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कोतमा में आयोजित बीएलओ प्रशिक्षण का अपर कलेक्टर ने किया निरीक्षण

अनूपपुर   भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदाता सूची के सुधार एवं बूथ लेवर ऑफिसर्स की शंकाओं का समाधान करने के उद्देश्य से जिले में सभी बीएलओ के प्रशिक्षण आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में 86-कोतमा विधानसभा के बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) का प्रशिक्षण 10 जुलाई को शासकीय मॉडल स्कूल कोतमा में आयोजित किया गया। प्रशिक्षण का अपर कलेक्टर श्री दिलीप कुमार पाण्डेय ने निरीक्षण कर जायजा लिया और बीएलओ को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।  प्रशिक्षण में 202 बीएलओ एवं 20 बीएलओ सुपरवाईजर को मास्टर ट्रेनर्स डॉ. कौशलेन्द्र सिंह, श्री अजय सिंह चौहान, श्री डी.आर. बांधव, श्री आर के मिश्रा, श्री विजय तिवारी, श्री संतोष सक्सेना, श्री यू के तिवारी, श्री सुधीर जैन, श्री रामजी पटेल, श्री राजमणि पाण्डेय, श्री बी.के. विश्वकर्मा, श्री के के गौतम द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी बीएलओ को मतदाता सूची में नाम जोड़ना, हटाना, संशोधन करना सहित अन्य बिंदुओं के बारे में विस्तार से जानकरी दी गई। इसके साथ ही सभी को बीएलओ के दायित्वों के बारे में भी बताया गया।

छात्राओं के साथ अमानवीय व्यवहार, पीरियड चेक के नाम पर प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप

प्रिसिंपल ने पीरियड चेक करने के लिए नाबालिग छात्राओं के उतरवाए कपड़े, स्कूल में बवाल  स्कूल में शर्मनाक हरकत: पीरियड चेक करने के नाम पर छात्राओं से कपड़े उतरवाए, प्रिंसिपल पर आरोप नाबालिग छात्राओं के कपड़े उतरवाने का आरोप, स्कूल में पीरियड जांच को लेकर मचा बवाल छात्राओं के साथ अमानवीय व्यवहार, पीरियड चेक के नाम पर प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप मुंबई  महाराष्ट्र के एक स्कूल से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां कक्षा 5 से 10 तक की नाबालिग लड़कियों को कथित तौर पर कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया. शिक्षिकाओं ने छात्राओं की जांच की कि कहीं वे मासिक धर्म से तो नहीं गुज़र रही हैं. स्कूल में हुई छात्रों के साथ इस घटना के बाद अभिभावकों में गुस्सा है. स्कूल के खिलाफ शिकायत भी दर्ज करा दी गई है. यह घटना मंगलवार को हुई जब प्रिंसिपल ने कई छात्राओं, जिनमें ज़्यादातर कक्षा 5 से 10 की छात्राएं थीं. छात्राओं को स्कूल हॉल में बुलाया और उन्हें बाथरूम के फर्श पर मिले खून के धब्बों की तस्वीरें दिखाईं, बताया जा रहा है कि ये तस्वीरें हाउसकीपिंग स्टाफ़ ने ली थीं. महाराष्ट्र पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "इस मामले में स्कूल के प्रिंसिपल और एक चपरासी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य के खिलाफ मामला चल रहा है." इसके बाद प्रिंसिपल ने छात्राओं को दो समूहों में बांटने का आदेश दिया. एक वे जो मासिक धर्म से गुज़र रही थीं और दूसरी वे जो नहीं थीं. एक महिला चपरासी को 10 से 12 साल की कुछ लड़कियों की जांच करने के लिए कहा गया, जिन्होंने कहा कि उन्हें मासिक धर्म नहीं हो रहा है. जांच के दौरान चपरासी ने उनके अंतर्वस्त्रों को छुआ और एक लड़की को सैनिटरी नैपकिन इस्तेमाल करते हुए पाया, लेकिन वह उन लड़कियों के समूह में शामिल थी जिन्होंने कहा कि उन्हें मासिक धर्म नहीं हो रहा है. इसके बाद, प्रिंसिपल ने उसे अन्य छात्राओं और कर्मचारियों के सामने डांटकर अपमानित किया. पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज अपने बच्चों से घटना के बारे में जानने के बाद, गुस्साए अभिभावक स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के लिए जमा हो गए. बुधवार को उन्होंने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत स्कूल के प्रिंसिपल, एक चपरासी, दो शिक्षकों और दो ट्रस्टियों सहित छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. स्कूल के प्रिंसिपल और चपरासी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि पुलिस अन्य चार की जांच कर रही है.

