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कोहरे के कारण 66 दिन तक नहीं चलेगी सारनाथ एक्सप्रेस, यात्रियों को झटका

रायपुर  उत्तर भारत में ठंड के मौसम में घने कोहरे की आशंका को देखते हुए रेलवे ने दुर्ग-छपरा-दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस को तीन महीनों में कुल 66 दिन रद्द करने का फैसला लिया है।यह ट्रेन 1 दिसंबर 2025 से 15 फरवरी 2026 तक अलग-अलग तिथियों में दोनों दिशाओं से नहीं चलेगी। इससे प्रयागराज, बनारस और छपरा जाने वाले यात्रियों की यात्राएं प्रभावित होंगी, क्योंकि यह ट्रेन उन मार्गों की प्रमुख कनेक्टिविटी मानी जाती है। उत्तर पूर्व रेलवे ने 15159 (छपरा-दुर्ग) और 15160 (दुर्ग-छपरा) सारनाथ एक्सप्रेस की सेवाएं कोहरे के पूर्वानुमान के आधार पर स्थगित करने का निर्णय लिया है। निर्धारित तिथियों के अलावा अन्य दिनों में यह ट्रेन सामान्य समय-सारणी के अनुसार चलती रहेगी। इन तारीखों पर नहीं चलेगी ट्रेन छपरा से दुर्ग आने वाली सारनाथ एक्सप्रेस (15159) – दिसंबर: 1, 3, 6, 8, 10, 13, 15, 17, 20, 22, 24, 27, 29, 31 – जनवरी: 3, 5, 7, 10, 12, 14, 17, 19, 21, 24, 26, 28, 31 – फरवरी: 2, 4, 7, 9, 11, 14 दुर्ग से छपरा जाने वाली सारनाथ एक्सप्रेस (15160) – दिसंबर: 2, 4, 7, 9, 11, 14, 16, 18, 21, 23, 25, 28, 30 – जनवरी: 1, 4, 6, 8, 11, 13, 15, 18, 20, 22, 25, 27, 29 – फरवरी: 1, 3, 5, 8, 10, 12, 15 रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि यात्रा की योजना बनाते समय इन तिथियों की जांच अवश्य करें। जरूरत पड़ने पर वैकल्पिक ट्रेनों की बुकिंग समय पर करा लें, ताकि यात्रा में बाधा न आए।

