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CG में प्राचार्य पदोन्नति पर हाईकोर्ट से बड़ी राहत: डिवीजन बेंच ने हटाया स्टे, याचिकाएं खारिज, 3500 स्कूलों में अब जल्द होगी नियुक्ति

बिलासपुर  छत्तीसगढ़ में प्राचार्यों की बहुप्रतीक्षित पदोन्नति का रास्ता अब पूरी तरह से साफ हो गया है। राज्य सरकार द्वारा जारी प्रमोशन सूची पर लगी हाईकोर्ट की रोक को डिवीजन बेंच ने हटा दिया है। साथ ही, कोर्ट ने राज्य सरकार की प्रमोशन नीति को वैध ठहराते हुए याचिकाकर्ताओं की तमाम आपत्तियों को खारिज कर दिया है। यह अहम फैसला मंगलवार को जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस एके प्रसाद की डिवीजन बेंच ने सुनाया। इससे पहले 15 दिन पहले कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट में उठे थे बीएड और वरिष्ठता के मुद्दे प्राचार्य पदोन्नति फोरम सहित कई याचिकाकर्ताओं ने बीएड डिग्री की अनिवार्यता और वरिष्ठता को लेकर आपत्ति जताई थी। कोर्ट में दलील दी गई कि कई शिक्षकों को पहले ही नियमों के विरुद्ध प्रमोशन देकर पदस्थ किया गया था, जो न्यायालय की अवमानना है। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने पहले जारी की गई सभी ज्वॉइनिंग को अमान्य कर दिया था और स्थगन आदेश जारी किया था। हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई थी दरअसल, प्राचार्य पदोन्नति फोरम के साथ ही प्रमोशन को लेकर हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई थी। इसमें बताया गया है कि, पहले कोर्ट के आदेश के बावजूद कई शिक्षकों को प्राचार्य पद पर प्रमोशन देकर ज्वॉइन करा दिया गया है। इस पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा था कि, यह न्यायालय की अवमानना का मामला है। शुरुआती सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आगामी आदेश तक की गई सभी ज्वॉइनिंग को अमान्य कर दिया था। बीएड की अनिवार्यता को दी थी चुनौती इस मामले की सुनवाई जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस एके प्रसाद की डिवीजन बेंच में बीते 11 जून से 16 जून तक लगातार हुई। इस दौरान याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने अपनी बहस पूरी करते हुए बीएड डिग्री को प्राचार्य पद के लिए अनिवार्य बताया। इसके अलावा, उन्होंने माध्यमिक स्कूलों के प्रधान पाठकों से लेक्चरर बने शिक्षकों की वरिष्ठता का मुद्दा भी उठाया। शासन ने कहा- नियमों के अनुसार दी पदोन्नति हाईकोर्ट में चल रही याचिकाओं में एक मामला साल 2019 से जुड़ा हुआ है, जबकि अन्य याचिकाएं 2025 में बीएड और डीएलएड योग्यता से संबंधित हैं। इस दौरान राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि प्रमोशन नियम को लेकर सभी कैटेगरी के शिक्षकों के हितों का ध्यान रखा गया है। इसमें कोई गड़बड़ी नहीं की गई है। स्टे हटने के बाद तत्काल पोस्टिंग दे राज्य सरकार इधर, शिक्षक साझा मंच के प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने कहा कि व्याख्याता संवर्ग के शिक्षकों को अपने हक के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी। शिक्षा विभाग ने 30 अप्रैल को प्राचार्य पदोन्नति की सूची जारी की थी, जिस पर 1 मई को हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश जारी कर दिया। इस दौरान याचिकाकर्ताओं के साथ ही शिक्षक संघ और शासन ने पक्ष रखा। संजय शर्मा ने कहा कि अब हाईकोर्ट का फैसला आ गया है। जिसमें स्थगन आदेश को हटाकर सभी याचिकाएं खारिज की गई है। ऐसे में अब जारी प्रमोशन सूची के आधार पर राज्य सरकार तत्काल प्राचार्यों की पोस्टिंग आदेश जारी करे। ताकि, शिक्षा सत्र शुरू होते ही प्रदेश के 3500 स्कूलों में प्राचार्यों की नियुक्ति हो सके।

