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बीकानेर के सांसद रह चुके रामेश्वर डूडी नहीं रहे, लंबे समय से थे अस्वस्थ

जयपुर पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं बीकानेर से सांसद रहे रामेश्वर डूडी का लंबी बीमारी के बाद आज निधन हो गया। डूडी को 2 साल पहले उनका ब्रेन आया था। इसके बाद वे लंबे समय तक कोमा में रहे। डॉक्टरों के अनुसार डूडी के ब्रेन की मिडलाइन में 17MM का डैमेज हो गया था। बता दें कि रामेश्वर डूडी साल 2013 से 18 तक बतौर नोखा विधायक वे राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं। उनकी गिनती कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में थी। फिलहाल नोखा विधानसभा से उनकी पत्नी सुशीला डूडी विधायक हैं। डूडी ने अपने राजनीतिक जीवन में एक विधानसभा चुनाव और एक बार लोकसभा चुनाव जीता। बीते कुछ दिनों से उनकी तबियत काफी बिगड़ गई थी। कांग्रेस के कई बड़े नेता उनके मिलने उनके पैत्रक आवास पर पहुंचे भी थे। रामेश्वर डूडी मूलत: नोखा के रायसर गांव के रहने वाले थे।  पश्चिमी राजस्थान के किसानों की बुलंद आवाज रामेश्वर डूडी रहे। राजनीतिक जीवन में पंचायत समिति प्रधान, जिला प्रमुख, विधायक और सांसद के साथ विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे। बीकानेर में आज दोपहर करीब एक बजे जाट बगीची में अंत्येष्टि होगी। पूर्व सीएम अशोक गहलोत, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा आज डूडी के पैत्रक आवास बीकानेर भी जाएंगे। गहलोत ने निधन पर जताया शोक पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने डूडी के निधन पर शोक जाताया है। उन्होंने कहा- पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं बीकानेर से सांसद रहे रामेश्वर डूडी का निधन बेहद दुखद है। करीब 2 साल तक बीमार रहने के बाद इतनी अल्पायु में उनका जाना हमेशा खलता रहेगा। यह मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर एक आघात है। रामेश्वर डूडी ने अपनी हर भूमिका का निर्वहन अच्छे से किया। वो मेरे साथ सांसद, विधायक और हमारे नेता प्रतिपक्ष रहे। किसान वर्ग के लिए वो हमेशा काम करते रहे। मुझे याद है कि दौरा पड़ने से कुछ दिन पूर्व ही वो मेरे से मिलने आए थे और हमारे बीच लम्बी बातचीत हुई थी। हमने उनके इलाज के लिए बेहतर से बेहतर प्रबंध किए। एक सक्रिय जीवन जीने वाले डूडी जी का ऐसे बीमार होना हम सबके मन को कचोटता था।  मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति एवं परिजनों को हिम्मत देने की प्रार्थना करता हूं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं बीकानेर से सांसद रहे श्री रामेश्वर डूडी का निधन बेहद दुखद है। करीब 2 साल तक बीमार रहने के बाद इतनी अल्पायु में उनका जाना हमेशा खलता रहेगा। यह मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर एक आघात है। डोटासरा ने भी संवेदना प्रकट की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी डूडी के निधन पर संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा- राजस्थान के पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं किसान नेता रामेश्वर डूडी के निधन की ख़बर अत्यंत दु:खद है। उनके परिवार एवं प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। लंबे समय से अस्वस्थ डूडी  का निधन समाज, राजस्थान की राजनीति और कांग्रेस पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है। वो एक सच्चे किसान हितैषी थे, जिनके संघर्ष से प्रदेश में किसानों के कर्ज माफ हुए। उन्होंने सामाजिक एवं जन सेवा में रहते सदैव आमजन और दलित-पिछड़ों की आवाज़ को बुलंद किया। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति एवं दु:ख की मुश्किल घड़ी में डूडी परिवार को संबल प्रदान करें। जूली बोले- शोषितों की लड़ाई को समर्पित रहे डूडी नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी रामेश्वर डूडी के निधन पर शोक प्रकट किया है। उन्होंने कहा- पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। यह हम सभी कांग्रेस परिवारजनों और पूरे राजस्थान के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं शोकाकुल परिवारजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। उनका पूरा जीवन किसानों, मजदूरों, शोषित-वंचित और पीड़ित वर्ग की आवाज़ बुलंद करने और उनके हक व अधिकारों की लड़ाई लड़ने को समर्पित रहा। जिला प्रमुख, विधायक और सांसद के रूप में उनकी नि:स्वार्थ सेवा और संघर्ष हमेशा स्मरणीय रहेगा l ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान, शोक संतप्त परिवारजनों और समर्थकों को यह असहनीय दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।     पूर्व नेता प्रतिपक्ष श्री रामेश्वर डूडी जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। यह हम सभी कांग्रेस परिवारजनों और पूरे राजस्थान के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं शोकाकुल परिवारजनों के प्रति गहरी संवेदनाएँ व्यक्त करता हूँ। मुख्यमंत्री ने जताया दुख मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने सोशल मीडिया पर दुख जताते हुए लिखा,  राजस्थान विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने परमधाम में स्थान दें व शोकाकुल परिवारजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति प्रदान करें।  

