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कांग्रेस ऑफिस पर BJP का हल्ला बोल, मारपीट-तोड़फोड़ का आरोप

पटना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दरभंगा में कांग्रेस नेता मोहम्मद नौशाद के मंच से मां की गाली देने से भड़के भाजपा कार्यकर्ता शुक्रवार की सुबह पटना में सड़कों पर उतर आए और बिहार कांग्रेस के दफ्तर सदाकत आश्रम पर हमला बोल दिया। नीतीश कुमार की सरकार में बीजेपी के मंत्री नितिन नबीन और संजय सरावगी के नेतृत्व में कांग्रेस दफ्तर तक मार्च गया था, जो वहां उग्र हो गया। भाजपा के कार्यकर्ता सदाकत आश्रम के अंदर घुस गए। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा वालों ने दफ्तर में मौजूद लोगों से मारपीट की और कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की है। कांग्रेस का आरोप है कि मंत्री और उनके बॉडीगार्ड हमले में शामिल थे जबकि पुलिस मिली हुई थी। विपक्षी दलों के महागठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान बुधवार को दरभंगा में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के स्वागत में कांग्रेस नेता नौशाद के मंच से पीएम को मां की गाली दी गई थी। गुरुवार देर रात आरोपी रिजवी को गिरफ्तार कर लिया गया है। शुक्रवार को इसी बात को लेकर पटना में कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। बीजेपी नेता और कार्यकर्ता पटना के कुर्जी अस्पताल से सदाकत आश्रम तक विरोध मार्च निकाला। कांग्रेस दफ्तर पहुंचने के बाद कांग्रेस और बीजेपी के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। फिर मार्च में शामिल भाजपा कार्यकर्ता सदाकत आश्रम में ही घुस गए। इस पर कांग्रेस वर्कर भी उग्र हो गए। दोनों ओर से लाठी और डंडे चले हैं। सदाकत आश्रम में खड़ी गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए हैं। झंडे वाले डंडे से मारपीट में दोनों और से कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। पटना जिला के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष परवेज अहमद ने आरोप लगाया कि पुलिस भाजपा वालों के साथ मिली हुई थी। मंत्री के बॉडीगार्ड भी मारपीट कर रहे थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा वालों ने सदाकत आश्रम में खड़े एक ट्रक और तीन कार का शीशा फोड़ दिया। उस समय कांग्रेस मुख्यालय में करीब 15 कर्मचारी थी। इन्होंने अंदर घुसे भाजपाइयों का विरोध किया तब भिड़ंत हुई। प्रदर्शनकारियों के पत्थर और डंडे से सेवादल के कार्यालय मंत्री विपिन झा और पूर्व जिलाध्यक्ष परवेज अहमद का माथा फट गया। कांग्रेस ने कहा है कि दफ्तर के स्टाफ विपिन और दिनेश शंकर दास समेत अन्य कर्मचारियों को भी पीटा गया है। पुलिस इस झड़प के बाद पहुंची, तब भाजपा कार्यकर्ता वहां से हटे। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि वहां पहले से चार-पांच पुलिसकर्मी थे लेकिन मूकदर्शक बने रहे। प्रदर्शनकारियों ने बस को क्षतिग्रस्त किया मार्च में शामिल मंत्री संजय सरावगी ने कहा कि पीएम की दिवंगत माता को गालियां दी गईं और विरोध पर कांग्रेस के गुंडों ने भाजपा के जुलूस पर हमला कर दिया। सदाकत आश्रम के अंदर से पत्थर चलाए गए, जिसमें हमारे कई कार्यकर्ता जख्मी हो गए हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मंत्री नितिन नबीन ने कहा कि देश का अपमान करना कांग्रेस का चरित्र है। पहले राहुल गांधी ने पीएम के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया और उसके बाद उनके कार्यकर्ता भी गाली देने लगे। यह देश का अपमान है, जिसे कोई सहन नहीं करेगा। नितिन नबीन ने कहा कि कांग्रेस ऑफिस में पहले से पत्थर रखे गए थे। हमारे कई कार्यकर्ता जख्मी हैं। लेकिन सही समय पर वोट के चोट से उन्हें जवाब दिया जाएगा।