मध्यप्रदेश के 30 जिलों में आज झमाझम बारिश की चेतावनी, ग्वालियर-चंबल, नर्मदापुरम में सबसे ज्यादा असर

भोपाल  दक्षिण-पश्चिमी मानसून के साथ तीन और सिस्टम सक्रिय हो रहे हैं, जिससे जुलाई में भी अच्छी बारिश की संभावना बनी रहेगी। भारत मौसम विज्ञान विभाग भोपाल की वैज्ञानिक डॉ. दिव्या सुरेंद्रन ने बताया कि प्रदेश के कई जिलों में 4 जुलाई तक यलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलने व बारिश की संभावना है। दक्षिणी राजस्थान और उससे लगे क्षेत्रों में एक चक्रवातीय सिस्टम बन रहा है। उत्तरी गुजरात व उत्तर प्रदेश से भी सिस्टम सक्रिय होकर मप्र की तरफ पहुंचने के आसार हैं। वहीं आज भी प्रदेश के 28 जिलों में अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही कल यानी 2 जुलाई को एमपी के 30 जिलों में झमाझम बारिश(Heavy rain alert) की चेतावनी दी गई है। इस बार एक दिन लेट पहुंचा मानसून इस साल देश में मानसून 8 दिन पहले ही आ गया था। अनुमान था कि मध्यप्रदेश में यह जून के पहले सप्ताह में ही आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 15 दिन तक मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा रहा। इस वजह से एमपी में इसकी एंट्री नहीं हो पाई। 13-14 जून को मानसून आगे बढ़ा और एमपी में 1 दिन लेट हो गया। हालांकि, 3 दिन में ही मानसून ने प्रदेश के 53 जिलों को कवर कर लिया। एक दिन के ठहराव के बाद बाकी बचे 2 जिले- भिंड और मऊगंज में भी मानसून एंटर हो गया। इस तरह 5 दिन में ही मानसून ने पूरे प्रदेश को कवर कर लिया। एमपी में मानसून के प्रवेश की सामान्य तारीख 15 जून ही है। पिछले साल यह 21 जून को एंटर हुआ था। मानसून के एक्टिव होने के बाद से ही पूरे प्रदेश में तेज बारिश का दौर चल रहा है। अगले 4 दिन बारिश का अलर्ट सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि मध्यप्रदेश के ऊपर से एक मानसून टर्फ गुजर रही है। वहीं, एक अन्य टर्फ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम का भी असर है। इनकी वजह से प्रदेश में अगले 4 दिन तक तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में भी भारी बारिश का अलर्ट मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार को अशोकनगर, शिवपुरी, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अगले 24 घंटे में इन जिलों में 8 इंच तक पानी गिर सकता है। श्योपुर, राजगढ़, सीहोर, विदिशा, बैतूल, रायसेन, सागर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, जबलपुर, मैहर, सतना, पन्ना, सीधी में भारी बारिश की संभावना है। एमपी के 24 जिलों में बारिश सोमवार, 30 जून को एमपी में 24 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई। खजुराहो, नर्मदापुरम और छिंदवाड़ा में आधा इंच से ज्यादा पानी गिरा। वहीं, बैतूल, भोपाल, दतिया, गुना, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर, बुरहानपुर, रायसेन, धार, भिंड, रतलाम, मऊगंज, शाजापुर, मंडला, सागर, सिवनी, टीकमगढ़, उमरिया, बालाघाट में भी पानी गिरा। बारिश के कारण दिन के तापमान में भी काफी गिरावट आई है। पचमढ़ी में पारा 23.2 डिग्री, सिवनी में 24.6 डिग्री, मलाजखंड में 25 डिग्री और बैतूल में 25.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जानें, अगले 4 दिन के मौसम का हाल 1 जुलाई: गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। यहां अगले 24 घंटे में 8 इंच तक पानी गिर सकता है। श्योपुर, राजगढ़, सीहोर, विदिशा, बैतूल, रायसेन, सागर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, जबलपुर, मैहर, सतना, पन्ना, सीधी में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर में हल्की बारिश का दौर जारी रहेगा। 2 जुलाई: नीमच, मंदसौर, विदिशा, रायसेन, सागर, छतरपुर, दमोह, पन्ना, कटनी, जबलपुर, सिवनी, मंडला, डिंडौरी और बालाघाट में भारी बारिश का अलर्ट है। बाकी जिलों में भी बारिश का यलो अलर्ट है। 3 जुलाई: सीधी, सिंगरौली, कटनी, डिंडौरी, बालाघाट में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, मैहर, शहडोल, दमोह, जबलपुर, मंडला, सिवनी, सागर, रायसेन, नर्मदापुरम और बैतूल में भारी बारिश हो सकती है। 4 जुलाई: राजगढ़, सीहोर, बैतूल, नर्मदापुरम, रायसेन, सागर, दमोह, पन्ना, मंडला और बालाघाट में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। वहीं, भोपाल, शाजापुर, देवास, गुना, अशोकनगर, विदिशा, हरदा, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सिवनी, जबलपुर, डिंडौरी, अनूपपुर, कटनी, उमरिया, शहडोल, मैहर, सतना, रीवा, मऊगंज, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी में भारी बारिश का यलो अलर्ट है।

