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सैन्य अभ्यास से पहले पाकिस्तान ने बंद किए हवाई मार्ग, भारतीय ‘त्रिशूल’ से बढ़ा तनाव

नई दिल्ली  भारत की ओर से पाकिस्तान सीमा के पास सेना के तीनों अंगों (थल सेना, नौसेना और वायु सेना) का संयुक्त युद्धाभ्यास 'त्रिशूल' शुरू करने की तैयारी के बीच, पाकिस्तान ने अपने केंद्रीय और दक्षिणी हवाई क्षेत्र में कई हवाई मार्गों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस कदम को लेकर इस्लामाबाद ने कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह या तो किसी सैन्य अभ्यास से जुड़ा कदम हो सकता है या फिर किसी हथियार परीक्षण की तैयारी. 30 अक्टूबर से 10 नवंबर तक अभ्यास करेंगी भारत की सेनाएं यह कदम तब उठाया गया है जब भारत ने 30 अक्टूबर से 10 नवंबर तक पाकिस्तान सीमा के पास सर क्रीक इलाके में बड़े पैमाने पर तीनों सेनाओं के संयुक्त अभ्यास के लिए NOTAM (Notice to Airmen) जारी किया था. ऑपरेशन सिंदूर के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच इस तरह की सैन्य 'तनातनी' आम हो गई है, जिसमें दोनों देश सीमाई इलाकों में सैन्य अभ्यास के लिए NOTAM जारी करते हैं. ‘त्रिशूल’ अभ्यास का महत्व रक्षा विश्लेषक डेमियन साइमोन की ओर से शेयर की गई सैटेलाइट तस्वीरों के मुताबिक, ‘त्रिशूल’ अभ्यास के लिए आरक्षित हवाई क्षेत्र 28,000 फीट की ऊंचाई तक फैला हुआ है. उन्होंने ट्वीट में कहा कि अभ्यास का क्षेत्र और इसका पैमाना 'असामान्य' है. रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस अभ्यास में थलसेना, नौसेना और वायुसेना की संयुक्त भागीदारी होगी. इसका उद्देश्य सेनाओं की संयुक्त अभियान क्षमता, ‘आत्मनिर्भरता’ और इनोवेशन का प्रदर्शन करना है. भारत की सीमाई गतिविधियों पर पाकिस्तान की नजर मंत्रालय ने बयान में कहा, 'दक्षिणी कमान के सैनिक विभिन्न चुनौतीपूर्ण इलाकों में संयुक्त अभियानों को परखेंगे, जिनमें क्रीक और रेगिस्तानी इलाकों में आक्रामक रणनीतियां, सौराष्ट्र तट पर उभयचर (amphibious) ऑपरेशन और बहु-क्षेत्रीय संयुक्त अभ्यास शामिल हैं.' हालांकि ऐसे अभ्यास सामान्य सैन्य तैयारी का हिस्सा होते हैं, लेकिन पाकिस्तान की ओर से NOTAM जारी करना यह दर्शाता है कि वह ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की सीमाई गतिविधियों पर करीबी नजर रख रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान के भीतर 9 आतंकी ठिकाने और 11 सैन्य ठिकाने व एयरबेस को निशाना बनाया था.

बाजू की ढीली मांसपेशियों को टोन्ड बनाने के लिए रोज करें ये 5 एक्सरसाइज, बढ़ जाएगी हाथों की ताकत

