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प्रॉपर्टी घोटालों पर लगाम: YEIDA को मिली 441 हेक्टेयर जमीन, 18 गांव होंगे नियंत्रण में

ग्रेटर नोएडा जेवर क्षेत्र में जमीन फर्जीवाड़े पर लगाम के लिए यीडा ने 3695 दाखिल खारिज यानी किसान से खरीदी गई जमीन को सरकारी दस्तावेजों में अपने नाम पर दर्ज कराया है। 18 गांवों की करीब 441 हेक्टेयर जमीन यीडा के नाम पर दर्ज की गई है। इससे जमीन पर बैंक से ऋण या किसी अन्य को बेचने के मामलों पर रोक लगेगी। यीडा नियोजित विकास के लिए किसानों से सहमति के आधार पर जमीन क्रय करता है या फिर जमीन अधिग्रहण कानून के तहत अधिग्रहण करना है। जमीन क्रय करने के बाद आमतौर पर सरकारी दस्तावेजों में जमीन यीडा के नाम दर्ज करने में लापरवाही बरती जाती है। इससे जमीन के फर्जीवाड़े को अंजाम देना आसान हो जाता है। यीडा के द्वारा खरीदी गई जमीन को दूसरे लोगों को बेच दिया जाता है। सरकारी दस्तावेज में यीडा का नाम दर्ज न होने के कारण क्रेता को जानकारी नहीं हो पाती है कि यह जमीन पहले ही यीडा खरीदकर भूमि स्वामी को मुआवजा दे चुका है। इसी तरह बैंक में जमीन को बंधक बनाकर ऋण लिया जाता है। यीडा जमीन पर भौतिक कब्जा लेकर जब उस पर परियोजना का काम शुरू करता है तब बैंक या क्रेता की और से आपत्ति दर्ज कराने पर फर्जीवाड़ा सामने आता है, लेकिन उस वक्त एफआईआर दर्ज कराने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होता। जमीन को लेकर होने वाले फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने के लिए यीडा ने अधिसूचित 18 गांवों में क्रय की गई करीब 441 हे. जमीन को अपने नाम दर्ज कराया है। यीडा सीईओ राकेश कुमार सिंह का कहना है कि यह जमीन अभी तक 3695 भूमि स्वामियों के नाम पर दर्ज थी, उनके नाम हटाकर अब यीडा का नाम दर्ज हो गया है। इससे सरकारी दस्तावेज दिखाकर फर्जीवाड़ा करना संभव नहीं होगा। क्रय विक्रय में पारदर्शिता रहेगी।  