बेंगलुरु की फ्लाइट में आई ईंधन की गंध, उड़ान तकनीकी कारणों से निरस्त

प्रयागराज  प्रयागराज से बेंगलुरु के लिए उड़ान भरने जा रही इंडिगो की फ्लाइट संख्या 6E-6036  टेकऑफ से ठीक पहले तकनीकी कारणों से निरस्त कर दी गई. यात्रियों के अनुसार, बोर्डिंग के बाद विमान में पेट्रोल जैसी गंध महसूस हुई, जिसके बाद फ्लाइट को तुरंत रोक दिया गया. इस घटना से यात्री असमंजस में पड़ गए. फ्लाइट में सवार NLSIU बेंगलुरु के एक छात्र ने बताया कि  बैठने के काफी देर बाद तक फ्लाइट टेकऑफ नहीं हुआ. यात्रियों को सूचित किया गया कि सुरक्षा जांच चल रही है और कोई खतरे की बात नहीं है. लेकिन इसी दौरान कुछ यात्रियों ने केबिन में ईंधन जैसी गंध की शिकायत की. तभी पायलट की ओर से एनाउंसमेंट किया गया कि तकनीकी कारणों से उड़ान में देरी हो रही है. इसी बीच 4-5 एयरलाइन स्टाफ कॉकपिट में गए और पायलट से चर्चा करने के बाद यह निर्णय लिया कि सभी यात्री अपना सामान लेकर बाहर आ जाएं. इसके तुरंत बाद उड़ान रद्द करने की औपचारिक घोषणा कर दी गई. रीरूटिंग, कैब व रिफंड का विकल्प  इंडिगो की ओर से यात्रियों को यह जानकारी दी गई कि तकनीकी कारणों से फ्लाइट निरस्त की जा रही है और उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है. यात्रियों को वैकल्पिक उड़ानों या पूर्ण रिफंड का विकल्प दिया गया. इंडिगो के कर्मचारियों ने बताया कि वैकल्पिक उड़ानों की व्यवस्था दिल्ली, मुंबई, वाराणसी और लखनऊ जैसे नजदीकी शहरों से की जा रही है. 'फर्स्ट कम, फर्स्ट सर्व' के आधार पर यात्रियों को अन्य फ्लाइट्स में समायोजित करने की प्रक्रिया शुरू की गई. जिन यात्रियों को लखनऊ से उड़ान में स्थान मिला, उन्हें प्रयागराज से लखनऊ एयरपोर्ट तक पहुंचाने के लिए इंडिगो की ओर से कैब सुविधा प्रदान की गई. इस फ्लाइट में बड़ी संख्या में छात्र शामिल थे, जिनमें से कई प्रतिष्ठित संस्थानों के थे. फ्लाइट निरस्त होने की सूचना मिलने के बाद कुछ यात्रियों के परिजन भी एयरपोर्ट पहुंच गए. एयरपोर्ट प्रशासन ने दी सफाई प्रयागराज एयरपोर्ट के निदेशक मुकेश चंद्र उपाध्याय ने कहा कि, हाल ही में देश के अन्य हिस्सों में कुछ तकनीकी घटनाएं सामने आई हैं. इन्हीं को ध्यान में रखते हुए, एयरपोर्ट पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है. यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. जब प्रयागराज से उड़ान भरने वाली इस फ्लाइट में किसी भी प्रकार की गंध महसूस की गई, तो तुरंत निर्णय लेकर फ्लाइट को निरस्त किया गया. उन्होंने बताया कि इंडिगो की ओर से यात्रियों को पूरी सुविधा देने के निर्देश दिए गए हैं, और यदि कोई यात्री अपनी यात्रा जारी नहीं करना चाहता तो उसे पूर्ण धनवापसी दी जाएगी या टिकट को अगली उपलब्ध तिथि पर शिफ्ट किया जाएगा.

