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बिहार चुनाव में भाजपा की चाल: हरियाणा-दिल्ली की तर्ज पर जीत का मिशन

नई दिल्ली भारतीय जनता पार्टी बिहार चुनाव में अपने प्रदर्शन को और बेहतर बनाने पर पूरा जोर लगा रही है। पार्टी अपनी स्ट्राइक रेट में और बढ़ोतरी करने के लिए जुटी है। इसके लिए पार्टी ने बूथवार रणनीति बनाई है। बड़े नेताओं की रैलियों, सभाओं के कार्यक्रमों के इतर पार्टी अपनी ओर से लड़ी जा रही 101 सीटों पर हर विधानसभा क्षेत्र देश भर से कार्यकर्ताओं को भेज रही है। यही रणनीति हरियाणा दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी अपनाई गई थी। इसके लिए हर विधानसभा में एक प्रवासी प्रभारी बनाया गया है। प्रवासी प्रभारियों की यह टीम चुनाव के हर पहलु पर नजर रख रही है। नियमित वीसी के जरिए हो रही है निगरानी चुनाव प्रबंधन के लिए बिहार को अंचल अनुसार अलग अलग हिस्सों में बांटा गया है। प्रत्येक अंचल पर अन्य प्रदेश से आए संगठन मंत्री स्तर और प्रदेश के वरिष्ठ स्तर के नेता को लगाया गया है। ये अंचल प्रभारी विधानसभा प्रवासी प्रभारियों के सम्पर्क में रह कर हर छोटे से छोटे फीडबैक पर नजर रखे हैं। रोजाना देऱ शाम से रात तक वीसी के जरिए अंचलवार प्रवासी प्रभारियों से राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए फीडबैक ले रहे हैं। इसमें उनके साथ विभिन्न प्रदेशों के प्रमुख नेता जिनमें उप मुख्यमंत्री भी शामिल रहते हैं। कार्यकर्ताओं के गिले शिकवे दूर करना प्रमुख जिम्मेदारी प्रवासी प्रभारी अपने जिम्मे की विधानसभा में प्रत्याशी की घोषणा , नामांकन और प्रचार के परवान चढ़ने के दौरान क्षेत्र के सभी प्रमुख कार्यकर्ताओं में समन्वय बनाए रखने पर विशेष काम कर रहे हैं। नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने के साथ ही विधानसभा में क्षेत्रवार जरूरतों, समीकरणों को साधने के काम में भी जुटे हैं। संगठन में माहिर लोगों को दी गई है जिम्मेदारी राजस्थान से बिहार में प्रचार का जिम्मा संभालने वालों में राजेन्द्र राठौड़, दामोदर अग्रवाल, सीपी जोशी, अविनाश गहलोत, कुलदीप धनखड़, अतुल भंसाली शामिल हैं। इन्हें अलग अलग विधानसभा क्षेत्रों का जिम्मा सौंपा गया है। इसके अलावा करीब 40 महिला कार्यकर्ता भी बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में प्रचार के लिए जाएंगी। वहीं अलग अलग मोर्चों के स्तर पर भी कार्यकर्ता बिहार जा रहे हैं।

तकनीक की उड़ान: आ गया ऐसा फाइटर जेट जो खुद उड़ता है, खुद लड़ता है!

