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ओडिशा : भारी बारिश, पटरियों पर पानी भरने की वजह से सात घंटे तक रुकी रही वंदेभारत

भुवनेश्‍वर ओडिशा के क्योंझर जिले में शनिवार को दिनभर हुई मूसलधार बारिश ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है. बारिश इतनी तेज थी कि रेलवे ट्रैक पर करीब 3 फीट तक पानी बहने लगा.इसकी वजह से टाटानगर से बेरहमपुर जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को शाम लगभग 7 बजे के आसपास गुहालीडिही स्टेशन पर रोक दिया गया. ट्रेन के अचानक रुकने से यात्रियों में हलचल मच गई. ट्रेन में सफर कर रहे यात्री लंबे समय तक ट्रेन में अटके रहे. हालांकि, किसी यात्री को कोई गंभीर परेशानी नहीं हुई. लेकिन मौसम और इंतजार ने स्थिति को तनावपूर्ण बना दिया.  7 घंटे बाद रवाना हो सकी ट्रेन  ट्रैक पर पानी का बहाव अधिक होने के कारण ट्रेन को आगे बढ़ाना असुरक्षित था इसलिए उसे वहीं रोका गया. ट्रैक पर पानी कम होने का इंतजार किया गया. लेकिन जब देर तक हालात नहीं सुधरे, तब रेलवे विभाग ने एक रेस्क्यू इंजन की व्यवस्था कर ट्रेन को केन्दुझरगढ़ स्टेशन तक पहुंचाया. करीब 7 घंटे की देरी के बाद, देर रात वंदे भारत ट्रेन आखिरकार आगे रवाना हो सकी.  भारी बारिश की स्थिति में रेल यातायात बहुत प्रभावित हो गया. इससे निपटने के लिए प्रशासन को और भी तेज निर्णय लेने की जरूरत पड़ी. अच्छी बात यह रही कि यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई और कोई अप्रिय घटना नहीं हुई. रेलवे विभाग हमेशा यात्रियों से अपील करता आया है कि मौसम खराब होने पर यात्रा से पहले स्थिति की जानकारी लें और सावधानी बरतें. ओडिशा के कई जिलों में फिलहाल बारिश का दौर जारी है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.  मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कई इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इनमें मयूरभंज और क्योंझर भी शामिल हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में भारी बारिश, तूफान, बिजली और 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की चेतावनी दी है। यह चेतावनी गंगीय पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण जारी की गई है। 17 अन्य जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। यहां भारी बारिश, तूफान और तेज हवाएं चलने की संभावना है।

इजरायली रक्षा कंपनी ने भारतीय वायुसेना को अपनी लेटेस्ट Sky Sting 6th जेनरेशन लॉंग रेंज एयर टू एयर मिसाइल की पेशकश की

