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गरीबों के लिए खुशखबरी! सरकार ने दी 1.41 लाख नए घरों को मंज़ूरी, 14 राज्यों में बदलेगी किस्मत

नई दिल्ली शहरी गरीबों और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए राहत भरी खबर आई है। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी 2.0 के अंतर्गत देश भर में 1.41 लाख नए मकानों के निर्माण को हरी झंडी दे दी है। इस नई मंज़ूरी के साथ, अब तक इस योजना के तहत 10 लाख से अधिक घरों को स्वीकृति मिल चुकी है। यह पहल देश के उन लाखों परिवारों के लिए उम्मीद की एक नई किरण है, जो लंबे समय से एक सुरक्षित और स्थायी छत का सपना देख रहे हैं। 14 राज्यों को मिला लाभ, सीएसएमसी ने दी स्वीकृति यह निर्णय हाल ही में आयोजित सेंट्रल सैंक्शनिंग एंड मॉनिटरिंग कमेटी (CSMC) की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता आवास और शहरी मामलों के सचिव स्रीनिवास कटिकिथाला ने की। इस अहम बैठक में योजना की प्रगति की समीक्षा की गई और तय किया गया कि घरों के निर्माण कार्य को तेज़ी से पूरा किया जाए। जिन 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बार लाभ मिला है, उनमें शामिल हैं: असम, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, पुदुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, मेघालय, हरियाणा, ओडिशा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश। सिर्फ घर नहीं, बेहतर जीवन का वादा सरकार का ध्यान केवल मकान बनवाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि इन घरों के आसपास जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर — जैसे कि सड़कें, सार्वजनिक परिवहन, और संचार की सुविधाएं भी विकसित हों। इसका उद्देश्य है कि इन घरों में रहने वाले लोगों को सिर्फ छत नहीं बल्कि बेहतर जीवनशैली भी मिले। सचिव कटिकिथाला ने साफ तौर पर कहा कि मकानों के लिए ऐसे स्थान चुने जाएं जहाँ बुनियादी सुविधाएं पहले से उपलब्ध हों या जल्दी विकसित की जा सकें। इससे लाभार्थियों को जीवन यापन में सहूलियत होगी और उन्हें रोज़मर्रा की परेशानियों से नहीं जूझना पड़ेगा। PMAY-Urban 2.0: मकसद और दृष्टिकोण यह योजना केवल एक मकान देने की कोशिश नहीं है, बल्कि सामाजिक समानता और सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम है। PMAY-Urban 2.0 का मूल उद्देश्य है कि शहरी इलाकों में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर तबके को एक स्थायी और सुरक्षित आवास मुहैया कराया जाए।  

बिजली विभाग ने बढ़ाया नया कनेक्शन शुल्क, उपभोक्ताओं को लगा तगड़ा करंट

लखनऊ  उत्तर प्रदेश में ऊर्जा विभाग बिजली दरों को बढ़ाने की लगातार कोशिश कर रहा है. हालांकि विभाग की इस पहल पर कोई फैसला होता, उससे पहले ऊर्जा विभाग ने नए कनेक्शन लेने वाला चार्ज बढ़ा दिया है. यानी कि दिवाली से पहले गरीबों को बड़ा झटका लगा है. यानी कि अब किसी को 1KW का कनेक्शन लेना होगा तो 1032 रुपये की जगह 6400 रुपए देने होंगे. जबकि केंद्र सरकार के निर्देश पर RDSS योजना के तहत प्रीपेड मीटर फ्री में लगने वाले थे. ऊर्जा विभाग के इस मनमाने आदेश से लाखों गरीब-मध्यम परिवार की मुसीबतें बढ़ गई हैं. 37 हजार उपभोक्ता नहीं ले पा रहे कनेक्शन वहीं ऊर्जा विभाग के फैसले को लेकर UP उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि 10 सितंबर से 1 लाख 74 हजार 878 बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन आए हैं. जिनमें से  56 हजार 251 उपभोक्ताओं को कनेक्शन दिया गया है और 34737 आवेदन अभी विचाराधीन है. वहीं 23192 उपभोक्ताओं को पैसा देने के बाद भी कनेक्शन नहीं मिला है और बिजली कनेक्शन के 6251 आवेदनों को निरस्त कर दिया गया है. 37 हजार 43 लोग कनेक्शन के लिए आवेदन देने के बाद पैसे जमा नहीं कर पाए हैं. 1032 रुपये से सीधा 6400 रुपये में मिलेगा कनेक्शन प्राप्त जानकारी के मुताबिक पहले 872 रुपए के मीटर सहित 1032 रुपए में 1KW कनेक्शन मिलता था. अब 6061 रुपए के प्रीपेड मीटर समेत 1KW कनेक्शन के लिए 6400 रुपए देने होंगे. नए कनेक्शन के साथ प्रीपेड मीटर का शुल्क 6 गुना से अधिक वसूला जा रहा है. ऊर्जा विभाग ने बीते 10 सितंबर को आदेश दिया था. UP में 37 हजार गरीब 6 गुना पैसा नहीं जमा कर पा रहे हैं. बिना नियामक आयोग की अनुमति के कनेक्शन के साथ मीटर शुल्क अनिवार्य किया गया है. ‘रोकी जाए अवैध वसूली’ उपभोक्ता परिषद ने ऊर्जा विभाग के इस फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर के नाम पर 6061 की अवैध वसूली रोकी जाए. ऊर्चा विभाग के इस आदेश से सरकार की छवि धूमिल हो रही है. PM, CM और ऊर्जामंत्री के क्षेत्र में भी 6 गुना अधिक पैसा दे पाने में लोग असमर्थ दिख रहे हैं.  

