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दीपावली का असली जादू: थानेदार ने खरीद लिए सारे बचे हुए दीये, बूढ़ी माता की खुशी लौट आई

हापुड़ उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में एक पुलिसकर्मी ने एक बुजुर्ग महिला की दिवाली बना दिया। दरअसल, पुलिसकर्मी पैदल ही गश्त पर निकले थे। सड़क के किनारे एक बूढ़ी माता मिट्टी के दिए बेच रही थी लेकिन उनका दिया एक भी नहीं बिका था और वह मायूस होकर बैठी थी। गश्त कर रहे पर हापुड़ देहात थाना प्रभारी विजय गुप्ता ने बुजुर्ग को मायूस देखकर कारण पूछा तो बूढ़ी माता ने कहा कि कहा कि सुबह से दीये सजाए थे, लेकिन धनतेरस पर कोई भी दीये खरीदने नहीं आय। इतना सुनते ही विजय गुप्ता ने उनकी मायूसी दूर करने की ठान ली और सारे दीए खरीद लिए। इस नेक कार्य से धर्मवती की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उन्होंने पुलिस को आशीर्वाद दिया। दीए बेचकर वे खुशी-खुशी घर लौटीं।  बुजुर्ग माता का बयान घूसखोरी के जमाने में पुलिस का ऐसा वर्ताव देखने के बाद धर्मवती ने कहा, "पुलिस का यह रूप मैंने पहले कभी नहीं देखा। दीए न बिकने से मैं बहुत परेशान थी, लेकिन पुलिस ने मेरी समस्या हल कर दी।" बुजुर्ग महिला ने यह भी बताया कि सरकार की योजनाओं से उन्हें काफी राहत मिली है। बच्चों के पालन-पोषण में कोई दिक्कत नहीं है और फ्री राशन भी मिल रहा है। उन्होंने कहा, "मोदी-योगी खूब काम कर रहे हैं। 

पैसे की लालच ने बदला प्यार: पत्नी ने पति का वीडियो बनाकर आशिक संग किया ब्लैकमेल!

बिजनौर  उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से एक विवाहेतर संबंध और आपराधिक साजिश का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी पर गंभीर आरोप लगाया है कि उसने अपने प्रेमी के साथ मिलकर उसकी हत्या की योजना बनाई थी। पति की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। 10 साल की शादी, 4 बच्चे और धोखा पीड़ित व्यक्ति स्योहारा क्षेत्र के एक गांव का निवासी है जिसकी शादी लगभग दस साल पहले कोतवाली देहात क्षेत्र की एक युवती से हुई थी। दंपत्ति के चार बच्चे हैं। पीड़ित पति पिछले डेढ़ साल से मुरादाबाद में किराए के मकान में रहकर अपनी दुकान चलाता है और महीने में केवल एक या दो बार ही घर आता था। पति का आरोप है कि पिछले एक साल से पत्नी का व्यवहार अचानक बदल गया और वह लगातार झगड़ा करने लगी। शक होने पर जब उसने छानबीन की तो पता चला कि पत्नी का किसी दूसरे व्यक्ति के साथ नाजायज संबंध चल रहा है।   ब्लैकमेलिंग और पैसे की वसूली पति के अनुसार पत्नी और उसके प्रेमी ने मिलकर उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। आरोप है कि पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर घर से करीब ढाई लाख रुपये का सामान चोरी किया और वह सारा सामान प्रेमी को दे दिया।  विरोध करने पर पत्नी ने उसे धमकाना शुरू कर दिया। पति के मुताबिक पत्नी ने उसका एक अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया और पैसे की मांग की। बदनामी के डर से मजबूर होकर पति को अपने ही आशिक के खाते में 11,000 रुपये भेजने पड़े। मोबाइल रिकॉर्डिंग से खुली हत्या की प्लानिंग मामले में सबसे चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब पति को अपनी पत्नी के मोबाइल फोन में एक ऑडियो रिकॉर्डिंग मिली। इस रिकॉर्डिंग में पत्नी और उसका प्रेमी मिलकर पति की हत्या की पूरी योजना बना रहे थे। यह सुनकर पति के होश उड़ गए और उसने तुरंत पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शिकायत दर्ज कर ली है और पूरे मामले की गहन जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। पुलिस अब रिकॉर्डिंग की सत्यता और आरोपों की पुष्टि करेगी।  