शराब घोटाले में पूर्व मंत्री लखमा के खिलाफ कोर्ट में 1200 पन्नों का चालान पेश, जानें चार्जशीट में क्या है?

रायपुर  छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया है, जिसमें उनकी अहम भूमिका का उल्लेख है. यह मामला 2000 करोड़ रुपये से अधिक के शराब घोटाले से जुड़ा है.  कांग्रेस नेता लखमा करीब 5 महीने से रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए. चलन 1200 पन्नो समेत 66 पन्नो की समरी का है. इसे ACB/EOW की विशेष अदालत में पेश किया गया. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में हुए 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की ईडी जांच कर रही है. छत्तीसगढ़ शराब घोटाला साल 2019 से 2022 के बीच हुआ था. इस समय कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार सत्ता में थी. उस समय कवासी लखमा राज्य के आबकारी मंत्री थे. आरोपों के मुताबिक, कवासी लखमा को 36 महीनों में अवैध सिंडिकेट के माध्यम से 72 करोड़ रुपये मिले थे. यह मामला छत्तीसगढ़ में शराब कारोबार से जुड़ा हुआ है और ईडी इसकी जांच कर रही है. लखमा को इसी वर्ष 15 जनवरी को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. इससे पहले 28 दिसंबर 2024 को ईडी ने लखमा और उनके करीबियों के घरों पर छापेमारी की थी. 3 जनवरी और 9 जनवरी को भी कांग्रेस नेता लखमा से पूछताछ की गई थी. इसके बाद 15 जनवरी को पूछताछ के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. लखमा तभी से जेल में है. जांच में सामने आया है कि शराब की अवैध कमाई से लखमा को 64 करोड़ मिले। पूर्व मंत्री ने बेटे के लिए 1.4 और खुद के लिए 2.24 करोड़ में मकान बनाया। बहू-बेटियों समेत कई कारोबारियों के नाम 18 करोड़ का निवेश किया। चालान के अनुसार कवासी लखमा ने साल 2019-2023 के दौरान आबकारी मंत्री रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया। घोटाले से 64 करोड़ की अवैध कमाई कवासी लखमा के हिस्से में आई है। इसमें से 18 करोड़ रुपए की राशि से संबंधित निवेश और खर्च के दस्तावेजी साक्ष्य भी जांच एजेंसी को मिले हैं। गौरतलब है कि शराब घोटाला मामले में अब तक कुल चार चार्जशीट (एक मूल और तीन पूरक चालान) स्पेशल कोर्ट में पेश किए जा चुके हैं। इस मामले में 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आबकारी नीति-2017 को ही बदल दिया शराब घोटाले की पड़ताल के दौरान ये भी खुलासा हुआ कि तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने भ्रष्टाचार के लिए सबसे पहले 2019 में आबकारी नीति-2017 को ही बदल दिया। इससे उन्हें सीधा लाभ मिला। उन्होंने आईएएस अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर के साथ मिलकर सिंडीकेट बनाया। इस सिंडीकेट को चलाने के लिए इंडियन टेलीकॉम सर्विस के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी को प्रतिनियुक्ति पर आबकारी में लाए। उसके बाद अपने मंसूबे अंजाम दिए। सिंडीकेट ने 4 साल में 2161 करोड़ रुपए का घोटाला किया है। पुरैना में 2.24 करोड़ रुपए का बंगला इसमें लखमा को कमीशन के तौर पर 64 करोड़ रुपए कैश मिले। लखमा ने भ्रष्टाचार से मिले 1.4 करोड़ रुपए से बेटे हरीश के लिए सुकमा में आलीशान मकान बनाया। खुद के लिए पुरैना में 2.24 करोड़ रुपए का बंगला बनाया। जगदलपुर में 4.1 करोड़ रुपए में सीमेंट फैक्ट्री को लीज पर लिया। शराब घोटाला मामले में ये गिरफ्तार 2024 में आईटीएस अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी, बीएसपी कर्मी अरविंद सिंह, कारोबारी अनवर ढेबर, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, अनुराग द्विवेदी, अमित सिंह, दीपक दुआरी, दिलीप पांडेय, रिटायर आईएएस अनिल टुटेजा, सुनील दत्त। 2025 में तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा और कारोबारी विजय भाटिया को गिरफ्तार किया गया है। प्रति पेटी ऐसे कमीशन     अनिल टुटेजा- 150 रुपए     अनवर ढेबर- 150 रुपए     विकास अग्रवाल-75 रुपए     बीएसपी कर्मी अरविंद सिंह- 75 रुपए     हर जिले के आबकारी अधिकारी- 150 रुपए     सीएसएमसीएल- 150 रुपए जानिए क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था। A, B और C कैटेगरी में बांटकर किया गया घोटाला A: डिस्टलरी संचालकों से कमीशन 2019 में डिस्टलरी संचालकों से प्रति पेटी 75 रुपए और बाद के सालों में 100 रुपए कमीशन लिया जाता था। कमीशन को देने में डिस्टलरी संचालकों को नुकसान ना हो, इसलिए नए टेंडर में शराब की कीमतों को बढ़ाया गया। साथ ही फर्म में सामान खरीदी करने के लिए ओवर बिलिंग करने की राहत दी गई। B: नकली होलोग्राम वाली शराब को सरकारी दुकानों से बिकवाना डिस्टलरी मालिक से ज्यादा शराब बनवाई। नकली होलोग्राम लगाकर सरकारी दुकानों से बिक्री करवाई गई। नकली होलोग्राम मिलने में आसानी हो, इसलिए एपी त्रिपाठी के माध्यम से होलोग्राम सप्लायर विधु गुप्ता को तैयार किया गया। होलोग्राम के साथ ही शराब की खाली बोतल की जरूरत थी। खाली बोतल डिस्टलरी पहुंचाने की जिम्मेदारी अरविंद सिंह और उसके भतीजे अमित सिंह को दी गई। खाली बोतल पहुंचाने के अलावा अरविंद सिंह और अमित सिंह को नकली होलोग्राम वाली शराब के परिवहन की जिम्मेदारी भी मिली। सिंडिकेट में दुकान में काम करने वाले और आबकारी अधिकारियों को शामिल करने की जिम्मेदारी एपी त्रिपाठी को सिंडिकेट के कोर ग्रुप के सदस्यों ने दी।