 क्या आपकी भी बाजुओं की मांसपेशियां कमजोर और ढीली पड़ गई हैं? अगर हां, तो घबराइए मत। कुछ आसान एक्सरसाइज की मदद से आप अपनी बाजुओं को फिर से टोन कर सकते हैं। दरअसल, टोन्ड बाजू न सिर्फ देखने में अच्छे लगते हैं, बल्कि आपकी बाजुओं को मजबूत भी बनाते हैं। आइए जानें बाजुओं की मांसपेशियों को टोन्ड बनाने के लिए 5 असरदार और आसान एक्सरसाइज । ये एक्सरसाइज आपकी बाजुओं को मजबूत बनाएंगे और आपकी हाथों की स्ट्रेंथ बढ़ाने में भी काफी मदद करेंगे।   ट्राइसेप्स डिप्स ट्राइसेप्स डिप्स बाजू के पिछले हिस्से को टार्गेट करती है। इसे करने के लिए एक मजबूत कुर्सी या बेंच का इस्तेमाल करें। कुर्सी के किनारे पर हाथ रखकर, शरीर को सीधा रखते हुए नीचे जाएं और फिर ऊपर उठें। इस दौरान कोहनियां शरीर के पास रखें और शरीर को सीधा रखें। 12-15 के तीन सेट करें। बाइसेप्स कर्ल बाइसेप्स कर्ल बाजू के आगे के हिस्से को मजबूत करती है। डम्बल या रेजिस्टेंस बैंड का इस्तेमाल करके, सीधे खड़े होकर हाथों को नीचे रखें। अब डम्बल को कंधों की ओर ले जाएं और धीरे-धीरे नीचे लाएं। 12-15 रेप्स के तीन सेट करें। इस दौरान शरीर को हिलाएं नहीं और सांस लेते हुए ऊपर उठाएं तथा सांस छोड़ते हुए नीचे लाएं। पुश-अप्स पुश-अप्स एक कंपाउंड एक्सरसाइज है जो बाजू, छाती और कंधों को एक साथ काम करवाती है। पेट के बल लेटकर हाथों को जमीन पर रखें और शरीर को सीधी रेखा में रखते हुए ऊपर-नीचे उठें। शुरुआत में घुटनों को जमीन पर रखकर मॉडिफाइड पुश-अप्स भी कर सकते हैं। 10-12 के तीन सेट करें। ओवरहेड ट्राइसेप्स एक्सटेंशन यह एक्सरसाइज ट्राइसेप्स पर खासतौर से फोकस करती है। सीधे खड़े होकर या बेंच पर बैठकर, दोनों हाथों से एक डम्बल पकड़कर सिर के ऊपर उठाएं। अब कोहनियों को मोड़कर डम्बल को सिर के पीछे ले जाएं और फिर वापस ऊपर लाएं। 12-15 रेप्स के तीन सेट करें। हैमर कर्ल हैमर कर्ल बाइसेप्स और फोरआर्म्स दोनों को टोन करती है। डम्बल को हथेलियां एक-दूसरे के सामने रखते हुए पकड़ें और कंधों तक ले जाएं। इस दौरान कोहनियां शरीर के पास रखें। 12-15 रेप्स के तीन सेट करें। इन एक्सरसाइज को हफ्ते में 3-4 बार करने से आपकी बाजू की मांसपेशियां मजबूत और टोन्ड होंगी। ध्यान रहे, एक्सरसाइज के साथ सही डाइट और भरपूर मात्रा में पानी पीना भी जरूरी है। शुरुआत में हल्के वजन से शुरू करें और धीरे-धीरे वजन बढ़ाएं। किसी भी एक्सरसाइज का पूरा फायदा पाने के लिए उसे सही फॉर्म में करना जरूरी है, इसलिए शुरुआत में ट्रेनर की सलाह लेना फायदेमंद रहेगा।  

पाकिस्तान को FATF का सख्त संदेश: ग्रे लिस्ट से बाहर होना आतंकवाद की छूट नहीं

पेरिस  वैश्विक आतंक वित्तपोषण की निगरानी करने वाली संस्था FATF ने पाकिस्तान को फिर से चेतावनी दी है। FATF की चेयरमैन एलिसा डी अंडा माद्राजो ने कहा कि डिजिटल फाइनेंसिंग का दुरुपयोग कर आतंक नेटवर्क्स को समर्थन दिया जा रहा है और यह वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। FATF ने स्पष्ट किया कि अक्टूबर 2022 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर करना आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग की गतिविधियों से सुरक्षा की गारंटी नहीं है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जैश-ए-मोहम्मद (JeM) महिलाओं को संगठन में शामिल करने के लिए ऑनलाइन जिहाद क्लासेज चला रहा है, जिससे वे आगे जाकर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हों।   FATF ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि डिजिटल वित्तीय लेन-देन और फिनटेक कंपनियों की निगरानी और तेज़ की जाए। पाकिस्तान के आतंक नेटवर्क अब क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स, प्रीपेड वॉलेट्स और नकली NGO खातों का इस्तेमाल करके धन का प्रवाह कर रहे हैं। ये फंड्स दुबई और अन्य देशों के वॉलेट्स से होकर पाकिस्तान पहुँच रहे हैं, और कई खातों को ISI के ऑपरेटिव्स द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है।   

