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दो आतंकी दबोचे गए, ISI कनेक्शन सामने आया, जानें उनका फिदायीन हमला का प्लान

भोपाल/ दिल्ली  देश में बड़े आईएसआई मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ है. आईएसआईएस से जुड़े 2 आतंकी पकड़े गए हैं. दिल्ली पुलिस ने साउथ दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से एक आतंकी को गिरफ्तार किया है, जबकि दूसरा मध्य प्रदेश के भोपाल से पकड़ा गया है. दोनों संदिग्ध आतंकी की उम्र 20-26 वर्ष के बीच बताई जा रही है. ये देश में फिदायीन हमले की फिराक में थे. इन दोनों आतंकियों के पाकिस्तानी आईएसआई से लिंक सामने आए हैं. गिरफ्तार आतंकियों के पास से कई संदिग्ध सामग्री बरामद हुई हैं. प्रारंभिक पूछताछ में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के हैंडलर्स से सीधे संपर्क का खुलासा हुआ है. ये आतंकी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के फिराक में थे. सूत्रों के मुताबिक, ये आतंकी ऑनलाइन रेडिकलाइज्ड थे. यह मॉड्यूल दिल्ली-एनसीआर समेत कई शहरों में किसी बड़ी वारदात की साजिश रच रहा था. फिलहाल मामले की पूरी जांच जारी है, और अन्य संदिग्धों की तलाश में छापेमारी की जा रही है. यह कार्रवाई भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, उन दोनों में से एक आतंकी का नाम अदनान है. दिल्ली के सादिक नगर और भोपाल से दोनों आतंकियों की गिरफ्तारी हुई है. दोनों आतंकी फिदायीन अटैक करने की ट्रेनिंग भी ले रहे थे. विस्तृत जानकारी का इंतजार है.  

भारत की डिफेंस क्षमता का प्रदर्शन जबलपुर में, व्हीकल फैक्ट्री में होगा बड़ा कॉन्क्लेव, कॉरिडोर बनेगा गेमचेंजर

