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रिलायंस समेत कंपनियां तैयार, रूसी तेल की कमी में भी जारी रहेगा उत्पादन

 नई दिल्ली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने कहा कि उसने रूसी तेल निर्यातक कंपनियों रोजनेफ्ट और लुकोइल पर लगाए गए नए प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए अपने रिफाइनरी संचालन को बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल इन प्रतिबंधों का असर भारत में ईंधन उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि सरकारी तेल कंपनियां जैसे- इंडियनऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम बढ़ी हुई लागत को कुछ समय तक अपने स्तर पर ही हैंडल कर सकती हैं। अमेरिकी OFAC नोटिफिकेशन की समीक्षा में जुटे रिफाइनर्स  सूत्रों के हवाले से लिखा है कि देश की तेल कंपनियां अमेरिकी प्रतिबंधों के असर को अच्छे से अध्ययन कर रही हैं- खासकर भुगतान चैनलों और अन्य अनुपालन आवश्यकताओं के संदर्भ में। कंपनियां साथ ही अपनी रिफाइनरियों को 21 नवंबर की कटऑफ तिथि के बाद रूसी कच्चे तेल के बिना संचालन के लिए तैयार कर रही हैं। यानी अमेरिकी प्रतिबंध 21 नवंबर से लागू होंगे। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “रिलायंस अपने रिफाइनरी संचालन को लागू प्रतिबंधों और विनियामक आवश्यकताओं के अनुरूप ढाल रही है, जिनमें यूरोपीय संघ द्वारा परिष्कृत उत्पादों के आयात पर लगाए गए प्रतिबंध और किसी भी सरकारी दिशा-निर्देश का अनुपालन शामिल है।” कंपनी ने आगे कहा कि, “जैसा कि उद्योग में सामान्य है, सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट समय-समय पर बदलती बाजार और नियामकीय परिस्थितियों को दर्शाने के लिए विकसित होते हैं। रिलायंस इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अपने आपूर्तिकर्ताओं के साथ संबंध बनाए रखेगी।” यह बयान कंपनी के रूसी तेल कंपनी रोजनेफ्ट के साथ उसके लगभग 5 लाख बैरल प्रतिदिन के कच्चे तेल सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट की ओर अप्रत्यक्ष रूप से संकेत करता है। तेल कीमतों में बढ़ोतरी, वैश्विक बाजार में अस्थिरता रोजनेफ्ट और लुकोइल जैसी कंपनियां वैश्विक स्तर पर 3-4 मिलियन बैरल प्रतिदिन तेल निर्यात करती हैं। ऐसे में इनकी आपूर्ति रुकने से वैश्विक तेल बाजार में 3-4% की कमी आने की संभावना ने कीमतों को फिर से ऊपर धकेल दिया है। बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड शुक्रवार को $66 प्रति बैरल के पार चला गया, जबकि गुरुवार को इसमें 5% की तेजी दर्ज की गई थी। भारत की निर्भरता और विकल्प अब तक इस वर्ष भारत के कुल कच्चे तेल आयात में लगभग 34% हिस्सा रूस से आया है, जिसमें रोजनेफ्ट और लुकोइल का योगदान करीब 60% है। इंडियनऑयल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “रूस के विकल्प के रूप में पश्चिम एशिया, अफ्रीका या अमेरिका से सप्लाई हासिल करना संभव है। लेकिन बाकी देश भी इन्हीं स्रोतों की ओर रुख करेंगे, जिससे तेल कीमतों और प्रीमियम दोनों में बढ़ोतरी होगी।” उन्होंने आगे कहा कि यदि कच्चे तेल की कीमत $70 प्रति बैरल से अधिक नहीं जाती, तो लाभांश (मार्जिन) पर इसका असर सीमित रहेगा। आयात बिल में संभावित बढ़ोतरी रेटिंग एजेंसी ICRA का अनुमान है कि बाजार दर पर विकल्पी आपूर्ति हासिल करने से भारत का तेल आयात बिल लगभग 2% तक बढ़ सकता है, जिसका असर व्यापक आर्थिक संकेतकों पर पड़ेगा। रूस के विकल्प तलाशने की संभावना हालांकि यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों के कारण रूस के "शैडो फ्लीट" यानी गुप्त जहाज नेटवर्क पर कुछ असर पड़ा है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि मॉस्को अभी भी बड़ी मात्रा में तेल वैश्विक बाजार में भेजने में सक्षम रहेगा। रूस नए मध्यस्थों और ट्रांसशिपमेंट रूट्स के जरिए अपनी आपूर्ति को रोज़नेफ्ट और लुकोइल से अलग दिखाकर बाजार में बनाए रख सकता है। फिर भी, वास्तविक प्रभाव इस बात पर निर्भर करेगा कि अमेरिकी ट्रेजरी विभाग इन प्रतिबंधों को कितनी कड़ाई से लागू करता है।