श्यामा को मिली नई पहचान, सेंट्रिंग प्लेट के व्यवसाय से हर महीना 50 हजार की आय

आत्मनिर्भर भारत की तस्वीर: रायपुर की श्यामा सिंह बनीं ‘लखपति दीदी’, बनीं कई महिलाओं की रोल मॉडल रायपु कभी आर्थिक तंगी से जूझने वाली सरगुजा जिले के ग्राम पंचायत नवानगर की श्रीमती श्यामा सिंह आज अपने क्षेत्र की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं। राज्य और केंद्र सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन आज ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ा रहा है। बिहान योजना के माध्यम से लखपति दीदी श्रीमती श्यामा सिंह ने अपने जीवन में आर्थिक संबल की नई राह बनाई है।          हर बहन-बेटी अच्छी तरह जानती है कि जब वो कमाने लगती है तो कैसे उसका अधिकार बढ़ जाता है। घर-परिवार में उसका सम्मान बढ़ जाता है। जब किसी बहन की कमाई बढ़ती है तो परिवार के पास खर्च करने के लिए पैसे भी ज्यादा जुटते हैं। एक बहन का भी लखपति दीदी बनना, पूरे परिवार का भाग्य बदल रहा है।  श्रीमती श्यामा की लखपति दीदी सफर          सरगुजा जिले की श्रीमती श्यामा, विकास महिला स्वयं सहायता समूह की सक्रिय सदस्य हैं, जो महामाया आजीविका संगठन और रोशनी आजीविका संघ, दरिमा क्लस्टर के अंतर्गत कार्यरत है। वे बताती हैं कि पहले उनके पास कोई काम नहीं था, न ही स्थायी आमदनी का कोई साधन था। उन्होंने बताया कि बिहान योजना से जुड़ने के बाद उन्हें काफी आत्मविश्वास मिला जिससे आर्थिक सशक्तिकरण की राह भी खुली। इस योजना के तहत उन्हें समूह बैठकों और प्रशिक्षण शिविरों में विभिन्न आजीविका गतिविधियों की जानकारी दी गई। इसी दौरान उन्हें सेंट्रिंग प्लेट के व्यवसाय के बारे में भी बताया गया, श्यामा ने अपने समूह से 95 हजार रुपए का ऋण लेकर 30 सेंट्रिग प्लेट के साथ व्यवसाय की शुरुआत की। शुरुआत में काम छोटा था, पर मेहनत और लगन से आज उन्होंने इस कार्य को एक सफल व्यवसाय में बदल दिया है। श्रीमती श्यामा की हर महीने 50 हजार रुपए आमदनी          आज उनके पास पांच रूम का पूरा सेटअप जिसमें 152 सेंट्रिग प्लेट है। लखपति दीदी श्रीमती श्यामा सिंह ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के स्वीकृत आवासों में सेट्रिंग प्लेट किराए पर दिया जा रहा है, जिससे हर महीने लगभग उन्हें 50 हजार रुपए तक की आमदनी हो रही है। उनका कहना है कि पहले मेरे पास कोई भी रोजगार नहीं था। बिहान योजना से जुड़ने के बाद मुझे प्रशिक्षण मिला, आत्मविश्वास बढ़ा और मैंने खुद का काम शुरू किया। आज मैं अपने परिवार का सहारा बन चुकी हूँ। उन्हें  प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2024-25 में आवास की भी स्वीकृति मिली, जो कि निर्माणाधीन है, जिससे उनकी खुशी दोगुनी हो गई है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया। महिला सशक्तिकरण मिसाल          लखपति दीदी श्रीमती श्यामा सिंह का यह सफर न केवल उनके आत्मविश्वास और मेहनत की कहानी है, बल्कि यह ग्रामीण महिलाओं की सशक्तिकरण यात्रा का सजीव उदाहरण है। बिहान योजना के माध्यम से ऐसी हजारों महिलाएं अपने गांवों में स्वरोजगार स्थापित कर रही हैं, जिससे न केवल उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सुधर रही है बल्कि गांव के अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिल रही है।

