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करूर भगदड़ का आंकड़ा बढ़ा: 41 मौतें, पावर कट पर तमिलनाडु सरकार की सफाई

चेन्नई तमिलनाडु के करूर में एक्टर थलपति विजय की रैली के दौरान शनिवार को हुई भगदड़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 41 हो गई है. 60 से अधिक लोग अब भी अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से कम से कम दो की हालत गंभीर बताई जा रही है. इसे हाल के वर्षों में राज्य की सबसे बड़ी राजनीतिक त्रासदियों में से एक माना जा रहा है. इस बीच बिजली कटौती को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. पीड़ितों और विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) का आरोप है कि शनिवार शाम 7 से 7:30 बजे के बीच विजय के आने पर करीब आधे घंटे तक बिजली गुल रही, जिससे अफरातफरी मच गई और भगदड़ की स्थिति बनी. सरकार ने खारिज किया बिजली कटौती का दावा   अब राज्य सरकार ने इन दावों को खारिज कर दिया है. तमिलनाडु की फैक्ट-चेक टीम ने करूर कलेक्टर और एडीजीपी के हवाले से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'कार्यक्रम में बिजली कटौती नहीं हुई. हालांकि TVK ने बिजली सप्लाई रोकने का अनुरोध किया था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. थोड़ी देर के लिए जो लाइट मंद हुईं, वह पार्टी की ओर से लगाए गए जेनरेटर की समस्या थी.'  विजय की पार्टी ने की सीबीआई जांच की मांग सरकार का कहना है कि भीड़ को खतरनाक जगहों से हटाने के लिए थोड़े समय के लिए बिजली रोकी गई थी, लेकिन विजय के आने के बाद कोई कटौती नहीं हुई. हादसे के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं. TVK ने सीबीआई जांच की मांग की है और इसे साजिश बताया है.  वहीं बीजेपी ने डीएमके सरकार पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है. इस बीच विजय के करीबी सहयोगियों पर मामला दर्ज कर लिया गया है और पार्टी ने मद्रास हाई कोर्ट में स्वतंत्र जांच की याचिका दायर की है. तमिलनाडु सरकार ने घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित किया है, जिसने पीड़ित परिवारों से बातचीत शुरू कर दी है और अस्पताल का दौरा भी किया है.

राजद नेता का बयान: एनडीए के वादों पर तेजस्वी यादव ने साधा निशाना

पटना बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने डबल इंजन सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और केंद्र की भाजपा सरकार विधानसभा चुनाव से पहले योजनाओं की घोषणाएं कर जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है, लेकिन बिहार की समझदार जनता इनके झांसे में नहीं आएगी। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर सरकार के पास राजस्व की कमी है, तो ये वादे कैसे पूरे होंगे। तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्र सरकार से बिहार की जनता पूछ रही है कि आपके पास 1 लाख करोड़ रुपए नहीं हैं, फिर 7 लाख 8 हजार 729 करोड़ रुपए की घोषणाएं कैसे पूरी करेंगे? बिहार का राजस्व सृजन कितना है? यह पैसा कहां से आएगा? तेजस्वी ने भ्रष्टाचार पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि भाजपा और जदयू से ज्यादा, भ्रष्ट अधिकारी डरे हुए हैं। उन्हें लगता है कि अगर तेजस्वी सत्ता में आए, तो उनका 'रैकेट' खत्म हो जाएगा और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि राजद के पास ठोस योजनाएं हैं, जबकि डबल इंजन सरकार केवल खोखले वादे कर रही है। तेजस्वी ने कहा कि यह डबल इंजन सरकार इस बार दोगुनी गति से हारने वाली है। ये घोषणाएं डर के मारे की जा रही हैं। बता दें कि हाल ही में पीएम मोदी ने बिहार में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत 75 लाख महिलाओं के बैंक खाते में 10 हजार रुपए की सहायता राशि ट्रांसफर की गई है।