क्या भारत में वर्जिनिटी टेस्ट करवाना है कानूनी? कानून से जानें सच

नई दिल्ली हाल ही में मुरादाबाद के पाकबड़ा इलाके से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. दरअसल चंडीगढ़ की एक छात्रा से कथित तौर पर पाकबड़ा के एक मदरसे में वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांगा गया. जब उसने ऐसी मेडिकल जांच कराने से मना कर दिया तो उसका नाम रजिस्टर से हटा दिया गया और साथ ही कथित तौर पर उसे ट्रांसफर सर्टिफिकेट भी दे दिया गया. छात्रा के पिता की शिकायत पर जांच शुरू हो चुकी है लेकिन इस मामले ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या भारत में किसी भी लड़की का वर्जिनिटी टेस्ट करवाया जा सकता है? आइए जानते हैं. क्या हैं वर्जिनिटी टेस्ट को लेकर कानून  भारत में वर्जिनिटी टेस्ट करवाना या फिर उसकी मांग करना गैरकानूनी, असंवैधानिक और अमानवीय है. पिछले कुछ सालों में सर्वोच्च न्यायालय से लेकर अलग-अलग उच्च न्यायालयों तक कई अदालती फैसलों ने इस बात को साफ किया है कि ऐसी प्रथाएं महिलाओं की गरिमा और मौलिक अधिकारों का पूरी तरह से उल्लंघन करती हैं. अदालतों ने वर्जिनिटी टेस्ट को गैरकानूनी घोषित किया दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2023 और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 2025 में यह स्पष्ट रूप से कहा था कि वर्जिनिटी टेस्ट असंवैधानिक, भेदभावपूर्ण और महिलाओं के लिए अपमानजनक है. इन फैसलों में इस बात पर भी जोर दिया गया था कि सभ्य समाज में इस प्रथा का कोई भी स्थान नहीं है और यह लैंगिक समानता और मानवाधिकारों के सिद्धांतों के खिलाफ है.  संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन  वर्जिनिटी टेस्ट को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का सीधा उल्लंघन माना जाता है. यह जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी देता है जिसमें सम्मान और निजता के साथ जीने का पूरा अधिकार भी शामिल है. किसी भी महिला को इस तरह के टेस्ट के अधीन करने से उसके दोनों अधिकार छीन जाते हैं.  सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक निर्णय  इतना ही नहीं बल्कि 2013 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने यौन उत्पीड़न के मामले में इस्तेमाल किए जाने वाले टू फिंगर टेस्ट पर भी प्रतिबंध लगा दिया था. यह टेस्ट वैज्ञानिक रूप से निराधार है और पीड़िता के निजता और सम्मान के अधिकार का उल्लंघन करता है. मनोवैज्ञानिक और शारीरिक प्रभाव  किसी भी महिला पर वर्जिनिटी टेस्ट के लिए दबाव डालने से गहरा मनोवैज्ञानिक आघात हो सकता है. पीड़ितों को शर्म, अपमान, चिंता और डिप्रेशन का अनुभव होता है और साथ ही लंबे समय तक सदमा भी बना रहता है. चिकित्सा विशेषज्ञ भी इस बात पर जोर देते हैं की वर्जिनिटी का निर्धारण करने का कोई भी वैज्ञानिक तरीका नहीं है. इसी के साथ कानून के तहत ऐसी प्रथाओं के लिए यौन उत्पीड़न, हमले और निजता के उल्लंघन से संबंधित प्रावधानों के तहत आपराधिक मुकदमा चलाया जा सकता है.

जल्द आएगा फोल्डेबल आईफोन! एप्पल 2026 के अंत में कर सकता है लॉन्च

 नई दिल्ली  एक लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि एप्पल अपने यूजर्स के लिए इस वर्ष के अंत में फोल्डेबल आईफोन पेश कर सकता है। यह फोन ग्राहकों की उम्मीदों को नए सिरे से परिभाषित करेगा और फोल्डेबल फोन को नए मेनस्ट्रीम अडॉप्शन फेज में लाएगा। काउंटरपॉइंट रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2026 के अंत में एप्पल के फोल्डेबल आईफोन के साथ एक सबसे बड़ा स्ट्रक्चरल बदलाव आने की उम्मीद है। रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल की एंट्री से ग्राहकों की जागरूकता बढ़ेगी और हाई-इनकम सेगमेंट में रिप्लेसमेंट डिमांड बढ़ेगी। इस नए फोन के लॉन्च के साथ ब्रांड डायनामिक्स में बदलाव होंगे और कंपनी का कुल मार्केट वॉल्यूम भी बढ़ जाएगा। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि अमेरिकी फोल्डेबल स्मार्टफोन मार्केट इस वर्ष 2025 में सालाना आधार पर 68 प्रतिशत बढ़ेगा क्योंकि यह कई वर्षों के एक्सपेरिमेंट के बाद अब मजबूत वृद्धि के दौर में एंट्री ले रहा है। यह मजबूत वृद्धि फोल्डेबल डिजाइन की बेहतर ड्यूरेबिलिटी और मल्टीपल ब्रांड के डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो की वजह से देखी जा रही है। इस वर्ष पोर्टफोलियो विस्तार और इकोसिस्टम की तैयारी बाजार को नए सिर से परिभाषित कर रही है। दूसरी ओर, सैमसंग अपने गैलेक्सी जेड फोल्ड और फ्लिप लाइनअप के साथ अपनी लीडरशिप को बनाए हुए है। कंपनी ने ग्राहकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए एक नया फैन एडिशन वेरिएंड भी पेश किया है। इसी के साथ कंपनी इस वर्ष के अंत में कंपनी अपने ट्राई-फोल्ड डिवाइस को भी लॉन्च करने की तैयारी में है, जिसके लिए ग्राहक लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। उधर, मोटोरोला अपनी रेजर सीरीज का तेजी से विस्तार कर रहा है। इस विस्तार के साथ मोटोरोला की सैमसंग के साथ प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता में भी सुधार हो रहा है और सैमसंग के साथ कंपनी का शेयर अंतर कम होता जा रहा है। काउंटरपॉइंट रिसर्च की एसोसिएट डायरेक्टर लिज ली ने कहा कि इस वर्ष सैमसंग मैच्योरिटी और इकोसिस्टम की स्ट्रेंथ के साथ सबसे आगे बना रहेगा। वहीं, मोटोरोला के क्लैमशेल सेगमेंट में तेजी से विस्तार और गूगल की एआई-ड्रिवन अप्रोच प्रतिस्पर्धा को एक नया आकार दे रही है। उन्होंने कहा कि 2026 में एप्पल की एंट्री न केवल मार्केट का विस्तार करेगी बल्कि फोल्डेबल फोन को मेनस्ट्रीम प्रीमियम स्मार्टफोन फॉर्मेट में भी लाने का काम करेगी।

पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट की नई डेडलाइन, संत रविदास मंदिर की फिनिशिंग अधूरी

सागर  सागर जिले के बडतूमा में निर्माणाधीन 101 करोड़ की लागत से बन रहा संत रविदास मंदिर एवं संग्रहालय का काम जारी है. जिस विधानसभा क्षेत्र में ये मंदिर बन रहा है, वहां के भाजपा विधायक प्रदीप लारिया का दावा है कि अगली रविदास जयंती यानि फरवरी माह में मंदिर का लोकार्पण करने का लक्ष्य है. उम्मीद है कि जनवरी में काम पूरा हो जाएगा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका लोकार्पण करेंगे. संत रविदास मंदिर बडतूमा में निर्माणाधीन ये मंदिर सागर की नरयावली विधानसभा क्षेत्र के बडतूमा में निर्माणाधीन है. इसका करीब 70 फीसदी काम हो चुका है. निर्माण एजेंसी का वादा किया है कि मंदिर जनवरी तक बनकर तैयार हो जाएगा. हालांकि बजट की कमी की चर्चा काम में देरी के लिए जिम्मेदार मानी जा रही है. वहीं, विधायक प्रदीप लारिया का कहना है कि ऐसी कोई समस्या नहीं है. हम चाहते हैं कि फरवरी में रविदास जयंती पर प्रधानमंत्री मंदिर का लोकार्पण करने एक बार फिर सागर आएं. 12 एकड़ में बन रहा रविदास मंदिर संत रविदास मंदिर 101 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा है. मंदिर और संग्रहालय का भूमिपूजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2023 में किया था. संत रविदास के विचार, दर्शन और अध्यात्म्य को एक परिसर में स्थान देने मध्य प्रदेश सरकार का संस्कृति विभाग संत रविदास मंदिर और संग्रहालय का निर्माण कर रहा है. 12 एकड़ परिसर में ये भव्य मंदिर और संग्रहालय बनाया जा रहा है. राजस्थान के धौलपुर के वंशीपहाडपुर के लाल पत्थरों से मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है. अगस्त 2025 में पूरा होना था निर्माण कार्य संत रविदास मंदिर का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य अगस्त 2025 रखा गया था. पिछले कुछ दिनों से मंदिर का काम बंद पड़ा था. हालांकि निर्माण एंजेसी पर्यटन निगम का कहना है "मंदिर का 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है और सिर्फ फिनिशिंग का काम बाकी है." लेकिन मंदिर निर्माण अपने तय समय अगस्त माह तक पूरा नहीं हो पाया. इस मामले में विधायक प्रदीप लारिया ने पिछले दिनों निर्माण एजेंसी और पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी. संत रविदास मंदिर अगले साल के मार्च तक काम पूरा होगा     101 करोड़ की लागत से आकार ले रहा पीएम मोदी का सपना, राजस्थान के शाही पत्थरों से हो रही सजावट     "न राम, ना रविदास, कांग्रेस को दोनों मंदिरों से नफरत, इसलिए निर्माण का विरोध"- मोदी का चौतरफा वार क्या खास है संत रविदास मंदिर और संग्रहालय में नरयावली विधानसभा की मकरोनिया नगर पालिका के बडतूमा में 55 वर्गफीट जगह पर नागरशैली में मुख्य मंदिर बनाया जा रहा है. इसमें गर्भगृह, अंतराल मंडप और अर्धमंडप का निर्माण हो रहा है. इसके अलावा यहां पर रविदास के जीवन का वर्णन दीवार पर कलाकृति (म्युरल स्कल्प्चर) के जरिए किया जा रहा है. संत रविदास के दर्शन को प्रदर्शित करने कुल 14 हजार वर्गफीट क्षेत्रफल में व्य़ाख्या संग्रहालय ( इंटरप्रिटेशन म्यूजियम)     प्रथम गैलरी – संत रविदास की जीवनगाथा का प्रदर्शन     द्वितीय गैलरी – संत रविदास का भक्ति मार्ग और निर्गुण पंथ में योगदान     तृतीय गैलरी – संत रविदास का दर्शन और रविदासिया पंथ     चतुर्थ गैलरी– संत रविदास के साहित्य का विवरण     विशाल जलकुंड का निर्माण, जिसके चारों तरफ शानदार बगीचा, आकर्षक  नक्काशी के साथ संत रविदास के दर्शन और जीवन से जुडी मूर्तियों की स्थापना     10 हजार वर्गफीट का पुस्तकालय, जहां संत रविदास के कृतित्व, शिक्षा, अध्यात्मय की पुस्तकें होगीं     फूलों की पंखुड़ियों की तरह संगत सभाखंड का आकर्षक भवन, जिसमें संत रविदास और अन्य धर्म के दर्शन, शिक्षा आध्यात्म्य से प्रेरित संगोष्ठी, कार्यशाला, प्रवचन, आख्यान और सम्मेलन होंगे.     संत रविदास परिसर में देश-विदेश से आने वाले श्रृद्धालुओं के लिए विशाल भक्त निवास 12 हजार 500 वर्गफीट में बनाया जा रहा है. 15 एसी कमरे, अटैल बाथरूम वाले और एक साथ 50 व्यक्तियों की क्षमता वाला आवासगृह भी होगा.     परिसर में 15 हजार वर्गफीट का अल्पाहार गृह का निर्माण किया जा रहा है. तंबू के आकार वाले गृह में बैठने की व्यवस्था.