दुबई की सड़कों पर AI की सख्ती, ट्रैफिक उल्लंघन पर तुरंत एक्शन

दुबई  एआई यानी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI – Artificial Intelligence) का इस्तेमाल तेज़ी से बढ़ रहा है। दुनियाभर में बड़ी संख्या में लोग अलग-अलग काम के लिए एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं। अब एक शहर में एआई का इस्तेमाल बिल्कुल ही हटके काम के लिए किया जाने वाला है। पढ़कर मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि कहाँ और कैसे होगा यह? आइए जानते हैं। दुबई में अब एआई रखेगा ट्रैफिक पर नज़र संयुक्त अरब अमीरात – यूएई के शहर दुबई में एआई का इस्तेमाल ट्रैफिक पर नज़र रखने के लिए किया जाएगा। दुबई में सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए एआई से चलने वाले इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिस्टम की शुरुआत की गई है। दुबई पुलिस ने ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए AI का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. दुबई की सड़कें अब अत्याधुनिक रडार तकनीक से लैस हैं, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से छह अलग-अलग ट्रैफ़िक उल्लंघनों का पता लगाने में सक्षम हैं. KTC इंटरनेशनल नामक कंपनी ने इन रडार को बनाया है. इसकी मदद से ट्रैफिक कानूनों का सख्ती से पालन कराया जा सकेगा और सड़क सुरक्षा में सुधार होगा. KTC इंटरनेशनल के CO इयाद अल बरकावी के मुताबिक ये रडार ड्राइव करते हुए मोबाइल फोन का उपयोग करना, अचानक लेन बदलना, सीट बेल्ट न पहनना, अनुचित लेन अनुशासन और विंडशील्ड पर अवैध रंग चढ़ाना जैसे उल्लंघनों की पहचान कर सकता है. शोर करने वाले वाहनों पर लगेगी लगाम रडार के साथ एक दूसरी AI तकनीक का भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है, जो व्हीकल के ज्यादा शोर का पता लगाना में सक्षम है, जिससे रडार की क्षमता और बढ़ गई है. अल बरकावी ने कहा, AI-संचालित रडार सटीकता के साथ उल्लंघनों की पहचान करता है, उदाहरण के लिए ये कम रोशनी में भी कपड़ों और सीट बेल्ट के बीच अंतर कर सकता है. कई तरह के उल्लंघनों पर लगेगी लगाम इसके अलावा ये रडार लेन डिसिप्लिन, डिस्ट्रेक्ट ड्राइविंग जैसे फोन चलाना, विंडो टिंटिंग के साथ-साथ फुटपाथ पर चलने वाले लोगों की सुरक्षा का भी ख्याल रखेगा. जिसमें पैदल यात्रियों के लिए क्रॉसिंग पर वाहनों की निगरानी करना शामिल है. दुबई के शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर की तारीफ करते हुए, अल बरकावी ने कहा कि रडार का डिज़ाइन अमीरात के उन्नत सड़क नेटवर्क को और बेहतर करता है. उन्होंने कहा, “10 लेन तक के राजमार्गों के साथ ये सिस्टम व्यवस्था बनाए रखने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी हैं.” प्रभावी के साथ पॉर्टेबल भी यह रडार प्रभावी होने के साथ-साथ पॉर्टेबल भी है. इसे आसानी से बैरियर पर लगाया जा सकता है और पुलिस की जरूरत के हिसाब से कही भी ले जाया जा सकता है, जो ट्रैफिक कंट्रोल की बदलती जरूरतों के अनुकूल है. इस रडार को चार महीने के परीक्षण के बाद सड़कों पर तैनात किया है, कंपनी का दावा है कि ये सटीकता से उल्लंघनों का पता लगाता है. ये तो वक्त बताया कि ये दुबई के लिए कितना कारगर साबित होता है, अगर सब ही रहा तो ये दुनिया के अलग-अलग देशों में भी डिप्लॉय किया जा सकता है.