तेल अवीव भारत के जिगरी दोस्त इजरायल ने छठी पीढ़ी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल का ऑफर भारत को दिया है। इजरायली रक्षा कंपनी रफायल (Rafael) एडवांस डिफेंस सिस्टम ने भारतीय वायुसेना को अपनी लेटेस्ट Sky Sting 6th जेनरेशन लॉंग रेंज एयर टू एयर मिसाइल की पेशकश की है। यह मिसाइल भारतीय Su-30MKI जैसे प्रमुख लड़ाकू विमानों में लगाया जा सकेगा।  इजरायली कंपनी रफायल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि यह प्रस्ताव भारतीय वायुसेना की BVR (बियॉन्ड विजुअल रेंज) युद्ध क्षमता को एक नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में एक अहम कदम है। आधुनिक हवाई युद्ध के लिए डिजाइन की गई यह मिसाइल, तकनीकी श्रेष्ठता और रणनीतिक बढ़त प्रदान करने का दावा करती है। Sky Sting मिसाइल को एक तीन-चरणीय रॉकेट मोटर से एनर्जी मिलती है और इसकी मारक क्षमता 250 किलोमीटर है। यानि ये मिसाइल 250 किलोमीटर दूर किसी लड़ाकू विमान, सर्विंलास एयरक्राफ्ट या फ्यूल टैंकर एयरक्राफ्ट को चुटकी में मार गिरा सकती है। इस शानदार रेंज के साथ इजरायल का ये मिसाइल दुनिया की सबसे विनाशक मिसाइलों में शुमार हो गई है। चीन के पास पीएल-15 मिसाइल है, जिसका रेंज करीब 200 किलोमीटर है और वो छठी पीढ़ी की लड़ाकू मिसाइल भी नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने चीनी मिसाइल की कब्र खोद डाली थी। इजरायल की Sky Sting मिसाइल की क्षमता क्या है? लंबी दूरी पर लक्ष्यों को भेदने के लिए Sky Sting मिसाइल एयरोडायनामिक लिफ्ट और उच्च गतिशील ऊर्जा का इस्तेमाल करती है, जिसकी वजह से मिसाइल को ना सिर्फ काफी ज्यादा दूरी तक मारने की क्षमता मिलती है, बल्कि ये मिसाइल टारगेट को जवाबी हमले का भी मौका भी नहीं देती। इस मिसाइल में लगे एडवांस RF (रेडियो फ्रीक्वेंसी) सीकर को अत्याधुनिक Electronic Counter-Countermeasures (ECCM) तकनीक से लैस किया गया है, जो दुश्मन की इलेक्ट्रॉनिक जामिंग क्षमताओं को नाकाम करने के लिए डिजाइन किया गया है।  इसका मतलब है कि Sky Sting मिशन के 'एंडगेम' फेज में भी टारगेट को सटीकता से लॉक और नष्ट कर सकती है। यानि अगर दुश्मन के पास स्टील्थ फाइटर जेट है और अगर उसने मिसाइलों को जाम करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक युद्ध का जाल बुना है, फिर भी ये मिसाइल उस विमान को मार गिराएगा। यही क्षमता छठी पीढ़ी की लड़ाकू विमानों की है। यानि ये मिसाइल चीनी जे-35 मिसाइल के लिए काल बन जाएगी, अगर पाकिस्तान चीन से उसे खरीदता है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत इजरायल के Sky Sting मिसाइल को Su-30MKI, मिराज-2000 और भविष्य के TEDBF (ट्विन-इंजन डेक-बेस्ड फाइटर) जैसे प्लेटफार्मों में शामिल कर अपनी हवाई वर्चस्व को काफी ज्यादा मजबूत बना सकता है। इसकी लंबी रेंज भारत को हवा से हवा में युद्ध से काफी पहले दुश्मन को निष्क्रिय करने की क्षमता देगी। इसके अलावा Sky Sting जैसे हथियार भारत को चीन और पाकिस्तान जैसे दो मोर्चों पर संभावित खतरों का जवाब देने में काफी ज्यादा शक्तिशाली बनाएंगे, खासकर स्टील्थ लड़ाकू विमानों से होने वाली लड़ाई के दौरान। आपको बता दें कि भारत और इजरायल के रक्षा संबंध पहले से ही गहरे हैं। रफायल कंपनी से भारत पहले से ही Barak-8 एयर डिफेंस सिस्टम और Spike एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल खरीद चुका है। ऐसे में Sky Sting मिसाइल को लेकर अगर कोई सौदा हो तो हैरानी नहीं होनी चाहिए। आने वाले समय में यदि यह सौदा आगे बढ़ता है तो यह भारतीय वायुसेना को न सिर्फ BVR युद्ध में बढ़त देगा, बल्कि देश की रक्षा आत्मनिर्भरता और स्वायत्तता को भी मजबूत करेगा।  