पूर्व मंत्री रामदास सोरेन को दी श्रद्धांजलि, CM और राज्यपाल रहे शामिल

रांची झारखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री स्व. रामदास सोरेन के श्राद्ध संस्कार भोज में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हुए। उनके साथ उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी मौजूद थी। मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी ने स्व. रामदास सोरेन के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों से मुलाकात कर शोक संवेदना व्यक्त की। इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत और पत्नी कल्पना सोरेन दोपहर करीब 2:15 बजे हेलीकॉप्टर से घोड़ाबांधा स्थित कम्फुटा मैदान में बनाए गए अस्थाई हेलीपैड पर उतरे, जहां से वे सीधे श्राद्ध स्थल पहुंचे। वहीं, राज्यपाल संतोष गंगवार ने भी रामदास सोरेन के श्राद्ध कर्म में भाग लिया। राज्यपाल ने रामदास सोरेन की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की। अनुष्ठान में भाग लेने के बाद राज्यपाल ने सोरेन के परिवार के सदस्यों से भी मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। बता दें कि श्राद्ध भोज के आयोजन के लिए घोड़ाबांधा में एक भव्य पंडाल तैयार किया गया था, जिसमें वीआईपी अतिथियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। कार्यक्रम में स्थानीय लोगों के साथ-साथ कई गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे। गौरतलब है कि रामदास सोरेन का 15 अगस्त को राष्ट्रीय राजधानी के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था। रामदास सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पूर्वी सिंहभूम जिला समिति के अध्यक्ष भी थे। सोरेन को 2 अगस्त को यहां घोड़ाबांधा स्थित अपने आवास के शौचालय में गिरने के बाद सिर में गंभीर चोट लगी थी और उन्हें दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने 15 अगस्त को अंतिम सांस ली। सोरेन ने 2024 में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के बेटे एवं भारतीय जनता पार्टी के बाबूलाल सोरेन को हराकर घाटशिला विधानसभा सीट पर तीसरी बार जीत हासिल की थी।  

पटना कोर्ट परिसर में बम की सूचना पर मचा हड़कंप, जांच में जुटी पुलिस

पटना पटना व्यवहार न्यायालय को शुक्रवार को गंभीर बम धमकी मिली, जिसके बाद पूरे न्यायालय परिसर में हड़कंप मच गया। धमकी ईमेल के माध्यम से न्यायालय के जज को भेजी गई। सूचना मिलने के तुरंत बाद पटना पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच में जुट गए। वहीं, कोर्ट परिसर को पूरी तरह खाली करवा दिया गया और सभी सुनवाईयां नई तारीख पर स्थगित कर दी गईं। बम स्क्वॉड की टीम को भी बुलाया गया और न्यायालय परिसर में विस्तार से तलाशी अभियान चला। हालांकि, तलाशी के दौरान किसी प्रकार का विस्फोटक पदार्थ नहीं मिला। पटना पुलिस का कहना है कि धमकी किस ओर से और किसने भेजी, इसकी जांच की जा रही है। साइबर सेल और अन्य जांच टीमों की मदद भी ली जा रही है। पुलिस ने कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और जल्द ही मामले का खुलासा कर दिया जाएगा। धमकी ईमेल में कहा गया है कि बिहार से तमिलनाडु जाने वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या बढ़ने से तमिलनाडु की स्थानीय जनसंख्या संरचना प्रभावित हो रही है। धमकी में बताया गया कि चार आरडीएक्स आईईडी न्यायाधीश के कक्ष और परिसर में स्थापित किए गए हैं। इसके साथ ही ईमेल में यह भी दावा किया गया कि यह अभियान पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से चलाया जा रहा है और बिहार श्रमिकों को चेन्नई भेजना बंद किया जाए। इस धमकी के बाद पटना व्यवहार न्यायालय की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और पुलिस मामले की गहन जांच में लगी हुई है। वहीं, पटना व्यवहार न्यायालय के वकील राजन सिंह ने बताया कि यह दूसरी बार है जब पटना सिविल कोर्ट को बम धमकी मिली है। उन्होंने कहा कि पटना पुलिस से अपील है कि इस मामले को गंभीरता से लें और धमकी देने वाले को तुरंत गिरफ्तार करें। उन्होंने यह भी बताया कि पिछली बार धमकी देने वाले की गिरफ्तारी हुई या नहीं, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। इस बार धमकी मिलने के बाद कोर्ट में अफरातफरी मच गई और हम सभी फौरन अपने-अपने चैंबर से बाहर निकल आए। राजन सिंह ने कहा कि पटना पुलिस कोर्ट में कड़ी सुरक्षा मुहैया कराए।