दिल्ली में त्योहार से पहले बड़ा तोहफा, कारोबारियों को मिले 694 करोड़ रुपये

नई दिल्ली दिल्ली सरकार ने दीपावली से पहले कारोबारियों को बड़ा उपहार दिया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि उनकी सरकार ने व्यापारी व उद्यमी को दी जाने वाली रिफंड प्रक्रिया को और तेज कर दिया है। इस संबंध में सरकार ने अभी तक कारोबारियों की 694 करोड़ रुपए की राशि उन तक पहुंचाई है, जो एक रिकॉर्ड है। मुख्यमंत्री का कहना है कि छोटे-बड़े हर व्यापारी का जीएसटी रिफंड उसे तय समय सीमा में देने के लिए दिल्ली सरकार प्रतिबद्ध है। इस मौके पर उन्होंने जीएसटी टीम की कार्यप्रणाली की प्रशंसा की और कहा कि संबंधित विभाग के अधिकारी जीएसटी रिफंड वापस करने के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग भी कर रहे हैं, जिससे व्यापारियों के बैंक खातों में तेजी से उनकी बकाया राशि पहुंच रही है।  मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, "दिल्ली सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों से प्रेरित होकर व्यापार में सुगमता (इज ऑफ डूइंग बिजनेस) वाली नीति पर गंभीरता से कार्य कर रही है। इसके लिए बड़े बाजारों के पुनर्विकास की योजनाएं तैयार की जा रही है तो कारोबारी वर्ग की समस्याओं को सुलझाने और उनके कारोबार को बाधा-रहित चलाने के लिए दिल्ली व्यापारी कल्याण बोर्ड का भी गठन किया जा चुका है। उनकी सरकार मानती है कि राजधानी के कारोबारियों को व्यापार चलाने में जितनी सरलता मिलेगी, राजधानी को विकसित दिल्ली बनाने का सपना उतनी ही तेजी से पूरा होगा। इसलिए व्यापारी वर्ग का रिफंड वापस करने के लिए तेज प्रयास जारी हैं।" मुख्यमंत्री का कहना है कि दिल्ली की पिछली सरकार ने जीएसटी रिफंड करने को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई, जिससे रिफंड राशि में लगातार बढ़ोतरी होती चली गई, लेकिन हमारी सरकार ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया। सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि रिफंड निपटान प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने के लिए जीएसटी विभाग ने आईआईटी-हैदराबाद के सहयोग से एक उन्नत आईटी मॉड्यूल विकसित किया। यह मॉड्यूल डेटा एनालिटिक्स, डेटा ऑटोमेशन और त्वरित जांच प्रक्रिया पर आधारित है, जिससे रिफंड आवेदन शीघ्रता से निपटाए जा रहे हैं। हमारा प्रयास है कि दीपावली तक व्यापारी वर्ग तक इतना रिफंड पहुंचा दिया जाए कि उसका सरकार पर विश्वास और बढ़े, साथ ही उसकी दीपावली का पर्व भी अधिक खुशियां और आनंद लेकर आए। मुख्यमंत्री ने बताया कि हमारी सरकार ने इस वित्तीय वर्ष से व्यापारी वर्ग का जीएसटी रिफंड वापस करने की प्रक्रिया पर गंभीरता से कार्य करना शुरू कर दिया था। मुख्यमंत्री के अनुसार, व्यापार व कर विभाग ने इस वित्त वर्ष 2025-26 में (अप्रैल से अब तक) कुल 7375 रिफंड आवेदनों का निपटारा कर दिया और कुल 694 करोड़ रुपए की रिकॉर्ड राशि व्यापारियों के खातों में जारी कर दी गई है, जो उनका हक था। इस मौके पर, उन्होंने कहा, "सरकार ने एक रिकॉर्ड और भी बनाया है कि उसने सितंबर माह में 227 करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया, जो दिल्ली के रिफंड इतिहास में पहले कभी नहीं किया गया।" मुख्यमंत्री ने व्यापार और कर विभाग के समन्वित प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि समय पर रिफंड जारी किया जाना व्यावसायिक संस्थाओं में विश्वास पैदा करता है। साथ ही व्यापारियों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को तेजी व सुगमता से कार्य करने की प्रेरणा देता है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का कहना है कि छोटे-बड़े हर वर्ग के कारोबारी को जीएसटी रिफंड देने के लिए उनकी सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि सभी बकाया, निर्विवादित और वास्तविक रिफंड आवेदनों का निपटारा जल्द से जल्द किया जाए। मुख्यमंत्री के अनुसार, दिल्ली सरकार का यह भी मानना है कि प्राथमिकता और समयबद्ध रिफंड से कारोबारियों को पूंजी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होगी, उनमें मुकदमेबाजी से उपजा तनाव कम होगा, जिससे दिल्ली की आर्थिक प्रगति को गति मिलेगी। इसका एक दूरगामी प्रभाव यह भी होगा कि राजधानी को विकसित दिल्ली बनाने का हमारी सरकार का लक्ष्य और तेजी से पूरा होगा। हमारी सरकार का लक्ष्य व्यापारियों के लिए 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को मजबूत बनाना है। इसीलिए हमारी सरकार व्यापारिक नियमों को सरल बनाने और व्यापार में आने वाली बेवजह ही अड़चनों को दूर करने के लिए लगातार प्रभावी प्रयास कर रही है।

अरविंद केजरीवाल को लेकर अमित शाह ने दिया करारा जवाब, सोशल मीडिया पर वायरल

नई दिल्ली  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक बार फिर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जमकर बरसते नजर आए। गृहमंत्री ने पूर्व सीएम पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने इतने घोटाले किए कि जनता ने उनके चुनाव का 'घोटाला' कर दिया और अब वह घर बैठे हुए हैं। इसी साल फरवरी में हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी की सरकार को हार का सामना करना पड़ा था और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल अपनी सीट तक नहीं बचा पाए थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को यमुना नदी की सफाई के लिए 1,816 करोड़ रुपये के प्रॉजेक्ट्स की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने पूर्व की आप सरकार और इसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर जोरदार निशाना साधा। शाह ने कहा, 'केजरीवाल जी ने 11 साल में मोहल्ला क्लीनिक का घोटाला, सीएनजी का घोटाला, शराब घोटाला, विज्ञापन का घोटाला, दवा का घोटाला, क्लासरूम का घोटाला, दिल्ली जल बोर्ड का घोटाला, शीशमहल का घोटाला, सीसीटीवी लगाने का घोटाला और पैनिक बटन का घोटाला। इतने घोटाले कर दिए कि दिल्लीवालों ने उनके चुनाव का ही घोटाला कर दिया। और अब वह घर पर बैठ हुए हैं।' गृहमंत्री ने इस दौरान कांग्रेस पर भी जोरदार हमला किया और कहा कि देश में उसकी सरकार थी तो 12 लाख करोड़ के घोटाले हुए। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस की सरकार थी देश में तब 12 लाख करोड़ रुपये के घोटाले किए थे। मोदी जी के 11 साल के शासन में एक भी आरोप हमारे प्रधानमंत्री पर नहीं लगे। यही बताता है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारें जनता को समर्पित सरकारें हैं।' केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि भ्रष्टाचार कम करने और विज्ञापनों पर कम पैसा खर्च करने मात्र से ही यमुना का शुद्धिकरण हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली की जनता ने परिवर्तन को चुना तब प्रधानमंत्री ने कहा था कि हमारी सरकार की प्राथमिकता में सर्वोच्च स्थान पर मां यमुना को शुद्ध करना है। मोदी ने वादा किया था कि हम 2029 से पहले यमुना जी को स्वच्छ करने का काम पूरा कर देंगे। उन्होंने कहा है कि भ्रष्टाचार कम करने और विज्ञापनों पर कम पैसा खर्च करने मात्र से ही यमुना जी का शुद्धिकरण हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आज यमुना के शुद्धिकरण और साफ यमुना के स्वप्न को साकार करने का रास्ता प्रशस्त हो चुका है।  