दो सेवानिवृत्त अफसरों ने कायम की मिसाल, गांव में ‘प्रधान जी’ बने दो टॉप अफसर

देहरादून  उत्तराखंड के पहाड़ों से अक्सर पलायन की खबरें आती हैं। लोग बेहतर नौकरी, शिक्षा और जीवन के लिए अपने गाँव छोड़कर शहरों में बस जाते हैं। लेकिन इस बार एक अलग ही कहानी सामने आई है। यह कहानी सुखद है और लोकतंत्र में विश्वास को बढ़ाती है। उत्तराखंड में पंचायत चुनाव का प्रचार चल रहा है। इस दौरान दो ऐसे लोग सामने आए हैं, जिन्होंने सादगी और सेवा की मिसाल पेश की है। ये हैं रिटायर्ड कर्नल यशपाल नेगी और रिटायर्ड आईजी (IPS) विमला गुंज्याल। दोनों ही अफसर अब अपने-अपने गाँव में निर्विरोध प्रधान चुने गए हैं। कर्नल नेगी पौड़ी गढ़वाल जिले के बीरोंखाल ब्लॉक में और आईजी विमला गुंज्याल पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में प्रधान चुनी गई हैं। कर्नल नेगी पलायन से दुखी थे और आईजी विमला गुंज्याल अपने गांव की सेवा करना चाहती थीं। कर्नल यशपाल नेगी ने बताया कि वे पहाड़ पर क्यों लौटे। उन्होंने कहा कि वे देश के कई हिस्सों में रहे, लेकिन उनका दिल हमेशा गाँव में रहा। दिल्ली में रहने के दौरान भी वे हर महीने गाँव की बैठक में शामिल होते थे। इससे उन्हें लोगों से मिलने का मौका मिलता था। कर्नल नेगी कहते हैं, "पहाड़ का अपनापन, लोगों का प्यार तो उन्हें अपनी तरफ खींच ही लाया, साथ में पलायन एक मुद्दा था जो मुझे कचोटता था।" इसका मतलब है कि उन्हें पहाड़ के लोगों से बहुत प्यार है। साथ ही, वे पलायन की समस्या से भी परेशान थे। वे गाँव छोड़कर जा रहे लोगों को रोकना चाहते थे। कर्नल नेगी ने अपनी पत्नी को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उनकी वजह से ही वे खाली जमीन को आबाद कर पाए। कर्नल नेगी ने बताया कि जब वे गाँव आए तो उन्होंने मिर्च की खेती शुरू की। पहले ही साल में उन्हें 70-80 हजार रुपये मिले। इससे उनका हौसला बढ़ गया। कर्नल नेगी ने गाँव की खाली पड़ी 45 नाली जमीन (लगभग ढाई एकड़) को जैविक खेती में बदल दिया। इससे उन्होंने कई युवा किसानों के लिए एक उदाहरण पेश किया। कर्नल नेगी ने लोगों से गाँव लौटने की अपील की। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रधान इसलिए चुना गया है क्योंकि लोगों ने उनका काम देखा है। उन्होंने फौज में नौकरी की है, इसलिए उनके पास काम का अनुभव है। वे आर्मी ऑर्डिनेंस कोर में थे, जो आर्मी के लिए सामान का प्रबंधन करती है। कर्नल नेगी ने कहा कि गाँव में छोटी-छोटी समस्याएं होती हैं। मुखिया इन समस्याओं को हल करने में मदद करता है। अगर गाँव समृद्ध होगा तो राज्य समृद्ध होगा और फिर देश समृद्ध होगा। उन्होंने चिंता जताई कि उनके यहाँ अधिकांश जमीन बंजर हो गई है। जल और जमीन दोनों ही कम हो रहे हैं। कर्नल नेगी ने कहा कि उनका सफर अब शुरू हुआ है और आगे देखते हैं क्या होता है। कर्नल नेगी चाहते हैं कि पहाड़ में वे लोग वापस आएं जो ऊंचे पदों पर रह चुके हैं और जिनके बच्चे अब सेटल हो चुके हैं। खासकर फौजी भाईयों को वापस आना चाहिए। कर्नल नेगी कहते हैं कि "वोकल फॉर लोकल" बोलना आसान है, लेकिन इसे सच में करना बहुत मुश्किल है। इसका मतलब है कि हमें अपने देश में बने सामान को खरीदना चाहिए। लेकिन ऐसा करना इतना आसान नहीं है। IPS ऑफिसर विमला गुंज्याल दूसरी कहानी है रिटायर्ड IPS अधिकारी विमला गुंज्याल की। वे पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (आईजी विजिलेंस) थीं। उन्होंने 30 साल से ज्यादा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पुलिस विभाग में काम किया। रिटायर होने के बाद वे अपने गाँव लौट गईं। गुंजी गाँव पिथौरागढ़ जिले में धारचूला में भारत-चीन सीमा पर है। यह इलाका बहुत महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति पदक से सम्मानित विमला गुंज्याल ने दिल्ली-देहरादून की आरामदायक जिंदगी नहीं चुनी। उन्होंने गाँव में जाकर बसने और गाँव की जिम्मेदारी संभालने का फैसला किया। गाँव वालों ने भी उन्हें पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ निर्विरोध ग्राम प्रधान चुन लिया। कर्नल नेगी और आईजी गुंज्याल का यह प्रयास उत्तराखंड के गांवों में एक नई उम्मीद लेकर आया है। यह पलायन को रोकने और गांवों को फिर से आबाद करने में मदद कर सकता है। कर्नल यशपाल नेगी और आईजी विमला गुंज्याल की कहानी प्रेरणादायक है। यह दिखाती है कि अगर हम चाहें तो अपने गाँव और समाज के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं। उन्होंने साबित कर दिया कि रिटायरमेंट के बाद भी जीवन में एक नया मकसद हो सकता है। उनका यह कदम उन लोगों के लिए एक मिसाल है जो अपने गाँव को छोड़कर शहरों में बस गए हैं। इन दोनों अफसरों ने दिखा दिया कि गाँव में रहकर भी तरक्की की जा सकती है। उन्होंने लोगों को यह भी बताया कि गाँव में बहुत संभावनाएं हैं। अगर हम सब मिलकर कोशिश करें तो हम अपने गाँव को फिर से समृद्ध बना सकते हैं।