जगदलपुर : प्राकृतिक आपदा पीड़ित 04 परिवारों को 16 लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत

जगदलपुर कलेक्टर श्री हरिस एस. द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत् प्राकृतिक आपदा पीड़ित 04 परिवारों को 16 लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान करने की स्वीकृति दी गई है। जिसके तहत् तहसील जगदलपुर ग्राम धनपुंजी निवासी अभिषेक की मृत्यु पानी में डूबने से माता श्री कंचन को, तहसील लोहण्डीगुड़ा ग्राम नेंगानार निवासी रमेश की मृत्यु बिजली गिरने से माता श्रीमती सोमड़ी भास्कर को, ग्राम आंजर निवासी मंगती की मृत्यु पानी में डूबने से पति भास्तेर को और तहसील बकावण्ड ग्राम मालगांव निवासी रत्ना नाग की मृत्यु बिजली गिरने से पति श्री थबीर नाग प्रत्येक को चार-चार लाख रूपए की सहायता राशि प्रदान करने की स्वीकृति दी गई है। उक्त स्वीकृत सहायता राशि संबंधित हितग्राहियों के बैंक खाते में सीधे अंतरित किए जाने के निर्देश संबंधित तहसीलदारों को दिए गए हैं।

रायपुर : प्रदेश में अब तक 158.6 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

रायपुर छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 158.6 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक बलरामपुर जिले में सर्वाधिक 338.0 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 68.5 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है। राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार सरगुजा में 144.6 मि.मी., सूरजपुर में 199.0 मि.मी., जशपुर में 301.0 मि.मी., कोरिया में 223.1 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 144.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। रायपुर जिले में 124.9 मि.मी., बलौदाबाजार में 159.3 मि.मी., गरियाबंद में 153.9 मि.मी., महासमुंद में 130.0 मि.मी. और धमतरी में 131.9 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बिलासपुर में 90.0 मि.मी., मुंगेली में 109.7 मि.मी., रायगढ़ में 204.5 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 121.6 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 168.5 मि.मी., सक्ती में 102.5 मि.मी. कोरबा में 144.4 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 138.5 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। दुर्ग जिले में 105.5 मि.मी., कबीरधाम में 77.8 मि.मी., राजनांदगांव में 75.8 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 201.3 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 96.7 मि.मी., बालोद में 141.8 मि.मी. और बस्तर जिले में 232.5 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। कोंडागांव में 152.9 मि.मी., कांकेर में 198.1 मि.मी., नारायणपुर में 147.9 मि.मी., दंतेवाड़ा में 214.8 मि.मी., सुकमा में 106.6 मि.मी. और बीजापुर में 283.5 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।

रायपुर : राज्यपाल डेका से आदिम जाति विभाग के प्रमुख सचिव श्री बोरा ने की सौजन्य भेंट

रायपुर राज्यपाल श्री रमेन डेका से आज राजभवन में आदिम जाति, अनुसूचित जाति विकास विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने सौजन्य भेंट की। उन्होंनें विभाग की गतिविधियों से राज्यपाल को अवगत कराया।

सरकार ने पेश की हाईकोर्ट में रिपोर्ट, 850 मीट्रिक टन राख का क्या होगा?