सीएम हेमंत सोरेन का बड़ा फैसला: मृत कर्मियों के परिजनों को मिली आर्थिक सहायता

रांची झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अलग-अलग दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले तीन सरकारी कर्मचारियों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये के चेक सौंपे। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, गुमला के कांस्टेबल अजीत कुमार, सरायकेला के कांस्टेबल अनिल कुमार और राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक सुशील कुमार मरांडी अलग-अलग दुर्घटनाओं में मारे गए थे। मृतकों के परिवारों को राज्य विधानसभा में एक विशेष बीमा योजना के तहत यह राशि प्रदान की गई। सोरेन ने चेक सौंपने के बाद ‘एक्स' पर लिखा, “हमारी सरकार राज्य में कार्यरत उन कर्मचारियों के परिवारों के साथ हमेशा खड़ी है, जिनकी सेवा के दौरान किसी दुर्घटना में मृत्यु हो गई। मृतक कर्मचारियों के परिवारों को उनके अधिकार और हक सम्मान के साथ दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं।” मौके पर दिवंगत कर्मियों के परिजनों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति आभार व्यक्त किया। आश्रितों ने कहा कि राज्य सरकार के कार्य सराहनीय हैं। मुख्यमंत्री को आज सभी आश्रित परिजन धन्यवाद देते हैं। राज्य सरकार के प्रयास से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की विशेष बीमा कवरेज योजना के तहत सभी आश्रित परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए का आकस्मिक लाभ मिला है।. इस राशि से परिवार का भरण-पोषण एवं बच्चों की पढ़ाई में काफी मदद मिलेगी।  

पश्चिम बंगाल में SIR का श्रीगणेश, भर्ती प्रक्रिया शुरू, तैयारियों में तेजी

कलकत्ता पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की तीखी आलोचना करने के बावजूद राज्य में यह कवायद जल्द ही शुरू हो रही है. निर्वाचन आयोग ने इसका श्रीगणेश कर दिया है. आयोग के निर्देश पर राज्य प्रशासन ने 24 घंटे के भीतर निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) और सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों (एईआरओएस) की नियुक्ति का निर्देश दिया है. बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) की लंबित नियुक्ति को भी निश्चित समय सीमा में भरने को कहा गया है. राज्य प्रशासन को यह निर्देश पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी यानी सीईओ मनोज अग्रवाल के पत्र के जरिए दिया गया है. इसमें राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत को ईआरओएस और एईआरओएस के सभी रिक्त पदों को भरने के लिए कहा गया है. सीईओ अग्रवाल ने इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) या डीएम (जिला मजिस्ट्रेट) को भी इस बाबत पत्र भेजा है. राज्य में बूथ लेवल ऑफिसर्स यानी बीएलओ की भर्ती प्रक्रिया पहले से ही चल रही है. इसे शुक्रवार तक पूरा करना है. 'एसआईआर के लिए तैयार रहें' अगले चुनाव के लिए बनाई जा रही व्यवस्था के मुताबिक पश्चिम बंगाल में लगभग 80,000 मतदान केंद्रों की संख्या बढ़कर 95,000 से अधिक हो जाएगी. निर्वाचन आयोग में उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इन पत्रों का उद्देश्य बंगाल में एसआईआर शुरू करने के लिए तैयार रहना है. जब भी निर्वाचन आयोग अधिसूचना जारी कर इसकी घोषणा करे काम तत्काल आगे बढ़े. इसीलिए मुख्य सचिव ने सभी डीएम के साथ बैठक में सभी ईआरओ और एईआरओ को नियुक्त करने का आदेश दिया है. शुक्रवार तक पूरी करनी होगी बीएलओ भर्ती की प्रक्रिया राज्य के सभी जिलाधिकारियों को कहा गया है कि ईआरओ पदों पर डिप्टी मजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से बहाल किया जाए. आमतौर पर एसडीओ (उप-विभागीय अधिकारी) स्तर के अधिकारियों को ईआरओएस के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए. हालांकि, यदि उस स्तर का कोई अधिकारी उपलब्ध न हो, तो वरिष्ठ डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों को ईआरओ को भी ये जिम्मेदारी दी जा सकती है. वर्तमान में राज्य भर में एईआरओ के 610 पद रिक्त हैं. इनके लिए भर्ती प्रक्रिया निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरी की जानी है. बीएलओ भर्ती की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है. इसे शुक्रवार तक पूरा करना है. उसके बाद 95,000 मतदान केंद्रों, बीएलओ पर्यवेक्षकों के इन पदों पर भर्ती और 'रिजर्व' की प्रक्रिया पूरी करनी होगी.  बिहार में दूसरे चरण के सिर्फ चार दिन बाकी इस बीच, बिहार में मतदाता सूची के दूसरे चरण के समापन में केवल चार दिन शेष रह गए हैं. राज्य विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल राजद ने तीन शिकायतें दर्ज कराकर इस प्रक्रिया में प्रवेश कर लिया है. निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि कुल 1.95 लाख आवेदन मतदाताओं से प्राप्त हुए हैं, जिनमें सीपीआई (एमएल) लिबरेशन के 79 आवेदन शामिल हैं.  उन्होंने बताया कि ईसीआई को व्यक्तिगत मतदाताओं से प्राप्त कुल 1,95,802 आवेदनों में से 24,991 का निपटारा ईआरओ द्वारा किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि दावे और आपत्तियां की अवधि, जो 1 अगस्त को शुरू हुई थी, 1 सितंबर तक सक्रिय रहेगी. सिर्फ सीपीआई (एमएल) लिबरेशन और आरजेडी ने दर्ज कराईं शिकायतें   अधिकारियों ने बताया कि सीपीआई (एमएल) लिबरेशन और आरजेडी ही दो राजनीतिक दल हैं जिन्होंने अब तक मसौदा सूची से संबंधित 82 शिकायतें दर्ज करते हुए आपत्तियां दर्ज कराई हैं. उन्होंने आगे बताया कि बार-बार अपील के बावजूद, अन्य राजनीतिक दलों ने संशोधन प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग नहीं लिया है.  उन्होंने बताया कि 1 अगस्त से अब तक 8,51,788 नए मतदाताओं ने, जो एसआईआर के शुरू होने के बाद 18 वर्ष के हो गए हैं, नामावलियों में शामिल होने के लिए आवेदन किया है और उनमें से 37,050 फार्मों का निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों द्वारा निपटारा किया जा चुका है.