दीपावली यात्रा के लिए हवाई किराए में 100% से अधिक की वृद्धि, बेंगलुरु-चेन्नई की वापसी भी महंगी

लखनऊ दीपावली मनाने के लिए अपने घरों को आने वाले यात्रियों की वापसी भी मुश्किल भरी होगी। दीपावली बाद मुंबई सहित सभी बड़े नगरों का विमान किराया महंगा हो गया है। सबसे अधिक मांग 26 अक्टूबर को लखनऊ से कई शहरों के विमान के टिकट की हो रही है। इस कारण लखनऊ से मुंबई का 26 अक्टूबर का विमान का किराया 25 हजार रुपये तक पहुंच गया है। दीपावली 20 अक्टूबर को है, ऐसे में 17 और 18 अक्टूबर को मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता, हैदराबाद व चेन्नई सहित कई शहरों से लखनऊ आने वाली ट्रेनें अधिक वेटिंग लिस्ट के कारण स्थिति रिग्रेट हो चुकी हैं। ट्रेनों में जगह नहीं मिलने का असर विमानों के किराए पर पड़ रहा है। इस बार विमान का किराया पिछले साल की अपेक्षा अधिक हो गया है। लखनऊ आने के बाद 26 अक्टूबर की वापसी के लिए विमानों का किराया पांच से छह गुणा महंगा हो चुका है। एयरलाइन सेक्टर के जानकारों के मुताबिक ट्रेनों में वेटिंग रिग्रेट की स्थिति के कारण विमान कंपनियों के टिकट पिछले साल की अपेक्षा 10 प्रतिशत तक महंगे हो चुके हैं। अगले दो दिनों में इसमें और वृद्धि संभव है।   ट्रेनों से वापसी भी मुश्किल दीपावली के बाद वापसी के लिए 26 अक्टूबर की ट्रेनों में सबसे अधिक वेटिंग है। इस कारण कारपोरेट सेक्टर की ट्रेन तेजस एक्सप्रेस की एसी चेयरकार श्रेणी में लखनऊ से नई दिल्ली की वेटिंग 122 पहुंच गई है। इसी तरह वंदे भारत एक्सप्रेस की एसी चेयरकार की वेटिंग 138, शताब्दी एक्सप्रेस में 164 तक हो गई है। आनंद विहार डबल डेकर की वेटिंग 89 और गोमती एक्सप्रेस की सेकेंड सीटिंग क्लास में वेटिंग 85 है।   गोमतीनगर पनवेल में सीटें खाली रेलवे 25 अक्टूबर को लखनऊ से पनवेल के लिए स्पेशल ट्रेन चलाएगा। ट्रेन नंबर 05037 गोमतीनगर से 25 अक्टूबर को सुबह 5:25 बजे छूटेगी। इस ट्रेन में 25 अक्टूबर को स्लीपर में 339, एसी थर्ड में 454 और एसी सेकेंड में 55 सीटें खाली हैँ।  

शेयर बाजार में दिवाली की रौनक! निफ्टी रिकॉर्ड हाई पर, RIL और ये स्टॉक्स बने सुपरस्टार

