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सुनारों की खुशियों का मौका! धनतेरस पर सोने की बिक्री में तेजी

नई दिल्ली कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) और इसके ज्वेलरी विंग ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन (एआईजेजीएफ ) द्वारा धनतेरस के अवसर पर लगभग 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक के सोने-चांदी के व्यापार का अनुमान लगाया गया है। कैट एवं AIJGF द्वारा देशभर के सर्राफा बाजारों में किए गए धनतेरस सर्वेक्षण के अनुसार, इस वर्ष धनतेरस पर सोने और चांदी के सिक्कों की बिक्री में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है, जबकि स्वर्ण आभूषणों की बिक्री में कुछ गिरावट का अनुमान है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री एवं चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल और AIJGF के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने बताया कि सोना और चांदी के रिकॉर्ड ऊंचे दामों के चलते मध्यम और उच्च वर्ग के ग्राहक निवेश के रूप में अब ठोस सिक्कों अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं। वहीं, ज्वैलरी की मांग में कमी दर्ज की जा रही है। विवाह सीजन के खरीदार भी अब भारी आभूषणों की जगह हल्के गहनों को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष दीपावली के दौरान सोने का भाव लगभग 80,000 प्रति 10 ग्राम था, जो इस वर्ष बढ़कर 1,30,000 प्रति 10 ग्राम को पार कर गया है यानी करीब 60 प्रतिशत की वृद्धि। इसी प्रकार चांदी की कीमतें 2024 में 98,000 प्रति किलोग्राम थीं, जो अब 1,80,000 प्रति किलोग्राम के पार पहुंच गई हैं, यानी लगभग 55 प्रतिशत की बढ़ोतरी।  खंडेलवाल ने कहा कि धनतेरस से दीपावली तक के त्योहारी सीजन में सबसे अधिक मांग बुलियन और सिक्कों की रहने की संभावना है। अरोड़ा ने बताया कि देशभर में करीब 5 लाख छोटे-बड़े ज्वैलर्स सक्रिय हैं। यदि प्रत्येक ज्वैलर औसतन 50 ग्राम सोना बेचता है, तो कुल मिलाकर लगभग 25 टन सोने की बिक्री होगी, जिसकी मौजूदा भाव से अनुमानित कीमत 32,500 करोड़ होगी। इसी प्रकार, प्रत्येक ज्वैलर द्वारा औसतन 2 किलो चांदी बेचने पर लगभग 1,000 टन चांदी की बिक्री होगी, जिसकी मौजूदा कीमत 18,000 करोड़ के आसपास अनुमानित है। इस प्रकार, देशभर के सर्राफा बाजारों में कुल मिलाकर लगभग 50,000 करोड़ से अधिक के व्यापार का अनुमान है।  खंडेलवाल और अरोड़ा ने कहा कि बदलते बाजार रुझानों को देखते हुए ज्वैलर्स अब फैंसी ज्वैलरी और चांदी के सिक्कों जैसे नए विकल्पों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं ताकि ग्राहकों की बदलती मांग के अनुरूप व्यापार को गति दी जा सके।

गहनों को पीछे छोड़ रहे सोने-चांदी के सिक्के, धनतेरस पर बदल रहा है खरीदारों का ट्रेंड