सोशल मीडिया पर पीएम मोदी को गाली, दरभंगा से आरोपी युवक हिरासत में

दरभंगा   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कांग्रेस की वोट अधिकार यात्रा के दौरान गाली देने वाले आरोपी कांग्रेस नेता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बिहार पुलिस की टीम ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को दरभंगा से दबोच लिया। पुलिस ने आरोपी की पहचान सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के भोपुरा गांव निवासी रिजवी उर्फ राजा के रूप में की है। उस पर आरोप है कि उसने मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और भद्दी-भद्दी गालियां दीं।   घटना के बाद इस मामले में सिमरी थाना में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने बताया कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है और आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है। इस घटना के बाद जिले में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। भाजपा जिलाध्यक्ष ने दर्ज करवाई थी प्राथमिकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी स्वर्गीय माता पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष आदित्य नारायण चौधरी ने दरभंगा साइबर थाना में कांग्रेस नेता नौशाद समेत अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। भाजपा नेता ने अपनी लिखित शिकायत में कहा कि 27 अगस्त को विपक्ष के नेता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की मौजूदगी में महागठबंधन द्वारा आयोजित वोटर अधिकार यात्रा के दौरान मंच से प्रधानमंत्री और उनकी माता के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की गई। जिलाध्यक्ष ने इसे अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह सिर्फ प्रधानमंत्री नहीं बल्कि पूरे देश का अपमान है। उन्होंने पुलिस से आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। वहीं, पुलिस टीम मुख्य आरोपी नौशाद की तलाश में छापेमारी कर रही है। एसएसपी जगुनाथ रेड्डी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में एक आरोपी को पकड़ा गया है और उससे पूछताछ की जा रही है। अन्य आरोपियों की तलाश में दरभंगा पुलिस की टीम लगातार छापेमारी कर रही है। सिमरी थानाध्यक्ष ने रिजवी उर्फ रफीक उर्फ राजा को गिरफ्तार किया है। पुलिस सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र सरफराज शेख की भी तलाश कर रही है। पीएम मोदी को गाली देने का यह भी आरोपी है।