देशभर में पर्यावरण अपराध: राजस्थान की स्थिति चिंताजनक

जयपुर राजस्थान में पर्यावरण की स्थिति चिंताजनक है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान ने वर्ष 2023 में पर्यावरण से जुड़े अपराधों के मामलों में देश के शीर्ष राज्यों में स्थान बनाया है। राज्य में कुल 7,794 पर्यावरण अपराध दर्ज किए गए, जो तमिलनाडु (41,304), केरल (8,786) और महाराष्ट्र (4,854) के बाद चौथे स्थान पर है। इसमें सबसे ज्यादा मामले ध्वनि प्रदूषण को लेकर दर्ज हैं। ध्वनि प्रदूषण संबंधित अपराधों में राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर है। हालांकि संख्या में पिछले साल की तुलना में थोड़ी गिरावट है (2022 में 9,529 मामले), फिर भी राजस्थान का अपराध दर (प्रति लाख जनसंख्या पर) 9.6 है, जो तमिलनाडु (53.7) और केरल (24.5) के बाद तीसरा स्थान रखता है। ध्वनि प्रदूषण बना मुख्य अपराध कानून मामले वन और वन संरक्षण अधिनियम  में 232 मामले दर्ज , वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 में  181 मामले, वायु और जल प्रदूषण अधिनियम के तहत  1,535 प्रकरण दर्ज तथा  ध्वनि प्रदूषण अधिनियम में सर्वाधिक 5,846 (देश में दूसरा स्थान) मामले दर्ज किए गए हैं। 5,846 मामलों के साथ ध्वनि प्रदूषण राजस्थान में पर्यावरण अपराधों का सबसे बड़ा कारण बना हुआ है — केवल तमिलनाडु (41,241 मामले) ही इससे आगे है। विशेषज्ञों का कहना है कि राजस्थान में ध्वनि प्रदूषण के अधिक मामले राज्य के शहरी विस्तार, भारी वाहन यातायात और बार-बार होने वाले धार्मिक/सामाजिक आयोजनों का परिणाम हैं, जहां ध्वनि संबंधित नियमों का अक्सर उल्लंघन किया जाता है।  पिछले तीन वर्षों में दर्ज पर्यावरण अपराध:     2021: 9,387     2022: 9,529     2023: 7,794 पर्यावरण संबंधित अपराधों के मामले में 2021 के मुकाबले 2023 में भले ही दर्ज मामलों की संख्या घटी हो, लेकिन राजस्थान की हिस्सेदारी देश के कुल 68,994 मामलों में 11% से ज़्यादा है। अच्छी बात यह है कि राज्य का चार्जशीट दाखिल करने का प्रतिशत 99.7% रहा है — यानी कार्यवाही में तेजी है, पर अपराध रोकना अब भी बड़ी चुनौती।