नई दिल्‍ली. दिवाली के त्योहार पर इस वर्ष दिल्ली सहित देशभर के बाजारों में बड़ी धूमधाम है और ग्राहकों का तांता बाजारों का रूख कर रहा है. लंबे समय के बाद व्यापारियों और ग्राहकों के चेहरे पर खुशी की चमक लौटी है.  धनतेरस का बड़ा त्योहार है और इस दिन सोने-चांदी, बर्तन, रसोई के सामान आदि को खरीदना शुभ माना जाता है. कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) और इसके ज्वेलरी विंग ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन (एआईजेजीएफ )की ओर से धनतेरस के अवसर पर लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक के सोने-चांदी के व्यापार का अनुमान लगाया गया है. कैट और एआईजेजीएफ की ओर से देशभर के सर्राफा बाजारों में धनतेरस को लेरक किए गए सर्वेक्षण में पता चला है कि इस साल सोने–चांदी के सिक्कों की बिक्री में जबरदस्त उछाल दिख रहा है, जबकि स्वर्ण आभूषणों की बिक्री में कुछ गिरावट का अनुमान है. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री और चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल व एआईजेजीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोरा ने बताया कि सोने-चांदी के रिकॉर्ड ऊंचे दाम के चलते मध्यम और उच्च वर्ग के ग्राहक निवेश के रूप में अब ठोस सिक्कों को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं. वहीं, ज्वैलरी की मांग में कमी दर्ज की जा रही है. विवाह सीजन के खरीदार भी अब भारी आभूषणों की जगह हल्के गहनों को प्राथमिकता दे रहे हैं. कीमतों से कितना पड़ा असर उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष दीपावली के दौरान सोने का भाव लगभग 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो इस वर्ष बढ़कर 1,30,000 रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर गया है. यानी इसकी कीमतों में करीब 60% की वृद्धि हुई है. इसी प्रकार चांदी की कीमतें साल 2024 में 98,000 रुपये प्रति किलोग्राम थीं, जो अब 1,80,000 रुपये प्रति किलोग्राम के पार पहुंच गई हैं, यानी लगभग 70% की बढ़ोतरी दिख है. इन बढ़ी कीमतों के चलते निवेशक बड़ी संख्या में सर्राफा बाजार की ओर आकर्षित हुए हैं. कितना सोना और चांदी बिकेगा खंडेलवाल के अनुसार, धनतेरस से दीपावली तक त्योहारी सीजन में सबसे अधिक मांग बुलियन और सिक्कों की रहने की संभावना है. अरोरा के अनुसार, देशभर में करीब 5 लाख छोटे-बड़े ज्वैलर्स सक्रिय हैं. यदि प्रत्येक ज्वैलर औसतन 50 ग्राम सोना बेचता है, तो कुल मिलाकर लगभग 25 टन सोने की बिक्री होगी, जिसकी मौजूदा भाव से अनुमानित कीमत 32,500 करोड़ रुपये है. इसी प्रकार, प्रत्येक ज्वैलर अगर औसतन 2 किलो चांदी बेचता है तो लगभग 1,000 टन चांदी की बिक्री होगी, जिसकी मौजूदा कीमत 18,000 करोड़ रुपये के आसपास है. इस प्रकार, देशभर के सर्राफा बाजारों में कुल मिलाकर लगभग 50,000 करोड़ से अधिक के व्यापार का अनुमान है. गहनों के बजाय सिक्‍कों पर जोर खंडेलवाल और अरोड़ा ने बताया कि बदलते बाजार रुझानों को देखते हुए ज्वैलर्स अब फैंसी ज्वैलरी और चांदी के सिक्कों जैसे नए विकल्पों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं, ताकि ग्राहकों की बदलती मांग के अनुरूप व्यापार को गति दी जा सकती है. ग्राहक भी सोने-चांदी के गहनो के बजाय सिक्‍कों पर अधिक जोर दे रहे हैं. उनका मानना है कि सिक्‍कों की शुद्धता भी ज्‍यादा होती है और इस पर मेकिंग चार्ज आदि का भी कोई झंझट नहीं रहता है.  