बयान: तेजस्वी यादव बोले, सबके भ्रष्टाचार की लिस्ट है, समय आने पर सब उजागर करेंगे

पटना  बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों पर में भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि है कि राज्य में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। रविवार को अपने सरकारी आवास एक पोलो रोड में पत्रकारों से बातचीत में तेजस्वी ने कहा कि कोई ऐसा विभाग बचा नहीं है जहां घोटाले नहीं हैं। इस पर मुख्यमंत्री को सामने आकर जवाब देना चाहिए। जन सुराज के प्रशांत किशोर पहले ही सरकार के मंत्री अशोक चौधरी, मंगल पांडे, सम्राट चौधरी, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और बीजेपी सांसद पर करप्शन के गंभीर आरोप लगा चुके हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जदयू-भाजपा से अधिक बिहार के भ्रष्ट अधिकारी डरे हुए हैं। खासकर डीके गिरोह की छत्रछाया में काम कर रहे अधिकारी अधिक चिंतित हैं। इन्हीं अधिकारियों ने पिछली बार विपक्ष को सत्ता में आने से रोका था। लेकिन इस बार जनता सतर्क और सचेत है। महागठबंधन सरकार बनने पर ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की खैर नहीं। तेजस्वी यादव ने कहा कि इंजीनियर के यहां करोड़ों की संपत्ति मिल रही है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। अधिकारी, मंत्री अपने बेटे-बेटी, नाते-रिश्तेदारों के नाम पर देश-दुनिया में निवेश कर रहे हैं। सबकी सूची मेरे पास है जिसका आने वाले दिनों में खुलासा किया जाएगा। पीएम ने एक सभा में 31 घोटाले गिनाए थे। ईडी-सीबीआई उनके पास ही है तो क्यों नहीं कार्रवाई हो रही है। लेकिन,भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर विपक्ष पर ही कार्रवाई हो रही है। इससे पहले प्रशांत किशोर ने कहा था कि जदयू-बीजेपी के नेताओं और सरकार के मंत्रियों ने पद और प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए भ्रष्टाचार को अंजाम दिया। पीके के मुताबिक मंत्री अशोक चौधरी ने अपने प्रभाव से 200 करोड़ से अधिक मूल्य की जमीन खरीदी। सभी जमीनें अशोक चौधरी की बेटी की सगाई के बाद से लेकर विवाह होने तक खरीदी गईं। प्रशांत के आरोपों पर अशोक चौधरी ने उन्हें 100 करोड़ की मानहानि का लीगल नोटिस भेजा। पीके ने इसका जवाब दे दिया है। पीके ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर दिलीप जायसवाल से पैसे लेकर मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिलाने में मदद करने और दिल्ली में पत्नी के नाम फ्लैट खरीदने का आरोप लगाया। मंलग पांडे का जवाब आने के बाद कहा कि दिलीप जायसवाल से 25 लाख कर्ज लेने की बात कर रहे हैं जबकि उनकी पत्नी के बैंक खाते में 2.13 करोड़ रुपये थे। यह राशि कहां से आई, इसका भी हिसाब देना चाहिए। उन्होंने दिलीप जायसवाल पर अल्पसंख्यक मेडिकल कॉलेज पर गलत तरीके अपनाकर कब्जा कर लेने और राजेश साह की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया। कहा कि नेताओं और अधिकारियों के संबंधियों को कॉलेज में दाखिला देकर डॉक्टर बनाया। तत्कालीन एसपी और जांच प्रभारी से मिलीभगत कर उन्होंने राजेश साह मर्डर केस को रफा-दफा कराया। राजेश की हत्या मामले में मां और बहन की ओर से उच्च न्यायालय में याचिका दायर कराई गई है। प्रशांत ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर बार-बार नाम बदलने और सातवीं पास होने के बावजूद गलत तरीके से डीलिट की उपाधि लेने का आरोप लगाया। कहा कि कामराज यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट होने की बात करते हैं जो यूनिवर्सिटी है ही नहीं। मैट्रिक पास किया नहीं और यूनिवर्सिटी आफ कैलिफोर्निया से डीलिट की उपाधि ले ली। पीके ने सांसद संजय जायसवाल के बारे में कहा कि पेट्रोल पंप के लिए फोर लेन सड़क का अलाएनमेंट बदलवा दिया। साथ ही फर्जी बिल बनाकर अपने भाई के पंप से नगर निगम के नाम पर इंधन घपला करने का आरोप लगाया। पीके ने बताया कि नगर निगम की सफाई की गाड़ियों के बिल के नाम पर पांच करोड़ 86 लाख का भुगतान पेट्रोल पंप को नगर निगम ने किया। स्थाई समिति की पांच बैठकों में यह पाया गया कि इनमें से ज्यादातर भुगतान फर्जी थे और ज्यादा बढ़ा कर लिया गए थे। 15 अगस्त के बाद से उनके भाई के पंप से इंधन लेने पर रोक लगा दी गयी।  