नीरव मोदी के लंदन कोर्ट में बड़े खुलासे की तैयारी

मुंबई  लंदन की जेल में लगभग छह साल से बंद भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी ने चौंकाने वाला दावा किया है. नीरव मोदी ने कहा कि उनके खिलाफ चल रहे प्रत्यर्पण मामले में अगले महीने ‘सनसनीखेज खुलासे’ देखने को मिलेंगे. यह बयान उन्होंने लंदन की रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस में एक अलग कानूनी मामले की सुनवाई के दौरान दिया, जो बैंक ऑफ इंडिया के 80 लाख डॉलर के बकाया कर्ज से जुड़ा है. 54 वर्षीय हीरा कारोबारी नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के 6,498 करोड़ के लोन घोटाले के आरोप में भारत को वॉन्टेड है. नीरव मोदी पीएनबी घोटाला सामने आने से पहले ही जनवरी 2018 में भारत से फरार हो गए थे. उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने मामा मेहुल चौकसी के साथ मिलकर 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की. उन्होंने अदालत में कहा, ‘वे मेरे प्रत्यर्पण की बात करते हैं… मैं अब भी यहां हूं. अगले महीने कुछ सनसनीखेज घटनाक्रम होंगे, और मैंने पहले कभी ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया.’ नीरव ने इस सुनवाई में खुद को ही अपने वकील के रूप में पेश किया. अदालत में उन्होंने अपने हाथ से लिखे कई नोट्स से पढ़ते हुए दलीलें दीं. फटे पुराने सफेद टी-शर्ट और गुलाबी ट्रैक पैंट में नजर आए नीरव ने अपनी आंखों की कमजोरी और जेल में कंप्यूटर तक पहुंच न मिलने जैसी समस्याओं का हवाला देते हुए कहा कि इन परिस्थितियों में मुकदमे की प्रक्रिया ‘अनुचित और असंतुलित’ है. उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि यह विरोधी प्रक्रिया है और वे (भारतीय बैंक) मेरे खिलाफ कुछ भी कह सकते हैं. लेकिन वे बार-बार गलत धारणाएं बना रहे हैं. मैं उनसे कहूंगा कि जेल में एक दिन रहकर देखें, तब खुद ब खुद कॉमन सेंस आ जाएगा.’ नीरव ने कहा कि उन्हें ‘पूरी उम्मीद’ है कि या तो उन्हें बरी कर दिया जाएगा या जमानत मिल जाएगी, क्योंकि अदालत ने उनके पक्ष से प्रस्तुत ‘नए सबूत’ स्वीकार कर लिए हैं, जबकि ऐसे मामलों में यह बहुत दुर्लभ होता है. हालांकि, हाई कोर्ट के जज साइमन टिंकलर ने जेल में तकनीकी और चिकित्सकीय सीमाओं का हवाला देते हुए कार्यवाही पर रोक लगाने की नीरव मोदी की अर्जी खारिज कर दी. अदालत ने यह जरूर कहा कि सुनवाई निष्पक्ष रहे, इसके लिए कंप्यूटर और दस्तावेजों की हार्ड कॉपी जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. जेल प्रशासन ने अदालत को आश्वासन दिया कि एक हफ्ते के भीतर नीरव को कंप्यूटर मुहैया कराया जाएगा. इस बीच, यूके की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) ने पुष्टि की है कि नीरव मोदी ने आधिकारिक रूप से अपने प्रत्यर्पण अपील को दोबारा खोलने का आवेदन दिया है. भारतीय एजेंसियों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया जमा कर दी है और सुनवाई नवंबर के अंत में निर्धारित की गई है. यह घटनाक्रम उस केस में नया मोड़ माना जा रहा है जो ब्रिटेन के होम ऑफिस द्वारा प्रत्यर्पण आदेश जारी होने के बाद लगभग ठंडा पड़ गया था. नीरव मोदी मार्च 2019 से लंदन की जेल में बंद हैं. इस दौरान उन्होंने कई बार जमानत की कोशिश की, लेकिन हर बार अदालत ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि वे ‘फ्लाइट रिस्क’ यानी फरार होने का खतरा हैं.  

पेन और डायरी रखें इस दिशा में, ऑफिस में मिलेगा सफलता और पॉजिटिव वाइब्स

कार्यक्षेत्र में हमारी उत्पादकता और मनोबल बढ़ाने के लिए ऑफिस डेस्क की स्थिति और उस पर रखे जाने वाले सामान का सही ढंग से चयन बहुत जरूरी है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, डेस्क पर छोटी-छोटी चीजों की सही दिशा में रखने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि कार्य में सफलता की संभावनाएं भी बढ़ती हैं। साथ ही कार्यक्षेत्र में सही वास्‍तु का पालन करना आपके काम में ऊर्जा और उत्साह बढ़ाने में मदद कर सकता है। तो आइए जानते हैं ऑफिस डेस्क पर पेन और डायरी रखने की सही दिशा के बारे में- डेस्क की दिशा डेस्क हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रखें। इससे मानसिक स्पष्टता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। अगर संभव हो तो कभी भी दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके बैठने से बचें, क्योंकि इससे थकान और नकारात्मक विचार बढ़ सकते हैं। पेन और डायरी का स्थान पेन और अन्य लेखन सामग्री को डेस्क के उत्तर-पश्चिम दिशा में रखें। यह रचनात्मकता और बुद्धिमत्ता को बढ़ावा देता है। डायरी या नोटबुक को हमेशा हाथ में आसानी से पहुँचने वाली जगह पर रखें, ताकि योजनाएं और कार्य नियमित रूप से लिखे जा सकें। जरूरी चीजों की व्यवस्था कंप्यूटर और लैपटॉप को उत्तर या पूर्व दिशा में रखें। साथ ही डेस्क पर अव्यवस्था न होने दें। केवल जरूरी वस्तुएं ही रखें। सजावट और सकारात्मकता डेस्क पर छोटा पौधा, जैसे बांस का पौधा या सुख-संतान वाले पौधे, सकारात्मक ऊर्जा और ताजगी बनाए रखते हैं। अगर पसंद हो तो डेस्क पर प्रेरक कोट्स या फोटो भी रख सकते हैं।

