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अब WhatsApp पर नहीं भेज पाएंगे अनगिनत मैसेज! नया नियम रोक सकेगा स्पैम

WhatsApp पर सबसे बड़ा बदलाव होने जा रहा है. आने वाले दिनों में यूजर्स को मैसेज लिमिट देखने को मिलेगी. न्यू चैट पर निर्धारित संख्या के मैसेज करने के बाद उस चैट पर मैसेज रुक जाएंगे. इसकी मदद से लोगों को स्पैम मैसेज और अनचाहे मैसेज से बचाया जा सकेगा. इस फीचर का नाम New Chat Message Limit है, जिसकी जानकारी Wabetainfo ने शेयर की है.  WhatsApp के अपकमिंग फीचर को ट्रैक करने वाली वेबसाइट Wabetainfo ने बताया है कि व्हाट्सऐप में एक नया फीचर दस्तक देने जा रहा है. इसका नाम  New Chat Message Limit है और यह अभी बीटा वर्जन में है. इसको अभी Android 2.25.31.5 वर्जन में स्पॉट किया है. स्मार्टफोन यूजर्स को आने वाले दिनों में ये बदलाव देखने को मिलेगा.  WhatsApp देगा अलर्ट  WhatsApp के इस अपकमिंग फीचर को लेकर बताया है कि लिमिट करीब आने पर यूजर्स को अलर्ट भी मिलेगा. ऐसे में आप समझ सकेंगे कि जल्द ही मैसेज लिमिट लागू होने वाली है. ऐसे में यूजर्स सिर्फ जरूरी मैसेज ही कर पाएंगे.  WhatsApp यूजर्स को क्या होगा फायदा ?  WhatsApp का यह न्यू फीचर इसलिए तैयार किया है, जब किसी न्यू यूजर्स को मैसेज भेजे जाते हैं और वह रिप्लाई नहीं करता है. ऐसी चैट्स पर लिमिटेड मैसेज ही सेंड किए जा सकेंगे. इस फीचर की मदद से मैसेजिंग ऐप अपने यूजर्स को अनजान और स्पैम मैसेज से दूर रखना चाहती है. शेयर किया स्क्रीनशॉट्स  Wabetainfo की तरफ से इस अपकमिंग फीचर को लेकर एक स्क्रीनशॉट्स भी शेयर किया है. इस फीचर की मदद से यूजर्स आसानी से स्पैम और अनचाहे मैसेज से बचेंगे.  हालांकि अभी तक मैसेज लिमिट को लेकर कोई डिटेल्स सामने नहीं आई है. यह लिमिट मंथली होगी या वीकली, उसके बारे में भी डिटेल्स आनी बाकी है. 