पाकिस्तान को जनरल द्विवेदी की चेतावनी: तय कर ले, भूगोल में रहना है या नहीं

अनूपगढ़ भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान को सीधी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि इस बार ऑपरेशन सिंदूर 1.0 जैसा संयम नहीं बरता जाएगा. पाकिस्तान को सोचना होगा कि वह भूगोल में रहना चाहता है या नहीं. जनरल द्विवेदी ने साफ कहा कि अगर पाकिस्तान को अपना अस्तित्व बनाए रखना है तो उसे राज्य प्रायोजित आतंकवाद बंद करना होगा. शुक्रवार को ही वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से पूरी दुनिया को सबक लेना चाहिए. वायुसेना दिवस से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर चीफ ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर तीनों सेनाओं के बेहतरीन तालमेल का उदाहरण है. पाकिस्तान को इस दौरान बड़ा नुकसान हुआ. उनके रडार, कंट्रोल सेंटर, रनवे और हैंगर तबाह हुए. एयरबोर्न वार्निंग सिस्टम (अवाक्स) और कई फाइटर जेट्स भी नुकसान की चपेट में आए. एयर चीफ ने बताया कि अब तीनों सेनाएं स्वदेशी हवाई रक्षा प्रणाली ‘सुदर्शन चक्र’ पर काम कर रही हैं. पीएम मोदी पहले ही इसकी घोषणा कर चुके हैं. एयर चीफ ने कहा कि एस-400 मिसाइल सिस्टम कारगर साबित हुआ है, लेकिन भविष्य में क्या खरीदा जाएगा यह रणनीति का हिस्सा है. राजनाथ ने भी दी धमकी- ‘इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे’ एक दिन पहले ही, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी थी. अगर उसने सर क्रीक इलाके में कोई हिमाकत की तो उसे ऐसा जवाब मिलेगा कि इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे. विजयदशमी पर भुज एयरबेस पर जवानों के बीच शस्त्र पूजा के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान की पोल खोल दी है. भारत ने संयम दिखाया क्योंकि हमारी कार्रवाई सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ थी, मगर जरूरत पड़ी तो जवाब और कड़ा होगा. उन्होंने याद दिलाया कि 1965 की जंग में भारतीय सेना लाहौर तक पहुंची थी और आज कराची तक पहुंचने का रास्ता भी सर क्रीक से होकर जाता है. राजनाथ ने कहा कि पाक फौज सर क्रीक में मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाकर अपनी नीयत साफ कर चुकी है. उन्होंने साफ कहा कि भारतीय सेना और बीएसएफ मुस्तैदी से सीमा की रक्षा कर रहे हैं और किसी भी हिमाकत पर पाकिस्तान को करारा सबक सिखाया जाएगा. ‘अब भारत का जवाब ही नया नॉर्मल’ इससे पहले, 26 जुलाई को विजय दिवस के मौके पर जनरल द्विवेदी ने कहा था कि अब किसी भी ताकत को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को चुनौती दी जा सकती है. भारत की नीति साफ है, जो भी दुश्मन नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा, उसे करारा जवाब दिया जाएगा. आर्मी चीफ ने बताया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना ने पाकिस्तान में 9 हाई-वैल्यू टेरर टारगेट्स को खत्म किया और यह सब बिना किसी कोलैटरल डैमेज के हुआ. उन्होंने इसे भारत की निर्णायक जीत बताया था. उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान की ओर से 8 और 9 मई को किए गए कायराना कदमों का भारत ने प्रभावी जवाब दिया. भारतीय एयर डिफेंस एक अभेद्य दीवार की तरह खड़ी रही, जिसे कोई मिसाइल या ड्रोन भेद नहीं पाया.

