिवसों से घटाकर 21 कार्यदिवस कर दी है। कम जोखिम वाले उद्योगों के लिए स्वतः नवीनीकरण और स्व-प्रमाणन प्रणाली लागू की गई है। हरित श्रेणी की इकाइयों के लिए थर्ड पार्टी प्रमाणन प्रणाली विकसित की जा रही है। अब तक 712 गैर-प्रदूषणकारी उद्योग क्षेत्रों को श्वेत श्रेणी में पुन:वर्गीकृत किया गया है, जिन्हें प्रदूषण नियंत्रण की सहमति आवश्यकताओं से छूट प्रदान की गई है। अग्नि सुरक्षा एनओसी की वैधता बढ़ाकर कम जोखिम वाले प्रतिष्ठानों के लिए पांच वर्ष तथा उच्च जोखिम वाले प्रतिष्ठानों के लिए तीन वर्ष कर दी गई है। थर्ड पार्टी निरीक्षण व्यवस्था 15 नवंबर तक लागू कर दी जाएगी। इनवेस्ट हरियाणा पोर्टल के माध्यम से भूजल अनुमति सहित बिजली और पानी कनेक्शन की स्वीकृतियों की समय सीमा 90 दिन से घटाकर 45 दिन कर दी गई है। जन विश्वास अध्यादेश लागू कर 17 विभागों के 42 अधिनियमों की 164 धाराओं को अपराध-मुक्त किया गया है  

जाली नोटों का खुलासा: एसओजी-साउथ पुलिस ने पकड़े पांच आरोपी, 43 लाख रुपये जब्त

जयपुर जयपुर दक्षिण और एसओजी की संयुक्त कार्रवाई में पुलिस ने जाली भारतीय मुद्रा छापने और चलाने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से ₹43 लाख 24 हजार रुपए की नकली करेंसी बरामद की है। यह करेंसी 500 रुपए के नोटों में थी, जिन पर वाटरमार्क और थ्रेड जैसे सिक्योरिटी फीचर नकली तौर पर बनाए गए थे। एसओजी के उपमहानिरीक्षक परिस देशमुख (IPS) और जयपुर दक्षिण के पुलिस उपायुक्त राजर्षि राज (IPS) के निर्देशन में यह कार्रवाई की गई। एसओजी के निरीक्षक विजय कुमार राय ने 16 अक्टूबर की रात थाना नारायण विहार की SHO गुंजन सोनी को सूचना दी, जिसके बाद एसीपी ललित किशोर शर्मा और एसीपी आदित्य काकड़े (IPS) के सुपरविजन में संयुक्त टीम गठित कर दबिश दी गई। 18 लाख के प्रिंटेड नोट पेपर शीट बरामद किए टीम ने मौके से ₹23 लाख की नकली करेंसी और ₹18 लाख के प्रिंटेड नोट पेपर शीट बरामद किए, जो कि कुल मिलाकर 43 लाख की नकली करेंसी थी। पुलिस ने मौके से पेपर कटर, पारदर्शी कांच, लकड़ी का फ्रेम (वाटरमार्क छापने हेतु), स्केल, और कटिंग के बाद बची कतरनें भी जब्त कीं। गिरफ्तार आरोपियों में राजेंद्र चौधरी (27) निवासी हबसपुरा, शंकरलाल चौधरी (23) निवासी देवपुरा, मनोज उर्फ गणपति बिश्नोई (30), बलकरण उर्फ बलदेव बिश्नोई (31) और मदनलाल सिंवार (28) शामिल हैं, जो सभी जयपुर और बीकानेर जिले से हैं। अभियुक्तों ने स्वीकार किया शामिल होना अभियुक्तों ने स्वीकार किया कि वे नकली नोटों को असली के रूप में चलाने और आर्थिक लाभ कमाने के लिए इस अवैध कारोबार में शामिल थे। जांच में सामने आया कि आरोपी पहले भी राजस्थान और पंजाब में जाली नोटों के मामलों में पकड़े जा चुके हैं। मामले में पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 178, 179, 180, 181, 182, 111(2)(ख), और 111(4) के तहत प्रकरण दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।

सरकारी कर्मचारी खुश होंगे! पंजाब सरकार से 21 अक्टूबर की छुट्टी की उम्मीद बढ़ी

बरेटा  अध्यापक दल पंजाब के सूबा सीनियर मीत प्रधान राजदीप सिंह बरेटा ने पंजाब सरकार से मांग की है कि इस बार दीवाली के अवकाश को लेकर स्थिति स्पष्ट की जाए। उन्होंने कहा कि दीवाली हिंदू और सिख दोनों समुदायों का पवित्र त्योहार है, लेकिन इस बार यह साफ नहीं है कि दीवाली 20 अक्टूबर को है या 21 अक्टूबर को। पंजाब सरकार ने अभी तक 20 अक्टूबर को दीवाली की छुट्टी घोषित की है। वहीं, हर साल दीवाली के अगले दिन विश्वकर्मा दिवस की छुट्टी होती है, जो इस बार 22 अक्टूबर को पड़ रही है। राजदीप सिंह बरेटा ने कहा कि सरकारी कर्मचारी, खासकर जो दूर-दराज के इलाकों में नौकरी करते हैं, वे इस उलझन में हैं कि 21 अक्टूबर को छुट्टी होगी या नहीं। उन्होंने पंजाब सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द 21 अक्टूबर को भी अवकाश घोषित किया जाए, ताकि कर्मचारियों में फैली भ्रम की स्थिति को दूर किया जा सके और उन्हें राहत मिल सके।  