सोने के बढ़ते दामों के बीच ट्रेंड बदला — लोग पुराने गहने एक्सचेंज कर खरीद रहे नए

नई दिल्ली इस साल सोना ने अपनी चमक से नहीं बल्कि अपनी कीमतों से लोगों का ध्यान आकर्षित किया। 2025 में इसकी कीमतें 50 फीसदी से अधिक भाग चुकी हैं। सोना इस समय लोअर मिडिल क्लास की पहुंच से कोसो दूर है। जिनके यहां शादियां हैं वो नए गहने बनवाने की बजाए पुराने गहनों को बदलकर ही नए गहने बनवा रहे हैं। यानी यहां पर कहावत ओल्ड इज गोल्ड (Old is Gold) आज सच में गोल्ड के संदर्भ में सही साबित होती दिख रही है।यानी लोगों के लिए पुराना सोना आज भी बहुत कीमती है। वही, उनके लिए सच में नए गोल्ड जैसा ही है। टाटा की कंपनी तनिष्क को उम्मीद है कि इस साल धनतेरस पर बिक्री का लगभग 50% हिस्सा एक्सचेंज से आया, जो पिछले साल के 35% से काफी ज्यादा है। रिलायंस रिटेल ने बताया कि अब उसकी ज्वेलरी बिक्री का लगभग एक तिहाई हिस्सा एक्सचेंज से आता है, जो पहले 22% था, जबकि कोलकाता की सेन्को गोल्ड ने कहा कि यह हिस्सा 35% से बढ़कर 45% हो गया है। "Old सच में है Gold" रिलायंस रिटेल के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर दिनेश तालुजा ने कहा कि बढ़ती कीमतों के कारण कस्टमर्स नई ज्वेलरी खरीदने के बजाय पुरानी सोने की ज्वेलरी को रीसायकल कर रहे हैं। पिछले हफ़्ते उन्होंने एनालिस्ट्स से कहा, "कीमतें बढ़ने की वजह से एवरेज बिल वैल्यू काफी बढ़ गई है। अब पूरी इंडस्ट्री में यह हुआ है कि वॉल्यूम कम हो गया है क्योंकि सोने की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के कारण खरीदने की पावर पर असर पड़ा है।" ET के अनुसार, धनतेरस (18 अक्टूबर) पर सोने की कीमतें 3% GST मिलाकर 1.34 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गईं। धनतेरस भारत में कीमती धातु खरीदने के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक है। यह पिछले साल इसी दिन दर्ज की गई 80,469 रुपये की कीमत से 69% ज्यादा है। सरकार और इंडस्ट्री के अनुमानों से पता चलता है कि भारतीय घरों में कुल मिलाकर लगभग 22,000 टन बेकार सोना पड़ा हुआ है, और हाल ही में कीमतों में हुई बढ़ोतरी के कारण कई लोग पुराने पारिवारिक गहनों को नए डिजाइन के गहनों से बदल रहे हैं। कस्टमर्स को अट्रैक्ट करने के लिए, तनिष्क ने फेस्टिव सीजन के दौरान सभी कैरेट के गोल्ड एक्सचेंज पर जीरो प्राइस-डिडक्शन प्रोग्राम शुरू किया था। धनतेरस से पहले ET को दिए एक इंटरव्यू में, चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर अजय चावला ने कहा कि नवरात्रि के दौरान, तनिष्क की कुल बिक्री में पुराने सोने के एक्सचेंज का योगदान 38-40% रहा। उन्होंने आगे कहा, "हमें उम्मीद है कि दिवाली के आखिर तक यह आंकड़ा कुल बिक्री का लगभग 50% तक पहुंच जाएगा।" सोने में गिरावट का दौर शुरू इस हफ्ते सोने की कीमतों में गिरावट से ज्वैलर्स को राहत मिली है। उन्हें उम्मीद है कि शादी के सीजन में बिक्री बढ़ेगी और कुल कंजम्पशन में भी तेजी आएगी। रिपोर्ट के मुताबिक,  शाम को सोना 10 ग्राम के लिए करीब 1.26 लाख रुपये (GST मिलाकर) पर ट्रेड कर रहा था, जो धनतेरस के लेवल से 7,900 रुपये से ज्यादा कम था। ग्लोबल फाइनेंशियल एडवाइजरी फर्म डेवेरे ग्रुप के CEO नाइजल ग्रीन ने कहा, "एक जबरदस्त तेजी के बाद, मार्केट को एक ब्रेक की जरूरत थी, थोड़ा आराम करने का मौका चाहिए था, और अभी हम वही देख रहे हैं।"

इंदौर से यूरोप और अफ्रीका के लिए रोजाना कनेक्टेड फ्लाइट्स, देश के अन्य शहरों के लिए भी नई फ्लाइट्स