सात समुद्र पार तक चमकी भारतीय दीवाली, विदेशी धरती पर भी बिखरी भारतीय संस्कृति की रोशनी

नई दिल्ली दीवाली 2025 अब सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रही, बल्कि पूरी दुनिया में रोशनी और खुशियों का प्रतीक बन चुकी है। यह त्योहार अच्छाई की बुराई पर जीत और आशा की किरण का संदेश देता है। भारत में पांच दिनों तक चलने वाला यह उत्सव – धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज – घरों, गलियों और बाजारों को दीपों से जगमगा देता है। नेपाल में ‘तिहार’ भारत की तरह ही नेपाल में इसे ‘तिहार’ के रूप में मनाया जाता है। यहां पहले दिन कौवों, दूसरे दिन कुत्तों और तीसरे दिन गाय की पूजा होती है। चौथे दिन लक्ष्मी पूजा और आखिरी दिन ‘भाई टीका’ का खास आयोजन किया जाता है, जो भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है।   मलेशिया में ‘हरि दीपावली’ श्रीलंका और मॉरीशस में भी यह पर्व बेहद लोकप्रिय है। तमिल समुदाय और भारतीय मूल के लोग घरों को सजाकर, मिठाइयां बनाकर और दीये जलाकर दीपावली मनाते हैं। सिंगापुर और मलेशिया में हिंदू समुदाय के बीच दीवाली की झलक ‘लिटिल इंडिया’ की सड़कों पर रोशनी और सजावट के रूप में देखी जा सकती है। मलेशिया में इसे ‘हरि दीपावली’ कहा जाता है, जहां सुबह तेल स्नान और पूजा का विशेष महत्व है। – फिजी, त्रिनिदाद और टोबैगो, गुयाना जैसे कैरेबियन देशों में भारतीय मूल के लोगों के कारण दीवाली बड़े हर्षोल्लास से मनाई जाती है। – पश्चिमी देशों जैसे यूके, अमेरिका और कनाडा में भारतीय प्रवासी समुदाय दीवाली परेड और सामुदायिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। लीसेस्टर की दीवाली परेड विश्व की सबसे बड़ी मानी जाती है। – ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में स्थानीय सरकारें भी इन उत्सवों में भाग लेती हैं, जिससे दीवाली अब एक वैश्विक सांस्कृतिक उत्सव का रूप ले चुकी है।

दीपावली स्पेशल: मुरादाबाद में जगमगाहट का अनोखा नजारा, ड्रोन और लाखों दीपों के साथ