नई दिल्ली AI का रोजमर्रा के दिनों में तो इस्तेमाल किया ही जाता है। लेकिन अब यह युद्ध की तस्वीर भी बदलने वाला है। अमेरिका की शील्ड AI ने अपना नया स्टील्थ फाइटर जेट X-BAT लॉन्च किया है। यह जेट AI से लैस है और कंपनी इसे अपनी खास Hivemind सॉफ्टवेयर के साथ उड़ाने की योजना बना रही है। शील्ड AI ने इसे 'बैक टू द फ्यूचर' डे के मौके पर लॉन्च किया। इस जेट को उड़ाने के लिए पायलट की जरूरत नहीं, ना ही उड़ान भरने या उतरने के लिए रनवे की जरूरत है। X-BAT एक स्केल मॉडल के रूप में पेश किया गया है, लेकिन यह जेट इंजन और थ्रस्ट वेक्टरिंग नोजल से लैस होगा, जो इसे 4G से ज्यादा की स्पीड देगा। AI फाइटर जेट के फीचर्स डिफेंस न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इस AI फाइटर जेट की रेंज 2,000 नॉटिकल मील से ज्यादा है, यह हवा से हवा और हवा से जमीन पर हमला करने वाले हथियार ले जा सकता है। X-BAT की सबसे बड़ी खासियत है इसका वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग (VTOL) सिस्टम। यह एक खास लॉन्च-एंड-रिकवरी व्हीकल की मदद से बिना रनवे के उड़ान भर सकता है और उतर सकता है। इसका मतलब है कि यह जेट जहाजों, द्वीपों या ऐसी जगहों से ऑपरेट कर सकता है, जहां रनवे नहीं हैं। 2026 में पहली बार टेकऑफ और लैंडिंग करेगा शील्ड AI ने बताया कि X-BAT 2026 में पहली बार वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग करेगा। 2028 तक इसे पूरी तरह से मान्यता मिलने की उम्मीद है और 2029 में इसका उत्पादन शुरू होगा। कंपनी ने उद्योग के साथ साझेदारी की भी बात की, जो इसे बड़े पैमाने पर बनाने में मदद करेगी। हालांकि, इसकी कीमत का खुलासा नहीं किया गया, लेकिन कंपनी का कहना है कि यह F-16 जैसे फेमस जेट की तुलना में सस्ता होगा। हवाई युद्ध को बदल सकता है X-BAT को एक ऐसा जेट माना जा रहा है, जो काफी कुछ बदल देगा। यह Hivemind सॉफ्टवेयर की मदद से बिना लगातार कम्युनिकेशन के भी काम कर सकता है। यह अकेले अकेले या बाकी विमानों के साथ मिलकर काम कर सकता है, जिसे अमेरिकी वायुसेना 'कोलैबोरेटिव कॉम्बैट एयरक्राफ्ट' कहती है। शील्ड AI का कहना है कि यह ड्रोन हवाई युद्ध को बदल सकता है, क्योंकि यह बिना रनवे के पावरफुल हमले कर सकता है। इसे बनाने वाली कंपनी पहले कर चुके ये कारनामे बता दें कि शील्ड AI एक अमेरिकी कंपनी है, जो सैन डिएगो में है। इसे 2015 में एंड्रयू रीटर, रायन सेंग और पूर्व नेवी सील ब्रैंडन सेंग ने शुरू किया था। यह कंपनी AI और ड्रोन सिस्टम बनाने में माहिर है। अमेरिकी वायुसेना, विशेष ऑपरेशन कमांड और कई विदेशी सेनाओं ने इसके ड्रोन और ऑटोनॉमी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया है। X-BAT से पहले कंपनी का MQ-35 V-BAT ड्रोन काफी चर्चित रहा, जिसे 2021 में नौसेना ने चुना था। यह ड्रोन बिना GPS और कम्युनिकेशन के भी काम कर सकता है और यूक्रेन में इसका इस्तेमाल हो रहा है।