इंटरनेट ब्राउज़िंग में क्रांति: OpenAI का नया ब्राउज़र देगा Chrome को टक्कर

मुंबई  इंटरनेट ब्राउज़िंग का ढर्रा बदलने के लिए OpenAI ने एक बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने अपने लोकप्रिय चैटबॉट ChatGPT को सीधे ब्राउजर में समाहित करते हुए अपना नया ब्राउजर ChatGPT Atlas लॉन्च किया है। अब सिर्फ एक टैब खोलने या वेबसाइट बदलने की बजाय, ChatGPT आपके ब्राउज़र के भीतर एक सहायक-प्रकार की भूमिका निभाएगा चाहे आप आर्टिकल पढ़ रहे हों, प्रोडक्ट्स कॉम्पेयर कर रहे हों या ऑफिस का काम कर रहे हों। Atlas फिलहाल macOS प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है और जल्दी ही Windows, iOS तथा Android के लिए भी रोल-आउट होने जा रहा है। इसमें Sidebar के माध्यम से ChatGPT आपके वर्तमान टैब को समझेगा, इनलाइन एडिटिंग करेगा और “Agent Mode” के जरिये आपके लिए सीधे काम भी कर सकता है जैसे ऑनलाइन शॉपिंग करना या डॉक्यूमेंट एडिट करना। अगर आप ब्राउज़िंग अनुभव को नया रूप देना चाहते हैं जहां सर्च, चैट, ऑटोमेशन सब एक साथ हों तो ChatGPT Atlas आपके लिए दिलचस्प ऑप्शन हो सकता है। डाउनलोड कैसे करें और किन बातों को ध्यान में रखना है। OpenAI Atlas Browser के मुख्य फीचर्स AI Integration वाला Browser Atlas Browser दुनिया का पहला ऐसा ब्राउज़र है जो ChatGPT की AI टेक्नोलॉजी से पूरी तरह इंटीग्रेटेड है। इसका मतलब है कि यूज़र्स अब किसी भी वेबसाइट पर सर्फिंग करते वक्त सीधे AI से सवाल पूछ सकते हैं, सारांश बना सकते हैं या किसी भी कंटेंट को तुरंत समझ सकते हैं। अगर आप किसी आर्टिकल या रिपोर्ट को पढ़ रहे हैं, तो Atlas खुद उसका AI Summary बना देगा। साथ ही, आप चाहें तो नोट्स सेव कर सकते हैं या किसी भी टेक्स्ट को हाइलाइट करके उसका सरल एक्सप्लेनेशन पा सकते हैं। Voice Command और Chat Mode इस ब्राउज़र में इनबिल्ट वॉइस चैट की सुविधा है। यानी आप बोलकर सवाल पूछ सकते हैं और Atlas AI आपको जवाब देगा बिना किसी टाइपिंग के। ChatGPT की तरह ही इसमें Chat Mode दिया गया है जहां आप किसी भी वेबपेज पर इंटरएक्टिव बातचीत कर सकते हैं। OpenAI ने दावा किया है कि Atlas में Zero Tracking Policy है। यानी आपकी ब्राउज़िंग हिस्ट्री, पासवर्ड या डेटा किसी थर्ड पार्टी के साथ शेयर नहीं किया जाता। यह Chrome या Edge की तुलना में काफी ज्यादा सिक्योर है। Atlas Browser को Windows, macOS, और iOS के लिए लॉन्च किया गया है। Android वर्ज़न पर कंपनी फिलहाल काम कर रही है, जो जल्द रिलीज़ किया जाएगा। AI Search Assistant पारंपरिक सर्च की बजाय इसमें AI-Powered Search दिया गया है जो आपके सवाल का सीधा जवाब देता है न कि सिर्फ लिंक की लिस्ट। इससे रिसर्च और ब्राउज़िंग काफी तेज़ और उपयोगी हो जाती है। Atlas Browser में आप अपने हिसाब से ChatGPT मॉडल चुन सकते हैं जैसे GPT-4 Turbo या GPT-5 ताकि परफॉर्मेंस और प्राइसिंग दोनों में बैलेंस बना रहे। अगर आप पहले से ChatGPT यूज़र हैं, तो उसी अकाउंट से Atlas में लॉगिन कर सकते हैं। इससे आपकी चैट हिस्ट्री और प्रॉम्प्ट्स अपने आप सिंक हो जाते हैं। AI Screenshot Explainer एक यूनिक फीचर है जहां आप किसी इमेज या स्क्रीनशॉट को अपलोड करें, और Atlas आपको बताएगा कि उसमें क्या दिख रहा है, उसका एनालिसिस या सारांश क्या है। Atlas सिर्फ ब्राउज़र नहीं, बल्कि एक AI Workspace भी है जहां आप अपने ईमेल, डॉक्युमेंट्स और वेबपेजेस को एक ही जगह मैनेज कर सकते हैं। OpenAI Atlas कैसे डाउनलोड करें 1. Mac पर कोई भी ब्राउजर खोलें और chatgpt.com/atlas पर जाएं। 2. macOS के लिए उपलब्ध इंस्टॉलर फ़ाइल (.dmg फ़ॉर्मेट) डाउनलोड करें 3. डाउनलोड की गई फ़ाइल खोलें और Atlas ऐप को ऐप्लिकेशन फ़ोल्डर में ले जाएं। 4. ऐप्लिकेशन से Atlas लॉन्च करें और सेटअप प्रक्रिया शुरू करें।