मुरादाबाद  अयोध्या की भव्य दीपावली की तर्ज पर अब मुरादाबाद भी रोशनी और भव्यता से जगमगाने जा रहा है. नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल ने बताया कि दीपावली, छठ पूजा और देव दीपावली को लेकर नगर निगम की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था और सजावट के विशेष प्रबंध किए गए हैं. स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत शहर में चल रहे विकास कार्यों को भी दुरुस्त कर दिया गया है, ताकि त्योहार के दौरान कोई दिक्कत न हो. सदन से भावदीप उत्सव प्रस्ताव पारित होने के बाद मुरादाबाद में दीपावली इस बार ऐतिहासिक रूप से मनाई जाएगी. बुद्धि विहार मैदान में 11 लाख दीपक जलाने का लक्ष्य रखा गया है, जो मुरादाबाद को प्रदेश के अग्रणी जिलों में शामिल करेगा. इसके साथ ही 1,500 ड्रोन के भव्य शो से आकाश में अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा. अयोध्या की तरह मुरादाबाद में भी धार्मिक और सांस्कृतिक सौंदर्य का अनूठा संगम दिखाई देगा. शहर के छह प्रमुख स्थानों पर फूलों से बने धार्मिक मॉडल लोगों को आकर्षित करेंगे. नगर आयुक्त ने कहा कि मुरादाबाद की यह दीपावली न सिर्फ रोशनी का पर्व होगी, बल्कि शहर की संस्कृति, सौंदर्य और एकता का प्रतीक भी बनेगी. गली-मोहल्लों तक सफाई अभियान नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल ने बताया कि दीपावली, छठ पूजा और देव दीपावली के पर्व को देखते हुए नगर निगम द्वारा शहर में सफाई और प्रकाश व्यवस्था को पूरी तरह से दुरुस्त कर दिया गया है. मुख्य मार्गों से लेकर गली-मोहल्लों तक सफाई अभियान चलाया गया है. स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत शहर के विभिन्न हिस्सों में लगाए गए स्मार्ट लाइट, फव्वारों और डेकोरेटिव पोलों की मरम्मत और सजावट का कार्य पूरा कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि इस बार मुरादाबाद की दीपावली अयोध्या की दीपोत्सव परंपरा से प्रेरित होगी. सदन से पारित भावदीप उत्सव योजना के तहत बुद्धि विहार मैदान में 11 लाख दीपक जलाने का लक्ष्य रखा गया है. नगर निगम और जिला प्रशासन मिलकर इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने में जुटे हैं. आयोजन स्थल पर सफाई, सुरक्षा, यातायात और पार्किंग की विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं.   दिखेगी राम की अयोध्या वापसी की कथा आयुक्त ने बताया कि इस दीपोत्सव में तकनीक और परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा. 1,500 ड्रोन के माध्यम से आसमान में प्रकाश का शानदार शो प्रस्तुत किया जाएगा, जो भगवान राम की अयोध्या वापसी की कथा और मुरादाबाद की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाएगा. यह ड्रोन शो शहरवासियों के लिए पहली बार का अनुभव होगा. इसके अलावा मुरादाबाद में छह प्रमुख स्थानों पर फूलों से भव्य धार्मिक मॉडल बनाए जा रहे हैं. इन मॉडलों में भगवान गणेश, माता लक्ष्मी, भगवान श्रीराम और अन्य देवी-देवताओं के स्वरूप आकर्षण का केंद्र होंगे. नगर निगम द्वारा प्रमुख चौराहों, पार्कों और धार्मिक स्थलों पर रंगीन लाइटें और झूमर लगाए जा रहे हैं, ताकि पूरा शहर रोशनी से नहा सके. नगर आयुक्त ने अपील की कि सभी नागरिक इस पर्व को स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से मनाएं. उन्होंने कहा कि मुरादाबाद की दीपावली इस बार न केवल रोशनी और खुशियों का पर्व होगी, बल्कि यह शहर की संस्कृति, स्वच्छता और सौंदर्य का प्रतीक भी बनेगी. अयोध्या की तरह अब मुरादाबाद भी जगमग रोशनी से इतिहास रचने को तैयार है.  

इस राज्य में बनेगी भारत की पहली AI सिटी, टेक्नोलॉजी और सुविधाओं में ग्लोबल मुकाबला