मैहर शहर में नो एंटी में मैहर पुलिस सख्त नो एंटी में पाए जाने पर होगा जुर्माना

 मैहर   मैहर पुलिस अधीक्षक सुधीर अग्रवाल के निर्देशन में यातायात थाना प्रभारी नृपेंद्र सिंह द्वारा मैहर में नो इंट्री जोन में घुसे दो ट्रक UP36T1437  एवं MP16H1328 को पकड़ कर चालक के खिलाफ कार्यवाही करते हुए 5-5 हजार के चालान काटे गया

श्रावणी मेला स्पेशल: महादेवसाल स्टेशन पर रुकेंगी तीन ट्रेनें, यात्रियों को मिलेगा फायदा

तीन ट्रनों के स्थायी ठहराव से मिलेगी यात्रियों को राहत, महादेवसाल स्टेशन पर श्रावणी मेला के लिए रुकेंगी ट्रेनें महादेवसाल स्टेशन पर तीन ट्रेनों का स्थायी ठहराव, श्रावणी मेले में यात्रियों को बड़ी राहत तीन ट्रेनों के ठहराव को मिली मंजूरी, श्रावणी मेला में महादेवसाल स्टेशन पर होगी सुविधा श्रावणी मेला स्पेशल: महादेवसाल स्टेशन पर रुकेंगी तीन ट्रेनें, यात्रियों को मिलेगा फायदा रायपुर   यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेल प्रशासन ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से चलने/गुजरने वाली तीन ट्रेनों के अस्थायी ठहराव को अब आगामी आदेश तक के लिए बढ़ा दिया है। ये ठहराव पहले प्रायोगिक रूप से पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल मंडल के दो स्टेशनों- अशोक नगर और मुंगावली में शुरू किए गए थे।     गाड़ी संख्या 18573/18574 विशाखापत्तनम-भगत की कोठी-विशाखापत्तनम एक्सप्रेस का ठहराव अशोक नगर स्टेशन में जारी रहेगा। गाड़ी संख्या 20971/20972 उदयपुर-शालीमार-उदयपुर एक्सप्रेस का ठहराव मुंगावली स्टेशन में अब स्थायी रूप से लागू रहेगा। 18207/18208 दुर्ग-अजमेर-दुर्ग एक्सप्रेस का ठहराव मुंगावली स्टेशन में अब स्थायी रूप से लागू रहेगा। बता दें कि इससे पहले इन तीनों ट्रेनों का ठहराव प्रायोगिक रूप में शुरू किया गया था, जिसे यात्रियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। यात्रियों की संख्या और मांग को देखते हुए रेलवे ने इन स्टापेज को आगे भी जारी रखने का निर्णय लिया है। रेलवे का यह निर्णय न केवल यात्रियों को सुविधा देगा, बल्कि क्षेत्रीय आवागमन को भी बेहतर बनाएगा। रेलवे की ओर से उठाया गया यह कदम स्थानीय यात्रियों के लिए यह एक बड़ी राहत है, जो अब बिना अतिरिक्त यात्रा किए अपने नजदीकी स्टेशनों से ही ट्रेनों की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे। रेल प्रशासन ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे यात्रा के दौरान नियमों का पालन करें और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करें। श्रावणी मेला के दौरान दर्शनार्थियों के लिए खास सुविधा श्रावणी मेला के दौरान दर्शनार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर मंडल अंतर्गत महादेवसाल स्टेशन में चार जोड़ी ट्रेनों का अस्थायी ठहराव दिया गया है। यह सुविधा 11 जुलाई से 9 अगस्त तकलागू रहेगी। इस पहल से महादेवसाल मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को यात्रा में विशेष राहत मिलेगी। इन ट्रेनों का रहेगा ठहराव     13287/13288 दुर्ग–आरा–दुर्ग साउथ बिहार एक्सप्रेस     18477/18478 पुरी–योगनगरी ऋषिकेश–पुरी उत्कल एक्सप्रेस     18109/18110 टाटानगर–इतवारी–टाटानगर एक्सप्रेस     18113/18114 टाटानगर–बिलासपुर–टाटानगर एक्सप्रेस रेल प्रशासन ने बताया कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से गुजरने वाली इन ट्रेनों का महादेवसाल स्टेशन पर दो मिनट का ठहराव रहेगा, ताकि श्रावणी मेले में शामिल होने वाले यात्री आसानी से महादेवसाल मंदिर तक पहुंच सकें। 