जबलपुर  7 से 9 नवंबर तक जबलपुर में एक डिफेंस कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है. यह आयोजन जबलपुर के व्हीकल फैक्ट्री में होगा. इसमें भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अलावा निजी क्षेत्र की कंपनियां भी अपने उत्पादों की जानकारी देगी. जबलपुर के जनप्रतिनिधियों का मानना है कि इस आयोजन से जबलपुर के आसपास डिफेंस कॉरिडोर पर भी चर्चा शुरू हो जाएगी. रक्षा मंत्रालय की कंपनियों के उत्पादों का प्रदर्शन व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर के जनसंपर्क अधिकारी गौरव दीक्षित ने बताया कि, ''7 नवंबर से 9 नवंबर तक जबलपुर के व्हीकल फैक्ट्री के परिसर में एक डिफेंस कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है. इसमें देशभर की रक्षा मंत्रालय की कंपनियों के उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा. यह आयोजन देश में बड़े शहरों में होता था, लेकिन इस बार यह मौका जबलपुर की व्हीकल फैक्ट्री को मिला है.'' जबलपुर में रक्षा मंत्रालय की कई बड़ी फैक्ट्रियां हैं जिनमें भारतीय सेना की जरूरत के लिए उत्पाद तैयार किए जाते हैं.'' व्हीकल फैक्ट्री खमरिया व्हीकल फैक्ट्री खमरिया भारत की कुछ बड़ी फैक्ट्री में से एक है. इसमें सेना के उपयोग में आने वाले वाहन बनाए जाते हैं. जैसे सामान्य स्टाफ वाहन, लॉजिस्टिक्स वाहन, बुलेटप्रूफ वाहन, हल्के बख्तरबंद वाहन, माइन प्रोटेक्टेड वाहन और विशेषज्ञ भूमिका वाले वाहन जैसे रॉकेट लॉन्चर, स्व-चालित हॉवित्जर, वाटर बॉवर्स, ईंधन टैंकर, फील्ड एम्बुलेंस, टिपर, बैटरी कमांड पोस्ट, जनरेटर सेट, लाइट रिकवरी वाहन, फील्ड आर्टिलरी ट्रैक्टर, किचन कंटेनर आदि का निर्माण और संयोजन करता है. इनके अलावा कुछ विशेष वहां भी तैयार किए जाते हैं जिनमें शहर की ही दूसरी फैक्ट्री का सहयोग भी लिया जाता है. गन कैरिज फैक्ट्री जबलपुर जबलपुर की फैक्ट्रियां एक दूसरे के सहयोग से चलती है, क्योंकि कुछ सामान एक फैक्ट्री में बनता है तो कुछ दूसरी फैक्ट्री में बनता है. गन कैरिज फैक्ट्री सेना के उपयोग में आने वाले 8/8 ट्रक बना रही है. इन ट्रक्स की खासियत यह होती है कि उनके आठों चकों में ताकत होती है और यह किसी भी विपरीत परिस्थिति में चल सकते हैं. 1. वीएफजे-जीसीएफ 105 मिमी ट्रक-माउंटेड सेल्फ-प्रोपेल्ड गन सिस्टम, 6X6 और 4X4 कॉन्फ़िगरेशन में 2. वीएफजे-जीसीएफ शारंग टोड गन 3. धनुष हॉवित्जर का निर्माण जीसीएफ में और ट्रैक्टर का निर्माण वीएफजे में किया गया 4. वीएफजे-जीसीएफ 8X8 155 मिमी ट्रक-माउंटेड सेल्फ-प्रोपेल्ड गन सिस्टम    ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया भारत में गोला बारूद बनाने वाली सबसे बड़ी फैक्ट्री है. इसमें हजारों की तादाद में अभी भी कर्मचारी काम करते हैं. भारत की तीनों सेनाओं के लिए यहां पर गोला बारूद तैयार किया जाता है. ऑपरेशन सिंदूर में जी L-70 बम ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई थी. वह जबलपुर का ही बना हुआ था. रूस की मदद से भी पिकोरा बम बनाया जा रहा है. ग्रे आयरन फाउंड्री ग्रे आयरन फाउंड्री यह रक्षा मंत्रालय की एक छोटी फैक्ट्री है, लेकिन इसका काम बहुत महत्वपूर्ण है. रक्षा मंत्रालय में कई ऐसे लोहे के सामानों की जरूरत पड़ती है जो बाजार में नहीं मिलते, इसलिए इन्हें ढालकर बनाया जाता है. इसलिए इस यूनिट को अलग ही तैयार किया गया था. इनके अलावा जबलपुर में कुछ दूसरी छोटी फैक्ट्रियां भी हैं, जिनमें सेना के उपयोग के सामान बनाए जाते हैं. इस कॉन्क्लेव में इन सभी का प्रदर्शन किया जाएगा. जबलपुर केंट विधानसभा के विधायक अशोक रोहाणी का कहना है कि, ''इस कॉन्क्लेव के जरिए इस बात पर भी चर्चा होगी कि जबलपुर में एक डिफेंस कॉरिडोर बनाया जाए. जहां रक्षा मंत्रालय के उपयोग में आने वाले कल पुर्जे और हथियार तैयार किया जा सके और इसमें निजी निवेश भी आ सके. जबलपुर की बड़ी फैक्ट्रियां इन छोटे निवेशों के लिए एक अच्छा माहौल बनाती हैं. जबलपुर में उत्पादित होने वाले रक्षा उत्पादों का बाजार केवल भारत में ही है. इन कंपनियों में बनने वाले सामानों को भारत निर्यात भी करता है और दुनिया के कई देश भारत से यह सामान खरीदते हैं. रक्षा से जुड़ा हुआ सामान बनाना रोजगार का एक बड़ा अवसर बन सकता है. अब देखना है कि इस कॉन्क्लेव के जरिए मध्य प्रदेश क्या फायदा उठा पाता है.

प्रदेश में 45 रोड सेफ्टी एंड एनफोर्समेंट चेकिंग प्वाइंट से होगी निगरानी, नागरिकों को मिलेगी फेसलेस सुविधा