हंगामे के बीच झारखंड विधानसभा की कार्यवाही ठप, स्पीकर का विशेष आग्रह

रांची झारखंड विधानसभा के पूरक मानसून सत्र की कार्यवाही बीते गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने सदन में भोजनावकाश के बाद सभा की कार्रवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह सदन तृतीय मानसून सत्र के रूप में 1 अगस्त से 7 अगस्त, 2025 तक आहूत था परंतु बीच सत्र में दिशोम गुरू शिबू सोरेन के निधन के आलोक में 4 अगस्त, 2025 को सदन स्थगित की गयी। पुन: सदन नेता का प्रस्ताव प्राप्त होने पर 22 अगस्त 2025 से 28 अगस्त, 2025 तक के लिए तृतीय (मानसून) पूरक सत्र 2025 चल कर आज समाप्त हुआ। सत्र में कुल 324 प्रश्न हुए स्वीकृत विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस सत्र में कुल 324 प्रश्न स्वीकृत की गयी, जिसमें 107 अल्पसूचित, 183 तारांकित तथा 34 अतारांकित प्रश्न शामिल है। शून्यकाल की कुल 70 सूचनाएं स्वीकृत हुई, कुल 21 निवेदन प्राप्त हुए। कुल 34 ध्यानाकर्षण प्राप्त हुए, जिसमें से 20 स्वीकृत हुए तथा 4 ध्यानाकर्षण सदन में उत्तरित हो पाये। इस सत्र में कुल 34 गैर सरकारी संकल्प प्राप्त हुए। महतो ने कहा कि इस सत्र में प्रथम अनुपूरक बजट, सहित 5 अन्य राजकीय विधेयक, झारखण्ड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक, झारखण्ड व्यावसायिक शिक्षण संस्थान (शुल्क विनियमन) विधेयक, झारखण्ड कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक, झारखण्ड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (विशेष छूट) विधेयक तथा झारखण्ड प्लेटफॉर्म आधारित गिग श्रमिक (निबंधन और कल्याण), विधेयक, 2025 सदन में उपस्थापित किया तदोपरांत सदन द्वारा पारित किया गया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्लेटफॉर्म आधारित गिग श्रमिक विधेयक से झारखण्ड के वर्तमान सरकार का सामाजिक न्याय एवं सामाजिक सुरक्षा की प्रतिबद्धता की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। गिग श्रमिकों की पहचान, लाखों युवाओं के लिए सामाजिक सुरक्षा की गारंटी, कानूनी सुरक्षा, प्लेटफॉर्म कंपनियों की जवाबदेही तय करने के लिए लाये गये विधेयक एवं सदन द्वारा पारित एक मिशाल कायम करेगा। यह विधेयक झारखण्ड के गिग श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा एवं न्यायपूर्ण अवसरों की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित होगा। मैं समझता हूं कि यह कानून अन्य राज्यों के लिए भी मॉडल बन सकता है। झारखण्ड व्यावसायिक शिक्षण संस्थान शुल्क विनियमन विधेयक राज्य में तेजी से बढ़ती निजी शिक्षा, निजी संस्थानों की फीस संरचना और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का सशक्त माध्यम बनेगा। प्रश्नकाल में जनता की आवाज को प्राथमिकता दे अध्यक्ष ने कहा कि झारखण्ड कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक, 2025 के माध्यम से राज्य के कोचिंग संस्थानों को एक व्यवस्थित, पारदर्शी और जवाबदेह ढांचे के अंतर्गत लाने का प्रयास है। इस विधेयक के माध्यम से विद्यार्थियों की सुरक्षा, उनके अधिकारों की रक्षा, शूल्क पर नियंत्रण, गुणवतापूर्ण शिक्षा का वातावरण, मानसिक स्वास्थ्य के साथ डीजिटल प्रणाली को बढ़ावा देगा जिससे अभिभावकों का विश्वास बढ़ेगा तथा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। महतो ने कहा कि सदन की कार्यवाही के बीच एक पीड़ादायक परिणाम भी सामने आती है जिसको आज इस अवसर पर साझा करना आवश्यक हो जाता है। यह देखा जा रहा है कि कई माननीय सदस्यगण अनेक बार अपनी जनप्रतिबद्धता और स्थानीय समस्याओं की अपेक्षा दलगत निर्देशों को प्राथमिकता देने लगते है। जब जनादेश से चुने गये हम सब जनप्रतिनिधि जनता की अपेक्षाओं को पीछे छोड़कर केवल पार्टी कमांड का पालन करते है तो यह सदन के लिए, लोकतंत्र के लिए बहुत उचित प्रतित नहीं होता है। लोकतांत्रिक संस्थाओं की गरिमा तभी बनी रह सकती है जब प्रत्येकसदस्य अपना दायित्व जनता के प्रति निष्पक्षता से पालन करे। आज यह आग्रह करना चाहूंगा कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर जनता की आवाज को प्राथमिकता कम से कम प्रश्नकाल में जरूर दे। उन्होंने कहा कि मैं यहां सदन के प्रथम निर्वाचित भारतीय अध्यक्ष विट्ठल भाई जी के संसदीय अनुशासन को स्मरण करना चाहूंगा। उनका मानना था कि 'सदन की शक्ति उसके परम्परा और अनुशासन में है यदि नियमों का पालन न हो, तो यह केवल बहस का मंच रह जायेगा न की एक लोकतांत्रिक संस्था'। महतो ने कहा कि यह सदन झारखण्ड राज्य के निर्माता, समाज सुधारक, वंचितों, दबे-कुचलों, शोषितों, आदिवासियों के हक हकूक के लिए हमेशा अपना जीवन निछावर करने वाले दिशोम गुरू शिबू सोरेन को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' प्रदान करने के लिए प्रस्ताव सदन ने सर्वसम्मति से पारित किया। इस निमित्त भी यह सत्र ऐतिहासिक साबित होगा। सत्र के संचालन में मुख्यमंत्री सहित मंत्रिपरिषद, नेता प्रतिपक्ष, सभी दलों के नेता और सभी माननीय सदस्यों का जो सहयोग मुझे प्राप्त हुआ इसके लिए मैं धन्यवाद देना चाहता हूं। राज्य सरकार के समस्त अधिकारियों, विधान सभा सचिवालय के पदाधिकारी / कर्मी, पुलिस बल और मीडिया का भी आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने इस सत्र को सफल बनाने के लिए अपना योगदान दिया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष महतो ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की।  