मुंबई  दिवाली का जश्‍न आज भारतीय शेयर बाजार भी मना रहा है. निफ्टी करीब 200 अंक ऊपर चढ़कर 25900 पर कारोबार कर रहा है, जबकि सेंसेक्‍स में 680 अंक की तेजी आई है. बैंक निफ्टी में भी करीब 400 अंक की तेजी देखी जा रही है. BSE के टॉप 30 शेयरों में से सिर्फ 5 शेयरों में ही गिरावट आई है, बाकी सभी शेयर तेजी दिखा रहे हैं.  रिलायंस इंडस्‍ट्रीज के शेयर में सबसे ज्‍यादा की उछाल आई है, जो 2.83 फीसदी चढ़कर 1457 रुपये पर कारोबार कर रहा है. इसके अलावा, कोटक महिंद्रा, एक्‍स‍िस बैंक, भारती एयरटेल, इंफोसिस और बजाज फिनसर्व के शेयर में करीब 2 फीसदी की रैली है. HDFC बैंक के शेयर में भी 1.50  फीसदी की उछाल आई है. गिरावट की बात करें तो ICICI Bank के शेयर में करीब 2 फीसदी की गिरावट आई है, बाकी शेयरों में मामूली गिरावट है.  108 शेयरों में अपर सर्किट BSE पर 3,397 एक्टिव शेयरों में से आज 1,949 शेयर तेजी पर कारोबार कर रहे हैं, जबकि 1,235 शेयर गिरावट पर हैं. 213 शेयर अनचेंज हैं और 81 शेयर 52 सप्‍ताह के हाई पर कारोबार कर रहे हैं. 52 शेयरों में 52 वीक का निचला स्‍तर देखा जा रहा है. 108 शेयरों में अपर सर्किट है और 78 शेयरों ने लोअर लेवल टच किया है.   सेक्‍टर्स की बात करें तो आज मेटल को छोड़कर FMCG, ऑटो, आईटी, मीडिया, पीएसयू बैंक, प्राइवेट बैंक, फाइनेंशियल, फार्मा और हेल्‍थकेयर जैसे सेक्टर्स में करीब 1 फीसदी तक की तेजी आई है.  बैंकिंग समेत ये शेयर आज के हीरो डीसीबी बैंक के शेयर में आज 11 फीसदी की तेजी आई है. साउथ इंडिया बैंक के शेयर में 10 फीसदी की तेजी आई है. एयू स्‍मॉल फाइनेंस बैंक के शेयर में 7 फीसदी, रेडिको खेतान के शेयर में करीब 4 फीसदी, पॉलिकैब इंडिया के शेयर में करीब 2.43 फीसदी की उछाल आई है. रिलायंस के शेयर में आज करीब 3 फीसदी की उछाल है. इसके अलावा, जियो फाइनेंशियल बैंक के शेयर में करीब 2 फीसदी, अडानी पावर के शेयर में 1.50 फीसदी, केनरा बैंक के शेयर में भी 1.55 फीसदी की तेजी आई है. कुल मिलाकर आज बैंकिंग स्‍टॉक ने निवेशकों को गदगद किया है. 