प्रदेश में 45 रोड सेफ्टी एण्ड एनफोर्समेंट चेकिंग प्वाइंट से निगरानी,  नागरिकों को फेसलेस सुविधा भोपाल  प्रदेश में वाहन चेकिंग की पारदर्शी व्यवस्था लागू करने तथा सुशासन के उद्देश्य से प्रदेश के समस्त परिवहन चेकपोस्टों को बंद कर दिया गया है। इनके स्थान पर परिवहन विभाग ने 45 "रोड सेफ्टी एण्ड एनफोर्समेंट चेकिंग प्वाइंट" प्रारम्भ कर दिए हैं। इन पर पदस्थ प्रवर्तन बल द्वारा बॉडीवोर्न कैमरों की निगरानी में पीओएस मशीन के माध्यम से वाहनों के विरुद्ध ऑनलाइन चालानी कार्यवाही की जा रही है। "इज ऑफ डुइंग बिजनेस" के अंतर्गत इन प्वाइंट पर द्वारा अहम निर्णय लेते हुए प्रदेश में प्रवेश करने वाले अन्य राज्यों के वाहनों द्वारा ई-चेकपोस्ट मॉड्यूल के माध्यम से ऑनलाइन मोटरयान कर जमा करने की सुविधा दी गई है। परिवहन विभाग ने इस वर्ष 5 हजार 693 करोड़ रूपये का राजस्व संग्रहण का लक्ष्य रखा है। पिछले वर्ष 2024-25 में परिवहन विभाग ने करीब 4 हजार 875 करोड़ रूपये का राजस्व संग्रहण किया था। यह राजस्व वर्ष 2023-24 के मुकाबले 5.83 प्रतिशत अधिक रहा है। प्रदेश में बनाये गये सुविधा केन्द्र परिवहन विभाग की प्रक्रिया को सरल बनाने तथा आम जनता को सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वाहनों के रजिस्ट्रेशन, परमिट तथा ड्राइविंग लाइसेंस आदि से संबंधित अधिकतर सेवाओं को एनआईसी के पोर्टल "वाहन" तथा "सारथी" के माध्यम से फेसलेस प्रदान किया जाना प्रारम्भ किया गया है, जिसमें आवेदक को कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होती। आमजन को परिवहन विभाग की सेवाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन करने में सहायता करने के लिए सीएससी सेंटर्स के अतिरिक्त एमपी ऑनलाइन सेंटर्स को भी राज्य सरकार द्वारा सुविधा केन्द्र के रूप में मान्यता प्रदान की गई है। आम जनता की सुविधा के लिये वाहनों के पंजीयन प्रमाण पत्र एवं ड्राइविंग लाइसेंस डिजिटल रूप से रख सकने के उद्देश्य से परिवहन विभाग द्वारा आवेदकों को ड्राइ‌विंग लाईसेंस एवं पंजीयन प्रमाण पत्र इलेक्ट्रानिक रूप में जारी किया जाना प्रारंभ किया गया है। नकदी रहित उपचार सुविधा सड़क दुर्घटना में घायलों के त्वरित उपचार के लिये "सड़क दुर्घटना पीडितों का नगदी रहित उपचार स्कीम-2025" सुचारू रूप से क्रियान्वित की गई है, जिसके तहत पीड़ित ऐसी दुर्घटना की तारीख से अधिकतम सात दिन की अवधि के लिये किसी भी नाम निर्दिष्ट अस्पताल में प्रति पीड़ित एक लाख पचास हजार रूपये तक की रकम के नकदी रहित उपचार करा सकता है। इसके अलावा सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल पीड़ितों को गोल्डल आवर के अंदर अस्पताल तक में जाकर उन‌की सहायता करने वाले राह-वीरों को प्रोत्साहन स्वरूप 25 हजार रूपये एवं सर्टिफिकेट प्रदान किया जा रहा है।  

मध्य प्रदेश पहला ऐसा राज्य, जहां भोपाल में स्थापित होगी एयरोप्लेन डिस्मेंटल यूनिट; जर्मन कंपनी से बातचीत जारी