स्वास्थ्य सुरक्षा: राजस्थान सरकार ने खांसी की दवा पर प्रिसक्रिप्शन किया अनिवार्य

जयपुर राजस्थान में कफ सिरप अब चिकित्सकीय परामर्श से ही मिलेगी। प्रदेश में  Dextromethorphan HBr Syrup के लेने से गंभीर रूप से तबियत खराब होने तथा भरतपुर व सीकर में 2 बच्चों की मृत्यु के बाद स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है।  सीकर व भरतपुर में बच्चों की मृत्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि दोनों ही बच्चों को खांसी की दवा डेक्सट्रोमैटोरफन नहीं लिखी गई थी। विभाग ने सीकर जिले में हाथीदेह पीएचसी में बच्चों के लिए खांसी की प्रतिबंधित दवा लिखे जाने पर एक चिकित्सक एवं फार्मासिस्ट को निलंबित करने की कार्रवाई भी प्रारंभ कर दी है।  विभाग ने जारी की एडवाइजरी इसके साथ ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने प्रकरण में आवश्यक कार्यवाही के साथ ही प्रिसक्रिप्शन लिखने में प्रोटोकॉल का पालन करने तथा रोगियों को प्रिसक्रिप्शन से ही दवा उपलब्ध कराने तथा रोगियों द्वारा बिना चिकित्सकीय परामर्श के दवा नहीं लेने के संबंध में एडवाइजरी भी जारी की है। एडवाइजरी में कहा गया है कि सभी चिकित्सक दवा लिखते समय एडवाइजरी की पूर्णत: पालना सुनिश्चित करें। बच्चों को दवाई लिखते समय निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन किया जाए। रोगी बिना चिकित्सकीय परामर्श के दवा का सेवन नहीं करें। निदेशक जनस्वास्थ्य ने बताया कि प्रदेश में मौसमी बीमारियों सहित अन्य सामान्य बीमारियों से बचाव, उपचार एवं अन्य जानकारी के राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम नंबर 0141—2225624 पर किसी भी समय सम्पर्क किया जा सकता है। जांच के लिए कमेटी बैठी, दवा को क्यूी के लिए भेजा गौरतलब है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री  गजेन्द्र सिंह खींवसर ने प्रकरण सामने आने पर तत्काल संज्ञान लेते हुए मामले की जांच किए जाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद आरएमएससीएल ने संबंधित दवा के वितरण एवं उपयोग पर रोक लगा दी थी और जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन भी कर दिया था। साथ ही, दवा का वैधानिक नमूना लेकर जांच के लिए राजकीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भी भेजा गया है। सरकारी रिपोर्ट में ये तथ्य आए निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने बताया कि भरतपुर एवं सीकर में दो बच्चों की मौत के प्रकरण में प्राप्त रिपोर्ट में सामने आया है कि चिकित्सक द्वारा दोनों ही बच्चों को Dextromethorphan HBr Syrup नहीं लिखी गई है। प्रोटोकॉल के अनुसार बच्चों को यह दवा नहीं लिखी जाती है। सीकर के अजीतगढ़ ब्लॉक की हाथीदेह पीएचसी पर एक बच्चे को खांसी की यह दवा लिखे जाने का मामला सामने आया था, जिस पर चिकित्सक डॉ. पलक एवं फार्मासिस्ट पप्पू सोनी को निलंबित करने की कार्रवाई की जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार भरतपुर के कलसाडा निवासी 30 वर्षीय मोनू जोशी 25 सितम्बर, 2025 को खांसी—जुकाम व बुखार होने पर सीएचसी कलसाडा आए थे। चिकित्सक ने उन्हें अन्य दवाओं के साथ सिरप डैक्ट्रामैट्रोफन हाइड्रो ब्रोमाइड लिखी थी। मोनू जोशी ने अपने तीन वर्षीय पुत्र गगन के जुकाम व निमोनिया होने पर बिना चिकित्सक की सलाह के यह सीरप उसे पिला दी। गगन की तबीयत ज्यादा खराब होने पर वे तुरन्त चिकित्सक डॉ. अशोक जैन के पास महुआ लेकर गए। डॉ. अशोक जैन ने मरीज की गम्भीर अवस्था को देखते हुए उसे जेके लोन जयपुर के लिए रैफर कर दिया गया। 25 सितम्बर को ही दोपहर 2 बजे गगन को जेके लोन हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। मरीज की स्थिति में सुधार होने पर उसे 27 सितम्बर को डिस्चार्ज कर दिया गया।   भरतपुर में बच्चे की मौत की वजह निमोनिया को बताया वहीं भरतपुर में कफ सिरप पीने के बाद बच्चे की मौत की खबर को लेकर स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि यहां नहनी उम्र 50 साल उप केन्द्र, मलाह पर दिखाने आई थी, जिसे उप केन्द्र स्तर की पीसीएम दवाई दी गई थी। जिस बच्चे सम्राट की मौत की खबर सिरप पीने से बताई जा हरी है वह पहले से निमोनिया से ग्रसित था, जिसे भरतपुर से जयपुर रैफर किया गया था। सम्राट की मृत्यु 22 सितम्बर को हुई थी। सीकर में मौत सिरप से लेकिन परिजनों ने अपने स्तर पर ही दी दवा वहीं सीकर के ग्राम खोरी के नित्यांश पुत्र महेश कुमार शर्मा की मृत्यु के संबंध में प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार वस्तु स्थिति यह है कि 7 जुलाई 2025 को बच्चे को बुखार-जुकाम की शिकायत पर सीएचसी चिराना, झुंझुनूं में दिखाया गया था। रोगी की पर्ची में सिरप डैक्ट्रमैथोरफन नहीं लिखी गई थी। बच्चे की माता खूशबू शर्मा ने बताया कि 28 सितंबर 2025 को रात्रि 9 बजे बच्चे को हल्की खांसी की शिकायत हुई तब पहले से घर में रखी डैक्स्ट्रोमैथोरफन 5 एमएल कफ सिरप माता ने बच्चे को दी थी। 29 सितम्बर को रात्रि 2 बजे बच्चे ने पानी पिया और सो गया। तब तक बच्चा ठीक था। प्रातः 5 बजे मां उठी तो बच्चा बेसुध था। बच्चे को राजकीय श्री कल्याण अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस प्रकार दोनों ही बच्चों की मौत के मामले में चिकित्सक द्वारा डैक्स्ट्रोमैथोरफन दवा नहीं लिखी गई है।