Kawasaki Z900 2026: भारत में अब और भी स्टाइलिश और पावरफुल

 नई दिल्ली जापानी टू-व्हीलर निर्माता कावासाकी ने भारतीय बाइक बाजार में अपनी लोकप्रिय Z900 का नया 2026 मॉडल लॉन्च कर दिया है. इस नेकेड स्ट्रीट बाइक को कंपनी ने ₹9.99 लाख (एक्स-शोरूम) कीमत पर उतारा है. यह मॉडल पुराने वर्जन की तुलना में करीब ₹47,000 महंगी है. कंपनी ने इसमें कुछ हल्के कॉस्मेटिक अपडेट और नए रंगों के विकल्प जोड़े हैं, जिससे इसका लुक पहले से ज्यादा प्रीमियम और आकर्षक हो गया है. नए कलर ऑप्शंस के साथ ज्यादा प्रीमियम लुक 2026 Kawasaki Z900 को दो नए रंगों में पेश किया गया है:     मेटैलिक मैट ग्रैफीन स्टील ग्रे / मेटैलिक फ्लैट स्पार्क ब्लैक, और     कैंडी लाइम ग्रीन / मेटैलिक कार्बन ग्रे पहला कलर वेरिएंट बाइक को एक सटल और एलिगेंट अपील देता है, जिसमें फ्रेम पर कॉपर फिनिश इसे और भी स्टाइलिश बनाता है. हालांकि कुछ लोगों को फ्रंट फोर्क का ब्लैक फिनिश थोड़ा सिंपल लग सकता है, लेकिन डिजाइन के लिहाज से यह अच्छा बैलेंस बनाता है. वहीं दूसरा कलर कैंडी लाइम ग्रीन कावासाकी का सिग्नेचर शेड है, जो बाइक को स्पोर्टी और बोल्ड लुक देता है. इन दोनों कलर ऑप्शंस की वजह से Z900 इस फेस्टिव सीजन यानी दीवाली के लिए एक ताजा और आकर्षक अपडेटेड अवतार में आई है. इंजन और परफॉर्मेंस कावासाकी ने Z900 के इंजन में कोई बदलाव नहीं किया है. इसमें पहले जैसा ही 999cc का लिक्विड-कूल्ड, इनलाइन-फोर इंजन दिया गया है. यह इंजन 125 PS की पावर और 98.6 Nm का टॉर्क जनरेट करता है. बाइक में 6-स्पीड गियरबॉक्स दिया गया है, जो स्मूद और स्पोर्टी राइडिंग एक्सपीरियंस प्रदान करता है. Z900 अपनी बेहतरीन परफॉर्मेंस और थ्रॉटल रिस्पॉन्स के लिए जानी जाती है. कंपनी ने इस बार इंजन या चेसिस में कोई बड़ा मैकेनिकल बदलाव नहीं किया है, जिससे इसकी विश्वसनीयता बनी रहती है. डिजाइन और स्टाइलिंग Z900 हमेशा से अपने एग्रेसिव नेकेड डिजाइन और बोल्ड रोड प्रेजेंस के लिए पसंद की जाती रही है. नए 2026 मॉडल में कंपनी ने इसका स्टाइल और भी शार्प बना दिया है. अपडेटेड कलर स्कीम्स के साथ इसके बॉडी पैनल्स पर फिनिशिंग में भी सुधार किया गया है. बाइक के टैंक और फ्रेम का डिजाइन पहले जैसा ही है, लेकिन कलर हाइलाइट्स इसे ज्यादा डायनामिक लुक देते हैं. हेडलैंप यूनिट, एलईडी इंडिकेटर्स और मस्कुलर बॉडी डिजाइन इसे प्रीमियम स्ट्रीट नेकेड बाइक्स की लिस्ट में मजबूत बनाए रखते हैं. राइडिंग फीचर्स और टेक्नोलॉजी 2025 अपडेट के साथ जो फीचर्स जोड़े गए थे, वे इस नए मॉडल में भी मौजूद हैं. इसमें राइड मोड्स, ट्रैक्शन कंट्रोल सिस्टम, और डिजिटल TFT डिस्प्ले जैसे फीचर्स शामिल हैं. इसके अलावा बाइक में ब्लूटूथ कनेक्टिविटी भी मिलती है, जिससे राइडर अपने स्मार्टफोन से कनेक्ट कर सकता है और कॉल, नोटिफिकेशन या राइड डेटा एक्सेस कर सकता है. सस्पेंशन और ब्रेकिंग Z900 के सस्पेंशन सेटअप में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसमें फ्रंट में इनवर्टेड फोर्क्स और रियर में मोनोशॉक यूनिट दी गई है. वहीं ब्रेकिंग के लिए डुअल डिस्क ब्रेक (फ्रंट) और सिंगल डिस्क (रियर) के साथ ABS सिस्टम दिया गया है, जो हाई-स्पीड राइडिंग के दौरान स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है. मूल्य और उपलब्धता नई Kawasaki Z900 फिलहाल भारत में ₹9.99 लाख (एक्स-शोरूम) की शुरुआती कीमत पर उपलब्ध है. यह कीमत पिछले मॉडल की तुलना में थोड़ी ज्यादा है, लेकिन अपडेटेड कलर और डिजाइन के कारण बाइक देखने में और भी ज्यादा आकर्षक लगती है. कावासाकी ने Z900 के 2026 मॉडल को बिना किसी बड़े बदलाव के, लेकिन स्मार्ट कॉस्मेटिक टच के साथ पेश किया है. नए कलर ऑप्शंस और प्रीमियम फिनिशिंग इसे और दिलचस्प बनाते हैं. परफॉर्मेंस वही पुरानी दमदार है, और यह बाइक अब भी अपने सेगमेंट की सबसे बैलेंस्ड और पावरफुल नेकेड स्पोर्ट बाइक मानी जाती है.

सोने से ज्यादा सस्ती चांदी! इस धनतेरस क्या खरीदना होगा समझदारी भरा फैसला?

नई दिल्ली भारत में दिवाली और धनतेरस पर सोना और चांदी खरीदने का रिवाज रहा है. कुछ लोग ज्‍वेलरी की शॉपिंग करते हैं तो कुछ लोग गोल्‍ड-सिल्‍वर के बर्तन या सिक्‍के की खरीदारी करते हैं, लेकिन ज्‍यादातर लोग सोना-चांदी की ज्‍वेलरी खरीदने पर भी फोकस रखते हैं. हालांकि अभी Gold-Silver की कीमतों रिकॉर्ड बढ़ोतरी के कारण ज्‍वेलरी खरीदना आम बात नहीं रह गई है.  सिल्‍वर का प्राइस रिटेल मार्केट में 2 लाख रुपये प्रति किलो पहुंच चुका है, जबकि सोने की कीमत 1.30 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गई है. दिवाली और धनतेरस वाले दिन इन धातुओं की डिमांड की वजह से कीमतों में और भी ज्‍यादा उछाल आने की उम्‍मीद है, जिस कारण ज्‍वेलरी खरीदना और भी महंगा पड़ सकता है. लेकिन अगर आप इन धातुओं के बर्तन या सिक्‍के खरीदते हैं तो आपको डबल फायदा हो सकता है.  क्‍यों ज्‍वेलरी की जगह चांदी के बर्तन खरीदना सही फैसला?  ज्‍वेलरी की तुलना में चांदी के सिक्‍के और बर्तन पर कम जीएसटी दर लगती है. इसके अलावा, मेकिंग चार्ज का भी लाभ मिलता है, जिस कारण सोने-चांदी की ज्‍वेलरी की तुलना में बर्तन और सिक्‍के खरीदना एक सही फैसला हो सकता है और यह डबल फायदा दे सकता है.  पहला फायदा- चांदी के बर्तनों और सिक्‍के पर 3% जीएसटी लगता है, जो सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं पर लागू होता है. लेकिन अगर बर्तनों के निर्माण में मेकिंग चार्ज जुड़ा है तो यह चार्ज 5% लागू होगा.  दूसरा फायदा- दूसरा सबसे बड़ा फायदा मेकिंग चार्ज को लेकर है. ज्‍वेलरी में नाजुक डिजाइन, कारीगरी और मेहनत ज्‍यादा लगती है. इस कारण अक्सर 20% या उससे भी ज्‍यादा तक मेकिंग चार्ज जुड़ जाता है. इसके अलावा, ब्रांड नेम की वजह से भी ज्‍वेलरी खरीदारी महंगी हो सकती है. वहीं बर्तन में डिजाइन साधारण होता है. कुछ में तो डिजाइन होता भी नहीं है, जिस कारण इसपर मेकिंग चार्ज 5 फीसदी या उससे थोड़ा ज्‍यादा होता है.  डिजाइन और फैशन वैल्‍यू  ज्‍वेलरी डिजाइन और फैशन की वजह से भी ज्‍यादा मंहगे दामों पर बिक सकती हैं, लेनिक बर्तन या सिक्‍के में ऐसा नहीं होता है. यह सिर्फ यूटिलिटी यूज या निवेश के लिहाज से खरीदे जाते हैं, जिस कारण यह ज्‍वेलरी की तुलना में सस्‍ता होगा.  कौन ज्‍यादा होता है शुद्ध?  बर्तन अक्सर 80%-90% शुद्धता में बनते हैं, जबकि ज्वेलरी आमतौर पर 92.5% शुद्ध होती है. इसका मतलब है कि बर्तनों में थोड़ा और धातु मिलाकर बनाई जाती है. ऐसे में देखा जाए तो चांदी की ज्‍वेलरी बर्तन की तुलना में ज्‍यादा शुद्ध होती है. 