रेल हादसा: अहिवारा-भिलाई मालगाड़ी का डिब्बा पटरी से उतरा

दुर्ग दुर्ग में अहिवारा से भिलाई 3 जा रही मालगाड़ी जामुल के पास पटरी से डिरेल हो गई। मालगाड़ी के एक डिब्बा के चार चक्का पटरी से उतर गई। इस घटना की जानकारी लगाने पर रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचकर घंटो मशक्कत के बाद पटरी से उतरे चक्के को पटरी पर लाकर रवाना किया गया। अहिवारा के जेके लक्ष्मी सीमेंट प्लांट के सेंटिंग एसए सीमेंट लोडकर भिलाई 3 की ओर आ रही मालगाड़ी तड़के 3 बजे जामुल के पास मालगाड़ी के एक डिब्बा के 4 चक्का पटरी से डिरेल हो गई। मालगाड़ी एसीसी एवं जेके लक्ष्मी शेडिंग के लिए बिछाई गई रेल लाइन पर आ रही थी।   इसी दौरान मालगाड़ी एक डिब्बा के 4 चक्का पटरी से उतर गए।इस घटना की जानकारी लगाने पर रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचकर हाइड्रोलिक जैक के माध्यम से डिब्बे के पहिए को पटरी पर फिर से लाया गया।और पूरी तरह से जांच के बाद मालगाड़ी को आगे की ओर रवाना किया गया। आपको बता दे कि यह रेलवे लाइन सिंगल लाइन और इस लाइन पर मालगाड़ी की आवाजाही होती है जिसके चलते कोई भी ट्रेन की आजावही प्रभावित नही हुई है।

मुख्यमंत्री गुप्ता का ऐलान: दिल्ली में 27 अक्टूबर को सभी सरकारी संस्थान रहेंगे बंद

नई दिल्ली  दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 27 अक्टूबर को छठ पर्व के अवसर पर सरकारी छुट्टी की शुक्रवार को घोषणा की. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने इस संबंध में एक बयान जारी किया है. मुख्यमंत्री ने बताया कि चार दिवसीय इस उत्सव का तीसरा दिन सबसे महत्वपूर्ण है और इसीलिए सोमवार को अवकाश रखा गया है. सीएमओ के बयान में बताया गया है कि छठ पूजा के दिन श्रद्धालु जलाशयों के किनारे डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं और इसकी तैयारियां सुबह से ही शुरू हो जाती हैं. परिवार मिलकर विभिन्न अनुष्ठान करते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 27 अक्टूबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है. मुख्यमंत्री गुप्ता ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा कि छठ पूजा में लोग सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करते हैं. यह त्योहार आस्था और भक्ति के साथ-साथ स्वच्छता का प्रतीक है. जल और सूर्य की पूजा के जरिए यह पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देता है. दिल्ली सरकार ने छठ घाटों पर तैयारियां शुरू कर दी दिल्ली सरकार ने पूरे शहर में 1,300 से अधिक छठ घाटों पर तैयारियां शुरू कर दी हैं. यमुना के किनारे 17 मॉडल घाटों को बेहतर सुविधाओं जैसे टेंट, रोशनी, शौचालय, पीने का पानी और सुरक्षा के साथ अपग्रेड किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालु आराम और सुरक्षा के साथ पूजा-अर्चना कर सकें. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने डॉवका सेक्टर 23B के पोचनपुर छठ घाट का निरीक्षण किया. आस्था का महत्वपूर्ण पर्व छठ पूजा शुरू आज 25 अक्टूबर 2025 से लोक आस्था का महत्वपूर्ण पर्व छठ पूजा शुरू हो चुका है. यह पर्व बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है. छठ पूजा की विशेषता यह है कि व्रती महिलाएं पूरे 36 घंटे निर्जला उपवास रखती हैं, यानी न जल पीती हैं और न अन्न ग्रहण करती हैं. इसके बावजूद वे पूरे समर्पण और आस्था के साथ सूर्य देव को दो बार अर्घ्य देती हैं—पहले डूबते सूर्य को और अगले दिन उगते सूर्य को. इसी के साथ पावन व्रत संपन्न होता है.