9 जुलाई को बैंक कर्मचारी करेंगे हड़ताल, बीमाकर्मी भी शामिल होंगे

कोलकाता  ट्रेड यूनियनों का कहना है कि देशभर में मजदूरों के अधिकारों पर हमले हो रहे हैं। साथ ही केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियां भी ठीक नहीं है। इनके खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने आगामी नौ जुलाई को आम हड़ताल का आह्वान किया है। इसके समर्थन में मजदूर संगठनों, किसान संगठनों और महागठबंधन के घटक दल भी सामने आ रहे हैं। अब बैंक कर्मचारियों के एक संगठन ने भी कहा है कि वे इस हड़ताल में शामिल होंगे। यदि ऐसा हुआ तो आगामी बुधवार को आपको बैंकिंग सुविधाओं से वंचित रहना पड़ सकता है। कहां से आई जानकारी बंगाल प्रोविंशियल बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन (Bengal Provincial Bank Employees Association), जो AIBEA से जुड़ा है, ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि AIBEA, AIBOA और BEFI जैसे बैंकिंग सेक्टर के ट्रेड यूनियनों ने बुधवार को आम हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है। बीमा क्षेत्र में भी हड़ताल? एसोसिएशन ने एक बयान में यह भी कहा कि बीमा क्षेत्र (insurance sector) ने भी हड़ताल में शामिल होने का निर्णय लिया है। संगठन के अनुसार, बैंकिंग और अन्य वित्तीय क्षेत्रों में हड़ताल पूरी तरह से सफल रहेगी। हड़ताल पर 15 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी बैंक कर्मचारियों के यूनियन ने दावा किया है कि इस हड़ताल में 15 करोड़ से ज़्यादा कर्मचारी भाग लेंगे। वे सरकार की "प्रो-कॉर्पोरेट आर्थिक सुधारों और एंटी-लेबर नीतियों" का विरोध करेंगे। इसका मतलब है कि कर्मचारी सरकार की उन नीतियों से नाराज़ हैं जो कंपनियों को फायदा पहुंचाती हैं और श्रमिकों के खिलाफ हैं। कर्मचारी सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं।

केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर : लेवल 1 से 10 तक सरकारी कर्मचारियों की बढ़ेगी सैलरी