टीकाराम जूली ने जासूसी कैमरा विवाद पर राष्ट्रपति से भेंट की इच्छा जताई

जयपुर विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान भड़का जासूसी कैमरा विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। कांग्रेस इस मुद्दे को छोड़ने को तैयार नहीं है। राजस्थान में जासूसी कैमरा विवाद को लेकर विधानसभा में धरने प्रदर्शन के बाद राज्यपाल को ज्ञापन दे चुकी कांग्रेस अब आरोप लगा रही है कि प्रदेश में इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो रही। इसलिए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस मामले में राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा है। जूली ने कहा कि यह घटना लोकतंत्र की गरिमा और संवैधानिक संस्थाओं की पवित्रता पर प्रश्नचिह्न खड़ा करती है। यह घटना न केवल विपक्षी विधायकों की निजता का हनन है, बल्कि जनता के विश्वास के साथ सीधा खिलवाड़ भी है।  जूली ने बताया कि इस गंभीर प्रकरण पर विपक्षी दल के प्रतिनिधियों ने राज्यपाल से मिलकर कर उन्हें समस्त तथ्यों से अवगत कराया था और निष्पक्ष जांच की मांग रखी थी। जूली ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में लोकतंत्र की रक्षा एवं संविधान की मर्यादा बनाए रखने हेतु उन्होंने माननीय राष्ट्रपति महोदय से समय प्रदान करने का आग्रह किया है। लोकतंत्र की सर्वोच्च संस्थाएं संसद और विधानसभाएं हैं। यदि इन्हीं पर संदेह और जासूसी का वातावरण बनेगा तो यह पूरे देश के लिए गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विपक्ष इस लड़ाई को जनता और लोकतंत्र के हित में अंत तक लड़ेगा। किसी भी कीमत पर लोकतांत्रिक मूल्यों और विधायकों की गरिमा पर आंच नहीं आने दी जाएगी। क्या था जासूसी कैमरा विवाद  विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्षी नेता और कांग्रेस विधायकों ने स्पीकर वासुदेव देवनानी को घेरते हुए आरोप लगाया कि विधानसभा में अतिरिक्त CCTV / PTZ (Pan-Tilt-Zoom) कैमरे लगाए गए हैं, खासकर विपक्षी बेंच और महिला विधायकों के आस-पास, जिनका उपयोग उन पर निगरानी रखने और उनकी गतिविधियों की रिकॉर्डिंग करने में हो रहा है। आरोपों के अनुसार, ये कैमरे सिर्फ सदन की कार्यवाही के दौरान नहीं बल्कि सदन के बाद भी सक्रिय रहते हैं, और कैमरों से ‘स्पीकर के रूम’ या रेस्ट रूम जैसे जगहों से भी नियंत्रण किया जाता है।     कांग्रेस ने कहा कि ये कैमरे नियमों और विधानसभा की पारंपरिक मर्यादाओं का उल्लंघन हैं, और विधायक‑सदस्यों की निजता का हनन करते हैं। स्पीकर ने यह जवाब दिया विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा है कि कैमरे सदन की कार्यवाही रिकॉर्डिंग और प्रसारण के लिए हैं, ऑडियो रिकॉर्डिंग नहीं होती। सरकार ने कहा कि ये कैमरे सुरक्षा कारणों और सदन के ऑडिट‑प्रक्रिया तथा पारदर्शिता के लिए लगाए गए हैं।