जबलपुर  यूनियन कार्बाइड के 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे का विनष्टीकरण सफलतापूर्वक पीथमपुर स्थित सुविधा केंद्र में कर दिया गया है। इस संबंध में जबलपुर हाईकोर्ट में सरकार ने एक रिपोर्ट पेश की है।  केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPPCB) के विशेषज्ञों ने इस काम की निगरानी की। कचरे को जलाने के बाद 850 मीट्रिक टन राख और अवशेष जमा हुए हैं। MPPCB से अनुमति मिलने के बाद इसे एक अलग जगह पर नष्ट किया जाएगा। जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस दिनेश कुमार पालीवाल की बेंच ने सरकार को यह रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी। आलोक प्रभाव सिंह ने 2004 में दायर की थी याचिका  बता दें कि भोपाल निवासी आलोक प्रभाव सिंह ने 2004 में एक याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि भोपाल गैस त्रासदी में 4 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। इस त्रासदी के बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में लगभग 350 मीट्रिक टन जहरीला कचरा पड़ा हुआ है। याचिका में इस कचरे को नष्ट करने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता की मृत्यु हो जाने के बाद हाईकोर्ट अब इस मामले की सुनवाई खुद ही कर रहा है। ट्रायल के बाद जलाया कचरा सरकार ने कोर्ट को बताया कि 27 फरवरी से 12 मार्च तक कचरे को जलाने का ट्रायल किया गया था। इस दौरान 30 मीट्रिक टन कचरा जलाया गया। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, जहरीले कचरे को 270 किलो प्रति घंटे की दर से जलाकर नष्ट किया गया। 30 जून की रात 1 बजकर 2 मिनट तक यूसीआईएल (UCIL) के 337 मीट्रिक टन कचरे को नष्ट कर दिया गया था। यूसीआईएल से 19.157 मीट्रिक टन अतिरिक्त जहरीला कचरा मिला है। इसे 3 जुलाई 2025 तक नष्ट कर दिया जाएगा। सरकार ने हाईकोर्ट में सौंपी रिपोर्ट “हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए, संयंत्र स्थल से जहरीले कचरे को हटाने और संयंत्र से विषाक्त अपशिष्ट के निपटान के लिए राज्य सरकार ने पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ काम किया है।” कचरे को नष्ट करने के लिए कुछ खास इंतजाम किए गए थे।

उज्जैन में बदली छुट्टी ! रविवार को खुलेंगे स्कूल, सोमवार को छुट्टी, क्यों लिया गया ये फैसला?

उज्जैन  उज्जैन में सावन,भादो माह में निकलने वाली बाबा महाकाल की सवारी के चलते जिला प्रशासन ने सोमवार को कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक के शासकीय ओर प्राइवेट स्कूलों में छुट्टी रखने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार सोमवार को स्कूल की छुट्टी रहेगी और बच्चों को पढ़ाई का नुकसान ना हो, इसके लिए रविवार को स्कूल खोले जाएंगे। बता दें कि 11 जुलाई से सावन की शुरुआत हो रही है और इस बार बाबा महाकाल की कुल छह सवारियां महाकाल मंदिर से निकलेंगी। उज्जैन कलेक्टर रौशन सिंह ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश जारी करने को कहा है। उज्जैन में स्थित विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर से सावन ओर भादो माह में श्री बाबा महाकाल की सावरी निकली जाती है। श्रावण महीने में भगवान महाकाल की निकलने वाली सवारी में भीड़ को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। सवारी निकलने के दौरान सवारी मार्ग को बंद किया जाता है,जिस वजह से सड़कों पर जाम भी लग जाता है। भगवान महाकालेश्वर की सवारी महाकालेश्वर मंदिर के सभा मण्डप में सोमवार शाम 4 बजे पूजन-अर्चन के बाद निकाली जाती है। मंदिर के द्वार पर गॉड ऑफ ऑनर दिया जाता है। उसके बाद शहर के गुदरी चौराहा,बक्षी बाजार,कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पर पहुंचती है। यहां भगवान महाकाल का जलाभिषेक होने के बाद पूजन-अर्चन किया जाता है,उसके बाद सवारी रामानुजकोट,मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक,खाती समाज मंदिर,सत्यनारायण मंदिर,ढाबा रोड,टंकी चौराहा,छत्री चौक,गोपाल मंदिर,पटनी बाजार,गुदरी बाजार होती हुई महाकालेश्वर मन्दिर में वापस आती है। इस दौरान श्रद्धालुओं की भारी संख्या रहती है। उज्जैन कलेक्टर रौशन सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष की तरह हम इस बार भी व्यवस्था करेंगे। इसमें भक्तों और स्कूल के बच्चों को कोई परेशानी नहीं होगी। इसको लेकर जल्द ही शिक्षा विभाग अलग से ऑर्डर जारी करेगा। जिसमें उज्जैन नगर निगम क्षेत्र के सभी निजी और सरकारी स्कूलों पर निर्णय लागू होगा। महाकाल की पहली सवारी 14 जुलाई,द्वितीय सवारी 21 जुलाई,तृतीय सवारी 28 जुलाई, चतुर्थ सवारी 4 अगस्त को श्रावण मास में निकाली जाएगी। इसी तरह भादौ मास में पंचम सवारी 11 अगस्त को रहेगी ओर महाकाल की राजसी सवारी सोमवार 18 अगस्त को निकलेगी इस दिन स्थानीय अवकाश रहेगा। इसलिए रविवार को स्कूल नहीं लगाने पड़ेंगे। उज्जैन कलेक्टर रौशन सिंह के अनुसार हर साल बाबा महाकाल की सवारी वाले दिन बड़ी संख्या में भक्त उज्जैन पहुंचते हैं। ऐसे में स्कूलों की बस भीड़ में फंस जाती है और बच्चे और श्रद्धालु परेशान होते हैं। इसको लेकर जिला प्रशासन ने फैसला किया है कि मंदिर से निकलने वाली 5 सवारी के दिन स्कूलों का अवकाश रहेगा। इसकी जगह एक दिन पहले रविवार को स्कूल लगेंगे। इस बार 11 जुलाई से श्रावण का महीना शुरू हो रहा है। पहली सवारी 14 जुलाई को रहेगी।