नई दिल्ली. केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी 8वें वेतन आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति और टर्म्स ऑफ रेफरेंस (टीओआर) को अंतिम रूप दिए जाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। 1.2 करोड़ से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी अपने वेतन और पेंशन में संशोधन का इंतजार कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा इस वर्ष की शुरुआत में अप्रूव्ड 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) के 2027 के आसपास लागू होने की उम्मीद है। इससे पूरे भारत में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव होगा। हालांकि, आधिकारिक टर्म्स ऑफ रेफरेंस, अध्यक्ष और आयोग के सदस्यों की घोषणा अभी तक नहीं की गई है। 8वां वेतन आयोग क्या है? वेतन आयोग भारत सरकार द्वारा केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे को संशोधित करने के लिए आयोजित एक आवधिक अभ्यास है। यह न केवल सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन और भत्तों को प्रभावित करता है, बल्कि पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभों को भी प्रभावित करता है। 8वां वेतन आयोग 7वें सीपीसी की जगह लेगा, जिसे 2016 में लागू किया गया था। सीपीसी की सिफारिशों के मूल में पे मैट्रिक्स है, एक ऐसी सिस्टम जो सर्विस के स्तरों और सालों के आधार पर सैलरी तय करती है। फिटमेंट फैक्टर, जो नए मूल वेतन पर पहुंचने के लिए मौजूदा वेतन को गुणा करता है, को 2.57 (7वें सीपीसी के तहत) से बढ़ाकर 8वें सीपीसी के तहत 2.86 किए जाने की उम्मीद है। कितनी बढ़ सकती है सैलरी उदाहरण के लिए, वेतन लेवल 1 के कर्मचारी, जो वर्तमान में ₹18,000 का मूल वेतन कमा रहे हैं, उन्हें ₹51,480 तक का लाभ हो सकता है। वहीं, लेवल 2 के कर्मचारियों को ₹19,900 से ₹56,914 तक का लाभ हो सकता है। लेवल 3 के कर्मचारियों को ₹21,700 से बढ़कर ₹62,062 मिल सकते हैं। लेवल 6 पर, मूल वेतन ₹35,400 से बढ़कर ₹1 लाख से अधिक हो सकता है, जबकि एंट्री लेवल के IAS और IPS अधिकारियों सहित स्तर 10 के अधिकारियों को ₹56,100 से ₹1.6 लाख तक का लाभ हो सकता है। 8th Pay Commission: केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। 8वां वेतन आयोग जल्द लागू हो सकता है। जनवरी 2025 में इसे कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। ऐसी उम्मीद है कि ये 2026 या 2027 की शुरुआत में लागू कर दिया जाएगा। हालांकि अभी आयोग के सदस्य, चेयरमैन और उसकी टर्म्स ऑफ रेफरेंस का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन इसकी घोषणा से ही कर्मचारियों में सैलरी को लेकर चर्चा है। 8वें वेतन आयोग में नई सैलरी का कैलकुलेशन फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) के जरिये होगी। यहां जानिये अलग-अलग लेवल पर कितनी सैलरी बढ़ेगी। फिटमेंट फैक्टर क्या होता है? फिटमेंट फैक्टर वह मल्टीपल (multiplier) होता है जिसे मौजूदा बेसिक सैलरी में गुणा किया जाता है, ताकि नई सैलरी निकाली जा सके। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे बेसिक पे 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हुआ। 8वें वेतन आयोग में यह 2.86 होने की उम्मीद है, जिससे बेसिक पे में बड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। यानी, अगर किसी की बेसिक सैलरी अभी 18,000 रुपये है, तो 2.86 के गुणा से यह बढ़कर 51,480 रुपये हो सकती है। हालांकि, नेट सैलरी इससे थोड़ी कम हो सकती है, क्योंकि PF, टैक्स जैसी कटौतियां भी होती हैं। अलग-अलग लेवल पर अनुमानित सैलरी बढ़ोतरी 8वें वेतन आयोग के तहत अलग-अलग लेवल पर कर्मचारियों की अनुमानित सैलरी में भारी बढ़ोतरी हो सकती है। लेवल-1 पर काम करने वाले कर्मचारियों की मौजूदा बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, जो बढ़कर करीब 51,480 रुपये हो सकती है। यानी उन्हें 33,480 रुपये का अनुमानित इजाफा मिलेगा। लेवल-2 के कर्मचारियों की मौजूदा सैलरी 19,900 रुपये है, जो बढ़कर लगभग 56,914 रुपये हो सकती है। इस तरह, उनकी सैलरी में 37,014 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है। लेवल-3 में शामिल कर्मचारियों की वर्तमान सैलरी 21,700 रुपये है, जो नए आयोग में बढ़कर 62,062 रुपये हो सकती है। इसका मतलब है कि उन्हें 40,362 रुपये तक का फायदा मिलेगा। लेवल 4 से लेवल-6 – के सब-इंस्पेक्टर या जूनियर इंजीनियर जैसे कर्मचारियों की सैलरी 35,400 रुपये से बढ़कर लगभग 1,01,244 रुपये हो सकती है, यानी 65,844 रुपये की बढ़ोतरी। वहीं लेवल 7 से 10 तक औसत अधिकारियों की बेसिक सैलरी 56,100 रुपये से बढ़कर 1,60,446 रुपये हो सकती है। यानी उन्हें 1,04,346 रुपये का अनुमानित फायदा हो सकता है। इसमें  IAS, IPS जैसे ग्रुप के अधिकारी आते हैं। यह अनुमान फिटमेंट फैक्टर 2.86 के आधार पर लगाया गया है, और अंतिम फैसला सरकार की सिफारिशों के बाद तय होगा। कौन-कौन कर्मचारी किस लेवल में आते हैं? लेवल 1: चपरासी, अटेंडेंट, मल्टी-टास्किंग स्टाफ (MTS) लेवल 2: लोअर डिवीजन क्लर्क (LDC) लेवल 3: कांस्टेबल, ट्रेड स्टाफ लेवल 4: स्टेनोग्राफर ग्रेड D, जूनियर क्लर्क लेवल 5: सीनियर क्लर्क, तकनीकी सहायक लेवल 6: इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर, जूनियर इंजीनियर लेवल 7: अधीक्षक, सेक्शन ऑफिसर, असिस्टेंट इंजीनियर लेवल 8: सीनियर सेक्शन ऑफिसर, ऑडिट ऑफिसर लेवल 9: डिप्टी एसपी, अकाउंट्स ऑफिसर लेवल 10: IAS, IPS, IFS जैसे ग्रुप-A अधिकारी हालांकि ये सभी आंकड़े फिलहाल अनुमानित हैं, लेकिन सरकार की तरफ से जब 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें सार्वजनिक होंगी, तो स्थिति पूरी तरह साफ हो पाएगी।  