राजस्थान ATS की छापेमारी में बड़ा खुलासा: ताज हमले का हीरो अब नशा कारोबार में

जयपुर.  राजस्थान में नशा तस्करी के खिलाफ राजस्थान पुलिस की एक सनसनीखेज कार्रवाई ने देश को हिलाकर रख दिया. 2008 के मुंबई 26/11 आतंकी हमले में होटल ताज पर आतंकियों से मोर्चा लेने वाला पूर्व एनएसजी कमांडो बजरंग सिंह अब एक बड़े गांजा तस्करी रैकेट का सरगना निकला. बुधवार देर रात चूरू जिले के रतनगढ़ में राजस्थान पुलिस की एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) और एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने ‘ऑपरेशन गांजनेय’ के तहत उसे धर दबोचा. उसके पास से 200 किलोग्राम गांजा, नकदी और तस्करी से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए. यह गिरफ्तारी न केवल नशा तस्करी के खिलाफ बड़ी जीत है, बल्कि एक राष्ट्रीय नायक के अपराध की गर्त में गिरने की दुखद कहानी भी सामने लाती है. पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि सीकर जिले के रहने वाले बजरंग सिंह (45) पर 25,000 रुपये का इनाम था. वह तेलंगाना और ओडिशा से गांजा मंगवाकर राजस्थान के सीकर, जयपुर और जोधपुर में सप्लाई करता था. ‘ऑपरेशन गांजनेय’ के तहत हुई गिरफ्तारी पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि दो महीने तक चले गुप्त अभियान ‘ऑपरेशन गांजनेय’ में एक अनोखा सुराग काम आया. बजरंग हमेशा अपने भरोसेमंद ओडिया रसोइए के साथ रहता था. एटीएस ने रसोइए के रिश्तेदारों पर तकनीकी निगरानी रखी, जिससे रतनगढ़ में बजरंग का ठिकाना पकड़ में आया. छापेमारी में उसे 200 किलो गांजा और तस्करी के दस्तावेजों के साथ पकड़ा गया. आईजी कुमार ने कहा कि यह नशा तस्करी के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाइयों में से एक है. बजरंग का नेटवर्क बहुत संगठित था. मुंबई के होटल ताज हमले में आतंकियों से ले चुका है लोहा बजरंग सिंह ने 10वीं के बाद एनएसजी में भर्ती होकर देश सेवा शुरू की थी. 2008 में 26/11 मुंबई हमलों के दौरान वह ब्लैक कैट कमांडो के रूप में होटल ताज में आतंकियों से भिड़ा था. उसकी वीरता की कहानियां एनएसजी के गौरव का हिस्सा थीं. 2021 में रिटायरमेंट के बाद उसने राजनीति में किस्मत आजमाई, लेकिन हार मिली. आर्थिक तंगी और गलत संगत ने उसे नशा तस्करी की ओर धकेल दिया. पुलिस के मुताबिक, बजरंग अपनी एनएसजी ट्रेनिंग का इस्तेमाल तस्करी को छिपाने और पुलिस से बचने में करता था. वह युवाओं को नशे की लत में धकेलकर मोटा मुनाफा कमा रहा था. नशे के जाल पर करारा प्रहार बजरंग की गिरफ्तारी से तेलंगाना और ओडिशा से राजस्थान में चल रहे गांजा तस्करी के रैकेट को बड़ा झटका लगा है. एटीएस ने पिछले एक साल में 50 से अधिक तस्करों को पकड़ा है, लेकिन बजरंग का गिरोह सबसे खतरनाक था. वह खासतौर पर युवाओं को निशाना बनाता था, जिससे नशे की लत ने राजस्थान के कई शहरों में जड़ें जमा ली थीं. मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कार्रवाई की तारीफ करते हुए कहा कि नशा मुक्त राजस्थान हमारा संकल्प है. पूर्व सैनिकों को अपराध की राह पर जाने से रोकने के लिए पुनर्वास योजनाओं को और मजबूत किया जाएगा. गिरफ्तारी पर परिवार ने जताया दुख बजरंग के परिवार ने उसकी गिरफ्तारी पर गहरा दुख जताया. एक रिश्तेदार ने कहा कि वह देश का सपूत था, लेकिन हालात ने उसे गलत रास्ते पर ले गए. पूछताछ में बजरंग ने जुर्म कबूल कर लिया है, और पुलिस अब उसके नेटवर्क के अन्य तस्करों की तलाश में जुट गई है. यह घटना समाज में कई सवाल छोड़ गई है. क्या पूर्व सैनिकों के लिए रोजगार और पुनर्वास की कमी ऐसी घटनाओं को बढ़ावा दे रही है? क्या यह गिरफ्तारी राजस्थान में नशे के काले कारोबार पर लगाम लगा पाएगी, या यह महज एक शुरुआत है?

अंता विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या बढ़ी, अंतिम सूची में 2.27 लाख+ नाम

जयपुर/बारां आगामी उपचुनाव की तैयारी के तहत निर्वाचन विभाग राजस्थान, जयपुर के निर्देशानुसार बुधवार को अंता विधानसभा क्षेत्र (193) की मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन किया गया। इस अवसर पर जिला निर्वाचन अधिकारी रोहिताश्व सिंह तोमर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई, जिसमें राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि और मीडिया कर्मी उपस्थित रहे।  राजनीतिक दलों को सौंपी गई सूची की प्रति बैठक में निर्वाचन अधिकारियों ने विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम की प्रक्रिया की जानकारी दी। अंतिम प्रकाशन के तहत राजनीतिक दलों को मतदाता सूची की प्रति हार्ड कॉपी में और सॉफ्ट कॉपी सीडी व पेनड्राइव में उपलब्ध करवाई गई। मीडिया की मौजूदगी में प्रतिनिधियों से प्राप्ति रसीद भी ली गई।   मतदाता संख्या में हुआ इजाफा जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रारूप प्रकाशन के समय अंता विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,26,227 मतदाता दर्ज थे। इनमें 1,15,982 पुरुष, 1,10,241 महिला और 4 अन्य मतदाता शामिल थे। दावे-आपत्तियों की प्रक्रिया 3 से 17 सितंबर तक चली और 25 सितंबर तक सभी का निस्तारण कर दिया गया। इसके बाद 1 अक्टूबर को जारी अंतिम मतदाता सूची में कुल 2,27,563 मतदाता पंजीकृत हैं। इनमें 1,16,405 पुरुष, 1,11,154 महिला और 4 अन्य मतदाता शामिल हैं।   निर्वाचन आयोग के निर्देशों से कराया अवगत बैठक में राजनीतिक दलों और मीडिया को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी नवीनतम दिशा-निर्देशों से भी अवगत कराया गया। जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि अंतिम प्रकाशन के साथ अब अंता क्षेत्र के मतदाता आगामी चुनावों में अपने मताधिकार का उपयोग करने के लिए तैयार हैं।

हाईकोर्ट की सख्ती: डिजिटल पेमेंट किट खरीद मामले में एसीबी को नोटिस, 6 पक्ष जवाबदेह