आतंकवाद पर सख़्त, क्रिकेट पर नरम? कांग्रेस ने उठाए सवाल

नई दिल्ली संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक बार फिर भारत ने पाकिस्तान को धो डाला। कई देशों के प्रतिनिधियों के बोलने के बाद बारी भारत की थी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मौका न गंवाते हुए सभी देशों को यह बता दिया कि पाकिस्तान आतंकवाद का अड्डा है,लेकिन जयशंकर की इस स्पीच पर कांग्रेस नेता उदित राज ने सवाल उठाए हैं। उदित राज ने पूछा कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ है तो फिर उसके साथ क्रिकेट क्यों खेल रहे हैं? मीडिया से बात करते हुए उदित राज ने पूछा कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद का अड्डा है, तो उसके साथ क्रिकेट क्यों खेलते हैं? क्या यह अमित शाह के बेटे के हितों या पैसा कमाने के इरादे से है? उदित राज ने हमला जारी रखते हुए कहा कि जयशंकर का पाक को आतंकवादी कहना और बाद में क्रिकेट भी खेलने देना, दोहरा चरित्र दिखाता है। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि दर्शक जो क्रिकेट देख रहा है, उसके पीछे बहुत राज छिपे हुए हैं। कई बार तो यह तय किया जाता है कि कौन जीतगा और कौन हारेगा। इसके लिए लाखों-करोड़ों का लेन-देन होता है। जब ऑपरेशन सिंदूर चालू है, आप एशिया कप पाकिस्तान जैसे आतंकी देश के साथ क्यों खेल रहा है? ये जवाब भारत सरकार को देना है। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के आम बहस में अपने संबोधन में, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ एक कड़ा संदेश दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले राष्ट्रों का समर्थन करने वालों को पता चलेगा कि यह "पलट कर उन्हीं को काटेगा।" उन्होंने कहा कि हमें अपने अधिकारों पर जोर देने के साथ-साथ खतरों का भी दृढ़ता से सामना करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद का मुकाबला करना एक खास प्राथमिकता है क्योंकि यह "कट्टरता, हिंसा, असहिष्णुता और डर" का मिश्रण है। जयशंकर ने UNGA मंच से विश्व नेताओं को अपना संबोधन "भारत के लोगों की ओर से नमस्कार" के अभिवादन के साथ शुरू किया। उन्होंने कहा, "भारत ने स्वतंत्रता के बाद से ही इस चुनौती का सामना किया है, क्योंकि उसका एक पड़ोसी है जो वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है।"  

कांग्रेस संगठन में नई हलचल, एमपी के ज़िला अध्यक्ष मैदान में – नवंबर में राहुल और खड़गे की सीधी बैठक

भोपाल  मध्यप्रदेश कांग्रेस ने संगठन को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के सभी 71 जिला अध्यक्षों के लिए 2 से 12 नवंबर तक पचमढ़ी में 10 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे सीधी क्लास लेंगे। राहुल गांधी की क्लास से पहले सभी जिला अध्यक्ष फील्ड में सक्रिय हो गए हैं। अध्यक्षों को एक महीने में कार्यकारिणी बनानी है, मुद्दों को उठाना है और जनता से सीधा संवाद करना है। यह प्रशिक्षण शिविर सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि संगठनात्मक मजबूती की नींव बनने जा रहा है। इस विशेष शिविर में कांग्रेस नेतृत्व कार्यकर्ताओं को दिशा दिखाने और जमीनी स्तर पर संगठन को सक्रिय करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।  जिलाध्यक्षों से सीधा संवाद करेंगे राहुल शिविर की शुरुआत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे, जबकि राहुल गांधी दो दिन तक प्रशिक्षण में मौजूद रहेंगे। इस दौरान वे जिलाध्यक्षों से सीधे संवाद करेंगे और पूछेंगे कि आप ने  अभी तक संगठन में आपने क्या काम किया? किन मुद्दों पर आंदोलन किए? जनता के बीच कितनी बार पहुंचे? राहुल गांधी व्यक्तिगत रूप से फीडबैक लेंगे, जिससे कार्यकर्ताओं को अपने प्रदर्शन को बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी। राहुल गांधी दो दिन रहेंगे, प्रभात फेरी में होंगे शामिल  लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी दो दिन तक यहां मौजूद रहेंगे. राहुल जिला अध्यक्षों को संगठन की चुनौतियों, चुनावी रणनीति और बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के गुर सिखाएंगे. वे नेताओं से वन टू वन चर्चा कर उनके जिलों की परिस्थितियों को समझेंगे और आगे की कार्ययोजना देंगे. इस शिविर का मकसद संगठन सृजन अभियान से बने जिला अध्यक्षों को जमीनी स्तर पर प्रशिक्षित करना है. वरिष्ठ नेता महेंद्र जोशी को प्रशिक्षण स्थल की तैयारियां देखने के लिए पचमढ़ी भेजा गया है. अनुशासन और राहुल गांधी की रणनीति  पार्टी नेताओं का कहना है कि इस तरह के शिविर कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाते हैं. पचमढ़ी का शांत और प्राकृतिक वातावरण इसके लिए उपयुक्त माना गया है. राहुल गांधी का सीधा जुड़ाव शिविर की खासियत होगा. कांग्रेस इस शिविर से दो संदेश देना चाहती है. पहला यह कि पार्टी अनुशासन को प्राथमिकता देती है. दूसरा यह कि राहुल गांधी सीधे रणनीति बना रहे हैं. गौसेवा और प्रभातफेरी जैसी गतिविधियां परंपरा और आधुनिक राजनीति के बीच संतुलन बनाने की कोशिश हैं. कांग्रेस का संगठनात्मक अनुशासन और सांस्कृतिक जुड़ाव पर जोर इस शिविर का मकसद संगठन सृजन अभियान से बने जिला अध्यक्षों को जमीनी स्तर पर प्रशिक्षित करना है. सुबह योग और प्रभात फेरी से दिन की शुरुआत होगी. इसके बाद प्रशिक्षण सत्रों में रणनीति, संवाद और चुनावी प्रबंधन सिखाया जाएगा. गौसेवा और स्वच्छता कार्यक्रमों के जरिए कांग्रेस संगठनात्मक अनुशासन और सांस्कृतिक जुड़ाव पर जोर देना चाहती है. नेताओं की मजबूत टीम देगी मार्गदर्शन 2 से 12 नवंबर तक पचमढ़ी में 10 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर में जयराम रमेश, पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत, प्रशिक्षण विभाग के राष्ट्रीय प्रमुख सचिन राव, प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी मौजूद रहेंगे। कांग्रेस का मानना है कि यह प्रशिक्षण शिविर संगठनात्मक मजबूती और कार्यकर्ताओं की दिशा तय करने में मील का पत्थर साबित होगा। जनसंवाद की रणनीति 1-सोशल मीडिया का प्रभावी उपयोग 2-जमीनी मुद्दों की पहचान और समाधान 