बेटे की मौत ने तोड़ा मां का दिल, कौशांबी में एक साथ उठी मां-बेटे की अर्थी

कौशांबी  उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में दीपावली पर्व से ठीक एक दिन पहले मां- बेटे की मौत से खुशियां मातम में बदल गई. बेटे की ब्रेन हेमरेज से मौत की खबर जैसे ही उसकी मां को मिली तो सदमे से मां की भी मौत हो गई. पूरा मामला कड़ाधाम थाना क्षेत्र के देवीगंज बाजार का है. रोते-रोते मां की तबीयत हुई खराब और हो गई मौत जानकारी के अनुसार मुन्ना अग्रहरि एक व्यापारी थे. उनके एक पुत्र और एक पुत्री हैं. परिजनों के मुताबिक 50 वर्षीय मुन्ना अग्रहरि की कुछ दिन पहले तबीयत खराब हो गई थी. जिसके बाद परिजनों ने उन्हें प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था. जांच में पता चला था कि मुन्ना अग्रहरि को ब्रेन हेमरेज हुआ था. डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन इलाज के दौरान मुन्ना अग्रहरि की शनिवार को मौत गई. जैसे ही बेटे की मौत की जानकारी 75 वर्षीय वृद्ध मां तारा देवी को मिली तो वह दहाड़े मार कर रोने लगी. इसी दौरान तारा देवी की भी तबीयत खराब हो गई और उनकी भी मौत हो गई. मां-बेटे की मौत से पूरे कस्बे में छाया मातम एक ही दिन में मां-बेटे की मौत की खबर से देवीगंज कस्बा में मातम छा गया. परिजनों का कहना है कि बेटे के जाने का दुख मां सहन नहीं कर पाई, उसी गम में मां ने भी साथ छोड़ दिया.  पुलिस ने बताया कि एक व्यक्ति को ब्रेन हेमरेज हुआ था. उसका प्रयागराज के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. व्यक्ति की मौत की खबर उसकी मां बर्दाश्त नहीं कर पाई और उनकी भी मौत हो गई. 

दीपोत्सव 2025: कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह के निर्देशन में 33 हजार वालंटियर्स रचेंगे इतिहास

दीपोत्सव 2025: सीएम योगी के नेतृत्व में अयोध्या बनेगी विश्व की दीप नगरी दीपोत्सव 2025: कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह के निर्देशन में 33 हजार वालंटियर्स रचेंगे इतिहास दीपोत्सव 2025: 56 घाटों पर सजे 28 लाख दीए, घाट संख्या-10 पर 80 हजार दीयों से ‘स्वास्तिक’ का आकार -वालंटियर्स को दिए विशेष दिशा-निर्देश, सूती वस्त्रों में ही करेंगे दीयों का प्रज्वलन -भोजन, परिवहन और समन्वय की चाक-चौबंद व्यवस्था अयोध्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में रामनगरी अयोध्या इस बार दीपों की ऐसी अलौकिक आभा में नहाएगी, जो पूरी दुनिया के लिए मिसाल बनेगी। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में कुलपति कर्नल डॉ. बिजेंद्र सिंह के निर्देशन में दीपोत्सव-2025 को ऐतिहासिक स्वरूप देने की तैयारी पूरी हो चुकी है। इस आयोजन में 33 हजार वालंटियर्स की भूमिका अहम रहेगी, जो 26 लाख 11 हजार एक सौ एक दीयों को प्रज्ज्वलित कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाएंगे। विश्वविद्यालय व प्रशासन की संयुक्त पहल से गूंजी रामनगरी विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी घाटों पर दीये बिछाने का कार्य लगभग पूरा कर लिया है। कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह ने स्वयं घाटों का निरीक्षण कर अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। उनका कहना है कि “यह दीपोत्सव अलौकिक और अविस्मरणीय होगा। प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या से समता और समरसता का संदेश पूरे विश्व में पहुंचेगा।” 56 घाटों पर जगमगाएंगे दीये, 75 सदस्यीय टीम कर रही गणना सरयू तट के 56 घाटों पर विश्वविद्यालय की 2,000 से अधिक सदस्यों की टीम तैनात है। दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो. संत शरण मिश्र ने बताया कि 28 लाख से अधिक दीए बिछाए जा चुके हैं। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम द्वारा घाटवार दीयों की गणना की जा रही है। घाट संख्या-10 पर विश्वविद्यालय के वालंटियर्स ने 80 हजार दीयों से ‘स्वास्तिक’ का विशाल प्रतीक बनाकर शुभता का संदेश दिया है। सुरक्षा और अनुशासन पर विशेष ध्यान, वालंटियर्स को दिए दिशा-निर्देश घाटों पर बिना पहचान-पत्र (आईडी कार्ड) के प्रवेश वर्जित रहेगा। सभी वालंटियर्स सूती परिधान में ही घाटों पर उपस्थित रहेंगे। दीयों में तेल भरने के लिए प्रत्येक वालंटियर को एक लीटर सरसों तेल की बोतल दी जाएगी। तेल डालने और बाती प्रज्वलित करने के लिए विशेष सावधानी बरती जाएगी। विश्वविद्यालय के कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने बताया कि “हर घाट पर निर्धारित संख्या में कैंडल, माचिस और प्रज्वलन सामग्री उपलब्ध करा दी गई है। भोजन, परिवहन व समन्वय की भी पुख्ता व्यवस्था दीपोत्सव स्थल पर सभी वालंटियर्स व पदाधिकारियों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है। यह प्रबंधन प्रो. हिमांशु शेखर सिंह के नेतृत्व में प्रो. प्रवीन राय, डॉ. रामजी सिंह और डॉ. अनुराग तिवारी की टीम द्वारा किया जा रहा है। विश्वविद्यालय से घाटों तक 5 दर्जन बसों द्वारा वालंटियर्स को भेजा जा रहा है। यातायात समिति के संयोजक प्रो. अनूप कुमार ने बताया कि सभी टीमों को समय से राम की पैड़ी पहुंचाया जा रहा है ताकि कार्यक्रम सुचारू रूप से संपन्न हो सके। विश्व रिकॉर्ड की ओर अयोध्या, जगमगाएगी सरयू तट की 56 घाटों की श्रृंखला दीपोत्सव के दिन, 19 अक्टूबर को अयोध्या सरयू तट का हर घाट राममय होगा। कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह ने विश्वास जताया है कि इस बार का दीपोत्सव "अद्भुत, आलौकिक और अविस्मरणीय” बनेगा।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या एक बार फिर विश्व पटल पर अपनी सांस्कृतिक पहचान का दीप जलाने जा रही है।