जेनिफर सायमंस बनीं दक्षिण अमेरिकी देश सूरीनाम की पहली महिला राष्ट्रपति

पारामरिबो दक्षिण अमेरिकी देश सूरीनाम में पहली बार महिला राष्ट्रपति बनी हैं। संसद ने (स्थानीय समयानुसार) को डॉक्टर जेनिफर गेर्लिंग्स-सिमंस को संकटग्रस्त देश की पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में चुना। नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी का नेतृत्व करने वाली जेनिफर 16 जुलाई को राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगी।  सूरीनाम की नेशनल असेंबली दो-तिहाई मतों से राष्ट्रपति का चुनाव करती है। जेनिफर, जो पहले कांग्रेसी थीं- ने निर्विरोध चुनाव जीता, क्योंकि उनकी पार्टी ने मई में हुए चुनाव के बाद देश के मौजूदा नेता को हटाने के उद्देश्य से एक गठबंधन बनाया था, जिसमें कोई स्पष्ट विजेता नहीं था। यह गठबंधन ऐसे समय में बना है, जब सूरीनाम को समुद्र के किनारे तेल मिलने की उम्मीद है और 2028 तक इसका उत्पादन शुरू हो सकता है।  पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में जिम्मेदारी और भी बढ़ी: जेनिफर राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के बाद जेनिफर ने कहा, 'मुझे पता है कि राष्ट्रपति का पद बहुत बड़ा है, और इस तथ्य से जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है कि मैं इस पद पर देश की सेवा करने वाली पहली महिला हूं।' बता दें कि सूरीनाम 646,000 से अधिक लोगों वाला डच-भाषी देश है।  भ्रष्टाचार के मामलों से भरा रहा संतोखी का कार्यकाल  राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी का पांच साल का कार्यकाल भ्रष्टाचार के मामलों से भरा रहा है। उन्हें सूरीनाम की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मदद मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके चलते देश के सार्वजनिक कर्ज का बड़े पैमाने पर पुनर्गठन किया गया और सरकारी सब्सिडी में कटौती की गई। इससे आर्थिक हालात थोड़े सुधरे, लेकिन आम लोगों को बहुत मुश्किलें झेलनी पड़ीं और कई बार हिंसक प्रदर्शन भी हुए। जेनिफर की प्राथमिकता- देश की आर्थिक स्थिति सुधारना 71 वर्षीय जेनिफर और उनके साथी ग्रेगरी रुसलैंड ने रविवार को पत्रकार वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वे सबसे पहले देश की आर्थिक स्थिति को सुधारेंगे। उन्होंने खासतौर पर छोटे स्तर की सोने की खदानों से टैक्स वसूलने जैसे तरीकों से सरकारी कमाई बढ़ाने की बात कही है। तेल निकलने से पहले करना होगा चुनौतियों का सामना: रामौतारसिंह सूरीनाम के अर्थशास्त्रियों के संघ के पूर्व अध्यक्ष विंस्टन रामौतारसिंह ने कहा कि तेल निकलने से पहले के इन वर्षों में राष्ट्रपति को बहुत चुनौतियों का सामना करना होगा, क्योंकि देश को हर साल लगभग 400 मिलियन डॉलर का कर्ज और ब्याज चुकाना है। उन्होंने कहा, 'सूरीनाम के पास इतना पैसा नहीं है। पिछली सरकार ने ऋणों को पुनर्निर्धारित किया था, लेकिन वह सिर्फ एक अस्थायी रा

फ्रांस की खुफिया एजेंसियों का दावा चीन ने सुनियोजित अभियान चलाया, जिसका मकसद राफेल विमानों की छवि को खराब करना

नई दिल्ली भारत और अन्य देशों में इस्तेमाल हो रहे फ्रांसीसी राफेल लड़ाकू विमान को लेकर एक बड़ा दावा सामने आया है. फ्रांस की खुफिया एजेंसियों का कहना है कि चीन ने एक सुनियोजित अभियान चलाया है, जिसका मकसद राफेल विमानों की छवि को खराब करना और उनके विदेशी सौदों को नुकसान पहुंचाना है. इस अभियान में झूठी खबरें, AI-जनरेटेड फर्जी फोटो, और सोशल मीडिया पर गुमराह करने वाली पोस्टें शामिल थीं. फ्रांस का दावा है कि इस तरह की गतिविधियों के पीछे चीन और पाकिस्तान की मिलीभगत हो सकती है. वहीं, चीन ने सभी आरोपों को खारिज किया है. चीन की कोशिश- राफेल की छवि खराब करना फ्रांसीसी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के विदेशों में स्थित दूतावासों के डिफेंस अटैशे ने दूसरे देशों के अधिकारियों से मुलाकात कर राफेल की आलोचना की और चीनी लड़ाकू विमानों को बेहतर विकल्प के रूप में पेश किया. इसका उद्देश्य था कि संभावित ग्राहक राफेल की जगह चीन के जेट खरीदें. पाकिस्तान का दावा, भारत का जवाब साफ नहीं मई 2025 में भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने 5 भारतीय लड़ाकू विमान गिराए, जिनमें 3 राफेल भी शामिल थे. भारत ने इस दावे की पुष्टि नहीं की. भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल ने कहा कि नुकसान युद्ध का हिस्सा होता है, लेकिन राफेल को लेकर सीधे कुछ नहीं कहा. फ्रांस का जवाब- गलत जानकारी फैलाई गई राफेल बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट एविएशन के CEO एरिक ट्रापिए ने पाकिस्तान के दावों को 'झूठा और गलत' बताया. फ्रांस का कहना है कि सोशल मीडिया पर राफेल का मलबा दिखाने वाली फर्जी तस्वीरें, AI से बने नकली वीडियो और हजारों नए अकाउंट्स के ज़रिए इस झूठ को फैलाया गया. फ्रांस की चिंता: सिर्फ विमान नहीं, राष्ट्रीय छवि निशाने पर फ्रांस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह हमला सिर्फ राफेल पर नहीं, बल्कि फ्रांस की टेक्नोलॉजी, विश्वसनीयता और रणनीतिक स्वतंत्रता पर है. यह हमला देश की औद्योगिक छवि और साझेदारी की साख को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया. चीन का जवाब- आरोप बेबुनियाद फ्रांस के आरोपों पर चीन के रक्षा मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी कि यह 'पूरी तरह झूठ और बेबुनियाद' हैं. चीन ने कहा कि वह हमेशा सैन्य निर्यात में जिम्मेदार और संतुलित नीति अपनाता है और शांति व स्थिरता में सहयोग करता है.  