राजनीति का नया ड्रामा: बिहार में 4 दिवाली, अमित शाह ने तय किया 160 सीटों का लक्ष्य, विपक्ष हिल गया

अररिया  केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के चाणक्य अमित शाह ने अररिया के फारबिसगंज हवाई पट्टी मैदान में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार वालों को इस बार चार दीपावली मनाना है। उन्होंने कहा कि एनडीए को एक बार दो तिहाई बहुमत से जिता दें तो हम बिहार की पावन धरती से एक-एक घुसपैठिये को चुन-चुनकर निकाल देंगे। शाह ने 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए 160 प्लस का टारगेट सेट कर दिया। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद के तेजस्वी यादव पर भी जमकर हमला बोला। अमित शाह ने बताया कि चार-चार दीपावली कैसे मनाएंगे। एक दीपवाली तो उस दिन के लिए मनाएंगे जब प्रभु श्रीराम वनवास काटकर अयोध्या लौटे। दूसरी दीपावली मनाएंगे क्योंकि मोदी जी ने राज्य की 75 लाख महिलाओं को रोजगार के लिए 10-10 हजार की सौगात दी। तीसरी दीपावली जीएसटी दरों में सुधार के लिए मनाएंगे जिससे मोदी जी ने 395 से ज्यादा वस्तुओं के दाम कम कर दिए। और चौथी दीपावली उस दिन मनाएंगे जब बिहार में 160 से ज्यादा सीटों के साथ एनडी-भाजपा की सरकार बनेगी। दो तिहाई बहुमत वाली सरकार बनते ही बिहार से सभी घुसपैठियों को खदेड़कर भगा दिया जाएगा।  

दिग्विजय सिंह को इंदौर में विरोध का सामना, वापस जाओ के नारे और चूड़ियां फेंकी गईं