भोपाल  पड़ोसी राज्यों में मप्र पहला ऐसा राज्य है जो एयरोप्लेन डिस्मेंटल यूनिट (टियरडाउन यूनिट) स्थापित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। जर्मनी की एक कंपनी से इसके लिए बातचीत चल रही है। यह यूनिट देश में एयरोप्लेन की कमी को दूर करने में अहम रोल अदा करेगी। भविष्य में मप्र को एयरोप्लेन का रख-रखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) यूनिट भी मिल सकती है। जब किसी भी राज्य में ये दोनों यूनिट हो तो प्लेन का निर्माण करने वाली कंपनियां उत्पादन की दिशा में कदम रख सकती है। डिस्मेंटल यूनिट लगाने की इच्छुक जर्मनी कंपनी के प्रमुखों से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दो दौर की बातचीत हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री उक्त यूनिट की स्थापना को लेकर काफी प्रयासरत है। इसकी शुरुआत जर्मनी यात्रा के दौरान हुई थी। तभी मुख्यमंत्री से उक्त यूनिट में रूचि रखने वाली कंपनी के प्रमुखों की बातचीत हुई थी, इसके बाद जर्मनी का एक दल हाल में मध्यप्रदेश के भ्रमण पर आया था। अधिकारियों की माने तो सरकार कंपनी को जमीन और कई सुविधाएं देने को तैयार है। इस यूनिट को सरकार 70 से 100 एकड़ जमीन देने के लिए लगभग तैयार है। कंपनी की शर्त है कि उन्हें भोपाल के नजदीक जमीन दी जाए, ताकि उक्त यूनिट के लिए जरूरी अमले को आवागमन में आसानी हो। हालांकि सरकार के पास भोपाल के आसपास जमीन की उपलब्धता बहुत कम है। क्या होती है एयरोप्लेन डिस्मेंटल यूनिट यह हवाई जहाज को विघटित करने वाली इकाई अर्थात टियर डाउन इकाई कहलाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी विमान को व्यवस्थित रूप से अलग किया जाता है। इसमें सबसे अहम, उपयोगी पुर्जों अथवा उपकरणों को बचाना प्रमुख चुनौती होती है। इस प्रक्रिया में खतरनाक सामग्रियों को हटाना, इंजन और लैंडिंग गियर जैसे प्रमुख पुर्जों को अलग करना, फिर शेष संरचना को पुनर्चक्रण के लिए छोटे टुकड़ों में काटना शामिल होता है। प्लेन डिस्मेंटल यूनिट से प्रदेश को ये होंगे फायदे प्लेन एक बड़ा स्ट्रक्चर होता है, जिसे नष्ट करने की प्रक्रिया बहुत लंबी और जटिल होती है। इसमें कई महीने लगते हैं और सैंकड़ों कर्मचारियों की जरुरत होती है, जो कि प्रभावी तकनीकी से दक्ष होते हैं। यूनिट स्थापित की जाती है तो एयरोप्लेन के निर्माण से जुड़े कामों में दक्ष कर्मचारियों का मूवमेंट बढ़ेगा। प्लेन में कई कलपुर्जे होते हैं, जिनकी औसत आयु अलग-अलग होती है। ये बहुत महंगे और आसानी से उपल–ब्ध नहीं होने वाले उपकरणों में शामिल होते हैं। जब कई अलग-अलग कारणों से प्लेन को ऑपरेशन से बाहर किया जाता है तब भी उक्त प्लेन में उपयोग किए जाने योग्य कई उपकरण होते हैं, इन्हें सुरक्षित निकालना और उपयोग करना बड़ी चुनौती होता है।

मध्य प्रदेश के 9 जिलों में गधों का सफाया, चीन के प्रभाव पर सवाल

भोपाल  क्या मध्य प्रदेश में अब गधे दुर्लभ हो जाएंगे? ये सवाल इसलिए भी खास हो जाता है क्योंकि तीन दशक से भी कम समय में इनकी संख्या में 94% की कमी आई है। एमपी में गधों की जमसंख्या में तेजी से गिरावट देखी गई है। नई रिपोर्ट बताती है कि हिंदुस्तान का दिल कहे जाने वाले इस प्रदेश में अब सिर्फ 3,052 गधे बचे हैं, जो कि 1997 में 49,289 की संख्या से एक बड़ी गिरावट है। राज्य के 55 में से नौ जिलों में एक भी गधा नहीं पाया गया है,जो इस बात का संकेत है कि यह जानवर,जो कभी ग्रामीण भारत में परिवहन और व्यापार का मुख्य आधार था,लगभग पूरी तरह से गायब हो चुका है। गधों के गायब होने का कारण टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार,गधों के गायब होने के पीछे अभी तक कोई खास अध्ययन नहीं हुआ है,लेकिन गुड़गांव के एक पशु अधिकार कार्यकर्ता नरेश कादियान ने केंद्र सरकार से गधों को लुप्तप्राय प्रजाति घोषित करने का आग्रह किया है। वह चेतावनी देते हैं कि चीन की गधों की खाल की मांग ही इस गिरावट का कारण बन रही है। वह चीन के एजियाओ उद्योग को इसके लिए दोषी मानते हैं। इस उद्योग में गधों की खाल को उबालकर एक जिलेटिन निकाला जाता है जिसका इस्तेमाल पारंपरिक टॉनिक,कामोत्तेजक और एंटी एजिंग क्रीम बनाने में किया जाता है। इसी वजह से यह प्रजाति विलुप्त होने की कगार पर पहुंच रही है। आधिकारिक आंकड़े आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार नर्मदापुरम में सबसे ज्यादा (332) गधे हैं। इसके बाद छतरपुर (232),रीवा (226) और मुरैना (228) का नंबर आता है। दूसरी ओर विदिशा में जहां कभी 6,400 से ज्यादा गधे थे,अब वहां सिर्फ 171 बचे हैं और भोपाल में केवल 56 । डिंडोरी, निवाड़ी, सिवनी, हरदा और उमरिया जैसे जिलों में एक भी गधा दर्ज नहीं हुआ है,जो स्थानीय रूप से उनके विलुप्त होने की पुष्टि करता है। अन्य पशुओं की स्थिति जनगणना से पशुधन की अन्य श्रेणियों में भी बड़े रुझान सामने आते हैं। मध्य प्रदेश में कुल 3.75 करोड़ जानवर हैं, जिनमें शामिल हैं:

राष्ट्रीय बालरंग भोपाल में 5 दिसम्बर को, व्यवस्थाओं को लेकर हुई बैठक

भोपाल भोपाल में राष्ट्रीय बालरंग-2025 इस वर्ष 5 दिसम्बर को इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय परिसर, श्यामला हिल्स, भोपाल में आयोजित होगा। आयोजन की व्यवस्था एवं तैयारियों को लेकर संचालक श्री डी.एस. कुशवाह की अध्यक्षता में गुरूवार को लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल में बैठक हुई। बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय बालरंग में 20 से अधिक राज्यों के स्कूल के विद्यार्थी अपने राज्यों की लोक संस्कृति पर आधारित प्रस्तुतियाँ देंगे। बालरंग में 500 से अधिक विद्यार्थी भागीदारी करेंगे। इसी के साथ बालरंग में 5 हजार विद्यार्थी सहभागिता कर एक भारत-श्रेष्ठ भारत की थीम पर राज्यों की लोक कलाओं से परिचित हो सकेंगे। बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय बालरंग का आयोजन वर्ष 2005 से निरंतर भोपाल में हो रहा है। बैठक में विद्यार्थियों के आवास, परिवहन एवं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चर्चा की गयी। विभिन्न राज्यों से आये विद्यार्थियों को भोपाल के नजदीक पुरातत्व धरोहर भोजपुर, भीमबेटका और साँची का भ्रमण भी कराया जायेगा। 

खंडवा जिले की उद्यानिकी फसलों के लिये उद्यमियों से परियोजना प्रस्ताव आमंत्रित

हॉर्टिकल्चर क्लस्टर विकास कार्यक्रम भोपाल केन्द्र सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) द्वारा हॉर्टिकल्चर क्लस्टर विकास कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बागवानी उत्पादों के उत्पादन, गुणवत्ता, मूल्य संवर्धन एवं विपणन आदि को प्रोत्साहित करते हुए किसानों की आय में वृद्धि करना है। कार्यक्रम के अंतर्गत मल्टी कमोडिटी, हाई-वेल्यू क्लस्टर तथा पेरी-अर्बन क्लस्टर की पहचान एवं विकास किया जाना प्रस्तावित है। मध्यप्रदेश के खंडवा जिले की प्रमुख उद्यानिकी फसलें प्याज, अरबी, टमाटर, मिर्च और तरबूज के संबंध में क्रियान्वयन एजेंसी (आई.ए.) के रूप में किसान उत्पादक संगठन के साथ उनके महासंघ, सहकारी समितियाँ, फर्म, कम्पनियाँ और इच्छुक हितधारक, उद्यमी एनएचबी की वेबसाइट http://nhb.gov.in पर उपलब्ध प्रारूप में वांछित दस्तावेजों के साथ परियोजना प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे जा सकते हैं।  

वीडियो बन सकता है वायरल: खंडवा में ट्यूब को लेकर हुई लड़ाई, युवकों ने पीटा और लूटे पैसे