क्या आपने कभी ऐसे शहर की कल्पना की है जो पूरी तरह से AI से चले? केरल इस सपने को सच करने की दिशा में बढ़ रहा है। शनिवार को उद्योग मंत्री पी. राजीव ने इन्फोपार्क फेज 3 की योजना बताई, जिसे भारत की पहली AI कंट्रोल सिटी के रूप में तैयार किया जा रहा है। इन्फोपार्क फेज 3 को एक ऐसे शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां सभी जरूरी सेवाएं AI के जरिए चलेंगी। मंत्री पी. राजीव ने कहा, 'यह एक AI सिटी होगी, जहां स्मार्ट सुविधाएं और बुनियादी ढांचा AI की मदद से काम करेगा।' इस सिटी में सिटी ब्रेन नाम का एक खास सिस्टम होगा, जो शहर का मुख्य केंद्र होगा। यह सेंसर और कैमरों से जानकारी इकट्ठा करेगा, उसका एनालिसिस करेगा और शहर को सुचारू रूप से चलाएगा। यह सिस्टम समय के साथ और बेहतर होता जाएगा। AI सिटी में क्या सुविधाएं? यह भारत की पहली AI कंट्रोल सिटी होगी, जिसे विश्व स्तर का तकनीकी केंद्र बनाने की योजना है। यह नॉर्मल IT पार्क से अलग होगी, क्योंकि इसमें IT सुविधाओं के साथ-साथ रहने की जगह और बिजनेस एरिया भी होंगे। सभी काम AI की मदद से होंगे। इस सिटी में घर, स्कूल, अस्पताल, एक एम्फीथिएटर और मल्टी-लेवल पार्किंग जैसी सुविधाएं होंगी। एक डिजिटल प्लेटफॉर्म सभी सेवाओं को कंट्रोल करेगा, जो समस्याओं को जल्दी खोजेगा, उनका समाधान करेगा। AI सिटी में ये सब भी होगा यह सिटी पर्यावरण के लिए अनुकूल और कार्बन नेगेटिव होगी। AI की मदद से ट्रांसपोर्ट, वेस्ट मैनेजमेंट, बारिश के पानी को इकट्ठा करेगा और पानी का दोबारा इस्तेमाल होगा। इसके अलावा, एडवांस सर्विलांस सिस्टम से सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। AI तकनीक शहर की लंबी अवधि की योजना बनाने में भी मदद करेगी, ताकि यह भविष्य के लिए तैयार रहे। इतने रोजगार पैदा होंगे इस परियोजना का लक्ष्य केरल में वैश्विक टेक कंपनियों को आकर्षित करना है। कई बड़ी कंपनियां इस सिटी में अपने ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर खोल सकती हैं। इस परियोजना में लगभग 25,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिससे 2 लाख प्रत्यक्ष और 6 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर बनेंगे। यह केरल और पूरे भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा कदम है।