बार-बार धुंधला दिखता है? हो सकता है ये 4 कारण बिगाड़ रहे हों आपकी नजर

आंखें हमारे शरीर का अहम हिस्सा होती है। यह हमें देखने में मदद करती हैं और इसलिए आंखों के बिना जीवन की कल्पना करना मुश्किल होता है। आंखों की इसी अहमियत को समझाने के मकसद से हर साल 9 अक्टूबर को वर्ल्ड साइट डे मनाया जाता है। इस दिन का मकसद आई हेल्थ और इसकी देखभाल के बारे में लोगों को जागरूक करना है। इन दिनों आंखों से जुड़ी कई समस्याएं लोगों के लिए परेशानी की वजह बनी रहती है। ब्लर विजन इन्हीं समस्याओं में से एक है, जो यह बताता है कि आपको चश्मे की जरूरत है। इसकी वजह से आपकी पढ़ने, गाड़ी चलाने या यहां तक कि चेहरे पहचानने की क्षमता तक को भी प्रभावित कर सकता है। अगर इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह रोजमर्रा का जीवन को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा ब्लर विजन के और भी कई कारण हो सकते हैं। इस बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने सेंटर फॉर साइट ग्रुप ऑफ आई हॉस्पिटल्स के चेयरमैन और मेडिकल डायरेक्टर डॉ. महिपाल सिंह सचदेव से बातचीत की। उन्होंने बताया कि ब्लर विजन के चार संभावित कारण हो सकते हैं, जो निम्न हैं:- रिफ्रेक्टिव एरर ब्लर विजन का सबसे आम कारण रिफ्रेक्टिव एरर है, जिसनें मायोपिया, हाइपरोपिया, या एस्टीग्मेटज्म जैसी कंडीशन शामिल है। ये तब होती हैं, जब आंख में प्रवेश करने वाली रोशनी रेटिना पर ठीक से फोकस नहीं होता है। एरर के प्रकार के आधार पर, आपको पास की या दूर की वस्तुओं को साफ रूप से देखने में कठिनाई हो सकती है। प्रेसबायोपिया जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, आमतौर पर 40 के बाद, आंखों का लेंस कम लचीला हो जाता है, जिससे पास की वस्तुओं पर फोकस केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है। प्रेसबायोपिया नाम की इस कंडीशन के कारण अक्सर पढ़ने के लिए चश्मे की जरूरत होती है। स्क्रीन से आंखों में तनाव डिजिटल डिवाइस पर लंबा समय तक बिताने से अस्थायी रूप से ब्लर विजन, सूखापन और थकान हो सकती है। यह अक्सर डिजिटल डिवाइस के कारण आंखों में होने वाले तनाव के कारण होता है, जो आंखों की मांसपेशियों और आंसू के प्रोडक्शन को प्रभावित करता है। कुछ स्वास्थ्य सुविधाएं ब्लर विजन डायबिटीज, हाई ब्लर प्रेशर या ग्लूकोमा जैसी आंखों की बीमारियों जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का भी लक्षण हो सकती है। शुरुआती पहचान और उपचार के लिए नियमित आंखों की जांच जंरूरी है।  

कूल रूम में आराम करना भारी पड़ सकता है आपकी सेहत पर, शुगर लेवल कैसे होता है प्रभावित?

नई दिल्ली  गर्मी से राहत पाने के लिए लोग एयर कंडीशनर (AC) का सहारा लेते हैं। ऑफिस हो या घर, कई लोग घंटों तक AC के नीचे बैठने की आदत बना चुके हैं। हालांकि ठंडी हवा आराम देती है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक AC में रहने से डायबिटीज मरीजों के ब्लड शुगर लेवल पर असर पड़ सकता है। कैसे बढ़ता है शुगर का स्तर डॉ. अजीत कुमार, मेडिसिन विभाग, जीटीबी अस्पताल के मुताबिक, AC में लंबे समय तक बैठने से शरीर का मेटाबॉलिज़्म धीमा पड़ जाता है। जब मेटाबॉलिज़्म स्लो होता है, तो शरीर शुगर को सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाता और ब्लड शुगर बढ़ सकता है। इसके अलावा, ठंडी जगह में शरीर कम सक्रिय रहता है। लोग ज्यादा चलते-फिरते नहीं हैं और फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है। इससे इंसुलिन की संवेदनशीलता घटती है और ग्लूकोज को एनर्जी में बदलने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। कैलोरी बर्न भी कम होती है AC में लगातार रहने से शरीर का थर्मल स्ट्रेस कम हो जाता है। गर्मी में पसीना बहाना शरीर के लिए प्राकृतिक तरीका है कैलोरी बर्न करने और शुगर कंट्रोल में रखने का। AC में बैठने से यह प्रक्रिया रुक जाती है और शुगर शरीर में जमा रह सकती है। विशेषज्ञों की सलाह AC में लंबे समय तक रहने वाले लोग बीच-बीच में बाहर निकलकर हल्की वॉक करें। नियमित स्ट्रेचिंग करें और पर्याप्त पानी पीएं। रूम का तापमान बहुत कम न रखें, हल्की ठंडक ही पर्याप्त है।  