खंडवा सिंगाजी महाराज के दर्शन करने गए एक युवक के साथ चार से पांच युवकों ने मिलकर मारपीट की। पीड़ित युवक का आरोप है कि घटना की शिकायत लेकर जब वह पुलिस चौकी बीड़ पहुंचा तो वहां पुलिस ने उसकी रिपोर्ट दर्ज करने से इनकार कर दिया और उसके साथ गाली-गलौज कर चौकी से भगा दिया। घटना से आक्रोशित समाजजन बड़ी संख्या में एसपी कार्यालय पहुंचे और पुलिस अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की। जानकारी के अनुसार, नगीन राठौर निवासी ग्राम सालफी बुधवार को सिंगाजी महाराज के दर्शन के लिए गया था। दर्शन से पूर्व वह नर्मदा नदी में स्नान कर रहा था। इसी दौरान ट्यूब की बात को लेकर चार-पांच युवकों से विवाद हो गया। विवाद बढ़ने पर युवकों ने नगीन को पटक-पटककर, लात-घूसों और बेल्ट से बेरहमी से पीटा। हमले में नगीन को गंभीर चोटें आईं।   चौकी पुलिस पर लापरवाही और अभद्रता का आरोप मारपीट में घायल नगीन राठौर जब शिकायत दर्ज कराने बीड़ चौकी पहुंचा, तो पुलिस ने कथित तौर पर उसकी शिकायत लेने से मना कर दिया। नगीन का आरोप है कि चौकी पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने न केवल रिपोर्ट लिखने से इनकार किया, बल्कि उसके साथ गाली-गलौज कर चौकी से बाहर निकाल दिया। एसपी ने समाजजनों को न्याय और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। चौकी प्रभारी का बयान आया सामने वहीं मामले में चौकी प्रभारी का कहना है कि घायल युवक की रिपोर्ट दर्ज कर मेडिकल करवाया था। दूसरे पक्ष की शिकायत भी मामले में दर्ज की गई है। रिपोर्ट लिखी, मेडिकल भी करवाया। फरियादी की शिकायत पर हमने मामले में आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट लिखी, घायल युवक का मेडिकल भी करवाया है। गांव में विवाद न हो इसके लिए इसलिए दोनों पक्षों को समझाइश भी दी थी। इसके बाद मामले में क्रॉस रिपोर्ट दर्ज की गई है-राधेश्याम मालवीय, चौकी प्रभारी, बीड़।

मोहन सरकार का ग्रीन ड्राइव: अब विधायकों को EV लोन पर मोटा सब्सिडी लाभ

भोपाल प्रदेश सरकार ने 16वीं विधानसभा (दिसंबर 2023-2028) के सदस्यों को वाहन खरीदने पर ब्याज अनुदान देने का निर्णय लिया है। पहली बार इलेक्ट्रिक वाहन को योजना में शामिल किया है। तीस लाख रुपये तक का इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर सदस्य को चार प्रतिशत ब्याज देना होगा। शेष ब्याज सरकार चुकाएगी पर यह अधिकतम छह प्रतिशत तक होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों पर मिलेगा छह प्रतिशत ब्याज अनुदान 15 लाख रुपये से अधिक का पेट्रोल-डीजल वाला वाहन खरीदने पर सरकार केवल दो प्रतिशत ब्याज चुकाएगी। मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। प्रदेश में विधायकों को वाहन खरीदने पर ब्याज अनुदान देने की योजना कोरानाकाल में बंद हो गई थी। इसके बाद इसे प्रारंभ नहीं किया गया। जबकि, सदस्य इसकी लगातार मांग कर रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव से बात की और प्रस्ताव तैयार करके संसदीय कार्य विभाग ने वित्त विभाग को भेजा, जहां इसमें कटौती कर भेजा गया। संसदीय कार्य विभाग ने चार प्रतिशत ब्याज अनुदान देना प्रस्तावित किया था लेकिन वित्त विभाग ने इसे दो हिस्से में बांट दिया। यदि कोई विधायक 15 लाख रुपये तक का वाहन खरीदता है तो उसे चार प्रतिशत ब्याज चुकाना होगा। शेष ब्याज सरकार देगी लेकिन 15 से 30 लाख रुपये तक का वाहन खरीदने पर सरकार केवल दो प्रतिशत ब्याज अनुदान देगी। बाकी पूरा ब्याज विधायक को ही चुकाना होगा। ब्याज अनुदान पांच वर्ष तक ही दिया जाएगा। योजना में इलेक्ट्रिक वाहन की नई श्रेणी जोड़ी गई है। इसमें यह प्रविधान किया है कि 30 लाख रुपये तक का वाहन विधायक खरीदता है तो चार प्रतिशत ब्याज उसे चुकाना होगा। शेष ब्याज अधिकतम छह प्रतिशत तक सरकार चुकाएगी। आवास ऋण पर ब्याज अनुदान का मामला लंबित उधर, विधायक द्वारा आवास के लिए ऋण लेने पर ब्याज अनुदान देना भी प्रस्तावित है। सदस्य सुविधा समिति इसका भी प्रस्ताव संसदीय कार्य विभाग के माध्यम से सरकार को दी चुकी है। इसमें आवास ऋण की अधिकतम सीमा 25 से बढ़ाकर 50 लाख करना प्रस्तावित किया है क्योंकि महंगाई बढ़ने के कारण आवास भी महंगे हुए हैं। वित्त विभाग ने 25 लाख रुपये तक चार ब्याज सदस्य द्वारा देने और शेष सरकार द्वारा अनुदान के रूप में चुकाने के साथ 50 लाख रुपये तक के ऋण पर सरकार द्वारा दो प्रतिशत ब्याज अनुदान देना प्रस्तावित है। कैबिनेट के अन्य निर्णय सागर जिले की मालथौन तहसील में व्यवहार न्यायाधीश, कनिष्ठ खंड स्तर का नया पद और उनके अमले अंतर्गत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के छह पद सृजित किए जाएंगे।  