दीपोत्सव 2025:राम की पैड़ी पर लेजर, लाइट एंड साउंड और ड्रोन शो से सजेगी दीपोत्सव की शाम

दीपोत्सव 2025: अयोध्या में सरयू तट पर 2100 श्रद्धालुओं की भव्य महा आरती का हुआ अभ्यास  दीपोत्सव 2025:राम की पैड़ी पर लेजर, लाइट एंड साउंड और ड्रोन शो से सजेगी दीपोत्सव की शाम दीपोत्सव 2025: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम के बाद 19 अक्टूबर को होगा मुख्य आयोजन – तीन दिनों तक तकनीक और भक्ति का संगम बनेगी अयोध्या की राम की पैड़ी – मुख्यमंत्री योगी ने दिए निर्देश दीपोत्सव में दिखे आधुनिकता और अध्यात्म का समन्वय अयोध्या भव्य दीपोत्सव 2025 से पहले अयोध्या नगरी तैयारियों के अंतिम चरण में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में इस बार राम की पैड़ी और सरयू तट पर तकनीक और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि आज 18 अक्टूबर की शाम 6 बजे से सरयू आरती स्थल पर 2100 लोगों द्वारा महा आरती का अभ्यास किया गया। यह आयोजन दीपोत्सव की मुख्य संध्या के लिए एक झलक प्रस्तुत करेंगे। सरयू तट पर 2100 लोगों की भव्य महा आरती शाम 6 बजे से सरयू तट पर होने वाली यह महा आरती अयोध्या के सांस्कृतिक वैभव की झलक दिखाएगी। इसमें विभिन्न समाजों के लोग एक साथ दीप प्रज्ज्वलित कर “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” का संदेश देंगे। इस दौरान आरती की गूंज पूरे तट को आध्यात्मिक वातावरण से भर देगी। राम की पैड़ी पर तकनीक और श्रद्धा का संगम इसके साथ ही राम की पैड़ी पर लेजर शो, प्रोजेक्शन लाइट एंड साउंड शो एवं ड्रोन शो का अभ्यास भी किया गया। यह शो इस बार दीपोत्सव का मुख्य आकर्षण रहेगा, जिसमें भगवान श्रीराम के जीवन प्रसंगों को तकनीकी रोशनी और ध्वनि के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे मुख्य आकर्षण जिलाधिकारी ने बताया कि 19 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम के पश्चात, रात्रि लगभग 8:30 बजे से राम की पैड़ी पर इन तीनों कार्यक्रमों लेजर शो, लाइट एंड साउंड शो और ड्रोन शो का भव्य आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर अयोध्या नगरी असंख्य दीयों की रौशनी में जगमगाएगी और सरयू तट से उठती भक्ति ध्वनि पूरे वातावरण को आलोकित करेगी। 20 अक्टूबर को भी होगा दिव्य आयोजन दीपोत्सव के उत्सव की निरंतरता बनाए रखने के लिए 20 अक्टूबर को शाम 7 बजे से भी राम की पैड़ी पर लेजर, लाइट एंड साउंड एवं ड्रोन शो का आयोजन किया जाएगा। इससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को तीनों दिन अयोध्या के दिव्य स्वरूप का अनुभव प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि दीपोत्सव के आयोजन में तकनीकी गुणवत्ता, सुरक्षा और सौंदर्य का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि अयोध्या को इस दीपोत्सव के माध्यम से विश्व स्तर पर भक्ति, संस्कृति और आधुनिकता के अद्भुत मेल का प्रतीक बनाया जाए।