चाल और कद-काठी ने जीता दिल: पुष्कर मेले में ‘नगीना’ बनी आकर्षण का केंद्र

पुष्कर अजमेर का विश्वप्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला इस बार एक खास मेहमान की वजह से चर्चा में है। यह मेहमान है 1 करोड़ रुपये मूल्य की मारवाड़ी नस्ल की घोड़ी ‘नगीना’, जो अपने सौंदर्य, चाल और अनोखी बनावट से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रही है।  पंजाब से आई ‘नगीना’, दिलबाग की बेटी और 5 शो की विजेता भटिंडा (पंजाब) के सरां स्टड फार्म के मालिक गोरा भाई हर साल पुष्कर मेले में अपने श्रेष्ठ घोड़े लेकर पहुंचते हैं। इस बार वे 10 घोड़े-घोड़ियों के साथ आए हैं और जल्द ही 15 और पशु लाने वाले हैं। गोरा भाई बताते हैं कि नगीना देशभर में मशहूर घोड़े ‘दिलबाग’ की बेटी है। वह अब तक 5 राष्ट्रीय शो में विजेता रह चुकी है। मात्र 31 महीने की उम्र में ही वह अपनी नस्ल की सर्वश्रेष्ठ घोड़ियों में गिनी जाती है और वर्तमान में ढाई महीने की गर्भवती भी है।   63 इंच की ऊंचाई और रेशमी चाल ने जीता दिल नगीना की हाइट 63 इंच है, जो आने वाले समय में 66 इंच तक पहुंचने की संभावना है। पशु विशेषज्ञों के अनुसार, मारवाड़ी नस्ल के घोड़ों में यह कद और चाल अत्यंत दुर्लभ मानी जाती है। गोरा भाई ने बताया कि नगीना की चाल बेहद रेशमी है, उसकी गर्दन की लचक और शरीर की बनावट उसे अन्य घोड़ियों से अलग बनाती है। लग्जरी खानपान और 8 लोगों की टीम करती है देखभाल नगीना की देखभाल किसी रानी से कम नहीं। उसके लिए 7 से 8 लोगों की टीम 24 घंटे तैनात रहती है। उसे उच्च गुणवत्ता वाला चारा, सूखे मेवे और विशेष सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं। सरां स्टड फार्म में 5 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक की घोड़े-घोड़ियां हैं, जिनमें नगीना सबसे कीमती मानी जाती है।   नगीना बनी दर्शकों की पसंदीदा, खरीददारों की नजरें भी टिकीं पुष्कर मेले में नगीना को देखने के लिए देशभर से आए पशुपालक और पर्यटक जुट रहे हैं। गोरा भाई का कहना है कि यदि कोई उचित कीमत की पेशकश करता है तो वे नगीना को बेचने पर विचार कर सकते हैं। अभी तक नगीना मेले की सबसे आकर्षक और चर्चित घोड़ी बन चुकी है।

महिलाओं की सुरक्षा के लिए अहम कदम, हरियाणा के सभी जिमों में महिला ट्रेनर अनिवार्य

चंडीगढ़ हरियाणा में महिलाओं की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में राज्य महिला आयोग ने बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने आदेश जारी कर अब प्रदेश के सभी जिमों और फिटनेस सेंटरों में महिला ट्रेनरों की नियुक्ति अनिवार्य कर दी है। राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने बात करते हुए कहा, "जिम एक ऐसा स्थान है, जहां महिलाएं अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर जाना चाहती हैं। इस निर्णय से महिलाओं को आत्मविश्वास मिलेगा और वे बिना किसी झिझक के फिटनेस गतिविधियों में भाग ले सकेंगी।" उन्होंने कहा कि जिमों में पुरुष और महिला सदस्यों के लिए अलग-अलग ब्लॉक बनाए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं ताकि महिलाएं सुरक्षित और सहज माहौल में एक्सरसाइज कर सकें। जिम में महिलाओं के साथ कोई गलत काम न हो, इसका विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है। रेनू भाटिया ने बताया कि हरियाणा में इसे ‘हरियाणा महिला सुरक्षा मॉडल’ के रूप में लागू किया जाएगा। आयोग ने सभी जिम संचालकों को निर्धारित समय सीमा के भीतर महिला ट्रेनरों की नियुक्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। आदेशों का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। शुरुआत में यह योजना गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला, करनाल और हिसार जैसे शहरी जिलों में लागू की जाएगी, जहां महिलाओं की जिम में भागीदारी सबसे अधिक है। आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया स्वयं विभिन्न जिलों का निरीक्षण करेंगी ताकि नियमों के पालन की पुष्टि की जा सके। भाटिया ने कहा कि सिर्फ जिम ही नहीं, बल्कि महिलाओं के सुरक्षित सफर के लिए भी आयोग ने एक और पहल शुरू की है। अब इच्छुक महिलाओं को कार ड्राइविंग की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे वे कैब चलाकर आत्मनिर्भर बन सकें। यह निर्णय उन शिकायतों के बाद लिया गया है, जिनमें महिलाओं ने कैब ड्राइवरों द्वारा छेड़छाड़ की शिकायतें की थीं। प्रशिक्षित महिला ड्राइवरों को कैब सेवाओं से जोड़कर सुरक्षित महिला कैब नेटवर्क तैयार किया जाएगा। महिला ट्रेनर और महिला ड्राइवर कार्यक्रम महिलाओं की सुरक्षा, आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की दिशा में हरियाणा सरकार का महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे। यह कदम उन महिलाओं की सुविधा और सुरक्षा से जुड़ा है जो जिम में ट्रेनिंग के दौरान असहज महसूस करती हैं या अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहती हैं।