इंदौर  शहर के कपड़ा बाजार में मुस्लिम कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने का विवाद शनिवार को उस समय और गहरा गया, जब इस फैसले का विरोध करने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। भाजपा कार्यकर्ताओं और व्यापारियों ने उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की, उन्हें काले झंडे दिखाए और उनकी ओर चूड़ियां भी फेंकी। बाजार में घुसने से पहले ही रोका गया जैसे ही दिग्विजय सिंह अपने काफिले के साथ कपड़ा बाजार की ओर बढ़े, वहां पहले से मौजूद पुलिस अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया और सराफा थाने की ओर जाने का निर्देश दिया। इसी दौरान बड़ी संख्या में मौजूद भाजपा विधायक मालिनी गौड़ के पुत्र एकलव्य गौड़ के समर्थक, व्यापारी और भाजपा कार्यकर्ता वहां पहुंच गए और "दिग्विजय सिंह वापस जाओ" के नारे लगाने लगे। जब सिंह वहां से निकलने लगे तो प्रदर्शनकारियों ने उनकी कार की तरफ चूड़ियां फेंकी, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। मार्केट में भगवा लहर, व्यापारियों का समर्थन शीतला माता बाजार व्यापारी एसोसिएशन ने बीजेपी विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के पुत्र एकलव्य सिंह गौड़ का समर्थन किया. बाजार भगवा रंग में रंग गया. दुकानों के बाहर बैनर-पोस्टर लगाए गए. ‘धन्यवाद एकलव्य…’, ‘जिहादी मानसिकता का प्रवेश निषेध’, ‘जिहादी मानसिकता के समर्थक वापस जाओ’, ‘माताएं-बहनें निडर रूप से बाजार में पधारें’ जैसे नारे लिखे हैं. बड़ी संख्या में एकलव्य के समर्थक जमा हुए. महिलाएं चूड़ियां लेकर पहुंचीं. व्यापारियों ने कहा, लव जिहाद रोकने के लिए यह कदम जरूरी है. ये काम जरूरी था… एसोसिएशन महासचिव पप्पू माहेश्वरी ने बताया, “मुस्लिम सेल्समैन महिलाओं को घूरते थे. नंबर लेते थे. इससे लव जिहाद की घटनाएं बढ़ रही थीं.” एकलव्य ने एक महीने पहले अल्टीमेटम दिया था. 26 सितंबर तक 40 से ज्यादा मुस्लिम कर्मचारियों को हटा दिया गया. कुछ मुस्लिम किरायेदारों को दुकानें खाली करने के लिए भी कहा गया है. दिग्विजय सिंह का विरोध पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह मार्केट जाकर स्थिति देखना चाहते थे, लेकिन व्यापारियों के विरोध के चलते वहां जा नहीं सके. उन्होंने कहा, “यह संविधान के खिलाफ है. हिंदू-मुस्लिम एकता इंदौर की पहचान है. एकलव्य को गिरफ्तार किया जाए.” सराफा थाने पहुंचे दिग्विजय के साथ बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता थे. वे बाबा साहब अंबेडकर की तस्वीर लेकर शिकायत करने आए. बोले, “यह सांप्रदायिक सद्भाव को तोड़ने की साजिश है. प्रशासन बीजेपी के इशारे पर काम कर रहा.” थाने पर रही तनाव की स्थिति थाने के बाहर एकलव्य समर्थक व्यापारी भी पहुंचे. उन्होंने चूड़ियां फेंककर विरोध जताया. ‘दिग्विजय वापस जाओ’ के नारे लगे. पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत रहने की हिदायत दी. डीसीपी आनंद कलाद्गी ने कहा, “जांच जारी है. कोई हिंसा नहीं होने देंगे.” कुछ हिंदू दुकानदारों ने मुस्लिम साथियों का समर्थन किया. एक दुकानदार बोले, “हम भाई-भाई हैं. रोजगार से भेदभाव गलत है.” छावनी बना बाजार  बढ़ते तनाव को देखते हुए पूरे बाजार को पुलिस प्रशासन ने छावनी में तब्दील कर दिया है. RAF की बटालियन जवाहर मार्ग सहित इंदौर के कपड़ा मार्केट से सटे मार्केट में फ्लैग मार्च कर रही है. भगवा झंडों और पोस्टरों से पटा बाजार दिग्विजय सिंह के आने की सूचना मिलते ही सुबह से ही बाजार में गहमागहमी का माहौल था। पूरे बाजार को भगवा ध्वजों और पताकाओं से सजा दिया गया था। यहां तक कि दुकानों पर लगी डमी को भी भगवा कपड़े पहना दिए गए थे। बाजार में जगह-जगह विवादित पोस्टर भी लगाए गए थे, जिन पर लिखा था, "मां बहनें निर्भीकता से बाजार में प्रवेश करें, जिहादियों से अब बाजार मुक्त है" और "जिहादी मानसिकता का प्रवेश निषेध।" क्यों गरमाया है यह मुद्दा? यह पूरा विवाद विधायक पुत्र एकलव्य गौड़ द्वारा व्यापारियों को अपनी दुकानों से मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने की चेतावनी के बाद शुरू हुआ। गौड़ ने आरोप लगाया था कि ये कर्मचारी "लव जिहाद" के एजेंडे को बढ़ावा देते हैं। इस चेतावनी के बाद 40 से अधिक मुस्लिम कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया था, जिसका विरोध करने के लिए दिग्विजय सिंह बाजार पहुंचे थे। बढ़ते तनाव को देखते हुए बाजार में भारी पुलिस बल और आरपीएफ के जवानों को भी तैनात किया गया था। 