बिहार सरकार का ऐलान : महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए रोजगार में सीधी नियुक्ति

पटना बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने 2005 में सत्ता संभालने के बाद से ही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं और अब इसी दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। एक्स अकाउंट पर साझा किया बड़ा निर्णय बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने एक्स अकाउंट (पूर्व में ट्विटर) पर महिला सशक्तिकरण को लेकर एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने लिखा कि नवंबर 2005 में सरकार बनने के बाद से ही महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। अब महिलाएं अपनी मेहनत से न केवल राज्य के विकास में योगदान दे रही हैं, बल्कि अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर रही हैं। कैबिनेट बैठक में मिली मंजूरी मुख्यमंत्री ने बताया कि इसी मिशन को आगे बढ़ाते हुए कैबिनेट की बैठक में ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ को मंजूरी दी गई है। इस योजना का उद्देश्य राज्य के हर परिवार की एक महिला को उनकी पसंद का रोजगार शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है।   योजना की प्रमुख बातें     प्रत्येक परिवार की एक महिला को रोजगार शुरू करने के लिए 10 हजार रुपये प्रथम किस्त के रूप में दिए जाएंगे।     आवेदन प्रक्रिया जल्द शुरू होगी, जिसका संचालन ग्रामीण विकास विभाग करेगा। नगर विकास एवं आवास विभाग का भी सहयोग लिया जाएगा।     सितंबर 2025 से महिलाओं के बैंक खातों में सीधे राशि का हस्तांतरण शुरू होगा।     रोजगार शुरू करने के छह माह बाद महिलाओं को 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता दी जा सकेगी।     महिलाओं के उत्पादों की बिक्री के लिए गांव से लेकर शहर तक हाट बाजार विकसित किए जाएंगे। रोजगार और सशक्तिकरण को मिलेगा बढ़ावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस योजना से महिलाओं की आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी। साथ ही राज्य के भीतर ही बेहतर रोजगार अवसर उपलब्ध होंगे, जिससे लोगों को मजबूरी में बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