बीच समंदर दीवाली: INS विक्रांत और नौसेना के जज़्बे को सलाम बोले PM मोदी

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आईएनएस विक्रांत पर जवानों के साथ दिवाली सेलिब्रेट कर रहे हैं. उन्होंने अपने संबोधन में सोमवार को कहा कि इस साल स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर नौसेना कर्मियों के बीच दिवाली मनाकर वह खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं. विमानवाहक पोत पर रात बिताने के अनुभव का जिक्र करते हुए, उन्होंने कर्मियों से कहा, "मैं कल से आपके बीच हूं और हर पल मैंने उस पल को जीने के लिए कुछ न कुछ सीखा है. आपका समर्पण इतना ऊंचा है कि मैं उसे जी तो नहीं पाया, लेकिन मैंने उसे अनुभव ज़रूर किया है. मैं कल्पना कर सकता हूं कि इस दौर से गुज़रना कितना मुश्किल रहा होगा." प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि रात में गहरे समुद्र और सुबह के सूर्योदय को देखना उनकी दिवाली को और भी खास बना देता है. उन्होंने कहा, "आज, एक तरफ मेरे पास अनंत क्षितिज, अनंत आकाश है, और दूसरी तरफ अनंत शक्तियों का प्रतीक यह विशालकाय आईएनएस विक्रांत है. समुद्र के पानी पर सूर्य की किरणों की चमक, बहादुर सैनिकों द्वारा जलाए गए दिवाली के दीयों जैसी है." प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "कुछ महीने पहले ही हमने देखा कि कैसे विक्रांत नाम से ही पूरे पाकिस्तान में दहशत की लहर दौड़ गई थी. ऐसी है इसकी ताकत- एक ऐसा नाम जो युद्ध शुरू होने से पहले ही दुश्मन के हौसले पस्त कर देता है. ये है INS विक्रांत की ताकत है. इस मौके पर, मैं विशेष रूप से हमारे सशस्त्र बलों को सलाम करना चाहता हूं." प्रधानमंत्री ने कहा कि नौसेना कर्मियों को देशभक्ति के गीत गाते और उनमें ऑपरेशन सिंदूर को दर्शाते हुए देखना, “युद्ध के मैदान में एक सैनिक जो महसूस करता है उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता.” प्रधानमंत्री ने आईएनएस विक्रांत को आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया का बहुत बड़ा प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि जिस दिन देश को स्वदेशी आईएनएस विक्रांत मिला था, उसी दिन भारतीय नौसेना ने ग़ुलामी के एक बड़े प्रतीक चिन्ह का त्याग कर दिया था. भारतीय नौसेना ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रेरणा से नया ध्वज अपनाया था. महासागर को चीरता हुआ स्वदेशी विक्रांत भारत की सैन्य क्षमता का प्रतिबिंब है. रक्षा में आत्मनिर्भरता पर जोर प्रधानमंत्री ने कहा कि सेनाओं के सशक्त होने के लिए उनका आत्मनिर्भर होना आवश्यक है. पिछले एक दशक से हमारी सेनाएँ तेज़ी से आत्मनिर्भरता की ओर आगे कदम बढ़ा रही हैं. हमारी सेनाओं ने हज़ारों वस्तुओं की लिस्ट बनाई है कि ये सामान बाहर से नहीं मँगाए जाएंगे. नतीजा यह हुआ कि सेना के लिए ज़रूरी ज़्यादातर सामान देश में ही तैयार हो रहा है. पीएम मोदी ने बताया कि 11 सालों में डिफेंस प्रोडक्शन तीन गुना से ज़्यादा हो गया है. उन्होंने कहा कि हर 40 दिन में एक युद्धपोत या पनडुब्बी भारतीय नौसेना में शामिल हो रही है. प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि भारत दुनिया के टॉप डिफेंस निर्यातक देशों में शामिल होगा. उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया के कई देश ब्रह्मोस मिसाइल ख़रीदना चाहते हैं. प्रधानमंत्री ने जवानों के समर्पण की तारीफ़ करते हुए कहा कि उनका समर्पण इतनी ऊँचाई पर है कि मैं उसे जी नहीं पाया, लेकिन जान ज़रूर पाया. उन्होंने रक्षा स्टार्टअप की बड़ी भूमिका पर ज़ोर दिया और कहा कि हमारी स्वदेशी डिफ़ेंस इकाइयों और स्टार्टअप भी दम दिखा रहे हैं.  

दिवाली पर लक्ष्मी जी की आरती: करनी चाहिए या नहीं? जानें सही तरीका

दिवाली, हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. इस दिन भगवान श्रीराम 14 साल का वनवास पूरा करने के बाद अपने भाई लक्ष्मण और माता सीता के साथ अयोध्या लोटे थे. इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. दिवाली को कुछ जगहों पर लक्ष्मी पूजन के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन देवी लक्ष्मी और गणेश जी के साथ आराधना करने का विधान है. हालांकि, ऐसी मान्यता है कि दिवाली पर मां लक्ष्मी की आरती नहीं करनी चाहिए. आइए हम आपको बताते हैं कि दिवाली के दिन लक्ष्मी जी की आरती क्यों नहीं करनी चाहिए. दिवाली पर मां लक्ष्मी की आरती करनी चाहिए? दिवाली पर मां लक्ष्मी की आरती करने के बारे में अलग-अलग मान्यताएं मिलती हैं. लेकिन ज्यादातर धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दिवाली पर लक्ष्मी जी की आरती नहीं करनी चाहिए. इसके पीछे यह माना जाता है कि आरती के बाद लोग उठकर चले जाते हैं, जिससे मां लक्ष्मी को लगता है कि उन्हें विदा किया जा रहा है और वे घर से चली जाती हैं, जिससे धन की कमी हो सकती है. ऐसे में आप दिवाली पर लक्ष्मी जी की आरती के अलावा गणेश जी और भगवान विष्णु की आरती कर सकते हैं. आरती क्यों नहीं करनी चाहिए? मां लक्ष्मी का चले जाना:- यह मुख्य कारण है. मान्यता है कि आरती के बाद सभी लोग खड़े होकर चले जाते हैं और इसी तरह मां लक्ष्मी भी आपके घर से चली जाती हैं, जिसके कारण आर्थिक तंगी हो सकती है. शांति की कमी:- मां लक्ष्मी को शांति प्रिय है और आरती के दौरान घंटी और शंख की तेज आवाज होती है, जिससे वे अशांत महसूस कर सकती हैं. विदाई का संकेत:- आरती को विदाई का संकेत माना जाता है. चूंकि दिवाली पर मां लक्ष्मी को स्थायी निवास के लिए घर बुलाया जाता है, इसलिए उन्हें विदा करने वाली आरती करना शुभ नहीं माना जाता है. लक्ष्मी जी की आरती के बजाय क्या करें? दिवाली पूजा के दौरान आप गणेश जी और विष्णु जी की आरती कर सकते हैं. इसके अलावा, दिवाली पर आप मां लक्ष्मी की आरती के बजाय उनके जाप, मंत्रों का उच्चारण या चालीसा का पाठ कर सकते हैं. धनतेरस पर मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए विधि-विधान से उनकी पूजा कर उन्हें फल, फूल और अन्य प्रिय चीजें अर्पित करें.