दीपोत्सव ने बढ़ाई अयोध्या की भव्यता, बढ़ने लगी पर्यटकों की संख्या

दीपोत्सव 2025 अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड टूटा, इस वर्ष संख्या 23 करोड़ पार दीपोत्सव ने बढ़ाई अयोध्या की भव्यता, बढ़ने लगी पर्यटकों की संख्या  सीएम योगी के विजन के अनुरूप राम नगरी में बढ़ी सुविधाएं, हर बार से ज्यादा लोग पहुंचे 2025 में जून तक 23,81,64,744 भारतीय और 49,993 विदेशी श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के नए अवसर खोल रहे देसी-विदेशी पर्यटक  साल दर साल बढ़ता ही जा रहा धार्मिक पर्यटकों के आने का सिललिला  अयोध्या  योगी सरकार इस साल अयोध्या में सरयू तट पर नौवां दीपोत्सव मनाने जा रही है। राम मंदिर के अलावा यहां पिछले 8 साल से हर वर्ष आयोजित हो रहे दीपोत्सव के कारण अयोध्या की भव्यता और बढ़ गई है।  दीपोत्सव ने देश-विदेश में अयोध्या का आकर्षण बढ़ा दिया है। यही कारण है कि अयोध्या में पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इनमें भारतीय पर्यटक तो अच्छी खासी संख्या में हैं ही विदेशियों की रुचि भी प्रभु श्रीराम की नगरी में बढ़ गई है।  साल दर साल बढ़ती जा रही पर्यटकों की संख्या अयोध्या में वर्ष 2017 से दीपोत्सव प्रारंभ हुआ है। इस बीच यहां 1,78,32,717 भारतीय एवं 25,141 विदेशी पर्यटक अयोध्या पहुंचे। इस प्रकार वर्ष 2017 में कुल 1,78,57,858 श्रद्धालुओं ने रामनगरी में दर्शन-पूजन किया। दीपोत्सव के दूसरे वर्ष 2018 में 1,95,34,824 भारतीय एवं 28,335 विदेशी नागरिकों ने रामनगरी में दर्शन किया। इस प्रकार कुल मिलाकर 1,95,63,159 लोगों ने वर्ष 2018 में अयोध्या में दर्शन-पूजन किया। ऐसे ही वर्ष 2019 में 2,04,63,403 भारतीय एवं 38,321 विदेशी मिलाकर कुल 2,04,91,724 श्रद्धालुओं ने अयोध्या में दर्शन किया। वर्ष 2020 में कोरोना के कारण पर्यटकों की संख्या में कमी देखने को मिली। इस साल 61,93,537 भारतीय एवं 2,611 विदेशी मिलाकर कुल 61,96,148 सैलानी अयोध्या पहुंचे। वहीं वर्ष 2021 में 1,57,43,359 भारतीय एवं 31 विदेशी पर्यटकों ने अयोध्या में दर्शन पूजन किया। 2021 में कुल 1,57,43,390 श्रद्धालु अयोध्या दर्शन के लिए आए। इसी क्रम में वर्ष 2022 में 2,39,09,014 भारतीय एवं 1465 विदेशी पर्यटक अयोध्या पहुंचे। कुल मिलाकर 2,39,10,479 पर्यटक अयोध्या दर्शन के लिए यहां पहुंचे।  वर्ष 2023 में भारतीय 5,75,62,428 और 8468 विदेशी पर्यटक आए। इस तरह कुल 5,75,70,896 श्रद्धालु अयोध्या दर्शन के लिए पहुंचे। इसके बाद 2024 में 16,43,93,474 भारतीय और 26048 विदेशी श्रद्धालु आए। इस तरह कुल 16,44,19,522 लोगों ने अयोध्या दर्शन किए। वहीं, 2025 में जनवरी से जून तक 23,81,64,744 भारतीय और 49,993 विदेशी समेत कुल 23,82,14,737 श्रद्धालु अयोध्या दर्शन के लिए पहुंचे। नोट: यह जानकारी उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग लखनऊ द्वारा दी गई हैं। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या से बढ़े रोजगार के अवसर  अयोध्या में देश ही नहीं विदेश से भी आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या से अयोध्या में रोजगार में भी तेजी से वृद्धि होने लगी है। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार तेजी से अयोध्या का विकास करने में लगी है। शानदार फोर लेन व सिक्स लेन सड़कों से अयोध्या जुड़ रही है। विश्वस्तरीय हवाई अड्डा व रेलवे स्टेशन के अलावा तमाम अन्य सुविधाएं विकसित होने से अयोध्या पर्यटकों को आकर्षित कर रही है।