RJD से गठबंधन पर ओवैसी का साफ इशारा: चुनाव जीतने के लिए लड़ेंगे, एकतरफा मोहब्बत नहीं चलेगी

पटना ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनावों के लिए राजद (RJD) के साथ गठबंधन की इच्छा जताई थी, लेकिन वहां से सकारात्मक जवाब नहीं मिला। हैदराबाद के सांसद ओवैसी इन दिनों पूर्वी बिहार के सीमांचल क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं जहां मुस्लिम आबादी का बड़ा हिस्सा है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘‘गठबंधन की हमारी इच्छा कमजोरी का संकेत नहीं थी। हम चुनाव जीतने के लिए लड़ेंगे। लेकिन राजनीति में एकतरफा मोहब्बत नहीं चलती। ऐसी बातें सिर्फ फिल्मों में अच्छी लगती हैं, जहां कॉलेज जाने वाले लड़का-लड़की के किरदार निभाए जाते हैं।'' भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित उत्तर प्रदेश में ‘‘आई लव मोहम्मद'' लिखे पोस्टरों पर विवाद को लेकर पूछे गए सवाल पर ओवैसी ने कहा, ‘‘पैगंबर के प्रति मुसलमानों की मोहब्बत जताने में कोई आपत्तिजनक बात नहीं है। मुझे समझ नहीं आता भाजपा-आरएसएस को समस्या क्या है?' भाजपा-आरएसएस देश को बदनामी कर रहे ओवैसी ने कहा, ‘‘अगर उन्हें ‘आई लव मुहम्मद' नारा देशविरोधी लगता है तो इसका मतलब है कि वे मोहब्बत के ही खिलाफ हैं। हालांकि फिल्मों में प्यार के किस्से देखना उन्हें अच्छा लगता है।'' ओवैसी ने कहा, ‘‘भारत की खूबसूरती इसकी विविधता में है, जहां अलग-अलग धर्मों को पनपने का अवसर मिला है। संविधान ने हर नागरिक को धर्म की स्वतंत्रता दी है।'' उन्होंने दावा किया, ‘‘भारत में मुसलमान भले ही बहुसंख्यक न हों, लेकिन पूरे उपमहाद्वीप के किसी भी देश की तुलना में उनकी संख्या यहां सबसे अधिक है। भाजपा-आरएसएस देश को बदनामी कर रहे हैं।'  

2 से 12 अक्टूबर तक पचमढ़ी में कांग्रेस प्रशिक्षण शिविर, राहुल और खरगे बताएंगे जीत की रणनीति