माइक्रोवेव और एयर फ्रायर का कमाल, एक ही मशीन में दो फायदे, बजट में

मुंबई  हेल्दी कुकिंग हर किसी की जरूरत है और जरूरी भी है. पिछले कुछ वक्त से ऑयल फ्री कुकिंग का ट्रेंड भी चल गया है. हर कोई अपने लिए हेल्दी और बिना तेल का खाना चाहता है. इसकी वजह से एयर फ्रायर काफी पॉपुलर हुए हैं. कई लोगों को ये भी लगता है कि एयर फ्रायर और माइक्रोवेव ओवन एक जैसे हैं, लेकिन ये माइक्रोवेव ओवन से काफी अलग हैं. ये गर्म हवा की मदद से खाना को पकाता है. पिछले कुछ दिनों से हम Prestige Air Flip एयर फ्रायर को इस्तेमाल कर रहे हैं. ये दो तरीके से काम करता है. आप इसे एयर फ्रायर और ग्रिलर दोनों की तरह यूज कर सकते हैं. आइए जानते हैं ये प्रोडक्ट किन लोगों के लिए बना है और क्या आपको इसके लिए पैसे खर्च करने चाहिए. डिजाइन और बिल्ड क्वालिटी Prestige Air Flip 4.5L का डिजाइन काफी स्लीक और मॉडर्न है. ये देखने में किसी दूसरे एयर फ्रायर जैसा है, लेकिन ज्यादा प्रीमियम लगता है. ये मैट ब्लैक फिनिश में आता है, जिसकी बास्केट ट्रांसपैरेंट है. इसमें टच कंट्रोल मिलते हैं, जो कई प्रीसेट ऑप्शन्स के साथ आते हैं.  इसकी क्षमता 4.5 लीटर की है, जो इसे 3 से 4 लोगों के परिवार के लिए बेहतरीन ऑप्शन बनाता है. ट्रांसपैरेंट डिजाइन और ग्लास फिनिश की वजह से इसे साफ रखना ज्यादा आसान है.  परफॉर्मेंस और टेक्नोलॉजी Prestige ने इसमें 360 डिग्री एयर सर्कुलेशन टेक्नोलॉजी दी है. इसकी मदद से खाना हर तरफ से मिलने वाली गर्मी से पकता है. ये गर्म हवा खाने को क्रिस्पी बनाती है. यानी आपको बिना तेल के ही डीप फ्राई का मजा मिलेगा. आप टेम्परेचर को 80 डिग्री सेल्सियस से लेकर 200 डिग्री सेल्सियस तक सेट कर सकते हैं.  इसमें आपको मैन्युअली टाइम और टेम्परेचर सेट करने का विकल्प मिलता है. हालांकि, आपको कई प्रीसेट मोड्स मिलेंगे, जिसकी वजह से मैन्युअल सेटअप की जरूरत कम पड़ती है. इसमें आप फ्रेंच फ्राइज से लेकर समोसा तक पका सकते हैं. ये सब कुछ हेल्दी होगा. अच्छी बात है कि इसमें ग्रिलर भी मिलता है.  ग्रिलर की मदद से आप बेहतरीन डिश तैयार कर सकते हैं. इसके लिए एयर फ्रायर में एक सिस्टम दिया गया है. इस सिस्टम की मदद से एयर फ्रायर फ्लिप होकर ग्रिलर बन जाता है. जैसे ही आप इस फ्लिप बटन को ऑन करेंगे, आपको इसमें ग्रिलिंग का मजा मिलेगा.  टच पैनल रिस्पॉन्सिव है और इसे इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है. आपको अपने पसंद का प्रीसेट मोड चुनना होगा. फैन का शोर सामान्य एयर फ्रायर्स जैसा ही है. डिवाइस ऑटो क ट-ऑफ फीचर के साथ आता है, जिसकी वजह से खाना बहुत ज्यादा पकता नहीं है. ये 1500W की पावर के साथ आता है, जो इसे रेगुलर यूज के लिए परफेक्ट बनाता है.  बॉटम लाइन  Prestige Air Flip एक छोटी फैमिली के लिए बेस्ट ऑप्शन है. हालांकि, ये प्रीमियम प्राइस पर आता है, जिसकी वजह इसमें मिलने वाला डुअल मोड है. यानी आप इसे ग्रिलर और एयर फ्रायर दोनों की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें 360 डिग्री एयर सर्कुलेशन मिलता है. कई सारे प्रीसेट मोड्स की वजह से ये डिवाइस एक परफेक्ट ऑप्शन बन जाता है.  हालांकि, इसकी कीमत कई लोगों को ज्यादा लग सकती है. इसका प्राइज 12,499 रुपये है, जो कई लोगों के बजट से बाहर हो जाता है. मार्केट में ज्यादातर एयर फ्रायर्स के मुकाबले ये प्रीमियम प्राइस पॉइंट पर आता है. अगर आप एक भरोसेमंद और हेल्दी कुकिंग डिवाइस ढूंढ रहे हैं, तो Prestige Air Flip Air Fryer (4.5L) को चुन सकते हैं.