PM मोदी की ताबड़तोड़ चुनावी सभा: छठ पूजा के बाद बिहार के ये जिले होंगे गर्म

पटना  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) 30 अक्टूबर को एक बार फिर बिहार आने वाले हैं। यह जानकारी शनिवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने दी। इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने समस्तीपुर और बेगूसराय का दौरा किया और चुनावी राज्य में दो रैलियों को संबोधित किया। छठ पूजा के बाद 30 अक्टूबर को फिर से बिहार आ रहे PM मोदी दिलीप जायसवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री छठ पूजा के ठीक बाद 30 अक्टूबर को फिर से बिहार आ रहे हैं। उनका पहला कार्यक्रम सुबह करीब 10 बजे मुजफ्फरपुर के मोतीपुर में होगा। मुजफ्फरपुर के बाद, दोपहर करीब 1 बजे छपरा में उनका कार्यक्रम होगा और इन दो कार्यक्रमों के बाद, नवंबर में उनके कार्यक्रम जारी रहेंगे। फिलहाल, प्रधानमंत्री 30 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर और छपरा में कार्यक्रमों के लिए बिहार आ रहे हैं।" शुक्रवार को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की और राज्य में एनडीए की सत्ता में वापसी का दावा किया। जंगलराज वालों को दूर रखेगा बिहार- PM Modi समस्तीपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "लोकतंत्र के महापर्व का बिगुल बज चुका है। पूरा बिहार कह रहा है 'फिर एक बार एनडीए सरकार', 'फिर एक बार सुशासन सरकार'। जंगलराज वालों को दूर रखेगा बिहार।"   

घर बैठे मतदान का विकल्प: बिहार में वरिष्ठ नागरिक व दिव्यांग 1 नवंबर से करेंगे मतदान

पटना बिहार में 6 नवंबर नहीं, बल्कि 1 नवंबर से ही मतदान शुरू होने जा रहा है। दरअसल, वरिष्ठ नागरिक व दिव्यांग वोटर 1 व 2 नवंबर को घर बैठे मतदान कर सकेंगे। कटिहार जिला प्रशासन ने दिव्यांग वोटरों को यह बड़ी सुविधा देने की घोषणा की है। जिला प्रशासन ने ऐसे मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलेट द्वारा होम वोटिंग  की व्यवस्था की है। कौन कर सकेगा घर से वोट? यह सुविधा केवल उन मतदाताओं को दी जा रही है जिन्होंने मतदाता प्रारूप-12 (Form 12D) भरकर जमा किया है। इस प्रक्रिया में मतदाता के घर जाकर निर्वाचन दल उन्हें पोस्टल बैलेट से मतदान कराएंगे। होम वोटिंग की तिथि और समय होम वोटिंग की सुविधा 1 नवंबर और 2 नवंबर को सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक होगी। होम वोटिंग को लेकर प्रखंडवार मतदान दल गठित किया गया है। जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी के अनुसार, यदि पहली बार टीम पहुंचने पर मतदाता घर पर नहीं मिलते हैं, तो दूसरी विजिट का समय सूचित किया जाएगा। हालांकि, दो बार अनुपस्थित रहने पर मतदान दल दोबारा नहीं आएगा। निर्वाचन ड्यूटी कर्मियों के लिए भी पोस्टल बैलेट की सुविधा इसके अलावा चुनावी कार्य में प्रतिनियुक्त सभी श्रेणी के कर्मी भी डाक मतपत्र (Postal Ballot) के माध्यम से मतदान कर सकते हैं। इसके लिए जिला प्रशासन ने हरिशंकर नायक उच्च विद्यालय, मिरचाईबाड़ी (कटिहार) में पोस्टल बैलेट फैसिलिटेशन सेंटर स्थापित किया है। यहां विधानसभा वार कुल सात काउंटर तथा अन्य जिलों के कर्मियों के लिए एक अतिरिक्त काउंटर बनाए गए हैं। कर्मचारी वर्ग के लिए मतदान की तिथियां कटिहार जिले के कर्मी: 29 अक्टूबर से 3 नवंबर तक अन्य जिलों से आए कर्मी: 30 अक्टूबर और 31 अक्टूबर समय: सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक

बिहार विधानसभा में चुनावी खर्चे पर पाबंदी, अब नहीं चलेगा कोई अतिरिक्त खर्च

पटना  बिहार विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों के खर्च की सीमा तय कर दी हैं। चुनाव आयोग की तरफ से जारी निर्देश के अनुसार, एक उम्मीदवार अपने चुनाव प्रचार  के लिए 40 लाख रुपये खर्च कर सकता है। सभी प्रत्याशियों को अपने प्रचार के दौरान खर्च की जाने वाली राशि का पूरा लेखा-जोखा भी निर्वाचन आयोग को देना होगा। एक प्रत्याशी के लिए चुनावी खर्चे की अधिकतम सीमा भारत निर्वाचन आयोग  द्वारा 40 लाख रुपये निर्धारित की गई है। बता दें कि प्रत्याशी अपने चुनाव प्रचार के दौरान सार्वजनिक सभा, रैली, पोस्टर, बैनर, वाहन व्यय, विज्ञापन और प्रचार सामग्री पर खर्च करते है। चुनाव आयोग के सख्त आदेश है कि  यदि किसी उम्मीदवार के खर्च में अनियमितता या गड़बड़ी पाई गई तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने साफ तौर पर कहा है कि हर प्रत्याशी को पर्चा भरने से लेकर परिणाम आने तक के बीच किये गये सभी खर्च का ब्योरा रखना अनिवार्य होगा। बता दें कि निर्वाचन आयोग ने चुनावी खर्च पर नजर रखने के लिए बैठकों, रैलियों व जनसभाओं की वीडियोग्राफी कराई जाने का भी निर्देश दिया है। साथ ही व्यय की जानकारी सुनिश्चित करने के लिए कई टीमों की तैनाती की गई हैं। चुनाव आयोग के इस ठोस कदम से बिहार में चुनावी पारदर्शिता और निष्पक्षता को मजबूती मिलेगी।

लखनऊ वाले ध्यान दें: यूपी अग्निवीर भर्ती रैली 8 दिसंबर से, तैयार रहें

लखनऊ  यूपी के युवाओं के लिए सेना में शामिल होने का सुनहरा मौका आया है। प्रदेश में 8 दिसंबर से अग्निवीर भर्ती रैली की शुरुआत होगी। इसके लिए मध्य कमान प्रशासन ने आधिकारिक शेड्यूल जारी कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, यह भर्ती रैली बरेली स्थित जाट रेजिमेंटल सेंटर में आयोजित की जाएगी। यूनिट हेडक्वार्टर कोटा के तहत होने वाली यह भर्ती 8 दिसंबर से 16 दिसंबर तक चलेगी। कार्यक्रम के अनुसार, लखनऊ जिले के अभ्यर्थियों की भर्ती रैली 11 दिसंबर को होगी। प्रशासन ने अभ्यर्थियों से अपील की है कि वे अपने आवश्यक दस्तावेजों के साथ निर्धारित तारीख पर समय से पहुंचे।  