7 करोड़ की प्रोत्साहन राशि गबन मामले में प्रबंधक गिरफ्तार, तेंदूपत्ता घोटाले में 12 की जेल यात्रा

रायपुर  छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने फुलबगड़ी प्राथमिक लघुवनोपज सहकारी समिति के प्रबंधक राजशेखर पुराणिक को गिरफ्तार किया है। आरोपी को साल 2021-22 के तेंदूपत्ता प्रोत्साहन पारिश्रमिक घोटाले में संलिप्त पाया गया। आरोप है कि संग्राहकों को दी जाने वाली करीब सात करोड़ रुपए की राशि का इन्होंने गबन किया था। ईओडब्ल्यू इस घोटाले में शामिल 12 आरोपियों को जेल भेज चुकी है। इसमें तत्कालीन डीएफओ अशोक कुमार पटेल, उप वनक्षेत्रपाल चैतूराम बघेल, देवनाथ भारद्वाज, पोड़ियामी इड़िमा उर्फ हिडमा और वनरक्षक मनीष कुमार बारसे, सात लघुवनोपज सहकारी समिति के प्रबंधक व सहयोगी मनोज कवासी, सुनील नुप्पो,रवि कुमार गुप्ता, आयतू कोरसा, समेत राजशेखर पुराणिक व अन्य शामिल है। घोटाले में डीएफओ की मुख्य भूमिका जांच में सामने आया है कि घोटाले में मुख्य भूमिका तत्कालीन डीएफओ अशोक कुमार पटेल की रही है। उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अन्य अधिकारियों और सहकारी समिति प्रबंधकों के साथ मिलकर संग्राहकों को दी जाने वाली तेंदूपत्ता बोनस राशि का बंदरबांट किया। यह है मामला वर्ष 2021-22 के दौरान तेंदूपत्ता संग्रहण करने वाले श्रमिकों को सरकार द्वारा प्रोत्साहन पारिश्रमिक (बोनस) के रूप में करोड़ों रुपये वितरित किए जाने थे, लेकिन ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया कि इस राशि में से लगभग सात करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई। आरोपी ने संग्राहकों के नाम पर फर्जी भुगतान दिखाकर, धोखाधड़ी से रकम निकाल ली और इसे निजी लाभ के लिए उपयोग किया। ईओडब्ल्यू के घेरे में अभी और कई आरोपी ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले की विवेचना जारी है। आने वाले दिनों में अन्य संदिग्धों पर भी शिकंजा कस सकता है। जांच एजेंसी इस घोटाले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं, ताकि तेंदूपत्ता संग्राहकों के हक की राशि की हेराफेरी करने वालों को सख्त सजा दिलाई जा सके। बता दें कि तेंदूपत्ता बोनस छत्तीसगढ़ के लाखों आदिवासी मजदूरों की आजीविका से जुड़ा हुआ है। इस तरह का घोटाला न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि वन समुदाय के अधिकारों का शोषण भी है। सरकार ने संकेत दिए हैं कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