सारी दिन कुर्सी पर? जानें आयुर्वेदिक तरीके जो बचाएं आपको बीमारियों से

नई दिल्ली  आज की डिजिटल और व्यस्त जीवनशैली ने इंसान को शारीरिक रूप से इतना निष्क्रिय बना दिया है कि स्वास्थ्य पर इसका गहरा प्रभाव पड़ रहा है। घंटों तक एक ही जगह बैठना, मोबाइल और लैपटॉप की स्क्रीन पर लगातार नजरें गड़ाए रखना और शारीरिक श्रम से दूरी रखना आज आम बात हो गई है। यह निष्क्रियता धीरे-धीरे अनेक रोगों की जड़ बनती जा रही है। आयुर्वेद के अनुसार, जब शरीर को उचित मात्रा में गतिविधि नहीं मिलती, तो वात, पित्त और कफ तीनों दोष असंतुलित होकर अनेक रोगों को जन्म देते हैं। चरक संहिता में स्पष्ट कहा गया है कि नियमित व्यायाम से स्वास्थ्य, दीर्घायु, बल और मानसिक सुख प्राप्त होते हैं। शारीरिक गतिविधि की कमी से मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, जोड़ों का दर्द, मानसिक तनाव, पाचन विकार और प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। लगातार बैठे रहने से मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, वसा जमा होती है, रक्त संचार बाधित होता है और हार्मोन असंतुलन के कारण मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। आयुर्वेद में इन समस्याओं के लिए प्राकृतिक और घरेलू समाधान बताए गए हैं। सबसे पहला उपाय है दैनिक व्यायाम। सुबह कम से कम 30 मिनट टहलना या हल्की दौड़ लगाना अत्यंत लाभकारी है। सूर्य नमस्कार को संपूर्ण व्यायाम माना गया है जो शरीर को संतुलन, लचीलापन और ऊर्जा प्रदान करता है। साथ ही, ताड़ासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन जैसे सरल आसन नियमित रूप से करने चाहिए। प्राणायाम जैसे अनुलोम-विलोम, कपालभाति और सूर्यभेदी नाड़ी शरीर के दोषों को संतुलित कर मानसिक शांति भी देते हैं। संतुलित आहार भी आवश्यक है। भारी, तली-भुनी चीजों की बजाय हरी सब्जियां, अंकुरित अनाज, फल और हल्का भोजन करना चाहिए। सुबह गुनगुना पानी या त्रिफला जल पीना पाचन में सहायक होता है। भोजन के बाद कुछ देर टहलना पाचन क्रिया को सुचारू बनाता है। अभ्यंग यानी तेल मालिश भी आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण अभ्यास माना गया है, जिससे शरीर की थकान दूर होती है और स्नायु मजबूत होते हैं। शारीरिक गतिविधि सिर्फ शरीर के लिए नहीं, बल्कि मन और आत्मा के लिए भी आवश्यक है। यदि हम डिजिटल जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव करें, तो हम अनेक गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं।

अगर 14 दिन चीनी छोड़ दी जाए तो शरीर पर क्या असर होगा? AIIMS एक्सपर्ट का जवाब जानिए