भोपाल  मध्य प्रदेश कांग्रेस के 71 जिलाध्यक्षों को पचमढ़ी में आवासीय प्रशिक्षण (residential training) दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण शिविर का आयोजन आगामी 2 से 12 अक्टूबर तक किया जाएगा। इस खास ट्रेनिंग शिविर में लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी उपस्थित होंगे। इस दस दिन के कार्यक्रम में राहुल गांधी दो दिन तक जिला अध्यक्षों को मार्गदर्शन देंगे। इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं को आने वाली चुनावी चुनौतियों के लिए बेहतर तरीके से तैयार किया जा सके। वहीं, इस प्रशिक्षण शिविर में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी शमिल होंगे। राहुल गांधी जिला अध्यक्षों से करेंगे संवाद     सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस सांसदराहुल गांधी इस कार्यक्रम के दौरान जिला अध्यक्षों के साथ न केवल सार्वजनिक रूप से संवाद करेंगे, बल्कि वे उनसे व्यक्तिगत (one-to-one) बातचीत भी करेंगे। इस बातचीत में वे जिला अध्यक्षों से उनके जिलों की सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों, चुनौतियों और भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे। यह संवाद कांग्रेस को आगामी चुनावों के लिए एक मजबूत रणनीति तैयार करने में मदद करेगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे भी आएंगे इस प्रशिक्षण शिविर में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी शामिल होंगे। संभावित कार्यक्रम के मुताबिक, खरगे इस शिविर के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस प्रशिक्षण शिविर में जयराम रमेश, पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत, कांग्रेस ट्रेनिंग डिपार्टमेंट के नेशनल हेड सचिन राव, मप्र के प्रभारी हरीश चौधरी, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी शामिल होंगे। अध्यक्षों से खुद चर्चा करेंगे राहुल गांधी सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी ट्रेनिंग के दौरान जिला अध्यक्षों को न केवल संबोधित करेंगे, बल्कि, जिला अध्यक्षों से वन टू वन बातचीत भी करेंगे। जिला अध्यक्षों से उनके जिले की सामाजिक, राजनीतिक परिस्थितियों, चुनौतियों और भविष्य की रणनीति पर चर्चा कर सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, राहुल गांधी ट्रेनिंग के दौरान जिलाध्यक्षों को न केवल संबोधित करेंगे, बल्कि उनसे वन-टू-वन चर्चा भी करेंगे. इस दौरान जिलाध्यक्षों से उनके जिले की सामाजिक, राजनीतिक हालातों, चुनौतियों और भविष्य की रणनीति पर विचार विमर्श करेंगे. इस प्रशिक्षण शिविर के दौरान कांग्रेस के कई बड़े-बड़े नेता जयराम रमेश, पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत, कांग्रेस ट्रेनिंग डिपार्टमेंट के नेशनल हेड सचिन राव, एमपी के प्रभारी हरीश चौधरी, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी मौजूद रहेंगे.  ट्रेनिंग में क्या क्या होगा? मिली जानकारी के मुताबिक, इस दस दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के दौरान जिलाध्यक्षों के सुबह उठने से लेकर रात तक सोने तक का मिनट-टू-मिनट का प्रोग्राम निश्चित किया गया है. बता दें कि रोजाना सुबह 7 बजे से लेकर शाम 7 से 8 बजे तक चलेगा. इसके अलावा, सुबह के समय में सैर, योग, ध्यान जैसी गतिविधियां भी कराई जाएंगी. इस प्रशिक्षण का मकसद आगामी समय में होने वाले नगरीय निकाय, पंचायत चुनाव और 2028 के विधानसभा चुनाव और 2029 के लोकसभा चुनाव को लेकर पूरा रोडमैप तैयार किया जाएगा.      मध्यप्रदेश कांग्रेस के 71 जिलाध्यक्षों को पचमढ़ी में 2-12 अक्टूबर तक आवासीय प्रशिक्षण मिलेगा, जिसमें राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे भी शामिल होंगे।     राहुल गांधी जिला अध्यक्षों से एक व्यक्तिगत संवाद करेंगे और आगामी चुनावों के लिए रणनीति तैयार करने पर चर्चा करेंगे।     कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जैसे जयराम रमेश, पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत, और सचिन राव भी इस प्रशिक्षण शिविर का हिस्सा होंगे।     इस ट्रेनिंग में पार्टी कार्यकर्ताओं को ब्लॉक, मंडल, वार्ड, ग्राम पंचायत और बूथ स्तर तक संगठन बनाने के तरीकों की जानकारी दी जाएगी।     पचमढ़ी को शांति और आरामदायक माहौल के कारण इस प्रशिक्षण के लिए चुना गया है, जो शहर की हलचल से दूर है। जिले में कैडर मैनेजमेंट से लेकर 4 चुनावों तक के लिए तैयार होंगे पचमढ़ी में होने वाली ट्रेनिंग में कांग्रेस के जिला अध्यक्षों को अपने जिले में ब्लॉक, मंडलम, सेक्टर, वार्ड, ग्राम पंचायत और बूथ लेवल तक संगठन बनाने के बारे में बताया जाएगा। आगामी समय में होने वाले नगरीय निकाय, पंचायत चुनाव और 2028 के विधानसभा और 2029 के लोकसभा चुनाव को लेकर कैसे रणनीति बनाना है, इसका पूरा रोडमैप बताया जाएगा। अब जानिए दस दिन की ट्रेनिंग में क्या होगा प्रशिक्षण शिविर में दस दिन की ट्रेनिंग में जिला अध्यक्षों के सुबह उठने से लेकर रात तक सोने का मिनट टू मिनट का प्रोग्राम तय किया गया है। प्रतिदिन सुबह 7 बजे शुरू होकर शाम 7-8 बजे तक चलेगा। इसमें सुबह की सैर, योग और ध्यान जैसी गतिविधियां कराई जाएंगी। जिले में कार्यकारिणी से लेकर, ब्लॉक, मंडलम, सेक्टर, वार्ड, ग्राम पंचायत और बूथ स्तर पर पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का चयन कैसे करना है। पार्टी के दिग्गज नेता बताएंगे। पचमढ़ी को क्यों चुना? शहरों की भागदौड़ से दूर एकांत में सतपुड़ा की वादियों के शांत माहौल में दस दिनों तक जिला अध्यक्षों और बाहर से आने वाले विषय विशेषज्ञों और दिग्गजों के रुकने के लिए फाइव स्टार रेटिंग वाले होटल मौजूद हैं। बडे़ नेताओं के आने के लिए भोपाल नजदीकी एयरपोर्ट है। राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे जैसे नेता हेलिकॉप्टर के जरिए सीधे पहुंच सकेंगे। वहीं जिला अध्यक्षों और प्रदेश के नेताओं को पचमढ़ी तक पहुंचने के लिए ट्रेन और आसान सड़क रूट है। ऐसे में नेताओं को पहुंचने और रुकने में आसानी होगी। भविष्य की चुनावी तैयारी पर ध्यान केंद्रित इस विशेष ट्रेनिंग में कांग्रेस के जिला अध्यक्षों को संगठनात्मक स्तर पर कार्य करने की पूरी जानकारी दी जाएगी। पचमढ़ी में होने वाली इस ट्रेनिंग में कार्यकर्ताओं को ब्लॉक, मंडल, सेक्टर, वार्ड, ग्राम पंचायत और बूथ स्तर तक संगठन बनाने की प्रक्रिया के बारे में बताया जाएगा। इसके साथ ही आगामी नगरीय निकाय चुनाव, पंचायत चुनाव, और 2028 विधानसभा चुनाव और 2029 लोकसभा चुनाव के लिए रणनीतियाँ तैयार की जाएंगी। जानें इस दस दिन के प्रशिक्षण में क्या होगा? प्रशिक्षण शिविर में प्रत्येक दिन का कार्यक्रम सुबह 7 बजे से लेकर रात 7-8 बजे तक निर्धारित किया गया है। इसमें जिला अध्यक्षों को पूरे दिन के लिए एक विस्तृत शेड्यूल मिलेगा। इसमें सुबह की सैर, योग, और ध्यान जैसी गतिविधियाँ शामिल होंगी। इसके अलावा, इस प्रशिक्षण में कार्यकारिणी से लेकर ब्लॉक, मंडल, सेक्टर, वार्ड, ग्राम पंचायत और बूथ स्तर तक पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का चयन कैसे करना है, इस पर भी … Read more