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: दिवाली पर अब ग्रीन क्रैकर्स हो सकते हैं वैध?

नई दिल्ली  सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली-एनसीआर में दिवाली पर ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल पर लगी रोक हटाने की गुहार लगाई गई है. मामले पर सुनवाई पूरी हो गई है और कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया है. इससे पहले सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा, “आपसे गुजारिश है कि इस पर संतुलित रवैया अपनाया जाए. साथ ही एनसीआर में आने वाले राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट को सुझाव दिया कि दिवाली पर ग्रीन पटाखे छोड़ने की अनुमति दी जाए. साथ ही कहा कि लोगों को 2 घंटे के लिए ग्रीन पटाखे फोड़ने की सख्त अनुमति दी जाए. एनसीआर राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच से कहा, “पटाखे फोड़ने की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दी जा सकती है, जिनमें यह भी शामिल हो कि सिर्फ NEERI की ओर से अनुमोदित ग्रीन पटाखे ही बेचे जाएंगे.” राज्यों का कहना है कि दिवाली पर पटाखे फोड़ने की 2 घंटे (रात 8 बजे से 10 बजे तक) की सख्त अनुमति दी जानी चाहिए. कोर्ट इस पर संतुलित रवैया अपनाएः SG मेहता दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों को मंजूरी देने की मांग पर कोर्ट में आज शुक्रवार सुनवाई शुरू हुई. एसजी तुषार मेहता ने कहा कि कोर्ट इस मामले में संतुलित रवैया अपनाए. उन्होंने कहा कि पटाखे और लड़ियां जैसी चीजें एनसीआर में नहीं बन रही हैं और ना ही ई-कॉमर्स के जरिए बिक रही हैं. दिल्ली के अलावा एनसीआर क्षेत्र में आने वाले राज्यों ने भी बैन लगा रखा है. उन्होंने सुझाव दिया कि पटाखों की बिक्री केवल लाइसेंस प्राप्त व्यापारियों के जरिए ही होनी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वे केवल अनुमति प्राप्त पटाखे ही बेच रहे हों. उन्होंने कहा, “एनसीआर की राज्य सरकारों, जीएनसीटीडी और पीईएसओ द्वारा यह तय किया जाना चाहिए कि फ्लिपकार्ट, अमेजन आदि सहित कोई भी ई-कॉमर्स वेबसाइट कोई भी ऑनलाइन ऑर्डर स्वीकार न करे और न ही कोई ऑनलाइन बिक्री करे.” पटाखे छोड़ने का समय तय किया जाएः SG मेहता मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि दिवाली में कुछ लोग सुबह पूजा करते हैं और पटाखे भी जलाते हैं. इस पर कोर्ट के सामने दलील रखते हुए एसजी मेहता ने कहा कि लोगों का अधिकार है कि वे अपना त्योहार मनाएं. यह नियम दिवाली, क्रिसमस और गुरु पर्व सभी के लिए रहेंगे. लोगों के जश्न मनाने के अधिकार को भी संतुलित किया जाएगा, जो शुद्ध हवा के अधिकार के लिए होंगे. मेहता ने यह भी सुझाव दिया कि क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या पर, पटाखे फोड़ने की अनुमति सिर्फ रात 11.55 बजे से 12.30 बजे तक ही दी जानी चाहिए. इसी तरह गुरुपर्व पर, सुबह 4 बजे से 5 बजे तक और रात 9 बजे से 10 बजे तक पटाखे फोड़ने की अनुमति दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि विवाह और अन्य अवसरों पर, ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति दी जा सकती है. उनका कहना है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले पटाखा निर्माण स्थलों को तुरंत सील कर दिया जाएगा. सिर्फ पटाखों से हवा प्रदूषित नहीं होतीः याचिकाकर्ता सुनवाई के दौरान एक याचिकाकर्ता ने कहा कि सिर्फ पटाखों से ही हवा प्रदूषित नहीं होती, बल्कि पराली और गाड़ियों के प्रदूषण को लेकर भी कोर्ट ने कई आदेश जारी किए हैं. पिछले आदेशों के अनुपालन की अवहेलना पर गौर किया जाना चाहिए. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि ग्रीन पटाखों और उद्योगों के लिए फॉर्मूलेशन स्थापित करने में भारी मात्रा में धनराशि खर्च की गई है. शीर्ष अदालत ने पिछले महीने 26 सितंबर को प्रमाणित निर्माताओं को इस शर्त के साथ ‘ग्रीन’ पटाखे बनाने की अनुमति दे दी थी कि वे बिना उसकी अनुमति के प्रतिबंधित दिल्ली-एनसीआर में इन्हें नहीं बेचेंगे. उसने केंद्र से दिल्ली-एनसीआर में पटाखों के निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध पर नए सिरे से विचार करने को कहा. दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा सहित कुल 16 जिले एनसीआर में आते हैं.  