नई दिल्ली चीनी शरीर के लिए बहुत अच्छी नहीं है और आपको अगर इसका बहुत ज्यादा सेवन करने की आदत है तो फिर ये खबर आपके लिए ही है. आपको अपनी इस आदत को बदलने और चीनी के सेवन पर नियंत्रण रखने पर विचार करना चाहिए. आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन सिर्फ दो हफ्तों तक चीनी छोड़ने से आपको अपने चेहरा साफ-सुथरा लगेगा, स्किन अंदर से क्लियर होगी, शरीर की सूजन और पेट की चर्बी में कमी दिखेगी और पेट की सेहत में भी सुधार जैसे कई बदलाव देखने को मिलेंगे. एम्स, हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड जैसे मशहूर संस्थानों से ट्रेनिंग ले चुके गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने अपने एक नए इंस्टाग्राम पोस्ट में दो हफ्तों तक अपनी डाइट से चीनी हटाने के बाद होने वाले कई पॉजिटिव बदलावों की जानकारी दी. डॉ. सेठी ने 15 अक्टूबर को अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के कैप्शन में लिखादो हफ्तों तक चीनी छोड़ने पर क्या होता है? क्या आपको लगता है कि आप दो हफ्ते बिना चीनी के रह सकते हैं? वास्तव में आपके शरीर को ये अनुभव हो सकते हैं. आंखों के आसपास सूजन या लिक्विड्स का जमाव कम होगा डॉ. सेठी के अनुसार, चीनी छोड़ने से चेहरे की सूजन और फैट कम हो सकता है जिससे आपका चेहरा अधिक नेचुरल और शार्प दिखता है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि यह बदलाव लिवर में जमा फैट कम करने में मदद कर सकता है जिससे पेट की चर्बी कम जमा होती है. उन्होंने कहा, अगर आप सिर्फ 2 हफ्ते के लिए चीनी का सेवन बंद कर दें तो आपकी आंखों के आसपास सूजन या तरल पदार्थ का जमाव भी कम हो जाएगा. जैसे-जैसे आपके लिवर में फैट कम होने लगेगा, आपको पेट की चर्बी में भी कमी दिखाई देगी. चीनी छोड़ने से पेट ज्यादा खुश रहता है डॉ. सेठी ने यह भी बताया कि चीनी छोड़ने से आंत (इंटेस्टाइन) के माइक्रोबायोम को आंत को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है. उन्होंने आगे कहा कि मुंहासे या लालिमा जैसी त्वचा की समस्याओं वाले लोगों को चीनी कम करने से त्वचा साफ दिख सकती है. उन्होंने कहा, चूंकि चीनी छोड़ने से आंत के हेल्दी माइक्रोबायोम ज्यादा खुश रहते हैं तो अगर आपको कील-मुंहासे या लाल धब्बे हैं तो आपकी त्वचा में सुधार होता है और वो ज्यादा साफ दिखती है. दरअसल चीनी इन्फ्लेमेशन (सूजन) को बढ़ाती है जो कील, मुंहासे जैसी कई त्वचा की दिक्कतों का कारण बन सकता है. इसलिए चीनी छोड़ने से आपकी त्वचा साफ और चमकदार हो सकती है. शुरुआत में चीनी छोड़ना मुश्किल हो सकता है. लेकिन यह नामुमकिन नहीं है. आपको ये लंबे समय में कई फायदे दे सकता है.