योगराज सिंह का बयान: गौतम गंभीर को मत रोको, वह भारत को दिलाएगा जीत

नई दिल्ली भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैच सीरीज का तीसरा मुकाबला ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान में है। दोनों टीमें अभी तक 1-1 टेस्ट जीत चुकी हैं। इसी सीरीज से शुभमन गिल को कप्तानी मिली है और उन्होंने शुरुआती दो टेस्ट की 4 पारियों में एक दोहरे शतक समेत 3 सेंचुरी जड़कर शेर जैसी दहाड़ लगाई है। यह सीरीज कोच गौतम गंभीर की भी परीक्षा है जिनका बतौर कोच अब तक का रिकॉर्ड बहुत ही निराशाजनक रहा है। इस बीच युवराज सिंह के पिता और पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह ने गौतम गंभीर का पुरजोर समर्थन किया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि शुभमन गिल की अगुआई में भारतीय टीम इंग्लैंड में चल रही मौजूदा सीरीज जीतेगी।   बड़बोलेपन की हद तक बेबाकी के लिए मशहूर योगराज सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, 'भारतीय खिलाड़ी लगातार विकास कर रहे हैं और अपना खेल सुधार रहे हैं. हमें हमेशा उनका समर्थन करना चाहिए। गौतम गंभीर को कुछ मत बोलो। वह अच्छा कर रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'गंभीर, युवराज सिंह और राहुल द्रविड़ अब क्रिकेट को अपनी तरफ से दे रहे हैं क्योंकि क्रिकेट से उन्हें बहुत मिला है। अगर हमारी टीम सीरीज हारती भी है तो हमें उनका मनोबल नहीं तोड़ना चाहिए।' योगराज सिंह ने उम्मीद जताई है कि टीम इंडिया इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा सीरीज को अपने नाम करेगी। उन्होंने कहा, 'अगर आप हारते हैं तो आपको सफाई नहीं देना है; अगर आप जीतते हैं तब भी आपको कुछ समझाने की जरूरत नहीं है। हमें उम्मीद है कि हम शुभमन गिल की कप्तानी में सीरीज जीतेंगे।' बतौर मुख्य कोच गौतम गंभीर का अब तक का रिकॉर्ड बहुत ही खराब रहा है। उनकी कप्तानी में पहले भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने ही घर में 0-3 से टेस्ट सीरीज हारी। उसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भी टीम को 1-3 से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में भारतीय टीम ने जिस तरह का प्रदर्शन किया है, उससे उम्मीद जगी है। विराट कोहली, रोहित शर्मा और आर अश्विन जैसे दिग्गजों के लगभग एक साथ संन्यास लेने के बाद शुभमन गिल ने जिस तरह टीम का आगे बढ़कर नेतृत्व किया है, वो उम्मीद जगाने वाला है।  

MP में पुलों की सुरक्षा पर फोकस, इंजीनियरों से शार्प मोड़ वाले स्ट्रक्चर की रिपोर्ट तलब