जीवन में सही चुनाव करें: भगवद् गीता की 3 अनमोल सीखें

जीवन में हर व्यक्ति सफलता का स्वाद चखना चाहता है। जिसके लिए उसे कड़ी मेहनत और निरंतर अभ्यास की जरूरत होती है। लेकिन कई बार ये दोनों ही गुण मौजूद होने के बावजूद व्यक्ति लक्ष्य की राह में आने वाली कठिनाइयों से घबराकर खुद के लिए सही निर्णय नहीं ले पाता है, जिसकी वजह से उसे कई बार निराशा का मुंह तक देखना पड़ता है। अगर आप भी लाइफ में कई बार ऐसी परिस्थिति से होकर गुजर चुके हैं तो आपको भगवद् गीता की ये 3 बातें जरूर याद रखनी चाहिए। ये बातें ना सिर्फ आपका सफलता का रास्ता आसान बनाएंगी बल्कि जीवन में अपने लिए सही निर्णय कैसे लिए जाते हैं, इसका ज्ञान भी देंगी। अच्छा और सही रास्ता हमेशा आसान नहीं होता अर्जुन जब कुरुक्षेत्र के युद्धक्षेत्र में खड़े थे, तो उनका सामना सिर्फ कौरवों की सेना से नहीं था बल्कि उनके सामने भी दो विकल्प मौजूद थे। पहला, विकल्प युद्ध, जो मुश्किल लेकिन सही था और दूसरा युद्ध से पीछे हट जाना, जो सुरक्षित लेकिन गलत था। अधिकांश लोगों की प्रवृत्ति असल जीवन में युद्ध जैसे कठिन निर्णयों का सामना करने से बचने की होती है। लेकिन गीता में कृष्ण कहते हैं कि कर्तव्य के स्थान पर आराम को चुनना बुद्धिमानी नहीं है। जो कठिन है उससे दूर नहीं भागा जा सकता है। व्यक्ति यह जानते हुए भी कि उसके लिए क्या सही है कोई कदम उठाने से झिझकता है क्योंकि यह उसके लिए असुविधा पैदा कर सकता है। उदाहरण के लिए व्यक्ति किसी ऐसी नौकरी या रिश्ते में कई साल तक बना रहता है जो उसे कई समय पहले ही छोड़ देनी चाहिए थी। ऐसी चीजें व्यक्ति को स्थिर बनाए रखती हैं क्योंकि उसके लिए बदलाव कठिन है। लेकिन गीता व्यक्ति को ज्ञान देती है कि सही रास्ता हमेशा आसान नहीं होता और जो आसान है वह हमेशा सही नहीं होता। जीवन के फैसले अपनी भावनाओं को ना करने दें कुरुक्षेत्र में कौरवों से युद्ध से पहले अर्जुन का भावुक होना लाजमी था। वह परिवार के प्रति प्रेम और एक योद्धा के रूप में अपने कर्तव्यों के बीच उलझा हुआ था। शुरूआत में उसने कुरुक्षेत्र के युद्ध को सिर्फ भावनाओं के नजरिए से देखा लेकिन कृष्ण ने उन्हें समझाया कि कभी भी अपनी भावनाओं को अपने निर्णयों पर हावी न होने दें। उन्हें महसूस करें, उन्हें स्वीकार करें, लेकिन कोई भी फैसला उनके आधार पर ना करें। ऐसा इसलिए क्योंकि भावनाएं अस्थायी होती हैं, डर खत्म हो जाता है, उत्साह ठंडा हो जाता है और गुस्सा शांत हो जाता है। यदि आप भावनाओं के आधार पर कोई निर्णय लेते हैं कि आप अभी क्या महसूस कर रहे हैं, तो आपका कोई भी फैसला भविष्य में टिक नहीं पाएगा। ऐसे में कोई भी कार्य करने से पहले थोड़ा रुकें और खुद से पहले यह सवाल करें कि अगर आप इन भावनाओं से दूर होकर किसी काम को करने की सोचते हैं तो उसका परिणाम क्या हो सकता है। गलत चुनाव करने का डर कृष्ण कहते हैं अगर आप कोई भी निर्णय लेने से पहले उसकी पूर्ण निश्चितता की प्रतीक्षा करते हैं, तो आप अपना जीवन प्रतीक्षा में ही बिता देंगे। मैं विफल हो गया तो क्या हुआ?, यदि यह मार्ग सही नहीं हुआ तो क्या होगा? अगर इस काम को करने के बाद मुझे बाद में पछताना पड़ा तो क्या होगा?, ऐसे प्रश्नों को सोचने से बचें। तभी जाकर आप कुछ सीखकर आगे बढ़ते हैं। याद रखें, सही या गलत, कोई भी निर्णय व्यर्थ नहीं जाता। अच्छा फैसला सफलता तो खराब निर्णय आपको सबक देकर जाता है। इस बात का ध्यान रखें कि जब आप गलत मोड़ लेते हैं, तो यात्रा समाप्त नहीं होती है बल्कि मंजिल तक पहुंचने के आपको कई और रास्ते पता चलते हैं। गलत निर्णय लेना गलती नहीं है बल्कि असफलता के डर से कोई निर्णय ही ना लेना गलती है।

राजस्थान का तापमान हाल: दिन का पारा बढ़ा, रात में ठंडक, बाड़मेर और सीकर के रंग फरक