बिहार में सियासी धमाका! तेजस्वी यादव ने खेसारी लाल को बनाया उम्मीदवार

पटना  बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में आरजेडी (RJD) ने अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी कर दी है। यह लिस्ट सिर्फ नामों की घोषणा नहीं, बल्कि बिहार की सियासत में एक नया राजनीतिक संदेश देने की कोशिश है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी ने अपने पारंपरिक YM (Yadav-Muslim) समीकरण को बरकरार रखते हुए युवाओं, महिलाओं और स्टार चेहरों को शामिल किया है। राघोपुर से तेजस्वी यादव के फिर से मैदान में उतरने की घोषणा पार्टी के अंदर और बाहर एक प्रतीकात्मक संकेत है। यह सीट आरजेडी की राजनीतिक विरासत का केंद्र मानी जाती है। तेजस्वी का दोबारा राघोपुर से उतरना बताता है कि वे अभी भी पार्टी के मूल सामाजिक समीकरण और पारंपरिक वोट बैंक पर भरोसा रखते हैं। छपरा से खेसारी लाल यादव का टिकट – स्टार पावर का ‘गेम चेंजर’ मूव इस लिस्ट का सबसे बड़ा और चौंकाने वाला नाम है — भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव, जिन्हें छपरा सीट से मैदान में उतारा गया है। RJD का यह कदम बताता है कि पार्टी अब जातीय राजनीति से आगे बढ़कर जन-भावनाओं और स्टार अपील पर भी भरोसा कर रही है। यह फैसला पार्टी को युवा मतदाताओं और मनोरंजन जगत से जुड़ी जनता के बीच नई पहचान दिला सकता है। पुराने चेहरों को बनाए रखा, संगठन में स्थिरता का संकेत   आरजेडी ने अपनी लिस्ट में कई पुराने और भरोसेमंद नामों को बनाए रखा है। भाई वीरेंद्र (मनेर), भोला यादव (बहादुरपुर), प्रो. चंद्रशेखर (मधेपुरा), अवध बिहारी चौधरी (सीवान) जैसे वरिष्ठ नेताओं को जगह देकर पार्टी ने संगठन में स्थिरता और अनुभव का सम्मान दिखाया है। सामाजिक संतुलन और न्याय की परंपरा को बरकरार लिस्ट में यादव, मुस्लिम, दलित, सवर्ण और कुशवाहा समुदायों के उम्मीदवार शामिल हैं। तेजस्वी यादव, मुन्ना यादव, प्रेम शंकर यादव जैसे नाम पारंपरिक वोट बैंक को मजबूत करते हैं, जबकि मोहम्मद शाहनवाज (जोकीहाट) और युसुफ सलाहउद्दीन (सिमरी बख्तियारपुर) जैसे चेहरे मुस्लिम वोटों को आकर्षित करेंगे। दलित वर्ग से रामवृक्ष सदा और चंद्रहास चौपाल को मौका देकर पार्टी ने सामाजिक न्याय की अपनी छवि को बरकरार रखा है। महागठबंधन की दो बड़ी चूकें – कांग्रेस से टकराव और विवादास्पद चेहरे सूत्रों के अनुसार, आरजेडी और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर मतभेद अब भी बने हुए हैं। कई सीटों पर कांग्रेस और आरजेडी के उम्मीदवार आमने-सामने हैं, जिससे गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठे हैं। दूसरी बड़ी चुनौती है कुछ विवादास्पद चेहरों का चयन, जैसे ओसामा शहाब। भाजपा इसपर ‘जंगलराज की वापसी’ का नैरेटिव बनाने की कोशिश कर सकती है। महिलाओं और EBC वर्ग को कम प्रतिनिधित्व – कमजोर कड़ी आरजेडी ने इस लिस्ट में महिलाओं और अति पिछड़े वर्गों को सीमित अवसर दिए हैं। हालांकि, अनीता (नोखा), माला पुष्पम (हसनपुर), रेखा पासवान (मसौढ़ी) जैसी महिलाएं शामिल हैं, लेकिन कुल अनुपात काफी कम है। यह पहलू विपक्षी दलों के लिए आलोचना का मुद्दा बन सकता है। नई पीढ़ी के नेताओं पर भरोसा – ‘नया बिहार’ की झलक तेजस्वी यादव ने कई युवा उम्मीदवारों को मौका दिया है। राहुल तिवारी (शाहपुर), रणविजय साहू (मोरवा), आलोक मेहता (उजियारपुर) जैसे नए चेहरे इस बात का संकेत हैं कि पार्टी संगठन में नई सोच और ऊर्जा को जगह दे रही है। संदेश साफ – ‘विरासत से विकास तक’ का सफर आरजेडी की यह लिस्ट बताती है कि पार्टी अब सिर्फ जातीय समीकरण नहीं, बल्कि लोकप्रियता, युवाशक्ति और प्रतिनिधित्व की राजनीति पर ध्यान दे रही है। तेजस्वी यादव ने इस सूची के जरिए साफ किया है कि RJD अब ‘विरासत की राजनीति’ से आगे बढ़कर ‘विकास और प्रतिनिधित्व की राजनीति’ की ओर बढ़ रही है।

ब्रह्मोस की ताकत: CM योगी ने बताया क्यों यह भारत और मित्र देशों के लिए सबसे सक्षम रक्षा हथियार है

लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार को आत्मनिर्भर भारत का एक नया अध्याय लिखा गया, जब ब्रह्मोस एयरोस्पेस लिमिटेड की लखनऊ इकाई में उत्पादित सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलों के पहले बैच का फ्लैग ऑफ केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। भारत माता की जय’ के जयघोष के बीच जब मिसाइलों का पहला जत्था रवाना हुआ तो समारोह गर्व, गौरव और देशभक्ति से गूंज उठा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ब्रह्मोस केवल भारत की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में अपने मित्र देशों की रक्षा करने का सबसे सक्षम हथियार है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रयास से ब्रह्मोस लखनऊ में विकसित हुआ है, जो देश की खुशहाली का माध्यम बना है। जब व्यक्ति सुरक्षित रहता है, तभी चैन की नींद सोता है। लखनऊ में बनी मिसाइल पूरे देशवासियों की सुरक्षा और समृद्धि की गारंटी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' संकल्प को साकार करने का यह क्षण प्रफुल्लित करने वाला है। उन्होंने कहा कि यह मिसाइल न केवल भारत की सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि दुनिया में अपने मित्र देशों की रक्षा करने का सबसे सक्षम हथियार भी है। ब्रह्मोस के माध्यम से भारत अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ मित्र राष्ट्रों की सुरक्षा जरूरतों को भी पूरा करने में सक्षम हो गया है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। सीएम योगी ने 2018 के पहले इन्वेस्टर्स समिट का जिक्र करते हुए कहा कि लखनऊ में ही प्रधानमंत्री ने दो डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर की घोषणा की थी, जिसमें से एक उत्तर प्रदेश को मिला। उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी और चित्रकूट के 6 नोड्स में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर के कार्य सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं। लखनऊ में ब्रह्मोस, झांसी में भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) और अमेठी में एके-203 जैसे प्रोजेक्ट चल रहे हैं। अब तक 2,500 एकड़ से अधिक लैंड इन 6 नोड्स में उपलब्ध कराई गई है, जिससे 15,000 से अधिक नौजवानों को नौकरियां मिली हैं। उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस केंद्र में आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग डिग्रीधारक युवा काम कर रहे हैं, जो देश की सुरक्षा और रोजगार दोनों की पूर्ति कर रहे हैं। यह आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला है। सीएम योगी ने बताया कि राज्य सरकार आईआईटी कानपुर और आईआईटी बीएचयू के साथ मिलकर दो ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ स्थापित कर रही है, जिससे डिफेंस टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह लखनऊ की भूमि अब राष्ट्र रक्षा, उद्योग, रोजगार और विकास के चारों आयामों को एक साथ साध रही है। यही उत्तर प्रदेश के बदलते चेहरे और आत्मनिर्भर भारत की पहचान है।” सीएम योगी ने कहा कि आज डीजी ब्रह्मोस ने 40 करोड़ का जीएसटी चेक सौंपा है। हर वर्ष 100 ब्रह्मोस मिसाइल बनेंगी, जो बढ़कर 150 तक पहुंचेंगी, तो 150-200 करोड़ जीएसटी मिलेगा। यह 'आम के आम और गुठली के दाम' जैसा है। लखनऊ की लैंड अब सोना उगल रही है। यह देश की सुरक्षा की पूर्ति कर रही है और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बना रही है। उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर डीआरडीओ को और लैंड उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया। सीएम योगी ने झांसी में 56,000 एकड़ के नए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का जिक्र किया और कहा कि चित्रकूट में एक्सप्रेस-वे पर नोड विकसित हो रहा है। आईआईटी कानपुर और बीएचयू के साथ दो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पर काम चल रहा है। उन्होंने मेक इन इंडिया को मेक फॉर द वर्ल्ड बनाने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रयास से ब्रह्मोस लखनऊ में विकसित हुआ है, जो देश की खुशहाली को वितरित करने का माध्यम बना है। जब व्यक्ति सुरक्षित रहता है, तभी चैन की नींद सोता है। लखनऊ में बनी मिसाइल पूरे देशवासियों की सुरक्षा और समृद्धि की गारंटी है।

कुसम्ही जंगल के वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नम्बर तीन से शुरू होती है सीएम योगी की दीपावली