इंदौर   इंदौर से शारजाह सहित दुबई और अन्य देशों के लिए बढ़ते एयर ट्रैफिक के चलते एयर इंडिया ने बड़ा कदम उठाया है. इंदौर से शारजाह चलने वाली फ्लाइट अब रोज उड़ेगी. रविवार 26 अक्टूबर से यह फ्लाइट अब सातों दिन उड़ान भरेगी. इसके अलावा देश के अन्य शहरों की कनेक्टिविटी के लिए भी इंदौर से लगातार फ्लाइट संख्या में वृद्धि हो रही है. विंटर शेड्यूल में अब इंदौर से जोधपुर, उदयपुर, जम्मू और नासिक के लिए भी नई फ्लाइट शुरू हो रही है. इंदौर से शारजाह फ्लाइट की टाइमिंग इंदौर से शारजाह फ्लाइट सप्ताह में 4 दिन उड़ान भरती थी. इस फ्लाइट को डिमांड के चलते विंटर शेड्यूल में सातों दिन के लिए किया गया है. इंदौर से यह फ्लाइट सुबह 9:25 बजे उड़ान भरकर 11:20 पर शारजाह पहुंचेगी. इसी तरह शारजाह से उड़ान भरकर यह फ्लाइट शाम 5:05 पर इंदौर पहुंचेगी. इंदौर एयरपोर्ट से देश के विभिन्न टूरिस्ट डेस्टिनेशन और शहरों के लिए बढ़ती फ्लाइट संख्या के साथ अब इंदौर से जोधपुर, उदयपुर, जम्मू और नासिक के लिए भी नई फ्लाइट शुरू हो रही है. इसके अलावा विंटर शेड्यूल में विभिन्न डेस्टिनेशन के लिए जो फ्लाइट पहले से चल रही हैं, उनकी संख्या भी बढ़ाई जा रही है. इंदौर से जोधपुर फ्लाइट का टाइमटेबल इंदौर से जोधपुर के लिए अब प्रतिदिन हवाई सेवा उपलब्ध होगी, जो सुबह 11:40 डिपार्चर होकर 1:10 पर जोधपुर पहुंचेगी. इसी प्रकार जोधपुर से 1:30 बजे उड़ान भरकर दोपहर 2:50 पर इंदौर लैंड करेगी. इंदौर से उदयपुर के लिए फ्लाइट सोमवार, बुधवार, शुक्रवार, रविवार को रहेगी. इसकी टाइमिंग दोपहर 1:30 टेकऑफ होकर 2:30 बजे उदयपुर पहुंचेगी. उदयपुर से 2:50 को टेकऑफ होकर 4:15 बजे इंदौर पहुंचेगी. इंदौर से जम्मू हवाई सेवा इस प्रकार है इसी प्रकार जम्मू की फ्लाइट सोमवार बुधवार, शुक्रवार और रविवार को चलेगी, जो सुबह 9:00 बजे उड़ान भरकर 11:05 पर जम्मू पहुंचेगी और जम्मू से 11:30 बजे उड़ान भरकर दोपहर 1:35 पर इंदौर लैंड करेगी. नासिक की फ्लाइट मंगलवार, गुरुवार और शनिवार चलेगी, जो 1:30 बजे उड़ान भरकर 2:40 पर नासिक पहुंचेगी और नासिक से 3:00 बजे उड़ान भरकर 4:30 बजे इंदौर लैंड करेगी. यूरोपियन व अफ्रीकन देशों के लिए वाया शारजाह फ्लाइट ट्रैवल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष हेमेंद्र सिंह जादौन के मुताबिक "इंदौर से देश के विभिन्न टूरिस्ट डेस्टिनेशन के अलावा इंटरनेशनल ट्रैफिक इसलिए भी बढ़ रहा है, क्योंकि इंदौर से सीधे इंटरनेशनल फ्लाइट की व्यवस्था है. यहां से यात्री उड़ान भरकर शारजाह और दुबई के रास्ते आसानी से यूरोपीय देशों के अलावा अफ्रीका, कनाडा और अमेरिका की ओर इंटरनेशनल उड़ान भर सकते हैं. इंदौर से इंटरनेशनल फ्लाइंग की सुविधा होने से यात्रियों को सीधे इंटरनेशनल बैगेज की सुविधा मिल जाती है, जिससे वह अपने 25 किलो तक का लगेज फ्लाइट के साथ ले जा सकते हैं." लगैज का डोमेस्टिक खर्च कम हो जाता है इसके अलावा यदि मध्य प्रदेश के अन्य शहरों से इंटरनेशनल फ्लाइट लेना हो तो आमतौर पर दिल्ली या मुंबई का रुख करना पड़ता है, जिस कारण यात्रियों के रूट में एक अन्य स्थान पर फ्लाइट चेंज करने से असुविधा होती है. वहीं लगैज का डोमेस्टिक खर्च भी बढ़ जाता है. इस कारण लोग इंदौर से इंटरनेशनल फ्लाइट लेकर यात्रा करना पसंद करते हैं. इंदौर सांसद एवं अध्यक्ष इंदौर एयरपोर्ट परामर्शदात्री समिति शंकर लालवानी ने बताया "नया विंटर शेड्यूल इंदौर के लिए खुशिया लेकर आया है."