दिल्ली सरकार निकालेगी शिक्षकों के 5000+ पद, जानें कब से भर सकते हैं फॉर्म

नई दिल्ली दिल्ली सरकार के स्कूलों में अरसे से चल रही शिक्षकों की कमी दूर करने के प्रयास तेज हो गए हैं। दिल्ली सरकार ने 5346 शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया है। इससे पहले सितंबर में 1180 शिक्षकों की भर्ती निकली जा चुकी है। ये भर्ती प्रक्रिया उस योजना का हिस्सा है जिसके तहत सरकारी स्कूल में 18,000 शिक्षकों की नियुक्ति जानी है। इस तारीख से शुरू होगी आवेदन की प्रक्रिया दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड ने रिक्तियों का विज्ञापन दिया है और 9 अक्टूबर से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। दिल्ली सरकार का शिक्षा निदेशालय 1075 स्कूल चलाता है, जिसमें 8,24,225 छात्र नामांकित हैं। इसके अलावा निदेशालय से सहायता प्राप्त 199 स्कूलों में 74,563 छात्र नामांकित हैं। अधिकारियों ने बताया कि शिक्षकों के 18,000 से अधिक पदों में से शिक्षकों की बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं, जिन्हें पिछले कुछ वर्षों में अतिथि शिक्षकों से भरा गया है।  

ECI को HC का निर्देश: जनसंघ के उम्मीदवार अब एक ही चुनाव चिह्न के साथ चुनाव मैदान में

नई दिल्ली दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) को निर्देश दिया कि अखिल भारतीय जनसंघ (ABJS) को बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कॉमन चुनाव चिह्न आवंटित किया जाए। कॉमन चुनाव चिह्न मिलने पर अखिल भारतीय जनसंघ के सभी प्रत्याशियों को एक ही चुनाव चिह्न आवंटित किया जाएगा, जैसे की भाजपा, कांग्रेस या अन्य किसी राजनीतिक पार्टी के प्रत्याशियों को मिलता है। न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ ने आदेश के तहत कॉमन चुनाव चिह्न के आवंटन के लिए चुनाव आयोग में एक आवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। जनसंघ ने याचिका दायर कर चुनाव आयोग को पार्टी के 25 अगस्त के आवेदन पर विचार करने और जनसंघ के बैनर तले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एक ही चुनाव चिह्न आवंटित करने का निर्देश देने की मांग की थी। पार्टी की तरफ से तर्क दिया गया था कि जनसंघ का नाम निर्वाचन आयोग की ओर से 20 अक्टूबर 1989 के अपने पत्र के माध्यम से विधिवत पंजीकृत किया गया था। निर्वाचन आयोग ने पार्टी में आंतरिक विवाद का हवाला देते हुए बिहार चुनावों के लिए समान चुनाव चिह्ल आवंटित करने से इनकार कर दिया था।   यह भी तर्क दिया गया था कि समीर सिंह चंदेल की ओर से उठाया गया विवाद अब प्रासंगिक नहीं रहा क्योंकि उन्हें 2019 में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। ऐसे में निष्कासन के बाद पार्टी के मामलों से उनका कोई लेना-देना नहीं है। यह भी कहा गया कि पार्टी की ओर से 25 मार्च को जारी एक पत्र का भी हवाला दिया, जिसमें पार्टी के नए पदाधिकारियों और कार्यकारिणी के नामों का विवरण दिया गया था। वहीं, निर्वाचन आयोग ने 2019, 2020 और 2021 में जारी विभिन्न पत्रों का हवाला देते हुए कहा था कि ये पत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने का दावा करने वाले समीर सिंह चंदेल और उनके नेतृत्व वाले उक्त गुट के कई अन्य सदस्यों से प्राप्त हुए थे। ऐसे में पार्टी के आंतरिक विवादों को देखते हुए जनसंघ को चुनाव चिह्न नहीं दिया जा सकता है। हालांकि, अदालत ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए याचिका स्वीकार कर ली कि पार्टी को चुनाव आयोग द्वारा आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई थी और इसके लिए उसे एक समान चिन्ह भी आवंटित किया गया था।  