ओवैसी का सियासी तीर: NDA जीती तो नीतीश नहीं, कोई और होगा बिहार का मुख्यमंत्री

पटना  बिहार चुनाव में अपनी पार्टी की किस्मत आजमाने के लिए एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी कूद चुके हैं। कल उन्होंने सीमांचल में रैली का आगाज कर दिया। इस दौरान वह सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्षी दलों पर भी खूब बरसे। साथ ही उनके बीजेपी की बी टीम कहने पर भी पलटवार किया। ओवैसी ने एक इंटरव्यू के दौरान यह भी दावा किया है कि बिहार में अगर एनडीए गठबंधन की जीत होती है इसबार नीतीश कुमार की जगह भाजपा का कोई नेता मुख्यमंत्री बनेगा। ओवैसी ने कहा, 'बिहार में अगर एनडीए की सरकार बनी तो इसबार नीतीश कुमार नहीं, बल्कि भाजपा का सीएम होगा।' जब उनसे पूछा गया कि आप भाजपा की बी टीम बनने का आरोप लगता है। आप मुस्लिम वोट काटने के लिए बिहार आए हैं। उन्होंने कहा कि यह महज आरोप है। लालू यादव के घर के बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं के पहुंचने पर उन्होंने कहा कि दुश्मन भी आपके घर पर पहुंचता है तो उसे बिठाकर बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लालू यादव और तेजस्वी यादव को किस बात का डर है मुझे नहीं मालूम। मेरे दिल में कोई डर नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछली बार की तरह इस चुनाव में भी सीमांचल में जो भी दल रहेगा उनके हराएंगे। आपको बता दें कि 2020 के विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने सीमांचल में पांच सीटों पर जीत हासिल कर लोगों को चौंका दिया था। यह राजद के लिए बड़ा झटका साबित हुआ था। हालांकि, बाद में चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए थे। इससे पहले बिहार में भाजपा की मदद करने के आरोपों पर नाराजगी जताते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को कहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव में अगर उनकी पार्टी को छह सीट दी जाती हैं तो वह विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल हो जाएंगे। हैदराबाद से सांसद ओवैसी किशनगंज में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। किशनगंज उत्तर बिहार का एक ऐसा जिला है जहां की लगभग दो-तिहाई आबादी मुस्लिम है। यहीं से उन्होंने तीन दिवसीय ‘सीमांचल न्याय यात्रा’ की शुरुआत की। ओवैसी ने कहा, “मेरी पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को कई पत्र लिखे हैं। आखिरी पत्र में अनुरोध किया गया है कि विधानसभा की 243 सीटों में से एआईएमआईएम को छह सीटें दी जाएं।” उन्होंने कहा, “अब गेंद ‘इंडिया’ गठबंधन के पाले में है। हमने यह पहल इसलिए की ताकि हम पर भाजपा की मदद करने का आरोप न लगे। अगर गठबंधन की तरफ से उचित जवाब नहीं मिलता है तो यह साफ हो जाएगा कि वास्तव में भाजपा की मदद कौन कर रहा है।”