बॉलीवुड में शोक की लहर, दिग्गज अभिनेता सतीश शाह का 74 वर्ष की आयु में निधन

मुंबई  बॉलीवुड और टीवी का जाना माना नाम रहे एक्टर सतीश शाह का निधन हो गया है. 25 अक्टूबर दोपहर 2.30 बजे उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली. जानकारी के मुताबिक, सतीश किडनी से जुड़ी बीमारी से जूझ रहे थे. उनके मैनेजर ने इंडिया टुडे/आजतक से बातचीत में एक्टर के निधन की खबर की पुष्टि की है. सतीश शाह का अंतिम संस्कार 26 अक्टूबर को किया जाएगा. फिलहाल उनका पार्थिव शरीर अस्पताल में ही है. बॉलीवुड का जाना माना नाम थे सतीश शाह सतीस शाह ने 74 साल की उम्र में अपनी अंतिम सांस ली. अभी बॉलीवुड पीयूष पांडे के निधन की खबर से उबर ही रहा था कि सतीश के अचानक जाने से इंडस्ट्री को एक और बड़ा झटका लगा है. फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में मातम पसर गया है. सतीश शाह ने अपने करियर में ढेरों फिल्मों में काम किया. हालांकि उन्हें घर-घर में फेमस टीवी शो 'साराभाई वर्सेस साराभाई' में इंद्रवदन साराभाई उर्फ इंदु के रोल ने बनाया था. इस कॉमेडी शो में सतीश का काम कमाल था. आज भी इंस्टाग्राम पर शो से उनके क्लिप्स वायरल होते हैं. सतीश का जन्म गुजरात के मांडवी में हुआ था. उन्होंने जेवियर कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया से पढ़ाई की थी. 1972 में सतीश की शादी डिजाइनर मधु शाह से हुई थी. कोरोना काल में उन्होंने वही कोविड का सामना किया था. सतीश शाह ने अपने करियर की शुरुआत बॉलीवुड की फिल्म से की थी. उनकी पहली पिक्चर 'भगवान परशुराम' थी. इसके बाद 'अरविंद देसाई की अजीब दास्तान', 'गमन', 'उमराव जान', 'शक्ति', 'जाने भी दो यारों', 'विक्रम बेताल' जैसी फिल्मों में वो नजर आए.

दवाई खाने वाले रहें सावधान! पंजाब में 11 Medicines को लेकर हुई चौंकाने वाली रिपोर्ट

चंडीगढ़ सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) की सितंबर 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में जांची गई दवाओं में से कुल 112 दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैं। इनमें से 11 दवाइयां पंजाब में बनी हुई हैं। इन दवाइयों का इस्तेमाल पेट दर्द, बुखार, दिल की बीमारियां, कैंसर, शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, अस्थमा, इंफेक्शन, दर्द, सूजन, एनीमिया और मिर्गी जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। इन फेल हुई दवाओं में तीन कफ सिरप भी शामिल हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही पंजाब सरकार ने 8 दवाइयों पर रोक लगाई थी। सबसे ज्यादा दवाइयां 49 सैंपल हिमाचल प्रदेश की फैक्ट्रियों में बनी फेल पाए गए हैं। इसके अलावा 16 गुजरात, 12 उत्तराखंड, 11 पंजाब, और 6 मध्य प्रदेश व अन्य राज्यों की दवाइयां मानकों पर खरी नहीं उतरीं। स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स को इन दवाइयों पर तत्काल प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए हैं। वहीं, जिन फार्मा कंपनियों ने ये दवाइयां बनाई हैं, वे अब जांच के दायरे में आ गई हैं।