Indore Airport को बम से उड़ाने की मिली धमकी, एयरपोर्ट और एयरलाइंस को किया अलर्ट

इंदौर  मध्य प्रदेश के आर्थिक शहर इंदौर के देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डे को एक बार फिर बम से उड़ाने की धमकी मिली है। धमकी देने वाले अज्ञात आरोपी ने एयरपोर्ट डायरेक्टर को किए मेल में कहा गया कि, एयरपोर्ट के बैकयार्ड में बारूद रखा है। धमकी भरा मेल मिलने के बाद एयरपोर्ट प्रबंधन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में एयरपोर्ट पर सर्चिंग ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन अबतक एयरपोर्ट पर कहीं भी कोई संदिग्ध वस्तु मिलने की पुष्टि नहीं हुई है। फिलहाल, पुलिस ने धमकी देने वाले अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।  एयरपोर्ट डायरेक्टर के आधिकारिक मेल आईडी पर आए धमकी भरे मेल में लिखा था- ‘बैकयार्ड में बारूद है।’ इसके बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हुई और बीडीएस की टीम और एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ ने जांच पड़ताल शुरू की, लेकिन छानबीन में कुछ नहीं मिला। जो मेल आया उसमें ‘किल यू कील’ से संबंधित मेल आईडी बताया जा रहा है। फिलहाल, एरोड्रम पुलिस ने धमकी देने वाले अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर साइबर टीम की मदद से आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। 6 महीने में तीसरी धमकी एडिशनल डीसीपी आलोक शर्मा के अनुसार, एयरपोर्ट डायरेक्टर की मेल आईडी पर अज्ञात व्यक्ति ने धमकी भरा मेल मिला है। जिसमें एयरपोर्ट के अंदर पॉवरफुल एक्सपोजर डिवाइस रखने की बात कही गई थी। इसे गंभीरता से लेते हुए पुलिस टीम सक्रिय कर दी गई है। बीडीएस टीम को बुलाकर चेकिंग की गई। सर्चिंग के बाद कुछ नहीं मिला। फिलहाल, एरोड्रम थाने में मामला दर्ज कर जांच में लिया गया है। वहीं उन्होंने बताया कि इस साल ये तीसरी बार धमकी मिली है। पुलिस इस संबंध में संवेदनशील है।