10 Kg का ट्यूमर हटाकर जीवन बदल दिया: दिल्ली के डॉक्टरों की कमाल की सर्जरी

नई दिल्ली  दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टरों ने 19 साल की लड़की को नई जिन्दगी दी। लड़की के पेट में पांच साल से ट्यूमर बन रहा था। पेट में पल रही गांठ ने 10 किलोग्राम का आकार ग्रहण कर लिया था, जिसे सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने एक ऐतिहासिक सर्जरी के साथ समाप्त कर दिया। डॉक्टरों ने बताया, 30 x 20 x 20 सेमी माप और 10.1 किलोग्राम वजन वाले दुर्लभ रेट्रोपेरिटोनियल ट्यूमर ने प्रमुख अंगों और वाहिकाओं को विस्थापित कर दिया था, जिससे सर्जिकल टीम के लिए गंभीर चुनौती पैदा हो गई थी। डॉक्टरों की टीम ने बिना किसी जटिलता के ट्यूमर को सफलतापूर्वक हटा दिया। इस जटिल ऑपरेशन में एनेस्थिसियोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, सीटीवीएस विशेषज्ञ, ओटी और आईसीयू स्टाफ, और सहायक टीमें शामिल थीं। सभी विशेषज्ञों का एक ही लक्ष्य था कि मरीज के अंग अपनी सामान्य स्थिति में आ जाएं और ऑपरेशन के बाद शरीर सामान्य तरह से रिकवर करने लगे। डॉक्टरों ने बताया, एचडीयू वार्ड 24 में गहन देखभाल और निरंतर सहायता के बाद, मरीज को अच्छे स्वास्थ्य में छुट्टी दे दी गई। यह जटिल मामला सफदरजंग अस्पताल की विशेषज्ञता, टीमवर्क और जीवन रक्षक देखभाल के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिससे एक युवती और उसके परिवार को भविष्य के लिए नई उम्मीद मिली है। निदेशक डॉ. संदीप बंसल, प्रिंसिपल डॉ. गीतिका खन्ना, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. चारु बांबा और एचओडी एनेस्थीसिया डॉ. कविता शर्मा के नेतृत्व में, विशेषज्ञ सर्जिकल टीम—जिसका नेतृत्व सर्जरी यूनिट एस6 की प्रोफेसर डॉ. शिवानी बी परुथी ने इस जटिल ऑपरेशन को सफल बनाया है।  