राजद-कांग्रेस की टक्कर: चार विधानसभा सीटों पर राहुल और तेजस्वी की रणनीति

पटना महागठबंधन में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा हो गई। सीएम फेस बने तेजस्वी यादव चुनाव प्रचार में भी निकल गए। वह ताबड़तोड़ जनसभाएं कर रहे हैं। लेकिन, एक सवाल अब भी बना हुआ कि जिन सीटों पर राजद और कांग्रेस के प्रत्याशी आमने-सामने हैं, वहां पर कांग्रेस में नंबर वन की हैसियत वाले राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव किसके समर्थन में चुनाव प्रचार करेंगे? दूसरे चरण के चुनाव में चार विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां राजद और कांग्रेस के कार्यकर्ता एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान हैं। वहीं दो सीटों में से एक पर राजद- वीआईपी और दूसरे पर कांग्रेस-सीपीआई आमने सामने है। आइए पहले इन सीटों के बारे में जानते हैं… सुल्तानगंज विधानसभा सीट     यहां पर राजद के चंदन सिन्हा का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी ललन यादव से है। वहीं एनडीए ने जदयू के उम्मीदवार ललित नारायण मंडल को चुनावी मैदान में उतारा है। कहलगांव विधानसभा सीट     यहां पर राजद के रजनीश भारती का मुकाबला कांग्रेस के प्रवीण कुशवाहा से है। वहीं एनडीए ने जदयू के उम्मीदवार शुभानंद मुकेश को चुनावी मैदान में उतारा है। सिकंदरा विधानसभा सीट     यहां पर राजद के उदयनारयण चौधरी का मुकाबला कांग्रेस के विनोद चौधरी से है। वहीं एनडीए ने हम के उम्मीदवार प्रफुल्ल मांझी को चुनावी मैदान में उतारा है। नरकटियागंज विधानसभा सीट     यहां पर राजद के दीपक यादव का मुकाबला कांग्रेस के शाश्वत केदार पांडेय से है। वहीं एनडीए ने भाजपा के संजय पांडेय को टिकट दिया है। चैनपुर विधानसभा सीट     यहां पर राजद के ब्रिज किशोर बिंद का मुकाबला वीआईपी के गोविंद बिंद से है। वहीं जदयू ने जमा खान को चुनावी मैदान में उतारा है। करगहर विधानसभा सीट     यहां पर कांग्रेस के संतोष मिश्रा का मुकाबला सीपीआई के महेंद्र गुप्ता से है। वहीं एनडीए ने जदयू के वशिष्ट सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। फ्रेंडली फाइट वाली सीटों पर प्रचार से बचना चाहेंगे राहुल-तेजस्वी राजनीतिक पंडितों का कहना है कि छठ के बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का चुनाव प्रचार शुरू होने जा रहा है। जाहिर सी बात है कि यह लोग कांग्रेस और महागठबंधन के उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। तेजस्वी यादव ने 24 अक्तूबर से अपनी चुनावी प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी है। अब तक वह फ्रेंडली फाइल वाली सीटों पर नहीं गए हैं। सूत्र बता रहे हैं कि राहुल और तेजस्वी फ्रेंडली फाइट वाली सीटों पर चुनाव प्रचार करने से बचना चाहेंगे। क्योंकि, अब तक इन सीटों पर इनके चुनाव प्रचार करने की बात सामने नहीं आई है। गहलोत बोले- हमलोग मिलकर प्रचार करेंगे और चुनाव जीतेंगे राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि  महागठबंधन एकजुट होकर चुनाव लड़ रहा है। बिहार में कुल 243 सीटें हैं, और पांच-छह सीटों पर आपसी सहमति से 'फ्रेंडली फाइट' हो सकती है। हम मिलकर प्रचार करेंगे और चुनाव जीतेंगे। कहीं कोई दिक्कत नहीं है। सत्ता पक्ष के लोग अफवाह फैला रहे हैं, आपलोग उनकी बातों पर ध्यान न दें। महागठबंधन ने अपना सीएम फेस भी घोषित कर दिया है। लेकिन, एनडीए वालों ने अब तक नहीं किया है। भाजपा नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनाना चाहती है।  