भोपाल  मध्य प्रदेश में सड़क सुरक्षा को लेकर फिर बड़ा ऐक्शन देखने को मिल रहा है। हाल ही में राजधानी भोपाल के दो प्रमुख पुलों- ऐशबाग के 90 डिग्री वाले पुल और सुभाष नगर के सर्पाकार फ्लाईओवर पर मौजूद खतरनाक मोड़ों की समस्या सुर्खियों में रही। मध्य प्रदेश में सड़क सुरक्षा को लेकर एक बार फिर  खबर का बड़ा असर देखने को मिला है. हाल ही में राजधानी भोपाल के दो प्रमुख पुलों- ऐशबाग के 90 डिग्री वाले पुल और सुभाष नगर के सर्पाकार फ्लाईओवर पर मौजूद खतरनाक मोड़ों की समस्या को प्रमुखता से उठाया था. इस खबर के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने सख्ती दिखाते हुए ऐसे सभी ब्रिज और निर्माणाधीन पुलों जांच के निर्देश दिए हैं.  रिपोर्ट के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है. इसके तहत प्रदेश के सभी निर्माणाधीन और मौजूदा पुलों, फ्लाईओवर, ROB (रेलवे ओवर ब्रिज) और एलिवेटेड कॉरिडोर की गहन जांच की जाएगी. PWD ने दिया जांच का निर्देश पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने इस संबंध में सख्त निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि सभी निर्माणाधीन ब्रिजों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी और इसके लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी गठित की जाएगी. यदि किसी भी पुल में कोई तकनीकी खामी पाई जाती है तो ब्रिज एक्सपर्ट उसका तुरंत समाधान करेंगे. 'जब तक सड़कें हैं, गड्ढे होते रहेंगे…', MP के PWD मंत्री राकेश सिंह का बयान मध्यप्रदेश की सड़कों में बारिश के दौरान हो चुके गड्ढों पर राज्य के लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री राकेश सिंह ने अटपटा बयान दिया है. कहा कि बारिश में कौन-सी सड़क पर गड्ढे नहीं होते? हैवी रेन और हैवी ट्रैफिक से सड़कों पर गड्ढे होते हैं. अभी ऐसी कोई तकनीक नहीं आई है, जिसके आधार पर कह सकें कि हम ऐसी सड़क बनाएंगे जिस पर कभी गड्ढा होगा ही नहीं. जब तक सड़कें रहेंगी, तब तक गड्ढे होते रहेंगे. PWD मंत्री सिंह ने आगे कहा, ''गलत तब है, जब चार साल तक खराब न होने वाली सड़क में 6 महीने में ही गड्ढे होने लग जाएं. लेकिन हम ऐसे मामलों पर कार्रवाई भी करते हैं.'' राकेश सिंह ने कहा, ''मुझे ध्यान में नहीं आता कि दुनिया में कोई ऐसी सड़क भी है, जिसमें गड्ढा होता ही नहीं और ऐसी कोई तकनीक अभी पीडब्ल्यूडी के ध्यान में नहीं आई है. इसका मतलब यह नहीं कि सड़कों पर गड्ढे होना चाहिए. सड़कों की क्वालिटी पर ध्यान दिया जाना जरूरी है और इसलिए हम कई बदलाव कर रहे हैं जिससे बेहतर सड़कें बनाई जा सकें.  इसके लिए पीडब्लूडी ने तय किया है कि सड़क बनाने में इस्तेमाल होने वाला बिटुमिन अब स्थानीय स्तर पर नहीं खरीदा जा सकेगा और सिर्फ भारत पेट्रोलियम या हिंदुस्तान पेट्रोलियम से ही बिटुमिन खरीदी होगी. जब बिटुमिन निकलेगा तो डिजिटल लॉक के साथ निकलेगा. जिस क्षेत्र के लिए बिटुमिन जाएगा, वहां के सब-इंजीनियर के मोबाइल पर ओटीपी आएगा और ओटीपी डालने के बाद ही डिजिटल लॉक खुलेगा और बिटुमिन अनलोड किया जा सकेगा, इससे गुणवत्ता सुधारने में मदद मिलेगी.'' वहीं, सीधी ज़िले में लीला साहू के वायरल हो रहे वीडियो पर मंत्री राकेश सिंह ने कहा, ''ऐसे कई मामले हैं जहां सड़क की डिमांड है. पीडब्ल्यूडी या किसी भी विभाग के पास इतना बजट नहीं होता कि किसी की एक पोस्ट पर हम सीमेंट कंक्रीट लेकर या डंपर लेकर सड़क बनाने पहुंच जाएं. कौन सी सड़क कौन बनाएगा, इसकी व्यवस्था तय है. विभाग की अपनी सीमाएं होती हैं.'' 3 दिन में उपलब्ध करानी होगी जानकारी पीडब्ल्यूडी विभाग ने पूरे प्रदेश के सभी चीफ इंजीनियर (ब्रिज), सुपरिटेंडिंग इंजीनियर (एसई) और एग्जीक्यूटिव इंजीनियरों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में उन सभी पुलों, फ्लाईओवर और एलिवेटेड कॉरिडोर की जांच करें, जिनमें- तीव्र मोड़, वाहनों के स्पीड के अनुसार पर्याप्त टर्निंग रेडियस और ट्रांजिशन लेंथ की कमी, इंटरनल-एक्सटर्नल वाइंडिंग का प्रावधान न होना और वाहनों की गति के अनुसार मोड़ो पर सुपर ऐलीवेशन की कमी.  विभाग ने इन कमियों की जानकारी तीन दिनों के अंदर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. सभी पुल, फ्लाईओवर की जांच IRC के नियमों जैसे IRC 38, IRC-73:2023 और IRC SP 90:2023 के आधार पर होगी. 7 इंजीनियर निलंबित आपको बता दें कि इससे पहले सीएम मोहन यादव ने  ऐशबाग में 90 डिग्री वाले पुल के निर्माण में लापरवाही बरतने वाले सात इंजीनियरों को निलंबित कर दिया था और एक रिटायर्ड इंजीनियर पर विभागीय जांच का आदेश दिया था.