30 हजार करोड़ की वसीयत जाली? संजय कपूर संपत्ति विवाद में नया मोड़, वकील ने सबूत दिए

मुंबई  करिश्मा कपूर के एक्स हसबैंड रहे संजय कपूर की प्रॉपर्टी को लेकर परिवार में विवाद जारी है. जून 2025 में अचानक संजय की मौत होने के बाद उनकी 30 हजार करोड़ रुपये कि संपत्ति को लेकर उनके परिवार में जंग छिड़ गई. संजय कपूर की बहन मंदिरा और मां रानी अपने हक के लिए लड़ाई कर रही हैं. तो वहीं करिश्मा अपने और संजय के दो बच्चों- समायरा और किआन का हिस्सा उन्हें दिलाने दिल्ली हाई कोर्ट में केस लड़ रही हैं. सभी का आरोप है कि संजय की तीसरी पत्नी प्रिया सचदेव ने उनकी संपत्ति को हड़पने के लिए साजिश रची है. नकली है संजय कपूर की वसीयत?  दिल्ली हाई कोर्ट में करिश्मा कपूर के बच्चों द्वारा दायर मुकदमे की सुनवाई हुई. इसमें वे अपने दिवंगत पिता और बिजनेसमैन संजय कपूर की व्यक्तिगत संपत्तियों में हिस्सेदारी की मांग कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी कथित वसीयत नकली है. इस मुकदमे को करिश्मा के बच्चों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी लड़ रहे हैं. उन्होंने दस्तावेज में स्पष्ट विसंगतियों को इंगित किया. जेठमानी ने कहा कि भाषा और खंड संजय कपूर द्वारा लिखे गए प्रतीत नहीं होते. एक खंड का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि इसमें 'मेरे सभी वारिसों' का जिक्र है, फिर भी इसमें संजय कपूर की मां, रानी कपूर का उल्लेख नहीं है, जिनके लिए पहले हमेशा प्रावधान किया गया था. जेठमानी ने तर्क दिया कि वसीयत में वसीयतकर्ता को स्त्रीलिंग में संदर्भित किया गया है. जैसे "वह" और "उसकी" शब्दों का उपयोग किया गया है. उन्होंने इसे 'हास्यास्पद' बताया और सुझाव दिया कि संजय कपूर ने 'महिला के रूप में हस्ताक्षर' किए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी वसीयत का मसौदा कपूर की समझ वाले व्यक्ति से नहीं आ सकता. आगे उन्होंने इसे जालसाजी का सबूत बताया. वह बोले कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि संजय ने वसीयत तैयार की थी. अधिवक्ता जेठमलानी ने आगे कहा कि वसीयत में प्रामाणिकता की कमी है. संजय कपूर को 'डिजिटल भूत' के रूप में वर्णित करते हुए कहा कि उनके पास केवल एक कथित डिजिटल निशान है, कोई हस्तलेखन, फोटोग्राफ या प्रमाणित संचार नहीं है. उन्होंने उल्लेख किया कि न तो प्रतिवादी और न ही गवाहों ने यह स्पष्ट किया कि वसीयत किसने तैयार की, जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि इसे नितिन शर्मा के लैपटॉप पर बनाया गया था.