इस कंपनी में नया CEO, पहला फैसला झटका देने वाला — 16,000 नौकरियां जाएंगी!

मुंबई  दुनिया की बड़ी कंपनियों में Nestlé की गिनती है. यह एक स्विस मल्टीनेशनल कंपनी है, पिछले महीने ही Nestlé ग्लोबल के नए सीईओ फिलिप नवराटिल (Philipp Navratil) बने हैं, अब उनकी अगुवाई में कंपनी अगले 2 वर्षों में दुनिया भर में कुल 16,000 पदों को खत्म करने जा रही है. यानी 16 हजार लोगों की नौकरियां जाने वाली हैं.   यह बड़ा फैसला कंपनी के नए CEO फिलिप नवराटिल द्वारा लिया गया है. बता दें, सितंबर 2025 की शुरुआत में इस पद पर नियुक्त हुए थे. उन्होंने कहा है कि समय बदल रहा है और Nestlé में भी तेजी से बदलाव करना होगा.  किन-किन लोगों की जाने वाली हैं नौकरियां कंपनी ने बताया कि इन 16 हजार पदों में से करीब 12,000 पद White-Collar कर्मचारियों के लिए होंगे. ये कटौती कंपनी को लगभग 1 अरब स्विस फ्रैंक बचाने में मदद करेगी. बता दें, पहले से ही Nestle के प्रोडक्शन और सप्लाई चेन सेक्टर्स में 4,000 पदों की कटौती चल रही थी, जिसे अब इस योजना में शामिल किया गया है.  कंपनी ने यह भी कहा है कि वह 2027 के अंत तक लागत में 3 अरब स्विस फ्रैंक की बचत करना चाहती है, जो कि पहले तय लक्ष्य (2.5 अरब) से काफी है. यह घोषणा उसी समय हुई, जब Nestlé ने अपनी 9 महीने की वित्तीय रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट में बताया गया कि कंपनी की बिक्री में 1.9 % की गिरावट आई है और उसे 65.9 अरब स्विस फ्रैंक की कमाई हुई है.  बदलाव के दौर से गुजर रही है कंपनी एक्सपर्ट्स मानते हैं कि ये नतीजे न सिर्फ आर्थिक दबाव दिखाते हैं, बल्कि यह भी कि कंपनी अपने ढांचे में बदलाव कर रही है. नवराटिल को एक ऐसे समय में यह जिम्मेदारी मिली है, जब कंपनी पिछले कुछ समय से कई चुनौतियों से जूझ रही है. उदाहरण के लिए पुराने सीईओ को हटाने का मामला भी उठा था. इसके अलावा कंपनी एक जल संबंधी विवाद (bottled water scandal) से भी प्रभावित रही है, जो फ्रांस से शुरू हुआ था.  इन सब कारणों से नए नेतृत्व पर दबाव है कि वह कंपनी को स्थिर करे और निवेशकों का भरोसा बहाल करे.   दुनियाभर में नेस्ले का कारोबार बता दें, Nestlé के पास दुनिया भर में 2,000 से अधिक ब्रांड हैं. कंपनी अब लागत कम करने के साथ-साथ उन क्षेत्रों पर ध्यान दे रही है, जहां मुनाफा अधिक है या भविष्य में विकास की संभावना है, अगर भारत के नजरिये से देखें तो नेस्ले इंडिया लिमिटेड नेस्ले की भारतीय सहायक कंपनी है.  इस बीच नेस्ले इंडिया ने दूसरी तिमाही (Q2) के लिए परिणाम पेश कर दिए हैं. कंपनी के शुद्ध मुनाफे में करीब 23.6% की गिरावट देखी गई. हालांकि इसके बावजूद कंपनी की शेयर कीमत बढ़कर एक रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई.   स्टॉक में तेजी के मुख्य कारण है कि कंपनी ने ऑपरेशन और बिक्री बढ़ाई, और घरेलू बिक्री में 10.8 % की वृद्धि हुई. कारोबार की आमदनी (revenue from operations) लगभग ₹ 5,643.6 करोड़ रही, जो कि पिछले साल की तुलना में 10.6% अधिक है. 