डायबिटीज का खतरा कम करना है? तो पेट की चर्बी को कहें अलविदा

नई दिल्ली टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित लोगों में गुर्दे की बीमारी, दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है और मृत्यु दर भी बढ़ जाती है। कुछ साल पहले तक, टाइप 2 मधुमेह को अपरिवर्तनीय माना जाता था। अब हम जानते हैं कि कुछ रोगियों में, वज़न में भारी कमी लाकर, टाइप 2 मधुमेह को कम किया जा सकता है। इसके बाद, रोगी स्वस्थ हो जाते हैं, लेकिन पूरी तरह ठीक नहीं होते। हालाँकि, यह कमी शायद ही कभी स्थायी होती है: ज़्यादातर रोगियों में 5 साल बाद फिर से टाइप 2 मधुमेह विकसित हो जाता है। इसलिए, डीज़ेडडी के शोधकर्ताओं ने इस बात की जाँच की कि क्या टाइप 2 डायबिटीज़ के शुरुआती चरण, प्रीडायबिटीज़, को उलटना संभव है। प्रीडायबिटीज़ में, रक्त शर्करा का स्तर पहले से ही बढ़ा हुआ होता है, लेकिन अभी इतना ज़्यादा नहीं होता कि टाइप 2 डायबिटीज़ कहा जा सके। लेकिन प्रीडायबिटीज़ से पीड़ित लोगों में हृदय, गुर्दे और आँखों की जटिलताएँ भी विकसित हो सकती हैं। प्रीडायबिटीज़ लाइफस्टाइल इंटरवेंशन स्टडी (पीएलआईएस), जो कि मधुमेह के एक बड़े बहुकेंद्रीय अध्ययन का हिस्सा है, में प्रीडायबिटीज़ से पीड़ित 1,105 लोगों ने एक साल के वज़न घटाने के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इसमें स्वस्थ आहार और ज़्यादा शारीरिक गतिविधि शामिल थी। जब शोधकर्ताओं ने उन प्रतिभागियों का अध्ययन किया जिन्होंने कम से कम 5% वज़न कम किया था, तो उन्होंने पाया कि कुछ लोगों में वज़न में कमी आई थी, जबकि कुछ में नहीं – हालाँकि सभी के लिए सापेक्ष वज़न में कमी एक समान थी। पेट की चर्बी कम होने के कारण बेहतर इंसुलिन संवेदनशीलता वज़न कम होना अपने आप में रोगमुक्ति के लिए ज़िम्मेदार नहीं लगता। हालाँकि, जिन लोगों को रोगमुक्ति मिली थी, उनमें इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता और भी बेहतर थी। वे रक्त शर्करा कम करने वाले हार्मोन इंसुलिन के प्रति ज़्यादा संवेदनशील थे। और उन्होंने पेट की आंतरिक चर्बी भी ज़्यादा खोई थी। पेट की आंतरिक चर्बी सीधे उदर गुहा में होती है और आंतों को घेरती है। यह वसा ऊतक में सूजन की प्रतिक्रिया के माध्यम से आंशिक रूप से इंसुलिन संवेदनशीलता को प्रभावित कर सकती है। प्रीडायबिटीज़ में छूट पाने के लिए पेट की आंतरिक चर्बी कम करना बेहद ज़रूरी प्रतीत होता है। डीज़ेडडी शोधकर्ताओं के अनुसार, प्रीडायबिटीज़ में यही चिकित्सीय लक्ष्य होना चाहिए। अब तक, वज़न कम करने का इस्तेमाल केवल टाइप 2 डायबिटीज़ की शुरुआत को टालने के लिए किया जाता रहा है। लेकिन अध्ययन में जिन लोगों को छूट मिली, उनमें कार्यक्रम समाप्त होने के 2 साल बाद तक टाइप 2 डायबिटीज़ होने का जोखिम काफ़ी कम रहा। उनके गुर्दे की कार्यक्षमता में भी सुधार देखा गया और उनकी रक्त वाहिकाओं की स्थिति भी बेहतर हुई। नए परिणामों के अनुसार, जब शरीर का वजन 5% कम हो जाता है और महिलाओं में पेट की परिधि लगभग 4 सेमी और पुरुषों में 7 सेमी कम हो जाती है, तो छूट की संभावना बढ़ जाती है।

तेजी से बढ़ें मजबूत और खूबसूरत नाखून के लिए अपनाएं ये 9 जादुई तेल

नाखून सिर्फ सौंदर्य का हिस्सा नहीं होते, बल्कि यह हमारी सेहत और स्वच्छता को दर्शाते हैं। हेल्दी , शाइनी और मजबूत नाखून हर किसी की पर्सनालिटी को एक खास अट्रैक्शन देते हैं। लेकिन प्रदूषण, बार-बार नेल पॉलिश का इस्तेमाल, कुछ खास घरेलू केमिकल के संपर्क में आना और पोषण की कमी जैसे कारणों से नाखून कमजोर होकर टूटने लगते हैं या भुरभुरे हो जाते हैं। ऐसे में कुछ नेचुरल ऑयल्स का नियमित इस्तेमाल न केवल नेल ग्रोथ को प्रोत्साहित करता है, बल्कि उन्हें अन्दर से पोषण देकर सुंदर और मजबूत भी बनाता है। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ प्रभावशाली ऑयल्स के बारे में जो आपके नेल केयर रूटीन का हिस्सा बन सकते हैं जोजोबा ऑयल इसकी बनावट हमारी स्किन के नेचुरल सीबम से मिलती-जुलती होती है, जिससे यह नाखूनों और क्यूटिकल्स में गहराई तक जाकर उन्हें मॉइस्चराइज करता है और नेल को बढ़ाता है। नारियल तेल इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं जो नेल्स को इन्फ्रा से बचाते हैं। यह नाखूनों को टूटने से बचाकर उन्हें सॉफ्ट और हेल्दी बनाता है। ऑलिव ऑयल विटामिन ई से भरपूर ऑलिव ऑयल नाखूनों की जड़ों में गहराई से जाकर उन्हें पोषण देता है और ग्रोथ तेज करता है। टी ट्री ऑयल इसकी एंटीसेप्टिक प्रॉपर्टीज नाखूनों को फंगल इन्फेक्शन और डलनेस से बचाती हैं। इसे हमेशा किसी कैरियर ऑयल में मिलाकर लगाना चाहिए। बादाम का तेल विटामिन ई, जिंक और प्रोटीन से भरपूर यह तेल नाखूनों की मजबूती और चमक को बनाए रखने में मदद करता है। अरंडी का तेल विटामिन ई और फैटी एसिड से भरपूर अरंडी का तेल केराटिन उत्पादन को बढ़ावा देता है, जिससे नेल का तेजी से विकास होता है।थोड़ा गाढ़ा होने के बावजूद यह नाखूनों की लंबाई और मोटाई बढ़ाने में बेहद असरदार है। लैवेंडर ऑयल सुगंधित और आरामदायक लेवेंडर ऑयल शरीर में सूजन को कम करता है और नाखूनों को एक सॉफ्ट व पोषित लुक देता है। एवोकाडो ऑयल विटामिन ए, डी और ई युक्त एवोकाडो ऑयल डैमेज नेल्स की मरम्मत कर उन्हें नई जान देता है। आर्गन ऑयल इस तेल की हाइड्रेटिंग प्रॉपर्टीज नाखूनों को ड्राईनेस से बचाती हैं और उन्हें चमकदार बनाती हैं। इन तेलों को अपने डेली नेल केयर रूटीन में शामिल कर आप न सिर्फ नेल ग्रोथ बढ़ा सकते हैं, बल्कि उन्हें इंफेक्शन से बचाकर स्ट्रॉन्ग, शाइनी और सुंदर भी बना सकते हैं। बेहतर परिणाम के लिए रात में सोने से पहले हल्की मसाज करें और बदलाव खुद महसूस करें।  