क्रिकेट मैदान पर धमाका: रोहित और कोहली की जोड़ी ने दिलाई भारत को यादगार जीत

नई दिल्ली भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को तीसरे वनडे में 9 विकेट से करारी शिकस्त दी। शुरुआती दो मैचों में हार का सामना करने वाली भारतीय टीम ने सिडनी में खेले गए मुकाबले में दमदार प्रदर्शन किया। पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलिया की टीम 46.4 ओवर में सभी विकेट खोकर 236 रन ही बना सकी। इसके जवाब में भारत ने रोहित शर्मा (109 और विराट कोहली (68) की शतकीय साझेदारी की बदौलत 69 गेंद शेष रहते मैच अपने नाम किया। भारत ने 38.3 ओवर में एक विकेट खोकर 237 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया के 237 रनों के टारगेट का पीछा करते हुए भारत को पहला झटका 69 के स्कोर पर लगा। जोश हेजलवुड ने शुभमन गिल को आउट किया। इसके बाद रोहित शर्मा और विराट कोहली ने विकेट नहीं गिरने दिया। दोनों के बीच 168 रन की साझेदारी हुई। रोहित शर्मा ने 125 गेंद में 13 चौके और तीन छक्के की मदद से 121 रन बनाए। विराट कोहली ने 81 गेंद में 74 रन बनाए। उन्होंने अपनी पारी में सात चौके लगाए। ऑस्ट्रेलिया की ओर से जोश हेजलवुड ने एक विकेट लिया। इससे पहले टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम पूरे 50 ओवर भी नहीं खेल पाई। भारतीय गेंदबाजों की कहर बरपाती बॉलिंग के आगे पूरी टीम 236 रनों पर ही सिमट गई। भारत के लिए हर्षित राणा ने सर्वाधिक 4 विकेट चटकाए, वहीं वॉशिंगटन सुंदर को 2 और कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा और अक्षर पटेल को 1-1 सफलता मिली। ऑस्ट्रेलिया के लिए मैट रेनशॉ एकमात्र ऐसे बल्लेबाज रहे जो 50 रन का आंकड़ा पार करने में कामयाब रहे। उन्होंने 56 रनों की शानदार पारी खेली। ऑस्ट्रेलिया 46.4 ओवर में ही ऑलआउट हो गया।   रोहित शर्मा बने प्लेयर ऑफ द मैच – सीरीज रोहित शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में दमदार प्रदर्शन किया। उन्होंने तीसरे वनडे में शतकीय पारी खेली। इसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच मिला। वहीं वह सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी रहे। रोहित ने तीन पारियों में 101 के औसत से 202 रन बनाए। उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज का अवॉर्ड भी मिला। भारत ने तीसरे वनडे में ऑस्ट्रेलिया को हराया भारतीय टीम ने तीसरे वनडे में ऑस्ट्रेलिया को नौ विकेट से हराया। जीत के लिए 237 रनों के लक्ष्य को भारत ने 38.3 ओवर में सिर्फ एक विकेट खोकर हासिल कर लिया। रोहित ने नाबाद 121 और कोहली ने नाबाद 74 रन बनाए।