FSD तकनीक पर संकट: Tesla की लाखों कारों की होगी गहन जांच

न्यूयॉर्क एलन मस्क के नेतृत्व वाली इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला की कारें दुनिया भर में अपने एडवांस टेक्नोलॉजी और फीचर्स के लिए मशहूर हैं. लेकिन टेस्ला आज सवालों के घेरे में है. जिस “Full Self-Driving” फीचर को एलन मस्क ने ड्राइविंग के इतिहास का सबसे बड़ा सॉफ़्टवेयर अपग्रेड बताया था, वही अब सुरक्षा एजेंसियों की जांच के घेरे में है. अमेरिका की सड़कों पर लाखों टेस्ला कारें आज एक ऐसे प्रयोग का हिस्सा हैं, जो यह तय करेगा कि क्या मशीनें वाकई इंसानों जितनी बेहतर और जिम्मेदार हो सकती हैं.  तकनीक ने जहां ऑटोमेशन की नई सीमाएं तोड़ीं, वहीं अब यह भी पूछना जरूरी हो गया है, क्या इस दौड़ में हमने सेफ्टी को पीछे छोड़ दिया है? अमेरिकी नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन (NHTSA) ने घोषणा कर दी कि वे टेस्ला के “Full Self-Driving” (FSD) सॉफ़्टवेयर की व्यापक जांच करेगा. इसके चलते टेक्नोलॉजी और सेफ्टी का मेल एक विवादास्पद मोड़ पर पहुँच गया है. शिकायतों का सिलसिला जांच की शुरुआत ड्राइवरों की शिकायतों से हुई. कुछ मामलों में FSD सिस्टम से लैस कारों ने रेड लाइट क्रॉस कर लिया, कुछ ने सड़क के विपरीत दिशा में गाड़ी ले ली, और कुछ ने तो रेलवे क्रासिंग्स पर रुकने में असमर्थता दिखाई. NHTSA ने कहा कि जांच उन स्थितियों पर फ़ोकस करेगी जिसमें सिस्टम ड्राइवर को गलती सुधारने का पर्याप्त समय नहीं देता. खासकर रेलवे क्रॉसिंग्स और सड़क क्रॉस के दौरान. जांच के दायरे में 29 लाख कारें NBC न्यूज की एक रिपोर्ट ने बताया गया है कि, कई वीडियो में टेस्ला गाड़ियों को रेलवे क्रॉसिंग पर रुकते नहीं देखा गया, या वे रेलवे क्रॉसिंग गेट्स के नीचे से गुजरती दिखीं. जबकि रेड़ लाइट जल रही थी या गेट बंद हो रहा था. ऐसे आरोपों ने NHTSA को इस जांच की दिशा निर्धारित करने में मजबूर कर दिया है. एजेंसी का कहना है कि, FSD तकनीक से लैस तकरीबन 29 लाख टेस्ला कारों की जांच की जाएगी. यह जांच मात्र कुछ गाड़ियों तक सीमित नहीं है. इसमें लगभग 2.9 मिलियन (29 लाख) टेस्ला वाहन शामिल हैं जिनमें FSD सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल किए गए हैं. चाहे वह Model 3 हो या Model X, यदि उसमें FSD फीचर है, तो वह जांच के दायरे में आते हैं. NHTSA ने स्पष्ट किया कि इसमें वाहनों की पूरी स्थिति की जांच की जाएगी, कि वो फुल सेल्फ ड्राइविंग कंडिशन में किस तरह का रिस्पांस करती हैं. क्या कहते हैं एलन मस्क? इस बीच, टेस्ला के मुखिया एलन मस्क सोशल मीडिया पर FSD का बखान करते नहीं थक रहे हैं. उन्होंने कई ट्वीट और पोस्ट शेयर किए, जिनमें दावा था कि FSD v14.1 ने लॉस एंजेलिस की ट्रैफ़िक से लेकर शहर की सड़कों और हाईवे तक, पैदल चलने वालों व सड़क पर चल रहे कंस्ट्रक्शन वर्क के बीच, लगभग एक घंटे ऑटोमैटिक ड्राइव किया. बिना किसी मैन्युअल हस्तक्षेप के. मस्क ने एक ऐसे मामले का वीडियो भी साझा किया जिसमें टेस्ला कार सेल्फ ड्राइविंग मोड में मल्टी-स्टोरी मॉल की पार्किंग में एंट्री और एग्जिट हुई. ये पूरी प्रक्रिया बिना किसी इंसानी मदद के हुई. निश्चित ही मस्क के इस तरह के पोस्ट्स टेस्ला सपोर्टस में काफी उत्साह जगाते हैं. लेकिन NHTSA को उत्साह नहीं, सबूत चाहिए. और यदि सुरक्षा मानकों का उल्लंघन हुआ है, तो जवाबदेही तय करनी होगी. क्या है फुल सेल्फ-ड्राइविंग तकनीक? टेस्ला की फुल सेल्फ-ड्राइविंग (Full Self-Driving या FSD) तकनीक एक एडवांस ऑटोपायलट सिस्टम है, जिसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि कार खुद से चल, मोड़, ओवरटेक और पार्क कर सके. यह सिस्टम कैमरों, अल्ट्रासोनिक सेंसर और न्यूरल नेटवर्क बेस्ड सॉफ़्टवेयर के ज़रिए सड़क पर ट्रैफ़िक, सिग्नल, लेन मार्किंग और पैदल चलने वालों को पहचानता है. हालांकि इसका नाम “फुल सेल्फ-ड्राइविंग” है, लेकिन यह पूरी तरह ऑटोनॉमस नहीं है. यानी ड्राइवर को हर समय सतर्क रहना और ज़रूरत पड़ने पर कंट्रोल संभालने के लिए तैयार रहना पड़ता है.  टेक्नोलॉजी और जिम्मेदारी  इस पूरे विवाद में एक बड़ा सवाल यह भी छिपा है कि, जब हम “सेमी-ऑटोनॉमस” ड्राइविंग की बात करते हैं, तो कहां तक तकनीक भरोसेमंद है, और कहां पर इंसान को हस्तक्षेप करने का मौका बचा है? NHTSA की जांच यह जानने का प्रयास करेगी कि क्या और कितनी असुरक्षित स्थितियों में ड्राइवर को चेतावनी मिलती है, और क्या उस चेतावनी के बाद पर्याप्त समय बचता है. इस लेख का उद्देश्य केवल आलोचना नहीं है. यह चेतावनी भी है कि भविष्य की ड्राइविंग चाहे ऑटोमैटिक हो, लेकिन जिम्मेदारी तय करना जरूरी है. यदि तकनीक में कोई ख़ामी आती है तो वाहन निर्माता और नियम बनाने वाले दो दोनों का दायित्व बनता है कि वह नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखें. अब यह देखने की देर है कि NHTSA की रिपोर्ट क्या कहेगी, और टेस्ला कैसे अपनी प्रतिष्ठा और विश्वास को संभाल पाएगा.