भारी बारिश से चमोली में जनजीवन अस्त-व्यस्त, केदारनाथ यात्रा रोकी

चमोली चमोली जनपद में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बदरीनाथ हाईवे उमट्टा में पहाड़ी से मलबा आने के चलते बाधित है तो ज्योतिर्मठ क्षेत्र में 66 केवी की विद्युत लाइन पर फाल्ट आने से क्षेत्र में बिजली सप्लाई रात से ही ठप पड़ी है। उधर, भारी बारिश के कारण केदारनाथ यात्रा रोक दी गई है। मौसम विभाग के भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी को देखते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर चमोली जनपद के सरकारी, अर्द्धसरकारी विद्यालयों में आज अवकाश घोषित कर दिया गया है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि पिटकुल की 66 केवी की विद्युत लाइन में फाल्ट आने से ज्योतिर्मठ क्षेत्र में विद्युत सप्लाई बाधित है। फाल्ट को ढूंढा जा रहा है। बदरीनाथ हाईवे पर सुबह नंदप्रयाग के पर्थाडीप में करीब एक घंटे तक मलबा आने से हाईवे बाधित रहा। मार्ग अब खुल गया है। उमट्टा में मलबा हटाने का काम जारी है। वहीं  केदारनाथ जा रहे यात्रियों को सोनप्रयाग और गौरीकुंड में रोका गया है। विकासनगर-कालसी-बड़कोट राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 50 सड़कें बंद प्रदेश में बारिश के बाद जगह-जगह मलबा आने से दो राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 50 सड़कें बंद हो गई हैं। इससे स्थानीय लोगों के साथ ही चारधाम आने वाले तीर्थयात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक देहरादून जिले में लखवाड़ बैंड के पास किलोमीटर 26 में मलबा आने से विकासनगर-कालसी-बड़कोट राष्ट्रीय राजमार्ग में वाहनों की आवाजाही बंद है। जिले में तीन ग्रामीण सड़के भी बंद हैं। इसके अलावा उत्तरकाशी जिले में ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग औजरी में बंद है। इस जिले में एक राज्यमार्ग और 11 ग्रामीण सड़के भी बंद हैं। रुद्रप्रयाग जिले में तीन ग्रामीण मार्ग, नैनीताल जिले में काठगोदाम-हैडाखान राज्यमार्ग, चमोली जिले में 13 ग्रामीण मार्ग, पिथौरागढ़ में सात, बागेश्वर में चार, पौड़ी में तीन और टिहरी जिले में दो ग्रामीण सड़के बंद हैं। राज्य में आपदा से 143 भवनों को हो चुका नुकसान राज्य में आपदा से 143 भवनों को नुकसान हो चुका है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून के बाद से 133 मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। आठ मकानों को गंभीर नुकसान पहुंचा और दो मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। इसके अलावा आपदा के कारण 21 लोगों की जान जा चुकी है और 11 घायल हुए। नौ लोग लापता है।

मुंबई में हुए 26/11 आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा ने सनसनीखेज खुलासे किए, कबूला ‘हां, मैं पाकिस्तानी आर्मी का एजेंट था…