DVC ने उपभोक्ताओं के लिए नए नियम लागू किए, स्मार्ट मीटर विवाद में मिली राहत

बेरमो स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर चल रहे विरोध और आंदोलन के बीच डीवीसी प्रशासन ने उपभोक्ताओं को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी है। डीवीसी ने स्पष्ट किया है कि संविदा श्रमिकों, बैंक कर्मचारियों, डाकघर कर्मचारियों, विद्यालयों के कर्मचारियों, डीवीसी के पेंशनरों और अन्य केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों को अब एलटी बिजली आपूर्ति प्रीपेड मीटर प्रणाली के तहत मिलेगी। जारी आदेश के अनुसार, 1 सितंबर 2025 से प्रीपेड बिलिंग व्यवस्था लागू होगी। इस व्यवस्था के आरंभ में उपभोक्ता का खाता शून्य शेष राशि से शुरू होगा। वहीं, उपभोक्ताओं पर पूर्व में बकाया बिल की राशि को संबंधित एचओपी के स्तर पर सामंजस्य स्थापित करने के बाद छह समान मासिक किस्तों में वसूला जाएगा। डीवीसी ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी उपभोक्ता का बैलेंस अचानक खत्म हो जाता है तो उसकी बिजली आपूर्ति तत्काल बाधित नहीं होगी। उपभोक्ताओं को (-) 200 रुपये तक का अतिरिक्त उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, यदि इस अवधि में खाता रिचार्ज नहीं किया गया तो आपूर्ति अस्थायी रूप से काट दी जाएगी। डीवीसी का कहना है कि यह व्यवस्था उपभोक्ताओं को समय पर रिचार्ज करने का पर्याप्त अवसर देने के लिए की गई है। इसके अलावा, सभी एचओपी को निर्देश दिया गया है कि वे पूर्व बकाया राशि की वसूली पर अपने स्तर से सामंजस्य स्थापित करने के बाद मासिक एमआईएस रिपोर्ट डीवीसी मुख्यालय को भेजें। प्रशासनिक स्तर पर यह भी कहा गया है कि उपभोक्ताओं को जानकारी देने के लिए नोटिस चिपकाए गए हैं और लोगों से सहयोग की अपील की गई है।  

30 अगस्त तक हड़ताल से लौटे विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों के योगदान पर होगा विचार

सेवा नियमितीकरण की अफवाह से रहें सावधान, बर्खास्त लोगों पर कोई विचार नहीं करेगा विभाग पटना राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों को स्पष्ट चेतावनी दी है कि 30 अगस्त की शाम 5 बजे तक ड्यूटी पर लौटकर अपने बंदोबस्त कार्यालय को लिखित सूचना देने वाले कर्मियों पर ही विभाग विचार करेगा। तय तिथि के बाद लौटने वालों को अवसर नहीं दिया जाएगा। साथ ही बर्खास्त संविदा कर्मियों के मामलों में भी कोई विचार नहीं किया जाएगा। ज्ञात हो कि अगस्त से राजस्व महा-अभियान की शुरुआत होते ही बड़ी संख्या में विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मी हड़ताल पर चले गये।मानदेय आधारित संविदा नियोजन नियमावली के तहत कार्यरत विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो, विशेष सर्वेक्षण अमीन और विशेष सर्वेक्षण लिपिक 16 अगस्त से तथाकथित संघ के आह्वान पर हड़ताल पर हैं। विभाग को जिलों से बड़ी संख्या में संविदाकर्मियों के हड़ताल छोड़ने और योगदान देने की सूचना मिल रही है। अभी तक 2087 संविदा कर्मी हड़ताल से वापस आकर काम पर लौट चुके हैं। इनके मामलों में विचार किया जा रहा है। सेवा नियमितीकरण पर फैलाई जा रही अफवाह विभाग ने यह भी साफ किया है कि सेवा नियमितीकरण या संविदा अवधि 60 वर्ष तक करने का कोई प्रावधान नहीं है और न ही ऐसे किसी प्रस्ताव पर विचार हो रहा है। इसके बावजूद तथाकथित संघ द्वारा सरकार से सकारात्मक वार्ता होने की झूठी खबर फैलाई जा रही है और इस आधार पर संविदाकर्मियों से चंदा वसूला जा रहा है। निदेशक, भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय द्वारा संविदा कर्मियों से अपील की गई है कि वे किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें और समय रहते अपने कार्यस्थल पर योगदान सुनिश्चित करें। बताते चलें कि अभी तक कुल 383 विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों को बर्खास्त किया गया है। बर्खास्त कर्मियों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। वहीं 2083 विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों के हड़ताल से लौट आने के बाद जिलों द्वारा भेजे गये प्रतिवेदन के आधार पर उनके मामलों में पुनः विचार किया जा रहा है। वहीं इस दौरान विभिन्न पदों के 407 विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मी हड़ताल पर नहीं गए थे।