158,000 लोग घटे पोलैंड की आबादी, विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं गंभीर आर्थिक और सामाजिक प्रभावों की

वारसा कल्पना कीजिए, एक ऐसा देश जहां हर साल लाखों लोग कम हो रहे हों। जहां बच्चे पैदा होने की संख्या मौतों से कहीं कम हो। जहां युवा नौकरी और बेहतर जिंदगी की तलाश में दूसरे देश चले जाते हों। यही हकीकत है यूरोपीय देश पोलैंड की। हाल ही में पोलैंड के सरकारी सांख्यिकी कार्यालय (GUS) ने एक चौंकाने वाला आंकड़ा जारी किया है। इसके मुताबिक, पिछले एक साल में देश की आबादी 1,58,000 लोगों से घटकर अब लगभग 37.38 मिलियन रह गई है। यह गिरावट न सिर्फ आंकड़ों की बात है, बल्कि एक पूरे समाज की चिंता का विषय है। घटती आबादी का मतलब क्या है? सबसे पहले, आबादी घटने का मतलब समझिए। जनसंख्या को मापने का सीधा फॉर्मूला है। आबादी = जन्म + अप्रवासन (नए लोग आना) – मौतें – प्रवासन (लोगों का जाना)। पोलैंड में जन्म कम हो रहे हैं, मौतें ज्यादा, युवा बाहर जा रहे हैं, और नए लोग उतने नहीं आ रहे जितने चाहिए। GUS की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, देश की जनसंख्या में पिछले एक साल में 1,58,000 की कमी आई है, जो एक गहराते डेमोग्राफिक संकट की ओर इशारा करती है। सितंबर 2025 के अंत तक पोलैंड की जनसंख्या 37.38 मिलियन थी, जो पिछले साल की तुलना में 1,58,000 और 2024 के अंत की तुलना में लगभग 1,13,000 कम है। आंकड़ों से पता चलता है कि 2025 की पहली तीन तिमाहियों में जनसंख्या में 0.30% की कमी आई, यानी हर 10,000 निवासियों पर देश ने 30 लोगों को खोया, जो पिछले साल के 27 प्रति 10,000 की तुलना में अधिक है। यह गिरावट कम जन्म दर और अन्य कारकों के कारण लंबे समय से चली आ रही जनसंख्या घटने की प्रवृत्ति को दर्शाती है। जन्म दर में कमी, ऐतिहासिक निचले स्तर पर रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से सितंबर 2025 के बीच लगभग 1,81,000 बच्चों के जन्म दर्ज किए गए, जो 2024 की समान अवधि की तुलना में लगभग 11,000 कम है। इस दौरान जन्म दर 6.5% तक गिर गई, जो पिछले साल की तुलना में 0.3 प्रतिशत अंक कम है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह आंकड़ा पोलैंड के इतिहास में जन्म दर के सबसे निचले स्तरों में से एक है। कम प्रजनन दर, यूरोप में सबसे निचला स्तर पिछले साल पोलैंड की कुल प्रजनन दर (TFR), यानी एक महिला द्वारा अपने जीवनकाल में औसतन जन्म दिए गए बच्चों की संख्या, 1.11 तक गिर गई, जो यूरोपीय संघ में सबसे कम और विकसित देशों में भी सबसे निचले स्तरों में से एक है। पोलैंड में महिलाएं औसतन 1.11 बच्चे पैदा कर रही हैं। जबकि जनसंख्या स्थिर रखने के लिए कम से कम 2.1 बच्चे चाहिए। क्यों? क्योंकि युवा लोग शादी टाल रहे हैं, बच्चे पैदा करने से डर रहे हैं। महंगाई, नौकरी की असुरक्षा, और महामारी ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया। 2024 में पहली बार मां बनने की औसत उम्र 29.1 साल हो गई जो 1990 में यह 22.7 थी। बच्चे पैदा करने लायक उम्र की महिलाएं खुद कम हो रही हैं, क्योंकि 30 साल पहले जन्म कम हुए थे। यह आंकड़ा पोलैंड के सामने खड़े जनसांख्यिकीय संकट की गंभीरता को रेखांकित करता है। ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में जनसंख्या 1989 में पोलैंड की जनसंख्या 4 करोड़ थी, लेकिन तब से यह लगातार कम हो रही है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि कम जन्म दर, बढ़ती उम्र की आबादी और प्रवास जैसे कारक इस गिरावट को और तेज कर रहे हैं। GUS की रिपोर्ट ने इन आंकड़ों को "चिंताजनक" करार देते हुए चेतावनी दी है कि यदि यह प्रवृत्ति जारी रही तो देश को सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक और सामाजिक प्रभाव अर्थशास्त्रियों का मानना है कि जनसंख्या में यह गिरावट श्रम बाजार, पेंशन प्रणाली और स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ा सकती है। कम जन्म दर और उम्रदराज आबादी के कारण कार्यबल में कमी आ रही है, जो भविष्य में आर्थिक विकास को प्रभावित कर सकता है। सरकार ने जनसंख्या वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए कई नीतियां लागू की हैं, लेकिन इनका प्रभाव अभी तक सीमित रहा है।