जयपुर राजस्थान में इन दिनों मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। दिन के तापमान में जहां मामूली बढ़ोतरी हुई है, वहीं रात में हल्की सर्दी का अहसास अब भी बना हुआ है। पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य के अधिकतर हिस्सों में मौसम साफ रहा और दिन भर धूप खिली रही, जिससे तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई। राज्य का सबसे गर्म इलाका बाड़मेर रहा, जहां अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। जैसलमेर में भी तेज गर्मी महसूस की गई और यहां अधिकतम तापमान 36.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। बीकानेर में भी पारा 35 से 36 डिग्री के बीच रहा, जिससे दोपहर के समय गर्मी का असर ज्यादा महसूस हुआ। हालांकि, दिन की गर्मी के बाद भी रात के समय मौसम में ठंडक बनी हुई है। खासकर शेखावाटी अंचल के शहरों में तापमान में गिरावट देखने को मिल रही है। सीकर में न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि जालोर में यह 14.7 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले कुछ दिनों तक प्रदेश में इसी तरह का मौसम बना रहेगा। दिन में तेज धूप और गर्मी बनी रहेगी, जबकि रात में हल्की ठंड का असर महसूस किया जा सकता है। तापमान में यह उतार-चढ़ाव अक्टूबर महीने के अंत तक जारी रहने की संभावना है।

दिवाली की रात दरवाजे क्यों खुले रखे जाते हैं? जाने पौराणिक कहानी में छिपा रहस्य

हर साल दिवाली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन मनाया जाता है. इस साल दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाने वाली है. इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजन करने पर माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और साल भर खुशहाल जीवन देती हैं. माता लक्ष्मी की कृपा से घर में सार भर आर्थिक तंगी नहीं आती. दिवाली के दिन रात को लोगों के घरों का दरवाजा खुला रहता है. दिवाली की रात लोग दरवाजा क्यों खुला रखते हैं? इसके बारे में एक पौराणिक कथा है. आइए जानते हैं उस कथा के बारे में. इसलिए दिवाली की रात दरवाजे खुले रखे जाते हैं दिवाली की रात लोग अपने घरों का दरवाजा इसलिए खोलकर रखते हैं, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी घरों में प्रवेश करती हैं. जहां वे रोशनी, स्वच्छता और श्रद्धा पाती हैं, उन घरों में वो वास करती हैं, इसलिए घर में उनका स्वागत करने और उन्हें अंदर आने देने के लिए दरवाजों को खुला छोड़ा जाता है. यह भी माना जाता है कि देवी-देवता अंधेरे घरों में नहीं आते, इसलिए रोशनी और खुले दरवाजों से उनका स्वागत किया जाता है. पौराणिक कथा एक कथा के अनुसार, एक बार माता लक्ष्मी कार्तिक मास की अमावस्या की रात में भ्रमण पर निकलीं, लेकिन संसार में अंधेरा छाया हुआ था. ऐसे में माता लक्ष्मी रास्ता भटक गईं. इसके बाद उन्होंने ये तय किया ये रात मृत्यु लोक में गुजारी जाए और सुबह बैकुंठ धाम लौटा जाएगा, लेकिन माता को हर घर का दरवाजा बंद मिला. एक द्वार खुला था. उस द्वार पर दीपक जल रहा था. इस पर माता लक्ष्मी दीपक की रौशनी की ओर चली गईं. वहां जाकर माता लक्ष्मी ने देखा कि एक बुजुर्ग महिला काम कर रही थी. इसके बाद माता लक्ष्मी ने उससे कहा कि उनको रात में रुकने के लिए स्थान चाहिए. फिर बुजुर्ग महिला ने माता को अपने घर में शरण दी और बिस्तर प्रदान किया. इसके बाद वो अपने काम में लग गई. काम करते-करते बुजुर्ग महिला की आंख लग गई. सुबह जब वो उठी तो देखा कि अतिथि जा चुकी थीं, लोकिन उसका घर महल में बदल चुका था. चारों और हीरे-जेवरात धन दौलत रखी हुई थी, तब उस बुजुर्ग महिला को पता चला कि रात में जो अतिथि उसके घर आईं थीं वो कोई और नहीं, बल्कि स्वंय माता लक्ष्मी थीं. इसके बाद से ही कार्तिक मास की अमावस्या की रात घर में दीपक जलाने और घर को खुला रखने की पंरपरा शुरू हो गई. इस रात लोग घर का दरवाजा खोलकर माता लक्ष्मी के आने की प्रतिक्षा करते हैं.