विदेश जाने से पहले हरियाणा के नेताओं को करना होगा ये खास काम, प्रशासन ने कसा पहरा

हरियाणा हरियाणा सरकार ने मंत्रियों, विधायकों, अधिकारियों और कर्मचारियों के विदेश दौरों को लेकर नई आचार संहिता जारी की है। मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों और विधायकों की विदेश यात्राओं के संबंध में मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अतिरिक्त अब वित्त विभाग से पूर्व में वित्तीय स्वीकृति लेना अनिवार्य होगा। नए नियम ग्रुप ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’ और ‘डी’ के सभी सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ-साथ हरियाणा से जुड़े अखिल भारतीय सेवा (आईएएस, आईपीएस, आईएफएस आदि) अधिकारियों पर भी लागू होंगे। वित्त विभाग के अनुसार, अब किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में केवल एक आधिकारिक और एक निजी विदेश यात्रा की अनुमति मिलेगी। दोनों यात्राओं की कुल अवधि तीन सप्ताह से अधिक नहीं हो सकेगी।   सरकारी खर्च पर विदेश दौरे के प्रस्तावों को संबंधित विभाग ‘चेकलिस्ट’ के साथ मुख्यमंत्री की स्वीकृति प्राप्त कर वित्त विभाग (एफआर शाखा) को भेजेगा। विभाग को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि विदेश यात्रा भत्ता हेतु बजट का पर्याप्त प्रावधान मौजूद है। यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी स्वयं के व्यय पर विदेश यात्रा करना चाहता है, तो उसे भी हर वित्तीय वर्ष में सिर्फ एक निजी यात्रा की अनुमति मिलेगी। प्रस्तावों को संबंधित अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित ‘चेक-लिस्ट’ के साथ मुख्यमंत्री की स्वीकृति प्राप्त कर वित्त विभाग को भेजना अनिवार्य होगा। साथ ही संबंधित विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि विदेश यात्रा भत्ता हेतु बजट का पर्याप्त प्रविधान विभाग के पास उपलब्ध है। हरियाणा के वित्त सचिव के नाते मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने विदेश दौरों के संबंध में नई आचार संहिता जारी की है। नये निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे और पूर्व में सभी आदेशों को निरस्त समझा जाएगा। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी द्वारा जारी नये निर्देश ग्रुप ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’ एवं ‘डी’ के सरकारी कर्मचारियों के साथ ही हरियाणा से जुड़े अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों पर भी लागू होंगे। व्यक्तिगत कारणों से स्वयं के व्यय पर विदेश यात्रा के लिए प्रत्येक वित्तीय वर्ष में केवल एक निजी यात्रा की अनुमति दी जाएगी।   इस स्थिति में उस देश का नाम अनुमोदन पत्र में स्पष्ट रूप से अंकित करना होगा, जहां की यात्रा की जानी है। यदि किसी अधिकारी-कर्मचारी के विरुद्ध अपराध से जुड़ा कोई मामला लंबित है या मुख्य दंड हेतु आरोप पत्र जारी किया गया है, तो ऐसे मामलों में अनुमति नहीं दी जाएगी। मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से कहा गया है कि यदि निजी यात्रा का खर्च सरकारी विभाग से जुड़ी किसी निजी संस्था द्वारा वहन किया जा रहा है तो अनुमति नहीं दी जाएगी। किसी भी परिस्थिति में विदेश यात्रा के लिए एक्स-पोस्ट फैक्टो अप्रूवल प्रदान नहीं की जाएगी। बिना पूर्व अनुमति के विदेश जाने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, विदेश में रहने के दौरान अधिकारी-कर्मचारी को बिना पूर्व स्वीकृति किसी भी प्रकार का कार्य (नौकरी) करने या निर्धारित अवधि से अधिक रुकने की अनुमति नहीं होगी। हरियाणा सरकार ने कहा है कि जहां कार्यभार सौंपने या ग्रहण करने की व्यवस्था लागू है, वहां अधिकारी-कर्मचारी को विदेश जाने से पूर्व अपना कार्यभार अपने वैकल्पिक अधिकारी-कर्मचारी को सौंपना होगा। किसी भी उल्लंघन की स्थिति में संबंधित विभाग द्वारा हरियाणा सिविल सेवा (दंड एवं अपील) नियम 2016 के अंतर्गत सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। वित्त विभाग ने स्पष्ट किया है कि इन दिशा-निर्देशों की व्याख्या, संशोधन या इनमें का अधिकार केवल वित्त विभाग (एफआर शाखा) के पास रहेगा।