OpenAI का नया कदम: ChatGPT में जोड़ा जाएगा ‘एडल्ट मोड’ फीचर

नई दिल्ली ChatGPT मेकर OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने अपने प्लेटफॉर्म की पॉलिसी में बड़े बदलाव का ऐलान कर दिया है. अब कुछ यूजर्स को एडल्ट कंटेंट तक का एक्सेस मिलेगा. हालांकि इसे कम उम्र के यूजर्स एक्सेस नहीं कर सकेंगे.  सैम ऑल्टमैन ने  पोस्ट करके कहा, दिसंबर में हम पूरी तरह से उम्र को लेकर नियम लागू करेंगे और एडल्ट यूजर्स को एडल्ट की तरह सर्विस का एक्सेस देंगे. इसके बाद वेरिफाइड एडल्ट्स को एडल्ट जैसे कंटेंट तक पहुंच दी जाएगी. हालांकि अभी तक कंपनी ने ये क्लियर नहीं किया गया है कि एडल्ट कंटेंट के एक्सेस के रूप में कौन-कौन सी परमिशन दी जाएंगी. बताते चलें कि यह बदलाव OpenAI के सबसे बड़े बदलावों में से एक है.  यूजर्स की जरूरत या राइवल्स का प्रेशर  दरअसल, मार्केट में Elon Musk का Grok AI और कई प्लेटफॉर्म यूजर्स को एडल्ट कंटेंट तक का एक्सेस दे रहे हैं, जिसको लेकर कई बार विवाद भी खड़ा हुआ है. इसके बावजूद उन कंपनियों ने अपनी पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं किया. अब ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि OpenAI यूजर्स को क्या वाकई इस मोड की जरूरत है या फिर कंपनी अपने राइवल्स से आगे निकलने के लिए ये एक्सेस दे रही है.  सैम ऑल्टमैन ने मौजूदा पॉलिसी को लेकर कही ये बात  सैम ऑल्टमैन ने बताया कि ChatGPT के मौजूदा वर्जन को ऐसे तैयार किया था, जिससे वह यूजर्स के मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान ना पहुंचाए. इसके लिए यूजर्स को कई तरह के कंटेंट से दूर रखा गया, जिसकी वजह से उन यूजर्स को भी नुकसान हुआ है जो मानसिक रूप से मजबूत हैं.  सैम ऑल्टमैन ने कहा कि अब हमारे पास नए टूल्स हैं, जिनकी मदद से हम कुछ मामलों में सुरक्षा को फॉलो करते हुए नियमों में ढील दे सकेंगे. यहां न्यू टूल्स से मतलब पैरेंटल कंट्रोल्स से हो सकता है. कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म  टीएनजर्स वर्जन के लिए अलग से पॉलिसी और फीचर्स को सीमित कर रहे हैं, जिसमें कुछ कंट्रोल्स उनके पैरेंट्स के पास होता है. अब चैटजीपीटी में भी पेरेंट्ल कंट्रोल जैसा एक्सेस दिया जा सकता है, हालांकि आने वाले दिनों में इसको लेकर और भी जानकारी सामने आएंगी.