एशिया की नई विकास राजधानी: जेवर से उड़ान भरेगा दिल्ली-NCR का भविष्य

नई दिल्ली दिल्ली-NCR क्षेत्र में अब तक लगभग 3.5 करोड़ लोग रहते हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। पिछले बीस सालों में यह क्षेत्र दक्षिण में गुड़गांव और पूर्व में नोएडा की तरफ काफी फैल चुका है। इस विस्तार के चलते दिल्ली-एनसीआर टोक्यो के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शहरी इलाका बन गया है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, अगले चार सालों में यह क्षेत्र टोक्यो को भी पीछे छोड़ देगा। दिल्ली-एनसीआर के तेजी से विकास में सबसे बड़ा योगदान नोएडा के जेवर में बनने वाले नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का होगा। इस एयरपोर्ट का नाम नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (NIA) रखा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिसंबर से यहां से कॉमर्शियल उड़ानें शुरू होने वाली हैं। यह एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार और स्विस कंपनी ज्यूरिख एजी के सहयोग से विकसित किया गया है। पूर्वी क्षेत्र के लिए खुलेंगे विकास के दरवाजे मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नई दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे की तरह, नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (NIA) भी क्षेत्रीय विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। जहां इंदिरा गांधी हवाई अड्डा दक्षिणी दिल्ली के विकास का कारण बना, वहीं नोएडा एयरपोर्ट पूर्वी दिल्ली-एनसीआर के क्षेत्रों जैसे मेरठ, गाजियाबाद, मथुरा और आगरा को जोड़कर इस क्षेत्र के विकास को नई दिशा देगा। जेवर स्थित नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शहर से लगभग 60 किलोमीटर दूर है। शुरुआत में इस एयरपोर्ट में एक रनवे और एक टर्मिनल (T1) होगा, जो सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों को संभाल सकता है। भविष्य में इस एयरपोर्ट को बढ़ाकर सालाना 7 करोड़ यात्रियों की क्षमता तक ले जाया जाएगा। इसके साथ ही आने वाले वर्षों में यहां कार्गो हब, विमान मरम्मत केंद्र जैसी आधुनिक सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी, जिससे यह क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए महत्वपूर्ण केंद्र बन जाएगा। शुरुआती दौर में 10 शहरों से शुरू होंगी उड़ाने मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि शुरुआती दौर में कम से कम 10 शहरों से नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (NIA) के लिए सीधे उड़ानें शुरू होंगी। मंत्री ने बताया कि इससे यात्रियों को सुविधा मिलेगी और आसपास के इलाके आर्थिक रूप से मजबूत होंगे। इस पहल से दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्रों के विकास को भी बल मिलेगा। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पूरी तरह से आधुनिक तकनीक से लैस होगा। यात्री यहां स्पर्शरहित (contactless) सफर की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे, जिससे यात्रा और भी तेज और आरामदायक होगी। सुरक्षा जांच में 3डी स्कैनर और बॉडी स्कैनर जैसे अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा, हवाई अड्डे में दो आरामदायक लाउंज और एक खास वीआईपी टर्मिनल भी मौजूद होगा, जो यात्रियों को बेहतर सुविधा और अनुभव प्रदान करेगा। यात्रियों को खास अनुभव देने के लिए तैयार मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (NIA) के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने बताया कि यह एयरपोर्ट स्विस दक्षता और भारतीय गर्मजोशी के मिश्रण से डिजाइन किया गया है। यह हवाई अड्डा आधुनिक वास्तुकला और क्षेत्रीय सांस्कृतिक तत्वों को जोड़कर बनाया गया है, जिससे यात्रियों को यात्रा के दौरान एक खास और यादगार अनुभव मिलेगा। जब इंदिरा गांधी हवाई अड्डा और नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (NIA) साथ मिलकर काम करेंगे, तो दिल्ली-NCR क्षेत्र में कॉमर्शियल, इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्लोबल कनेक्टिविटी की गति दोगुनी हो जाएगी। इससे न केवल इस क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा, बल्कि यहां रहने वाले लोगों की जीवनशैली भी बेहतर बनेगी। यह पहल दिल्ली-एनसीआर को वैश्विक स्तर पर और अधिक प्रतिस्पर्धी और सुलभ बनाएगी।