जयपुर डीओआईटी में हुए घोटालों की परतें अब खुलने लगी हैं। डिजिटल पेमेंट किट खरीद घोटाले को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से दो सप्ताह में जवाब मांगा है तथा डीओआईटी के अधीन आने वाली कंपनी राजकॉम्प एवं 5 संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। यह कार्रवाई पब्लिक अंगेंस्ट करप्शन संस्था की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए की गई है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता पूनम चन्द भंडारी एवं डॉ टी.एन. शर्मा ने बताया कि राजस्थान में ई-मित्र संचालकों को डिजिटल किट बांटने के नाम पर भारी घोटाला किया गया है। ऐसे हुआ घोटाला- अधिवक्ता भंडारी ने बताया कि सितंबर 2017 में डिजिटल पेमेंट किट खरीदने के लिए 19 करोड़ का टेण्डर निकाला गया जिसे बाद में 33 करोड़ कर दिया गया। इस टेण्डर के अंतर्गत 8592 पेमेंट किट खरीदी जानी थी प्रत्येक किट में एक टेबलेट, एक पोस मशीन, एक फिंगरप्रिंट स्केनर आदि थीं। इसके अतिरिक्त प्रत्येक मशीन का एक मासिक सब्स्क्रिप्शन खरीदा जाना था। याचिकाकर्ता के द्वारा आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार मार्च 2019 तक केवल 4964 किट ही एक्टिव हो पाई थीं, उनमें भी प्रतिमाह प्रतिकिट एक भी ट्रांजेक्शन नहीं हो पा रहा था। जबकि सभी किट का भुगतान कर दिया गया था। यहीं नहीं सब्स्क्रिप्शन एवं रख-रखाव के नाम पर संबंधित फर्म को करीब 8 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया। इन मामलों में सीएजी ने भी आपत्तियां दर्ज की मगर विभाग ने उन्हें दरकिनार कर दिया। मामले की सुनवाई राजस्थान उच्च न्यायालय के जस्टिस माननीय संजीव प्रकाश शर्मा एवं जस्टिस माननीय संजीत पुरोहित की खंडपीठ में हुई। सुनवाई के पश्चात उच्च न्यायालय ने आश्चर्य व्यक्त किया कि 2020 की जनहित याचिका में आजतक एसीबी ने कोई जवाब नहीं दिया है। उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को 15 दिवस में जवाब पेश करने का अंतिम अवसर देते हुए कहा कि जवाब पेश नहीं करने की स्थिति में संबंधित अधिकारी स्वयं कोर्ट में उपस्थित हों साथ ही राजकॉम्प इन्फो सर्रविसेज लिमिटेड एवं संबंधित अधिकारी  हंसराज यादव, सीताराम स्वरूप, रणवीर सिंह, नीलेश शर्मा और कौशल सुरेश गुप्ता तथा सप्लाई करने वाली फर्म सीआरआईएलपीएल को नोटिस जारी किए।

हिरासत में मौत से हड़कंप: डूंगरपुर में पुलिस पर कार्रवाई, धरना प्रदर्शन जारी

बांसवाड़ा/डूंगरपुर बांसवाड़ा के समीपवर्ती डूंगरपुर जिले के दोवड़ा थाना क्षेत्र में चोरी के आरोप में गिरफ्तार किए गए देवसोमनाथ निवासी दिलीप अहारी की पूछताछ के दौरान तबीयत बिगड़ गई थी। जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उसे उदयपुर के महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय रेफर किया गया, जहां मंगलवार दोपहर उसने दम तोड़ दिया। इस घटना को लेकर अब बवाल मचा हुआ है।  धरने पर बैठे परिजन और ग्रामीण युवक की मौत के बाद परिजन और बड़ी संख्या में ग्रामीण पहले दोवड़ा थाने और फिर कलेक्ट्री के बाहर धरने पर बैठ गए। उनका कहना है कि पुलिस की पिटाई से दिलीप की मौत हुई है। मृतक के परिवार और ग्रामीणों ने एक करोड़ रुपये का मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और दोवड़ा थाने में तैनात सभी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग की है। मंत्री, सांसद और विधायक पहुंचे, वार्ता विफल घटना के बाद मंगलवार शाम को जनजाति विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, सांसद मन्नालाल रावत, विधायक गणेश घोघरा, उमेश डामोर, अनुतोष रोत सहित आदिवासी समाज के प्रतिनिधि प्रशासन के साथ बातचीत में शामिल हुए। देर रात तक कलेक्टर अंकित कुमार सिंह और एसपी मनीष कुमार ने वार्ता की, लेकिन सहमति नहीं बन पाई। बुधवार शाम तक भी ग्रामीण कलेक्ट्री परिसर में डटे रहे।   पांच पुलिसकर्मी निलंबित मामले की गंभीरता को देखते हुए डूंगरपुर पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने कार्रवाई की है। दोवड़ा थानाधिकारी तेजकरण सिंह, सहायक पुलिस निरीक्षक वल्लभराम, हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार, कांस्टेबल पुष्पेंद्र सिंह और माधव सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। निलंबन के बाद इनका मुख्यालय डूंगरपुर रिजर्व पुलिस लाइन में कर दिया गया है।