गोरखपुर, गोरखपुर जिला मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर कुसम्ही जंगल के बीच बसे वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नम्बर तीन के लोग बीते एक सप्ताह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन के इंतजार में बेकरार हैं। यह बेकरारी उल्लास और उमंग की है। कारण, सीएम योगी इस वनटांगिया गांव में दीपोत्सव मनाने आते हैं। यहां हर घर दीप वनटांगियों के अपने ‘योगी बाबा’ के नाम पर प्रज्वलित होते हैं। वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नम्बर तीन में प्रशासन अपनी तैयारियों में जुटा है तो गांव के लोग मुख्यमंत्री की अगवानी के लिए अपने-अपने घर-द्वार को साफ सुथरा बनाने, रंग रोगन करने और सजाने-संवारने में। तैयारी ऐसी मानों उनके घर उनका आराध्य आने वाला हो। सब कुछ स्वतः स्फूर्त और मिलजुलकर। मुख्यमंत्री इस गांव में सोमवार (20 अक्टूबर) को एक बार बार फिर आकर दीपोत्सव मनाएंगे। वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नम्बर तीन में बतौर सांसद एवं गोरक्षपीठ उत्तराधिकारी के रूप योगी आदित्यनाथ ने वंचितों में भी वंचित रहे वनटांगियों के साथ दीपावली मनाने की जो परंपरा शुरू की, वह उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद भी जारी है। उनकी दीपावली की शुरूआत ही इसी गांव से होती है। इस बार भी उनके आगमन के दिवाली पर सीएम योगी का गांव के हर किसी को शिद्दत से इंतजार है। इसके मद्देनजर तैयारियां जोरों पर हैं। प्रशासन तो लगा ही है, गांव के लोग भी अपने बाबा के स्वागत को घर-आंगन को सजाने-संवारने में जुटे है। ऐसा होना लाजिमी भी है, सौ साल तक उपेक्षित और बदहाल रहे वनटांगिया समुदाय को नागरिक का दर्जा देने से लेकर समाज व विकास की मुख्य धारा में लाने का श्रेय योगी आदित्यनाथ को ही तो जाता है। वनटांगियों ने बसाया जंगल, पर था बेदखली का भय ब्रिटिश हुकूमत में जब रेल पटरियां बिछाई जा रही थीं तो स्लीपर के लिए बड़े पैमाने पर जंगलों से साखू के पेड़ों की कटान हुई। इसकी भरपाई के लिए अंग्रेज सरकार ने साखू के नए पौधों के रोपण और उनकी देखरेख के लिए गरीब भूमिहीनों, मजदूरों को जंगल मे बसाया। साखू के जंगल बसाने के लिए वर्मा देश की ‘टांगिया विधि’ का इस्तेमाल किया गया, इसलिए वन में रहकर यह कार्य करने वाले वनटांगिया कहलाए। कुसम्ही जंगल के पांच इलाकों जंगल तिनकोनिया नम्बर तीन, रजही खाले टोला, रजही नर्सरी, आमबाग नर्सरी व चिलबिलवा में इनकी पांच बस्तियां वर्ष 1918 में बसीं। इसी के आसपास महराजगंज के जंगलों में अलग अलग स्थानों पर इनके 18 गांव बसे। 1947 में देश भले आजाद हुआ लेकिन वनटांगियों का जीवन गुलामी काल जैसा ही बना रहा। जंगल बसाने वाले इस समुदाय के पास देश की नागरिकता तक नहीं थी। नागरिक के रूप में मिलने वाली सुविधाएं तो दूर की कौड़ी थीं। जंगल में झोपड़ी के अलावा किसी निर्माण  की इजाजत नहीं थी। पेड़ के पत्तों को तोड़कर बेचने और मजदूरी के अलावा जीवनयापन का कोई अन्य साधन भी नहीं। समय समय पर वन विभाग की तरफ से वनों से बेदखली की कार्रवाई का भय अलग से। महाराज जी नहीं आते तो बदहाली में ही मर-खप जाते वर्ष 1998 में योगी आदित्यनाथ पहली बार गोरखपुर के सांसद बने। उनके संज्ञान में यह बात आई कि वनटांगिया बस्तियों में रहने वालों की जिंदगी काफी बदतर हाल में है। उन्होंने सबसे पहले शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को इन बस्तियों तक पहुंचाने की ठानी। इस काम में लगाया गया उनके नेतृत्व वाली महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की संस्थाओं एमपी कृषक इंटर कालेज व एमपीपीजी कालेज जंगल धूसड़ और गोरखनाथ मंदिर की तरफ से संचालित गुरु श्री गोरक्षनाथ अस्पताल की मोबाइल मेडिकल सेवा को। जंगल तिनकोनिया नम्बर तीन वनटांगिया गांव में 2003 से शुरू ये प्रयास 2007 तक आते आते मूर्त रूप लेने लगे। इस गांव के रामगणेश कहते है कि वनटांगिया बिलकुल उपेक्षित थे। महराज जी (योगी आदित्यनाथ को वनटांगिया समुदाय के लोग इसी संबोधन से बुलाते हैं) नहीं आते बदहाली में ही मर-खप जाते। योगी के संघर्षों का साक्षी है गोरक्षनाथ हिंदू विद्यापीठ वनटांगिया लोगों को शिक्षा के जरिये समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए योगी आदित्यनाथ ने मुकदमा तक झेला है। 2009 में जंगल तिकोनिया नम्बर तीन में योगी के सहयोगी वनटांगिया बच्चों के लिए एस्बेस्टस शीट डाल एक अस्थायी स्कूल का निर्माण कर रहे थे। वन विभाग ने इस कार्य को अवैध बताकर केस दर्ज करा दिया। योगी ने अपने तर्कों से विभाग को निरुत्तर किया और अस्थायी स्कूल बन सका। गोरक्षनाथ हिंदू विद्यापीठ नाम से यब विद्यालय आज भी योगी के संघर्षों का साक्षी है। सीएम बनने के बाद भी वनटांगियों संग दीपोत्सव का सिलसिला जारी वनटांगियों को सामान्य नागरिक जैसा हक दिलाने की लड़ाई शुरू करने वाले योगी ने वर्ष 2009 से वनटांगिया समुदाय के साथ दिवाली मनाने की परंपरा शुरू की तो पहली बार इस समुदाय को जंगल से इतर भी जीवन के रंगों का अहसास हुआ। फिर तो यह सिलसिला बन पड़ा। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी योगी इस परंपरा का निर्वाह करना नहीं भूलते हैं। इस दौरान बच्चों को मिठाई, कापी-किताब और आतिशबाजी का उपहार देकर पढ़ने को प्रेरित करते हैं तो सभी बस्ती वालों को तमाम सौगात। इस बार भी दिवाली पर सीएम योगी के आगमन के मद्देनजर ग्रामीण उत्साह से उनकी अगवानी की तैयारियों में जुटे हुए हैं। मिटा दी सौ साल की कसक मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने बीते आठ दीपावली में वनटांगिया समुदाय की सौ साल की कसक मिटा दी है। लोकसभा में वनटांगिया अधिकारों के लिए लड़कर 2010 में अपने स्थान पर बने रहने का अधिकार पत्र दिलाने वाले योगी ने सीएम बनने के बाद अपने कार्यकाल के पहले ही साल वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा दे दिया। राजस्व ग्राम घोषित होते ही ये वनग्राम हर उस सुविधा के हकदार हो गए जो सामान्य नागरिक को मिलती है। सिर्फ तिकोनिया नम्बर तीन ही नहीं, उसके समेत गोरखपुर-महराजगंज के 23 वनटांगिया गांवों में कायाकल्प सा परिवर्तन दिखता है योगी के कार्यकाल में वनटांगिया हुए खुशहाल अपने कार्यकाल में सीएम योगी ने वनटांगिया गांवों को आवास, सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, स्ट्रीट लाइट, आंगनबाड़ी केंद्र और आरओ वाटर मशीन जैसी सुविधाओं से आच्छादित कर दिया है। वनटांगिया गांवो में आज सभी के पास अपना सीएम योजना का पक्का आवास, कृषि योग्य भूमि, आधारकार्ड, … Read more