डिजिटल युग में कदम: DU की सदी पुरानी सेंट्रल लाइब्रेरी का होगा मेकओवर

नई दिल्ली दिल्ली यूनिवर्सिटी की सेंट्रल लाइब्रेरी को आधुनिक जमाने के अनुसार ढालने की तैयारी की जा रही है। लाइब्रेरी के विस्तार के बाद छात्रों के बैठने की क्षमता लगभग 3,400 हो जाएगी, जबकि वर्तमान में यहां केवल 700 सीटें उपलब्ध हैं। यह बदलाव केवल संरचनात्मक (ईंट-सीमेंट) तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि लाइब्रेरी को डिजिटल सुविधाओं से भी लैस किया जाएगा। इसे देखते हुए डीयू में लाइब्रेरी का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है, जो छात्रों के अध्ययन और शोध के अनुभव को और बेहतर बनाएगा। दिल्ली यूनिवर्सिटी की सेंट्रल लाइब्रेरी अपने सैकड़ों साल पुराने इतिहास और विरासत को संभालकर रखती है। इसमें शामिल हैं.18वीं और 19वीं सदी की पांडुलिपियां, कई भाषाओं में लिखी दुर्लभ किताबें,दुर्लभ रत्न और ऐतिहासिक दस्तावेज, मुगल बादशाह औरंगजेब द्वारा जारी तीन मूल फरमान,यह लाइब्रेरी न केवल आधुनिक शिक्षा का केंद्र है, बल्कि भारतीय और वैश्विक ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने में भी अहम भूमिका निभाती है। DU की सेंट्रल लाइब्रेरी का इतिहास दिल्ली यूनिवर्सिटी की स्थापना साल 1922 में हुई थी और उस समय इसकी लाइब्रेरी काफी साधारण थी। शुरुआत में इसमें केवल 1,380 उपहार में मिली किताबें और 86 पत्रिकाएं थीं और यह अस्थाई स्थानों से संचालित होती थी। साल 1933 से 1958 के बीच लाइब्रेरी वाइस रीगल लॉज के बॉलरूम में रही, और फिर 1958 में यह सेंट्रल लाइब्रेरी के वर्तमान भवन में शिफ्ट कर दी गई। शुरुआत में लाइब्रेरी में 1,500 से भी कम किताबें थीं, लेकिन आज इसका संग्रह बढ़कर 650,000 से ज्यादा किताबों तक पहुंच गया है। यह विकास लाइब्रेरी को छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए आधुनिक और विशाल अध्ययन केंद्र बनाता है। क्या है DU की लाइब्रेरी की खासियत? दिल्ली यूनिवर्सिटी की सेंट्रल लाइब्रेरी की सबसे बड़ी खासियत इसकी बर्मा टीक की अलमारियां हैं। ये अलमारियां 1938 से 1952 के बीच डीयू के कुलपति और भारतीय संघीय न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मौरिस ग्वायर द्वारा दान की गई थीं। इन अलमारियों में 27,000 से ज्यादा थीसिस रखी गई हैं। इनमें से पहली थीसिस 1958 में जमा की गई थी, जिसका शीर्षक था ‘भागवत पुराण का एक आलोचनात्मक अध्ययन’। यह संग्रह न केवल लाइब्रेरी के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है, बल्कि शोध और अकादमिक अध्ययन के लिए भी अमूल्य संसाधन है। दिल्ली यूनिवर्सिटी की सेंट्रल लाइब्रेरी के ऊपर के फ्लोर पर स्थित दुर्लभ पुस्तक रूम विद्वानों और शोधकर्ताओं के लिए आकर्षण का केंद्र है। इस पुस्तक रूम के संग्रह में शामिल हैं: मुगल बादशाह औरंगजेब द्वारा जारी तीन मूल फरमान (1676 ई., एएच 1087) जॉर्ज मेरेडिथ की कविताएं (1808) एडब्ल्यू किंगलेक की ईथेन (1863) 18वीं और 19वीं शताब्दी की तिब्बती पांडुलिपियां भारत के 750 ई. के मानचित्र यह संग्रह न केवल ऐतिहासिक दस्तावेजों और पांडुलिपियों का भंडार है, बल्कि शोध और अध्ययन के लिए अमूल्य संसाधन भी प्रदान करता है। अब हो रहा लाइब्रेरी का विस्तार दिल्ली यूनिवर्सिटी की सेंट्रल लाइब्रेरी के विस्तार के लिए लंबे समय से जमीन रिजर्व रखी गई थी और अब इस योजना पर काम शुरू हो गया है। लाइब्रेरी में तीन नए विंग बनाए जा रहे हैं, जो सभी चार-मंजिला ब्लॉक होंगे। इस विस्तार से लाइब्रेरी का क्षेत्रफल 4,775 स्क्वायर मीटर से बढ़कर 18,525 स्क्वायर मीटर हो जाएगा। दिल्ली यूनिवर्सिटी की सेंट्रल लाइब्रेरी के विस्तार में आधुनिक तकनीक को भी शामिल किया गया है। नई योजना में बायोमेट्रिक गेट और मेटालिक चिप्स वाली किताबें शामिल हैं, जो लाइब्रेरी को डिजिटल और स्मार्ट बनाएंगी। इस पूरी योजना का बजट 110 करोड़ रुपये रखा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लाइब्रेरी के विस्तार का पहला चरण इस साल फरवरी में शुरू हुआ था और इसे दिसंबर के अंत तक पूरा किए जाने का अनुमान है। मुख्य बदलाव: लाइब्रेरी का क्षेत्रफल 4,775 से बढ़कर 18,525 स्क्वायर मीटर होगा। बैठने की क्षमता 700 से बढ़कर लगभग 3,400 सीटें होगी। तीन नए चार-मंजिला विंग बनेंगे। डिजिटलाइजेशन के जरिए पांडुलिपियों और दुर्लभ पुस्तकों को संरक्षित किया जाएगा। लाइब्रेरी में बायोमेट्रिक गेट और मेटालिक चिप्स वाली किताबें शामिल होंगी। डीयू ई-लाइब्रेरी पोर्टल से छात्रों को पूरे नेटवर्क के 17.5 लाख संसाधनों तक ऑनलाइन पहुंच मिलेगी। इस विस्तार और डिजिटल पहल से सेंट्रल लाइब्रेरी न केवल आधुनिक बनेगी, बल्कि शोध और अध्ययन के लिए एक सशक्त और स्मार्ट केंद्र के रूप में उभरेगी। डिजिटलाइजेशन पर दिया जा रहा जोर दिल्ली यूनिवर्सिटी की सेंट्रल लाइब्रेरी, जो 100 साल पुरानी में ज्ञान का विशाल भंडार मौजूद है। यहां रखी किताबें और पांडुलिपियां अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जिन्हें संरक्षित रखने के लिए डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है। सेंट्रल लाइब्रेरी, डीयू के 34 लाइब्रेरी नेटवर्क का केंद्र है, जिसमें छात्रों को कुल 17.5 लाख पुस्तकें उपलब्ध हैं। अब डीयू ई-लाइब्रेरी पोर्टल के जरिए छात्रों को पूरे सिस्टम के सभी संसाधनों तक ऑनलाइन पहुंच मिलेगी, जिससे अध्ययन और शोध और अधिक सुलभ और प्रभावी हो जाएगा।