सुरक्षा एजेंसियों ने बढ़ाया अलर्ट, पंजाब में पाकिस्तान से संभावित खतरे की जांच जारी

अमृतसर दीपावली जैसे बड़े त्यौहार की खुशियों में खलल डालने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजैंसिया प्रयास कर सकती हैं, जिसमें हाल ही में देहाती पुलिस की तरफ से विस्फोटक सामग्री जब्त किए जाने के बाद एक प्रयास विफल भी किया जा चुका है। इसके चलते बी.एस.एफ. और पंजाब पुलिस सहित सभी सुरक्षा एजैंसियां अलर्ट मोड पर हैं। देश की फर्स्ट लाइन ऑफ़ डिफैंस बी.एस.एफ. की तरफ से जहां संवेदनशील पोस्टों पर पैनी नजर रखी जा रही है और चौक्सी बढ़ाई गई है तो वहीं पुलिस की तरफ से शहर के भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती को और ज्यादा मजबूत किया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना सामने न आ सके। जानकारी के अनुसार आप्रेशन सिंदूर में बुरी तरह से शिकस्त खाने के बाद पूरे विश्व में पाकिस्तान की बेइज्जती हुई है, जिससे पाकिस्तान इस समय बौखलाया हुआ है और अपनी बौखलाहट को ठंडा करने के लिए कोई न कोई निंदनीय कदम जरूर उठाएगा। ड्रोन के जरिए भेजे जा रहे विस्फोटक और खतरनाक हथियार अपने मंसूबों को अमलीजामा पहनाने के लिए पाकिस्तान की तरफ से भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर लगातार ड्रोन की मूवमेंट करवाई जा रही है। छोटे से लेकर बड़े ड्रोन, जो 15 से 20 किलो वजन उठाने में सक्षम है, वह भी लगातार मूवमैंट कर रहे हैं और ग्रेनेड आर.डी.एक्स. व अन्य सामान सहित एक-47 राइफलें अत्यधिक पिस्टलों को लगातार भेजा जा रहा है, ताकि पंजाब सहित पूरे देश की शांति व्यवस्था को भंग किया जा सके। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बी.एस.एफ. की तरफ से अभी तक 205 ड्रोन पकड़े जा चुके हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में काफी ज्यादा है। आर.डी.एक्स. आई.डी. और विस्फोट करने वाला सामान भी लगातार ड्रोन से भी फैंका जा रहा है। आतंकवादियों और गैंगस्टरों का गठबंधन खतरनाक पिछले कुछ वर्षों से देखने में आया है कि पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों और पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों और गैंगस्टरों के बीच एक बड़ा गठजोड़ हुआ है, जिससे हालात और ज्यादा खतरनाक हो चुके हैं। जम्मू-कश्मीर के रास्ते आतंकवादियों के जरिए भी कई बार बड़ी-बड़ी हैरोइन की खेपे भेजी जा चुकी है। इतना ही नहीं गैंगस्टर और उनके गुर्गे के पाकिस्तानी एजैंसियों को भी खुफिया जानकारियां प्रदान कर रहे हैं, जिससे सुरक्षा एजैंसियां भी चिंता में है और इस गठबंधन को तोड़ने के लिए लगातार सख्त प्रयास किया जा रहे हैं। पुलिस की तरफ से गैंगस्टरों के लगातार एनकाउंटर किए जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद गैंगस्टरों के पास अत्याधुनिक हथियार पहुंच रहे हैं। जेलों के अंदर से चल रहा नेटवर्क नहीं टूट रहा बड़े-बड़े हैरोइन तस्कर और गैंगस्टर जेलों के अंदर बैठकर ही अपना नेटवर्क चला रहे हैं और जो हैरोइन या किसी अन्य केस में जेल के अंदर जाते हैं, वह जेल के अंदर जाकर इन गैंगस्टरों से मिलकर खुद को और ज्यादा मजबूत बनाकर बाहर निकलते हैं और बड़ी-बड़ी वारदातों को अंजाम देते हैं। सुरक्षा एजैंसियों की तरफ से दावा किया जाता रहा है, जेल के अंदर जैमर लगाए जा चुके हैं, लेकिन जिस प्रकार से गैंगस्टरों की वीडियो कॉल करने व अन्य घटनाएं सामने आ रही है, उसको देखकर यह साबित होता है कि सुरक्षा में बड़ी चूक हो रही है, जिसको सही करने की जरूरत है। सिर्फ अमृतसर जिले की ही बात करें तो आए दिन जेल के अंदर से मोबाइल फोन व अन्य आपत्तिजनक सामान मिलने के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां, लेकिन फिर भी नहीं टूट रहा नैटवर्क यह भी एक सत्य है कि आम आदमी पार्टी की सरकार के कार्यकाल के दौरान पुलिस और अन्य सुरक्षा एजैंसियों की तरफ से नशे की बिक्री करने वालों व इनको छत्रछाया प्रदान करने वालों की सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां की गई है। इतना ही नहीं बड़े-बड़े पुलिस अधिकारियों को भी जो गलत कार्यों में संलिप्त है, उनको जेलों के अंदर भेजा जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद न तो बॉर्डर पर ड्रोन की मूवमेंट रुक रही है और न ही हैरोइन व हथियारों की सप्लाई रुकने का नाम ले रही है जो एक बहुत बड़ा रहस्य बना हुआ है।