लखनऊ में आयोजित कार्यक्रमों में रक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुक्त कंठ से की प्रशंसा

विगत 8 वर्षों में किए गए कार्यों से यूपी ने दिखाया कि वो देश का ग्रोथ इंजन बनने की ओर अग्रसर हैः रक्षा मंत्री प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर सुधार और निवेशकों का विश्वास लौटाने के लिए सीएम योगी की थपथपाई पीठ लखनऊ,  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में शनिवार को ब्रह्मोस मिसाइलों के प्रथम बैच के फ्लैग ऑफ और पीटीसी इंडस्ट्रीज के भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। अपने वक्तव्य में राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व और विकासशील नीतियों की खुलकर सराहना की, जिससे प्रदेश की पहचान निवेश, सुरक्षा और रोजगार के क्षेत्र में भी नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही है। उन्होंने खासकर प्रदेश के लॉ एंड ऑर्डर में हुए बड़े सुधार को रेखांकित करते हुए इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सबसे बड़ी उपलब्धि करार दिया। योगी के नेतृत्व में यूपी में फिर लौटा विश्वास ब्रह्मोस मिसाइलों के फ्लैग ऑफ समारोह में राजनाथ सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का विशेष आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने इस परियोजना के लिए हर संभव सहयोग और समर्थन दिया। उन्होंने लखनऊ में हुए परिवर्तन और निवेशकों का भरोसा लौटाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए कहा कि कभी उत्तर प्रदेश की पहचान गुंडाराज और बिगड़े हुए लॉ एंड ऑर्डर से की जाती थी। लोग डर के माहौल में रहते थे और निवेशक यहां आने से कतराते थे। पर आज, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में यह स्थिति बदल चुकी है। उनके दृढ़ नेतृत्व और नीतिगत निर्णयों ने प्रदेश में विश्वास लौटाया है। राजनाथ सिंह ने ब्रह्मोस फैसिलिटी की स्थापना में मुख्यमंत्री के योगदान की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि यह ब्रह्मोस केवल हमारी सशस्त्र सेनाओं की शक्ति का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह बताता है कि आज का उत्तर प्रदेश किसी भी चुनौती को संभालने के लिए तैयार है। इस फैसिलिटी की स्थापना में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सहयोग की जितनी सराहना की जाए कम है। अब उत्तर प्रदेश पहले जैसा नहीं रहा पीटीसी इंडस्ट्रीज के भ्रमण कार्यक्रम और टाइटेनियम और सुपर एलॉय प्लांट के शुभारंभ के दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि लगभग 8-10 साल पहले, यह सोचना भी कठिन था कि उत्तर प्रदेश इस तरह के इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन का नेतृत्व करेगा। इसके लिए सारी सुविधाएं और माहौल बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी जी ने जो प्रयास किए हैं, उसके लिए उनकी भूरि भूरि प्रशंसा करता हूं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की पहल और इंडस्ट्री-फ्रेंडली पॉलिसी ने प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर मजबूत किया और निवेशकों का भरोसा लौटाया। आज आप किसी से भी पूछिए कि सबसे बेहतर लॉ एंड ऑर्डर की व्यवस्था किस स्टेट की है तो सबसे पहले उत्तर प्रदेश का नाम आएगा। सब मानते हैं कि उत्तर प्रदेश पहले जैसा नहीं रहा है और इसका पूरा श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है। सीएम योगी में विकास की एक नई सोच रक्षा मंत्री ने विकास की नई सोच और निवेशकों को आकर्षित करने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के योगदान को भी हाईलाइट किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अंदर विकास की एक नई सोच भी है और विकास करने की जो तड़पन और अकुलाहट चाहिए वो भी उनके अंदर देखने को मिलती है। देश और विदेश से इन्वेस्टर्स यहां आकर फैक्ट्री, आईटी हब्स और रिसर्च सेंटर खोल रहे हैं। लखनऊ, कानपुर, नोएडा, गोरखपुर, बनारस हर शहर में आज विकास की एक नई कहानी लिखी जा रही है। राजनाथ सिंह ने इस बात पर भी जोर दिया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और प्रदेश में निवेश का माहौल मुख्यमंत्री योगी जी के नेतृत्व का परिणाम है। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले जब उत्तर प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हुई थी तब किस उत्साह के साथ इन्वेस्टर्स ने हिस्सा लिया था उससे साफ था कि उत्तर प्रदेश अब देश का ग्रोथ इंजन बनने जा रहा है। इसी माहौल का असर है कि पीटीसी इंडस्ट्रीज ने लखनऊ को अपने प्रोजेक्ट के लिए चुना।