दीपावली की रौशनी में चमकती तस्वीरें: स्मार्टफोन कैमरा सेटिंग्स जो आपकी फोटो बदल दें

नई दिल्ली दिवाली यानी रोशनी का त्योहार, खुशी, उत्साह और अपनों के साथ समय बिताने का मौका है। इस दौरान हर कोई चाहता है कि वो अपने घर की सजावट, जलते दीये, और आतिशबाजी को तस्वीरों में कैद कर ले। अपने स्मार्टफोन और कुछ आसान टिप्स के साथ आप दिवाली की ऐसी तस्वीरें खींच सकते हैं जो हर किसी को वाह कहने पर मजबूर कर दें। आइए, इस लेख में जानते हैं कि कैसे आप अपने स्मार्टफोन से दिवाली की जादुई तस्वीरें ले सकते हैं। तस्वीर का फ्रेम तस्वीर खींचने से पहले यह तय करना जरूरी है कि आपका फ्रेम कैसा होगा। चाहे वो जलता हुआ दीया हो या रंग-बिरंगी आतिशबाजी, अपने स्मार्टफोन को सही जगह पर रखें। फोकस हमेशा अपने सब्जेक्ट पर रखें। स्मार्टफोन को स्थिर रखें, अगर आपके पास ट्राइपॉड है, तो उसका इस्तेमाल करें, क्योंकि इससे तस्वीरें धुंधली होने से बचेंगी। फ्रेम सेट करते समय बैकग्राउंड पर भी ध्यान दें, ताकि तस्वीर में कोई अनचाही चीज न आए। एक्सपोजर दिवाली की तस्वीरों को खास बनाने में एक्सपोजर की बड़ी भूमिका होती है। एक्सपोजर का मतलब है कि आपके कैमरे का सेंसर कितनी रोशनी लेता है। आप अपने स्मार्टफोन में एक्सपोजर सेटिंग्स को मैन्युअली बदल सकते हैं या Long Exposure Camera 2 जैसे ऐप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। दिवाली के टाइम पर एक्सपोजर अधिक रखें, ताकि चमकदार फोटो आए। पोर्ट्रेट मोड आजकल ज्यादातर स्मार्टफोन्स में पोर्ट्रेट मोड होता है, जो दिवाली की तस्वीरों को शानदार बना सकता है। इस मोड में आप अपने दीया या किसी व्यक्ति पर फोकस कर सकते हैं, जिसके बाद बैकग्राउंड को खुद-ब-खुद धुंधला हो जाएगा। इससे Bokeh इफेक्ट बनता है, जो तस्वीर को प्रोफेशनल लुक देता है। यह मोड खासकर दीयों की तस्वीरें या परिवार के साथ पोर्ट्रेट लेने के लिए बहुत अच्छा है। पैनोरमा मोड अगर आप अपने घर की सजावट या आसमान में छाई आतिशबाजी की पूरी तस्वीर कैद करना चाहते हैं, तो पैनोरमा मोड का इस्तेमाल करें। यह मोड कई तस्वीरों को जोड़कर एक वाइड एंगल तस्वीर बनाता है। ये फीचर्स भी यूज कर सकते हैं अपने स्मार्टफोन के कैमरा ऐप में मौजूद दूसरे फीचर्स को भी आजमाएं। HDR (हाई डायनामिक रेंज), नाइट मोड, और अलग-अलग फिल्टर्स आपकी तस्वीरों को और खूबसूरत बना सकते हैं। इन सेटिंग्स के साथ प्रयोग करके आप अपनी तस्वीरों में क्रिएटिविटी जोड़ सकते हैं।