प्रदेश के विभिन्न अंचलों के विद्यार्थी स्थानीय संस्कृति एवं लोक कलाओं का करेंगे प्रदर्शन

राज्य स्तरीय कला उत्सव 24 अक्टूबर से भोपाल में भोपाल  स्कूल शिक्षा विभाग का दो दिवसीय राज्य स्तरीय कला उत्सव शुक्रवार 24 अक्टूबर से प्रात: 10 बजे भोपाल में शुरू होगा। कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूल के विद्यार्थियों को अपनी कला, संस्कृति और विरासत को मंच प्रदान करना है। कार्यक्रम कलियासोत, कोलार रोड के मध्यप्रदेश भूमि एवं जल प्रबंधन संस्थान (वाल्मी) में आयोजित होगा। दो दिवसीय राज्य स्तरीय कला उत्सव में प्रदेश के विभिन्न अंचलों से स्कूल के लगभग 250 विद्यार्थी अपनी प्रस्तुति देंगे। इन विद्यार्थियों का चयन 9 संभागों में विद्यार्थियों द्वारा श्रेष्ठ प्रस्तुति के आधार पर राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में हुआ है। उत्सव में मालवी एवं बुंदेली लोक गीत, बरेदीं बधाई, धीमी राय, गौर नृत्य के साथ अंचल से जुड़ी लोक नृत्य की प्रस्तुतियाँ दी जायेंगी। विद्यार्थी नाटक एवं कहानी कथा पर आधारित वाचन प्रस्तुत करेंगे। कला उत्सव की विशेषता रानी दुर्गावती एवं रानी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन पर आधारित लघु ना‍टिकाएँ रहेंगी। कला उत्सव में वादन की श्रेणी में विद्यार्थी बाँसुरी, सितार, तबला, टिमकी, ढोलक और तुरा जैसे पारम्परिक वाद्य यंत्रों के माध्यम से संगीत की अद्भुत प्रस्तुतियाँ देंगे। मध्यप्रदेश की धरती सदैव कला की जननी रही है। भीमबेटका और इसकी गुफाएँ प्राचीन चित्रकला की साक्षी हैं। उत्सव में विद्यार्थी पिथौरा, गोंड कला एवं मालवा पेंटिंग पर आधारित अपनी चित्रकृतियाँ प्रदर्शित करेंगे। मूर्तिकला, चित्रकला तथा स्थानीय खेल और खिलौनों पर आधारित प्रतियोगिताएँ भी इस उत्सव का विशेष आकर्षण रहेंगी। राज्य स्तरीय कला उत्सव-2025 का समापन 25 अक्टूबर को होगा। उद्घाटन सत्र में स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षाविद मौजूद रहेंगे।