Stock Market में बड़ी रैली: सेंसेक्स में 862 अंकों की तेजी, एक शेयर ने दिया 20% रिटर्न

मुंबई  शेयर बाजार आज शानदार तेजी पर बंद हुआ है. निफ्टी 261 अंक चढ़कर 25,585.30 पर क्‍लोज हुआ, जबकि सेंसेक्‍स में 862 अंकों की तेजी आई और यह 83467 पर क्‍लोज हुआ. बैंक निफ्टी 622 अंक उछलकर बंद हुआ.  बीएसई टॉप 30 शेयरों में से Zomato और इंफोसिस के शेयर गिरावट पर बंद हुए, जबकि बाकी 28 शेयर तेजी पर कारोबार कर रहे थे. कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक, टाइटन, नेस्‍ले जैसे शेयरों में तूफानी तेजी रही. नेस्‍ले के शेयर 4 फीसदी से भी ज्‍यादा चढ़कर बंद हुए. एसबीआई, टीसीएस और भारती एयरटेल में मामूली तेजी रही. रिलायंस इंडस्‍ट्रीज के शेयर भी 1.70 फीसदी चढ़े थे.  निवेशकों की शानदार कमाई!  15 अक्‍टूबर को बीएसई का मार्केट कैपिटलाइजेशन  463.78 लाख करोड़ रुपये था, जो आज बढ़कर 466.89 लाख करोड़ रुपये हो गया. इसका मतलब है कि निवेशकों की वैल्‍यूवेशन में 3 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा की उछाल देखने को मिली.  20% तक चढ़ गए ये शेयर शेयर इंडिया का स्‍टॉक 20% 178 रुपये पर पहुंच गया. इसके अलावा, BLS International Services के शेयर में 16 प्रतिशत की तेजी आई. वारी रिन्‍यूवेबल एनर्जी के शेयर 10 प्रतिशत, Garware Hi Tech के शेयर 7.34 फीसदी चढ़े. एथर एनर्जी का शेयर 8 फीसदी चढ़ा. क्‍यों आई तेजी?  जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि सकारात्मक वैश्विक संकेतों और भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता को लेकर नए आशावाद से उत्साहित होकर घरेलू शेयर बाजारों में मजबूत सुधार हुआ. उन्‍होंने आगे कहा कि यह बढ़त व्‍यापक आधार पर रही, जिसका नेतृत्‍व रियल्टी, ऑटो, एफएमसीजी और निजी बैंकिंग शेयरों ने किया.  वित्त वर्ष 2026 की तीसरी तिमाही में मांग में सुधार की उम्मीद, FII निवेश के शुरुआती संकेत, अमेरिकी फेड की नरम नीतिगत टिप्पणियों और डॉलर सूचकांक में नरमी से बाजार की धारणा बदली है. रुपये में हालिया वृद्धि ने भी सकारात्मक रुख को और पुख्ता किया है. हालांकि निकट भविष्‍य में गति अनुकूल बनी हुई है, लेकिन निरंतर प्रदर्शन मौजूदा कॉर्पोरेट परिणामों से इनकम ग्रोथ के संकेतों और ग्‍लोबल व्‍यापार में विकास पर निर्भर करेगा.  