भीलवाड़ा में टी. राजा की हुंकार, कहा – मोदी की योजनाओं का करूंगा प्रसार

भीलवाड़ा भीलवाड़ा का बुधवार (1 अक्टूबर) को वातावरण धार्मिक जोश और उत्साह से सराबोर रहा। अवसर था दुर्गा शक्ति अखाड़े के 9वें स्थापना दिवस का, जो हरी सेवा उदासीन आश्रम परिसर में बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया। इस मौके पर तेलंगाना से विधायक टी राजा सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। बालिकाओं का उत्साहवर्धन करते हुए उन्होंने कहा कि “आने वाला समय भारत के लिए संघर्ष और युद्ध का समय है। इसलिए हर सनातनी बालिका को दुर्गा या काली बनना है, लेकिन कभी भी बुरखे वाली नहीं बनना।” उन्होंने आगे कहा कि धर्म की रक्षा के लिए शास्त्र और शस्त्र दोनों का ज्ञान जरूरी है। राजस्थान में बने धर्मांतरण विरोधी कानून के लिए उन्होंने राज्य सरकार को धन्यवाद दिया और इसे और प्रभावी ढंग से लागू करने की मांग की। उन्होंने सुझाव दिया कि इसके लिए अलग विभाग और टास्क फोर्स बनाकर कंट्रोल रूम स्थापित करना चाहिए, ताकि धर्मांतरण की सूचना मिलते ही तुरंत कार्रवाई हो सके। सुबह 4000 से अधिक बालिकाएं घोष की गूंज के साथ पथ संचलन करती हुई माली समाज के नोहरे से रवाना हुईं। यह संचलन बड़ा मंदिर, सूचना केंद्र होते हुए हरि सेवा आश्रम पहुंचा। पूरे मार्ग में विभिन्न हिंदू संगठनों और श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर बालिकाओं का स्वागत किया। धर्मसभा का शुभारंभ महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन, महंत बाबू गिरी, महंत प्रकाश दास, संत मयाराम, संत गोविंद राम, ब्रह्मचारी इंद्रदेव, सिद्धार्थ, मिहिर, पंडित धर्मेश, सत्यनारायण और मोनू शर्मा द्वारा राम दरबार के समक्ष दीप प्रज्वलन व शस्त्र पूजन के साथ हुआ। स्वामी हंसराम ने बालिकाओं को धर्म रक्षा हेतु एकजुट होकर कार्य करने की प्रेरणा दी। सभा में बोलते हुए टी राजा सिंह ने कहा कि “भारत के सामने आने वाला समय संघर्ष और युद्ध का है। जिस तरह औरंगजेब के समय मंदिरों में पूजा संभव नहीं थी, उसी प्रकार धर्म पर संकट कभी भी आ सकता है। इसलिए सनातन समाज को सतर्क रहकर धर्म की रक्षा के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने चेताया कि धर्मांतरण के नाम पर आज भी बेटियों को निशाना बनाया जा रहा है। ऐसे में राजस्थान को भी यूपी की तर्ज पर कठोर कार्रवाई करनी होगी। पत्रकारों से वार्ता के दौरान राजनीतिक सवालों पर उन्होंने कहा कि वे नरेंद्र मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ के कार्यों से प्रभावित होकर राजनीति में आए थे, लेकिन अब चुनाव लड़ने में उनकी रुचि नहीं है। विधायक के रूप में उनका कार्यकाल शेष 3 साल का है, जिसके बाद वे राजनीति छोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा, “जिस प्रकार हनुमान जी भगवान श्रीराम के प्रचारक थे, उसी तरह मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रचारक के रूप में उनके धर्महित और राष्ट्रहित के कार्यों का प्रचार करता रहूंगा।” लद्दाख में हालिया हिंसा को लेकर उन्होंने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि कांग्रेस समर्थित लोग हथियारों और पत्थरों के साथ तोड़फोड़ कर रहे थे। यह एक बड़ा षड्यंत्र था, जो विफल हो गया। उन्होंने कहा कि भारत की शांति और प्रगति कुछ लोगों को रास नहीं आ रही और यही लोग दंगे-फसाद की साजिशें कर रहे हैं। धर्मसभा के दौरान दुर्गा शक्ति अखाड़े की विभिन्न शाखाओं की बालिकाओं ने तलवार और अखाड़ा प्रदर्शन कर अपनी दक्षता का परिचय दिया। इस अवसर पर 5100 बालिकाओं को कटार दीक्षा दी गई और सभी को सामूहिक भोज कराया गया।