10 नई मुफ्त एम्बुलेंस सेवाओं के साथ दिल्ली में स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी

नई दिल्ली राजधानी दिल्ली में आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को और मजबूत बनाने के लिए रेखा सरकार ने अहम कदम उठाया है। रविवार (5 अक्टूबर) को दिल्ली के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने ‘आकाश कम्युनिटी लाइफ सेवर्स (ACLS) निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा’  के तहत 10 नई एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। आकाश हेल्थकेयर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल द्वारा शुरू की गई यह पहल दिल्ली-NCR में त्वरित चिकित्सा सहायता मुहैया कराने और समय पर आपातकालीन सेवाएं सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने एम्बुलेंस सेवा का शुभारंभ दिल्ली के द्वारका स्थित आकाश हेल्थकेयर अस्पताल में आयोजित समारोह से किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आईपीएस अधिकारी रॉबिन हिबू, आकाश हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक डॉ. आशीष चौधरी और स्वास्थ्य क्षेत्र की कई नामी हस्तियां मौजूद रहीं। दिल्ली-NCR में शुरू की गई 10 मुफ्त एम्बुलेंस सेवाएं अत्याधुनिक तकनीक और आवश्यक आपातकालीन उपकरणों से सुसज्जित हैं। प्रत्येक एम्बुलेंस में निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध हैं: कार्डियक मॉनिटर, डिफिब्रिलेटर, वेंटिलेटर, सक्शन मशीन, इन्फ्यूजन पंप, ग्लूकोमीटर, पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडर, व्हीलचेयर, स्कूप स्ट्रेचर और स्पाइन बोर्ड, प्रशिक्षित पैरामेडिक स्टाफ और आपातकालीन दवाएं. ये एम्बुलेंस एआई, जीपीआरएस ट्रैकिंग और सीसीटीवी से लैस हैं, जिससे रियल-टाइम मॉनिटरिंग और त्वरित सेवा सुनिश्चित की जा सकेगी। सेवा का लाभ लेने के लिए लोग टोल-फ्री नंबर 1800-303-8888 पर कॉल कर सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने किया एम्बुलेंस सेवा के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने सरकारी और निजी भागीदारी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा कहा है कि जब सरकारी संस्थान निजी अस्पतालों या संस्थाओं के साथ मिलकर जनता को सेवाएं प्रदान करते हैं, तो उस राज्य की दशा और दिशा दोनों बदल जाती है। चिकित्सा क्षेत्र में सहयोग के लिए हम इस एम्बुलेंस सेवा के शुभारंभ का स्वागत करते हैं।” एक कॉल पर मरीज तक पहुंचेगी एम्बुलेंस स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने कहा कि इस नई एम्बुलेंस सेवा के शुरू होने से आदर्श प्रतिक्रिया समय 30 मिनट से घटकर लगभग 25 मिनट हो गया है। उन्होंने बताया कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कॉल करते ही एम्बुलेंस तुरंत मरीज तक पहुंच सके। डॉ. सिंह ने कहा कि राजधानी में कॉलर सिस्टम को और बेहतर बनाने के लिए लगातार काम चल रहा है और आकाश हॉस्पिटल समेत अन्य संस्थानों से भी उन्होंने आग्रह किया कि इस दिशा में और तेजी से सुधार करें। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने कहा कि यह एम्बुलेंस सेवा दिल्ली के लिए बेहतर सुविधा के साथ एक प्रशंसनीय कदम है। उन्होंने सभी संस्थाओं से अपील की कि भविष्य में ऐसे ही सहयोगात्मक प्रयास किए जाएं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ACLS एम्बुलेंस सेवा पूरी तरह से निःशुल्क है और इसके लिए दिल्ली की जनता से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। मिलावटी खाद्य पदार्थों पर नजर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने बताया कि त्योहारी सीजन में राजधानी दिल्ली में मिलावटी खाद्य पदार्थों पर पूरी तरह लगाम लगाने के लिए सख्त कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली स्वास्थ्य विभाग और फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की टीमें पूरी तरह सक्रिय हैं और मिलावटखोरों के खिलाफ लगातार छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। सिंह ने बताया कि राजधानी के विभिन्न स्थानों और बड़ी मंडियों में छापेमारी की कार्रवाई पहले ही की जा चुकी है और आगे भी यह अभियान लगातार जारी रहेगा, ताकि त्योहारों के दौरान जनता को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराए जा सकें। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने मिलावटखोरों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति या संस्था जो मिलावटी या नकली खाद्य पदार्थ बेचते हुए पकड़ा जाएगा, उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। डॉ. सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग और फूड सेफ्टी की टीमें पूरी तैयारी के साथ लगातार छापेमारी में जुटी हैं और राजधानी में मिलावट करने वाला कोई भी बच नहीं पाएगा।