टैरिफ नीति पर IMF ने जताई राय, भारत पर असर न के बराबर, ट्रंप को झटका

नई दिल्‍ली जिस टैरिफ के बल पर अमेरिकी राष्‍ट्रपति भारत को झुकाना चाहते हैं, उसकी हवा अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष की नवीनतम वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO) रिपोर्ट ने निकाल दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका के टैरिफ का भारतीय अर्थव्यवस्था पर खास असर नहीं दिख रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2025–26 तक दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में बना रहेगा. इंडिया की ग्रोथ मौजूदा वित्त वर्ष में चीन से ज्‍यादा बनी रहेगी. IMF चीन की विकास दर 2025–26 में 4.8 प्रतिशत मान रहा है. आईएमएफ ने भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को भी बढा दिया है. रिपोर्ट के अनुसार भारत की जीडीपी चालू वित्‍त वर्ष में 6.6 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है. आईएमएफी की रिपोर्ट रिपोर्ट शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद आई है. इसका असर अगले सत्र में देखने को मिल सकता है. जीडीपी ग्रोथ को लेकर पॉजिटिव खबरों से सेंटीमेंट्स और मजबूत होंगे. टैरिफ का झटका सह गया भारत रिपोर्ट के मुताबिक घरेलू अर्थव्यवस्था की पहली तिमाही की मजबूत ग्रोथ ने टैरिफ के असर को काफी हद तक संतुलित कर दिया है. अमेरिका द्वारा भारतीय और चीनी वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाए जाने के बाद तेज़ आर्थिक मंदी की आशंका थी, लेकिन IMF का मानना है कि वास्तविक नुकसान सीमित रहा. भारत में मज़बूत घरेलू खपत, विनिर्माण गतिविधियां और निजी निवेश में बढ़ोतरी ने इस झटके को काफी हद तक झेल लिया. IMF ने नोट किया कि “टैरिफ के प्रभाव अपेक्षा से कम गंभीर रहे, जिसके पीछे लचीली घरेलू मांग और व्यापार विविधीकरण महत्वपूर्ण कारक रहे.” चीन से आगे रहेगा भारत नए अनुमानों के अनुसार, भारत चीन से आगे रहेगा, जिसके लिए आईएमएफ ने 4.8 फीसदी का ग्रोथ अनुमान दिया है. आईएमएफ ने भारत की मजबूती का श्रेय मजबूत घरेलू खपत, मैन्युफैक्चरिंग में सुधार और सेवा क्षेत्र के विस्तार को दिया है. हालांकि, IMF ने भारत की 2026 की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.2 प्रतिशत कर दिया है. फंड के मुताबिक शुरुआती तेजी लंबे समय तक बनी नहीं रह सकती. भारत की अर्थव्यवस्था FY25 में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी और FY26 के लिए सरकार के 6.3–6.8 प्रतिशत के दायरे में बनी हुई है. ये ग्रोथ तब है जब दुनिया भर में अनिश्चितता बढ़ रही है.  

राजधानी भोपाल में आतंकियों और मादक पदार्थ तस्करों की सक्रियता, पिछले 3 साल में कई विदेशी संदिग्ध गिरफ्तार

भोपाल  मध्य प्रदेश की राजधानी अब आतंकियों और मादक पदार्थ तस्करों का पनाहगाह बनती जा रही है। बीते तीन वर्षों में भोपाल से सीरिया से लेकर बांग्लादेश तक के कई संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है, जो देश विरोधी ताकतों के साथ मिलकर आतंक फैलाने की साजिश रच रहे थे। आशंका है कि सिमी के बाद अन्य प्रतिबंधित संगठन यहां से अपने नेटवर्क का विस्तार करने के प्रयास में जुटे हुए हैं।  राजधानी को शांति का टापू माना जाता है, लेकिन अब यह आतंकियों और मादक पदार्थ तस्करों का पनाहगाह बनती जा रही है। पिछले तीन साल में शहर से सीरिया से लेकर बांग्लादेश तक के कई संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जो देश विरोधी ताकतों के साथ मिलकर साजिश रच रहे थे। अब यह साफ है कि भोपाल आतंकियों के लिए एक सेफ जोन बनता जा रहा है। जेएमबी और एचयूटी के आतंकी पकड़े गए सिमी के बाद अन्य प्रतिबंधित संगठनों ने भी यहां अपने नेटवर्क फैलाए। जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आतंकियों ने भोपाल में पनाह ली, लेकिन इंटेलिजेंस की सक्रियता से उनका मॉड्यूल ध्वस्त किया गया। इसके बाद एनआईए ने शाहजहांनाबाद से पीएफआई और हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) के सदस्यों को गिरफ्तार किया। पुलिस और एजेंसियों की जांच में यह भी सामने आया कि कुछ युवक सीधे आईएसआईएस से संपर्क में थे। भोपाल से ISIS आतंकी कैसे हुआ गिरफ्तार, जानिए पूरा मामला दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ISIS (इस्लामिक स्टेट) के एक खतरनाक मॉड्यूल को ध्वस्त करते हुए भोपाल के करोंद इलाके से 21 वर्षीय आतंकी सैयद अदनान उर्फ अबू (अदनान खान) को गिरफ्तार किया, जबकि दिल्ली के सादिक नगर से 20 वर्षीय अदनान खान उर्फ अबू मुहरिब को पहले ही पकड़ लिया गया था। दोनों ने मिलकर दिल्ली के भीड़भाड़ वाले मॉल और पब्लिक पार्क में IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) से फिदायीन (सुसाइड) हमला करने की प्लानिंग की थी। गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ कि अदनान (भोपाल वाला) के लैपटॉप से फिदायीन ट्रेनिंग के वीडियो बरामद हुए, जिसमें सीरियाई-तुर्की बॉर्डर पर बैठे एक हैंडलर के निर्देश थे।  अदनान ने पहले भी ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के जज को सोशल मीडिया पर धमकी दी थी। यह गिरफ्तारी न केवल दिल्ली को बचाने वाली है, बल्कि ISIS की ऑनलाइन रेडिकलाइजेशन की गहराई को उजागर करती है। आइए, इस सनसनीखेज मामले की पूरी परतें खोलते हैं-गिरफ्तारी से लेकर साजिश, खुलासे और पुलिस की कार्रवाई तक। साजिश का खुलासा: 'दिवाली पर IED ब्लास्ट', दिल्ली के मॉल-पार्क थे निशाना दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को 16 अक्टूबर 2025 को खुफिया इनपुट मिला कि ISIS का एक छोटा मॉड्यूल दिल्ली में बड़े हमले की तैयारी कर रहा है। शुरुआत दिल्ली के सादिक नगर से हुई, जहां 20 वर्षीय अदनान खान उर्फ अबू मुहरिब (जिसका पिता सरकारी कर्मचारी है) को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने भोपाल कनेक्शन उजागर किया, जिसके बाद 18 अक्टूबर सुबह 4 बजे स्पेशल सेल की टीम भोपाल पहुंची। निशातपुरा थाना क्षेत्र के इंडस रीजेंसी अपार्टमेंट के मकान नंबर A-46 पर छापा मारा गया, जहां 21 वर्षीय सैयद अदनान उर्फ अबू को उसके परिवार के साथ सोते हुए पकड़ा गया। अदनान भोपाल में CA की तैयारी कर रहा था, लेकिन छह साल से परिवार के साथ रहते हुए ISIS की गतिविधियों में लिप्त था। पुलिस की बड़ी चूक आतंकियों की मौजूदगी के बावजूद पुलिस और खुफिया एजेंसियां सतर्क नहीं दिखीं। सबसे बड़ी विफलता यह रही कि शहर में किरायेदारों का सत्यापन ठीक से नहीं हुआ। इसी कमी का फायदा आतंकियों ने उठाया और घनी बस्तियों में पनाह ले ली। ऐशबाग और करोंद में ठिकाना मार्च 2022 में एटीएस ने ऐशबाग से जेएमबी के आतंकियों को पकड़ा था। पूछताछ में पता चला कि ऐशबाग की घनी बस्ती में किराए पर मकान लेना आसान है और वहां नजर रखना मुश्किल है। यहां तीन साल तक आतंकी छिपे रहे, लेकिन पुलिस और इंटेलिजेंस को भनक तक नहीं लगी। अब तक ऐशबाग से करीब दस संदिग्ध गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वहीं करोंद इलाके में जेएमबी के मददगारों और आईएसआईएस से जुड़े आतंकियों की गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।  