 नई दिल्ली 26/11 मुंबई आतंकी हमले में अहम भूमिका निभाने वाले तहव्वुर हुसैन राणा ने मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की पूछताछ में कई बड़े खुलासे किए हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की कस्टडी में हुई पूछताछ के दौरान राणा ने माना कि वह पाकिस्तानी सेना का भरोसेमंद एजेंट था, जिसे  खलीज युद्ध के दौरान सऊदी अरब भी भेजा गया था. राणा ने बताया कि लश्कर-ए-तैयबा सिर्फ एक आतंकी संगठन नहीं, बल्कि जासूसी नेटवर्क की तरह काम करता है. उसने यह भी कबूला कि उसका दोस्त और सहयोगी डेविड हेडली लश्कर के लिए कई बार ट्रेनिंग ले चुका था.   ISI ने की थी मदद राणा ने बताया कि मुंबई में अपने इमिग्रेशन फर्म का सेंटर खोलने का विचार उसका ही था, और उससे जुड़ी फाइनेंशियल डीलिंग को बिज़नेस खर्च बताया गया. लेकिन उसने यह भी स्वीकार किया कि 2008 में जब 26/11 हमला हुआ, तब वह मुंबई में मौजूद था और वह पूरी तरह से आतंकी साजिश का हिस्सा था. उसने कबूला कि उसने मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस जैसे स्थानों की रेकी की थी. पूछताछ में राणा ने यह भी माना कि इस हमले को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के साथ मिलकर अंजाम दिया गया था. अब मुंबई पुलिस राणा को गिरफ्तार करने और अपनी हिरासत में लेने की तैयारी में है, ताकि जांच को और आगे बढ़ाया जा सके. हेडली का दोस्त था राणा तहव्वुर राणा आतंकी डेविड हेडली का करीबी दोस्त था जो 26 नवंबर 2008 के मुंबई आतंकी हमलों में शामिल था. हेडली से पूछताछ के दौरान राणा का जिक्र किया था. इस हमले में 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने अरब सागर के रास्ते मुंबई पहुंचकर रेलवे स्टेशन, दो लग्जरी होटलों और एक यहूदी सेंटर पर हमला किया. करीब 60 घंटे तक चले इस हमले में 166 लोग मारे गए. राणा पर हेडली लश्कर-ए-तैयबा, हरकत-उल-जिहादी इस्लामी और पाकिस्तान के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप है 

पीएम मोदी का BRICS समिट में आतंकवाद पर करारा प्रहार, देखते रह गए बाकी देश

जोहान्सबर्ग जोहान्सबर्ग में आयोजित BRICS समिट 2025 में भारत के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले का मुद्दा छाया रहा। BRICS के सभी सदस्य देशों ने इस हमले की सख्त निंदा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने का संकल्प दोहराया। रूस, चीन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और अन्य देशों ने भी भारत के साथ एकजुटता दिखाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रियो डी जेनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। पीएम मोदी ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को जमकर लताड़ा है। आतंक को समर्थन देने वालों को मिले सजा : पीएम मोदी पीएम मोदी ने इस मंच से पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर हमला बोलते हुए कहा, आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है। आतंक को शह और समर्थन देने वालों को सजा मिलनी चाहिए। कोई भी देश या संस्था इस खतरे से अलग नहीं रह सकता। मोदी ने कहा कि पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर किया गया हमला कायरता की निशानी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलता रहेगा और आतंक को जड़ से खत्म करने के लिए हर संभव कदम उठाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि हाल ही में पहलगाम में अमानवीय और कायराना आतंकी हमला हुआ. यह मानवता पर हमला था. ब्रिक्स में पीस एंड सिक्योरिटी एंड रिफॉर्म ऑफ ग्लोबल गवर्नेंस सत्र के दौरान पीएम मोदी ने शांति और भाईचारे के प्रति भारत की प्रतिबद्धता जताते हुए पड़ोसी मुल्क पर निशाना साधते हुए कहा कि दोहरे मापदंडों की कोई जगह नहीं है. अगर कोई देश आतंकवाद का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थन करता है तो उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. आतंकियों पर प्रतिबंध लगाने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आतंकवाद का समर्थन या इसकी मौन सहमति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पीएम मोदी ने सभी देशों से इस पर निर्णायक फैसला लेने को कहा है. उन्होंने कहा कि भारत महात्मा गांधी और गौतम बुद्ध से प्रेरित होकर शांति के मार्ग पर आगे बढ़ता रहेगा. फिर चाहे परिस्थितियां कितनी भी मुश्किल हो, शांति मानवता के कल्याण के लिए सबसे बेहतरीन मार्ग रहेगा. ब्रिक्स देशों ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की इतना ही नहीं ब्रिक्स समिट में शामिल नेताओं ने भी कड़े शब्दों में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की. इस दौरान आतंकवाद के हर प्रारूप से निपटने, सीमापार आतंकवाद, आतंकवाद के वित्तपोषण और आतंकियों को पनाह देने से निपटने पर प्रतिबद्धता जताई. आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेस नीति बनाने और इसके लिए दोहरे मानदंड को खारिज किया जाना चाहिए. ब्रिक्स देशों ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए संयुक्त बयान जारी किया. इस बयान में कहा गया कि हम 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई लोग घायल हो गए. हम आतंकवाद के लिए जीरो टॉलरेंस अपनाने का आग्रह करते हैं और आतंकवाद से निपटने के लिए दोहरे मापदंडों को खारिज करने का आग्रह करते हैं.