राशन के साथ पोषण भी पहुंचाएंगी उचित मूल्य दुकानें, उपभोक्ताओं के लिए बढ़ेगी सुविधा

अभिनव पहल भोपाल  उपभोक्ताओं के हित में और उचित मूल्य दुकानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए शासन द्वारा नवाचार किया जा रहा है। अब शासकीय उचित मूल्य दुकानों से उपभोक्ताओं को राशन के साथ ही गुणवत्तापूर्ण दुग्ध उत्पाद और अन्य पोषण सामग्रियाँ भी उचित मूल्य पर देने की व्यवस्था शुरू की गई हैं। इन दुकानों से जैविक उत्पाद भी उपलब्ध कराये जाने का भी लक्ष्य है। योजना में इंदौर जिले में 30 चिन्हित उचित मूल्य दुकानों पर जन पोषण केन्द्र की स्थापना की गई है। इसी दिशा में आगे कदम बढ़ाते हुये जिला उज्जैन एवं सागर में 15-15 उचित मूल्य दुकानों को जन पोषण केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिये दुकानों का चयन कर लिया गया है। इस संबंध में भारत सरकार द्वारा चयनित विक्रेताओं को प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया है कि सरकारी राशन की दुकानों को पोषण केंद्रों में बदलने की यह एक अभिनव पहल है। इसका उद्देश्य लोगों को पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थ मुहैया कराना है। उपभोक्ताओं ने भी की सराहना स्थानीय उपभोक्ताओं द्वारा उचित मूल्य दुकान पर उक्त सामग्री की उपलब्धता पर प्रसन्नता जाहिर की जा रही है। उनका कहना है कि राशन के साथ ही अन्य सामग्री भी एक ही जगह पर मिलने से अब अन्यत्र नहीं जाना पड़ेगा। उचित मूल्य की दुकानों पर जन पोषण केन्द्र शुरू हो जाने के बाद उपभोक्ताओं को तो लाभ होगा ही, इसके साथ ही राशन डीलरों की आय में भी वृद्धि होगी और लोगों को पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थ मिलेंगे। जन पोषण केंद्रों में पोषण से जुड़े उत्पादों का भंडारण होगा। इन केंद्रों में राशन डीलर्स को आसान लोन की सुविधा भी मिलेगी। साथ ही केंद्रों में डिजिटल टूल्स और सहायता प्रणालियों का इस्तेमाल किया जाएगा। कॉमन सर्विस सेंटर, बैंकिग कॅरसपोंडेंस बनाने की कार्यवाही भी जन पोषण केन्द्र पर की जा रही है। जन पोषण केन्द्रों में पोषण सघन वस्तुओं जैसे कि बाजरा, दालें, खाद्य तेल, सोयाबीन और डेयरी उत्पाद का भण्डारण कर उचित मूल्य पर देने की व्यवस्था शुरू की जा रही है। उचित मूल्य दुकानों के डीलर्स को राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। प्रोजेक्ट के प्रबंधन एवं निगरानी के लिये एक राज्य स्तरीय प्रबंधन समिति का गठन किया गया है।  