फीस वसूली का उल्लंघन महंगा पड़ेगा, नियम तोड़ने पर कॉलेज की संबद्धता रद्द

जयपुर प्रदेश में स्थापित सभी निजी मेडिकल काॅलेजों को फीस संरचना के नियमों की कड़ाई से पालना सुनिश्चित करनी होगी। राज्य सरकार ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के शासन सचिव अम्बरीष कुमार ने बताया कि कुछ निजी मेडिकल काॅलेजों द्वारा मनमाने ढंग से फीस वसूलने की शिकायतें मिलती थीं। इसके बाद राज्य सरकार ने छात्रों के हित में फीस वसूली के नियमों में पूर्ण पारदर्शिता रखने के उद्देश्य से यह आदेश जारी किया है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस्लामिक एकेडमी ऑफ एजुकेशन बनाम कर्नाटक राज्य मामले में दिए गए निर्णय की अनुपालना में यह आदेश जारी किया गया है, जिसमें निजी शैक्षणिक संस्थानों में शुल्क निर्धारण और प्रवेश प्रक्रिया को विनियमित करने पर जोर दिया गया है। आदेश  के अनुसार राज्य स्तरीय शुल्क निर्धारण समिति द्वारा निर्धारित शुल्क संरचना का पालन सभी मेडिकल काॅलेजों के लिए अनिवार्य है। चिकित्सा शिक्षा सचिव ने बताया कि यह आदेश मुख्य रूप से निजी चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा अनाधिकृत रूप से अतिरिक्त शुल्क वसूली की शिकायतों के आधार पर जारी किया गया है। विशेष रूप से यूजी काउंसलिंग बोर्ड की वेबसाइट पर कुछ निजी कॉलेजों द्वारा 15 प्रतिशत सीटों को मैनेजमेंट सीट्स बताकर अतिरिक्त शुल्क प्रदर्शित किया जा रहा है, जो शुल्क नियामक समिति द्वारा अधिकृत नहीं है। यह सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की अवहेलना है, जिसमें शिक्षा को लाभकारी व्यवसाय बनाने पर रोक लगाई गई है। शिकायतों एवं निरीक्षणों से सामने आई स्थिति कई मामलों में छात्रों से निर्धारित शुल्क से अधिक राशि वसूल करने की शिकायतें प्राप्त हुई थीं। राज्य सरकार को प्राप्त शिकायतों और निरीक्षणों से पता चला कि कुछ संस्थाएं व्यावसायीकरण की प्रवृत्ति अपनाकर छात्रों का शोषण कर रही हैं, जो संवैधानिक मूल्यों के विरूद्ध है। इस आदेश से ऐसी अनियमितताओं पर रोक लगाई जा सकेगी। आदेश के अनुसार निजी चिकित्सा महाविद्यालयों को अनुमोदित शुल्क संरचना का पालन करना होगा। सभी निजी चिकित्सा महाविद्यालयों एवं डेंटल महाविद्यालयों को समिति द्वारा निर्धारित शुल्क संरचना के अनुसार ही छात्रों से शुल्क वसूल करना होगा। ज्यादा शुल्क लिया तो ब्याज सहित लौटाना होगा, संबद्धता भी हो सकती है समाप्त चिकित्सा शिक्षा सचिव ने बताया कि अनुमोदित शुल्क से अधिक कोई अन्य शुल्क किसी भी संस्था द्वारा वसूला जाता है, तो प्रभावित छात्रों को 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ शुल्क वापस (रिफंड) किया जाएगा।नियमों का अनुपालन न करने पर संस्था की संबद्धता आरयूएचएस एवं एमएमयू से समाप्त की जा सकती है, अतिरिक्त शुल्क काॅलेज की संपत्तियों से वसूल किया जाएगा और प्रभावित छात्रों को अन्य चिकित्सा महाविद्यालयों में स्थानांतरित किया जाएगा। ऐसी संस्थाओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। इसकी जानकारी  एनएमसी एवं डीसीआई को भी दी जाएगी। संबद्धता समाप्त होने पर छात्रों के शुल्क और वित्तीय भार की वसूली संबंधित संस्था से की जाएगी। आदेश से फीस वसूली में आएगी पारदर्शिता, चिकित्सा शिक्षा होगी बेहतर राज्य सरकार के इस आदेश से छात्रों से अनुचित फीस वसूली पर प्रभावी रोकथाम लगेगी। साथ ही, चिकित्सा शिक्षा अधिक सुलभ और किफायती बनेगी। इससे मेरिट-आधारित प्रवेश प्रक्रिया मजबूत होगी और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को लाभ मिलेगा। शिक्षा प्रणाली के लिए पारदर्शिता बढ़ेगी, व्यावसायीकरण पर रोक लगेगी और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। चिकित्सा शिक्षा का स्तर बेहतर होगा और स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान करने वाले योग्य डॉक्टरों की संख्या बढ़ेगी। ईमानदार संस्थाओं को समान प्रतिस्पर्धा का अवसर मिलेगा। चिकित्सा शिक्षा सचिव ने कहा है कि छात्र और अभिभावक प्रवेश से पहले शुल्क की आधिकारिक सूची की जांच कर लें और कोई अनियमितता पाएं तो तुरंत चिकित्सा शिक्षा विभाग या शुल्क निर्धारण समिति से शिकायत करें।