मार्केट में धनतेरस वाली रौनक! निफ्टी ने पार किया 25500 का स्तर, इन शेयरों में आई बंपर तेजी

मुंबई  धनतेरस और दिवाली से पहले शेयर बाजार में शानदार तेजी देखी जा रही है. सेंसेक्‍स और निफ्टी दोनों घरेलू इंडेक्‍स शानदार उछाल दिखा रहजे हैं. दोपहर 1.07 बजे तक निफ्टी 190 अंक चढ़कर 25512.95 पर कारोबार कर रहा था, तो 620 अंक चढ़कर 83220 पर था. बैंक निफ्टी में 418 अंकों की तेजी देखने को मिली. मिडकैप और स्‍मॉलकैप शेयरों में भी उछाल देखने को मिला है.  BSE टॉप 30 शेयरों की बात करें तो सिर्फ 4 शेयरों को छोड़कर बाकी के 26 शेयरों में शानदार तेजी आई है. इंफोसिस, सनफार्मा, टीसीएस और टेक महिंद्रा को छोड़कर बाकी सभी शेयर तेजी पर हैं. सबसे ज्‍यादा तेजी वाले शेयर Titan 2.5% चढ़कर 3638 रुपये पर कारोबार कर रहा है. कोटक महिंद्रा बैंक 2.44 फीसदी, एक्सिस बैंक 2 फीसदी और बाकी बैंक स्‍टॉक भी तेजी पर कारोबार कर रहे हैं.  20% चढ़े ये शेयर  शेयर इंडिया का स्‍टॉक 20% 178 रुपये पर पहुंच गया. इसके अलावा, BLS International Services के शेयर में 12 प्रतिशत की तेजी आई है. वारी रिन्‍यूवेबल एनर्जी के शेयर 11 प्रतिशत चढ़कर 1300 रुपये के ऊपर कारोबार कर रहा है. Tips म्‍यूजिक कंपनी के शेयर 8 फीसदी चढ़े हैं. एथर एनर्जी का शेयर 7.8 फीसदी चढ़ा है.  187 शेयरों में अपर सर्किट  बीएसई के 4,207 एक्टिव शेयरों में से 2,354 शेयर तेजी पर कारोबार कर रहे हैं, जबकि 1686 शेयरों में गिरावट आई है. 167 शेयर बिना बदलाव के कारोबार कर रहे हैं. 147 शेयर 52 सप्‍ताह के हाई स्‍तर पर हैं और 76 शेयर 52 सप्‍ताह के निचले स्‍तर पर हैं. 187 शेयरों में अपर सर्किट और 147 स्‍टॉक में लोअर सर्किट लगा है.  आज क्‍यों आई इतनी तेजी?  लार्ज कैप स्‍टॉक ने मार्केट को संभाला है और तेजी की ओर रुख किया है. टाइटन और बैंक स्‍टॉक में अच्‍छी ग्रोथ देखने को मिली है. कोटक महिंद्रा बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और एसबीआई जैसे बैंक‍िंग शेयर 2.5 फीसदी तक चढ़े हैं. इसके अलावा, ग्‍लोबल सेंटीमेंट भी चेंज होता हुआ दिख रहा है. अमेरिकी फेड रेट में कटौती की भी उम्‍मीद बढ़ गई है. डॉलर के मुकाबले रुपया भी अच्‍छी ग्रोथ दिखा रहा है. 

लॉन्ग वीकेंड ब्रेक: 4 दिन बंद रहेगा शेयर बाजार, दिवाली पर खुलेगा सिर्फ 60 मिनट के लिए