बधाई लेने पहुंचीं शबनम मौसी पर आभूषण छीनने का आरोप, पुलिस जांच में जुटी

अनूपपुर  देश की पहली किन्नर विधायक रहीं शबनम मौसी पर एक गंभीर आरोप लगा है. शबनम मौसी पर आरोप है कि वो एक बच्चे के जन्म की बधाई लेने पहुंची थीं, जहां उन्होंने जबरदस्ती सोने के आभूषण छीन लिए. मंगलवार को हुए विवाद का एक वीडियो भी सामने आया है. पीड़ित ने चचाई थाने में मामले की शिकायत दर्ज कराई है. शबनम मौसी ने इन आरोपों से इंकार किया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. बधाई लेने पहुंची शबनम पर आभूषण छीनने का आरोप बापू चौक अमलाई के निवासी और अनूपपुर सब्जी मंडी व्यापारी राहुल कुमार सोनी ने अपनी शिकायत में बताया है कि "बुधवार को शबनम मौसी 8-10 लोगों के साथ पुत्र के जन्म की बधाई देने पहुंची थीं. उन्होंने बधाई देने के एवज में 21 हजार रुपए की मांग की. बधाई के रूप में मां ने सीधा (अन्न) और 1100 रुपए दिए, तो उन्होंने रुपए फेंक दिए और कहा 'बद्दुआ दे दी तो तेरा नाती नहीं रह पाएगा'. इसके अलावा उन्होंने मां को डायन कहकर संबोधित किया और धमकी भी दी." राहुल का आरोप है कि "शबनम मौसी ने पत्नी के कान में पहने सोने के टॉप्स मांगे तो पत्नी ने डरकर उसे उतारकर रख लिए, लेकिन शबनम ने जबरदस्ती पत्नी से टॉप्स छीन लिया और लेकर चली गईं." शबनम मौसी ने आरोप को बताया झूठ ईटीवी भारत से बात करते हुए शबनम मौसी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठ बताया है. उन्होंने कहा कि "उनके द्वारा रुपए की कोई मांग नहीं की गई थी, बल्कि बच्चे की मां ने अपनी मर्जी से कान के टॉप्स दिए हैं. डेढ़ महीने पहले राहुल ने 50 हजार रुपये उधार लिए थे और अभी तक नहीं दिए हैं." वहीं, राहुल का कहना है कि शबनम से मैंने कोई उधार नहीं लिया है. वह किसी को उधार दे भी नहीं सकतीं. चचाई थाना प्रभारी सुंदरेश मरावी ने बताया कि "पूर्व विधायक शबनम मौसी के खिलाफ आभूषण छीनने की शिकायत मिली है. जांच जारी है और अभी इस मामले में कोई अपराध पंजीबद्ध नहीं हुआ है."

मध्य प्रदेश विधानसभा में नहीं लागू होगा ई-विधान, अगली बैठक में हो सकता है शुभारंभ

भोपाल  मध्यप्रदेश विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में ई-विधान प्रणाली लागू नहीं हो पाएगी। विधानसभा सचिवालय ने इस सत्र में कार्यवाही को पेपरलेस करने के लिए ई-विधान योजना को लागू करने की तैयारी की थी, लेकिन एनआईसी (NIC) द्वारा टैबलेट की खरीद न हो पाने के कारण इसे शीतकालीन सत्र के लिए टाल दिया गया है। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि मानसून सत्र में विधायकों को ऑनलाइन कार्य प्रणाली का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले सत्र से नई प्रणाली लागू हो जाएगी, इसलिए विधायकों को इसके उपयोग की जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के लिए विशेषज्ञों की सहायता ली जाएगी ताकि विधायकों को किसी तरह की परेशानी न हो। स्पीकर, मुख्यमंत्री और विधायकों के सामने रहेंगे टैबलेट ई-विधान लागू होने के बाद विधानसभा में स्पीकर, मुख्यमंत्री और विधायकों की सीटों के सामने टैबलेट लगाए जाएंगे, जिनके माध्यम से वे सदन से संबंधित दस्तावेज देख सकेंगे। केंद्रीय सरकार की इस योजना को लागू करने के लिए विधानसभा ने सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं, लेकिन अभी तक नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) द्वारा टैबलेट की खरीद नहीं हो सकी है। 250 टैबलेट खरीदने थे एनआईसी को एनआईसी को विधानसभा के लिए 250 टैबलेट खरीदने थे, लेकिन टैबलेट की तकनीकी विशिष्टताओं और अन्य प्रक्रियाओं में देरी होने के कारण यह संभव नहीं हो पाया है।  ई-विधान लागू होने के बाद सदन की प्रश्नोत्तर प्रक्रिया, दस्तावेज और अन्य विधायी सामग्री टैबलेट पर उपलब्ध होगी। विधायकों को इन्हीं टैबलेट के माध्यम से कार्य करना होगा।