नवंबर में हरियाणा के स्कूल बच्चों के लिए मस्ती और छुट्टियों की धमाल भरी खबर

चंडीगढ़  हरियाणा में इस महीने यानी नवंबर में स्कूली बच्चों की बल्ले-बल्ले है। हरियाणा में नवंबर महीने में 9 दिनों की छुट्टियां पड़ने जा रही है, जिसके चलते स्कूल बंद रहने वाले है। इसमें पहली नवंबर में हरियाणा दिवस है, 5 नवंबर को गुरु नानक देव जयंती है। इसके अलावा नवंबर में 5 रविवार पड़ने वाले हैं। आइए देखें नवंबर महीने में पड़ने वाली छुट्टियों की पूरी लिस्ट… नवंबर माह के अवकाश  1 नवंबर : हरियाणा दिवस 2 नवंबर : रविवार 5 नवंबर : गुरु नानक देव जयंती (बुधवार) 8 नवंबर : दूसरा शनिवार 9 नवंबर : रविवार 16 नवंबर : रविवार 23 नवंबर : रविवार 25 नवंबर : गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस (स्थानीय अवकाश) मंगलवार 30 नवंबर : रविवार  

युवाओं के लिए बड़ी खबर: छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की भर्ती शुरू होने वाली

रायपुर सरकारी नौकरी की राह देख रहे युवाओं के लिये खुशखरी है। छत्तीसगढ़ में पांच हजार शिक्षकों की भर्ती होगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में शिक्षा विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य शासन के वित्त विभाग ने 50 हजार शिक्षकों के पदों पर भर्ती की मंजूरी दे दी है। यह निर्णय मुख्यमंत्री साय की उस घोषणा के अनुरूप है, जिसमें उन्होंने प्रदेश के शैक्षणिक ढांचे को मज़बूत बनाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शिक्षा किसी भी राज्य की प्रगति की नींव होती है और छत्तीसगढ़ सरकार का उद्देश्य है कि हर बच्चे तक ज्ञान और अवसर दोनों पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह भर्ती न केवल शिक्षण व्यवस्था को गति देगी बल्कि युवाओं के लिए रोज़गार के नए अवसर भी सृजित करेगी। 5000 पदों के लिये शिक्षा विभाग शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगा। इन पदों की पूर्ति से ग्रामीण एवं आदिवासी अंचलों में शिक्षकों की कमी काफी हद तक दूर होगी, जिससे शिक्षण की निरंतरता और गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा। राज्य शासन ने पिछले कुछ महीनों में शिक्षा सुधार से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। विद्यालय भवनों के निर्माण, डिजिटल शिक्षा सामग्री के प्रसार, और शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।  प्रदेश में शिक्षकों की कमी लंबे समय से एक प्रमुख चुनौती रही है। कई ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की उपलब्धता सीमित थी। नई भर्ती से इन क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा, जिससे बच्चों को अब अपने ही गाँव और क्षेत्र में बेहतर शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। साथ ही, यह पहल प्रदेश में शिक्षण के स्तर को राष्ट्रीय औसत के बराबर लाने में सहायक सिद्ध होगी। प्रदेश सरकार शिक्षा को सर्वांगीण विकास का आधार मानते हुए लगातार निवेश कर रही है। स्कूल इन्फ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण से लेकर छात्रवृत्ति, मध्याह्न भोजन और छात्र हितैषी योजनाओं तक, सरकार का फोकस हर स्तर पर शिक्षा के दायरे को व्यापक बनाना है। शिक्षकों की यह नई भर्ती उसी दीर्घकालिक दृष्टि का हिस्सा है, जो ‘विकसित छत्तीसगढ़’ के विज़न को साकार करने की दिशा में अग्रसर है। इस निर्णय से जहाँ शिक्षा प्रणाली को नई ऊर्जा मिलेगी, वहीं हजारों युवाओं के सपनों को साकार करने का मार्ग भी खुलेगा। यह पहल मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में ‘शिक्षित, सक्षम और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़’ की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित होगी।