6 नवंबर से बदलेंगे इंदौर के चेकिंग पॉइंट, पुलिस एक्शन में पेश करेगी बॉडी कैमरा और POS मशीन

इंदौर प्रदेश भर में इस सप्ताह से हेलमेट जागरूकता और यातायात नियमों के पालन को लेकर 15 दिवसीय विशेष अभियान शुरू कर दिया गया है। इसी कड़ी में, इंदौर यातायात पुलिस ने हेलमेट के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एक बाइक रैली का आयोजन किया। 5 नवंबर तक चलने वाले इस जागरूकता अभियान के बाद, 6 नवंबर से नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ पुलिस सख्त रुख अपनाएगी। पुलिस अधिकारियों ने खुद संभाली कमान अभियान के तहत इंदौर में एक हेलमेट बाइक रैली निकाली गई, जो पलासिया से शुरू होकर रीगल होते हुए राजबाड़ा पहुंची और फिर पलासिया लौट आई। इस रैली में प्रभारी डीसीपी यातायात आनंद कलादगी, एडिशनल डीसीपी पश्चिम संतोषकुमार कौल, एडिशनल डीसीपी पूर्व नरेश अन्नोटिया, एसीपी जोन 2 मनोजकुमार खत्री समेत कई थाना प्रभारी, निरीक्षक, सूबेदार और आरक्षक शामिल हुए। अधिकारियों ने खुद बाइक चलाकर और बैनर-पोस्टर दिखाकर दोपहिया और चार पहिया वाहन चालकों से नियम पालन की अपील की। 5 नवंबर तक जागरूकता, फिर सख्ती सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट (PTRI) ने यह अभियान शुरू किया है। 5 नवंबर तक शैक्षणिक संस्थानों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और बाजार जैसे सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को जागरूक किया जाएगा। इस दौरान सीएसआर एक्टिविटी के जरिए मुफ्त हेलमेट वितरण भी किया जा सकता है। 6 नवंबर से नई व्यवस्था: पुलिसकर्मी भी होंगे जिम्मेदार जागरूकता अभियान खत्म होने के बाद 6 नवंबर से सख्त चेकिंग की जाएगी और इसके लिए नए निर्देश जारी किए गए हैं: * चेकिंग पॉइंट पर पर्याप्त स्टॉपर रखे जाएंगे। * पारदर्शिता के लिए चेकिंग टीम बॉडी वॉर्न और वेब कैमरों से लैस होगी। * सभी चालान पीओएस (POS) मशीन के जरिए बनाए जाएंगे। * नियमित रूप से नियम तोड़ने वाले चालकों का लाइसेंस अमान्य करने के लिए परिवहन विभाग को प्रस्ताव भेजे जाएंगे। * यदि चेकिंग के दौरान कोई पुलिसकर्मी बिना हेलमेट वाले वाहन चालक को बिना कार्रवाई के छोड़ता है, तो इसके लिए उक्त पुलिसकर्मी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। * हर दिन की कार्रवाई की रिपोर्ट गूगल शीट के जरिए पीटीआरआई को भेजनी होगी।