नई दिल्ली दिवाली का पर्व केवल घरों में ही नहीं, बल्कि शेयर बाजार में भी विशेष महत्व रखता है। हर साल की तरह इस साल भी दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग होगी, लेकिन उससे पहले बाजार में लगातार चार दिनों की छुट्टियों का सिलसिला देखने को मिलेगा। निवेशकों और ट्रेडर्स के लिए यह ब्रेक किसी अलर्ट से कम नहीं है। बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) की आधिकारिक छुट्टियों की सूची के अनुसार, बाजार 19 अक्टूबर (शनिवार) से लेकर 22 अक्टूबर (मंगलवार) तक पूरी तरह बंद रहेगा: 19 अक्टूबर (शनिवार): धनतेरस इस दौरान न केवल स्टॉक मार्केट, बल्कि मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) और करेंसी डेरिवेटिव्स मार्केट भी बंद रहेंगे।  दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग कब होगी? BSE और NSE ने संयुक्त रूप से घोषणा की है कि इस साल दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र 21 अक्टूबर को दोपहर 1:45 से 2:45 बजे तक आयोजित किया जाएगा। ऑर्डर एंट्री में बदलाव की अंतिम समय सीमा: 2:55 PM यह सत्र केवल एक घंटे के लिए होगा और नए संवत 2082 की शुरुआत का प्रतीक होगा। कौन-कौन से सेगमेंट होंगे शामिल? इस एक घंटे के विशेष सत्र में निम्नलिखित बाजार खुलेंगे: इक्विटी इक्विटी फ्यूचर्स और ऑप्शंस कमोडिटी डेरिवेटिव्स करेंसी डेरिवेटिव्स सिक्योरिटीज लेंडिंग एंड बॉरोइंग (SLB)  ऐतिहासिक नजरिया: शुभ साबित होता है ये ट्रेड मुहूर्त ट्रेडिंग परंपरागत रूप से शुभ मानी जाती है। पिछले 16 वर्षों में से 13 बार बाजार हरे निशान पर बंद हुआ है, भले ही ट्रेडिंग वॉल्यूम कम रहा हो। 2024 में, BSE सेंसेक्स में 335 अंकों की तेजी दर्ज की गई निफ्टी 50 भी 99 अंक चढ़कर बंद हुआ  निवेशकों के लिए सलाह लंबी छुट्टी से पहले अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करें तरलता सुनिश्चित करें, क्योंकि अगले 4 दिन कोई लेनदेन नहीं हो सकेगा मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए रणनीति तैयार रखें — यह सत्र प्रतीकात्मक जरूर है, लेकिन मूड सेट करता है आने वाली छुट्टियां भी जान लें 5 नवंबर: श्री गुरु नानक देव जयंती 25 दिसंबर: क्रिसमस  

सरकार ने PF नियम बदल दिए, दिवाली से पहले 7 करोड़ कर्मचारियों को मिलेगा बड़ा फायदा

नई दिल्ली  कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) ने सोमवार को अपनी बैठक में कई ऐतिहासिक और सदस्य हितैषी निर्णय लिए। श्रम मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में EPF आंशिक निकासी के नियमों में ढील, ‘विश्वास स्कीम’ की शुरुआत और डिजिटल रूपांतरण (EPFO 3.0) जैसे कई अहम फैसले लिए गए। बता दें कि इन निर्णयों से EPFO के 7 करोड़ से अधिक खाताधारकों को लाभ मिलने की उम्मीद है। अब 100% तक की आंशिक निकासी संभव EPFO बोर्ड ने भविष्य निधि (EPF) से आंशिक निकासी के प्रावधानों को सरल और उदार बना दिया है। अब सदस्य अपने खाते में जमा राशि (कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का अंशदान) में से 100% तक की निकासी कर सकेंगे। पहले आंशिक निकासी के लिए 13 अलग-अलग जटिल प्रावधान थे, जिन्हें अब इंटीग्रेट कर तीन मुख्य कैटेगरीज में बांट दिया गया है- 1. आवश्यक जरूरतें: बीमारी, शिक्षा, विवाह आदि, 2. आवास संबंधी जरूरतें और 3. विशेष परिस्थितियां। इसका मतलब है कि अब ईपीएफओ मेंबर को किसी विशेष परिस्थिति (जैसे प्राकृतिक आपदा, लॉकआउट, महामारी आदि) के तहत निकासी के लिए कोई कारण बताने की आवश्यकता नहीं होगी। निकासी सीमा और सेवा अवधि में भी राहत शिक्षा और विवाह के लिए निकासी सीमा को बढ़ाकर क्रमशः 10 गुना और 5 गुना कर दिया गया है। (पहले कुल मिलाकर केवल 3 बार आंशिक निकासी की अनुमति थी।) सभी प्रकार की आंशिक निकासी के लिए न्यूनतम सेवा अवधि अब सिर्फ 12 महीने कर दी गई है। 25% न्यूनतम बैलेंस नियम लागू EPFO ने एक नया प्रावधान जोड़ा है, जिसके तहत सदस्यों को अपने खाते में कुल योगदान का कम से कम 25% बैलेंस बनाए रखना होगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सदस्य उच्च ब्याज दर (वर्तमान में 8.25%) और कंपाउंडिंग के लाभ का आनंद लेते हुए सेवानिवृत्ति के लिए पर्याप्त राशि संचित कर सकें। निकासी प्रक्रिया और दस्तावेजीकरण में सुधार नए नियमों के तहत आंशिक निकासी की प्रक्रिया को पूरी तरह स्वचालित बनाया जाएगा। अब सदस्यों को कोई दस्तावेज़ जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी और दावे तेजी से ऑनलाइन निपटाए जा सकेंगे। साथ ही, अंतिम निपटान के लिए अवधि को भी बदला गया है: – EPF की अंतिम निकासी: 2 महीने से बढ़ाकर 12 महीने – पेंशन की अंतिम निकासी: 2 महीने से बढ़ाकर 36 महीने